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Pahalgam Attack: भारत-पाक बार्डर से अफगान ट्रेड बंद, आइसीपी में 22 के बाद नहीं आई कोई गाड़ी

Dainik Jagran - National - April 29, 2025 - 5:40am

विपिन कुमार राणा, जागरण, अमृतसर। 2019 में पुलवामा हमले के बाद अटारी-वाघा सड़क मार्ग से होने वाला भारत-पाक का ट्रेड बंद कर दिया गया था, लेकिन भारत के साथ अफगानिस्तान का व्यापार बदस्तूर जारी रहा।

ड्राई फ्रूट के 35 ट्रकों को वाघा सीमा पर ही रोका

22 अप्रैल की पहलगाम में हुई घटना के बाद जब भारत ने सख्ती की तो पाकिस्तान ने अफगानिस्तान से आने वाले ड्राई फ्रूट के 35 ट्रकों को वाघा सीमा पर ही रोक दिया है। वर्ष 2023-24 (दिसंबर 2024 तक) अटारी मार्ग के रास्ते अफगानिस्तान से 3,115.99 करोड़ रुपये का आयात हुआ था।

ड्राई फ्रूट की मांग सर्दियों में होती है

इस सीजन की बात करें तो ज्यादातर माल अफगानिस्तान से आ चुका है और कोल्ड स्टोर में लग चुका है, जबकि दस प्रतिशत के आसपास माल नहीं आया है। चूंकि ड्राई फ्रूट की मांग सर्दियों में होती है, ऐसे में अभी इनके दाम में कोई भी बढ़ोतरी नहीं हुई है।

बता दें कि भारत और अफगानिस्तान के बीच व्यापार के तहत भारतीय व्यापारी विभिन्न वस्तुओं का आयात करते हैं, जिनमें ड्राई फ्रूट की तमाम आइटमों के अलावा मुलेठी, रतनजोत, ब्रह्मजसू, असू, सूखे और ताजे फल, अनारदाना, दालें आदि शामिल हैं।

राष्ट्रीय हित से ऊपर कुछ भी नहीं है

फेडरेशन ऑफ किराना एंड ड्राई फ्रूट कामर्शियल एसोसिएशन के प्रधान अनिल मेहरा का कहना है कि अफगानिस्तान के साथ व्यापार बढ़ रहा था, लेकिन अब एक बार फिर यह ठप हो गया है। राष्ट्रीय हित से ऊपर कुछ भी नहीं है।

पंजाब में पीएचडी चैंबर ऑफ कामर्स एंड ट्रेड के पूर्व अध्यक्ष आरएस सचदेवा का कहना है कि उन्होंने ड्राई फ्रूट आयातकों से बात की, जिनमें से सभी ने व्यक्तिगत या व्यावसायिक लाभ से अधिक देश हित को प्राथमिकता दी।

अफगानिस्तान भारत पर 99 प्रतिशत निर्भर

अनिल मेहरा ने बताया कि अफगानिस्तान से भारत को होने वाले निर्यात में 99 प्रतिशत हिस्सा कृषि और उससे जुड़े उत्पादों का है। वहां पर तख्ता पलट के बाद इस सेक्टर पर काफी असर पड़ा था। बादाम, अंजीर, किशमिश, मुनक्का, खजूर, खुबानी जैसे ड्राई फ्रूट के फार्म बंद हो गए थे।

स्थिति सुधरने के बाद उस तरफ कुछ राहत रही, लेकिन अब यह स्थिति इस पर और विपरीत असर डालेगी। उनका कहना है कि इस रूट से व्यापार बंद हो गया है, लेकिन समुद्री मार्ग से हो रहा है और यह काफी महंगा पड़ता है।

इस सीजन का ज्यादातर माल आ चुका है और कोल्ड स्टोर में लग चुका है

नतीजतन इनके भाव में अब फिर से तेजी होना तय है। इस सीजन का ज्यादातर माल आ चुका है और कोल्ड स्टोर में लग चुका है, जबकि दस प्रतिशत के आसपास ही माल आने वाला बचा है।

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'पहलगाम हमले पर हर कोई चाहता है जवाबी कार्रवाई', शशि थरूर बोले- ऐसे कृत्य करके आतंकी बच नहीं सकते

Dainik Jagran - National - April 29, 2025 - 5:40am

 पीटीआई, तिरुअनंतपुरम। कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने सोमवार को कहा कि हर कोई पहलगाम आतंकवादी हमले पर जवाबी कार्रवाई का इंतजार कर रहा है और इस जघन्य हत्या की जवाबदेही बाद में तय की जा सकती है।

हमले का इसका जवाब दिया जाना चाहिए- थरूर

उन्होंने कहा कि मेरे विचार से, इसका जवाब दिया जाना चाहिए और उस जवाब में एक संदेश होना चाहिए। यदि आप ऐसे कृत्य करते हैं, तो बच नहीं सकते है और वह युग समाप्त हो चुका है। इसकी कीमत चुकानी होगी और कल कीमत और भी अधिक होगी।

कांग्रेस कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) के सदस्य ने एक सवाल के जवाब में कहा कि अगर यह संदेश नहीं दिया गया तो ऐसी घटनाएं होती रहेंगी। थरूर का यह बयान पहलगाम आतंकवादी हमले पर उनकी टिप्पणी को लेकर कांग्रेस में उठे विवाद के बीच आया है।

कांग्रेस नेता उदित राज ने थरूर पर साधा निशाना

इस टिप्पणी में उन्होंने कहा था कि कुछ विफलता हुई है, लेकिन किसी भी देश के पास कभी भी पूर्णतया 100 प्रतिशत खुफिया जानकारी नहीं हो सकती। इससे पहले कांग्रेस नेता उदित राज ने थरूर की टिप्पणी पर निशाना साधते हुए कहा कि एक कांग्रेसी होने के नाते उन्हें पूछना चाहिए कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पाकिस्तान को कब सबक सिखाएंगे।

इस पर थरूर ने कहा कि क्या यह पहलगाम हमले में सरकार की जवाबदेही तय करने का समय है या फिर मौजूदा संकट से उबरने के बाद इस पर विचार किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा, हम सभी जवाबी कार्रवाई का इंतजार कर रहे हैं।

थरूर ने इजरायल का दिया उदाहरण

उन्होंने इजरायल में हमास के हमले के बाद सभी राजनीतिक दलों द्वारा सरकार को दिए गए समर्थन का हवाला देते हुए थरूर ने कहा कि हालांकि जनता की राय उनके प्रधानमंत्री के खिलाफ है, लेकिन वे युद्ध खत्म होने तक उनका इस्तीफा नहीं मांग रहे हैं। थरूर ने कहा कि मैं भी यही कह रहा हूं। जवाबदेही होनी चाहिए। लेकिन अभी उस चर्चा का समय नहीं है।

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Weather: यूपी-उत्तराखंड समेत कई राज्यों मिलेगी भीषण गर्मी से राहत, बारिश का रेड अलर्ट जारी

Dainik Jagran - National - April 29, 2025 - 5:40am

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। उत्तर भारत में मौसम का मिजाज बदलने जा रहा है। अभी एनसीआर समेत पश्चिमी उत्तर प्रदेश, पंजाब, हरियाणा, राजस्थान एवं मध्य प्रदेश में भीषण गर्मी की स्थिति बनी हुई है, लेकिन अगले एक-दो दिनों में इससे राहत मिलने वाली है।

30 मई के बाद गर्मी से राहत मिलेगी

हीटवेव से परेशान मैदानी क्षेत्रों को 30 मई के बाद गर्मी से राहत मिलनी शुरू हो जाएगी। दो मई को नया पश्चिमी विक्षोभ आने वाला है, जिसके चलते करीब एक सप्ताह से भी ज्यादा समय तक उत्तर भारत के तापमान में ज्यादा वृद्धि नहीं होगी, हालांकि इस बीच पिछले सप्ताह पहाड़ों में आए पश्चिमी विक्षोभ की स्थिति पूर्व की ओर खिसक चुकी है।

इसलिए दिल्ली, पंजाब एवं हरियाणा के बड़े हिस्से को 29 अप्रैल तक राहत नहीं मिलने जा रही है। मौसम में 30 अप्रैल से बड़ा बदलाव दिखने लगेगा।

राजस्थान में भी नमी वाली हवा आनी शुरू हो जाएगी

भारत मौसम विभाग (आइएमडी) का मानना है कि दक्षिणी राजस्थान, गुजरात, दक्षिणी-पश्चिमी मध्य प्रदेश एवं उत्तरी महाराष्ट्र को छोड़कर पूरे देश का मौसम बदलने जा रहा है। बुधवार से जहां-तहां बारिश और बादल की संभावना बनने लगेगी। राजस्थान में भी नमी वाली हवा आनी शुरू हो जाएगी।

बारिश का रेड अलर्ट जारी

मौसम विज्ञानियों का मानना है कि पश्चिम की ओर से आने वाली गर्म हवाओं एवं पूर्व में बंगाल की खाड़ी से आ रही नम हवाओं के संचरण से पूर्वोत्तर एवं पूर्वी हिस्से में काल बैसाखी की स्थिति बनी हुई है। इसके चलते बिहार, झारखंड बंगाल में ओले के साथ बारिश हो रही है। आइएमडी ने इन क्षेत्रों के लिए बारिश का रेड अलर्ट जारी किया है।

नए पश्चिमी विक्षोभ के आने से पहाड़ों पर हल्की बारिश का दौर शुरू होगा। दिल्ली, पंजाब एवं हरियाणा में दो मई को धूल भरी आंधी के साथ बारिश का अनुमान है। ऐसी स्थिति तीन मई को भी बनी रह सकती है।

उत्तर प्रदेश एवं उत्तराखंड में भी बारिश

जम्मू-कश्मीर से लेकर उत्तर प्रदेश एवंउत्तराखंड में भी बारिश की स्थिति बनेगी, जो चार मई को भी जारी रह सकती है। उत्तर प्रदेश के उत्तर-पूर्वी हिस्से में वर्षा की स्थिति दिख रही है, लेकिन बुधवार से इसका विस्तार हो सकता है और बड़े क्षेत्र को प्रभाव में ले सकता है। मध्य प्रदेश की भी ऐसी ही स्थिति रहेगी। ओडिशा को हीट वेव से मुक्ति मिल सकती है।

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चिदंबरम के विरुद्ध आरोप तय करने से रोका नहीं जा सकता, CBI ने पूर्व वित्त मंत्री की याचिका का किया विरोध

Dainik Jagran - National - April 29, 2025 - 2:58am

 जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। आइएनएक्स मीडिया मामले में पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम की याचिका विरोध करते हुए सीबीआइ ने कहा कि चिदंबरम और उनके बेटे कार्ति चिदंबरम के खिलाफ दलीलें सुनने और आरोप तय करने से ट्रायल कोर्ट को नहीं रोका जा सकता है।

आरोप अभी तय नहीं किए गए हैं

जांच एजेंसी ने ट्रायल कोर्ट के समक्ष कार्यवाही स्थगित करने की चिदंबरम की याचिका का विरोध किया। न्यायमूर्ति रविंदर डुडेजा की पीठ के समक्ष सीबीआइ के अधिवक्ता ने कहा कि आरोप अभी तय नहीं किए गए हैं और आगे की जांच जारी रह सकती है।

हाई कोर्ट में सुनवाई के दौरान सीबीआइ ने कहा, जब पी चिदंबरम खुद कहते हैं कि आगे की जांच जारी रह सकती है, तो यह याचिका कैसे स्वीकार्य है? कानून कहता है कि बेशक आरोपों पर बहस सुनी जा सकती है और आरोप तय किए जा सकते हैं।

वहीं, चिदंबरम की तरफ से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता सिद्धार्थ लूथरा ने तर्क दिया कि जब तक सीबीआइ की जांच लंबित है, तब तक ट्रायल कोर्ट को निष्पक्ष सुनवाई के हित में न तो दलीलें सुननी चाहिए और न ही आरोप तय किए जाने चाहिए।

आठ साल बाद भी जांच पूरी नहीं हुई है

लूथरा ने कहा कि आरोपितों से कुछ सामग्री इस आधार पर छिपाई गई कि जांच अभी चल रही है और यदि आरोप तय होने के बाद अन्य दोषमुक्ति साक्ष्य बरामद किए गए, तो सीबीआइ का मामला खत्म हो जाएगा। कहा कि सीबीआइ ने 15 मई 2017 को मामला दर्ज किया था। आठ साल बाद भी जांच पूरी नहीं हुई है।

सीबीआइ का आरोप है कि वित्त मंत्री के रूप में चिदंबरम के कार्यकाल के दौरान 2007 में 305 करोड़ रुपये के विदेशी फंड प्राप्त करने के लिए आइएनएक्स मीडिया समूह को दी गई विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड (एफआईपीबी) मंजूरी में अनियमितताओं हुई थीं।

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Assam: पाकिस्तान का समर्थन करने के आरोप में अब तक 24 गिरफ्तार, एक विधायक पर देशद्रोह का मामला दर्ज

Dainik Jagran - National - April 29, 2025 - 2:55am

 पीटीआई, गुवाहाटी। पहलगाम आतंकवादी हमले के बाद असम से पाकिस्तान का बचाव करने और राष्ट्र विरोधी टिप्पणी करने के आरोप में अब तक 24 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। गिरफ्तार किए गए लोगों में विपक्षी एआइयूडीएफ विधायक अमीनुल इस्लाम भी शामिल हैं।

विधायक पर देशद्रोह का मामला दर्ज

विधायक पर पहलगाम हमले में पाकिस्तान और उसकी मिलीभगत का बचाव करने के लिए देशद्रोह का मामला दर्ज किया गया है। असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा एक्स पर एक पोस्ट में कहा कि 24 राष्ट्रविरोधी अब सलाखों के पीछे हैं। इससे पहले उन्होंने कहा था कि गिरफ्तारियों की संख्या 22 है।

दो नई गिरफ्तारियां की गईं

उन्होंने कहा कि दो नई गिरफ्तारियां श्रीभूमि जिले और कामरूप जिले में की गईं। इससे पहले शनिवार को मुख्यमंत्री सरमा ने कहा था कि यदि आवश्यक हुआ तो गिरफ्तार लोगों पर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (रासुका) के प्रविधान भी लगाए जाएंगे।

उन्होंने कहा था कि भारत और पाकिस्तान के बीच कोई समानता नहीं है। दोनों देश दुश्मन देश हैं और हमें ऐसे ही रहना चाहिए। गौरतलब है कि 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम के बैसरन में आतंकवादी हमले में 26 लोग मारे गए थे।

सैन्य कार्रवाई से पहले दुनिया को भरोसे में ले रहा भारत

पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ता जा रहा है। इस बीच भारत सक्रिय रूप से वैश्विक समर्थन जुटाने में लगा है। स्थिति को शांत करने के लिए नहीं, बल्कि संभावित सैन्य कार्रवाई के लिए अपने औचित्य को मजबूत करने के लिए।

पिछले सप्ताह हुए नृशंस हमले के बाद एक दर्जन से ज्यादा वैश्विक नेताओं से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की बातचीत हुई है। इस बीच, 100 विदेशी मिशनों में तैनात राजनयिकों को तुरंत विदेश मंत्रालय बुलाया गया है।

भारत पाकिस्तान के खिलाफ सैन्य कार्रवाई के लिए मामला तैयार कर रहा

अधिकारियों का कहना है कि भारत अपने पड़ोसी और कट्टर दुश्मन के खिलाफ सैन्य कार्रवाई के लिए मामला तैयार कर रहा है। पाकिस्तान का नाम लिए बिना पीएम मोदी ने दोषियों को कड़ी सजा और आतंक के सुरक्षित ठिकानों को नष्ट करने का संकल्प जताया है।

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एयर मार्शल नर्मदेश्वर तिवारी होंगे नए वायुसेना उपप्रमुख; सेना को मिलेगा नया उत्तरी सेना कमांडर

Dainik Jagran - National - April 29, 2025 - 12:05am

एएनआई, नई दिल्ली। एयर मार्शल नर्मदेश्वर तिवारी वायुसेना के नए उपप्रमुख होंगे। वह एयर मार्शल एसपी धारकर का स्थान लेंगे जो 40 से अधिक वर्षों के शानदार करियर के बाद 30 अप्रैल को सेवानिवृत्त हो रहे हैं।

एयर मार्शल तिवारी वर्तमान में गांधीनगर में साउथ वेस्टर्न एयर कमांड के कमांडर

एयर मार्शल तिवारी वर्तमान में गांधीनगर में साउथ वेस्टर्न एयर कमांड के कमांडर हैं। एयर मार्शल आशुतोष दीक्षित नए चीफ आफ इंटीग्रेटेड डिफेंस स्टाफ टू द चेयरमैन चीफ्स ऑफ स्टाफ कमेटी (सीआइएससी) होंगे। वह लेफ्टिनेंट जनरल जेपी मैथ्यू का स्थान लेंगे जो 30 अप्रैल को सेवानिवृत्त हो रहे हैं।

सीआइएससी पर तीनों सेनाओं के बीच तालमेल की जिम्मेदारी होती है और वह सीडीएस की टीम का हिस्सा होता हैं। एयर मार्शल दीक्षित मिराज-2000 के पायलट हैं और वर्तमान में प्रयागराज स्थित सेंट्रल एयर कमान के प्रमुख हैं।

थलसेना की नार्दन कमांड का नया प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल प्रतीक शर्मा को बनाया गया

वहीं, चीन व पाकिस्तान से लगती सीमा पर आपरेशंस के लिए जिम्मेदार थलसेना की नार्दन कमांड का नया प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल प्रतीक शर्मा को बनाया गया है।

वह वर्तमान में सेना मुख्यालय में डिप्टी चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ (स्ट्रैटजी) हैं और डायरेक्टर जनरल ऑफ मिलिट्री ऑपरेशंस रह चुके हैं। वह 30 अप्रैल को सेवानिवृत्त हो रहे लेफ्टिनेंट जनरल एमवी सुचेंद्र कुमार का स्थान लेंगे।

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भारत से अधूरे इलाज के बाद लौटे पाकिस्तानी किशोर की गुहार, बोला- पीएम मोदी मेरी मां को कराची लौटने दें

Dainik Jagran - National - April 28, 2025 - 11:50pm

पीटीआई, नई दिल्ली। भारत में इलाज के लिए आया एक विकलांग पाकिस्तानी किशोर इलाज अधूरा छोड़कर वतन लौटने को मजबूर हो गया। अब वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से गुज़ारिश कर रहा है कि उसकी मां को कराची लौटने की इजाजत दी जाए। मां भारतीय नागरिक हैं और वतन वापसी के वक़्त उन्हें सरहद पर रोक दिया गया।

16 वर्षीय अयान, जिसे पुलिस गोलीबारी के बाद पैरालिसिस हो गया था, सोमवार को स्ट्रेचर पर लादकर कराची कैंट रेलवे स्टेशन लाया गया। वह लाहौर से ट्रेन के जरिए पहुंचा, जहां से उसे वाघा बॉर्डर के रास्ते भारत से वापस भेजा गया था।

इलाज के बीच में लौटने का दर्द बयान किया अयान ने

अयान ने मीडिया से बातचीत में बताया कि वह दिल्ली के इंद्रप्रस्थ अस्पताल में इलाज करवा रहा था, जहां डॉ. सुधीर कुमार की देखरेख में उसका विशेष इलाज जारी था। अयान ने कहा, "लेकिन पहलगाम हमले के बाद हमें अचानक लौटने का हुक्म दे दिया गया।" वह अपने मां-बाप, भाई और अन्य रिश्तेदारों के साथ दिल्ली आया था।

इलाज अधूरा छोड़ कर लौटना पड़ा कराची

सोमवार को जब अयान लाहौर से कराची कैंट रेलवे स्टेशन पहुँचा, तो उसे स्ट्रेचर पर लिटाकर उतारा गया। अयान ने मीडिया से बातचीत में बताया, "मैं इंद्रप्रस्थ हॉस्पिटल में इलाज के लिए गया था, जहां डॉ. सुधीर कुमार के तहत मेरा इलाज हो रहा था। लेकिन पहलगाम हादसे के बाद हमें तुरंत पाकिस्तान लौटने को कहा गया।" अयान के साथ दिल्ली उसके मां-बाप, भाई, चाचा और चचेरे भाई भी गए थे।

एक हादसे ने छीन ली चलने-फिरने की ताकत

पिछले साल एक गलतफहमी के चलते पुलिस गोलीबारी में अयान को गोली लगी थी, जिससे वह कमर के नीचे से लकवाग्रस्त हो गया। अयान के पिता ने कहा, "मेरी बीवी भारत से हैं और शादी के बाद वह कराची आ गई थीं। लेकिन वापसी के वक़्त चूंकि उसके और उसकी बहन के पास भारतीय पासपोर्ट थे, इसलिए उन्हें हमारे साथ पाकिस्तान आने नहीं दिया गया, जबकि उनके पास वीजा भी वैध था।"

इलाज के लिए दिल्ली गए थे बड़े अरमानों के साथ

अयान के पिता हलीम ने बताया कि वे दिल्ली बड़े अरमानों के साथ गए थे और रिश्तेदारों के यहां रह रहे थे क्योंकि वहाँ बेहतर और विशेष चिकित्सा सुविधा उपलब्ध थी। हलीम ने कहा, "अयान का इलाज शुरू हो गया था, लेकिन अब वह अधूरा रह गया है।" 

पहलगाम हमले के बाद बढ़ी सरहदों पर सख्ती

अयान का मामला अकेला नहीं है। कई पाकिस्तानी परिवार, जो बच्चों के इलाज के लिए भारत गए थे, उन्हें भी भारतीय सरकार के निर्देशों के चलते लौटने के लिए मजबूर किया गया है। पहलगाम आतंकी हमले में 26 लोगों के मारे जाने के बाद ये कदम उठाए गए।

इस बीच, बीते छह दिनों में 1,000 से ज्यादा भारतीय नागरिक पाकिस्तान से वाघा बॉर्डर के रास्ते अपने वतन लौट चुके हैं, जबकि 800 से अधिक पाकिस्तानी भी भारत से वापस आए हैं। एक सरकारी अधिकारी ने पीटीआई को बताया कि दोनों देशों के दीर्घकालिक वीजा धारकों को भी वापसी में मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है।

बार्डर पर कड़ी जांच के बाद दी गई इजाजत

रविवार को 236 पाकिस्तानी अपने देश लौटे जबकि 115 भारतीय नागरिक वाघा बॉर्डर के ज़रिए भारत पहुंचे। वाघा पर पाकिस्तान रेंजर्स और भारत के बॉर्डर सिक्योरिटी फोर्स (BSF) के जवानों ने दस्तावेज़ों की सख्त जांच-पड़ताल के बाद नागरिकों को इमिग्रेशन के लिए आगे बढ़ने दिया।

यह भी पढ़ें: Supreme Court: ऑनर किलिंग पर दोषियों को कड़ी सजा मिलनी चाहिए, सुप्रीम कोर्ट आठ साल पुराने मामले में कही ये बात

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Supreme Court: ऑनर किलिंग पर दोषियों को कड़ी सजा मिलनी चाहिए, सुप्रीम कोर्ट आठ साल पुराने मामले में कही ये बात

Dainik Jagran - National - April 28, 2025 - 11:30pm

पीटीआई, नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को अपने एक महत्वपूर्ण फैसले में जुलाई, 2003 में तमिलनाडु में एक युवा जोड़े की ''नृशंस हत्या'' के लिए 11 आरोपितों की दोषसिद्धि को बरकरार रखते हुए टिप्पणी की कि ऑनर किलिंग के लिए कड़ी सजा मिलनी चाहिए।

इस मामले में आरोपियों की सजा बरकरार

जस्टिस सुधांशु धूलिया और जस्टिस प्रशांत कुमार मिश्रा की पीठ ने मद्रास हाईकोर्ट के जून, 2022 के उस फैसले में हस्तक्षेप करने से इन्कार कर दिया जिसमें दो पुलिस अधिकारियों सहित आरोपित व्यक्तियों की दोषसिद्धि और सजा को बरकरार रखा गया था।

पीड़ितों को पंचायत में जहर देकर मार दिया था

पीठ ने कहा कि पीड़ित - मुरुगेसन और कन्नगी - जो बीस साल के थे, उन दोनों को बड़ी संख्या में ग्रामीणों की मौजूदगी में जहर देकर मार दिया गया। पीठ ने कहा कि इस ''भयावह कृत्य'' के मास्टरमाइंड और मुख्य अपराधी कोई और नहीं, बल्कि महिला के पिता और भाई थे।

लड़की सवर्ण थी और लड़का दलित

सुप्रीम कोर्ट ने पाया कि हत्या के पीछे का कारण यह था कि कन्नगी ''वन्नियार'' समुदाय से थी, जबकि मुरुगेसन कुड्डालोर जिले के उसी गांव का दलित था। इस जोड़े ने मई, 2003 में गुपचुप तरीके से शादी कर ली थी।

पीठ ने अपने 73 पृष्ठ के फैसले में कहा, ''इस अपराध के मूल में भारत में गहराई तक जड़ें जमाए बैठी जाति व्यवस्था है और विडंबना यह है कि इस सबसे अपमानजनक कृत्य को ऑनर किलिंग के नाम से जाना जाता है।''

मुरुगेसन के स्वजनों पांच लाख का मुआवजा देने का आदेश

पीठ ने मुरुगेसन के स्वजनों को पांच लाख रुपये का मुआवजा देने का आदेश दिया और कहा कि इस राशि का भुगतान तमिलनाडु सरकार द्वारा किया जाएगा।

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Pahalgam Attack: पहलगाम आतंकी हमले पर सांसदों ने की संसद के विशेष सत्र की मांग, सरकार को लिखा पत्र

Dainik Jagran - National - April 28, 2025 - 11:30pm

 पीटीआई, नई दिल्ली। पहलगाम आतंकी हमले के मद्देनजर विपक्ष के कई सांसदों ने संसद का विशेष सत्र बुलाने की मांग की है। विपक्षी सांसदों ने सोमवार को सरकार से आग्रह किया कि पहलगाम आतंकी हमले के मद्देनजर संसद का विशेष सत्र बुलाया जाए ताकि राष्ट्र के सामूहिक संकल्प और एकता का संदेश दिया जा सके।

संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजीजू को लिखा पत्र

राजद के राज्य सभा सदस्य मनोज झा ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को इस संबंध में पत्र लिखा, जबकि भाकपा सांसद पी संदोश कुमार ने संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजीजू को पत्र लिखकर यह मांग उठाई।

गौरतलब है कि राज्यसभा सदस्य कपिल सिब्बल ने रविवार को राजनीतिक दलों से अनुरोध किया था कि वे सरकार से मई में जल्द से जल्द संसद का विशेष सत्र बुलाने का आग्रह करें।

कपिल सिब्बल ने आतंकी हमले की निंदा की

पूर्व केंद्रीय मंत्री ने पहलगाम आतंकी हमले की निंदा करते हुए प्रस्ताव पारित करने का आह्वान किया है ताकि दुनिया को यह संदेश दिया जा सके कि देश एकजुट है।

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गोल्डन आवर कैशलेस इलाज स्कीम में देरी पर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को फटकार लगाई, कहा- आपको कानूनों की परवाह नहीं

Dainik Jagran - National - April 28, 2025 - 10:55pm

पीटीआई, नई दिल्ली। वाहन दुर्घटना पीड़ितों के इलाज की कैशलेस स्कीम बनाने में देरी के लिए केंद्र सरकार की खिंचाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को कहा कि आप बड़े-बड़े हाईवे बना रहे हैं, लेकिन सुविधाओं के अभाव में लोग मर रहे हैं।

जस्टिस अभय एस. ओका और जस्टिस उज्जल भुइयां की पीठ ने कहा कि आठ जनवरी के उसके आदेश के बावजूद केंद्र ने न तो निर्देश का अनुपालन किया और न ही समय बढ़ाने की मांग की। कोर्ट ने कहा कि मोटर वाहन अधिनियम, 2022 की धारा-164ए तीन वर्षों के लिए एक अप्रैल, 2022 को प्रभावी हुई थी, लेकिन दावेदारों को अंतरिम राहत देने के लिए केंद्र ने स्कीम बनाकर इसे लागू नहीं किया।

सुप्रीम कोर्ट ने जताई नाराजगी, पूछा- स्कीम कब बनेगी?

पीठ ने सड़क परिवहन मंत्रालय के सचिव से कहा, "आपने अवमानना की है। आपने समय मांगने की भी परवाह नहीं की। चल क्या रहा है? हमें बताइए कि आप स्कीम कब बनाएंगे? आपको अपने ही कानूनों की परवाह नहीं है। तीन वर्ष पहले यह प्रविधान अस्तित्व में आया था। क्या आप वास्तव में सामान्य जन के कल्याण के लिए काम कर रहे हैं?"

"आप इतने बेपरवाह कैसे हो सकते हैं? क्या आप इस प्रविधान के प्रति गंभीर नहीं हैं? लोग सड़क दुर्घटनाओं में मर रहे हैं। आप बड़े-बड़े हाईवे बना रहे हैं, लेकिन लोग मर रहे हैं क्योंकि वहां कोई सुविधा नहीं है। गोल्डन आवर में इलाज के लिए कोई स्कीम ही नहीं है। इतने सारे हाईवे बनाने का क्या मतलब है?" सुप्रीम कोर्ट

गौरतलब है कि मोटर वाहन अधिनियम, 1988 की धारा-2(12-ए) के तहत गोल्डन आवर घायल होने के बाद उस एक घंटे को कहते हैं जिसमें समय से इलाज प्रदान कर व्यक्ति की जान बचाई जा सकती है। शीर्ष अदालत ने मंत्रालय के सचिव को स्कीम में देरी का कारण बताने के लिए समन किया था। सचिव ने सोमवार को बताया कि स्कीम का मसौदा तैयार किया गया था, लेकिन जनरल इंश्योरेंस काउंसिल (जीआइसी) की ओर से आपत्तियों के बाद इसमें बाधा आ गई।

जीआइसी की आपत्ति से अटका स्कीम का मसौदा

उन्होंने कहा, 'जीआइसी सहयोग नहीं कर रही है। उसकी दलील है कि उसे दुर्घटना में शामिल वाहन की बीमा पालिसी की स्थिति जांचने की अनुमति मिलनी चाहिए।' शीर्ष अदालत ने इस बात को रिकार्ड पर दर्ज किया कि गोल्डन आवर के लिए स्कीम सोमवार से एक हफ्ते के भीतर प्रभावी की जाएगी। साथ ही निर्देश दिया कि अधिसूचित स्कीम को नौ मई तक रिकार्ड पर रखा जाए और मामले की सुनवाई 13 मई तक के लिए स्थगित कर दी।

सुप्रीम कोर्ट ने आठ जनवरी को केंद्र सरकार को कानून के अनुसार गोल्डन आवर अवधि में मोटर वाहन पीडि़तों के कैशलेस इलाज के लिए केंद्र को स्कीम बनाने के निर्देश दिए थे। पीठ ने अधिनियम की धारा-162(2) का हवाला दिया था और सरकार को आदेश दिया था कि वह 14 मार्च तक स्कीम बनाए जो दुर्घटना पीड़ितों को तत्काल मेडिकल केयर उपलब्ध कराकर कई जीवन बचा सके।

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Pahalgam Terrorist Attack: समाजवादी पार्टी नेता अबू आसिम आज़मी ने कहा- आतंकवाद पर सियासत नहीं, देशहित में एकजुट हो देश

Dainik Jagran - National - April 28, 2025 - 5:43pm

एएनआई, मुंबई। जम्मू-कश्मीर के पहलगाम स्थित बैसरन घाटी में 22 अप्रैल 2025 को हुए आतंकी हमले ने पूरे देश को झकझोर दिया। इस हमले में 26 पर्यटकों की निर्मम हत्या कर दी गई, जिनमें अधिकांश हिंदू पुरुष थे। हमलावरों ने पीड़ितों की धार्मिक पहचान पूछकर उन्हें निशाना बनाया।

इसके बाद अब समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अबू आसिम आज़मी ने इस हमले की कड़ी निंदा की और कहा, "हर मज़हब का बच्चा वतन पर जान देने को तैयार है। सरकार जो कार्रवाई करेगी, कोई उसका विरोध नहीं करेगा। आतंकवाद का खात्मा होना चाहिए और इस पर सियासत नहीं होनी चाहिए।"

उन्होंने यह भी कहा कि आतंकवाद के खिलाफ सभी धर्मों और समुदायों को एकजुट होकर खड़ा होना चाहिए।​

#WATCH | Mumbai | #PahalgamTerroristAttack | Maharashtra Samajwadi Party President Abu Asim Azmi says, "...Every child of every religion is ready to sacrifice their life for the country. The government will decide what action needs to be taken and no one will oppose it. Terrorism… pic.twitter.com/9qnBXPoHOP

— ANI (@ANI) April 28, 2025

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तो ये है पाकिस्तान का इलाज; विशेषज्ञों ने बताया क्या करे भारत, जिससे घुटनों पर आ जाएगा पड़ोसी मुल्क

Dainik Jagran - National - April 28, 2025 - 5:42pm

जेएनएन, नई दिल्ली। पाकिस्तान एक देश है लेकिन इसकी पहचान के साथ बहुत से ऐसी चीजें जुड़ गई हैं जो किसी भी देश के लिए चिंता की बात होनी चाहिए। जैसे एक असफल देश, आतंक की नर्सरी, ढहती अर्थव्यवस्था वाला देश, जो पुराने कर्ज की किश्तों को भरने के लिए नए कर्ज का जुगाड़ करता है।

वैश्विक स्तर पर पाकिस्तान की कुल यही पहचान है। हिंदू और मुसलमान एक अलग कोम है और मुसलमानों का एक अलग देश होना चाहिए। इसी बुनियाद पर हिंदुस्तान से अलग होकर पाकिस्तान बना। 

हालांकि, 1971 में बांग्लादेश बनने बलुचिस्तान में आजादी की जंग और सिंधका राष्ट्रवाद इस बुनियाद को खारिज करते हैं, लेकिन पकिस्तान के नेता और सैन्य अधिकारी आज भी हिंदू और भारत विरोध को ढाल बनाकर ही अपनी सत्ता मजबूत करते हैं।  

भारत से तीन युद्ध हारने के बाद पाकिस्तान ने कश्मीर हासिल करने के लिए आतंकवाद का सहारा लिया और भारत के खिलाफ अप्रत्यक्ष युद्ध छेड़ दिया। पिछले 35 वर्ष में बहुत कुछ बदला लेकिन पाकिस्तान की भारत को लेकर नीति नहीं बदली।

अलग-अलग राजनीतिक दलों की सरकारों ने अलग-अलग समय पाकिस्तान के साथ संबंध सुधारने के प्रयास किए। भारत को इसके बदले कभी कारगिल, तो कभी पठानकोट। हाल में पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद हर भारतीय की जुबान पर एक ही सवाल है कि इस पाकिस्तान का इलाज क्या है, आज हम इसके बारे में बताएंगे... 

अल्लाह, आर्मी और चीन

पाकिस्तान एक लोकतांत्रिक देश है, लेकिन वास्तविक सत्ता चुनी हुई सरकार के पास नहीं रही है। कहा जाता है कि पाकिस्तान को अल्लाह, आर्मी और अमेरिका चलाते हैं। अमेरिका का पाकिस्तान पर वैसा प्रभाव नहीं रह गया है, जैसा एक दशक पहले हुआ करता था। एक हद तक अमेरिका की जगह चीन ने ली है। आज के लिहाज से यह कहना ज्यादा सही होगा कि अल्लाह, आर्मी और चीन पाकिस्तान को चला रहे हैं।

भारत को हजार घाव देने की रणनीति

1948 और 1965 युद्ध के बाद 1971 के युद्ध में शर्मनाक हार और देश के दो टुकड़े होने के बाद पाकिस्तान भारत को थाउजेंड कट यानी हजार घाव देने की रणनीति पर अमल शुरू किया। पाकिस्तान ने बीसवीं सदी के आठवें दशक में पंजाब में खालिस्तानी अलगाववाद को हवा दी और सदी के अंतिम दशक में राज्य की नीति के तौर पर कश्मीर में आतंकवाद का दौर शुरू किया।

पूरे भारत को बनाया निशाना

तत्कालीन वैश्विक व्यवस्था भी उस समय पाकिस्तान के अनुकूल थी। सोवियत संघ के विघटन के बाद अमेरिका एकमात्र महाशक्ति था। उसी समय भारत कमजोर अर्थव्यवस्था और राजनीतिक अस्थिरता के दौर से गुजर रहा था। भारत की ओर से मजबूत जवाबी कार्रवाई न होने से पाकिस्तान का हौसला बढ़ा और उसने पूरे भारत

में आतंकी घटनाओं का अंजाम देना शुरू कर दिया। 1993 में मुंबई का बम धमाका, 2002 में संसद पर हमला और 2008 का 26/11 मुंबई हमला पाकिस्तान के आतंकी नेटवर्क की क्षमता दिखाता है।

सैन्य, आर्थिक, कूटनीतिक दबाव जरूरी
  • भाषा और अंतरराष्ट्रीय समुदाय के प्रयो आतंकवाद का जवाब देने और उसे रोकने के लिए राजनयिक, आर्थिक, रणनीतिक और कानूनी जैसे कई विकल्प मौजूद हैं। सबसे पहले भारत को पाकिस्तान के प्रति वैश्विक स्तर पर "कूटनीतिक अलगाव" की नीति अपनानी चाहिए, जिससे पकिस्तान को अलग- थलग किया जा सके।
  • इसके अंतर्गत द्विपक्षीय वार्ता को निलंबित करें सिंधु जल समझौते के साथ-साथ पूर्व में हुई महत्वपूर्ण संधियों को रद्द करना चाहिए जिससे पाकिस्तान के प्रति भारत के नरम रुख को अब पुनः परिभाषित करने का मौका मिलेगा तथा सात दशकों से चली आ रही जम्मू-कश्मीर समस्या का भी समाधान किया जा सकता है।
  • आतंकवाद के खिलाफ भारत की चिंताओं के प्रति सहानुभूति रखने वाले देशों के साथ गठबंधन को मजबूत कर पाकिस्तान को आतंकवाद का प्रायोजक देश घोषित करने के लिए भारत को वैश्विक समर्थन जुटाना चाहिए।
  • अंतर्राष्ट्रीय राय को अपने पक्ष में करके भारत संयुक्त राष्ट्र, जी20 और एफएटीएफ (वित्तीय कार्रवाई कार्य बल) जैसे मंचों पर प्राक्सी आतंकवाद के लिए पाकिस्तान के कथित समर्थन को उजागर करने के लिए सहयोगियों के साथ काम कर सकता है तथा निरंतर या बढ़े हुए प्रतिबंधों और निगरानी के लिए दबाव भी डाल सकता है।

  • आज भारत सैन्य रूप से काफी शक्तिशाली और आधुनिक राष्ट्र है। सैन्य और सुरक्षा विकल्प के तहत भारत को व्यापक स्तर पर कारवाई करते हुए गुलाम कश्मीर के साथ पाकिस्तान के अंदर मौजूदा आतंकी नेटवर्क और उनके बुनियादी ढांचे के खिलाफ लक्षित सैन्य कार्रवाई करनी चाहिए। हालांकि इससे दो परमाणु शक्ति संपन्न राज्यों के बीच तनाव बढ़ने का जोखिम है, परंतु भारत को ऐसे जोखिम भरे कदम लेने से पीछे नही हटना चाहिए।
  • कानूनी और बहुपक्षीय कार्रवाई के लिए भारत को बहुपक्षीय एजेंसियों को अपने साथ शामिल करना चाहिए। इसके तहत पाकिस्तान के आतंकवाद विरोधी वित्तपोषण उपायों और अनुपालन की निरंतर एफएटीएफ से जांच के लिए दबाव डालना, आतंकवाद के वित्तपोषण के खिलाफ अपर्याप्त कार्रवाई के लिए पाकिस्तान को "ग्रे लिस्ट" में रखने के लिए एफएटीएफ (वित्तीय कार्रवाई कार्य बल) जैसे मंच पर वैश्विक दबाब बनाना शामिल है, जिससे पकिस्तान को वैश्विक आर्थिक सहयोग तथा मदद मिलनी मुश्किल होगी।
  • पाकिस्तान को दी जाने वाली अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय सहायता को निलंबित या कम करने के लिए भारत को अपने वैश्विक भागीदारों के साथ काम करना चाहिए, जिसमे भारत पकिस्तान के साथ ना सिर्फ अपने द्विपक्षीय व्यापार को निलंबित करें बल्कि अंतर्राष्ट्रीय आर्थिक प्रतिबन्ध भी लगवाना चाहिए। लंबे समय तक आर्थिक प्रतिबन्ध तथा वैश्विक आर्थिक अलगाव से पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था को बड़ा नुकसान पहुंचाया जा सकता है।
  • आतंकवाद से निपटना एक गंभीर और संवेदनशील मामला है। कूटनीतिक, रणनीतिक, आर्थिक तथा कानूनी माध्यमों के अलावा पकिस्तान को चलाने वाले तीन एम "मिलिट्री- मिलिटेंट- मुल्ला" गठजोड़ के लिए अकेले सैन्य या दंडात्मक कार्रवाई पर्याप्त नहीं होगी। इस आतंकी गठजोड़ को मजबूत करने वाले वैचारिक, सामाजिक-आर्थिक और राजनीतिक कारकों को भी सीमित करना होगा।
रणनीतिक विखंडन से ही सुधरेगा आतंकी देश
  • पाकिस्तान इस समय बहुआयामी का सामना कर रहा है। आंतरिक असंतोष, आर्थिक पतन और घटती अंतरराष्ट्रीय प्रासंगिकता के बीच वह एक खतरनाक और जानी-पहचानी रणनीति का सहारा लेता दिख रहा है। यह रणनीति है बाहरी खतरों का निर्माण और धार्मिक दरारों का दोहन।
  • पहलगाम में हुआ आतंकी हमला पाकिस्तानी सेना का घरेलू स्तर पर मजबूत बनने का हताश प्रयास है। हालांकि अंतरराष्ट्रीय समुदाय और विशेष रूप से भारत, इस नाटक को एक अलग संकल्प के साथ देख रहा है।
  • कोर कमांडर के घर लूट, पाकिस्तानी प्रतिष्ठान के दिल पर एक प्रतीकात्मक हमला था। यह पाकिस्तान की जनता के गुस्से और सेना के अधिकार के क्षरण को रेखांकित करता है। यह अभूतपूर्व घटना 1971 के ऐतिहासिक आघात को प्रतिध्वनित करती है, जहां पूर्वी पाकिस्तान में सेना की कठोर प्रतिक्रिया पाकिस्तान की टूटने का कारण बनी। 
  • वर्तमान में इमरान खान जैसे राजनीतिक विपक्षी नेताओं को नजरबंद करने से जनता में आक्रोश और बढ़ गया है। बढ़ती महंगाई और बेरोजगारी ने आर्थिक संकट की वजह से पहले से कायम अनश्चितता में अस्थिरता की एक और परत जोड़ दी है। अंतरराष्ट्रीय बेलआउट के लिए हाथ पांव मारने के सरकार के प्रयास को बढ़ते संदेह के साथ देखा जा रहा है। इससे पता चलता है कि पाकिस्तान कितनी गहराई तक आर्थिक दलदल में फंस चुका है।
  • अफगानिस्तान के साथ पश्चिमी सीमा पर तालिबान और बलूचिस्तान में विद्रोह सुरक्षा खतरे इस चुनौती को और गंभीर बना रहे हैं। संकटों के इस संगम में पाकिस्तान एक महत्वपूर्ण मोड़ पर खड़ा है। अब वह जो कदम उठाएगा, उससे उसका भविष्य तय होगा।
  • पाकिस्तान के अशांत इतिहास और स्थायी अस्थिरता के कारण क्षेत्र के रणनीतिक दृष्टिकोण में एक साहसिक और निर्णायक बदलाव की आवश्यकता है। आकांक्षा अब केवल "स्थिर" पड़ोसी नहीं होनी चाहिए, बल्कि मौजूदा पाकिस्तानी राज्य के रणनीतिक विखंडन के माध्यम से क्षेत्रीय परिदृश्य को मौलिक रूप से नया आकार देना चाहिए। 
  • पाकिस्तान को पश्चिमी पंजाब के अपने जातीय केंद्र तक सीमित कर देना चाहिए। अन्य विशिष्ट जातीय संस्थाओं बाल्टिस्तान से लेकर सिंध और बलूचिस्तान को स्वतंत्र मातृभूमि के रूप में उभरने में मदद करनी चाहिए। 
  • इस रणनीतिक उद्देश्य के लिए एक बहुआयामी दृष्टिकोण की आवश्यकता है, जिसकी शुरुआत लक्षित सर्जिकल स्ट्राइक और प्रमुख आतंकी सरगनाओं को मिटा कर आतंकवाद के केंद्रों को बेअसर करने के लिए एक निर्णायक अभियान से होती है।
विशेषज्ञ ने और क्या कहा?

पाकिस्तान के लिए स्थिर पड़ोसी का विचार छोड़ कर रणनीतिक विखंडन के जरिये क्षेत्रीय परिदृश्य को नया आकार देना समय की जरूरत है। सिंघ, बलूचिस्तान अपने स्तर पर प्रयास कर रहे हैं। भारत को इनकी मदद करनी चाहिए।  -डीपीके पिल्लई, रिसर्च फेलो. आइडीएसए

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NIA कैसे करती है Investigation, अधिकारियों के पास कितनी होती है Power? यहां जानिए सबकुछ

Dainik Jagran - National - April 28, 2025 - 5:16pm

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। What Is NIA: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले में 26 पर्यटकों की मौत हुई। इस आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान के खिलाफ सरकार ने कई बड़े एक्शन लिए हैं।

इस आंतकी हमले की जांच सरकार ने एनआईए को सौंपी है। एनआईए इस मामले की जांच में भी जुट गई है आइए आपको बताते हैं कि एनआईए काम कैसे करता है, इसका गठन कब किया गया था और एनआईए के पास कितनी पावर होती है?

क्या है एनआईए?
  • एनआईए (NIA) का पूरा नाम National Investigation Agency है। इसे राष्ट्रीय जांच एजेंसी के नाम से भी जाना जाता है। अमूमन जब भी देश के किसी भी हिस्से में कुछ संदिग्ध गतिविधियां होती हैं तो केंद्र सरकार उस मामले की जांच एनआईए को सौंप सकती है। एनआईए का गठन साल 2008 में किया गया था।
  • दरअसल, 26/11 के आतंकी हमले के बाद सरकार ने आतंकवाद से मुकाबला करने के लिए एक केंद्रीय जांच एजेंसी स्थापित करने की योजना बनाई। एजेंसी का गठन एनआईए अधिनियम-2008 के तहत किया गया है।
  • इस जांच एजेंसी के पहले महानिदेशक राधा विनोद राजू थे। राजू दास का कार्यकाल 31 जनवरी 2010 तक था। जानकारी दें कि NIA का उद्देश्य देश में आतंकवादी गतिविधियों को रोकना है और भारत से आतंकवाद समाप्त करना है।
देश के किन कानूनों के तहत NIA को मिले अधिकार?

केंद्र सरकार ने एनआईए (संशोधन) अधिनियम 2019 के जरिए भारत के बाहर होने वाले कई सूचीबद्ध अपराधों की जांच का भी अधिकार इस जांच एजेंसी को दिया है। हालांकि, इन अपराधों में भारतीय नागरिकों का शामिल होना, भारत का इनसे संबंध होना आवश्यक है। इसके अलावा मानव तस्करी, साइबर आतंकवाद और हथियार अधिनियम-1959, विस्फोटक पदार्थ अधिनियम-1908 के जरिए भी जांच एजेंसी को कई अधिकार दिए गए हैं।

कैसे अपराधों की जांच करती है एनआईए?

राष्ट्रीय जांच एजेंसी के पास मानव तस्करी, जाली मुद्रा और बैंक नोटों से जुड़े अपराध, साइबर आतंकवाद, विस्फोटक पदार्थों से जुड़े क्राइम, प्रतिबंधित हथियारों के निर्माण, प्रतिबंधित हथियारों की बिक्री से जुड़े अपराधों के जांच का अधिकार होता है।

वहीं, राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) के अधिकारियों के पास ऐसे सभी प्रकार के अपराधों की जांच के लिए पुलिस के अधिकारियों जितनी ही शक्तियां प्राप्त होती हैं।

कैसे किया जाता है कि NIA का गठन

ध्यान देने वाली बात है कि एनआईए के अधिकारियों के लिए किसी प्रकार की कोई भर्ती अलग से करने का प्रावधान नहीं है। इन्हें भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस), भारतीय राजस्व सेवा (आईआरएस) जैसी केंद्रीय सेवाओं के अलावा राज्य पुलिस और आयकर विभाग और केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों जैसे सीआरपीएफ, आईटीबीपी और बीएसएफ के अधिकारियों में से ही चुना जाता है।

कहां है एनआईए का मुख्यालय?

गौरतलब है कि दिसंबर साल 2024 में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने राज्य सभा में एक सवाल के लिखित जवाब में बताया कि राष्ट्रीय जांच एजेंसी का मुख्यालय दिल्ली में स्थित है। वहीं, इस जांच एजेंसी के दो जोनल कार्यालय भी हैं। जो गुवाहाटी और जम्मू में स्थित हैं। पूरे देश में इस जांच एजेंसी के 21 शाखा कार्यालय भी फैले हुए हैं।

एनआईए के पास मौजूद हैं स्पेशल कोर्ट

एनआईए के पास अपना स्पेशल कोर्ट भी होता है। सरकार ने देश भर में कुल 51 एनआईए स्पेशल कोर्ट भी स्थापित किए हैं। इनमें से एक एनआईए स्पेशल कोर्ट रांची और एक एनआईए कोर्ट जम्मू में स्थित है। इन सभी न्यायालयों को खास तौर से एनआईए की जांच के अधीन आने वाले मामलों की सुनवाई के लिए स्थापित किया गया है।

इन न्यायालयों में मामलों की सुनवाई काफी जल्दी होती है। वहीं, फैसले भी जल्दी आते हैं। एक रिपोर्ट के अनुसार, एनआईए के गठन के बाद से दिसंबर 2024 तक 640 केस दर्ज किए थे। वहीं, इन मामलों में से 147 मामलों में फैसला भी आ चुका है। एनआईए कोर्ट में सजा की दर 95.23 प्रतिशत रहती है।

पहलगाम मामले की जांच कर रही है एनआईए

जम्मू कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले की जांच भी गृहमंत्रालय ने एनआईए को सौंपी है। एनआईए पहलगाम पहुंच गई है और मामले की जांच शुरू कर दी है।

22 अप्रैल को कश्मीर के पहलगाम में आतंकियों ने 26 पर्यटकों को मौत के घाट उतार दिया था। इस आतंकी हमले के बाद पूरे देश में पाकिस्तान के खिलाफ गुस्सा है। सरकार से पाकिस्तान के खिलाफ बड़ी कार्रवाई करने की मांग देशवासी कर रहे हैं।

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'हम पर तो पहले ही आरोप है कि...', क्या OTT और सोशल मीडिया पर बंद होंगे अश्लील कंटेंट? SC ने दिया दो टूक जवाब

Dainik Jagran - National - April 28, 2025 - 4:00pm

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने कुछ दिनों पहले वक्फ संशोधन कानून से जुड़े मामले पर सुनवाई करते हुए एक ऐतिहासिक फैसला सुनाया था। सुप्रीम कोर्ट ने राज्यपाल के राज्य विधानमंडल द्वारा पारित विधेयकों पर कार्रवाई करने के लिए समय सीमा निर्धारित की थी।

सुप्रीम कोर्ट ने संविधान के अनुच्छेद 201 के तहत राष्ट्रपति के लिए भी उन विधायकों पर कार्रवाई की समयसीमा निर्धारित की। अदालत के इस फैसले पर उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने चिंता जाहिर की थी। उपराष्ट्रपति ने कहा था कि कोर्ट के कार्यपालिका के कामकाज में हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए। वहीं, उन्होंने कहा कि देश में न्यायपालिका ही सुप्रीम है।

इसी बीच आज सुप्रीम कोर्ट में भी याचिका दायर की गई थी, जिस पर आज अदालत ने सुनवाई की है। सुप्रीम कोर्ट ने इसपर एक्शन लेते हुए केंद्र सरकार समेत कई सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को नोटिस जारी किया है।

कानून बनाना कार्यपालिका का काम: कोर्ट

हालांकि, इस मामले पर सुनवाई करते हुए कहा न्यायमूर्ति बीआर गवई ने कहा कि इस मामले कानून बनाना सरकार की जिम्मेदारी है।  यह कार्यपालिका के अधिकार क्षेत्र में आता है। वैसे भी हम पर कार्यपालिका के अधिकार क्षेत्र में हस्तक्षेप करने का आरोप लग रहा है।

याचिका में दावा किया गया कि कुछ वेबसाइट बिना फिल्टर के अश्लील सामग्री प्रसारित कर रही हैं और कुछ ओटीटी प्लेटफॉर्म ऐसी सामग्री स्ट्रीम कर रहे हैं जिसमें चाइल्ड पोर्नोग्राफी की भी संभावना है।

कोर्ट ने कई सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को जारी किया नोटिस

ओटीटी पर अश्लील कंटेंट को बैन की मांग को लेकर चल रही सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कई  सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को नोटिस जारी किया।  सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार के अलावा नेटफ्लिक्स, उल्लू डिजिटल लिमिटेड, ऑल्ट बाला जी, ट्विटर, मेटा प्लेटफार्म और गूगल को नोटिस दिया है।

पूर्व सूचना आयुक्त उदय माहुरकर समेत कुछ लोगों ने ओटीटी पर मौजूद अश्लील कंटेंट के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। इस याचिका में केंद्र सरकार से नेशनल कंटेंट कंट्रोल अथॉरिटी (NCCO) का गठन करने की मांग की गई है। याचिकाकर्ताओं की मांग है कि सभी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म और ओटीटी प्लेटफॉर्म अश्लीलता को रोकने के लिए दिशा निर्देश तय करना चाहिए।

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सुप्रीम कोर्ट ने वक्फ संशोधन अधिनियम के खिलाफ नई याचिका पर सुनवाई करने से किया इनकार, कहा- हम 5 पर...

Dainik Jagran - National - April 28, 2025 - 3:48pm

पीटीआई, नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने वक्फ संशोधन अधिनियम को चुनौती देने वाली नई याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया। कोर्ट ने कहा कि वो 100 याचिकाओं को एंटरटेन नहीं करेंगे। मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति संजय कुमार की पीठ ने याचिकाकर्ता सैयद अली अकबर के वकील से कहा कि वे लंबित पांच मामलों में हस्तक्षेप आवेदन दायर करें, जिन पर अंतरिम आदेश पारित करने के लिए 5 मई को सुनवाई होगी।

सीजेआई ने कहा, आप इसे वापस ले लें, हमने 17 अप्रैल को एक आदेश पारित किया था, जिसमें कहा गया था कि केवल पांच याचिकाओं पर ही सुनवाई होगी।

कोर्ट ने क्या कहा?

17 अप्रैल को, पीठ ने अपने समक्ष कुल याचिकाओं में से केवल पांच पर सुनवाई करने का फैसला किया और मामले का शीर्षक रखा। 'इन री: वक्फ (संशोधन) अधिनियम, 2025'। AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी, ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (एआईएमपीएलबी), जमीयत उलमा-ए-हिंद, द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (डीएमके), कर्नाटक राज्य एयूक्यूएएफ बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष अनवर बाशा (वकील तारिक अहमद द्वारा प्रतिनिधित्व), कांग्रेस सांसद इमरान प्रतापगढ़ी और मोहम्मद जावेद सहित लगभग 72 याचिकाएं कानून के खिलाफ दायर की गई थीं।

कब होगी अगली सुनवाई?

तीन वकीलों को नोडल वकील नियुक्त करते हुए, पीठ ने वकीलों से आपस में तय करने को कहा कि कौन बहस करने जा रहा है। याचिकाकर्ताओं को सरकार के जवाब की सेवा के पांच दिनों के भीतर केंद्र के जवाब पर अपने जवाब दाखिल करने की अनुमति दी गई। पीठ ने कहा, 'हम स्पष्ट करते हैं कि अगली सुनवाई (5 मई) प्रारंभिक आपत्तियों और अंतरिम आदेश के लिए होगी।'

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भारत को मिलने वाला है शक्तिशाली Rafale-M विमान; फ्रांस से हो गई डील साइन; जानें खासियत

Dainik Jagran - National - April 28, 2025 - 2:50pm

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। पहलगाम हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के रिश्ते लगातार बिगड़ रहे हैं। ऐसे में भारत रक्षा के क्षेत्र में खुद को मजबूत करने में जुटा है। इसी कड़ी में भारत और फ्रांस के बीच ऐतिहासिक राफेल डील साइन हो चुकी है। इस समझौते के तहत भारत, फ्रांस से 26 राफेल मरीन विमान खरीदेगा, जिसमें 22 सिंगल सीटर विमान और 4 डबल सीटर विमान शामिल होंगे।

भारत और फ्रांस के रक्षा मंत्रियों के बीच इस समझौते पर हस्ताक्षर हुए हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, हथियारों के खरीद के मामले में यह भारत की फ्रांस के साथ अब तक की सबसे बड़ी डील है, जिसकी कीमत लगभग 63,000 करोड़ रुपए आंकी जा रही है।

Today, India and France signed a mega Rs 63,000 crore deal to buy 26 Rafale Marine aircraft for the Indian Navy. The Indian side was represented by Defence Secretary Rajesh Kumar Singh, where Navy Vice Chief Vice Admiral K Swaminathan was present

(Video source: Indian Navy… pic.twitter.com/5W6SdwcuD8

— ANI (@ANI) April 28, 2025 कैसे साइन हुआ समझौता?

पहले इस सौदे पर हस्ताक्षर करने के लिए फ्रांस के रक्षा मंत्री सेबेस्टियन लेकोर्नु को रविवार को भारत आना था, लेकिन निजी कारणों से उनकी यात्रा रद कर दी गई है। हालांकि, वह अपने भारतीय समकक्ष राजनाथ सिंह के साथ वार्ता में वीडियो कान्फ्रेंसिंग के जरिये शामिल हुए। नई दिल्ली में हुए इस समझौते पर हस्ताक्षर के दौरान रक्षा सचिव राजेश कुमार सिंह और भारत में फ्रांस के राजदूत थिएरी मथौ भी उपस्थित रहे।

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INS विक्रांत पर होंगे तैनात

राफेल मरीन विमानों को INS विक्रांत पर तैनात किया जाएगा। फ्रांस की विमान कंपनी दसॉ एविएशन भारत की जरूरत के हिसाब से इन विमानों में कुछ बदलाव करेगी। इसमें एंटी शिप स्ट्राइक, 10 घंटे तक फ्लाइट रिकॉर्ड करने और न्यूक्लियर हथियार लॉन्च करने जैसे फीचर मौजूद रहेंगे।

कब तक होगी डिलीवरी?

भारत और फ्रांस के बीच 26 राफेल-एम विमानों की डील साइन हुई है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, इन विमानों की डिलीवरी 2028-29 में शुरू हो सकती है। वहीं 2031-32 तक फ्रांस सारे विमान भारत पहुंचा सकता है।

राफेल से ज्यादा एडवांस है राफेल-एम

भारत और फ्रांस पहले भी 36 राफेल जेट की डील कर चुके हैं। यह डील 2016 में 58,000 करोड़ रुपए में साइन हुई थी। फ्रांस ने 2022 तक सारे राफेल विमान भारत भेज दिए थे। इन राफेल विमानों को अंबाला और हाशिनारा एयरबेस से संचालित किया जाता है। हालांकि, राफेल मरीन विमान के फीचर राफेल विमान से बेहद एडवांस हैं।

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Indias Got Latent Row: रणवीर इलाहबादिया को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत, विदेश जाने के लिए वापस मिलेगा पासपोर्ट

Dainik Jagran - National - April 28, 2025 - 2:31pm

पीटीआई, नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट से पॉडकास्टर रणवीर इलाहबादिया को बड़ी राहत मिली है। सर्वोच्च न्यायालय ने काम के सिलसिले में विदेश यात्रा करने के लिए रणवीर का पासपोर्ट लौटाने की अनुमति दे दी है।

जस्टिस सूर्यकांत और एन कोटिश्वर सिंह की पीठ ने असम और महाराष्ट्र सरकारों द्वारा रणवीर के खिलाफ जांच पूरी होने की बात कहने के बाद शर्त में ढील दी है। पीठ ने इलाहबादिया से कहा कि वह अपना पासपोर्ट लौटाने के लिए महाराष्ट्र साइबर पुलिस ब्यूरो से संपर्क करें।

एक साथ सभी FIR पर सुनवाई का होगा विचार

शीर्ष अदालत ने इलाहबादिया की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता अभिनव चंद्रचूड़ से यह भी कहा कि वह उनके मुवक्किल के खिलाफ दर्ज एफआईआर को एक साथ जोड़ने और अगली सुनवाई पर इसे एक जगह लाने की उनकी प्रार्थना पर विचार करेगी।

पहले गिरफ्तारी से मिली थी राहत 

इससे पहले 18 फरवरी को सुप्रीम कोर्ट ने इलाहबादिया को एक यूट्यूब शो के दौरान उनकी टिप्पणियों को लेकर दर्ज कई एफआईआर में गिरफ्तारी से राहत दी थी और उन्हें अपना पासपोर्ट ठाणे के पुलिस स्टेशन नोडल साइबर पुलिस के जांच अधिकारी के पास जमा करने का निर्देश दिया था।

शीर्ष अदालत ने 3 मार्च को इलाहबादिया को अपने पॉडकास्ट "द रणवीर शो" को फिर से शुरू करने की अनुमति दी, बशर्ते कि वह "नैतिकता और शालीनता" बनाए रखे और इसे सभी उम्र के दर्शकों के लिए उपयुक्त बनाए।

कोर्ट ने रोक दिया था पोडकास्ट

बीयरबाइसेप्स के नाम से मशहूर इलाहबादिया पर कॉमेडियन समय रैना के यूट्यूब शो 'इंडियाज गॉट लैटेंट' पर माता-पिता और सेक्स पर की गई टिप्पणियों के लिए मामला दर्ज किया गया था।

शीर्ष अदालत ने शुरू में इलाहबादिया को अपने पॉडकास्ट के किसी भी कार्यक्रम को प्रसारित करने से रोक दिया था, जिसका उनके द्वारा विचाराधीन मामलों पर असर पड़ सकता था। 

18 फरवरी को हुई सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने इलाहबादिया को गिरफ्तारी से अंतरिम राहत प्रदान की थी। कोर्ट ने इसी के साथ उनकी टिप्पणियों को 'अश्लील' और उनका 'दिमाग' गंदा बताया था, जो समाज को शर्मसार करता है।

कई कॉमेनियन हैं आरोपी

इलाहबादिया और रैना के अलावा, असम में मामले में नामित अन्य लोग कॉमेडियन आशीष चंचलानी, जसप्रीत सिंह और अपूर्व मखीजा हैं।

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ओटीटी और सोशल मीडिया पर बंद होंगे अश्लील कंटेंट? सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को जारी किया नोटिस

Dainik Jagran - National - April 28, 2025 - 1:20pm

नई दिल्ली, पीटीआई। सोशल मीडिया और ओटीटी पर अश्लील कंटेट को बैन करने की मांग उठ रही है। इसे लेकर सुप्रीम कोर्ट में भी याचिका दायर की गई थी, जिसपर आज अदालत ने सुनवाई की है। सुप्रीम कोर्ट ने इसपर एक्शन लेते हुए केंद्र सरकार समेत कई सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को नोटिस जारी किया है।

सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार के अलावा नेटफ्लिक्स, उल्लू डिजिटल लिमिटेड, ऑल्ट बाला जी, ट्विटर, मेटा प्लेटफार्म और गूगल को नोटिस दिया है।

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याचिका में क्या की गई मांग?

पूर्व सूचना आयुक्त उदय माहुरकर समेत कुछ लोगों ने अश्लील कंटेंट के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। इस याचिका में केंद्र सरकार से नेशनल केंटेंट कंट्रोल ऑथोरिटी (NCCO) का गठन करने की मांग की गई है। साथ ही याचिकाकर्ताओं का कहना है कि सभी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म और ओटीटी प्लेटफॉर्म अश्लीलता को रोकने के लिए दिशानिर्देश तय करना चाहिए।

Supreme Court issues notice to Centre, Netflix, Amazon Prime, Ullu, ALTT, X (formerly Twitter), Facebook, Instagram, YouTube and others on a PIL seeking direction to Centre to take appropriate steps to prohibit the streaming of obscene content on OTT and social media platforms. pic.twitter.com/wM32jlkqye

— ANI (@ANI) April 28, 2025 केंद्र सरकार ने क्या कहा?

सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता ने केंद्र सरकार का पक्ष रखा। उन्होंने दलील देते हुए कहा कि -

सरकार इस याचिका को अन्यथा नहीं ले रही है।मेरी चिंता इस बात को लेकर है कि बच्चे भी इससे प्रभावित हो रहे है। इन प्रोगाम की भाषा न केवल अश्लील है, बल्कि विकृत है। दो पुरुष भी इसे एक साथ बैठकर नहीं देख सकते। सिर्फ ये शर्त लगाई गई है कि 18 साल से ज़्यादा उम्र वाले के कंटेंट है। लेकिन इसका मतलब ये नहीं है कि बच्चों की पहुंच इस कंटेंट तक नहीं है।

सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा?

मामले की सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश बीआर गवई ने कहा कि "हमने भी देखा है कि बच्चों को व्यस्त रखने के लिए माता-पिता उन्हें फोन दे देते हैं। यह एक गंभीर मामला है। कार्यपालिका और विधायिका को इसपर नजर रखनी चाहिए।

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'पाकिस्तानी आतंकवाद का नया चेहरा आया सामने, 5 लाख लड़कियां भारत में...', पहलगाम अटैक पर निशिकांत दुबे का बड़ा बयान

Dainik Jagran - National - April 28, 2025 - 1:20pm

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी (BJP) के गोड्डा से सांसद निशिकांत दुबे ने पाकिस्तान पर हमला बोला है। उन्होंने X पर पोस्ट कर कहा कि पाकिस्तान से संबंधित आतंकवाद का एक नया चेहरा अब सामने आया है। निशिकांत दुबे ने पाकिस्तानी लड़कियों के मुद्दे को उठाया जो शादी के बाद भारत आई हैं। लेकिन अभी तक उन्हें भारतीय नागरिकता नहीं मिली है।

भाजपा सांसद ने कहा, 'पाकिस्तानी आतंकवाद का एक नया चेहरा अब सामने आया है। 5 लाख से अधिक पाकिस्तानी लड़कियां शादी करने के बाद भारत में रह रही हैं, लेकिन उन्हें आज तक भारतीय नागरिकता नहीं मिली है। इन दुश्मनों से कैसे लड़ा जाए जो अंदर घुस आए हैं?' ये स्थिति एक गंभीर खतरे की ओर इशारा कर रही है।

22 अप्रैल को हुआ पहलगाम हमला

यह बयान जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकवादी हमले के मद्देनजर आया है, जिसमें 26 लोगों की जान चली गई थी। इसके बाद भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करते हुए 27 अप्रैल से तत्काल प्रभाव से दीर्घकालिक, राजनयिक और आधिकारिक वीजा को छोड़कर पाकिस्तानी नागरिकों को जारी किए गए सभी श्रेणियों के वीजा रद कर दिए थे।

इससे पहले रविवार को अटारी सीमा पर एक प्रोटोकॉल अधिकारी अरुण पाल ने कहा कि रविवार को अल्पकालिक वीजा धारकों के लिए समय सीमा समाप्त होने के बाद पिछले तीन दिनों में कुल 537 पाकिस्तानी नागरिक अटारी सीमा के माध्यम से भारत छोड़ चुके हैं।

 850 भारतीय नागरिक लौटे भारत

एएनआई से बात करते हुए पाल ने कहा कि पिछले तीन दिनों में 850 भारतीय नागरिक भारत लौट आए हैं। उन्होंने कहा कि अकेले रविवार को 237 पाकिस्तानी नागरिक अपने देश लौट गए, जबकि 116 भारतीय नागरिक वापस आए हैं।

जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में बैसरन मैदान में 22 अप्रैल को आतंकी हमला हुआ। यह 2019 के पुलवामा हमले के बाद से इस क्षेत्र में सबसे घातक हमलों में से एक था, जिसमें 40 केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के जवानों की जान चली गई थी।

NIA की टीम ने तेज की तलाश

घटना के बाद, 23 अप्रैल से पहलगाम आतंकी हमला स्थल पर तैनात राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की टीमों ने सबूतों की तलाश तेज कर दी है। आतंकवाद विरोधी एजेंसी के एक आईजी, डीआईजी और एसपी के नेतृत्व में टीमें 22 अप्रैल के हमले को देखने वाले चश्मदीदों से पूछताछ कर रही हैं।

इसके अलावा, भारतीय सेना हाई अलर्ट पर है और पहलगाम में हमले के बाद आतंकवादियों को बेअसर करने के लिए कई तलाशी अभियान चला रही है।

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पहले आर्मी चीफ, फिर पीएम मोदी से मिले राजनाथ सिंह; पहलगाम हमले पर दोपहर 3 बजे संसदीय समिति की होगी बैठक

Dainik Jagran - National - April 28, 2025 - 12:25pm

एएनआई, नई दिल्ली। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से उनके आधिकारिक आवास 7, लोक कल्याण मार्ग पर मुलाकात करने पहुंचे। रक्षा मंत्री ने पीएम मोदी से लंबी बातचीत की। पीएम मोदी के आवास पर 40 मिनट तक चली बैठक में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल भी शामिल थे।

राजनाथ सिंह ने पीएम को ताजा हालात के बारे में अपडेट दिया है। इस बीच खबर आ रही है कि रक्षा संबंधी संसदीय स्थायी समिति की भी आज दोपहर 3 बजे बैठक होगी।

पहलगाम में चल रहे ऑपरेशन के बारे में दी जानकारी

यह बैठक ऐसे समय में हो रही है जब एक दिन पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ अनिल चौहान ने रक्षा मंत्री को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए घातक आतंकवादी हमले के बाद पाकिस्तान का मुकाबला करने के लिए लिए गए प्रमुख निर्णयों के बारे में जानकारी दी थी। बताया जा रहा है 3 बजे की बैठक में पहलगाम हमले को लेकर चर्चा होगी। इस दौरान बैठक में कई नेता भी मौजूद होंगे।

दोनों नेताओं के बीच काफी देर तक बातचीत

इस मुलाकातों से अटकलें तेज हो गई है कि भारत जल्द ही पाकिस्तान के खिलाफ निर्णायक कदम उठा सकता है। आज की बैठक पहलगाम आतंकी हमले पर संसद परिसर में आयोजित सर्वदलीय बैठक के तीन दिन बाद हुई है, जिसकी अध्यक्षता रक्षा मंत्री ने की थी।

पहलगाम अटैक के बाद हुई  बैठक

22 अप्रैल को हुए इस हमले में 26 लोगों की बेरहमी से गोली मारकर हत्या कर दी गई थी, जिनमें से अधिकतर पर्यटक थे, जिनमें एक नेपाली नागरिक भी शामिल था। यह घटना दोपहर करीब 2 बजे बैसरन मैदान में हुई। यह 2019 के पुलवामा हमले के बाद से इस क्षेत्र में सबसे घातक हमलों में से एक था, जिसमें 40 केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के जवान शहीद हो गए थे।

घटना के बाद, 23 अप्रैल से एनआईए की टीमें घटनास्थल पर तैनात हैं और सबूतों की तलाश तेज कर दी है।

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