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ट्रंप के इरादों पर अमेरिकी कोर्ट ने फेरा पानी, द्विपक्षीय व्यापार समझौते में भारत को मिलेगा फायदा

Dainik Jagran - National - May 29, 2025 - 11:30pm

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। अमेरिका की अंतरराष्ट्रीय व्यापार अदालत ने दुनिया के तमाम देशों पर पारस्परिक टैरिफ लगाने के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के आदेश पर रोक लगा दी है। अदालत का यह फैसला भारत के लिए राहत माना जा रहा है।

भारत अब बिना किसी दबाव के अमेरिका के साथ व्यापार समझौता वार्ता कर सकेगा। दूसरा, ट्रंप सरकार स्मार्टफोन बनाने वाली एपल जैसी कंपनियों को भी भारत छोड़ने की धमकी नहीं दे सकेगी। फेडरेशन ऑफ इंडियन एक्सपोर्ट आर्गेनाइजेशंस (फियो) के सीईओ एवं महानिदेशक अजय सहाय ने बताया कि इस फैसले से अभी भारत से होने वाले निर्यात को कोई लाभ नहीं मिलने जा रहा है। पहले की तरह 10 प्रतिशत का शुल्क जारी रहेगा।

सुप्रीम कोर्ट पहुंची ट्रंप सरकार

ट्रंप सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में इस फैसले को चुनौती दी है और ट्रंप की पूरी कोशिश सुप्रीम कोर्ट के फैसले को अपने पक्ष में करने की होगी। जानकारों का कहना है कि अगर सुप्रीम कोर्ट भी पारस्परिक शुल्क के फैसले को अवैध ठहराता है तो पारस्परिक शुल्क से पूर्व की व्यवस्था लागू हो जाएगी।

ऐसे में चीन को भी बड़ी राहत मिल जाएगी, जो भारत के लिए चुनौतीपूर्ण हो सकता है। अभी चीन पर 30 प्रतिशत का शुल्क है। ग्लोबल ट्रेड रिसर्च इनिशिएटिव (जीटीआरआई) के संस्थापक व विदेश व्यापार सेवा के पूर्व वरिष्ठ अधिकारी अजय श्रीवास्तव ने बताया कि इस फैसले के बाद अमेरिका के साथ द्विपक्षीय व्यापार समझौते (बीटीए) को लेकर चल रही वार्ता में भारत को दबाव में आने की जरूरत नहीं है।

सरकारी खरीद में प्रवेश चाहता है अमेरिका
  • वर्तमान हालात में आगामी नौ जुलाई से भारत पर 26 प्रतिशत के पारस्परिक शुल्क लगने की आशंका के तहत भारत अमेरिका को कृषि व कई अन्य वस्तुओं पर शून्य शुल्क की पेशकश करने के लिए दबाव में था। अमेरिका भारत की सरकारी खरीद में भी प्रवेश चाहता है और भारत के क्वालिटी कंट्रोल नियम से भी छूट देने के लिए दबाव बना रहा है। श्रीवास्तव का कहना है कि भारत को बीटीए वार्ता को नए सिरे से देखने की जरूरत है।
  • भारत और अमेरिका के बीच बीटीए के पहले चरण को आगामी सितंबर-अक्टूबर तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। लेकिन उससे पहले भारत अगले महीने ही अमेरिका के साथ एक अंतरिम व्यापार समझौता करना चाहता है, ताकि 26 प्रतिशत का पारस्परिक शुल्क भारत पर लागू नहीं हो सके। गत अप्रैल माह में ट्रंप ने भारत, चीन, वियतनाम समेत दुनिया के अधिकतर देशों पर पारस्परिक शुल्क लगाने की घोषणा की थी। आठ अप्रैल को ट्रंप ने इस फैसले को 90 दिनों के लिए स्थगित कर दिया था।

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व्यापार वार्ता के लिए भारत आएंगे अमेरिकी अधिकारी, पीयूष गोयल बोले- 'जल्दी ही अच्छे नतीजे सामने होंगे'

Dainik Jagran - National - May 29, 2025 - 11:30pm

पीटीआई, नई दिल्ली। वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने गुरुवार को कहा कि द्विपक्षीय व्यापार समझौते के लिए अमेरिका के साथ बातचीत अच्छी तरह से आगे बढ़ रही है। उन्होंने कहा कि यूरोपीय संघ (ईयू) के साथ व्यापार समझौते के लिए बातचीत भी तेज गति से आगे बढ़ रही है।

भारत के साथ व्यापार वार्ता के लिए अगले सप्ताह एक अमेरिकी आधिकारिक दल भारत का दौरा करेगा। उद्योग संगठन सीआइआई के वार्षिक व्यापार शिखर सम्मेलन, 2025 को संबोधित करते हुए गोयल ने कहा, उम्मीद है कि इस कठिन समय में भी हम आगे बढ़ पाएंगे और जल्द ही अच्छे नतीजे सामने ला पाएंगे। हम एक ऐसे समझौते पर पहुंचने में कामयाब होंगे, जो दोनों पक्षों के व्यवसायों के लिए लाभकारी हो।

अच्छी तरह से आगे बढ़ रही बातचीत

उन्होंने कहा कि ऐसे कुछ ही क्षेत्र हैं जहां भारत और अमेरिका प्रतिस्पर्धा करते हैं। इससे पहले दिन में वाणिज्य विभाग के विशेष सचिव राजेश अग्रवाल ने कहा कि बातचीत अच्छी तरह से आगे बढ़ रही है।

अमेरिका में भारत के मुख्य वार्ताकार रहे राजेश अग्रवाल ने कहा, अधिकांश क्षेत्र ऐसे हैं, जहां हम एक-दूसरे के पूरक हो सकते हैं। अगर हम एक अच्छा व्यापार सौदा कर सकते हैं, तो यह व्यापार क्षेत्र में एक निर्णायक साझेदारी हो सकती है और यही इस द्विपक्षीय व्यापार समझौते के पीछे की मंशा है।

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पाक में निवेश करेंगे तुर्किए और अजरबैजान, 2 अरब डॉलर के इन्वेस्टमेंट का प्लान तैयार; सैन्य सहयोग देने का भी वादा

Dainik Jagran - National - May 29, 2025 - 10:46pm

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। ऑपरेशन सिंदूर में भारी क्षति उठाने के बाद अंतरराष्ट्रीय मदद की तलाश कर रहे पाकिस्तान के हुक्मरानों को अपने दो सबसे विश्वस्त मित्र देशों तुर्किए और अजरबैजान से कश्मीर के मुद्दे पर सीधा समर्थन तो नहीं मिला है, लेकिन इन दोनों देशों ने उसे पूरा नैतिक, सैन्य और आर्थिक सहयोग देने का वादा किया है।

अजरबैजान के शहर लाचिन में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ, तुर्किए के राष्ट्रपति तैयप एर्दोगेन और अजरबैजान के राष्ट्रपति इलहान एलियेव के बीच शिखर बैठक हुई। यह बैठक का मुख्य कूटनीतिक उद्देश्य तो इस्लामिक दुनिया में बेहद मजबूत रसूख रखने वाले सउदी अरब व खाड़ी के दूसरे इस्लामिक देशों को संकेत देना है, लेकिन भारत भी इन तीनों देशों के बनते गठबंधन को लेकर सतर्क रहेगा।

तुर्किए के साथ भारत के द्विपक्षीय संबंधों में दरार

पाकिस्तान की वजह से तुर्किए और अजरबैजान के साथ भारत के द्विपक्षीय संबंधों में दरार आना पहले ही शुरू हो चुका है। विदेश मंत्रालय के सूत्रों का कहना है कि लाचिन शिखर सम्मेलन के बाद इन तीनों देशों के बीच सैन्य व कूटनीतिक रिश्ते किस तरह से आगे बढ़ते हैं, भारत इस पर कड़ी नजर रखेगा और अपनी सुरक्षा के लिए जो भी संभव होगा वह कदम उठाएगा।

पहलगाम हमले के बाद से ऑपरेशन सिंदूर के समाप्त होने तक पाकिस्तान को तुर्किए और अजरबैजान से पूरा समर्थन मिला है। पाकिस्तान ने भारत के खिलाफ तुर्किए निर्मित ड्रोन का इस्तेमाल किया है। इस बैठक में अरजबैजान के राष्ट्रपति एलियेव ने पाकिस्तान में दो अरब डॉलर का निवेश करने की घोषणा की और कहा कि वह भारत व पाकिस्तान के बीच तनावपूर्ण स्थित को लेकर चिंतित हैं और उम्मीद करते हैं कि जल्द ही शांति लौटेगी। हम पहले दिन से ही पाकिस्तान के समर्थन में हैं। हम विवाद का शांति और वार्ता से, अंतरराष्ट्रीय कानून के तहत और संयुक्त राष्ट्र के प्रस्ताव के अनुसार, सुलझाने का समर्थन करते हैं।

तुर्किए ने क्या कहा?

वहीं, तुर्किए के राष्ट्रपति एर्दोगन ने कहा कि इस अवसर पर मैं भारत व पाकिस्तान के बीच संघर्ष विराम होने पर अपनी संतुष्टि जताता हूं। इस प्रक्रिया के दौरान पीएम शरीफ और पाकिस्तानी अधिकारियों ने जिस संयम व प्रतिबद्धता को दिखाया है, मैं उन्हें बधाई देता हूं। हमारी इच्छा है कि यह सीजफायर एक स्थिर शांति में बदले। इसमें तुर्किये हरसंभव मदद को तैयार है।' दोनों राष्ट्रपतियों ने कश्मीर का नाम नहीं लिया। हालांकि पाकिस्तान के पीएम शरीफ ने उम्मीद के अनुसार अपने भाषण में तीन बार कश्मीर का नाम लिया।

उक्त तीनों देशों के नेताओं ने आपसी रक्षा सहयोग को बढ़ाने की बात कही, जो भारत के हितों को प्रभावित करने की क्षमता रखता है। एर्दोगेन की तरफ से तीनों देशों के बीच सैन्य सहयोग के साथ ही सैन्य उपकरणों के उत्पादन में सहयोग का प्रस्ताव रखा।

राष्ट्रपति एलियेव ने रक्षा सहयोग को आपसी सहयोग के क्षेत्र में सबसे अहम करार दिया और साझा सैन्य अभ्यास को बढ़ाने की बात कही। गौरतलब है कि भारत ने तुर्किए के साथ विवाद रखने वाले ग्रीस के साथ अपने संबंधों को मजबूत करना शुरू किया है। जबकि अजरबैजान के साथ तनावपूर्ण संबंध वाले अर्मेनिया के साथ भी भारत के रिश्ते लगातार सुधर रहे हैं।

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'सेनाओं को सशक्त बनाकर ही जीते जाते हैं युद्ध', लड़ाकू विमानों की डिलीवरी में देरी पर वायुसेना प्रमुख ने उठाए सवाल

Dainik Jagran - National - May 29, 2025 - 10:30pm

संजय मिश्र, जागरण नई दिल्ली। पाकिस्तान के खिलाफ ऑपरेशन सिंदूर की सफलता को लेकर तीनों सेनाओं की हो रही सराहना के बीच वायुसेना प्रमुख एअर चीफ मार्शल एपी सिंह ने रक्षा खरीद सौदे होने के बावजूद इनकी आपूर्ति में देरी पर गंभीर चिंता का खुले तौर पर इजहार किया है।

भारतीय वायुसेना को लाइट काम्बैट एयरक्राफ्ट (एलसीए) तेजस की आपूर्ति में हो रही देरी की ओर इशारा करते हुए उन्होंने कहा कि कई बार हम रक्षा अनुबंध पर हस्ताक्षर करते समय जानते हैं कि ये उपकरण सिस्टम में समय पर नहीं आएंगे। वायुसेना प्रमुख ने यह कहने से भी गुरेज नहीं किया कि एक भी परियोजना समय पर पूरी नहीं हुई है।

सीआईआई की सालाना बैठक के सत्र को किया संबोधित

रक्षा क्षेत्र से जुड़ी कंपनियों तथा एजेंसियों को बेलाग संदेश देते हुए उन्होंने कहा कि हम ऐसा वादा ही क्यों करें, जो पूरा नहीं हो सकता। वायुसेना प्रमुख ने गुरुवार को शीर्ष उद्योग संगठन सीआईआई की सालाना बैठक के एक सत्र को संबोधित करते हुए कहा कि रक्षा सौदों की आपूर्ति समय-सीमा के भीतर नहीं होना एक बड़ा मुद्दा है। आपूर्ति में विलंब ने सैन्य बलों की कई महत्वपूर्ण परियोजनाओं पर असर डाला है। उन्होंने स्वदेशी लड़ाकू विमान तेजस एमके-1ए का जिक्र किया जिसको लेकर वायुसेना ने हिन्दुस्तान एयरोनाटिक्स लिमिटेड (एचएएल) से समझौता किया है।

एचएएल से करीब 48,000 करोड़ रुपये के 83 तेजस विमानों की खरीद के समझौते के तहत वायुसेना को मार्च 2024 से ही विमानों की आपूर्ति शुरू होनी थी मगर यह अभी तक शुरू नहीं हो पाई है।

'तेजस एमके-1ए की आपूर्ति में हो रही देरी'

मालूम हो कि अमेरिकी कंपनी जीई से तेजस के इंजन की आपूर्ति का करार है मगर इसमें दो साल से अधिक देरी हुई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की दूसरी पारी की शुरूआत के तत्काल बाद फरवरी में हुई अपनी अमेरिका यात्रा के दौरान अमेरिकी राष्ट्रपति के समझ जीई से इंजन आपूर्ति के विलंब का मुद्दा उठाया भी था। वायुसेना प्रमुख ने कहा कि तेजस एमके-1ए की आपूर्ति में देरी हो रही है और तेजस एमके-2 का प्रोटोटाइप अभी तक रोल आउट नहीं हुआ है। स्टील्थ एडवांस मीडियम काम्बैट एयरक्राफ्ट (एएमसीए) का अभी तक कोई प्रोटोटाइप नहीं है। एएमसीए पांचवी पीढ़ी का लड़ाकू फाइटर जेट है।

सैन्य बलों तथा उद्योग जगत के बीच विश्वास की जरूरत

अभी दो दिन पहले ही रक्षा मंत्रालय ने एएमसीए के प्रोटाइटाइप विमान बनाने के क्रियान्वयन मॉडल परियोजना को औपचारिक मंजूरी दी है। एअर चीफ मार्शल ने कहा कि हम सिर्फ भारत में उत्पादन के बारे में बात नहीं कर सकते। हमें अपने यहां डिजाइनिंग और विकास की भी बात करनी चाहिए। सैन्य बलों तथा उद्योग जगत के बीच विश्वास की जरूरत है। हमें बहुत खुला होना चाहिए। एक बार जब हम किसी चीज के लिए प्रतिबद्ध हो जाते हैं तो उसे पूरा करना चाहिए। यानी प्राण जाए पर वचन न जाई।

वायुसेना भारत में निर्माण के लिए अपना सर्वश्रेष्ठ प्रयास कर रही है। हमें भविष्य के लिए अभी से तैयार रहना होगा। वायुसेना प्रमुख ने साफ कहा कि अगले 10 वर्षों में उद्योग से अधिक उत्पादन मिलेगा, लेकिन जो हमें आज चाहिए, उस काम को जल्दी से जल्दी पूरा करना होगा। सेनाओं की ऑपेरशन क्षमता के लिए रक्षा आपूर्ति की अनिवार्य जरूरत को रेखांकित करते हुए एअर चीफ मार्शल ने कहा कि हमारी सेनाओं को सशक्त बनाकर ही युद्ध जीते जाते हैं। उन्होंने उद्योग जगत से कहा कि जब हम भारत में व‌र्ल्ड क्लास कार समेत अन्य वस्तुएं बना सकते हैं तो फिर देश के लिए रक्षा उपकरण बनाने के लिए भी उन्हें आगे आना चाहिए।

ऑपरेशन सिंदूर राष्ट्रीय जीत

वायुसेना प्रमुख ने पाकिस्तान के खिलाफ ऑपरेशन सिंदूर को राष्ट्रीय जीत बताते हुए कहा कि तीनों सेनाओं ने इस आपरेशन को बेहद पेशेवर तरीके से अंजाम दिया। उन्होंने कहा कि हम सच्चाई के रास्ते पर चल रहे थे, इसलिए मुझे लगता है कि इसमें भगवान भी हमारे साथ थे। उन्होंने सभी नागरिकों का धन्यवाद करते हुए कहा कि हर भारतीय इस जीत की उम्मीद कर रहा था। यह एक ऐसा आपरेशन था जिसे सभी एजेंसियों और सैन्य बलों ने बहुत ही पेशेवर तरीके से क्रियान्वित किया। एयर चीफ मार्शल एपी ¨सह ने कहा कि जब सच्चाई आपके साथ होती है, तो सब कुछ अपने आप हो जाता है।

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पीएम नरेंन्द्र मोदी ने भाजपा को दिया बिहार विधानसभा चुनाव जीतने का मंत्र, कहा-यही है एकमात्र सूत्र

Dainik Jagran - May 29, 2025 - 10:05pm

राज्य ब्यूरो, पटना। बिहार के दो दिवसीय दौरे पर गुरुवार को पटना पहुंचे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पार्टी के प्रदेश पदाधिकारियों, विधायकों, विधान पार्षदों एवं सांसदों से बिहार विधानसभा चुनाव जीतने की रणनीति साझा की। 

अटल सभागार में की बैठक

पटना स्थित भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) प्रदेश मुख्यालय के अटल सभागार में मोदी ने कई बिंदुओं पर ध्यान आकृष्ट करते हुए कहा कि बिहार जीतने का पहला और अंतिम मंत्र बूथ जीतना है। इस दौरान उन्होंने कई सांसदों, विधायकों, विधान पार्षदों एवं पार्टी पदाधिकारियों से वन टू वन संवाद किया। 

अनुषांगिक संगठनों को सुदृढ़ करने के भी मंत्र दिए

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि क्या कभी आपको नहीं लगता कि बगैर बुलाए संघ, विद्यार्थी परिषद एवं विश्व हिंदू परिषद की कार्यालय में जाएं। उन्होंने पार्टी के अनुषांगिक संगठनों को सुदृढ़ करने के भी मंत्र दिए। एक-एक बूथ जीतने के लिए कम से कम सौ वीडियो बनाने की अपील की। 

जिन्होंने धैर्य खोया और पार्टी से किनारे लग गए

कहा कि धैर्य का सदैव सुफल होता है। कई उदाहरण गिनाएं, जिन्होंने धैर्य खोया और पार्टी से किनारे लग गए। स्वयं का उदाहरण देते हुए बताया कि लगभग डेढ़ दशक तक पिछली कतार में रहने के बाद आगे आए। इसी के साथ उन्होंने इंटरनेट मीडिया पर सर्वाधिक फोकस करने की सलाह दी। कहा कि पार्टी और अपने लिए उसका अधिकतम उपयोग सकारात्मक होकर करें।

सभी बूथों पर कार्यकर्ताओं से सुनने की अपील 

प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना, किसान क्रेडिट कार्ड, किसान सम्मान निधि, उज्ज्वला योजना, जनधन योजना एवं नारी वंदन योजना, प्रधानमंत्री मातृ वंदन योजना, मुद्रा योजना, स्वनिधि योजना के साथ प्रधानमंत्री की मन की बात सभी बूथों पर कार्यकर्ताओं से सुनने की अपील की।

चार पीढ़ी की तपस्या से भाजपा सबसे बड़ा दल

पीएम ने कहा कि चार पीढ़ी की तपस्या का फल है कि आज भाजपा विश्व की सबसे बड़ी पार्टी बनी है। अगर कोई विधायक 10 हजार मत से जीतता तो उसको घमंड हो जाता है कि मैं 10 हजार वोट से जीत हूं। ऐसा नहीं है। मोदी ने कहा कि पार्टी के दर्जनों ऐसे नेता थे, जिन्होंने पार्टी के लिए लंबी तपस्या की लेकिन धैर्य नहीं रखा।

निर्दलीय चुनाव लड़ने वालों को चेतावनी

उन्होंने पार्टी से बगावत कर निर्दलीय चुनाव लड़ने वालों को चेतावनी दी। लगभग डेढ़ घंटे के संवाद में मोदी ने कई बार संगठन, पार्टी एवं राष्ट्रभक्ति का पाठ भी पढ़ाया।

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