Bihar News
बिहार में क्या है कांग्रेस की रणनीति? आठ प्रत्याशियों में तीन सवर्ण, समस्तीपुर सीट पर बनी रहेगी सबकी नजर
राज्य ब्यूरो, पटना। Bihar Politics In Hindi दूसरे चरण का चुनाव नजदीक है। इससे पहले कांग्रेस (Congress) ने बिहार में कुछ सीटों पर अपने प्रत्याशी उतार दिए हैं। इस बार कांग्रेस ने कुछ सवर्ण उम्मीदवारों पर भी भरोसा जताया है।
कांग्रेस के अब तक घोषित आठ प्रत्याशियों में सवर्ण समुदाय से तीन, मुसलमान और अनुसूचित जाति से दो-दो के साथ अजय निषाद अति पिछड़ा वर्ग से हैं। सवर्णों में अजीत शर्मा और आकाश प्रसाद सिंह भूमिहार समाज से हैं, जबकि मदन मोहन तिवारी ब्राह्मण।
तारिक अनवर व मो. जावेद मुस्लिम समाज के प्रतिनिधि हैं। अनुसूचित जाति में सन्नी हजारी पासवान समाज से हैं और मनोज कुमार चर्मकार हैं। कांग्रेस का परंपरागत जनाधार सवर्ण व अनुसूचित जाति के साथ मुसलमान वर्ग में ही है। इसी जनाधार से इस बार भी विशेष आसरा है।
आमने सामने दो मंत्रियों की संतानेंबहरहाल समस्तीपुर ऐसा संसदीय क्षेत्र है, जहां जदयू (JDU) के ही दो मंत्रियों के पुत्र व पुत्री आमने-सामने के प्रतिद्वंद्वी हैं। दोनों के लिए संसदीय चुनाव (Lok Sabha Election) का पहला अनुभव है। प्रखंड प्रमुख सन्नी हजारी से पहले ही लोजपा (LJP) की घोषित प्रत्याशी शांभवी चौधरी वहां चुनाव प्रचार में जुट गई हैं।
वे मंत्री अशोक चौधरी की पुत्री व चर्चित आइपीएस अधिकारी रहे किशोर कुणाल की पुत्रवधू हैं। दूसरे चरण के तीन संसदीय क्षेत्रों (किशनगंज, कटिहार, भागलपुर) में प्रत्याशियों की घोषणा पहले की कर चुकी है। वहां 26 अप्रैल को मतदान होना है।
पिछली बार कांग्रेस के बूते महागठबंधन एकमात्र किशनगंज में विजयी रहा था। सांसद मो. जावेद इस बार भी मैदान में हैं। कटिहार में पूर्व केंद्रीय मंत्री तारिक अनवर और भागलपुर में नगर विधायक अजीत शर्मा दांव आजमा रहे।
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Patna News : पटना में लावारिस सूटकेस में बम की आशंका से मची अफरा-तफरी, खोलकर देखा तो पुलिस भी रह गई हैरान
जागरण संवाददाता, पटना। पटना जंक्शन के समीप जमाल रोड मोड़ पर सोमवार की शाम उस वक्त अफरा-तफरी मच गई, जब लाेगों ने बाइक की कतार के बीच लावारिस हालत में सूटकेस रखा देखा। सूचना मिलते ही कोतवाली पुलिस मौके पर पहुंची और सभी बाइक को हटवा कर बांस-बल्ले से सूटकेस के आसपास घेराबंदी कर दी।
सूटकेस में मिले ये सभी सामानकरीब आठ घंटे तक ऊहापोह की स्थिति बनी रही। बम निरोधक दस्ता, डाग स्क्वाॅयड, एटीएस समेत कई प्रभागों की टीम ने परीक्षण किया, जिसके बाद सूटकेस में संदिग्ध वस्तु होने की आशंका जताई गई।
आधी रात बाद वरीय अधिकारियों की निगरानी में सूटकेस को बालू लदी पिकअप वैन के बीच रख कर गंगा किनारे लेकर जाया गया।
वहां जाकर सूटकेस खोला तो मालूम हुआ कि उसमें मोबाइल चार्जर, कुछ नकदी, दवा, कपड़े और बेगूसराय स्थित एक स्वर्ण आभूषण दुकान के दो पाउच मिले। एसएसपी राजीव मिश्रा ने कहा कि एसओपी का पालन किया गया था। किसी प्रकार का विस्फोटक नहीं मिला।
संदिग्ध युवक की पहचान में जुटी पुलिसबताया जाता है कि सूटकेस के आसपास घेराबंदी करने के बाद पुलिस ने घटनास्थल के पास एक होटल में लगे सीसी कैमरों के फुटेज को देखा तो दंग रह गई।
उसमें एक संदिग्ध युवक आसमानी रंग का सूटकेस लेकर आता दिखा था। उसने बाइक की कतार के बीच स्टैंड पर सूटकेस को धीरे से रखा, फिर इधर-उधर देखने के बाद चला गया।
सीसीटीवी फुटेज दिखा पुलिस विभाग में मचा हड़कंपफुटेज देखने के बाद कोतवाली थानेदार राजन कुमार ने वरीय अधिकारियों को जानकारी दी। सूचना पाकर डीएसपी विधि-व्यवस्था प्रथम कृष्ण मुरारी प्रसाद आधा दर्जन थानों की पुलिस के साथ पहुंचे। सूटकेस देखने के लिए काफी संख्या में लोगों की भीड़ जमा हो गई।
पुलिस ने सभी लोगों को दो सौ मीटर परिधि से बाहर किया। साथ ही वाहनों को डायवर्ट कर दूसरे मार्गों से निकाला जाने लगा। हालात पर काबू पाने के लिए पुलिस लाइन से भी लाठी बल को बुलाया गया।
बावजूद इसके रात 12 बजे तक लोगों की भीड़ लगी रही। ऐसा माना जा रहा है कि सूटकेस रखना वाला अटैची लिफ्टर हो सकता है। उसकी खोज की जा रही है।
स्कैनर ने जताई विस्फोटक की आशंकाएटीएस और बम स्क्वायड की टीम ने कई तरह से सूटकेस का परीक्षण किया। इसी कड़ी में सूटकेस को स्कैन कराया गया। सूत्र बताते हैं कि स्कैनर ने विस्फोटक होने की आशंका जताई थी।
इसके बाद दो पिकअप वैन से बालू मंगवाई गई। पुली लगा कर सूटकेस को करीब 20 फीट ऊंचा खींचा गया, फिर आराम से वैन पर रख दिया।
इसके बाद सूटकेस को गंगा किनारे दियारे इलाके में ले जाकर खोला गया था।सूटकेस मालिक की पहचान भी की जा रही है। उसके मिलने के बाद मालूम हो पाएगा कि वहां तक सूटकेस कैसे पहुंचा?
बहरहाल, सूटकेस खुलने के बाद पुलिस ने राहत की सांस ली। उसमें रखे चार्जर की वजह से स्कैनर ने विस्फोटक की आशंका जताई थी।
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Bihar Weather Today : फिर बिगड़ने वाला है बिहार का मौसम, इन जिलों में बारिश का अनुमान; कुछ जगहों पर दिखेगा 'लू' का असर
जागरण संवाददाता, पटना। Bihar Weather News Today बीते छह दिनों से पटना समेत प्रदेश में पछुआ हवा की रफ्तार कम होने के साथ मौसम में बदलाव आया है। सोमवार को पटना व आसपास इलाकों में दिन भर बादलों की आवाजाही बने होने के कारण तापमान पर इसका प्रभाव पड़ा है।
राजधानी के अधिकतम तापमान में 24 घंटों के दौरान दो डिग्री की गिरावट के साथ सोमवार को 38.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। जबकि, 41.4 डिग्री सेल्सियस के साथ सिवान का जीरादेई प्रदेश का सबसे गर्म शहर रहा।
दो दिनों बाद फिर बादलेगा मौसमसोमवार को बक्सर, वाल्मीकि नगर, पूसा, अगवानपुर, फारबिसगंज, किशनगंज को छोड़कर पटना सहित शेष जिलों के अधिकतम तापमान में गिरावट दर्ज की गई। मौसम विज्ञान केंद्र पटना के अनुसार दो दिनों बाद मौसम में एक बार फिर बदलाव होगा।
24-26 अप्रैल के बीच पटना समेत दक्षिणी व उत्तर-पश्चिम भागों में गर्म दिन रहने के साथ भीषण लू को लेकर येलो अलर्ट जारी किया गया। 24 घंटे बाद अगले तीन दिनों के दौरान अधिकतम तापमान में तीन से चार डिग्री सेल्सियस की वृद्धि का पूर्वानुमान है।
25 शहरों का अधिकतम तापमान 40 डिग्री सेल्सियस के नीचेमंगलवार को पटना व आसपास इलाकों में आंशिक बादल छाए रहने की संभावना है। दक्षिण-पश्चिम व दक्षिण-मध्य भागों के 14 जिलों में गर्म दिन रहने की चेतावनी जारी की गई है। मौसम विभाग के अनुसार चक्रवातीय परिसंचरण का क्षेत्र उत्तर-पूर्व असम व आसपास एवं मराठवाड़ा व पश्चिम विदर्भ के आसपास बना हुआ है।
इनके प्रभाव से प्रदेश के उत्तरी भागों के कुछ स्थानों पर हल्की वर्षा की संभावना है जबकि शेष भाग शुष्क बना रहेगा। पटना सहित 25 शहरों का अधिकतम तापमान 40 डिग्री सेल्सियस के नीचे दर्ज किया गया।
प्रमुख शहरों का तापमान शहर अधिकतम न्यूनतमपटना 38.6 27.4
गया 36.4 21.4
भागलपुर 36.9 25.9
मुजफ्फरपुर 37.4 26.1
(तापमान डिग्री सेल्सियस में)
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Bihar News: बड़े होटल की रसोई ठेले वालों से खराब, खाद्य संरक्षा विभाग की टीम को इस रेस्टोरेंट से मिले कीड़े-मकौड़े
जागरण संवाददाता, पटना। राजधानी में बाहर खाने-पीने के शौकीनों की संख्या तेजी से बढ़ी है। बड़े होटल-रेस्टोरेंट से लेकर सड़क किनारे के ठेलाें तक लोगों की भीड़ लगी रहती है। गर्मी के मौसम में डॉक्टर सेहत के लिए बाहर के खाने-पीने से परहेज की सलाह देते हैं।
ऐसे में लोग बड़े रेस्टोरेंट में कई गुना महंगे दामों पर यह सोचकर खाते हैं कि यहां उनके स्वास्थ्य का भी ख्याल रखा जाएगा। अगर आप भी ऐसा ही सोचते व करते हैं तो यह आपकी गलतफहमी है। दुकानदारों को आपकी सेहत से कोई लेना-देना नहीं होता है।
खाद्य संरक्षा पदाधिकारी ने खोली पोलसोमवार को राजाबाजार स्थित प्रतिष्ठित घूमर रेस्टोरेंट के निरीक्षण में खाद्य संरक्षा पदाधिकारी ने इसकी पोल खोल दी। रसोई में थर्माकोल पर रखे रेफ्रिजरेटर के चारो ओर गंदगी व पानी जमा था, जिसमें बहुत से काकरोच समेत कई प्रकार के कीड़े-मकौड़े बजबजा रहे थे।
इसके अलावा अन्य खाद्य सामग्री का रखरखाव भी हाइजिनिक नहीं था। खाद्य संरक्षा पदाधिकारी अजय कुमार ने बताया कि घूमर रेस्टोरेंट के संचालक को तुरंत हाइजीन व सैनिटाइजेशन को मानक के अनुरूप करने के लिए सुधार नोटिस दी गई है।
ये नमूने जांच के लिए भेजे गएमौके से खोआ व कुछ अन्य खाद्य सामग्री के नमूने लेकर जांच के लिए प्रयोगशाला भेजे गए हैं। इसके अलावा गर्मी में दूध व दही की बढ़ती मांग व खराब होने की आशंका को देखते हुए अमूल डेयरी से नमूने लेकर जांच के लिए भेजे गए हैं।
फूड प्वॉयजनिंग व गैस्ट्रोइंट्रोटाइटिस रोकने की कवायदखाद्य संरक्षा पदाधिकारी ने कहा कि गर्मी में गैस्ट्रोइंट्रोटाइटिस यानी पेट संबंधी विकार व फूड प्वॉयजनिंग की आशंका बढ़ जाती है। इसे कम करने के लिए नियमित रूप से निगरानी की जा रही है।
सभी होटल-रेस्टोरेंट वालों को रसोईघर साफ-सुथरा रखने, खराब होने वाली खाद्य सामग्री कम-कम मात्रा में लाने या डीप रेफ्रिजरेटर में उसे भंडारित करने को कहा जा रहा है।
खाना बनाने को लेकर दी जानकारीखाना उतना ही बनाने को कहा जा रहा है जो चार से पांच घंटे में खत्म हो जाए। सुबह का शाम व रात का सुबह परोसने वालों पर कार्रवाई की जाएगी।
कुक व अन्य कर्मचारियों को कैप, दस्ताने व मास्क पहनने को कहा जा रहा है। ठेले वालों को भी एक स्वयंसेवी संस्था की मदद से हाइजीन-सैनिटाइजेशन का प्रशिक्षण दिया गया है।
पेयजल-सत्तू-गन्ना व अन्य जूस बेचने वालों को चेतायाउन्होंने कहा कि गर्मी में अधिकतर लोग प्यास बुझाने के लिए बोतलबंद पानी, सत्तू, शिकंजी, गन्ने का जूस आदि का खूब सेवन करते हैं। फील्ड भ्रमण के दौरान रूक कर उनसे साफ-सफाई का पूरा ध्यान रखने को कहा जा रहा है।
गन्ने को चापाकल या सप्लाई वाटर से ही धोकर ही जूस निकालने को कहा गया है। इसके अलावा जल्द ही बर्फ व डिब्बों में आरओ वाटर बेचने वालों की भी जांच की जाएगी।
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Bihar Lok Sabha Election: किसी कैंडिडेट ने नहीं छोड़ा तीसरे चरण का मैदान, 54 'रणबांकुरे' आजमा रहे दांव
राज्य ब्यूरो, पटना। Bihar Lok Sabha Election: नामांकन वापसी के आखिरी दिन सोमवार को तीसरे चरण के मैदान की तस्वीर भी स्पष्ट हो गई। इस चरण में कुल पांच सुपौल, खगड़िया, झंझारपुर, अररिया, मधेपुरा संसदीय क्षेत्रों में सात मई को मतदान होना है। कुल 54 प्रत्याशी मैदान में रह गए हैं।
छंटनी के बाद इतने ही अभ्यर्थी शेष रह गए थे और उनमें से किसी ने नाम वापस नहीं लिया। सुपौल में 15, खगड़िया में 12, झंझारपुर में 10, अररिया में नौ और मधेपुरा में आठ प्रत्याशी चुनाव मैदान में रह गए हैं।
ऐसे हुआ सीटों का बंटवारामहागठबंधन में इनमें से झंझारपुर में विकासशील इंसान पार्टी और खगड़िया में माकपा दांव आजमा रही। शेष तीन सीटों पर राजद के प्रत्याशी हैं। राजग में अररिया भाजपा और खगड़िया सीट लोजपा के खाते में गई हैं। शेष तीन सीटों पर जदयू के प्रत्याशी हैं।
चौथे दिन छह अभ्यर्थियों ने कराया नामांकनचौथे चरण के तहत भी पांच संसदीय क्षेत्रों में मतदान की तिथि 12 मई निर्धारित है। उसके लिए 18 अप्रैल से नामांकन की प्रक्रिया चल रही है।
चौथे दिन सोमवार को कुल छह अभ्यर्थियों ने नामांकन कराया। उजियारपुर में तीन, दरभंगा, बेगूसराय और मुंगेर में एक-एक अभ्यर्थी ने नामांकन कराया है। समस्तीपुर में कोई नामांकन नहीं हुआ।
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राज्य ब्यूरो, पटना। Dy CM Samrat Chaudhary On I.N.D.I.A: आईएनडीआईए के घोषणा-पत्र के विरोध में भाजपा की प्रदेश इकाई ने सोमवार को 17 पृष्ठों का आरोप-पत्र जारी किया।
उसे भाजपा ने 'महाठगबंधन: बिहार को पीछे करते परिवारवादी' नाम दिया है। इसमें बिहार गणराज्य से ''गन-राज'' के साथ कांग्रेस और राजद की कथित जन-विरोधी नीतियों सहित 11 विषयों को क्रमवार वर्णन है।
उपमुख्यमंत्री ने जारी किया आरोप-पत्रभाजपा मीडिया सेंटर में प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी आदि ने आरोप-पत्र जारी किया। सम्राट ने कहा कि कांग्रेस एक परिवार पर विश्वास करती है, जबकि राजद का जीवन एक परिवार तक ही है।
ठगबंधन के लोग भारत को लूटने और नौजवानों को ठगने का काम करेंगे। 17 माह तक सरकार में रहे राजद के युवराज ने अपने विभाग में एक भी नौकरी नहीं दी।
सम्राट उप मुख्यमंत्री भी हैं। उन्होंने कहा कि संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) का नाम बदलकर विपक्षी गठबंधन नकली राष्ट्रवाद दिखाने का प्रयास कर रहा है।
कांग्रेस और राजद पर लगाए ये आरोपये भारत को श्रेष्ठ करने वाले नहीं, बल्कि देश को तोड़ने वाले संगठन के लोग हैं। कांग्रेस-राज में कोयला घोटाला, 2जी स्पेक्ट्रम घोटाला आदि हुआ। सत्ता में रहते राजद आकंठ भ्रष्टाचार में डूबा रहा। चारा खा गए तो अलकतरा तक पी लिया गया।
लालू प्रसाद को लेकर ये कहालालू प्रसाद का जीवन ही परिवार के लिए समर्पित है। राहुल गांधी द्वारा अध्यादेश फाड़ दिए जाने के बाद लालू मुखिया भी नहीं बन सकते। उन्होंने आरोप लगाया कि लालू भ्रष्टाचार में लिप्त रहे। भागलपुर के दंगे में कांग्रेस का हाथ था।
राजग की तारीफ कीराजग की सरकार बनी तो आरोपितों को सजा हुई और पीड़ितों को मुआवजा मिला। पूर्व केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि कांग्रेस के घोषणा पत्र में 17 बार अल्पसंख्यक लिखा गया है। प्रेस-वार्ता में पूर्व केंद्रीय मंत्री रामकृपाल यादव, संजय टाइगर, दानिश इकबाल आदि उपस्थित रहे।
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जागरण टीम, बांका/पूर्णिया/भागलपुर। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने एक बार फिर लालू प्रसाद और परिवारवाद पर हमला बोला। लालू परिवार का नाम लिए बिना कहा कि हमारी मूर्खता से वह आ गया था। उसमें हमारा भी सहयोग था। फिर वह गड़बड़ करने लगा। हमें भी लगा कि गड़बड़ कर रहा है।
नीतीश कुमार ने आगे कहा कि सात साल के बाद जब लालू प्रसाद को पद छोड़ना पड़ा तो उन्होंने अपनी पत्नी को मुख्यमंत्री बना दिया। पति-पत्नी दोनों अपने बेटा-बेटी को कुर्सी पर बैठाने के फेर में लगे रहते हैं। वे सोमवार को बांका से एनडीए प्रत्याशी गिरिधारी यादव, किशनगंज से मास्टर मोजाहिद आलम और भागलपुर से अजय मंडल के पक्ष में भागलपुर, बांका और डगरूआ में चुनावी सभाओं को संबोधित कर रहे थे।
'कांग्रेस परिवारवाद में फंस गई है...'मुख्यमंत्री ने कहा कि जदयू वाले अपने परिवार को कभी आगे नहीं बढ़ाते। कांग्रेस भी पूरी तरह परिवारवाद में फंस गई है। हमारे लिए पूरा बिहार परिवार है। हमने साइकिल योजना पहले लड़की के लिए फिर लड़के के लिए चलाया। महिलाओं के उत्थान के लिए कई योजनाओं पर कार्य किया। स्वयं सहायता समूह के तहत महिलाओं को आगे बढ़ाया।
नीतीश कुमार ने गिनाए अपने कामउन्होंने कहा कि वर्तमान में जीविका दीदी की संख्या एक करोड़ 31 लाख है। जब से मौका मिला है वे लगातार बिहार का विकास कर रहे हैं। 2005 से पहले तक बिहार का बजट 24 हजार करोड़ रुपये था। आज बिहार का बजट दो लाख 68 हजार करोड़ तक पहुंच गया है। पूर्णिया में मेडिकल कॉलेज व विश्वविद्यालय बनाया। जल्द ही पूर्णिया हवाई अड्डा से उड़ान आरंभ हो जाएगा। किशनगंज में कृषि कालेज बनाया। हर घर बिजली, पानी पहुंचाया, शौचालय बनवाया। हमने कब्रिस्तान की घेराबंदी कराई। हिंदू-मुस्लिम सभी के उत्थान के लिए कार्य किया।
'उस वक्त हम लोग शाम के समय...'मुख्यमंत्री ने 2005 के पूर्व के बिहार की याद दिलाते हुए कहा कि उस वक्त हम लोग शाम के समय जिस रास्ते से होकर गुजरते थे, कोई नजर नहीं आता था। आज लोग देर शाम तक घर के बाहर टहलते रहते हैं। यह सब देखकर मुझे बहुत खुशी होती है। उन्होंने एनडीए प्रत्याशी को वोट देकर जिताने की अपील की, जिससे बिहार में सभी 40 और देश में एनडीए चार सौ सीट जीते। गलती से दूसरे को अगर मौका दे दीजिएगा तो वे लोग कोई काम नहीं करेंगे।
उन्होंने कहा कि जेपी आंदोलन में हम जेल गए थे। हमारे समय में इंजीनियरिंग में नौकरी नहीं मिलती थी, इसलिए हमने इंजीनियरिंग के छात्रों को साथ लेकर आंदोलन किया और जेल गए थे। तब हम भागलपुर जेल में बंद थे। जब मुख्यमंत्री बन गए तो भागलपुर आते जाते रहे।
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Online Fraud News: फर्जी कस्टम अधिकारी व पुलिसकर्मी बनकर ठगे 18 लोगों से 48.83 लाख, ऐसे दिया ऑनलाइन फ्रॉड को अंजाम
जागरण संवाददाता, पटना। Online Fraud News: साइबर ठग लोगों को फोन कर खुद को कस्टम और पुलिस अधिकारी बताकर केस में फंसाने की धमकी, शेयर ट्रेडिंग में मुनाफा और बिजली जमा करने के नाम पर 18 लोगों से 48.83 लाख रुपये की ठगी की।
इसमें एम्स के डॉक्टर से लेकर कारोबारी तक शामिल हैं। इन सभी मामलों में साइबर थाने की पुलिस केस दर्ज छानबीन में जुटी है। वहीं बीते 16 दिनों में साइबर थाने में 185 केस दर्ज हो चुके हैं। इसमें 80 प्रतिशत मामले ठगी के हैं।
ऐसे की गई ठगीकुर्जी निवासी महिला के पास अंजान नंबर से फोन आया। उसने खुद को थाना प्रभारी बताया और बोला कि आपकी बेटी गलत काम में फंस गई। उनकी बेटी उत्तर प्रदेश में एक मेडिकल कॉलेज में पढ़ती हैं।
उसने बेटी को फोन किया, लेकिन वह उस समय क्लास में थी। संपर्क नहीं होने पर वह डर गई। उसने उस नंबर पर संपर्क किया तो बेटी को छोड़ने के लिए 30 हजार रुपये की मांग की।
एक अन्य मामले में भी हुई ठगीइसी प्रकार कंकड़बाग निवासी महिला के पास भी इसी तरह फोन कर खुद को पुलिसकर्मी बताकर ठगों ने बोला कि आपका बेटा पुलिस के कब्जे में है।
वह बेटे को फोन किया लेकिन संपर्क नहीं हो सका। डर से वह ठगों के खाते में 60 हजार रुपये ट्रांसफर कर दी। बाद में पता चला कि उनका बेटा उस समय क्लास में था।
रूपसपुर निवासी महिला के पास अंजान नंबर से वाट्सएप कॉल आया और बोला कि आपका बेटा दुष्कर्म पीड़िता को आखिरी बार फोन किया गया। वह दुष्कर्म केस में फंस गया। बेटे को छोड़ने के नाम पर 40 हजार की ठगी कर ली।
कूरियर और कस्टम अधिकारी बनकर फंसायानालंदा निवासी सरूण कुमार के पास से फोन आया कि आप पार्सल भेज रहे हैं, जो कस्टम विभाग द्वारा पकड़ा गया है। आपके नाम पर कोर्ट वारंट जारी हुआ है। आपको गिरफ्तार किया जाएगा। उसने नाम बताते हुए बोला दो अन्य का नाम बताया, जिन्हें सीबीआइ अधिकारी बताया।
फिर केस खत्म करने के नाम पर 1.50 लाख रुपये की मांग की गई। इसके बाद ठग उन्हें लगातार धमकी देने लगे और वह डर से उनके खाते में 1.50 लाख भेज दिए। इसी तरह पाटलिपुत्र निवासी एस राजेश्वरण को फोन कर बताया गया कि वह मुंबई कुरियर कंपनी से बोल रहे।
पार्सल के नाम पर की ठगीआपके द्वारा एक पार्सल ताइवान भेजा गया था, जो वापस कर दिया गया है। पार्सल में पांच पासपोर्ट, लैपटाप, क्रेडिट कार्ड और नशीली दवा है। अपराध शाखा में केस दर्ज कराने की बात बोलकर फोन दूसरे को ट्रांसफर कर दिया गया।
बोला गया कि मामला ड्रग्स से जुड़ा है। ठगों ने खुद को अपराध शाखा से बोलने की बात कहकर लगातार वीडियो कॉल पर बने रहने को कहा गया। बोला गया कि आप पर 24 घंटे नजर रखी जा रही है।
फिर उनसे उनके बैंक खातों के बारे में पूछा गया और जांच के नाम पर 13 लाख रुपये की निकासी कर ली गई। इसी तरह पटना एम्स में तैनात एक डॉक्टर मनी लांड्रिंग के नाम पर 2.22 लाख की ठगी कर ली गई।
मुनाफे के चक्कर में खाली हो गया खाताशेयर ट्रेडिंग में मुनाफा का झांसा देकर नेउरा के संतोष से 7.30 लाख, कंकड़बाग के राजू गुप्ता से 6 लाख, फुलवारीशरीफ के प्रांशु कुमार से पांच लाख और लूसी से 1.1 लाख की ठगी हो गई।
बिजली बिल जमा करने के नाम पर कंकड़बाग के सुधीर कुमार से 2.59 लाख, दानापुर के सुधीर से 32 हजार और सैय्यद शफीरउज्जुम से 1.48 लाख की ठगी हो गई।
आईजीआईएमएस में तैनात अशोक कुमार से 62 हजार, नीरू कुमार से पैन कार्ड अपेडट करने के नाम पर 1.69 लाख और नालंदा के रणवीर कुमार के खाते से 1.53 लाख रुपये की निकासी कर ली गई।
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Special Train News: नई दिल्ली, पुणे व कोयंबटूर के लिए इन शहरों से चलेंगी स्पेशल ट्रेन, जानें पूरा टाइम-टेबल
जागरण संवाददाता, पटना। Bihar Train News: यात्रियों की सुविधा के मद्देनजर रेलवे द्वारा कई स्पेशल ट्रेनों को चलाने का निर्णय लिया गया है। पटना से नई दिल्ली के लिए अनारक्षित स्पेशल ट्रेन चलाने का निर्णय लिया गया है।
यह ट्रेन 23 अप्रैल को पटना से 21.30 बजे रवाना होगी और आरा, बक्सर, डीडीयू, प्रयागराज एवं कानपुर के रास्ते चलाई जाएगी। इसके अलावा कई और शहरों से भी नई दिल्ली व पुणे के लिए रेलगाड़ियां चलेंगी।
दरभंगा और मुजफ्फरपुर से चलने वाली ट्रेनेंवहीं दरभंगा-नई दिल्ली अनारक्षित स्पेशल ट्रेन 23 अप्रैल को दरभंगा से 20.30 बजे रवाना होगी। सहरसा-नई दिल्ली अनारक्षित ट्रेन 24 अप्रैल को सहरसा से सात बजे रवाना होगी।
मुजफ्फरपुर-आनंद विहार अनारक्षित स्पेशल ट्रेन 23 अप्रैल को मुजफ्फरपुर से 17 बजे रवाना होगी जो अगले दिन आनंद विहार टर्मिनस पहुंचेगी।
कोयंबटूर और पुणे के लिए रेलगाड़ियांकोयंबटूर-बरौनी स्पेशल ट्रेन 23 अप्रैल से 25 जून तक चलाई जाएगी। मुजफ्फरपुर-पूणे स्पेशल ट्रेन 27 अप्रैल से 29 जून तक चलाई जाएगी। यह ट्रेन प्रत्येक शनिवार को मुजफ्फरपुर से खुलेगी।
वहीं दानापुर-पूणे स्पेशल ट्रेन 27 अप्रैल एवं एक मई को दानापुर से चलाई जाएगी। दानापुर- लोकमान्य तिलक टर्मिनस स्पेशल ट्रेन 26 अप्रैल एवं 30 अप्रैल को दानापुर से रवाना होगी।
इन सुपरफास्ट स्पेशल ट्रेनों की अवधि में विस्तारगर्मी की छुट्टी के दौरान पटना एवं गया से आनंद विहार के लिए चलाई जा रही सुपरफास्ट क्लोन एक्सप्रेस स्पेशल ट्रेन की अवधि में विस्तार करने का निर्णय लिया गया है।
पटना-आनंद विहार सुपरफास्ट क्लोन एक्सप्रेस स्पेशल ट्रेन 23 अप्रैल से 26 अप्रैल तक चार ट्रिप चलाई जाएगी। इसी तरह वापसी में भी यही गाड़ी आनंद विहार से पटना के लिए 24 अप्रैल से 27 अप्रैल तक चलाई जाएगी।
अप एवं डाउन में यह गाड़ी दानापुर, आरा, बक्सर, डीडीयू, प्रयागराज में ठहराव किया गया है। वहीं दूसरी ओर गया से आनंद विहार सुपरफास्ट क्लोन एक्सप्रेस स्पेशल ट्रेन का परिचालन 23 से 26 अप्रैल तक किया जाएगा। वापसी में यही गाड़ी आनंद विहार से 24 से 27 अप्रैल तक चलाई जाएगी।
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राज्य ब्यूरो, पटना। पूर्व विधायक जयनंदन यादव राजद में शामिल हो गए हैं। सोमवार को राजद कार्यालय में आयोजित कार्यक्रम में जयनंदन ने राजद की सदस्यता ग्रहण की। इनके साथ ही जदयू के अन्य कई नेताओं ने भी राजद की सदस्यता ली है।
प्रदेश अध्यक्ष ने इन सबका पार्टी में स्वागत किया और कहा कि जयनंदन समेत अन्य नेताओं के राजद में आने से मिथिलांचल और सीतामढ़ी में पार्टी और मजबूत होगी।
दूसरी ओर राजद प्रवक्ता एजाज अहमद ने कहा कि नेशनल टाइगर पार्टी के अध्यक्ष राजेश पासवान, अमर पासवान, संजेय राय एवं मनीष कुमार ने पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह से मिलकर 40 लोकसभा क्षेत्र में महागठबंधन उम्मीदवारों को समर्थन देने का फैसला लिया है।
इस अवसर पर प्रदेश राजद अनुसूचित जाति प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष अनिल कुमार साधु भी उपस्थित थे।
देश की जनता खत्म करेगी तानाशाही : दीपंकरभाकपा माले की स्थापना की 55वीं वर्षगांठ पर पार्टी के महासचिव दीपंकर भट्टाचार्य ने सभी सदस्यों और शुभचिंतकों को बधाई दी। उन्होंने कहा कि हम अपने महान शहीदों को श्रद्धांजलि देते हैं और एक समतावादी समाज के लिए खुद को फिर से समर्पित करते हैं।
उन्होंने कहा कि देश की जनता का लोकसभा चुनाव में तानाशाही शासन को खत्म करेगी। सोमवार को राजधानी पटना सहित सभी जिला मुख्यालयों पर पार्टी स्थापना दिवस समारोहपूर्वक मनाया गया।
राज्य कार्यालय में आयोजित कार्यक्रम में पार्टी के वरिष्ठ नेता स्वदेश भट्टाचार्य, रामजी राय, केडी यादव, सरोज चौबे, शिवसागर शर्मा, उमेश सिंह, प्रकाश कुमार, विभा गुप्ता समेत अन्य नेता भी शामिल हुए।
वहीं माले के विधायक दल कार्यालय में आयोजित कार्यक्रम में कमलेश शर्मा, कुमार परवेज, पुनीत पाठक, प्रमोद यादव, शोभवन चक्रवर्ती आदि पार्टी नेता कार्यकर्ता उपस्थित हुए।
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राज्य ब्यूरो, पटना। प्रदेश जदयू के मुख्य प्रवक्ता एवं विधान पार्षद नीरज कुमार ने कहा है कि राजनीति में परिवारवाद महापाप है। राजद नेता तेजस्वी यादव अपनी परिवारवादी राजनीति को संरक्षण देने के लिए महापुरुषों का अपमान कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि संविधान निर्माता बाबा साहब भीमराव अंबेडकर और नेताजी सुभाष चंद्र बोस ने राजनीति को अपने परिवार के पोषण या संपत्ति सृजन का माध्यम नहीं बनाया।
'लालू प्रसाद राजनीति के जमींदार हैं'नीरज कुमार ने कहा कि राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद राजनीति के नए जमींदार हैं। इस परिवार के छह सदस्य सक्रिय राजनीति में हैं। परिवार के अलावा नजदीक और दूर के रिश्तेदार भी सांसद-विधायक रहे हैं। परिवारवाद केवल राजनीतिक सक्रियता तक ही सीमित नहीं है।
'लालू परिवार के पास पटना में 486 की जमीन'उन्होंने कहा कि इस परिवार के लिए राजनीति अवैध संपत्ति के सृजन का भी माध्यम है। इस परिवार के पास पटना में 486 करोड़ रुपये की जमीन है। उन्होंने तेजस्वी यादव को पानी में पुदीना डालकर पीने की सलाह दी।
उन्होंने कहा कि अति पिछड़ा समुदाय की बीमा भारती को तो राजद ने पूर्णिया से उम्मीदवार बना दिया, लेकिन जन समर्थन जदयू उम्मीदवार संतोष कुशवाहा के साथ है। संतोष कुशवाहा की जीत 2014 और 2019 से लगातार हो रही है। वे इस चुनाव में भी जीत हासिल करेंगे। पूरे राज्य में राजद मुख्य मुकाबले से बाहर है।
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Lok Sabha Election : जनता ने जब एक यादव को सराहा तो दूसरे को नकारा, बिहार लोकसभा चुनाव से जुड़ा है ये रोचक तथ्य
जागरण टीम, पटना। Lok Saba Election : 2019 में संपन्न लोकसभा चुनाव में मधुबनी के अशोक कुमार यादव सबसे ज्यादा अंतर से जीते जहानाबाद से सुरेंद्र प्रसाद यादव सबसे कम मतों से हार गए चुनाव 18वीं लोकसभा का चुनाव का परिणाम आने में करीब डेढ़ माह बाकी है।
कौन-कितने मतों से जीतेगा यह चार जून को पता चलेगा। ऐसे में यदि 2019 में संपन्न 17वीं लोकसभा चुनाव परिणाम को देखें तो कई रोचक तथ्य सामने आते हैं।
कई प्रत्याशी काफी मतों के अंतर से जीते तो कुछ ऐसे भी रहे जो किसी तरह विजेता का ताज पहन सके। मधुबनी से भाजपा प्रत्याशी अशोक कुमार यादव ने सबसे ज्यादा करीब साढ़े चार लाख मतों के अंतर से जीत हासिल की।
इनके अलावा गिरिराज सिंह, अजय निषाद, बैद्यनाथ प्रसाद महतो, रमा देवी, रामप्रीत मंडल एवं दिनेश चंद्र यादव ने तीन लाख से ज्यादा मतों से सीट पर कब्जा जमाया।
काफी कम अंतर से हारे सुरेंद्र यादव2019 के लोकसभा चुनाव में कुछ ऐसे भी उम्मीदवार रहे जिन्हें काफी कम मतों से हार का सामना करना पड़ा। ऐसे ही एक उम्मीदवार जहानाबाद से चंदेश्वर प्रसाद रहे जिन्हें महज 1751 मतों से जीत हासिल हुई।
उन्हें करीब 3.35 लाख मत आए जबकि सुरेंद्र प्रसाद यादव ने 3.34 लाख मत हासिल किया था। किशनगंज एवं पाटलिपुत्र सीट पर भी जीत-हार का अंतर ज्यादा नहीं रहा।
सबसे ज्यादा अंतर से जीतने वाले प्रत्याशी मधुबनी अशोक कुमार यादव 4,54,940 बेगूसराय गिरिराज सिंह 4,22,217 मुजफ्फरपुर अजय निषाद 4,09,988 वाल्मिकीनगर बैद्यनाथ प्रसाद महतो 3,54,616 शिवहर रामा देवी 3,40,360 झंझारपुर रामप्रीत मंडल 3,22,951 मधेपुरा दिनेश चंद्र यादव 3,01,527 पश्चिमी चंपारण डॉ. संजय जायसवाल 2,93,906 पटना साहिब रविशंकर प्रसाद (भाजपा) 2,84,657 भागलपुर अजय मंडल (जदयू) 2,77,630 पूर्णिया संतोष कुमार (जदयू) 2,63,461 सबसे कम अंतर से जीते जहानाबाद चंदेश्वर प्रसाद 1,751 किशनगंज डॉ. मो. जावेद 34,466 पाटलिपुत्र रामकृपाल यादव 39,321 कटिहार दुलाल चंद्र गोस्वामी 57,203 औरंगाबाद सुशील कुमार सिंह 70,552 काराकाट महाबली सिंह 84,542 इनके वोटों का अंतर भी खूब रहा पूर्वी चंपारण राधामोहन सिंह 2,93,648 गोपालगंज डॉ. आलोक कुमार सुमन 2,86,434 उजियारपुर नित्यानंद राय 2,77,278 दरभंगा गोपालजी ठाकुर 2,67,979 सुपौल दिलेश्वर कामत 2,66,853 नालंदा कौशलेंद्र कुमार 2,56,137 समस्तीपुर रामचंद्र पासवान 2,51,643 सीतामढ़ी सुनील कुमार पिंटू 2,50,539 खगड़िया चौधरी महबूब अली कैसर 2,48,570 जमुई चिराग पासवान 2,41,049 वैशाली वीणा देवी 2,34,584 महाराजगंज जनार्दन सिंह सिग्रीवाल 2,30,772 हाजीपुर पशुपति कुमार पारस 2,05,449 बांका गिरिधारी यादव 2,00,532 दो लाख से कम मतों के अंतर से जीतने वाले मुंगेर राजीव रंजन उर्फ ललन सिंह 167937 सासाराम छेदी पासवान भाजपा 494800-165745 गया विजय कुमार जदयू 467007-152426 नवादा चंदन सिंह लोजपा 495684-148072 आरा आरके सिंह भाजपा 147285 सारण राजीव प्रताप रूडी भाजपा 138411 अररिया प्रदीप कुमार सिंह 137241 सिवान कविता सिंह 116958 बक्सर अश्विनी चौबे 117609यह भी पढ़ें
Bihar News: मुख्य सचिव ने लेट-लतीफ अफसरों को हड़काया, IAS ब्रजेश मेहरोत्रा ने इन अधिकारियों को लिखा पत्र
राज्य ब्यूरो, पटना। प्रदेश सरकार के सचिवालयों-कार्यालयों में कमोबेश सुबह के साढ़े नौ बजते-बजते कामकाज शुरू हो जाता है। वरीय अधिकारी से लेकर अन्य पदाधिकारियों-कर्मचारियों के लिए कार्यालय पहुंचने का समय तय है।
हालांकि, सरकार के संज्ञान में यह बात आई है कि वरीय अधिकारी लेट लतीफी कर रहे हैं। उनकी वजह से दूसरे अधिकारी, कर्मचारी भी विलंब से कार्यालय पहुंच रहे हैं। अब ऐसे लेट-लतीफ अफसरों को सरकार ने समय पर ऑफिस आने की हिदायत दी है।
बिहार में लोकसभा चुनाव अपने पूरे रंग में है। आदर्श आचार संहिता की वजह से विकास कार्यों पर भी आंशिक असर पड़ा है। नेताओं की चुनावी भाग-दौड़ के बीच अफसर भी बेफिक्र हो गए हैं। जिसका सीधा असर सरकारी कामकाज पर पड़ रहा है। अफसरों की लेट-लतीफी की वजह से विभागीय कार्यों के निष्पादन और उच्चस्तरीय आदेशों के अनुपालन में देर की आशंका बनी रहती है।
ऐसे बढ़ते मामलों और कार्य में उत्पन्न हो रही बाधा को देखते हुए मुख्य सचिव ब्रजेश मेहरोत्रा ने समस्या से निपटने और समय पर कार्यों के निष्पादन के इरादे से अपर मुख्य सचिव, प्रधान सचिव और सचिव स्तर के पदाधिकारियों को एक पत्र भेजा है।
पत्र में वस्तु स्थिति का हवाला देकर कहा गया है कि वरीय अधिकारियों के विलंब से आने की वजह से नीचे के अफसर-कर्मी भी समय पर नहीं आते हैं जिस वजह से विभागीय कार्यो के निष्पादन और उच्चस्तरीय आदेशों के अनुपालन में देर की आशंका बनी रहती है।
मुख्य सचिव ने सभी श्रेणी के अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि वे हर हाल में समयानुसार साढ़े नौ बजे अपने-अपने विभाग में उपस्थित होना शुरू करें। साथ ही अधीनस्थ कार्य करने वाले पदाधिकारियों-कर्मचारियों की समय पर उपस्थित भी सुनिश्चित करेंगे। मुख्य सचिव ने इस आदेश का सख्ती से पालन करने का निर्देश दिया है।
यहां बता दें कि स्वयं मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी अफसरों के विलंब से कार्यालय आने की प्रवृति को लेकर आपत्ति जता चुके हैं। एक दिन अचानक जब वे सचिवालय पहुंचे तो बड़ी संख्या में अधिकारी-कर्मचारी काम से नदारद पाए गए। जिसके बाद उन्होंने समय पर कार्यालय आने के निर्देश दिए थे।
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Bihar Congress Candidates: कांग्रेस ने इन 5 सीटों पर भी फाइनल किए उम्मीदवार, समस्तीपुर से सन्नी हजारी को टिकट
राज्य ब्यूरो, पटना। महागठबंधन में अपने हिस्से की नौ में से एकमात्र पटना साहिब को छोड़ कांग्रेस ने शेष सभी संसदीय क्षेत्रों के उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है। दूसरे चरण के तीन उम्मीदवार पहले ही घोषित हो चुके थे। सोमवार को पांच अन्य उम्मीदवारों की घोषणा हुई।
समस्तीपुर में सन्नी हजारी, मुजफ्फरपुर में अजय निषाद, महाराजगंज में आकाश कुमार सिंह, सासाराम में मनोज कुमार और पश्चिम चंपारण में मदन मोहन तिवारी पर दांव लगाया गया है। समस्तीपुर और सासाराम अनुसूचित जाति के लिए बिहार में सुरक्षित कुल छह संसदीय क्षेत्रों में से हैं।
सन्नी हजारी मंत्री महेश्वर हजारी के पुत्र हैं और कुछ ही दिन पहले कांग्रेस में सम्मिलित हुए थे। उनके साथ सांसद अजय निषाद ने भी कांग्रेस की सदस्यता ली थी। वे मुजफ्फरपुर से पिछला दो चुनाव भाजपा के टिकट पर जीत चुके हैं। पिछली बार प्रतिद्वंद्वी रहे राजभूषण निषाद ही इस बार भाजपा के टिकट पर उनसे मुकाबला करेंगे।
बेतिया से विधायक रहे मदन मोहन तिवारी पश्चिम चंपारण में भाजपा से तीन बार सांसद रहे डा. संजय जायसवाल से भिड़ेंगे। मनोज कुमार सासाराम में भाजपा के शिवेश राम से मुकाबला करेंगे। पिछली बार बसपा के टिकट पर मनोज सासाराम में 86406 वोट लेकर तीसरे स्थान पर रहे थे। उनकी पत्नी पूनम भारती अभी रोहतास जिला परिषद की अध्यक्ष हैं।
समझौते के तहत महाराजगंज सीट कांग्रेस को एक अंतराल के बाद मिली है। पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. अखिलेश प्रसाद सिंह के पुत्र आकाश प्रसाद सिंह कई दावेदारों को पछाड़ते हुए वहां पहली बाजी मार ले गए हैं। पिछली बार वे पूर्वी चंपारण में रालोसपा के टिकट पर मात खा गए थे।
दूसरे चरण के तीन संसदीय क्षेत्रों (किशनगंज, कटिहार, भागलपुर) में प्रत्याशियों की घोषणा पहले की कर चुकी है। वहां 26 अप्रैल को मतदान होना है। पिछली बार कांग्रेस के बूते महागठबंधन एकमात्र किशनगंज में विजयी रहा था। सांसद मो. जावेद इस बार भी मैदान में हैं। कटिहार में पूर्व केंद्रीय मंत्री तारिक अनवर और भागलपुर में नगर विधायक अजीत शर्मा दांव आजमा रहे हैं।
आमने सामने दो मंत्रियों की संतानेंबहरहाल समस्तीपुर ऐसा संसदीय क्षेत्र है, जहां जदयू के ही दो मंत्रियों के पुत्र व पुत्री आमने-सामने के प्रतिद्वंद्वी हैं। दोनों के लिए संसदीय चुनाव का पहला अनुभव है। प्रखंड प्रमुख सन्नी हजारी से पहले ही लोजपा की घोषित प्रत्याशी शांभवी चौधरी वहां चुनाव प्रचार में जुट गई हैं। वे मंत्री अशोक चौधरी की पुत्री व चर्चित आइपीएस अधिकारी रहे किशोर कुणाल की पुत्रवधू हैं।
परंपरागत जनाधार पर भरोसाकांग्रेस के अब तक घोषित आठ प्रत्याशियों में सवर्ण समुदाय से तीन, मुसलमान और अनुसूचित जाति से दो-दो के साथ अजय निषाद अति पिछड़ा वर्ग से हैं। सवर्णों में अजीत शर्मा और आकाश प्रसाद सिंह भूमिहार समाज से हैं, जबकि मदन मोहन तिवारी ब्राह्मण। तारिक अनवर व मो. जावेद मुस्लिम समाज के प्रतिनिधि हैं।
अनुसूचित जाति में सन्नी हजारी पासवान समाज से हैं और मनोज कुमार चर्मकार हैं।कांग्रेस का परंपरागत जनाधार सवर्ण व अनुसूचित जाति के साथ मुसलमान वर्ग में ही है। इसी जनाधार से इस बार भी विशेष आसरा है।
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Bihar Politics: राजद के स्टार प्रचारकों में तेजस्वी यादव अव्वल, PM मोदी और नीतीश कुमार ने भी संभाला मोर्चा
सुनील राज, पटना। बिहार में सात चरणों में होने वाले लोकसभा चुनाव में पहले चरण का मतदान समाप्त हो चुका है। तमाम पार्टियों, नेताओं के साथ स्टार प्रचारकों का केंद्र अब दूसरे चरण की सीटें हैं। नेताओं की तरह ही मतदाता भी यह आकलन कर रहे हैं उनके संसदीय क्षेत्र में किस पार्टी के कौन से नेता, स्टार प्रचारक उनके भविष्य के सुनहरे सपने लेकर उनके बीच आ रहे हैं और फैसला किस नेता, किस पार्टी के पक्ष में सुनाना है।
पहले चरण का चुनाव समाप्त होने और दूसरे चरण में होने वाले मतदान के पहले सियासी हलचल तेज है। सभी दल जोर-शोर से प्रचार में जुटे हुए हैं। अगर पार्टियों के प्रचार, चुनावी सभाओं पर नजर डालें तो स्टार प्रचारकों में बिहार के नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव अव्वल नंबर पर हैं। महज 18-19 दिनों के दरम्यान नेता प्रतिपक्ष ने अपने प्रत्याशियों के पक्ष में चुनावी रैलियों का एक रिकॉर्ड-सा बना दिया है।
तेजस्वी अब तक 55 से ज्यादा चुनावी सभाएं और रैलियां कर चुके हैं। तेजस्वी के अलावा, लालू प्रसाद अस्वस्थ होने के बावजूद पुत्री रोहिणी आचार्य के प्रचार के लिए सारण में सभा कर चुके हैं। वे फिलहाल सारण में कैंप कर रहे हैं। 2024 के चुनाव का आगाज होने के साथ ही तेजस्वी ने तीन अप्रैल से अपना प्रचार अभियान प्रारंभ किया।
19 दिनों के अंदर ही उन्होंने आधे बिहार की परिक्रमा कर डाली। किसी-किसी क्षेत्र में तो वे अब तक दो से तीन सभाएं तक कर चुके हैं। हालांकि, राजद में 40 स्टार प्रचारक हैं, लेकिन सबसे आगे तेजस्वी यादव ही चल रहे हैं। राजद के स्टार प्रचारकों में लालू प्रसाद, राबड़ी देवी के साथ ही तेज प्रताप यादव, श्याम रजक, अब्दुलबारी सिद्दिकी, कांति सिंह, भाई वीरेंद्र, इसराइल मंसूरी, मीसा भारती समेत अन्य नेताओं के नाम हैं।
तेजस्वी अब तक पूर्णिया, जमुई, नवादा, गया, औरंगाबाद, बांका, दरभंगा, बगहा, झाझा, खगड़िया, मधेपुरा, समस्तीपुर, कटिहार के साथ भागलपुर और पड़ोसी राज्य झारखंड की राजधानी रांची तक में चुनावी रैलियां, सभाएं कर चुके हैं। उनका यह सिलसिला अब भी जारी है। पार्टी की चुनावी समिति के मुताबिक सातों चरणों को मिलाकर नेता प्रतिपक्ष की दो सौ से ज्यादा सभाएं प्रस्तावित हैं।
भाजपा से पीएम मोदी, अमित शाह दे रहे विरोधियों को जवाबभाजपा में भी 40 स्टार प्रचारक हैं। इनमें प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह के अलावा राजनाथ सिंह, जेपी नड्डा, जयशंकर, भूपेंद्र बघेल, सीआर पाटिल, योगी आदित्यनाथ समेत अन्य नेता हैं। भाजपा के प्रदेश स्तरीय नेताओं को छोड़ दिया जाए तो प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी बिहार में अब तक चार चुनावी रैलियां कर चुके हैं।
जमुई, नवादा, गया और पूर्णिया के बाद पीएम की आगे चुनावी सभा 26 अप्रैल को मुंगेर में प्रस्तावित है। जबकि अमित शाह दो चुनावी रैलियां कर चुके हैं। गुरारू और कटिहार में।
नीतीश भी लगातार सक्रिय हैं चुनाव प्रचार मेंजदयू में भी 40 स्टार प्रचारक हैं। स्टार प्रचारकों में स्वयं मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के अलावा ललन सिंह, विजय कुमार चौधरी, डॉ. अशोक चौधरी, संजय झा, मदन सहनी, लेशी सिंह, नीरज समेत दूसरे नेता शामिल हैं। नीतीश कुमार प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ तो चुनावी रैलियों में शामिल थे, साथ ही स्वतंत्र रूप से भी वे पार्टी उम्मीदवारों के पक्ष में प्रचार कर रहे हैं। सोमवार को भी वे बांका, भागलपुर और कटिहार में प्रत्याशियों के पक्ष में प्रचार को उतरे हुए नजर आए।
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Assistant Professor Jobs: पटना हाई कोर्ट का अहम फैसला, 4000 असिस्टेंट प्रोफेसर की नियुक्ति का रास्ता साफ
नलिनी रंजन, पटना। पटना उच्च न्यायालय के आदेश के बाद राज्य के 13 विश्वविद्यालयों में लगभग चार हजार पदों पर सहायक प्राध्यापकों की नियुक्ति का रास्ता साफ हो गया है। बिहार राज्य विश्वविद्यालय सेवा आयोग (बीएसयूएससी) की ओर से साक्षात्कार की तैयारी आरंभ हो चुकी है। पहला साक्षात्कार मई में आरंभ होंगे।
इसके लिए आयोग की ओर से जल्द ही लीगल ओपिनियन लेकर आगे की प्रक्रिया आरंभ करेगा। आयोग की ओर से मनोविज्ञान विषय में साक्षात्कार पूरा हो चुका है, अब इसमें बैकलॉग के अनुसार बढ़ी सीटों के अनुपात में अभ्यर्थियों की साक्षात्कार के लिए बुलाया जाएगा। इसके बाद परिणाम जारी करने की कवायद होगी।
इसके अतिरिक्त नए विषयों की साक्षात्कार की भी प्रक्रिया मई से आरंभ होगा। आयोग की ओर से अब तक हिंदी सहित करीब एक दर्जन विषयों में नियुक्ति हो चुकी है। अब राज्य के विश्वविद्यालयों में सहायक प्राध्यापकों (असिस्टेंट प्रोफेसर) के 4,108 खाली पदों पर नियुक्ति जल्द होगी। इसमें 755 बैकलाग रिक्तियां शामिल हैं।
साक्षात्कार के लिए पूरी हो चुकी है स्क्रीनिंग प्रक्रिया आयोग के अध्यक्ष गिरीश कुमार चौधरी ने बताया कि आयोग के स्तर से सभी विषयों के लिए स्क्रीनिंग प्रक्रिया लगभग पूरी हो चुकी है। अब जल्द ही लीगल ओपिनियन लेकर साक्षात्कार प्रक्रिया आरंभ की जाएगी।
उन्होंने बताया कि इसमें सबसे पहले उन विषयों का साक्षात्कार होगा, जिनका साक्षात्कार पहले हो चुका है, लेकिन रिजल्ट अभी जारी नहीं हुआ है। अब बैकलाग के तहत बढ़ी सीटों पर साक्षात्कार लिया जाएगा। इसके बाद सभी सीटों के लिए परिणाम जारी किया जाएगा।
महत्वपूर्ण विषयों में शिक्षकों के पदगणित में 261, भौतिकी में 300, जन्तु विज्ञान में 285, पर्यावरण विज्ञान में 104, वनस्पति विज्ञान में 333, रसायनशास्त्र में 332, वाणिज्य में 112, अर्थशास्त्र में 268, अंग्रेजी में 253, भूगोल में 142, इतिहास में 316, राजनीतिक विज्ञान में 280, मनोविज्ञान में 424, दर्शनशास्त्र में 153, अंग्रेजी में 253, गृह विज्ञान में 83, संस्कृत में 76, समाजशास्त्र में 108, उर्दू में 100, मैथिली में 43, बांग्ला में 28, संगीत में 23, बायोकेमेस्ट्री में 05, एआइएच एंड सी में 55, शिक्षा शास्त्र में 10, नेपाली भाषा में एक।
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Lok Sabha Election 2024 : चुनाव कर्मियों को मिलेगा स्पेशल ट्रीटमेंट, मतदान के 2 दिन पहले से एक्टिव रहेगी मोबाइल टीम
जागरण संवाददाता, पटना। Lok Sabha Election 2024: भीषण गर्मी को देखते हुए लोकसभा चुनाव में मतदान कर्मियों के लिए चिकित्सा की पुख्ता व्यवस्था की गई है।
सातों दिन 24 घंटे अस्पतालों की इमरजेंसी के साथ एंबुलेंस पर डॉक्टरों के साथ मेडिकल टीम भ्रमण करती रहेगी।
मतदान के दो दिन पूर्व से एक दिन बाद तक इन मोबाइल मेडिकल टीम का कार्य सिर्फ चुनाव कर्मियों को मौके पर जाकर उपचार सुविधा मुहैया कराना व जरूरत होने पर अस्पताल में भर्ती कराना होगा।
एंबुलेंस पर नवनियुक्त आयुष चिकित्सकों की ड्यूटी लगाई गई है। चुनाव सामग्री वितरण केंद्र पर भी मेडिकल टीम अलर्ट रहेगी।
राज्य स्वास्थ्य समिति ने सिविल सर्जन को जारी किया पत्रराज्य स्वास्थ्य समिति ने सभी सिविल सर्जन को इस बाबत पत्र जारी किया है। पत्र के अनुसार, चुनाव के दौरान किसी प्रकार की घटना-दुर्घटना के कारण चिकित्सकीय आपात स्थिति उत्पन्न होने पर सुरक्षा बलों के साथ सभी चुनाव कर्मियों को मौके पर ही चिकित्सा सुविधा मुहैया कराने की तैयारी है।
इसके अलावा 24 घंटे इमरजेंसी में ऑपरेशन थिएटर, आईसीयू बेड आदि रिजर्व रखने काे भी कहा गया है। अतिरिक्त स्वास्थ्य केंद्र जैसे छोटे अस्पतालों में भी 24 घंटे डॉक्टर रहें, इसकी व्यवस्था की गई है।
जहानाबाद में होगी मतदान केन्द्रों की लाइव वेब कास्टिंगजहानाबाद लोकसभा चुनाव के दौरान जिले के 449 मतदान केन्द्रों पर लाइव वेब कास्टिंग की जाएगी। इसको लेकर प्रशासन ने तैयारी शुरू कर दी गई है।
जहानाबाद लोकसभा के मखदुमपुर, घोसी एवं जहानाबाद विधानसभा में कुल 897 बूथ बनाए गए हैं, जिसमें 449 बूथों को वेब कास्टिंग के लिए चिन्हित किया गया है।
निष्पक्ष व शांतिपूर्ण मतदान को लेकर बूथों को चिन्हित किया गया है। पूर्व में हुए मतदान के अनुसार बूथ की गतिविधि की जांच की गई है।
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भुवनेश्वर वात्स्यायन, पटना। Lok Sabha Election 2024 : किशनगंज लोकसभा क्षेत्र (Kishanganj Lok Sabha Seat) की चुनावी बिसात 2019 की तरह ही इस बार भी बिछी है। कांग्रेस के मो. जावेद व एआईएमआईएम से अख्तरुल ईमान फिर मैदान में हैं। वहीं, जदयू प्रत्याशी का चेहरा नया है।
जदयू के टिकट पर मुजाहिद आलम मैदान में हैं। वर्ष 2009 से जदयू लगातार किशनगंज लोकसभा क्षेत्र से अपना प्रत्याशी देता रहा है, पर बात उसके पक्ष में नहीं बन रही। जदयू इस बार भी जोर लगाए हुए है।
नीतीश का तर्कमुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) की सभा भी इस क्षेत्र में हो चुकी है। नीतीश कुमार का तर्क है कि अपने शासनकाल में उन्होंने मुस्लिम समाज के लिए काफी काम किए हैं। यही नहीं सांप्रदायिक हिंसा भी नहीं होने दी। मुस्लिम बहुल इस संसदीय क्षेत्र में जदयू का उत्साह उसके पुराने आंकड़े को लेकर भी है।
पहले 2019 के आंकड़े को समझें- वर्ष 2019 के लोकसभा के चुनाव (Lok Sabha Election 2024) में जदयू के टिकट पर रहे सैयद महमूद अशरफ मात्र तीन प्रतिशत के अंतर से चुनाव हारे थे।
- कांग्रेस के प्रत्याशी मो. जावेद को 3,67,017 वोट आए थे और जदयू के प्रत्याशी सैयद महमूद अशरफ को 3 लाख 32 हजार, 551 वोट मिले थे।
- 2014 के लोकसभा चुनाव की तुलना में जदयू को 2019 में 24.18 प्रतिशत वोट अधिक मिले थे। वहीं, कांग्रेस प्रत्याशी मो. जावेद के वोट में 19.83 प्रतिशत की कमी दर्ज की गई थी।
- इसके बाद भी वह चुनाव जीत गए थे। वर्ष 2019 में भी मुकाबले में एआईएमआईएम था। उस समय भी अख्तरुल ईमान चुनाव मैदान में थे। उन्हें 2.95 लाख वोट आए थे। जदयू का कहना है कि नीतीश कुमार के काम पर वह आगे थे।
जदयू (JDU) 2014 में हुए चुनाव के आंकड़े के साथ आगे बढ़ रहा है। उस समय हुए चुनाव में कांग्रेस (Congress) के मो. असरारुल हक को जीत मिली थी। उन्हें 53.15 प्रतिशत वोट मिले थे। उनके वोट में 14.96 प्रतिशत का इजाफा था।
दूसरे नंबर पर भाजपा (BJP) के डा. दिलीप कुमार जायसवाल थे। उन्हें 32.19 प्रतिशत वोट मिले थे। भाजपा के वोट में 32.19 प्रतिशत का इजाफा हुआ था। उस वर्ष के चुनाव में जदयू अकेले चुनाव मैदान में था। तब अख्तरुल ईमान जदयू के प्रत्याशी थे और उन्हें 55,822 वोट मिले थे।
जदयू को 2009 की तुलना में 19.37 प्रतिशत वोट कम आए थे। वर्ष 2009 में भी जदयू ने सैयद महमूद अशरफ को चुनाव में उतारा था और उन्हें 25.38 प्रतिशत वोट मिले थे। कांग्रेस के प्रत्याशी मो. असरारुल हल को जीत मिली थी और उन्हें 38.19 प्रतिशत वोट आए थे।
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Prashant Kishor : किन लोगों को अपने साथ जोड़ना चाहते हैं प्रशांत किशोर? दे दिया खुला ऑफर, कहा- पैसा नहीं है तो...
डिजिटल डेस्क, पटना। Bihar Politics In Hindi बिहार में चुनाव को लेकर सरगर्मी काफी तेज है। जन सुराज (Jan Suraaj) पदयात्रा के सूत्रधार प्रशांत किशोर (Prashant Kishor) लगातार जगह-जगह जाकर लोगों को संबोधित कर रहे हैं। इस बीच, उन्होंने यह भी बात दिया है कि अच्छे लोग राजनीति में टिक क्यों नहीं पाते हैं या इसमें आने से कतराते हैं।
प्रशांत किशोर ने कहा कि हमारे माता-पिता और गुरुओं ने सिखाया है कि जिस काम को लीजिए उसे ईमानदारी से कीजिए। बिहार को सुधारने के लिए अगर आए हैं तो सब कुछ छोड़कर। घर परिवार और सारी सुख सुविधा छोड़कर पिछले डेढ़ साल से यहीं खूंटा गाड़कर बैठे हैं। आने वाले कई साल तक लगे रहेंगे।
अच्छे लोग राजनीति से किनारे हो रहे- प्रशांत किशोरप्रशांत किशोर ने कहा कि आज तक किसी ने जितनी मेहनत नहीं की होगी, उतना करेंगे। हमारा विश्वास है कि समाज मानेगा हो मानेगा। बिहार में जो सही सोच वाले लोग हैं, जिनके पास क्षमता और जज्बा है, जो कुछ कर सकते हैं। वह धीरे-धीरे राजनीत से किनारे हो गए हैं।
उन्होंने कहा कि अच्छे लोग यह सोचते हैं कि राजनीत में कहां पड़ेंगे। अगर कोई हिम्मत करके आता भी है तो वह पैसा और जाति के चक्कर में कभी आगे नहीं बढ़ पाता है। जन सुराज आपको वही हिम्मत देगा। आपको हमारे पीछे नहीं चलना है, हम आपके पीछे खड़े रहेंगे।
बिहार को सुधारने के लिए खड़े हो जाइए- प्रशांत किशोरउन्होंने कहा कि आप अपने बच्चों के लिए और बिहार को सुधारने के लिए खड़े हो जाइए, अगर पैसा और साधन नहीं है, इसके अलावा राजनीत की समझ नहीं है तो उसकी चिंता प्रशांत किशोर पर छोड़ दीजिए, बस खड़े हो जाइए हम सारी मदद करेंगे, लेकिन रोना-गाना बंद कीजिए कि विकल्प नहीं है। अगर विकल्प नहीं है तो आपको और हमको मिलकर बनाना पड़ेगा।
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दीनानाथ साहनी, पटना। बिहार का सीमांचल मुस्लिम बहुल इलाका है। सीमांचल में किशनगंज, कटिहार, अररिया व पूर्णिया ऐसी लोकसभा सीटें हैं, जहां मुस्लिम मतदाता निर्णायक साबित होते हैं, इसलिए सभी राजनीतिक दलों के लिए सीमांचल का खासा महत्व है।
लोकसभा चुनाव के दूसरे चरण में 26 अप्रैल को किशनगंज, कटिहार व पूर्णिया में मतदान होना है, वहीं तीसरे चरण में अररिया में चुनाव है। सीमांचल में चुनावी दंगल की तस्वीर साफ हो चुकी है। यहां एक ही मुद्दा है प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, जिनकी गारंटी को महागठबंधन चुनौती देने में कोई कसर नहीं छोड़ रहा है।
इस रस्साकशी में राजग और महागठबंधन के बीच सीमांचल में मतदाताओं को अपने-अपने पाले में करने की अंतिम लड़ाई जारी है।
किशनगंज में ओवैसी फैक्टर से महागठबंधन को नुकसान!सबसे पहले किशनगंज की चुनावी परिदृश्य की बात करें। सीमांचल के चार मुस्लिम बहुल जिलों में किशनंगज में सर्वाधिक 68 प्रतिशत मुस्लिम आबादी है। यह सीट कांग्रेस का गढ़ माना जाता है। किशनंगज सीमांचल के उन जिलों में चर्चित है जहां बंग्लादेशी घुसपैठ भी बड़ा मुद्दा रहा है।
किशनगंज के पिछले चुनाव के नतीजे पर गौर करें तो 2009 और 2014 में कांग्रेस प्रत्याशी असरार उल हक और 2019 में कांग्रेस के ही प्रत्याशी डॉ. मोहम्मद जावेद चुनाव जीते थे। रोचक यह कि जब एनडीए ने बिहार की 40 में से 39 लोकसभा सीट जीती थी। उस समय किशनगंज एक मात्र सीट थी जहां कांग्रेस प्रत्याशी ने जीते थे।
2020 के बिहार विधानसभा चुनाव में असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी एआइएमआइएम (ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन) ने सीमांचल क्षेत्र में चुनाव लड़कर हलचल मचा दी थी। तब ओवैसी की पार्टी ने पांच सीटों पर जीत हासिल की थी।
इस चुनाव में कांग्रेस ने मौजूदा सांसद डॉ. जावेद को उम्मीदवार बनाया है। जदयू ने मुजाहिद आलम प्रत्याशी हैं। वहीं, ओवैसी ने पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष व विधायक अख्तरुल इमान को प्रत्याशी बनाया है। इनके आने से किशनगंज की लड़ाई दिलचस्प मोड़ में आ चुकी है। विधानसभा चुनाव में ओवैसी ने जिस तरीके से महागठबंधन का खेल बिगाड़ा था, वहीं डर इस बार चुनाव में कांग्रेस व राजद को सता रहा है।
कटिहार में कांटे की टक्करकटिहार में 45 प्रतिशत मुस्लिम आबादी है। हर चुनाव में यहां मुस्लिम मतदाता निर्णायक साबित होते हैं। पिछले चुनाव परिणाम दिलचस्प रहे हैं। 2009 के चुनाव में कटिहार सीट से भाजपा के निखिल चौधरी ने जीत हासिल की थी। वहीं 2014 में एनसीपी (राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी) के तारिक अनवर जीते थे। वो इस बार कांग्रेस के उम्मीदवार हैं। 2019 में जदयू के दुलाल चंद गोस्वामी जीते थे। इस बार कटिहार में एनडीए और महागठबंधन के बीच कांटे की टक्कर दिख रही है। मुद्दा यही है मोदी की गारंटी और विकास।
पूर्णिया में प्रतिष्ठा की लड़ाईपूर्णिया की कुल आबादी में 40-41 प्रतिशत मुस्लिम हैं। यहां के तीन चुनाव नतीजों पर गौर करें तो इस सीट पर एनडीए का दबदबा रहा है। 2009 में भाजपा के पप्पू सिंह जीते थे। 2014 से यह सीट जदयू के खाते में आ गई। तब से जदयू के संतोष कुशवाहा दो बार जीत चुके हैं। एक बार फिर जदयू ने संतोष कुशवाहा को प्रत्याशी बनाया है। हालांकि, जदयू से विधायक बीमा भारती ने पार्टी से इस्तीफा देकर राजद की टिकट पर चुनाव में है।
वहीं, कांग्रेस से टिकट पाने से वंचित राजीव रंजन उर्फ पप्पू यादव निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव में डटे हैं। उनके आने से पूर्णिया सीट पर महागठबंधन की प्रतिष्ठा दांव पर है। चुनाव जीतने की प्रतिष्ठा पप्पू यादव से भी जुड़ी है। वहीं जदयू के लिए भी यह सीट बेहद महत्वपूर्ण है। इसलिए यहां मुकाबला अब एक त्रिकोणीय संघर्ष में बदल गया है।
अररिया का राजनीतिक समीकरणअररिया का राजीतिक समीकरण बेहद दिलचस्प है। यहां की 43 प्रतिशत मुस्लिम आबादी निर्णायक भूमिका निभाती है। भाजपा के लिए यहां हमेशा से बंगलादेशी घूसपैठ बड़ा मुद्दा रहा है। पिछले चुनाव नतीजों पर गौर करें तो अररिया सीट पर कभी भाजपा तो कभी राजद का दबदबा रहा है। 2009 में यहां से भाजपा के प्रदीप कुमार सिंह जीरे थे।
2014 में राजद के मो.तस्लीमुद्दीन ने जीत दर्ज की थी। 2019 में एक बार फिर भाजपा के प्रदीप कुमार सिंह जीते थे। इस चुनाव में भी भाजपा ने प्रदीप कुमार सिंह को उम्मीदवार बनाया है। वहीं राजद से मो.तस्लीमुद्दीन के छोटे पुत्र एवं विधायक मो.शाहनवाज को प्रत्याशी बनाया है। यहां मुस्लिम-यादव समीकरण के अतिरिक्त अगड़ी जातियों के साथ-साथ अत्यंत पिछड़ा वर्ग, दलित वर्ग के मतदाता भी निर्णायक रहे हैं।
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