Feed aggregator

केंद्र ने मणिपुर हिंसा की जांच कर रहे आयोग का कार्यकाल फिर बढ़ाया, अब इस दिन सौंपनी होगी रिपोर्ट

Dainik Jagran - National - May 20, 2025 - 11:30pm

पीटीआई, नई दिल्ली। केंद्र ने मणिपुर में मई 2023 में शुरू हुई हिंसा की जांच पर अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए जांच आयोग के कार्यकाल को 20 नवंबर 2025 तक फिर बढ़ा दिया है। मणिपुर हिंसा में कम से कम 260 लोगों की मौत हुई है।

चार जून, 2023 को किया गया था जांच आयोग का गठन

गुवाहाटी हाई कोर्ट के पूर्व मुख्य न्यायाधीश अजय लांबा की अध्यक्षता में जांच आयोग का गठन चार जून, 2023 को किया गया था। आयोग में सेवानिवृत्त आइएएस अधिकारी हिमांशु शेखर दास और सेवानिवृत्त आइपीएस अधिकारी आलोक प्रभाकर भी शामिल हैं।

चार जून, 2023 को जारी अधिसूचना में कहा गया है कि आयोग को अपनी रिपोर्ट केंद्र सरकार को 'जितनी जल्दी हो सके, लेकिन अपनी पहली बैठक की तारीख से छह महीने से अधिक समय बाद नहीं सौंपनी थी। इसके बाद भी आयोग का कार्यकाल दो बार बढ़ाया जा चुका है।

20 नवंबर, 2025 से पहले केंद्र सरकार देनी होगी रिपोर्ट

अपने आखिरी विस्तार में गृह मंत्रालय ने आयोग को अपनी रिपोर्ट सौंपने के लिए 20 मई, 2025 तक का समय दिया था। गृह मंत्रालय ने नवीनतम अधिसूचना में कहा कि आयोग जल्द से जल्द लेकिन 20 नवंबर, 2025 से पहले केंद्र सरकार को अपनी रिपोर्ट सौंपेगा।

घटनाओं की जांच करेगा आयोग

आयोग के कार्यक्षेत्र के अनुसार, यह उन घटनाओं की जांच करेगा, जिनके कारण ऐसी हिंसा हुई और उससे संबंधित सभी तथ्य, क्या इस संबंध में किसी जिम्मेदार अधिकारी या व्यक्ति की ओर से कोई चूक या कर्तव्य की उपेक्षा हुई और हिंसा और दंगों को रोकने और उनसे निपटने के लिए उठाए गए प्रशासनिक उपाय पर्याप्त थे।

गृह मंत्रालय ने कहा कि जांच में किसी व्यक्ति या संगठन द्वारा उसके समक्ष की गई शिकायतों या आरोपों पर गौर किया जाएगा।

मणिपुर में पांच उग्रवादी गिरफ्तार

मणिपुर के इंफाल पश्चिम जिले से विभिन्न प्रतिबंधित संगठनों से जुड़े पांच उग्रवादियों को जबरन वसूली की गतिविधियों में शामिल होने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है।

एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि सभी गिरफ्तारियां सोमवार को की गईं। पुलिस ने बताया कि प्रतिबंधित कांगलीपाक कम्युनिस्ट पार्टी (पीडब्लूजी) की एक महिला सदस्य को वाहेंगखुमान मानिंग लीकाई क्षेत्र से गिरफ्तार किया गया। अन्य चार गिरफ्तार आरोपित प्रतिबंधित केसीपी (पीडब्लूजी) और पीपुल्स लिबरेशन आर्मी के सदस्य हैं।

Categories: Hindi News, National News

India-Germany: आतंकवाद पर होगा कड़ा प्रहार, भारत-जर्मनी एकजुट; पीएम मोदी ने जर्मन चांसलर से की बात

Dainik Jagran - National - May 20, 2025 - 11:30pm

पीटीआई, नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को जर्मन चांसलर फ्रेडरिक मेर्ज से बात की है। दोनों नेताओं ने क्षेत्रीय और वैश्विक घटनाक्रमों पर चर्चा की।

आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में एकजुट

उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि दोनों देश आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में एकजुट हैं। पीएम मोदी ने मेर्ज को जर्मनी का चांसलर चुने जाने पर बधाई दी।

दोनों नेताओं के बीच बात ऐसे समय में हुई है जब ऑपरेशन सिंदूर की सफलता के बाद भारत पूरी दुनिया में पाकिस्तान के दुष्प्रचार की सच्चाई बताने और आतंकवाद पर पूरी दुनिया को एकजुट करने का प्रयास कर रहा है। ऑपरेशन सिंदूर के तहत भारत के आतंकवाद विरोधी प्रयासों को वैश्विक समर्थन मिल रहा है।

मेर्ज चांसलर का पदभार ग्रहण किया

कंजरवेटिव पार्टी के नेता मेर्ज इस महीने की शुरुआत में जर्मनी के अगले चांसलर बने हैं। उन्होंने पहले दौर के मतदान में अप्रत्याशित असफलता के बाद दूसरे दौर के मतदान में जीत हासिल की।

मोदी ने एक्स पर पोस्ट किया, चांसलर फ्रेडरिक मेर्ज से बात की और उन्हें पदभार ग्रहण करने पर बधाई दी। भारत और जर्मनी के बीच रणनीतिक साझेदारी को और मजबूत करने की प्रतिबद्धता जताई।

पीएम मोदी ने इस बारे में की बात

पीएम मोदी ने कहा, क्षेत्रीय और वैश्विक घटनाक्रमों पर चर्चा की। हम आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में एकजुट हैं। गौरतलब है कि जर्मनी में संसदीय चुनाव में फ्रेडरिक मेर्ज के नेतृत्व वाले कंजरवेटिव गठबंधन सीडीयू/सीएसयू ने सर्वाधिक सीटें जीतीं। मेर्ज द्वितीय विश्व युद्ध के बाद जर्मनी के 10वें चांसलर हैं।

Categories: Hindi News, National News

सुप्रीम कोर्ट ने दिया नए लॉ ग्रेजुएट्स को झटका, अब सीधे नहीं बन पाएंगे जज

Dainik Jagran - National - May 20, 2025 - 11:30pm

 पीटीआई, नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को एक अहम फैसले में कहा है कि अभ्यर्थी विधि स्नातक होते ही न्यायिक सेवा परीक्षा में शामिल नहीं हो सकते।

न्यूनतम तीन साल वकालत करना अनिवार्य

प्रवेश स्तर के पदों पर आवेदन करने वाले उम्मीदवारों के लिए न्यूनतम तीन साल वकालत करना अनिवार्य है। इस फैसले का न्यायिक सेवा के अभ्यर्थियों पर दूरगामी प्रभाव पड़ेगा।

नए विधि स्नातकों की नियुक्ति से कई कठिनाइयां आई हैं

प्रधान न्यायाधीश बीआर गवई और जस्टिस एजी मसीह की पीठ ने भावी न्यायाधीशों के लिए अदालती अनुभव के महत्व को दोहराया। प्रधान न्यायाधीश ने फैसला सुनाते हुए कहा, नए विधि स्नातकों की नियुक्ति से कई कठिनाइयां आई हैं। न्यायिक दक्षता और क्षमता सुनिश्चित करने के लिए अदालत में व्यावहारिक अनुभव जरूरी है।

पीठ ने कहा कि प्रवेश स्तर के सिविल जजों के पदों के लिए न्यायिक सेवा परीक्षा में शामिल होने के वास्ते न्यूनतम तीन साल की वकालत अनिवार्य है। अदालत ने यह फैसला अखिल भारतीय न्यायाधीश संघ द्वारा दायर याचिका पर सुनाया।

विस्तृत फैसले का इंतजार

प्रधान न्यायाधीश ने कहा कि नए विधि स्नातकों को न्यायपालिका में सीधे प्रवेश की अनुमति देने से व्यावहारिक चुनौतियां पैदा हुई हैं, जैसा कि विभिन्न उच्च न्यायालयों द्वारा प्रस्तुत रिपोर्टों में परिलक्षित होता है। विस्तृत फैसले का इंतजार है।

Categories: Hindi News, National News

Smartwatch boom cools off in 2025

Business News - May 20, 2025 - 11:21pm
Smartwatches, once among the fastest growing consumer electronics segments, are now finding fewer takers in India. Shipments fell for the fifth consecutive quarter by 33% on-year in the January-March period, amid a shift from volume-driven sales of budget devices to a focus on premium features.The quarter also saw a decline in the number of active brands in the segment and new models launched.Market trackers said 2025 will be a year of correction for the industry where brands will focus on higher-end price segments to fuel growth. Shipments are expected to grow 2% on-year by the end of the year, after declining 34.4% on-year in 2024.For top brands, launches have gone down from around five to six new models per quarter last year to an average of two to three models in Q1 2025, Counterpoint Research said.The research firm said the overall installed base relative to smartphone users, estimated to be around 15-20%, has not changed significantly since last year.The contribution of the sub-₹5,000 budget segment to overall shipments fell from 95% in Q1 2024 to 91% in Q1 2025, with the premium segment seeing sharper growth. The ₹5,000-10,000 price segment is emerging as the area of focus, which grew 17% on-year in Q1, in what is being seen as a year of correction for the industry, said Anshika Jain, research analyst, Counterpoint Research."Organic consumer demand and search queries have gone down for smartwatches. The attach ratio has peaked and is no longer increasing. The repeat purchase ratio is also much lower compared to products like TWS (truly wireless stereo) earbuds," Varun Gupta, co-founder, Boult Audio, told ET.
Categories: Business News

'घरेलू हिंसा से महिलाओं की सुरक्षा के लिए संरक्षण अधिकारी नियुक्त करें राज्य', SC ने और क्या-क्या कहा?

Dainik Jagran - National - May 20, 2025 - 10:29pm

पीटीआई, नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को निर्देश दिया कि वे जिला और तहसील स्तर पर महिला एवं बाल विकास विभाग के अधिकारियों की पहचान करें और उन्हें संरक्षण अधिकारी के रूप में नामित करें। संरक्षण अधिकारी नियुक्त किया गया ऐसा व्यक्ति होता है जिसका कार्य घरेलू हिंसा के पीड़ितों की सुरक्षा और कल्याण सुनिश्चित करना होता है।

अदालत ने क्या निर्देश दिए?

जस्टिस बीवी नागरत्ना और जस्टिस सतीश चंद्र शर्मा की पीठ ने राज्यों, केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों और महिला एवं बाल/समाज कल्याण विभागों के सचिवों को घरेलू हिंसा अधिनियम के तहत अधिकारियों को संरक्षण अधिकारी के रूप में नामित करने के लिए समन्वय स्थापित करने और संबंधित कार्य सुनिश्चित करने का निर्देश दिया।

पीठ ने कहा, "वे अधिनियम के प्रविधानों के बारे में जागरूकता बढ़ाने, अधिनियम के तहत सेवाओं का प्रभावी समन्वय सुनिश्चित करने और इसके प्रविधानों को लागू करने के लिए कदम उठाएंगे।"

पीठ ने निर्देश दिया कि उन क्षेत्रों में यह कार्य आज से छह सप्ताह के भीतर पूरा किया जाए, जहां सुरक्षा अधिकारी नियुक्त नहीं हैं।

सुप्रीम कोर्ट ने राज्यों को दी ये नसीहत

शीर्ष अदालत ने कहा के राज्यों को संकटग्रस्त महिलाओं के लिए सेवा प्रदाताओं, सहायता समूहों और आश्रय गृहों की उपलब्धता सुनिश्चित करनी होगी। प्रतिवादी राज्यों को भी इस उद्देश्य के लिए आश्रय गृहों की पहचान करनी होगी।

पीठ ने विधिक सेवा प्राधिकरण अधिनियम के तहत अधिकारों को रेखांकित करते हुए राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण के सदस्य सचिव को आदेश दिया कि वे राज्य विधिक सेवा प्राधिकरणों के सभी सदस्य सचिवों को निर्देश दें कि वे घरेलू हिंसा अधिनियम के तहत मुफ्त कानूनी सहायता और सलाह के अधिकार के बारे में महिलाओं के बीच जागरूकता फैलाएं।

पीठ ने कहा कि उन्हें इन प्रविधानों का पर्याप्त प्रचार भी करना होगा। शीर्ष अदालत का यह निर्देश गैर-सरकारी संगठन 'वी द वूमन आफ इंडिया द्वारा दायर याचिका पर आया।

यह भी पढ़ें: भारत ने आतंकी संगठन TRF के खिलाफ UNSC को सौंपे सबूत, आतंकियों पर '1267' समिति की चलेगी चाबुक

Categories: Hindi News, National News

भारत ने आतंकी संगठन TRF के खिलाफ UNSC को सौंपे सबूत, आतंकियों पर '1267' समिति की चलेगी चाबुक

Dainik Jagran - National - May 20, 2025 - 10:13pm

आईएएनएस, संयुक्त राष्ट्र। भारत ने पहलगाम हमले में संलिप्तता के लिए लश्कर-ए-तैयबा के मुखौटा संगठन द रेसिस्टेंस फ्रंट (टीआरएफ) को संयुक्त राष्ट्र की प्रतिबंधित आतंकी संगठनों की सूची में शामिल कराने के प्रयास तेज कर दिए हैं।

इसी कवायद में भारत के एक प्रतिनिधिमंडल ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की उस समिति को टीआरएफ के खिलाफ सबूत सौंपे हैं, जो आतंकियों पर प्रतिबंध लगाने का काम करती है।

समिति को 1267 नाम से जाना जाता है

सूत्रों ने सोमवार को बताया कि भारत ने टीआरएफ पर प्रतिबंध लगाने के अपने मामले को मजबूती से पेश करते हुए समिति के साथ दस्तावेजी साक्ष्य साझा किए। इस समिति को 1267 नाम से जाना जाता है। सुरक्षा परिषद की इस समिति का गठन 1999 में किया गया था। प्रतिबंधों में आतंकियों की संपत्तियों को फ्रीज करना और संगठनों से जुड़े व्यक्तियों पर यात्रा प्रतिबंध लगाना शामिल है।

1267 समिति ने 2005 में लश्कर-ए-तैयबा को अंतरराष्ट्रीय आतंकी संगठन के रूप में सूचीबद्ध किया था। इससे जुड़े संगठनों पासबा-ए-कश्मीर और जमात-उद-दावा पर भी प्रतिबंध लगा दिया था। प्रतिबंधों से बचने के लिए लश्कर-ए-तैयबा कई नामों से काम करता है। लश्कर से जुड़े लगभग एक दर्जन आतंकियों पर प्रतिबंध लगाया गया है, जिसमें इस आतंकी संगठन का सरगना हाफिज सईद भी शामिल है।

टीआरएफ ने ली थी पहलगाम हमले की जिम्मेदारी

उल्लेखनीय है कि टीआरएफ ने 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए नृशंस हमले की जिम्मेदारी ली थी। इसमें 26 नागरिक मारे गए थे, जिनमें ज्यादातर पर्यटक थे। इसके बाद सात मई को 'ऑपरेशन सिंदूर' के तहत पाकिस्तान और गुलाम जम्मू-कश्मीर में नौ आतंकी ठिकानों को निशाना बनाकर हमला किया गया था।

यह भी पढ़ें: ड्रोन चलाने में क्यों फिसड्डी रही पाकिस्तान की सेना? इंडियन आर्मी के जवान ने खोल दी पाक की पोल

Categories: Hindi News, National News

पटना वालों की अजीब परेशानी, सड़कों पर मांस नोंच ले रहे कुत्ते; अस्पतालों में चूहों का आतंक

Dainik Jagran - May 20, 2025 - 9:37pm

जागरण संवाददाता, पटना। राजधानी पटना को स्मार्ट सिटी बनाने की कवायद जोरों पर है। वहीं, दूसरी ओर सड़कों पर आवारा कुत्ते मासूमों को नोच रहे हैं तो अस्पतालों में चूहे मरीजों का मांस कुतर रहे हैं। आमजन न तो गलियों में सुरक्षित हैं और न ही एनएमसीएच जैसे बड़े अस्पतालों में सुकून है। जिम्मेदारों की उदासीनता से जानवर नहीं व्यवस्था खूंखार हो गई है, जिसका दर्द आमजन काे झेलना पड़ रहा है।

तीन हजार से अधिक लोगों को हर माह काट रहे कुत्ते

राजधानी पटना की सड़कों पर आवारा कुत्तों का आतंक साल दर साल तेजी से बढ़ रहा है। 2023-24 के बिहार आर्थिक सर्वेक्षण के आंकड़ों के अनुसार वित्तीय वर्ष 2022-2023 में 22 हजार 599 लोगों को कुत्तों ने काटा था। वहीं 1 अप्रैल 2024 से मार्च 2025 के बीच 29 सरकारी अस्पतालों में 27 हजार 790 लोगों ने एआरवी लेने के लिए पंजीयन कराया।

इसमें न्यू गार्डिनर रोड का आंकड़ा शामिल नहीं है जहां हर दिन 40 से 50 नए समेत औसतन 60 लोग एआरवी वैक्सीन लेने पहुंचते हैं। जनवरी से अप्रैल के बीच यहां 8828 एआरवी की डोज दी गई। यानी हर माह औसतन 650 से 750 लोग कुत्ता काटने पर बचाव की वैक्सीन लेने न्यू गार्डिनर पहुंच रहे हैं।

पालीगंज में 6680, पंडारक में 4390 

हर माह औसतन तीन हजार लोग कुत्तों के काटने से सरकारी अस्पतालों में एंटी रैबीज वैक्सीन यानी एआरवी लेने पहुंच रहे हैं। वहीं, सिविल सर्जन डा. अविनाश कुमार सिंह के अनुसार पालीगंज में 6680, पंडारक जैसे छोटे प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में 4390 वाइल एआरवी की मौजूद हैं, जो कुत्तों के आतंक को स्पष्ट करने को पर्याप्त हैं।

शहरी क्षेत्र में कुत्तों का आतंक ज्यादा 

स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के अनुसार गुरु गोविंद सिंह सदर अस्पताल के परिक्षेत्र में अप्रैल 2024 से मार्च 2025 तक 1447, गर्दनीबाग अस्पताल क्षेत्र में 2434, पटना सदर पीएचसी क्षेत्र में 1002 और सबसे अधिक न्यू गार्डिनर रोड अस्पताल में करीब सात से आठ हजार लोग कुत्तों के शिकार बने। शहर से सटे फुलवारीशरीफ सीएचसी परिक्षेत्र में 2394, दानापुर-खगौल पीएचसी-अनुमंडल में 2290 तो संपतचक पीएचसी में 1835 लोगों को कुत्तों ने काटा।

कई अस्पतालों के मरीज चूहों से परेशान

पटना : एनएमसीएच में भले ही छह माह में चूहों के दो बड़ी करतूत सामने आने से वहां का प्रबंधन शर्मिंदा है, पर अन्य सरकारी अस्पताल इससे अछूते नहीं है। पुराने जर्जर भवनों में चलने वाले गर्दनीबाग, न्यू गार्डिनर, कंकड़बाग स्थित जयप्रभा पीएचसी से लेकर पीएमसीएच तक की हालत इससे कुछ इतर नहीं है। यहां भी मरीज और चिकित्साकर्मी चूहों की उछल-कूद व कुतरने की आदत से परेशान हैं।

चिकित्सकीय उपकरण के काम नहीं करने से ऐसा?

पीएमसीएच में तो अक्सर किसी चिकित्सकीय उपकरण के काम नहीं करने का कारण चूहों के तार कुतरने को बताया जाता है। बस अंतर यही है कि एनएमसीएच की तरह इन अस्पतालों में चूहों ने अबतक किसी मृत व्यक्ति की आंख नहीं निगली या डायबिटिक न्यूरोपैथी से पीड़ित ऐसा कोई मरीज नहीं मिला, जिससे पैर की अंगुलियां कुतरने का पता नहीं चले।

गंदगी और आसपास की स्थिति मुख्य कारण 

गर्दनीबाग अस्पताल के पीछे सचिवालय हाल्ट व उजाड़ सी स्थिति है। भवन जर्जर होने के कारण चूहों को छिपने की पर्याप्त जगह मिलती है। स्टेशन के प्लेटफार्म व अस्पताल में भर्ती रोगियों के यहां-वहां भोजन फेंकने से चूहों को आश्रय मिल रहा है।

न्यू गार्डिनर रोड के जर्जर भवन व पीछे उजाड़ जगह हाेने से यहां भी बड़े-बड़े चूहे हैं लेकिन सिर्फ ओपीडी सेवा के कारण यहां मरीज इनके शिकार नहीं बन पाते। यही जयप्रभा पीएचसी का भी है। इसके अलावा किराए के भवनों में खुले शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में से अधिकसंख्य में चूहों का आतंक है।

Categories: Bihar News

Why has Trump dumped Elon Musk?

Business News - May 20, 2025 - 9:22pm
Categories: Business News

पटना के नगर आयुक्त ने जिलाधिकारी को लिखा पत्र, सुरक्षा के लिए कराएं पुलिस बल की तैनाती

Dainik Jagran - May 20, 2025 - 9:19pm

जागरण संवाददाता, पटना। नगर आयुक्त अनिमेष कुमार पराशर ने जिलाधिकारी डा. चंद्रशेखर सिंह को पत्र लिखकर मल्टी मोडल हब और सब-वे में सुरक्षा के लिए पुलिस बल की तैनाती कराने का आग्रह किया है। पत्र में कहा है कि बड़ी संख्या में रेल यात्री बस एवं आटो के लिए आ रहे हैं।

सुरक्षा की व्यवस्था आवश्यक है। बता दें कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार मल्टीमोडल हब और भूतिगत सब-वे का लोकार्पण किया था। सब-वे में सिक्यूरिटी गार्ड की तैनाती हो गई है। मल्टी मोडल हब, सब-वे और मल्टी लेबल पार्किंग है। रात्रि में भी सुरक्षा की जरूरत है। नगर आयुक्त अनिमेष कुमार पराशर ने बताया कि पटना जंक्शन के आसपास नई व्यवस्था व नई सुविधाएं हैं। प्रतिदिन व्यवस्था में सुधार हो रहा है। चार-पांच दिनों के अंदर पूर्णरूप से व्यवस्था में सुधार आ जाएगा।

गांधी मैदान से आने वाले आटो को रोक रहे हैं पुलिसकर्मी

प्रशासन की सख्ती के बाद भी गांधी मैदान से पटना जंक्शन के बीच चलने वाले आटो जंक्शन गोलंबर की तरफ बढ़ जा रहे हैं। पुलिस कर्मी जंक्शन गोलंबर के पहले आटो को रोककर चिरैयाटांड की तरफ भेजते रहे। जंक्शन गोलंबर से बुद्ध स्मृति पार्क के आगे तक पुलिस बल की तैनाती कर दी गई थी। इस कारण इस स्थान पर आटो नहीं लगे।

मल्टीमोडल हब का पार्किंग खाली, रैंप बना स्टैंड 

आटो चालकों ने मल्टी मोडल हब के रैंप को स्टैंड बना दिया है। पटना स्मार्ट सिटी लिमिटेड हब के प्रथम तल को आटो स्टैंड के लिए आवंटित कर दिया है। इसके अंदर में खाली रह रहा है। रैंप से एक तरफ से आटो प्रथम तल पर जा रहे हैं और रैंप के रास्ते में तीन लेयर बनाकर नीचले हिस्से तक आटो को खड़ा कर दे रहे हैं। नीचले हिस्से में यात्री मिलने के बाद आटो आगे बढ़ते जाते हैं। आटो चालकों को एक घंटे तक नीचले हिस्से में आने के लिए धीरे-धेरे चलना पड़ता है।

मल्टीमोडल हब में खड़ा होने लगी निजी बसें

मल्टी मोडल हब में निजी बसें खड़ा होकर यात्रियों को लेने लगी है। बुद्ध मार्ग को ये बस स्टैंड बना दिए थे। प्रशासन धीरे-धीरे बुद्धमार्ग से निजी बसों को हटाने की दिशा में कार्य शुरू कर दिया है।

जंक्शन गोलंबर से मल्टीमोडल हब के बीच नहीं लगे आटो

पुलिस प्रशासन की सख्ती के कारण जंक्शन गोलंबर से मल्टीमोडल हब के बीच आटो नहीं लगे। सड़क के किनारे की दुकानों को यातायात पुलिस व्यवस्थित करते नजर आई। मल्टीमोडल हब से जपीओ गोलंबर के बीच जहां-तहों आटो रूककर यात्री उठाते नजर आए। जंक्शन गोलंबर से मल्टीमोडल हब तक के मुख्य सड़क की दोनों तरफ पैदल यात्रियों का रेला लगा रहा है। सब-वे से अधिक लोग मुख्य सडु़क से आते-जाते नजर आए। सब-वे भी यात्रियों से भरा रहा।

यातायात एसपी जंक्शन के आसापास करते रहे भ्रमण

यातायात एसपी मल्टीमोडल हब, पटना जंक्शन के आसपास भ्रमण करते रहे। यातायात पुलिस काफी चौकस नजर आई। इस कारण सड़कों पर सुगम यातायात जारी रहा। यातायात एसपी बिहार राज्य पथ परिवहन निगम के अधिकारियाें से बैठक कर बसों के परिचालन में आ रही परेशालियों से अवगत हुए। उसमें सुधार कराने का आश्वासन दिए।

Categories: Bihar News

Pages

Subscribe to Bihar Chamber of Commerce & Industries aggregator

  Udhyog Mitra, Bihar   Trade Mark Registration   Bihar : Facts & Views   Trade Fair  


  Invest Bihar