Feed aggregator

वीरप्पन से लेकर चलापति तक... अपराध की दुनिया पर करते थे राज, सिर पर था करोड़ों का इनाम; कैसे हुआ इन सभी का खात्मा?

Dainik Jagran - National - May 21, 2025 - 11:43pm

जेएनएन, नई दिल्ली। देश में नक्सलवाद का सफाया करने के लिए सुरक्षा बल लगातार ऑपरेशन चला रहे हैं। इसी कड़ी में छत्तीसगढ़ के नारायणपुर जिले में सुरक्षाबलों ने 27 माओवादियों को मार गिराया है। गृह मंत्री अमित शाह ने इसके लिए सुरक्षा बलों की तारीफ की है। केंद्रीय गृह मंत्री नक्सल आंदोलन की रीढ़ नंबाला केशव राव उर्फ ​​बसवराजू को भी सुरक्षा बलों ने मार गिराया है।

बसव राजू न सिर्फ पार्टी महासचिव के रूप में सीपीआइ (माओवाद) का सर्वोच्च नेता था, साथ ही सेंट्रल मिलिट्री कमेटी के प्रमुख के रूप में लड़ाकू दस्ते का भी प्रमुख था। उसकी मौत से नेतृत्वविहीन नक्सलियों के संगठन का बिखरना निश्चित माना जा रहा है।

आइए पढ़ें इन अपराधियों के बारे में जिनपर एक करोड़ से ज्यादा का था इनाम

वीरप्पन: खूंखार डाकू, तस्कर और शिकारी वीरप्पन के सिर पर पांच करोड़ का इनाम रखा गया था। वीरप्पन ने करीब 184 लोगों को मारा, कई का गला घोंट दिया। यहां तक कि 97 पुलिस वालों को भी मौत के घाट उतार दिया। वीरप्पन के खात्मे के लिए तत्कालीन मुख्यमंत्री जयललिता ने तमिलनाडु स्पेशल टास्क फोर्स का गठन किया। 18 अक्टूबर, 2004 को एसटीएफ ने एके-47 से फाय¨रग कर 20 मिनट में वीरप्पन का खात्मा कर दिया।

मुपल्ला लक्ष्मण राव: 2014 में माओवादी सरगना मुपल्ला लक्ष्मण राव जिन्हें गणपति के नाम से भी जाना जाता है के सिर पर 2.52 करोड़ रुपये का इनाम रखा गया था। गणपति कम्युनिस्ट पार्टी आफ इंडिया (माओवादी) के पोलित ब्यूरो का महासचिव है। भारत के खिलाफ सशस्त्र विद्रोह छेड़ने वाले माओवादियों में 65 साल का गणपति प्रमुख है। खुफिया जानकारी के मुताबिक गणपति इन दिनों छत्तीसगढ़ के अबुजमाड़ इलाके के जंगलों में छुपा हो सकता।

सुदर्शन कट्टम: 2023 में शीर्ष माओवादी सरगना आनंद उर्फ सुदर्शन कट्टम की छत्तीसगढ़ के बस्तर इलाके के वन क्षेत्र में दिल का दौरा पड़ने से मौत हो गई थी। उस पर डेढ़ करोड़ रुपये का इनाम घोषित था। कट्टम 69 वर्ष का था। उसने लगभग पांच दशकों तक भारत में माओवादी आंदोलन के प्रचार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।

चलापति: जनवरी में छत्तीसगढ़ में सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ के दौरान शीर्ष माओवादी सरगना चलापति मारा गया था जिसके सिर पर एक करोड़ का इनाम था। चलपति दशकों तक रहस्य बना हुआ था। आखिरकार उसकी पत्नी के साथ ली गई एक सेल्फी ने सुरक्षा बलों को उस तक पहुंचा दिया। चलपति ने 2008 में ओडिशा के नयागढ़ जिले में माओवादी हमले का नेतृत्व किया, जिसमें 13 सुरक्षाकर्मी मारे गए थे।

विवेक दा: झारखंड पुलिस ने अप्रैल, 2025 में एक करोड़ रुपये के इनामी मोस्ट वांटेड माओवादी सरगना प्रयाग मांझी उर्फ विवेक दा को बोकारो के लुगु पहाड़ में मुठभेड़ के दौरान मार गिराया गया। विवेक दा भाकपा माओवादी की सेंट्रल कमेटी का सदस्य था और झारखंड, बिहार, छत्तीसगढ़ और ओडिशा में माओवादियों का बड़ा चेहरा था।

यह भी पढ़ें: Chhattisgarh Encounter: एक इंजीनियर कैसे बना नक्सल का टॉप लीडर? पांच दशकों से पुलिस को थी तलाश; पढ़ें कौन था बसव राजू

Categories: Hindi News, National News

जज के घर कैश मामले में सुप्रीम कोर्ट पहुंचा वकील, अदालत ने खारिज कर दी एफआईआर दर्ज करने की याचिका; ये दी वजह

Dainik Jagran - National - May 21, 2025 - 11:35pm

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट के न्यायाधीश यशवंत वर्मा के सरकारी आवास से नकदी मिलने के मामले में एफआईआर दर्ज करने की याचिका पर विचार करने से बुधवार को इन्कार कर दिया। न्यायालय ने याचिकाकर्ता को निर्देश दिया कि उसे याचिका दाखिल करने से पहले सक्षम अथॉरिटी के समक्ष ज्ञापन देना चाहिए था।

यह आदेश जस्टिस अभय एस ओका और जस्टिस उज्जवल भुइयां की पीठ ने वकील जे. नेदुपरा की याचिका पर विचार करने से इन्कार करते हुए दिया। कोर्ट ने कहा कि इस मामले में सुप्रीम कोर्ट से बीते आठ मई को जारी प्रेस रिलीज के मुताबिक सीजेआई ने आंतरिक जांच रिपोर्ट और उस पर संबंधित जज का जवाब राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री को भेज दिया था।

याचिकाकर्ता ने पूर्व फैसले पर उठाए सवाल

याचिका पर बहस करते हुए वकील नेदुपरा ने सुप्रीम कोर्ट के वीरास्वामी मामले में दिए गए पूर्व फैसले पर सवाल उठाया, जिसमें कहा गया था कि सुप्रीम कोर्ट या हाई कोर्ट के वर्तमान न्यायाधीश के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने से पहले सीजेआई से अनुमति लेनी होगी। नेदुपरा ने मांग की कि उस निर्णय को गलत घोषित किया जाए और हाई कोर्ट के न्यायाधीश यशवंत वर्मा के घर से नकदी मिलने के मामले में पुलिस को एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया जाए।

उन्होंने कहा कि आंतरिक जांच व्यवस्था न्यायिक अनुशासन का हिस्सा हो सकती है, लेकिन यह आपराधिक जांच का विकल्प नहीं हो सकती। उन्होंने कहा कि इस मामले में कानून के मुताबिक एफआईआर दर्ज होकर जांच होनी चाहिए। पीठ ने उनकी दलीलों पर सुनवाई करते हुए कहा कि हम यह नहीं कह रहे कि आप याचिका दाखिल नहीं कर सकते, लेकिन आप आंतरिक रिपोर्ट की विषय वस्तु नहीं जानते और हम भी नहीं जानते।

मांगों पर विचार करने से इंकार
  • इसलिए, पहले उन लोगों से कार्रवाई का अनुरोध करें जिनके समक्ष यह मामला लंबित है। यदि वे कार्रवाई नहीं करते हैं, तो आप यहां आ सकते हैं। कोर्ट ने याचिका में की गई मांगों पर विचार करने से इन्कार कर दिया। ज्ञात हो कि उपराष्ट्रपति ने हाल ही में एक किताब के विमोचन के अवसर पर जस्टिस यशवंत वर्मा के घर से नकदी मिलने के मामले में एफआईआर दर्ज कर जांच किए जाने की बात कही थी।
  • जस्टिस यशवंत वर्मा जब दिल्ली हाई कोर्ट में न्यायाधीश थे, तब 14 मार्च की रात उनके सरकारी आवास में आग लग गई थी। आग बुझाने के दौरान उनके घर के एक स्टोर रूम से बड़ी मात्रा में जली हुई नकदी मिली थी। इस मामले में दिल्ली हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश ने तत्कालीन प्रधान न्यायाधीश संजीव खन्ना को रिपोर्ट भेजी थी और मामले की गहराई से जांच की आवश्यकता बताई थी।
इलाहाबाद हुआ था ट्रांसफर

इसके बाद सीजेआई खन्ना ने मामले की जांच के लिए हाई कोर्ट के न्यायाधीशों की तीन सदस्यीय आंतरिक जांच कमेटी बनाई थी। जांच कमेटी की रिपोर्ट मिलने के बाद जस्टिस खन्ना ने रिपोर्ट और जस्टिस यशवंत वर्मा का जवाब राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री को भेज दिया था। दिल्ली के सरकारी आवास से नकदी मिलने के बाद जस्टिस वर्मा का इलाहाबाद हाई कोर्ट में ट्रांसफर कर दिया गया था।

जस्टिस वर्मा से न्यायिक कामकाज वापस ले लिया गया है। हालांकि जस्टिस वर्मा ने आरोपों से इन्कार किया है। संविधान के अनुसार, हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट के किसी भी न्यायाधीश को संसद में महाभियोग के जरिए ही पद से हटाया जा सकता है।

यह भी पढ़ें: न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा के मामले में CJI को सौंपी रिपोर्ट, बंगले से भारी मात्रा में मिला था कैश

Categories: Hindi News, National News

भारत ने 2024 में गंवा दिए 18200 हेक्टेयर प्राथमिक वन, सर्वे में हुआ इन आंकड़ों का खुलासा

Dainik Jagran - National - May 21, 2025 - 11:30pm

 पीटीआई, नई दिल्ली। भारत में वनों की स्थिति लगातार चिंताजनक होती जा रही है। ग्लोबल फॉरेस्ट वॉच (जीएएफडब्ल्यू) की नई रिपोर्ट के अनुसार, देश ने वर्ष 2024 में 18,200 हेक्टेयर प्राथमिक वन खो दिए, जबकि 2023 में यह आंकड़ा 17,700 हेक्टेयर था। यह वृद्धि वन कटाई की गंभीर समस्या की ओर इशारा करती है।

भारत ने कुल 3,48,000 हेक्टेयर आ‌र्द्र प्राथमिक वन खोए

रिपोर्ट बताती है कि 2002 से 2024 के बीच भारत ने कुल 3,48,000 हेक्टेयर आ‌र्द्र प्राथमिक वन खोए हैं, जो देश के कुल ऐसे वनों का 5.4 प्रतिशत है। यह देश के कुल वृक्ष आच्छादन की कमी का 15 प्रतिशत हिस्सा है। वर्ष 2019 से 2024 के बीच 1.03 लाख हेक्टेयर प्राथमिक वन नष्ट हुए हैं, जो इन वर्षों में कुल वृक्ष आच्छादन की कमी का 14 प्रतिशत है।

ग्लोबल फॉरेस्ट वॉच ने कही ये बात

ग्लोबल फॉरेस्ट वॉच के अनुसार, प्राथमिक वन वे प्राकृतिक, घने और आ‌र्द्र वन होते हैं जो हाल के वर्षों में पूरी तरह से साफ नहीं किए गए हैं। इन वनों की पहचान उपग्रह इमेज और एल्गोरिदम से की जाती है।

2001 से 2024 के बीच असम में सर्वाधिक 3.4 लाख हेक्टेयर वृक्ष आच्छादन का नुकसान दर्ज किया गया। उसके बाद मिजोरम 3.34 लाख हेक्टेयर, नगालैंड 2.69 लाख हेक्टेयर, मणिपुर 2.55 लाख हेक्टेयर और मेघालय 2.43 लाख हेक्टेयर का स्थान रहा।

जलवायु संकट और गहराया

वन हानि और कार्बन उत्सर्जन 2001 से 2024 के बीच भारत ने कुल 2.31 मिलियन हेक्टेयर वृक्ष आच्छादन खोया, जो 7.1 प्रतिशत की गिरावट है। इससे अनुमानित 1.29 गीगाटन कार्बन मोनोऑक्साइड2 उत्सर्जन हुआ है, जो जलवायु संकट को और गहरा करता है। हालांकि, 2000 से 2020 के बीच भारत ने 1.78 मिलियन हेक्टेयर नया वृक्ष अच्छादन भी जोड़ा, जो वैश्विक वृक्ष वृद्धि का 1.4 प्रतिशत है।

Categories: Hindi News, National News

चाय चखने का कोर्स शुरू करेगा टी बोर्ड, अंतरराष्ट्रीय चाय दिवस पर वाणिज्य मंत्रालय की पहल

Dainik Jagran - National - May 21, 2025 - 11:30pm

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। वाणिज्य व उद्योग मंत्रालय के तहत काम करने वाला टी बोर्ड जल्द ही चाय चखने का सर्टिफिकेट कोर्स शुरू कर सकता है।

बुधवार को अंतरराष्ट्रीय चाय दिवस पर वाणिज्य सचिव सुनील बर्थवाल ने बताया कि चाय के कारोबार को बढ़ाने के लिए बोर्ड कई कदम उठा रहा है और इसके तहत ही चाय चखने को लेकर सर्टिफिकेट कोर्स शुरू करने पर गंभीरता से विचार किया जा रहा है।

चाय इंडस्ट्री में काम करने का मौका

कोर्स करने वाले युवाओं को चाय इंडस्ट्री में काम करने का मौका मिलेगा। कोशिश यह की जा रही है कि देश में चाय के स्वाद से लेकर उसे बनाने व पीने के तरीके के बारे अधिक से अधिक जानकारी लोगों को दी जा सके।

बर्थवाल ने कहा कि दूसरे रूप में हम कह सकते हैं कि देश में चाय से जुड़ी साक्षरता को बढ़ाना है। उन्होंने बताया कि चाय से जुड़े पर्यटन को भी बढ़ावा दिया जा रहा है। इस प्रकार के प्रयास से चाय निर्यात को और प्रोत्साहन मिलेगा। चाय उत्पादन में भारत का दूसरा स्थान है और काली चाय के उत्पादन में भारत का पहला स्थान है।

भारत विश्व का दूसरा सबसे बड़ा चाय निर्यातक देश

कीनिया के बाद भारत विश्व का दूसरा सबसे बड़ा चाय निर्यातक देश भी है। भारत दुनिया के 20 से अधिक देशों को चाय का निर्यात करता है। गत वित्त वर्ष 2024-25 में चाय का निर्यात 92.3 लाख डॉलर का रहा जो पूर्व के वित्त वर्ष 2023-24 के मुकाबले 11.84 प्रतिशत अधिक है।

चाय के निर्यात में 16 प्रतिशत की बढ़ोतरी

इस साल अप्रैल में चाय के निर्यात में 16 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज की गई। पिछले कुछ सालों से भारत में ग्रीन टी का उत्पादन भी तेजी से बढ़ रहा है। बुधवार को अंतरराष्ट्रीय चाय दिवस के मौके पर वाणिज्य मंत्रालय में विभिन्न प्रकार की चाय की प्रदर्शनी लगाई गई।

Categories: Hindi News, National News

अशोका यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर अली खान को मिली राहत, सुप्रीम कोर्ट ने दी अंतरिम जमानत

Dainik Jagran - National - May 21, 2025 - 11:20pm

पीटीआई, नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को अशोक विश्वविद्यालय के प्रोफेसर अली खान महमूदाबाद को अंतरिम जमानत दे दी, लेकिन उनके खिलाफ जांच पर रोक लगाने से इन्कार कर दिया। ऑपरेशन सिंदूर पर विवादास्पद पोस्ट करने के लिए महमूदाबाद को गिरफ्तार किया गया था।

शीर्ष अदालत ने कहा कि हालांकि सभी को अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का अधिकार है, लेकिन महमूदाबाद की टिप्पणी डाग व्हिसलिंग (समूह विशेष को सांकेतिक रूप से उकसाने वाला संदेश) जैसी प्रतीत होती है।

महमूदाबाद सोनीपत स्थित अशोक विश्वविद्यालय में राजनीति विज्ञान विभाग के प्रमुख हैं। जस्टिस सूर्यकांत और एन कोटिश्वर ¨सह की पीठ ने हरियाणा के पुलिस महानिदेशक को मामले की जांच के लिए 24 घंटे के भीतर तीन सदस्यीय विशेष जांच दल (एसआइटी) गठित करने का निर्देश दिया।

एसआइटी की अध्यक्षता महानिरीक्षक (आइजी) रैंक के अधिकारी करेंगे, जिसमें पुलिस अधीक्षक (एसपी) रैंक की एक महिला अधिकारी भी शामिल होंगी। शीर्ष अदालत ने कहा कि याचिकाकर्ता को आगे की जांच में मदद के लिए अंतरिम जमानत दी गई है और महमूदाबाद को अपना पासपोर्ट जमा करने का निर्देश दिया।

प्रोफेसर के पास शब्दों की कमी नहीं हो सकती: कोर्ट 

पीठ ने प्रोफेसर की पोस्ट में शब्दों के चयन पर सवाल उठाते हुए कहा कि उनका इस्तेमाल जानबूझकर दूसरों को अपमानित करने, नीचा दिखाने या उन्हें असहज करने के लिए किया गया था। प्रोफेसर के पास शब्दों की कमी नहीं हो सकती। वह बिना दूसरों को चोट पहुंचाए सरल भाषा में वही भावनाएं व्यक्त कर सकते थे। महमूदाबाद के वकील कपिल सिब्बल ने तर्क दिया कि प्रोफेसर की टिप्पणी में कोई आपराधिक इरादा नहीं था।

उन्होंने कहा, पोस्ट का अंत ''जय हिंद'' से हुआ है, जो इसकी देशभक्ति की प्रकृति को दर्शाता है। राहत की मांग करते हुए सिब्बल ने कहा कि प्रोफेसर न्यायिक हिरासत में हैं और उनकी पत्नी नौ महीने की गर्भवती है। यह ऐसी टिप्पणियां करने का उचित अवसर नहीं है, लेकिन इन टिप्पणियों को इस तरह देखा जाना चाहिए कि उनमें कोई अपराध वाली बात नहीं है।

प्रोफेसर के मानवाधिकार और स्वतंत्रता का उल्लंघन किया गया है: मीडिया रिपोर्ट 

एनएचआरसी ने हरियाणा पुलिस प्रमुख को भेजा नोटिसराष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) ने बुधवार को कहा कि उसने महमूदाबाद की गिरफ्तारी पर स्वत: संज्ञान लेते हुए हरियाणा पुलिस प्रमुख को नोटिस जारी किया है। आयोग ने हरियाणा पुलिस से एक सप्ताह के भीतर रिपोर्ट मांगी है। एनएचआरसी ने एक बयान में कहा कि मीडिया रिपोर्ट से प्रथम दृष्टया पता चलता है कि प्रोफेसर के मानवाधिकार और स्वतंत्रता का उल्लंघन किया गया है।

भाजपा ने कहा-अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता जिम्मेदारी के साथ आती है भाजपा ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणियां याद दिलाती हैं कि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता जिम्मेदारी के साथ आती है। भाजपा आइटी विभाग के प्रमुख अमित मालवीय ने एक्स पर लिखा, सुप्रीम कोर्ट ने प्रोफेसर अली खान महमूदाबाद को अंतरिम जमानत दी, लेकिन गंभीर चिंताएं जताईं। यह सिर्फ एक व्यक्ति के बारे में नहीं है। हमें संवाद के लिए खड़े होना चाहिए, लेकिन गरिमा के लिए भी।

जेल नहीं पहुंचा आदेश, आज हो सकती है रिहाई

सोनीपत संवाददाता के अनुसार, बुधवार शाम तक सुप्रीम कोर्ट का आदेश जेल नहीं पहुंचने के कारण महमूदाबाद की रिहाई नहीं हो सकी। अब गुरुवार को आदेश पहुंचने के बाद ही रिहाई हो सकेगी। स्वजन ने उनका मूल पासपोर्ट बुधवार दोपहर में ही राई थाने में जमा करा दिया था। सोनीपत की अदालत ने पासपोर्ट जमा करवाने के लिए बुधवार शाम पांच बजे तक का समय दिया था।

यह भी पढ़ें: 'वक्फ सिर्फ दान, यह इस्लाम का जरूरी हिस्सा नहीं'; केंद्र ने SC में दी दलील; गैर मुस्लिमों की नियुक्ति को बताया जरूरी

Categories: Hindi News, National News

पाक का नापाक चेहरा होगा बेनकाब, 33 देशों के आगे खुलेगी पोल; डेलिगेशन विदेश रवाना

Dainik Jagran - National - May 21, 2025 - 11:00pm

पीटीआई, नई दिल्ली। आतंकवाद के खिलाफ भारत की नीति को दुनिया के सामने रखने और पाकिस्तान के आतंकी चेहरे को बेनकाब करने के लिए दो सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल बुधवार को जापान और यूएई के लिए रवाना हुए।

जापान गए पहले दल का नेतृत्व जहां जदयू सांसद संजय कुमार झा कर रहे हैं वहीं यूएई के लिए रवाना हुए प्रतिनिधिमंडल की कमान महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे संभाल रहे हैं। यह दल वहां के सांसदों, सरकारी प्रतिनिधियों, थिंक टैंकों व प्रबुद्ध लोगों से मिलकर उन्हें पाक के आतंकी चेहरे की हकीकत से रूबरू कराएंगे।

33 देशों का दौरा करेंगे सांसद

हाल में पाक परस्त आतंकियों की ओर से पहलगाम में किए गए आतंकी हमले और उसके बाद ऑपरेशन सिंदूर की जरूरत के बारे में उन्हें जानकारी देंगे। बता दें कि ऐसे सात प्रतिनिधिमंडल कुल 33 देशों का दौरा करेंगे और पाक की आतंकी गतिविधियों का चिट्ठा खोलेंगे।

इन प्रतिनिधिमंडलों में विभिन्न दलों के सांसद, वरिष्ठ नेता और अनुभवी राजनयिक समेत कुल 51 सदस्य शामिल हैं। जापान गया संसदीय प्रतिनिधिमंडल उसके बाद दक्षिण कोरिया, मलेशिया, इंडोनेशिया और सिंगापुर के दौरे पर जाएगा, वहीं यूएई गया दल बाद में अफ्रीकी देशों लाइबेरिया, कांगो और सिएरा लियोन का दौरा करेगा।

पाकिस्तान का चेहरा होगा उजागर
  • जदयू सांसद झा के नेतृत्व वाले प्रतिनिधिमंडल में भाजपा सांसद अपराजिता सारंगी, ब्रिजलाल, प्रधान बरुआ और हेमांग जोशी, कांग्रेस नेता और पूर्व विदेश मंत्री सलमान खुर्शीद, टीएमसी के सांसद अभिषेक बनर्जी, माकपा के जान ब्रिटास और पूर्व राजदूत मोहन कुमार शामिल हैं।
  • जापान गए दल की अगुआई कर रहे संजय झा ने कहा कि प्रतिनिधिमंडल का काम पूरी दुनिया के सामने पाकिस्तान का असली चेहरा उजागर करना है कि वह किस तरह प्रायोजित आतंकवाद को बढ़ावा दे रहा है।
संजय राउत ने लगाए आरोप

प्रतिनिधिमंडल की सदस्य और एनसीपी (शप) की कार्यकारी अध्यक्ष सुप्रिया सुले ने कहा कि आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई व्यक्तिगत या राजनीतिक नहीं, हमें एकजुट रहना चाहिए। बारामती से सांसद ने कहा कि विपक्ष को संयम और जिम्मेदारी के साथ कार्य करना चाहिए और राजनीतिक दलों को भारतीय सशस्त्र बलों के बारे में किसी भी गलतफहमी को पैदा करने से बचना चाहिए।

उधर, शिवसेना (यूबीटी) के नेता संजय राउत ने आरोप लगाया कि केंद्र ने 'ऑपरेशन सिंदूर' के बाद कई देशों में सांसदों का सर्वदलीय दल भेजने का निर्णय लिया है जबकि उन देशों का भारत-पाक मुद्दे से कोई संबंध नहीं है। असल में सरकार वास्तविकता के बजाय शोमैनशिप में अधिक रुचि रखती है।

यह भी पढ़ें: पाकिस्तान की पोल खोलने वाले MPs के डेलिगेशन में शामिल नहीं होंगे यूसुफ पठान, TMC ने बताई वजह

Categories: Hindi News, National News

Bihar News: होमगार्ड भर्ती परीक्षा में अबतक 677 अभ्यर्थी सफल, विभाग को प्राप्त हुए हैं 69,014 आवेदन

Dainik Jagran - May 21, 2025 - 10:19pm

जागरण संवाददाता, पटना। गृहरक्षक बल की शारीरिक सक्षमता जांच परीक्षा में बुधवार को 152 अभ्यर्थी सफल घोषित किए गए। 15 मई से शुरू इस परीक्षा में 677 अभ्यर्थी सफल घोषित हुए हैं। शहीद राजेंद्र प्रसाद सिंह राजकीय उच्च विद्यालय गर्दनीबाग में चल रही परीक्षा में स्वच्छ नामांकन के लिए जिलाधिकारी ने अधिकारियों को पूरी तरह सतर्क रहने का निर्देश दे रखा है। 

पूर्ण पारदर्शिता के साथ संपन्न कराएं परीक्षा

उन्होंने शारीरिक दक्षता सक्षमता जांच परीक्षा को बहुत सावधानीपूर्वक तथा पूर्ण पारदर्शिता के साथ सम्पन्न कराने को कहा है। जिले में 1,479 पदों पर होमगार्ड की बहाली की जानी है। इस पद के लिए 69,014 आवेदन प्राप्त हुए। इसके बाद शारीरिक सक्षमता जांच परीक्षा की प्रक्रिया 15 मई से चल रही है।

जिलाधिकारी ने बताया कि सुदूरवर्ती ग्रामीण क्षेत्रों एवं प्रखण्डों से आनेवाले अभ्यर्थियों एवं परिजनों हेतु वाटप्रूफ पंडाल अस्थायी ठहराव स्थल शारीरिक सक्षमता जाँच परिसर के बाहर बनाया गया है जिसमें एक दण्डाधिकारी एवं पुलिस बल को प्रतिनियुक्त किया गया है।

पीए सिस्टम से गाइड किया जाएगा

अस्थायी ठहराव स्थल में पेयजल एवं शौचालय की भी व्यवस्था की गई है। साथ ही एक हेल्प डेस्क भी अधिष्ठापित की गई है, जहां से आने वाले अभ्यर्थियों को पीए सिस्टम से गाइड किया जाएगा।

जिलाधिकारी ने कहा कि प्रवेश द्वार से केवल उम्मीदवारों का प्रवेश होगा। बाहरी व्यक्ति का मैदान में प्रवेश वर्जित रहेगा। मैदान में प्रवेश का मुख्य मार्ग विद्यालय के मेन गेट की ओर से होगा। इस कार्य हेतु मुख्य प्रवेश द्वार एवं मुख्य निकास द्वार पर पदाधिकारी एवं पुलिस बल की प्रतिनियुक्ति की गई है।

पदाधिकारियों/कर्मियों की प्रतिनियुक्ति

साथ ही पूछ-ताछ काउंटर पर अभ्यर्थियों के पावती/अनुक्रमांक सहित अन्य समस्याओं के निराकरण हेतु पदाधिकारियों/कर्मियों की प्रतिनियुक्ति की गई है। जिलाधिकारी ने बताया कि गृहरक्षकों के स्वच्छ नामांकन को सुचारू रूप से सम्पन्न कराने हेतु 04 निबंधन काउंटरों का निर्माण करते हुए निबंधन काउंटर पर दण्डाधिकारी, पुलिस पदाधिकारी, कर्मियों एवं सशस्त्र बल की प्रतिनियुक्ति की गई है।

जिलाधिकारी द्वारा कार्यपालक अभियंता, लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण, पटना पूर्वी को जांच स्थल पर पेयजल हेतु 04 टैंकर की व्यवस्था करने का निर्देश दिया गया। साथ ही कार्यपालक पदाधिकारी, नूतन राजधानी अंचल, पटना नगर निगम को अभ्यर्थियों/कर्मियों के लिए 02 मोबाइल शौचालय की व्यवस्था एवं साफ-सफाई की व्यवस्था सुनिश्चित करने का निदेश दिया गया।

जिलाधिकारी ने पुलिस अधीक्षक, यातायात, पटना को जाँच स्थल पर एवं उनके आस-पास वाहनों की पार्किंग तथा यातायात व्यवस्था के प्रबंधन एवं सतत अनुश्रवण करने का निदेश दिया।

मेडिकल की भी रहे सुविधा

जिलाधिकारी ने सिविल सर्जन, पटना को निदेश दिया कि जांच स्थल पर चिकित्सा पदाधिकारी एवं जीवन रक्षक दवाओं के साथ चिकित्सक, पारा मेडिकल स्टाफ सहित 02 एम्बुलेंस की प्रतिनियुक्ति करना सुनिश्चित करेंगे। साथ ही निकटतम अस्पतालों को आपातकालीन स्थिति के लिए समुचित चिकित्सकीय व्यवस्था तैयार हालत में रखेंगे।

जिलाधिकारी ने जिला अग्निशमन पदाधिकारी, पटना को निदेश दिया कि जांच स्थल पर 01 (एक) अदद फायर वाटर टेंडर की प्रतिनियुक्ति कराना सुनिश्चित करेंगे।

शांतिपूर्ण तरीके से विधि-व्यवस्था बनाए रखें

जिलाधिकारी ने कहा कि वरीय पुलिस अधीक्षक, पटना द्वारा गृहरक्षकों के स्वच्छ नामांकन प्रक्रिया में शांतिपूर्ण तरीके से विधि-व्यवस्था बनाए रखने हेतु शहीद राजेन्द्र प्रसाद सिंह, राजकीय उच्च विद्यालय, गर्दनीबाग, पटना में अवस्थित मैदान में अस्थायी थाना अधिष्ठापित कराया जाएगा।

उक्त ब्रीफिंग बैठक में जिलाधिकारी, पटना डॉ. चन्द्रशेखर सिंह के साथ वरीय पुलिस अधीक्षक, पटना श्री अवकाश कुमार, उप विकास आयुक्त, पटना श्री समीर सौरभ एवं अन्य वरीय संबंधित पदाधिकारी उपस्थित थे।

Categories: Bihar News

पटना में आम से बाजार लबालब, मालदह, जर्दालू व दशहरी का दाम देखें; असली-नकली की पहचान जानें

Dainik Jagran - May 21, 2025 - 9:21pm

जागरण संवाददाता, पटना। उमस भरे मौसम में राहत देने के लिए आम की मिठास से बाजार लबालब है। फलों का राजा आम हर गली मोहल्लों से लेकर मुख्य बाजार तक छाया हुआ है। कुछ दिन पहले तक महाराष्ट्र, ओडिशा व पश्चिमी बंगाल से आयातित आम का बोलबाला था, इसमें अब स्थानीय रंग भी छाने लगा है।

झारखंड से भी राजधानी आ रहा आम

अब झारखंड के साथ-साथ भागलपुर से मालदह, दशहरी व जर्दालु आ रहा है। बाजार में आवक बढ़ने के साथ ही थोक में इसके दर में कमी आई है। स्थिति यह है कि 60-80 रुपये किलो बिकने वाला मालदह थोक में 40-60 रुपये प्रति किलो में बुधवार को बाजार समिति में हाथोंहाथ गया। 

आवक से दाम में हुई कटौती

पटना फ्रूट एवं भेजिटेब्ल्स एसोसिएशन के अध्यक्ष शशिकांत प्रसाद ने बताया कि बाजार में आवक बढ़ी है। इसके कारण दाम में गिरावट आई है। वर्तमान में 20 प्रतिशत मालदह ओडिशा व बंगाल से आ रहा है, जबकि 80 प्रतिशत झारखंड व भागलपुर के आसपास से आना आरंभ हुआ है।

बंबइया, गुलाबखास, दशहरी, आम्रपाली भी

इसके अतिरिक्त जर्दालु भी आने लगा है। बंबईया, गुलाबखास, दशहरी, आम्रपाली का भी खेप आ रही है। उन्होंने बताया कि अभी 70-80 पीकअप आम हर दिन बाजार समिति पहुंच रही है, इसके अतिरिक्त मीठापुर व अन्य जगहों पर भी आम की खेप आ रहे है। इसके कारण दाम में भी गिरावट दर्ज की गई है।

अप्राकृतिक रूप से पका आम नुकसानदेह

विशेषज्ञ बताते हैं कि बाजार में 60-70 प्रतिशत तक आम अप्राकृतिक रूप से पकाए हुए मिल रहे हैं। ये हमारे स्वास्थ्य के लिए काफी नुकसानदेह हैं। यह न केवल स्वाद में फीका होता है, बल्कि केमिकल से पका होने के कारण स्वास्थ्य पर भी विपरित असर डालता है।

रोग प्रतिरोधक क्षमता होती प्रभावित

इसके कारण हमारी रोग प्रतिरोधक क्षमता प्रभावित होती है। इसके अतिरिक्त कई बीमारियों को भी आमंत्रण मिलता है। आइजीआइएमएस के डा. मनोज कुमार चौधरी ने बताया कि आम देखने के साथ-साथ खाने में भी काफी स्वादभरा व आनंदायी होता है, लेकिन यदि यह प्राकृतिक रूप से पका हुआ नहीं हो तो हमारे शरीर पर बुरा असर छोड़ता है।

आम की प्रमुख किस्म

दुधिया मालदह :: बिहार की प्रमुख आम की प्रजाति दुधिया मालदह पटना के दीघा में होता है। इसे लंगड़ा या दुधिया मालदह भी कहा जाता है। यह आम अपनी विशेष विशेषताओं, जैसे कि सफेद रंग, मीठा स्वाद और विशिष्ट आकार के लिए जाना जाता है। यह एक अद्वितीय स्वाद के लिए प्रसिद्ध है।

बंगनपल्ली : यह दक्षिण भारत की प्रसिद्ध किस्म है। यह मीठा और रसदार होता है।

लंगड़ा : बिहार की प्रमुख किस्मों में एक लंगड़ा आम भी अनोखे स्वाद के लिए जाना जाता है। यह हल्का हरा-पीला रंग और तीखा-मीठा स्वाद का है।

अल्फांसो (हापुस) : यह प्रमुख रूप से महाराष्ट्र की किस्म है। इसे राजा के रूप में भी जानते है।

चौसा : यह भी बिहार का प्रमुख आम है। यह बक्सर इलाके में अधिक फसल होती है।

ऐसे करें पहचान

आम के प्राकृतिक रूप से या अप्राकृतिक रूप से पकने की पहचान आसानी से की जा सकती है। प्राकृतिक रूप से पके आम का रंग हमेशा हल्का पीला और हरा होता है। इसमें हर आम का रंग भिन्न होता है। केमिकल वाला आम चमकदार होता है।

प्राकृतिक रूप से पका आम हमेशा एक बेहद अच्छी खुशबू व ताजगी देता है। रसायन से पके आम अपेक्षाकृत खुशबू नहीं देते हैं, जिसमें एक समान चमक नहीं होती। प्राकृतिक पका आम का स्वाद मीठा व जूसी व रसदार होता है, जबकि कृत्रिम पका आम के स्वाद में अंतर होता है।

Categories: Bihar News

Pages

Subscribe to Bihar Chamber of Commerce & Industries aggregator

  Udhyog Mitra, Bihar   Trade Mark Registration   Bihar : Facts & Views   Trade Fair  


  Invest Bihar