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टीईटी अभ्यर्थियों की सरकार से वार्ता विफल, पटना के गर्दनीबाग में चलता रहेगा आंदोलन
पटना, जागरण संवाददाता। बिहार में चल रहा टीईटी अभ्यर्थियों का आंदोलन अभी खत्म होता नहीं दिख रहा है। आंदोलनकारियों की शुक्रवार को सरकार से वार्ता विफल हो गई। पिछले तीन दिनों से आंदोलन कर रहे अभ्यर्थियों को शुक्रवार को सरकार ने वार्ता के लिए बुलाया था। अभ्यर्थियों ने प्राथमिक शिक्षा निदेशक डॉ. रंजीत कुमार से मुलाकात की लेकिन उन्होंने नियुक्ति संबंधी स्पष्ट आश्वासन अभ्यर्थियों को नहीं दिया। इससे नाराज अभ्यर्थियों ने आंदोलन जारी रखने का निर्णय लिया।
गर्दनीबाग में आंदोलन जारी रखने की बात
टीईटी अभ्यर्थी संघ के नेता राजेंद्र प्रसाद सिंह एवं प्रवक्ता राहुल झा ने कहा कि सरकार उनकी मांगों पर ध्यान नहीं दे रही है। अभ्यर्थियों की नियुक्ति के मामले को लटकाया जा रहा है। अब अभ्यर्थी निराश होकर घर नहीं लौटने वाले हैं। शनिवार को भी आंदोलन जारी रहेगा। अभ्यर्थी गर्दनीबाग में ही शांतिपूर्ण प्रदर्शन करते रहेंगे। अब 26 जनवरी के बाद एक बार फिर सरकार से बात करने की कोशिश की जाएगी। सरकार ने उनकी बातों को गंभीरता से नहीं सुना तो आगे के आंदोलन की रणनीति तैयार की जाएगी। छपरा से आई अभ्यर्थी मुन्नी शुक्ला ने कहा कि सरकार बार-बार नियुक्ति का आश्वासन दे रही है, लेकिन ऐन वक्त पर मामले को टाल दिया जा रहा है।
सरकार की नियुक्ति प्रक्रिया पर उठाये सवाल
धरने पर बैठे अभ्यर्थियों ने सरकार की नियुक्ति प्रक्रिया पर भी सवाल उठाये। उन्होंने कहा कि सरकार को पारदर्शी प्रक्रिया अपनाने की जरूरत है, जिसमें धांधली की कोई गुंजाइश नहीं रहे। सरकार को सबसे पहले मेधा सूची के आधार पर अभ्यर्थियों को नियुक्त करने की जरूरत है। उसके बाद कागजातों की जांच करने के उपरांत वेतन का भुगतान कराएं। हर अभ्यर्थी सरकार की ओर आशाभरी नजरों से देख रहा है। शिक्षकों के हजारों पद खाली हैं फिर भी नियुक्ति नहीं होना समझ से परे है। टीईटी अभ्यर्थियों के आंदोलन को विपक्ष का भी समर्थन मिल रहा है।
चुनाव में भीतरघात करने वालों को नहीं छोड़ेगा जदयू, राष्ट्रीय अध्यक्ष ने दे दिया है संकेत
पटना, राज्य ब्यूरो। Bihar Politics: विधानसभा चुनाव में जदयू (JDU) को अपेक्षाकृत कमजोर जनमत मिला। कई सीटें मामूली अंतर से जदयू के हाथ से निकल गईं। पार्टी का मानना है कि इसके पीछे विपक्ष की रणनीति और उम्मीदवार के साथ ही कई जगह अपने लोगों का भीतरघात भी जिम्मेदार है। जदयू ने तय किया है कि विधानसभा चुनाव के दौरान पार्टी के जिन लोगों की सक्रियता नहीं दिखी या फिर वैसे लोग जिन्होंने दल व गठबंधन के खिलाफ काम किया उन्हें बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उनके विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की जाएगी। शुक्रवार को पार्टी प्रदेश कार्यालय में इस बारे में आई रिपोर्ट पर समीक्षा बैठक में जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष आरसीपी सिंह (JDU National President RCP Singh) ने यह बात कही।
आरसीपी ने कहा कि चुनाव के दौरान पार्टी के वैसे लोग जिन्होंने समर्पित भाव से काम किया उन्हें संगठन में महत्वपूर्ण जिम्मेवारी दी जाएगी। जदयू ने संगठन विस्तार के साथ-साथ पार्टी को नई धार देने के लक्ष्य पर काम करना तय किया है।
विधानसभा चुनाव के बाद जिला, प्रखंड, पंचायत व बूथ स्तर पर जदयू ने यह रिपोर्ट तैयार कराई है कि किस तरह से उसे परेशानी हुई। सभी जिलों से आई विस्तृत रिपोर्ट शुक्रवार को आरसीपी सिंह को सौैंपी गई। उक्त रिपोर्ट की आज समीक्षा की गई। बैठक में सभी जिलों पर गहन चर्चा की। उन्होंने कहा कि शीघ्र ही संगठन का नया स्वरूप व नया तेवर दिखेगा। जदयू पहले से अधिक ताकतवर होकर सामने आएगा। यह निर्देश दिया कि हर स्तर पर संगठन के लिए कार्यक्रमों की सूची तैयार की जाए।
जदयू प्रदेश कार्यालय में हुई समीक्षा बैठक दो पालियों में छह घंटे तक चली। बैठक में जदयू के प्रदेश अध्यक्ष उमेश सिंह कुशवाहा, पूर्व विधान पार्षद संजय कुमार सिंह उर्फ गांधी जी, ललन सर्राफ, राष्ट्रीय सचिव रवींद्र सिंह, प्रदेश महासचिव डॉ नवीन कुमार आर्य, अनिल कुमार, चंदन कुमार सिंह, कामाख्या नारायण सिंह व जदयू मीडिया सेल के प्रदेश अध्यक्ष डॉ अमरदीप भी मौजूद थे।
Bihar Board Matric Exam: मैट्रिक की परीक्षा में 20 या 24 पेज की होगी उत्तर पुस्तिका
पटना, जागरण संवाददाता। Bihar Board Matric Exam: बिहार विद्यालय परीक्षा समिति (Bihar School Examination Board) की मैट्रिक परीक्षा में इस वर्ष 20 या 24 पेज की उत्तर पुस्तिका होगी। परीक्षार्थियों को निर्देश रहेंगे कि उत्तर पुस्तिका मिलते समय ही यह सुनिश्चित कर लें कि यह 20 या 24 पेज की है। सभी पेज क्रम के अनुसार हैं। उत्तर पुस्तिका पर ही सभी आवश्यक डाटा रहेगा। किसी भी परीक्षार्थी को अतिरिक्त उत्तर पुस्तिका नहीं दी जाएगी। परीक्षार्थी अंतिम पेज पर रफ कार्य कर सकते हैं। इसे बाद में वे काट देंगे। उन्हें उत्तर पुस्तिका वीक्षक को देकर ही परीक्षा भवन से निकलना है। आंसरशीट में दिए गए निर्देशों के गोले नीले या काले पेन से भरने हैं। कदाचारमुक्त परीक्षा और समय से रिजल्ट के लिए बोर्ड ने कई इंतजार किए हैं।
कदाचार की गुंजाइश खत्म करने को 10 सेटों का होगा प्रश्नपत्र
परीक्षा समिति ने से इस वर्ष दस सेटों में प्रश्नपत्र तैयार कराया है। सभी परीक्षार्थियों को बोर्ड जरूरत के अनुसार सेट मुहैया कराएगा। साथ ही वीक्षकों को यह निर्देश दिया है कि प्रश्नपत्र का सेट उत्तर पुस्तिका पर अवश्य लिख दें।
पांच फीसद हो सकता डाटा रहित उत्तर पुस्तिका का उपयोग
बिहार बोर्ड मैट्रिक परीक्षा में मात्र पांच फीसद ही सादी पुस्तिका का उपयोग करेगा। बाकी डाटायुक्त उत्तर पुस्तिका का ही उपयोग किया जाएगा। बोर्ड ने सभी केंद्राधीक्षकों को निर्देश दिया है कि किसी भी हालत में मैट्रिक की परीक्षा में पांच फीसद से ज्यादा डाटा रहित पुस्तिका का उपयोग नहीं किया जा सकता है।
प्रश्नपत्र की गोपनीयता कायम रहेगी
बोर्ड ने परीक्षा से संबंधित सभी पक्षों को प्रश्नपत्र की गोपनीयता बनाए रखने का निर्देश दिया है। मैट्रिक की परीक्षा दो पालियों में आयोजित की जाएगी। प्रथम पाली एवं द्वितीय पाली की परीक्षा के लिए अलग-अलग समय पर प्रश्नपत्र निकाले जाएंगे। इसके लिए दंडाधिकारी तैनात किए जाएंगे। स्ट्रांगरूम से केंद्र तक प्रश्नपत्र पहुंचाए जाने की प्रक्रिया की वीडियोग्राफी कराई जाएगी।
Rupesh Murder: रूपेश की हत्या मामले में गुजरात से ठीकेदार को पूछताछ के लिए बिहार लाई एसआइटी
पटना, जागरण संवाददाता। Rupesh Murder Case: इंडिगो के पटना एयरपोर्ट के स्टेशन मैनेजर रूपेश कुमार सिंह की हत्या की गुत्थी सुलझाने में जुटी एसआइटी की जांच टेंडर और बिल्डर पर अटक गई है। एसआइटी की एक टीम ने गुजरात के सूरत में भी छापेमारी की। वहां से पूर्व में अपराधी रहे एक ठीकेदार को पकड़कर पुलिस पटना लेकर आई है। वह अपराध की दुनिया को छोड़ ठीकेदारी कर रहा है। पटना के साथ ही वह सूरत में भी ठीकेदारी करता है। एसआइटी के हाथ कुछ ऐसे साक्ष्य लगे है, जिससे पुराने अपराधियों की कुंडली भी एसआइटी खंगालने लगी है। हालांकि पुलिस अधिकारी कुछ भी बाेलने से बच रहे हैं।
बिल्डर से कई घंटे तक पूछताछ
शुक्रवार को बिल्डर से कई घंटे तक पूछताछ हुई। पूर्व में भी बिल्डर से हुई पूछताछ के दौरान दिए गए बयान से अंतर मिलने के बाद पुलिस का शक गहरा हो गया है। इसके बाद एसआइटी की तीन टीमें पटना से बाहर भेजी गईं, जो छापेमारी में जुटी हैं। बिल्डर का कनेक्शन टेंडर से जोड़ते हुए एसआइटी ठोस साक्ष्य जुटाने के लिए बाहर गई हुई है। हत्याकांड की कडिय़ां भी अब जुड़ने लगी हैं। ऐसे में माना जा रहा है कि बहुत जल्द ही एसआइटी कांड का पर्दाफाश कर सकती है।
650 से अधिक नंबरों की डिटेल को एसआइटी ने खंगाला
एसआइटी से जुड़े सूत्रों की मानें तो एसआइटी की तकनीकी सेल अब तक 650 से अधिक मोबाइल नंबरों के डिटेल खंगाल चुकी है। इनमें अधिकांश ऐसे नंबर मिले हैं, जिनसे रूपेश की सामान्य तौर पर बातें होती रहती थीं। इनमें से कुछ नंबर ऐसे व्यक्तियों के हैं जिनकी पीएचईडी एवं पथ निर्माण विभाग में भी अच्छी पैठ है। वहीं बिल्डर के एक रिश्तेदार से भी रूपेश की लंबी बातचीत की जानकारी सामने आ रही है। इसके आधार पर एसआइटी बिल्डर को थाने पर बुलाकर पूछताछ कर रही है। हालांकि अधिकारी अभी टेंडर विवाद में ही उलझे हैं।
दो जिलों में दबिश दे रहीं पुलिस की तीन टीमें
एसआइटी की तीन टीमें दो संदिग्ध नंबरों का लोकेशन निकाल दो जिलों में दबिश दे रही हैं। सूत्रों की मानें तो एक नंबर ऐसा है, जो घटनास्थल पर टावर डंप डाटा निकालने के दौरान पुलिस के हाथ लगा था। यह घटना के पहले एक्टिव था, लेकिन वारदात के बाद से बंद आ रहा है। पुलिस ने इस नंबर का सीडीआर निकाला तो पांच अन्य संदिग्ध नंबर मिले जिनसे चंद मिनट की बातचीत है और वह नंबर पटना के बाहर का है। पुलिस छपरा और गोपालगंज से लेकर सीतामढ़ी और बेगूसराय में तीसरी बार छापेमारी करने पहुंची है।
रूपेश के हर परिचित से पूछताछ
हत्याकांड के बाद से एसआइटी लगातार 10 दिनों से काम कर रही है। एसएसपी खुद हर घंटे केस की मॉनीटरिंग कर रहे हैं। यहां तक कि थाने के सब काम छोड़ पुलिस रूपेश हत्याकांड के पर्दाफाश में जुटी है। एसआइटी रूपेश के सभी करीबियों से लेकर परिचितों से पूछताछ कर चुकी है। यहां तक कि वारदात के एक दिन पहले उनके नंबर पर जितने लोगों के फोन आये या उन्होंने जिनसे भी बात की उन सभी से पुलिस पूछताछ कर चुकी है। एसआइटी के एक अधिकारी की मानें तो कई बार ऐसा हुआ कि लगा कि केस सुलझ रहा है, लेकिन साक्ष्य ऐसे नहीं मिल रहे जिससे किसी की गिरफ्तारी की जाए।
Weather in Bihar: बिहार में कोहरे ने बढ़ाई परेशानी, अभी सुबह-शाम बनी रहेगी ठंड
पटना, जागरण संवाददाता। Weather in Patna: राज्य में पछुआ हवा थमने के बाद वातावरण में कोहरा काफी बढ़ गया है। कोहरे के कारण लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। शनिवार की सुबह भी प्रदेश के विभिन्न इलाकों में कोहरा छाए रहने की उम्मीद है। हालांकि दिन चढ़ने के साथ कोहरा साफ हो जाएगा।
सूर्यास्त के बाद तेजी से गिर रहा तापमान
पटना मौसम विज्ञान केंद्र के विज्ञानी संजय कुमार का कहना है कि वर्तमान में सुबह-शाम ठंड कायम रहेगी। दिन में धूप निकलने पर लोगों को ठंड से राहत मिल रही है, लेकिन सूर्यास्त के बाद अचानक तापमान गिर जा रहा है। इस तरह की स्थिति अगले दो दिनों तक बने रहने की उम्मीद है। राजधानी में शुक्रवार को अधिकतम तापमान 20.4 एवं न्यूनतम तापमान 10.6 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया है। राजधानी की हवा में आर्द्रता 97 फीसद रिकार्ड की गई।
गया में रिकॉर्ड किया गया न्यूनतम तापमान
शनिवार की सुबह लोगों की आंखें खुलीं तो वातावरण में कोहरा छाया हुआ था। वाहन चालकों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा। लेकिन दस बजे के बाद मौसम में सुधार हुआ और धीरे-धीरे आकाश साफ होने लगा। राज्य में सबसे कम अधिकतम तापमान भागलपुर में रिकार्ड किया गया, वहां पर शुक्रवार को अधिकतम तापमान 19 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया। सबसे न्यूनतम तापमान गया में रिकॉर्ड किया गया, वहां यह 5.6 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया। पूर्णिया की हवा में 100 फीसद आद्र्रता दर्ज की गई।
पटना में नेताजी का भगवान कहकर जनता ने किया था स्वागत, हर लड़ाई में साथ रहने की खाई थी सौगंध
जागरण संवाददाता, पटना : देश की आजादी के लिए गांव-गांव घूम रहे नेताजी सुभाषचंद्र बोस से पटना से सटे बाढ़ की जनता ने कहा था कि समाज को जातिवाद के घृणित प्रचार पंच से बाहर निकालें। उन्हें सौंपा गया यह अभिनंदन पत्र आज भी बिहार राज्य अभिलेखागर भवन में मौजूद है। इसे कुसुमांजलि प्रिंटिंग वर्कस द्वारा मुद्रित कराया गया था। नेताजी जब 1939 में बाढ़ आए थे तो स्थानीय लोगों ने उन्हें यह सौंपा था। यहां की जनता ने भगवान कहकर उनका स्वागत किया था। अपने अभिनंदन पत्र में लिखा था- 'अग्रगामी दल के अगुआ, युवकों के हृदय सम्राट, असहायों के एकमात्र संरक्षक, श्रद्धेय श्रीयुत सुभाष चंद्र बोस के पूज्य चरणों में सप्रेम समर्पित। ओ कर्मठ तपस्वी, आओ हे मेरे भान गृह के अतिथि तुम्हारा स्वागत है। भगवान हमें आज अंधकार, पदलोलुपता, स्वाथर्रपरता और कांग्रेस की आड़ में जातिवाद के घृणित प्रचार पंच से निकाल कर उस ओर ले चलो जहां से हमें आजादी का मंदिर साफ दिख पड़े। ओ मेरे वीर तपस्वी, अन्याय का प्रतिरोध करो, कांग्रेस में जातिवाद के विषवृक्ष लगाने वालों को ध्वस्त करो। इस महाहोम के लिए हम सभी नर-नारी ईंधन संग्रह कर भस्मीभूत कर दें। हे वीर यती, उस महायज्ञ के लिए हम आज आप के समक्ष सौगंध लेते हैं और आपको विश्वास दिलाते हैं कि आप इंकलाब जिंदाबाद के नारों के बीच बढ़े चलो, हम सब के सब आपके साथ हैं।
जनता का प्रेम देख भावुक हो गए थे नेताजी
बाढ़ में सभा के दौरान लोगों ने फेडरेशन-फेडरेशन के नारे लगाए थे। इसकी गूंज भारतीय राजनीति के गगन में भी गूंजी थी। बाढ़ की जनता का प्रेम देख बोस भी भावुक हो गए थे। अभिलेखागार भवन की पुराभिलेखापाल डॉ. रश्मि किरण कहती हैं कि सुभाषचंद्र बोस की जयंती पर प्रतिवर्ष अभिलेख भवन में प्रदर्शनी लगाई जाती है। इसमें बोस के जीवन से जुड़े एवं उनके बिहार के आगमन के प्रमुख दस्तावेज भी रखे जाते हैं।
गणतंत्र दिवस पर गांधी मैदान में होगी दस झाकियों की प्रस्तुति
पटना : गणतंत्र दिवस के अवसर पर गाधी मैदान में आयोजित होने वाले राजकीय समारोह की तैयारियों का जायजा शुक्रवार को प्रमंडलीय आयुक्त संजय कुमार अग्रवाल ने लिया। उन्होंने अतिथियों सहित अन्य गणमान्य के बैठने की व्यवस्था कोविड प्रोटोकॉल के तहत ही करने का निर्देश संबंधित अधिकारियों को दिया है।
कोरोना योद्धाओं के बैठने के लिए अलग से दीर्घा रहेगी। समारोह स्थल एवं प्रवेश व निकास द्वार पर सैनिटाजर और थर्मल स्कैनर की व्यवस्था रखने को कहा गया है। दीर्घाओं को कई बार सैनिटाइज करने के निर्देश दिए गए हैं। आयुक्त ने बताया कि गणतंत्र दिवस के अवसर पर झाकिया निकाली जाएंगी। फुल ड्रेस रिहर्सल 24 जनवरी को कार्यक्रम स्थल पर होगा। बताया गया कि समारोह के शातिपूर्ण आयोजन और विधि व्यवस्था के लिए पर्याप्त संख्या में दंडाधिकारी, पुलिस पदाधिकारी एवं पुलिस बल की प्रतिनियुक्ति होगी। यातायात प्लान अलग से ट्रैफिक एसपी द्वारा जारी किया जाएगा। समन्वय स्थापित करने को नोडल पदाधिकारी उप विकास आयुक्त रिची पाडे बनाए गए हैं।
: गांधी मैदान में दिखेंगी झांकियों की झलकियां :
- कला संस्कृति एवं युवा विभाग : बुद्ध सम्यक दर्शन संग्रहालय-सह- स्मृति स्तूप
- पर्यटन निदेशालय : वैशाली कोल्हुआ से जुड़े मुख्य पर्यटक स्थल - भवन निर्माण विभाग : बापू टावर
- कृषि विभाग : बिहार कृषि निवेश प्रोत्साहन नीति 2020
- शिक्षा विभाग : ऑनलाइन शिक्षा-वक्त की जरूरत थीम पर झाकी
- स्वास्थ्य विभाग : जब तक दवाई नहीं तब तक ढिलाई नहीं
- महिला विकास निगम एवं जीविका : सशक्त महिला
- सूचना एवं जनसंपर्क विभाग व वन विभाग : इको टूरिज्म
- जल संसाधन विभाग एवं लघु सिंचाई विभाग : हर खेत को पानी
- उपेंद्र महारथी शिल्प अनुसंधान संस्थान व उद्योग विभाग : आत्मनिर्भर बिहार थीम
कृषि कार्य में सौर ऊर्जा का उपयोग कर किसान बढ़ा सकते हैं आय
फुलवारीशरीफ : बामेती के सभागार में शुक्रवार को दो दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। सौर ऊर्जा का कृषि में उपयोग विषय पर आयोजित कार्यशाला का उद्घाटन बामेती निदेशक डॉ. जितेंद्र प्रसाद ने किया। कार्यशाला में आत्मा योजनांतर्गत राज्य के सभी 38 जिलों में कार्यरत प्रखंड सहायक तकनीकी प्रबंधकों समेत 60 प्रसारकर्मियों ने हिस्सा लिया।
बामेती निदेशक डॉ. जितेंद्र प्रसाद ने कार्यशाला को संबोधित करते हुए बताया कि किसान अपनी कृषि उत्पादन को बढ़ाने के साथ सौर ऊर्जा का दूसरे काम में भी इस्तेमाल किया जा सकता है। सौर ऊर्जा से संचालित सोलर पंप, सोलर ड्रायर, धुआं रहित विभिन्न प्रकार के चूल्हे, सोलर वाटर पंप, बायोगैस पीट की स्थापना कर किसान इस का लाभ उठा सकते हैं। यंत्रों के संचालन के साथ उसके रख-रखाव और मरम्मत का भी गुर बताया गया। निदेशक ने बताया कि सरकार आज किसानों को सौर ऊर्जा से संचालित यंत्रों पर कई तरह की अनुदान मुहैया करा रही है। कार्यशाला में शामिल प्रसारकर्मियों से अपील की गई कि वह गांवों में जाकर किसानों के साथ बैठक करें और सौर ऊर्जा से संचालित होने वाली यंत्रों की जानकारी और उससे होने वाले फायदे के बारे में किसानों को अवगत कराएं। इस मौके पर रेशम, जेपी नारायण, इंजीनियर रवि रंजन कुमार, मनीष कुमार, ई मृणाल वर्मा, नीरज कुमार भी मौजूद रहे।
सौर ऊर्जा का कृषि में उपयोग पर दो दिवसीय कार्यशाला का आयोजन
बामेती निदेशक डॉ. जितेंद्र प्रसाद ने किया कार्यशाला का उद्घाटन
किसानों को सौर ऊर्जा से संचालित यंत्रों पर कई तरह की अनुदान मुहैया करा रही है
यंत्रों की जानकारी और उससे होने वाले फायदे के बारे में किसानों को अवगत कराएं
फोरलेन पर लूटपाट करने वाले चार लुटेरे गिरफ्तार
खुसरूपुर : थाना क्षेत्र के बख्तियारपुर-पटना फोरलेन पर लूटपाट करने वाले चार लुटेरों को पुलिस ने छापेमारी कर दबोच लिया। गिरफ्तार बदमाशों की तलाशी में पुलिस ने लूटे गए छह मोबाइल और बाइक बरामद की।
थानाध्यक्ष सरोज कुमार ने बताया कि बदमाशों ने नौ दिसंबर 2020 को पटना-बख्तियारपुर फोरलेन पर लूट की दो घटनाओं को अंजाम दिया था। बदमाशों ने ओवरटेक कर बाइक सवार तीन लोगों को रोककर नकदी और मोबाइल लूट लिए थे। विरोध करने पर बदमाशों ने मारपीट भी की थी। पीड़ितों की शिकायत के बाद पुलिस लगातार बदमाशों की हरकत पर नजर रख रही थी।
सर्विलांस पर रखे गए थे मोबाइल
पुलिस ने बदमाशों द्वारा लूटे गए मोबाइल को सर्विलांस पर रखा था। इसके आधार पर हेमजापुर से सौरभ कुमार, मौसिमपुर से पंकज कुमार व राजेश कुमार तथा सुकरवेगचक से प्रिस कुमार को गिरफ्तार कर लिया। शुक्रवार को पूछताछ के बाद सभी बदमाशों को जेल भेज दिया गया।
मौज-मस्ती के लिए करते थे लूटपाट
थानाध्यक्ष ने बताया कि गिरफ्तार सभी आरोपित मौज-मस्ती के लिए फोरलेन पर लूटपाट करते थे। सभी की उम्र 20 वर्ष के आसपास है। इनके गिरोह में और कौन-कौन लोग हैं इसका पता किया जा रहा है। थानाध्यक्ष ने बताया कि फोरलेन पर कम उम्र के लड़कों के द्वारा लूटपाट की घटनाओं को अंजाम देने की शिकायत कई बार मिली थी। गिरफ्तार बदमाशों ने लूटपाट समेत अन्य घटनाओं में भी अपनी संलिप्तता स्वीकार की है। पुलिस बदमाशों की निशानदेही पर छापेमारी में जुटी है।
बख्तियारपुर-पटना फोरलेन पर आपराधिक घटना को देते थे अंजाम
बदमाशों को पूछताछ के बाद भेजा गया जेल
'जामुन' से फिल्मी पर्दे की चमक बढ़ा रहे पटना के गौरव, हार न मानने की सीख देती है कहानी
जागरण टीम, पटना। बिहार की एक और प्रतिभा फिल्मी पर्दे की चमक बढ़ा रही है। पटना के गौरव मेहरा फिल्म 'जामुन' से मायानगरी मुंबई में ख्याति बटोर रहे हैं। इरोस नाउ पर जामुन एक दिन पहले गुरुवार को रिलीज हो चुकी है। फिल्म में रघुवीर यादव, श्वेता बसु प्रसाद, सनी हिंदुजा, सौरव गोयल के साथ वैशाली के चंदन रॉय भी नजर आएंगे। फिल्म के ट्रेलर को यू-ट्यूब पर अबतक डेढ़ लाख से ज्यादा लोग देख चुके हैं। साथ ही बड़ी संख्या में लोगों ने इसे पसंद भी किया है।
अपनी पहली फिल्म जामुन की गौरव ने कहानी लिखने के साथ इसे निर्देशित भी किया है। जामुन को अली उनवाला, विनीत राने और क्षितिज प्रसाद ने प्रोड्यूस किया है। राजधानी के फुलवारीशरीफ में गौरव का ननिहाल है। गौरव ने बताया कि उनका शुरू से ही फिल्मों के प्रति रुझान रहा। साल 2009 में वे रुपहले पर्दे पर हाथ आजमाने मायानगरी मुंबई की ओर निकल गए। मुंबई में उन्होंने सुभाष घई के फिल्म स्कूल में दाखिला लिया।
पिता-पुत्री के रिश्ते को बयां करती है जामुन
गौरव ने बताया कि जामुन में जिस परिवार को दिखाया गया है वो बिहार से ताल्लुक रखता है मगर रहता मुंबई में है। गौरव ने बताया कि फिल्म की कहानी उनके अपार्टमेंट में रह रहे एक बुजुर्ग से प्रभावित है। जामुन में श्वेता बसु प्रसाद ने भैंगी लड़की तो रघुवीर यादव ने उसके पिता की भूमिका निभाई है। फिल्म में पिता-पुत्री का रिश्ता बयां किया गया है। गौरव ने बताया कि फिल्म में ये बताने की कोशिश की गई है कि किसी शारीरिक कमजोरी की वजह से खुद को बदलने की जरूरत नहीं है। अगर किसी को पसंद करना है तो उसकी कमियों को खूबी समझना पड़ेगा। आम लोगों की कहानी से जुड़े होने के कारण जामुन को काफी सराहा जा रहा है। बता दें कि गौरव मेहरा की 2018 में बनाई शॉर्ट फिल्म 'सील' काफी लोकप्रिय हुई थी। 'सील' को फिल्म फेयर में भी नॉमिनेट किया गया था। साथ ही इसे यू-ट्यूब पर 36 मिलियन से ज्यादा लोग देख चुके हैं।
दस साल बाद बिहार विधानसभा में बसपा का खाता बंद, जदयू को मिल गया मुस्लिम चेहरा
अरुण अशेष, पटना: यूपी की राजनीति में सपा और बसपा की चाहे जितनी बड़ी हैसियत हो, बिहार में दोनों दलों की गति एक है-उम्मीदवार चुनाव जीत कर विधायक बनते हैं। देर या सवेर दल बदल लेते हैं। पांच साल के लिए पार्टी में सन्नाटा पसर जाता है। फिर अगले चुनाव में कुछ विधायकों की आमद हो जाती है। शुक्रवार को बसपा विधायक जमां खान ने इसी परम्परा का निर्वाह किया। वे सत्तारूढ़ जदयू में शामिल हो गए। जमां खान बसपा टिकट पर 2020 का विधानसभा चुनाव जीते थे। उनकी जीत उसी चैनपुर से हुई है, जिस सीट पर 1995 में जीत के साथ ही बिहार विधानसभा में बसपा का खाता खुला था। उनके शामिल होने के बाद जदयू में मुस्लिम विधायकों की कमी पूरी हो गई। जदयू ने 11 मुसलमानों को टिकट दिया था। सबके सब चुनाव हार गए।
दल बदलने का सिलसिला बिहार में बसपा की जीत के साथ ही शुरू हो गया। 1995 में उसके दो विधायक सुरेश पासी और महाबली सिंह क्रमश: मोहनिया और चैनपुर से जीते थे। दोनों तत्कालीन लालू प्रसाद की सरकार के समर्थक बन गए। सुरेश पासी मुख्य धारा की राजनीति से दूर हो गए तो महाबली सिंह दल बदलते बदलते मंत्री और सांसद भी बन गए। फिलहाल वे काराकाट लोकसभा सीट से जदयू के सांसद हैं। 2000 में राजद में शामिल रहने के दौरान राबड़ी मंत्रिमंडल में पथ निर्माण मंत्री बने। यह महत्वपूर्ण और संपन्न विभाग है।
जीते पर बदल लिया दल
2000 के विधानसभा चुनाव में बसपा के दो उम्मीदवार विधायक बने। राजेश सिंह धनहा से जीते। फारबिसगंज से जाकिर हुसैन की जीत हुई। दोनों राजद में शामिल हो गए। दोनों फिलहाल सक्रिय हैं। विभिन्न दलों का भ्रमण कर रहे हैं। जाकिर हुसैन तो जन अधिकार पार्टी और कांग्रेस टिकट पर चुनाव लड़ चुके हैं। उसी चुनाव में राजपुर से जीते छेदी लाल राम भी राजद में शामिल हो गए थे। अगले चुनाव में उनकी हार हो गई। 2020 के विधानसभा चुनाव में वे राजपुर से निर्दलीय लड़े थे। जमानत गंवा बैठे।
2010, 2015 में बसपा से किसी की नहीं हुई जीत
जदयू के मौजूदा विधायक अमरेंद्र कुमार पांडेय का विधानसभा प्रवेश बसपा के टिकट पर ही हुआ था। 2005 में वे गोपालगंज के कटेया विधानसभा क्षेत्र से जीते थे। गोपालगंज शहरी क्षेत्र से रियाजुल हक राजू की जीत हुई थी। अमरेंद्र पांडेय पिछला चुनाव कुचायकोट विधानसभा से जदयू टिकट पर जीते। रियाजुल हक राजू गोपालगंज से राजद टिकट पर 2020 का विधानसभा चुनाव हार गए। दूसरे नम्बर पर बसपा के अनिरूद्ध प्रसाद ऊर्फ साधु यादव रहे। राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद के रिश्तेदार साधु यादव एक बार गोपालगंज के विधायक रह चुके हैं। वह 2004-09 के बीच इस क्षेत्र से सांसद भी रहे हैं। 2010, 2015 के विधानसभा चुनाव में बसपा के किसी उम्मीदवार की जीत नहीं हुई थी। 10 साल बाद बिहार विधानसभा में उसका खाता खुला था। जमा खान के जदयू में शामिल होने के साथ ही वह भी बंद हो गया है।
डीएम को तेजस्वी के कॉल पर बोले सुशील मोदी-लालू तो चप्पल मार सीधा करने की देते थे धमकी
राज्य ब्यूरो, पटना: राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार मोदी ने शुक्रवार को कई ट्वीट कर राष्ट्रीय जनता दल (राजद) पर निशाना साधा। उन्होंने लिखा लालू प्रसाद ने अपने शासनकाल में वरिष्ठ और काबिल अफसरों सार्वजनिक रूप से इतना अपमान किया था कि उस दौर में प्रशासन का मनोबल गिर गया था। योजनाएं लागू नहीं हो पाती थीं। सम्मान बचाने के लिए अधिकारी बिहार से बाहर पदस्थापन के लिए लगे रहते थे। इसके साथ ही सुशील मोदी ने टीईटी अभ्यर्थियों के समर्थन में पहुंचे तेजस्वी यादव के डीएम को कॉल करने के वायरस वीडियो पर भी चुटकी ली। उन्होंने लालू यादव पर निशाना साधते हुए कहा कि राजद सुप्रीमो तो अफसरों को चप्पल मारकर सीधा करने की बात करते थे।
विकास की लय तोड़ना चाहता है राजद
बिहार के पूर्व उप मुख्यमंत्री सुशील मोदी ने कहा कि नौकरशाही को नकारा और भ्रष्ट बनाने की जो गलत प्रवृत्ति पनपी, उसे उनके राजकुमार आदर्श मान कर बढ़ावा दे रहे हैं। राजद प्रशासन का मनोबल गिरा कर विकास की लय तोड़ना चाहता है।
नेता कलक्टर को फोन कर देते हैं धमकी
अगले ट्वीट में लिखा लालू ने 2015 के विधानसभा चुनाव के दौरान हाजीपुर में अपने वाहन की जांच पर नाराजगी जाहिर करते हुए अफसरों को चप्पल मार कर सीधा करने की धमकी दी थी। आज उनकी पार्टी के नेता कलक्टर को फोन कर अपने नाम का धौंस दिखा कर ताली पिटवा रहे हैं। कांग्रेस और राजद के राजकुमार अपने बयान और बॉडी लैंग्वेज से विधायिका-कार्यपालिका जैसे लोकतंत्र के खंभे पर लगातार चोट पहुंचा रहे हैं। गौरतलब है कि तीन दिन पहले पटना में प्रदर्शन कर रहे टीईटी अभ्यर्थियों के समर्थन में राजद विधायक व विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव पहुंचे थे। यहां से उन्होंने सीधे पटना के डीएम चंद्रशेखर सिंह को फोन कर दिया था। फोन के स्पीकर पर हो रही तेजस्वी यादव और डीएम की बात वायरल हो गई थी।
बिहार में बसपा के एकलौते विधायक जदयू में शामिल, MLA सुमित ने भी दिया समर्थन; बन सकते हैं मंत्री
राज्य ब्यूरो, पटना। बिहार में बसपा के इकलौते विधायक जमां खान शुक्रवार को जदयू में शामिल हो गए। उन्होंने इस बाबत लिखित रूप जदयू के अध्यक्ष को पत्र लिखकर अपनी इच्छा बतायी थी। जदयू में शामिल होने के बाद उन्होंने मुख्यमंत्री आवास जाकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से भेंट की। जल संसाधन मंत्री विजय कुमार चौधरी व शिक्षा मंत्री अशोक चौधरी भी इस मौके पर मौजूद थे। वहीं निर्दलीय विधायक सुमित सिंह ने लिखित रूप से जदयू के समर्थन का पत्र दिया है। जमां खान के जदयू में शामिल होने के बाद विधानसभा में जदयू विधायकों की संख्या 43 से बढ़कर 44 हो गयी है।
चैनपुर से विधायक हैं जमां खान
जमां खान कैमूर के चैनपुर से विधायक हैं। कई महीने से उनके जदयू में शामिल होने की बात चल रही थी। उन्होंने चुनाव जीतने के कुछ ही दिनों बाद जदयू के प्रदेश अध्यक्ष बशिष्ठ नारायण सिंह भी भेंट की थी। नीतीश कुमार के विकास कार्यों की तारीफ भी की थी। शुक्रवार को उन्होंने कहा कि सत्ताधारी दल में शामिल होकर आप आम जनता की समस्याओं का निदान सहजता से करा सकते हैैं। नीतीश कुमार की कार्यशैली को वह आरंभ से ही पसंद करते रहे हैैं।
पूर्व मंत्री नरेंद्र सिंह के पुत्र ने दिया समर्थन
वहीं जमुई के चकाई से निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में जीते पूर्व मंत्री नरेंद्र सिंह के पुत्र सुमित सिंह ने भी जदयू को समर्थन देने का पत्र पार्टी को दिया है। उन्होंने आज प्रेस कांफ्रेंस कर इसकी जानकारी दी। सुमित ने कहा कि वह शुरू से ही नीतीश कुमार की कार्यशैली के प्रशंसक रहे हैं। जमां खान के जदयू में शामिल होने और सुमित सिंह के समर्थन के पत्र के बाद यह तय माना जा रहा कि निकट भविष्य में नीतीश कुमार के मंत्रिमंडल विस्तार में इन दोनों को जगह मिलेगी। जदयू के पास फिलहाल कोई मुस्लिम विधायक नहीं है। इसलिए यह तय है कि अल्पसंख्यक कोटे से उन्हें मंत्री बनाया जाएगा। सुमित सिंह को भी मंत्री बनाए जाने की चर्चा तेज हो गयी है।
मंत्री-अफसर की VIP नंबर वाली कार खरीदने का सुनहरा मौका, दाम तीन हजार से शुरू
राज्य ब्यूरो, पटना: अगर आप पुरानी और वीआइपी नंबर की गाड़ियों के शौकीन हैं तो बिहार सरकार आपका यह शौक पूरा कर सकती है। हां, इसके लिए आपको कुछ अधिक खर्च करना पड़ेगा। क्योंकि ये गाड़ियां खटारा की दर्जा पाकर बिहार सरकार के पुराना सचिवालय परिसर में पड़ी हुई हैं। शौकीनों को इन गाड़ियों को खरीदने से पहले हिला-डुला कर नुक्स देखने की इजाजत नहीं होगी। क्योंकि नीलामी के टेंडर में साफ-साफ लिखा है-जहां है, जैसे है। मतलब, जिस हालत में है, उसी हालत में आपको गाड़ी खरीदनी है। मरम्मत पर भारी रकम खर्च किए बगैर आप इनका इस्तेमाल नहीं कर सकते हैं।
नीलामी पर कैसी-कैसी गाड़ियां
वित्त विभाग की ओर से शुक्रवार को इन गाड़ियों की बिक्री के लिए टेंडर जारी किया गया है। इसमें गाड़ियों का ब्यौरा दिया गया है। एक दौर में रइसों की कार रही एम्बेस्डर से लेकर जीप, स्कॉर्पियो, मारूति वैन, जीप, क्वालिस, सफारी, जिप्सी के साथ कुछ ऐसी गाड़ियां भी जिनका नाम सरकार को पता नहीं है। शायद ये गाड़ियां इतनी पुरानी हैं कि इनका नाम वाला निशान मिट गया है। गाड़ियों की कुल संख्या 56 है।
तीन से 40 हजार तक कीमत
एम्बेस्डर कार की कीमत तीन हजार से शुरू होकर 10 हजार रुपये तक है। सबसे महंगी है स्कॉर्पियो। फिर भी अधिक कीमत नहीं है। सिर्फ 75 हजार रुपये में कोई इसे खरीद सकता है। क्वालिस की कीमत 40 हजार रुपये रखी गई है। जीप की औसत कीमत 10 हजार रुपये है। बिना नाम वाली गाड़ियों की कीमत दो हजार रुपये है। जिप्सी का अनुमानित मूल्य 15 हजार रुपया रखा गया है।
दाम बढ़ भी सकते हैं
गाड़ियों की अनुमानित कीमत मोटर यान निरीक्षक की ओर से तय की गई, लेकिन नीलामी के दौरान इसकी कीमत बढ़ भी सकती है। यह नीलामी में शामिल लोगों की बोली पर निर्भर है कि खटारा के शौकीनों में किसका दिल ज्यादा बड़ा है। जमानत की राशि हर किसी को जमा करनी है। अगर आप गाड़ी नहीं खरीद पाए तो यह राशि वापस हो जाएगी। अच्छी बात यह भी है कि अधिसंख्य गाडिय़ों के नम्बर वीआईपी हैं। खरीददार इन नम्बरों का इस्तेमाल कर सकते हैं।
बिहार में कर्पूरी के बहाने फिर चलेगा अति पिछड़ों को साधने का अभियान, BJP-RJD समेत कई दल कर रहे तैयारियां
पटना, अरविंद शर्मा। Karpoori Thakur Birth Anniversary Special बिहार में चुनाव नहीं है। कोरोना के खतरे भी पूरी तरह खत्म नहीं हुए हैं। फिर भी राजनीति में कर्पूरी ठाकुर (Karpoori Thakur) की प्रासंगिकता कम नहीं हुई है। इसकी वजह है कि बिहार में अति पिछड़ों (Most Backwards) की अच्छी आबादी है और राजनीतिक दल कर्पूरी को इसी चश्मे से देखते हैं। देश में मंडल कमीशन (Mandal Commission) के प्रभावी होने से पहले उन्होंने राज्य सरकार की नौकरियों में अति पिछड़ों के लिए आरक्षण (Reservation in Jobs for Most Backward Castes) व्यवस्था कर परिवर्तनकारी कदम उठाया था।
सभी दलों में अपना बताने-जताने की आपाधापी
रविवार को कर्पूरी जयंती है। जननायक के जन्म लेने की तारीख। दिवस विशेष पर सभी दलों में कर्पूरी ठाकुर को अपना बताने-जताने की आपाधापी है, क्योंकि बिहार में सक्रिय राजनीतिक दलों में उनके नाम पर वोट बैंक मजबूत करने की कवायद सालों भर जारी रहती है। इस बार भी सबकी अपने-अपने तरीके से तैयारियां चल रही हैं।
बीजेपी व आरजेडी के प्रखंड स्तर तक कार्यक्रम
भारतीय जनता पार्टी (BJP) और राष्ट्रीय जनता दल (RJD) ने प्रदेश से प्रखंड स्तर तक की तैयारी कर रखी है। आरजेडी की ओर से पूरे सप्ताह भर तक कार्यक्रम होगा। राजधानी में प्रदेश स्तर का आयोजन है, जिसमें नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) भी मौजूद रहेंगे। बीजेपी भी जिला से लेकर प्रदेश स्तर तक समारोह के आयोजन की तैयारी कर चुकी है। अति पिछड़ा प्रकोष्ठ को पार्टी ने जिम्मेवारी सौंपी है।
जेडीयू के पास हैं कर्पूरी के बेटे रामनाथ ठाकुर
जनता दल यूनाइटेड (JDU) के पास तो कर्पूरी ठाकुर के पुत्र रामनाथ ठाकुर (Ramnath Thakur) ही हैं, जिन्हें नीतीश कुमार (Nitish Kumar) ने राज्यसभा सदस्य भी बना रखा है। हालांकि, जेडीयू इसबार कोरोना के चलते बड़ा आयोजन नहीं करने जा रहा है। किंतु पार्टी के कार्यालय में कर्पूरी को याद करने में कोई कसर बाकी नहीं रहेगी।
सियासत में थोड़ा अलग है कांग्रेस का मामला
कांग्रेस (Congress) का मामला थोड़ा अलग है, क्योंकि कर्पूरी ठाकुर की पूरी राजनीति कांग्रेस विरोध की ही रही है। बिहार में उनके नेतृत्व में ही दो-दो बार गैर कांग्रेसी सरकार बनी थी। इसलिए कांग्रेस उन्हें याद करने की जरूरत नहीं समझती है, मगर वोट की राजनीति में बाकी दलों के लिए कर्पूरी ठाकुर कभी अप्रासंगिक नहीं हुए। होंगे भी नहीं।
तेजस्वी का दावा- अद्भुत होगा जयंती सप्ताह
आरजेडी की ओर से इस बार कोरोना के खतरे को देखते हुए कर्पूरी जयंती समारोह को थोड़ा अलग तरीके से मनाया जाएगा। नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव का दावा है कि कार्यक्रम में कोई कमी नहीं होगी, लेकिन भीड़ से बचते हुए समारोह का अद्भुत आयोजन होगा। प्रखंडों और जिलों में 24 जनवरी से शुरुआत होगी और हफ्ते भर कार्यक्रम चलेगा। प्रखंड और जिलों में कार्यक्रम होंगे। मुख्य कार्यक्रम राजधानी स्थित आरजेडी कार्यालय में होगा। 30 जनवरी को मानव श्रृंखला बनाने की तैयारी है। यह राजधानी से लेकर पंचायतों तक बनेगी। तेजस्वी समेत आरजेडी के कई बड़े नेता पटना में मानव श्रृंखला बनाएंगे।
बिहार में अपराधियों ने निकाली नई तरकीबः गोपालगंज में पुलिस ने एंबुलेंस में झांका तो उड़े होश
जागरण संवाददाता, गोपालगंज : शराब के धंधेबाज अब तस्करी के लिए एंबुलेंस का भी इस्तेमाल करने लगे हैं। शुक्रवार को शहर के बंजारी मोड़ के समीप एनएच 27 पर पुलिस ने हरियाणा से मुजफ्फरपुर जा रही एक एंबुलेंस से 55 कार्टन शराब बरामद किया। इस दौरान दो लोगों को गिरफ्तार किया गया है। गिरफ्तार दोनों आरोपित हरियाणा के करनाल के निवासी हैं। पुलिस उनसे पूछताछ कर रही है।
नगर थाना पुलिस बंजारी मोड़ पर नियमित जांच अभियान चला रही थी। इसी दौरान दिल्ली के रजिस्ट्रेशन नंबर की एक एंबुलेंस हूटर बजाते हुए मुजफ्फरपुर की तरफ जा रही थी। वाहनों को रोकने के लिए एक ट्रक को खड़ा कर एक तरफ से रास्ता जाम कर दिया गया था। इसी बीच हूटर बजाती एंबुलेंस बंजारी मोड़ पर पहुंची। रास्ता जाम देख एंबुलेंस से उतर कर चालक पुलिस के पास पहुंचा और एंबुलेंस में मरीज की हालत नाजुक बताते हुए रास्ता देने के लिए कहने लगा। पुलिस चालक को पकड़ कर उसे एंबुलेंस के पास ले गई।
एंबुलेंस की तलाशी में मिली 55 कार्टन शराब
एंबुलेंस की तलाशी लेने पर उसमें 55 कार्टन शराब मिली। एंबुलेंस में कोई मरीज नहीं था। पुलिस ने एंबुलेंस सहित शराब को जब्त करते हुए चालक सहित दो धंधेबाजों को गिरफ्तार कर लिया। गिरफ्तार आरोपित हरियाणा के करनाल निवासी अमरजीत तथा नागेंद्र बताए जाते हैं। पूछताछ के दौरान आरोपितों ने पुलिस को बताया कि वे हरियाणा से शराब लेकर मुजफ्फरपुर जा रहे थे। पुलिस अधीक्षक आनंद कुमार ने बताया कि शराब तस्करी के लिए धंधेबाज अब एंबुलेंस का भी इस्तेमाल करने लगे हैं। पुलिस शराब की सप्लाई करने वाले तथा शराब मंगाने वालों को चिन्हित कर कार्रवाई कर रही है।
बिहार सरकार के फरमान की आंच पहुंची दिल्ली, कांग्रेस बोली-तानाशाही की ओर धकेल रहे नीतीश कुमार
राज्य ब्यूरो, पटना : इंटरनेट मीडिया पर मंत्री, सांसद, विधायक, अफसर के साथ सरकारी सेवकों के खिलाफ अनाप-शनाप पर कानूनी कार्रवाई के सरकार आदेश ने बिहार की राजनीति में उफान ला दिया है। पक्ष-विपक्ष आपस मे एक दूसरे पर हमलावर हो गए गए हैं। इस आदेश की आंच दिल्ली तक पहुंच गई है। मुद्दे पर कांग्रेस ने राज्य की नीतीश सरकार को कठघरे में खड़ा करते हुए कहा कि सरकार अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का हनन करना चाह रही है। वहीं भाजपा ने कांग्रेस पर पलटवार करते हुए कहा कि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के नाम पर कुछ भी कहने की छूट नहीं दी जा सकती है। मुद्दे पर हम सुप्रीमो जीतन राम मांझी ने कहा कि इंटरनेट मीडिया के जरिए कई दंगाई तत्व, संगठन समाज में आपसी भाईचारा ख़त्म करने पर तुले हैं। जिसका खामियाजा सबको भुगताना पड़ रहा है।
इस मामले को लेकर उबली आग
दरअसल गुरुवार को राज्य की आर्थिक अपराध इकाई ने आदेश जारी किया है कि इंटरनेट मीडिया पर किसी ने भी यदि मंत्री, सांसद, विधायक, अफसर के साथ सरकारी सेवकों के खिलाफ अनाप-शनाप लिखा तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। सरकार के इस आदेश के बाद कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव रणदीप सिंह सुरजेवाला ने शुक्रवार को ट्वीट कर राज्य की नीतीश सरकार पर हमला बोला।
कुर्सी बचाए रखने की जुगतः सुरजेवाला
सुरजेवाला ने अपने ट्वीट में लिखा कि भाजपा के साथ-साथ उसके जेडीयू जैसे बचे-खुचे सहयोगी दलों ने भी अभिव्यक्ति की आज़ादी पर रोक को ही शासन का माध्यम मान लिया है। लोकतंत्र में इसी तरह की सोच देश को तानाशाही की ओर धकेल रही है। कुर्सी बचाए रखने के लिए शायद नीतीश कुमार ने मोदी जी को अपने गुरु के रूप में धारण कर लिया है।
इंटरनेट मीडिया का हो रहा दुरुपयोगः निखिल आनंद
सुरजेवाला के ट्वीट पर पलटवार करते हुए भाजपा प्रवक्ता निखिल आनंद ने पलटवार किया। निखिल आनंद ने बाकायदा वीडियो जारी कर कहा कि उक्त सर्कुलर के बारे में संबंधित विभाग के अधिकारी ज्यादा बेहतर स्पष्टीकरण दे सकते हैं। लेकिन, यह भी सत्य है कि इंटरनेट मीडिया का दुरुपयोग समाज में हो रहा है जो चिंता का कारण है। चरित्रहनन और मानहानि के कई मामले इंटरनेट मीडिया में आए है। यही नहीं कई अधिकारियों द्वारा भी ऑफिसियल कोड ऑफ कंडक्ट से परे इंटरनेट मीडिया पर बातें शेयर की जाती है। समाज के समेकित संदर्भ में इंटरनेट मीडिया के लिए कुछ रेगुलेशन या गाईड लाइन्स होनी जरूरी है। अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के नाम पर सबकुछ कहने और करने की छूट कैसे दी जा सकती है। देशहित-समाजहित को तो ध्यान में रखना ही होगा।
समाज में आपसी भाईचारा ख़त्म करने पर तुले हैं कुछ लोगः मांझी
इधर, हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने कहा कि इंटरनेट मीडिया के जरिए कई दंगाई तत्व-संगठन समाज में आपसी भाईचारा ख़त्म करने पर तुले हैं, जिसका परिणाम सबको भुगताना पड़ रहा है। ऐसे तत्वों पर सरकार कारवाई कर रही है तो विपक्ष को इतना खौफ क्यों सता रहा है? ऐसा तो नहीं कि वही लोग इंटरनेट मीडिया पर आपत्तिजनक पोस्ट करके दंगा फैला रहे हैं?
हैदर काजमी लेकर आ रहे 'चुहिया', आमिर खान की 'पीपली लाइव' के नत्था का भी मिलेगा साथ
जागरण टीम, पटना। भारत में एजुकेशन सिस्टम, कास्ट सिस्टम और जेंडर इनइक्वालिटी जैसे मुद्दों को उभारने वाले सब्जेक्ट्स के साथ अवार्ड विनिंग फिल्म मेकर्स हैदर काजमी एक फिल्म बना रहे हैं, जिसका नाम 'चुहिया' है। 120 मिनट के इस फिल्म की शूटिंग 28 जनवरी से शुरू होगी। शूटिंग बिहार के जहानाबाद पाली में की जायेगी। इसकी जानकारी खुद हैदर काजमी ने दी। फिल्म में मुख्य भूमिका अनुपमा प्रकाश निभा रही हैं, जो 'चुहिया' के किरदार में नजर आएंगी।
फिल्म की केंद्रीय भूमिका में हैं अनुपमा प्रकाश
फिल्म को लेकर हैदर काजमी ने बताया कि फिल्म 'चुहिया' का निर्माण हैदर काजमी फिल्म्स के साथ एएससी डिजिटल प्रा. लि. प्रस्तुति में किया जा रहा है। फिल्म की केंद्रीय भूमिका में अनुपमा प्रकाश हैं, जो 'चुहिया' के किरदार में नज़र आएंगी। मैं खुद भी फिल्म के एक किरदार में हूं। जबकि बॉलीवुड कलाकार आमिर खान की पीपली लाइव में नत्था के किरदार से प्रसिद्ध हुए एक बेहतरीन अभिनेता ओमकार दास मानिकपुरी भी इस फिल्म में हैं। उनके अलावा अनिल यादव, अरूण कुमार, अक्षय वर्मा, अली खान, शर्मिला डे, सौरभ कुमार, अहद काजमी मुख्य भूमिका में हैं। हमारी फिल्म बेटी बचाओ - बेटी पढ़ाओ मुहिम को भी आत्मसात करती है। हम एक बेहतरीन फिल्म बना रहे हैं। ये भी इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल में जायेगी। उसके बाद इसको हम ओटीटी प्लेटफॉर्म पर रिलीज करेंगे।
हैदर काजमी की जिहाद को मिली थी काफी सराहना
हैदर काजमी ने बताया कि फिल्म 'चुहिया' के प्रोड्यूसर अनिस काजमी और डायरेक्टर हैदर काजमी हैं। फिल्म को को–प्रोड्यूस प्रीति राव कृष्णा ने किया है। फिल्म में म्यूजिक अमन के श्लोक का है और पीआरओ रंजन सिन्हा हैं। आपको बता दें कि हैदर काजमी की पिछली फिल्म 'जिहाद' थी, जिसे कांस समेत दर्जन भर फिल्म से ज्यादा फिल्म फेस्टिवल में विभिन्न कैटेगरी में अवार्ड मिल चुके हैं। इसके अलावा उन्होंने बैंडिट शकुंतला को भी डायरेक्ट किया है। -
गुरु गोविंद सिंह अस्पताल में अब रात में भी होगा ऑपरेशन, महिला डॉक्टर के बूते नहीं चल पा रहा विभाग
जागरण संवाददाता, पटना सिटी: श्री गुरु गोविंद सिंह सदर अस्पताल को एक और निश्चेतक डॉ. पंकज कुमार मिल गए हैं। पहले से एक निश्चेतक डॉ. राजीव कुमार वर्मा कार्यरत थे। दो निश्चेतक हो जाने के बाद अब अस्पताल प्रशासन ने चौबीस घंटे मरीजों का ऑपरेशन किए जाने की व्यवस्था सुनिश्चित कर ली है। अगले सप्ताह से यह बदली व्यवस्था के क्रियान्वयन की संभावना अधीक्षक ने जतायी है।
अधीक्षक डॉ. पशुपति प्रसाद सिंह ने बताया कि निश्चेतक का ही इंतजार था। उन्होंने बताया कि सर्जरी विभाग में डॉ. आरिफ अब्दुल्लाह, डॉ. कैलाश प्रसाद लाडिया और डॉ. अशोक कुमार कारीवाल कार्यरत हैं। इन विशेषज्ञ चिकित्सकों का अधिक लाभ अब मरीजों को मिलेगा। उन्होंने बताया कि स्त्री एवं प्रसूति विभाग में कार्यरत पांच महिला डॉक्टरों में से एक डॉ. सरिता राज्य स्वास्थ्य समिति में प्रतिनियुक्ति पर हैं। इन्हें अस्पताल लौटाने के लिए विभाग को पत्र लिखा है। पहले से विभाग में डॉ. प्रेमलता वर्मा, डॉ. निशा, डॉ. प्रबिता राय कार्यरत हैं। इसी विभाग की डॉक्टर सह उपाध्यक्ष डॉ. मणि दीपा मजूमदार इसी माह सेवानिवृत हो रही है।
सदर अस्पताल के अधीक्षक ने बताया कि चौबीस घंटे ओटी चलाने के लिए रोस्टर तैयार किया जा रहा है। एक महिला डॉक्टर के प्रतिनियुक्ति से लौटते ही स्त्री एवं प्रसूति विभाग का ओपीडी, ओटी, प्रसूति, इमरजेंसी सब कुछ सामान्य तरीके से चलने लगेगा। चौबीस घंटे और सातों दिन यह विभाग काम करने लगेगा। अधीक्षक ने स्पष्ट किया कि निश्चेतना विभाग में दो डॉक्टर हो जाने से अस्पताल के इंडोर में मरीजों की संख्या बढ़ेगी। अस्पताल सुधार समिति के महासचिव बलराम चौधरी ने कहा कि चौबीस घंटे सातों दिन ओटी नहीं चलने के कारण यहां से मरीजों को रेफर कर दिया जाता है। गरीब मरीज निजी अस्पताल के चंगुल में फंस जाते हैं। दो निश्चेतक हो जाने से अब मरीजों को अस्पताल का लाभ मिलना चाहिए।
Bihar Cabinet Expansion: टीम नीतीश में नए चेहरों को मिलेगी तरजीह, मंत्री पद के दावेदारों को दिए जा रहे दूसरे पद
पटना, राज्य ब्यूरो। Bihar Cabinet Expansion कैबिनेट विस्तार में भले ही देरी हो रही हो, लेकिन महत्वपूर्ण लोगों को कम महत्व वाले पदों पर बिठाकर संकेत दिया जा रहा है कि टीम नीतीश (Team Nitish) में नए चेहरों को तरजीह मिलेगी। पिछली सरकार में ग्रामीण विकास एवं संसदीय कार्य मंत्री रहे श्रवण कुमार (Shravan Kumar) को विधानसभा में सत्तारूढ़ दल का मुख्य सचेतक बनाकर शायद यही संदेश दिया गया है। इससे पहले भी कई दावेदार, जो पिछली सरकार में महत्वपूर्ण विभागों के मंत्री थे, को विधान मंडल की समितियों में जगह दे दी गई है।
विधानसभा में सत्तारूढ़ दल का मुख्य सचेतक बने श्रवण कुमार
श्रवण कुमार जनता दल यूनाइटेड (JDU) के लिए बेहद महत्वपूर्ण हैं। वे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के गृह जिला नालंदा के नालंदा विधानसभा क्षेत्र के विधायक हैं। जेडीयू में उनकी पूछ है। कार्यकर्ताओं के लिए वे सहज उपलब्ध रहते हैं। विधायकों की संख्या कम रहने के कारण इस बार नीतीश कुमार के कैबिनेट में जेडीयू कोटे के सदस्यों की संख्या कम रहने की आशंका जाहिर की जा रही है। फिर भी मंत्री के लिए श्रवण कुमार का नाम चल रहा था। उन्हें विधानसभा में सत्तारूढ़ दल का मुख्य सचेतक बना दिया गया है। इस पद पर रहते हुए उन्हें मंत्री जैसी सुविधाएं तो मिलेंगी, लेकिन वह रुतबा नहीं रहेगा।
मंत्री पद की दौड़ में पिछड़े श्रवण, आरसीपी से की भी मुलाकात
नालंदा जिले की राजनीति में श्रवण कुमार लोकदल के समय से ही सक्रिय हैं। वे समाजवादी नेता कर्पूरी ठाकुर के भी प्रिय थे। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी उन पर भरोसा करते हैं। पार्टी के बड़े कार्यक्रम जब कभी नालंदा जिले में हुए, श्रवण ही उसके कर्ता-धर्ता रहे। लेकिन वे आरसीपी सिंह के कभी भी उतने ही प्रिय नहीं रहे। हालांकि, राजनीतिक गलियारे में चर्चा थी कि श्रवण और आरसीपी के बीच मुलाकात और सौहार्द्रपूर्ण बातचीत हुई है। श्रवण के प्रति आरसीपी का रूख भी नरम हुआ है। यह चर्चा चल ही रही थी कि श्रवण को विधानसभा में मुख्य सचेतक बनाने की खबर आ गई। अब यह माना जा रहा है कि श्रवण मंत्री बनने की दौड़ में पिछड़ गए हैं।
सुशील मोदी, संजय झा व विनोद नारायण झा भी हैं उदाहरण
राज्य में नई सरकार के गठन के वक्त सुशील कुमार मोदी को विधान परिषद की एक कमेटी का चेयरमैन बना दिया गया था। उसी समय तय हो गया था कि मोदी राज्य कैबिनेट में शामिल नहीं होंगे। कमेटी के चेयरमैन के नाते उन्हें कैबिनेट मंत्री की सुविधाएं मिलने लगी थीं। अनुमान सही निकला। मोदी राज्यसभा में चले गए। उनके साथ ही पूर्व मंत्री संजय झा को भी परिषद की एक कमेटी का चेयरमैन बना दिया गया था। उधर विधान परिषद की एक कमेटी का चेयरमैन पद पूर्व मंत्री विनोद नारायण झा को दे दिया गया।
नीतीश मंत्रिमंडल के विस्तार में नए चेहरों को मिलेगी तरजीह
हालांकि, किसी कमेटी के चेयरमैन बनने के बाद भी विधायक या विधान परिषद के सदस्य मंत्री बनते रहे हैं। लेकिन इस समय, जबकि कैबिनेट के विस्तार को लेकर रहस्यमयी स्थिति बनी हुई है, महत्वपूर्ण लोगों को कम महत्व वाले पदों पर बिठाना कहीं न कहीं उनके मंत्री न बनने का संकेत है। साथ ही ये संकेत भी मिल रहे हैं कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के मंत्रिमंडल विस्तार में नए चेहरों को सामने लाया जाएगा।
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