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क्या भारत-पाकिस्तान सीजफायर में था अमेरिका का रोल? विपक्ष के हर सवालों का विदेश मंत्री जयशंकर ने दिया बेबाकी से जवाब
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। एक तरफ जहां ऑल पार्टी डेलिगेशन दुनिया के अलग-अलग देशों में जाकर पाकिस्तान की पोल खोल रही है। वहीं, सोमवार (26 मई) को विदेश मंत्री एस जयशंकर (S Jaishankar) ने विपक्ष को बताया कि कैसे भारत ने पाकिस्तान में मौजूद आतंकियों के खिलाफ ऑपरेशन सिंदूर को अंजाम दिया।
ऑपरेशन सिंदूर, भारत-पाकिस्तान के बीच सीजफायर और सैन्य तनाव के बीच अमेरिका की दखल से जुड़े विपक्ष के तमाम सवालों का विदेश मंत्री जयशंकर ने जवाब दिया।
घंटों चली कंसलटेटिव कमेटी की बैठकविदेश मामलों की कंसलटेटिव कमेटी की आज दिल्ली में बैठक हुई। यह बैठक तकरीबन ढाई घंटे चली। कमेटी में 11-11 लोकसभा और राज्यसभा के सांसद थे। वहीं, कमेटी की अध्यक्षता विदेश मंत्री जयशंकर कर रहे थे। करीब ढाई घंटे तक बंद कमरे में चली बातचीत ने जयशंकर ने विपक्ष के हर सवालों का जवाब दिया।
बैठक में जयशंकर ने स्पष्ट कहा है कि भारत और पाकिस्तान के बीच अमेरिका की मध्यस्ता नहीं हुई है। DGMO यानी डायरेक्टर जनरल ऑफ मिलिट्री ऑपरेशन के स्तर पर सीधी बातचीत के बाद ऑपरेशन सिंदूर को स्थगित किया गया।
मेरे बयान को गलत तरीके से किया गया पेश: जयशंकरवहीं, विपक्षी सांसद राहुल गांधी ने हाल ही में विदेश मंत्री जयशंकर पर आरोप लगाया था कि उन्होंने भारत के 'ऑपरेशन सिंदूर' के बारे में पाकिस्तान को पहले से ही बता दिया था। इस आरोप को नकारते हुए विदेश मंत्री ने कहा कि मेरे बयान को गलत तरीके से समझा गया है. मैंने कहीं भी पहले (before) शब्द का इस्तेमाल नहीं किया। यह मानना कि मैंने ऑपरेशन से पहले जानकारी दी, तथ्यात्मक रूप से गलत है।’
विपक्षी सांसदों ने यह भी पूछा कि क्या भारत पाकिस्तान के साथ सिंधु जल संधि का सम्मान करना जारी रखेगा। सरकार ने स्पष्ट किया कि संधि फिलहाल स्थगित है और सांसदों को बाद में होने वाले घटनाक्रमों के बारे में जानकारी दी जाएगी।
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आतंकियों का हितैषी चीन! 5 पाक टेररिस्ट को बैन होने से ड्रैगन ने बचाया, रिपोर्ट में खुलासा
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। भारत और पाकिस्तान के तल्ख रिश्तों के बीच एक बार फिर चीन का छिनौना सच सामने आया है। इस बार सामने आ गया है कि चीन भी पाकिस्तान के आतंकियों को पनाह देने का पक्षधर है, इसलिए वह इन्हें प्रतिबंधित करने के प्रस्ताव पर रोक लगाता रहा है।
इकोनॉमिक टाइम्स की एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) की ओर से तैयार किए गए एक डोजियर में अब्दुल रऊफ असगर, साजिद मीर, अब्दुर रहमान मक्की, तल्हा सईद, शाहिद महमूद रहमतुल्लाह पर प्रतिबंधों को रोक लगाने में चीन की संलिप्तता की ओर इशारा किया गया है।
चीन ने कथित तौर पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) में पाकिस्तान स्थित लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) और जैश-ए-मोहम्मद (जेईएम) के पांच आतंकवादियों पर प्रतिबंध लगाने और उन्हें वैश्विक आतंकवादी के रूप में नामित करने के भारत के प्रस्ताव को रोक दिया है।
कौन हैं ये आंतकी और चीन ने कब कब लगाया अडंगा?इकोनॉमिक टाइम्स का दावा है कि NIA की डोजियर में अब्दुल रऊफ असगर, साजिद मीर, अब्दुर रहमान मक्की, तल्हा सईद, शाहिद महमूद रहमतुल्लाह का नाम शामिल है। ये सभी आतंकी 26/11 हमले, 2019 पुलवामा हमले, 2016 पठानकोट हमला, 2001 संसद हमला और आईसी 814 अपहरण में शामिल रहे हैं।
अब्दुर रहमान मक्की
चीन ने सबसे पहले 2022 में अब्दुर रहमान मक्की को UN की प्रतिबंधित सूची में डालने के भारत के प्रयास को रोका था। हालांकि, 2023 में इसने अपनी रोक हटा ली और लश्कर के राजनीतिक मामलों के प्रमुख मक्की को प्रतिबंधित सूची में डाल दिया गया। हालांकि, सूत्रों का हवाला देते हुए, ET की रिपोर्ट में कहा गया है कि पाकिस्तान ने संयुक्त राष्ट्र को बताया कि मक्की मर चुका है, जिससे सुरक्षा एजेंसियों में संदेह पैदा हो गया है। वह कथित तौर पर लश्कर के लिए फंड जुटाने में शामिल है।
साजिद मीर
रिपोर्ट के अनुसार, साजिद मीर को वैश्विक आतंकवादी घोषित करने के प्रस्ताव को चीन ने 2023 में रोक दिया था। एनआईए के डोजियर में कहा गया है कि मीर 26/11 हमले में अपनी भूमिका के लिए वॉन्टेड है। दिलचस्प बात यह है कि उसे मई 2022 में आतंकवाद के वित्तपोषण के आरोप में लाहौर में गिरफ्तार किया गया था और तीन सप्ताह के भीतर त्वरित सुनवाई में दोषी ठहराया गया था। साजिद मीर को 30 अगस्त, 2012 को अमेरिका की ओर से खास तौर से नामित वैश्विक आतंकवादी (एसडीजीटी) के रूप में नामित किया गया है। वह एफबीआई की मोस्ट वांटेड सूची में भी है।
अब्दुल रऊफ असगररिपोर्ट के अनुसार, भारत और अमेरिका ने 27 जुलाई, 2022 को अब्दुल रऊफ असगर को वैश्विक आतंकवादी घोषित करने के पहले प्रस्ताव को साथ में बनाया था। इस प्रस्ताव को चीन ने 10 मई, 2023 तक तीन महीने के लिए रोक दिया था। इसे आखिरकार 10 मई, 2023 को चीन ने रोक दिया था।
असगर 1999 में काठमांडू से कंधार तक IC-814 विमान के अपहरण का मास्टरमाइंड था। वह पाकिस्तान में ट्रेनिंग कैंप तैयार करने और भारती की जमीन पर आतंकी हमलों का कॉर्डिनेशन करने में भी अहम भूमिका निभाता रहा है। असगर 2001 के संसद हमले और 2016 के पठानकोट एयरबेस हमले का मुख्य साजिशकर्ता भी था। भारतीय जांच एजेंसियों ने एक आंतकी के फोन से मिले सबूतों के आधार पर यह भी पाया कि वह 2019 के पुलवामा हमले में भी शामिल था।
तल्हा सईदरिपोर्ट में कहा गया है कि लश्कर-ए-तैयबा का नेता और आंतकी हाफिज सईद के बेटे तल्हा सईद के खिलाफ भारत और अमेरिका के प्रस्ताव को चीन ने 2022 से रोक दिया था। तल्हा कथित तौर पर भारत और अफगानिस्तान में भारतीय हितों में लश्कर-ए-तैयबा की ओर से भर्ती, फंड जुटाने, प्लान बनाने और हमलों को अंजाम देने में एक्टिव रोल में शामिल था।
शाहिद महमूद रहमतुल्लाह
शाहिद रहमतुल्लाह प्रतिबंधित संगठन फलाह-ए-इंसानियत फाउंडेशन (FIF) का डिप्टी चीफ है। ये लश्कर-ए-तैयबा का एक मुखौटा संगठन है। ईटी की रिपोर्ट के अनुसार, उसके खिलाफ प्रस्ताव को भी चीन ने 2022 से रोक दिया था। रहमतुल्लाह भारत विरोधी गतिविधियों के लिए मजहबी काम की आड़ में फंड भेजकर भारत में ठिकाने और समर्थक बनाने की साजिश में शामिल था।
इसके अलावा रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत ने आतंकी संगठन TRF को प्रतिबंधित करने को लेकर भी तीन प्रस्ताव दिए थे, लेकिन सभी प्रस्ताव चीन ने रोक दिए। पहला प्रस्ताव दिसंबर 2023 में दिया गया था, जबकि दूसरी बार मई 2024 में दिया गया। इसके बाद फरवरी 2025 में भी भारत ने टीआरएफ के खिलाफ प्रस्ताव दायर किए थे, इसे भी चीन ने रोक दिया था।
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Mobile Tracking: अब खोया हुआ फोन कुरियर से मिलेगा वापस, मोबाइल ट्रैक करना हुआ आसान; जानिए क्या है पूरा प्रोसेस
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। देश में मोबाइल चोरी और छिनैती की घटनाएं बेहद आम हैं। लोग मोबाइल चोरी होने के बाद पुलिस चौकी अथवा थाने जाकर शिकायत दर्ज करवा ते हैं,लेकिन उस पर कोई कार्रवाई नहीं होती है। शायद ही किसी का मोबाइल वापस मिला हो, लेकिन अब ऐसा नहीं है।
अब चोरी हुए मोबाइल कूरियर के जरिए फोन मालिकों तक पहुंचाए जा रहे हैं। 2023 में चोरी हुए कई मोबाइल कुरियर से उनके मालिकों तक भेजे गए हैं। देश भर में ऐसे लाखों कुरियर अलग-अलग पुलिस स्टेशनों और फोन मालिकों को मिल रहे हैं। आखिर यह कैसे हो रहा है और क्यों हो रहा है, क्या है पूरा मामला? आइए बताते हैं...
दरअसल, चोरी के मोबाइल उनके मालिकों तक पहुंचाना दूरसंचार विभाग ने सेंट्रल इक्विपमेंट आइडेंटिटी रजिस्टर (Central Equipment Identity Register-CEIR) पोर्टल के कारण हो रहा है।
इस पोर्टल के जरिए दूरसंचार विभाग ने चोरी या छीने गए मोबाइल फोन को ट्रैक करना बेहद आसान कर दिया है। यह भारत सरकार की ओर से संचालित एक पोर्टल है, जहां आईएमईआई नंबर के जरिए चोरी हुए मोबाइल फोन को ट्रैक करता है।
केस नंबर-1मध्य प्रदेश के मुरैना के रहने वाले 37 वर्षीय गौरव दुबे पिछले साल नवंबर में अपने परिचित से अच्छे खासे डिस्काउंट पर एक मोबाइल फोन खरीदा था। इस दौरान उन्होंने मोबाइल के फीचर्स, उसकी स्थिति और बैटरी लाइफ समेत अन्य चीजों के बारे में पता किया, लेकिन मोबाइल कितना पुराना है और किसका है, इस पर न कुछ पूछा और न कुछ डिस्कस किया। कुछ महीने बाद उनको वो मोबाइल अपने परिचित को लौटना पड़ा।
केस नंबर-2गौरव दुबे की तरह ही 35 वर्षीय पुलवामा निवासी एक व्यक्ति ने छह महीने पहले एक स्थानीय दुकान से भारी डिस्काउंट पर मोबाइल खरीदा। मोबाइल की स्थिति, फीचर्स और बैटरी लाइफ सब शानदार थी, इसलिए उन्होंने बैकग्राउंड नहीं खंगाला। एक महीने बाद पुलवामा निवासी शख्स को पता चला कि यह मोबाइल गाजियाबाद निवासी सॉफ्टवेयर इंजीनियर रंजीत झा का है।
रंजीत झा मोबाइल चोरी की घटना को याद करते हुए बताते हैं कि यह घटना 16 अक्टूबर, 2023 की है। वह अपने घर से दिल्ली एक जॉब इंटरव्यू के लिए जा रहे थे। वे मेट्रो तक पहुंचने के लिए एक ऑटो में बैठ गए।
इसी दौरान उनके पिता का कॉल आया। उन्होंने पिता से बात करने के बाद मोबाइल हाथ में पकड़ रखा था, मोबाइल को जेब में नहीं रखा था। उस वक्त उनका पूरा ध्यान इंटरव्यू पर था। इसी बीच उनके हाथ से फोन छीन लिया गया। खैर, बाद में उन्होंने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई।
गाजियाबाद में चोरी हुआ फोन जम्मू-कश्मीर में मिलारंजीत झा की शिकायत को CEIR पोर्टल पर अपडेट कर दिया गया। मार्च 2024 में आईएमईआई नंबर को ट्रैक कर जिन मोबाइल फोन को बरामद किया गया, उनमें रंजीत का भी मोबाइल था। मोबाइल में जम्मू-कश्मीर में रजिस्टर्ड एक सिम कार्ड था। मोबाइल में जो नई सिम थी, उसका नंबर पुलिस को मिला तो गाजियाबाद पुलिस ने कॉल किया।
TOI की रिपोर्ट के मुताबिक, पुलवामा निवासी मोबाइल यूजर ने बताया, कॉल करने वाले ने खुद को पुलिस अफसर बताया। कहा कि वह जो मोबाइल यूज कर रहा है, वो चोरी का है। यह सुनकर मैं हैरान रह गया, लेकिन मैं मानने को तैयार नहीं था, क्योंकि मैंने यह मोबाइल अपने यहां एक स्थानीय शॉप से खरीदा था।
मेरे पास मोबाइल का बिल भी है। कॉल कट होने के बाद मैंने स्थानीय पुलिस स्टेशन से संपर्क किया और पूछा- क्या जो कॉल पर उनको बताया गया है, इसको वेरिफाई कर सकते हैं?
स्थानीय पुलिस ने अपने स्तर पर जांच के बाद कंफर्म किया कि हां, यह चोरी का मोबाइल है। तब मैंने मोबाइल को लौटाने का फैसला लिया। गाजियाबाद पुलिस ने सुझाव दिया कि वह मोबाइल उनको कूरियर कर सकते हैं, इसके बाद मैंने मोबाइल कूरियर से भिजवाया।
अब तक कूरियर से कितने मोबाइल वापस आए?भारत के अलग-अलग हिस्सों से 70 लोगों ने कूरियर के ज़रिए गाजियाबाद पुलिस को चोरी किए गए फोन वापस भेजे। ये लगभग 1,200 मोबाइल में से थे जिन्हें आम तौर पर स्नैचरों ने चुराया था और उन्हें ग्रे मार्केट में बेच दिया था या पिछले दो सालों में मालिकों द्वारा खोए गए फोन बरामद किए गए थे।
गाजियाबाद पुलिस के मुताबिक, देश भर के अलग-अलग हिस्सों से 70 लोगों ने कूरियर कर चोरी के मोबाइल वापस भेजे हैं। ये 70 मोबाइल उन 1200 मोबाइल में से हैं, जिन्हें छिनैतों ने छीन लिया था या चोरी कर लिया था या फिर पिछले दो सालों में फोन मालिकों से खो गए थे।
चोरी हुए कुल कितने मोबाइल वापस मिले? क्रम राज्य / केंद्र शासित प्रदेश मोबाइल ब्लॉक मोबाइल ट्रेस मोबाइल रिकवर 1 अंडमान और निकोबार 1,126 731 418 2 आंध्र प्रदेश 1,11,438 68,871 24,272 3 अरुणाचल प्रदेश 5,029 3,738 1,537 4 असम 31,488 21,867 7,261 5 बिहार 44,702 30,103 3,345 6 चंडीगढ़ 1,900 1,208 141 7 छत्तीसगढ़ 85,023 58,918 19,185 8 दादरा नगर हवेली व दमण दीव 2,644 1,820 399 9 गोवा 8,074 4,919 831 10 गुजरात 97,265 56,878 21,352 11 हरियाणा 53,241 33,356 7,491 12 हिमाचल 15,846 10,886 3,580 13 जम्मू-कश्मीर 10,120 6310 2,252 14 झारखंड 14,309 9,240 1,164 15 कर्नाटक 3,82,204 2,06,041 78,665 16 केरल 50,153 31,972 6,894 17 कोलकाता 12,643 4,504 978 18 लद्दाख 285 181 71 19 मध्य प्रदेश 1,00,526 63,382 19,372 20 महाराष्ट्र 4,08,475 2,31,351 44,128 21 मणिपुर 185 94 27 22 मेघालय 4,441 3209 1,122 23 मिजोरम 1,897 1,211 456 24 नगालैंंड 529 392 48 25 दिल्ली 7,79,705 4,98,965 9,032 26 ओडिशा 15,286 10,261 1,157 27 पुदुचेरी 5,678 3,617 1,233 28 पंजाब 83,710 58,137 5,948 29 राजस्थान 98,908 65,598 26,638 30 सिक्किम 1,251 825 209 31 तमिलनाडु 1,32,543 77,907 25,952 32 तेलंगाना 3,40,094 1,89,970 79,028 33 त्रिपुरा 1,124 733 84 34 लक्षद्वीप 11 5 2 35 उत्तर प्रदेश 1,85,156 1,15,349 28,891 36 उत्तराखंड 16,057 9,940 1,753 37 पश्चिम बंगाल 1,22,852 67,163 11,455 38 मोबाइल वापस मिलने की नहीं थी उम्मीदगाजियाबाद में चोरी हुए 1200 मोबाइल में से एक विनोद कुमार गुप्ता का भी था। विनोद कुमार गुप्ता का मोबाइल अगस्त 2023 में चोरी हुआ था। वह बताते हैं कि कौशांबी से लालकुआं बस से जा रहे थे। बस में उनको झपकी आ गई, जब आंख खुली तो मोबाइल गायब था। कंडक्टर को इसकी जानकारी दी। बस में सबकी तलाशी भी ली गई, लेकिन मोबाइल नहीं मिला। इसके पुलिस स्टेशन जाकर एफआईआर दर्ज कराई थी।
गुप्ता बताते हैं कि अगर सच कहूं तो मोबाइल वापस मिल जाएगी, इसकी जरा भी उम्मीद नहीं थी। वह अपने पैन कार्ड, आधार कार्ड जैसे सभी जरूरी दस्तावेजों की सॉफ्ट कॉपी और बैंकिंग एप लॉगिन होने को लेकर चिंतित थे।
खैर, वक्त के साथ चिंता भी कम होने लगी थी, लेकिन इस साल 13 अप्रैल को मुझे मेरा मोबाइल वापस मिल गया। यह पहली बार जब मुझे लगा कि पुलिस अपना काम बखूबी कर रही है। उनका मोबाइल भटिंडा से कूरियर किया गया।
पुलिस का कॉल आया तो मोबाइल कूरियर कियाभटिंडा निवासी गुप्ता के मोबाइल को यूज करने वाला शख्स बताता है, मेरा भाई दिसंबर, 2023 में दिल्ली गया था। वहां एक दुकान से यह मोबाइल खरीदा था। जब गाजियाबाद पुलिस का कॉल आया और कहा कि यह मोबाइल चोरी का है तो शुरुआत में मुझे लगा कि यह कोई साइबर फ्रॉड करने वाले शख्स की कॉल है, क्योंकि मोबाइल को यूज करते हुए साल से ज्यादा का समय बीत चुका था।
फिर मैंने यूपी पुलिस की वेबसाइट पर अधिकारी की ओर से दी गई जानकारी और मोबाइल नंबर वेरीफाई किया। मोबाइल नंबर वेबसाइट पर दिया हुआ था। जब मुझे यकीन हुआ कि यह गाजियाबाद पुलिस की ओर से कॉल थी। उसके बाद मैंने अपने परिवार को पूरी बात बताई। मेरी फैमिली ने मोबाइल वापस करने की सलाह दी। इसके बाद मैंने मोबाइल कूरियर कर पुलिस के पास भेजा।
क्या चोरी हुए मोबाइल को ट्रैक करना आसान है?दूरसंचार विभाग के सेंट्रल इक्विपमेंट आइडेंटिटी रजिस्टर यानी CEIR पोर्टल की वजह से अब खोए या चोरी हुए मोबाइल की ट्रैकिंग आसान हो गई है। हां, इसके लिए जरूरी यह है कि आईएमईआई (IMEI) नंबर से छेड़छाड़ न हुई हो। अगर IMEI नंबर से tampered (छेड़छाड़) कर दिया तो ट्रैकिंग नहीं हो पाएगी।
गाजियाबाद पुलिस के मुताबिक, हर साल लाखों चोरी किए गए मोबाइल IMEI नंबर tampered किए बिना ही बेच दिए जाते हैं, ऐसे मोबाइल फोनों को ट्रेस किया जा रहा है।
अब कितने मोबाइल वापस मिले?अगर आंकड़ों पर नजर डाले तो देखेंगे कि CEIR पोर्टल 16 मई, 2023 से लेकर अब तक 50 लाख से ज्यादा मोबाइल फोन के चोरी या खोने की शिकायत CEIR पोर्टल पर रजिस्टर की गई है। इनमें से 32 लाख 27 हजार 542 को ब्लॉक किया गया है, जबकि 19 लाख 50 हजार 480 मोबाइल फोन का पता लगा लिया गया। हालांकि, देश भर रिकवरी सिर्फ साढ़े चार लाख मोबाइल फोन की ही हो सकी है।
CEIR पर कैसे ट्रेस करे मोबाइल?- CEIR की वेबसाइटceir.gov.in पर लॉगिन करें।
- ब्लॉक योर मोबाइल विकल्प पर क्लिक करें, IMEI नंबर समेत डिटेल फिल करें।
- पुलिस में शिकायत करते वक्त जो एफआईआर दर्ज की हो, उसकी कॉपी अपलोड करें।
- सबमिट का बटन दबाकर अपने मोबाइल को ब्लॉक करें ताकि मिसयूज न हो सके।
- शिकायत की स्थिति जानने के लिए पोर्टल पर 'चेक स्टेटस' के ऑप्शन पर क्लिक करें।
- अगर मोबाइल मिल जाता है तो CEIR के पोर्टल पर फोन को अनब्लॉक करें।
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Source:
- CEIT पोर्टल- ceir.gov.in
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