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Bihar News: शराब के आरोपी को नहीं पकड़ पाया इंस्पेक्टर तो DGP ने जबरन कर दिया था रिटायर्ड; अब HC ने दिया ये आदेश
राज्य ब्यूरो, पटना। पटना हाई कोर्ट ने तत्कालीन डीजीपी एसके सिंघल द्वारा इंस्पेक्टर को जबरन रिटायर कराने के आदेश को अवैध घोषित कर दिया है। बेगूसराय के बखरी निवासी अविनाश चंद्र की याचिका पर न्यायाधीश मोहित कुमार शाह की एकलपीठ ने सुनवाई करते हुए उक्त आदेश दिया है।
याचिकाकर्ता इंस्पेक्टर अविनाश चंद्र मुजफ्फरपुर के मीनापुर में पदस्थापित थे। शराब के केस में एक आरोपित के नहीं पकड़े जाने के आरोप में अंतिम तौर पर अविनाश को तत्कालीन पुलिस महानिदेशक एसके सिंघल के आदेश पर अनिवार्य सेवानिवृत्ति दे दी गई थी।
क्या है पूरा मामला?इंस्पेक्टर अविनाश चंद्र को 26 नवंबर 2020 को इस आरोप में निलंबित किया गया कि वह शराब के केस में एक आरोपी को गिरफ्तार नहीं कर सके। चार दिसंबर 2020 से अविनाश के खिलाफ विभागीय कार्यवाही शुरू कर दी गई।
पुलिस उपाधीक्षक ने जांच की, लेकिन जांच की रिपोर्ट में अविनाश पर लगाए गए आरोप साबित नहीं हुए। उसके बाद पुलिस मुख्यालय के निर्देश पर सीतामढ़ी के तत्कालीन एसपी ने इस केस की जांच की और तीन सितंबर 2021 को सौंपी अपनी रिपोर्ट में अविनाश को दोषी करार दिया।
इस रिपोर्ट को आधार बनाते हुए पुलिस मुख्यालय के निर्देश पर तिरहुत रेंज मुजफ्फरपुर के आइजी ने 16 सितंबर 2021 को अविनाश को दूसरी बार कारण बताओ नोटिस जारी किया। सात दिसंबर 2021 को अविनाश की एक वर्ष तक वेतन-वृद्धि रोकने का आदेश जारी किया।
हाई कोर्ट ने अवलोकन में क्या पाया?हाई कोर्ट ने मामले के अवलोकन से पाया कि वादी ने इस आदेश के खिलाफ अपील की, जिस पर आज तक कोई सुनवाई नहीं हुई। दूसरी तरफ, तत्कालीन पुलिस महानिदेशक ने आठ सितंबर 2022 को अविनाश की अनिवार्य सेवानिवृत्ति का आदेश जारी कर दिया।
पटना हाईकोर्ट ने अपने आदेश में क्या कहा?पटना हाईकोर्ट ने अपने आदेश से कहा कि आईजी के आदेश के छह महीने के दौरान पुलिस महानिदेशक उसकी समीक्षा कर आदेश जारी कर सकते थे, लेकिन इसकी जगह बगैर किसी आधार अचानक अनिवार्य सेवानिवृत्ति दे दी गई। यह प्रक्रिया नियम के तहत नहीं है।
हाई कोर्ट ने तत्कालीन डीजीपी के आदेश को अवैध करार देते हुए पुलिस मुख्यालय और राज्य सरकार को आदेश दिया है कि अविनाश चंद्र को सेवा में फिर से बहाल किया जाए और जब से उन्हें हटाया गया है, तब से अब तक का सारा बकाया उन्हें दिया जाए।
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Lalu Yadav: 'पूंछ कटा हुआ सियार हैं...', लालू यादव को ये क्या बोल गए नीतीश के 'दोस्त'
डिजिटल डेस्क, पटना। हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष और गया लोकसभा सीट से एनडीए के उम्मीदवार जीतन राम मांझी ने लालू यादव पर बड़ा हमला बोला है। बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री मांझी ने लालू यादव को "पूंछ कटा हुआ सियार" कहा है।
मौजूदा सियासी घटनाक्रम का जिक्र करते हुए जीतन राम मांझी ने एक कहावत सुनाई। उन्होंने कहा कि एक बार जंगल में सियार की किसी वजह से पूंछ कट गई, तो पूंछ तो बहुत जरूरी चीज होता है, लेकिन जब वो सियार जमात में गया तो सबको बोलने लगा पूंछ काट लो।
'शिक्षा के अभाव में...'मांझी ने कहा कि यही काम लालू यादव कर रहे हैं। मांझी ने यह भी कहा कि शिक्षा के अभाव में लालू-तेजस्वी की परिवारवाद की परिभाषा भी गलत है।
मांझी ने कहा कि लालू यादव ने अपने परिवार के लोगों को बिना किसी जन-समर्थन और आंदोलन के ही एमपी-एमएलए बना दिया है। उन्होंने कहा कि इसे ही परिवारवाद कहा जाता है, लेकिन जो लोग आंदोलन से आते हैं, पापड़ बेलते हैं उसे परिवारवाद नहीं कहते हैं।
उन्होंने कहा कि बहुत से लोग 20 साल से राजनीति कर रहे हैं और बिना किसी पद के काम कर रहे हैं। वैसे लोगों को परिवारवाद के लिए नहीं बोला जा सकता।
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Lok Sabha Elections 2024 : दूसरे चरण की 5 सीटों के लिए अबतक 37 नेताओं ने भरा पर्चा, जानें कौन कहां से भरेगा हुंकार?
राज्य ब्यूरो, पटना। लोकसभा चुनाव के दूसरे चरण का नामांकन गुरुवार को समाप्त हो जाएगा। दूसरे चरण में पांच लोकसभा क्षेत्रों (किशनगंज, कटिहार, पूर्णिया, भागलपुर, बांका) में 26 अप्रैल को मतदान होना है।
बुधवार तक इन क्षेत्रों में 37 अभ्यर्थी नामांकन कर चुके थे। बांका में 13, कटिहार में आठ, किशनगंज व भागलपुर में छह-छह और पूर्णिया में तीन अभ्यर्थियों ने पर्चा भर दिया है।
बुधवार को ही कांग्रेस के दिग्गज तारिक अनवर ने कटिहार में और जदयू छोड़कर राजद में आई बीमा भारती ने पूर्णिया में नामांकन कराया।
गुरुवार को पर्चा दाखिल करेंगे पप्पू यादवअपनी जन अधिकार पार्टी का विलय करते हुए कांग्रेस में आए पूर्व सांसद राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव द्वारा गुरुवार को पर्चा भरेंगे। उन्होंने अपने सोशल मीडिया हैंडल एक्स पर इसकी जानकारी दी है और पूर्णिया की जनता से आशीर्वाद मांगा है।
आठ अप्रैल तक नाम वापस ले सकते हैं उम्मीदवारइन पांचों लोकसभा क्षेत्रों में नामांकन की प्रक्रिया 28 मार्च को आरंभ हुई थी। नामांकन पत्रों की जांच शुक्रवार को होगी। आठ अप्रैल तक अभ्यर्थी अपना नाम वापस ले सकते हैं। 26 अप्रैल को मतदान होना है। उसी के साथ बिहार की कुल 40 लोकसभा सीटों में से नौ पर चुनावी प्रक्रिया पूरी हो जाएगी।
पहले चरण में चार संसदीय क्षेत्रों (गया, औरंगाबाद, नवादा, जमुई) में 19 अप्रैल को मतदान होना है, जिसके लिए प्रचार-शुरू हो चुका है।
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चिराग ने आरोप को नकारालोजपा-रामविलास के अध्यक्ष चिराग पासवान ने पार्टी से इस्तीफा देने वाले नेताओं द्वारा टिकट बेचने संबंधी लगाये गये आरोप को नकार दिया है। उन्होंने कहा कि इस तरीके के आरोप हर दल में लगाए जाते हैं, जब उनको सीटें नहीं मिलती या उनको लड़ने का मौका नहीं मिलता।
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लोकसभा चुनाव के लिए कांग्रेस ने जारी की 40 स्टार प्रचारकों की लिस्ट, सूची में बिहार के इन दिग्गजों के भी नाम
राज्य ब्यूरो, पटना। चुनावी परंपराओं का निर्वहन करते हुए कांग्रेस ने बुधवार को अपने स्टार प्रचारकों की सूची जारी कर दी। इस सूची में 40 नेताओं के नाम दर्ज हैं, जो बिहार में पार्टी प्रत्याशियों के पक्ष में प्रचार-प्रसार करेंगे। उनमें मीरा कुमार और निखिल कुमार के नाम भी हैं।
लोकसभा की पूर्व अध्यक्ष मीरा कुमार सासाराम से दो बार सांसद रह चुकी हैं। इस बार वे चुनाव नहीं लड़ने की पहले ही घोषणा कर चुकी हैं।
पूर्व राज्यपाल निखिल कुमार औरंगाबाद की अपनी परंपरागत सीट के लिए आखिरी क्षण तक आस पाले हुए थे। महागठबंधन में राजद ने वह सीट अपने पास रख ली। निखिल कुमार मन मसोस कर रह गए।
चुनाव अभियान को धारदार बनाएंगे स्टार प्रचारकोंखरगे, सोनिया, राहुल, प्रियंका सहित अखिलेश व कन्हैया आदि स्टार प्रचारक बनाए गए हैं। इस सूची में हाल फिलहाल कांग्रेस में आए सांसद अजय निषाद व पूर्व सांसद राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव का नाम नहीं।
कांग्रेस का कहना है कि बिहार में महागठबंधन के बैनर तले चुनावी अभियान को धारदार बनाने के लिए कांग्रेस के स्टार प्रचारक घोषित किए गए हैं।
बिहार में सात चरणों में चुनाव हो रहा और पहले चरण के चार संसदीय क्षेत्रों (औरंगाबाद, गया, जमुई, नवादा) में प्रचार अभियान शुरू हो चुका है। कांग्रेस उनमें से किसी भी मैदान में नहीं।
उन चारों क्षेत्रों में उसके स्टार प्रचारक राजद के प्रत्याशियों के लिए वोट मांगेंगे। कांग्रेस की परंपरागत सीट औरंगाबाद का चुनाव पहले ही चरण में होगा, जबकि उसकी दूसरी परंपरागत सासाराम संसदीय क्षेत्र में सातवें व अंतिम चरण में मतदान होना है।
स्टार प्रचारकों की पूरी लिस्टमल्लिकार्जुन खरगे, सोनिया गांधी, राहुल गांधी, प्रियंका गांधी वाड्रा, डॉ. अखिलेश प्रसाद सिंह, मीरा कुमार, निखिल कुमार, कन्हैया कुमार, डॉ. शकील अहमद, डा. अशोक कुमार, विजय शंकर दूबे, कौकब कादरी, श्याम सुंदर सिंह धीरज, संजय तिवारी, आनंद शंकर सिंह, संतोष मिश्रा, तारानंद सदा, शकील अहमद खान, डॉ. मदन मोहन झा, तारिक अनवर, रंजीत रंजन, बंटी चौधरी, शकीलउज्जमा अंसारी, अवधेश कुमार सिंह, वीणा शाही, समीर कुमार सिंह, मोहन प्रकाश, राणा केपी सिंह, अशोक गहलोत, भूपेश बघेल, मुकुल वासनिक, सलमान खुर्शीद, प्रमोद तिवारी, इमरान प्रतापगढ़ी, मो. जावेद, कैप्टन अजय यादव, ब्रजेश कुमार, ब्रजेश प्रसाद मुनन, शिव प्रकाश गरीब दास एवं चंद्र प्रकाश सिंह
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VIDEO: दिल्ली AIIMS में चेकअप के बाद पटना पहुंचे सुशील मोदी, बेहद कमजोर दिखे BJP नेता
डिजिटल डेस्क, पटना। भारतीय जनता पार्टी के नेता सुशील मोदी कैंसर से जूझ रहे हैं। बुधवार को उन्होंने एक्स पर इसकी जानकारी दी। उन्होंने एक्स पर लिखा कि वो लोकसभा चुनाव में प्रचार नहीं कर पाएंगे और उन्होंने इसकी जानकारी पीएम मोदी को दे दी है।
पहली बार कैंसर की बात सामने आने के बाद सुशील मोदी का वीडियो भी सामने आया। दरअसल, वो कैंसर के चेकअप के लिए दिल्ली गए हुए थे। उन्होंने दिल्ली एम्स में चेकअप करवाया। इसके बाद देर शाम वह पटना पहुंचे।
#WATCH | Former Bihar Deputy CM Sushil Kumar Modi reaches Patna.
He was diagnosed with cancer six months ago and was in Delhi for a medical checkup. pic.twitter.com/04aMTKYsK5
— ANI (@ANI) April 3, 2024 बेहद कमजोर नजर आए सुशील मोदीपहली नजर में वीडियो देखने के बाद किसी को यकीन ही नहीं हो रहा है कि वह सुशील मोदी हैं। सुशील मोदी वीडियो में बेहद कमजोर नजर आ रहे हैं। कुछ लोगों की मदद से उनको व्हीलचेयर पर लाया गया और उसके बाद कार में बैठाया गया। सुशील मोदी का ये वीडियो देखकर उनकी सेहत का अंदाजा लगाया जा सकता है।
मोदी के एक्स हैंडल पर खबर आते ही हजारों लोगों ने उनके शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की। समर्थकों-शुभचिंतकों ने कहा कि सुशील मोदी जुझारू हैं। उन्होंने संघर्ष से जीत हासिल की है। इस बीमारी से भी वह जीतेंगे।
लालू बोले- भाई की खबर सुन दुखी हूंराजद अध्यक्ष लालू प्रसाद ने कहा- भाई सुशील मोदी की स्वास्थ्य संबंधित खबर सुन हैरान और दुखी हूं। 50 वर्षों से उन्हें जानता हूं। जुझारू और संघर्षशील प्रवृति के धनी है। परमपिता से उनके अच्छे स्वास्थ्य की मंगलकामना करता हूं। ईश्वर से प्रार्थना है कि वह शीघ्र स्वस्थ होकर सार्वजनिक जीवन एवं जनसेवा में सक्रिय हों।
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राज्य ब्यूरो, पटना। लोकसभा चुनाव प्रचार के क्रम में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सात अप्रैल को नवादा पहुंच रहे हैं। नवादा-नारदीगंज रोड स्थित कुंती नगर में मोदी भाजपा प्रत्याशी विवेक ठाकुर के पक्ष में जनसभा को संबोधित करेंगे। यह दूसरा अवसर है, जब प्रधानमंत्री नवादा पहुंच कर लोगों को संबोधित करेंगे।
इसके पहले 2014 के लोकसभा चुनाव में भाजपा प्रत्याशी रहे गिरिराज सिंह के पक्ष में चुनावी सभा को संबोधित किया था। प्रधानमंत्री के दौरे को लेकर भाजपा कार्यकर्ताओं का उत्साह चरम पर है। नवादा की धरती पर दूसरी बार मोदी का आगमन होने वाला है।
रामनवमी से पहले मोदी नवादा से हुंकार भरेंगे और अपने प्रत्याशी के लिए जीत का भी दावा करेंगे। इस दौरान मोदी मगध को केंद्र की राजग सरकार की ओर से दी गई सुविधाओं एवं तरक्की के लिए किए गए प्रयास के बारे में विस्तार से बताएंगे।
प्रधानमंत्री की सभा में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, रालोमो प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा, हम के राष्ट्रीय अध्यक्ष संतोष मांझी के अलावा लोजपा प्रमुख चिराग पासवान सभा को संबोधित करेंगे। उप मुख्यमंत्री सह भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी भी मंच पर उपस्थित रहेंगे।
औरंगाबाद में शाह की सभाभाजपा प्रदेश अध्यक्ष एवं उप मुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने बताया कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह चुनावी दौरे के तहत छह अप्रैल की शाम पटना आ रहे हैं। इस दौरान संध्या छह बजे भाजपा प्रदेश मुख्यालय में पार्टी प्रदेश पदाधिकारियों की बैठक बुलाई है। संभव है कि इसके बाद शाह भाजपा कोर ग्रुप की बैठक लेंगे।
वहीं, सात अप्रैल को शाह भाजपा प्रत्याशी सुशील सिंह की समर्थन में सभा को संबोधित करने औरंगाबाद जाएंगे।
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राज्य ब्यूरो, पटना। लोकसभा चुनाव की गहमागहमी के बीच नेता प्रतिपक्ष एवं पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव की सुरक्षा बढ़ा दी गई है। इसके साथ ही भाजपा नेता एवं पूर्व उपमुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद की सुरक्षा भी बढ़ाने का निर्णय लिया गया है।
दोनों नेताओं को वाई प्लस श्रेणी की सुरक्षा मुहैया कराई जाएगी। गृह विभाग ने इस बाबत बुधवार को डीजीपी को आदेश जारी कर सुरक्षा मुहैया कराने का निर्देश दिया है।
गृह विभाग ने अपने आदेश में क्या कहा?गृह विभाग के आदेश में कहा गया है कि आगामी लोकसभा चुनाव के दौरान किए जाने वाले दौरों और वर्तमान खतरे से जुड़ी आकलन रिपोर्ट के आधार पर राज्य सरकार के द्वारा दोनों नेताओं की सुरक्षा बढ़ाने का निर्णय लिया गया है।
घटा दी गई थी तेजस्वी की सुरक्षामालूम हो कि तेजस्वी यादव को बतौर उपमुख्यमंत्री रहते जेड प्लस श्रेणी की सुरक्षा मिली हुई थी, मगर इसी साल जनवरी के अंत में महागठबंधन सरकार की विदाई के बाद उनकी सुरक्षा घटाकर सामान्य मंत्री की कर दी गई थी।
अब तेजस्वी की सुरक्षा में इतने जवान होंगे तैनातअब चुनाव के दौरान नेताओं की सुरक्षा को लेकर तेजस्वी यादव और तारकिशोर प्रसाद दोनों को वाई श्रेणी की सुरक्षा प्रदान करने का निर्णय लिया गया है। वाई प्लस श्रेणी में करीब एक दर्जन सुरक्षाकर्मी होते हैं। इसमें दो से चार कमांडो और पुलिसकर्मी शामिल होते हैं।
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JEE Main 2024 Exam: जेईई मेन कल से, एक घंटे पहले पहुंचना होगा सेंटर; पढ़ें लें गाइडलाइन
जागरण संवाददाता, पटना। नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) ने जेईई मेन 2024 दूसरे चरण की परीक्षा गुरुवार से आरंभ होगी। परीक्षा चार, पांच, छह, आठ और नौ अप्रैल को आयोजित होगी। 12 अप्रैल को बीआर्क के लिए परीक्षा सुबह की एक पाली में होगी।
जेईई मेन अप्रैल सत्र की परीक्षा दो पालियों मे ली जाएगी। पेपर-वन की पहली शिफ्ट की परीक्षा सुबह नौ से दोपहर 12 बजे और दूसरी शिफ्ट की परीक्षा दोपहर तीन से छह बजे तक होगी।
पेपर दो की परीक्षा पहली शिफ्ट में सुबह 9:30 से दोपहर 12:30 तक और दूसरे शिफ्ट की परीक्षा दोपहर तीन से छह तक होगी।
जेईई मेन में सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए सेंटर का गेट आधे घंटा पहले बंद कर दिया जाएगा। एनटीए ने कहा है कि नौ बजे से शुरू होने वाली परीक्षा के लिए सात से 8:30 बजे सुबह तक प्रवेश मिलेगा। दोपहर शिफ्ट के लिए एक बजे से प्रवेश होगा। परीक्षा केंद्र पर अभ्यर्थियों को फोटोयुक्त पहचान पत्र भी साथ रखना होगा।
जेईई मेन परिणाम 25 को प्रस्तावितजेईई मेन का परिणाम आल इंडिया रैंक के साथ 25 अप्रैल को प्रस्तावित है। जबकि एडवांस्ड की रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया 21 अप्रैल से आरंभ होगा। ऐसे में जेईई मेन का परिणाम निर्धारित तिथि से पूर्व भी संभावित हो सकता है।
बिहार में परीक्षा मात्र 10 शहरों में आयोजित होगी। इस बार केवल पटना, औरंगाबाद, आरा, भागलपुर, दरभंगा, गया, मुजफ्फरपुर, पूर्णिया, समस्तीपुर, रोहतास में विभिन्न सेंटरों पर परीक्षा होगी।
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बिजली कनेक्शन देने के लिए मांगी रिश्वत, दरभंगा में निगरानी विभाग ने इंजीनियर-लाइनमैन को किया गिरफ्तार
जागरण टीम, पटना/दरभंगा। चुनाव के बीच भी निगरानी अन्वेषण ब्यूरो की गतिविधियां जोर पर है। बुधवार को निगरानी ने एक कार्रवाई में दरभंगा से एक कार्यपालक अभियंता और लाइनमैन को 40 हजार रुपये रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया है।
इन दोनों से पूछताछ चल रही है इसके बाद इन्हें मुजफ्फरपुर में निगरानी की विशेष कोर्ट में पेश किया जाएगा। निगरानी ब्यूरो के अनुसार, समस्तीपुर के खानपुर थानांतर्गत रहने वाले अनिल कुमार राय बिजली का नया कनेक्शन लेना चाहते थे।
इसके लिए उन्होंने दरभंगा में पावर वितरण कंपनी में तैनात विद्युत कार्यपालक अभियंता अजीत कुमार को लिखित आवेदन दिया था।
परंतु, आरोप है कि कार्यपालक अभियंता अजीत कुमार और लाइनमैन, प्रभारी सहायक तकनीकी ने नया कनेक्शन देने के लिए अनिल कुमार से 40 हजार रुपये की रिश्वत की मांग की।
रिश्वत मांगे जाने पर की शिकायतरिश्वत की मांग होने पर अनिल कुमार ने इस संबंध में निगरानी ब्यूरो को लिखित शिकायत दी। इसके बाद निगरानी ने डीएसपी ने पवन कुमार के नेतृत्व में एक धावा दल गठित किया।
इसके बाद बुधवार को रिश्वत मांगने के आरोपी अफसरों पर कार्रवाई के लिए जाल बिछाया गया। बुधवार को जब दोनों बिजली अधिकारी रिश्वत के 40 हजार रुपये ले रहे थे, उस वक्त दोनों को निगरानी ब्यूरो की टीम ने रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया।
13 सदस्यीय टीम ने की छापामारीनिगरानी अन्वेषण ब्यूरो की टीम ने बुधवार को डीएमसीएच परिसर स्थित ग्रामीण विद्युत कार्यालय में छापेमारी की। इस दौरान कार्यपालक अभियंता अजीत कुमार और तकनीकी वन रिंकू कुमारी को 40 हजार रुपये रिश्वत लेते गिरफ्तार कर लिया गया।
छापेमारी करने के लिए पुलिस उपाधीक्षक पवन कुमार के नेतृत्व 13 सदस्यीय टीम पहुंची थी। टीम में गीता सिन्हा, अभिजीत कौर सहित कुल चार पुलिस उपाधीक्षक शामिल थे।
आटा चक्की चलाने के लिए लेना था बिजली कनेक्शनटीम का नेतृत्व कर रहे डीएसपी पवन कुमार ने बताया कि समस्तीपुर जिले के खानपुर निवासी अनिल कुमार डीहलाही में अपना आटा चक्की चलाने के लिए विद्युत कनेक्शन लेने के लिए आवेदन किया था, जिससे तकनीकी वन रिंकू कुमारी विभाग के कार्यपालक अभियंता के नाम पर रिश्वत मांग रही थी।
पीड़ित ने इसकी शिकायत एक मार्च को विभाग में की। इसके बाद पूरे मामले की जांच की गई। इसमें मामला सत्य पाए जाने पर बुधवार को छापेमारी की गई। जहां रिंकू कुमारी के हाथ से कार्यपालक अभियंता रिश्वत की राशि ले रहे थे। इसी बीच दोनों को गिरफ्तार कर लिया गया।
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Bihar News: बिहार के दो स्वास्थ्य अधिकारियों की पेंशन में कटौती, एक की पूरी पेंशन जब्त; यह है पूरा मामला
राज्य ब्यूरो, पटना। स्वास्थ्य विभाग ने वित्तीय अनियमितता के आरोप में स्वास्थ्य विभाग के एक अधिकारी की पूरी पेंशन जब्त करने के निर्देश दिए हैं तो दूसरी ओर दो अन्य अधिकारियों की पेंशन में क्रमश: 20 और 25 प्रतिशत की कटौती की गई है। विभाग ने इस संबंध में आदेश जारी कर दिए हैं।
विभाग के अनुसार, डॉ. प्रकाश जो कि प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पंडारक में चिकित्सा पदाधिकारी थे। उन पर आरोप है कि वे इस पद पर योगदान देने के समय 12 दिसंबर 2000 से स्वास्थ्य कारणों का हवाला देकर अनुपस्थित रहे। सितंबर 2005 तक अनुपस्थित रहे। वर्ष 2021 में सेवानिवृत्त हुए। इससे पूर्व उनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई संचालित की गई। अब विभाग ने उनकी अनुपस्थिति को देखते हुए उनकी शत प्रतिशत पेंशन जब्त करने का आदेश दिया गया है।
डॉ. ओमप्रकाश पंजियार पर भी एक्शनगया स्थित प्रभावती अस्पताल के तत्कालीन अधीक्षक डॉ. ओमप्रकाश पंजियार पर आरोप था कि उन्होंने अपने कार्यकाल में 2015 से लेकर 2017-18 में जेनरेटर संचालक को करीब 43 लाख रुपये का अधिक भुगतान कर दिया।
इस मामले में उन पर जांच बिठाई गई। जिसमें वे अंतत: दोषी पाए गए। जिसके बाद उनकी पेंशन से पांच वर्ष के लिए 25 प्रतिशत राशि कटौती का आदेश दिया गया है।
डॉ. नरेंद्र शर्मा की पेंशन में कटौती के आदेशइसी प्रकार टिकारी गया में प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी के रूप में तैनात रहे डॉ. नरेंद्र शर्मा ने जेनरेटर मद में 9.80 लाख रुपये का अधिक भुगतान कर दिया।
इस मामले में जांच के बाद दोषी मानते हुए शर्मा की पेंशन से अगले चार वर्ष तक 20 प्रतिशत राशि की कटौती का आदेश दिया गया है।
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Bihar Politics: 'जब मोदी-नीतीश एक मंच पर होंगे...', RJD नेता का चौंकाने वाला दावा; सियासी पारा हाई!
राज्य ब्यूरो, पटना। राष्ट्रीय जनता दल ने दावा किया है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जितनी बार चुनाव प्रचार के लिए बिहार आएंगे महागठबंधन को उतना ही फायदा होगा। राजद प्रवक्ता चितरंजन गगन ने बुधवार को कहा 2020 के विधानसभा चुनाव में जिन क्षेत्रों में पीएम मोदी का कार्यक्रम हुआ वहां एनडीए उम्मीदवारों की करारी हार हुई।
राजद प्रवक्ता ने कहा इस बार एनडीए की स्थिति ज्यादा खराब है। प्रदेश की महागठबंधन की सरकार ने बीते 17 महीने में जो कार्य किए हैं उस बारे में एनडीए के पास बोलने के लिए कुछ नहीं होगा।
उन्होंने कहा गुरुवार को मोदी-नीतीश एक मंच पर होंगे। तब जनता जानना चाहेगी कि बिहार के विशेष राज्य के दर्जे की मांग पर क्या हुआ। दो करोड़ नौकरी, आमजन के खाते में 15-15 लाख, किसानों की आय दोगनी करने जैसी घोषणाओं पर भी लोग प्रधानमंत्री का पक्ष जानना चाहेंगे।
भाजपा चुनाव नहीं, देश के खिलाफ लड़ रही है जंग- दीपंकर भट्टाचार्यभाकपा माले की ओर से राजधानी पटना के गेट पब्लिक लाइब्रेरी में कार्यकर्ता सम्मेलन का आयोजन किया गया। इस मौके पर माले के महासचिव दीपंकर भट्टाचार्य ने कहा कि इस बार भाजपा चुनाव नहीं बल्कि देश के संविधान व लोकतंत्र को पूरी तरह खत्म करने के लिए जंग लड़ रही है। तब हमें भी जंग ही लड़नी होगी और भाजपा-संघ ब्रिगेड के फासिस्ट मंसूबे को धूल चटाने के लिए इस जंग को जीतना ही होगा। यह चुनाव सत्ता व जनता के बीच है।
उन्होंने आगे कहा कि 2004 में किसी ने नहीं सोचा था कि भाजपा हार जाएगी। भाजपा का 400 पार का दावा बिलकुल लफ्फाजी है। ये लोग अंदर से डरे हुए हैं। मोदी सरकार को उखाड़ फेंकना है। जेएनयू छात्र यूनियन के अध्यक्ष धनंजय ने कहा कि भाजपा के खिलाफ बिहार से जो मैसेज निकल रहा है, उसे पूरे देश में लेकर जा रहा हूं। फासीवादी ताकतों को धूल चटाने के लिए बिहार तैयार है। मोदी सरकार दलितों-वंचितों के खिलाफ लगातार साजिश कर रही है, शिक्षा व रोजगार से वंचित कर रही है। हम सब मिलकर मोदी सरकार की तानाशाही को खत्म करेंगे।
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Chirag Paswan: चिराग पासवान को बड़ा झटका! 22 नेताओं ने एक झटके में दे दिया इस्तीफा, टिकट बेचने का आरोप
राज्य ब्यूरो, पटना। चिराग पासवान की पार्टी लोजपा-रामविलास में टिकट वितरण के बाद कोहराम मच गया है। पूर्व सांसद अरुण कुमार चिराग की कार्यशैली पर सवाल उठाकर पहले ही उसका साथ छोड़ चुके हैं। वहीं, बुधवार को चिराग को पार्टी के 22 पदाधिकारियों ने भी साथ छोड़ दिया। यह चिराग के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है।
पार्टी की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एवं पूर्व सांसद रेणु कुशवाहा, राष्ट्रीय महासचिव और पूर्व विधायक सतीश कुमार, संगठन मंत्री रवींद्र कुमार सिंह, मुख्य विस्तारक अजय कुशवाहा, चिकित्सा प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. अजय कुमार यादव, कला संस्कृति एवं खेल प्रकोष्ठ के अध्यक्ष सुधीर प्रसाद, प्रदेश महासचिव राजेश डांगी तथा चितरंजन कुमार, प्रदेश सचिव संजय लाल, क्लेश कुमार यादव, दीपक कुमार तथा अविनव चंद्र समेत अन्य दस पदाधिकारियों ने अपने समर्थकों के संग लोजपा-रामविलास को छोड़ने का एलान किया।
#WATCH | On resignation from Lok Janshakti Party, Former MLA and National General Secretary LJP, Satish Kumar says, "We could see a lot of possibility in him (Chirag Paswan)...We thought that we would change the future of Bihar...All the party workers are shocked by the tickets… pic.twitter.com/fWayRQYUHi
— ANI (@ANI) April 3, 2024 चिराग पर टिकट बेचने का आरोपइन नेताओं ने चुनाव में टिकट बेचने का गंभीर आरोप चिराग पासवान पर लगाया है। साथ ही कुछ नेताओं को चुनाव लड़ाने का बार-बार आश्वासन देकर उन्हें धोखे में रखने का भी आरोप लगाया है।
संगठन मंत्री पद से इस्तीफा देने वाले रवीन्द्र कुमार सिंह ने कहा कि भाजपा को भ्रम में रखते हुए चिराग पासवान अपने पिता रामविलास पासवान का नाम बेच रहे हैं। सबसे शर्मनाक यह कि चिराग ने चुनाव में टिकट बेचने का काम किया।
'चिराग ने धोखा दिया'पूर्व विधायक सतीश कुमार ने धन बल को बढ़ावा देने का आरोप चिराग पर लगाते हुए कहा कि चिराग ने बार-बार उन्हें नालंदा में चुनाव लड़ने की तैयारी कराने को कहा। वे नालंदा के हर प्रखंड में कार्यक्रम करते रहे, पैसा खर्च किया। चिराग ने धोखा दिया।
उन्होंने कहा कि रेणु कुशवाहा को खगड़िया से चुनाव लड़ाने दा बार-बार आश्वासन दिया गया, लेकिन वहां से टिकट भागलपुर के सोने के बड़े कारोबारी को दे दिया। समस्तीपुर में भी एक मंत्री की बेटी को टिकट देने का काम किया।
बता दें कि पूर्व सांसद अरुण कुमार भी चिराग पर कई गंभीर आरोप लगा चुके हैं। उन्होंने कहा था कि संकट के समय में हमने साथ दिया। अपनी पार्टी का विलय कर दिया। उन्हें जहानाबाद या नवादा से चुनाव लड़ने को लेकर चिराग ने बार-बार आश्वस्त कर धोखे में रखा।
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Bihar Politics: लालू यादव के नौ विधायक बनना चाहते हैं सांसद, लाइन में JDU और BJP के भी कई नेता
रमण शुक्ला, पटना। महात्वाकांक्षा का कोई अंत नहीं। राजनीति से अच्छा उदाहरण हो भी नहीं सकता। लोकसभा का यह चुनाव भी इस सच्चाई को दोहरा रहा। राज्यसभा के दो सदस्यों एक विधान पार्षद के साथ कई विधायक मैदान में ताल ठोक रहे। इन्हें लोकसभा में पहुंचने की ललक है, जहां की आवाज पूरे देश में गूंजती है।
महागठबंधन ने अपने सभी प्रत्याशियों की घोषणा नहीं की है। ऐसे में यह कड़ी लंबी हो सकती है। विधान परिषद के सभापति देवेश चंद्र ठाकुर का कार्यकाल अभी दो वर्ष से अधिक है। फिर भी वे सीतामढ़ी के मैदान में जदयू के टिकट पर उतर चुके हैं।
नवादा से भाजपा प्रत्याशी विवेक ठाकुर का कार्यकाल राज्यसभा में 2026 तक के लिए है। उससे पहले वे अपना भविष्य सुरक्षित कर लेना चाह रहे।
पाटलिपुत्र से राजद की प्रत्याशी मीसा भारती की भी कुछ ऐसी ही स्थिति है। राज्यसभा में उनका कार्यकाल अभी 2028 तक है, लेकिन वे तीसरी बार पाटलिपुत्र के मैदान में दांव आजमा रहीं हैं। पिछला दो चुनाव भाजपा के रामकृपाल यादव से हार चुकी हैं।
12 विधायक चुनाव मैदान मेंऊपर के तीन के अलावा 18वीं लोकसभा के महासमर में अब तक 12 विधायक उतर चुके हैं। यह संख्या बढ़ भी सकती है, क्योंकि कई सीटों पर प्रत्याशियों की घोषणा नहीं हुई, जहां दावेदारों में कई विधायक भी हैं।
राजद ने सर्वाधिक नौ विधायकों को मैदान में उतारा है। गया (सुरक्षित) से कुमार सर्वजीत, जहनाबाद से सुरेंद्र यादव, दरभंगा से ललित यादव, उजियारपुर से आलोक मेहता और बक्सर से सुधाकर सिंह को तो सिंबल भी मिल चुका है।
सिवान में अवध बिहारी चौधरी जुट गए हैं। वे विधानसभा के अध्यक्ष से पदच्युत किए जाने वाले पहले व्यक्ति हैं। चंद्रहास चौपाल शेखपुरा और बहुचर्चित प्रो. चंद्रेशखर मधेपुरा का मैदान मारने की जुगत भिड़ाने लगे हैं। इनके नामों की अभी औपचारिक घोषणा नहीं हुई, लेकिन दावेदारी प्रबल है।
वाम दल ने भी विधायकों पर जताया भरोसाविधायकों पर भरोसा जताने में वाम दल भी पीछे नहीं। भाकपा माले ने नालंदा में संदीप सौरभ को उतारा है और आरा में सुदामा प्रसाद को। दोनों क्रमश: पालीगंज और तरारी के विधायक हैं।
स्थानीय विधायक अजीत शर्मा को कांग्रेस से भागलपुर के लिए सिंबल मिल चुका है और हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा के टिकट पर पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी गया में अपनी हार की हैट्रिक रोकने के लिए रात-दिन एक किए हुए हैं। गया का रण बड़ा ही रोचक है। वहां आमने-सामने का मुकाबला है और भिड़ने वाले दोनों विधायक।
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Bihar School Timing: अप्रैल की तपिश में होगी पढ़ाई, क्या KK Pathak बदलेंगे स्कूल की टाइमिंग?
जागरण संवाददाता, पटना। बिहार में ग्रीष्मकालीन कार्य प्रणाली अपवाद को छोड़कर चली आ रही है। पहली अप्रैल से सरकारी कार्यालय, न्यायपालिका और स्कूलों में पठन-पाठन प्रात:कालीन होते हैं। राज्य में पहली बार सरकारी स्कूल अप्रैल में प्रात:कालीन नहीं हुआ।
न्यायिक कार्य सुबह 7.00 से 1.00 बजे कर दिया गया, लेकिन स्कूलों में बच्चों की पढ़ाई 10.00 से 4.00 बजे तक चल रही है। इस बार शिक्षा विभाग ने तपिस में प्रात:कालीन शिक्षण कार्य के लिए आदेश नहीं जारी किया है। अप्रैल में मौसम गर्म होने के साथ ही जिला प्रशासन और सिविल सर्जन से जन सुरक्षा के लिए अलर्ट जारी कर दिया है।
बीते साल 13 से 19 अप्रैल के बीच अधिकतम तापमान 39 से 41 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया था। अप्रैल के अंतिम सप्ताह में 23 से 28 अप्रैल के बीच में अधिकत तापमान सामान्य से करीब 4 डिग्री अधिक और 42 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया था।
एक अप्रैल से गर्मी को देखते हुए स्कूलों के समय में में परिवर्तन किया जाता था और सभी स्कूल मॉर्निंग शिफ्ट में संचालित होती थी, लेकिन इस बार ऐसा नहीं हो रहा है। प्राथमिक से लेकर उच्च माध्यमिक के स्कूलों में शिक्षण सुबह 10 बजे से शाम चार बजे तक संचालित हो रही है।
इस वजह से इस भीषण गर्मी में बच्चों को पूरे दिन स्कूल में रहकर पढ़ाई होगी। शिक्षा विभाग ने इस बार स्कूलों को मॉर्निंग शिफ्ट में संचालित करने पर रोक लगा दी है। विभाग ने कहा है कि ग्रीष्मावकाश के बाद अगर अत्यधिक गर्मी पड़ेगी तो उस समय विचार किया जाएगा।
वर्तमान में 14 अप्रैल तक स्कूल का समय (सुबह 10 से चार बजे तक) वही रहेगा। शिक्षक सुबह नौ तक स्कूल आएंगे और कक्षाएं 10 बजे से संचालित होगी। जिला शिक्षा पदाधिकारी संजय कुमार ने बताया कि स्कूल का समय-सारिणी यथावत है।
ग्रीष्मकालीन अवकाश में पढ़ते रहें कमजोर बच्चेसरकारी स्कूलों में 15 अप्रैल से गर्मी की छुट्टी घोषित हो जाएगी। जो 15 मई तक जारी रहेगी। शिक्षा विभाग के आदेश के अनुसार 15 अप्रैल से 15 मई तक केवल कक्षाएं स्थगित रहेगी, लेकिन स्कूल खुले रहेंगे। शिक्षकों प्रतिदिन स्कूल आना है।
गर्मी की छुट्टी के दौरान सामान्य बच्चों की कक्षाएं नहीं चलेगी, बल्कि वैसे बच्चों की मिशन दक्ष और विशेष कक्षाएं चलेंगी जो पढ़ने में कमजोर हैं। स्कूलों का निरीक्षण कार्य भी जारी रहेगा। इसकी प्रतिदिन की रिपोर्ट विभाग को देनी है।
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BJP को झटका! Sushil Modi नहीं कर पाएंगे चुनाव प्रचार, शिवानंद बोले- हमारी दुआएं उनके साथ...
राज्य ब्यूरो, पटना। भाजपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी इस बार लोकसभा चुनाव प्रचार नहीं करेंगे। बुधवार को उन्होंने अपने एक्स हैंडल पर यह जानकारी दी।
उन्होंने लिखा है- पिछले छह माह से कैंसर से संघर्ष कर रहा हूं। अब लगा कि लोगों को बताने का समय आ गया है। लोकसभा चुनाव में कुछ कर नहीं पाऊंगा। प्रधानमंत्री को सब कुछ बता दिया है। देश, बिहार और पार्टी का सदा आभार और सदैव समर्पित।
मोदी के एक्स हैंडल पर खबर आते ही हजारों लोगों ने उनके शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की। समर्थकों-शुभचिंतकों ने कहा कि सुशील मोदी जुझारू हैं। उन्होंने संघर्ष से जीत हासिल की है। इस बीमारी से भी वह जीतेंगे।
'हमारी शुभकामनाएं उनके साथ हैं'समाजवादी पार्टी के राज्यसभा सदस्य प्रो. राम गोपाल यादव ले कहा कि सुशील मोदी जल्द स्वस्थ होंगे। राजद के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष शिवानंद तिवारी ने कहा कि सुशील जुझारू हैं। बीमारी के समक्ष भी उनका जुझारूपन बना रहेगा। हमारी शुभकामनाएं और दुआएं उनके साथ हैं।
उप मुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा ने ईश्वर से प्रार्थना है कि वे जल्द पूर्णतः स्वस्थ और सक्रिय हों, ताकि उनके अनुभव, समाज और शासन को लेकर उनकी गहरी समझ का लाभ मुझ जैसे पार्टी के अनगिनत कार्यकर्ताओं को सदैव मिलता रहे। उद्योग मंत्री नीतीश मिश्रा ने आशा व्यक्त की है कि सुशील मोदी शीघ्र स्वस्थ्य होकर राज्य की सेवा करेंगे।
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Pappu Yadav: पप्पू यादव ने Lalu Yadav के सामने रखी नई 'डील', अगर ऐसा हुआ तो कांग्रेस भी छोड़ देंगे
डिजिटल डेस्क, पटना। Pappu Yadav On Lalu Yadav बिहार की सियासत में इस वक्त पप्पू यादव और बीमा भारती की खूब चर्चा हो रही है। पूर्णिया बिहार की हॉट सीट बन चुकी है। राजद की उम्मीदवार बीमा भारती ने पर्चा भी दाखिल कर दिया है। वहीं अपनी जन अधिकार पार्टी का कांग्रेस में विलय कर चुके पप्पू यादव अभी भी जिद पर अड़े हुए हैं।
दरअसल, पप्पू यादव शुरू से ही पूर्णिया लोकसभा सीट पर दावेदारी ठोक रहे हैं। उन्होंने टिकट मिलने की आस में कांग्रेस ज्वाइन कर ली, मगर पूर्णिया पर लालू ने बीमा भारती को प्रत्याशी घोषित कर दिया। अब पप्पू यादव भी नामांकन भरने की तैयारी में हैं। पप्पू 4 अप्रैल को पर्चा भरेंगे।
#WATCH | Bihar: Congress leader Pappu Yadav says, "...No one can Challenge the people of Purnea. What kind of enmity is this from Papu Yadav, to whom you (Lalu Yadav) you're fighting? I have asked for just one seat and said if you're having a problem with Congress, I'll join you… pic.twitter.com/UdzZkJOPX6
— ANI (@ANI) April 3, 2024 'मैंने हमेशा लालू यादव का साथ दिया...'हालांकि, पप्पू यादव ने लालू यादव को एक बड़ा संदेश दे दिया है। पप्पू यादव ने कहा है कि अगर लालू यादव को कांग्रेस से दिक्कत है तो हम राजद के सिंबल पर भी चुनाव लड़ने के लिए तैयार हैं। पप्पू यादव ने कहा कि मैंने हमेशा लालू यादव का साथ दिया है, जब वो संकट में थे, तब पप्पू यादव उनके साथ खड़ा था।
कांग्रेस पप्पू यादव ने यह भी कहा कि कई लोगों ने 2025 को टारगेट बनाया हुआ है, लेकिन मैं इस बात में स्पष्ट हूं। मेरा लक्ष्य 2024 के लोकसभा चुनाव हैं। पप्पू यादव ने अपना दुख भी साझा किया। उन्होंने कहा कि मैं विषम समय में लालू यादव के साथ रहा हूं, लेकिन जब मेरी बारी आई तो ऐसा हो रहा है।
पप्पू यादव ने आगे कहा, "मुझे अब लगता है कि मेरी पूजा, इबादत में कोई कमी रह गई होगी... मुझे नहीं पता कि मैंने क्या गलती की है?"
पप्पू यादव बोले कि मैंने उन्हें (लालू यादव) साफ शब्दों में कहा कि मैं परिवार का हूं और मर्जर नहीं करूंगा। मैं मधेपुरा और सुपौल नहीं जाऊंगा। हम तो राजद के टिकट पर चुनाव लड़ने के लिए भी तैयार हैं, लेकिन पूर्णिया नहीं छोड़ूंगा। मैंने हमेशा पूर्णिया की सेवा की है। सब लोग ये देख रहे हैं।
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Bihar politics : सीटें बदलते ही बदल गए समीकरण, पहले चरण में कौन करेगा 'खेला'? ये है पूरा लेखा-जोखा
राज्य ब्यूरो, पटना। Bihar Political News in Hindi । बिहार में सात चरणों में लोकसभा का चुनाव हो रहा है। पहले चरण में जिन चार संसदीय क्षेत्रों (गया, औरंगाबाद, नवादा, जमुई) में 19 अप्रैल को मतदान होना है, वे नक्सल प्रभावित हैं। इनमें गया और जमुई सुरक्षित क्षेत्र हैं।
इन चारों संसदीय क्षेत्रों में इस बार संघर्ष का दृश्य पिछली बार से कुछ अलग ही है। कहीं आमने-सामने के प्रत्याशी बिल्कुल ही नए हैं तो कहीं परिवारवाद की नई पटकथा लिखी जा रही।
इन सबके साथ महत्वपूर्ण तथ्य यह है कि दोनों गठबंधनों (राजग और महागठबंधन) में दूसरे क्रमांक वाली पार्टियां क्रमश: जदयू और कांग्रेस पहले चरण के मैदान में हैं ही नहीं।
पिछली बार आमने-सामने के मुकाबले का लाभ राजग को मिला था। चारों सीटें उसकी झोली में गई थीं। औरंगाबाद में भाजपा व गया में जदयू विजयी रहा था। जमुई और नवादा लोजपा के खाते में गए थे।
इस बार समझौते में सीटें इधर-उधर हुई हैं। समीकरण में भी कुछ परिवर्तन है और संघर्ष करने वाले अधिसंख्य चेहरे बदले हुए हैं तो मंझे हुए खिलाड़ी मैदान में बने हुए भी हैं।
पार्टी और गठबंधन में पाला बदल भी हुआ है। इसके अलावा नारे-वादे भी कुछ परिवर्तित हो गए हैं। ऐसे में पहले चरण का रण काफी रोचक हो गया है।
औरंगाबाद में चौथी जीत होगी या नया इतिहास बनेगाबिहार में चित्तौड़गढ़ उपनाम वाले औरंगाबाद में सुशील कुमार सिंह इस बार भी भाजपा के प्रत्याशी हैं। पिछले तीन चुनावों से वे यहां जीत रहे और इस बार चौथी जीत के लिए प्रयासरत हैं।
मुकाबला करने वाले महागठबंधन में हर बार प्रत्याशी बदल जा रहा है। इस बार जदयू छोड़कर आए अभय कुशवाहा राजद के प्रत्याशी हैं।
2019 में हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा से उपेंद्र प्रसाद आखिरी क्षण में प्रत्याशी घोषित हुए थे। 2014 में कांग्रेस से निखिल कुमार थे।
कांग्रेस की इस परंपरागत सीट के लिए निखिल कुमार इस बार आस लगाए ही रह गए। 2009 में राजद और कांग्रेस अलग-अलग चुनाव लड़े थे, तब भी विजेता सुशील कुमार सिंह ही थे। नया इतिहास लिखने की ललक में राजद यहां के मैदान में उतरा है।
गया में हार की हैट्रिक बनेगी या जीत का रिकार्डपिछली बार भाजपा ने अपनी यह सीट जदयू को दे दी थी और इस बार हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (हम) को। राजग से महागठबंधन और फिर राजग में आकर पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी अपनी पार्टी हम से यहां प्रत्याशी हैं। पिछले दो चुनावों में वे मात खा चुके हैं।
2014 में जदयू के टिकट पर और 2919 में हम प्रत्याशी के रूप में। 2014 में तो वे तीसरे पायदान पर रहे थे और 2019 में निकटतम प्रतिद्वंद्वी।
पिछली बार हम महागठबंधन का घटक था। जीत जदयू के विजय मांझी को मिली थी। इस बार मांझी के मुकाबले राजद से पूर्व मंत्री सर्वजीत हैं। सर्वजीत के लिए संसदीय चुनाव का यह पहला अनुभव है।
जमुई के लिए इस बार नया अनुभव हैजमुई में पिछला दो चुनाव लोजपा के चिराग पासवान जीते हैं। इस बार वे हाजीपुर चले गए हैं और जमुई को अपने बहनोई अरुण भारती के हवाले कर गए हैं।
अरुण पूर्व मंत्री कुमारी ज्योति के पुत्र हैं, जो लोजपा में परिवारवाद की नई पटकथा लिख रहे। किसी पार्टी के नेता द्वारा अपने बहनोई को चुनावी मैदान में लाने का यह पहला उदाहरण है।
मुकाबले में महागठबंधन में राजद से अर्चना रविदास हैं। दोनों के लिए यह पहला चुनावी अनुभव है। पिछली बार रालोसपा से भूदेव चौधरी यहां दूसरे स्थान पर रहे थे और नोटा तीसरे स्थान पर। 2014 में राजद के सुधांशु शेखर को दूसरा स्थान मिला था।
नवादा में उभरता दिख रहा तीसरा कोणइस बार लोजपा से भाजपा ने यह सीट वापस ले ली है। 2019 में बाहुबली सूरजभान के भाई चंदन सिंह लोजपा से विजयी हुए थे। 2014 में यहां से भाजपा के फायरब्रांड गिरिराज सिंह सांसद बने थे।
दोनों बार राजद दूसरे स्थान पर रहा था। पिछली बार विभा देवी उसकी प्रत्याशी थीं और 2014 में उनके पति राजबल्लभ प्रसाद। राजद ने यहां से राजबल्लभ परिवार को अलग कर दिया है और भाजपा ने लोजपा को।
श्रवण कुशवाहा राजद के प्रत्याशी हैं। मुकाबले में भाजपा से राज्यसभा सदस्य विवेक ठाकुर हैं। दोनों पहली बार लोकसभा का चुनाव लड़ रहे। उनके साथ तीसरा कोण बनाने के लिए विनोद यादव उतर आए हैं, जो राजबल्लभ के भाई हैं और राजद से टिकट के दावेदार थे।
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क्या आप Chirag Paswan को देंगे समर्थन? इस सवाल पर पशुपति पारस ने तोड़ी चुप्पी; बोले- अगर हमारा...
डिजिटल डेस्क, पटना। Pashupati Paras On Chirag Paswan बिहार की सियासत में एक तरफ बीमा भारती और पप्पू यादव की चर्चा है तो दूसरी तरफ पशुपति पारस और चिराग भी सुर्खियों में बने हुए हैं। सारी टेंशन खत्म होने के बाद पारस एनडीए में तो आ गए, लेकिन क्या वो हाजीपुर में चिराग का समर्थन करेंगे? ये सवाल अभी भी सबके मन में है।
बुधवार को चिराग पासवान के चाचा पशुपति पारस ने इस सवाल पर भी विराम लगा दिया। पशुपति पारस ने मीडिया से बातचीत में कहा कि वो 40 की 40 सीटों पर एनडीए का समर्थन करेंगे। उन्होंने कहा कि फिर चाहे लोजपा की सीट हो या चिराग पासवान की, वो उनका समर्थन करेंगे।
'अगर हमारा किसी से विरोध है तो...'पशुपति पारस ने कहा कि वो एनडीए के सभी दलों का समर्थन करेंगे। सीट किसी की भी हो हम सपोर्ट करेंगे। हम नीति के साथ चलने वाले लोग हैं। अगर हमारा किसी से विरोध है तो उसे हम सार्वजनिक नहीं करते हैं। हमारा लक्ष्य है देश में तीसरी बार मोदी जी की सरकार बने।
जेपी नड्डा से मिले थे पशुपति पारसइससे पहले, मंगलवार को पशुपति पारस ने अपने भतीजे प्रिंस राज के साथ दिल्ली में बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात की थी। इस मुलाकात के कई सियासी मायने भी निकाले जा रहे हैं। नड्डा ने भी मुलाकात की तस्वीर एक्स पर शेयर की।
जेपी नड्डा ने लिखा- आने वाले चुनाव में भी हमारा गठबंधन मजबूती से बना रहेगा और पशुपति जी की पार्टी बिहार में एनडीए के सभी 40 उम्मीदवारों का पूर्ण समर्थन करेगी। साथ ही उनकी जीत सुनिश्चित करने में हरसंभव सहयोग देगी।
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नीतीश सरकार की बढ़ी टेंशन! Land Registry Revenue में आई 12 प्रतिशत की कमी; 413 करोड़ का राजस्व घटा
राज्य ब्यूरो, पटना। एक अप्रैल से नया वित्तीय वर्ष शुरू हो चुका है। पिछले वित्तीय वर्ष 2023-24 के लेखा-जोखा की बात करें तो परिवहन विभाग ने राजस्व लक्ष्य से अधिक जाकर 14 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की है। वहीं पिछले साल राजस्व लक्ष्य का नया रिकॉर्ड बनाने वाल निबंधन विभाग इस बार पिछड़ गया है।
इस बार निबंधन विभाग के राजस्व में 12 प्रतिशत की कमी दर्ज की गई है। विभागीय अधिकारी राजस्व में कमी का बड़ा कारण निबंधन के लिए जमाबंदी की शर्त को जोड़ना बता रहे हैं।
परिवहन विभाग ने वर्ष 2023-2024 में 3351 करोड़ रुपये का राजस्व वसूल किया है। परिवहन सचिव संजय कुमार अग्रवाल ने बताया कि विभाग ने विगत वर्ष 2935 करोड़ रुपये राजस्व की प्राप्ति हुई थी जिसकी तुलना में इस बार 416 करोड़ रुपये की अधिक वसूली हुई है।
13 लाख से अधिक नए वाहन हुए निबंधितराज्य में वाहनों के निबंधन में भी 12.24 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है। पिछले वर्ष 2022-2023 में राज्य में कुल 11 लाख 75 हजार 468 वाहनों का निबंधन किया गया था जबकि 2023-2024 में कुल 13 लाख 19 हजार 406 वाहनों का निबंधन किया गया है। निबंधित वाहनों में सबसे अधिक संख्या दोपहिया वाहनों की है।
वर्ष 2023-24 में कुल दस लाख 37 हजार 501 मोटरसाइकिल एवं स्कूटर का निबंधन किया गया है। वहीं 74 हजार 32 ई रिक्शा, 33 हजार 954 आटो और 74 हजार 510 नए मोटरकार का निबंधन किया गया है। इसके पूर्व 49 हजार 631 ई-रिक्शा, 23 हजार 243 आटो और 69 हजार 111 कार का निबंधन हुआ था। राज्य में बसों के निबंधन में भी वृद्धि हुई है। पिछले साल 1397 बसों का निबंधन किया गया था जबकि 2023-2024 में 2000 बसों का निबंधन हुआ।
परिवहन विभाग की राजस्व प्राप्ति- 2019-20- 2713 करोड़
- 2020-21- 2268 करोड़
- 2021-22- 2471 करोड़
- 2022-23- 2935 करोड़
- 2023-24- 3351 करोड़
निबंधन विभाग की राजस्व वसूली में 413 करोड़ रुपये की कमी दर्ज की गई है। वित्तीय वर्ष 2022-23 में निबंधन विभाग ने रिकॉर्ड 6583 करोड़ रुपये का राजस्व हासिल किया था। इससे उत्साहित होकर विभाग का नया लक्ष्य सात हजार करोड़ तय किया गया था मगर 31 मार्च तक विभाग 6170 करोड़ रुपये का राजस्व ही वसूल पाया। इस दौरान करीब 1.30 लाख दस्तावेज भी कम निबंधित हुए।
पटना जिले ने सर्वाधिक 1.05 लाख दस्तावेजों का निबंधन करते हुए 1143 करोड़ का राजस्व प्राप्त किया। यह उसके निर्धारित लक्ष्य का मात्र 83.45 प्रतिशत था। इसके मुकाबले वर्ष 2022-23 में पटना जिले ने 1.20 लाख दस्तावेजों का निबंधन करते हुए लक्ष्य का 121 फीसदी यानि 1300 करोड़ रुपये का राजस्व पाया था।
निबंधन विभाग के अधिकारियों के अनुसार, इस साल फरवरी तक निबंधन विभाग अपने लक्ष्य के बराबर चल रहा था लेकिन 21 फरवरी से जमाबंदी का नियम लागू होने पर निबंधन की दर 60 से 70 प्रतिशत तक गिर गई। हर साल मार्च में करीब 600 से 750 करोड़ रुपये का निबंधन होता था मगर इस बार मार्च के महीने में करीब 226 करोड़ रुपये की आय ही संभव हो सकी।
भोजपुर, अररिया और सहरसा ने सर्वाधिक 99 प्रतिशत से अधिक लक्ष्य हासिल किया है। इसके अलावा मधेपुरा ने 98 और बेतिया व सारण ने 95-95 प्रतिशत राजस्व लक्ष्य हासिल किया। शेखपुरा में सबसे कम 70 प्रतिशत राजस्व लक्ष्य हासिल हो पाया।
निबंधन विभाग की राजस्व प्राप्ति- 2019-20 - 4422 करोड़
- 2020-21 - 4257 करोड़
- 2021-22 - 5215 करोड़
- 2022-23- 6583 करोड़
- 2023-24- 6170 करोड़
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Bihar Politics: बिहार की राजनीति से फिल्मी सितारे 'आउट'! पिछले 20-25 सालों में पहली बार हुआ ऐसा
कुमार रजत, पटना। एक तरफ दिल्ली, उत्तरप्रदेश, पश्चिम बंगाल जैसे पड़ोसी राज्यों में कई फिल्मी सितारे लोकसभा चुनाव में अपनी किस्मत आजमा रहे हैं, वहीं बिहार में इस बार सितारे चुनावी मैदान से गायब हैं। पिछले दो-ढाई दशकों में यह पहली बार है, जब कोई भी फिल्मी सितारा बिहार से लोकसभा चुनाव नहीं लड़ रहा।
पिछली बार पटना साहिब से चुनाव हारने वाले शत्रुघ्न सिन्हा भी तृणमूल कांग्रेस का दामन थामकर बंगाल के आसनसोल पहुंच गए हैं। दरअसल, बिहार की सियासी जमीन फिल्मी सितारों को रास भी नहीं आती। शत्रुघ्न सिन्हा को छोड़ दें तो यहां से शेखर सुमन, कुणाल सिंह और प्रकाश झा ने भी अपनी किस्मत आजमाई मगर जीत नसीब नहीं हो सकी।
पटना साहिब से हर बार सितारों ने आजमाई किस्मतवर्ष 2009 में परिसीमन के बाद पटना लोकसभा सीट को पटना साहिब और पाटलिपुत्र लोकसभा सीटों में बांट दिया गया। तब से हर बार पटना साहिब पर फिल्मी सितारों ने किस्मत आजमाई है। 2009 में भाजपा ने बिहारी बाबू शत्रुघ्न सिन्हा को टिकट दिया। उनके सामने कांग्रेस ने पटना के ही रहने वाले फिल्म और टेलीविजन के चमकते सितारे शेखर सुमन को उम्मीदवार बनाया।
एकतरफा मुकाबले में शत्रुघ्न सिन्हा ने तीन लाख 16 हजार से अधिक वोट हासिल किए। शेखर सुमन महज 61 हजार वोट पाकर तीसरे स्थान पर रहे। कांग्रेस ने 2014 में शत्रुघ्न सिन्हा के सामने भोजपुरी के अमिताभ बच्चन कहे जाने वाले कुणाल सिंह को उम्मीदवार बनाया मगर फिर से शाटगन सिन्हा ढाई लाख से अधिक मतों से विजयी हुए।
वर्ष 2019 में भाजपा ने शत्रुघ्न सिन्हा का टिकट काटकर रविशंकर प्रसाद को दिया। शत्रुघ्न कांग्रेस के टिकट पर पटना साहिब से उतरे मगर पौने तीन लाख वोटों से चुनाव हार गए। इसके बाद उन्होंने तृणमूल कांग्रेस का दामन थाम लिया और बंगाल के आसनसोल से उपचुनाव जीतकर सांसद बने।
प्रकाश झा ने लगाई हार की हैट्रिकराजनीति, अपहरण और गंगाजल जैसी सुपरहिट फिल्मों के निर्माता-निर्देशक प्रकाश झा को असली राजनीति रास नहीं आई। उन्होंने बिहार से लोकसभा चुनाव में तीन बार किस्मत आजमाई मगर हर बार हार का सामना करना पड़ा। वर्ष 2004 में प्रकाश झा बेतिया सीट से निर्दलीय लड़े और बुरी तरह चुनाव हारे। राजद के रघुनाथ झा विजयी हुए।
परिसीमन के बाद बेतिया सीट का नाम पश्चिमी चंपारण हो गया। जहां 2009 में प्रकाश झा ने रामविलास पासवान की पार्टी लोजपा के टिकट पर चुनाव लड़ा मगर 47 हजार वोट से हार गए। अगली बार जदयू के टिकट पर फिर पश्चिमी चंपारण सीट से ही किस्मत आजमाई मगर इस बार एक लाख 11 हजार वोट से हारे। दोनों ही बार भाजपा के डा. संजय जायसवाल ने उन्हें हराया।
दिल्ली-यूपी में धूम मचा रहे भोजपुरी कलाकारभोजपुरी फिल्में भले ही बिहार में धूम मचाती हों मगर उसके कलाकार राजनीति की पिच पर दिल्ली और उत्तरप्रदेश में छक्का लगा रहे हैं। बिहार के कैमूर के रहने वाले भोजपुरी सुपरस्टार मनोज तिवारी लोकसभा की उत्तर-पूर्वी दिल्ली से भाजपा सांसद रह चुके हैं। एक बार फिर उन्हें दिल्ली से भाजपा का टिकट मिला है।
इसी तरह भोजपुरी फिल्मों के सुपरस्टार रवि किशन गोरखपुर जबकि दिनेश लाल यादव निरहुआ आजमगढ़ सीट से भाजपा के सांसद रह चुके हैं और फिर से चुनावी मैदान में किस्मत आजमा रहे हैं।
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