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फिर शुरू हो रही कैलाश मानसरोवर यात्रा, जानें क्या है रूट और कितने लोगों का हुआ चयन

Dainik Jagran - National - May 21, 2025 - 3:03pm

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। पांच वर्ष बाद इस साल जून से एक बार फिर भारतीय तीर्थयात्री मानसरोवर की यात्रा पर जा सकेंगे। इस बारे में चीन और भारत के बीच पहले से ही बनी सहमति के बाद बुधवार को विदेश मंत्रालय ने लॉट्री सिस्टम के जरिए सौभाग्यशाली यात्रियों के नामों की घोषणा की।

विदेश मंत्रालय ने बताया है कि जून से अगस्त के बीच 50-50 यात्रियों का कुल 15 जत्था मानसरोवर यात्रा के लिए रवाना होगा। इनमें से 50-50 के पांच यात्री जत्था लिपुलेख के रास्ते मानसरोवर जाएंगे, जबकि 50-50 यात्रियों के 10 जत्थे अलग-अलग समय नाथु ला रूट से रवाना होंगे। यह भी बताया गया है कि दोनों मार्ग काफी हद तक कार से जाने लायक बना दिए गए हैं, इसलिए यात्रियों को बहुत ही कम यात्रा पैदल करनी होगी।

लॉट्री सिस्टम से निकाले नाम

यहां एक कार्यक्रम में विदेश राज्य मंत्री कीर्ति वर्द्धन सिंह में चयनित यात्रियों के नाम लॉट्री सिस्टम के जरिए निकाले। विदेश मंत्रालय का दावा है कि लॉट्री प्रणाली कंप्यूटर आधारित है, जो पूरी तरह से पारदर्शी है।

  • इस साल कुल 5561 यात्रियों ने पंजीयन कराया था।
  • इसमें 4024 पुरूष और 1537 महिलाएं थी।
  • इसमें से 750 यात्रियों का चयन किया गया है।
2019 में बंद हुई थी कैलाश मानसरोवर यात्रा

सनद रहे कि वर्ष 2019 के बाद कोविड और भारत-चीन संबंधों के खराब होने की वजह से कैलाश मानसरोवर यात्रा बंद कर दी गई थी। इसको फिर से शुरू करने की सहमति अक्टूबर, 2024 में पीएम नरेन्द्र मोदी और राष्ट्रपति शी चिनफिंग की मुलाकात में बनी। तब दोनों नेताओं ने अप्रैल, 2020 से पूर्वी लद्दाख से सटे वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) में चीनी सेना की घुसपैठ के बाद उपजे तनाव को समाप्त करने को सहमत हुए थे। इसके बाद जब दोनों देशों के विदेश मंत्रियों के बीच बैठक हुई थी तब कैलाश मानसरोवर को फिर से शुरू करने पर अंतिम फैसला हुआ था।

चीनी हथियारों का भारत पर हमले में इस्तेमाल

यहां यह भी बताते चलें कि मानसरोवर यात्रा को फिर से शुरू करने के फैसले पर तब अमल हो रहा है जब चीन आपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तान की समर्थन देने की बात कर चुका है। पाकिस्तान ने चीन से खरीदे गये हथियारों व मिसाइलों का इस्तेमाल भी किया गया है। एक दिन पहले ही चीन के विदेश मंत्री वांग यी की पाकिस्तान के उप प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री ईशाक दार के साथ बैठक हुई है। इसमें चीन की तरफ से पाकिस्तान की सेना को और अत्याधुनिक हथियार व दुसरे सैन्य साजों-समान देने का वादा किया गया है।

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जस्टिस यशवंत वर्मा पर की गई FIR दर्ज करने की मांग, SC ने याचिका की खारिज; जानें आखिर क्यों सुनवाई से किया इनकार

Dainik Jagran - National - May 21, 2025 - 2:53pm

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। दिल्ली हाई कोर्ट (Delhi HighCourt) के जज रह चुके यशवंत वर्मा (Justice Yashwant Verma) के घर से कथित तौर पर नोटों का बंडल उस वक्त मिला था, जब उनके घर के आउटहाउस में लगी आग को बुझाया जा रहा था।

अब सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने जस्टिस वर्मा के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने वाली याचिका पर सुनवाई से इनकार कर दिया है।

SC ने याचिका क्यों की खारिज?

यह याचिका दिल्ली में जज के आधिकारिक आवास से नकदी मिलने के मामले में दायर की गई थी। जस्टिस अभय एस ओका और जस्टिस उज्जवल भुयान की बेंच ने कहा कि शीर्ष अदालत की ओर से 8 मई को जारी प्रेस रिलीज में कहा गया है कि सीजेआई (Chief Justice Of India) ने जज के जवाब के साथ आंतरिक जांच समिति की रिपोर्ट राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री को भेज दी है।

बेंच ने कहा, "आदेश की मांग करने वाली याचिका दायर करने से पहले याचिकाकर्ता को उचित प्राधिकरण के सामने प्रतिवेदन दायर कर अपनी शिकायत का निवारण कराना होगा। इसलिए हम इस रिट याचिका पर सुनवाई करने से इनकार करते हैं। इस स्तर पर अन्य याचिकाओं पर गौर करना जरूरी नहीं है।"

आंतरिक पैनल ने ठहराया था दोषी

बता दें, आंतरिक जांच पैनल द्वारा जस्टिस यशवंत वर्मा को दोषी ठहराए जाने के बाद पूर्व चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया संजीव खन्ना ने उन्हें इस्तीफा देने के लिए कहा था। पूर्व सीजेआई ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र भी लिखा था।

पूर्व चीफ जस्टिस ने यह पत्र जस्टिस वर्मा द्वारा इस्तीफा देने से इनकार करने के बाद लिखा गया था। जैसे ही कैश मिलने का विवाद सामने आया तो जस्टिस वर्मा को दिल्ली हाई कोर्ट से इलाहाबाद हाई कोर्ट ट्रांसफर कर दिया गया था।

किसने याचिका की थी दायर?

याचिका दायर कर एडवोकेट मैथ्यूज नेदुम्पारा और अन्य लोगों ने आपराधिक कार्यवाही शुरू करने की मांग की थी। याचिका में कहा गया था कि आंतरिक समिति ने जज के ऊपर लगे आरोपों को पहली नजर में सच पाया है।

याचिका में कहा गया है कि आंतरिक जांच में न्यायिक अनुशासनात्मक कार्रवाई हो सकती है, लेकिन यह लागू कानूनों के तहत आपराधिक जांच का विकल्प नहीं है। बता दें, मार्च में इन्हीं याचिकाकर्ताओं ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था।

याचिका में पुलिस जांच की मांग की

याचिकाकर्ताओं ने उस समय आंतरिक जांच को चुनौती देते हुए औपचारिक पुलिस जांच की मांग की थी। हालांकि, सर्वोच्च न्यायालय ने आंतरिक कार्रवाई लंबित होने का हवाला देते हुए याचिका को उस समय खारिज कर दिया था।

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'पापा आपकी यादें...', राहुल गांधी, खरगे समेत कई नेताओं ने राजीव गांधी को दी श्रद्धांजलि; बताया भारत का महान बेटा

Dainik Jagran - National - May 21, 2025 - 1:13pm

एएनआई, नई दिल्ली। आज राजीव गांधी की 34वीं पुण्यतिथि हैं। साल 1991 में उनकी एक हमले में मौत हो गई थी। इस बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, राहुल गांधी समेत कई नेता उन्हें श्रद्धांजलि दे रहे हैं। राहुल गांधी ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट लिखा है, राहुल गांधी अपने पोस्ट में राजीव गांधी को श्रद्धांजलि दे रहे हैं, उनका ये पोस्ट काफी इमोशनल है।

लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने अपने दिवंगत पिता और पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की 34वीं पुण्यतिथि पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की और उनके तरफ से छोड़े गए सपनों को पूरा करने का संकल्प लिया। दिल्ली में वीर भूमि पर श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए उन्होंने कहा कि उनके पिता की स्मृति हर कदम पर उनका मार्गदर्शन करती है।

पापा, आपकी यादें हर कदम पर मेरा मार्गदर्शन करती हैं।

आपके अधूरे सपनों को साकार करना ही मेरा संकल्प है - और मैं इन्हें पूरा करके रहूंगा। pic.twitter.com/jwptCSo1TN

— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) May 21, 2025

पापा आपकी यादें- राहुल गांधी

राहुल गांधी ने लिखा- 'पापा, आपकी यादें हर कदम पर मेरा मार्गदर्शन करती हैं। आपके अधूरे सपनों को साकार करना ही मेरा संकल्प है और मैं इन्हें पूरा करके रहूंगा।' राहुल गांधी ने अपने पोस्ट में पिता राजीव गांधी के साथ अपने बचपन की फोटो भी पोस्ट की है। मल्लिकार्जुन खरगे और कांग्रेस नेता सचिन पायलट ने भी दिवंगत नेता को श्रद्धांजलि अर्पित की।

'भारत के महान सपूत हैं राजीव गांधी'

पूर्व प्रधानमंत्री को याद करते हुए खरगे ने एक्स पर पोस्ट किया कि राजीव गांधी भारत के एक महान सपूत थे, जिनकी दूरदर्शी सोच ने देश को 21वीं सदी में ले जाने में अहम रोल प्ले किया।

उन्होंने लाखों भारतीयों में आशा की किरण जगाई। उनके दूरदर्शी और साहसी हस्तक्षेप ने भारत को 21वीं सदी की चुनौतियों और अवसरों के लिए तैयार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

क्या बोले सचिन पायलट?

सचिन पायलट ने राजीव गांधी को एक दूरदर्शी नेता बताया जिन्होंने अपने नेतृत्व के माध्यम से भारत को एक बेहतरीन दिशा दी।

भूतपूर्व प्रधानमंत्री श्री राजीव गांधी जी के ‘बलिदान दिवस’ पर मैं उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं।

राजीव गांधी जी एक दूरदर्शी नेता थे जिन्होंने अपने नेतृत्व और आधुनिक सोच से देश को प्रगतिशील दृष्टिकोण प्रदान कर दिशा दी। उनके निर्णयों ने भारत को एक नई ऊंचाई तक… pic.twitter.com/K6KQmAZBkc

— Sachin Pilot (@SachinPilot) May 21, 2025

उन्होंने कहा, 'मैं पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी जी को उनके 'बलिदान दिवस' पर श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं।

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Live: वक्फ कानून पर SC में सुनवाई जारी, सरकार बोली- 97 लाख लोगों से लिए गए सुझाव

Dainik Jagran - National - May 21, 2025 - 12:56pm

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट में 21 मई को एक बार फिर से केंद्र सरकार की ओर से लाए गए वक्फ कानून पर सुनवाई शुरू हो गई है। वक्फ संशोधन कानून 2025 की संवैधानिकता की वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर आज एक बार फिर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हो रही है।

आज की सुनवाई में केंद्र सरकार द्वारा अपना पक्ष रखा जा रहा है और केंद्र की तरफ से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि यह ऐसा मामला नहीं जहां मंत्रालय ने एक बिल बनाया और बिना सोचे समझे वोटिंग कर दी।

'पुरानी समस्या को खत्म करने का कर रहे काम'

उन्होंने कहा, "हम एक बहुत पुरानी समस्या को खत्म करने का काम कर रहे हैं, जिसकी शुरुआत 1923 में हुई थी।" सॉलिसिटर जनरल ने कहा कि कुछ याचिकाकर्ता पूरे मुस्लिम समुदाय की ओर से नहीं बोल सकते। कोर्ट के पास जो याचिकाएं आई हैं वो ऐसे लोगों ने दायर की है, जो सीधे इस कानून से प्रभावित नहीं हैं।

तुषार मेहता ने कहा, "जेपीसी की 96 बैठकें हुईं और हमें 97 लाख लोगों से सुझाव मिले हैं, जिस पर बहुत सोच-समझकर काम किया गया है। किसी ने यह नहीं कहा कि संसद को ये कानून बनाने का अधिकार नहीं था।"

कल की सुनवाई में क्या हुआ?

कल कोर्ट की सुनवाई के याचिकाकर्ताओं की तमाम दलीलें सुनी गई और याचिकाकर्ताओं के वकीलों से तमाम तरह के सवाल भी किए गए। हालांकि, कोर्ट इस नतीजे पर नहीं पहुंच पाई की याचिकाकर्ताओं को कोई अंतरिम राहत दी जाए या नहीं।

सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान कहा था कि हर कानून के पक्ष में संवैधानिकता की धारणा होती है, इसलिए राहत के लिए बहुत ठोस और स्पष्ट कारण पेश करते होते हैं। कोर्ट ने कहा कि अदालतें तब तक हस्तक्षेप नहीं करती है, जब तक मामला स्पष्ट न हो।

सिब्बल ने काननू पर अंतरिम रोक लगाने की मांग की

इस दौरान याचिकाकर्ताओं के वकील कपिल सिब्बल ने वक्फ कानून को मुसलमानों की धार्मिक स्वतंत्रता के अधिकार का उल्लंघन और वक्फ संपत्तियों पर कब्जा करने वाला बताया। उन्होंने कोर्ट से इस पर अंतरिम रोक लगाने की मांग की।

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