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'प्लेन के टायर...', विमान क्रैश पर एयरलाइन कंपनी के इंजीनियर का बड़ा बयान; 3 बातों ने खोली आंखें
जागरण संवाददाता, पटना। अहमदाबाद विमान क्रैश के टेकऑफ से पूर्व फ्लाइट की तकनीकी जांच को लेकर कई तरह के सवाल खड़े हो गए हैं। पटना एयरपोर्ट पर फ्लाइट की ग्राउंडिंग टाइम (लैंडिंग के उपरांत दोबारा टेकऑफ लेने का समय) लगभग 45 मिनट है। यहां बेस यानी रात्रि में विमान की परिचालन की सुविधा नहीं है।
इस कारण पटना एयरपोर्ट पर मेजर मेंटेनेंस से संबंधित कार्य नहीं होता है। ग्राउंडिंग टाइम में लगभग 40 मिनट तक विमान की जांच की जाती है।
इस दौरान फ्यूल, लैंडिंग गियर, केबल, फ्लैप (डैना), वाइपर आदि जांचा जाता है। यदि जांच के दौरान कोई बड़ी गड़बड़ी मिली तो बेस एयरपोर्ट से अभियंता बुलाए जाते हैं।
सभी विमानन कंपनियों के अभियंताओं की अपनी टीम है। तकनीशियन एवं मैकेनिकल व इलेक्ट्रिकल अभियंता मिलाकर औसत 35 लोगों की टीम एक शिफ्ट में तैनात रहती है।
इंजीनियर ने उठाए 3 अहम सवालअहमदाबाद हादसे को लेकर आ रहीं तरह-तरह की प्रतिक्रियाओं के बीच पटना एयरपोर्ट पर सेवा दे रहे एक विमानन कंपनी के अभियंता (इंजीनियर) ने नाम प्रकाशित नहीं करने की शर्त पर तीन बिंदुओं पर गहनता से जांच किए जाने की बात कही।
उन्होंने बताया कि मौसम के अनुसार, समर और विंटर शेड्यूल जारी किया जाता है। अभी समर शेड्यूल के तहत विमानों का परिचालन होता है। इस मौसम में हवा गरम होती है, जिससे उसका घनत्व कम हो जाता है। वह ऊपर की ओर उठने लगती है।
यही कारण है कि इस मौसम में विमान पर अधिक भार न पड़े, इसके लिए यात्रियों की संख्या और कार्गो का वजन कम किया जाता है। वहीं, जो तस्वीरें सामने आ रही हैं, उसे देख कर स्पष्ट है कि हादसाग्रस्त विमान के फ्लैप ऊपर की ओर थे। यह लैंडिंग के समय होता है।
'प्लेन के चक्के अंदर होने चाहिए...'इसके अलावा, विमान का अगला चक्का (टायर) भी बाहर था, जो टेकऑफ के समय धरती छोड़ते ही अंदर चला जाता है। जहां विमान टकराया, वहां तक पहुंचने से पहले उसके चक्के अंदर होने चाहिए थे। इन तीन बिंदुओं पर यदि गहनता से जांच की जाए तो सच्चाई सामने आ सकती है।
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IIT NIT Counselling 2025: पहला सीट आवंटन 14 जून को, कॉलेज मिलने पर ऑनलाइन रिपोर्टिंग नहीं की तो हो जाएंगे बाहर
जागरण संवाददाता, पटना। देश के सभी आईआईटी-एनआईटी, ट्रिपलआईटी व जीएफटीआई सहित 127 कॉलेजों में 62,853 सीटों के लिए जोसा द्वारा ज्वाइंट काउंसलिंग चल रही है। जिसमें 23 आईआईटी की 18,160 सीटें, 32 एनआईटी की 24,525 सीटें, 26 ट्रिपलआईटी की 9,940 सीटें एवं 47 जीएफटीआई की 10,228 सीटें शामिल हैं।
इस ज्वाइंट काउंसलिंग का प्रथम राउंड का सीट आवंटन 14 जून को सुबह 10 बजे जारी होगा। विद्यार्थी जिन्हें प्रथम राउंड सीट आवंटन में किसी भी कॉलेज का सीट आवंटन होगा, उन्हें 14 से 18 जून के मध्य ऑनलाइन रिपोर्टिंग करनी होगी।
जिन विद्यार्थियों को प्रथम राउंड में सीट का आवंटन होगा, उन्हें ऑनलाइन रिपोर्टिंग कर सीट एक्सेप्टेंस फीस जमा करना आवश्यक है, अन्यथा वे आगे की काउंसलिंग राउंड से बाहर हो जाएंगे। विद्यार्थियों को ऑनलाइन रिपोर्टिंग के समय फ्रीज, फ्लाट एवं स्लाइड का विकल्प चुनकर सीट एक्सेप्टेंस फीस जमा करवानी होगी।
यह फीस सामान्य, ईडब्ल्यूएस व ओबीसी के लिए 30 हजार, एससी-एसटी व शारीरिक विंकलांग विद्यार्थियों के लिए 15 हजार रुपए रखी गई है। सीट एक्सेप्टेंस फीस जमा करने के बाद विद्यार्थियों को आवश्यक दस्तावेजों को स्केन कर अपलोड करना होगा।
आवश्यक दस्तावेजों में विद्यार्थी को कक्षा 10 वीं एवं 12 वीं की अंक तालिका, कैटेगरी संबंधित दस्तावेज, मेडिकल सर्टिफिकेट, कैंसिल चेक कॉपी, जेईई-मेन या एडवांस्ड का प्रवेश पत्र स्केन कर अपलोड करना होगा। ओबीसी एवं ईडब्ल्यूएस के विद्यार्थियों को कैटेगरी दस्तावेज एक अप्रेल 2025 के बाद का स्केन कर अपलोड करना होगा।
अपलोड किए गए दस्तावेजों का जोसा वैरीफिकेशन अथोरिटी द्वारा वेरिफिकेशन होने के बाद ही आवंटित सीट कन्फर्म की जाएगी। विद्यार्थियों को 19 जून तक दस्तावेजों में कमी की सूचना मिलने पर उनका रेस्पांस देकर कमी पूरी करनी होगी,अन्यथा उनकी आवंटित सीट निरस्त कर दी जाएगी।
फ्रीज विकल्प को चुन सकते हैं विद्यार्थीविद्यार्थियों को ऑनलाइन रिपोर्टिंग में फ्रीज, फ्लाट व स्लाइड का विकल्प दिया जाएगा। यदि विद्यार्थी प्रथम राउंड में आवंटित सीट से संतुष्ट है और आगे के राउंड की काउंसलिंग में भाग नहीं लेना चाहता है तो फ्रीज विकल्प को चुन सकता है। साथ ही वह विद्यार्थी जो आगे की काउंसलिंग में भी भाग लेना चाहते हैं, उन्हें फ्लाट एवं स्लाइड का विकल्प चुनना होगा।
फ्लाट विकल्प द्वारा विद्यार्थी को उसकी मिली हुई कॉलेज के ऊपर च्वाइस फिलिंग करना होगा। इस दौरान कालेज वरीयता सूची में भरी हुई किसी भी संस्थान की ब्रांच में अपवर्ड मूवमेंट एवं स्लाइड विकल्प द्वारा संस्थान के ऊपर वरीयता सूची में भरी हुई उसी कालेज की ब्रांच में अपवर्ड मूवमेंट का मौका मिलेगा।
Bihar Politics: महागठबंधन के घटक तेजस्वी को सौंपेंगे अपनी पसंदीदा सीटों की सूची, क्या होगा फॉर्मूला?
राज्य ब्यूरो, पटना। महागठबंधन में सीट बंटवारे पर चर्चा आगे होने वाली बैठकों में ही होगी। बहुत संभव है कि समन्वय समिति की अगली बैठक से बातचीत की प्रक्रिया शुरू हो। ऐसा घटक दलों का मानना है। हालांकि, राजद सूत्रों का कहना है कि कोई जल्दबाजी नहीं है। अभी समन्वय और सहयोग पर फोकस है, ताकि चुनावी कार्यक्रमों को आगे बढ़ाया जा सके।
गुरुवार को हुई बैठक में साझा आयोजन-आंदोलन पर सहमति बन गई है। इसके लिए तिथियोंं का निर्धारण यथाशीघ्र होगा। नौ जुलाई को प्रस्तावित ट्रेड यूनियन की हड़ताल में सभी घटक दलों की सक्रिय सहभागिता रहेगी। इस बीच वे अपनी पसंदीदा सीटों की सूची तेजस्वी यादव को सौंप देंगे। राजद द्वारा दावों की वस्तुस्थिति का आकलन करने के बाद ही सीट समझौते पर बातचीत की शुरुआत होगी।
तेजस्वी की अध्यक्षता में महागठबंधन की यह चौथी बैठक थी, जो उनके सरकारी आवास पर हुई। समन्वय समिति के साथ उसकी पांचों उप-समितियों की पहली बैठक रही। तय हुआ कि प्रदेश की तरह ही प्रखंड स्तर तक समन्वय बढ़ाया जाए। उप-समितियां नियमित रूप से बैठक कर अपने कार्य-क्षेत्र से संबंधित जन-समस्याओं का समाधान सुझाएं।
सार्वजनिक स्थलों पर महागठबंधन के मुद्दों को यूं ही छेड़ दिया जाए, ताकि जनमत तैयार होता रहे। महत्वपूर्ण यह कि किसी भी दल की घोषणा महागठबंधन की घोषणा होगी। उल्लेखनीय है कि महिलाओं को नकदी लाभ दिए जाने के वादे पर कांग्रेस और राजद के बीच अंदरखाने श्रेय की होड़ थी। इस व्यवस्था से अब आशंकाओं पर विराम लग जाएगा।
बैठक के बाद राजद के अब्दुल बारी सिद्दिकी ने बताया कि महंगाई, बेरोजगारी, पलायन, अपराध आदि मुद्दे पर महागठबंधन पहले भी मुखर रहा है। आने वाले दिनों में इन मुद्दों पर जनता के बीच साझा आंदोलन होगा। सीट शेयरिंग के प्रश्न को वे यह कहकर टाल गए कि जब चर्चा होगी तो सभी को पता चल जाएगा।
राजद के प्रधान प्रवक्ता प्रो. मनोज झा ने कहा कि मात्र दावेदारी से सीटों की संख्या तय नहीं हो जाती। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष राजेश राम भी गोलमोल उत्तर देते हुए निकल गए। माले की विधान पार्षद शशि यादव का पूरा जोर जन-हित के मुद्दों पर साझा कार्यक्रमों पर था।
अलबत्ता माकपा विधायक अजय कुमार ने बताया कि अभी तेजस्वी को सीटों की सूची सौंपी जानी है। समझौते का फॉर्मूला पिछली बार से थोड़ा-बहुत ही आगे-पीछे होगा।
महागठबंधन में नए सहयोगी की संभावना पर उन्होंने कहा कि वैसी स्थिति में राजद को अपने हिस्से से ही साझेदारी करनी होगी। मुख्यमंत्री के चेहरे पर उन्होंने कहा कि सर्वविदित है। महागठबंधन का नेतृत्व तो तेजस्वी ही कर रहे हैं!
बिहार में DBT योजनाओं को लेकर समीक्षा बैठक का आयोजन, विभागीय नोडल अधिकारी नियुक्त करने का निर्देश
डिजिटल डेस्क, पटना। डीबीटी से संबंधित आंकड़ों को उपलब्ध कराने और अन्य आवश्यक कार्यों के सुचारू संचालन के लिए प्रत्येक विभाग की तरफ से एक विभागीय नोडल पदाधिकारी नामित किया जाएगा। इन नोडल पदाधिकारियों की सूचना तुरंत वित्त विभाग को उपलब्ध करानी होगी।
राज्य में प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (डीबीटी) योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन और लाभार्थियों तक समय पर सूचना पहुंचाने के उद्देश्य से वित्त विभाग के विशेष सचिव मुकेश कुमार लाल की अध्यक्षता में पुराने सचिवालय स्थित सभा कक्ष में एक अहम बैठक संपन्न हुई। इस बैठक में विभिन्न संबंधित विभागों के आईटी प्रबंधक (आईटी मैनेजर), आंतरिक वित्तीय सलाहकार (आईएफए) और नोडल पदाधिकारियों ने भाग लिया।
उल्लेखनीय है कि मुख्य सचिव की ओर से सभी विभागों के अपर मुख्य सचिव/प्रधान सचिव/सचिव को पहले ही यह निर्देश दिया जा चुका है कि वे डीबीटी से संबंधित आंकड़े शीघ्र उपलब्ध कराएं। बैठक के बाद वित्त विभाग की तरफ से एक प्रपत्र उपलब्ध करवाया गया, जिसमें उपस्थित पदाधिकारियों से उनके विभागों के नोडल पदाधिकारी की जानकारी साझा की गई।
वित्त विभाग के विशेष सचिव ने सभी विभागीय अधिकारियों को यह भी निर्देश दिया कि वे शीघ्र ही एक टोल-फ्री नंबर वित्त विभाग को उपलब्ध कराना सुनिश्चित करें। इस टोल-फ्री नंबर के माध्यम से लाभार्थियों को डीबीटी से संबंधित जानकारी समय पर मिल सकेगी। लाभार्थियों की जानकारी प्राप्त होने पर उन्हें व्हाट्सएप और एसएमएस के माध्यम से भी सूचना दी जाएगी।
डीबीटी से संबंधित योजनाओं के संबंध में संदेश प्रेषण के लिए सूचना एवं जनसंपर्क विभाग द्वारा चयनित एजेंसियों के माध्यम से और निर्धारित दर पर कंटेंट बनाने का कार्य वित्त विभाग की तरफ से किया जाएगा।
यह पहल राज्य सरकार की डीबीटी योजनाओं में पारदर्शिता और दक्षता लाने तथा लाभार्थियों तक समय पर लाभ सुनिश्चित करने की प्रतिबद्धता को दर्शाती है।
अहमदाबाद विमान हादसे पर सीएम नीतीश ने जताया दुख, बोले- मेरी संवेदनाएं सभी प्रभावित परिवारों के साथ
राज्य ब्यूरो, पटना। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अहमदाबाद से लंदन जा रहे एअर इंडिया विमान हादसे पर गहरी शोक संवेदना व्यक्त की है। मुख्यमंत्री ने अपने शोक संदेश में कहा कि अहमदाबाद में हुआ विमान हादसा अत्यंत पीड़ादायक है। इस घटना से वह मर्माहत हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस विकट घड़ी में मेरी संवेदनाएं सभी प्रभावित परिवारों के साथ हैं।
गुजरात विमान हादसे पर कांग्रेस, वीआईपी और हम नेताओं ने जताया दुखबिहार कांग्रेस के साथ ही विकासशील इंसान पार्टी ने इस हृदय विदारक घटना पर शेाक जताया है। बिहार कांग्रेस अध्यक्ष राजेश कुमार ने कहा कि विमान हादसे में मारे गए लोगों के प्रति कांग्रेस शोक व्यक्त करती है।
उन्होंने कहा कि एअर इंडिया विमान में 242 लोग सवार थे, जिनमें 230 यात्री, 2 पायलट, और 10 केबिन क्रू शामिल थे। हादसा इतना भीषण था कि इसकी कल्पना नहीं की जा सकती। हादसे ने हर किसी को झकझोर कर रख दिया है। यात्री विमान के क्रैश होने की घटना अत्यंत दुखद और हृदय विदारक है। मेरी संवेदनाएं पीड़ितों व उनके परिवारों के साथ है।
वहीं, विकासशील इंसान पार्टी के संस्थापक और बिहार के पूर्व मंत्री मुकेश सहनी ने विमान हादसे पर दुख व्यक्त किया है। उन्होंने बयान जारी कर कहा कि अहमदाबाद प्लेन हादसा बेहद ही दुखद है। सुनकर वे बुरी तरह से आहत हैं। देश का एक-एक नागरिक घटना के बाद से दुखी है। हम सभी विमान मे सवार यात्रियों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त करते हैं।
सहनी ने प्लेन हादसा क्यों हुआ इसकी जांच की भी मांग की है। मुकेश सहनी के साथ पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता देव ज्योति ने भी संवेदना व्यक्त की है।
इन नेताओं के साथ ही हम के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मंत्री संतोष सुमन ने हादसे पर अपनी गहरी संवेदना व्यक्त करते हुए घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताया है। उन्होंने इस क्रैश की गहनता से जांच की मांग की है।
बिहार के गांवों की अर्थव्यवस्था में बढ़ रही महिलाओं की भागीदारी, जीविका दीदियों को मिल रही 5000 प्रतिवर्ष की सहायता राशि
डिजिटल डेस्क, पटना। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में राज्य का सर्वांगीण विकास हो रहा है। राज्य सरकार की दूरदर्शी योजनाओं ने ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती देने के साथ-साथ जल संरक्षण और आजीविका संवर्धन को भी एक नई दिशा दी है। गांवों में निर्मित अमृत सरोवर अब महज जलाशय नहीं, बल्कि समग्र विकास के केंद्र तब्दील हो रहे हैं। इन सरोवरों के माध्यम से एक ओर जहां वर्षा के जल के संचयन से फसलों की सिंचाई की जा रही है, वहीं इन सरोवरों में मछली पालन से जीविका दीदियों के लिए रोजगार के नए अवसर भी सृजित हो रहे हैं।
राज्य सरकार द्वारा जीविका दीदियों को प्रतिवर्ष 5,000 रुपये की सहायता राशि दी जा रही है, जिससे वे अमृत सरोवरों में मछली पालन कर अपनी आर्थिक स्थिति को सुदृढ़ बना रही हैं। इससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था में महिलाओं की भागीदारी भी सशक्त रूप से सामने आ रही है। 15वें वित्त आयोग के टाइड फंड की 30 प्रतिशत राशि से राज्य की ग्राम पंचायतों में पंचायती राज प्रतिनिधियों एवं पदाधिकारियों की देखरेख में इन सरोवरों का निर्माण किया गया है। प्रत्येक नए सरोवर का क्षेत्रफल 2 एकड़, 30 डिसमिल निर्धारित किया गया है। इससे भूजल के स्तर में सुधार हुआ है और लोगों को स्थानीय जल संकट से राहत मिली है।
इन सरोवरों के चारों ओर मियाकायी (जर्मन) पद्धति से बरगद और पीपल जैसे छायादार वृक्षों के पौधे लगाए जा रहे हैं। जिससे लोगों को गरमी से तो राहत मिल ही रही है, साथ ही शाम के समय सरोवरों के किनारे लोग अपने परिवार के साथ समय भी गुजार रहे हैं। गौरतलब है कि अब तक राज्य में कुल 2,613 अमृत सरोवरों का विकास किया जा चुका है, जिसकी जानकारी भारत सरकार के पोर्टल https://amritsarovar.gov.in/ पर उपलब्ध है। ये सरोवर सौंदर्यीकरण, जल प्रबंधन, मखाना उत्पादन, स्थानीय पर्यटन और रोजगार सृजन में भी अहम भूमिका निभा रहे हैं।
गांवों को जलसंकट का नहीं करना होगा सामना
राज्य के गांवों में रहने वाले लोगों को स्वच्छ जल के संकट का सामना न करना पड़े, इसके लिए जल-जीवन-हरियाली अभियान के अंतर्गत ग्राम पंचायतों में पारंपरिक जलस्रोतों के संरक्षण और संवर्धन को प्राथमिकता दी जा रही है। अबतक राज्य की विभिन्न पंचायतों में 25,262 सार्वजनिक कुओं का जीर्णोद्धार तथा 18,526 सोख्ता निर्माण कार्य संपन्न हो चुका है।
इस अभियान का उद्देश्य ग्रामीण स्तर पर भूजल रिचार्ज को बढ़ावा देना और जल के सतत उपयोग को सुनिश्चित करना है। वित्तीय दृष्टिकोण से यह योजना 15वीं वित्त आयोग द्वारा उपलब्ध कराई गई राशि से संचालित की जा रही है। इसके अंतर्गत न केवल सार्वजनिक जलस्रोतों का पुनरुद्धार किया जा रहा है, बल्कि पंचायत सरकार भवनों, जिला पंचायत संसाधन केंद्रों तथा अन्य सरकारी भवनों में वर्षाजल संचयन संरचनाओं का निर्माण भी सुनिश्चित किया गया है।
भवन निर्माण विभाग की ओर से वर्षाजल संचयन के लिए दो मॉडल प्राक्कलन उपलब्ध कराए गए हैं। इसमें 'सैंडी सॉयल' के लिए 65,600 रुपए और 'अदर दैन सैंडी सॉयल' के लिए 95,000 रुपए की अनुमानित लागत है। पंचायती राज विभाग के अधीन सभी सरकारी भवनों में कम से कम एक वर्षाजल संचयन संरचना का निर्माण अनिवार्य रूप से किया गया है। बिना इस प्रावधान के कोई भी प्राक्कलन विभागीय स्वीकृति प्राप्त नहीं कर सकता। साथ ही, जिन त्रिस्तरीय पंचायत भवनों में अभी तक वर्षाजल संचयन की व्यवस्था नहीं की गई है, उनके लिए ग्राम पंचायत विकास योजना, प्रखंड पंचायत विकास योजना तथा जिला पंचायत योजना के अंतर्गत नई योजनाएं बनाकर संरचना निर्माण के निर्देश जारी किए गए हैं।
यह पहल न केवल जलसंकट से निपटने की दिशा में एक ठोस कदम है, बल्कि जल संरक्षण की संस्कृति को भी ग्राम स्तर पर मजबूत करने में सहायक सिद्ध हो रही है। पंचायती राज विभाग का यह प्रयास जल-जीवन-हरियाली अभियान को जमीनी स्तर पर प्रभावशाली रूप देने की दिशा में एक अनुकरणीय उदाहरण है।
22 जून से आर्द्रा नक्षत्र आरंभ, तेज हवा के साथ सामान्य वर्षा के आसार; भगवान विष्णु को भोग लगाने से लाभ
जासं, पटना। ज्योतिष शास्त्र में सूर्य का आर्द्रा नक्षत्र में प्रवेश करना उत्तम माना गया है। सूर्य को आरोग्य के कारक, ऊर्जा व प्रकाश के प्रतीक, जीवन में उम्मीद के संवाहक, संसार की आत्मा के संज्ञा दी गई है। ज्योतिष में सूर्य के राशि परिवर्तन का विशेष महत्व बताया गया है। सूर्य की आर्द्रा नक्षत्र में उपस्थिति होने से इसकी महत्ता और बढ़ जाती है। आर्द्रा नक्षत्र उत्तर दिशा के स्वामी तथा इस नक्षत्र का स्वामी राहु होते हैं।
27 नक्षत्रों में यह छठा नक्षत्र है, जो मृगशिरा के बाद एवं पुनर्वसु नक्षत्र के पहले आता है। इस नक्षत्र का अधिपति राहु है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार 22 जून से आर्द्रा नक्षत्र का आरंभ होगा, जो छह जुलाई तक रहेगा। पंडित राकेश झा ने पंचांगों के हवाले से बताया कि आषाढ़ कृष्ण द्वादशी में 22 जून रविवार की दोपहर 01:54 बजे सूर्य आर्द्रा नक्षत्र में प्रवेश करेंगे।
6 जुलाई की शाम 03:32 बजे तक नक्षत्र रहेगाआर्द्रा नक्षत्र के शुरू होने के साथ ही सनातन धर्मावलंबी के घरों में विशेष रूप से खीर, दाल वाली पूड़ी बनाकर भगवान विष्णु को भोग लगाकर ग्रहण करेंगे। आषाढ़ शुक्ल एकादशी 6 जुलाई रविवार की शाम 03:32 बजे तक यह नक्षत्र रहेगा। यह नक्षत्र जितने दिन रहता है, इसमें वर्षा की अधिक संभावना रहती है। इससे खेती पर अच्छा असर पड़ता है। इस नक्षत्र से मानसून की वर्षा में तेजी आने लगती है। धार्मिक मान्यता के अनुसार इस नक्षत्र में वर्षा के दौरान स्नान करने से चर्म रोग जैसी बीमारियों से राहत मिलती है।
27 नक्षत्रों में जीवनदायी है आर्द्रासभी 27 नक्षत्रों में आर्द्रा को जीवनदायी नक्षत्र कहा गया है। इससे धरती को नमी प्राप्त होती है। यह नक्षत्र आकाश मंडल में मणि के समान दिखाई देता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार नक्षत्र पुरुष भगवान नारायण के केशों में आर्द्रा नक्षत्र का निवास है। यही कारण है कि आर्द्रा नक्षत्र को जीवनदायी कहा जाता है। कृषि कार्य की शुरुआत इसी नक्षत्र में होने के कारण यह नक्षत्र सर्वाधिक लोकप्रिय है।
उत्तम वर्षा के बन रहे आसारआषाढ़ शुक्ल एकादशी छह जुलाई रविवार को जल लग्न की राशि में पुनर्वसु नक्षत्र का प्रवेश होने से उत्तम वर्षा का आसार बना रहेगा। आर्द्रा नक्षत्र से लेकर आगामी 10 नक्षत्र यानी हस्त नक्षत्र तक वर्षा के लिए अनुकूल समयावधि माना गया है। वर्षा का यह क्रम स्वाति नक्षत्र तक चलता है।
जुलाई-अगस्त में छह चरण में होगी बिहार सिपाही भर्ती परीक्षा, 19,838 पदों के लिए होगा लिखित एग्जाम
जागरण संवाददाता, पटना। केंद्रीय चयन पर्षद सिपाही भर्ती की ओर से बिहार पुलिस में सिपाही के 19,838 पदों के लिए जुलाई-अगस्त में छह चरण में 627 केंद्रों पर परीक्षा आयोजित होगी। परीक्षा में शामिल होने के लिए 16 लाख 73 हजार 586 अभ्यर्थियों के आवेदन वैध पाएं गए है।
एक सप्ताह पहले प्रवेश पत्र होगा डाउनलोडपरीक्षा के लिए प्रवेश पत्र परीक्षा तिथि से एक सप्ताह पहले डाउनलोड किया जा सकता है। अभ्यर्थी 20 जून से परीक्षा शहर एवं परीक्षा तिथि की जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। इस बाबत जानकारी केंद्रीय चयन पर्षद सिपाही भर्ती के अध्यक्ष सह एडीजी जितेंद्र कुमार ने संवाददाता सम्मेलन में दी।
छठे चरण की परीक्षा 30 जुलाई कोउन्होंने बताया कि प्रथम चरण की परीक्षा 16 जुलाई, द्वितीय 20 जुलाई, तृतीय 23 जुलाई, चौथा 27 जुलाई, पांचवां 30 जुलाई एवं छठे चरण की परीक्षा 30 जुलाई को होगी। सभी परीक्षा 38 जिलों में बनें परीक्षा केंद्रों पर एकल पाली में दोपह र 12 बजे से दो बजे तक आयोजित होगी। परीक्षा केंद्रों पर अभ्यर्थियों को प्रवेश पत्र के अतिरिक्त एक वैध परिचय पत्र के साथ जाना होगा। अभ्यर्थियों को सुबह साढ नौ बजे से केंद्रों पर रिपोर्ट करना होगा, साढ़े 10 बजे प्रवेश बंद कर दी जाएगी। प्रवेश से पूर्व अभ्यर्थियों की जांच होगी।
कलम ले जाने की भी नहीं होगी अनुमतिअभ्यर्थियों को परीक्षा केंद्र में ई-प्रवेश पत्र व पहचान पत्र के अतिरिक्त अन्य सामान ले जाने की अनुमति नहीं होगी। उन्हें कलम या पेंसिल भी नहीं ले जाना है। परीक्षा केंद्र में अभ्यर्थियों को कलम उपलब्ध कराया जाएगा।
सीसीटीवी व जैमर की व्यवस्थापरीक्षा केंद्रों पर सीसीटीवी के अतिरिक्त जैमर लगे रहेंगे। केंद्रों पर अभ्यर्थियेां के अंगूठे की बायोमिट्रिक के साथ-साथ फोटो भी लिए जाएंगे। यह पर्षद अपने पास सुरक्षित रखेगा।
14 जुलाई से बनाया जाएगा डुप्लीकेट ई-प्रवेश पत्रबताया कि परीक्षा की तिथि के अनुसार अभ्यर्थियों की डुप्लीकेट ई-प्रवेश पत्र बनाया जाएगा। इसके लिए अभ्यर्थियों को सुबह 10 बजे से शाम पांच बजे तक बैक हार्डिंग रोड स्थित पर्षद कार्यालय में आना होगा। 16 जुलाई को होने वाली परीक्षा के लिए 14 जुलाई को डुप्लीकेट प्रवेश पत्र बनाया जाएगा। इसके बाद के चरणों के लिए 18, 21, 25, 28 जुलाई एवं एक अगस्त को बनाया जाएगा। इसमें अभ्यर्थियों को स्वयं आना होगा।
अहमदाबाद प्लेन क्रैश का पटना एयरपोर्ट पर दिखा असर, फ्लाइटों का बिगड़ा टाइम-टेबल; बेंगलुरु का विमान रद
जागरण संवाददाता, पटना। अहमदाबाद में हुए विमान हादसे का असर पटना एयरपोर्ट से संचालित होने वाली फ्लाइटों पर भी दिखा। शाम पांच बजे के बाद ही फ्लाइटों का टाइम-टेबल बिगड़ गया है। देरी की वजह से उन्हें रि-शेड्यूल किया जा रहा है। वहीं, शाम 7:35 बजे बेंगलुरु से पटना आने वाली स्पाइसजेट की फ्लाइट संख्या एसजी531 को रद कर दिया गया है।
हालांकि, 7:35 बजे पटना से अहमदाबाद के लिए रवाना होने वाली इंडिगो की फ्लाइट को कैंसिल नहीं किए जाने की बात अब तक कही जा रही है।
विमानों की लेटलतीफी के पीछे का कारण बताया जा रहा है कि अहमदाबाद से दिल्ली होकर शाम में तीन फ्लाइटों पटना पहुंचती हैं। उनके समय का पुनर्निधारण किया गया है, जिसके कारण दूसरे विमानों की समयसारिणी प्रभावित हुई है।
बताया जाता है कि स्पाइसजेट की बेंगलुरु-पटना फ्लाइट रद होने से दस मिनट पहले इंडिगो का विमान बेंगलुरु से 29 मिनट यहां लैंड हुआ। इससे पहले पुणे-पटना फ्लाइट भी समय से छह मिनट पहले पटना पहुंच गई।
विमानन कंपनियों के अधिकारियों के मुताबिक, अहमदाबाद में हुए हादसे का बड़ा असर पटना एयरपोर्ट पर नहीं पड़ने वाला है। तीन फ्लाइटें जो दिल्ली से पटना आने वाली थीं, उनके पहुंचने में देरी होने की आशंका है।
इस कारण शाम की फ्लाइटों के समय में थोड़ा बदलाव आया है। शाम 5:40 बजे दिल्ली से पहुंचने वाली एयर इंडिया एक्सप्रेस की फ्लाइट 40 मिनट की देरी से लैंड हुई। इसके बाद रही इंडिगो की ही दिल्ली-पटना फ्लाइट 26 मिनट की देरी से आई।
Ahmedabad Plane Crash: 25 साल पहले डगमगाकर पटना की इमारत से टकराया था विमान, 56 की गई थी जान
जागरण संवाददाता, पटना। अहमदाबाद में गुरुवार को बड़ा हादसा हुआ। एयर इंडिया का विमान क्रैश होने से कई यात्रियों की जान चली गई। यह फ्लाइट अहमदाबाद से लंदन जा रही थी। हादसा दोपहर करीब 1.30 हुआ।
वर्ष 2000 में हुआ था दर्दनाक हादसाअहमदाबाद में विमान एयरपोर्ट की दीवार और एयर कस्टम कार्गो ऑफिस के पास क्रैश हो गया। फ्लाइट पर गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री विजय रूपाणी समेत 242 यात्री सवार थे। इस घटना ने बिहार की राजधानी पटना में साल 2000 में हुए विमान हादसे की याद दिला दी।
पटना में धमाके की आवाज से खुली थी नींद17 जुलाई 2000 को राजधानी में दिल दहलाने वाली घटना हुई थी। राजधानी में 25 साल पहले हुआ हादसा काफी हद तक अहमदाबाद से मिलती-जुलती है। तब अलायंस एयर का बोइंग 737-2A8 विमान हादसे का शिकार हो गया था। पटना के गर्दनीबाग इलाके में यह घटना हुई थी। तब धमाके की आवाज से लोगों की नींद खुली थी। सुबह-सुबह हुई हादसे में 56 यात्रियों की जान गई थी।
लैंडिंग की तैयारी से पहले हुआ था हादसाबताया जाता है कि पटना के जयप्रकाश नारायण अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर लैंडिंग की तैयारी से पहले यह हादसा हुआ था। रनवे से करीब दो किलोमीटर पहले गर्दनीबाग के रिहायशी इलाके में दुर्घटना हुई थी। बताया जाता है कि विमान आसमान में अचानक डगमगाया और जोरदार धमाके के साथ सरकार की आवासीय कॉलोनी पर गिर गया। घटना के बाद चीख पुकार मची थी।
कोलकाता-दिल्ली की फ्लाइट का पटना था स्टॉपेजकोलकाता से दिल्ली जाने वाली इस फ्लाइट का स्टॉपेज पटना भी था। राजधानी में हादसे की खबर नगर निगम के कर्मियों से लोगों को मिली थी। सुबह सड़कों पर झाड़ू लगाने वाले कर्मियों ने सूचना दी थी। इसके बाद देश को इतने बड़े हादसे की खबर मिली थी। लैंडिंग के दौरान हुए इस दर्दनाक हादसे में 51 के शव विमान के अंदर मिले थे। पांच लोगों की लाश जमीन पर मिली थी।
सारण पुलिस को मिली बड़ी सफलता, दोहरे हत्याकांड का नामजद आरोपित वारदात के 17 दिन बाद गिरफ्तार
जागरण संवाददाता,छपरा। छपरा शहर के चर्चित तोहरे हत्याकांड में घटना के 17 दिन के बाद पुलिस को सफलता मिली है। मुफस्सिल थाने की पुलिस एवं एसआईटी ने दोहरे हत्याकांड के एक नामजद आरोपित को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार आरोपित सहाजितपुर थाना क्षेत्र के छपिया निवासी स्वर्गीय रामदेव सिंह का पुत्र राजेन्द्र सिंह है।
पुलिस उसे मुफस्सिल थाना क्षेत्र के चांदमारी रोड स्थित इनके घर से गिरफ्तार किया है। वरीय पुलिस अधीक्षक डा.कुमार आशीष ने गिरफ्तारी की पुष्टि की है। इस मामले एक आरोपित खैरा थाना क्षेत्र के कृष्णा चौक निवासी विजय सिंह अभी भी फरार चल रहा है। इनकी गिरफ्तारी को ले एसआईटी (स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम) की टीम लगातार छापेमारी भी कर रही है।
25 मई हुई थी वारदातउल्लेखनीय हो कि छपरा शहर से सटे मुफस्सिल थाना क्षेत्र के उमा नगर मोहल्ले में 25 मई की शाम मोटरसाइकिल सवार बदमाशों ने गोदरेज के शोरूम के मालिक व उमा नगर निवासी अमरेंद्र कुमार सिंह बाइक से पड़ोसी शंभू सिंह उपाख्य मुखिया के साथ दुकान बंदकर घर शहर की ओर आ रहे थे। इसी दौरानगोली मारकर दो लोगों की हत्या कर दी गई थी।
इस हत्याकांड में अमरेंद्र सिंह की पत्नी रुचि कुमारी ने मुफस्सिल थाने में प्राथमिकी करा साजितपुर थाना क्षेत्र के छपिया निवासी राजेन्द्र सिंह और खैरा थाना क्षेत्र के कृष्णा चौक निवासी विजय सिंह को नामजद किया था। प्राथमिकी उन्होंने कि था कि राजेंद्र सिंह एवं विजय सिंह ने घटना के कुछ दिन पहले उनके घर पर चढ़कर गाली गलौच करते हुए जान से मार देने की धमकी दी थी।
घटना के उद्वेदन के लिए गठित हुआ था एसआइटीशहर से सटे दोहरे हत्याकांड के बाद पुलिस ने घटना के उद्वेदन के लिए एसआईटी का गठन किया गया था, ताकि इस घटना में शामिल बदमाशों को पकड़ा जा सके। वरीय पुलिस अधीक्षक डा.कुमार आशीष ने एसआईटीका गठन किया था।एसआईटी पिछले 17 दिनों से जिले के 40 से अधिक स्थानों पर गिरफ्तारी के लिए छापेमारी कर चुकी है। इसके बाद पुलिस को यह सफलता हाथ लगी है।
अभी एक नामजद आरोपित को और गिरफ्तार करना बाकी है।मुफस्सिल थानाध्यक्ष प्रमोद कुमार प्रभाकर ने गिरफ्तार आरोपित को पूछताछ के बाद न्यायालय में प्रस्तुत कर जेल भेज दिया गया है। पूछताछ के दौरान मिले सबूत के आधार पर पुलिस अब आगे की कार्रवाई करेगी।
अब भी पुलिस के गिरफ्त से बाहर हैं शूटरशहर के चर्चित दोहरी हत्याकांड के शूटर अब अभी भी पुलिस के गिरफ्त से बाहर है। पुलिस उनकी गिरफ्तारी के लिए भी छापेमारी कर रही है। राजेंद्र सिंह की गिरफ्तारी के बाद इस दोहरे हत्याकांड से पर्दा उठ जाएगा। पुलिस ने आरोपित एवं शूटर को गिरफ्तार करने के लिए सीसीटीवी फुटेज एवं मोबाइल सर्विलांस के आधार पर जांच में जुटी हुई थी।
पटना में अपराधी का एनकाउंटर, मैनपुरा गोलीकांड का है आरोपी, भागने की कोशिश में पैर में लगी गोली
जागरण संवाददाता, पटना। पाटलिपुत्र के मैनपुरा में दो लोगों को गोली मारने के मामले में शामिल एक नामजद आरोपी रिशु को पुलिस ने बिहटा थाना क्षेत्र से गिरफ्तार किया है।
गिरफ्तारी के दौरान आरोपी ने पुलिस हिरासत से भागने की कोशिश की, जिसे रोकने के लिए पुलिस को गोली चलानी पड़ी।
गोली रिशु के पैर में लगी, जिसके बाद उसे इलाज के लिए नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराया गया है। पटना के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) अवकाश कुमार ने घटना की पुष्टि करते हुए बताया कि रिशु को बिहटा से गिरफ्तार कर पाटलिपुत्र थाना लाया जा रहा था।
इस दौरान उसने शौच के बहाने भागने का प्रयास किया। पुलिस ने उसे रोकने के लिए गोली चलाई, जो उसके पैर में लगी। एसएसपी ने बताया कि आरोपी का इलाज चल रहा है और मामले की जांच जारी है।
पुलिस के अनुसार, रिशु मैनपुरा गोलीकांड का मुख्य आरोपी है, और उसकी गिरफ्तारी से मामले में महत्वपूर्ण सुराग मिलने की उम्मीद है।
पटना में गर्मी से गैस, उल्टी, पेट दर्द, दस्त, की बढ़ी समस्या, इन उपायों को अपनाएं; नहीं जाना पड़ेगा अस्पताल
जागरण संवाददाता, पटना। राजधानी में गत चार-पांच दिन से झुलसाने वाली गर्मी पड़ रही है। इसका असर स्वास्थ्य पर दिखने लगा है। ठंडा-गर्म होने से एक ओर सर्दी-खांसी, बुखार तो दूसरी ओर गैस-अपच व पाचन संबंधी अन्य रोगों के मरीजों की संख्या बढ़ी है।
पीएमसीएच, एनएमसीएच, आइजीआइएमएस से न्यू गार्डिनर रोड तक की ओपीडी में 20 से 25 प्रतिशत मरीज गर्मी के दुष्प्रभावों से पीड़ित हैं। डाक्टरों के अनुसार गैस, उल्टी, अपच, दस्त, सर्दी-खांसी बुखार, सिरदर्द, चर्म रोग के रोगियों की संख्या बढ़ी है। पीएमसीएच के चर्म रोग विशेषज्ञ डा. अभिषेक कुमार झा के अनुसार तेज धूप के कारण फंगल इंफेक्शन, टीनिया, खुजली व एलर्जी के मामले बढ़े हैं।
इसके अलावा तेज धूप के कारण खासकर बच्चों-बुजुर्गों व घरों में रहने वाली महिलाओं में बेचैनी की वजह से अनिद्रा, चिड़चिड़ापन, थकावट, कमजोरी व तनाव की समस्या बढ़ी है।
महामारी पदाधिकारी डा. प्रशांत कुमार सिंह ने बताया कि जिन रोगियों का बुखार 104 डिग्री सेल्सियस से अधिक हो, भ्रम की स्थिति में हों, बोले कुछ निकले कुछ तो उनका इलाज हीटवेब के लिए जारी मानक के अनुसार करना है। इसके तहत मरीज की हृदय गति, श्वसन गति, ब्लड प्रेशर, रेक्टम टेम्परेचर, मनोस्थिति जांच के अलावा कंप्लीट ब्लड काउंट, ईसीजी, इलेक्ट्रोलाइट्स, ब्लड कागुलेशन, क्लोराइड, किडनी व लिवर फंक्शन टेस्ट की सुविधा होनी चाहिए।
इसके अलावा एंटी डायरिल मेडिसिन, एंटी एमोबिक मेडिसिन, एंटी इमेटिक मेडिसिन, आइवी फ्लूयूड्स, ओआरएस, चिकित्सकीय उपकरण पर्याप्त मात्रा में होने चाहिए। डेडिकेटेड वार्ड में आवश्यक रूप से एसी-कूलर की व्यवस्था होनी चाहिए। रोगी को जिन एंबुलेंस से रेफर किया जाए उनका एयर कंडीशन दुरुस्त हाेना चाहिए।
आयुर्वेदिक उपाय बचाएंगे गर्मी के दुष्प्रभाव सेवैद्य डा. रमण रंजन के अनुसार ग्रीष्म ऋतु में सूर्य की तेज़ किरणों व शुष्क हवाओं से लोगों की शक्ति क्षीण हो जाती है। भीषण गर्मी पाचक अग्नि को कम करती है इसलिए हमें संयमित रूप से हल्का व सुपाच्य भोजन खाना चाहिए। गर्मी से बचाव को पानी की अधिक जरूरत होती है इसलिए पानी, फलों के रस, ओआरएस आदि का भरपूर सेवन करना चाहिए। शरीर में पानी की कमी थकावट, सुस्ती, सूखापन व ऊर्जा की कमी यानी कमजोरी लेकर आती है। एेसे में निम्न सावधानियां काफी कारगर होती हैं।
- - मीठा, हल्का, तरल भोजन, घी (मक्खन) को प्राथमिकता देनी चाहिए।
- - मिट्टी के बर्तनों में रखे पानी, आम, अंगूर, गन्ना, अनार जैसे ताजे रसदार फलों से तैयार पानक, नारियल का पानी, पुदीना, छाछ आदि तरल पदार्थों का सेवन किया जा सकता है।
- -ताजे रसदार फल, सलाद (खीरा, गाजर) व उबले चावल को प्राथमिकता दें।
- -कुछ जड़ी-बूटियों व फलों जैसे अनंत, कमल, गुलाब, आमरा, आम, अंगूर, चंदन, जम्भीरी नींबू आदि का पतला घोल पिएं।
- -गुलाब की पंखुड़ियों व चीनी से बना गुलकंद गर्मी कम कर इसके दुष्प्रभावों से बचाता है।
- - शरीर पर चंदन लेप लगाएं व ठंडे पानी से स्नान करें, जहां तक संभव हो घर के अंदर रहें, धूप से बचें, पतले-हल्के व ढीले कपड़े पहनें एवं शीतल प्रकृति वाले इत्र का प्रयोग करें।
- -इस मौसम में बहुत अधिक परिश्रम व कठिन व्यायाम से बचना चाहिए।
- -गाय का घी दो बूंद नाक में डालें, यह लू से बचाता है। खाली पेट धूप में नहीं जाना चाहिए।
पटना में जेल से छूटे अपराधियों की बढ़ी मुश्किलें, 90 आरोपितों के घर पहुंच गई पुलिस
जागरण संवाददाता, पटना। जिले में बढ़ती घटनाओं और अपराधियों पर नकेल कसने में लिए पुलिस हाल के दिनों में जेल से छूट उन सभी आरोपितों की सूची तैयार कर उनकी गतिविधियों की जानकारी जुटाने के लिए सत्यापन कर रही है। बीते दो दिनों में ऐसे 90 आरोपितों के घर तक पुलिस पहुंच चुकी है।
जो घर पर नहीं मिले, उनके अन्य ठिकानों तक पुलिस पहुंच रही है। कुछ ऐसे भी है, जो जमानत के बाद से फरार है। तकनीकी अनुसंधान कर पुलिस उनकी तलाश में जुटी है। इसमें अधिकांश लूट, झपटमारी, हत्या, चोरी, हत्या के प्रयास सहित अन्य मामलों में आरोपित है।
सभी के स्वजन के संपर्क में भी पुलिस है। एसएसपी अवकाश कुमार ने बताया कि जेल से छूटने वाले आरोपितों का सत्यापन कराने के साथ ही उनकी हर गतिविधियों पर नजर रखी जा रही है। हथियार और गोली तस्करों की पहचान की गिरफ्तारी के लिए एस ड्राइव चलाया जाएगा। वाहनों की जांच भी की जा रही है।
हाल के दिनों में कुछ ऐसी भी घटनाएं सामने आ चुकी हैं, जिसमें संलिप्त आरोपित कुछ दिन पूर्व जेल से बाहर आए थे या फिर वह पूर्व से फरार चल रहे। इसके बाद पुलिस हाल के दिनों में जेल से बाहर आने वाले हरेक आरोपितों की सूची तैयार कर संबंधित थाना पुलिस उनकी गतिविधियों के बारे में जानकारी जुटाने, कौन घर पर है या किस जगह काम कर रहा है?
जमानत मिलने के बाद कितने ऐसे लोग हैं, जिनका संपर्क स्वजनों से नहीं है? वह किन लोगों से मिल रहे है? क्या काम कर रहे? उनकी गतिविधि क्या है? इस पर नजर रखी जा रही है। इसके साथ ही अवैध हथियार लेकर घूमने वाले, हथियार और गोली तस्कर व उनके चेन को तोड़ने के लिए पुलिस एस ड्राइव चलाएगी। थाना पुलिस अवैध हथियार लेकर घूमने वालों की पहचान कर गिरफ्तारी के लिए एस ड्राइव चलाएगी।
जगह और समय बदलकर होगी जांचचौक चौराहों पर शाम से रात और सुबह के समय लगातार वाहनों की जांच की जा रही है। अब पुलिस मुख्य मार्ग और संपर्क मार्ग पर भी जांच अभियान शुरू करेगी। यह अभियान स्थान और समय बदलकर चलाया जाएगा। इसमें सभी थाने की पुलिस अपने अपने क्षेत्र में जांच करेगी। ज्वेलरी शाप, मुख्य बाजार, बैंक के आसपास भी सुबह से शाम जांच जारी है।
देश का पहला राज्य बनेगा बिहार, पैरा-एथलीटों के लिए आवासीय खेल विद्यालय की होगी स्थापना
जागरण संवाददाता, पटना। पैरा खिलाड़ियों के लिए शीघ्र ही बिहार में आवासीय खेल विद्यालय की स्थापना होगी। ऐसा करने वाला देश का पहला राज्य बिहार बनेगा। इस बात की जानकारी देते हुए बिहार राज्य खेल प्राधिकरण के महानिदेशक सह मुख्य कार्यकारी अधिकारी रवीन्द्रण शंकरण ने बताया कि बिहार के पैरा एथलीटों को सुलभ वातावरण में विश्वस्तरीय प्रशिक्षण, आवास, शिक्षा और पुनर्वास सुविधाएं प्रदान कर सशक्त और सक्षम बनाने की दिशा में सरकार द्वारा उठाया जाने वाला यह एक ऐतिहासिक कदम है।
पैरा एथलीटों की आवश्यकताओं के अनुरूप सभी सुविधाओं से युक्त यह आवासीय खेल विद्यालय एक समर्पित संस्थान के रूप में काम करेगा जहां पैरा एथलीटों के भोजन, आवासन के साथ उच्चस्तरीय प्रशिक्षण की भी समुचित व्यवस्था रहेगी।
पैरा-स्पोर्ट्स प्रदर्शन में ऐतिहासिक वृद्धिबिहार राज्य खेल प्राधिकरण के महानिदेशक रवीन्द्रन शंकरण ने बताया कि हाल के दिनों में भारत ने पैरा-स्पोर्ट्स प्रदर्शन में ऐतिहासिक वृद्धि देखी है। पेरिस 2024 पैरालिंपिक में, भारतीय पैरा-एथलीटों ने रिकार्ड तोड़ प्रदर्शन करते हुए 29 (7 स्वर्ण, 9 रजत और 13 कांस्य) पदक हासिल किए, जो भारत का अब तक का सबसे बड़ी पैरालिंपिक उपलब्धि है।
अवनी लेखरा, नवदीप सिंह, हरविंदर सिंह और नितेश कुमार जैसे एथलीटों ने पैरा-स्पोर्ट्स में देश को वैश्विक पहचान दिलाई है। बिहार के पैरा-एथलीटों ने भी सीमित बुनियादी ढांचों और संसाधनों के बावजूद सराहनीय क्षमता दिखाई है। प्रमोद भगत (पैरा बैडमिंटन) ,शैलेश कुमार और शरद कुमार (पैरा एथलेटिक्स) जैसे नामों ने लगातार राष्ट्रीय स्तर पर बिहार का प्रतिनिधित्व किया है और राज्य को गौरवान्वित किया है।
पैरा एथलीटों के लिए बिहार में देश का पहला आवासीय खेल विद्यालय बनने से बिहार के पैरा-एथलीटों के लिए एशियाई पैरा खेलों, विश्व चैंपियनशिप और भविष्य के पैरालिंपिक में प्रतिस्पर्धा करने का मार्ग प्रशस्त होगा। इसके साथ ही बिहार के ग्रामीण क्षेत्रों से भी प्रतिभाओं की पहचान करने और उन्हें विकसित करने के लिए एक मंच तैयार होगा।
पटना एम्स की ओपीडी में डॉक्टर को दिखाने को 4 बजे सुबह से लगती कतार, एक माह बाद होती जांच
नकी इमाम, फुलवारीशरीफ। एम्स यानी अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान जब पटना के फुलवारीशरीफ में खुला था, तब प्रदेशवासियों को लगा था अब उत्कृष्ट उपचार के लिए दिल्ली एम्स या बड़े निजी अस्पतालों की दौड़ नहीं लगानी पड़ेगी। यह विश्वास अब भी कायम है, इसलिए सुदूर जिलों से सैकड़ों मरीज प्रतिदिन ओपीडी या इमरजेंसी में आते हैं।
एम्स पटना रेफर होने पर गंभीर रोगियों के स्वजन के चेहरे पर नई उम्मीद जाग जाती है मगर, यहां जिन परेशानियों, बेबसी से सामना होता है, वे खुद को अस्पताल के बजाय भूलभुलैया में फंसा पाते हैं। इमरजेंसी में बेड खाली नहीं है कल आना, यहां के कर्मियों का ऐसा कथन है जो मरीज को दो-चार दिन दौड़ाने के बाद निजी अस्पताल में ही समाप्त होता है।
ओपीडी में नए रोगियों ने यदि सुबह 10 बजे के पहले आभा पंजीयन नहीं कराया तो उस दिन उनका इलाज नहीं ही होगा। कहीं डाक्टर ने सीटी स्कैन, एमआरआइ जांच लिखी तो न्यूनतम एक माह बाद और सर्जरी का नंबर कुछ माह से एक साल बाद तक दिया जाता है। ऐसे में डाक्टर व कर्मचारी खुद मरीजों को निजी अस्पतालों के नाम बता जाने का परामर्श देते दिखते हैं।
खुले आसमान के नीचे रात बिता सुबह से लगाते कतारसुदूर जिलों से एम्स की ओपीडी में पहली बार आने वाले मरीज, एक दिन में इलाज नहीं करा पाते। कारण डाक्टरों से दिखाने के लिए जरूरी आभा पंजीयन सुबह आठ से 11 बजे तक ही होता है। यही नहीं 10 से 11 बजे के बीच पंजीयन कराने वालों को फाइल बनवाने की कतार में इतना समय लग जाता है कि 12.30 बज जाते हैं और काउंटर बंद हो जाता है।
जिनकी फाइल बन गई और उसी दिन डाक्टर से दिखा लिया तो कोई बड़ी बात नहीं है। यदि आपको डाक्टर ने एमआरआइ, सीटी स्कैन, अल्ट्रासाउंड जांच की पर्ची दे दी तो आप बड़ी मुसीबत में फंस गए। इन जांचों के लिए मरीजों को बुधवार को न्यूनतम 34 दिन बाद का नंबर दिया जा रहा है। सीटी स्कैन काउंटर पर डाक्टर की पर्ची लेकर खड़ी पूनम देवी कर्मचारी से उलझी हुई थीं।
कारण कर्मचारी उन्हें 18 जुलाई यानी 34 दिन बाद जांच के लिए आने को कह रहा था। वह लाख चिल्लाईं कि दर्द अभी है एक माह बाद जांच कराने के लिए बचेंगे, इसकी गारंटी है, पर इसका उन्हें कोई जवाब नहीं मिला। इसी तरह अल्ट्रासाउंड कराने पहुंची इंदू देवी को एक माह बाद का नंबर दिया गया। उन्होंने बाहर जांच कराने की बात पूछी तो कर्मचारी ने कहा कि डाक्टर नहीं मानेंगे, यहीं करानी होगी।
दो दिन में नहीं बदला बेड खाली नहीं का जवाबनेशनल मेडिकल कमीशन का नियम है कि कोई भी अस्पताल गंभीर रोगियों की हालत किए बिना उन्हें रेफर या भर्ती करने से मना नहीं कर सकता। इसके विपरीत एम्स् पटना की इमरजेंसी में अलग व्यवस्था है। सुदूर जिलों से रेफर होकर आए मरीजों को एंबलेंस या स्ट्रेचर पर लिटाकर रखा जाता है, एक बार कागज देखने के बाद डाक्टर-कर्मी आते हैं तो सिर्फ यह बताने की बेड खाली नहीं है, रात को या कल देखिएगा।
बुधवार को भागलपुर से आए मनोज कुमार, पीएमसीएच से रेफर होकर आए ब्रेन हैमरेज के दो मरीज इंतजार कर रहे हैं, उन्हें बताया गया है कि अभी बेड खाली नहीं है। स्वजन ने बताया कि कल भी आए थे तो यही जवाब मिला और आज भी यही कहा जा रहा है। कल तो शाम होने पर खुद कर्मचारियों ने दो अस्पतालों के नाम बताकर वहां जाने को कहा और अगले दिन अकेले आकर बेड की जानकारी लेने की सलाह दी। मरीजों को एंबुलेंस से उतारने के लिए स्ट्रेचर तक नहीं मिलते हैं।
ओपीडी सेवा, जांच व इमरजेंसी की समस्याएं हमारे संज्ञान में हैं। ओपीडी में जितने भी रोगियों का पंजीयन होता है, चिकित्सक देर शाम तक सभी को देखने के बाद ही चैंबर छोड़ते हैं। रोगियों के विश्वास और बड़ी संख्या को देखते हुए हम ओपीडी व जांच सुविधाएं बढ़ाने की दिशा में काम कर रहे हैं। इमरजेंसी में रेफर होकर आने वाले रोगियों की सुविधा के लिए 250 बेड का क्रिटिकल केयर वार्ड तैयार हो रहा है। दो से ढाई माह में इसके तैयार होने के बाद इमरजेंसी रोगियों को काफी राहत मिलेगी।
डा. सौरभ वार्ष्णेय, निदेशक एम्स पटना व देवघर
वंदे भारत एक्सप्रेस के भोजन में कीड़ा मिलने पर बढ़ी चौकसी, किचेन की जांच को पहुंचे रेलवे बोर्ड के सदस्य
जागरण संवाददाता, पटना। वंदे भारत जैसी प्रीमियम ट्रेन के यात्रियों के भोजन में कीड़ा निकलने पर रेलवे बोर्ड के अधिकारी गंभीर हैं। यात्रियों को उत्कृष्ट व सुस्वादू भोजन मिल सके इसके लिए लगातार मानिटिरिंग की जा रही है। पटना से हावड़ा जा रही वंदे भारत के यात्रियों के भोजन में पिछले सप्ताह कीड़ा मिलने की शिकायत मिली थी।
इसके कुछ दिन पहले भी वंदे भारत में ही किसी यात्री ने भोजन में कीड़ा मिलने की शिकायत की थी। इसके बाद दो दिन पहले आईआरसीटीसी के प्रमुख खुद ही इस मामले की जांच करने पटना पहुंच गए थे। बुधवार को रेलवे बोर्ड के अतिरिक्त सदस्य अमित वरधान भी बेउर स्थित आरके कैटरर्स का बेस किचेन देखने पहुंच गए। उनके साथ दानापुर मंडल के अधिकांश वरिष्ठ अधिकारी भी वहां पहुंच गए।
वारधान ने न केवल आइआरसीटीसी बल्कि वहां मौजूद दानापुर मंडल के अन्य अधिकारियों की भी क्लास लगा दी। खाना परोसने वाली कंपनी की भी जमकर क्लास लगाई। हालांकि आज के निरीक्षण में कंपनी के बेस किचेन में कोई बहुत खामियां नहीं मिली जिसके आधार पर उसके खिलाफ किसी तरह की कार्रवाई की जाए।
विदित हो कि वंदे भारत समेत अन्य प्रीमियम ट्रेनों में यात्रियों को भोजन परोसने के लिए निजी कंपनियों को ठेका दिया गया है। इन कंपनियों द्वारा राजधानी के विभिन्न क्षेत्रों में आठ बेस किचेन बनाया गया है। इनमें से एक बेस किचेन की जांच की गई है। हालांकि शेष बचे बेस किचेन की भी हालत कहीं इससे भी बदतर है। जब इनकी जांच की जाएगी तो और भी बदतर स्थिति मिलने की संभावना है।
संदेह के घेरे में पटना विश्वविद्यालय की मेधा सूची के टॉपर का अंक पत्र, बिहार बोर्ड का आंकड़ा अलग
जागरण संवाददाता, पटना। पटना विश्वविद्यालय ने स्नातक रेगुलर व व्यावसायिक कोर्स के नामांकन के लिए बुधवार को मेधा सूची जारी की गई। इसमें बिहार बोर्ड से 99.7 प्रतिशत अंक प्राप्त करने का दावा करने वाली छात्रा को मेधा सूची का टॉपर बताया गया। जबकि, बिहार बोर्ड की ओर से जारी इंटरमीडिएट परिणाम में कला संकाय टॉपर का अंक 94.6 प्रतिशत है।
वाणिज्य टापर का अंक 95 प्रतिशत एवं विज्ञान संकाय टापर का अंक 96.8 प्रतिशत है। बिहार बोर्ड द्वारा जारी टॉपर सूची में उस अभ्यर्थी का नाम नहीं है, जिसे पीयू की सूची में टॉपर बताया गया है। ऐसे में पटना विश्वविद्यालय की मेधा सूची में कथित टॉपर का अंक पत्र संदेह के घेरे में आ गया है।
पटना विश्वविद्यालय ने अपने विभिन्न महाविद्यालयों में नामांकन के लिए छात्र-छात्राओं से पांच जून तक आवेदन आमंत्रित किया था। पटना विश्वविद्यालय के पटना साइंस कालेज, पटना कालेज, बिहार नेशनल कालेज, वाणिज्य महाविद्यालय तथा मगध महिला कालेज में विभिन्न विषयों के स्नातक कोर्स ( रेगुलर और वोकेशनल ) में नामांकन के लिए आवेदन आमंत्रित किया गया था।
विश्वविद्यालय के अनुसार बिहार बोर्ड में 99.7 प्रतिशत अंक लाने वाली अभ्यर्थी ने मेधा सूची में प्रथम स्थान प्राप्त किया है। उसने बिहार नेशनल कालेज के मनोविज्ञान विषय में नामांकन के लिए अपना प्रथम विकल्प दिया था, जिसे आवंटित कर दिया गया। रेगुलर कोर्स की प्रथम मेधा सूची में विभिन्न महाविद्यालयों के अलग-अलग विषयों में नामांकन हेतु कुल 3443 आवेदकों का चयन किया गया है, जिसमें छात्र 1622 और 1821 छात्राएं हैं।
प्रथम मेधा सूची में चयनित अनारक्षित प्रतिभागी का अधिकतम अंक 99.7 प्रतिशत और न्यूनतम 50 प्रतिशत रहा। वोकेशनल कोर्स में कुल 654 छात्र-छात्राओं की प्रथम मेधा सूची जारी की गई, इसमें 340 छात्र और 314 छात्र शामिल हैं। वोकेशनल कोर्स में अधिकतम मेधा अंक 98.4 प्रतिशत और न्यूनतम 43.7 प्रतिशत रहा।
13 से 16 जून तक होगा नामांकनमेधा सूची में शामिल छात्र-छात्राएं अपना नामांकन 13 से 16 जून के बीच करा सकेंगे। छात्र कल्याण संकाय अध्यक्ष प्रो. अनिल कुमार ने कहा कि जिन आवेदकों का मेरिट लिस्ट में नाम है, वह अपने लागइन आईडी एवं पासवर्ड की मदद से अपना अलाटमेंट लेटर देख सकेंगे। इसमें अंकित काउंसिलिंग-नामांकन फीस आनलाइन जमा करने के बाद एलाटमेंट लेटर, पेमेंट स्लिप एवं आवेदन पत्र डाउनलोड करने के बाद अपना चार पासपोर्ट साइज फोटो और अपना सभी मूल प्रमाणपत्र (फोटो कापी) के साथ संबंधित कालेज में काउंसिलिंग में भाग लेंगे।
काउंसिलिंग सुबह 10:00 बजे से शाम 4:00 बजे तक होगी। यदि किसी अभ्यर्थी को नामांकन के लिए पसंदीदा विषय नहीं मिला हो तो वैसे छात्र-छात्राएं नामांकन करवाने के तुरंत बाद अपने लागिन आइडी एवं पासवर्ड से पोर्टल पर लागिन करेंगे। इसमें उन्हें अपग्रेडेशन का विकल्प मिलेगा।
उनके विकल्प चुनने के बाद द्वितीय मेधा सूची में सीट उपलब्ध रहने पर उनके अपग्रेडेशन की संभावना रहेगी। मौके पर डीएसडब्लयू प्रो. अनिल कुमार, परीक्षा नियंत्रक प्रो. श्यामल किशोर, एनएसएस समन्वयक प्रो. सुहेली मेहता, आइक्यूएसी के डायरेक्टर प्रो. बीरेंद्र प्रसाद, मीडिया सेल के डा. अखिलेश कुमार गुप्ता आदि मौजूद थे।
पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय में स्नातक नामांकन आज से, राजनीतिक विज्ञान, भूगोल, इतिहास, जूलोजी का कटऑफ हाई
जागरण संवाददाता, पटना। पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय में च्वाइस बेस्ड क्रेडिट सिस्टम (सीबीसीएस) स्नातक नियमित सत्र 2025-2029 में नामांकन के लिए कटआफ जारी कर दिया गया है। इसके आधार पर अब 17 जून तक नामांकन लिए जाएंगे।
कटआफ आंकड़ों पर ध्यान दें तो सबसे हाई कटआफ में राजनीतिक विज्ञान, इतिहास, जूलोजी शामिल है। राजधानी के प्रीमियर कालेजों में शुमार एएन कालेज के कटआफ पर ध्यान दें तो यहां राजनीतिक विज्ञान के लिए 89.20 सामान्य वर्ग के लिए है।
इसके अतिरिक्त सामान्य वर्ग में ही इतिहास के लिए 86.20, भूगोल 85.20, इतिहास 86.20, रसायनशास्त्र 81.6, कामर्स 84.20, जूलोजी 86.20, मनोविज्ञान 78.40, अर्थशास्त्र 83.40, हिंदी 77.20, मनोविज्ञान 78.40 रहा है। कालेज आफ कामर्स आटर्स एंड साइंस में जूलोजी 86, अर्थशास्त्र 80.20, भूगोल 82.40, हिंदी 79.40, राजनीतिक विज्ञान 85.80, कामर्स 83.20, रसायनशास्त्र 82 प्रतिशत रहा है।
जेडी वीमेंस कालेज का सामान्य वर्ग महिला का जूलोजी में 80.20, इतिहास 77.40, राजनीतिक विज्ञान 77.80, कामर्स 78.17, हिंदी 65.80 प्रतिशत रहा। डीएसडब्ल्यू प्रो. राजीव रंजन ने बताया कि रविवार व छुट्टी के दिनों में भी नामांकन कार्य जारी रहेंगे। इसके लिए सभी कालेजों को निर्देशित किया गया है। नामांकन के समय एनआरआइ, वार्ड, डोनर, खेल, फाइन आर्ट, एनसीसी, एनएसएस, आर्मी, एक्स आर्मी के लिए भी कोटा निर्धारित किया गया है।
नामांकन कार्यक्रम- नामांकन की अंतिम तिथि : 17 जून
- नामांकन काा वैलीडेशन : 18 जून
- दूसरी मेधा सूची जारी होने की तिथि : 21 जून
- नामांकन की अंतिम तिथि : 26 जून
- नामांकन का वैलीडेशन : 27 जून
- तीसरी मेधा सूची जारी होने की तिथि : 30 जून
- नामांकन की अंतिम तिथि : चार जुलाई
- नामांकन का वैलीडेशन : पांच जुलाई
- चौथी मेधा सूची जारी होने की तिथि : आठ जुलाई
- मेधा सूची से नामांकन की अंतिम तिथि : 12 जुलाई।
- नामांकन वैलीडेशन : 14 जुलाई।
- नए सत्र का शुभारंभ एवं रजिस्ट्रेशन आरंभ : 15 जुलाई।
Patna News: अटल पथ पर स्कॉर्पियो ने तीन पुलिसकर्मियों को रौंदा, महिला सिपाही की हुई मौत
जागरण संवाददाता, पटना। अटल पथ पर पुनाईचक के पास बुधवार की देर रात वाहन जांच कर रही पुलिस टीम को दीघा से आ रही गाड़ी (स्कॉर्पियो) ने टक्कर मार दी। इस हादसे में महिला पुलिस कर्मी की इलाज के दौरान मौत हो गई।
इस हादसे में एसके पुरी थाने के तीन पुलिसककर्मी घायल हो गए। एसआई, एएसआई और एक महिला पुलिसकर्मी घायल हो गई। टक्कर मारने वाले वाहन से उस गाड़ी में भी टक्कर मार दी, जिसे रोककर पुलिस जांच कर रही थी।
दोनों वाहन में सवार तीन लोग चोटिल हो गए। पुलिस ने सभी घायलों को उपचार के लिए अस्पताल भेज दिया। इसमें महिला पुलिसकर्मी की हालत गंभीर थी, जिसकी इलाज के दौरान मौत हो गई।
जिस गाड़ी से टक्कर हुई, उसमें भाजपा का झंडा लगा है। तलाशी लेने पर उसमें से एक हूटर भी मिला है। वाहन को जब्त कर लिया गया है।
घटना की सूचना पाकर एसएसपी अवकाश कुमार भी मौके पर पहुंचे थे। उन्होंने बताया कि सभी थाना क्षेत्र की पुलिस वाहन जांच में जुटी थी। तभी एक तेज रफ्तार से आ रही गाड़ी ने पुलिसकर्मियों को टक्कर मार दी। तीन पुलिसकर्मी घायल है।
वहीं, वाहन सवार दो लोगों को हिरासत में लिया गया है। एसएसपी सहित सभी पुलिस अधिकारी और थानों की पुलिस वाहन जांच कर रही थी।
प्रत्यक्षदर्शियों की मानें तो रात करीब दस बजे से एसके पुरी थाने की पुलिस अटल पथ के सर्विस लेन पर जांच कर रही थी। एक वाहन को सड़क किनारे रोका गया था। उसकी जांच की जा रही थी।
तभी दीघा की तरफ से आर ब्लाक की तरफ तेजी से जा रही गाड़ी ने पुलिस टीम को टक्कर मारते हुए उस वाहन से टकरा गई, जिसकी पुलिस जांच कर रही थी।
टक्कर इतना जोरदार था कि महिला पुलिसकर्मी उछल कर डिवाइडर पर जा गिरी। वहीं, एसआई दीपक कुमार और एएसआई अवधेश कुमार सड़क किनारे गिर गए। लोगों की मानें तो उस गाड़ी में तीन लोग सवार थे, उसमें दो लोग घायल हो गए। जबकि चालक फरार हो गया।
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