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'सिर्फ कोटा में ही इतनी सुसाइड क्यों?', सुप्रीम कोर्ट ने जताई चिंता; राजस्थान सरकार को लगाई फटकार

Dainik Jagran - National - 4 hours 14 min ago

पीटीआई, नई दिल्ली। आए दिन राजस्थान के कोटा से स्टूडेंट्स द्वारा आत्महत्या की खबर सामने आती रहती है। इसी मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने अब राज्य सरकार को फटकार लगाई है और स्थिति को गंभीर बताया है।

राज्य सरकार को लगाई फटकार

न्यायमूर्ति जेपी पारदीवाला और न्यायमूर्ति आर महादेवन की पीठ ने कहा कि इस साल अब तक शहर से 14 आत्महत्या के मामले सामने आ चुके हैं। न्यायमूर्ति पारदीवाला ने राज्य सरकार की ओर से पेश वकील से पूछा कि एक राज्य के रूप में आप क्या कर रहे हैं?

राज्य सरकार के वकील ने क्या जवाब दिया?

न्यायाधीश ने कहा, ये बच्चे आत्महत्या क्यों कर रहे हैं और केवल कोटा में ही क्यों? क्या आपने एक राज्य के रूप में इस पर विचार नहीं किया? हालांकि, वकील ने जवाब देते हुए कहा कि आत्महत्या के मामलों की जांच के लिए राज्य में एक विशेष जांच दल (SIT) का गठन किया गया था।

बता दें, सुप्रीम कोर्ट IIT खड़गपुर में पढ़ने वाले छात्र की मौत के मामले में सुनवाई कर रहा था। 4 मई को छात्र अपने छात्रावास के कमरे में फांसी के फंदे से लटका पाया गया था। एक अन्य मामले की भी सुनवाई हुई, जिसमें एक लड़की NEET की परीक्षा देने वाली थी और वह कोटा में अपने कमरे में लटकी मिली थी। लड़की अपने माता-पिता के साथ रहती थी।

FIR दर्ज होने में हुई देरी पर SC ने उठाए सवाल

सर्वोच्च न्यायालय की पीठ को पता चला कि आईआईटी खड़गपुर के छात्र के मामले में प्राथमिकी दर्ज की गई थी, लेकिन 8 मई को दर्ज की गई एफआईआर में चार दिन की देरी पर सुप्रीम कोर्ट ने सवाल भी उठाया। पीठ ने कहा, "इन बातों को हल्के में न लें। यह बहुत गंभीर बातें हैं।"

पीठ ने सुप्रीम कोर्ट के 24 मार्च के उस फैसले का हवाला दिया, जिसमें उच्च शिक्षण संस्थानों में छात्रों की आत्महत्या के लगातार मामलों पर ध्यान दिया गया था और छात्रों की मानसिक स्वास्थ्य संबंधी चिंताओं को दूर करने और ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए एक राष्ट्रीय टास्क फोर्स का गठन किया गया था।

पीठ ने कहा कि ऐसे मामलों में तुरंत एफआईआर दर्ज करना जरूरी है। पीठ ने अदालत में मौजूद संबंधित पुलिस अधिकारी से पूछा, "आपको FIR दर्ज करने में चार दिन क्यों लगे?" हालांकि, पुलिस अधिकारी ने कहा कि FIR दर्ज कर जांच की जा रही है।

पीठ ने क्या-क्या निर्देश दिए?
  • आईआईटी खड़गपुर के अधिकारियों ने आत्महत्या के बारे में पता चलने के बाद पुलिस को इस बारे में सूचित किया।
  • पीठ आईआईटी खड़गपुर के वकील और पुलिस अधिकारी के स्पष्टीकरण से संतुष्ट नहीं थी।
  • पीठ ने कहा, "हम इस मामले पर बहुत सख्त रुख अपना सकते थे। हम संबंधित क्षेत्राधिकार वाले पुलिस थाने के प्रभारी पुलिस अधिकारी के खिलाफ अवमानना ​​का मुकदमा भी चला सकते थे।"
  • पीठ ने एफआईआर दर्ज होने और जांच की प्रगति के बारे में कुछ भी कहने से परहेज किया।
  • पीठ ने कहा कि जांच सही दिशा में तेजी से की जानी चाहिए।
  • कोटा आत्महत्या मामले में पीठ ने एफआईआर दर्ज न किए जाने को गलत बताया।

Ban On Fantasy Apps: 'बॉलीवुड सेलिब्रिटिज-क्रिकेटर्स देते हैं बढ़ावा', सट्टेबाजी ऐप्स पर नकेल की तैयारी; SC से बैन करने की मांग

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Ban On Fantasy Apps: 'बॉलीवुड सेलिब्रिटिज-क्रिकेटर्स देते हैं बढ़ावा', सट्टेबाजी ऐप्स पर नकेल की तैयारी; SC से बैन करने की मांग

Dainik Jagran - National - 5 hours 4 min ago

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। देश में बढ़ते अवैध सट्टेबाजी ऐप्स पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगाने की मांग कर एक याचिका सुप्रीम कोर्ट में दायर की गई है, जिसपर विचार करने पर सहमति जताई गई। याचिका दायर कर ऑनलाइन गेमिंग ऐप्स और फैंटेसी स्पोर्ट्स ऐप्स पर सख्त नियम और कानून बनाने की भी मांग की गई है।

SC ने केंद्र को भेजा नोटिस

इस मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश सूर्यकांत औक न्यायमूर्ति एनके सिंह की पीठ ने केंद्र को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। हालांकि, अभी राज्य सरकारों को नोटिस जारी नहीं किया गया है।

ऐप्स पर प्रतिबंध लगाने की मांग करने वाले याचिकाकर्ता ने खुद को 'एक प्रमुख सामाजिक कार्यकर्ता, मानवतावादी और ग्लोबल पीस इनिशिएटिव का अध्यक्ष, जो विश्व स्तर पर शांति और न्याय को बढ़ावा देने के लिए समर्पित है' बताया है।

क्यों दायर की याचिका?

याचिकाकर्ता ने कहा कि यह जनहित याचिका (PIL) दायर कर लाखों लोगों के हित में और अवैध सट्टेबाजी ऐप्स पर प्रतिबंध लगाने की मांग की गई है। बता दें, इसी साल मार्च में तेलंगाना में 25 बॉलीवुड सेलिब्रिटिज, क्रिकेटरों और फेमस लोगों के खिलाफ सट्टेबाजी ऐप्स को बढ़ावा देने का मामला दर्ज हुआ था।

याचिकाकर्ता ने इस मामले को भी हवाला अपनी याचिका में दिया है। इसके अलावा, तेलंगाना में 24 लोगों द्वारा आत्महत्या करने से संबंधित एक समाचार लेख का भी हवाला दिया गया है।

इसमें कहा गया है कि यह याचिका भारतीय युवाओं और कमजोर नागरिकों को अनियमित ऑनलाइन सट्टेबाजी और जुए के खतरों से बचाने के लिए सर्वोच्च न्यायालय में दायर की गई थी।

'किस्मत का खेल है फैंटेसी ऐप्स'

याचिकाकर्ता ने कहा कि यह याचिका फैंटेसी स्पोर्ट्स और कौशल-आधारित गेमिंग की आड़ में संचालित खतरनाक ऑनलाइन सट्टेबाजी बिजनेस से भारत के युवाओं की सुरक्षा के लिए दायर की गई थी।

याचिका में कहा गया है, "ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरह की सट्टेबाजी स्वाभाविक रूप से भाग्य का खेल है, कौशल का नहीं। इसलिए यह जुए की श्रेणी में आता है, जो सार्वजनिक दुआ अधिनियम 1867 के तहत कई राज्यों में प्रतिबंधित है।"

'हाईवे से अतिक्रमण हटाओ', सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र को दिया निर्देश; तीन महीने में मांगी रिपोर्ट

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कर्नाटक में दुष्कर्म के 7 आरोपियों ने जमानत मिलते ही मनाया जश्न, निकाली विक्ट्री परेड; हावेरी में फैला आक्रोश

Dainik Jagran - National - 5 hours 5 min ago

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। कर्नाटक के हावेरी जिले से हैरान करने वाला मामला सामने आया है। ये मामला 16 महीने पुराना यानी जनवरी 2024 का है, जब 7 लोगों ने मिलकर महिला के साथ गैंग रेप किया था। लोग महिला को घसीटकर पास के जंगल में ले गए थे और उसके साथ रेप किया। अब इन 7 लोगों को जमानत मिल गई है।

इसके बाद आरोपियों ने विजय जुलूस निकाला है। बाइक,कार,संगीत और जोरदार जश्न के नारे के साथ एक विजयी सार्वजनिक जुलूस निकाला गया।

हावेरी के अक्की अलूर शहर में हुई परेड

यह परेड हावेरी के अक्की अलूर शहर में हुई, जहां मोटरबाइक और कारों का एक काफिला स्थानीय सड़कों से रिहा किए गए व्यक्तियों के साथ दिखाई दिया था। वीडियो में आरोपी मुस्कुराते हुए और विजय चिन्ह दिखाते हुए दिखाई दे रहे हैं, जिससे आक्रोश फैल गया है। वहीं सोशल मीडिया पर विजय जुलुस का वीडियो वायरल होने के बाद लोग उनकी रिहाई पर तरह-तरह के सवाल खड़े रहे हैं।

जमानत के बाद लोगों में गुस्सा

लोगों ने बाइक, कार, संगीत और जोरदार जश्न के नारे के साथ एक विजयी सार्वजनिक जुलूस निकाला गया।इसके बाद आरोपियों ने विजय जुलूस निकाला है। आरोपियों के विजय जुलूस निकालने की घटना से पूरे हावेरी जिले में आक्रोश है। 

 कई महीनों तक हिरासत में रखा गया 

हावेरी सेशन कोर्ट ने सात मुख्य आरोपियों को जमानत दी है। इनके नाम हैं, आफताब चंदनकट्टी, मदार साब मंडक्की, समीवुल्ला लालनवर, मोहम्मद सादिक आगासिमानी, शोएब मुल्ला, तौसीप चोटी और रियाज सावीकेरी। 26 साल की महिला के साथ सामूहिक बलात्कार के सिलसिले में गिरफ्तारी के बाद से सभी को कई महीनों तक न्यायिक हिरासत में रखा गया था।

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'आतंकियों पर हमले को खुद पर अटैक मानता है पाकिस्तान', अमित शाह ने पाकिस्तान को एक बार फिर किया बेनकाब

Dainik Jagran - National - 5 hours 37 min ago

एएनआई, नई दिल्ली। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने नई दिल्ली में 22वें सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) अलंकरण समारोह (22nd Border Security Force BSF Investiture Ceremony) और रुस्तमजी मेमोरियल लेक्चर (Rustamji Memorial Lecture) को संबोधित करते हुए ऑपरेशन सिंदूर का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि भारत ने केवल पाकिस्तान के आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया।

केंद्रीय मंत्री अमित शाह ने कहा, "ऑपरेशन सिंदूर (Operation Sindoor) तब हुआ जब हमारे प्रधानमंत्री की दृढ़ राजनीतिक इच्छाशक्ति, हमारी खुफिया एजेंसियों की सटीक जानकारी और सेना की मारक क्षमता का अद्भुत प्रदर्शन एक साथ आए। जब ​​ये तीनों एक साथ आए तो ऑपरेशन सिंदूर मुमकिन हुआ"

हमारा देश कई दशकों से पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद (Pakistan Sponsored Terrorism) का सामना कर रहा है। पाकिस्तान ने कई बड़ी घटनाओं को वर्षों से अंजाम दिया है, लेकिन उसे उचित जवाब नहीं दिया गया...2014 में नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री बने, भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाली सरकार बनी और पहला बड़ा हमला उरी में हमारे सैनिकों पर हुआ, उन्हें जिंदा जलाने का दुस्साहस किया गया और हमने उरी के तुरंत बाद सर्जिकल स्ट्राइक करके पहली बार आतंकवादियों के ठिकानों में घुसकर उन्हें करारा जवाब देने का काम किया।

अमित शाह, केंद्रीय गृह मंत्री

'भारतीय सेना की जाबांजी की तारीफ कर रही दुनिया'

अमित शाह बोले, "पहलगाम में पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवादियों ने बेकसूर लोगों को उनके परिवारों के सामने उनका धर्म पूछकर मार दिया गया। ऑपरेशन सिंदूर उस हमले का जवाब है और आज दुनिया ने भारतीय सशस्त्र बलों की वीरता की भूरी-भूरी प्रशंसा की है।"

पहलगाम आतंकी हमले के बाद 8 मई को ऑपरेशन सिंदूर शुरू किया गया था और ऑपरेशन के कुछ ही मिनटों के भीतर हमने नौ आतंकी ठिकानों को नष्ट कर दिया, जिनमें से दो मुख्यालय थे। हमने पाकिस्तानी सेना के ठिकानों, एयरबेसों को नष्ट नहीं किया। हमने केवल उन लोगों को दंडित किया जिन्होंने भारतीय धरती पर पाप किए थे।

अमित शाह, केंद्रीय गृह मंत्री

आतंकियों पर हमले को खुद पर हमला मानता पाकिस्तान: अमित शाह

केंद्रीय मंत्री ने कहा, "हमें लगता था कि हमने आतंकियों पर हमला किया है, लेकिन पाकिस्तान ने साबित कर दिया कि वह आतंकवाद को प्रायोजित करता है... पाकिस्तान, आतंकियों पर हमले को खुद पर हमला मानता है। जब पाकिस्तानी सेना ने हमारे नागरिक ठिकानों और हमारे सैन्य प्रतिष्ठानों पर हमला करने की कोशिश की, तो भारतीय सेना ने कड़ा जवाब दिया। उनके एयरबेस पर हमला करके अपनी मारक क्षमता का परिचय दिया।"

उन्होंने कहा, "आज पाकिस्तान की पोल खुल गई है कि भारत में आतंकवाद पाकिस्तान प्रायोजित है...जब हमने पाकिस्तान में आतंकवादी स्थलों पर हमला किया तो पाकिस्तानी सेना ने जवाबी कार्रवाई की...पाकिस्तानी सेना के अधिकारी आतंकवादियों के अंतिम संस्कार में शामिल हुए।"

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Corona Cases in India: फिर डराने लगा कोरोना, गुजरात-महाराष्ट्र समेत इन राज्यों में सामने आए नए केस; पढ़ें अपडेट

Dainik Jagran - National - 6 hours 3 min ago

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। Covid 19:  भारत में कोरोना के मामले में एक बार फिर से बढ़ोतरी देखी जा रही है। तमिलनाडु, महाराष्ट्र, कर्नाटक, ओडिशा के बाद अब गुजरात में कोरोना के 15 और नए मामले सामने आए हैं। ये मामले गुजरात के अहमदाबाद से सामने आए हैं।

गुजरात में कोरोना के मरीजों में कोरोना का जेएन.1 वैरिएंट मिला है।15 मरीजों का इलाज किया जा रहा है। बताया जा रहा है ये वैरिएंट ओमिक्रॉन के प्रकार का ही है। ओमिक्रॉन वैरिएंट पहली बार अगस्त 2023 में सामने आया था।

लोगों का किया जा रहा इलाज

वहीं स्वास्थ्य अधिकारी ने लोगों को आश्वस्त किया है कि घबराने की कोई जरूरत नहीं है, क्योंकि सभी मरीज अस्पताल में भर्ती हुए बिना घर पर ही ठीक हो रहे हैं।

'चिंता की जरूरत नहीं'

गुजरात की अतिरिक्त निदेशक (सार्वजनिक स्वास्थ्य) डॉ. नीलम पटेल का भी इस मामले में बयान सामने आया है। उन्होंने कहा, ये मामले इस समय गुजरात या भारत के लिए बहुत चिंता का विषय नहीं हैं।

ओडिशा में कितने मामले?

ओडिशा की अगर बात करें तो कोविड-19 का एक नया मामला सामने आया है। फिलहाल मरीज की हालत स्थिर है।

केरल में कोरोना के 182 मामले

केरल में कोरोना के 182 मामले सामने आए हैं। स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज ने इसकी जानकारी दी है। वहीं महाराष्ट्र में कोरोना के 26 नए मामलों की पुष्टि हुई, इन्हें मिलाकर अब तक कुल 132 मामले हो गए हैं।

दिल्ली में कोरोना के 5 नए मामले, वहीं गुरुग्राम में मिले दो मरीज। हरियाणा के 4 नए केस आए हैं।

देश में कुल कितने मामले?

चीन, थाईलैंड सिंगापुर और हॉन्गकॉन्ग जैसे एशियाई देशों में कोविड मामलों में तेजी देखी जा रही है, जहां हाल ही में हॉन्गकॉन्ग में 30 से अधिक मौतें दर्ज की गईं। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, देश में फिलहाल 257 सक्रिय कोविड मामले हैं।

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'कांग्रेस पर FIR हो', निशिकांत दुबे ने 1991 में पाक से हुए समझौते पर राहुल गांधी को घेरा; सुप्रिया श्रीनेत ने किया पलटवार

Dainik Jagran - National - 7 hours 52 min ago

एएनआई, नई दिल्ली। पिछले दिनों कांग्रेस सांसद और विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने विदेश मंत्री एस जयशंकर पर आरोप लगाया था कि जयशंकर ने ऑपरेशन सिंदूर के तहत आतंकी ठिकानों पर हमलों के बारे में पाकिस्तान को पहले ही अगाह कर दिया था। राहुल के इन आरोपों पर अब भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने जमकर निशाना साधा है।

राहुल गांधी @RahulGandhi जी यह आपकी बनाई हुई सरकार के समय का समझौता है ।1991 में आपकी पार्टी समर्थित सरकार ने यह समझौता किया कि किसी भी आक्रमण या सेना के मूवमेंट की जानकारी का आदान प्रदान भारत व पाकिस्तान एक दूसरे से करेगा।क्या यह समझौता देशद्रोह है? कांग्रेस का हाथ पाकिस्तानी… pic.twitter.com/Me8XFHm0da

— Dr Nishikant Dubey (@nishikant_dubey) May 23, 2025

निशिकांत दुबे ने साल 1991 में कांग्रेस सरकार के दौरान हुए एक समझौते की याद दिलाई है, जिसमें किसी भी आक्रमण या सेना के मूवमेंट की जानकारी एक-दूसरे से शेयर करना जरूरी बताया गया था।

#WATCH | Delhi | Congress leader Supriya Shrinate says, "... First of all, Nishikant Dubey repeatedly displays his stupidity. Former PM Rajiv Gandhi withdrew support from the Chandrashekhar government on 6 March 1991. First of all, this is probably an agreement signed in April… https://t.co/LSvoHEDfvs pic.twitter.com/3hxUQPpOsL

— ANI (@ANI) May 23, 2025

राहुल गांधी पर हमला बोलते हुए निशिकांत दुबे ने एक्स पर पोस्ट कर लिखा, "राहुल गांधी यह आपकी बनाई हुई सरकार के समय का समझौता है। 1991 में आपकी पार्टी समर्थित सरकार ने यह समझौता किया था कि किसी भी आक्रमण या सेना के मूवमेंट की जानकारी का आदान-प्रदान भारत-पाक एक-दूसरे से करेगा। क्या यह समझौता देशद्रोह है?"

निशिकांत दुबे का पोस्ट

उन्होंने लिखा, "कांग्रेस का हाथ पाकिस्तानी वोट बैंक के साथ, विदेश मंत्री एस जयशंकर पर आपत्तिजनक टिप्पणी आपको शोभा देती है? सवाल हमारी सरकार या आपकी (कांग्रेस) की सरकार का नहीं है, सवाल यह है कि 1947 से पाकिस्तान को आतंकवादी राष्ट्र मानते हैं।"

अपने पोस्ट में भाजपा सांसद ने लिखा, "78 सालों से कश्मीर के मुद्दे पर हमारी उनके साथ लड़ाई चल रही है। हमारे कश्मीर के हिस्से को पाकिस्तान अपने कब्जे में रखा है। उसके बावजूद आप छूट देते रहे, चाहे 1950 का नाहरू लियाकत समझौता हो, 1960 का सिंधु जल समझौता या फिर 1975 का शिमला समझौता।"

निशिकांत दुबे का कांग्रेस पर निशाना

भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने कहा कि हम संसद में भी रक्षा की रणनीति पर चर्चा नहीं करते हैं। उन्होंने कांग्रेस को साल 1991 और 1994 के समझौते की याद दिलाई और निशाना साधा है।

उन्होंने कहा, "1991 में जब आप (कांग्रेस) चंद्रशेखर के नेतृ्त्व वाली सरकार को समर्थन दे रहे थे और 1994 में जब पीवी नरसिम्हा राव की सरकार थी, तब इसे लागू किया गया और आपने लिखा कि सेना, नौसेना कहां तैनात होगी और वायु सेना कैसे काम करेगी।"

भाजपा सांसद ने कहा, क्या यह देशद्रोह नहीं है? कांग्रेस ने क्या वोटबैंक की राजनीति के लिए धोखा नहीं किया? मुझे लगता है कि भारत सरकार को इसके खिलाफ देशद्रोह का मुकदमा चलाना चाहिए। देश के बाहर के तत्वों से लड़ाई जारी है, लेकिन अब देश के भीतर के तत्वों पर भी कार्रवाई करने का समय आ गया है।

कांग्रेस ने किया पलटवार

कांग्रेस नेता सुप्रिया श्रीनेत ने निशिकांत दुबे के आरोपों पर पलटवार किया है। उन्होंने कहा कि निशिकांत दुबे बार-बार अपनी मुर्खता का परिचय देते हैं। उन्होंने कहा, "पूर्व पीएम राजीव गांधी ने 6 मार्च 1991 को चंद्रशेखर सरकार से समर्थन वापस ले लिया था और यह समझौता संभवत: अप्रैल 1991 में हुआ था।"

सुप्रिया श्रीनेत ने कहा, "यह समझौता शांतिकाल के लिए है और यह सुनिश्चित करने के बारे में है कि शांतिकाल में दोनों देशों की सेनाओं के बीच कोई गलतफहमी न हो। तो सबसे पहले भाजपा और निशिकांत दुबे यह स्वीकार कर रहे हैं कि विदेश मंत्री जयशंकर ने सूचना दी और राहुल गांधी जो कह रहे थे, वह सच था।"

इन एअरपोर्ट्स पर फोटो-वीडियो लेने पर लगा बैन, DGCA ने जारी किए सख्त निर्देश; नियम तोड़ने पर मिलेगी ये सजा

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'हाईवे से अतिक्रमण हटाओ', सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र को दिया निर्देश; तीन महीने में मांगी रिपोर्ट

Dainik Jagran - National - 7 hours 55 min ago

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र को निर्देश दिया कि वह राष्ट्रीय राजमार्गों की जमीनों पर हो रहे अवैध कब्जों को रोकने के लिए अहम कदम उठाएं। इससे अनधिकृत अतिक्रमणों की जांच की जा सकती है और उनसे संबंधों आंकड़े इकट्ठा किए जा सकें। कोर्ट ने अतिक्रमण हटाने और टीमें गठित करने का निर्देश दिया है।

कोर्ट ने राज्यों की पुलिस या अन्य बलों की निगरानी में टीम बनाने और नियमित पेट्रोलिंग कराने को कहा है।न्यायमूर्ति अभय एस. ओका की अध्यक्षता वाली पीठ ने राजमार्गों की जमीन पर अवैध कब्जे के संबंध में केंद्र को कई निर्देश जारी किए।

कोर्ट ने प्रशासन को राष्ट्रीय राजमार्गों (भूमि एवं यातायात) अधिनियम, 2002 और राजमार्ग प्रशासन नियम, 2004 के तहत राष्ट्रीय राजमार्गों की निगरानी करने और राजमार्ग जमीन पर अनधिकृत कब्जे के बारे में डेटा इकट्ठा करने के लिए निरीक्षण दल गठित करने का आदेश दिया। साथ ही कोर्ट ने इसके लिए एक एसओपी तैयार करें।

कोर्ट ने क्या-क्या कहा?

इसके अलावा, कोर्ट ने भारतीय संघ को नियमित और समय पर राजमार्ग गश्त सुनिश्चित करने के लिए राज्य पुलिस या अन्य बलों से मिलकर निगरानी दल स्थापित करने का निर्देश दिया। कोर्ट ने निर्देश दिया कि आदेश की तारीख से तीन महीने के अंदर दोनों निर्देशों के अनुपालन की रिपोर्ट दी जाए।

पीठ ने अपने फैसले में आगे कहा,'निगरानी दलों का कर्तव्य नियमित समय पर फैसला लेना होगा। इस अनुपालन की रिपोर्ट आज से तीन महीने के अंदर देनी होगी।

इस याचिका पर विचार कर रहा था कोर्ट

कोर्ट एक जनहित याचिका पर विचार कर रहा था, जिसमें राजमार्ग भूमि पर अवैध अतिक्रमण के मुद्दे को उठाया गया था, जिसे हटाना राजमार्गों पर यातायात की सुरक्षा के लिए जरूरी है।

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इन एअरपोर्ट्स पर फोटो-वीडियो लेने पर लगा बैन, DGCA ने जारी किए सख्त निर्देश; नियम तोड़ने पर मिलेगी ये सजा

Dainik Jagran - National - 8 hours 39 min ago

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। नागरिक उड्डयन मानिदेशालय (DGCA) ने देश की हवाई यात्रा को लेकर बड़ा और सख्त फैसला लिया है। डीजीसीए ने जो निर्देश जारी किया है वह उन विमानों पर लागू होगा जो सेना के हवाई अड्डों से उड़ान भरते हैं या वहां उतरते हैं।

भारत की पश्चिमी सीमा के पास मौजूद संवेदनशील एअरबेस जैसे अमृतसर, जम्मू, श्रीनगर और जैसलमेर एयरपोर्ट पर डीजीसीए का यह निर्देश सख्ती से लागू रहेगा। निर्देश में कहा गया है कि इन इलाकों से टेकऑफ या लैंडिंग के वक्त यात्रियों को विंडो शेड्स (खिड़कियों के पर्दे) नीचे रखने होंगे।

DGCA का सख्त निर्देश

डीजीसीए ने बताया कि यह नियम तब तक लागू रहेंगे जब तक विमान 10 हजार फीट की ऊंचाई तक नहीं पहुंच जाता है या फिर जमीन पर रुक नहीं जाता है। DGCA ने यह कदम देश की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए उठाया है।

दरअसल, पिछले कुछ सालों में देखा गया है कि यात्री इन संवेदनशील एअरबेस पर उड़ान भरते वक्त या टेकऑफ के दौरान खिड़की से बाहर के फोटो या वीडियो बना लेते हैं और फिर उसे सोशल मीडिया पर पोस्ट कर देते हैं।

फोटो-वीडियो की नहीं होगी अनुमति

इन तस्वीरों में सेना की गतिविधियां, एअरबेस की बनावट और दूसरी संवेदनशील हिस्से भी दिख गए हैं, इससे देश की सुरक्षा से जुड़ी जानकारी लीक होने का खतरा बढ़ जाता है। इसलिए डीजीसीए ने विंडे शेड्स लगाए रखने का फरमान जारी किया है।

डीजीसीए ने अपने निर्देश में साफ कहा है कि यात्रियों द्वारा सैन्य हवाईअड्डों पर फोटो या वीडियो लेने की अनुमति नहीं होगी। अगर कोई यात्री इस नियम को तोड़ता हुआ पाया जाता है तो उस पर सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

नियम तोड़ने वालों को क्या मिलेगी सजा?

नियम तोड़ने वालों पर नागरिक उड्डयन नियमों के तहत जुर्माना या दूसरी सजा भी हो सकती है। एअरलाइनों को कहा गया है कि वे यात्रियों के इस बारे में जानकारी फ्लाइट से पहले और फ्लाइट के दौरान और बार-बार दें। इसके लिए केबिन क्रू को खास ट्रेनिंग भी दी जाएगी।

एअरलाइनों को करना होगा बदलाव
  • अब एअरलाइनों को अपनी रूटीन प्रक्रिया में बदलाव करना होगा।
  • एअरलाइनों को यह सुनिश्चित करना होगा कि टेकऑफ और लैंडिंग के समय सभी खिड़कियों के पर्दे नीचे रहें।
  • एअरलाइंस अपने ग्राउंड स्टाफ और केबिन क्रू को स्पेशल ट्रेनिंग देंगी।
  • बोर्डिंग गेट पर और विमान के अंदर नोटिस बोर्ड या स्क्रीन के ज़रिए इस नियम की जानकारी दी जाएगी।
  • कुछ एयरलाइंस ने पहले से ही इन उपायों पर काम शुरू कर दिया है, जैसे कि फ्लाइट से पहले घोषणाओं में सुरक्षा नियमों को जोड़ना।
यात्रियों से क्या है उम्मीद?
  • सरकार और DGCA ने यात्रियों से अपील की है कि वे इस नियम को गंभीरता से लें और पालन करें।
  • यात्रियों को सलाह दी गई है कि वे सैन्य एअरबेस से उड़ान के दौरान न तो फोटो लें और न ही वीडियो बनाएं।
  • फ्लाइट के दौरान अगर किसी को कोई कन्फ्यूजन हो, तो वे तुरंत केबिन क्रू से बात करें।

अंडमान सागर के ऊपर दो दिन के लिए एअर स्पेस बंद, NOTAM हुआ जारी; मिसाइल या हथियार प्रणाली की हो सकती टेस्टिंग

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अंडमान सागर के ऊपर दो दिन के लिए एअर स्पेस बंद, NOTAM हुआ जारी; मिसाइल या हथियार प्रणाली की हो सकती टेस्टिंग

Dainik Jagran - National - 9 hours 24 min ago

पीटीआई, नई दिल्ली। भारत ने अंडमान सागर के ऊपर एअर स्पेस बंद करने का एलान करते हुए एक NOTAM जारी किया है। ये केवल कुछ विशेष क्षेत्रों के लिए जारी हुआ है। यह नोटाम आज 23 मई से 24 मई की सुबह 7 बजे से 10 बजे तक प्रभावी रहेगा।

यह क्षेत्र लगभग 500 किलोमीटर लंबा है और सभी ऊंचाई स्तरों पर नागरिक विमानों के लिए बैन किया गया है। यहां मिसाइल या हथियार प्रणाली का टेस्ट हो सकता है।

क्या कहता है NOTAM?

भारतीय प्राधिकारियों की तरफ से हाल ही में जारी नोटिस टू एयरमेन (NOTAM) के अनुसार, किसी भी नागरिक विमान को किसी भी ऊंचाई पर एअर स्पेस का इस्तेमाल करने की अनुमति नहीं दी जाएगी।

क्या होता है नोटाम?

NOTAM का मतलब एयरमेन को नोटिस है। यह नोटिस पायलटों को जारी किया जाता है, जिनमें उन्हें संभावित खतरों के बारे में जानकारी दी जाती है ताकि ट्रेनिंग के दौरान किसी भी तरह का नुकसान नहीं हो। NOTAM दूससंचार के जरिए विमानन प्राधिकरणों के पास दाखिल किए जाते हैं। बता दें ऐसा पहली बार नहीं है कि नोटम जारी हुआ हो, इससे पहले भी कई बार NOTAM जारी किया जा चुका है।

सैन्य अभ्यासों और हथियारों के टेस्ट लिए जारी किए गए पिछले NOTAM की समीक्षा से पता चलता है कि कई नोटिसों में अस्पष्टता थी। लेकिन इस NOTAM के स्थान और कुछ डिटेल को मिसाइल या हथियार प्रणाली टेस्ट के संकेत के रूप में समझा जा सकता है।

ब्रह्मोस मिसाइल का भी हुआ था टेस्ट

पिछले साल अप्रैल में भारत ने अंडमान में हवा से मार करने वाली बैलिस्टिक मिसाइल का सफल परीक्षण किया था और मार्च 2022 में एक लॉन्च पैड से विस्तारित रेंज वाली ब्रह्मोस मिसाइल का सफल परीक्षण किया गया था।

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अंतरिक्ष की सैर के लिए हो जाएं तैयार! 2027 में स्पेस जाएगी मानव अंतरिक्ष उड़ान, ISRO चीफ ने बताया क्या है प्लान

Dainik Jagran - National - 9 hours 48 min ago

आईएएनएस, कोलकाता। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने वर्ष 2025 को भारत के लिए 'गगनयान वर्ष' घोषित किया है। इसरो प्रमुख वी. नारायणन ने कहा कि अब तक 7200 अंतरिक्ष मिशन पूरे हो चुके हैं और भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी द्वारा 3 हजार अन्य परीक्षण अभी भी लंबित हैं।

'क्या है गगनयान वर्ष'

कोलकाता में एक कार्यक्रम के दौरान बोलते हुए वी. नारायणन ने कहा, "यह वर्ष हमारे लिए बहुत महत्वपूर्ण वर्ष है और इसे हमने गगनयान वर्ष घोषित किया है। मनुष्यों को अंतरिक्ष में भेजने से पहले हमने तीन मानवरहित मिशनों की योजना बनाई है और इस वर्ष पहला मानवरहित मिशन की योजना है।"

इसरो प्रमुख ने कहा, "6 जनवरी को हमने आदित्य L1 अंतरिक्ष यान द्वारा एकत्र किए गए एक साल के वैज्ञानिक डाटा को जारी किया था। आप सभी जानते हैं कि आदित्य L1 अपने आप में एक अनूठा सैटेलाइट है और भारत उन चार देशों में से एक है जिसने सूर्य के अध्ययन के लिए सैटेलाइट स्थापित किया है।"

क्या है स्पैडेक्स मिशन?

वी. नारायणन ने स्पैडेक्स मिशन के पूरा होने पर खुशी जाहिर की और कहा कि इस मिशन को पूरा करने के लिए दस किलो ईंधन का प्रबंध किया गया था। उन्होंने यह भी बताया कि 2025 में कई मिशनों की योजना बनाई गई है, जिसमें नासा-इसरो सिंथेटिक एपर्चर रडार सैटेलाइट भी शामिल है, जिसे भारत के अपने प्रक्षेपण यान द्वारा लॉन्च किया जाएगा।

इसरो की आधिकारिक वेबसाइट के अनुसार, स्पैडेक्स मिशन के तहत अंतरिक्ष में डॉकिंग को प्रदर्शित करने के लिए PSLV द्वारा लॉन्च किए गए दो छोटे स्पेसशिप का उपयोग करता है। वी. नारायणन ने कहा कि इसरो द्वारा दिसंबर 2025 तक 'व्योममित्र' नामक रोबोट के साथ पहला मानव रहित मिशन लॉन्च किया जाएगा, जिसके बाद दो और मानव रहित मिशन होंगे।

इस दिन अंतरिक्ष में इंसान भेजेगा ISRO

इसरो प्रमुख वी. नारायणन ने बताया कि इसरो ने साल 2027 की पहली तिमाही तक पहली मानव अतंरिक्ष उड़ान का लक्ष्य रखा है। उन्होंने कहा कि इस वर्ष लगभग हर महीने एक प्रक्षेपण निर्धाति है।

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आसमान में अटकी Indigo फ्लाइट, पायलट ने लाहौर ATC से मांगी अनुमति; पाक ने कर दिया मना; ऐसे बची 227 यात्रियों की जान

Dainik Jagran - National - 18 hours 57 min ago

पीटीआई, नई दिल्ली/मुंबई। दिल्ली से श्रीनगर जा रही इंडिगो फ्लाइट बुधवार को खराब मौसम के चपेट में आ गई। विमान में बैठे यात्रियों ने इस दौरान टर्बुलेंस का सामना किया। विमान के भीतर का दृश्य देखकर सभी हैरान हो गए। इसके बाद पायलट ने श्रीनगर में एयर ट्रैफिक कंट्रोल को इमरजेंसी की सूचना दी। बाद में इस विमान की सुरक्षित लैंडिंग की गई। इस विमान में 227 से अधिक यात्री सवार थे। सभी यात्री सुरक्षित हैं।

समाचार एजेंसी पीटीआई ने सूत्रों के हवाले से बताया कि खराब मौसम के दौरान विमान के पायलट ने लाहौर एअर फिक कंट्रोल से पाकिस्तान के हवाई क्षेत्र का उपयोग करने की अनुमति मांगी। हालांकि, इसके पाकिस्तान की ओर से इनकार कर दिया गया। 

मामले की हो रही जांच

सूत्रों ने दावा किया कि उड़ान 6E 2142 में गंभीर टर्बुलेंस का सामना करने की घटना की नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) द्वारा जांच की जा रही है। बता दें कि इस विमान में 200 से अधिक यात्री सवार थे। दिल्ली से श्रीनगर जा रहे विमान को अचानक ओलावृष्टि का सामना करना पड़ा। इसके बाद तुरंत पायलट ने इस बात की जानकारी एटीसी को दी, जिसके बाद विमान की सुरक्षित लैंडिंग हो सकी।

लाहौर एटीसी ने नहीं दी पाकिस्तानी हवाई क्षेत्र से गुजरने की अनुमति

बताया जाता है कि जिस समय यह इंडिगो का विमान अमृतसर के ऊपर से उड़ रहा था, उसी समय मौसम में बदलाव महसूस किए गए। जिसके बाद पायलट ने पाकिस्तान के हवाई क्षेत्र से गुजरने के लिए लाहौर एअर ट्रैफिक कंट्रोल (ATC) से अनुमति मांगी। सूत्रों ने पीटीआई को बताया कि पायल के इस अनुरोध को लाहौर एटीसी ने अस्वीकार कर दिया। जिसके बाद विमान को टर्बुलेंस का सामना करना पड़ा और यात्रियो को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा।

पाकिस्तान ने अपना एअरस्पेस भारतीय विमानों के लिए किया है बंद

दरअसल, 22 अप्रैल को हुए पहलगाम हमले के बाद पाकिस्तान की ओर से अपना एअरस्पेस भारत के लिए बंद कर दिया गया है। ठीक इसी तरीके से भारत ने भी पाकिस्तानी एअरलाइनों के लिए अपना हवाई क्षेत्र बंद कर दिया है। पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 26 निर्दोष लोग मारे गए थे।

एअरलाइन कंपनी का बयान आया सामने

उधर, गुरुवार को इस संबंध में विमान कंपनी इंडिगो की ओर से एक बयान जारी किया गया। विमान कंपनी ने अपने बयान में कहा कि 21 मई, 2025 को दिल्ली से श्रीनगर के लिए उड़ान भरने वाली उसकी उड़ान 6E 2142 अचानक ओलावृष्टि से बचती हुई श्रीनगर अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर सुरक्षित रूप से उतरी।

एअरलाइन कंपनी ने कहा कि उतरने पर सभी ग्राहकों की देखभाल की गई और किसी के घायल होने की सूचना नहीं है। विमान वर्तमान में श्रीनगर में आवश्यक निरीक्षण और रखरखाव से गुजर रहा है और सभी मंजूरी मिलने के बाद परिचालन फिर से शुरू होगा।

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Karnataka: कर्नाटक सरकार का बड़ा फैसला, रामनगर जिले के नाम 'बेंगलुरु दक्षिण' करने की दी मंजूरी

Dainik Jagran - National - 18 hours 58 min ago

 पीटीआई, बेंगलुरु। कर्नाटक मंत्रिमंडल ने बृहस्पतिवार को बेंगलुरु महानगर के पड़ोसी रामनगर जिले का नाम बदलकर बेंगलुरु दक्षिण करने को मंजूरी दे दी। इसकी कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार ने गुरुवार को घोषणा की।

डीके शिवकुमार ने की घोषणा

कैबिनेट बैठक के बाद पत्रकारों से बात करते हुए डीके शिवकुमार ने कहा कि आज से कैबिनेट में यह घोषणा की गई है कि रामनगर का नाम बदलकर बेंगलुरु दक्षिण कर दिया जाएगा। सभी मुख्यालय रामनगर में होंगे।

आगे बोले कि आज, पूरे मंत्रिमंडल ने इस पर चर्चा की। मुझे यह घोषणा करते हुए बहुत खुशी हो रही है कि रामनगर जिला बेंगलुरु जिले का हिस्सा था, मुख्यालय रामनगर में ही रहेगा, लेकिन सभी प्रशासनिक उद्देश्यों के लिए जिले को बेंगलुरु दक्षिण कहा जाएगा।

बेंगलुरु शहर से करीब 50 किलोमीटर दूर रामनगर

बेंगलुरु शहर से करीब 50 किलोमीटर दूर रामनगर, पूर्व की तरह ही जिले का मुख्यालय बना रहेगा। इस जिले के अंतर्गत मगदी, कनकपुरा, चन्नपटना और हरोहल्ली तालुका भी आते हैं।

रामनगर शिवकुमार का गृह जिला है, जिसका अब नाम बदला गया है। वह कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष भी हैं। संवाददाताओं ने शिवकुमार से सवाल किया कि क्या केंद्र ने इस संबंध में मंत्रिमंडल के पहले के फैसले का विरोध किया था? इसके जवाब में उन्होंने कहा, कुछ नहीं, केंद्र सरकार के पास इस मुद्दे पर कोई अधिकार नहीं है।

शिवकुमार ने कहा कि केंद्र को सूचित करना अनिवार्य था

शिवकुमार ने कहा कि केंद्र को सूचित करना अनिवार्य था, बस इतना ही। इस पर कुछ राजनीति हुई और कुछ प्रयास (विरोध करने के) भी हुए, लेकिन यह हमारा अधिकार है, यह राज्य का विषय है।

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SC: पद पर बनी रहेंगी ऑपरेशन सिंदूर का हिस्सा रहीं विंग कमांडर, सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत

Dainik Jagran - National - May 22, 2025 - 11:31pm

 पीटीआई, नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र और भारतीय वायुसेना को निर्देश दिया कि वे आपरेशन बालाकोट और ऑपरेशन सिंदूर का हिस्सा रही महिला अधिकारी निकिता पांडे को सेवा से मुक्त नहीं करें, जिन्हें स्थायी कमीशन से वंचित किया गया था।

याचिका पर केंद्र और वायुसेना से जवाब मांगा

जस्टिस सूर्यकांत और एन. कोटिस्वर सिंह की पीठ ने पांडे की याचिका पर केंद्र और वायुसेना से जवाब मांगा, जिसमें उन्होंने स्थायी कमीशन से वंचित किए जाने को भेदभाव बताया। पीठ ने सुनवाई को छह अगस्त के लिए निर्धारित किया। पीठ ने गुरुवार को वायुसेना को एक पेशेवर बल बताते हुए कहा कि ऐसे अधिकारियों के लिए सेवा में अनिश्चितता उचित नहीं।

हमारी वायुसेना दुनिया के सबसे बेहतरीन संगठनों में से एक

जस्टिस सूर्यकांत ने कहा, ''हमारी वायुसेना दुनिया के सबसे बेहतरीन संगठनों में से एक है। अधिकारियों की प्रशंसा की जानी चाहिए। उनके समन्वय की गुणवत्ता अद्वितीय है। इसलिए हम हमेशा उन्हें सलाम करते हैं। वे राष्ट्र के लिए बड़ी संपत्ति हैं। उनके कारण हम रात में चैन से सो पाते हैं।''

पीठ ने यह भी नोट किया कि शार्ट सर्विस कमीशन (एसएससी) अधिकारियों के लिए ''कठिन जीवन'' उनके भर्ती के बाद शुरू होता है। इसके लिए 10 या 15 वर्षों के बाद स्थायी कमीशन देने के लिए कुछ प्रोत्साहन की आवश्यकता होती है।

मुवक्किल एक विशेषज्ञ फाइटर कंट्रोलर हैं

महिला अधिकारी की ओर से पेश हुईं वरिष्ठ अधिवक्ता मेनका गुरुस्वामी ने कहा कि उनकी मुवक्किल एक विशेषज्ञ फाइटर कंट्रोलर हैं, जिन्होंने ऑपरेशन सिंदूर और ऑपरेशन बालाकोट में एक विशेषज्ञ के रूप में भाग लिया।

अधिकारी ने 13.5 वर्षों से अधिक समय तक सेवा की

अधिकारी ने 13.5 वर्षों से अधिक समय तक सेवा की है, लेकिन 2019 की नीति के कारण उन्हें स्थायी कमीशन से वंचित किया गया और एक महीने बाद अपनी सेवा समाप्त करने के लिए मजबूर होना पड़ा।

गुरुस्वामी ने कहा कि अधिकारी देश में विशेषज्ञ एयर फाइटर कंट्रोलर्स की मेरिट लिस्ट में दूसरे स्थान पर रहीं हैं। पीठ ने अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल ऐश्वर्या भाटी से पूछा कि अधिकारी को स्थायी कमीशन क्यों नहीं दिया गया। भाटी ने तर्क किया कि चयन बोर्ड ने उन्हें अयोग्य पाया।

सॉलिसिटर जनरल ने कही ये बात

भाटी ने कहा कि अधिकारी ने सीधे सुप्रीम कोर्ट का रुख किया बिना किसी प्रतिनिधित्व के और पीठ को सूचित किया कि एक दूसरा चयन बोर्ड उनके मामले पर विचार करेगा।

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'आतंकवाद होगा दंडित, आतंकियों का होगा शिकार', गोवा में बोले उपराष्ट्रपति धनखड़

Dainik Jagran - National - May 22, 2025 - 11:30pm

पीटीआई, पणजी। उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने ऑपरेशन सिंदूर की सराहना करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ''हमारे कष्टकारी पड़ोसियों'' और वैश्विक समुदाय को यह संदेश दिया है कि आतंकवाद का दंड दिया जाएगा और आतंकवादियों का शिकार किया जाएगा।

भारत आत्मविश्वासी और साहसी है

उपराष्ट्रपति धनखड़ ने गुरुवार को कहा, ''भारत अब बहुत अलग है। भारत आत्मविश्वासी और साहसी है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने न केवल हमारे कष्टकारी और असहनीय पड़ोसियों को बल्कि पूरे वैश्विक समुदाय को यह संदेश दिया है कि आतंकवाद को अब सहन नहीं किया जाएगा, बल्कि आतंकियों को दंडित किया जाएगा।''

ऑपरेशन सिंदूर की आवश्यकता थी - धनखड़

उन्होंने कहा, ''जहां भी आतंकी स्थित हैं, उन्हें शिकार किया जाएगा। ऑपरेशन सिंदूर की आवश्यकता थी और यह जारी है। हमें हमारे प्रधानमंत्री के दृष्टिकोण को सलाम करना चाहिए कि उन्होंने इसे पूरा किया।''

धनखड़ ने कहा कि दुनिया ने भारतीय सशस्त्र बलों की शक्ति को स्वीकार किया है क्योंकि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान लक्ष्य निर्धारण सटीक था और संतुलित गणना की गई थी। इसलिए हमारे सशस्त्र बलों को सलाम कि उन्होंने राष्ट्र को गर्वित किया।''

ध्यान रहे कि सात से 10 मई के बीच चार दिवसीय आपरेशन में भारतीय बलों ने पाकिस्तान और पाकिस्तान-आधारित कश्मीर में आतंकी ढांचे को नष्ट किया, जो 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए भयानक हमले का प्रतिशोध था, जिसमें 26 लोग जिसमें ज्यादातर पर्यटक थे, मारे गए।

उपराष्ट्रपति ने किसानों से 'एग्रीप्रेन्योर' के लिए मांगा समर्थन

उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कहा कि किसानों को कृषि उत्पादों के विपणन और मूल्य संवर्धन में पूरी तरह से शामिल होना चाहिए, जबकि इस क्षेत्र से लाभान्वित होने वाले उद्योगपतियों को भी योगदान देना चाहिए। किसान समुदाय से उद्यमियों का निर्माण करने की आवश्यकता है। मैं उन्हें एग्रीप्रेन्योर कहता हूं। इस देश में लाखों एग्रीप्रेन्योर होने चाहिए।

उपराष्ट्रपति ने ओल्ड गोवा में कही ये बात

उपराष्ट्रपति ने ओल्ड गोवा में भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आइसीएआर) में कृषि विशेषज्ञों को संबोधित करते हुए कहा, ''किसान को कृषि उत्पादों के विपणन और मूल्य संवर्धन में पूरी तरह से शामिल होना चाहिए। किसान की आय में बड़ा बदलाव तभी आएगा जब किसान कृषि के व्यवसाय में भी संलग्न हो।''

धनखड़ ने कहा कि यदि किसान और उनके बच्चे खेती के सीमित दायरे में ही सीमित रहेंगे, तो भारत की आर्थिक प्रणाली को चलाने के लिए आवश्यक गति कम हो जाएगी।

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PM E-Drive Scheme: दिल्ली सहित पांच बड़े शहरों को मिलेगी 11 हजार ई-बसें, पीएम-ई ड्राइव योजना का एलान

Dainik Jagran - National - May 22, 2025 - 11:30pm

पीटीआई, नई दिल्ली। केंद्रीय भारी उद्योग और इस्पात मंत्री एचडी कुमारस्वामी ने कहा कि पीएम ई-ड्राइव योजना के तहत दिल्ली और बेंगलुरु समेत पांच बड़े शहरों को करीब 11 हजार इलेक्ट्रिक बसें मुहैया कराई जाएंगी।

सूरत को 600 इलेक्ट्रिक बसें उपलब्ध कराई जाएंगी

केंद्रीय मंत्री ने यह बयान इस योजना के तहत इलेक्ट्रिक बसों (ई-बस) की शुरुआत पर एक बैठक की अध्यक्षता करने के बाद दिया।

विस्तृत विचार-विमर्श के बाद भारी उद्योग मंत्रालय ने आश्वासन दिया है कि पीएम ई-ड्राइव योजना के तहत बेंगलुरु को लगभग 4,500, हैदराबाद को 2,000, दिल्ली को 2,800, अहमदाबाद को 1,000 और सूरत को 600 इलेक्ट्रिक बसें उपलब्ध कराई जाएंगी।

कुमारस्वामी ने कही ये बात

कुमारस्वामी ने कहा कि बेंगलुरु से लेकर दिल्ली तक शहर सार्वजनिक परिवहन को स्वच्छ, स्मार्ट और अधिक कुशल बनाने के लिए इलेक्ट्रिक बसों को अपना रहे हैं।

मंत्री ने कहा कि हम न केवल इलेक्ट्रिक बसें आवंटित नहीं कर रहे हैं, बल्कि नवाचार और पर्यावरण चेतना के साथ भारत की परिवहन प्रणाली के भविष्य को आकार दे रहे हैं।

नवाचार और पर्यावरण का ध्यान

पीएम ई-ड्राइव पहल का लक्ष्य अप्रैल, 2024 से मार्च, 2026 तक दो साल की अवधि में 10,900 करोड़ रुपये के कुल खर्च के साथ 14,028 इलेक्ट्रिक बसें तैनात करना है।

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Jal Jeevan Mission Scam: सांसदों की जल जीवन मिशन की जांच की पुरजोर मांग, कई मुद्दों पर उठाई आवाज

Dainik Jagran - National - May 22, 2025 - 11:30pm

पीटीआई, नई दिल्ली। जल शक्ति मंत्रालय के बजट अनुदानों पर चर्चा के लिए आयोजित बैठक में सांसदों ने जल संरक्षण के लिए सामूहिक दृष्टिकोण की आवश्यकता पर जोर दिया और जल जीवन मिशन के कार्यान्वयन पर चिंता व्यक्त की। कई सांसदों ने जल जीवन मिशन में वित्तीय अनियमितताओं के आरोपों की जांच की मांग की।

जल संरक्षण के प्रति साझा प्रतिबद्धता को दर्शाया

जल शक्ति मंत्री सीआर पाटिल ने एक्स पोस्ट में कहा कि बैठक ने जल संरक्षण के प्रति साझा प्रतिबद्धता को दर्शाया। सभी सांसदों ने रचनात्मक सुझाव प्रस्तुत किए और सामूहिक प्रयास की भावना पर जोर दिया।

पाटिल ने कहा कि जल संरक्षण प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में एक जन आंदोलन बन गया है, जिसमें जनता की भागीदारी अभूतपूर्व स्तर पर है। बैठक में 60 आमंत्रित सांसदों में से 13 ने भाग लिया।

सांसद पप्पू यादव ने बिहार में बाढ़ के मुद्दे को उठाया

सांसद पप्पू यादव ने बिहार में बाढ़ के मुद्दे को उठाया और नदी आपस में जोड़ने और अतिरिक्त जल के मोड़ने की आवश्यकता पर जोर दिया। बिहार नेपाल से काफी मात्रा में पानी प्राप्त करता है। यदि वहां बाढ़ आती है, तो इसका असर हम पर पड़ता है। किसानों की मदद के लिए नदियों का आपस में जोड़ना चाहिए और बाढ़ को समाप्त करना चाहिए।

यादव ने कहा, ''यदि कोसी-मेची नदियों को महानंदा से जोड़ा गया, तो चार जिलों को नुकसान होगा। गंगा का जल स्तर बढ़ गया है और गाद निकालने की कोई उचित योजना नहीं है।''

कोसी-मेची अंतराज्यीय लिंक परियोजना का विरोध किया

कांग्रेस सांसद मोहम्मद जावेद ने भी प्रस्तावित कोसी-मेची अंतराज्यीय लिंक परियोजना का विरोध किया। उन्होंने कहा कि इससे बिहार में साल भर बाढ़ का खतरा बढ़ जाएगा। हमने सरकार से अनुरोध किया है कि इस परियोजना को लागू न किया जाए और इसके बजाय महानंदा बेसिन के विकास के लिए धन आवंटित किया जाए।''

राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के सांसद हनुमान बेनीवाल ने पाटिल से राजस्थान में जल जीवन मिशन के कार्यान्वयन की जांच को तेज करने का आग्रह किया। मंत्रालय के अधिकारियों ने सांसदों को गंगा सफाई प्रयासों और जल जीवन मिशन की प्रगति के बारे में जानकारी दी।

100 निरीक्षण टीमों को तैनात किया गया

अधिकारियों ने कहा कि मध्य प्रदेश, राजस्थान, कर्नाटक और उत्तर प्रदेश सहित राज्यों में 100 निरीक्षण टीमों को तैनात किया गया है। मंत्रालय ने शहरी जल आपूर्ति, अपशिष्ट जल उपचार और वर्षा जल संचयन पहलों पर भी अपडेट साझा किए।

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अदम्य साहस दिखाने वाले जवानों को किया गया सम्मानित, राष्ट्रपति ने छह कीर्ति चक्र और 33 शौर्य चक्र प्रदान किए

Dainik Jagran - National - May 22, 2025 - 11:22pm

पीटीआई, नई दिल्ली। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने गुरुवार को राष्ट्रपति भवन में आयोजित रक्षा अलंकरण समारोह के दौरान देश के जांबाज सैनिकों को छह कीर्ति चक्र और 33 शौर्य चक्र पुरस्कारों से सम्मानित किया। राष्ट्रपति ने सेना और जम्मू-कश्मीर पुलिस के कर्मियों को कर्तव्य के दौरान अदम्य साहस और असाधारण वीरता दिखाने के लिए चार मरणोपरांत सहित छह कीर्ति चक्र प्रदान किए।

कीर्ति चक्र भारत का दूसरा सबसे बड़ा वीरता पुरस्कार है। सिख लाइट इन्फैंट्री के कर्नल मनप्रीत सिंह, जम्मू और कश्मीर लाइट इन्फैंट्री के राइफलमैन रवि कुमार, आर्टिलरी रेजिमेंट के नायक दिलवर खान और जम्मू और कश्मीर पुलिस के पुलिस उपाधीक्षक हिमायूं हूमायूं मुजम्मिल भट को मरणोपरांत कीर्ति चक्र से सम्मानित किया गया है।

राष्ट्रपति मुर्मु ने 33 शौर्य चक्र प्रदान किए 

मराठा लाइट इन्फैंट्री, 56 राष्ट्रीय राइफल्स के मेजर मल्ला राम गोपाल नायडू और पंजाब रेजिमेंट 22 राष्ट्रीय राइफल्स के मेजर मंजीत को कीर्ति चक्र प्रदान किया गया। अलंकरण समारोह के दौरान सशस्त्र बलों, केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों और राज्य, केंद्र शासित प्रदेश पुलिस के कर्मियों को सात मरणोपरांत सहित 33 शौर्य चक्र भी प्रदान किए गए। राष्ट्रपति भवन ने बाद में अपने आधिकारिक एक्स हैंडल पर समारोह की तस्वीरें भी साझा कीं।

पिता को मरणोपरांत कीर्ति चक्र मिलने पर बेटे ने कहा-धन्यवाद पापा

कश्मीर में आतंकवादियों से लड़ते हुए बलिदान हुए कर्नल मनप्रीत सिंह को मरणोपरांत कीर्ति चक्र दिया गया। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने गुरुवार राष्ट्रपति भवन में यह सम्मान कर्नल मनप्रीत की पत्नी को प्रदान किया। इस सम्मान के लिए कर्नल का बेटा कबीर ने कहा- धन्यवाद पापा। 19 महीने पहले उसने अपने पिता की चिता को अग्नि देने वाले कबीर के मन में यह आशा है कि एक दिन उसके पिता घर लौटेंगे।

उन्होंने कहा कि अब पापा वापस आएंगे, मिशन खत्म होगा अब। राष्ट्रपति द्वारा मिला पुरस्कार कबीर के मन में कहीं न कहीं यह दर्शाता है कि उनके पिता कहीं जीवित और स्वस्थ हैं। इस बीच, कर्नल मनप्रीत की पत्नी जगमीत सिंह ने कहा कि यह परिवार और उनके बच्चों 10 वर्षीय कबीर और पांच वर्षीय वाणी के लिए एक कठिन समय है।

उन्होंने कहा कि उनके बच्चे अभी तक कठोर सत्य को स्वीकार करने के लिए तैयार नहीं हैं। मनप्रीत ने देश के लिए अपने प्राणों की आहुति दी और यह हमारे लिए एक गर्व का क्षण है। लेकिन अपने बच्चों को यह समझाना निश्चित रूप से कठिन है।

उन्होंने कहा कि अपने पिता की मृत्यु के बाद कबीर अपने मोबाइल पर वायस मैसेज भेजता था, उनसे वापस आने की गुहार लगाते हुए वीडियो काल करने की प्रार्थना करता था। कबीर यह सब चोरी से करता था, ताकि मां न सुने। जगमीत अपने परिवार और बच्चों के साथ पंचकुला में रहती हैं। गौरतलब है कि कर्नल मनप्रीत सिंह 13 सितंबर, 2023 को कश्मीर के कोकरनाग के गडूल गांव में आतंकवादियों के साथ मुठभेड़ में तीन अन्य सुरक्षा कर्मियों के साथ बलिदान हो गए थे।

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भारत ने Celebi Airport Services का लाइसेंस क्यों किया रद? कोर्ट में तुषार मेहता ने दिया जवाब

Dainik Jagran - National - May 22, 2025 - 11:07pm

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। एयरपोर्ट पर कार्गो और ग्राउंड हैंडलिंग सेवाएं प्रदान करने वाली तुर्किये की कंपनी सेलेबी की सुरक्षा मंजूरी रद करने के खिलाफ दायर याचिका पर केंद्र सरकार ने दिल्ली हाई कोर्ट में कई महत्वपूर्ण तर्क प्रस्तुत किए।

सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि देश की सुरक्षा के लिए खतरे की अभूतपूर्व स्थिति को देखते हुए बिना किसी चेतावनी के सेलेबी की सुरक्षा मंजूरी रद की गई। उन्होंने बताया कि इस समय सुनवाई का अवसर देना असंभव है, क्योंकि देरी से कार्रवाई का उद्देश्य विफल हो सकता है।

राष्ट्रीय सुरक्षा के मामलों में या तो कार्रवाई की जाती है या नहीं: कोर्ट 

इस मामले में सेलेबी एयरपोर्ट सर्विसेज इंडिया प्राइवेट लिमिटेड और सेलेबी दिल्ली कार्गो टर्मिनल मैनेजमेंट इंडिया प्राइवेट लिमिटेड ने सुरक्षा मंजूरी रद करने के फैसले के खिलाफ याचिका दायर की है। न्यायमूर्ति सचिन दत्ता की पीठ के समक्ष एसजी तुषार मेहता ने कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा के मामलों में या तो कार्रवाई की जाती है या नहीं, इसके बीच का कोई विकल्प नहीं है।

उन्होंने बताया कि याचिकाकर्ता ग्राउंड और कार्गो हैंडलिंग में शामिल थे और कई हवाई अड्डों पर विमानों तक उनकी पहुंच थी। कार्गो की जांच की जाती थी। वीआइपी मूवमेंट को भी संभालते थे। इसके कारण अधिकारियों को कानून के तहत अपने सर्वोच्च अधिकार का उपयोग करना पड़ा।

उन्होंने कहा कि अदालत एक ऐसी स्थिति का सामना कर रही है, जहां विभिन्न हवाई अड्डों पर नागरिक उड्डयन सुरक्षा के लिए संभावित खतरा है। अदालत ने केंद्र सरकार के तर्कों को सुनने के बाद मामले की सुनवाई शुक्रवार तक के लिए स्थगित कर दी।

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विश्व पर्यावरण दिवस: सिंगल यूज प्लास्टिक के खिलाफ चलेगा देशव्यापी जागरूकता अभियान, प्रदूषण पर होगा प्रहार

Dainik Jagran - National - May 22, 2025 - 11:04pm

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। सिंगल यूज प्लास्टिक के इस्तेमाल पर प्रतिबंध के बाद भी देश में इसके धड़ल्ले से हो रहे इस्तेमाल को रोकने के लिए केंद्र सरकार ने अब जनजागरूकता का सराहा लिया है। विश्व पर्यावरण दिवस से पहले वन एवं पर्यावरण मंत्रालय ने सिंगल यूज प्लास्टिक के इस्तेमाल को रोकने के लिए एक राष्ट्र-एक मिशन नाम से एक देशव्यापी अभियान शुरू किया है।

इसमें देश भर के सभी सार्वजनिक स्थलों, जैसे समुद्र और नदियों तटों, पार्कों, पर्यटन स्थलों, रेलवे स्टेशन व ग्रामीण क्षेत्रों में स्वच्छता अभियान चलाया जाएगा। इस अभियान के तहत लोगों को सिंगल यूज प्लास्टिक के इस्तेमाल को लेकर जागरूक भी किया जाएगा। साथ ही यह बताया जाएगा कि यह पर्यावरण के लिए किस तरह हानिकारक है।

अभियान में राज्यों को लेना है भाग

इनमें सोशल मीडिया अभियान, नुक्कड नाकट, पोस्ट व निबंध प्रतियोगिता, सार्वजनिक प्रतिज्ञा और मैराथन जैसी गतिविधियां आयोजित होगी। मंत्रालय ने इस अभियान में केंद्र सरकार के सभी मंत्रालय के साथ सभी राज्य सरकारों, स्थानीय निकायों, शैक्षणिक संस्थानों, उद्योग और नागरिकों से इस अभियान में हिस्सा लेने को कहा है।

सिंगल यूज प्लास्टिक के उत्पादन में कमी लाना लक्ष्य

मंत्रालय के मुताबिक, इस अभियान का मुख्य फोकस सिंगल यूज प्लास्टिक सहित प्लास्टिक कचरे के उपयोग व उत्पादन में कमी लाना, प्लास्टिक कचरे का पृथक्करण, संग्रहण, निपटान और पुनर्चक्रण के माध्यम से नष्ट करना या दूसरे उपयोग में लाना, सिंगल यूज प्लास्टिक के लिए दीर्घकालिक विकल्पों का प्रोत्साहन आदि शामिल है। बता दें कि सिंगल यूज प्लास्टिक के इस्तेमाल को सरकार ने एक जुलाई 2022 को ही प्रतिबंधित कर दिया है।

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Operation Sindoor: आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई होगी और मजबूत, यूएई और जापान से भारत को मिला समर्थन

Dainik Jagran - National - May 22, 2025 - 10:51pm

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। पाकिस्तान की पोल खोलने गए भारतीय दलों को जापान और यूएई ने साफ शब्दों में कहा कि आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में हम भारत के साथ खड़े हैं। दोनों देशों ने आतंकवाद की निंदा की और इसे पूरी मानवता के खिलाफ बताया।

ऑपरेशन सिंदूर के बाद विदेशी सरकारों को आतंकवाद के साथ पाकिस्तान के पुराने रिश्ते के बारे में जानकारी देने के लिए गठित भारतीय सांसदों का दल गुरुवार को जापान और यूएई पहुंच गया। जदयू सांसद संजय कुमार झा के नेतृत्व वाले दल ने जापान के विदेश मंत्री ताकेशी इवाया से मुलाकात की और उन्हें पहलगाम हमले से लेकर ऑपरेशन सिंदूर के तहत उठाए गए कदमों के बारे में जानकारी दी।

भारत का पुराना रणनीतिक साझेदार है जापान

जापान भारत का पुराना रणनीतिक साझेदार देश है। विदेश मंत्री इवाया ने ना सिर्फ पहलगाम हमले की एक बार फिर बेहद कड़े शब्दों में निंदा की, बल्कि आतंकवाद के खिलाफ भारत की लड़ाई के प्रति अपना समर्थन भी व्यक्त किया।

आतंक के प्रति भारत अपनाता है जीरो टॉलरेंस नीति

भारतीय प्रतिनिधिमंडल ने जापान के समक्ष यह स्पष्ट किया कि भारत आतंकवाद के प्रति जीरो-टॉलरेंस की नीति अपनाता है और आतंकवादियों तथा उनका समर्थन करने वालों में कोई भेद नहीं करता। यह भी उल्लेखनीय है कि गुरुवार को ही भारत के विदेश सचिव विक्रम मिसरी भी जापान पहुंचे और वहां के उप विदेश मंत्री ताकेहारी फुनाकोशी और एनएसए मासाताका ओकानो से अलग-अलग मुलाकात की।

उधर, शिवसेना सांसद डॉ. श्रीकांत एकनाथ शिंदे की अगुआई वाली दूसरी टीम यूएई पहुंची। वहां उनकी मुलाकात यूएई के सहिष्णुता और सहअस्तित्व मंत्री शेख नाहयान मबारक अल नाहयान से हुई। इस दल में बांसुरी स्वराज, मोहम्मद बशीर, अतुल गर्ग, सस्मित पात्रा, मनन कुमार मिश्रा, सुरेंद्रजीत सिंह अहलूवालिया और पूर्व राजदूत सुजन चिनाय शामिल हैं।

पहलगाम हमले के पीछे की साजिश के बारे में दी जानकारी

इस दल ने पहलगाम हमले के पीछे की साजिश के बारे में यूएई के मंत्री को बताया। यहां बताया गया कि इस हमले के पीछे पाकिस्तान की मंशा भारत में समाजिक वैमनस्य फैलाना था। शेख नाहयान ने कहा कि भारत और यूएई आतंकवाद के खिलाफ हमेशा एक साथ हैं। भारतीय दल ने बाद में यूएई फेडरल नेशनल काउंसिल के विदेशी मामलों की समिति के अध्यक्ष डॉ. अली रशीद अल नुआमी से भी मुलाकात की।

भारत कुल सात संसदीय दल को दुनिया के 33 देशों की यात्रा पर भेज रहा है। हर दल चार-पांच देशों की यात्रा पर जा रहा है। उक्त दल किन देशों की यात्रा पर जाएगा, इसका चयन भी सोच-समझकर किया गया है। इनमें मुख्य तौर पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के मौजूदा अस्थायी सदस्यों व निकट भविष्य में अस्थायी सदस्य बनने वाले देशों को शामिल किया गया है। साथ ही परिषद के पांच में चार स्थायी सदस्य देशों की यात्रा पर भी भारतीय सांसदों का दल जा रहा है।

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