Dainik Jagran
बिहार में मृदा स्वास्थ्य मिशन को नई गति, राज्य के 470 ब्लॉकों में स्थापित होंगी नई प्रयोगशालाएं
डिजिटल डेस्क, पटना। माननीय उप मुख्यमंत्री-सह-कृषि मंत्री, बिहार विजय कुमार सिन्हा ने कहा कि मृदा स्वास्थ्य एवं उर्वरता योजना के अंतर्गत इस वित्तीय वर्ष में राज्य के 470 प्रखंडों में एक-एक ग्राम स्तरीय मिट्टी जांच प्रयोगशाला की स्थापना की जाएगी। इन प्रयोगशालाओं के माध्यम से स्थानीय किसानों को उनके खेतों की मिट्टी का परीक्षण सुलभ और समयबद्ध रूप से उपलब्ध होगा, जिससे उन्हें फसल चक्र, उर्वरक उपयोग और भूमि सुधार के संबंध में वैज्ञानिक सलाह प्राप्त हो सकेगी। उन्होंने कहा कि इस पहल से फसलों की उत्पादन एवं उत्पादकता में वृद्धि होगी एवं खेती की लागत में कमी आएगी, जिससे किसानों की आय में बढ़ोतरी होगी।
माननीय उप मुख्यमंत्री ने बताया कि इन प्रयोगशालाओं की स्थापना से न केवल कृषि तकनीक को गांवों तक पहुंचाया जाएगा, बल्कि शिक्षित बेरोजगार युवाओं को भी स्वरोजगार के अवसर उपलब्ध कराए जाएंगे। वर्तमान में राज्य के विभिन्न प्रखण्डों में कुल 72 ग्राम स्तरीय मिट्टी जांच प्रयोगशालाएं कार्यरत हैं, जिन्हें विस्तार देकर अब प्रत्येक प्रखण्ड में एक प्रयोगशाला की स्थापना की जा रही है।
उन्होंने कहा कि मृदा स्वास्थ्य एवं उर्वरता योजना के तहत राज्य के 34 जिलों की विभिन्न पंचायतों में क्षारीय मिट्टी और 4 जिलों में अम्लीय मिट्टी के सुधार का लक्ष्य भी निर्धारित किया गया है। अत्यधिक क्षारीय अथवा अम्लीय मिट्टी फसलों की उपज को प्रभावित करती है, जिससे किसानों को नुकसान उठाना पड़ता है। इसलिए, मिट्टी का सुधार कृषि उत्पादन की दृष्टि से अत्यंत आवश्यक है।
सिन्हा ने यह भी बताया कि पिछले वर्षों में विश्लेषित किए गए मिट्टी नमूनों के आधार पर राज्य के कुल 1900 हेक्टेयर भूमि में सूक्ष्म पोषक तत्वों की पूर्ति की जाएगी। इसके अंतर्गत प्रत्येक जिले में 500 हेक्टेयर भूमि पर जिंक एवं बोरॉन जैसे आवश्यक तत्वों का वितरण किया जाएगा, जिससे भूमि की उर्वरता में सुधार होगा और बेहतर उपज सुनिश्चित की जा सकेगी।
अपर मुख्य सचिव अरविंद कुमार चौधरी ने जिलेवार की समीक्षा, लंबित मामलों को जल्द निपटाने के दिए निर्देश
डिजिटल डेस्क, पटना। गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव अरविंद कुमार चौधरी ने कहा कि जिला स्तर पर लंबित मामलों का निपटारा तेजी से कराएं। लंबे समय से लंबित मामलों का निपटारा प्राथमिकता के स्तर पर करें। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से पटना और पूर्णिया प्रमंडल के सभी जिलों की जिलावार समीक्षा की। प्रमंडलवार अभियोजन कार्यों की प्रगति को लेकर समीक्षा की गई।
इस दौरान यह बात सामने आई कि मई में संबंधित जिलों में समन के 13652 मामले किए गए। इसके अलावा 6540 जमानतीय वारंट, 8753 गैर-जमानतीय वारंट, 2078 इश्तेहार और 1328 कुर्की का तामिला किया गया। विभिन्न मामलों में जिले के न्यायालयों में 6033 साक्षियों की गवाही कराई गई।
सीसीटीएनएस पर मई महीने 8 हजार 911 कांड दर्ज किए गए। हालांकि इसे समाहित करते हुए पहले के मामलों को मिलाकर 12 हजार 362 कांडों का निष्पादन कराया गया। इस बैठक में गृह विभाग के सचिव प्रणव कुमार, पुलिस अधीक्षक चंद्रशेखर विद्यार्थी, उत्पाद मद्य निषेध एवं निबंधन विभाग के आयुक्त सह महानिरीक्षक रजनीश सिंह, अभियोजन निदेशालय के निदेशक सुधांशु कुमार चौबे, विधि कोषांग प्रभारी रंजीत शंकर, विधि विभाग के अवर सचिव सह विधि परामर्शी राजीव कुमार के अतिरिक्त अभियोजन निदेशालय के सभी पदाधिकारी तथा सभी जिलों को वरीय पुलिस अधीक्षक या पुलिस अधीक्षक, वरीय उप-समाहर्ता (विधि), पीपी, डीपीओ, विशेष लोक अभियोजक और उत्पाद अधीक्षक शामिल थे।
Bihar News: बिहार बना मछली उत्पादन का हब, बीते 20 सालों में तीन गुना हुई बढ़ोतरी
डिजिटल डेस्क, पटना। बिहार सरकार के कृषि रोड मैप ने बिहार में मछली उत्पादन की सूरत बदल दी है। मछली का उत्पादन 2.68 लाख मीट्रिक टन (2005 से पहले) से बढ़कर 8.73 लाख मीट्रिक टन (2023-24) हो गया। इस तरह से करीब 20 वर्षों में मछली का उत्पादन बिहार में तीन गुना से अधिक बढ़ चुका है।
मछली उत्पादन में बढ़ोतरी के लिए सरकार कृषि रोड मैप के तहत कई योजनाएं चला रही है। जिसमें मुख्यमंत्री समेकित चौर विकास योजना, जलाशय मात्स्यिकी विकास योजना, निजी तालाबों के जीर्णोद्धार की योजना, राज्य में बहने वाली गंगा नदी के पारिस्थितिकी तंत्र में नदी पुनर्स्थापन कार्यक्रम आदि एवं केन्द्र प्रायोजित योजनान्तर्गत प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना का कार्य मुख्य रुप से शामिल है। इन योजनाओं से मछली उत्पादन को बढ़ावा मिला है और रोजगार के अवसर बढ़े हैं।
मुख्यमंत्री समेकित चौर विकास योजना के तहत बिहार की 461 हेक्टेयर चौर भूमि मछली पालन से समृद्ध हुई है। इस योजना से चौर बाहुल्य जिलों में अवस्थित चौर भूमि पर मॉडल आधारित नये तालाबों का निर्माण किया जा रहा है। जिससे राज्य में मछली का उत्पादन तेजी से बढ़ रहा है।
प्रखंडों में बनेंगे मछली बाजारसरकारी योजनाओं के जरिए जहां एक ओर राज्य में मछली उत्पादन को बढ़ावा दिया जा रहा है वहीं दूसरी ओर सरकार मछली पालकों द्वारा उत्पादित मछली को बाजार भी मुहैया करवाने की लगातार कोशिश कर रही है। इसी कड़ी में मुख्यमंत्री मत्स्य विपणन योजना के अंतर्गत चालू वित्तीय वर्ष में राज्य के चिन्हित प्रखण्डों में 30-30 मत्स्य बाजार का निर्माण किया जा रहा है। साथ ही, मछली के उत्पादन में बढ़ोतरी के लिए नई तकनीक जैसे बायोफ्लॉक तकनीक एवं आरएएस तकनीक से मत्स्य पालन किया जा रहा है।
अब तक राज्य में 439 बायोफ्लॉक इकाई एवं 15 आरएएस इकाई बनाए गए हैं। वहीं चालू वित्तीय वर्ष में गंगा, गंडक, बूढ़ी गंडक आदि नदियों में मछली उत्पादन बढ़ाने के लिए मछली का 61.81 लाख जीरा डाला जा चुका है।
बढ़े रोजगार आई खुशहालीकेस-1समस्तीपुर जिले के शिवाजीनगर प्रखंड के पुरा निवासी ज्योत्सना सिंह मछली बीज के उत्पादन कार्य से जुड़ी हैं। वे खुद आत्मनिर्भर बनने के साथ ही आज 20 लोगों को रोजगार मुहैया करा रही हैं। 2023 में मत्स्य विभाग से इन्होंने और 15.00 लाख रूपये का अनुदान लेकर कमल मत्स्य बीज हैचरी की स्थापना की जिसमें इन्हें अपार सफलता प्राप्त हुई है। आज इनकी सफलता से दूसरे लोग भी प्रभावित होकर मत्स्य पालन से जुड़ रहे हैं।
केस-2समस्तीपुर जिले के ही शिवाजीनगर प्रखंड के कोची गांव में संजय सहनी मुख्यमंत्री समेकित चौर विकास योजना का लाभ उठाकर प्रति वर्ष 15 टन मछलियों का उत्पान कर रहे हैं। जिससे इन्हें 12 से 15 लाख रूपये की कमाई होती है। इस काम से उनकी आय बढ़ी और परिवार में खुशहाली आई है। इनके इस खुशहाल जीवन को देखकर दो अन्य किसान श्याम बाबु यादव एवं अशर्फी सहनी भी इस व्यवसाय से जुड़ गये है। जिससे इन्हें लगभग 15 से 20 लाख रुपये की आमदनी हो रही है।
केस- 3वहीं सरायगंज प्रखंड के डुबैला चौर, ग्राम रायपुर के रहने वाले लक्ष्मी सहनी, शीला देवी, प्रमोद कुमार सहनी, रानी कुमारी, और सीती देवी द्वारा करीब आठ हेक्टेयर के रकबा में चौर विकास योजना का लाभ उठाकर मछली पालन किया जा रहा है। इन लोगों द्वारा सम्मिलित रूप से प्रतिवर्ष 10-15 टन मछली का उत्पादन किया जा रहा है। इससे इन्हें 13 से 18 लाख रुपए की कमाई हो रही है। यह प्रयास जारी है। मछली पालन से आज सैकड़ों लोगों की जिंदगी में आर्थिक प्रगति आई है।
Air India Plane Crash: मां! लौटकर बात करते हैं... अब कभी नहीं लौटेगी पटना की एयर होस्टेस मनीषा
सैयद नकी इमाम, फुलवारी शरीफ। मां..! प्लेन टेकऑफ होने वाला है, लौटकर आएंगे तब बात करेंगे। ठीक है बेटा... हम भी जा रहे घर का काम समाप्त कर लें। गुरुवार को उड़ान से पहले मनीषा थापा की मां से यही अंतिम बात हुई। अब वह लौटकर बात करने कभी नहीं आएगी।
अहमदाबाद में एअर इंडिया का जो विमान दुर्घटनाग्रस्त हुआ, उसमें वह भी सवार थी। मनीषा तीन वर्षों से एअर इंडिया में एअर होस्टेस थी। गुरुवार को लंदन के लिए उड़ान भरे विमान पर वह भी क्रू की एक सदस्य थी, जिसकी मौत हो गई।
मां लक्ष्मी थापा से बातचीत के थोड़ी ही देर बाद उसके भाई को विमान के दुर्घटनाग्रस्त होने की सूचना मिली गई, जिसके बाद घर में कोहराम मच गया। उसके माता-पिता, भाई व अन्य रिश्तेदार तत्काल अहमदाबाद निकल गए। घर में क्रंदन और सभी के अचानक अहमदाबाद जाने से मनीषा की दादी शांति देवी को किसी अनहोनी की आशंका हुई।
वे पूछ रही थीं कि क्या हुआ, पर उनसे यह बात छिपाई गई, पर पता चल ही गया। वह होली में आई थी और घर में खूब रंग जमा था। घर की सबसे बड़ी लड़की थी।
मनीषा थापा का परिवार। फोटो- जागरण
उसके रिश्तेदार रितेश थापा ने बताया कि अभी जाने से पहले ही उनकी दुकान से एक मोबाइल खरीद कर ले गई थी। काफी हंसमुख थी। यहां आने पर नाते-रिश्तेदारों से मिले बिना नहीं जाती थी। उसके चाचा-चाची, बुआ आदि पटना में ही रहते हैं।
उसके चाचा बब्लू थापा ने बताया कि इस घटना से वे लोग टूट गए हैं। छोटे भाई-बहन सभी उदास हैं। बस मनीषा की फोटो देखे जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि अहमदाबाद में मनीषा के पिता से संपर्क में हैं। अब यही आस है कि बेटी का शव मिल जाए।
भाई और भतीजे ने बताया कि हादसे में एक को छोड़ कोई नहीं बचा। न ही शव की हालत ऐसी है कि पहचान हो सके। मनीषा का परिवार पटना के जगदेव पथ महुआ बाग में रहता है। उसकी मां बदहवास है। अहमदाबाद से जानकारी दी गई कि पिता और भाई शव ढूंढने के लिए शवगृह के बाहर बैठे हैं।
उसके भाई अमित थापा ने बताया कि बहन का शव नहीं मिल रहा। शवगृह में कुछ शव है, मगर उसकी पहचान कर पाना मुश्किल है। मनीषा के पिता राजू थापा बिहार पुलिस में एसआई (दारोगा) के पद पर बेगूसराय में तैनात हैं। चाचा बिहार सशस्त्र विशेष पुलिस बल-1 के गोरखा बटालियन में हैं। मनीषा 2017 में एअर होस्टेस बन गई थी। इससे पहले पटना में इंडिगो में थी।
कोरोना के बाद एअर इंडिया में योगदान कर अहमदाबाद चली गई। वह तीन-चार माह पर छुट्टी में घर आती थी। वह लगभग प्रतिदिन दादी से बात करती थी।
उसकी दादी ने बताया कि हमेशा कहती थी कि इस बार आएंगे तो तुम्हारे लिए यह सब लेकर आएंगे। मैं कहती थी, कुछ नहीं चाहिए, बस तू बता कि कब आएगी। अब तो वह कभी नहीं आएगी, कहते हुए रोने लगती हैं कि मेरी मनीषा से बात कराओ।
Vande Bharat: पटना-गोरखपुर वंदे भारत का शेड्यूल जारी, रेलवे ने रूट भी बताया; ट्रेन में होंगे कुल 16 कोच
जागरण संवाददाता, पटना। राजधानी के पाटलिपुत्र जंक्शन से गोरखपुर के बीच प्रस्तावित वंदे भारत ट्रेन के चलाने का रास्ता अब पूरी तरफ से साफ हो गया है। आगामी 20 जून से इसे चलाए जाने की संभावना है। इसके लिए पाटलिपुत्र जंक्शन पर उद्घाटन समारोह आयोजित किया जाएगा।
इसके लिए पूर्व मध्य रेलवे ने प्रधानमंत्री कार्यालय से समय मांगा है। नई वंदे भारत ट्रेन को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी हरी झंडी दिखा सकते हैं। ट्रेन के संचालन को लेकर रेलवे प्रशासन ने अपनी तैयारी तेज कर दी है।
वंदे भारत के चलने से पटना से मुजफ्फरपुर और गोरखपुर आना-जाना काफी आसान हो जाएगा। रेलवे द्वारा ट्रेन की समय-सारिणी तैयार कर ली गई है।
यह ट्रेन सुबह 6 बजे गोरखपुर से रवाना होगी और बेतिया, नरकटियागंज और मुजफ्फरपुर होते हुए पटना पहुंचेगी। वहीं, वापसी में रात 9 बजे तक गोरखपुर लौट आएगी।
गोरखपुर यार्ड में तैयार की जा रही ट्रेनरेलवे सूत्रों का कहना है कि पाटलिपुत्र से गोरखपुर चलने वाली इस ट्रेन को पहले प्रयागराज रूट से चलाने के लिए लाया गया था, लेकिन वहां अब 16 कोच की नई रैक पहुंच गई है। उस ट्रेन को पूर्व मध्य रेलवे रूट पर पाटलिपुत्र से गोरखपुर से चलाने का निर्णय लिया गया है।
ट्रेन को गोरखपुर यार्ड में तैयार किया जा रहा है। इस सप्ताह ट्रायल रन की योजना है। पटना मंडल उद्घाटन समारोह की तैयारियों में जुटा है।
प्रधानमंत्री कार्यालय से स्वीकृति मिलते ही पीएम द्वारा उद्घाटन की घोषणा कर दी जायेगी। हाल में गोरखपुर और बेतिया दौर पर आए रेलमंत्री अश्विनी वैष्णव ने गोरखपुर-पटना नई वंदे भारत ट्रेन चलाने की घोषणा की थी।
बिहार में 223 जगह बनेंगे रेलवे ओवर ब्रिज, केंद्र सरकार ने दी मंजूरी; स्टेट गवर्नमेंट से मिला NOC
राज्य ब्यूरो, पटना। राज्य सरकार के आग्रह पर रेल मंत्रालय ने प्रदेश के 223 रेल फाटकों पर रेल ओवर ब्रिज (आरओबी) निर्माण को अपनी स्वीकृति प्रदान कर दी है। आरओबी के निर्माण से राज्य की सड़कों पर आवागमन निर्बाध होगा। राज्य सरकार ने 223 रेल फाटकों पर आरओबी निर्माण के लिए अनापत्ति प्रमाण पत्र भी दे दिया है।
पथ निर्माण विभाग के अपर मुख्य सचिव मिहिर कुमार सिंह, रेलवे बोर्ड के सदस्य आधारभूत संरचना नवीन गुलाटी, महाप्रबंधक छत्रशाल सिंह, के साथ हुई बैठक में आरओबी निर्माण पर सहमति बनी। रेलवे बोर्ड ने 12 आरओबी, आरयूबी के निर्माण को ले डीपीआर को भी अपनी स्वीकृति प्रदान कर दी।
इन जगहों पर आरओबी निर्माण के डीपीआर को मिली मंजूरजिन 12 जगहों पर आरओबी निर्माण के लिए डीपीआर को स्वीकृति दी गई है उनमें सहरसा जंक्शन से बैजनाथपुर के बीच के रेल फाटक, छपरा जिले में छपरा जंक्शन से छपरा कचहरी के बीच, सीतामढ़ी जिले में सीतामढ़ी से डुमरा के बीच, गया जिले में पहाड़पुर से गुरपा के बीच तथा परैया से गुरारू के बीच, लखीसराय जिले में अभयपुर से मसुदन तथा कजरा से अभयपुर के बीच, जमुई जिले में झाझा से सिमुलतला के बीच, मुंगेर में जमालपुर से दशरथपुर के बीच, औरंगाबाद जिले में फेशर-बधोई कुशा तथा जाखिम-बधोई कुशा के बीच तथा मुजफ्फरपुर जिले में मोतीपुर से मेहषी शामिल हैं।
48 आरोबी के निर्माण का डीपीआर तैयारपथ निर्माण विभाग सेमिली जानकारी के अनुसार, 48 जगहों पर आरओबी निर्माण के लिए डीपीआर तैयार कर लिया गया है। जून-जुलाई के बीच स्वीकृति मिल जाएगी। वहीं 112 अन्य आरओबी के निर्माण के लिए डीपीआर तैयार किया जा रहा है।
पथ निर्माण मंत्री ने क्या कहा?पथ निर्माण मंत्री नितिन नवीन ने कहा कि 223 आरओबी के निर्माण की स्वीकृति से राज्य के किसी कोने से भी साढ़े तीन घंटे में पटना पहुंचने के लक्ष्य को हासिल करना संभव हो सकेगा। रेल फाटकों पर लगने वाले जाम से भी राहत मिलेगी।
Gupt Navratri 2025: इस तारीख से आरंभ होगा आषाढ़ माह का गुप्त नवरात्र, जानिए कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त
जागरण संवाददाता, पटना। आषाढ़ शुक्ल प्रतिपदा 26 जून गुरुवार को आर्द्रा नक्षत्र व ध्रुव व सर्वार्थ सिद्धि योग में गुप्त नवरात्र कलश स्थापना के साथ आरंभ होगा। पांच जुलाई शनिवार को विजया दशमी तिथि के साथ नवरात्र का समापन होगा। नवरात्र के पहले दिन श्रद्धालु विधि-विधान के साथ मां शैलपुत्री की पूजा करेंगे। इस दौरान हर दिन मां दुर्गा के अलग-अलग स्वरूपों की पूजा होगी।
श्रद्धालु निराहार या फलाहार रह कर मां की आराधना में लीन रहेंगे। नवरात्र के मौके पर घरों व देवी मंदिरों में अखंड दीप जलाकर श्रद्धालु मां की उपासना करेंगे। गुप्त नवरात्र में तंत्र साधना की प्रधानता होती है। नवरात्र में मां कामाख्या की पूजा विशेष तौर पर होती है।
ज्योतिष आचार्य पंडित राकेश झा ने धार्मिक ग्रंथ शिव पुराण का हवाला देते हुए बताया कि आषाढ़ मास के देवता इंद्र और महाकाली हैं। यह मास प्रकृति को अपने गोद में लिए होती है। इसमें वर्षा की प्रधानता रहती है। आषाढ़ मास में शक्ति पूजन की परंपरा रही है। दुर्गा सप्तशती का पाठ, दुर्गा कवच, दुर्गा शतनाम का पाठ करने से घरों में सुख-समृद्धि का वास होने के साथ मन निर्मल होता है।
10 महाविद्या का होता है पूजन:गुप्त नवरात्र में दुर्लभ शक्तियों की प्राप्ति के लिए साधक 10 महा विद्याओं में महाकाली, तारा, ललिता, भुवनेश्वरी, त्रिपुरसुंदरी, छिन्मस्तिका, भैरवी, बगलामुखी, माता कमला, मातंगी देवी की साधना विधि-विधान के साथ करते हैं।
इसके अलावा, मां दुर्गा के नौ स्वरूपों में शैलपुत्री, ब्रह्मचारिणी, चंद्रघंटा, कुष्मांडा, स्कंदमाता, कालरात्रि, महागौरी व सिद्धिदात्री माता की पूजन का विधान है। गुप्त नवरात्र में विधि-विधान के साथ व्रत और साधना करते हैं। जगदंबा के पूजन, हवन,रोग-शोक को नाश करता है।
कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त:- प्रतिपदा तिथि: दोपहर 02:29 बजे तक
- शुभ मुहूर्त: प्रातः 05:02 बजे से 06:45 बजे तक
- अभिजीत मुहूर्त: दोपहर 11:25 बजे से 12:20 बजे तक
- चर मुहूर्त: सुबह 10:10 बजे से 11:52 बजे तक
- लाभ मुहूर्त: दोपहर 11:52 बजे से 01:35 बजे तक
- अमृत मुहूर्त: दोपहर 01:35 बजे से 03:18 बजे तक
Bihar Politics: राजद प्रदेश अध्यक्ष पद के लिए नाम लगभग तय, ईबीसी संग मिथिला को साधने की तैयारी
विकाश चन्द्र पाण्डेय, पटना। नामांकन के दो दिन पहले तक राजद प्रदेश अध्यक्ष के पद की दौड़ में दो चेहरे थे। शुक्रवार दोपहर तक उनमें से एक नाम पीछे छूट गया। वे पार्टी के संकट-मोचक माने जाने वाले पूर्व मंत्री आलोक मेहता हैं। उसके बाद यह लगभग तय हो गया कि प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद के स्थानापन्न अब मंगनी लाल मंडल ही होंगे।
कारण यह कि प्रदेश अध्यक्ष का चयन अब तक निर्विरोध ही हुआ है। सुप्रीमो लालू प्रसाद की पसंद व अनुमति से मात्र एक नामांकन होता रहा है। इसकी संभावना प्रबल है कि शनिवार को एकमात्र मंडल का ही नामांकन हो। शुक्रवार तक किसी ने भी नामांकन-पत्र नहीं लिया था।
राजद नामांकन-पत्र भी उसे ही देता है, जिसके लिए सुप्रीमो लालू प्रसाद का संकेत होता है। अब तेजस्वी की पसंद का मान भी लालू की इच्छा से कम नहीं। सूत्र बता रहे कि दोनों का मानना है कि परंपरागत समीकरण (मुसलमान-यादव) के साथ अति-पिछड़ा वर्ग (ईबीसी) को साधे बिना सत्ता तक पहुंच सहज नहीं।
ईबीसी में धानुक जाति से आने वाले मंडल के साथ एक विशेषता मिथिला का निवासी होना भी है, जहां कभी राजद की स्थिति मजबूत हुआ करती थी।
विधानसभा के पिछले चुनाव में महागठबंधन ने वहां मुंह की खाई थी। ऐसे में मिथिला पर विशेष फोकस है। इसी लक्ष्य के साथ राजद 18 जनवरी को मंडल को जदयू से अपने पाले में ले आया था। मिथिला में पचपनिया कहे जाने वाले वस्तुत: ईबीसी ही हैं।
मेहता भविष्य के दांव:उजियारपुर का प्रतिनिधित्व करने वाले आलोक मेहता कुशवाहा समाज से हैं। लोकसभा चुनाव से ही इस समाज को साधने का उपक्रम हो रहा। पार्टी संसदीय दल के नेता अभय कुशवाहा भी इसी समाज से हैं। राजद की सत्ता में वापसी होने पर मेहता सरकार के प्रमुख चेहरों में से एक होंंगे। अभी वे महागठबंधन समन्वय समिति के सदस्य हैं। भविष्य की संभावनाओंं के दृष्टिगत ही शीर्ष नेतृत्व ने उन्हें रोका है।
सिद्दिकी ने किया मना:मध्य अप्रैल में दिल्ली में राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद और जगदानंद सिंह के बीच लगभग ढाई घंटे तक भेंट-वार्ता हुई थी। लालू का कुशल-क्षेम जानने के बहाने हुई उस मुलाकात के दौरान ही जगदानंद ने विश्राम की अनुमति ले ली थी। उसके बाद अंदरखाने ऐसे योग्य व्यक्ति की तलाश शुरू हुई, जो लालू की इच्छा और तेजस्वी की राजनीतिक संभावनाओं के बीच तालमेल बिठाकर संगठन को आगे बढ़ा सके।
कई नामों पर चर्चा के बाद अब्दुल बारी सिद्दिकी को भरोसेमंद माना गया, लेकिन बढ़ती उम्र और पूर्व-निर्धारित दायित्वों का हवाला देकर उन्होंने मना कर दिया। सिद्दिकी अभी राष्ट्रीय इकाई मेंं प्रधान महासचिव हैं और आगे भी उनके इस पद पर बने रहने की संभावना है। अंतत: मंडल का नाम तय हुआ है।
उनके लिए पुरानी और नई पीढ़ी के बीच समन्वय बनाने की चुनौती होगी। शीर्ष नेतृत्व का मानना है कि अपने राजनीतिक अनुभव का उपयोग करते हुए मंडल इस चुनावी वर्ष मेंं राजद को निर्धारित लक्ष्यों तक ले जाने मेंं सक्षम और समर्थ हैं।
Bihar Politics: 15 जून को कांग्रेस विधायक दल की बैठक, चुनावी तैयारियों और मुद्दों पर नेता देंगे फीडबैक
राज्य ब्यूरो, पटना। बिहार में बीते तीन दशकों में अपनी राजनीतिक जमीन गंवाने वाली कांग्रेस पुरानी गलतियों से सबक लेकर आगे देख रही है। मतदाता और आमजन से अपनी दूरी पाटने के लिए बिहार विधानसभा चुनाव के पूर्व संवाद और संपर्क के जरिये कांग्रेस अपनी राजनीतिक जमीन मजबूत करने में जुटी है। वह ऐसे मुद्दों पर मुखर हो रही है जिनका सीधा वास्ता आमजन से है।
मसला बिहार लोक सेवा आयोग परीक्षार्थियों का हो, युवाओं के बिहार से पलायन, नौकरी या फिर रोजगार का हो या फिर अस्पतालों में मरीजों को समय पर इलाज देने का, इन मुद्दों पर सरकार की घेराबंदी में पार्टी कोई कोर-कसर नहीं छोड़ रही।
अपने अभियान की इस कड़ी में आगे बढ़ते हुए पार्टी ने अब चुनावी तैयारियों और चुनाव के मुद्दों पर चर्चा के लिए पार्टी विधायक दल की एक बैठक 15 जून को बुलाई है। बैठक में पार्टी के सभी विधायक, विधान पार्षद समेत पार्टी के अन्य वरिष्ठ नेता शामिल होंगे।
प्रदेश अध्यक्ष राजेश कुमार और प्रभारी कृष्णा अल्लावारू की उपस्थिति में होने वाली बैठक में जहां विधानसभा चुनाव की तैयारियों पर नेता आपसी संवाद करेंगे वहीं जनहित के वैसे मुद्दे जो आज ज्वलंत हैं उन पर भी चर्चा होगी। इसके अलावा चरणवार राज्यव्यापी आंदोलन की रूपरेखा बनेगी।
चर्चा है कि पार्टी ने महागठबंधन की एक दिन पूर्व हुई बैठक के आलोक में यह बैठक बुलाई है। जिसमें नेता वैसी सीटों की पहचान कर उन्हें सूचीबद्ध करेंगे जहां पार्टी मजबूत स्थिति में हैं। यह सूची महागठबंधन के प्रमुख दल के मुखिया और महागठबंधन की समन्वय समिति के अध्यक्ष को दी जाएगी। पार्टी ने अपने सभी विधायकों और पार्षदों के साथ वरिष्ठ नेताओं को 15 जून की बैठक की सूचना भेज दी है।
Bihar Bhumi: जमीन रजिस्ट्री के न्यूनतम निबंधन मूल्य को लेकर आई अहम जानकारी, हर जिले के DM को मिला लेटर
राज्य ब्यूरो, पटना। जमीन निबंधन के नए एमवीआर (न्यूनतम निबंधन मूल्य) की प्रतीक्षा में बड़ी परियोजनाओं के लिए भूमि अधिग्रहण की कार्रवाई बाधित नहीं होगी। राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार सिंह ने शुक्रवार को सभी प्रमंडलीय आयुक्तों एवं जिलाधिकारियों को पत्र लिख कर कहा है कि वे इस मामले में विशेष शक्तियों का प्रयोग करें।
इसके तहत केंद्रीय मूल्यांकन समिति के अध्यक्ष विशेष परिस्थिति में जिला मूल्यांकन समिति को आदेश दे सकते हैं। इसमें जमीन अधिग्रहण की तीन श्रेणियों का जिक्र किया गया है।
विशेष शक्ति का उपयोग औद्योगिक क्षेत्र, आधारभूत संरचनाओं का निर्माण एवं वृहत पैमाने पर आवासीय क्षेत्रों के विकास के लिए भूमि अधिग्रहण के मामले में किया जा सकता है। अपर मुख्य सचिव ने कहा कि यह प्रविधान बिहार स्टांप (लिखत का न्यूनतम मूल्यांकन निवारण) संशोधन नियमावली 2013 में किया गया है।
पत्र में कहा गया है कि किसी परियोजना के लिए भूमि अधिग्रहण की अधियाचना प्राप्त होते ही प्रक्रिया और मूल्य निर्धारण की कार्रवाई शुरू कर दें। कहा गया है कि पुनरीक्षण के समय जमीन के प्रचलित बाजार मूल्य का ध्यान रखा जाए। उसे ही आधार बनाया जाए।
अपर मुख्य सचिव ने साफ लिखा है कि मद्य निषेध, उत्पाद एवं निबंधन विभाग के स्तर पर पूरे राज्य के लिए नया एमवीआर तैयार करने में अभी समय लगने की संभावना है। अगर उसकी प्रतीक्षा करें तो भूमि अधिग्रहण में देरी हो सकती है, इसलिए विशेष शक्ति का प्रयोग करते हुए अधिग्रहण की प्रक्रिया जारी रखी जाए।
तेज धूप के बाद मसालेदार भोजन बन रहा परेशानी, खाने में करें नमकीन, तीखे और खट्टे रसों का मिश्रण
जागरण संवाददाता, पटना। आचार्य चरक व सुश्रुत के अनुसार ग्रीष्म ऋतु में अग्नि यानी पाचन शक्ति कमजोर हो जाती है और पित्त दोष बढ़ जाते हैं। ऐसे में तेज धूप में अधिक समय बिताना, तीखे-तले व मसालेदार भोजन को सेवन, अधिक परिश्रम स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकता है।
अत्यधिक तापमान पसीने के साथ शरीर में पानी-लवण की कमी के साथ जलन, अरुचि, अपच, थकान, सिरदर्द, दाग, चक्कर समेत कई पित्तजन्य रोग का खतरा बढ़ा देता है। आयुर्वेदिक जीवनशैली व आहार में बदलाव कर हम इससे बच सकते हैं। इस मौसम में भोजन में लवण (नमकीन), कटु (तीखे) व अम्ल (खट्टे) रसों को शामिल करना चाहिए। ये शरीर में इलेक्ट्रोलाइट्स की पूर्ति कर ताप से बचाते हैं।
वहीं, स्निग्ध यानी घी जैसे चिकने पदार्थ व सादा भोजन पाचन ठीक रखने को जरूरी हैं। कुछ भी खाएं उसमें मधु जरूर शामिल करें। आयुर्वेद में सिर्फ ग्रीष्म ऋतु में दोपहर को शयन यानी झपकी लेने को कहा गया है ताकि थकान दूर हो व शरीर का तापमान नियंत्रित रहे। शरीर को ठंडा रखने वाले शीतल पेय पदार्थ जैसे नींबू पानी, सत्तू, बेल का शर्बत, छाछ आदि इस मौसम में अमृत तुल्य होते हैं।
60 दिन में तैयार होने वाला नवचाल यानी चावल खाना चाहिए, यह सुपाच्य, शरीर को ऊर्जा के साथ ठंडक देता है। मांसाहारी लोग कम मसाले में बना कुक्कुट (मुर्गा) खा सकते हैं यह अपेक्षाकृत हल्का होता है। गर्मी से होने वाली अरुचि, अत्यधिक प्यास, पेट में जलन या त्वचा पर दाग जैसे लक्षण दिखें तो हरे-भरे ठंडे स्थानों पर समय बिताएं व तनाव को दूर भगाएं। ये बातें दैनिक जागरण के लोकप्रिय कार्यक्रम हेलो जागरण में राजकीय आयुर्वेदिक कालेज में संहिता सिद्धांत के एसोसिएट प्रोफेसर डा. रोहित रंजन ने सुधि पाठकों के सवालों के जवाब में कहीं।
खानपान सही फिर भी कमजोरी लगती है?खानपान के साथ ऋतु अनुकूल दिन व रात्रिचर्या के साथ हल्का व्यायाम जरूरी है। इसके बाद भी कमजोरी रहती है तो अश्वगंधा, सतावर, बिदारीकंद, सफेद मूसली, क्रौंच बीज, ताल मिश्री आदि को सौ-सौ ग्राम लेकर मिला लें। प्रतिदिन सुबह-शाम गुनगुने दूध के साथ एक-एक चम्मच एक माह तक लें, आराम होगा।
- बीपी-शुगर साथ में है। चलने में लाचार हूं?आपकी उम्रजनित समस्याएं हैं, इसके लिए जीवनशैली दुरुस्त करें। सुबह सात बजे तक अंकुरित अनाज, कच्चा पपीता, सेब, खीरा, प्याज, नींबू, काली मिर्च आदि का नाश्ता करें। सुबह नौ बजे तक दो रोटी, हरी सब्जी, दोपहर में रोटी या चावल में से कोई एक साथ में एक कटोरी दही के साथ घर का भोजन लें, शाम चार से पांच बजे के बीच चना-मकई का थोड़ा सा भूजा खाएं। रात में साढ़े सात बजे तक हल्का भोजन लें और रोटी मल्टी ग्रेन यानी ज्वार, बाजरा, रागी व जौ की लें। रात में सोते समय गुनगुना दूध ले सकते हैं। अनिद्रा दूर करने के लिए सोने के पहले अश्वगंधा चूर्ण या इसका कैप्सूल स्ट्रेसकाम लें। दो से तीन माह में वजन चार से पांच किलोग्राम कम होने के साथ स्वास्थ्य भी बेहतर होगा।
यूरिन करने के बाद कुछ बूंदें टपकती हैं?प्रोस्टेट बढ़ा हो सकता है, एक अल्ट्रासाउंड करा लें। उस समय तक मक्के के भुट्टे के बाल का काढ़ा बना कर सुबह-शाम पिएं, इसके अलावा चंद्रप्रभा बटी की दो-दो गोली सुबह-शाम व तृण पंचमूल कसाय 30-30 एमएल सुबह-शाम लें। बवासीर के लिए अर्षकुठार रस की एक-एक गोली व अभ्यारिष्ट सिरप लें।
पेट में गैस के साथ पेट भरा-भरा रहता है?फैटी लिवर की आशंका, चाय बंद कर दें, इसकी जगह काढ़ा ले सकती हैं। दोपहर व शाम के भोजन का पहला कौर हिंग्वाष्टक चूर्ण के साथ लें। इसके अलावा सुबह-शाम लिव 52 डीएस छह माह तक सुबह-शाम लें। महाशंख बठी की दो-दो गोली सुबह शाम लें। बाहर के बजाय घर का भोजन ही लें।
गर्मी से बचाव को अपनाएं ये उपाय- - बेल शरबत, आम पन्ना, सत्तू का नींबू, काला नमक से बना घोल व पर्याप्त मात्रा में शीतल जल का सेवन करें।
- - तेज सिरदर्द होने पर एक से दो रत्ती गुलकंद के साथ गोदंती भस्म लें।
- -एसिडिटी व जलन में प्रवाल पिष्टी, मुक्ता शुक्ति भस्म लेने से फायदा।
- - घमौरियां, फोड़े-फुंसी होने पर चंदन, गोरोचन का लेप, नीम की पत्तियों का उबटन, मुल्तानी मिट्टी का लेप लगाएं।
- - पाचन संबंधी समस्या होने पर खानपान में जौ, नया चावल, मूंग दाल, छाछ, खीरा, लौकी, तोरई, परवल खाएं।
- -अविपत्तिकर चूर्ण लेने से एसिडिटी व कब्ज़ की समस्या में फायदा होता है। हिंगवाष्टक चूर्ण, द्राक्षारिष्ट, पंचसकार चूर्ण गैस एवं कब्ज में फायदेमंद।
- - मानसिक थकावट, चक्कर, सिरदर्द होने पर ब्राह्मी, शंखपुष्पी, मांडूकपर्णी जैसी औषधियों का प्रयोग कर सकते हैं।
- -सिर दर्द में शीतल तेल जैसे नारियल तेल, ब्राह्मी आदि से मालिश करें, नाक में अणु तेल डालें।
- -ज्यादा तैलीय, मिर्च-मसालेदार, भारी भोजन से बचें।
- -ताज़े फल जैसे तरबूज, खरबूजा, अंगूर, खीरा नियमित लें।
IAS संजीव हंस के करीब रिशुश्री और उससे जुड़े नौ ठिकानों पर छापा, पटना से गुजरात तक ताबड़तोड़ कार्रवाई
राज्य ब्यूरो, पटना। भ्रष्टाचार के मामले में जेल में बंद आईएएस अधिकारी संजीव हंस से अपनी करीबियों को लेकर चर्चा में रहे ठेकेदार रिशुश्री और उससे जुड़े सिंडिकेट के नौ ठिकानों पर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) एक साथ छापा मारा है।
छापेमारी पटना के साथ ही मुजफ्फरपुर, पानीपत और गुजरात में की गई है। जिन लोगों के ठिकानों पर ईडी का छापा मारा है, वे सब रिशुश्री के करीबी बताएं जाते हैं।
इनमें एक चार्टर्ड एकाउंट, एक ट्रैवल एजेंट व अन्य कारोबारी शामिल हैं। इनमें एक राज्य के सरकारी महकमे में तैनात अवर सचिव स्तर का एक पदाधिकारी भी है, जिसके यहां छापे पड़े हैं।
रिशुश्री का नाम पहली बार आईएएस संजीव हंस पर चल रहे मुकदमों और ईडी की कार्रवाई में सामने आया था। इस पर आरोप है कि यह अपने कई लोगों के नाम पर कंपनियां बनाकर सरकारी विभागों में टेंडर मैनेज करने का काम करता था।
रिशुश्री के हंस से करीबी और उसके कारनामों पर प्रवर्तन निदेशालय ने 10 पेज की एक रिपोर्ट बनाकर प्रदेश की विशेष निगरानी इकाई को भेजा था।
जिसके बाद विशेष निगरानी ने रिशुश्री के साथ ही संजीव हंस, रिशुश्री के कर्मचारी संतोष कुमार, मैत्रिस्वा इंफ्रा प्रा. लि के निदेशक पवन कुमार समेत अन्य पर प्राथमिकी दर्ज की थी।
रिशुश्री पर आरोप है कि वह मोटा कमीशन देकर सरकारी विभागों में टेंडर मैनेज कर अपनी बेनामी कंपनियों के नाम कर लेता था। बाद में इस टेंडर को बड़ी कंपनियों को मोटा कमीशन लेकर सौंप दिया जाता था।
ईडी ने अपनी इसी रिपोर्ट को आधार बनाकर गुरुवार को पटना के गोला रोड में रिशुश्री के कारोबार में सहयोगी ट्रैवल एजेंड विनोद कुमार सिंह, मुजफ्फरपुर में रिशुश्री के चार्डर्ड एकाउंटेंट अविनाश कुमार व पानीपत और गुजरात में इसके नौ ठिकानों पर एक साथ छापे मारे।
एक विभाग के अंडर सेक्रेटरी के ठिकानों पर छापे की खबर है। सूत्रों ने बताया पानीपत में जिस ट्रैवल एजेंस के ठिकानों पर छापा मारा गया है वह रिशुश्री के कहने पर अधिकारियों के लिए विदेश टूर में टिकट से लेकर रहने, खाने-पीने तक की व्यवस्था करता था।
हालांकि, ईडी अब तक इस मुद्दे पर मौन है और छापामारी के दौरान क्या कुछ बरामद हुआ है इसे साझा करने से बच रही है।
दूसरी ओर सूत्रों की माने तो अब तक की कार्रवाई में ईडी ने कई महत्वूपर्ण दस्तावेज, कुछ कंप्यूटर हार्ड डिस्क, कुछ अधिकारियों, उनकी पत्नियों और अन्य रिश्तेदारों के बारे में प्रमाण मिले हैं।
पटना में अपराधियों ने 12 घंटे में उड़ाई 6 बाइक, पीरबहोर में सबसे ज्यादा दोपहिया चोरी
जागरण संवाददाता, पटना। शहर में वाहन चोरी की वारदातें थमने का नाम नहीं ले रहीं। दिन भर मंडरा रहे वाहन चोरों ने 12 घंटों में विभिन्न इलाकों से छह दुपहिया गायब कर दिए। सभी घटनाएं मंगलवार की सुबह छह से शाम छह बजे के बीच हुईं।
अलग-अलग थाना क्षेत्रा में हुई वाहन चोरी की वारदातों की प्राथमिकी तो कर ली गई, मगर एक भी मामले में बरामदगी नहीं हो सकी। एसएसपी अवकाश कुमार ने बताया कि वाहन चोरी की घटनाओं को गंभीरता से लिया जा रहा है। थानेदारों और एसडीपीओ को टीम बना कर चोरी हुए वाहनों की बरामदगी का निर्देश दिया गया है।
पीरबहोर थाना क्षेत्र से तीन वाहन चोरीपीरबहोर थाना क्षेत्र से तीन वाहन चोरी हुए। सबसे पहले सिविल कोर्ट के बाहर खड़ी अनिसाबाद निवासी राजीव सिंह की बाइक चोरी कर ली गई। उन्हाेंने साढ़े सात बजे बाइक लगाई थी और तीन घंटे बाद आए तो चोरी की जानकारी हुई।
उनके अलावा नूरी मस्जिद कंपाउंड में खड़ी चौक शिकारपुर निवासी राजेश कुमार और डा. महमूद शाह लेन निवासी अरशद इमाम की स्कूटी चोरी हुई है। अरशद की स्कूटी उनके घर के बाहर पार्क थी। राजेश को दोपहर चार बजे और अरशद को शाम साढ़े छह बजे घटना की जानकारी हुई।
जिम के बाहर से गायब की बाइकराजीव नगर की पाटली विहार कालाेनी में रहने वाले प्रियांशु राज की बाइक जिम के बाहर से चोरी कर ली गई। वह सुबह साढ़े पांच बजे दीघा-आशियाना फ्रेंड्स कालोनी स्थित जिम में गए थे। एक घंटे बाद आए तो बाइक अपनी जगह पर नहीं थी।
वहीं, कोतवाली थाना क्षेत्र में अदालतगंज तालाब के पास से शाम पांच बजे बाइक चोरी होने का मामला प्रकाश में आया है। इस बाबत दारोगा राय पथ निवासी मोहम्मद शादाब ने प्राथमिकी कराई है। कदमकुआं थाना क्षेत्र के राजेंद्र नगर रोड नंबर तीन स्थित घर में खाना खाने दोपहर तीन बजे आए अजय कुमार चौधरी के मकान के बाहर से गायब हो गई।
पटना में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी करेंगे उद्घाटन, सबसे पहले कुर्जी नाले को दीघा एसटीपी से जोड़ने की तैयारी
जागरण संवाददाता, पटना। बिहार राज्य शहरी आधारभूत संरचना विकास निगम, (बुडको) ने दीघा में बन रहे सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) को अंतिम रूप देने की तैयारी शुरू कर दी है। सबसे पहले कुर्जी नाले को दीघा एसटीपी से जोड़ा जाएगा। सबसे अंत में इससे मंदिरी नाला को जोड़ा जाएगा। 20 जून को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा एसटीपी के उद्घाटन की तैयारी चल रही है।
पहलवान घाट के पास बन रहा संप हाउसमंदिरी नाले का पानी दीघा एसटीपी तक लाने के लिए पहलवान घाट पर संप हाउस का निर्माण किया जा रहा है। मंदिरी नाला का पानी सबसे पहले पाइप के माध्यम से पहलवान घाट लाया जाएगा। वहां से संप के माध्यम से इसे दीघा एसटीपी तक पहुंचाया जाएगा। मंदिरी नाला का पानी दीघा एसटीपी तक पहुंचाने में अभी समय लगेगा।
300 किलोमीटर नेटवर्क एरिया है दीघा एसटीपी कादीघा एसटीपी का नेटवर्क एरिया 300 किलोमीटर निर्धारित है। यहां पर दीघा नहर से लेकर गोलघर तक के घरों का गंदा पानी शुद्ध करने की व्यवस्था की गई है। यहां पर घरों से निकलने वाले गंदे पानी को शुद्ध करने की व्यवस्था की गई है। दीघा एसटीपी राज्य का सबसे बड़ा एसटीपी बनकर तैयार हुआ है। इसकी क्षमता 100 एमएलडी निर्धारित की गई है।
फीकल कालीफार्म की मात्रा में आएगी गिरावटदीघा एसटीपी को चालू हाेने के बाद राजधानी के आसपास गंगा में बढ़ रहे फीकल कालीफार्म की मात्रा में कमी आने की उम्मीद की जा रही है। गंगा के पानी में प्रदूषण का मूल कारण फीकल काली फार्म है, जो मानव मल-मूत्र से पैदा होता है। इसी के मद्देनजर नमामि गंगे प्रोजेक्ट के तहत इसे रोकने की कोशिश की जा रही है।
अहमदाबाद प्लेन क्रैश ने दिलाई 'पटना प्लेन हादसे' की याद, कटी पतंग की तरह गिरा था विमान; लग गया था लाशों का ढेर
जागरण संवाददाता, पटना। गुजरात के अहमदाबाद में एयर इंडिया का विमान दुर्घटनाग्रस्त हो गया। एयर इंडिया के विमान क्रैश होने से कई यात्रियों की जान चली गई। विमान अहमदाबाद से लंदन जा रही थी।
विमान में 242 यात्री सवार थे। इस विमान हादसे में गुजरात के पूर्व सीएम विजय रूपाणी की भी जान चली गई। इस हादसे में केवल एक यात्री जिंदा बचा है।
वहीं, इस हादसे से राजधानी पटना में 25 साल पहले हुए विमान हादसे की यादें भी ताजा हो गई। तब अलायंस एयर बोइंग 737-2एबी विमान हादसे का शिकार हो गया था।
विमान कटी पतंग की तरह पटना के गर्दनीबाग में जमीन पर आ गिरा था। उस दौरान हादसे में 66 से अधिक लोगों की जान चली गई थी।
राजधानी पटना में 17 जुलाई 2000 का दिन इतिहास के पन्नों में एक डरावने अध्याय के रूप में दर्ज है। दरअसल, उसी दिन कोलकाता के नेताजी सुभाष चंद्र बोस अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा से दिल्ली के लिए उड़ान भरने एलायंस एयर का विमान पटना एयरपोर्ट पर लैंडिंग के पहले गर्दनीबाग में गिर गया था।
दुर्घटना में विमान में सवार 56 यात्रियों और चालक दल के छह सदस्यों समेत गर्दनीबाग स्थित सरकारी आवास के पांच लोगों की जाने चली गई थी।
पटना में धमाके की आवाज से लोगों की नींद खुली थी। आवासीय कॉलोनी में लोगों की चीख पुकार और अफरातफरी का माहौल बना था।
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Bihar News: बिहार में मर्डर करने से पहले अपराधी साथियों संग गिरफ्तार, एक पर था 50 हजार का इनाम
जागरण संवाददाता, पटना। पटना पुलिस और एसटीएफ की संयुक्त टीम ने राजीव नगर में छापेमारी कर 50 हजार के इनामी अपराधी विकास कुमार को उसके तीन गुर्गों के साथ गिरफ्तार कर लिया है।
इनके पास से दो पिस्टल, गोली और बाइक बरामद हुआ है। ये सभी किसी की हत्या की योजना बना रहे थे। सभी से राजीव नगर थाने में पूछताछ की जा रही है।
तीन अन्य अपराधियों की पहचान अभिषेक कुमार, गोविंद और रविदास के रूप में हुई। इनका भी आपराधिक इतिहास खंगाला जा रहा है। एसएसपी अवकाश कुमार ने बताया पूछताछ में कुछ अन्य लोगों का नाम भी सामने आ रहा है।
गुरुवार की देर शाम पुलिस सूचना मिली लगातार हो रही घटनाओं पर अंकुश लगाने के लिए पुलिस वाहन जांच से लेकर जेल से छूटे अपराधियों पर नजर रह रही है।
इसी बीच पुलिस को सूचना मिली कि कुछ अपराधी इकट्ठा हुए है। वह बार-बार ठिकाना बदल रहे है। इसमें दो अपराधियों की पहचान की गई और तकनीकी अनुसंधान कर उनका लोकेशन पता किया गया। इसमें एसटीएफ से भी मदद ली गई।
गुरुवार की रात एसटीएफ और पटना पुलिस की संयुक्त टीम राजीव नगर से उन दोनों अपराधियों को दबोच लिया। पूछताछ के बाद उनकी निशानदेही पर विकास और गोविंद को गिरफ्तार किया गया। विकास का अपराधिक इतिहास है। फिलहाल गिरफ्तार अभियुक्तों से पुलिस की पूछताछ जारी है।
Bihar Police: अब नहीं बच पाएंगे अपराधी, CBI और दिल्ली पुलिस की तर्ज पर काम करेगी बिहार पुलिस
राज्य ब्यूरो, पटना। पुलिस मुख्यालय अब दिल्ली पुलिस और सीबीआई की तर्ज पर पुलिस से जुड़े मामलों के ट्रायल में तेजी लाने के लिए प्रदेश के सभी न्यायालयों और थानों में कोर्ट प्रभारी और नायब तैनात करेगा।
कोर्ट प्रभारी और नायब न्यायालयों से जारी होने वाले समन, वारंट और कुर्की वगैरह का समय पर पालन कराएंगे। जिससे पुलिस कांड के ट्रायल में तेजी आएगी। इस व्यवस्था को 1870 न्यायालयों में लागू किया जाएगा।
यह जानकारी अपर पुलिस महानिदेशक (एडीजी), अपराध अन्वेषण ब्यूरो (सीआईडी) पारसनाथ ने गुरुवार को पुलिस मुख्यालय में आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान दी।
पारसनाथ ने कहा कि कांडों के समय पर निष्पादन के उद्देश्य से गवाहों को समय पर कोर्ट में उपस्थित कराने के लिए मार्च महीने से प्रयोग के तौर पर पटना में कोर्ट प्रभारी और कोर्ट नायब की व्यवस्था लागू की गई।
मॉनिटरिंग की इस नई व्यवस्था की वजह से पिछले वर्ष के अपेक्षाकृत इस अवधि में तीन गुना अधिक गवाहों को कोर्ट में पेश किया जा सका।
पटना में इस प्रयोग के सफल होने के बाद इस व्यवस्था को प्रदेश के सभी थानों में लागू किए जाने की तैयारी है। सीआईडी के एडीजी ने बताया कि इस निर्णय के बाद इंस्पेक्टर या सब इंस्पेक्टर रैंक के पुलिस अधिकारी को कोर्ट प्रभारी बनाया गया है। इनका काम विभिन्न स्तर के न्यायालयों के बीच समन्वय बनाना होगा।
जबकि प्रत्येक न्यायालय और थानों में सिपाही स्तर के पदाधिकारी को कोर्ट नायब बनाया गया है। जिनका काम न्यायालय आदेशों को समय पर थाना स्तर पर पहुंचाना होगा।
नई व्यवस्था से मॉनिटरिंग हो जाएगी आसानप्रेस कॉन्फ्रेंस में उपस्थित सीआईडी के आईजी दलजीत सिंह ने जानकारी दी कि कोर्ट से निर्गत होने वाले न्यायालय आदेश को न्यायालय के अलावा थाना स्तर पर भी मेंटेंन रखा जाएगा। इसका फायदा होगा कि कांडों की मॉनिटरिंग आसान हो जाएगी।
यही नहीं, कोर्ट के आदेश का समय पर पालन करने से कांडों के निपटारे की गति भी तेज होगी। दलजीत सिंह के अनुसार इस साल अब तक विभिन्न कांडों में 17,207 पुलिस कर्मचारियों, 3,318 डॉक्टरों और 49,515 अन्य साक्षियों की गवाही कराई गई है।
स्पीडी ट्रायल के लिए हर जिले में गठित है शाखाएडीजी पारसनाथ ने बताया कि जो मामले स्पीडी ट्रायल में हैं उनके लिए हर जिले में डीएसपी से सब इंस्पेक्टर के नेतृत्व में एक शाखा गठित है। इस वर्ष अप्रैल महीने में 849 नए कांडों का चयन स्पीडी ट्रायल के लिए हुआ है।
इनमें सर्वाधिक 40 कांड पटना जिले के, जबकि 30-30 कांड गया, भागलपुर, मुजफ्फरपुर और दरभंगा जिले के हैं। इनके अलावा आठ छोटे जिलों के 10-10 कांड और शेष बचे 31 जिलों के 20-20 कांडों का चयन स्पीडी ट्रायल के लिए किया गया है। इनमें डकैती, लूट, फिरौती, आर्म्स एक्ट और मद्य निषेध से जुड़े मामले प्रमुख हैं।
Tej Pratap Yadav: 'हद हो गई अब तो जयचंद...', तेज प्रताप ने नई पार्टी बनाने पर सबकुछ कर दिया क्लियर
डिजिटल डेस्क, पटना। राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के बड़े बेटे तेजप्रताप यादव ने सोशल मीडिया पर आधी रात एक नया पोस्ट किया है।
इस पोस्ट में एक बार फिर उन्होंने जयचंद का जिक्र किया है। इस पोस्ट से आरजेडी (राष्ट्रीय जनता दल) से निकाले जाने के बाद तेज प्रताप यादव ने नई पार्टी बनाने की खबरों का भी खंडन किया है।
उन्होंने इन खबरों को गलत बताया है। तेज प्रताप ने लोगों से ऐसी बातों पर विश्वास न करने की अपील की है।
दरअसल, तेज प्रताप यादव ने आधी रात एक्स पर एक पोस्ट किया। यह पोस्ट उन्होंने गुरुवार की आधी रात को किया। उन्होंने अपने पिता लालू यादव के साथ कुछ पुरानी तस्वीरें साझा कीं।
हद हो गई अब तो,इस जयचंद ने तो कुछ गोदी मीडिया वालों के साथ मिल अब ये अफवाह भी उड़ा दी है कि मैं कोई नई राजनीतिक पार्टी बना रहा हूँ....बिहार की जनता से फिर से यही अपील करूंगा कि ऐसी किसी भी भ्रामक खबरो पर विश्वास नही करे।
जय हिन्द..जय बिहार...जय राजद #TejPratapYadav #Papa… pic.twitter.com/wHki1X3twW
— Tej Pratap Yadav (@TejYadav14) June 12, 2025अपने एक्स पोस्ट में उन्होंने लिखा कि हद हो गई अब तो, इस जयचंद ने तो कुछ गोदी मीडिया वालों के साथ मिल अब ये अफवाह भी उड़ा दी है कि मैं कोई नई राजनीतिक पार्टी बना रहा हूं...
बिहार की जनता से फिर से यही अपील करूंगा कि ऐसी किसी भी भ्रामक खबरो पर विश्वास नहीं करे।
जय हिन्द..जय बिहार...जय राजद
दरअसल, आरजेडी से निकाले जाने के बाद यह अफवाह फैलाई जा रही थी कि तेज प्रताप यादव अपनी नई पार्टी बनाएंगे, लेकिन उनके इस पोस्ट ने सबकुछ क्लियर कर दिया है।
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Bihar Politics: तेजप्रताप ने लालू यादव को लेकर किया इमोशनल पोस्ट, खुलकर कह दी दिल की बात
Bihar Politics: परिवार की सुरक्षा में लगे 159 पुलिसकर्मी हटाएंगे लालू? जदयू ने कहा- मनोबल तोड़ने का किया काम
राज्य ब्यूरो, पटना। जदयू के मुख्य प्रदेश प्रवक्ता नीरज कुमार, प्रवक्ता अरविंद निषाद और मनीष यादव ने गुरुवार को पार्टी के प्रदेश कार्यालय में आयोजित संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में लालू यादव पर निशाना साधा।
उन्होंने लालू प्रसाद से यह सवाल किया कि जब पुलिस भ्रष्ट और लापरवाह है तो फिर उनके परिवार की सुरक्षा में 159 पुलिसकर्मी कैसे हैं? क्या वह उन्हें वापस करेंगे?
लालू प्रसाद ने बिहार में अपराध के आंकड़े के संबंध में एक्स पर एक पोस्ट किया था। जदयू प्रवक्ताओं ने लालू प्रसाद से सवाल किया कि उनकी सुरक्षा में एक महिला पुलिसकर्मी, राबड़ी देवी की सुरक्षा में चार महिला पुलिसकर्मी एवं तेजस्वी यादव की सुरक्षा में पांच महिला पुलिसकर्मी तैनात हैं।
आपने सभी पुलिसकर्मियों को निकम्मा, भ्रष्ट एवं लापरवाह कहा। क्या आपकी सुरक्षा में लगी बेटी का यह अपमान नहीं है? क्या यह पुलिस बलों का मनोबल तोड़ने का काम नहीं है?
प्रवक्ताओं ने कहा कि पुलिस पर आरोप लगाने से पहले क्या लालू प्रसाद ने 2023-25 तक की पुलिस कार्रवाई देखी है? 7.19 लाख गिरफ्तारियां, 25,957 हार्डकोर अपराधी का पकड़ा जाना, 179 गन फैक्ट्री का भंडाफोड़। क्या ये आंकड़े आपको कामचोर पुलिस के लगते हैं?
Banka News: बांका के पूर्व टीचर को दो साल की जेल, इस मामले में अदालत ने सुनाया फैसला
जागरण संवाददाता, पटना। बहुचर्चित शिक्षक भर्ती घोटाला मामले में सीबीआई के विशेष न्यायाधीश सुनील कुमार सिंह की अदालत ने गुरुवार को भागलपुर जिला में बांका के एक प्राथमिक विद्यालय के पूर्व शिक्षक मंडेश्वर भगत को दो वर्ष की सश्रम कारावास की सजा सुनाई है।
अदालत ने अभियुक्त पर चालीस हजार रुपये आर्थिक जुर्माना भी लगाया है। जुर्माना की राशि अदा नहीं करने पर अभियुक्त को छह माह अतिरिक्त जेल में रहना होगा।
अदालत ने अभियुक्त को आईपीसी और भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम की विभिन्न धाराओं में दोषी पाया था। मामला वर्ष 1990 से 95 के बीच का है।
भागलपुर जिला के विभिन्न विद्यालयों में फर्जी दस्तावेजों के आधार पर बड़े पैमाने पर धोखाधड़ी एवं जालसाजी कर शिक्षकों की नियुक्ति की गई थी।
मामला प्रकाश में आने के बाद वर्ष 2005 में पटना उच्च न्यायालय के आदेश से घोटाले की जांच सीबीआई को सौंपी गई थी।
सीबीआई ने इस घोटाले में कई प्राथमिकी की थी। इस मामले में दोषी एक प्राथमिक विद्यालय का शिक्षक था, जिसने अन्य लोगों के साथ मिलकर अपने रिश्तेदारों को फर्जी दस्तावेजों के आधार पर शिक्षक के रूप में नियुक्ति कराई थी।
मामले में सीबीआई की ओर से विशेष लोक अभियोजक सत्यजीत सिंह ने बहस की थी। इस मामले में अभियोजन पक्ष की ओर से 31 लोगों ने गवाही दी है।