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Updated: 1 hour 16 min ago

Patna News: पत्नी को जबरन साथ ले जाने ससुराल पहुंचा दामाद, ससुर ने किया विरोध तो तान दिया कट्टा; फिर जो हुआ

1 hour 20 min ago

संवाद सूत्र, खगौल (पटना)। बिहार के पटना में खगौल थाना क्षेत्र के आनंदपुरी में पत्नी को जबरन ससुराल ले जाने आये दामाद ने विरोध करने पर ससुर पर कट्टा तान दिया। छिना-झपटी में फायरिंग हो गई।

इस दौरान गोली लगने से दामाद जख्मी हो गया। सूचना पर पहुंची पुलिस ने कट्टा व गोली जब्त कर जख्मी दामाद को पुलिस अभिरक्षा में इलाज के लिए पीएमसीएच भेजा।

इस संबंध में आनंदपुरी निवासी जख्मी के ससुर प्रमोद कुमार ने लिखित शिकायत दर्ज कराई है। पुलिस मामले की छानबीन में लगी है।

क्या है पूरा मामला?

जानकारी के अनुसार, आनंदपुरी निवासी प्रमोद कुमार की पुत्री अकांक्षा सिंह की शादी नेउरा थाना के पुरैनिया निवासी मोहित राज उर्फ अशोक के साथ हुई थी। बुधवार को मोहित राज अपने ससुराल आया और अपनी पत्नी को ले जाने लगा।

बताया जाता है कि पति पत्नी के बीच विवाद चल रहा है, जिसको लेकर मामला महिला थाना में मामला चल रहा है। 10 मई को काउंसलिंग है।

पत्नी पर कट्टा तानने का आरोप

प्रमोद ने बताया है कि अकांक्षा ने काउंसिलिंग के बाद थाना के आदेश के अनुसार ही कार्य करने की बात कही। इस पर मोहित उग्र होकर कट्टा निकाल लिया और अकांक्षा पर तान दिया।

इस दौरान उससे कट्टा छीनने का प्रयास करने के दौरान हुई फायरिंग में गोली चल गई और मोहित के पैर में लग गई। मोहित जख्मी हो गया।

दो कारतूस समेत कट्टा बरामद

सूचना पर पहुंची पुलिस ने मौके से एक कट्टा और दो कारतूस बरामद किया। जख्मी मोहित को पुलिस अभिरक्षा में लेकर इलाज के लिए भेजा।

एएसपी दीक्षा ने क्या कहा?

एएसपी दीक्षा ने बताया कि आनंदपुरी में ससुराल आया युवक जबरन पत्नी को ले जाने की कोशिश की। विरोध करने पर कट्टा निकाल लिया। छीनाझपटी में गोली चल गयी, जो मोहित राज के पैर में लगी और वो जख्मी हो गया।

एएसपी दीक्षा ने बताया कि इस संबंध में प्रमोद कुमार द्वारा लिखित शिकायत की गई है। आरोपित दामाद मोहित राज को हिरासत में लेकर इलाज के लिए पीएमसीएच भेजा गया है।

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UPSC और NET की परीक्षा तिथि टकराई, अब अभ्यर्थियों ने UGC के सामने रखी ये मांग

1 hour 21 min ago

जागरण संवाददाता, पटना। UGC NET And UPSC Exam 2024 Dates यूजीसी नेट और संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) की सिविल सेवा प्रारंभिक परीक्षा-2024 की तिथि टकरा गई हैं। दोनों परीक्षाएं 16 जून को प्रस्तावित हैं।

ऐसे में अभ्यर्थियों को किसी एक परीक्षा से वंचित होना पड़ेगा। यूजीसी पर नेट की प्रस्तावित तिथि बदलने के लिए दबाव बना रहे हैं, इसके लिए अभ्यर्थी यूजीसी को ईमेल के माध्यम से लगातार तिथि बदलने की मांग कर रहे हैं। नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) ने विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के नेशनल एलिजिबिलिटी टेस्ट (यूजीसी नेट) जून 2024 के लिए अधिसूचना जारी कर दिया है।

16 जून को होगा एग्जाम

अधिसूचना के अनुसार यूजीसी नेट का आयोजन 16 जून 2024 को किया जाएगा और उसी दिन यूपीएससी की सिविल सेवा पीटी 2024 भी निर्धारित है।

बताया गया है कि पूर्व में यूपीएससी ने वर्ष 2024 के परीक्षा कैलेंडर में सिविल सेवा परीक्षा की संभावित तिथि 26 मई रखी थी, लेकिन चुनाव के कारण संशोधित कैलेंडर जारी कर इसकी तिथि 16 जून निर्धारित की।

अभ्यर्थी संजय कुमार, सबनम, पल्लवी आदि ने बताया कि दो परीक्षा के लिए काफी संख्या में अभ्यर्थी तैयारी कर रहे हैं। ऐसे में यदि किसी भी एक परीक्षा की तिथि में बदलाव नहीं हुआ तो अभ्यर्थियों को नुकसान उठाना पड़ेगा। कहा कि यूजीसी ने यूपीएससी के तिथि जारी करने के बाद अपनी तिथि घोषित की है, ऐसे में उन्हें तिथि में बदलाव करनी चाहिए।

छह वर्षों के बाद ऑफलाइन मोड में आयोजित हो रहा यूजीसी नेट

विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) की ओर से राष्ट्रीय स्तर के जूनियर रिसर्च फेलोशिप एवं सहायक प्राध्यापक के लिए राष्ट्रीय पात्रता परीक्षा (नेट) अब छह वर्षों के बाद ऑफलाइन मोड में आयोजित हो रही है। नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) ने यूजीसी नेट जून 2024 के लिए रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया आरंभ कर चुकी है।

अभ्यर्थी वेबसाइट ugcnet.nta.ac.in पर जाकर ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करा सकते हैं। नेट जून 2024 के लिए आवेदन 10 मई रात 11:50 तक कर सकते हैं। कुल 83 विषयों की परीक्षा एक साथ एक दिन ही आयोजित होगी।

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Bihar Politics: भाजपा में शामिल हुआ यह कद्दावर नेता, लालू यादव की बेटी मीसा की बढ़ाएगा टेंशन!

1 hour 46 min ago

राज्य ब्यूरो, पटना। लोकसभा चुनाव को लेकर पार्टियों के बीच दल-बदल और जोड़तोड़ चरम पर है। इसी क्रम में बुधवार को मनेर विधानसभा क्षेत्र से चार बार विधायक रहे श्रीकांत निराला ने भाजपा की सदस्यता ग्रहण कर ली। निराला को भाजपा के प्रदेश सह प्रभारी दीपक प्रकाश ने पार्टी की सदस्यता दिलाई और पार्टी में स्वागत किया।

भाजपा की सदस्यता ग्रहण करने के बाद निराला ने कहा कि मनेर हमेशा से राजद का वोटबैंक रहा है, लेकिन इस बार में यहां से भाजपा लीड करेगी। उन्होंने कहा कि लोगों को यह गलतफहमी है कि मनेर विधानसभा में भाजपा के कार्यकर्ता नहीं हैं।

उन्होंने भाजपा की सदस्यता ग्रहण करने पर प्रसन्नता जताते हुए कहा कि यह मेरी घर वापसी है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में देश आगे बढ़ रहा है।

पाटिलिपुत्र में मीसा बनाम रामकृपाल है मुकाबला

मनेर विधानसभा पाटिलिपुत्र लोकसभा सीट के अंतर्गत आती है। भाजपा ने एक बार फिर राम कृपाल यादव पर भरोसा जताया है। वहीं, राजद की तरफ से मीसा भारती चुनाव मैदान में हैं। श्रीकांत निराला के भाजपा में शामिल होने से मीसा भारती की टेंशन बढ़ सकती है। बता दें कि पाटिलिपुत्र सीट पर अंतिम चरण में एक जून को मतदान होना है।

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Tejashwi Yadav : मंगलसूत्र किसने छीना? तेजस्वी ने डिंपल यादव से मिलाया सुर, PM Modi को बहुत कुछ कह गए

2 hours 10 min ago

राज्य ब्यूरो, पटना। Tejashwi Yadav : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) द्वारा कांग्रेस पर महिलाओं के मंगलसूत्र छीनने के आरोप पर बिहार के नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने पलटवार किया है। बुधवार को नेता प्रतिपक्ष ने मीडिया से कहा कि प्रधानमंत्री मंगलसूत्र छीनने की बात कर रहे हैं।

उन्होंने कह कि लेकिन सवाल यह है कि माताओं-बहनों का मंगलसूत्र किसने छीना? मोदी की महंगाई ने यह मंगलसूत्र छीना है। उन्होंने भाजपा पर चुनाव क्षेत्र में नोट बांटने के आरोप भी लगाया।

पटना लौटे तेजस्वी यादव

चुनावी सभाओं के बाद पटना लौटे तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) एयरपोर्ट पर प्रेस से बात कर रहे थे। उन्होंने कहा कि मोदी के शासन में महंगाई इतनी बढ़ी है कि जिसके भी पास पुश्तैनी संपत्ति थी, उसे वह बेचनी पड़ रही है।

रही सोने और मंगलसूत्र की बात तो बताइये, आज सोने की कीमत कितनी बढ़ गई। किसके शासन में बढ़ी, तो मोदी जी के शासन में। महंगाई की वजह से बहनें मंगलसूत्र भी नहीं खरीद पाती।

तेजस्वी ने हमलावर अंदाज में कहा कि पुलवामा में क्या हुआ, किसका सुहाग छीना गया। चीन बार-बार हमला करता है, हमारे जवान शहीद होते हैं। किसने सुहाग छीना? नोटबंदी में, कोरोना में हमारे लोग मर गए। जिनका सुहाग छिना, उसका दोषी कौन है?

तेजस्वी ने किसानों का मुद्दा भी छेड़ा

तेजस्वी ने कहा कि किसान आंदोलन में किसान शहीद हो गए, किसने उनका सुहाग छीना? तेजस्वी ने यह भी कहा कि इधर-उधर की बात करने की बजाय पीएम मोदी को मुद्दों पर जवाब देना चाहिए। ये लोग संविधान बदलकर नगपुरिया संविधान लागू करना चाहते हैं।

जेपी नड्डा की बिहार यात्रा पर नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि हमें तो खबर आ रही है कि बहुत सारा बैग उठाकर ला रहे हैं और चुनाव क्षेत्र में बांटा भी जा रहा है। पक्की खबर है। एजेंसियां इनकी खुलकर मदद कर रही हैं। आरोप सत्य है चाहें तो जांच करा लें।

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रेलवे का बड़ा फैसला! अब घर बैठे मिल जाएगी General और Platform Ticket, बस करना होगा ये काम

2 hours 17 min ago

जागरण संवाददाता, पटना। Railway General And Platform Ticket यात्रियों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए 'यूटीएस ऑन मोबाइल' एप (UTS On Mobile App) में यात्रा टिकट एवं प्लेटफॉर्म टिकट दोनों के लिए बाहरी सीमा जियो-फेंसिंग दूरी का प्रतिबंध तत्काल प्रभाव से समाप्त कर दिया गया है। इससे अब रेल उपयोगकर्ता घर बैठे ही भारतीय रेल के किसी भी स्टेशन से किसी भी स्टेशन हेतु अपना अनारक्षित टिकट एवं प्लेटफॉर्म टिकट बुक कर सकते हैं।

जबकि जियो फेंसिंग की आंतरिक सीमा अपरिवर्तित रहेगी अर्थात केवल स्टेशन परिसर के बाहर से ही टिकट बुकिंग की अनुमति मिलेगी।

हटाया गया प्रतिबंध

विदित हो कि वर्तमान में यह बाहरी सीमा जियो-फेंसिंग दूरी का प्रतिबंध 20 किमी का था। अर्थात कोई भी यात्री वर्तमान में किसी स्टेशन से अधिकतम 20 किमी की दूरी तक ही उस स्टेशन से यात्रा हेतु अनारक्षित टिकट या प्लेटफॉर्म टिकट बुक कर सकता था। अब यह प्रतिबंध हटा दिया गया है।

अनारक्षित टिकट लेकर यात्रा करने वाले यात्रियों की सुविधा हेतु भारतीय रेल द्वारा इंटरनेट कनेक्शन वाले स्मार्ट फोन (एंड्रॉइड या विंडो आधारित) के जरिए अनारक्षित टिकट बुकिंग (General Ticket Online) की सुविधा उपलब्ध करायी जा रही है।

इस सुविधा से रेल यात्री अनारक्षित टिकट लेने के लिए लंबी कतारों में लगने से बच सकते हैं और वे अपने मोबाइल से आसानी से अनारक्षित टिकट बुक कर सकते हैं।

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Bihar Politics: 'शराब कंपनियों से मिले करोड़ों के चंदे का क्या है राज?' JDU ने तेजस्वी से फिर पूछे तीखे सवाल

2 hours 19 min ago

राज्य ब्यूरो, जागरण, पटना। जदयू ने राजद नेता तेजस्वी प्रसाद यादव से पूछा है कि शराब कंपनियों से राजद के चुनावी चंदा लेने के पीछे क्या राज है? पार्टी के राष्ट्रीय सचिव राजीव रंजन प्रसाद, मुख्य प्रवक्ता व विधान पार्षद नीरज कुमार और प्रवक्ता निहोरा प्रसाद यादव ने संयुक्त रूप से बुधवार को पत्रकारों को संबोधित किया।

इलेक्टोरल बॉन्ड पर उठाए गंभीर सवाल

इस दौरान इन नेताओं ने राजद पर शराब कंपनियों से करोड़ों रुपये के मिले इलेक्टोरल बॉन्ड को लेकर गंभीर सवाल उठाए। जदयू नेताओं ने कहा कि तेजस्वी यादव इसका खुलासा करें कि शराब कंपनियों से राजद के चुनावी चंदा लेने का राज क्या है?

राजद ने भी लिया था पूर्ण शराबबंदी का सकल्प लेकिन...

जदयू नेताओं ने राजद पर आरोप लगाते हुए कहा कि बिहार में पूर्ण शराबबंदी लागू करने को लेकर आयोजित मानव श्रृंखला में राजद नेता लालू प्रसाद यादव भी शामिल थे। बिहार में पूर्ण शराबबंदी लागू हो, इसे लेकर राजद ने भी संकल्प लिया था।

लेकिन, इसके बावजूद जुलाई 2023 से लेकर जनवरी 2024 तक राजद ने चुनावी चंदे की मिली कुल 70 करोड़ रुपए की राशि में शराब कंपनियों से करीब 46 करोड़ हासिल किया।

आखिर राजद का शराबबंदी को लेकर विधानसभा में लिया गया ये कैसा संकल्प था? उन्होंने तेजस्वी यादव पर आरोप लगाते हुए कहा कि सत्ता में भागीदर रहकर उन्होंने बिहार से शराबबंदी को हटाने को लेकर अपने प्रभाव का गलत इस्तेमाल किया।

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Bihar Politics: नीतीश कुमार की 'अपील' पर भड़की RJD, कहा- तेजस्वी के कामों का JDU के पास कोई जवाब नहीं

2 hours 47 min ago

राज्य ब्यूरो, पटना। राष्ट्रीय जनता दल के नेताओं ने आरोप लगाया है कि मतदाताओं को लुभाने के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नाम से एक अपील जारी कर केवल झूठे तथ्यों को आधार बनाकर वोट की अपील की गई है।

बुधवार को राजद कार्यालय में आयोजित एक संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में राजद प्रवक्ता चितरंजन गगन, मृत्युंजय तिवारी, अरुण यादव और आरजू खान ने यह आरोप लगाए।

राजद प्रवक्ताओं ने कहा कि अपील में जो दावे किए गए हैं वे झूठे हैं। सरकार को बताना चाहिए था कि 17 वर्षों में बिहार में बेरोजगारी और महंगाई दूर करने, किसानों की दशा सुधारने में उनकी क्या उपलब्धि रही है। कितने उद्योग धंधे स्थापित हुए? कानून व्यवस्था में कितना सुधार हुआ?

राजद प्रवक्ताओं ने कहा कि हकीकत यह है कि राजद शासन काल की तुलना में एनडीए शासन काल में आपराधिक घटनाओं में भारी वृद्धि हुई है। डबल इंजन की सरकार में बिहार को विशेष राज्य का दर्जा और विशेष पैकेज क्यों नहीं मिला?

तेजस्वी के कामों का जदयू के पास कोई जवाब नहीं: राजद

राजद प्रवक्ताओं ने कहा कि तेजस्वी यादव के 17 महीने के उप मुख्यमंत्री काल में जो उपलब्धियां रहीं, उसका जवाब जदयू और भाजपा नेताओं के पास नहीं है। इसलिए 17 वर्ष पहले की चर्चा इनके द्वारा बार-बार की जाती है। दुष्प्रचार में यदि थोड़ी भी सच्चाई रहती तो तीन-तीन बार राजद को बिहार की जनता का अपार जन समर्थन नहीं मिलता।

महागठबंधन की जीत से एनडीए में बेचैनी: राजद

राजद प्रवक्ताओं ने दावा किया कि महागठबंधन की जीत देख एनडीए खेमे में बेचैनी है। इस वजह से राजद शासनकाल की नकारात्मक छवि बनाई जा रही है। प्रेस कांफ्रेंस में मदन शर्मा, डॉ. प्रेम कुमार गुप्ता एवं अभिषेक कुमार भी उपस्थित थे।

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Akshaya Tritiya 2024: सुकर्मा योग के संयोग में 10 मई को मनेगी अक्षय तृतीया, इन चीजों की खरीदारी करना शुभ

2 hours 54 min ago

जागरण संवाददाता, पटना। वैशाख शुक्ल पक्ष तृतीया तिथि 10 मई को अक्षय तृतीया का पर्व मनेगा। इस दिन गज केसरी, सुकर्मा योग का संयोग बना रहेगा। जो श्रद्धालुओं और खरीदारों के लिए शुभ व लाभकारी होगा।

ज्योतिष आचार्य पंडित राजनाथ झा ने बताया कि भारतीय सनातन धर्म में अक्षय तृतीया का विशेष महत्व है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन त्रेता युग का आरंभ व भगवान परशुराम का प्राकट्य हुआ था। इस दिन गंगा स्नान का विशेष महत्व माना जाता है।

जरूरतमंदों को करें दान-पुण्य

उन्होंने बताया कि इस दिन किया गया पुनीत कार्य का कभी क्षय नहीं होता। जरूरतमंदों को दान-पुण्य करने से उत्तम फल की प्राप्ति होती है। गर्मी के दिनों में मीठे जल का पान कराना उत्तम फल प्रदान करता है। अक्षय तृतीया पर ग्रह-गोचरों का शुभ संयोग बना रहेगा।

पूजा का सही समय

इस दिन गज केसरी, सुकर्मा योग का संयोग बना रहेगा। रोहिणी नक्षत्र के कारण दिन का महत्व बढ़ गया है। पूजन के लिए सुबह से लेकर दोपहर 12.20 बजे तक सही समय है। वैसे अक्षय तृतीया को स्वयं सिद्ध मुहूर्त कहा जाता है।

इस दिन सोने-चांदी की खरीदारी करने के साथ नए कार्य करना शुभ होता है। अक्षय तृतीया के दिन भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की पूजा आराधना का विशेष महत्व है। अक्षय तृतीया के दिन सुबह से लेकर देर रात तक खरीदारी कर सकते हैं।

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'क्या Tejashwi Yadav भी मुसलमानों के बीच...', BJP का तीखा सवाल; प्रॉपर्टी को लेकर राजनीति गर्म!

3 hours 8 min ago

राज्य ब्यूरो, पटना। भाजपा के राष्ट्रीय मंत्री ऋतुराज सिन्हा ने बुधवार को कांग्रेस एवं राजद को निशाने पर लेते हुए कहा कि आईएनडीआईए का असली चेहरा तुष्टिकरण की राजनीति है। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी कहते हैं कि देश का एक्सरे करेंगे। सर्वेक्षण कराएंगे और सभी जाति, धर्म के लोगों की सम्पत्ति का सर्वे करेंगे।

उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने 2024 के चुनाव के लिए जारी घोषणा पत्र में कहा कि अल्पसंख्यक का सशक्तिकरण आवश्यक है। इसके लिए शिक्षा, सरकारी नौकरी और पीएसयू में इन्हें उचित अवसर प्रदान करेंगे।

'कांग्रेस के लिए तुष्टिकरण...'

ऋतुराज ने बुधवार को भाजपा मीडिया सेंटर में प्रेसवार्ता में कहा कि कांग्रेस यह बातें अचानक नहीं बोल रही है। कांग्रेस के लिए तुष्टिकरण का एजेंडा हमेशा रहा है। 2006 में तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कहा था कि देश की संपत्ति और संसाधन पर पहला अधिकार अल्पसंख्यक यानी मुसलमानों का है।

'विकसित भारत चाहिए या पाक?'

उन्होंने कहा, ऐसे में दूसरे चरण के मतदान वाले सीमांचल की जनता को तय करना है कि उसे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का विकसित भारत चाहिए या फिर पाक? उन्होंने पाक को रोचक अंदाज में परिभाषित किया। बताया कि पाक मतलब पी से पूर्णिया, ए से अररिया, के से किशनगंज एवं कटिहार।

'क्या तेजस्वी भी मुसलमानों के बीच...'

उन्होंने तेजस्वी यादव से प्रश्न किया कि क्या वे भी कांग्रेस की तरह ओबीसी आरक्षण कोटे से काटकर अल्पसंख्यकों को आरक्षण देने के पक्ष में हैं। क्या तेजस्वी यादव एनआरसी का भी विरोध करते हैं।

उन्होंने यह भी कहा कि सीमांचल में जो आज हिन्दू अल्पसंख्यक हो गए हैं उनकी सम्पत्ति का सर्वे कराकर क्या तेजस्वी भी मुसलमानों के बीच वितरित करवाने के कांग्रेस के एजेंडे के साथ हैं।

भाजपा के राष्ट्रीय मंत्री ने आईएनडीआईए को चुनौती देते हुए कहा कि भाजपा कभी भी सीमांचल में ममता मॉडल को लागू नहीं होने देगी। प्रेसवार्ता में प्रदेश मीडिया संयोजक दानिश इकबाल उपस्थित थे।

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Rahul Gandhi Property: 'अंपनी संपत्ति बांटकर...', बिहार के इस दिग्गज नेता ने राहुल गांधी को दी ये सलाह

3 hours 26 min ago

राज्य ब्यूरो, पटना। जदयू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राजीव रंजन ने कहा कि लगातार मिल रही हार से कांग्रेस के नेताओं का मानसिक संतुलन हिल गया है। राजीव रंजन ने यह भी कहा कि राहुल गांधी को अपनी संपत्ति बांटकर योजना की शुरुआत करनी चाहिए।

उन्होंने कहा कि राहुल गांधी के लोगों की संपत्ति का पता लगाने के बाद उसे बांट देने के बयान के बाद अब उनके राजनीतिक गुरु सैम पित्रोदा ने अमेरिका की तर्ज पर लोगों के मरने पर कम से कम उनकी आधी संपत्ति सरकार द्वारा ले लिए जाने की वकालत की है।

'आम जनता की खून-पसीने से अर्जित कमाई...'

जदयू नेता ने आगे कहा कि इससे साफ है कि आम जनता की खून-पसीने से अर्जित की गई कमाई के साथ-साथ कांग्रेस अब उनके पुरखों की संपत्ति पर भी कांग्रेस अपना पंजा मारने के फेर में है।

'सबसे बड़ा घोटाला...'

उन्होंने कहा कि कांग्रेस व उनके सहयोगियों के घोटालों का इतिहास देखते हुए ऐसा प्रतीत होता है कि इस कानून के जरिये भी वह देश का सबसे बड़ा घोटाला करने के मंसूबे पाल रहे हैं।

उन्होंने कहा कि इस बात की प्रबल संभावना है कि जिस तरह राजद के नेता बेनामी जमीन लिखवाते थे, उसी तरह इस कानून के जरिये कांग्रेस के नेता अपने नौकर-चाकरों के नाम पर आम जनता की संपत्ति हड़पना चाह रहे हैं।

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Bihar Politics: अपने पुराने गढ़ में एक जीत की बाट जोहती RJD, क्या इस बार हाथ लगेगी सफलता, पढ़िए पुराना रिकॉर्ड

7 hours 12 min ago

सुनील राज, पटना। बिहार के कई ऐसे संसदीय क्षेत्र हैं, जिनमें किसी दौर में राष्ट्रीय जनता दल का दबदबा था। लेकिन, समय के थपेड़ों और राजनीति की बदलती दिशा में उसके ये किले समय-समय पर ध्वस्त होते गए। ऐसा ही एक किला है सिवान लोकसभा क्षेत्र। 2009 में राजद का यह किला एक बार ध्वस्त हुआ तो दोबारा यहां अपना दबदबा बनाए रखना राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद के लिए एक सपना बनकर रह गया।

सिवान लोकसभा क्षेत्र में करीब डेढ़ दशक से राजद अपने पुराने गढ़ में एक जीत की बाट जोह रहा है।सिवान संसदीय क्षेत्र पर करीब 1957 से 1977 तक राष्ट्रीय कांग्रेस का सिक्का चला। जिसे 1977 के चुनाव में जनता पार्टी के टिकट पर मृत्युंजय प्रकाश ने तोड़ा।

हालांकि, 1980 के चुनाव में एक बार फिर कांग्रेस यहां से उठी जरूर, लेकिन ज्यादा दिनों तक टिकी नहीं। पहले भाजपा के जनार्दन तिवारी और इसके बाद 1991 में जनता दल के उम्मीदवार बृशिण पटेल ने इस क्षेत्र से कांग्रेस को करीब-करीब बाहर का रास्ता दिखा दिया।

1996 का दौर आते-आते इस क्षेत्र पर पहले जनता दल और बाद में राजद का पूरा कब्जा हो गया। सिवान संसदीय क्षेत्र में 1996 में जनता दल ने शहाबुद्दीन को टिकट देकर मैदान में उतारा। 1998 में एक बार फिर हुए लोकसभा चुनाव में शहाबुद्दीन ने राजद के टिकट पर चुनाव लड़ा।

1996 में जीत के बाद से लेकर 2009 तक यहां शहाबुद्दीन का दौर रहा। वे यहां से चार बार सांसद चुने गए। लेकिन, आपराधिक मामलों में एक बार शहाबुद्दीन सलाखों के पीछे गए तो फिर जीवित बाहर नहीं आ पाए। शहाबुद्दीन की जेल यात्रा के बीच राजद ने 2009 में उनकी पत्नी हेना शहाब को उम्मीदवार बनाया। परंतु वे निर्दलीय प्रत्याशी ओमप्रकाश से पराजित रहीं।राजद के लिए सिवान से हार बड़ा झटका थी।

लेकिन, पार्टी को अंदाजा नहीं था कि उसका यह किला अब ध्वस्त हो चुका है। पांच साल बाद हुए चुनाव में राजद ने एक बार फिर हेना को टिकट दिया। मुकाबला होना था भाजपा के उम्मीदवार ओमप्रकाश से और वे जीत भी गए। ओमप्रकाश निर्दलीय जीतने के बाद 2014 के चुनाव में भाजपा में आ चुके थे और पार्टी ने उन्हें हेना के मुकाबले के लिए फिर मैदान में उतारा। हेना एक बार फिर पराजित रहीं।

2019 में सिवान संसदीय सीट भाजपा के पाले से निकल कर जदयू के पस चली गई। जदयू ने 2019 के चुनाव में राजद उम्मीदवार हेना के खिलाफ मैदान में कविता सिंह को उतारा। कविता जदयू के लिए तुरूप का इक्का बनीं और वे चुनाव जीत भी गईं। अब जबकि 2024 का चुनाव हो रहा है तो राजद ने एक बार फिर हेना को उम्मीदवार बाने का निर्णय लिया था।

लेकिन, हेना ने राजद की बजाय निर्दलीय चुनाव लडऩे का निर्णय लिया है।राजद ने सिवान संसदीय सीट का जिम्मा अवध बिहारी चौधरी को दिया है। जिनका मुकाबला जदयू की विजयलक्ष्मी देवी से होना है। जाहिर है, यहां इस बार त्रिकोणीय मुकाबला होगा।

अवध बिहारी चौधरी राजद के पुराने कद्दावर साथी रहे हैं। उनके ऊपर इस लोकसभा क्षेत्र में जीत की जिम्मेदारी है। लेकिन, लोगों का आकलन है कि यदि हेना निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में मैदान में उतरीं तो मुश्किलें दोनों गठबंधनों को होंगी। सवाल यह है कि बीते डेढ़ दशक से जिस किले को राजद वापस जीतना चाहता है उसपर उसे जीत मिलेगी या नहीं। जाहिर है इसका यह फैसला यहां की जनता यहां के मतदाताओं पर निर्भर करेगा। 

सिवान संसदीय सीट पर कब किसका कब्जा

1957-1967- कांग्रेस 

1977 - जनता पार्टी

1980 और 1984- कांग्रेस

1989 - भजपा

1991 - जनता दल

1996 - जनता दल

1998-2004- राजद

2009 - निर्दलीय

2014 - भाजपा

2019 - जदयू 

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Tejashwi Yadav: '...तो NDA को चुन लो', अपने ही बयान पर बुरे घिरे तेजस्वी, अब नीतीश का नाम लेकर दे रहे ऐसी सफाई

7 hours 24 min ago

ऑनलाइन डेस्क, पटना। तेजस्वी यादव के कथित तौर पर एनडीए को वोट देने की अपील वाले बयान पर बिहार की सियासत में घमासान मचा हुआ है। तेजस्वी के बयान पर राजनीतिक विश्लेषकों का मानना था कि पूर्णिया सीट को लालू-तेजस्वी ने अपनी नाक का सवाल बना लिया है। तेजस्वी का यह बयान इसी झुंझलाहट का नतीजा है।

हालांकि तेजस्वी यादव ने अपने बयान पर अब सफाई दी है। तेजस्वी यादव ने कहा है कि हम वही तेजस्वी यादव हैं, जिसने आईएनडीआईए गठबंधन बनाने के लिए नीतीश कुमार के साथ देशभर में दौरा किया था। भाजपा को हराने के लिए ही हमने नीतीश जी को सीएम बनाने का काम किया था।"

तेजस्वी ने दावा किया कि बिहार में अगर भाजपा किसी से डरती है, तो वह राष्ट्रीय जनता दल से डरती है। अपने बयान का बचाव करते हुए तेजस्वी ने कहा कि इस देश में सिर्फ दो विचारधारा के बीच लड़ाई है, आईएनडीआईए और एनडीए...। आईएनडीआईए संविधान बचाना चाहता है और एनडीए संविधान खत्म करना चाहता है।

तेजस्वी ने आगे कहा कि ये संविधान बचाने का चुनाव है और जो आईएनडीआईए के साथ नहीं है, वह चाहे दल हो या व्यक्ति विशेष... वो संविधान के खिलाफ है।

तेजस्वी ने पूर्णिया में क्या कहा था?

बता दें कि तेजस्वी यादव ने कहा था," अगर आप आईएनडीआईए गठबंधन को नहीं चुनना चाहते तो एनडीए को चुन लो, इधर-उधर भटकने की जरूरत नहीं है।

तेजस्वी ने कहा था कि पूर्णिया में दो विचारधारा के बीच लड़ाई है। या तो हमें चुन लो या फिर एनडीए को, कहीं तीसरी जगह जाने की जरूरत नहीं है। साफ बात। हमें नहीं चुन सकते तो एनडीए को चुन लो।

क्या है पूर्णिया का सियासी समीकरण?

बता दें कि कांग्रेस की परंपरागत सीट पूर्णिया इस बार राजद के खाते में आई है। राजद ने जदयू से आई बीमा भारती को चुनाव मैदान में उतारा है। वहीं जदयू ने एक बार फिर संतोष कुशवाहा को अपना प्रत्याशी बनाया है। हालांकि एक नाम ऐसा भी है, जिसने पूर्णिया को बिहार की सबसे हॉट सीट बना दिया है। यह नाम है पप्पू यादव।

हाल ही में कांग्रेस में अपनी पार्टी का विलय करने वाले पप्पू यादव निर्दलीय चुनाव लड़ रह रहे हैं। विश्लेषकों का मानना है कि पप्पू यादव के मैदान में उतरने के कारण ही लालू-तेजस्वी ने पूर्णिया को नाक का सवाल बना लिया है। फिलहाल, पप्पू यादव के मैदान में उतरने के कारम पूर्णिया का मुकाबला त्रिकोणीय माना जा रहा है।

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Wheat Price: बाजार में गेहूं का भाव ज्यादा, सरकारी क्रय में रुचि नहीं ले रहे किसान

7 hours 30 min ago

दीनानाथ साहनी, पटना। भीषण गर्मी में गेहूं खरीद के मामले में राज्य के तमाम सरकारी क्रय केंद्र हांफ रहे हैं। खुले बाजार में गेहूं बिक्री पर किसानों को ज्यादा भाव मिल रहा है। खेत-खलिहानों से ही अनाज व्यापारी व निजी एजेंसियां गेहूं खरीद रही हैं और प्रति क्विंटल पर 2300 रुपये से लेकर 2400 रुपये तक भुगतान कर रही हैं।

गेहूं की सरकारी खरीद तय न्यूनतम समर्थन मूल्य 2275 रुपये प्रति क्विंटल पर हो रही है। ऐसे में गेहूं की कम कीमत मिलने से किसान सरकारी खरीद में रुचि नहीं दिखा रहे हैं। जबकि सरकारी क्रय केंद्रों पर किसानों के इंतजार में प्रबंधक बैठे हैं।

सभी जिलों में गेहूं खरीद में तेजी लाने के दिए गए निर्देश

खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग के एक उच्च पदस्थ अधिकारी ने बताया कि राज्य में 15 मार्च से अब तक करीब 700 टन गेहूं की सरकारी खरीद हो पाई है। राज्य में 5 लाख टन गेहूं खरीद का लक्ष्य है। गेहूं की खरीद में तेजी लाने के लिए सभी जिलों को निर्देश दिए गए हैं। राज्य में 15 जून गेहूं की सरकारी खरीद होगी।

उन्होंने स्वीकार किया कि न्यूनतम समर्थन मूल्य से ज्यादा गेहूं का भाव मिलने से किसानों द्वारा खुले बाजार में ही बेच रहे हैं। हालांकि, संबंधित अधिकारी पैक्सों में जाकर गेहूं खरीद की व्यवस्थाओं का जायजा ले रहे हैं। गेहूं की सरकारी खरीद को बढ़ावा देने की सरकार की कोशिशों के बीच प्रदेश के किसानों ने न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) के साथ बोनस की भी मांग उठाई है।

गेहूं खरीद की वास्तविक हकीकत परख कर वापस लौटे नोडल अधिकारियों ने अपनी रिपोर्ट में इसकी चर्चा की है। छपरा के रौजा निवासी किसान मनोज सिंह का कहना है कि किसानों के प्रतिनिधि मंडल ने जिलाधिकारी से मुलाकात कर न्यूनतम समर्थन मूल्य के साथ बोनस देने की मांग की थी, लेकिन उस पर कोई सुनवाई नहीं हुई।

जिलों में एक प्रतिशत से भी गेहूं की हुई खरीद

गेहूं की सरकारी खरीद के सरकार से उपलब्ध आंकड़ों का आकलन करें तो सरकारी खरीद बेहद निराशाजनक है। सभी 38 जिलों में सरकारी क्रय केंद्रों पर सन्नाटा पसरा है। इन केंद्रों पर अब तक मात्र 179 किसान ही गेहूं बेचने पहुंचे हैं। यही वजह है कि सभी जिलों में बीते 40 दिनों में एक प्रतिशत (मात्र 0.15) से भी कम गेहूं खरीद हो पायी है। जबकि राज्य में 5464 पैक्सों एवं व्यापार मंडलों को 3 लाख 50 हजार टन गेहूं खरीद का लक्ष्य मिला हुआ है।

इससे इतर केंद्रीय एजेंसी (एफसीआइ, नेफेड) को बिहार में एक लाख 50 हजार टन गेहूं की खरीद करने का लक्ष्य है। केंद्रीय एजेंसी ने कितनी मात्रा में गेहूं खरीद की है, इसके आंकड़े उपलब्ध नहीं हुए हैं। बहरहाल, अगले 52 दिनों में पैक्सों व व्यापार मंडलों को अपना लक्ष्य हासिल करना है। गेहूं क्रय की कच्छप गति को देखते हुए इस लक्ष्य पाना बेहद मुश्किल दिख रहा है। 15 मार्च से गेहूं खरीद शुरू हुई है, जो 15 जून तक होगा।

बाजार में अनाज व्यापारी गेहूं का भाव ज्यादा दे रहे हैं। इसके कारण किसान पैक्स में गेहूं बेचने नहीं आ रहे हैं। पैक्स में हम न्यूनतम समर्थन मूल्य 2275 रुपये प्रति क्विंटल की दर से भुगतान कर रहे हैं। इससे किसानों की आमद नहीं है। - देव रतन (पैक्स अध्यक्ष, नालंदा)

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Bihar Politics: टिकट बंटवारे में दोनों गठबंधनों के 'परिवारवाद' का पलड़ा बराबर, पढ़ लीजिए सभी की लिस्ट

7 hours 31 min ago

राज्य ब्यूरो, जागरण। Bihar Politics News Hindi: बिहार में लोकसभा चुनाव में परिवारवाद का मुद्दा सुर्खियों में है। दोनों गठबंधन एक दूसरे पर परिवारवाद का आरोप लगाकर वोट बैंक को साधने की कोशिश में लगे हैं। लेकिन जब उम्मीदवारों के सही आंकड़े निकाले गए तो इस मामले में दोने गठबंधन बराबरी पर दिख रहे हैं।

 लोकसभा की पूर्व अध्यक्ष मीरा कुमार के पुत्र अंशुल अविजीत की पटना साहिब लोकसभा क्षेत्र से कांग्रेस की उम्मीदवारी की घोषणा के साथ ही महागठबंधन और राजद के उम्मीदवारों की सूची पूरी हो गई। दोनों गठबंधन के उन उम्मीदवारों की संख्या 24 है, जिनके पिता या पति पहले से राजनीति में हैं।

संसद या विधानसभा की शोभा बढ़ा चुके हैं या बढ़ा रहे हैं। इनमें कुछ ऐसे भी हैं, जो पहले से सांसद या विधायक हैं। दो तो इस समय भी राज्यसभा के सदस्य हैं। रोचक यह कि इस मोर्चे पर दोनों गठबंधन बराबरी (12-12) पर हैं।

वाल्मिकिनगर से जदयू के उम्मीदवार सुनील कुमार के पिता वैद्यनाथ महतो सांसद थे। सुनील को विरासत में यह सीट मिली। अब वे दूसरी बार सांसद बनने के लिए मैदान में हैं।

जदयू की सिवान से उम्मीदवार विजय लक्ष्मी के पति रमेश कुशवाहा जदयू के विधायक थे। शिवहर से जदयू उम्मीदवार लवली आनंद सांसद और विधायक रह चुकी हैं। मगर उनकी पहचान पूर्व सांसद आनंद मोहन की पत्नी के रूप में ही है।

भाजपा के पांच उम्मीदवार राजनीति में दूसरी पीढ़ी का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। पश्चिमी चंपारण के उम्मीदवार डा. संजय जायसवाल के पिता डा. मदन प्रसाद जायसवाल सांसद थे। पूर्व सांसद हुकुमदेव नारायण यादव के पुत्र अशोक कुमार यादव मधुबनी से भाजपा उम्मीदवार हैं।

औरंगाबाद से भाजपा उम्मीदवार सुशील कुमार सिंह के पिता रामनरेश सिंह भी सांसद थे। ये तीनों उम्मीदवार 2014 और 2019 के चुनाव में भी लोकसभा के लिए चुने गए थे। सासाराम से भाजपा उम्मीदवार शिवेश राम पूर्व विधायक हैं। ये पूर्व सांसद मुनिलाल के पुत्र हैं। पूर्व सांसद डा. सीपी ठाकुर के पुत्र विवेक ठाकुर नवादा से भाजपा उम्मीदवार हैं। ये राज्यसभा सदस्य भी हैं।

 लोजपा (रा) के पांच में चार

लोजपा (रा) के कुल पांच में से चार उम्मीदवार परिवारवादी राजनीति की देन हैं। चिराग पासवान (हाजीपुर)लोजपा के संस्थापक रामविलास पासवान के पुत्र हैं। डा. अरुण भारती(जमुई) चिराग के बहनोई हैं। शांभवी चौधरी (समस्तीपुर) ग्रामीण कार्य मंत्री डा. अशोक चौधरी की पुत्री हैं। वीणा देवी (वैशाली) जदयू के विधान परिषद सदस्य दिनेश कुमार सिंह की पत्नी हैं। चिराग और वीणा पहले से सांसद हैं।

 कांग्रेस ने बनाया रिकार्ड

परिवारवाद के मोर्चे पर कांग्रेस का रिकार्ड सबसे मजबूत है। इसके नौ में से पांच उम्मीदवार इस परंपरा के हैं। आकाश सिंह (महाराजगंज) प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष डा. अखिलेश प्रसाद सिंह के पुत्र हैं। अंशुल अविजीत (पटना साहिब) की मां मीरा कुमार लोकसभा की अध्यक्ष और केंद्र में मंत्री रह चुकी हैं। मुजफ्फरपुर के उम्मीदवार अजय निषाद के पिता कैप्टन जय नारायण प्रसाद निषाद सांसद और केंद्र में मंत्री थे।

कांग्रेस का अभिनव प्रयोग समस्तीपुर में हुआ है। उसने जदयू सरकार के मंत्री महेश्वर हजारी के पुत्र सन्नी हजारी को वहां से अपना उम्मीदवार बनाया है। किशनगंज के कांग्रेस उम्मीदवार मो. जावेद के पिता मो. हुसैन आजाद मंत्री और विधायक थे।

राजद में लगभग एक तिहाई

राजद के 23 में से सात उम्मीदवारों का राजनीति में प्रवेश पारिवार पर आधारित है। पार्टी अध्यक्ष लालू प्रसाद की दो पुत्रियां डा. मीसा भारती (पाटलिपुत्र) और डा. रोहिणी आचार्य (छपरा) उम्मीदवार हैं। गया के राजद उम्मीदवार कुमार सर्वजीत के पिता राजेश कुमार सांसद थे। उजियारपुर के उम्मीदवार डा. आलोक मेहता के पिता तुलसी दास मेहता पुराने समाजवादी और राज्य सरकार में मंत्री थे।

अररिया के उम्मीदवार मो. शाहनवाज आलम के पिता मो. तस्लीमउद्दीन सांसद और राज्य सरकार में मंत्री थे। मधेपुरा के उम्मीदवार प्रो. कुमार चंद्रदीप के पिता प्रो. रमेंद्र कुमार रवि सांसद थे। बक्सर के राजद उम्मीदवार सुधाकर सिंह पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष और पूर्व सासंद जगदानंद के पुत्र हैं।

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Misa Bharti: 'NDA को चुन लो', तेजस्वी यादव के बयान पर मीसा भारती बोलीं- हम इसे जरूर चेक करेंगे...

7 hours 34 min ago

डिजिटल डेस्क, पटना। Misa Bharti On Tejashwi Yadav बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम व नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने बीते दिनों पूर्णिया में एक बयान दिया, जिसकी खूब चर्चा है। उन्होंने पप्पू यादव को हराने के लिए लोगों से एनडीए तक को वोट करने की सलाह दे दी।

खुले मंच से तेजस्वी यादव ने लोगों से यहां तक कह दिया, "अगर आपको इंडी गठबंधन के राजद प्रत्याशी बीमा भारती स्वीकार नहीं है तो आप एनडीए को चुन लो, साफ बात... मगर तीसरे यानि पप्पू को कतई वोट मत दीजिए"।

'कुछ गलतफहमी हुई है'

अब उनके इस बयान पर मीसा भारती ने प्रतिक्रिया दी है। मीसा भारती ने पत्रकारों से कहा कि हम देश बचाने के लिए लड़ाई लड़ रहे हैं। तेजस्वी के बयान पर मीसा ने कहा, "कुछ गलतफहमी हुई है। एक नेता ऐसी बात कैसे कह सकता है? आप कह रहे हैं तब हम सुन रहे हैं... हम इसे चेक करेंगे, वेरिफाई भी करेंगे... लेकिन ये बात बिल्कुल असंभव है।

पप्पू यादव ने राजद को बताया बीजेपी की 'बी' टीम

तेजस्वी के 'एनडीए को वोट दो' वाले बयान पर पप्पू यादव ने कड़ी प्रतिक्रिया दी थी। उन्होंने कहा था कि तेजस्वी की मंच से इस तरह की अपील ने यह साबित कर दिया कि भाजपा का असली एजेंट कौन है? इसके अलावा उनकी इस बात पर भी मुहर लग गई कि किस तरह से राजद उनकी राजनीतिक हत्या की कोशिश कर रहा था।

पप्पू ने कहा, वे पूर्णिया से चुनाव नहीं लड़ रहे हैं, बल्कि यहां की जनता चुनाव लड़ रही है और यह वह अच्छी तरह से देख रही है कि उन्हें घेरने के लिए राजद और एनडीए गठबंधन क्या-क्या हथकंडा अपना रहा है।

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Misa Bharti Name History: मीसा भारती का नाम 'मीसा' कैसे पड़ा? जेपी नड्डा बोले- जब Lalu Yadav जेल में थे...

8 hours 13 min ago

डिजिटल डेस्क, पटना/भागलपुर। JP Nadda On Misa Bharti Name बिहार में लोकसभा चुनाव के मद्देनजर सियासी पारा हाई है। इसी कड़ी में बुधवार को भागलपुर में बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने एक विशाल जनसभा को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने मीसा भारती का नाम लेकर पूरे विपक्ष को आड़े हाथों लिया।

जेपी नड्डा (JP Nadda) ने कहा कि किसी वक्त लालू यादव कांग्रेस के खिलाफ लड़ाई लड़ते थे और आज उन्हीं के साथ दोस्ती कर ली है।

कैसे पड़ा मीसा भारती का नाम?

सवालिया अंदाज में जेपी नड्डा ने जनसभा में मौजूद लोगों से पूछा, "क्या आपको पता है उनकी बेटी का नाम मीसा कैसे पड़ा? मीसा नाम इसलिए पड़ा, क्योंकि कांग्रेस ने इनको जेल में डाला हुआ था जयप्रकाश आंदोलन में"।

'इसी एक्ट में लालू जेल गए थे'

जेपी नड्डा ने बताया कि उसी समय मीसा (भारती) पैदा हुईं थी तो उनका नाम 'मेंटेनेंस ऑफ इंटरनल सिक्योरिटी एक्ट' के कारण मीसा पड़ गया था। इसी एक्ट में लालू यादव जेल गए थे। कांग्रेस ने ही उनको जेल में डाला था, लेकिन आज कांग्रेस के साथ दोस्ती हो गई है। गांधी मैदान में राहुल गांधी जी के साथ बैठकर गपशप मारे रहे हैं और घर में मटन बनाना सिखा रहे हैं।

जेपी नड्डा ने तंज कसते हुए आगे कहा, "ये दोस्ती, ये हालचाल, ये रवैया... अरे गंगा में बहुत पानी बह गया भाई... कौन-कौन दोस्त हो गए... कैसी-कैसी दोस्ती हो गई। जो लोग भ्रष्टाचारियों के खिलाफ लड़ रहे थे वो खुद भ्रष्टाचारी हो गए। भ्रष्टाचार में पूरी तरह से डूब गए। आखिर इतना बदलाव कैसे आ गया...?"

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Patna News : तख्त श्री हरिमंदिर के जत्थेदार व पुत्र को सबक सिखाने की धमकी, परिवार ने लगाई सुरक्षा की गुहार

8 hours 40 min ago

जागरण संवाददाता, पटना सिटी। तख्त श्री हरिमंदिर जी पटना साहिब के जत्थेदार ज्ञानी बलदेव सिंह एवं पुत्र धर्मेंद्र सिंह को पंथ निष्कासित पूर्व जत्थेदार रंजीत सिंह द्वारा धमकी देने का मामला प्रकाश में आया है। बताया गया कि लंगर हाॅल की दूसरी मंजिल के कमरा संख्या 65 में धमकी देने आए रंजीत अपने वाई प्लस सुरक्षाकर्मियों के साथ आए थे। धमकी के बाद जत्थेदार का पूरा परिवार डरा, सहमा है।

स्‍वजनों ने लगाई सुरक्षा की गुहार

स्वजन ने अनहोनी की आशंका जताते हुए सुरक्षा की गुहार लगाई है। मंगलवार को तख्त श्री हरिमंदिर के अधीक्षक दलजीत सिंह ने चौक थानाध्यक्ष से शिकायत कर इस दिशा में कार्रवाई एवं सुरक्षा उपलब्ध कराने की मांग की है। पूरा मामला सीसीटीवी में कैद है। चौक थानाध्यक्ष शशि कुमार राणा ने बताया कि आवेदन के आधार पर सीसीटीवी फुटेज की जांच की जा रही है।

धमकी से पूरा परिवार है सहमा

जत्थेदार के पुत्र धर्मेंद्र सिंह ने तख्त श्री हरिमंदिर प्रबंधक समिति के अध्यक्ष को इस मामले में भेजे पत्र में बताया है कि पंथ निष्कासित पूर्व जत्थेदार रंजीत सिंह अपने वाई प्लस सुरक्षाकर्मियों के साथ आए और उनके कमरे का पर्दा उठा कर देखा। यह देख वह कमरे से बाहर आया।

तब रंजीत सिंह ने उससे जत्थेदार पिता एवं भाई के बारे में पूछा तो धर्मेंद्र ने रंजीत सिंह को बताया कि जत्थेदार पिता बलदेव सिंह व बड़े भाई मंजीत सिंह उपचार कराने लखनऊ गए हैं।

इस पर रंजीत सिंह ने धर्मेंद्र को संभल कर रहने को कहा। उन्होंने धमकी देते हुए कहा कि हम उसे ठीक कर देंगे। पुत्र ने पत्र में बताया है कि इस धमकी से पूरा परिवार भयभीत है। आशंका है कि स्वजन के साथ कोई अनहोनी घटना न हो जाए।

पत्र में इस बात का भी जिक्र

पत्र में यह भी उल्लेख किया गया है कि वर्ष 2022 के दूसरे सप्ताह में तत्कालीन मुख्य ग्रंथी भाई राजेंद्र सिंह की तख्त श्री हरिमंदिर परिसर में ही हत्या हो चुकी है।

पत्र की प्रति संलग्न करते हुए तख्त श्री हरिमंदिर के प्रबंधक ने चौक थानाध्यक्ष को आवेदन देकर अनहोनी की आशंका जताई है और जत्थेदार ज्ञानी बलदेव सिंह की सुरक्षा व्यवस्था की मांग की है। पत्र की प्रति जिलाधिकारी, एसएसपी, एसडीओ व डीएसपी को भी दी गई है।

साजिश के तहत लगाया जा रहा आरोप

पंथ निष्कासित पूर्व जत्थेदार रंजीत सिंह का कहना है कि साजिश के तहत उन पर आरोप लगाया जा रहा है।

उन्होंने बताया कि वे धमकी देने नहीं बल्कि जत्थेदार के बड़े पुत्र मंजीत सिंह उर्फ सेट्टी के पास ईपीएफ में जमा रुपये निकालने के संबंध में जानकारी लेने मीरी पीरी स्थित आवास गए थे।

मंजीत ही तख्त से जुड़े पदाधिकारियों व कर्मियों का खाता संबंधी कार्य देखते हैं। रंजीत ने बताया कि उनका मामला न्यायालय में चल रहा है। बुधवार को निर्णय होना है।

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Bihar Politics: कितने पढ़े लिखे हैं अंशुल अविजीत? जो रविशंकर प्रसाद का करेंगे सामना; कांग्रेस नेता के हैं पुत्र

10 hours 33 min ago

राज्य ब्यूरो, पटना। Bihar Political News Today: कांग्रेस ने पटना साहिब संसदीय क्षेत्र से डा. अंशुल अविजीत को प्रत्याशी बनाया है। वे  इस सीट से भाजपा के दिग्गज नेता रविशंकर प्रसाद का सामना करेंगे। बता दें कि वर्तमान में रविशंकर प्रसाद ही यहां से सांसद हैं। 

कौन हैं अंशुल अविजीत (Who is Anshul Avijit)

अंशुल अविजीत लोकसभा की अध्यक्ष रही मीरा कुमार के पुत्र हैं। मीरा कुमार दो बार सासाराम से सांसद भी रही हैं। इस बार उन्होंने स्वेच्छया चुनाव नहीं लड़ने की घोषणा पहले ही कर दी थी। सुरक्षित सीट होने के कारण सासाराम में अंशुल प्रत्याशी नहीं हो सकते थे, क्योंकि वे पिछड़ा वर्ग से आते हैं। सुप्रीम कोर्ट में अधिवक्ता रहे उनके पिता मंजुल कुमार कुशवाहा समाज से हैं। कई दावेदारों और उनके बड़े-बड़े पैरवीकारों के कारण पटना साहिब के प्रत्याशी का नाम सार्वजनिक नहीं हो रहा था।

बीते मंगलवार को अंशुल अविजीत के नाम की घोषणा हुई

इसके बाद आखिरकार बीते मंगलवार को अंशुल अविजीत (Anshul Avijit) के नाम की घोषणा हुई। हालांकि, केंद्रीय चुनाव समिति ने रविवार को हुई बैठक में ही उनका नाम तय कर दिया था। सोमवार को पांच संसदीय क्षेत्रों के लिए प्रत्याशियों के नाम की घोषणा हुई थी, लेकिन पटना साहिब को उससे परे कर दिया गया था। अब अंशुल के नाम की घोषणा के साथ बिहार में कांग्रेस ने अपने हिस्से की सभी नौ सीटों के प्रत्याशियों का नाम सार्वजनिक कर दिया है।

पटना साहिब में सबसे अंतिम यानी सातवें चरण में चुनाव होना है। अपेक्षाकृत कम चर्चित, लेकिन सौम्य व्यवहार वाले अंशुल अभी कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता हैं। किसी मुद्दे पर भी उनकी प्रतिक्रिया तथ्यपूर्ण व राजनीतिक शुचिता वाली होती है।

इतिहास और राजनीति शास्त्र पर अच्छी पकड़ रखते हैं अंशुल अविजीत

इतिहास व राजनीति शास्त्र पर वे अच्छी पकड़ रखते हैं और वे कैंब्रिज विश्वविद्यालय से एमफिल व पीएचडी कर चुके हैं। राजनीति उन्हें विरासत में मिली है। सासाराम से मृत्युपर्यंत आठ बार सांसद रहे जगजीवन राम उनके नाना थे, जो उप प्रधानमंत्री तक रहे।

उनकी दादी सुमित्रा देवी के नाम बिहार सरकार में पहली महिला कैबिनेट मंत्री होने का रिकार्ड दर्ज है। मां मीरा कुमार पांच बार सांसद चुनी जाने वाली बिहार की एकमात्र महिला हैं। सासाराम से पहले मीरा कुमार दो बार दिल्ली में करोलबाग और एक बार उत्तर प्रदेश में बिजनौर से सांसद रह चुकी हैं।

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Manish Kashyap: आखिर क्यों कटा मनीष कश्यप का टिकट? खुद दे दिया जवाब, लोगों को बताई अंदर की एक-एक बात

11 hours 36 min ago

डिजिटल डेस्क, पटना। Bihar Politics News Hindi: बिहार में इस बार निर्दलीय उम्मीदवारों की भी खूब चर्चा हो रही है। इन नामों में पप्पू यादव, पवन सिंह, यूट्यूबर मनीष कश्यप और गुंजन सिंह का नाम सबसे आगे चल रहा है। इसी क्रम में मनीष कश्यप भी सुर्खियों में बने हुए हैं। मनीष कश्यप ने पश्चिमी चंपाऱण से चुनाव लड़ने का एलान कर दिया।

मनीष कश्यप (Manish Kashyap) लगातार लोगों के बीच जाकर उनके पक्ष में मतदान करने की अपील कर रहे हैं। लेकिन इन सब के बीच मनीष कश्यप ने टिकट कटने के बारे में खुलकर लोगों को बता दिया। उन्होंने बता दिया कि आखिर क्यों उनका टिकट कटा?

क्यों कटा मनीष कश्यप का टिकट, खुद दी जानकारी

दरअसल, मनीष कश्यप (Manish Kashyap) एक चुनावी जनसभा को संबोधित कर रहे थे। इसी दौरान एक शख्स ने कह दिया कि मनीष भैया एक समय आएगा कि आप प्रधानमंत्री बनेंगे। इसी पर मनीष कश्यप ने तुरंत शख्स को रोक दिया। मनीष कश्यप ने कहा कि यही बोलकर तो आप सबने टिकट कटवा दिया।

मनीष कश्यप ने कहा कि मुख्यमंत्री-मुख्यमंत्री बोलकर आपलोगों ने टिकट कटवा दिया, सारे नेता लोग भड़क गए। एक आदमी बोल रहा था कि मुख्यमंत्री मनीष भैया -मुख्यमंत्री मनीष भैया, बिहार के जितने मुख्यमंत्री दावेदार नेता थे सबने सोचा कि सबसे पहले इसको गेम से बाहर किया जाए। फिर मेरा टिकट कट गया। आपलोगों को पता ही है कि कौन सी पार्टी से टिकट मिलने जा रहा था। उनका इशारा भाजपा (BJP) की तरफ था।

जनता के दम पर अब चुनाव लड़ रहा हूं: मनीष कश्यप

मनीष कश्यप ने कहा कि मैं किसी पार्टी के दम पर चुनाव नहीं लड़ रहा हूं। मुझे चंपारण की जनता चुनाव लड़ा रही है। मैं सांसद बनने के बाद गरीबों की एक-एक समस्या का समाधान करूंगा।

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Patna News : कोर्ट को गुमराह करने वाले पूर्व प्रमुख पर 50 हजार का अर्थदंड, इतने दिन के भीतर भरना होगा जुर्माना

12 hours 4 min ago

राज्य ब्यूरो, पटना। पटना हाई कोर्ट ने झूठा दावा करने और न्यायालय को गुमराह करने के मामले पर संज्ञान लेते हुए अपीलकर्ता पर पचास हजार रुपये का अर्थदंड लगाया है। मुख्य न्यायाधीश के. विनोद चंद्रन एवं न्यायाधीश हरीश कुमार की खंडपीठ ने बशीद अहमद की एलपीए याचिका को खारिज करते हुए उक्त आदेश दिया।

कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि अर्थदंड की राशि अपीलकर्ता को एक महीने के भीतर बिहार राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण में जमा करानी होगी। अपीलकर्ता बशीद को राज्य के पंचायती राज कानून के प्रविधानों के तहत अविश्वास प्रस्ताव के माध्यम से सुपौल जिले में निर्मली ब्लाक स्तरीय पंचायत समिति के प्रमुख के पद से हटा दिया गया था।

नोटिस मिलने की बात किया इनकार

अपीलकर्ता ने आरोप लगाया था कि उसे प्रस्तावित अविश्वास प्रस्ताव का कोई नोटिस नहीं दिया गया। प्रतिवादी के वरीय अधिवक्ता अमित श्रीवास्तव एवं गिरीश पांडेय ने रिकॉर्ड से यह दर्शाया कि अपीलकर्ता को पिछले साल 23 दिसंबर, 2023 को ही नोटिस मिला था।

कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि अपीलकर्ता को पंचायत के प्रमुख के रूप में चुना गया था। मतदाताओं द्वारा जताया गया भरोसा जनप्रतिनिधि को अधिक ईमानदारी से काम करने के लिए बाध्य करता है।

कोर्ट ने स्पष्ट किया कि अर्थदंड की राशि समय सीमा के भीतर जमा नहीं करने पर बीएसएलएसए जिला मजिस्ट्रेट के माध्यम से शुरू की गई कार्यवाही के माध्यम से अपीलकर्ता से उक्त राशि की वसूली करने का हकदार होगा, जैसा कि भूमि पर देय किसी भी राजस्व की वसूली में किया जाता है।

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