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Updated: 7 hours 38 min ago

Bihar News: बिहार के 41 बड़े शहरों में होने जा रहा नया काम, आ गया ऊपर से ऑर्डर; खर्च होंगे 248 करोड़

April 21, 2025 - 7:02pm

राज्य ब्यूरो, पटना। राज्य के 41 बड़े शहरों में 248 करोड़ की लागत से विद्युत शवदाह गृह का निर्माण किया जाएगा।

इनमें जिला मुख्यालय वाले सभी 38 शहरों के साथ तीन अन्य महत्वपूर्ण शहरों को जोड़ा गया है। आत्मनिर्भर बिहार के सात निश्चय-2 के तहत सभी विद्युत शवदाह गृह नदी के घाटों पर बनाए जाएंगे।

विभागीय जानकारी के अनुसा, 41 योजनाओं में से तीन सुपौल, जहानाबाद और अरवल में निर्माण का कार्य पूर्ण हो गया है, जबकि 36 शहरों में योजना प्रगति पर है।

बाढ़ और झंझारपुर नगर परिषद् में नई योजनाओं को स्वीकृति मिली है, जिसके लिए निविदा का प्रकाशन कर दिया गया है।

क्या बोले मंत्री?

नगर विकास एवं आवास विभाग के मंत्री जिवेश कुमार ने बताया कि शवदाह गृह निर्माण योजना की स्वीकृति से दाह संस्कार की प्रक्रिया बेहतर हो सकेगी।

योजना का निर्माण होने से नदियों को स्वच्छ रखने, उन्हें प्रदूषण मुक्त बनाने एवं वायु प्रदूषण को रोकने में भी मदद मिलेगी, साथ ही स्वच्छता की समस्या से निपटने में भी सहूलियत होगी।

विभागीय सचिव समेत अन्य वरीय अधिकारियों को योजना की लगातार मानीटरिंग करने का निर्देश दिया गया है, ताकि ससमय योजना पूरी की जा सके।

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Bihar Government: नीतीश सरकार के निशाने पर ये अधिकारी, सीधे ऊपर से आया 'ऑर्डर'; विभागों में हड़कंप

April 21, 2025 - 7:01pm

राज्य ब्यूरो, पटना। सरकारी महकमों में अफसरों की लापरवाही अब बर्दाश्त नहीं की जाएगी। यदि सरकार के संज्ञान में आया कि अधिकारी के स्तर पर खराब कार्य किया गया है तो उन पर सख्त कार्रवाई होगी, ताकि अधिकारियों में खौफ बना रहे और वे गलत कार्य करने से परहेज करें।

यही नहीं, किसी अधिकारी का वीडियो वायरल होने पर उनके खिलाफ कार्रवाई को अब एसओपी (मानक संचालन नियमावली) भी बनेगी। इस कार्य का जिम्मा सरकार ने सामान्य प्रशासन विभाग को सौंपा है।

प्रदेश के मुख्य सचिव अमृत लाल मीणा ने सोमवार को विभिन्न विभागों के अधिकारियों के साथ एक उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक की और इस दौरान कई आवश्यक निर्देश दिए।

'अगर अफसर लापरवाही करते हैं...'

उन्होंने स्पष्ट कहा कि यदि किसी भी विभाग में सरकारी कार्यों को लेकर अफसर लापरवाही करते हैं या भ्रष्टाचार में लिप्त पाए जाते हैं तो उनकी पहचान कर विभागीय कार्रवाई करें, ताकि उनमें खौफ बना रहे। उन्होंने कहा, गलत कार्य करने वालों पर किसी प्रकार की नरमी नहीं होनी चाहिए।

मुख्य सचिव ने कहा यदि किसी अधिकारी का कोई वीडियो वायरल होता है तो उन पर ठोस कार्रवाई करने के लिए मानक संचालन नियमावली बनाई जाए।

उन्होंने सभी विभागों से लंबित मुकदमों का निपटारा जल्द करने के लिए कहा। मुकदमें किस कारण से लंबित हैं इसकी पड़ताल करें और उनका निष्पादन जल्द से जल्द कैसे हो सकता है इस पर फोकस होकर काम करें। मीणा ने विभागों को यह भी निर्देश दिया कि केंद्रीय योजना मद में आवंटित राशि का पूरा व्यय करें।

विभागों को उर्जा खपत ऑडिट कराने का निर्देश

मुख्य सचिव अमृत लाल मीणा ने सभी विभागों से उर्जा खपत का आडिट कराने को कहा है। आडिट से उर्जा की बेवजह खपत पर नियंत्रण पाया जा सकेगा। उन्होंने निर्देश दिए कि सभी सरकारी भवनों और कार्यालयों में उर्जा की खपत कम करने के लिए एलईडी का उपयोग बढ़ाया जाए।

सामान्य बल्ब के मुकाबले इनके उपयोग से उर्जा खपत में 80 प्रतिशत तक की कमी आएगी। हीटिंग और कूलिंग मशीनों का उपयोग प्रभावी तरीके से करने के आदेश भी विभागों को दिए गए। साथ ही सरकारी अस्पतालों और स्कूलों में भी उर्जा ऑडिट कराकर बिजली खपत कम करने की पहल के लिए अधिकारियों से कहा गया है।

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Bihar Land Mutation: दाखिल-खारिज में देरी पर प्रशासन सख्त, 2 DCLR से मांगा जवाब; 7 CO को चेतावनी

April 21, 2025 - 6:49pm

जागरण संवाददाता, पटना। दाखिल-खारिज के अपीलीय वादों के निष्पादन में शिथिलता को लेकर जिलाधिकारी डॉ. चंद्रशेखर सिंह ने सदर और पटना सिटी के भूमि सुधार उपसमाहर्ता से स्पष्टीकरण किया है। दोनों अधिकारियों को अविलंब स्थिति में सुधार की हिदायत दी गई है।

इसके अलावा सात अंचलाधिकारियों को 75 दिनों से अधिक समय के लंबित मामलों को निपटाने के लिए एक सप्ताह का समय दिया गया है। इसके बाद इनपर कार्रवाई की चेतावनी जिलाधिकारी ने दी है। वे सोमवार को समाहरणालय में राजस्व मामलों की समीक्षा कर रहे थे।

दाखिल-खारिज के निष्पादन में आई तेजी:

दाखिल-खारिज, परिमार्जन, अभियान बसेरा, भूमि नापी, भूमि विवाद निराकरण, आधार सीडिंग, अतिक्रमण उन्मूलन, सीमांकन, विशेष सर्वेक्षण, भू-अर्जन, भूमि उपलब्धता एवं हस्तानांतरण सहित विभिन्न मामलों में अंचलवार अद्यतन प्रगति की समीक्षा करते हुए उन्होंने कहा कि दाखिल-खारिज के मामले में ओवरआल प्रगति काफी अच्छी है।

एक अप्रैल 2024 को 80,592 आवेदन लंबित थे जो 20 अप्रैल को 16,534 रह गए हैं। इनमें लगभग 40 हजार आवेदन एक्सपायर की श्रेणी में थे, उनकी संख्या अब 3,3380 रह गई है। यह उल्लेखनीय उपलब्धि है।

19 सीओ को दिया जाएगा प्रशस्ति पत्र:

अब 75 दिनों से अधिक अवधि के आवेदन मुख्य रूप से छह अंचलों संपतचक, बिहटा, दीदारगंज, दानापुर, नौबतपुर एवं धनरुआ में ही ज्यादा हैं। फुलवारीशरीफ में 80 मामले लंबित हैंं। इन अंचलों के सीओ को एक सप्ताह में सारे मामले निपटाने को कहा गया है। ऐसा नहीं करने पर अनुशासनात्मक कार्रवाई शुरू की जाएगी।

जिलाधिकारी ने कहा कि जिले के 26 में से 19 अंचलाधिकारियों के प्रयास की वे सराहना करते हैं। इन सभी को अगली बैठक में प्रशस्ति पत्र दिया जाएगा। इन अधिकारियों ने पूरे अभियान में शुरू से ही काफी मेहनत किया है। फलस्वरूप दाखिल-खारिज के लंबित मामलों की संख्या में काफी कमी आई है।

कार्य में तेजी लाएं भूमि सुधार उपसमाहर्ता:

जिलाधिकारी ने कहा कि सदर डीसीएलआर शिथिलता बरत रहे हैं। उनके न्यायालय में दो सप्ताह में दाखिल-खारिज अपील के 63 वाद प्राप्त हुए, लेकिन केवल 39 को निष्पादित किया गया है।

दो-तीन महीने में अपेक्षित प्रगति नहीं दिख रही। सबसे पुराना वाद 12 अप्रैल, 2023 का है जिसका निष्पादन अभी तक नहीं किया गया है।

पटना सिटी डीसीएलआर ने दो सप्ताह में एक भी वाद को निष्पादित नहीं किया है। दोनों अधिकारियों से स्पष्टीकरण मांगते हुए सुधार लाने का निर्देश दिया।

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Chirag Paswan: चिराग को विधानसभा में चाहिए 40 सीटें, जन सुराज से गठबंधन का भी विकल्प खुला!

April 21, 2025 - 6:29pm

अरुण अशेष, पटना। लोजपा (रा) के अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान एनडीए में अधिक हिस्सेदारी के लिए सक्रियता बढ़ा रहे हैं। उन्हें विधानसभा की कम से कम 40 सीटें चाहिए। एनडीए ने सीटों के बंटवारे का जो हिसाब बनाया है, उसमें चिराग के लिए 20-22 सीटें रखी गई हैं। यह उन्हें मंजूर नहीं है।

एनडीए में बात बन जाती है तो ठीक है। उनके पास प्लान 'बी' भी है। यह प्रशांत किशोर की पार्टी जन सुराज से गठबंधन है। चिराग के लिए वैशाली जिले की राजापाकर विधानसभा सीट को उपयुक्त माना जा रहा है। सीटों को लेकर चिराग अकारण परेशान नहीं हैं।

भाजपा, जदयू, लोजपा(रा), हिन्दुस्तानी अवाम मोर्चा और राष्ट्रीय लोक मोर्चा अभी एनडीए के घटक हैं। भाजपा और जदयू के बीच न्यूनतम सौ-सौ सीटों का भी बंटवारा होता है तो तीन सहयोगी दलों के लिए 43 सीटें बचेंगी। ये सभी सीटें लोजपा (रा) को दे दी जाए, यह संभव नहीं है।

लोजपा के लिए अधिकतम 20 से 23 सीटों की गुंजाइश बनती है। यह चिराग के लक्ष्य से काफी कम है। एनडीए ने इसबार 225 सीट जीतने का लक्ष्य रखा है।

इसके साथ यह भी जोड़ा जा रहा है कि एनडीए 2010 के अपने ही रिकार्ड को तोड़ेगा। 2010 के विस चुनाव में एनडीए के सिर्फ दो घटक थे-भाजपा और जदयू। 243 सदस्यीय विधानसभा में एनडीए को 206 सीटें मिली थीं। दावे का यह पक्ष भी लोजपा(रा) को डरा रहा है।

कब कितनी सीटें मिली थीं?

2015 में अविभाजित लोजपा को एनडीए की ओर से चुनाव लड़ने के लिए विधानसभा की 42 सीटें दी गईं थीं। उस समय जदयू बाहर था।लोजपा को सिर्फ दो सीटों पर सफलता मिली। 4.8 प्रतिशत वोट मिला।

2020 में वह अकेले 134 सीटों पर लड़ी। सिर्फ एक उम्मीदवार की जीत हुई।अधिक सीटों पर लड़ने के कारण उसका वोट 5.66 प्रतिशत हो गया था।

अलग है प्रतिबद्धता

गठबंधन के प्रति प्रतिबद्धता के मामले में लोजपा का अतीत अन्य दलों से अलग है। 2009 और 2014 के लोकसभा और 2010 और 2015 के विधानसभा चुनाव को छोड़ दें तो यह पार्टी लगातार दो चुनाव किसी गठबंधन के साथ नहीं लड़ी है, इसलिए केंद्र में मंत्री रहने के बावजूद चिराग अगर एनडीए से अलग चुनाव लड़ें तो यह आश्चर्यजनक घटना नहीं होगी।

2005 के विधानसभा चुनाव में लोजपा अलग चुनाव लड़ी थी। उस समय के पार्टी अध्यक्ष रामविलास पासवान यूपीए की केंद्र सरकार में मंत्री थे। 2004 के लोकसभा चुनाव में लोजपा यूपीए के साथ लड़ी थी।

पीके ने कभी विरोध नहीं किया

बिहार की राजनीतिक प्रतिस्पर्धा में प्रशांत किशोर नए उभरे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद और विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव-इन सब पर पीके जुबानी हमला करते हैं।

इन दलों की ओर से भी पीके की आलोचना की जाती है, लेकिन पीके और चिराग या इन दोनों की पार्टी ने कभी एक दूसरे की आलोचना नहीं है।

पीके का चिराग के प्रति नरमी भी इन चर्चाओं को बल देता है कि चिराग अगर एनडीए से अलग हुए तो पीके के साथ गठबंधन करेंगे। पीके के पास मुख्यमंत्री का चेहरा नहीं है। एनडीए चिराग को इस पद के लिए प्रस्तावित नहीं करेगा।

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मुख्य सचिव अमृत लाल मीणा ने विभागों के खाली पदों को जल्द भरने के दिए निर्देश, नोडल अधिकारियों के साथ की बैठक

April 21, 2025 - 6:04pm

डिजिटल डेस्क, पटना। राज्य के करीब 10 विभागों में खाली पड़े करीब 49 हजार 591 पदों को भरने की कवायद जल्द शुरू होने जा रही है। इसे लेकर मुख्य सचिव अमृत लाल मीणा ने सोमवार को मुख्य सचिवालय के सभागार में संबंधित विभागों के नोडल पदाधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की।

विभागों के स्तर पर दी गई प्रस्तुतिकरण के माध्यम से यह बात सामने आई कि 10 विभागों खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग, पंचायती राज, ग्रामीण विकास, जल संसाधन, कृषि, लघु जल संसाधन, पशु एवं मत्स्य संसाधन, सहकारिता, पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन तथा गन्ना उद्योग विभागों में अलग-अलग पदों की 49 हजार 591 रिक्तियां मौजूद हैं।

इन्हें भरने से संबंधित प्रक्रिया जल्द पूरी करने का निर्देश मुख्य सचिव ने दिया। इन विभागों की 14 हजार 968 पदों को भरने की रिक्तियां संबंधित आयोगों को भेज दी गई है। सात निश्चय-2 के अंतर्गत विभागों में यह बहाल की जा रही है।

मुख्य सचिव ने सभी विभागों को ऊर्जा खपत को लेकर ऑडिट करने का निर्देश दिया। ताकि ऊर्जा की बेवजह खपत को कम किया जा सके। इसके लिए सभी विभागों को इस पर खासतौर से ध्यान देने के लिए कहा गया है। सभी सरकारी भवनों और कार्यालयों में ऊर्जा की खपत को कम करने के लिए एलईडी का उपयोग बढ़ाने के लिए कहा गया है।

सामान्य बल्ब के मुकाबले इसके उपयोग से ऊर्जा की खपत में 80 फीसदी की कमी आएगी। इसके अलावा हिटिंग और कूलिंग की मशीनों का उपयोग प्रभावी तरीके से करने के लिए कहा गया है। सरकारी स्कूलों और अस्पतालों में भी ऊर्जा ऑडिट कराकर सभी बिजली की अधिक खपत को कम करने की पहल करने के लिए कहा गया है।

मुख्य सचिव अमृत लाल मीणा ने सभी विभागों को सख्त निर्देश दिया कि दोषी या खराब कार्य करने वाले अधिकारियों पर सख्त कार्रवाई करें। ऐसे पदाधिकारियों को चिन्हित करके तुरंत विभागी कार्रवाई करेंए ताकि इनमें खौफ बना रहे और गलत करने वाले पदाधिकारियों पर कार्रवाई करने में किसी तरह की नरमी नहीं बरती जा सके।

उन्होंने अधिकारियों के वायरल वीडियो के मामले में ठोस कार्रवाई करने के लिए एक एसओपी (मानक संचालन नियमावली) तैयार करने का निर्देश सामान्य प्रशासन विभाग को दिया। मीणा ने विभागों को यह भी निर्देश दिया कि केंद्रीय योजना मद में आवंटित राशि का पूरा व्यय करें।

मुख्य सचिव ने सभी विभागों से लंबित मुकदमों का निपटारा जल्द करने के लिए कहा। मुकदमें किस कारण से लंबित हैं और इनके निपटारे के लिए एकदम फोकस तरीके से कदम उठाने को कहा है।

इन विभागों में इतनी रिक्तियां

खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग 4988

पंचायती राज विभाग 16496

ग्रामीण विकास विभाग 14667

जल संसाधन विभाग 6931

कृषि विभाग 7543

लघु जल संसाधन विभाग 6645

पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग 3606

सहकारिता विभाग 1477

पर्यावरणए वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग 1466

गन्ना उद्योग विभाग 740

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Bihar Bijli News: 16 दिन में बढ़ गई बिजली की डिमांड, बत्ती गुल हो तो इस नंबर पर करें शिकायत

April 21, 2025 - 11:23am

मृत्युंजय मानी, पटना। Bihar Summer Electricity Demand: गर्मी आते ही घर-घर में पंखे-एसी चल रहे हैं। इस कारण बिजली की मांग बढ़ने लगी है। एक अप्रैल को 448 मेगावाट बिजली खपत हुई थी। 16 दिनों में बिजली की मांग में सौ मेगावाट की वृद्धि दर्ज की गई है।

17 अप्रैल को अधिकतम 550 मेगावाट बिजली की खपत दर्ज की गई है। वर्तमान में शाम सात से रात 11.00 बजे तक 500 मेगावाट से अधिक बिजली की खपत होने लगी है।

पटना विद्युत आपूर्ति (Patna Bijli Supply) प्रतिष्ठान क्षेत्र में 7.50 लाख उपभोक्ता हैं। गर्मी आने के कारण बिजली की मांग बढ़ने लगी है।

पेसू अभियंता निर्बाध रूप से बिजली आपूर्ति (PESU Electricity Supply) की तैयारी में लगे हुए हैं। जागरण की रिपोर्ट:-

बिजली कटने पर 1912 पर दर्ज करें अपनी शिकायत

बिजली कटने (Bihar Power Outage) पर 1912 पर शिकायत (1912 Complain Number) दर्ज करें। इसके साथ सभी अवर प्रमंडल में फ्यूजकाल सेंटर में शिकायत (Power Cut Complaints Bihar) दर्ज की जा सकती है। फ्यूजकाल सेंटर 24 घंटे खुले रहते हैं।

पिछले वर्ष 863 मेगावाट हुई थी अधिकतम बिजली खपत

पटना विद्युत आपूर्ति प्रतिष्ठान क्षेत्र में वर्ष 2024 में अधिकतम 863 मेगावाट बिजली की खपत हुई थी। पेसू महाप्रबंधक श्रीराम सिंह की मानें तो इस वर्ष गर्मी में एक हजार मेगावाट बिजली खपत पहुंचने का अनुमान लगाया जा रहा है।

राजधानी में 82 पावर सब स्टेशनों से बिजली आपूर्ति हो रही है। सभी पावर सब स्टेशनों का रखरखाव करने का दावा किया जा रहा है। नौ हजार से अधिक डिस्ट्रीब्यूशन ट्रांसफार्मर भी लगाए गए हैं।

किस समय बढ़ रही डिमांड?
  • 7 बजे शाम से रात 11.00 बजे तक 500 मेगावाट से अधिक बिजली की खपत
  • 82 पावर सब स्टेशनों से हो रही बिजली आपूर्ति, नौ हजार से अधिक डिस्ट्रीब्यूशन ट्रांसफार्मर
बिजली की कितनी खपत (मेगावाट में) समय 1 अप्रैल 10 अप्रैल 17 अप्रैल सुबह 5.00 बजे 342 419 399 सुबह 8.00 बजे 337 376 401 दिन 11.00 बजे 377 406 455 दिन 2.00 बजे 388 438 493 शाम 5.00 बजे 410 208 520 शाम 8.00 बजे 448 404 550 रात 11.00 बजे 427 336 520 रात 2.00 बजे 370 441 397 ग्राफ से समझें खपत का गणित

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Sarkari Naukri: बिहार के लोगों के लिए खुशखबरी, जल्द होगी 20 हजार पदों पर भर्ती; सरकार ने AG से मांगी मंजूरी

April 21, 2025 - 9:36am

राज्य ब्यूरो, पटना। राज्य सरकार ने पब्लिक हेल्थ और हॉस्पिटल मैनेजमेंट में विभिन्न चुनौतियों, कौशल और विशेषज्ञता की आवश्यकता को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग में अलग-अलग निदेशालय गठन का प्रस्ताव स्वीकृत किया था।

पब्लिक हेल्थ व हॉस्पिटल मैनेजमेंट निदेशालय नाम से गठित इन निदेशालयों के संचालन को 20016 पद भी स्वीकृत किए गए थे।

20016 नए पदों का सृजन

आठ अप्रैल को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में प्रस्ताव स्वीकृत होने के बाद अब सरकार ने दोनों निदेशालय के लिए गठन के लिए आवश्यक विभिन्न स्तर के 20016 अतिरिक्त पदों के सृजन पर महालेखाकार की स्वीकृति मांगी है।

स्वास्थ्य विभाग के अपर सचिव शंभू शरण ने इस संबंध में महालेखाकार को पत्र भेजा है। पत्र में सरकार के निर्णय का हवाला देकर कहा गया है कि दो निदेशालयों के लिए आवश्यक संवर्गों का गठन, पुनर्गठन एवं आवश्यक पदों का सृजन किया गया है।

स्वास्थ्य विभाग में तीन निदेशालय

सरकार के निर्णय के बाद विभाग में तीन निदेशालय हो जाएंगे - लोक स्वास्थ्य निदेशालय, स्वास्थ्य सेवाएं निदेशालय और चिकित्सा शिक्षा निदेशालय। तीन निदेशालयों में अलग-अलग महानिदेशक होंगे, साथ ही अतिरिक्त महानिदेशक सह विशेष सचिव का भी एक पद होगा।

एजी की स्वीकृति का इंतजार

विभाग ने पदवार ब्योरा भी एजी को भेजा है। एजी की स्वीकृति के बाद इन पदों पर नियुक्ति की प्रक्रिया प्रारंभ होने की उम्मीद जताई जा रही है।

लोक स्वास्थ्य निदेशालय के विभिन्न संवर्ग के पद

कम्युनिटी प्रोसेस मैनेजमेंट कैडर - 534, इंटोमोलाजी - 38, बिहार हेल्थ सर्विस - 1305, बिहार पब्लिक हेल्थ सर्विस - 739, फॉर्मासिस्ट कैडर - 1021, लेबोरेटरी टेक्नीशियन - 1776, डाटा सहायक कैडर - 572, आप्थेलमिक सहायक कैडर - 534, अन्य विभाग से प्रतिनियुक्त 86

स्वास्थ्य सेवाएं निदेशालय के विभिन्न संवर्ग के पद

डाटा सहायक कैडर - 571, आप्थोमलिक सहायक कैडर -346, अन्य विभाग से प्रतिनियुक्त - 24, नर्स कैडर - 9839, हॉस्पिटल मैनेजर कैडर - 667, फिजियोथेरेपिस्ट कैडर - 748, मेडिकल रिकॉर्ड टेक्नीशियन - 23, हेल्थ काउंसलर कैडर - 479, सेनेटरी सुपरवाइजर - 723

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Bihar Weather: भीषण गर्मी के लिए हो जाएं तैयार, 40 डिग्री के पार जाएगा पारा; IMD ने जारी की चेतावनी

April 21, 2025 - 7:25am

जागरण संवाददाता, पटना। Bihar Weather: प्रदेश के अलग-अलग हिस्सों में मौसम का मिजाज बदल रहा है। कहीं पर मेघ गर्जन, वज्रपात के साथ आंधी-पानी के हालात बने हैं तो कहीं तापमान में वृद्धि होने से लोग गर्मी के कारण परेशान हैं। बीते कुछ दिनों से अलग-अलग भागों में वर्षा, वज्रपात की बनी स्थिति में अब विराम लगने की संभावना है।

3-4 दिनों में अधिकतम तापमान में इजाफे के आसार

मौसम विज्ञान केंद्र पटना के अनुसार, अगले तीन से चार दिनों के दौरान अधिकतम तापमान में सामान्य से चार से छह डिग्री की वृद्धि का पूर्वानुमान है। इस दौरान कुछ जिलों में हीट वेव के आसार हैं। पछुआ के कारण आमतौर पर मौसम शुष्क बना रहेगा।

पूर्णिया के अमौर में 1.6 मिमी हुई बारिश

बीते 24 घंटों के दौरान प्रदेश के पूर्णिया के अमौर में 1.6 मिमी एवं गोपालगंज के कटैया में 1.4 मिमी वर्षा दर्ज की गई। शेष जिलों में आंशिक रूप से बादल छाए रहे।

अधिसंख्य जिलों के अधिकतम तापमान में दो से चार डिग्री की वृद्धि दर्ज की गई। पश्चिम चंपारण जिले में झोंके के साथ तेज हवा चलने से लोग परेशान रहे।

पटना सहित कई जिलों के तापमान में इजाफा

रविवार को पटना सहित अधिसंख्य जिलों के अधिकतम तापमान में वृद्धि दर्ज की गई। पटना का अधिकतम तापमान सामान्य से पांच डिग्री बढ़ोतरी के साथ 36.5 डिग्री सेल्सियस व 39.9 डिग्री सेल्सियस के साथ गया व औरंगाबाद में प्रदेश का सर्वाधिक अधिकतम तापमान दर्ज किया गया। रविवार को पटना समेत सभी जिलों के अधिकतम तापमान में वृद्धि दर्ज की गई।

प्रमुख शहरों का तापमान शहर अधिकतम (तापमान डिग्री सेल्सियस में)
न्यूनतम (तापमान डिग्री सेल्सियस में) पटना 36.5 26.6 गया 39.9 24.0 भागलपुर 34.7 25.0 मुजफ्फरपुर 34.6 25.2 रेडियो मीटर के जरिए वर्षा व नमी का चलेगा पता

मौसम विज्ञान केंद्र पटना परिसर में रेडियो मीटर स्थापित करने की योजना है। रेडियो मीटर के जरिए वर्षा, नमी की मात्रा आदि के बारे में जानकारी मिलेगी। मौसम विज्ञान केंद्र पटना के निदेशक आशीष कुमार ने बताया कि रेडियो मीटर हवा में तापमान , जल की मात्रा को मापता है।

अभी हम लोग पूरी तरह से सेटेलाइट पर निर्भर रहते हैं। रेडियो मीटर वर्षा और हवा में नमी की मात्रा का सटीक आकलन करेगा। इसके जरिए वर्षा के घनत्व के बारे में पता चलेगा।

कहां हल्की वर्षा होगी, कहां बादल बनेंगे इसकी जानकारी मिलेगी। इसके लिए भारत मौसम विभाग और इंडियन इंस्टीट्यूट ट्रापिकल के सहयोग से भागलपुर, पूर्वी चंपारण, दरभंगा में सेंसर लगेगा।

5 किमी तक होगा रेडिएशन

एक सेंसर का रेडिएशन पांच किमी तक होगा। इससे पूरे बिहार में ठनका गिरने के बारे में जानकारी मिलेगी। गया में लाइटिंग सेंसर कार्य कर रहा है। आने वाले दिनों प्रदेश के अन्य जगहों पर भी स्थापित करने की संभावना है। रेडियो मीटर अगले तीन माह के अंदर कार्य करने लगेगा।

रेडियो मीटर के जरिए वर्षा का घनत्व का भी पता चलेगा। किस इलाके में भारी वर्षा होगी, कहां हल्की वर्षा होगी और कहां से बादल को लेकर हवा के साथ वर्षा दूसरे जगह पर चली जाएगी। इसकी जानकारी पूर्व में हो जाएगी।

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Vivah Muhurat: कैसे तय होते हैं शुभ मुहूर्त; कब से लग्न पर लगेगा विराम? 4 महीने नहीं होंगी शादियां

April 21, 2025 - 6:18am

जागरण संवाददाता, पटना। खरमास के खत्म होने के साथ शादी-ब्याह कार्यक्रम आरंभ हो गया। अप्रैल से लेकर जून तक लग्न की भरमार है।

जून के बाद चार मास के लिए मांगलिक कार्य पर विराम लग जाएगा चार मास के बाद एक नवंबर शनिवार को देवोत्थान एकादशी के बाद से लग्न शुरू होगा।

बनारसी पंचांग के अनुसार 18 नवंबर से छह दिसंबर तक 13 लग्न है। जिसमें नौ नवंबर में तथा दिसंबर में चार दिन है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार शादी-विवाह के लिए शुभ मुहूर्त का होना बड़ा महत्वपूर्ण होता है।

वैवाहिक बंधन को सबसे पवित्र रिश्ता माना गया है। इसलिए इसमें शुभ मुहूर्त का होना जरूरी है। शास्त्रों में शादी के शुभ योग के लिए नौ ग्रहों में बृहस्पति, शुक्र एवं सूर्य का शुभ होना जरूरी है।

रवि-गुरु का संयोग सिद्धिदायक और शुभ फलदायी होते हैं। इन तिथियों पर शादी-विवाह को बेहद शुभ माना गया है। मिथिला पंचांग में चातुर्मास तक कुल 22 लग्न मुहूर्त है। बनारसी पंचांग में 38 मुहूर्त है।

विश्वविद्यालय पंचांग के मुताबिक अप्रैल में सात, मई में 11 व जून में चार मुहूर्त है। बनारस के महावीर पंचांग के अनुसार अप्रैल में बारह, मई में 19 तथा जून में सात वैवाहिक लग्न है। इसके बाद चार महीने के लिए चातुर्मास लग जाएगा।

ऐसे तय होते हैं शुभ लग्न-मुहूर्त

शादी के शुभ लग्न व मुहूर्त निर्णय के लिए वृष, मिथुन, कन्या, तुला, धनु एवं मीन लग्न में से किसी एक का होना जरूरी है।

नक्षत्रों में से अश्विनी, रेवती, रोहिणी, मृगशिरा, मूल, मघा, चित्रा, स्वाति, श्रवणा, हस्त, अनुराधा, उत्तरा फाल्गुन, उत्तरा भाद्र व उत्तरा आषाढ़ में किन्ही एक का रहना जरूरी है।

अति उत्तम मुहूर्त के लिए रोहिणी, मृगशिरा या हस्त नक्षत्र में से किन्ही एक की उपस्थिति रहने पर शुभ मुहूर्त बनता है। यदि वर और कन्या दोनों का जन्म ज्येष्ठ मास में हुआ हो तो उनका विवाह ज्येष्ठ में नहीं होगा।

तीन ज्येष्ठ होने पर विषम योग बनता है और ये वैवाहिक लग्न में निषेध है। विवाह माघ, फाल्गुन, वैशाख, ज्येष्ठ, आषाढ़ एवं अगहन मास में हो तो अत्यंत शुभ होता है।

शादी-विवाह के शुभ लग्न मुहूर्त

मिथिला पंचांग के अनुसार

  • अप्रैल: 21,23,25,30
  • मई: 1,7,8,9,11,18,19,22,23,25,28
  • जून-जुलाई: 10,11,12
बनारसी पंचांग के मुताबिक
  • अप्रैल: 21,25,26, 29,30
  • मई: 1,5,6,7,8,9,10,11,12,13,14,15,16,17,18,22,23,24,28
  • जून: 1,2,3,4,5,7,8
  • नवंबर: 18,19,21,22,23,24,25,29,30
  • दिसंबर: 1,4,5,6

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Patna News: पटना के सभी ऑटो ड्राइवर ध्यान दें! आ गया 3 जोन और 26 रूट का नया आदेश

April 20, 2025 - 11:36pm

जागरण संवाददाता, पटना। शहर में ऑटो एवं ई रिक्शा का परिचालन धड़ल्ले से हो रहा है। इनकी संख्या काफी ज्यादा है। अब इनकी संख्या निर्धारित कर राजधानी के 26 रूटों पर इन्हें चलाने की अनुमति होगी।

यातायात व्यवस्था में बदलाव लाने के लिए ऑटो एवं ई रिक्शा का तय रूट पर परिचालन कराने की तैयारी जिला प्रशासन ने कर ली है।

उम्मीद है कि मई महीने से तय रूटों पर 22 हजार ऑटो का परिचालन शुरू किया जाएगा। इसको लेकर प्रमंडलीय आयुक्त मयंंक वरवड़े महत्वपूर्ण बैठक करेंगे।

उसमें प्रस्ताव को अंतिम रूप दिया जाएगा। प्रस्ताव के तहत नीला जोन, हरा जोन, पीला जोन एवं फ्री जोन तय किए गए हैं। फ्री जोन में रिजर्व ऑटो का परिचालन होगा।

ऐसे ऑटो किसी भी रूट पर जा सकेंगे, लेकिन उन्हें रास्ते में यात्रियों को उतारने या बैठाने की अनुमति नहीं होगी। ऐसे ऑटो की संख्या केवल दो हजार होगी।

नीले जोन में जीपीओ से फुलवारीशरीफ और खगौल तक, अनिसाबाद गोलंब से जीरोमाइल होते हुए बैरिया बस स्टैंड तक, फुलवारीशरीफ, बिरला कालोनी एवं जगदेव पथ, मीठापुर, गया लाइन गुमटी, सिपारा पुल से पुनपुन तक तथा अगमकुआं शीतला माता मंदिर से जीरोमाइल के रास्ते बैरिया बस स्टैंड तक का क्षेत्र है।

हरे जोन में यह इलाके

हरे जोन में नाला रोड, पटना जंक्शन, बुद्ध मूर्ति, लोहानीपुर, खेमनीचक, गांधी मैदान, अशोक राजपथ, दीदारगंज, मालसलामी, पटना सिटी, टाटा पार्क, कुम्हरार, गुलजारबाग, करबिगहिया, हनुमाननगर आदि आएंगे।

पीला जोन में मल्टीलेवल पार्किंग से राजा बाजार, आशियाना, जगदेव पथ, रूपसपुर, दीघा, गांधी मैदान, बोरिंग रोड, बांसघाट, दीघापुल, सोनपुर, हाजीपुर आदि के रूटों पर ऑटो चलेंगे।

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Akshaya Tritiya 2025: अक्षय तृतीया के लिए सज रहा ज्वेलरी मार्केट, कई ऑफर; जमकर हो रही बुकिंग

April 20, 2025 - 11:13pm

नलिनी रंजन, पटना। Akshaya Tritiya 2025: अक्षय तृतीया को लेकर आभूषण बाजार तैयार हो रहा है। बाजार में सोने-चांदी के साथ डायमंड ज्वेलरी के खरीद पर आकर्षक ऑफर दिए जा रहे हैं। इसके अतिरिक्त मेकिंग चार्ज पर भी छूट दिए जा रहे हैं।

अक्षय तृतीया के मुहूर्त के अनुसार ग्राहक खरीदारी करेंगे। इसके लिए बुकिंग खूब चल रही है। अक्षय तृतीया पर सोने-चांदी के आभूषण की खरीदारी की परंपरा सदियों से चली आ रही है। इसी में सोने और चांदी के कीमतों में ऊछाल के कारण लोगों के जेब पर सीधा असर डाल रही है।

इसके कारण अब बाजार में हल्के सोने और चांदी के आभूषण के साथ-साथ डायमंड के आभूषणों की मांग देखी जा रही है। लोग जहां पहले से गोल्ड रेट लॉक करा रहे है, वहीं, मासिक किस्तों में एक निश्चित राशि जमा कर ज्वेलरी की खरीदारी कर रहे है।

दुकान पर गहनों की जानकारी लेते ग्राहक।

साथ ही स्वर्ण आभूषणों के दाम में वृद्धि को देखते हुए लाइट वेट के साथ-साथ 18 कैरेट के आभूषणों के भी डिमांड बढ़ी है।

फ्रेजर रोड तनिष्क के उमेश टेकरीवाल ने बताया कि सोना का दाम बीते अक्षय तृतीया से 40 प्रतिशत से 50 प्रतिशत तक बढ़ा है। इस कारण लाइटवेट स्वर्ण आभूषण पर ज्यादा पसंद कर रहे है।

ईयररिंग, पेंडेंट, चेन के साथ-साथ लग्न को लेकर भी खूब खरीदारी हो रहे है। इससे कारोबार भी बेहतर होने की उम्मीद है। इस वर्ष दो सौ करोड़ के पार कारोबार पटना में होने की उम्मीद है।

लाइटवेट की डिमांड अधिक

बाजार में सोने-चांदी के साथ डायमंड ज्वेलरी के खरीद पर आकर्षक ऑफर दिए जा रहे हैं। इसके अतिरिक्त मेकिंग चार्ज पर भी छूट दिए जा रहे हैं। स्वर्ण आभूषणों के दाम में वृद्धि को देखते हुए लाइट वेट के साथ-साथ 18 कैरेट के आभूषणों के भी डिमांड बढ़ी है।

बोरिंग रोड सेविका ज्वेलर्स के मोहित खेमका ने बताया कि गोल्ड में बुकिंग पर आठ प्रतिशत मेकिंग किया गया है। इसके अतिरिक्त अभी बुकिंग कराने पर बढ़ते या घटते में जो भी न्यूनतम राशि होगी, उसी के आधार पर बिल किया जाएगा।

उन्होंने बताया कि बाजार में पांच ग्राम में नेकलेस सेट, चार ग्राम में मंगलसूत्र, एक-डेढ़ ग्राम में अंगूठी, तीन ग्राम में चेन आदि लोगों को पसंद किए जा रहे है।

इलेक्ट्रॉनिक्स और रियल स्टेट में भी बुकिंग

अक्षय तृतीया को लेकर इलेक्ट्रॉनिक्स बाजार के साथ-साथ रियल स्टेट कारोबार में भी बुकिंग देखने को मिला है। एसोचैम के चेयरमैन विवेक साह एवं सीआईआई के अध्यक्ष गौरव साह ने बताया कि बाजार में तेजी से ग्रोथ देखने को मिल रहा है। गर्मी को देखते हुए इलेक्ट्रॉनिक्स बाजार में खरीदारी देखने को मिल रही है।

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Vande Bharat Express: पटना-हावड़ा वंदे भारत ट्रेन में नाश्ते में मिला कीड़ा, यात्रियों ने किया हंगामा

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Vande Bharat Express: पटना-हावड़ा वंदे भारत ट्रेन में नाश्ते में मिला कीड़ा, यात्रियों ने किया जमकर हंगामा

April 20, 2025 - 10:40pm

जागरण संवाददाता, पटना। Patna-Howrah Vande Bharat: देश की सबसे तेज चलने वाली ट्रेनों में शामिल वंदे भारत एक्सप्रेस में मिलने वाली खान-पान सामग्रियों पर भी सवाल खड़े होने लगे हैं। इन गाड़ियों के यात्रियों को खराब गुणवता की खाद्य सामग्री परोसी जा रही है।

इसका ताजा उदाहरण पटना से हावड़ा के बीच चलने वाली वंदे भारत एक्सप्रेस में रविवार को देखने को मिली। जहां ट्रेन में सफर कर रहे एक यात्री को नाश्ते में कीड़ा परोस दिया गया, जिसके बाद यात्रियों में हड़कंप मच गया। भोजन में कीड़ा देखते ही यात्रियों ने विरोध शुरू कर दिया।

दरअसल, अमित जायसवाल नाम के एक यात्री पटना से इस ट्रेन के कोच सी 12 में सीट संख्या 65 पर सफर कर रहे थे। बख्तियारपुर के पास जब यह ट्रेन पहुंची तो यात्री को वेज और नानवेज नाश्ता का विकल्प कैटरिंग कर्मचारी ने दिया।

यात्री की पसंद के आधार पर उन्हें नानवेज नाश्ता परोसा गया। उन्होंने नाश्ता ग्रहण करने के दौरान फूड पैकेट पर नजर डाली तो स्वीट कार्न और मटर के बीच कीड़ा नजर आया। इसे देखते ही उन्होंने नाराजगी जाहिर की।

खाना में कीड़ा देखते ही अन्य यात्री भी भोजन की गुणवता पर सवाल उठाने लगे। यात्रियों का कहना था कि आए दिन इस तरह की समस्याएं देखने का मिल रही है।

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Bihar News: खुशखबरी! केरल की तरह बिहार के इन दो जगहों पर बनेगा सहकारी पर्यटक होटल, मंत्री ने दी जानकारी

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Bihar Jobs 2025: बिहार के स्वास्थ्य विभाग में बहाली को लेकर आया बड़ा अपडेट, मंत्री ने दी नई जानकारी

April 20, 2025 - 10:14pm

जागरण संवाददाता, पटना। स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने रविवार को कहा कि राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) के तहत करीब 2,800 आयुष चिकित्सकों की नियुक्ति हेतु विज्ञापन एक सप्ताह में प्रकाशित करवा कर सभी पदों को यथाशीघ्र भरा जाएगा।

देश में एक साथ सबसे ज्यादा आयुष चिकित्सकों की की बहाली बिहार में ही हुई है। एनडीए सरकार में गत वर्ष एक साथ 2 हजार 901 आयुष चिकित्सकों की नियुक्ति की गई थी। इसमें 948 होमियोपैथी चिकित्सक थे।

साथ ही उन्होंने कहा कि संपूर्ण आयुष क्षेत्र के लिए लगभग 60 करोड़ की राशि केंद्र सरकार अस्पतालों में दवा उपलब्ध कराने के लिए देने वाली है।

मौके पर स्वास्थ्य मंत्री ने आयुष मेडिकल एसोसिएशन की प्रमुख मांगों को सुना व उसे त्वरित निष्पादित करने का ऐलान भी कर दिया।उन्होंने आयुष चिकित्सकों को भरोसा दिलाया कि सरकार उनके वाजिब हक व सम्मान के लिए तत्परता से कार्य कर रही है।

स्वास्थ्य मंत्री रविवार को अधिवेशन भवन में हनीमैन जयंती सह वैज्ञानिक सम्मेलन के उद्घाटन समारोह को संबोधित कर रहे थे।

मौके पर भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सह पूर्व मंत्री डॉ. दिलीप जायसवाल भी मौजूद थे। दिलीप जायसवाल ने कहा कि आयुष चिकित्सक पूरी निष्ठा से सरकारी अस्पतालों में सेवा दे रहे हैं।

होमियोपैथी पद्धति भी आज ऐलोपैथ की तरह सटीक व प्रभावी उपचार पद्धति के रूप में लोकप्रिय हो रही है। मौके पर आयुष मेडिकल एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ. वीरेंद्र मौर्या, डॉ. रामजी सिंह, डॉ. एमके साहनी, डॉ. आरपी सिंह, डॉ. गौरी शंकर, डॉ. सुभाष सिंह, डॉ. निशांत श्रीवास्तव आदि मौजूद थे।

आयुष चिकित्सा के विकास का श्रेय डबल इंजन सरकार को

मंगल पांडेय ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में गत एक दशक में संपूर्ण आयुष चिकित्सा पद्धति में क्रांतिकारी बदलाव आया है। 2014 में आयुष मंत्रालय का गठन किया।

इसके बाद विकास के लिए अलग से फंड, योजनाएं, अस्पताल एवं अन्य व्यवस्थाओं को सुदृढ़ किया गया। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में आयुष चिकित्सा को नई दिशा दी गई।

आयुर्वेद, होमियोपैथ व यूनानी का तेजी से विकास हुआ। मुख्यमंत्री ने एक दिन में कैबिनेट से 825 करोड़ की विकास योजनाएं स्वीकृत कीं। इस राशि से आयुर्वेद, होमियोपैथ व यूनानी कॉलेजों का जीर्णोद्धार किया गया।

बेगूसराय में नए आयुर्वेद कॉलेज का निर्माण 250 करोड़ की राशि से हो रहा है। मुजफ्फरपुर होमियोपैथ कॉलेज का जीर्णोद्धार हो गया है। इस व्यापक बदलाव का श्रेय डबल इंजन की सरकार में प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री को जाता है।

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Patna News: SSP अवकाश कुमार का एक और बड़ा एक्शन, पटना में बदले गए एक ही जगह पर जमे 120 पुलिसकर्मी

April 20, 2025 - 9:00pm

जागरण संवाददाता, पटना। एसएसपी अवकाश कुमार ने लंबे समय से एक ही थाना, डीएसपी और एसडीपीओ दफ्तर में जमे 120 सिपाहियों का तबादला कर दिया। इसमें ज्यादातर आर्म्स गार्ड और रीडर हैं।

इसके पूर्व तीन थानों में थानेदार बदले गए थे और एक ही साथ 402 एसआई व एएसआई का एक थाने से दूसरे थाने में तैनाती कर दी गई थी।

इस बार थानो में तैनात आर्म्स गार्ड और डीएसपी ऑफिस में तैनात रीडर की पहचान कर उन्हें दूसरे थाना और डीएसपी आफिस से लेकर सर्किंल इंस्पेक्टर कार्यालय में तैनात कर दिया गया।

इसमें 39 रीडर है, जो लंबे समय से बख्तियारपुर, दानापुर, डुमरा, हथीदह, मसौढ़ी, पुनपुन के सर्किल इंस्पेक्टर और अन्य एसडीपीओ ऑफिस में तैनात थे।

81 आर्म्स गार्ड को एक थाना से दूसरे थाने में भेजा गया। तबादलों के चरण में थाना के चालक सहित कई अन्य सिपाहियों को इधर से उधर किया जा सकता है।

दीघा, बाढ़ और बेउर में नए थानेदार

दीघा, बाढ़ और बेउर थाने में शुक्रवार की रात नए थानेदारों की तैनाती की गई। एसएसपी अवकाश कुमार के आदेश पर दीघा थानेदार ब्रजकिशोर सिंह को बाढ़ थाने की कमान सौंपी गई है।

वहीं, बाढ़ व मोकामा थानों की कांड समीक्षा में लगे इंस्पेक्टर संतोष कुमार सिंह को दीघा और दानापुर कोर्ट अभियोजन एवं सुरक्षा पदाधिकारी अमरेंद्र कुमार साह को बेउर थाने का नया थानेदार प्रतिनियुक्त किया गया है।

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Bihar News: खुशखबरी! केरल की तरह बिहार के इन दो जगहों पर बनेगा सहकारी पर्यटक होटल, मंत्री ने दी जानकारी

April 20, 2025 - 8:54pm

राज्य ब्यूरो, पटना। सहकारिता मंत्री डॉ. प्रेम कुमार केरल में सहकारिता मॉडल का अध्ययन करने के लिए दौरे पर हैं। उनके साथ विभाग के सचिव धर्मेन्द्र सिंह और अपर सचिव अभय कुमार सिंह समेत अन्य पदाधिकारी भी गए हैं।

मंत्री डॉ. प्रेम कुमार के मुताबिक रविवार को केरल के मुन्नार स्थित टी एंड यू लीजर होटल का दौरा किया, जो एक सहकारी पर्यटक होटल है। इस होटल को वहां के सहकारी बैंक ने बनवाया है, जो पर्यटकों के लिए पसंदीदा होटल में शुमार है।

उन्होंने कहा कि बिहार के गया और राजगीर जैसे पर्यटक स्थलों में ऐसे को-ऑपरेटिव प्रोजेक्ट को लागू कर सफलतापूर्वक संचालित किया जा सकता है। इन दोनों स्थलों पर भारी संख्या में देश-विदेश से पर्यटक आते हैं, जिन्हें किफायती दर पर सहकारी पर्यटक होटल के माध्यम से उत्तम व्यवस्था उपलब्ध करायी जा सकेगी।

रोजगार की संभावना होगी विकसित

इस प्रकार के मॉडल और नवाचार को लागू किया जाएगा। इससे स्थानीय स्तर पर रोजगार की संभावना विकसित होगी। साथ ही, राज्य में सहकारी समितियों को बहुआयामी बनाया जा सकेगा जो राज्य के सर्वांगीण विकास में सहायक होंगी।

उन्होंने कहा कि केरल के मुन्नार सहकारी पर्यटक होटल एक एकड़ भूमि में निर्मित है। इस होटल में 35 हजार वर्ग फीट के क्षेत्र में 34 प्रीमियर कमरे, दो आधुनिक कांफ्रेंस हॉल तथा 100 सीटिंग क्षमता वाले रेस्टोरेंट, कॉफी शॉप तथा मसाला शॉप है।

मंत्री और उनकी टीम ने मुन्नार सर्विस को-ऑपरेटिव बैंक का भी भ्रमण किया और वहां की कार्यप्रणाली को देखा और जाना।

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Bihar Politics: क्या बिहार चुनाव में किंगमेकर बनेंगे मुकेश सहनी? अपनी ओर खींचने में जुटे दोनों गठबंधन

April 20, 2025 - 8:29pm

सुनील राज, पटना। बिहार में इस बार का विधानसभा चुनाव बेहद अहम होगा। असल में एक ओर सत्तारूढ़ दल अपनी अगली पारी के लिए जी जान लगा रहा है तो दूसरी ओर विपक्षी दल भी चुनाव में जीत के लिए कोई कसर बाकी नहीं रहने देना चाहते।

जाहिर है इसके लिए दोनों ओर जोड़-तोड़ की कोशिशें भी जारी है। चुनाव के पहले होने वाली ऐसी कवायदों के बीच महत्वपूर्ण यह है कि मल्लाह नेता मुकेश सहनी दोनों गठबंधन के चहेते बन गए हैं।

खुद को निषादों का नेता बताने वाले विकासशील इंसान पार्टी के संस्थापक मुकेश सहनी आईएनडीआईए गठबंधन के साथ है। प्रदेश के नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव से उनकी नजदीकी भी विशेष है। बावजूद एनडीए सहनी को अपने पाले में करने में कोई कोर-कसर छोड़ नहीं रहा।

आए दिन उनके एनडीए गठबंधन में जाने की चर्चा जोर पकड़ती है। 2020 की भांति एनडीए इस चुनाव भी मुकेश सहनी और उनकी पार्टी वीआईपी को अपने साथ खड़ा करने की कोशिशों में जुटी है।

सहनी असल में 2024 के लोकसभा चुनाव के वक्त महागठबंधन में आए। राजद ने बड़ा दिल दिखाते हुए उन्हें अपने खाते से तीन सीटों पर चुनाव लड़ने का मौका भी दिया। लोकसभा के उस चुनाव के बाद से सहनी और तेजस्वी की नजदीकी जो बढ़ी वह आज भी कायम है।

सहनी ने कर दी है ये मांग

लेकिन, उन्होंने बीते दिनों विधानसभा की साठ सीट और उप मुख्यमंत्री पद की दावेदारी की मांग कर आईएनडीआईए गठबंधन के अन्य दलों की चिंता बढ़ा दी है।

सहनी के इस दावे के बाद भी 17 अप्रैल को पटना में हुई महागठबंधन दल की बैठक में तेजस्वी यादव ने उनके प्रति पूरा सम्मान दिखाया और अपनी दाई तरफ अगर कांग्रेस को बिठाया तो बाईं ओर मुकेश सहनी को भी कांग्रेस के बराबर ही तवज्जो दी।

विश्लेषक मानते हैंं कि राजद सहनी को गठबंधन में बांधे रखना चाहता है। इसकी वजह है निषाद, मल्लाह वोट। एनडीए गठबंधन भी इसी वोट बैंक के लिए सहनी को अपने साथ खड़ा करना चाहता है। बता दें कि सहनी बिहार में मल्लाह, निषादों की आबादी 14 प्रतिशत होने का दावा करते हैं।

हालांकि, जाति आधारित सर्वे के आंकड़ों की माने तो यह आबादी करीब 2.60 प्रतिशत के करीब है। बहरहाल सहनी लगातार एनडीए में जाने की अटकलों-बयानों को खारिज करते रहे हैं।

वे बार-बार एक ही बार दोहराते हैं दूध का जला मट्ठा फूंक कर पीता है। बहरहाल चुनाव में अभी थोड़ा विलंब है। चुनाव के पहले कौन कहां होगा, यह तो आने वाले समय ही तय करेगा।

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Bihar News: छात्रों के लिए बड़ी खुशखबरी, बिहार को मिलेगा पहला सहकारिता महाविद्यालय; मंत्री ने दी जानकारी

April 20, 2025 - 7:34pm

दीनानाथ साहनी, पटना। बिहार में सहकारिता महाविद्यालय को स्थापित करने की तैयारी हो रही है। इससे राज्य में ग्रामीण अर्थव्यवस्था सशक्त होगी, स्वरोजगार और छोटी उद्यमिता का विकास होगा, सामाजिक समावेशन भी बढ़ेगा और नवाचार और अनुसंधान में नए मानक स्थापित करने के अवसर मिलेंगे।

यह महाविद्यालय सहकारिता क्षेत्र में रोजगार के नए अवसर पैदा करेगा और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती देगा। इस महाविद्यालय को गुजरात में स्थापित होने वाले त्रिभुवन सहकारी विश्वविद्यालय से संबद्ध किया जाएगा।

सहकारिता मंत्री डॉ. प्रेम कुमार ने राज्य में सहकारिता महाविद्यालय को स्थापित करने संबंधी प्रस्ताव तैयार करने का निर्देश अफसरों को दिया है।

इसमें डिग्री प्रोग्राम, दूरस्थ शिक्षा और ई-लर्निंग पाठ्यक्रम उपलब्ध होंगे जिससे सहकारी क्षेत्र को प्रशिक्षित एवं पेशेवर युवा मिलेंगे।

सहकारिता विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि पैक्सों में सचिव के पद हों या कोआपरेटिव बैंकों में नियुक्तियों का मामला हो, सभी में बिना किसी मान्य डिग्री के नियुक्तियां होती हैं, क्योंकि सहकारिता के क्षेत्र में अभी तक कोई मान्य डिग्री नहीं होती है, लेकिन अब ऐसा नहीं होगा।

त्रिभुवन सहकारिता विश्वविद्यालय में विशेष रूप से सहकारिता क्षेत्र के लिए डिग्री, डिप्लोमा और पीएचडी कोर्स बनाए जा रहे हैं।

यूनिवर्सिटी बनने के बाद अब मानक डिग्री धारकों को ही पैक्सों में सचिव के पद हों या कोआपरेटिव बैंकों में नौकरी मिलेगी। नवाचार को प्रोत्साहन मिलेगा।

जमीन पर मजबूत सहकारी खाका तैयार होगा। ग्रामीण अर्थव्यवस्था को धार मिलेगी। एक नया सहकारी कल्चर भी शुरू होगा।

दस एकड़ भूमि पर निर्माण होगा यूनिवर्सिटी कैंपस

विभागीय मंत्री के निर्देश के आलोक में प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है। इसमें महाविद्यालय के लिए दस एकड़ भूमि उपलब्ध कराने का प्रस्ताव है। इसके लिए भूमि को चिह्नित करने का निर्देश दिया गया है।

महाविद्यालय का भवन और कैंपस सहकारिता थीम पर निर्माण होगा। विभाग के एक अधिकारी के मुताबिक केंद्र सरकार द्वारा त्रिभुवन सहकारी विश्वविद्यालय की स्थापना गुजरात में की जा रही है, लेकिन पूरे देश की सहकारी संस्थाओं को इससे संबद्ध किया जाएगा।

पहले वर्ष में ही प्रत्येक जिले में कॉलेज और स्कूल को खोले जाएंगे। नई शिक्षा नीति के मानकों के अनुरूप दसवीं-12वीं के लिए भी कोर्स होंगे। इंजीनियरिंग के छात्रों के लिए भी कोर्स का डिजाइन किया गया है।

साथ ही पाठ्यक्रम में ई-लर्निंग कोर्स भी शामिल किए जाएंगे। युवाओं के लिए डिग्री, डिप्लोमा एवं पीएडी के पाठ्यक्रम चलाए जाएंगे।

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Bihar News आंधी-तूफान में भी नई गुल होगी बिजली, नई व्यवस्था करने की तैयारी में इलेक्ट्रिसिटी डिपार्टमेंट

April 20, 2025 - 2:59pm

राज्य ब्यूरो, पटना। आंधी-पानी से ध्वस्त हुई संचरण लाइन के बाद भी बिजली आपूर्ति बाधित नहीं हो इसे केंद्र में रखकर बिजली कंपनी एक वैकल्पिक संचरण लाइन पर विचार कर रही है। एक लाइन से विद्युत आपूर्ति बाधित होने की स्थिति में दूसरे लाइन से बिजली आपूर्ति बहाल कर दी जाएगी।

फिलहाल प्रमंडलीय मुख्यालय स्तर पर नई व्यवस्था का मंथन

बिजली कंपनी की यह योजना है कि फिलहाल प्रमंडलीय मुख्यालय में इस नई व्यवस्था को आरंभ किया जाए। आम तौर जिला मुख्यालय में ही प्रमंडलीय कार्यालय भी हैं। प्रमंडलीय मुख्यालय स्तर पर वैकल्पिक संरचण लाइन की व्यवस्था हो जाने के बाद जिला मुख्यालय भी इस व्यवस्था से जुड़ जाएंगे।

इस तरह से व्यवस्था की योजना

वैकल्पिक संचरण लाइन के तहत जो व्यवस्था की जा रही उसके तहत यह होना है कि वर्तमान में जो संचरण लाइन है, उसके समानांतर एक नई लाइन को लगा लिया जाए। जिस संचरण लाइन से बिजली सामान्य तौर पर जा रही है, उसके आंधी-पानी में ध्वस्त होने कि स्थिति में वैकल्पिक संचरण लाइन से बिजली की आपूर्ति आरंभ कर दी जाए।

ऐसा होने से पूरे शहर में या फिर शहर के किसी हिस्से में बिजली बंद करने की नौबत नही आएगी। प्रमंडलीय मुख्यालय का क्षेत्र बहुत बड़ा नहीं होता इस वजह से यह काम सहजता से कर पाना संभव है।

अत्याधुनिक ट्री कटिंग मशीन लाए जाने की भी तैयारी

आमतौर पर यह होता है मानूसन पूर्व की तैयारी के क्रम में संचरण लाइन के समीप स्थित बड़े पेड़ों की कटाई-छंटाई होती है। बड़े पेड़ के ऊपर के हिस्से की कटिंग में परेशानी होती है। इसलिए यह तैयारी है कि अत्याधुनिक ट्री कटिंग मशीन की व्यवस्था की जाए।

इस मशीन के माध्यम से पेड़ के ऊपर वाले हिस्से कि कंटाई -छंटाई आसानी से हो सकेगी। इस मशीन के माध्यम से आंधी-पानी के पहले और बाद में भी पेड़ों की कटिंग सहजता से हो सकेगी। संचरण लाइन को दुरुस्त करने में भी कम समय लगेगा।

इमरजेंसी रेस्टोरेशन प्लान भी तैयार किया जाए

बिजली कंपनी के सीएमडी ने हाल ही में अपने अधिकारियों को यह निर्देश दिया था कि आंधी-पानी के दौरान ध्वस्त हुई बिजली व्यवस्था को दुरुस्त किए जाने को लेकर एक इमरजेंसी रेस्टोरेशन प्लान तैयार किया जाए। इसके लिए फीडर के आधार पर योजना बनाई जा रही है। कुशल मानव बल की व्यवस्था तुरंत उपलब्ध हो इसे भी देखा जा रहा है।

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Bihar politics: तेजस्वी को CM फेस घोषित करने में कांग्रेस क्यों कर रही आनाकानी, बड़ी वजह का हुआ खुलासा

April 20, 2025 - 9:24am

राज्य ब्यूरो, पटना। राज्य में अगर महागठबंधन की सरकार बनती है तो तेजस्वी यादव ही मुख्यमंत्री होंगे। कांग्रेस अभी उनका नाम प्रस्तावित करने से परहेज कर रही है। यह उसकी रणनीति है। डर यह है कि तेजस्वी का नाम प्रस्तावित करने पर उनके समर्थक अति उत्साह में न आ जाएं।

अति उत्साह से बचने के लिए तेजस्वी के नाम का एलान नहीं

राजद समर्थकों का अति उत्साह ही वह तत्व है, जिससे एनडीए को ताकत मिलती है। लोकसभा चुनाव के समय भी जमुई की एक सभा में एक राजद कार्यकर्ता की अप्रिय टिप्पणी से माहौल खराब हो गया था।

उस कार्यकर्ता ने लोजपा (रामविलास) के लिए असंसदीय शब्दों का प्रयोग किया। उसका बुरा असर पड़ा। कांग्रेस कहे न कहे, राजद के समर्थक तेजस्वी को अगला मुख्यमंत्री मानकर चल रहे हैं। वे उसी भावना से उत्साह का भी प्रदर्शन कर रहे हैं।

महागठबंधन का नेतृत्व तेजस्वी को देने से कांग्रेस को परहेज नहीं

तीन दिन पहले महागठबंधन के छह दलों की बैठक में भी नेतृत्व का मुद्दा उठा। प्रश्न पूछा गया कि समन्वय समिति का अध्यक्ष कौन होगा? किसी के कुछ कहने से पहले कांग्रेस के प्रभारी कृष्णा अल्लाबारू ने तेजस्वी यादव का नाम ले लिया। इससे पता चलता है कि समग्रता में तेजस्वी को महागठबंधन का नेतृत्व देने में कांग्रेस को परहेज नहीं है।

कांग्रेस की ओर से यह संवाद तेजस्वी को भी दे दिया गया है कि महागठबंधन की सरकार बनेगी तो आप ही मुख्यमंत्री होंगे, लेकिन अभी इसे घोषित नहीं किया जाए। शुक्रवार को प्रेस कान्फ्रेस में मुख्यमंत्री वाला प्रश्न राजद के मुख्य राष्ट्रीय प्रवक्ता डॉ. मनोज झा से पूछा गया।

मनोज झा ने इशारों में कर दिया सब कुछ क्लीयर

मनोज झा का उत्तर था कुछ सार्वभौमिक सत्य होते हैं, जैसे कि सूर्य का उदय पूरब दिशा में होना। इससे आगे आप समझ रहे होंगे। यानी राजद भी कांग्रेस की रणनीति को स्वीकार कर रहा है।

हालांकि, जमीनी सच यह है कि राजद के कार्यकर्ता तेजस्वी यादव को अगला मुख्यमंत्री मानकर पूरी तरह उत्साहित हैं। वे इंटरनेट मीडिया के माध्यम से अपने अति उत्साह का प्रदर्शन भी कर रहे हैं।

राजद और कांग्रेस ने पंचायत स्तर पर दलों के बीच समन्वय की कमी की चर्चा की थी। पूर्व अध्यक्ष डॉ. मदनमोहन झा ने कहा था कि 2020 के विधानसभा चुनाव में महागठबंधन के दलों के बीच गांव-पंचायत स्तर पर समन्वय नहीं हुआ था। कांग्रेस की यह सलाह भी मान ली गई कि समन्वय समिति का गठन जिला, प्रखंड और पंचायत स्तर पर हो।

24 अप्रैल को प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय सदाकत आश्रम में होने वाली समन्वय समिति की बैठक में इस पर भी विचार किया जाएगा। कांग्रेस की सलाह यह भी है कि सभी छह दलों के प्रदेश अध्यक्ष, जिला अध्यक्ष और प्रखंड अध्यक्ष एक साथ बैठे।

इन बैठकों में भी यह बताया जाएगा कि राजद के कार्यकर्ता ऐसा कुछ न करें, जिससे कमजोर वर्गों के बीच डर का माहौल बने। क्योंकि विकास की तमाम उपलब्धियों के बावजूद राजद का डर दिखाना एनडीए के चुनावी एजेंडा में पहले नंबर पर है।

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Bihar News: बिहार में अफीम की खेती पर बड़ा एक्शन, 800 एकड़ की फसल नष्ट; 146 लोगों के खिलाफ दर्ज हुई FIR

April 20, 2025 - 8:52am

राज्य ब्यूरो, पटना। राज्य में नक्सलियों के घटते प्रभाव का असर अवैध ढंग से की जा रही अफीम की खेती पर भी पड़ा है। बिहार पुलिस और केंद्रीय सुरक्षा बलों के सघन ऑपरेशन से उनका दायरा अब झारखंड के सीमावर्ती जंगली इलाकों तक ही रह गया है। इन इलाकों में भी सेटेलाइट तस्वीरों और ड्रोन की मदद से अफीम के अवैध खेतों को चिह्नित कर कार्रवाई की जा रही है।

छह माह में करीब आठ सौ एकड़ में लगी अफीम की फसल नष्ट

बिहार पुलिस की आर्थिक अपराध इकाई (ईओयू), नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) और अन्य केंद्रीय सुरक्षा एजेंसियों ने पिछले छह माह में करीब आठ सौ एकड़ में लगी अफीम समेत अन्य मादक पदार्थों की अवैध खेती को नष्ट किया है।

इसमें 790.5 एकड़ में अफीम, जबकि 21.54 एकड़ में भांग की अवैध खेत को नष्ट किया गया है। इस मामले में 146 प्राथमिकी भी दर्ज की गई हैं, जिसके आधार पर आरोपितों को चिह्नित कर कार्रवाई की जा रही है।

आधी हुई नक्सल प्रभावित जिलों की संख्या

बिहार में पिछले छह सालों में नक्सल प्रभावित जिलों की संख्या आधी हो गई है। वर्ष 2018 में जहां 16 जिले नक्सल प्रभावित थे वहीं अब सात-आठ जिले ही नक्सली असर वाले रह गए हैं। उत्तर बिहार को नक्सल मुक्त घोषित किया जा चुका है।

अब दक्षिण बिहार में झारखंड से सटे नक्सलियों के बचे-खुचे प्रभावित क्षेत्रों को चिह्नित कर सुरक्षा और संचार के माध्यम मजबूत किए जा रहे हैं। इसका असर भी हो रहा है। पहले जिन इलाकों में पुलिस और सुरक्षाबलों की पहुंच नहीं थी, अब वहां लगातार गश्ती हो रही। इसके कारण इन इलाकों में अफीम की खेती या अन्य अवैध काम कम हुए हैं।

पुलिस के वरीय अधिकारियों के अनुसार, अब अफीम की खेती मुख्य रूप से झारखंड से सटे जंगली इलाकों तक रह गई है। इसमें गया के चकरबंधा और धनगई जबकि औरंगाबाद के कुछ इलाके हैं, जहां इस साल बिहार पुलिस और केंद्रीय एजेंसियों ने संयुक्त ऑपरेशन चलाया गया है।

ऑपरेशन में मिल रहा लोगों का सहयोग

इस ऑपरेशन में जनसहयोग भी मिल रहा है और आसपास के लोग भी पुलिस को इन अवैध कामों की जानकारी दे रहे हैं। पुलिस का दावा है कि जल्द ही इन सुदूर जंगली इलाकों से भी नक्सल प्रभाव के साथ अफीम की खेती भी इतिहास की बात हो जाएगी।

इस तरह घट रहा प्रभाव वर्ष
अफीम की नष्ट फसल 2022-23 1289.60 एकड़ 2023-24 2486.70 एकड़ 2024-25 812.04 एकड़

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