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Bihar: खुशखबरी! CM नीतीश कुमार ने 3 लाख परिवारों के बैंक अकाउंट में भेजे 1200 करोड़ रुपये
राज्य ब्यूरो, पटना। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) ने प्रधानमंत्री आवास योजना (PM Awas Yojana) के तीन लाख लाभार्थी परिवारों को डीबीटी के माध्यम से 1200 करोड़ रुपये का ट्रांसफर किए। एक अणे मार्ग स्थित संकल्प में आयोजित एक समारोह में मुख्यमंत्री ने इस राशि का भुगतान किया।
नीतीश के क्लिक करते ही यह राशि लाभार्थियों के खाते में चली गई। इससे पहले पिछले साल सात अक्टूबर को मुख्यमंत्री एक लाख पांच हजार लाभार्थियों को आवास के लिए पहली किस्त के रूप में 420 करोड़ का भुगतान किया था। अपने संबोधन में मुख्यमंत्री ने लाभार्थियों को बधाई दी।
उन्होंने कार्यक्रम आयोजन के लिए ग्रामीण विकास विभाग को भी बधाई दी। अधिकारियों से कहा कि वे केन्द्र सरकार और राज्य सरकार की योजनाओं को ठीक ढंग से क्रियान्वित करें, ताकि लोगों को जल्द से जल्द इन योजनाओं का लाभ मिले। लाभुकों को किसी प्रकार की असुविधा नहीं हो, इसका विशेष ध्यान रखें।
कब मिलेगी दूसरी और तीसरी किस्त?अगले सौ दिनों में इन लाभार्थियों को दूसरी एवं तीसरी किस्त के रूप में और 80 हजार रुपये दिए जाएंगे। इसके अलावा, मनरेगा के माध्यम से 90 दिनों के अकुशल मजदूरी के रूप में 22,050 और लोहिया स्वच्छ बिहार अभियान से शौचालय निर्माण के लिए 12 हजार रुपये की सहायता दी जाएगी।
इस तरह प्रत्येक लाभार्थी को एक लाख 54 हजार 50 रुपये का भुगतान किया जाएगा। प्रति लाभुक 1,54,050 (एक लाख चौवन हजार पचास) रूपये दिये जायेंगे। तीन लाख लाभार्थियों को अगले सौ दिनों में 4621.50 करोड़ रुपये का भुगतान किया जाएगा।
प्रत्येक लाभार्थी को राज्य खजाने से 48 हजारग्रामीण विकास विभाग के सचिव लोकेश कुमार सिंह ने प्रस्तुतीकरण के माध्यम से बताया कि प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण के तहत सर्वप्रथम सितम्बर, 2024 में 2,43,903 लक्ष्य प्राप्त हुआ था। ग्रामीण विकास मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा 27 जनवरी 2025 से 5,46,745 अतिरिक्त लक्ष्य प्राप्त है।
इस प्रकार प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण अंतर्गत वित्तीय वर्ष 2024-25 में राज्य को कुल 7,90,648 लक्ष्य प्राप्त हुये हैं। प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण के लाभुकों को कुल 1.20 लाख रुपये की सहायता राशि तीन किश्तों में आवास निर्माण की प्रगति के साथ दी जाती है।
योजना में 60 प्रतिशत राशि केन्द्र एवं 40 प्रतिशत राज्य सरकार देती है। इस योजना के लिए राज्य सरकार अपने अंश के रूप में प्रत्येक लाभार्थी को 48 हजार रुपये दे रही है।
ये सब उपस्थित थेउप मुख्यमंत्री सम्राट चौधरी, विजय कुमार सिन्हा, ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार, मुख्य सचिव अमृतलाल मीणा, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव डा. एस० सिद्धार्थ, मुख्यमंत्री के सचिव अनुपम कुमार, मुख्यमंत्री के सचिव कुमार रवि, विशेष कार्य पदाधिकारी गोपाल सिंह, जीविका के सीइओ हिमांशु शर्मा एवं मनरेगा आयुक्त अभिलाषा शर्मा।
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Bihar Politics: नवंबर बाद फिर होगा 'खेला'? PK ने बता दिया CM नीतीश का अगला प्लान, नए दावे से सियासी हलचल तेज
बेतिया, पीटीआई। बिहार में इस साल के अंत तक विधानसभा चुनाव होने हैं। जनसुराज पार्टी के सूत्रधार प्रशांत किशोर भी चुनाव को लेकर एक्टिव हैं। उन्होंने बुधवार को बेतिया जिले में लोगों को संबोधित किया। इस दौरान, उन्होंने एक बड़ी भविष्यवाणी भी कर दी।
प्रशांत किशोर ने दावा किया कि सीएम नीतीश कुमार बिहार में आगामी विधानसभा चुनाव भाजपा के साथ गठबंधन में लड़ेंगे, लेकिन बाद में पाला बदल सकते हैं।
मैं गलत साबित हुआ तो राजनीतिक अभियान छोड़ दूंगाउन्होंने कहा कि नवंबर में विधानसभा चुनाव खत्म होने के बाद नीतीश कुमार की जगह कोई भी मुख्यमंत्री बन सकता है।
आप मुझसे यह बात लिखित में ले सकते हैं। अगर मैं गलत साबित हुआ तो मैं अपना राजनीतिक अभियान छोड़ दूंगा।'
प्रशांत किशोर ने कहा कि नीतीश कुमार हमेशा यही करते हैं, भाजपा के साथ मिलकर चुनाव लड़ते हैं और बाद में पाला बादल लेते हैं। केवल 2015 में उन्होंने ऐसा नहीं किया था, तब मैंने उनका अभियान संभाला था।
नीतीश कुमार की कम हुई लोकप्रियता- वहीं, किशोर ने यह भी दावा किया कि भाजपा नीतीश कुमार को एनडीए का मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित करने से बच रही है, क्योंकि उनकी लोकप्रियता अब कम हो गया है।
- प्रशांत किशोर ने आगे कहा कि मैं पीएम मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को चुनौती देता हूं कि वे घोषणा करें कि चुनाव के बाद (अगर एनडीए सत्ता में आती है) नीतीश कुमार पूरे पांच साल के कार्यकाल के लिए मुख्यमंत्री होंगे। अगर वे ऐसा करते हैं, तो भाजपा को अपनी सीट बचाने में दिक्कत हो जाएगी।
- पीके ने यह भी दावा किया कि नीतीश कुमार को भाजपा एक और कार्यकाल के लिए समर्थन नहीं देने जा रही है, वे पाला बदलने की कोशिश कर सकते हैं।
- वहीं, जदयू की जीती गई सीटों की संख्या इतनी निराशाजनक होगी कि उन्हें शीर्ष पद नहीं मिलेगा, चाहे वे किसी भी गठबंधन में शामिल हों।
इतना ही नहीं प्रशांत किशोर ने यह तक कह दिया कि मुख्यमंत्री शारीरिक रूप से थक गए हैं और मानसिक रूप से भी रिटायर हैं। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि ऐसी मनःस्थिति के साथ वे बिहार पर शासन कर रहे हैं।
उन्होंने यह भी कहा कि कुमार ने पिछले साल नई केंद्र सरकार के शपथ ग्रहण के समय कई अन्य मुख्यमंत्रियों की मौजूदगी में मोदी के पैर छूकर बिहार को बदनाम किया था।
किशोर ने पूछा कि अगर उन्हें प्रधानमंत्री के प्रति इतनी ही श्रद्धा है, तो वे निजी तौर पर उनके पैर छू सकते थे। लेकिन वे कुर्सी पर बने रहने के लिए चाटुकारिता का सहारा ले रहे हैं।
वे भाजपा के साथ अपने प्रभाव का इस्तेमाल क्यों नहीं करते, जो अब केंद्र में सत्ता में बने रहने के लिए जदयू के समर्थन पर निर्भर है, ताकि बिहार में मरणासन्न चीनी उद्योग को पुनर्जीवित किया जा सके?
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Bihar: 'मैंने नीतीश कुमार को 2 बार CM बनाया', तेजस्वी यादव का बड़ा बयान; सियासी पारा हाई
जागरण संवाददाता, पटना। बिहार में इस साल के अंत में विधानसभा चुनाव (Bihar Election 2025) होने हैं। चुनाव में अभी समय है, लेकिन सियासी माहौल गर्म है। पटना के सियासी गलियारों में सियासी उठा-पटक का दौर जारी है। इसी क्रम में तेजस्वी के बयान ने सियासत तेज कर दी है।
उन्होंने बुधवार को पटना में कहा, "लालू यादव को तो छोड़िए, दो बार मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को मैंने बनाया है"। बता दें कि 4 मार्च मंगलवार को सीएम नीतीश कुमार ने विधानसभा में कहा था कि लालू यादव को मुख्यमंत्री उन्होंने बनवाया था।
'हमने दोनों डिप्टी CM की क्लास लगाई'तेजस्वी ने मिलर स्कूल में 'युवा चौपाल' को भी संबोधित किया। नेता प्रतिपक्ष ने कहा, "बिहार को टायर्ड और रिटायर्ड मुख्यमंत्री नहीं चाहिए। यह सरकार थोड़ी दिन और रहेगी, तो पूरे बिहार बीमार कर देगी। कल हम दोनों डिप्टी CM का क्लास लगाए हैं।
तेजस्वी यादव ने आगे कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार मुखौटा हैं, रिमोट से बिहार में सरकार चलाई जा रही है। बिहार युवाओं का राज्य है। 15 वर्षो में गाड़ी तो 60 वर्षो में नौकरी से रिटायरमेंट मिल जाता है। बिहार में 75 वर्ष के मुख्यमंत्री, रिटायर्ड अधिकारी सरकार चला रहे हैं। बिहार को नए ब्रांड के युवा मुख्यमंत्री चाहिए। अन्यथा बिहार बर्बाद हो जाएगा।
'एनडीए सरकार को उखाड़ फेंकें'उन्होंने कहा कि युवा एकजुट होकर एनडीए सरकार को उखड़ फेंकें। विधानसभा चुनाव के बाद राजद की सरकार बनने जा रही है। सरकार बनने के एक माह के अंदर युवा आयोग का गठन करेंगे। छात्रों को नौकरी के लिए फॉर्म भरने का शुल्क माफ करेंगे तथा आने-जाने का खर्च सरकार देगी। छात्रों पर लाठी चार्ज नहीं चलना बंद करा देंगे।
युवा चौपाल की अध्यक्षता युवा राजद के प्रदेश अध्यक्ष राजेश यादव ने की। तेजस्वी ने कहा कि 18 से 25 वर्ष के युवाओं की संख्या 58 प्रतिशत है। युवा वाले राज्य में 75 वर्ष का रिटायर्ड मुख्यमंत्री नहीं चाहिए। बिहार के युवाओं ने ठान लिया है कि नया बिहार बनाने के लिए युवा मुख्यमंत्री बनाएंगे। मुख्यमंत्री सहित पूरा सरकार बीमार है। यह सरकार रह गई तो पूरा बिहार बीमार पड़ जाएगा।
'मुख्यमंत्री की स्थिति ऐसी हो गई कि...'उन्होंने कहा, मुख्यमंत्री की स्थिति ऐसी हो गई कि अपने मंत्रियों के नाम, विभागों के सचिवों के नाम तक याद नहीं रहता है। उप मुख्यमंत्री का नाम लिखकर देना पड़ता है। 400 प्रखंडों में डिग्री महाविद्यालय नहीं है। गांव में रहने वाले 83 प्रतिशत बेरोजगार हैं। यह सरकार युवा विरोधी है। रोजगार, नौकरी देने में विफल है। युवा बिहार का भविष्य हैं। माई-बहिन योजना के तहत सभी महिलाओं को प्रति माह 2500, वृद्धा, विधवा, विकलांग पेंशन 400 से बढ़कार 1500 करेंगे। 200 यूनिट मुफ्त में बिजली देंगे।
इस अवसर पर पूर्व मंत्री तेज प्रताप यादव ने कहा कि जोश और आवेश के बदले संतुलित होकर युवा कार्य करें। युवा एकजुट रहेंगे तो तेजस्वी युवाओं की लड़ाई लड़ेंगे। तेजस्वी युवाओं को रोजगार दिया है। नीतीश सरकार को उखड़ फेकें।
पूर्व विधानसभाध्यक्ष उदय नारायण चाैधरी ने युवाओं से नारा लगवाया, अगला मुख्यमंत्री कैसा हो, तेजस्वी यादव जैसा हो। पूर्व मंत्री आलोक मेहता ने कहा कि बिहार के युवा अंगड़ाई ले लिए हैं, तेजस्वी यादव के नेतृत्व में सरकार बनाकर रहेंगे। संसदीय देल के नेता अभय कुशवाहा ने कहा कि युवा चौपाल का उदेश्य सत्ता में बदलाव लाना है।
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Bihar: तेजस्वी को कांग्रेस ने दिया झटका, MLA अजीत शर्मा बोले- चुनाव के बाद तय करेंगे CM कौन बनेगा
राज्य ब्यूरो, पटना। अगली सरकार के नेतृत्व के प्रश्न पर महागठबंधन (Bihar Mahagathbandhan) के दलों के बीच लड़ाई शुरू हो गई है। अबतक यही माना जा रहा था कि महागठबंधन में विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) के नेतृत्व के मुद्दे पर आम सहमति बनी हुई है।
वहीं, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं विधायक अजित शर्मा ने बुधवार को यह कह कर नया विवाद शुरू कर दिया है कि चुनाव परिणाम के बाद विधायक तय करेंगे कि महागठबंधन की सरकार में मुख्यमंत्री कौन बनेगा।
महागठबंधन में नेतृत्व पर विवाद इसलिए महत्वपूर्ण है कि सत्तारूढ़ एनडीए के घटक दलों ने साफ कर दिया है कि वे अगला चुनाव मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में लड़ेंगे। नीतीश ही अगली सरकार का नेतृत्व करेंगे।
तेजस्वी के भाषण से खट्टा हुआ कांग्रेस विधायकों का मनअसल में मंगलवार को विधानसभा में दिए गए तेजस्वी के भाषण से कांग्रेस के कुछ विधायकों का मन खट्टा हो गया। तेजस्वी ने 1990 के पहले की सरकारों को भी राज्य के पिछड़ेपन के लिए जवाबदेह ठहराया। इस कालखंड के बड़े हिस्से में कांग्रेस सरकार में रही है। उन्होंने कांग्रेस के लंबे शासन काल की विफलताओं की भी चर्चा की।
'तेजस्वी ने कांग्रेस पर तमाचा जड़ा'उनके भाषण के दौरान संसदीय कार्य मंत्री विजय कुमार चौधरी ने कांग्रेसियों को याद दिलाया कि सहयोगी ही आपकी आलोचना कर रहे हैं। अजित शर्मा की बुधवार की टिप्पणी पर भी भाजपा के नेता और पथ निर्माण मंत्री नीतीन नवीन ने तेजस्वी के भाषण की चर्चा की। उन्होंने कहा कि तेजस्वी ने कांग्रेस पर तमाचा जड़ दिया था।
वैसे, अजित शर्मा कांग्रेस के नीति निर्णायकों की टीम के अंग नहीं हैं, इसलिए उनकी टिप्पणी को कांग्रेस का आधिकारिक रूख नहीं कहा जा सकता है। फिर भी यह इसलिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि कांग्रेस में पहली बार किसी ने तेजस्वी के नेतृत्व को चुनौती दी है।
शर्मा ने यह भी कहा कि 243 सदस्यीय बिहार विधानसभा में कांग्रेस कम से कम 70 सीटों पर लड़ेगी। वैसे, सीटों का निर्णय राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और प्रदेश अध्यक्ष डॉ. अखिलेश प्रसाद सिंह करेंगे।
पहले हो चुकी है घोषणाराजद के प्रवक्ता चितरंजन गगन ने कहा कि महागठबंधन में तेजस्वी के नेतृत्व पर कोई विवाद नहीं है। यह 2020 के विधानसभा चुनाव के समय ही सभी घटक दलों की सहमति से तय हो गया था कि महागठबंधन की सरकार तेजस्वी यादव के ही नेतृत्व में बनेगी।
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Honey Singh: मुश्किल में फंस सकते हैं हनी सिंह, Maniac Song के खिलाफ पटना HC में याचिका दायर
विधि संवाददाता, पटना। हनी सिंह के भोजपुरी गीत 'मैनियैक' (Honey Singh Maniac Song) के बोलों में अश्लीलता, महिलाओं की वस्तुकरण और महिमामंडित करने का आरोप लगाते हुए पटना हाई कोर्ट (Patna High Court) में लोकहित याचिका दायर की गई है। इस लोकहित याचिका को अभिनेत्री नीतू चंद्रा ने दायर किया है।
याचिकाकर्ता ने न्यायालय से उचित निर्देश जारी करने की मांग की है, ताकि इस गाने के शब्दों को संशोधित किया जाए और ऐसे गीतों की सामग्री को विनियमित किया जाए।
याचिकाकर्ता ने हाई कोर्ट से संबंधित अधिकारियों को निर्देश देने की मांग है कि 'मैनियैक' गीत के अश्लील और अपमानजनक बोलों में संशोधन किया जाए।
याचिकाकर्ता ने क्या कहा?याचिकाकर्ता के अनुसार, यह गीत पुरुषों द्वारा महिलाओं पर जबरदस्ती थोपने की मानसिकता को बढ़ावा देता है और महिलाओं को सिर्फ एक भोग की वस्तु के रूप में दर्शाता है।
इसके अलावा, भोजपुरी भाषा की अश्लीलता को सामान्य बनाने के लिए इसका गलत उपयोग किया गया है, जो महिला सशक्तीकरण की अवधारणा को ठेस पहुंचाता है।
याचिका में भोजपुरी गीतों में प्रयोग किए जाने वाले शब्दों और इशारों को नियंत्रित करने के लिए निर्देश जारी करने की मांग की गई है, जो समाज के युवा वर्ग और अन्य तबकों के नैतिक पतन का कारण बनते हैं।
हनी सिंह को बनाया प्रतिवादीयाचिकाकर्ता ने इस गीत के गायक योयो हनी सिंह, लियो ग्रेवाल, रागिनी विश्वकर्मा सहित टी सीरीज, गूगल व यू-ट्यूब को प्रतिवादी बनाया है। इस मामले की सुनवाई सात मार्च को होने संभावना है।
फूहड़ भोजपुरी-हिंदी गीतों पर प्रतिबंध लगाए सरकार: नीतू चंद्राराष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त अभिनेत्री नीतू चंद्रा श्रीवास्तव ने बिहार सरकार से मांग की है कि अश्लील भोजपुरी एवं हिंदी गीतों पर प्रतिबंध लगाए। उन्होंने कहा कि कॉलेज जाने वाली लड़कियों और महिलाओं को ऐसे गीतों की वजह से नजरें झुकाकर सड़क पर चलना पड़ता है। ऐसे गाना गाने वालों पर मुकदमा दर्ज होना चाहिए, इसलिए बुधवार को पटना हाईकोर्ट में एक पीआईएल दाखिल की गई है, जिसकी अगुआई निवेदिता निर्विकर कर रही हैं।
नीतू ने कहा कि इन्हीं गानों के चलते महिलाएं घर में टीवी देखना पसंद नहीं करतीं। उन्होंने कहा कि ये गाने महिलाओं में असुरक्षा की भावना पैदा करते हैं। इन गीतों का छोटे-छोटे बच्चों पर प्रतिकूल असर पड़ सकता है।
ये गाने समाज को गलत दिशा में ले जा सकते हैं और महिलाओं के प्रति सम्मान को कम करते हैं। मैं चाहती हूं कि बिहार में इन गानों के निर्माण और बजाने पर पूर्णरूप से प्रतिबंध लगाया जाना चाहिए।
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