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Equities seen outperforming in FY26 with 12–15% returns: Check key triggers, risks & strategy

Business News - May 20, 2025 - 8:19pm
Equities are expected to outperform other asset classes in FY26 notwithstanding global trade tensions, US tariffs and geopolitical uncertainties, with Nifty delivering 12%-15% returns. The rise will be anchored by strong domestic demand and a healthy 6.2–6.5% GDP growth, say experts.Shailesh Saraf, smallcase manager & founder at Value Stocks, sees improvement in market sentiments with foreign institutional investors (FIIs) getting back to their ways. "The market sentiment has improved, reflected in FII net inflows of Rs 16,757 crore in FY26 so far, alongside an 8% return from the Nifty 50 and a 10% gain in the Smallcap 100 index," he said. Robin Arya, another smallcase Manager and Founder of GoalFi, lists stable government and potential earnings rebound as key triggers for domestic stock markets while taking a cautiously optimistic outlook for FY26. "We believe this year will be of consolidation with earnings improvement in companies and theme-based investing will be prevalent,” Arya said.While earnings season is at its final leg, Lotusdew Co-Founder Prachi Deuskar claims that India's domestic demand recovery gained momentum in Q4FY25, driven by strong rural consumption, favourable crop yields, and supportive government initiatives. According to her, corporate margins improved, aided by declining input costs in metals, energy, and chemicals, as well as a sharper focus on operational efficiency.As on May 18, 2025, a total of 878 companies have reported their earnings as of with a 10% YoY growth in Q4FY25, Saraf informed. "In FY25, the index has risen by 6% YoY growth, significantly lower than the 35.1% growth recorded in FY24," he added.Triggers that may lead the bullsArya expects corporate earnings to continue to show resilience particularly in the banking, auto, and infrastructure sectors.Inflation remains largely under control with the macroeconomic environment remaining stable.Hurdles that could slow bullsTrade policies pose challenges to the domestic economy, says a smallcase press release, adding that US tariff risks (26%), could affect 12–15% of India's $450B exports. A weak INR has raised import costs, and urban consumption is showing signs of a broad-based slowdown.Also Read: Moody’s US downgrade, a fresh jolt for IT stocks after stellar 30% rally – buy or avoid?What to do?For investors with a longer horizon and a stronger risk appetite, increasing allocation to high-quality smallcaps can pay off as markets continue to climb, Deuskar recommends.(Disclaimer: Recommendations, suggestions, views and opinions given by the experts are their own. These do not represent the views of Economic Times)
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बिहार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने की घोषणा, 26 से अभियान चला पंचायतों में बनेगा आयुष्मान कार्ड

Dainik Jagran - May 20, 2025 - 8:03pm

जागरण संवाददाता, पटना। स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का स्वप्न है कि हर गरीब तक उच्च गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएं पहुंचें। इसके लिए 23 सितंबर 2018 में आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना शुरू की गई। उस समय प्रदेश के 1.21 करोड़ परिवारों के 5.5 करोड़ लोग लाभार्थी थे।

मुख्यमंत्री नीतीश से इसका दायरा बढ़ाने का आग्रह

इसकी उपयोगिता को देखते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से इसका दायरा बढ़ाने का आग्रह किया। उनके मार्गदर्शन में गरीबों-वंचितों तक इसका लाभ पहुंचाने के लिए हर राशन कार्डधारी के लिए मुख्यमंत्री जन आरोग्य योजना शुरू की गई। इसके बाद लाभार्थी परिवारों की संख्या 1.79 करोड़ व लाभुकों की संख्या 8.50 करोड़ से अधिक हो गई।

प्रदेश में 3.75 करोड़ के पास आयुष्मान कार्ड

यह कुल आबादी का करीब 62 प्रतिशत है। अब तक प्रदेश में 3.75 करोड़ लोगों के आयुष्मान कार्ड बन चुके हैं। इसके अलावा 70 वर्ष से अधिक उम्र के सभी आयवर्ग के लोगों को पांच लाख तक के निशुल्क उपचार सुविधा को वय वंदना आयुष्मान योजना शुरू की गई। इसके तहत 2 लाख 32 हजार आयुष्मान कार्ड बन चुके हैं। सरकार सभी लाभार्थियों का आयुष्मान कार्ड बनाने के लिए 26, 27 व 28 मई को पंचायत स्तर पर विशेष अभियान चलाने जा रही है। मुख्य सचिव ने इसके लिए सभी जिलाधिकारियों से लेकर बीडीओ तक को इसे सफल बनाने के निर्देश दिए हैं।

स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने मंगलवार को बिहार स्वास्थ्य सुरक्षा समिति द्वारा आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना एवं मुख्यमंत्री जन आरोग्य योजना में नव सूचीबद्ध 68 निजी अस्पतालों की उन्मुखीकरण कार्यशाला में ये बातें कहीं।

कोई खुशी से अस्पताल नहीं आता...

स्वास्थ्य विभाग के सचिव मनोज कुमार सिंह ने कहा कि इस यूनिवर्सल हेल्थ स्कीम से निजी अस्पतालों का बिजनेस तो बढ़ता है पर उन्हें लाभार्थी का ध्यान रखना चाहिए। कोई खुशी से अस्पताल नहीं आता है। ऐसे में गरीब-वंचितों की इस योजना में धोखाधड़ी नहीं की जानी चाहिए। इसकी जरूरत भी नहीं है क्योंकि हर उपचार के लिए पैकेज तय है और कोई भी आखिर में कुछ भी अपने साथ लेकर नहीं जाता।

बिहार स्वास्थ्य सुरक्षा समिति के मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी शशांक शेखर सिन्हा ने आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री-मुख्यमंत्री जन आरोग्य योजना के माध्यम से सभी लाभार्थियों को निशुल्क, सुलभ व गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने के महत्व को दोहराया।

कई अधिकारी रहे मौजूद

मौके पर राज्य स्वास्थ्य समिति के कार्यपालक निदेशक सुहर्ष भगत, अपर सचिव डा. आदित्य प्रकाश, स्वास्थ्य मंत्री के आप्त सचिव अमिताभ सिंह, राज्य स्वास्थ्य समिति के प्रशासनिक पदाधिकारी राजेश कुमार, स्वास्थ्य सुरक्षा समिति के प्रशासी पदाधिकारी शैलेश चंद्र दिवाकर, डायरेक्टर आपरेशन आलोक रंजन, रीतेश मिश्रा, आइजीआइएमएस के निदेशक प्रो. डा. बिंदे कुमार, आइजीआइसी के निदेशक डा. सुनील कुमार, डा. अमिताभ आदि मौजूद थे।

जल्द देश में दूसरे नंबर पर होंगे कार्ड बनाने में 

स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि आयुष्मान योजना में अब तक प्रदेश के 587 निजी व 586 सरकारी समेत कुल 1173 अस्पताल सूचीबद्ध हो चुके हैं। छह वर्षों में योजना के तहत 20.5 लाख लोगों का इलाज हुआ, जिस पर 2670 करोड़ रुपये खर्च हुए। वित्तीय वर्ष 2024-25 में ही 1000 करोड़ रुपये गरीबों के उपचार में खर्च किए गए। अब तक 3.75 करोड़ आयुष्मान कार्ड बन चुके हैं, जिसमें से 2.8 करोड़ कार्ड गत 14 माह में बने।

बिहार आयुष्मान कार्ड बनाने में देश में तीसरे स्थान पर

बिहार आयुष्मान कार्ड बनाने में देश में तीसरे स्थान पर है। अत्यधिक जनसंख्या के कारण उत्तर प्रदेश नंबर वन रहेगा लेकिन बहुत जल्द हम दूसरा नंबर हासिल कर लेंगे। उन्होंने नए सूचीबद्ध 68 अस्पतालों से अपील की कि वे योजना के हर पहलू को समझें और अपने अस्पतालों में उन्मुखीकरण सत्र आयोजित कर स्टाफ को भी इसकी बारीकियां समझाएं।

70 वर्ष के कुल 2.33 लाख लाभुकों का आयुष्मान वय वंदना कार्ड

निशुल्क उपचार की बात कर उन्हें हीन नहीं दिखाएं, उनकी सेवा कर खुद को उपकृत समझें। अबतक 70 वर्ष से अधिक उम्र के कुल 2.33 लाख लाभुकों का आयुष्मान वय वंदना कार्ड बन चुका है। देश में 29 हजार अस्पताल सूचीबद्ध हैं जहां आयुष्मान कार्ड पर मुफ्त इलाज होता है।

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Patna Mock Drill: एके-47 लेकर पीएंडएम मॉल में घुसे आतंकियों ने पटके दो बम, एटीएस ने मार गिराया

Dainik Jagran - May 20, 2025 - 8:01pm

जागरण संवाददाता, पटना। दिन-मंगलवार। दोपहर के करीब 12 बजे होंगे। पीएंडएम मॉल में अचानक दो धमाके हुए और हड़कंप मच गया। मॉलूम हुआ कि चार की संख्या में आतंकी एके-47 और एके-56 लेकर मॉल में दाखिल हो गए और उन्होंने तीसरी मंजिल पर रहे पांच लोगों को बंधक बना लिया।

चंद मिनटों में एटीएस की स्वॉट के जवान आधुनिक हथियारों से लैस होकर पहुंचे। स्वान दस्ता और बम निरोधी दस्ता की टीमें भी थीं। चार घंटे तक अफरातफरी मची रही। जवानों ने सभी आतंकियों को मार गिराया, तब पता चला कि मॉकड्रिल थी।

देशभर में की जा रही मॉकड्रिल

दरअसल, देशभर में आतंकी हमलों से बचाव और सुरक्षा को लेकर धार्मिक स्थानों और व्यवसायिक प्रतिष्ठानों में मॉकड्रिल की जा रही है। इसी कड़ी में मंगलवार को पाटलिपुत्र-कुर्जी रोड स्थित पीएंडएम मॉल का चयन किया गया था। इसमें मॉकड्रिल के साथ सुरक्षाकर्मियों को आपदा की स्थिति से निपटने की जानकारी दी गई।

एटीएस ने वहां की सुरक्षा व्यवस्था की भी जांच की। मॉकड्रिल के तहत एटीएस के जवान आतंकी के वेश में एके-47, एके-56 और हैंडग्रेनेड लेकर पीएंडएम में घुसे थे।

आतंकियों ने दुकानदार समेत ग्राहकों को बनाया बंधक

उन्होंने अंदर जाते ही बम पटका और एक्सक्लेटर से ऊपर गए, जहां तीसरी मंजिल पर स्थित फूड कोर्ट में दुकानदार और ग्राहक समेत पांच लोगों को बंधक बना लिया। वहां मौजूद लोग खाना छोड़ कर भागने लगे। मॉल का अलार्म बजते ही आधे घंटे के भीतर पूरे परिसर को खाली करा दिया गया था।

एटीएस के जवान कुर्जी मोड़ से पैदल मार्च करते हुए मॉल में पहुंचे थे। वे पीछे के रास्ते से मॉल में दाखिल हुए। जवानों को देख कर आतंकी एक्सलेटर से नीचे उतरने लगे। एटीएस की टीम बुलेटप्रूफ जैकेट से लैस थी। जवानों ने पोजिशन लिया और दोनों ओर से फायरिंग शुरू हुई। इसके बाद आतंकियों को ढेर कर दिया गया।

जवानों ने बंधक बने लोगों को भी छुड़ा लिया। वहां पहुंचे ग्राहकों को माकड्रिल की जानकारी नहीं थी। लिहाजा, वे सामान छोड़कर भागने लगे। कुछ बच्चे और महिलाएं रोने लगे थे, जिन्हें तुरंत बता दिया गया कि यह मॉकड्रिल है।

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बिहार के खजाने पर पहला अधिकार किसका? कई मंत्रियों की मौजूदगी में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने खुद बताया

Dainik Jagran - May 20, 2025 - 7:43pm

राज्य ब्यूरो, पटना। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मंगलवार को सचिवालय स्थित सभाकक्ष में संभावित बाढ़ एवं सुखाड़ के पूर्व की तैयारियों की समीक्षा की। इस क्रम में उन्होंने अधिकारियों को यह निर्देश दिया कि इस माह के अंत तक बाढ़ एवं सुखाड़ की तैयारियों को पूरा कर लिया जाए।

राज्य के खजाने पर पहला अधिकार आपदा पीड़ितों

जिलाधिकारी तथा विभागीय पदाधिकारी क्षेत्र में जाकर स्थिति का आकलन करें। लोगों से बात कर समस्याओं का समाधान करें। मुख्यमंत्री ने पुन: यह दाेहराया कि राज्य के खजाने पर पहला अधिकार आपदा पीड़ितों का है। सभी संबद्ध विभाग और अधिकारी सतर्क रहें।

क्षतिग्रस्त सड़कों की मरम्मत समय पर की जाए

मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी क्षतिग्रस्त सड़कों की मरम्मत समय पर की जाए। उन्होंने कहा कि नदी के तटबंधों की सुरक्षा की पूरी तैयारी रखें ताकि कहीं भी तटबंध टूटने की घटना नहीं हो। बाढ़ की स्थिति मे लोगों के ईलाज के लिए आवश्यक व्यवस्था की जाए। पीने के पानी की पर्याप्त व्यवस्था होनी चाहिए।

किसानों की सहायता के लिए पूरी तैयारी करें

बाढ़ एवं सुखाड़ में फसल क्षति की स्थिति में किसानों की सहायता के लिए पूरी तैयारी कर ली जाए। आपदा प्रबंधन विभाग लगातार तैयारियाें की मानीटरिंग करे ताकि लोगों को किसी तरह की समस्या नहीं हो।

2007 में बाढ़ से 2.5 करोड़ लोग हुए थे प्रभावित

मुख्यमंत्री ने कहा कि नवंबर 2005 में हमलोगों की सरकार बनने के बाद आपदा प्रबंधन के तहत आपदा पीड़िताें को शीघ्र सहायता उपलब्ध कराने के लिए गंभीरता से काम किया गया। वर्ष 2007 में जो बाढ़ आयी थी उसमें 22 जिलों के लगभग 2.5 करोड़ लोग प्रभावित हुए थे।

2008 में कोसी त्रासदी में 34 लाख हुए परेशान

प्रभावित लोगाें के बीच तब बड़े पैमाने पर राहत कार्य चलाया गया। वर्ष 2008 में कोसी त्रासदी के दौरान पांच जिले में 34 लाख लोग प्रभावित हुए थे। इन्हें राहत पहुंचाने का काम बड़े स्तर पर किया गया। साथ ही विश्व बैंक से कर्ज लेकर राहत एवं पुनर्वास का काम किया गया। बाढ़ एवं अन्य आपदाओं में मरने वाले व्यक्तियों के आश्रितों को चार लाख रुपए का अनुदान देने की व्यवस्था की गयी।

वर्षापात पूर्वानुमान के संबंध में ली जानकारी 

मुख्यमंत्री की बैठक में विकास आयुक्त सह आपदा प्रबंधन विभाग के अपर मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत ने बिहार मौसम सेवा केंद्र द्वारा वर्ष 2025 के लिए वर्षापात पूर्वानुमान के संबंध में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि इस वर्ष जून में सामान्य से कम वर्षापात होगी।

जुलाई, अगस्त एवं सितंबर में सामान्य वर्षापात

जुलाई, अगस्त एवं सितंबर में सामान्य वर्षापात की संभावना है। विकास आयुक्त ने बताया कि मानक संचालन प्रक्रिया के अनुसार संभावित बाढ़ एवं सुखाड़ पूर्व की सभी आवश्यक तैयारी चल रही है। जल संसाधन विभाग के प्रधान सचिव संतोष कुमार मल्ल ने भी अपने विभाग के स्तर पर की गयी तैयारियों का ब्योरा दिया।

बैठक मेंं मौजूद रहे कई मंत्री

उप मुख्यमंत्री सम्राट चौधरी, विजय कुमार सिन्हा, जल संसाधन मंत्री विजय चौधरी, ऊर्जा मंत्री बिजेंद्र प्रसाद यादव, स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय, पशु एवं मत्स्य संसाधन मंत्री रेणु देवी, पथ निर्माण मंत्री नितिन नवीन, लघु जल संसाधन मंत्री संतोष कुमार सुमन, आपदा प्रबंधन मंत्री विजय कुमार मंडल, बिहार राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के उपाध्यक्ष डा. उदय कांत, मुख्ममंत्री के प्रधान सचिव दीपक कुमार व मुख्य सचिव अमृतलाल मीणा तथा कई विभागों के अपर मुख्य सचिव व प्रधान सचिव इस मौके पर मौजूद थे। सभी जिलों के डीएम व एसपी बैठक में वीडियो कांफ्रेंसिंग से जुड़े थे।

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Bihar Politics: 'गिरिराज सिंह सबसे बड़े पाकिस्तान-परस्त', गुस्से-गुस्से में ये क्या बोल गए राजद सांसद

Dainik Jagran - May 20, 2025 - 7:22pm

राज्य ब्यूरो, पटना। भारतीय सैनिकों और आतंक के विरुद्ध सैन्य कार्रवाई की भूरि-भूरि प्रशंसा करते हुए मंगलवार को राजद के राष्ट्रीय मुख्य प्रवक्ता मनोज झा सेना के साथ अर्द्धसैनिक बलों के हित मेंं मुखर रहे। केंद्र सरकार से उन्होंने मांग की कि बलिदान होने पर अर्द्धसैनिक बल के जवानों के लिए भी सैनिकों की तरह बलिदानी का दर्जा और सुविधाएं दी जाएं। इ

सके लिए तेजस्वी यादव ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को पत्र भी लिखा है। सामूहिक सोच को महत्व दिए जाने की आकांक्षा के साथ उन्होंने बयानों के आधार पर केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह को सबसे बड़ा पाकिस्तान-परस्त बताया।

उन्होंने कहा कि पाकिस्तान वस्तुत: एकांगी सोच है। ऐसी सोच वाला व्यक्ति पाकिस्तान-परस्त ही कहा जाएगा। गिरिराज की सोच भी एकांगी है।

'अर्द्धसैनिक बल के शहीदों को बैटल कैजुअल्टी माना जाए'

झा ने कहा कि तेजस्वी के पत्र का एक महत्वपूर्ण पक्ष भी है। युद्धजनित कारणों से कई बार कालांतर में मृत्यु होती है। उसको भी बलिदान माना जाए।

झा ने यह भी कहा कि अर्द्धसैनिक बल के शहीदों को भी बैटल कैजुअल्टी घोषित किया जाए। जिससे उन्हें और उनके परिवार को समान लाभ एवं मुआवजा मिल सके। नेशनल वॉर मेमोरियल में भी अर्द्धसैनिक बलों के बलिदानियों के नाम दर्ज किए जाएं।

प्रेस-वार्ता में अजय कुमार सिंह, जयंत जिज्ञासु, अरुण कुमार यादव, प्रमोद कुमार सिन्हा और सारिका पासवान आदि की उपस्थिति रही।

'बिहार में चूहे डायनासोर हो गए'

एनएमसीएच में मरीज के पैरों की अंगुलियां चूहोंं ने कुतर दी। इस पर झा ने कहा कि बिहार में चूहे डायनासोर हो गए हैं, क्योंकि सरकार नामक कोई व्यवस्था नहीं। राज्य में भ्रष्टाचार के चरम पर पहुंचने का आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा कि महागठबंधन की सरकार बनी तो पाई-पाई का हिसाब लिया जाएगा।

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Bihar Politics: 'अमंगलकारी स्वास्थ्य मंत्री हैं मंगल पांडेय', तेजस्वी बोले- पूरी व्यवस्था को कर दिया बदहाल

Dainik Jagran - May 20, 2025 - 7:02pm

राज्य ब्यूरो, पटना। पटना स्थित नालंदा मेडिकल कॉलेज और अस्पताल (एनएमसीएच) में भर्ती दिव्यांग मरीज के एक पैर की सभी अंगुलियों को चूहों ने कुतर दिया।

गैंगरीन के कारण मरीज का एक पैर पहले की काट दिया गया था और दूसरा पैर संवेदन-शून्य हो गया था। ऐसे में मरीज के सोते समय चूहों की बन आई।

विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव इस पूरे प्रकरण को व्यवस्था के विफल होने का प्रमाण बता रहे। मंगलवार को बयान जारी कर तेजस्वी ने कहा कि एनएमसीएच में ही पिछले महीनों एक मृतक की आंख को चूहों ने कुतर दिया था, लेकिन किसी पर अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई।

तेजस्वी यादव ने कहा कि अंदरखाने आरएसएस-भाजपा के मुख्यमंत्री प्रत्याशी बनकर इतराते हुए घूम रहे अमंगलकारी स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने हमारे द्वारा 17 महीने के कार्यकाल में दिन-रात मेहनत कर सुधारी-संवारी गई स्वास्थ्य व्यवस्था को फिर से बदहाल कर दिया है।

अब स्वास्थ्य विभाग फिर से दुर्गति के पथ पर है। जो विभाग अपने अस्पतालों में साफ-सफाई और सुरक्षा तक की व्यवस्था नहीं कर पाता, जहां अच्छा-भला आदमी बीमार हो जाए, वह मरीजों की क्या चिकित्सा करेगा? मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को प्रेजेंटेशन दिखा बता दिया जाएगा कि मरीज की अंगुलियां चूहे ने नहीं, बल्कि करोड़ों की अत्याधुनिक रोबोटिक मशीन द्वारा उसके ऑपरेशन के जरिए कुतरी गई हैं।

फिर मुख्यमंत्री बोलेंगे कि 2005 से पहले ई सब होता था जी! उल्लेखनीय है कि उप मुख्यमंत्री रहते तेजस्वी के पास जिन प्रमुख विभागों का दायित्व था, उनमें एक स्वास्थ्य विभाग भी था।

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सीएम नीतीश कुमार की सौगात, 1002 करोड़ रुपए की 1327 योजनाओं का किया शिलान्यास

Dainik Jagran - May 20, 2025 - 6:45pm

डिजिटल टीम, पटना। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मंगलवार को बिहार शहरी आधारभूत संरचना विकास निगम लिमिटेड द्वारा कार्यान्वित मुख्यमंत्री समग्र शहरी विकास योजना के अंतर्गत 1002 करोड़ रुपए की लागत की 1327 योजनाओं का रिमोट के माध्यम से शिलान्यास किया। इस अवसर पर पटना के गांधी मैदान स्थित इंटीग्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर में आयोजित कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री ने पटना स्मार्ट सिटी परियोजना अंतर्गत ड्रेनेज पंपिंग स्टेशन के एकीकरण एवं स्वचालन योजना का भी बटन दबाकर उद्घाटन किया। इस एकीकरण योजना के प्रारंभ होने से पटना शहर अंतर्गत जलनिकासी हेतु बने ड्रेनेज पम्पिंग स्टेशनों की निगरानी कंट्रोल रूम से की जा सकेगी।

कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री के समक्ष नगर विकास एवं आवास विभाग द्वारा तैयार की गई लघु फिल्म प्रदर्शित की गई। मुख्यमंत्री ने विकास योजनाओं पर आधारित मुख्यमंत्री समग्र शहरी विकास योजना के विवरणिका का विमोचन किया।

कार्यक्रम में नगर विकास एवं आवास विभाग के सचिव अभय कुमार सिंह ने मुख्यमंत्री को पुष्प गुच्छ भेंटकर स्वागत किया। कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री को नगर विकास एवं आवास विभाग के सचिव अभय कुमार सिंह तथा पटना नगर निगम के आयुक्त अनिमेष पराशर ने योजनाओं के संबंध में विस्तृत जानकारी दी।

नगर विकास एवं आवास विभाग, बिहार सरकार द्वारा शहरी क्षेत्रों में विकास को तीव्रता प्रदान करने हेतु जुलाई, 2024 में मुख्यमंत्री समग्र शहरी विकास योजना कार्यान्वित की गयी है। इसके अंतर्गत राज्य के शहरी क्षेत्रों में आधारभूत संरचनाओं का विकास यथा जलनिकासी की व्यवस्था, सड़कों का निर्माण एवं जीर्णोद्धार, पार्कों का निर्माण, तालाबों/ घाटों का निर्माण एवं सौन्दर्गीकरण जैसी योजनाएं शामिल हैं। योजनाओं की प्राथमिकता के निर्धारण हेतु संबंधित जिला के प्रभारी मंत्री की अध्यक्षता में जिलास्तरीय संचालन समिति का गठन किया गया है। चयनित योजनाओं के कार्यान्वयन हेतु बुडको को कार्य एजेंसी बनाया गया है।

2024-25 में कुल 400 करोड़ रुपये की राशि सभी जिलों को नगर निकायों की जनसंख्या के आधार पर आवंटित किया जा चुका है। राज्य के सभी 38 जिलों में कुल 1 हजार 327 योजनाओं का चयन किया गया है जिसकी प्राक्कलित राशि लगभग 1002 करोड़ रूपये है। इसके अंतर्गत अब तक उत्तर बिहार के लिए कुल 624 योजनाओं की प्रशासनिक स्वीकृति प्रदान कर दी गयी है जिनमें सड़क निर्माण हेतु 211, नाला निर्माण हेतु 97, सड़क-सह-नाला निर्माण हेतु 215, पार्क निर्माण हेतु 8, स्ट्रीट लाईट हेतु 56 एवं अन्य 37 योजनाएं शामिल हैं। इसी प्रकार दक्षिण बिहार के लिए कुल 703 योजनाओं की प्रशासनिक स्वीकृति प्रदान कर दी गयी हैं जिनमें सड़क निर्माण हेतु 199, नाला निर्माण हेतु 84, सड़क-सह-नाला निर्माण हेतु 317, पार्क निर्माण हेतु 10, स्ट्रीट लाईट हेतु 26 एवं अन्य 67 योजनाएँ शामिल हैं।

इस अवसर पर उप मुख्यमंत्री सम्राट चौधरी, उप मुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा, जल संसाधन सह संसदीय कार्य मंत्री विजय कुमार चौधरी, नगर विकास एवं आवास मंत्री जिवेश कुमार, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव दीपक कुमार, मुख्य सचिव अमृतलाल मीणा, विकास आयुक्त प्रत्यय अमृत, मुख्यमंत्री के सचिव कुमार रवि, पटना प्रमंडल के आयुक्त मयंक बरबड़े, जिलाधिकारी डॉ चन्द्रशेखर सिंह, वरीय पुलिस अधीक्षक अवकाश कुमार सहित नगर विकास विभाग के अन्य वरीय पदाधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित थे, जबकि वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से विभिन्न जिलों के प्रभारी मंत्री एवं जिलाधिकारी जुड़े हुये थे।

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BPSC Bharti 2025: बिहार में 7279 विशेष शिक्षकों की होगी नियुक्ति, आयु सीमा में 10 वर्ष की छूट

Dainik Jagran - May 20, 2025 - 6:37pm

राज्य ब्यूरो, पटना। राज्य के सरकारी प्रारंभिक विद्यालयों में 7,279 विशेष शिक्षकों की नियुक्ति (Bihar Teacher Bharti 2025) होगी। इनमें पहली से पांचवीं कक्षा के 5,534 तथा छठी से आठवीं के 1,745 शिक्षक नियुक्त किए जाएंगे।

इच्छुक अर्हत्ताधारी अभ्यर्थियों को प्रथम समव्यवहार में अधिकतम आयु सीमा में 10 वर्षों की छूट देय होगी। विशेष शिक्षकों की नियुक्ति बिहार लोक सेवा आयोग के माध्यम से होगी।

प्राथमिक शिक्षा निदेशक ने बीपीएससी को भेजा लेटर

इस संबंध प्राथमिक शिक्षा निदेशक साहिला ने बिहार लोक सेवा आयोग (BPSC) के सचिव को पत्र भेजा है। यह पत्र आयोग द्वारा मांगी गयी जानकारी के आलोक में भेजा गया है।

अधिकतम आयु सीमा में 10 वर्षों की छूट

पत्र में कहा गया है कि प्रारंभिक शिक्षा अंतर्गत विशेष विद्यालय अध्यापक की नियुक्ति का यह प्रथम समव्यवहार है। प्रथम समव्यवहार में पहली से पांचवीं एवं छठी से आठवीं कक्षा के विशेष शिक्षकों की नियुक्ति में इच्छुक अर्हताधारियों को अधिकतम आयु सीमा में 10 वर्षों की छूट देय होगी।

नियुक्ति के लिए मान्यता

पत्र में बिहार लोक सेवा आयोग से संबंधित शिक्षकों के पदों पर नियुक्ति की कार्रवाई करने को कहा गया है। पत्र के मुताबिक, विशेष शिक्षकों की नियुक्ति में बिहार विशेष विद्यालय अध्यापक पात्रता परीक्षा-2023 ही मान्य होगी।

अभ्यर्थियों को नियुक्ति हेतु आवेदन करते समय भारतीय पुनर्वास परिषद द्वारा प्रदत्त वैध सीआरआर नंबर एवं एतद संबंधी प्रमाण संलग्न करना अनिवार्य होगा।

विशेष विद्यालय अध्यापक भर्ती परीक्षा में इच्छुक पात्र अभ्यर्थी दिव्यांगता की नौ श्रेणी में से एक से अधिक दिव्यांगता की श्रेणी में विशेष विद्यालय अध्यापक पद के लिए आवेदन कर सकते हैं।

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