Bihar News
दानापुर और दरभंगा से बीकानेर के लिए चलेगी स्पेशल ट्रेनें, यहां देखें पूरी लिस्ट; टाइमिंग और रूट भी जानें
जागरण संवाददाता, पटना। यात्रियों की भीड़ को देखते हुए पूर्व मध्य रेल प्रबंधन की ओर से दानापुर एवं दरभंगा से बीकानेर तथा हावड़ा से अजमेर के लिए स्पेशल ट्रेनों का परिचालन किया जाएगा।
गाड़ी संख्या 02381/02382 दानापुर-बीकानेर-दानापुर स्पेशल (डीडीयू-प्रयागराज- टुंडला-आगरा फोर्ट के रास्ते) 17 एवं 24 अप्रैल बुधवार को दानापुर से 21.45 बजे खुलकर गुरूवार को 16.50 बजे जयपुर रुकते हुए शुक्रवार को 02.00 बजे बीकानेर पहुंचेगी।
वापसी में 20 एवं 27 अप्रैल शनिवार को बीकानेर से 15.15 बजे खुलकर 23.05 बजे जयपुर रुकते हुए रविवार को 21.15 बजे दानापुर पहुंचेगी।
बीकानेर-दरभंगा स्पेशल ट्रेनगाड़ी संख्या 04707/04708 बीकानेर-दरभंगा-बीकानेर स्पेशल (रक्सौल-गोरखपुर- दिल्ली के रास्ते) 14 व 21 अप्रैल रविवार को बीकानेर से 12.15 बजे खुलकर 19.30 बजे दिल्ली रूकते हुए सोमवार को 20.30 बजे दरभंगा पहुंचेगी।
वापसी में 15 व 22 अप्रैल सोमवार को दरभंगा से 23.30 बजे खुलकर मंगलवार को 21.55 बजे दिल्ली रुकते हुए बुधवार को 08.40 बजे बीकानेर पहुंचेगी।
गाड़ी संख्या 09609/09610 मदार जं.-हावड़ा-मदार जं.(अजमेर) स्पेशल (जयपुर-टुंडला- डीडीयू-गया-धनबाद के रास्ते) 14 एवं 21 अप्रैल रविवार को मदार जं. से 08.30 बजे खुलकर 10.45 बजे जयपुर रुकते हुए सोमवार को 05.00 बजे डीडीयू, 12.30 बजे धनबाद रुकते हुए 18.00 बजे हावड़ा पहुंचेगी।
वापसी में गाड़ी संख्या 09610 हावड़ा-मदार जं. स्पेशल दिनांक 16.04.2024 एवं 23.04.2024 मंगलवार को हावड़ा से 15.00 बजे खुलकर बुधवार को 05.10 बजे डीडीयू रुकते हुए 21.55 बजे मदार जं.(अजमेर) पहुंचेगी।
ये भी पढ़ें- Bihar Teacher Salary Pension: विश्वविद्यालयों में 751.76 करोड़ जमा, फिर भी वेतन-पेंशन को तरस रहे शिक्षक
ये भी पढ़ें- Bihar Jamin Registry: रजिस्ट्री का ग्राफ गिरा, निबंधन कार्यालयों में सन्नाटा; सरकार को करोड़ों का नुकसान
राजद को छोड़ दूसरी पार्टियों ने फिर कर दी महिलाओं से कंजूसी, सिर्फ इतनी सीटों पर ही बनाया प्रत्याशी
विकाश चन्द्र पाण्डेय, पटना। भरपूर सम्मान एवं बराबरी की हिस्सेदारी का दावा करने वाले राजनीतिक दल इस चुनाव में भी आधी आबादी से किए अपने वादे भूल गए। एकमात्र राजद को इस आरोप से परे रख सकते हैं, जिसने अपने हिस्से की 23 में से छह सीटों पर महिलाओं को प्रत्याशी बनाया है।
यह बात दीगर कि उसकी छह महिलाओं में दो लालू-राबड़ी की बेटियां (मीसा भारती और रोहिणी आचार्य) हैं। राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) ने तो मात्र चार महिलाओं को मैदान में उतारा है। उनमें भी उसके प्रमुख घटक भाजपा से एक भी महिला नहीं।
महिला आरक्षण विधेयक अगर इसी चुनाव से प्रभावी होता तो बिहार में लोकसभा की 14 सीटों पर आधी आबादी के अलावा कोई दूसरा दावेदार नहीं होता। तब इन दलों पर पुरुष मानसिकता से प्रभावित होने का आरोप भी कुछ कम हो जाता।
बहरहाल ऐसा नहीं है। इस विधेयक को पास कराने का श्रेय लेने वाली भाजपा ने तो इस बार किसी महिला को योग्य समझा ही नहीं। उसकी सहयोगी लोजपा और जदयू ने दो-दो महिलाओं को प्रत्याशी बनाया है।
क्या कांग्रेस और VIP देगी महिलाओं को प्रतिनिधित्व?महागठबंधन में अभी राजद के एक, विकासशील इंसान पार्टी (वीआइपी) के दो और कांग्रेस के छह प्रत्याशियों की घोषणा बाकी है। आशा कर सकते हैं कि वहां आधी आबादी के लिए अवसर का अभी अंत नहीं हुआ।
हिना शहाब की दावेदारी के कारण ही सिवान में राजद प्रत्याशी की घोषणा नहीं हो पा रही। बाहुबली सांसद रहे मो. शहाबुद्दीन की पत्नी हिना पिछले तीन चुनाव से वहां लड़ती-हारती रही हैं।
एक मात्र महिला सासंद भी हुई बेटिकटपिछली बार भाजपा ने एकमात्र महिला (रमा देवी) को अवसर दिया था, जिसने शिवहर में जीत का रिकार्ड बनाया। रमा इस बार बेटिकट हो गई हैं।
जदयू और लोजपा का क्या है हाल?पिछली बार लोजपा और जदयू ने भी एक-एक महिला को मैदान में उतारा था, जो विजयी रही थीं। वीणा देवी सौभाग्यशाली हैं, जो इस बार भी लोजपा से वैशाली में दांव आजमा रहीं।
दूसरी शांभवी चौधरी हैं, जो जदयू के मंत्री अशोक चौधरी की पुत्री व आइपीएस अधिकारी रहे किशोर कुणाल की पुत्रवधू हैं।
बगावत कर चुके अपने चचेरे भाई प्रिंस राज को बेदखल कर चिराग पासवान ने शांभवी को समस्तीपुर में उतारा है। जदयू भी इस बार दो महिलाओं को लेकर आया है।
लवली आनंद शिवहर और विजय लक्ष्मी सिवान के मैदान में हैं। दोनों पहली बार जदयू से प्रत्याशी बनी हैं और इसका कारण उनके पति क्रमश: आनंद मोहन और रमेश सिंह कुशवाहा हैं।
पत्नी का टिकट पक्का होने पर ही राष्ट्रीय लोक मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष का पद छोड़ रमेश जदयू में आए। इसके लिए कविता सिंह को सिवान से बेदखल होना पड़ा, जिन्होंने वहां पिछली बार जदयू का झंडा गाड़ा था।
महागठबंधन ने किन महिलाओं को बनाया प्रत्याशी?महागठबंधन में कांग्रेस को नौ सीटें मिली हैं, जिनमें से मात्र तीन के प्रत्याशी घोषित हुए हैं। शेष छह पर दो-तीन महिलाएं भी दावेदार हैं। सासाराम में कद्दावर मीरा कुमार के लिए कोई संशय नहीं था, लेकिन उन्होंने स्वयं चुनावी राजनीति से संन्यास ले लिया।
वीआइपी की तलाश गोपालगंज और पूर्वी चंपारण में योग्य प्रत्याशियों की है और उसकी योग्यता के अपने पैमाने हैं। राजद अपने हिस्से की 23 में से 22 पर प्रत्याशियों की घोषणा कर चुका है।
पाटलिपुत्र में मीसा और सारण में रोहिणी के अलावा जमुई में अर्चना रविदास, पूर्णिया में बीमा भारती, शिवहर में रितु जायसवाल और मुंगेर में अनिता देवी ने लालटेन उठा लिया है।
अनिता बाहुबली अशोक महतो की पत्नी हैं, जो नौकरी छोड़ चुनाव लड़ने आई हैं। जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष रहे राजीव रंजन उर्फ ललन सिंह से लड़ाई है।
पिछले तीन चुनावों से महिलाएं ही ललन से टकरा रहीं। शिवहर में आमने-सामने की दोनों योद्धाएं महिलाएं हैं। हिना के होने पर सिवान भी शिवहर की श्रेणी में होगा।
Bihar News: पैसों के संकट के बीच परीक्षा आयोजित कराएगा पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय, इस तारीख से शुरू होंगे एग्जाम
जागरण टीम, पटना। राज्य सरकार की ओर से विश्वविद्यालयों के बैंक खाता पर रोक लगाने के बाद भी पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय की स्नातक द्वितीय व तृतीय वर्ष की परीक्षा 20 एवं 22 अप्रैल से प्रारंभ होगी।
बुधवार को कुलपति प्रो. आरके सिंह की अध्यक्षता में केंद्राधीक्षक व विश्वविद्यालय के अधिकारियों की बैठक हुई। इसमें कुलपति प्रो. सिंह ने केंद्राधीक्षक सह प्राचार्यों से सरकार की ओर से बैंक खाते पर रोक होने की जानकारी दी।
कुलपति प्रो. आरके सिंह ने कहा कि विश्वविद्यालय का सत्र नियमित रखने के लिए आप सभी समय पर परीक्षा संपन्न कराएं। कॉलेज मद से आवश्यक राशि का खर्च करें, खाता का संचालन आरंभ होने के बाद परीक्षा केंद्रों को राशि दी जाएगी। कुलपति ने कदाचार मुक्त परीक्षा संचालन को लेकर आवश्यक टिप्स भी दिए।
बैठक में ये पदाधिकारी रहे मौजूदबैठक में प्रति कुलपति प्रो गणेश महतो, डीन एके नाग, कुलसचिव प्रो. शालिनी रंजन, परीक्षा नियंत्रक डा. मनोज कुमार, पूर्व परीक्षा नियंत्रक डा. महेश मंडल, प्राक्टर प्रो. मनोज कुमार, एडिशनल परीक्षा नियंत्रक डा. कृष नंदन प्रसाद, टीपीएस कालेज प्राचार्य डा. उपेंद्र प्रसाद आदि भी थी।
केंद्राधीक्षकों को दिए गए आवश्यक निर्देशपाटलिपुत्र विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. आर के सिंह ने सभी केंद्राधीक्षक, संबंधित कालेज के परीक्षा नियंत्रक और प्राचार्यों के साथ बैठक की।
इस दौरान, उन्होंने कहा कि हर परीक्षा कक्ष में परीक्षा आरंभ होने से पहले छात्रों को पूरी निर्देश की जानकारी दें। उन्हें किन-किन चीजों को अपने उत्तर पुस्तिका में निश्चित रूप से भरने हैं, यह सुनिश्चित करें। इसमें कदाचार मुक्त परीक्षा को लेकर आवश्यक दिशा निर्देश दिए गए।
परीक्षा नियंत्रक डॉ. मनोज कुमार ने कहा कि परीक्षा की पूरी तैयारी कर ली गई है। उन्होंने कहा कि परीक्षा आरंभ होने के 45 मिनट पहले प्रश्न को स्ट्रॉन्ग रूम से लाएंगे। इसके बाद परीक्षा आरंभ होने के 15 मिनट पहले केंद्राधीक्षक, पर्यवेक्षक व वीक्षकों की मौजदगी में इसका सील खोलकर परीक्षा कक्षों में वितरण के लिए भेजा जाएगा।
परीक्षा आरंभ होने से एक घंटा पहले केंद्राधीक्षक व पर्यवेक्षक सभी वीक्षकों को आवश्यक जानकारी देंगे। उन्हें यह बताएंगे कि हर परीक्षार्थी के उत्तर पुस्तिका पर हस्ताक्षर करने से पहले रौल नंबर, रजिस्ट्रेशन नंबर, पेपर कोड, सेंटर कोड, नाम, पेपर व सत्र लिखा गया है कि नहीं इसको देखकर ही अपना हस्ताक्ष्रर करेंगे।
यह भी पढ़ें: Tejashwi Yadav : 'चाचा का सम्मान करते हैं, लेकिन...', तेजस्वी की नीतीश को नसीहत, चिराग पर कसा तीखा तंज
Bihar Teacher Salary Pension: विश्वविद्यालयों में 751.76 करोड़ जमा, फिर भी वेतन-पेंशन को तरस रहे शिक्षक
दीनानाथ साहनी, पटना। राज्य के विश्वविद्यालयों में वेतन-पेंशन की 751.76 करोड़ राशि जमा है। फिर भी शिक्षक और कर्मचारी वेतन-पेंशन के लिए तीन माह से तरस रहे हैं। यह संकट शिक्षा विभाग द्वारा विश्वविद्यालयों के बैंक खातों के संचालन पर रोक लगाने से पैदा हुआ है, जबकि राज्य सरकार ने मार्च में ही शिक्षकों व कर्मचारियों के वेतन-पेंशन मद में दो किस्तों में राशि उपलब्ध करा रखी है।
यह राशि शिक्षकों और कर्मचारियों को वेतन तथा सेवानिवृत्त अध्यापक एवं कर्मियों को पेंशन-ग्रेच्यूटी आदि का ससमय भुगतान के लिए दी गई है, लेकिन शिक्षा विभाग की ओर से विश्वविद्यालयों के बैंक खातों के संचालन पर रोक लगाते हुए उसे फ्रीज कर दिया गया है।
शिक्षकों का बकाया भुगतान में फंसाराज्य सरकार द्वारा होली और ईद जैसे महत्वपूर्ण त्योहारों को देखते हुए सभी विश्वविद्यालयों तथा उसके अधीनस्थ अंगीभूत, अल्पसंख्यक एवं घाटानुदानित महाविद्यालयों के सृजित पदों से सेवानिवृत्त शिक्षकों एवं कर्मचारियों के सेवांत लाभ के भुगतान के लिए 221.79 करोड़ रुपये रुपये विगत 5 मार्च को उपलब्ध करायी गयी थी।
इसमें शिक्षकों व कर्मियों के बकाया भुगतान की राशि भी थी, लेकिन यह राशि शिक्षा विभाग द्वारा बैंक खातों के संचालन पर रोक लगाने से निकासी नहीं हो सकी।
शिक्षा विभाग के एक अधिकारी के मुताबिक, बीआरए बिहार विश्वविद्यालय को फरवरी के लिए 26.75 करोड़, वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय को नवंबर 2023 से फरवरी 2024 के लिए 59.37 करोड़, बीएन मंडल विश्वविद्यालय को जनवरी-फरवरी के लिए 27.56 करोड़, ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय को नवंबर 2023 से फरवरी 2024 के लिए 103 करोड़ और मुंगेर विश्वविद्यालय को जनवरी-फरवरी के वेतन के लिए 4.43 कराेड़ की राशि उपलब्ध करायी गयी थी।
नौ मार्च को उपलब्ध 529.97 करोड़ भी बैंक खाते में जमाशिक्षा विभाग ने नौ मार्च को विश्वविद्यालयों के लिए 529 करोड़ 97 लाख 71 हजार 32 रुपये की राशि जारी की थी। यह विश्वविद्यालयों के बैंक खाते में जमा पड़ी है, क्योंकि विभाग ने बैंक खातों के संचालन पर रोक लगा रखी है। इस राशि से जनवरी से मार्च तक शिक्षकों को वेतन-पेंशन भुगतान किया जाना है।
ये भी पढ़ें- Bihar News: होली के बाद अब ईद में भी मायूसी, वेतन के इंतजार में एक हजार शिक्षक और कर्मचारी
ये भी पढ़ें- KK Pathak: बिहार सरकार के सामने झुका केके पाठक का शिक्षा विभाग... अब प्रशिक्षण ले रहे शिक्षकों को 3 दिन की छुट्टी
Lok Sabha Election 2024: 50 सालों बाद भी 'चांद' की तरफ देखना किसी को गंवारा नहीं, मूलभूत सुविधाओं का अभाव
अहमद रजा हाशमी, पटना। सिटी आलमगंज थाना क्षेत्र के गायघाट के समीप वार्ड 52 स्थित चांद कॉलोनी। चुनावी शोर से अभी दूर, पर अपने दर्द को संभाल रखा है कि कोई आए तो बताएं। लोग कहते हैं, कोई आता ही नहीं हमें पूछने। हम तो वोट भर बनकर रह गए हैं।
वर्षों से यही हाल है। धारीदार गंजी-हाफ पैंट पहने, नंगे पांव, हाथ में चीथड़ी हो चुकी एक किताब, फटे लटकते पन्नों वाली कॉपी और स्कूल बैग लिए अपनी दुनिया में मगन करीब छह साल का मोहम्मद जियान "चंदा मामा दूर के, पुआ पकाए गुड़ के, आप खाए थाली में, मुन्ने को दे प्याली में..." गाता-झूमता चला आ आ रहा था।
चांद कॉलोनी के दृश्यहर घर जल का नल की बिछी पाइप से रिसता पानी और रास्ते पर जमी हुई काई। मैनहोल का ढक्कन टूटा होने के कारण बच्चे का पैर उसमें जाते-जाते बचा। कुछ ऐसे ही दृश्य हैं। बच्चे के भागते ही सामने आईं अकबरी खातून, अख्तरी बेगम और अन्य महिलाएं आ जाती हैं। सामने देखिए ऊंचाई पर बने खटाल की गंदगी। बारिश में बह कर बस्ती को डुबो देती है। सड़क और नाला धंस रहा है। उनके स्वर और तेज हो रहे थे।
पचास साल से अधिक हो गया यहां रहते हुए। कुछ नहीं बदला है। बहू बन कर आई और अब बच्चे ब्याह करने लायक हो गए हैं। राशन कार्ड से जितना अनाज मिलता है उससे परिवार का पेट नहीं भरता। औरतें घरों के बर्तन मांजकर तो बच्चे काम कर चार पैसे लाते हैं तो पेट भर जाता है। हम केवल वोट बैंक बन कर रह गए हैं।
चांद कॉलोनी की मस्जिद से नमाज पढ़ कर निकले युवा मोहम्मद अरशद कहते हैं, "मैं भी इसी बस्ती का हूं। एमए करने के बाद डिस्टेंस एजुकेशन से एमफिल कर रहा हूं। कोई नौकरी नहीं मिली तो गद्दा बनाने का रोजगार कर लिया"।
बस्ती में एक लड़की ने की M.Aबस्ती में एक लड़की ने भी एमए किया था। शादी के बाद वह ससुराल चली गई। करीब 15 लड़के-लड़कियां स्नातक कर रहे हैं। इंटर के तीस और इतने ही मैट्रिक के विद्यार्थी होंगे। सभी कड़ी मेहनत से चांद को छूने की तमन्ना रखते हैं। बच्चों के लिए बस्ती में मदरसा, सड़क पर सरकारी बबुआगंज मध्य विद्यालय, लड़कियों को ईवा फाउंडेशन द्वारा दिया जा रहा कंप्यूटर प्रशिक्षण उम्मीद की किरण है। लोग कहते हैं, फिर चुनाव आ गया लेकिन यहां कोई नेता नहीं आएंगे। बस्ती में लगभग पांच सौ वोटर हैं। अपने सांसद को शायद ही किसी ने देखा होगा।
एक शिक्षित युवक ने कहा कि इंदिरा आवास योजना, केंद्रीय स्वच्छता कार्यक्रम, अंत्योदय योजना, स्वच्छ जल आदि मिल जाता तो चांद कॉलोनी के लोग भी खुद को पटना साहिब लोकसभा क्षेत्र का शहरी समझ पाते। अल्पसंख्यकों की बस्ती है, इसलिए न रंग है, न नूर। चांद महज नाम है, विकास की चांदनी कोसों दूर है। युवक का जाते-जाते सवाल कि सभी पार्टियां हमसे अपेक्षा तो रखती हैं, फिर क्यों सच्चर कमेटी की रिपोर्ट के मुताबिक मुसलमानों की हालत इतनी खराब है।
ये भी पढ़ें- Bihar Jamin Registry: रजिस्ट्री का ग्राफ गिरा, निबंधन कार्यालयों में सन्नाटा; सरकार को करोड़ों का नुकसान
ये भी पढ़ें- AI Education: अब 9वीं और 10वीं के छात्र पढ़ेंगे आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का पाठ, CBSE ने तैयार किया पूरा प्लान
पति से झगड़े के बाद पत्नी ने जहर खाकर मौत को लगाया गले, मायकेवालों ने लगाया दहेज के खातिर हत्या करने का आरोप
संवाद सूत्र, अथमलगोला। पटना के अथमलगोला थाना क्षेत्र के रामनगर दियारा गांव में मंगलवार को एक नवविवाहिता की हत्या कर शव गायब करने का मामला प्रकाश में आया है। पुलिस छानबीन में जुटी हैं।
इस संबंध में ग्रामीणों ने बताया कि रंजन कुमार हिमाचल प्रदेश में काम करता था। मंगलवार को पति पत्नी ने आपस में झगड़ा किया था, उसी में पत्नी ने जहर खाकर आत्महत्या कर ली।
इधर, देर शाम सबनम कुमारी की मां ने ससुराल वालों पर दहेज की खातिर हत्या कर शव को गायब कर देने का आरोप लगा लिखित शिकायत थाने में दिया है।
थानाध्यक्ष ने क्या कहा?इस संबंध में थानाध्यक्ष राजीव कुमार ने बताया कि रामनगर दियारा में एक महिला की जहर खाकर आत्महत्या करने की सूचना मिली थी।
पुलिस के पहुंचने के पूर्व घर में ताला बंद कर ससुराल वाले फरार हो चुके थे, पुलिस शव की बरामदगी एवं ससुराल वालों की गिरफ्तारी हेतु छापेमारी में जुटी हैं।
लिखित शिकायत दर्ज कर जांच में जुटी पुलिसथानाध्यक्ष ने बताया कि एफएसएल की टीम को बुलाया गया है, जो जांच कर रही हैं। साथ ही बताया कि सबनम कुमारी की मां सूर्यगढ़ा लखीसराय निवासी ने ससुराल वालों पर दहेज की खातिर हत्या कर शव गायब कर देने की लिखित शिकायत की है। पुलिस मामले की छानबीन में जुटी हैं।
यह भी पढ़ें: Bhagalpur News: प्रॉपर्टी डीलर पवन यादव हत्याकांड में आ सकता है नया मोड़, तकनीकी जांच में मिल रहे संकेत
क्रेडिट कार्ड सत्यापन के नाम पर हजारों रुपए की ठगीपटना के बाढ़ थाना क्षेत्र के बेढ़ना रामपुर टोला की एक युवती से क्रेडिट कार्ड का सत्यापन करने का झांसा देकर साइबर अपराधी ने 72,810 रुपए की ठगी कर ली। इसी प्रकार उसी के एसबीआई अकाउंट से लगभग 39 हजार भी निकाल लिए गए।
इस बाबत बाढ़ थाने में अज्ञात साइबर अपराधी के खिलाफ एफआइआर दर्ज कराया गया है। पुलिस मामले की छानबीन में जुट गई है।
बताया गया कि क्रेडिट कार्ड का सत्यापन करने हेतु जालसाज ने फोन किया। उसके बाद जैसे जैसे जालसाज द्वारा कहा गया, वैसे करने पर एक्सिस बैंक के क्रेडिट कार्ड से उक्त राशि निकाल ली गई।
उसी प्रकार स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के खाते से भी रुपए निकाले गए। बता दें कि बाढ़ अनुमंडलीय क्षेत्र में साइबर क्राइम लगातार बढ़ता जा रहा है।
Pawan Singh: पावर स्टार पवन सिंह की सीट को लेकर सस्पेंस खत्म, आरा नहीं अब यहां से लड़ेंगे लोकसभा का चुनाव
डिजिटल डेस्क, पटना। Pawan Singh Karakat Lok Sabha भोजपुरी फिल्म अभिनेता पवन सिंह ने चुनाव लड़ने का एलान कर दिया है। पवन सिंह ने खुद एक्स पर इसकी जानकारी दी। पवन सिंह काराकाट लोकसभा सीट से चुनाव लड़ेंगे।
पवन सिंह ने एक्स पर लिखा- "माता गुरुतरा भूमेरू" अर्थात माता इस भूमि से कहीं अधिक भारी होती हैं और मैंने अपनी मां से वादा किया था की मैं इस बार चुनाव लड़ूंगा। मैंने निश्चय किया है कि मैं 2024 का लोकसभा चुनाव काराकाट, बिहार से लड़ूंगा। जय माता दी"।
“माता गुरुतरा भूमेरू” अर्थात माता इस भूमि से कहीं अधिक भारी होती हैं और मैंने अपनी माँ से वादा किया था की मैं इस बार चुनाव लड़ूँगा । मैंने निश्चय किया है कि मैं 2024 का लोकसभा चुनाव काराकाट,बिहार से लड़ूँगा ।
जय माता दी@ANI @aajtak @timesofindia @indiatvnews @ndtv @ABPNews…
— Pawan Singh (@PawanSingh909) April 10, 2024आपको बताते चलें कि भारतीय जनता पार्टी ने अपनी पहली सूची में पवन सिंह काे पश्चिम बंगाल के आसनसोल सीट से अपना उम्मीदवार बनाया था, लेकिन सिने स्टार ने चुनाव लड़ने से इनकार कर दिया था। इसके पीछे निजी कारणों का हवाला दिया था।
इधर, एक बार फिर पवन सिंह ने रोहतास के काराकाट लोकसभा सीट से निर्दलीय चुनाव लड़ने की घोषणा कर राजनीतिक हल्कों में सरगर्मी तेज कर दी है।
उपेन्द्र कुशवाहा से होगा पवन सिंह का मुकाबलामालूम हो कि एनडीए ने काराकाट सीट से उपेन्द्र कुशवाहा को चुनाव मैदान में उतारा है। जबकि, महागठबंधन से माले के उम्मीदवार राजाराम चुनाव मैदान में हैं। सिने स्टार के पूर्व में आरा समेत अन्य जगहों से भी लड़ने की चर्चा हुई थी।
पवन सिंह का वीडियो हुआ वायरलबीते दिनों पवन सिंह का एक वीडियो खूब वायरल हुआ। जिसमें वे कह रहे थे कि चुनाव तो वे लड़ेंगे, लेकिन कब, कहां, कैसे और किस पार्टी से लड़ना है, यह बाद की बातें हैं।
काराकाट लोकसभा सीटबता दें कि काराकाट लोकसभा सीट इस समय जेडीयू के खाते में है। यहां से 2019 के लोकसभा चुनाव में महाबली सिंह चुनाव जीते थे। उन्हें 3,98,408 वोट मिले। जबकि रालोमो (राष्ट्रीय लोक मोर्चा) प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा को 3,13,866 मत हासिल हुए थे। वहीं, बीएसपी के राज नारायण तिवारी को 21,715 वोटों से संतोष करना पड़ा था।
काराकाट संसदीय क्षेत्र 2009 में अस्तित्व में आया। यह क्षेत्र चावल उत्पादन के लिए जाना जाता है। इस क्षेत्र में लगभग 400 राइस मिलें हैं। इसके पूर्व यह बिक्रमगंज लोकसभा क्षेत्र के नाम से जाना जाता था।
ये भी पढ़ें- 2019 के महासमर में 29 महारथियों ने आधे से अधिक वोटों से जीता था रण, महागठबंधन को बड़ी मुश्किल से मिली थी एक जीत
ये भी पढ़ें- Lok Sabha Election 2024 : बिहार में निषाद वोट की खींचतान, RJD क्या बढ़ा देगी JDU और BJP की टेंशन?
AI Education: अब 9वीं और 10वीं के छात्र पढ़ेंगे आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का पाठ, CBSE ने तैयार किया पूरा प्लान
जागरण संवाददाता, पटना। CBSE AI Education सीबीएसई की ओर से नौवीं एवं दसवीं के बच्चों को ऑनलाइन आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) का पाठ पढ़ाने का निर्णय लिया गया है। सीबीएसई की ओर से नौवीं एवं दसवी के छात्रों को आठ से 23 अप्रैल तक प्रशिक्षण दिया जाएगा।
सीबीएसई पाटलिपुत्र सहोदय के वरिष्ठ अधिकारी एके नाग का कहना है कि प्रतिदिन शाम चार से छह बजे तक विद्यार्थियों को प्रशिक्षण दिया जाएगा। इसके लिए सीबीएसई की ओर 120 से 150 छात्रों का बैच तैयार किया गया है।
पढ़ाई में मिलेगी काफी मददसीबीएसई द्वारा प्रशिक्षण देने के उपरांत छात्रों को आगे की पढ़ाई में काफी मदद मिलने की उम्मीद की जा रही है। उन्होंने कहा कि भविष्य का ध्यान में रखते हुए सीबीएसई की ओर से एआइ की पढ़ाई पर जोर दिया जा रहा है।
प्राचार्य पीके सिंह ने क्या कहा?वहीं, केंद्रीय विद्यालय के प्राचार्य पीके सिंह का कहना है कि सीबीएसई की ओर से समय-समय पर विद्यार्थियों को अपग्रेड करने के लिए कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। उसी के तहत यह कार्यक्रम चलाया जा रहा है।
उनका कहना है कि एआई की मांग दिनोंदिन बढ़ती जा रही है। यही कारण है कि अधिक से अधिक विद्यार्थी इस ओर काफी तेजी से आकर्षित हो रहे हैं। सीबीएसई के निर्देश पर कई स्कूलों ने भी एआई की पढ़ाई शुरू कर दिया है।
ये भी पढ़ें- Bihar News: भोजपुर में दो सौ एकड़ में लगी गेहूं की फसल जलकर राख, किसानों की आंखों से छलके आंसू
ये भी पढ़ें- Bihar News: आश्वासनों के टॉनिक पर जिंदा है बांका का चांदन डैम, CM नीतीश के आदेश पर भी आगे नहीं बढ़ी ये अहम फाइल
2019 के महासमर में 29 महारथियों ने आधे से अधिक वोटों से जीता था रण, महागठबंधन को बड़ी मुश्किल से मिली थी एक जीत
कुमार रजत, पटना। लोकसभा चुनाव 2019 के आंकड़े देखें, तो भाजपा के पांच सांसद ऐसे रहे जिन्हें 60 प्रतिशत से भी अधिक वोट मिले। मुजफ्फरपुर से अजय निषाद सर्वाधिक 63.03% वोट पाकर सांसद बने। इसके बाद पटना साहिब से रविशंकर प्रसाद को 61.85%, मधुबनी से अशोक कुमार यादव को 61.83%, दरभंगा से गोपालजी ठाकुर को 60.74% और शिवहर से रमा देवी को 60.59% वोट मिले।
सबसे रोचक बात यह कि पिछले चुनाव में सर्वाधिक वोट प्रतिशत पाकर जीत दर्ज करने वाले सांसद अजय निषाद का भाजपा ने टिकट काट दिया है। उनकी जगह भाजपा ने इस बार राजभूषण निषाद को अपना उम्मीदवार बनाया है।
वहीं, 60 प्रतिशत से अधिक वोट पाने वाली शिवहर सांसद रमा देवी भी बेटिकट हो गई हैं। उनकी सीट गठबंधन के साथ जदयू को मिल गई है, जहां से लवली आनंद को टिकट दिया गया है।
किशनगंज में 33 प्रतिशत पर ही मिली जीतसबसे कम वोट प्रतिशत पाकर जीत दर्ज करने वाली सीट किशनगंज रही। यहां मुकाबला त्रिकोणीय रहा नतीजा कांग्रेस के उम्मीदवार मो. जावेद ने 33.32 प्रतिशत वोट पाकर ही जीत दर्ज कर ली।
जदयू के सैयद मोहम्मद अशरफ 30 प्रतिशत वोट के साथ दूसरे जबकि ओवैसी की पार्टी एआइएमआइएम के अख्तरुल इमाम 26.8 प्रतिशत मतों के साथ तीसरे स्थान पर रहे थे।
इसके बाद वाल्मीकिनगर की सीट रही जहां जदयू के सुनील कुमार ने 38 प्रतिशत मत पाकर विजय हासिल की। दूसरे स्थान पर रहे कांग्रेस उम्मीदवार प्रवेश कुमार मिश्रा को 35.95 प्रतिशत वोट मिले थे।
सबसे अधिक मत प्रतिशत पाने वाले उम्मीदवार सीट विजयी प्रत्याशी वोट प्रतिशत मुजफ्फरपुर अजय निषाद (भाजपा) 63.03% पटना साहिब रविशंकर प्रसाद (भाजपा) 61.85% मधुबनी अशोक कुमार यादव (भाजपा) 61.83% दरभंगा गोपालजी ठाकुर (भाजपा) 60.74% शिवहर रमा देवी (भाजपा) 60.59% प. चंपारण डॉ. संजय जायसवाल (भाजपा) 59.60% भागलपुर अजय मंडल (जदयू) 59.30% पू. चंपारण राधामोहन सिंह (भाजपा) 57.81% झंझारपुर रामप्रीत मंडल (जदयू) 56.80% बेगूसरायगिरिराज सिंह(भाजपा)
56.48% सबसे कम वोट प्रतिशत पाकर जीतने वाले उम्मीदवार सीट विजयी प्रत्याशी वोट प्रतिशत किशनगंज मो. जावेद (कांग्रेस) 33.32% वाल्मीकिनगर सुनील कुमार (जदयू) 38.08 जहानाबाद चंदेश्वर प्रसाद (जदयू) 42.17 सिवान कविता सिंह (जदयू) 45.54 औरंगाबाद सुशील सिंह (भाजपा) 45.83यह भी पढ़े: Chaitra Navratri 2024: तीसरे दिन मां चंद्रघंटा की होती है पूजा, इस पूजाविधि और मंत्र से खुश हो पूरी करती हैं हर इच्छा
Manish Kashyap : मनीष कश्यप ने कर दिया फाइनल, इस सीट से लड़ेंगे चुनाव; BJP-Congress पर निकाली भड़ास
डिजिटल डेस्क, पटना। Bihar Political News Today : बिहार के यू-ट्यूबर त्रिपुरारी तिवारी उर्फ मनीष कश्यप (Manish Kashyap) ने चुनाव लड़ने का मन बना लिया है। उन्होंने अपने यूट्यूब चैनल के माध्यम से बताया है कि वह बिहार में पश्चिम चंपारण सीट से चुनाव लड़ेंगे।
हालांकि, उन्हें अभी तक किसी भी पार्टी से सिंबल नहीं मिला है। माना जा रहा है कि वह निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर मैदान में उतर सकते हैं।
मनीष कश्यप ने यहां तक कि पश्चिम चंपारण में जनसंपर्क अभियान भी शुरू कर दिया है। लोगों के साथ संबोधन का एक वीडियो मनीष ने अपने यूट्यूब चैनल पर जारी किया है।
इसमें वह लोगों से कह रहे हैं कि भाजपा यह कह रही है कि उन्हें कांग्रेस का सपोर्ट है। दूसरी ओर, कांग्रेस यह कह रही है कि उन्हें भाजपा का समर्थन प्राप्त है।
रोजगार और नौकरी सहित अन्य समस्याओं पर भी बात कीमनीष ने जमकर भाजपा (BJP) और कांग्रेस (Congress) पर भड़ास निकाली। एक तरफ उन्होंने भाजपा को रोजगार और नौकरी को लेकर घेरा। दूसरी ओर, कांग्रेस पर भ्रष्टाचार करने का आरोप लगाया।
इधर, मनीष ने लोगों को संबोधित करते हुए कई बातें कही हैं। उन्होंने यह भी कहा है कि आज तक पश्चिम चंपारण में कोई गरीब का लड़का सांसद नहीं बना है। (Lok Saba Election 2024)
गौरतलब है कि मनीष कश्यप 23 दिसंबर, 2023 को जेल से छूटकर बाहर आए थे। करीब नौ महीने से जेल में बंद मनीष कश्यप को पटना की बेउर जेल से जमानत पर रिहा किया गया था। (West Champaran Lok Sabha Seat)
तमिलनाडु सरकार ने NSA लगा दिया थामनीष कश्यप पर तमिलनाडु सरकार ने NSA लगा दिया था। उन पर तमिलनाडु में बिहार के मजदूरों को लेकर कथित तौर पर फर्जी वीडियो शेयर करने का आरोप लगा था। इसके बाद पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार किया था।
जेल से छूटने के बाद मनीष ने अपनी राजनीतिक सक्रियता बढ़ाई थी। कयास थे कि किसी राष्ट्रीय पार्टी की टिकट पर चुनाव मैदान में उतरेंगे। हालांकि, ऐसा नहीं हुआ। बकौल मनीष अब वह निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में मैदान में उतर रहे हैं।
यह भी पढ़ें-
बिहार के अररिया में बवाल, पूजा स्थल पर तोड़फोड़ को लेकर दो समुदायों में तनाव; पुलिस कर रही है कैंप
Lok Sabha Election 2024 : बिहार में निषाद वोट की खींचतान, RJD क्या बढ़ा देगी JDU और BJP की टेंशन?
सुनील राज, पटना। बिहार की राजनीति में मुकेश सहनी अब अपरिचित नाम नहीं। भाजपा के साथ अपनी राजनीतिक पारी की शुरुआत करने के बाद अपनी पार्टी बनाने वाले सहनी महज आठ से नौ साल की मेहनत में निषाद आरक्षण की मांग के बूते 2024 के लोकसभा चुनाव में तीन सीटें प्राप्त करने में सफल हो गए हैं।
राष्ट्रीय जनता दल ने मुकेश सहनी की विकासशील इंसान पार्टी से समझौता करते हुए उसे तीन सीटों पर चुनाव लड़ने का मौका दिया है। राजद ने अपने कोटे की तीन सीटें सहनी को दी हैं।
असल में बिहार में निषाद वोट को लेकर खींचतान कोई नई नहीं है। भाजपा हो जदयू या फिर राजद सभी सहनी वोट को अपने पाले में करने की जुगत हर चुनाव में लगाते रहे हैं।
भाजपा जहां हरि सहनी को आगे कर निषाद वोट को अपने पाले में करना चाहती है तो जदयू मदनी सहनी के नाम पर निषाद वोट को लुभाने का प्रयास कर रहा है।
2020 के विधानसभा चुनावों के दौरान भी राजद ने सहनी को आगे कर चुनाव मैदान में उतरने का निर्णय लिया था, लेकिन सीटों के तालमेल की वजह से बात नहीं बनी और सहनी राजद पर पीठ में छुरा मारने का आरोप लगाकर अलग हो गए थे।
राष्ट्रीय जनता दल की नजर निषाद वोट परमहागठबंधन में सहयोगी दलों के साथ सीट बंटने के बाद राजद ने मुकेश सहनी की विकासशील इंसान पार्टी के साथ समझौता तो किया ही उसे अपने कोटे की तीन सीटें भी तोहफे में दीं। बिहार में मुकेश सहनी की पार्टी मोतिहारी (पूर्वी चंपारण), गोपालगंज और झंझारपुर से चुनाव लड़ेगी।
सहनी से समझौते के बहाने राजद की नजर निषाद वोट पर है। दरअसल, बिहार में निषाद जाति बड़ा वोट बैंक मानी जाती है। इनकी आबादी पासवान समेत दूसरी कई जातियों से काफी ज्यादा है।
राजद को पता है कि निषाद वोटरों को अपने पक्ष में करने के लिए मुकेश सहनी और उनकी पार्टी राजद के लिए तुरुप का पत्ता हो सकती है। वहीं, जदयू और भाजपा के उम्मीदवारों के लिए सिर का दर्द भी।
सात से आठ प्रतिशत आबादी का किया जा रहा है दावाबिहार की राजनीति में सन आफ मल्लाह के नाम से अपने को प्रचारित करने वाले मुकेश सहनी शुरुआती दिनों से लेकर अब तक मल्लाहों की राजनीति करते रहे हैं।
वे उनके लिए अन्य राज्यों की भांति आरक्षण की मांग को अपना मुद्दा बनाकर अपनी पार्टी और खुद को स्थापित करने में जुटे हैं।
बिहार में निषादों में करीब दो दर्जन उप जातियां हैं और एक अनुमान के मुताबिक करीब सात से आठ प्रतिशत आबादी निषादों की है।
कहा जाता है कि उत्तर बिहार में जहां नदी की संख्या अधिक है, वहां निषाद वोट उम्मीदवार की हार-जीत का फैसला लिखते हैं।
इधर सहनी स्वयं दावा करते हैं कि बिहार में निषाद समुदाय के करीब 14-15 प्रतिशत वोट हैं। इस जाति का सर्वाधिक प्रभाव दरभंगा, मधुबनी, मुजफ्फरपुर, वैशाली, खगड़िया जैसे क्षेत्रों में है।
खुद के साथ महागठबंधन के लिए वोट बढ़ाने की चुनौतीराजद ने जो तीन सीटें सहनी को दी हैं वे एनडीए का गढ़ मानी जाती हैं। बीते दो लोकसभा चुनाव से यहां एनडीए उम्मीदवारों की जीत होती रही है।
2019 में मोतिहारी की सीट रालोसपा ने लड़ी थी, जबकि राजद ने झंझारपुर और गोपालगंज। मोतिहारी से राधा मोहन सिंह के खिलाफ राष्ट्रीय लोक समता पार्टी उम्मीदवार आकाश कुमार सिंह चुनाव लड़े, जबकि झंझारपुर से जदयू के रामप्रीत मंडल के खिलाफ राजद के गुलाब यादव मैदान में थे।
गोपालगंज लोकसभा सीट से डा. आलोक कुमार सुमन के खिलाफ राजद के सुरेंद्र राम चुनाव लड़े थे। परंतु राजद यह सीटें जीत नहीं पाया।
यदि सहनी निषाद वोट के जरिये तीन सीटों के अलावा निषाद बहुल क्षेत्रों में राजद की जीत का कारण बनते हैं राजनीति में उनका कद और बड़ा हो जाएगा।
देखना यह होगा कि महागठबंधन की छतरी तले तीन सीटों पर सहनी करामात दिखाकर नई कहानी लिखने में सफल होते हैं या नहीं।
लोकसभा चुनाव की खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।
ओडिशा की लोकसभा चुनाव की खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।
यह भी पढ़ें
PM Modi Rally In Bihar: बिहार में चुनावी जनसभा का अपना रिकॉर्ड तोड़ देंगे नरेंद्र मोदी! 2019 में की थीं 11 रैली
रमण शुक्ला, पटना। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की 2024 के चुनाव में हैट्रिक की राह आसान बनाने के लिए भाजपा ने अबकी बार चार सौ पार सीट जीतने का लक्ष्य निर्धारित किया है। इसी क्रम में पार्टी के रणनीतिकार बिहार की 40 की 40 सीट पर राजग (राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन) की जीत सुनिश्चित करने के लिए बिसात बिछा रहे हैं।
ऐसे में संभव है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी राजग प्रत्याशियों के प्रचार के लिए बिहार आने का अपना ही रिकॉर्ड इस चुनाव में तोड़ेंगे। पहले चरण का चुनाव प्रचार थमने से एक दिन पहले 16 अप्रैल वे राजग प्रत्याशी जीतन राम मांझी के लिए वोट मांगने गया तो दूसरे चरण वाले क्षेत्र में जनसभा को संबोधित करने पूर्णिया आ रहे हैं।
मोदी की गया एवं पूर्णिया के गांधी मैदान में जनसभा प्रस्तावित है। बिहार में सात चरण में लोकसभा चुनाव होना है और हर चरण में प्रधानमंत्री की कम-से-कम तीन चुनावी सभा कराने की योजना बिहार भाजपा ने बनाई है। इस गणित से इस बार बिहार में प्रधानमंत्री की अनुमति मिली तो 21 से अधिक जनसभा होने की संभावना है।
2019 में प्रधानमंत्री ने की थी 11 जनसभाएंसात अप्रैल को नवादा की जनसभा में स्वयं प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी इस बात के संकेत दे चुके हैं। उल्लेखनीय है कि 2019 के लोकसभा चुनाव में मोदी नौ बार बिहार आए थे और 11 जनसभाएं की थीं। तब राजग ने बिहार की 40 में 39 सीटें जीती थी। अहम यह है कि बिहार राजग गठबंधन में 2019 की तुलना में अबकी बार दो पुराने सहयोगी की वापसी हुई है।
इसमें हम (हिंदुस्तान आवामी मोर्चा) के जीतन राम मांझी एवं रालोमो (राष्ट्रीय लोक मोर्चा) प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा जैसे चेहरे सम्मिलित हैं। 2019 के लोकसभा चुनाव में दोनों महागठबंधन में सहयोगी थे।
इस बार प्रधानमंत्री की पश्चिम चंपारण, बेगूसराय,औरंगाबाद, हाजीपुर एवं पटना साहिब को छोड़कर राजग के सहयोगी दल वाले लगभग ज्यादातर सीटों पर चुनाव प्रचार के लिए नरेन्द्र मोदी बिहार की ज्यादातर सीटों पर जनसभा को संबोधित करने बिहार आएंगे।
ये भी पढ़ें- Lok Sabha Election 2024: लालू यादव ने सीट बंटवारे में साधा 'MY' समीकरण, 8 यादव और 2 मुस्लिम को टिकट
ये भी पढ़ें- RJD Candidates List: राजद ने 22 सीटों पर उतारे प्रत्याशी, लालू ने अपनी दो बेटियों को दिया टिकट
Bihar Politics : राजद में एक तिहाई सीट ले उड़े 'बाहरी' उम्मीदवार, यहां पढ़ें पूरी लिस्ट; कहां किसे मिला टिकट
सुनील राज, पटना। RJD Candidates List : लोकसभा चुनाव में बिहार के दोनों गठबंधनों में सबसे अधिक सीटों पर लड़ने वाले राष्ट्रीय जनता दल की करीब एक तिहाई सीटें झटकने में बाहरी उम्मीदवार यानी ऐसे नेता सफल रहे, जो किसी दूसरे दल को छोड़कर राजद में आए हैं। परंतु, जानकारों का मानना है कि बाहरी उम्मीदवारों को पार्टी का सिंबल देने में भी लालू प्रसाद ने जातीय समीकरण का पूरा ख्याल रखा है।
बाहर से आकर पार्टी टिकट के साथ राजद की सदस्यता लेने वालों में दो यादव, दो कुशवाहा के साथ ही एक वंचित, एक पिछड़ा और एक अति पिछड़ा के अलावा सवर्ण शामिल हैं।
अभय सिंह कुशवाहाअभय सिंह कुशवाहा तो औरंगाबाद से टिकट लेकर चुनाव मैदान में डटे हैं। अभय सिंह पहले जदयू में थे, टिकट बंटवारे के पूर्व उन्होंने जदयू छोड़कर राजद के साथ चलने का निर्णय लिया और राजद में आते ही उन्होंने पार्टी का टिकट भी हासिल कर लिया। अभय सिंह कुशवाहा समाज से आते हैं।
बीमा भारती (Bima Bharti)पूर्णिया से चुनाव लड़ रहीं बीमा भारती पहले जदयू में थीं। उन्होंने पार्टी से नाराजगी के बाद जदयू छोड़ी और राजद ने उन्हें तत्काल टिकट भी दे दिया।
बीमा भारती पिछड़ा समाज से आती हैं। पूर्णिया सीट पर बीमा भारती को टिकट मिलने के पूर्व चर्चा थी कि पप्पू यादव पूर्णिया से कांग्रेस के उम्मीदवार होंगे।
लेकिन बंटवारे में यह सीट राजद के खाते में आई और राजद ने बीमा भारती को सिंबल देकर मैदान में उतार दिया। पप्पू यादव भी पूर्णिया से चुनाव मैदान में हैं, लेकिन वे निर्दलीय लड़ रहे हैं।
इन दो उम्मीदवारों के अलावा जमुई से राजद की टिकट पर अर्चना रविदास उम्मीदवार हैं। बता दें कि अर्चना के पति मुकेश यादव राजद के कार्यकर्ता हैं।
वैशाली से मुन्ना शुक्ला (Munna Shukla Vaishali)वैशाली से टिकट हासिल करने वाले मुन्ना शुक्ला वर्ष 2000 में निर्दलीय विधायक चुने गए थे। 2005 में लोक जनशक्ति पार्टी उम्मीदवार के रूप में जीते थे। अब उन्हें राजद ने लोकसभा से चुनाव सिंबल दिया है।
वे भूमिहार समाज से आते हैं। अभय सिंह कुशवाहा के साथ ही नवादा से राजद की टिकट लेने वाले श्रवण कुशवाहा निर्दलीय चुनाव लड़ चुके हैं, मगर जीत नहीं पाए थे।
राजद ने उन्हें सिंबल देकर नवादा से उम्मीदवार बनाया है। वे कुशवाहा समाज से आते हैं। इन छह उम्मीदवारों के अलावा मुंगेर से चुनाव लड़ रही अनीता देवी और मधेपुरा से चुनाव सिंबल प्राप्त करने वाले प्रो. कुमार चंद्रदीप भी बाहरी उम्मीदवार हैं, जो राजद का टिकट लेने में सफल रहे हैं।
अनीता देवी, बाहुबली अशोक महतो की पत्नी हैं। अशोक महतो से शादी करने के तत्काल बाद वे राजद अध्यक्ष से मिलीं और उन्हें टिकट भी मिल गया।
प्रो. कुमार चंद्रदीप कॉलेज ऑफ कॉमर्स में गणित के प्रोफेसर हैं। इनके पिता सक्रिय राजनीति में थे। राजद ने इन्हें भी मधेपुरा से अपना उम्मीदवार बनाया है। प्रो. चंद्रदीप यादव बिरादरी से आते हैं।
राजद से 12 प्रत्याशी पहली बार लड़ रहे हैं लोकसभा चुनावराजद ने जिन 22 प्रत्याशियों को टिकट दिया है, उनमें उनकी पुत्री रोहिणी आचार्य समेत 12 उम्मीदवार ऐसे हैं जो पहली बार लोकसभा के चुनाव मैदान में हैं।
इन उम्मीदवारों में गया से कुमार सर्वजीत, सारण से रोहिणी आचार्य, जमुई से अर्चना रविदास, पूर्णिया से बीमा भारती, दरभंगा से ललित यादव, बक्सर से सुधाकर सिंह, सुपौल से चंद्रहास चौपाल, अररिया से शाहनवाज आलम, मुंगेर से अनीता देवी, शिवहर से ऋतु जायसवाल, मधेपुरा से प्रो. चंद्रदीप और नवादा से श्रवण कुशवाहा के नाम हैं।
पांच प्रत्याशी पूर्व में आजमा चुके हैं लोकसभा चुनाव में किस्मतराजद से टिकट लेने वाले उम्मीदवारों में पांच ऐसे नेता भी हैं जो पहले भी लोकसभा चुनाव लड़ चुके हैं और कई जीत भी चुके हैं।
मधुबनी से चुनाव लड़ रहे अली अशरफ फातमी पूर्व में लोकसभा सदस्य रह चुके हैं। बांका से जयप्रकाश यादव भी लोकसभा चुनाव जीत चुके हैं।
सुरेंद्र यादव और आलोक मेहता भी पूर्व में लोकसभा चुनाव लड़कर जीत चुके हैं। अर्जुन राय जदयू के टिकट पर 2009 में सीतामढ़ी से चुनाव जीत चुके हैं।
यह भी पढ़ें
Patna News: कहीं कस्टम अधिकारी तो किसी से पुलिसकर्मी बनकर की ठगी, 9 लोगों के खाते से उड़ाये लगभग 5 लाख रुपये
जागरण संवाददाता, पटना। साइबर ठगों ने पार्ट टाइम जाब और खुद को कस्टम विभाग का अधिकारी व पुलिसकर्मी बताकर नौ लोगों के खाते से 4.85 लाख की निकासी कर ली। साइबर थाने की पुलिस इन सभी मामलों में केस दर्ज कर जांच कर रही है। खगौल निवासी दुष्यंत कुमार के मोबाइल पर एक अंजान नंबर से फोन आया।
उसने खुद का नाम प्रवीण बताया। कहा कि वह कस्टम विभाग नई दिल्ली में कार्यरत है। बताया कि आपके आधार कार्ड का इस्तेमाल कर आए एक पार्सल में कुछ संदिग्ध वस्तु पायी गयी है। कुछ देर बाद दूसरे नंबर से फोन आया। उसने कहा कि वह वसंत कुंज नार्थ पुलिस स्टेशन में एसआई है।
आपके नाम से दिल्ली में एक बैंक अकाउंट खोला गया है, जिसका इस्तेमाल अवैध लेनदेन के लिए किया गया है। फिर तीसरे नंबर से फोन आया और वह सीबीआइ अफसर बनकर बात करने लगा। बोला कि आपके नाम से खुले अकाउंट में रुपये हैं, जिसे ट्रांसफर करना है। इसके लिए एक लाख रुपये दोनों अकाउंट में भेजना होगा।
अंजान नंबर से फोन आयापीड़ित ने उनकी झांसे में आकर दोनों अकाउंट में एक लाख रुपये भेज दिया। वहीं रूपसपुर निवासी संजीव कुमार तिवारी को अंजान नंबर से फोन आया। बोला गया कि आपके बेटा को बंदी बनाया गया है। छोड़ने के लिए 50 हजार रुपये की मांग की गई। पीड़ित ने डर से दस हजार रुपया ट्रांसफर कर दिया।
इसी तरह बिहटा निवासी संजय कुमार के पास वाट्सएप काल आया। उसने खुद को मुंबई पुलिस में इंस्पेक्टर बताया। बोला आपका बेटा दुष्कर्म के आरोपितों के साथ गिरफ्तार किया गया है, लेकिन वह निर्दोष है। आप तत्काल एक लाख रुपये भेज दें, उसे छोड़ दिया जाएगा। उन्होंने ठगों के खाते में एक लाख ट्रांसफर कर दिया।
बिजली बिल जमा करने के नाम पर ठगीबात में पता चला कि उनका बेटा अपने कमरे पर था और वह साइबर ठग थे। राजेंद्र नगर निवासी राम कुमार से बिजली बिल जमा करने के नाम पर 14 हजार रुपये, मालसलामी निवासी विवेक कुमार से पीएनबी क्रेडिट कार्ड का कर्मी उनके खाते से 20 हजार रुपये की ठगी हुई है।
इसके अलावा, कादरीगंज निवासी रजनीश राज के पेटीएम से 18 हजार रुपये, शाहपुर निवासी संतोष मेहरा के खाते से 25 हजार रुपये, दीघा निवासी निर्भय कुमार सिंह के खाते से तीन बार में 78 हजार रुपये और पत्रकारनगर निवासी राहुल कुमार से पार्ट टाइम जाब के नाम पर 1.20 लाख की ठगी हो गई।
यह भी पढ़ें-
बिहार के अररिया में बवाल, पूजा स्थल पर तोड़फोड़ को लेकर दो समुदायों में तनाव; पुलिस कर रही है कैंप
Loo se kaise bache: लू से बचने के लिए अपनाएं यह उपाय; पटना के डीएम ने अस्पताल और प्रशासन को जारी किए दिशानिर्देश
जागरण संवाददाता, पटना। Bihar News : गरम हवाओं और लू से आमजन की सुरक्षा के लिए डीएम शीर्षत कपिल अशोक ने 15 विभागों को अलर्ट रहने को कहा है। उन्होंने सिविल सर्जन को निर्देश दिया है कि गर्मी में बच्चे, गर्भवती व धात्री माताएं, बुजुर्ग और पहले से गंभीर बीमारी से ग्रसित लोग जोखिम में पड़ सकते है। इसपर विशेष ध्यान देने की जरूरत है।
उन्होंने लू लगने के लक्षण, कुप्रभाव एवं प्राथमिक उपचार के संदर्भ में सभी स्वास्थ्य कर्मियों का संवेदीकरण करने और किस स्थिति में विशेष इलाज की जरूरत होगी यह बताने को कहा है। डीएम ने कहा है कि पीएचसी से लेकर मेडिकल कालेज अस्पताल तक में आइवी फ्लूड, ओआरएस एवं अन्य जरूरी दवाएं पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध रहे।
मोबाइल टीम को सक्रिय रखने का निर्देशसिविल सर्जन को यह भी निर्देश दिया गया है कि गर्म हवा चलने या तापमान सामान्य से अधिक रहने पर स्थिति की समीक्षा कर मोबाइल टीम को सक्रिय रखेंगे जो दूरस्थ क्षेत्रों तक पहुंच सके। जिला पर एवं पीएचसी स्तर पर डाक्टर, एएनएम एवं स्वास्थ्यकर्मियों को प्रतिनियुक्त कर ड्यूटी रोस्टर तैयार रखें।
उन्होंने अस्पतालों में निर्बाध बिजली आपूर्ति का निर्देश दिया है। सभी सरकारी अस्पतालो में गरम हवा और लू से प्रभावित जो व्यक्ति इलाज के लिए आते हैं, उनके आंकड़े एकत्र करने को भी कहा गया है। अस्पतालों में शुद्ध पेयजल की व्यवस्था, पीड़ितों के इलाज के लिए अलग से वार्ड एवं बेड रखने का निर्देश दिया है।
बरतें ये सावधानीअति आवश्यक न हो तो दोपहर में घर बाहर न निकलें।-यथासंभव सूती और हल्के रंग का कपड़ा पहनें। -थोड़े-थोड़े अंतराल पर पानी पीते रहें, यथासंभव पानी में ग्लूकोज डालकर पियें। -हल्का व थोड़ा भोजन खाएं, भोजन थोड़ी-थोड़ी मात्रा में कई बार खाएं।-बासी भोजन कदापि न खाएं। -तेज धूप में बच्चों को खेलने लिए बाहर न जाने दें।-बाहर जाते समय सिर पर टोपी, गमछा या छाता (जो सुलभ हो) लेकर जायें।
लू लगने पर करें यह उपाय- लू लग जाने पर तौलिया या गमछा को ठंडे पानी में भिगा कर सिर पर रखें।
- पूरे शरीर को भीगे कपड़े से बार-बार पोछते रहें, जिससे शरीर का तापमान बढ़ने नहीं पाए।
- आम का पन्ना, सतू का घोल एवं नारियल का पानी पीएं।
- ओआरएस एवं ग्लूकोज भी पीयें
- ताजा बनी दाल का पानी, चावल के माड़ में थोडा सा नमक मिलाकर पिलाना बच्चों के लिए लाभदायक होगा।
- गंभीर स्थिति होने पर तुरंत नजदीक के अस्पताल में भर्ती कराएं।
यह भी पढ़ें
Bihar Politics: 'राजनीति छोड़ दूंगा लेकिन....', सम्राट चौधरी ने दे दिया अल्टीमेटम; कहा-अब यह सब नहीं चलेगा
डिजिटल डेस्क, पटना। Bihar Political News Today: बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी एक बार फिर से आगबबूला हो गए हैं। इस बार वह माफियाओं और जमीन हड़पने वालों को कड़ी चेतावनी दे डाली है। सम्राट चौधरी ने बालू माफियाओं को अमित शाह की भाषा में जवाब दिया है।
राजनीति छोड़ना पसंद करूंगा लेकिन माफियाओं का इलाज कर दूंगासम्राट चौधरी (Samrat Chaudhary) ने कहा कि गांव में बालू और जमीन हड़पने वाले का इलाज होगा। उन्होंने कहा कि कई लोग गरीब की जमीन हड़पने का काम कर रहा है, इन सारे लोगों का इलाज होगा। सम्राट चौधरी ने कहा कि राजनीति छोड़ना पसंद करूंगा लेकिन बिहार से माफियाओं को पूर्ण रूप से समाप्त करके ही मानूंगा।
माफियाओं को जेल में बंद होना होगा या बिहार छोड़कर जाना होगासम्राट चौधरी ने कहा कि बिहार में माफियाओं की गु्ंडागर्दी नहीं चलेगी। बिहार में माफियाओं को या तो जेल जाना होगा या तो बिहार छोड़कर जाना होगा।
लालू जी के परिवार का मतलब गुंडाराज और भ्रष्टाचारसम्राट चौधरी ने कहा कि लालू परिवार का मतलब है कि गुंडाराज स्थापित करना, कानून तोड़ना और भ्रष्टाचार स्थापित करना है।
यह भी पढ़ें
Bihar Politics: चुनाव से पहले गिरिराज सिंह ने उठा दी बड़ी मांग, कहा- जल्द लिया जाए एक्शन; तेजस्वी और लालू को घेरा
एएनआई, पटना। Bihar Politics News: बिहार में लोकसभा चुनाव से पहले भाजपा के दिग्गज नेता और केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह (Giriraj Singh) ने फिर से लालू परिवार पर बड़ा हमला बोला है। गिरिराज सिंह ने तेजस्वी को जहां मौसमी सनातनी बता दिया, वहीं लालू यादव की पार्टी को एक प्राइवेट लिमिटेड कंपनी बता दिया।
गिरिराज ने रोहिंग्या और घुसपैठिया को बिहार लाने में लालू को जिम्मेदार ठहरायागिरिराज सिंह ने कहा कि तेजस्वी यादव 'मौसमी सनातनी' हैं। जब उनके पिता (लालू यादव) सत्ता में थे, तो कई लोग चाहे वे रोहिंग्या हों या बांग्लादेशी घुसपैठिए, यहां आए थे। वे मुखौटा पहनकर तुष्टीकरण की राजनीति करते हैं।
लालू यादव की पार्टी एक प्राइवेट लिमिटेड कंपनीगिरिराज सिंह (Giriraj Singh) ने कहा कि लालू यादव की पार्टी एक प्राइवेट लिमिटेड कंपनी है, ये उनकी कंपनी है और जिसे शेयर देना हो वो शेयरधारक बन जाता है। लालू जी बेटे-बेटियों को टिकट देते हैं।
चुनाव से पहले गिरिराज ने कर दी बड़ी मांग, एक्शन की मांगगिरिराज सिंह ने कहा कि बिहार में घुसपैठिये हों या रोहिंग्या बड़ी संख्या में इनके नाम वोटर लिस्ट में हैं। मैं सरकार से एक ऐसे तंत्र की मांग करता हूं जो उन्हें मतदान के अधिकार से वंचित कर दे।
यह भी पढ़ें
Bihar Politics: 'जब रेल मंत्री बने तो...', लालू के बारे में क्या बोले JDU नेता? तेजस्वी यादव को भी दे दी नसीहत
राज्य ब्यूरो, पटना। Bihar Political News Today जदयू के प्रदेश अध्यक्ष उमेश सिंह कुशवाहा (Umesh Kushwaha) ने मंगलवार को कहा कि लालू परिवार ने सत्ता को अवैध धनोपार्जन का जरिया समझा। जब भी उन्हें मौका मिला तो गरीबों के खून-पसीने की कमाई को लूटने का काम किया।
जदयू (JDU) प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) आज पूरे प्रदेश में घूमकर नीतीश कुमार द्वारा किए गए कार्यों को अपना काम बता कर झूठा श्रेय लेने की कोशिश कर रहे। तेजस्वी जनता में भ्रम फैलाने की कोशिश नहीं करें।
मुख्यमंत्री बने तो उन्होंने चारा घोटाला को अंजाम दिया- जदयूउन्होंने कहा कि लालू प्रसाद (Lalu Yadav) जब बिहार में मुख्यमंत्री बने तो उन्होंने चारा घोटाला को अंजाम दिया और जब यूपीए की केंद्र सरकार में रेल मंत्री बने तो रेलवे में नौकरी के बदले जमीन का घोटाला किया।
गरीबों के नाम पर सत्ता हासिल कर उन्होंने सिर्फ अपनी गरीबी दूर की। अपने बेटे-बेटियों के लिए अकूत संपत्ति बनायी। रेलवे में ग्रुप डी की नौकरी के बदले गरीबों की जमीन हथियाने वाले लोग कभी भी युवाओं के हिमायती नहीं हो सकते।
यह भी पढ़ें-
KK Pathak: बिहार सरकार के सामने झुका केके पाठक का शिक्षा विभाग... अब प्रशिक्षण ले रहे शिक्षकों को 3 दिन की छुट्टी
राज्य ब्यूरो, पटना। Bihar Teacher Leave: बिहार में प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे शिक्षकों को राहत मिल गई है। प्रशिक्षण ले रहे शिक्षकों को ईद और रामनवमी पर अवकाश देने की मनाही के बाद अब राज्य शिक्षा अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद ने इसके लिए नया आदेश जारी किया। इसमें 10, 11 को ईद तो 17 अप्रैल को रामनवमी का अवकाश रहेगा। आखिरकार, केके पाठक (KK Pathak) के शिक्षा विभाग को नीतीश सरकार के सामने झुकना ही पड़ा।
बता दें कि इस संबंध में 24 घंटे के भीतर तीन अलग-अलग आदेश जारी हुए। पहले आदेश में ईद पर दो एवं रामनवमी पर एक दिन के अवकाश की सूचना दी गई थी। दूसरे आदेश में अवकाश की सूचना को फर्जी करार दिया गया था। वहीं अब तीसरे आदेश में दोनों त्योहारों के लिए एक-एक दिन का अवकाश घोषित किया गया है।
मंगलवार को शिक्षा विभाग ने मुख्यमंत्री के आदेश का खंडन कर दिया था10 और 11 अप्रैल को ईद एवं 17 अप्रैल को रामनवमी के अवसर पर अवकाश घोषित किया गया है। प्रशिक्षण कार्यक्रम में अन्य किसी प्रकार का बदलाव नहीं किया गया है। मुख्यमंत्री की पहल पर मिले इस अवकाश पर प्रशिक्षणरत शिक्षक आनंदित हो ही रहे थे कि मंगलवार को शिक्षा विभाग ने अपने आधिकारिक एक्स हैंडल पर अवकाश की सूचना का खंडन किया।
इसमें कहा गया है कि इंटरनेट मीडिया पर शिक्षा विभाग से संबंधित एक प्रेस नोट प्रसारित किया गया कि 10, 11 एवं 19 अप्रैल को अवकाश घोषित किया गया है। यह प्रेस नोट शिक्षा विभाग का नहीं है। यह प्रेस नोट पूर्णत: भ्रामक एवं फर्जी है।
अब 14 एवं 21 अप्रैल को शिक्षकों को दिया जाएगा प्रशिक्षणअब प्रशिक्षण क्रमश: 14 एवं 21 अप्रैल को दिया जाएगा। इसके अतिरिक्त अनुपस्थति की हालत में शिक्षकों के विरूद्ध कार्रवाई होगी।
यह भी पढ़ें
BJP Star Campaigner: पुराने और प्रभावी चेहरे हो गए ओझल, स्टार प्रचारकों की लिस्ट से हटे कई नाम; क्या है BJP की रणनीति?
राज्य ब्यूरो, पटना। Bihar Political News बिहार में भाजपा (BJP) व राजग (NDA) प्रत्याशियों के पक्ष में चुनाव प्रचार के लिए इससे पहले दूसरे राज्यों के मुख्यमंत्री व पूर्व मुख्यमंत्री भी पहुंचा करते थे। पिछले चुनाव तक रघुवर दास, उमा भारती, शिवराज सिंह चौहान, रमन सिंह आदि स्टार प्रचारक रहे हैं, जो इस बार के स्टार प्रचारकों की सूची में नहीं।
40 नेताओं की इस सूची में कई कम प्रभाव वाले नाम भी हैं, लेकिन पुराने व प्रभावी चेहरे ओझल हो गए हैं। महत्वपूर्ण यह कि भाजपा में कभी ये चेहरे समुदाय विशेष के मतदाताओं के बीच एकमुश्त वोट की गारंटी वाले नेता के रूप में हुआ करते थे।
इसलिए रघुवर दास का नाम नहीं किया गया शामिलझारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास की पहचान वैश्य समाज के बीच थी। रघुवर वर्तमान में ओडिशा के राज्यपाल हैं। इस कारण स्टार प्रचार की सूची से बाहर हो गए। भाजपा के राष्ट्रीय मंत्री होने के साथ ऋतुराज युवा चेहरा हैं। कायस्थ समाज के बीच प्रभावी होने के बावजूद उन्हें स्टार प्रचारकों की सूची में जगह नहीं मिली।
इसी तरह भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष के साथ राजपूत (क्षत्रीय) समाज से गोपाल नारायण सिंह भी उपेक्षित रह गए। वैश्य वर्ग को लुभाने वाले पूर्व उप मुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद का नाम भी इस सूची में नहीं। सीमांचल में वे पार्टी के बड़ा चेहरा हैं। गोपाल का नाम बिहार भाजपा में संगठन गढ़ने वाले नेताओं में सम्मिलित रहा है।
वाकपटु चेहरे हुए बाहरविधानसभा अध्यक्ष पद पर होने के कारण नंदकिशोर यादव को चुनाव प्रचार से मुक्त रखा गया है। वे वाकपटु हैं और तथ्यों के साथ शालीनता से संवाद करते हैं।
उनकी जगह नित्यानंद राय, नवल किशोर यादव के अलावा मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव पर भरोसा दिखाकर भाजपा ने यादव मतदाताओं को रिझाने की पहल की है। अब चुनाव परिणाम बताएगा कि यह पहल कितना कारगर व प्रभावी रही।
यह भी पढ़ें-
RJD Candidates List: राजद ने 22 सीटों पर उतारे प्रत्याशी, लालू ने अपनी दो बेटियों को दिया टिकट