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'घरेलू हिंसा से महिलाओं की सुरक्षा के लिए संरक्षण अधिकारी नियुक्त करें राज्य', SC ने और क्या-क्या कहा?

Dainik Jagran - National - May 20, 2025 - 10:29pm

पीटीआई, नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को निर्देश दिया कि वे जिला और तहसील स्तर पर महिला एवं बाल विकास विभाग के अधिकारियों की पहचान करें और उन्हें संरक्षण अधिकारी के रूप में नामित करें। संरक्षण अधिकारी नियुक्त किया गया ऐसा व्यक्ति होता है जिसका कार्य घरेलू हिंसा के पीड़ितों की सुरक्षा और कल्याण सुनिश्चित करना होता है।

अदालत ने क्या निर्देश दिए?

जस्टिस बीवी नागरत्ना और जस्टिस सतीश चंद्र शर्मा की पीठ ने राज्यों, केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों और महिला एवं बाल/समाज कल्याण विभागों के सचिवों को घरेलू हिंसा अधिनियम के तहत अधिकारियों को संरक्षण अधिकारी के रूप में नामित करने के लिए समन्वय स्थापित करने और संबंधित कार्य सुनिश्चित करने का निर्देश दिया।

पीठ ने कहा, "वे अधिनियम के प्रविधानों के बारे में जागरूकता बढ़ाने, अधिनियम के तहत सेवाओं का प्रभावी समन्वय सुनिश्चित करने और इसके प्रविधानों को लागू करने के लिए कदम उठाएंगे।"

पीठ ने निर्देश दिया कि उन क्षेत्रों में यह कार्य आज से छह सप्ताह के भीतर पूरा किया जाए, जहां सुरक्षा अधिकारी नियुक्त नहीं हैं।

सुप्रीम कोर्ट ने राज्यों को दी ये नसीहत

शीर्ष अदालत ने कहा के राज्यों को संकटग्रस्त महिलाओं के लिए सेवा प्रदाताओं, सहायता समूहों और आश्रय गृहों की उपलब्धता सुनिश्चित करनी होगी। प्रतिवादी राज्यों को भी इस उद्देश्य के लिए आश्रय गृहों की पहचान करनी होगी।

पीठ ने विधिक सेवा प्राधिकरण अधिनियम के तहत अधिकारों को रेखांकित करते हुए राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण के सदस्य सचिव को आदेश दिया कि वे राज्य विधिक सेवा प्राधिकरणों के सभी सदस्य सचिवों को निर्देश दें कि वे घरेलू हिंसा अधिनियम के तहत मुफ्त कानूनी सहायता और सलाह के अधिकार के बारे में महिलाओं के बीच जागरूकता फैलाएं।

पीठ ने कहा कि उन्हें इन प्रविधानों का पर्याप्त प्रचार भी करना होगा। शीर्ष अदालत का यह निर्देश गैर-सरकारी संगठन 'वी द वूमन आफ इंडिया द्वारा दायर याचिका पर आया।

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भारत ने आतंकी संगठन TRF के खिलाफ UNSC को सौंपे सबूत, आतंकियों पर '1267' समिति की चलेगी चाबुक

Dainik Jagran - National - May 20, 2025 - 10:13pm

आईएएनएस, संयुक्त राष्ट्र। भारत ने पहलगाम हमले में संलिप्तता के लिए लश्कर-ए-तैयबा के मुखौटा संगठन द रेसिस्टेंस फ्रंट (टीआरएफ) को संयुक्त राष्ट्र की प्रतिबंधित आतंकी संगठनों की सूची में शामिल कराने के प्रयास तेज कर दिए हैं।

इसी कवायद में भारत के एक प्रतिनिधिमंडल ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की उस समिति को टीआरएफ के खिलाफ सबूत सौंपे हैं, जो आतंकियों पर प्रतिबंध लगाने का काम करती है।

समिति को 1267 नाम से जाना जाता है

सूत्रों ने सोमवार को बताया कि भारत ने टीआरएफ पर प्रतिबंध लगाने के अपने मामले को मजबूती से पेश करते हुए समिति के साथ दस्तावेजी साक्ष्य साझा किए। इस समिति को 1267 नाम से जाना जाता है। सुरक्षा परिषद की इस समिति का गठन 1999 में किया गया था। प्रतिबंधों में आतंकियों की संपत्तियों को फ्रीज करना और संगठनों से जुड़े व्यक्तियों पर यात्रा प्रतिबंध लगाना शामिल है।

1267 समिति ने 2005 में लश्कर-ए-तैयबा को अंतरराष्ट्रीय आतंकी संगठन के रूप में सूचीबद्ध किया था। इससे जुड़े संगठनों पासबा-ए-कश्मीर और जमात-उद-दावा पर भी प्रतिबंध लगा दिया था। प्रतिबंधों से बचने के लिए लश्कर-ए-तैयबा कई नामों से काम करता है। लश्कर से जुड़े लगभग एक दर्जन आतंकियों पर प्रतिबंध लगाया गया है, जिसमें इस आतंकी संगठन का सरगना हाफिज सईद भी शामिल है।

टीआरएफ ने ली थी पहलगाम हमले की जिम्मेदारी

उल्लेखनीय है कि टीआरएफ ने 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए नृशंस हमले की जिम्मेदारी ली थी। इसमें 26 नागरिक मारे गए थे, जिनमें ज्यादातर पर्यटक थे। इसके बाद सात मई को 'ऑपरेशन सिंदूर' के तहत पाकिस्तान और गुलाम जम्मू-कश्मीर में नौ आतंकी ठिकानों को निशाना बनाकर हमला किया गया था।

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पटना वालों की अजीब परेशानी, सड़कों पर मांस नोंच ले रहे कुत्ते; अस्पतालों में चूहों का आतंक

Dainik Jagran - May 20, 2025 - 9:37pm

जागरण संवाददाता, पटना। राजधानी पटना को स्मार्ट सिटी बनाने की कवायद जोरों पर है। वहीं, दूसरी ओर सड़कों पर आवारा कुत्ते मासूमों को नोच रहे हैं तो अस्पतालों में चूहे मरीजों का मांस कुतर रहे हैं। आमजन न तो गलियों में सुरक्षित हैं और न ही एनएमसीएच जैसे बड़े अस्पतालों में सुकून है। जिम्मेदारों की उदासीनता से जानवर नहीं व्यवस्था खूंखार हो गई है, जिसका दर्द आमजन काे झेलना पड़ रहा है।

तीन हजार से अधिक लोगों को हर माह काट रहे कुत्ते

राजधानी पटना की सड़कों पर आवारा कुत्तों का आतंक साल दर साल तेजी से बढ़ रहा है। 2023-24 के बिहार आर्थिक सर्वेक्षण के आंकड़ों के अनुसार वित्तीय वर्ष 2022-2023 में 22 हजार 599 लोगों को कुत्तों ने काटा था। वहीं 1 अप्रैल 2024 से मार्च 2025 के बीच 29 सरकारी अस्पतालों में 27 हजार 790 लोगों ने एआरवी लेने के लिए पंजीयन कराया।

इसमें न्यू गार्डिनर रोड का आंकड़ा शामिल नहीं है जहां हर दिन 40 से 50 नए समेत औसतन 60 लोग एआरवी वैक्सीन लेने पहुंचते हैं। जनवरी से अप्रैल के बीच यहां 8828 एआरवी की डोज दी गई। यानी हर माह औसतन 650 से 750 लोग कुत्ता काटने पर बचाव की वैक्सीन लेने न्यू गार्डिनर पहुंच रहे हैं।

पालीगंज में 6680, पंडारक में 4390 

हर माह औसतन तीन हजार लोग कुत्तों के काटने से सरकारी अस्पतालों में एंटी रैबीज वैक्सीन यानी एआरवी लेने पहुंच रहे हैं। वहीं, सिविल सर्जन डा. अविनाश कुमार सिंह के अनुसार पालीगंज में 6680, पंडारक जैसे छोटे प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में 4390 वाइल एआरवी की मौजूद हैं, जो कुत्तों के आतंक को स्पष्ट करने को पर्याप्त हैं।

शहरी क्षेत्र में कुत्तों का आतंक ज्यादा 

स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के अनुसार गुरु गोविंद सिंह सदर अस्पताल के परिक्षेत्र में अप्रैल 2024 से मार्च 2025 तक 1447, गर्दनीबाग अस्पताल क्षेत्र में 2434, पटना सदर पीएचसी क्षेत्र में 1002 और सबसे अधिक न्यू गार्डिनर रोड अस्पताल में करीब सात से आठ हजार लोग कुत्तों के शिकार बने। शहर से सटे फुलवारीशरीफ सीएचसी परिक्षेत्र में 2394, दानापुर-खगौल पीएचसी-अनुमंडल में 2290 तो संपतचक पीएचसी में 1835 लोगों को कुत्तों ने काटा।

कई अस्पतालों के मरीज चूहों से परेशान

पटना : एनएमसीएच में भले ही छह माह में चूहों के दो बड़ी करतूत सामने आने से वहां का प्रबंधन शर्मिंदा है, पर अन्य सरकारी अस्पताल इससे अछूते नहीं है। पुराने जर्जर भवनों में चलने वाले गर्दनीबाग, न्यू गार्डिनर, कंकड़बाग स्थित जयप्रभा पीएचसी से लेकर पीएमसीएच तक की हालत इससे कुछ इतर नहीं है। यहां भी मरीज और चिकित्साकर्मी चूहों की उछल-कूद व कुतरने की आदत से परेशान हैं।

चिकित्सकीय उपकरण के काम नहीं करने से ऐसा?

पीएमसीएच में तो अक्सर किसी चिकित्सकीय उपकरण के काम नहीं करने का कारण चूहों के तार कुतरने को बताया जाता है। बस अंतर यही है कि एनएमसीएच की तरह इन अस्पतालों में चूहों ने अबतक किसी मृत व्यक्ति की आंख नहीं निगली या डायबिटिक न्यूरोपैथी से पीड़ित ऐसा कोई मरीज नहीं मिला, जिससे पैर की अंगुलियां कुतरने का पता नहीं चले।

गंदगी और आसपास की स्थिति मुख्य कारण 

गर्दनीबाग अस्पताल के पीछे सचिवालय हाल्ट व उजाड़ सी स्थिति है। भवन जर्जर होने के कारण चूहों को छिपने की पर्याप्त जगह मिलती है। स्टेशन के प्लेटफार्म व अस्पताल में भर्ती रोगियों के यहां-वहां भोजन फेंकने से चूहों को आश्रय मिल रहा है।

न्यू गार्डिनर रोड के जर्जर भवन व पीछे उजाड़ जगह हाेने से यहां भी बड़े-बड़े चूहे हैं लेकिन सिर्फ ओपीडी सेवा के कारण यहां मरीज इनके शिकार नहीं बन पाते। यही जयप्रभा पीएचसी का भी है। इसके अलावा किराए के भवनों में खुले शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में से अधिकसंख्य में चूहों का आतंक है।

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Business News - May 20, 2025 - 9:22pm
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पटना के नगर आयुक्त ने जिलाधिकारी को लिखा पत्र, सुरक्षा के लिए कराएं पुलिस बल की तैनाती

Dainik Jagran - May 20, 2025 - 9:19pm

जागरण संवाददाता, पटना। नगर आयुक्त अनिमेष कुमार पराशर ने जिलाधिकारी डा. चंद्रशेखर सिंह को पत्र लिखकर मल्टी मोडल हब और सब-वे में सुरक्षा के लिए पुलिस बल की तैनाती कराने का आग्रह किया है। पत्र में कहा है कि बड़ी संख्या में रेल यात्री बस एवं आटो के लिए आ रहे हैं।

सुरक्षा की व्यवस्था आवश्यक है। बता दें कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार मल्टीमोडल हब और भूतिगत सब-वे का लोकार्पण किया था। सब-वे में सिक्यूरिटी गार्ड की तैनाती हो गई है। मल्टी मोडल हब, सब-वे और मल्टी लेबल पार्किंग है। रात्रि में भी सुरक्षा की जरूरत है। नगर आयुक्त अनिमेष कुमार पराशर ने बताया कि पटना जंक्शन के आसपास नई व्यवस्था व नई सुविधाएं हैं। प्रतिदिन व्यवस्था में सुधार हो रहा है। चार-पांच दिनों के अंदर पूर्णरूप से व्यवस्था में सुधार आ जाएगा।

गांधी मैदान से आने वाले आटो को रोक रहे हैं पुलिसकर्मी

प्रशासन की सख्ती के बाद भी गांधी मैदान से पटना जंक्शन के बीच चलने वाले आटो जंक्शन गोलंबर की तरफ बढ़ जा रहे हैं। पुलिस कर्मी जंक्शन गोलंबर के पहले आटो को रोककर चिरैयाटांड की तरफ भेजते रहे। जंक्शन गोलंबर से बुद्ध स्मृति पार्क के आगे तक पुलिस बल की तैनाती कर दी गई थी। इस कारण इस स्थान पर आटो नहीं लगे।

मल्टीमोडल हब का पार्किंग खाली, रैंप बना स्टैंड 

आटो चालकों ने मल्टी मोडल हब के रैंप को स्टैंड बना दिया है। पटना स्मार्ट सिटी लिमिटेड हब के प्रथम तल को आटो स्टैंड के लिए आवंटित कर दिया है। इसके अंदर में खाली रह रहा है। रैंप से एक तरफ से आटो प्रथम तल पर जा रहे हैं और रैंप के रास्ते में तीन लेयर बनाकर नीचले हिस्से तक आटो को खड़ा कर दे रहे हैं। नीचले हिस्से में यात्री मिलने के बाद आटो आगे बढ़ते जाते हैं। आटो चालकों को एक घंटे तक नीचले हिस्से में आने के लिए धीरे-धेरे चलना पड़ता है।

मल्टीमोडल हब में खड़ा होने लगी निजी बसें

मल्टी मोडल हब में निजी बसें खड़ा होकर यात्रियों को लेने लगी है। बुद्ध मार्ग को ये बस स्टैंड बना दिए थे। प्रशासन धीरे-धीरे बुद्धमार्ग से निजी बसों को हटाने की दिशा में कार्य शुरू कर दिया है।

जंक्शन गोलंबर से मल्टीमोडल हब के बीच नहीं लगे आटो

पुलिस प्रशासन की सख्ती के कारण जंक्शन गोलंबर से मल्टीमोडल हब के बीच आटो नहीं लगे। सड़क के किनारे की दुकानों को यातायात पुलिस व्यवस्थित करते नजर आई। मल्टीमोडल हब से जपीओ गोलंबर के बीच जहां-तहों आटो रूककर यात्री उठाते नजर आए। जंक्शन गोलंबर से मल्टीमोडल हब तक के मुख्य सड़क की दोनों तरफ पैदल यात्रियों का रेला लगा रहा है। सब-वे से अधिक लोग मुख्य सडु़क से आते-जाते नजर आए। सब-वे भी यात्रियों से भरा रहा।

यातायात एसपी जंक्शन के आसापास करते रहे भ्रमण

यातायात एसपी मल्टीमोडल हब, पटना जंक्शन के आसपास भ्रमण करते रहे। यातायात पुलिस काफी चौकस नजर आई। इस कारण सड़कों पर सुगम यातायात जारी रहा। यातायात एसपी बिहार राज्य पथ परिवहन निगम के अधिकारियाें से बैठक कर बसों के परिचालन में आ रही परेशालियों से अवगत हुए। उसमें सुधार कराने का आश्वासन दिए।

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बिहार में बाढ़ से बचाव की चौतरफा तैयारी कर रही सरकार, सूचना-सहायता के लिए जारी किया नंबर

Dainik Jagran - May 20, 2025 - 9:01pm

राज्य ब्यूरो, पटना। जल संसाधन विभाग का दावा है कि उसने बाढ़ से बचाव के लिए व्यापक व बहु-स्तरीय तैयारी की है। विभाग के प्रधान सचिव संतोष कुमार मल्ल द्वारा मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के समक्ष उसका प्रस्तुतीकरण दिया गया है। बाढ़ पूर्व कटाव-रोधी कार्य तो हुए ही हैं, तटबंधों की सतत निगरानी की व्यवस्था है। बाढ़ चेतावनी प्रणाली के साथ नेपाल से समन्वय की व्यवस्था है और एक जून से बाढ़ नियंत्रण कोषांग सक्रिय हो जाएगा, जो आठों पहर कार्यरत रहेगा।

1310.09 करोड़ की लागत से कटाव-रोधी कार्य

गंगा, कोसी, गंडक, बूढ़ी गंडक, बागमती, कमला बलान, महानंदा आदि नदी बेसिन में कुल 394 स्थलों पर 1310.09 करोड़ की लागत से कटाव-रोधी कार्य हुए हैं। कुल 3808 किलोमीटर लंबे तटबंध की निगरानी के लिए प्रत्येक किलोमीटर पर एक तटबंध श्रमिक की व्यवस्था हुई है।

श्रमिकों के लिए अस्थायी आवासन

निगरानी एवं चौकसी हेतु पदाधिकारियों एवं श्रमिकों के लिए अस्थायी आवासन, शौचालय एवं पेयजल की व्यवस्था है। तटबंधों के अति-संवेदनशील स्थलों पर तटबंध एंबुलेंस की व्यवस्था रहेगी। बराज से जलस्राव में अप्रत्याशित वृद्धि होने पर संबंधित क्षेत्रीय पदाधिकारियों एवं जिलाधिकारियों पूर्व सूचना दी जाएगी।

वर्षापात का पूर्वानुमान ले होगा कार्य

गणितीय प्रतिमान केंद्र द्वारा बक्सर से कहलगांव तक गंगा पर सात स्थलों सहित विभिन्न नदियों (घाघरा, गंडक, बागमती, अधवारा, कोसी, महानंदा आदि) के कुल 42 स्थलों का 72 घंटे पूर्व का बाढ़ पूर्वानुमान दिया जाएगा। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग और बिहार मौसम सेवा केंद्र से सभी जिलों के लिए अगले पांच दिनों एवं नेपाल प्रभाग का अगले तीन दिनों के लिए वर्षापात का पूर्वानुमान प्राप्त कर इसका उपयोग माडलिंग कार्य में किया जाएगा।

सूचना और सहायता 

बाढ़ नियंत्रण कोषांग के अंतर्गत एक जून से सहायता केंद्र कार्यरत कर लिया जाएगा। इसके अंतर्गत प्रतिदिन 24 घंटे टाल फ्री - नंबर-1800 345 6145, दूरभाष संख्या-0612-2206669, 0612-2215850 और मोबाइल नंबर-7463889706, 7463889707 कार्यरत रहेगा।

बाढ़ संघर्षात्मक बल 

विभाग स्तर पर तकनीकी बल का गठन हुआ है। तटबंधों और नदियों के अन्य आक्राम्य स्थलों की सुरक्षा के निमित क्षेत्रीय अभियंताओं को परामर्श देने हेतु अनुभवी सेवानिवृत्त अभियंताओं की अध्यक्षता में बाढ़ संघर्षात्मक बल की उपस्थिति रहेगी।

नेपाल से समन्वय

उत्तर बिहार के विभिन्न नदी बेसिन में होने वाले वर्षापात के पूर्वानुमान की सूचना नेपाल से ससमय प्राप्त करने की व्यवस्था है। जल संसाधन विभाग के संपर्क पदाधिकारी काठमांडु स्थित संपर्क कार्यालय के द्वारा नेपाल एवं बिहार के बीच महत्वपूर्ण कड़ी का काम करते है।

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United Spirits Q4 results: Johnnie Walker maker reports 75% YoY jump in cons PAT to Rs 421 crore, declares Rs 8/share dividend

Business News - May 20, 2025 - 8:32pm
United Spirits on Tuesday announced its Q4FY25 earnings where the liquor maker reported a net profit growth of 75% to Rs 421 crore versus Rs 241 crore in the year ago period. The revenue from operations was reported at Rs 6,634 crore which was a 2% uptick over Rs 6,511 crore reported in the corresponding period of the previous financial year. The profit after tax (PAT) was up 26% from Rs 335 crore reported by the company in Q3FY25 while the revenue from operations fell 14% over 7,732 crore reported in the October-December quarter of FY25.The company's board of directors have recommended a final dividend of Rs 8 per share for the fiscal year 2024-25, subject to shareholders’ approval.Headquartered in Bengaluru, Diageo India has one of the largest manufacturing footprints in alcobev with 35 facilities across India. The company is known for brands like Johnnie Walker, Black Dog, Black & White, VAT 69, Antiquity, Smirnoff and Signature among other brands.United Spirits reported a Q4FY25 Earnings Before Interest, Taxes, Depreciation and Amortisation (EBITDA) at Rs 460 crore which jumped 38% YoY while rising by 12% for the full financial year at Rs 2,243 crore.Q4FY25 reported net sales value (NSV) stood at Rs 3,031 crore, rising by 9% YoY while FY25's NSV was reported at Rs 12,069 crore, registering a 7% uptick.Meanwhile, Q4FY25 underlying NSV was reported at Rs 3,068 crore, witnessing a 10% growth while for FY25, it was at Rs 12,106 crore, a 7% jump.Commenting on company's earnings CEO & Managing Director Praveen Someshwar said that notwithstanding the challenging demand environment, the company has delivered 13.2% NSV growth for P&A in Q4FY25 and 9.9% P&A growth for FY25, and a leveraged EBITDA growth that takes it to the medium-term guidance."Looking ahead, we remain focused on delivering sustained growth while creating long-term value for all our stakeholders in line with our ambition to be the best performing, most trusted and respected CPG company in India,” he said.Also Read: Hindalco Q4 Results: Cons PAT surges 66% YoY to Rs 5,283 crore; revenue rises 16%
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