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'हमारी जद में है पाक आर्मी का हेड क्वार्टर, बचने के लिए करना होगा ये काम'; सेना के बड़े अधिकारी का दावा

Dainik Jagran - National - May 20, 2025 - 3:06pm

एएनआई, नई दिल्ली। ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तानी सेना की तबाही का मंजर पूरी दुनिया ने देखा। भारतीय सेना ने पाकिस्तान के 11 एअरबेस तबाह कर दिए। इसकी तस्वीरें और वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हुए, जिससे पाकिस्तानी सेना की दुनिया भर में फजीहत हुई। इसी बीच अब खबरें सामने आ रही हैं कि पाकिस्तान अपनी सेना का मुख्यालय रावलपिंडी से किसी दूसरी जगह शिफ्ट करने पर विचार कर रहा है।

भारतीय आर्मी एअर डिफेंस के महानिदेशक लेफ्टिनेंट जनरल सुमेर इवान डी'कुन्हा ने इस पर चुप्पी तोड़ी है। समाचार एजेंसी एएनआई को दिए एक इंटरव्यू में जनरल सुमेर ने कहा कि भारत से बचने के लिए पाकिस्तान को जमीन के अंदर गहरा गड्ढा खोदना होगा।

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पाकिस्तान को दी चेतावनी

एएनआई से बातचीत के दौरान जब जनरल सुमेर से पूछा गया कि पाक सेना अपना मुख्यालय बदलने के बारे में सोच रही है। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए उन्होंने कहा कि, "पूरा पाकिस्तान ही हमारी रेंज में आता है। अगर वो पाकिस्तानी सेना का मुख्यालय रावलपिंडी से खैबर पख्तूनख्वा जैसी जगहों पर ले जाते हैं, तो इसके लिए उन्हें जमीन में गहरा गड्ढा करना होगा।"

जनरल सुमेर के अनुसार,

मैं कहना चाहता हूं कि भारत के पास पाकिस्तान से लड़ने के लिए ऐसे हथियार हैं कि हम उसके किसी भी कोने में प्रहार कर सकते हैं। पूरा पाकिस्तान हमारी रेंज में आता है। हम इतने सक्षम हैं कि अपनी सीमा से ही पाकिस्तान को क्षति पहुंचा सकते हैं। अगर वो रावलपिंडी से अपना मुख्यालय कहीं और ले जाते हैं तो भी उन्हें जमीन में कोई गहरा गड्ढा खोदना होगा।

#WATCH | Delhi: DG Army Air Defence Lt Gen Sumer Ivan D’Cunha says, "India has an adequate arsenal of weapons to take on Pakistan right across its depth. So, from its broadest to its narrowest, wherever it is, the whole of Pakistan is within range... The GHQ (General… pic.twitter.com/U8jFcmIC8Y

— ANI (@ANI) May 19, 2025 पूरे देश को सेना पर गर्व: जनरल सुमेर

जनरल सुमेर ने कहा कि, "हमारा काम देश की संप्रभुता और देश के लोगों की रक्षा करना है। हम अपनी मातृभूमि की रक्षा करने में पूरी तरह सक्षम हैं। पाकिस्तान ने ड्रोन हमलों की मदद से न सिर्फ रिहायशी इलाकों बल्कि हमारे जवानों को भी निशाना बनाया। मगर हमने यह सुनिश्चित किया कि इससे किसी को कोई नुकसान ना हो। इससे न सिर्फ जवानों बल्कि उनके परिवार और पूरे देश को भारतीय सेना पर गर्व हुआ।"

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हैदाराबाद में शख्स ने काट डाली महिला की उंगली, पैसे के लेन-देन से जुड़ा है मामला

Dainik Jagran - National - May 20, 2025 - 2:57pm

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। हैदराबाद से एक बेहद हैरान करने वाला मामला सामने आया है। एक 26 साल के युवक ने पैसे के लेन-देन के चक्कर में एक महिला की उंगली काट ली। पुलिस ने सोमवार को यह जानकारी दी है। घटना 17 मई को हुई और पीड़िता की बेटी की शिकायत के आधार पर आरोपी और उसकी पत्नी के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया। 

मधुरा नगर पुलिस स्टेशन के एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि आरोपी कपल 45 साल की महिला और उसकी बेटी के घर में किराएदार थे, लेकिन अप्रैल में उन्होंने घर खाली कर दिया था। पुलिस ने बताया कि घर के मालिकों को कपल को चिटफंड कारोबार के तहत 30,000 रुपये देने थे।

आरोपी के काटी महिला की उंगली

पुलिस ने बताया कि उन्होंने कपल से कहा कि वे 5,000 रुपये काट लेंगे और बाकी रकम उन्हें दे देंगे, क्योंकि उनके एक परिचित व्यक्ति, जो पहले उनके घर में रह चुका था ने किराया नहीं दिया था। इसके बाद दंपति महिला के घर गए। पुलिस ने बताया कि उनके बीच हाथापाई हुई और इस दौरान आरोपी ने महिला की उंगली काट ली और उसका एक हिस्सा नीचे गिर गया।

महिला को ले जाया गया अस्पताल

पुलिस ने बताया कि महिला को अस्पताल ले जाया गया और इलाज के बाद डॉक्टरों ने बताया कि उंगली का जो हिस्सा काटा गया था, उसे जोड़ा नहीं जा सकता। इसके बाद महिला की बेटी ने दंपति के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई और उनके खिलाफ मामला दर्ज किया गया, जिसके बाद आरोपी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया।

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Waqf कानून पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई जारी, पढ़िए कपिल सिब्बल ने दीं क्या-क्या दलीलें?

Dainik Jagran - National - May 20, 2025 - 2:44pm

माला दीक्षित, नई दिल्ली। वक्फ संशोधन कानून 2025 पर अंतरिम रोक लगाने की मांग पर मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई शुरू हुई। कानून की वैधानिकता को चुनौती देने वाले मुस्लिम पक्ष की ओर से पेश वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने कानून का विरोध करते हुए दलील दी कि 'कहा जा रहा है कि यह कानून वक्फ की सुरक्षा के लिए है , जबकि इसका उद्देश्य वक्फ पर कब्जा करना है। उन्होंने कहा कि कानून इस तरह बनाया गया है कि बिना किसी प्रक्रिया का पालन किये वक्फ संपत्ति छीन ली जाए।'

वक्फ कानून के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में कई याचिकाएं

सिब्बल ने कानून की विभिन्न धाराओं को उल्लेखित कर उनकी वैधानिकता पर सवाल उठाया और वक्फ संशोधन कानून 2025 को अनुच्छेद 25 और 25 में मिले धार्मिक स्वतंत्रता और धार्मिक संपत्तियों के प्रबंधन के मौलिक अधिकार का उल्लंघन बताया। सिब्बल की दलीलें भोजनावकाश के बाद भी जारी रहेंगी।

सुप्रीम कोर्ट में बहुत सी याचिकाएं लंबित हैं जिनमें वक्फ संशोधन कानून 2025 की वैधानिकता को चुनौती दी गई है। मामले में प्रधान न्यायाधीश बीआर गवई और न्यायमूर्ति एजी मसीह की पीठ सुनवाई कर रही है।

वक्फ संशोधन कानून 2025 को चुनौती देने वाली याचिकाओं में कानून पर अंतरिम रोक लगाने की भी मांग की गई है जबकि दूसरी ओर केंद्र सरकार ने कोर्ट में दाखिल किए गए जवाब में कानून को सही ठहराते हुए अंतरिम रोक का विरोध किया है।

सिब्बल ने की कानून पर अंतरिम रोक की मांग

वक्फ संशोधन कानून को चुनौती देने वाली याचिकाओं के अलावा शीर्ष अदालत में दो और याचिकाएं सुनवाई पर लगी हैं जिनमें मूल वक्फ कानून को चुनौती दी गई है और मूल वक्फ कानून 1995 व 2013 को गैर मुस्लिमों के प्रति भेदभाव वाला बताते हुए रद करने की मांग की गई है। हरिशंकर जैन और पारुल खेड़ा की इन याचिकाओं पर भी कोर्ट नोटिस जारी कर चुका है लेकिन अभी तक केंद्र ने इनका जवाब दाखिल नहीं किया है।

वक्फ संशोधन कानून 2025 की संवैधानिकता को चुनौती देने वाली याचिकाओं में संशोधित कानून को मुसलमानों के धार्मिक स्वतंत्रता के अधिकार का उल्लंघन बताते हुए रद करने की मांग की गई है। वैसे तो कोर्ट में दो दर्जन याचिकाएं दाखिल हुईं थी लेकिन पिछली सुनवाई 17 अप्रैल को कोर्ट ने मामले में केंद्र सरकार व अन्य को नोटिस जारी करते वक्त ही साफ कर दिया था कि वह सिर्फ पांच मुख्य याचिकाओं पर ही विचार करेगा। उन पांच याचिकाओं में एआइएमआइएम के प्रमुख असदुद्दीन ओबैसी व जमीयत उलमा ए हिन्द की याचिका शामिल हैं।

पिछली सुनवाई पर कोर्ट ने अंतरिम आदेश के मुद्दे पर केंद्र की ओर दिये गए आश्वासन को आदेश में दर्ज किया था। केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को भरोसा दिलाया था कि कोर्ट के अगले आदेश तक केंद्रीय वक्फ परिषद और राज्य वक्फ बोर्डों में गैर मुस्लिम सदस्यों की नियुक्ति नहीं की जाएगी।

इसके अलावा केंद्र ने यह भी कहा था कि अधिसूचित या पंजीकृत वक्फ जिनमें वक्फ बाई यूजर (उपयोग के आधार पर वक्फ) भी शामिल हैं, उन्हें गैर अधिसूचित नहीं किया जाएगा और न ही उनकी प्रकृति में बदलाव किया जाएगा।

कोर्ट ने उसी दिन आदेश में कह दिया था कि अगली तारीख पर होने वाली सुनवाई प्रारंभिक सुनवाई होगी और अगर जरूरत हुई तो अंतरिम आदेश भी दिया जाएगा। उसी आदेश के मद्देनजर मंगलवार को कोर्ट में वक्फ संशोधन कानून पर अंतरिम रोक लगाने की मांग पर सुनवाई शुरू हुई।

मंगलवार को अंतरिम आदेश के मुद्दे पर पहले याचिकाकर्ताओं की ओर से वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने पक्ष रखना शुरू किया। हालांकि इससे पहले केंद्र सरकार की ओर से पेश सालिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कोर्ट से कहा कि कोर्ट ने अंतरिम आदेश के पहलू पर तीन मुद्दे तय किये थे और उन्हीं तीन मुद्दों पर केंद्र सरकार ने अपना जवाब दाखिल किया है।

आज सुनवाई के दौरान सिब्बल ने क्या दी दलीलें

कोर्ट को उन्हीं तीन मुद्दों तक सुनवाई सीमित रखनी चाहिए। लेकिन कपिल सिब्बल ने मेहता की दलीलों का विरोध करते हुए कहा कि कोर्ट ने मामले पर बहस को सिर्फ तीन मुद्दों तक सीमित रखने का काई आदेश नहीं दिया था। बहस कानून के सभी मुद्दों पर होगी।

दूसरे याचिकाकर्ताओं की ओर से पेश वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने भी कहा कि सुनवाई टुकड़ों में नहीं हो सकती। इसके बाद सिब्बल ने बहस शुरू की और अपनी दलीलें रखीं। कोर्ट ने भी सुनवाई के दौरान उनका पक्ष स्पष्ट समझने के लिए कई सवाल पूछे जैसे कि क्या पहले के वक्फ कानून में वक्फ पंजीकृत कराना जरूरी था या स्वैच्छिक था। और क्या पंजीकृत न कराने का कोई परिणाम भी तय था।

सिब्बल ने कहा कि कानून में वक्फ पंजीकृत कराने की बात थी और मुतवल्ली की जिम्मेदारी थी वक्फ पंजीकृत कराएं और पंजीकरण न कराने पर मुतवल्ली पर कार्रवाई होने की बात थी लेकिन उस कानून में वक्फ समाप्त हो जाने जैसी कोई बात नहीं थी। सिब्बल की दलीलें भोजनावकाश के बाद भी जारी रहेंगी।

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