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'अपने मंत्रियों से बोलते थे...', क्या सच में नीतीश ने PM मोदी के लिए कही ये बात? तेजस्वी ने खोल दिए राज!
डिजिटल डेस्क, पटना। बिहार में लोकसभा चुनाव के मद्देनजर सियासी दलों के बीच रस्साकशी का दौर जारी है। नेता एक-दूसरे पर वार-पलटवार की राजनीति कर रहे हैं। बिहार के मुख्यमंत्री भी खुलकर तेजस्वी पर निशाना साध रहे हैं। वहीं, तेजस्वी ने भी अब सियासी बाण छोड़ दिए हैं।
दरअसल, एनडीए की रैली में सोमवार को नीतीश कुमार पीएम मोदी के पैर छू लिए, जिसपर खूब सिसायी बवाल हुआ। तेजस्वी यादव ने भी इस पर अपनी प्रतिक्रिया दी।
उन्होंने कहा कि नीतीश जी की परिस्थिति सब लोग देख रहे हैं। सबको दिख रहा है कि क्या हालात हो गए हैं। पैर छूना पड़ रहा है। हमें तो वो तस्वीर बिल्कुल पसंद नहीं आई।
'नीतीश जी कहते थे कि...'तेजस्वी यादव ने आगे कहा कि पहले नीतीश जी कहते थे कि मीडिया पर कब्जा हो गया है। हम जब साथ थे तो कहते थे कि आगे यही देखेगा, अच्छा काम कर रहा है। नौजवान है नए पीढ़ी के लोग हैं नौकरियां मिल रही हैं और नौकरियां दे रहे हैं।
'अपने मंत्रियों को बोलते थे...'तेजस्वी यादव ने कहा, "अरे नीतीश जी के प्रति हम लोगों का सम्मान है। दो महीने पहले ये मोदी जी और अमित शाह के बारे में क्या कहते थे.... बोलते थे कि ई लोग कोई काम करता है... सब तो हम कर दिए हैं। मोदी जी के बारे में बोलते थे ना नीतीश जी... अपने मंत्रियों को बोलते थे कि देखो बिहार को पैसा नहीं दे रहा है... आज क्या हो गया है..."।
नीतीश कुमार के मंत्री विजय चौधरी ने तेजस्वी यादव पर निशाना साधते हुए कहा कि वो सिर्फ पैर छूने की बात करते हैं और मुद्दों पर बात नहीं करते। इस पर तेजस्वी ने प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा, "ये लोग मेरा भाषण इग्नोर करते हैं। हम तो मुद्दों पर बात करते हैं। हमेशा से हम बोलते आ रहे हैं कि मोदी की बात नहीं मुद्दे की बात होनी चाहिए"।
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डिजिटल डेस्क, पटना। Misa Bharti On Nitish Kumar बिहार में लोकसभा चुनाव के मद्देनजर सियासी पारा हाई है। नीतीश कुमार ने पीएम मोदी के पैर छुए इस पर भी बवाल खड़ा हो चुका है। विपक्षी दल नीतीश पर हमलावर हैं। वहीं, अब लालू की बेटी मीसा भारती ने इस पर कमेंट किया है।
मीसा भारती ने सोमवार को मीडिया से बात करते हुए कहा कि पैर छूने में कोई दिक्कत नहीं है, ये तो हमारे संस्कार हैं। हालांकि, उन्होंने कहा कि देखना ये होगा कि कौन बड़ा कौन छोटा है। क्या प्रधानमंत्री मोदी नीतीश कुमार से बड़े हैं, ये सवाल अहम है।
'मुझे उम्र की जानकारी नहीं'मीसा भारती ने कहा कि उम्र की मुझे जानकारी नहीं है। मैं इसकी जानकारी लेकर कमेंट जरूर करूंगी। पीएम मोदी ने अपनी रैली में अयोध्या के राम मंदिर का जिक्र किया। इस पर भी मीसा भारती ने प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि क्या राम मंदिर बीजेपी और पीएम मोदी का है?
लालू यादव की बेटी ने कहा कि अभी हम लोग व्यस्त हैं और इस वजह से राम मंदिर नहीं जा पाए हैं। हम लोग चुनाव के बाद अयोध्या जाएंगे। हमें कोई रोक सकता है क्या?
'चुनाव कठिन तो होता है'चुनाव को लेकर मीसा भारती ने कहा, "देखिए कोई भी चुनाव कठिन तो होता है, लेकिन हम लोगों ने काम करके दिखाया है। हमारे पास मुद्दे हैं... हम बिहार के लिए लड़ते आए हैं। हमने रोजगार दिया है। मोदी जी को 10 साल हो गए, लेकिन कोई काम नहीं किया। मोदी जी बिहार आकर सिर्फ परिवारवाद और जंगलराज पर भाषण देते हैं, लेकिन काम को लेकर नहीं बोलते"।
मीसा भारती ने आगे कहा, "ये संवेदनहीन सरकार है। जनता को इनसे कोई उम्मीद नहीं है। हम मुद्दे लेकर जनता के बीच जा रहे हैं। हम किसानों की आय दोगुना करना चाहते हैं... एमएसपी लागू करना चाहते हैं... 30 लाख रोजगार देंगे"।
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डिजिटल डेस्क, पटना। Ashwini Choubey BJP बीजेपी ने बक्सर लोकसभा सीट से इस बार अश्विनी चौबे को टिकट नहीं दिया। सियासी गलियारों में चर्चा थी कि अश्विनी चौबे टिकट ना मिलने से नाराज हैं। वहीं, अब उन्होंने खुद मीडिया में आकर अपना पक्ष रखा है। अश्विनी चौबे ने कहा कि पार्टी ने बबुत सम्मान दिया है, अब मैं पार्टी को सम्मान दूंगा।
बीजेपी (BJP) के कद्दावर नेताओं में शामिल अश्विनी चौबे ने मीडिया से मुखातिब होते हुए कहा कि पार्टी ने मुझे सबकुछ दिया और मैंने जन्म से ही संघर्ष किया है। हम लोग सच्चाई के साथ जीवन जीते हैं।
'हम तो टिकट बांटने वालों में थे...'इस दौरान उन्होंने यह भी कहा कि मैंने कभी किसी के सामने हाथ नहीं फैलाए हैं। जहां तक टिकट की बात करते हैं, हम तो टिकट बांटने वालों में से थे। आज टिकट नहीं कटा है बल्कि पार्टी ने मुझे सम्मान दिया है। अश्विनी चौबे ने यह भी कहा, "मैं बक्सर का हूं, बक्सर ही रहूंगा"।
क्या नाराज हैं अश्विनी चौबे?अश्विनी चौबे ने आगे कहा कि मैं पार्टी से बिल्कुल भी नाराज नहीं हूं। मुझे पार्टी ने अबतक बहुत सम्मान दिया है और अब मेरी बारी है पार्टी को सम्मान देने की। मैं पार्टी से नाराज नहीं हूं, बल्कि नाराज तो वो होकर जाएंगे तो बक्सर से नहीं हैं। मैं यही रहूंगा।
'मेरा कसूर सिर्फ यही है...'बक्सर सीट को लेकर अश्विनी चौबे ने कहा कि मुझे नहीं मालूम यहां क्या होने वाला है, लेकिन मैं अगले 5 साल तक सक्रिय राजनीति से जुड़ा रहूंगा। पीएम मोदी (PM Modi) भी मुझपर भरोसा करते हैं। मेरा कसूर सिर्फ यही है कि मैं फकीर हूं और आज तक अपने और अपने परिवार के लिए किसी से कुछ मांगा नहीं है।
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राज्य ब्यूरो, पटना। Bihar Political News Today मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) ने सोमवार को राजद (RJD) नेता व पूर्व उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) द्वारा युवाओं को नौकरी उपलब्ध कराए जाने के दावे पर प्रहार करते हुए कहा कि नौकरी को लेकर हमने काम किया और झूठ-मूठ बोलकर प्रचार दूसरे कर रहे।
उन्होंने कहा कि सब लोगों को मालूम है कि यहां किसने किया है काम। जदयू (JDU) प्रदेश कार्यालय में कुछ देर रहने के बाद लौटने के क्रम में पत्रकारों से बातचीत के क्रम में उन्होंने यह बात कही। मुख्यमंत्री ने नौकरियों का जिक्र करते हुए कहा कि इससे जुड़े सभी काम को हमलोगों ने पहले से किया हुआ था।
प्रचार-प्रसार में मेरी दिलचस्पी नहीं- नीतीश कुमारतेजस्वी का नाम लिए बगैर उन्होंने कहा कि कुछ दिनों के लिए उनको अपने यहां लाए। सब काम तो मेरा किया हुआ है। दावा के बारे में उन्होंने कहा कि जो मन में आए वह करता रहे। बिना काम किए प्रचार करता रहता है। हम तो काम करते रहते हैं। प्रचार-प्रसार में मेरी दिलचस्पी नहीं। उन लोगों से आने से पहले सबकुछ तय था।
मु्ख्यमंत्री ने लालू-राबड़ी (Lalu Yadav Rabri Devi)के 15 वर्षों के शासन काल का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि माता-पिता के 15 वर्षों के राज में कोई काम हुआ क्या? डर के मारे लोग शाम में घर से नहीं निकलते थे। कहीं सड़क थी क्या? हिंदू-मुस्लिम झंझट पहले कितना होता था। हम आए तो इसको शांत किया।
कितना काम हुआ है सभी को मालूम- नीतीश कुमारनीतीश कुमार ने कहा कि कितना काम हुआ है सभी को मालूम है। मुख्यमंत्री से यह सवाल किया गया कि लालू प्रसाद की दो बेटियां डॉ. मीसा भारती (Misa Bharti) और रोहिणी आचार्य (Rohini Acharya) भी चुनाव मैदान में हैं? इस पर नीतीश ने कहा कि इन सब का कोई मतलब है क्या?
मुख्यमंत्री से जब चुनाव की तैयारियों के संबंध में प्रश्न किया गया तो उन्होंने कहा कि पूरी तैयारी है। हम हर जगह जाएंगे। सभी जगह हमलोग जीत रहे हैं। हमने समाज के सभी वर्ग के लोगों के उत्थान के लिए काम किया है।
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Bihar Teacher News: फिर चला केके पाठक का डंडा! सैकड़ों शिक्षा सेवकों पर कार्रवाई, वजह जान चौंक जाएंगे आप
राज्य ब्यूरो, पटना। Bihar Teacher News शिक्षा विभाग ने बिना सूचना अनुपस्थित पाए गए 1830 शिक्षा सेवकों पर कार्रवाई करने का आदेश जिलों को दिया है। साथ ही शिक्षा विभाग ने सात शिक्षा सेवकों को बर्खास्त कर दिया है। आरोप है कि बर्खास्त किए गए शिक्षा सेवक बिना सूचना महीनों से ड्यूटी पर नहीं आ रहे थे।
1062 शिक्षा सेवकों के वेतन में कटौती संबंधी कार्रवाई की गई है। जबकि 768 और शिक्षा सेवकों के वेतन में कटौती करने का निर्देश जारी किया गया है।
इन दो जिलों के 7 शिक्षक बर्खास्तशिक्षा विभाग से मिली जानकारी के अनुसार, मॉनिटरिंग सेल की रिपोर्ट के आधार पर रोहतास में एक शिक्षा सेवक और पश्चिम चंपारण में छह बर्खास्त किए गए हैं।
जिन शिक्षा सेवकों के वेतन में कटौती की गयी है, उनमें भागलपुर के 2, बक्सर के 11, पूर्वी चंपारण के 46, किशनगंज के 33, कैमूर के 44, नालंदा के 3, नवादा में 69, रोहतास के 34 एवं पश्चिमी चंपारण के 830 शिक्षा सेवक शामिल हैं।
कौन होते हैं शिक्षा सेवक?यहां बता दें कि शिक्षा सेवक राज्य में दलित, महादलित एवं अतिपिछड़ा अल्पसंख्यक समुदाय के छह से 14 आयु वर्ग के शत प्रतिशत बच्चों का सरकारी स्कूलों में नामांकन कराने और उन्हें स्कूल जाने के लिए प्रेरित करने का काम करते हैं।
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KVS Admission 2024: केंद्रीय विद्यालय में एडमिशन लेना हुआ मुश्किल! इस साल कम हुई सीटों की संख्या
जागरण संवाददाता, पटना। KVS Admission 2024 केंद्रीय विद्यालय संगठन की ओर से विभिन्न संभाग के स्कूलों में बाल वाटिका और कक्षा वन में नामांकन के लिये रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। नये सत्र 2024-25 में बाल वाटिका और कक्षा वन में 40 के बजाये 32 सीटों पर नामांकन लिया जाएगा।
बेली रोड स्थित केंद्रीय विद्यालय के प्राचार्य पीके सिंह ने बताया कि केंद्रीय विद्यालय संगठन की ओर से यह निर्णय लिया गया है। नए सत्र में कक्षा वन में सत्र 2024-25 में 32 सीटों पर ही नामांकन लिया जाएगा।
एक क्लास में 32 बच्चों के आधार पर ही लिया जाएगा नामांकनउन्होंने बताया कि पहले से जिस क्लास में जितने विद्यार्थी पढ़ाई कर रहे उनकी संख्या कम नहीं की जाएगी। नये सत्र में नामांकन एक क्लास में 32 बच्चों के आधार पर ही लिया जाएगा। बेली रोड स्थित केंद्रीय विद्यालय में फिलहाल बाल बाटिका-3 के लिये नामांकन फॉर्म किया गया है।
कक्षा वन में नामांकन के लिए सीटों की संख्या खाली रहने पर नामाकंन की जानकारी साझा की जाएगी। बाल वाटिका में 15 अप्रैल शाम पांच बजे तक आवेदन किया जा सकता है।
सीटों की संख्या कम होने की वजह से अभिभावकों को एडमिशन कराने में परेशानियों का सामना करना पड़ेगा। अभिभावक केंद्रीय विद्यालय की ऑफिशियल वेबसाइट पर नामांकन से संबंधित गाइडलाइंस व अन्य जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
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जागरण संवाददाता, पटना। Patna to Maihar Train वासंतिक नवरात्र के दौरान बिहार से मैहर जाने वाले यात्रियों के लिए अच्छी खबर है कि भारतीय रेलवे ने बिहार के विभिन्न शहरों से संचालित होने वाली ट्रेनों को मैहर में पांच मिनट का ठहराव देने का निर्णय लिया है।
इससे प्रदेश से मैहर जाने वाले यात्रियों को काफी सुविधा होने की उम्मीद की जा रही है। ठहराव की सुविधा आठ अप्रैल से खुलने वाली ट्रेनों पर लागू हो जाएगी। लोकमान्य तिलक टर्मिनस से आठ अप्रैल से 22 अप्रैल तक खुलने वाली लोकमान्य तिलक टर्मिनस-रक्सौल एक्सप्रेस मैहर स्टेशन पर 10.50 बजे पहुंचेगी।
ट्रेन का ठहराव समय पांच मिनट दिया गयाइस ट्रेन का ठहराव समय पांच मिनट का दिया गया है। मुजफ्फरपुर से आठ अप्रैल से 22 अप्रैल तक चलने वाली मुजफ्फरपुर-वलसाड एक्सप्रेस का भी मैहर में ठहराव दिया गया है। यह ट्रेन 12 बजे मैहर पहुंचेगी।
पटना-बांद्रा टर्मिनस एक्सप्रेस का ठहराव कर दिया है। यह ट्रेन 10 से 17 अप्रैल तक खुलने वाली पटना-बांद्रा टर्मिनस एक्सप्रेस मैहर स्टेशन पर 8.25 बजे पहुंचेगी। यहां पर इस ट्रेन का पांच मिनट का ठहराव दिया गया है। यही ट्रेन आठ अप्रैल को बांद्रा से खुलेगी।
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Patna News: ऑटो में रखा था शव, पैसे के विवाद में युवक की गोली मारकर हत्या; आक्रोशित ग्रामीणों ने जमकर काटा बवाल
संवाद सूत्र, मनेर(पटना)। पटना जिले के मनेर थाना क्षेत्र के सराय पंचायत के सत्तर गांव में सोमवार सुबह एक युवक की गोली मारकर हत्या कर दी गई। युवक की पहचान सत्तर गांव के ही पिंटू कुमार साव के 19 वर्षीय पुत्र आनंद कुमार के रूप में की गई है।
हत्या का कारण पैसे के लेन देन का विवाद बताया जा रहा है। बताया जाता है कि युवक का शव उसके घर के पास ही एक ऑटो में रखा था। पुलिस ने ग्रामीणों व स्वजन की सूचना पर सोमवार सुबह इसे अपने कब्जे ले लिया। स्वजन का कहना है कि हत्या बकाया पैसे मांगने के विवाद में की गई है।
पुलिस ने इस मामले में एक व्यक्ति को हिरासत में भी ले लिया है। वहीं, हत्या की वारदात से उग्र होकर लोगों ने पुलिस को शव नहीं उठाने दिया। ग्रामीण वरीय अधिकारियों को बुलाने की मांग पर अड़े थे।
बदमाशों कि शीघ्र गिरफ्तारी और कड़ी सजा की मांगबिहटा डीएसपी पंकज कुमार मिश्रा के पहुंचने के बाद लोगों ने घटना में शामिल बदमाशों कि शीघ्र गिरफ्तारी और कड़ी सजा की मांग की।
डीएसपी के आश्वासन के बाद शव को पुलिस ने कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए अनुमंडल अस्पताल भेज दिया। जानकारी के अनुसार यवक आनंद के सीने में गोली मारी गई थी। स्वजन व ग्रामीणों ने पुलिस को सूचना दी, जिसके बाद पुलिस ने शव के पास से ही एक देसी कट्टा, एक मोबाइल व फोन बरामद किया।
बताया जाता है कि ऑटो एक स्कूल वाले की थी और चालक मृतक आनंद कुमार के घर के करीब का ही था। प्रतिदिन स्कूल में वाहन चलने के बाद ऑटो वहां खड़ी कर देता था। ग्रामीणों का कहना है कि अगर ऑटो में उसे गोली मारी जाती तो आवाज आती।
शव के पास से मोबाइल व देसी कट्टा बरामदकहीं दूसरी जगह उसकी हत्या कर कुछ और रूप देने के लिए उसके शव को ऑटो में रख दिया गया है। इधर, थानाध्यक्ष सुनील कुमार भगत ने कहा कि शव के पास से मोबाइल व देसी कट्टा बरामद किया गया है।
उक्त पिस्टल को ग्रामीणों द्वारा छूकर उसके फिंगरप्रिंट मिटाने की संभावना है। फिलहाल स्वजन आधा दर्जन लोगों को आरोपी बता रहे हैं।
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रूठते-मनाते 25 सालों से चल रहा RJD-कांग्रेस का साथ, कभी बनी तो कभी बिगड़ी बात; ऐसा रहा उतार-चढ़ाव भरा अब तक का सफर
सुनील राज, पटना। राजनीतिक दलों में दोस्ती के अपने ही मायने-मतलब होते हैं, लेकिन ज्यादातर मामलों में यह दोस्ती फायदे-नुकसान को तौल लेने के बाद ही होती है। कई बार चुनावी मजबूरियां भी दोस्ती के लिए मजबूर कर देती हैं। इससे फायदा तो जरूर होता है, लेकिन फायदा हर बार हो यह जरूरी नहीं।
25 सालों से चल रहा रूठने-मनाने का सिलसिलाबिहार में राष्ट्रीय जनता दल और राष्ट्रीय कांग्रेस की दोस्ती भी ऐसी ही दोस्ती है। दोनों दल अपने राजनीति में अपने नफे के लिए बीते 25 सालों से साथ चल रहे हैं। इन 25 वर्षो में इन दोनों दलों ने अब पांच लोकसभा चुनाव साथ मिलकर लड़े।
तीन बार विधानसभा चुनाव साथ लड़े, मगर चुनावों में विशेषकर लोकसभा चुनाव में बहुत फायदा नहीं मिला। हालांकि बीते 25 सालों में चार चुनाव में दोनों दल मामूली बात पर अलग भी हुए। लेकिन, इसके बाद भी आशा के अनुरूप सफलता नहीं प्राप्त कर पाए।
इस बार भी साथ-साथ चुनावी मैदान में दोनों दलइस बार दोनों दल एक बार फिर साथ-साथ चुनाव मैदान में हैं। काफी जद्दोजहद के बाद कांग्रेस राजद से नौ सीटें प्राप्त करने में सफल रही है। कांग्रेस के मुकाबले राजद 23 सीटों पर मैदान में है।
इन दो दलों की दोस्ती की कहानी भी कम दिलचस्प नहीं। 1989 भागलपुर दंगों के बाद कांग्रेस, राजद के मुस्लिम कार्ड में ऐसी फंसी की 1990 का चुनाव वह बुरी तरह हारी। बिहार की सत्ता में कांग्रेस का दौर यहां से समाप्त हुआ और लालू प्रसाद का दौर शुरू हो गया।
1998 में कांग्रेस ने राजद की तरफ बढ़ाया दोस्ती का हाथ1995 के विधानसभा चुनाव में भी कांग्रेस बुरी तरह पराजित रही। एकीकृत बिहार (तब झारखंड बिहार का हिस्सा था) की 324 सीटों पर कांग्रेस ने किस्मत आजमाई, परंतु जीत उसे 29 सीटों पर ही मिली। जबकि राजद ने 167 सीटें जीती। कांग्रेस ने भांप लिया था कि बिहार में उसका दौर समाप्त हो चुका है।
लिहाजा 1998 में उसने राजद की ओर दोस्ती का हाथ बढ़ाया और दोनों दलों ने पहली बार 1998 में मिलकर लोकसभा चुनाव लड़ा। लोकसभा की 54 सीटों पर हुए चुनाव में कांग्रेस ने आठ सीटों पर लड़कर चार पर जीत हासिल की। राजद 17 सीटें जीतने में सफल रहा।
अगले ही साल फिर लोकसभा चुनाव की नौबत आ गई और इस बार कांग्रेस ने दो और राजद ने सात लोकसभा सीटों पर जीत प्राप्त की। 2000 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने बीते दो चुनाव में हुए घाटे को देखते हुए अकेले चुनाव लड़ा।
विधानसभा के उन चुनावों में कांग्रेस के खाते में 23 जीत आई तो राजद के खाते में 124 जीत। परंतु बहुमत के आंकड़े से राजद दूर रहा। लिहाजा नीतीश कुमार सात दिनों के लिए मुख्यमंत्री बने। लेकिन, नीतीश कुमार को हटाने के लिए कांग्रेस राजद के साथ वापस आ गई और राबड़ी देवी बिहार की मुख्यमंत्री बन गई।
2009 में कांग्रेस ने अकेले लड़ा चुनावइसके बाद 2004 का लोकसभा चुनाव दोनों दल साथ लड़े। 2005 के विधानसभा में भी कांग्रेस-राजद साथ ही रहे। परंतु 2009 का चुनाव कांग्रेस ने फिर अकेले लड़ा। इस चुनाव राजद से बेहतर प्रदर्शन कांग्रेस का रहा। कांग्रेस ने लोकसभा की चार सीटें जीती तो राजद ने दो।
2010 विधानसभा चुनाव भी दोनों दल अलग लड़े। इस चुनाव में कांग्रेस चार और राजद 22 सीटों पर सिमट गया। 2014 में दोनों दल लोकसभा चुनाव में साथ उतरे। परंतु मोदी लहर में कांग्रेस दो और राजद चार सीटों पर ही जीत दर्ज कर पाया। 2015 के विधानसभा चुनाव में राजद-कांग्रेस मोदी लहर के खिलाफ मैदान में उतरे। इस बार राजद ने 80 कांग्रेस ने 27 सीटें जीती।
क्या आगे भी कायम रहेगी दोनों की दोस्ती?चार साल बाद 19 के लोकसभा चुनाव में राजद मोदी लहर में पूरी तरह साफ हो गया, लेकिन कांग्रेस ने एक सीट पर अवश्य जीत दर्ज की।
2020 के विधानसभा में भी दोनों दल साथ रहे, लेकिन राजद 75 सीट जीतकर जहां बिहार का सबसे बड़ा दल बना वहीं कांग्रेस ने सिर्फ 19 सीटों पर जीत दर्ज की।
अब लोकसभा चुनाव में दोनों दल फिर साथ-साथ किस्मत आजमाने उतर रहे हैं। चुनाव के परिणाम फैसला देंगे कि दोनों दलों की दोस्ती आगे भी कायम रहेगी या फिर ये अलग-अलग चलेंगे।
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डिजिटल डेस्क, पटना। Bihar Political News Today पूर्णिया सीट पर अब सस्पेंस बरकरार है। आज निर्णय लेने की अंतिम घड़ी है। पप्पू यादव (Pappu Yadav) को आज ही यह फैसला लेना होगा कि वह मैदान में डटे रहेंगे या नामांकन वापस लेंगे।
दरअसल, पर्चा वापस लेने की आखिरी तारीख आज ही है। इस बीच, सियासत और तेज हो गई है। पप्पू यादव की पत्नी और कांग्रेस नेता रंजीत रंजन (Ranjit Ranjan) ने इस मामले में बयान दिया है।
रंजीत रंजन ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि पप्पू यादव महागठबंधन का हिस्सा नहीं हैं। यह हमारे गठबंधन के लिए अच्छी बात नहीं है। वह गठबंधन के एक मजबूत साथी हैं और तीन बार निर्दलीय पूर्णिया सीट से जीत चुके हैं।
पप्पू यादव महागठबंधन को मजबूत करने का काम करेंगे- रंजीत रंजनउन्होंने कहा कि उन्हें लगता है कि वह पार्टी धर्म से जुड़ी हैं, लेकिन उनका मानना है कि वह पप्पू यादव साथ होते तो महागठबंधन के लिए अच्छा होता। हालांकि, वह अभी भी इंडी गठबंधन के साथ खड़े हैं और मजबूती से लड़ रहे हैं। रंजीत रंजन ने आखिर में भी यह कहा कि पप्पू यादव महागठबंधन को मजबूत करने का काम करेंगे।
बता दें कि पप्पू यादव पूर्णिया संसदीय क्षेत्र (Purnia Seat) का तीन-तीन बार प्रतिनिधित्व कर चुके हैं। हाल में ही उन्होंने अपनी पार्टी का विलय कांग्रेस में किया था और यहां से उनका कांग्रेस (Congress) से प्रत्याशी बनना तय माना जा रहा था। ऐन मौके पर यह सीट राजद ने अपने हिस्से में ले ली और अब वे निर्दलीय मैदान में हैं।
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एएनआई, पटना। Bihar Political News In Hindi लोकसभा चुनाव को लेकर भाजपा (BJP) पूरी तरह से एक्टिव है। पीएम मोदी (PM Modi) भी चुनाव को लेकर मैदान में उतर गए हैं। अब तक पीएम मोदी जमुई और नवादा में रैलियां कर चुके हैं। भाजपा ने इस चुनाव में 400 पार का नारा दिया है। इसपर बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) ने हमला बोला है।
तेजस्वी यादव ने कहा कि जब प्रधानमंत्री कभी रोजगार, किसान, युवा, मजदूर जैसी जरूरी चीजों पर बात नहीं करते तो 400 पार करने का क्या मतलब है?
स्कूलों या अस्पतालों के बारे में बात नहीं करते- तेजस्वी यादवतेजस्वी यादव ने अपने एक्स अकाउंट पर पोस्ट किया कि मोदी जी (PM Modi) न तो नौकरियों के बारे में बात करते हैं, न ही छात्रों, युवाओं, किसानों या मजदूरों के बारे में। वह गांवों और गरीबों के बारे में भी बात नहीं करते हैं। मोदी जी शिक्षा, स्वास्थ्य, स्कूलों या अस्पतालों के बारे में बात नहीं करते हैं। फिर 400 पार करने का क्या मतलब है?
उन्होंने आगे कहा कि अगर पीएम मोदी असली मुद्दों पर बात नहीं करते हैं तो 400 के बारे में भूल जाइए, लोकसभा चुनाव में बीजेपी-एनडीए गठबंधन (BJP-NDA) 100 सीटें भी नहीं जीत पाएगा। इसलिए मोदी जी के बजाय मुद्दों पर चर्चा होनी चाहिए।
लोगों के बीच अपने विचार रखेंगे- तेजस्वी यादवइससे पहले पीएम मोदी के बिहार के जमुई दौरे के बाद तेजस्वी यादव ने शनिवार को कहा कि पीएम मोदी को कम से कम यह बताना चाहिए था कि उन्होंने जमुई के विकास के लिए क्या किया है। पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने कहा कि वह पार्टी के कई नेताओं के साथ लोगों के सामने अपनी बात रखने जा रहे हैं।
तेजस्वी ने कहा कि वह जमुई जा रहे हैं और लोगों के बीच अपने विचार रखेंगे। जब पीएम मोदी जमुई गए तो उन्होंने 'परिवारवाद' की बात नहीं की क्योंकि बिहार में हर जगह उनके अपने उम्मीदवार किसी न किसी राजनीतिक परिवार से हैं।
उन्होंने आगे कहा कि प्रधानमंत्री को चाहिए कि कम से कम यह बताएं कि उन्होंने जमुई के विकास के लिए क्या किया है। गौरतलब है कि पहले चरण में बिहार की 4 सीटों पर 19 अप्रैल को वोटिंग होनी है। वो 4 लोकसभा सीटें हैं औरंगाबाद, गया, नवादा और जमुई हैं। बिहार में सात चरणों में मतदान होगा।
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राज्य ब्यूरो, पटना। Bihar Political News In Hindi बहुजन समाज पार्टी (बसपा) ने बिहार की और पांच लोकसभा सीटों पर अपने उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है। इन नेताओं को पार्टी ने चुनाव सिंबल भी दे दिया है।
पार्टी से मिली जानकारी के अनुसार बहुजन समाज पार्टी (Bahujan Samaj Party) ने दूसरे चरण के चुनाव के लिए कटिहार से गोपाल महतो, किशनगंज से बाबुल आलम, पूर्णिया से अरण्य दास और भागलपुर से पूनम सिंह कुशवाहा जबकि बांका से अरुण कुमार दास को सिंबल दिया है। इन सीटों पर 26 अप्रैल को मतदान होना है।
इससे पहले 28 मार्च को बहुजन समाज पार्टी ने नामांकन के आखिर मौके पर बिहार के पहले चरण की चार सीटों पर अपने उम्मीदवारों के नाम का एलान किया था। वहीं, संबंधित प्रत्याशियों ने अपने पर्चे भी भर दिए।
औरंगाबाद से सुनेश कुमार को अपना उम्मीदवार बनायागौरतलब है कि पार्टी ने दावा किया है कि बहुजन समाज पार्टी बिहार की सभी 40 लोकसभा सीटों पर किस्मत आजमाएगी। मायावती की सहमति के बाद बसपा ने औरंगाबाद से सुनेश कुमार को अपना उम्मीदवार बनाया है।
गया सुरक्षित सीट से सुषमा कुमारी बसपा के टिकट पर चुनाव लड़ेगी। जबकि नवादा से रंजीत कुमार और जमुई से सकलदेव दास मैदान में किस्मत आजमाएंगे।
बता दें कि बक्सर से पहले ही बसपा प्रत्याशी के नाम का एलान हो चुका है। यहां से बिहार प्रभारी अनिल सिंह चुनाव लड़ने की तैयारी में हैं।
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Sushil Modi: तेज प्रताप यादव के बाद सुशील मोदी के घर पहुंचे नीतीश कुमार, देखकर हो गए भावुक; कहा- वह फिर से...
राज्य ब्यूरो, पटना। Bihar Political News मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) रविवार को पूर्व उप मुख्यमंत्री व भाजपा नेता सुशील कुमार मोदी (Sushil Modi) के राजेंद्र नगर स्थित आवास जाकर उनके स्वास्थ्य का हाल लिया। उनके उपचार के संबंध में विस्तार से जानकारी ली। मुख्यमंत्री ने सुशील मोदी के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की।
उन्होंने कहा कि वह शीघ्र स्वस्थ होकर लोगों की सेवा के लिए फिर से उपस्थित होंगे। मुख्यमंत्री की इस मुलाकात के दौरान उप मुख्यमंत्री सम्राट चौधरी (Samrat Chaudhary), जल संसाधन मंत्री विजय चौधरी व राज्यसभा सदस्य संजय कुमार झा भी मौजूद थे।
तेज प्रताप ने की थी सुशील मोदी से मुलाकातइससे पहले, राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद (Lalu Yadav) के बड़े पुत्र व पूर्व पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री तेज प्रताप यादव (Tej Pratap Yadav) ने शुक्रवार की देर रात सुशील कुमार मोदी का हाल जानने उनके घर आवास पहुंचे। सुशील मोदी से मिलने के बाद तेज प्रताप यादव भावुक दिखे।
तेज प्रताप यादव ने भगवान कृष्ण से की प्रार्थनाउन्होंने कहा कि बड़ी बहन के एक्स पर किए पोस्ट से मुझे जानकारी हुई कि सुशील कुमार मोदी अस्वस्थ हो गए हैं। वे मेरे पिता लालू प्रसाद के मित्र हैं। जेपी आंदोलन में उन्होंने मेरे पिता के साथ कार्य किया है। ऐसे में मुझसे रहा नहीं गया और मैं उनसे मिलने आ गया। उनकी स्थिति बेहतर नहीं है। मैं भगवान श्रीकृष्ण से प्रार्थना करता हूं कि उन्हें जल्द स्वस्थ करें।
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Bihar Weather Today: आज भी बिहार में बिगड़ा रहेगा मौसम, पटना समेत इन शहरों में चलेगी तेज हवा; बारिश को लेकर अलर्ट जारी
जागरण संवाददाता, पटना। Bihar Weather Today उत्तर पश्चिम उत्तर प्रदेश व पूर्वी असम तक बने चक्रवातीय परिसंचरण के क्षेत्र के कारण प्रदेश के मौसम में रविवार को बदलाव देखने को मिला है। पटना व आसपास इलाकों में दोपहर बाद आंशिक बादल छाए रहे।
वहीं, पटना (Patna Weather) समेत 22 शहरों के अधिकतम तापमान में गिरावट आने से लोगों को गर्मी से राहत मिली है। मौसम विज्ञान केंद्र के अनुसार झोंके के साथ 30-40 किमी प्रतिघंटा की रफ्तार से हवा चलने का पूर्वानुमान है।
वहीं, दक्षिण-पश्चिम व दक्षिण-मध्य भागों के एक या दो स्थानों पर हल्की वर्षा, मेघ गर्जन व वज्रपात को लेकर चेतावनी जारी की गई है। अगले दो दिनों तक तापमान में विशेष परिवर्तन की संभावना नहीं है। ऐसे में लोगों को दो दिनों तक गर्मी से राहत मिलने के आसार है।
रविवार को पटना का अधिकतम तापमान 1.1 डिग्री गिरावट के साथ 37.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया जबकि, 40.1 डिग्री सेल्सियस के साथ बक्सर प्रदेश का सबसे गर्म स्थान रहा।
प्रमुख शहरों के तापमान में गिरावटगया के अधिकतम तापमान में 3.8 डिग्री सेल्सियस की गिरावट, नवादा में तीन डिग्री, डेहरी में 0.4 डिग्री, जमुई में तीन डिग्री, बांका में 2.3 डिग्री, कटिहार में 2.1 डिग्री, वैशाली में 0.8 डिग्री, भागलपुर में 2.9 डिग्री, गोपालगंज में 0.5 डिग्री, मोतिहारी में 1.2 डिग्री, शेखपुरा में 2.0 डिग्री सेल्सियस की गिरावट दर्ज की गई। वहीं शेष जिलों के तापमान में आंशिक वृद्धि दर्ज की गई।
प्रमुख शहरों का तापमान शहर अधिकतम न्यूनतमपटना 37.2 26.3
गया 35.8 23.6
भागलपुर 36.0 25.4
मुजफ्फरपुर 36.6 22.8
(तापमान डिग्री सेल्सियस में )
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Bihar Politics: 'युवा पीढ़ी को बताएं क्या था जंगलराज?' नीतीश की बुजुर्गों से अपील, लालू-राबड़ी पर भी किया अटैक
राज्य ब्यूरो, पटना। पहले चरण के लोकसभा चुनाव में नवादा संसदीय क्षेत्र के लोगों को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बुजुर्गों से अपील की है कि वे नई पीढ़ी को जंगलराज के बारे में बताएं। नई पीढ़ी उस दौर को भूल चुकी है। इसलिए आज के 25-30 साल के नौजवानों को बताएं कि कैसे उस समय शाम होते ही लोग घरों में कैद हो जाते थे। महिलाएं घरों से बाहर नहीं निकलती थी। आज सभी बेरोकटोक घूम रहे हैं।
नवादा के कुंतीनगर मैदान में भाजपा प्रत्याशी विवेक ठाकुर के समर्थन में आयोजित चुनावी सभा में मुख्यमंत्री के निशाने पर विपक्षी दल रहे। उन्होंने लोगों को याद दिलाते हुए कहा कि वर्ष 2005 के पहले बिहार में क्या हाल था। पीएचसी में एक महीने में 39 मरीज आया करते थे। आज एक हजार से अधिक लोग उपचार करा रहे हैं।
जिन पति-पत्नी को राज करने का मौका दिया...15 वर्ष तक जिन पति-पत्नी को आप लोगों ने राज करने का मौका दिया तो उन्होंने कुछ नहीं किया। गलती से कुछ दिनों तक सरकार में रहने का मौका दिया तो दावा कर रहे हैं कि हमने काम किया। वे क्या काम करेंगे। जब काम करने मौका मिला तो कुछ नहीं किए थे।
हिंदू-मुस्लिम में कितना झगड़ा होता था: नीतीशमुख्यमंत्री ने कहा कि याद करिए पहले हिंदू-मुसलमान में कितना झगड़ा होता था। हमारे कार्यकाल के 18 वर्षों में कहीं भी झगड़ा-झंझट नहीं हुआ। हमने कब्रिस्तानों की घेराबंदी कराई। आठ हजार कब्रिस्तानों की घेराबंदी हो चुकी है।
पुराने मंदिरों की भी चारदीवारी की जा रही है। हर घर बिजली पहुंचाई। हर घर नल से जल मिल रहा है। शौचालय बनाए। पक्की नली-गली बनाई। गांवों को पक्की सड़क से जोड़ा गया।
अब तक आठ लाख को दी नौकरीविपक्षी दलों द्वारा नौकरी दिए जाने के दावे पर मुख्यमंत्री ने कहा कि जब से सरकार में आए हैं, तब से अब तक आठ लाख लोगों को सरकारी नौकरी दिया है। लाखों लोगों को रोजगार मिला है।
2020 में हमने कहा था कि 10 लाख को नौकरी दी जाएगी। अब तक चार लाख को नौकरी दी जा चुकी है। एक लाख को नौकरी देने की प्रक्रिया चल रही है। जल्द ही तीन लाख और नौकरी की प्रक्रिया शुरू होगी। अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव के पहले 10 लाख लोगों को नौकरी दे दी जाएगी।
बिहार के विकास में केंद्र सरकार कर रही भरपूर सहयोगमुख्यमंत्री ने कहा कि हम मिल-जुलकर बिहार को आगे बढ़ा रहे हैं। गया, नवादा, नालंदा में पेयजल का संकट था। इन जिलों में गंगाजी का पानी पहुंचाया गया। बिहार के विकास में केंद्र सरकार का भरपूर सहयोग मिल रहा है।
प्रधानमंत्री को आश्वस्त करते हुए नीतीश ने कहा कि अब कहीं नहीं जाएंगे। भविष्य में कभी आपका साथ नहीं छोड़ेंगे। अब कहीं नहीं जाएंगे। उन्होंने लोगों से विवेक ठाकुर को बंपर वोटों से विजयी बनाने की अपील की।
Bihar Teachers: सरकारी स्कूलों के 15 हजार से अधिक शिक्षकों की कटी सैलरी, करीब 5 हजार पर लटकी कार्रवाई की तलवार
राज्य ब्यूरो, पटना। राज्य के सरकारी विद्यालयों में अफसरों द्वारा निरीक्षण में बिना सूचना अनुपस्थित रहने वाले शिक्षकों के विरुद्ध सरकार की कार्रवाई जारी है। पिछले सात माह में 15 हजार 790 शिक्षकों का वेतन कट चुका है, जो एक रिकार्ड है।
इसके अलावा, 4852 और शिक्षकों पर वेतन कटौती की तलवार लटकी है। शिक्षा विभाग ने सभी जिलों से संबंधित शिक्षकों के बारे में रिपोर्ट मांगी है। रिपोर्ट आने के बाद दोषी शिक्षकों के वेतन काटने की कार्रवाई की जाएगी।
निरीक्षण के आधार पर हो रही कार्रवाईशिक्षा विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक, जिन शिक्षकों पर वेतन कटौती संबंधी कार्रवाई की जा रही है, उन शिक्षकों को दैनिक विद्यालय निरीक्षण के दौरान कर्त्तव्यहीनता में संलिप्त
पाया गया है। अधिकांश शिक्षक तो बिना सूचना दिए गैरहाजिर पाए गए हैं। वहीं कुछ शिक्षक विद्यालय में शिक्षण कार्य ठीक से नहीं करते पाए गए हैं। प्रदेश में पिछले साल एक जुलाई से सरकारी स्कूलों का गहन निरीक्षण अभियान चलाया जा रहा है।
सर्वाधिक दरभंगा में 3396 शिक्षकों का कटा वेतन2024 में शिक्षा विभाग के मानीटरिंग सेल की तीन अप्रैल की रिपोर्ट के मुताबिक, जिन 15,790 शिक्षकों के वेतन में कटौती की गयी है, उनमें अररिया के 575, अरवल के एक, औरंगाबाद के 1061, बांका के 12, बेगूसराय के 471, भागलपुर के 714, बक्सर के 321, दरभंगा के 3396, पूर्वी चंपारण के 410 शिक्षक शामिल हैं।
इसके अलावा, गया के 379, गोपालगंज के 347, जमुई के 201, जहानाबाद के 31, किशनगंज के 80, कैमूर के 315, कटिहार के 26, लखीसराय के 92, मधुबनी के 679, मुंगेर के पांच, मधेपुरा के 15, नालंदा के 2277, नवादा के 679, पटना के 128 शिक्षक शामिल हैं।
वहीं, पूर्णिया के 68, रोहतास के 252, सहरसा के तीन, समस्तीपुर के 444, शिवहर के पांच, शेखपुरा के 102 सारण के 1298, सीतामढ़ी के 488, सुपौल के 717, सिवान के 10, वैशाली के 174 एवं पश्चमी चंपारण के 14 शिक्षक शामिल हैं। इसमें दरभंगा जिले में सर्वाधिक शिक्षकों के वेतन कटे हैं।
वहीं, जिन 4,852 शिक्षकों के वेतन में कटौती की अनुशंसा पर कार्रवाई होनी है, उनमें उनमें अररिया के 232, औरंगाबाद के 15, बेगूसराय के 259, भागलपुर के एक, भोजपुर के 151, बक्सर के 156, पूर्वी चंपारण के 316, गया के 162, गोपालगंज के 204 शिक्षकों के वेतन कटे हैं।
इसके अलावा, जमुई के 144, जहानाबाद के 327, खगड़िया के 40, कैमूर के 664, लखीसराय के 15, मुजफ्फरपुर के 359, नालंदा के 618, समस्तीपुर के 217, शिवहर के 23, शेखपुरा के 12, सारण के 586, सीतामढ़ी के 307 एवं सुपौल र के 44 शिक्षक शामिल हैं।
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Bihar Politics: दावा माई-बाप का, मगर भरोसा M-Y पर; जानें लोकसभा चुनाव में क्या है लालू-तेजस्वी पूरी रणनीति
सुनील राज, पटना। महागठबंधन का प्रमुख घटक राजद 2019 के लोकसभा चुनाव में बड़ी पराजय का सामना कर चुका है। लिहाजा इस चुनाव वह अपना हर कदम फूंक-फूंक कर रख रहा है। चुनाव परिणामों को पार्टी हित में करने के लिए ही एम-वाइ फैक्टर के साथ ही राजद बहुजन अगड़ा, आधी आबादी और पुअर यानी गरीब की पार्टी होने का दावा जरूर कर रहा है, लेकिन अपने कोर वोटर यानी मुस्लिम और यादव को लेकर वह बेहद सतर्क है।
पार्टी की नजर 13 ऐसे लोकसभा क्षेत्रों पर है जहां मुस्लिम आबादी 12 से लेकर 65 प्रतिशत तक है। इसके अलावा यादव बहुल क्षेत्रों पर भी पार्टी पैनी नजर रखे हुए हैं।
एम-वाई का क्या है समीकरण?गौर करने वाली बात यह है कि 2023 में हुई जाति आधारित गणना के आंकड़ों के अनुसार, 14.26 प्रतिशत के आसपास है। जबकि मुस्लिम आबादी 17.7 प्रतिशत के करीब है। दोनों जातियों को यदि मिला दिया जाए तो यह आंकड़ा 31 प्रतिशत से ज्यादा हो जाता है।
23 सीटों पर खुद मैदान में होगा राजदमहागठबंधन में सीट बंटवारे में राजद ने अपने पास 26 सीटें रखी थीं। जिसमें से अब तीन सीटें विकासशील इंसान पार्टी को देने का निर्णय हुआ है। 23 सीटों पर राजद खुद मैदान में होगा। शेष बची 14 सीटें महागठबंधन के अन्य सहयोगियों को दी गई हैं।
एम-वाई दबदबे वाली सीटों पर लड़ रही राजदराजद ने अपने पास वैसी सीटें रखी हैं जिन पर मुसलमान और यादव बहुल आबादी का दबदबा है। इन सीटों में किशनगंज के अलावा कटिहार, अररिया, पूर्णिया, मधुबनी, दरभंगा, सीतामढ़ी, पश्चिमी चंपारण, सिवान, शिवहर, खगड़िया सुपौल, भागलपुर, मधेपुरा, औरंगाबाद, और गया हैं।
किशनगंज-कटिहार में कांग्रेसकिशनगंज सीट पर सर्वाधिक करीब 67 प्रतिशत मुस्लिम हैं। हालांकि यह सीट बंटवारे में कांग्रेस के पास गई है। लेकिन सीट पर जीत राजद के लिए चुनौती है। इस सीट पर कांग्रेस का मुकाबला जदयू उम्मीदवार मुजाहिद आलम से होना है।
कटिहार सीट जहां करीब 37-38 प्रतिशत आबादी मुस्लिम है, उस सीट पर कांग्रेस उम्मीदवार तारिक अनवर का मुकाबला जदयू के दुलालचंद गोस्वमी से होगा।
इन सीटों पर मुस्लिम समीकरणइन दो सीटों के अलावाम अररिया, पूर्णिया, सीतामढ़ी, दरभंगा, मधुबनी, सिवान, शिवहर, सुपौल, मधेपुरा, औरंगाबाद जैसी सीटों पर जीत तभी संभव है, जब यहां का मुस्लिम मतदाता उस दल के साथ हो।
क्या कहते हैं राजद के आंकड़े?राजद द्वारा संग्रहित आंकड़ों के मुताबिक, अररिया में 32 प्रतिशत, पूर्णिया में 30, दरभंगा में 22, मधुबनी में 24, सीतामढ़ी में 21 प्रतिशत आबादी मुसलमानों की है।
वहीं, सिवान, शिवहर, मधेपुरा, सुपौल और औरंगाबाद में कमोबेश मुस्लिम आबादी 15 से 16 प्रतिशत के करीब है। यह वह आबादी है जिसका रुझान शुरू से राष्ट्रीय जनता दल की ओर रहा है। लिहाजा राजद मुस्लिम मतदाताओं के मुद्दों और जरूरतों को ध्यान में रखकर अपने उम्मीदवार तय कर रहा है।
इन सीटों का क्या है हाल?मुस्लिम बाहुल्य वाले इस क्षेत्र में कुछ ऐसे भी पाकेट हैं, जहां यादवों की आबादी का प्रतिशत वोट जिताने का माद्दा रखता है। इन क्षेत्रों में दरभंगा, मधुबनी, वैशाली, मधेपुरा, सहरसा, बांका जैसे क्षेत्र हैं। दरभंगा में मुस्लिम व यादव के अलावा राजपूत, ब्राहमण के अलावा भूमिहार, कुर्मी, पासवान और यादवों की संख्या भी काफी है। बांका में तीन लाख से अधिक यादव वोटर हैं।
वैशाली में मधेपुरा में 14 प्रतिशत से अधिक यादव हैं। इन क्षेत्रों में यदि मुस्लिम और यादव जिस दल के पक्ष में एकजुट हो गए वहां उस पार्टी के उम्मीदवार की जीत तय मानी जाती है। राजद के पास 2019 की पराजय बड़ा सबक है। इसलिए सीट बंटवारे का मामला हो फिर प्रत्याशी चयन का। पार्टी हर कदम बेहद सोच समझ के साथ उठा रही है।
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'रटते रहें 400 पार का नारा...', PM Modi के 'ट्रेलर' पर RJD का अटैक; 10 साल पर कह दी ऐसी बात
इधर PM Modi बिहार में कर रहे एक के बाद एक धुआंधार रैली, उधर महागठबंधन में अब भी मची सीटों की किचकिच
राज्य ब्यूरो, पटना। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के पक्ष में सप्ताह भीतर दूसरी जनसभा कर गए और महागठबंधन अभी प्रत्याशियों के चयन में ही उलझा हुआ है।
चुनावी संभावनाओं के आकलन का आधार नहीं होकर भी यह महागठबंधन में किचकिच का कारण तो बन ही गया है। सीट बंटवारे में देरी के साथ शुरू हुआ अंतर्द्वंद्व अब दल छोड़ने से लेकर क्षुब्ध नेताओं की मुखरता तक पहुंच चुका है।
इसका एकमात्र कारण राजद की दबंगई है, जिसने एकतरफा निर्णय लेते हुए महत्वपूर्ण घटक कांग्रेस को कठिन मैदान में भेज दिया और अब अपने प्रत्याशियों के चयन में मनमानी किए जा रहा है। बाहरियों की यह आवक-आगवानी घरवालों को रास नहीं आ रही है।
दो जनसभा कर चुके हैं PM मोदीपहले चरण का प्रचार अभियान परवान की ओर बढ़ने लगा है, लेकिन महागठबंधन के किसी बड़े नेता की अब तक कोई चुनावी सभा नहीं हुई। ऐसा तब, जबकि तीन दिन के बाद ही प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी एक बार फिर बिहार में जनसभा कर गए हैं।
जमुई में मोदी की पहली जनसभा चार अप्रैल को हुई थी और सात अप्रैल को दूसरी नवादा में। गया और औरंगाबाद के साथ इन दोनों संसदीय क्षेत्रों में पहले चरण के तहत 19 अप्रैल को मतदान होना है। औरंगाबाद कांग्रेस की परंपरागत सीट रही है।
अभय कुशवाहा के आने से राजद में रारसीट बंटवारे के पहले ही लालू ने वहां अभय कुशवाहा को राजद का सिंबल दे दिया। पूर्व राज्यपाल निखिल कुमार मन मसोस कर रह गए। वहां महागठबंधन का प्रचार अभियान एकाकी होकर रह गया है।
सिंबल लेने से एक दिन पहले जदयू छोड़कर आए अभय कुशवाहा से तालमेल बिठाने में राजद के स्थानीय कार्यकर्ता बहुत सहज नहीं और निखिल कुमार के चौबारे में पसरे सन्नाटे के बाद कांग्रेस-जनों के लिए भी करने-धरने को कुछ बचा नहीं।
फायदा उठाने की फिराक में भाजपाभाजपा तो जैसे इसी प्रतीक्षा में थी। वहां उसके प्रत्याशी सुशील कुमार सिंह अपनी चौथी जीत के लिए रात-दिन एक किए हुए हैं। राजद के पास गंवाने को कुछ नहीं। अलबत्ता वह सफल हुआ तो औरंगाबाद में उसकी पहली जीत होगी।
RJD का दबदबा चाहते हैं लालू यादवविपक्षी एकता की पहल के क्रम में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की राय मानी गई होती तो आज बिहार में महागठबंधन कुछ और हैसियत में होता। ऐसा राजद के कारण नहीं हुआ, क्योंकि उसे महागठबंधन में अपना दबदबा चाहिए था। नीतीश ने अलग राह ली तो यह इत्मीनान हुआ कि अब सीट बंटवारे में कोई पेच नहीं रहा, लेकिन लालू प्रसाद के रहते राजनीति बिना पेच के हो ही नहीं सकती।
महागठबंधन में सीट शेयरिंग में क्यों हुई देरी?राजद की दबंगई ऐसी कि पहले चरण के नामांकन की तिथि निकल जाने के बाद सीटों का बंटवारा हुआ। उसके बाद प्रत्याशियों के जोहे-जोड़े जाने की ऐसी कवायद शुरू हुई कि दल के लोगों के दावे दरकिनार होने लगे। पूर्व केंद्रीय मंत्री देवेंद्र प्रसाद यादव इस पर राजद में अपना विरोध प्रकट कर चुके हैं तो पूर्व प्रदेश अध्यक्ष डा. अनिल शर्मा कांग्रेस छोड़कर भाजपा के साथ हो गए हैं।
नवादा में उलझा पेचऔरंगाबाद के पड़ोसी गया में कोई असहज स्थिति नहीं, क्योंकि उस सीट पर राजद की दावेदारी स्वाभाविक थी। हालांकि, उससे सटे नवादा में पेच उलझ गया है। जेल में बंद पूर्व सांसद राजबल्लभ यादव के भाई विनोद यादव मोल-तोल की शिकायत के साथ वहां डटे हुए हैं।
राजद प्रत्याशी श्रवण कुशवाहा आधार मतों को एकजुट रखने के लिए जूझ रहे। सवर्ण मतों के आधार पर कांग्रेस भी इस सीट की इच्छा रखती थी। अब जिला-स्तरीय कार्यकर्ता बुझे मन से राजद के साथ हैं।
जमुई का क्या है हाल?राजद के कुछ दिलजले जमुई में भी हैं। उसकी प्रत्याशी अर्चना रविदास के लिए पहला चुनावी अनुभव है। गनीमत यह कि अर्चना को दलीय नेतृत्व से पर्याप्त दिशा-निर्देश मिल रहा।
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राज्य ब्यूरो, पटना। राष्ट्रीय जनता दल के वरिष्ठ नेता शिवानंद तिवारी ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी चार सौ पार का नारा रटते रहें, लेकिन उनकी दाल नहीं गलने वाली। वे सभाओं में कहते हैं मेरी सरकार के काम का सिर्फ ट्रेलर देखा है, अभी बहुत कुछ होना बाकी है। लेकिन सवाल है कि उनकी सरकार ने बीते दस वर्षों में क्या काम किया।
शिवानंद तिवारी ने कहा कि काम के नाम पर वे कश्मीर से धारा 370 हटाने, तीन तलाक प्रथा समाप्त करने और अयोध्या में राम मंदिर का राग जपते हैं। लेकिन, वे चीन से सटे लेह, लद्दाख और करगिल पर कुछ नहीं बोलते हैं। जबकि यहां गहरा असंतोष है। इलाका उबल रहा है। यही हाल मणिपुर का है। यहां की समस्या को लेकर सरकार पूरी तरह से असंवेदनशील है।
PM मोदी पर मीडिया के दुरुपयोग का लगाया आरोपउन्होंने स्मरण कराते हुए लिखा कि 2014 के पहले कॉर्पोरेट मीडिया के जरिये मजबूती के साथ निर्णय लेने वाले एक नेता और विकास पुरूष के रूप में मोदी की विराट छवि बनाई गई। जबकि पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को कमजोर पीएम बताया गया।
वादा खिलाफी का लगाया आरोपशिवानंद ने कहा कि मोदी जी ने विभिन्न तबकोंं को पीएम बनने के बाद सपने दिखाए। किसानों की आमदनी दोगुना करने, लोगों के खाते में 15 लाख, दो करोड़ नौजवानों को काम देंगे, लेकिन क्या हुआ?
पांचवी बड़ी अर्थव्यवस्था की हकीकत पर कही ये बातउन्होंने आगे कहा वे आजकल मोदी जी जनता को पांचवी अर्थव्यवस्था का नया बाइस्कोप दिखा रहे हैं। हकीकत यह है कि देश में अरबपतियों की संख्या बढ़ रही है। दूसरी ओर किसान आत्महत्या के मामले कम नहीं हो रहे हैं। देश में एक छोटी आबादी के हाथ में अकूत धन है। देश के इतिहास में ऐसी भयानक गैर बराबरी कभी नहीं थी।
PM Modi in Bihar: 'यह तो अभी ट्रेलर है...' पीएम मोदी ने बिहार की जनसभा में क्यों कही ऐसी बात?
रमण शुक्ला, पटना। तीन दिन के बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी रविवार को दूसरी बार बिहार में चुनावी सभा को संबोधित किए। नवादा में उपस्थित जन-समूह से संवाद करते हुए उन्होंने कहा कि यह तो ट्रेलर है। अभी तो भारत को बहुत आगे लेकर जाना है। अभी तो देश को और बिहार को और ऊंचाइयों पर ले जाना है।
पीएम मोदी ने कहा कि तीसरे कार्यकाल में मोदी की नई गारंटियां आने वाली हैं, जिसमें गांव की तीन करोड़ बेटियों को लखपति दीदी बनाना और गांव की बेटियों को ड्रोन पायलट बनाना सम्मिलित हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि भाजपा सरकार ने पीएम सूर्यघर मुफ्त बिजली योजना आरंभ की है, ताकि माध्यम वर्ग को बिजली बिल से राहत मिल सके। उल्लेखनीय है कि इस बार मोदी की पहली चुनावी सभा चार अप्रैल को जमुई में हुई थी।
मोदी की गारंटी से परेशान है घमंडिया गठबंधनमोदी सरकार की यह गारंटियां घमंडिया गठबंधन को परेशान कर रही है। विपक्ष के कुछ नेता गारंटी देने वाली बात पर प्रश्न उठाते हैं और इसे गैर-कानूनी बताकर प्रतिबंध लगाने की बात करते हैं। क्या परिश्रम करने की गारंटी देना गुनाह है? विपक्ष ने गारंटी को गुनाह बना दिया है।
विपक्ष पर करारा प्रहार करते हुए मोदी ने कहा कि अहंकार में डूबे विपक्षी गठबंधन को यह कभी समझ नहीं आएगा। चुनाव में झूठ बोलकर वोट लेने वालों को कभी यह समझ नहीं आएगा। ‘मोदी की गारंटी यानी गारंटी पूरा होने की गारंटी’। उन्होंने कहा कि अनुच्छेद-370 को समाप्त करने की गारंटी को पूरा करके दिखाया।
खरगे के धारा-370 वाले बयान पर किया अटैककांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के भाषण का उल्लेख करते हुए मोदी ने कहा कि खरगे कहते हैं कि भाजपा वाले अन्य राज्य में आकर अनुच्छेद-370 की बात क्यों करते है, लेकिन जम्मू-कश्मीर देश का महत्वपूर्ण अंग है और बिहार के अनेक नौजवानों ने कश्मीर और मातृभूमि के लिए सबसे बड़ा बलिदान दिया है।
पीएम मोदी ने कहा कि कांग्रेस का इरादा भारत के टुकड़े-टुकड़े करने का है। उन्होंने जनता से पूछा कि ऐसी भाषा बोलने वाले एवं बलिदानियों का अपमान करने वालों को माफ किया जा सकता है?
भ्रष्टाचार हटाने के लिए प्रतिबद्ध है मोदी सरकारमोदी ने कहा कि एक तरफ भाजपा सरकार भ्रष्टाचार को हटाने के लिए प्रतिबद्ध है, वहीं दूसरी ओर विपक्षी गठबंधन भ्रष्टाचारियों को बचाने के लिए रैली निकालता है। सनातन विरोधी और देश के बंटवारे की बात करने वाले कांग्रेसी और विपक्षी दल एक भी वोट पाने के हकदार नहीं हैं।
कांग्रेस को सत्ता और भ्रष्टाचार की लगी लतकांग्रेस को सत्ता और भ्रष्टाचार की लत लग चुकी है और सत्ता से दूर जाते ही उसके नेता घबराने और विचलित होने लगते हैं। आइएनडीआइए में प्रधानमंत्री उम्मीदवारी को लेकर चल रहे आपसी कलह और मतभेद पर तंज कसते हुए मोदी ने कहा कि जिसका स्वयं का हाल यह है, वह देश के कल्याण के बारे में क्या सोचेगा।
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