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'चरमपंथियों को राजनीति में जगह मत दो', कनाडा को भारत ने दिया स्पष्ट संदेश; विदेश मंत्रालय ने की कार्रवाई की मांग

Dainik Jagran - National - May 29, 2025 - 11:44pm

एजेंसी, नई दिल्ली। भारत ने कनाडा से साफ कहा है कि वह अपने यहां चरमपंथी तत्वों को राजनीति में जगह नहीं दे। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने गुरुवार को कहा कि भारत ने कनाडा को खालिस्तान समर्थकों के संबंध में अपनी सुरक्षा चिंताओं से लगातार अवगत कराया है।

उनसे आग्रह है कि हिंसा और अलगाव का समर्थन करने वाले चरमपंथी तत्वों को राजनीति में कोई स्थान नहीं मिलना चाहिए। रणधीर ने कहा, 'हमारी स्थिति कई महीनों और वर्षों से बहुत स्पष्ट रही है। हमने कनाडाई पक्ष को अपनी सुरक्षा चिंताओं से अवगत कराया है और हमने उनसे आग्रह किया है कि वे चरमपंथी तत्वों को कोई राजनीतिक स्थान न दें, जो हिंसा का समर्थन करते हैं और अलगाव की बात करते हैं।' उन्होंने कहा, 'मुझे उम्मीद है कि कनाडाई पक्ष इस पर ध्यान देगा और भारत विरोधी तत्वों के खिलाफ कार्रवाई करेगा।'

भारतीय छात्रों के वीजा पर अमेरिका करेगा फैसला

विदेश मंत्रालय ने गुरुवार को कहा कि उम्मीद है कि अमेरिका भारतीय छात्रों के वीजा आवेदनों पर मेरिट के आधार पर विचार करेगा। यह बयान ट्रंप प्रशासन की तरफ से नए छात्र वीजा साक्षात्कारों पर रोक लगाए जाने के बाद आया है।

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने यह भी बताया कि भारत और अमेरिका के बीच अवैध प्रवासियों खासतौर पर निर्वासन के संबंध में निकट सहयोग रहा है। इस वर्ष जनवरी से अब तक लगभग 1080 भारतीयों को अमेरिका से निर्वासित किया गया है, जिनमें से 62 प्रतिशत ने वाणिज्यिक उड़ानों से वापसी की है।

अफगान नागरिकों के लिए नया वीजा मॉड्यूल

भारत ने अफगान नागरिकों के लिए गुरुवार को एक नया वीजा मॉड्यूल शुरू किया। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने बताया कि यह मॉड्यूल भारत और अफगानिस्तान के बीच संबंधों को और मजबूत करने में मदद करेगा। अफगान नागरिक भारतीय वीजा के लिए चिकित्सा समेत छह श्रेणियों में आवेदन कर सकते हैं। उनके लिए पुराना वीजा मॉड्यूल बंद कर दिया गया है।

बांग्लादेश में जल्द चुनाव का भारत ने किया समर्थन

भारत ने बुधवार को कहा कि वह बांग्लादेश के साथ सकारात्मक और रचनात्मक संबंध चाहता है। इसके साथ ही वहां शीघ्र समावेशी, निष्पक्ष और स्वतंत्र चुनाव कराने का समर्थन किया है। विदेश मंत्रालय ने यह बयान बांग्लादेश में विभिन्न राजनीतिक दलों द्वारा इस वर्ष आखिर तक आम चुनाव कराने की मांगों के बीच आया है।

रिपोर्टों के अनुसार, बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के प्रमुख मोहम्मद यूनुस ने ढाका में ताजा विरोध प्रदर्शनों के लिए भारत को जिम्मेदार ठहराने की कोशिश की है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा, 'हम बांग्लादेश के साथ एक सकारात्मक और रचनात्मक संबंध चाहते हैं, जो दोनों पक्षों के लोगों की आकांक्षाओं और हितों को पूरा करने में आधारित हो।'

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'आपको पता बताने में समस्या क्या है', अगस्ता वेस्टलैंड मामले में ब्रिटिश नागरिक की याचिका खारिज

Dainik Jagran - National - May 29, 2025 - 11:38pm

पीटीआई, नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को ब्रिटिश नागरिक क्रिश्चियन मिशेल जेम्स की याचिका खारिज कर दी, जिसमें उसने दिल्ली हाई कोर्ट के एक फैसले को चुनौती दी थी। हाई कोर्ट ने क्रिश्चियन को 3600 करोड़ रुपये के अगस्ता वेस्टलैंड मनी लॉन्ड्रिंग मामले में जमानत पर रिहा होने के बाद उस पते का विवरण प्रस्तुत करने का निर्देश दिया था, जहां वह रहना चाहता है।

मामले में कथित बिचौलिये क्रिश्चियन ने हाई कोर्ट के 2022 के आदेश को चुनौती दी थी, जिसके तहत उसकी जमानत शर्तों में संशोधन किया गया था। जस्टिस विक्रम नाथ और जस्टिस संजय कुमार की पीठ के समक्ष याचिका पेश की गई थी।

पीठ ने फिर से पूछा पता

पीठ ने क्रिश्चियन के वकील से कहा कि हम आपको जमानत दे चुके हैं और आप पता बताने जैसी एक शर्त तक पूरी नहीं करना चाहते। ईडी की ओर से पेश वकील ने कहा कि हाई कोर्ट का आदेश क्रिश्चियन के पक्ष में था। पीठ ने पूछा कि तो उनकी समस्या क्या है। क्रिश्चियन के वकील ने कहा कि मैं (क्रिश्चियन) पिछले छह वर्ष और छह महीने से तिहाड़ में हूं। मेरा कोई स्थानीय पता नहीं है। इस पर पीठ ने कहा कि अगर आपका स्थायी पता तिहाड़ है तो वहीं रहें।

जानिए क्या हैं आरोप?

उल्लेखनीय है कि जांच एजेंसियों ने इतालवी कंपनी अगस्ता वेस्टलैंड से 12 वीवीआइपी हेलीकाप्टरों की खरीद में अनियमितताओं का आरोप लगाया है। क्रिश्चियन को दिसंबर, 2018 में दुबई से प्रत्यर्पित किया गया था और बाद में सीबीआइ और ईडी ने उसे गिरफ्तार कर लिया था।

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ट्रंप के इरादों पर अमेरिकी कोर्ट ने फेरा पानी, द्विपक्षीय व्यापार समझौते में भारत को मिलेगा फायदा

Dainik Jagran - National - May 29, 2025 - 11:30pm

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। अमेरिका की अंतरराष्ट्रीय व्यापार अदालत ने दुनिया के तमाम देशों पर पारस्परिक टैरिफ लगाने के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के आदेश पर रोक लगा दी है। अदालत का यह फैसला भारत के लिए राहत माना जा रहा है।

भारत अब बिना किसी दबाव के अमेरिका के साथ व्यापार समझौता वार्ता कर सकेगा। दूसरा, ट्रंप सरकार स्मार्टफोन बनाने वाली एपल जैसी कंपनियों को भी भारत छोड़ने की धमकी नहीं दे सकेगी। फेडरेशन ऑफ इंडियन एक्सपोर्ट आर्गेनाइजेशंस (फियो) के सीईओ एवं महानिदेशक अजय सहाय ने बताया कि इस फैसले से अभी भारत से होने वाले निर्यात को कोई लाभ नहीं मिलने जा रहा है। पहले की तरह 10 प्रतिशत का शुल्क जारी रहेगा।

सुप्रीम कोर्ट पहुंची ट्रंप सरकार

ट्रंप सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में इस फैसले को चुनौती दी है और ट्रंप की पूरी कोशिश सुप्रीम कोर्ट के फैसले को अपने पक्ष में करने की होगी। जानकारों का कहना है कि अगर सुप्रीम कोर्ट भी पारस्परिक शुल्क के फैसले को अवैध ठहराता है तो पारस्परिक शुल्क से पूर्व की व्यवस्था लागू हो जाएगी।

ऐसे में चीन को भी बड़ी राहत मिल जाएगी, जो भारत के लिए चुनौतीपूर्ण हो सकता है। अभी चीन पर 30 प्रतिशत का शुल्क है। ग्लोबल ट्रेड रिसर्च इनिशिएटिव (जीटीआरआई) के संस्थापक व विदेश व्यापार सेवा के पूर्व वरिष्ठ अधिकारी अजय श्रीवास्तव ने बताया कि इस फैसले के बाद अमेरिका के साथ द्विपक्षीय व्यापार समझौते (बीटीए) को लेकर चल रही वार्ता में भारत को दबाव में आने की जरूरत नहीं है।

सरकारी खरीद में प्रवेश चाहता है अमेरिका
  • वर्तमान हालात में आगामी नौ जुलाई से भारत पर 26 प्रतिशत के पारस्परिक शुल्क लगने की आशंका के तहत भारत अमेरिका को कृषि व कई अन्य वस्तुओं पर शून्य शुल्क की पेशकश करने के लिए दबाव में था। अमेरिका भारत की सरकारी खरीद में भी प्रवेश चाहता है और भारत के क्वालिटी कंट्रोल नियम से भी छूट देने के लिए दबाव बना रहा है। श्रीवास्तव का कहना है कि भारत को बीटीए वार्ता को नए सिरे से देखने की जरूरत है।
  • भारत और अमेरिका के बीच बीटीए के पहले चरण को आगामी सितंबर-अक्टूबर तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। लेकिन उससे पहले भारत अगले महीने ही अमेरिका के साथ एक अंतरिम व्यापार समझौता करना चाहता है, ताकि 26 प्रतिशत का पारस्परिक शुल्क भारत पर लागू नहीं हो सके। गत अप्रैल माह में ट्रंप ने भारत, चीन, वियतनाम समेत दुनिया के अधिकतर देशों पर पारस्परिक शुल्क लगाने की घोषणा की थी। आठ अप्रैल को ट्रंप ने इस फैसले को 90 दिनों के लिए स्थगित कर दिया था।

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व्यापार वार्ता के लिए भारत आएंगे अमेरिकी अधिकारी, पीयूष गोयल बोले- 'जल्दी ही अच्छे नतीजे सामने होंगे'

Dainik Jagran - National - May 29, 2025 - 11:30pm

पीटीआई, नई दिल्ली। वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने गुरुवार को कहा कि द्विपक्षीय व्यापार समझौते के लिए अमेरिका के साथ बातचीत अच्छी तरह से आगे बढ़ रही है। उन्होंने कहा कि यूरोपीय संघ (ईयू) के साथ व्यापार समझौते के लिए बातचीत भी तेज गति से आगे बढ़ रही है।

भारत के साथ व्यापार वार्ता के लिए अगले सप्ताह एक अमेरिकी आधिकारिक दल भारत का दौरा करेगा। उद्योग संगठन सीआइआई के वार्षिक व्यापार शिखर सम्मेलन, 2025 को संबोधित करते हुए गोयल ने कहा, उम्मीद है कि इस कठिन समय में भी हम आगे बढ़ पाएंगे और जल्द ही अच्छे नतीजे सामने ला पाएंगे। हम एक ऐसे समझौते पर पहुंचने में कामयाब होंगे, जो दोनों पक्षों के व्यवसायों के लिए लाभकारी हो।

अच्छी तरह से आगे बढ़ रही बातचीत

उन्होंने कहा कि ऐसे कुछ ही क्षेत्र हैं जहां भारत और अमेरिका प्रतिस्पर्धा करते हैं। इससे पहले दिन में वाणिज्य विभाग के विशेष सचिव राजेश अग्रवाल ने कहा कि बातचीत अच्छी तरह से आगे बढ़ रही है।

अमेरिका में भारत के मुख्य वार्ताकार रहे राजेश अग्रवाल ने कहा, अधिकांश क्षेत्र ऐसे हैं, जहां हम एक-दूसरे के पूरक हो सकते हैं। अगर हम एक अच्छा व्यापार सौदा कर सकते हैं, तो यह व्यापार क्षेत्र में एक निर्णायक साझेदारी हो सकती है और यही इस द्विपक्षीय व्यापार समझौते के पीछे की मंशा है।

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पाक में निवेश करेंगे तुर्किए और अजरबैजान, 2 अरब डॉलर के इन्वेस्टमेंट का प्लान तैयार; सैन्य सहयोग देने का भी वादा

Dainik Jagran - National - May 29, 2025 - 10:46pm

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। ऑपरेशन सिंदूर में भारी क्षति उठाने के बाद अंतरराष्ट्रीय मदद की तलाश कर रहे पाकिस्तान के हुक्मरानों को अपने दो सबसे विश्वस्त मित्र देशों तुर्किए और अजरबैजान से कश्मीर के मुद्दे पर सीधा समर्थन तो नहीं मिला है, लेकिन इन दोनों देशों ने उसे पूरा नैतिक, सैन्य और आर्थिक सहयोग देने का वादा किया है।

अजरबैजान के शहर लाचिन में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ, तुर्किए के राष्ट्रपति तैयप एर्दोगेन और अजरबैजान के राष्ट्रपति इलहान एलियेव के बीच शिखर बैठक हुई। यह बैठक का मुख्य कूटनीतिक उद्देश्य तो इस्लामिक दुनिया में बेहद मजबूत रसूख रखने वाले सउदी अरब व खाड़ी के दूसरे इस्लामिक देशों को संकेत देना है, लेकिन भारत भी इन तीनों देशों के बनते गठबंधन को लेकर सतर्क रहेगा।

तुर्किए के साथ भारत के द्विपक्षीय संबंधों में दरार

पाकिस्तान की वजह से तुर्किए और अजरबैजान के साथ भारत के द्विपक्षीय संबंधों में दरार आना पहले ही शुरू हो चुका है। विदेश मंत्रालय के सूत्रों का कहना है कि लाचिन शिखर सम्मेलन के बाद इन तीनों देशों के बीच सैन्य व कूटनीतिक रिश्ते किस तरह से आगे बढ़ते हैं, भारत इस पर कड़ी नजर रखेगा और अपनी सुरक्षा के लिए जो भी संभव होगा वह कदम उठाएगा।

पहलगाम हमले के बाद से ऑपरेशन सिंदूर के समाप्त होने तक पाकिस्तान को तुर्किए और अजरबैजान से पूरा समर्थन मिला है। पाकिस्तान ने भारत के खिलाफ तुर्किए निर्मित ड्रोन का इस्तेमाल किया है। इस बैठक में अरजबैजान के राष्ट्रपति एलियेव ने पाकिस्तान में दो अरब डॉलर का निवेश करने की घोषणा की और कहा कि वह भारत व पाकिस्तान के बीच तनावपूर्ण स्थित को लेकर चिंतित हैं और उम्मीद करते हैं कि जल्द ही शांति लौटेगी। हम पहले दिन से ही पाकिस्तान के समर्थन में हैं। हम विवाद का शांति और वार्ता से, अंतरराष्ट्रीय कानून के तहत और संयुक्त राष्ट्र के प्रस्ताव के अनुसार, सुलझाने का समर्थन करते हैं।

तुर्किए ने क्या कहा?

वहीं, तुर्किए के राष्ट्रपति एर्दोगन ने कहा कि इस अवसर पर मैं भारत व पाकिस्तान के बीच संघर्ष विराम होने पर अपनी संतुष्टि जताता हूं। इस प्रक्रिया के दौरान पीएम शरीफ और पाकिस्तानी अधिकारियों ने जिस संयम व प्रतिबद्धता को दिखाया है, मैं उन्हें बधाई देता हूं। हमारी इच्छा है कि यह सीजफायर एक स्थिर शांति में बदले। इसमें तुर्किये हरसंभव मदद को तैयार है।' दोनों राष्ट्रपतियों ने कश्मीर का नाम नहीं लिया। हालांकि पाकिस्तान के पीएम शरीफ ने उम्मीद के अनुसार अपने भाषण में तीन बार कश्मीर का नाम लिया।

उक्त तीनों देशों के नेताओं ने आपसी रक्षा सहयोग को बढ़ाने की बात कही, जो भारत के हितों को प्रभावित करने की क्षमता रखता है। एर्दोगेन की तरफ से तीनों देशों के बीच सैन्य सहयोग के साथ ही सैन्य उपकरणों के उत्पादन में सहयोग का प्रस्ताव रखा।

राष्ट्रपति एलियेव ने रक्षा सहयोग को आपसी सहयोग के क्षेत्र में सबसे अहम करार दिया और साझा सैन्य अभ्यास को बढ़ाने की बात कही। गौरतलब है कि भारत ने तुर्किए के साथ विवाद रखने वाले ग्रीस के साथ अपने संबंधों को मजबूत करना शुरू किया है। जबकि अजरबैजान के साथ तनावपूर्ण संबंध वाले अर्मेनिया के साथ भी भारत के रिश्ते लगातार सुधर रहे हैं।

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