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कर्नल सोफिया कुरैशी और विंग कमांडर व्योमिका सिंह को ब्रीफिंग के लिए क्यों चुना गया? अब सामने आई वजह
मनीष तिवारी, नई दिल्ली। ऑपरेशन सिंदूर की देश को जानकारी देने के लिए सेना और विदेश मंत्रालय की साझा प्रेस कांफ्रेंस का समय जब निर्धारित समय दस बजे से आधे घंटे के लिए आगे बढ़ाया गया तब इसे एक अहम मामले में स्वाभाविक देरी समझा गया था।
लेकिन जब वहां मौजूद मीडिया को यह जानकारी दी गई है कि विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विक्रम मिसरी के साथ दो महिला सैन्य अफसर विंग कमांडर व्योमिका सिंह और कर्नल सोफिया कुरैशी राष्ट्रीय मीडिया को पहलगाम के बर्बर आतंकी हमले पर भारत के प्रतिकार की जानकारी देंगी तब यह स्पष्ट हुआ कि इसके जरिये भारत ने अस्वाभाविक कदम उठाते हुए कितना बड़ा और शक्तिशाली संदेश दुनिया को दिया है।
कनिष्ठ महिला सैन्य अफसरों को मिला दायित्वआम तौर पर ऐसी ब्रीफिंग डीजीएमओ या सेना के मुख्यालय में तैनात ब्रिगेडियर स्तर के अधिकारी द्वारा की जाती है, लेकिन अपेक्षाकृत कनिष्ठ महिला सैन्य अफसरों को यह दायित्व देकर भारत ने आतंकवादियों और उनके हमदर्दों को उनकी हैसियत ही बताने का काम किया।
गुलाम जम्मू-कश्मीर और पाकिस्तान के भीतर की गई सैन्य कार्रवाई जितनी नपी-तुली थी और स्थिति के अनुकूल थी, उतना ही जिम्मेदारी भरा और सबक सिखाने वाला संदेश था इन दो महिला अफसरों का ब्रीफिंग के लिए चयन। सबक इसलिए, क्योंकि इन्हीं महिला अफसरों ने आतंकियों और पाकिस्तान को उनकी करतूतें गिनाईं, प्रमाण दिए, आईना दिखाया और उन्हें दी गई सजा का हाल भी सुनाया।
आतंक के 9 ठिकाने तबाह- इस ऑपरेशन के कोड नेम-सिंदूर के बाद यह दूसरा ऐसा कदम था, जिसने पहलगाम के एक पर्यटक स्थल (बैसरन) में दिखाई गई अमानवीयता के विरुद्ध देश के संकल्प, सोच और दिशा का प्रदर्शन किया।
- कर्नल कुरैशी ने कहा- भरोसेमंद गुप्तचर सूचना के आधार पर हमने आतंक के उन नौ ठिकानों को छांटकर ध्वस्त कर दिया जो सीमा पार आतंकवाद में शामिल थे। वायुसेना में विंग कमांडर व्योमिका सिंह ने भी पूरे आत्मविश्वास के साथ यह घोषणा कि भारतीय सैन्य बल पाकिस्तान के किसी भी दुस्साहस का सामना करने के लिए पूरी तरह तैयार हैं, लेकिन उन्हें आतंकी घटनाओं जैसे उकसावे वाले कार्यों का जवाब देने में भी निर्णायक प्रहार के साथ-साथ संयम बरतना भी आता है।
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चीन के सामने रोया पाकिस्तान तो ड्रैगन ने दिखाया आईना; बोला- 'हम आतंकवाद के खिलाफ...'
पीटीआई, इस्लामाबाद। पाकिस्तान ने बुधवार को चीन के राजदूत जियांग जेडोंग को भारत के साथ बढ़े तनाव और हालिया सैन्य घटनाक्रम के बारे में जानकारी दी। बुधवार तड़के भारत ने पहलगाम आतंकी हमले के जवाब में पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) और पाकिस्तान में आतंकी ठिकानों पर मिसाइल हमले किए। इन हमलों में जैश-ए-मोहम्मद (JeM) के बहावलपुर आतंकी कैंप सहित नौ ठिकानों को निशाना बनाया गया। बहावलपुर जैश का एक मजबूत गढ़ माना जाता है।
पाक डिप्टी प्रधानमंत्री ने चीन को बताया भारत की 'संप्रभुता के उल्लंघन' का मामलापाकिस्तान के विदेश कार्यालय के अनुसार, चीनी राजदूत ने डिप्टी प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री इशाक डार से मुलाकात की और मौजूदा तनाव पर चर्चा की। विदेश कार्यालय ने बयान में कहा, "डिप्टी प्रधानमंत्री ने चीनी राजदूत को भारत की ओर से पाकिस्तान की संप्रभुता के 'उल्लंघन' और बेगुनाह लोगों की दर्दनाक मौत के बारे में जानकारी दी।"
इशाक डार ने जोर देते हुए कहा कि पाकिस्तान अपनी हुकूमत और सरहदी अखंडता की हिफाजत हर कीमत पर करेगा।
चीन ने दोनों मुल्कों से संयम बरतने की अपील कीबैठक के दौरान दोनों पक्षों ने इलाके की सुरक्षा से जुड़े ताजा हालात पर राय साझा की और तमाम जरूरी इलाकों में नजदीकी बनाए रखा। इसी बीच चीन के विदेश मंत्रालय ने बयान जारी कर भारत और पाकिस्तान से सबसे ज़्यादा संयम बरतने की अपील की। बयान में कहा गया, "हम मौजूदा सूरत-ए-हाल से फिकरमंद हैं। भारत और पाकिस्तान हमेशा एक-दूसरे के पड़ोसी रहेंगे। वो चीन के भी पड़ोसी हैं।"
चीन ने आतंकवाद को लेकर की कड़ी आलोचना, भारतीय एक्शन पर जताया 'अफसोस'चीनी विदेश मंत्रालय ने आगे कहा, "चीन हर किस्म की दहशतगर्दी के सख्त खिलाफ है।" चीन का यह बयान पहलगाम में हुए आतंकी हमले की तरफ इशारा था, जिसमें 26 लोग मारे गए थे।
बयान में आगे कहा गया, "हम दोनों पक्षों से अपील करते हैं कि वो इलाके में अमन कायम करें और संयम बरतें और ऐसे कदमों से परहेज करें जो हालात को और संगीन बना सकते हैं।" चीन ने भारत की सैन्य कार्रवाई को 'अफसोसनाक' बताया और अंतरराष्ट्रीय बिरादरी के साथ मिलकर तनाव घटाने की वकालत की है।
Bihar News: अब सरकारी अस्पतालों में नहीं होगी दवाओं की कमी! नीतीश सरकार ने कर दिया बड़ा काम
राज्य ब्यूरो, पटना। प्रदेश सरकार ने सरकारी अस्पतालों में रोगियों को मुफ्त दवाएं मुहैया कराने की पूर्व से चल रही योजना के तहत करीब ढ़ाई सौ करोड़ रुपये का आवंटन स्वीकृत किया है।
वित्तीय वर्ष 2025-26 के तहत मेडिकल कालेज अस्पतालों और अन्य चिकित्सा शैक्षणिक संस्थानों के लिए कुल 136.91 करोड़ रुपये जारी किए गए हैं।
इसके अलावा जिला एवं अनुमंडलीय अस्पतालों को 90 करोड़ और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों के लिए 23.08 करोड़ का आवंटन स्वीकृत किया गया है।
स्वास्थ्य विभाग से मिली जानकारी के अनुसार दवाओं के लिए राशि स्वीकृत करने के साथ ही विभाग ने दवाओं की खरीद के लिए गाइडलाइन भी जारी की है।
मेडिकल कॉलेज अस्पतालों के लिए स्वीकृत राशि में से 70 प्रतिशत हिस्सा बिहार स्वास्थ्य सेवाएं आधारभूत संरचना निगम के स्तर पर खर्च होगा और वह दवाओं की खरीद करेगा।
शेष 30 प्रतिशत राशि से मेडिकल कॉलेज अस्पताल अपने स्तर पर स्थानीय बाजार से दवाएं खरीद सकेंगे। दूसरी ओर जिला अस्पतालों की राशि में से 80 प्रतिशत राशि का उपयोग स्वास्थ्य सेवाएं आधारभूत संरचना करेगा जबकि 20 प्रतिशत राशि से सिविल सर्जन दवाओं की खरीद कर सकेंगे।
अस्पतालवार दवाओं के लिए आवंटित राशि- पीएमसीएच, पटना - 36.80 करोड़
- डीएमसीएच, दरभंगा - 26.40 करोड़
- एनएमसीएच, पटना - 8 करोड़
- एएनएमसीएच, गया - 14.40 करोड़
- जेएलएनएमसीएच, भागलपुर - 14.40 करोड़
- एसकेएमसीएच, मुजफ्फरपुर - 36 करोड़
- इंदिरा गांधी हृदय रोग संस्थान - 3.20 करोड़
- राजकीय दंत महाविद्यालय, पैठान, रहुई - 2.40 करोड़
- जीएमसीएच, बेतिया - 3.20 करोड़
- बिम्स, पावापुरी - 4.80 करोड़
- जेकेटीएमसीएच, मधेपुरा - 1.60 करोड़
- जीएमसीएच, पूर्णिया - 2.40 करोड़
- श्रीराम जानकी मेडिकल कॉलेज अस्पताल - 80 लाख
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ऑपरेशन सिंदूर के बाद अब भारत को आंख नहीं दिखा पाएगा पाकिस्तान, स्ट्राइक ने ठिकाने लगा दी अक्ल
संजय मिश्र, जागरण। ऑपरेशन सिंदूर पाकिस्तान के खिलाफ आतंकवाद विरोधी अब तक किसी भी अन्य सैन्य ऑपरेशन की तुलना में केवल इसलिए अलग नहीं कि इसने पाकिस्तान को हतप्रभ और हैरान कर दिया बल्कि इस लिहाज से बेहद महत्वपूर्ण है कि भारत ने आतंकवाद के पनाहगार पाकिस्तान के लिए बालाकोट के बाद और बड़ी लक्ष्मण रेखा खींच दी है।
इस ऑपरेशन में पहली बार पाकिस्तान के खिलाफ मिसाइल से हमला कर भारत ने साफ संदेश दिया कि आतंकवाद फैलाने वालों को न्याय की सूली पर चढ़ाने के लिए अब बड़ी सैन्य कार्रवाईयों से भी परहेज नहीं करेगा।
25 मिनट में 24 मिसाइलों से हमलाऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तान के खिलाफ केवल 25 मिनट में 24 अत्याधुनिक क्रूज मिसाइलों से हमला इसका सबूत है और संभवत: संख्या के हिसाब से एक दिन में पाकिस्तान के खिलाफ भारत की ओर किया गया सबसे बड़ा मिसाइल हमला है।
पाकिस्तान में चार और पाक अधिकृत कश्मीर में पांच आतंकी ठिकानों पर हमले से इस्लामाबाद इसलिए हतप्रभ रह गया कि भारत ने सात मई को अपने नागरिकों को युद्ध के दौरान बचाव के लिए ट्रेनिंग ड्रिल का आयोजन करने का राज्यों को निर्देश दिया था तो भारतीय वायुसेना ने राजस्थान की सीमा पर इसी दिन युद्धाभ्यास के लिए नोटम जारी किया था।
इस बार अलग थी स्ट्राइक- भारत की इन तैयारियों के मद्देनजर पाकिस्तान को शायद ही आशंका थी कि इससे पहले ही बुधवार आधी रात को भारतीय सेनाएं न केवल पीओजेके बल्कि पाकिस्तान के 100 किमी भीतर बहावलपुर जैसे आतंकी कैंपों को ध्वस्त कर देगी। सैन्य ऑपरेशन में दुश्मन को हतप्रभ करने की इस रणनीति के साथ ही ऑपरेशन सिंदूर ऊरी के उपरांत सर्जिकल स्ट्राइक तथा पुलवामा के बाद बालाकोट में हुए एयर स्ट्राइक से आकार-प्रकार ही नहीं सामरिक रूप से भी बहुत बड़ा था।
- संदेश साफ है कि पाकिस्तान में बैठकर आतंकवाद फैलाने वालों को पाकिस्तानी सेना का रक्षा कवच भी अब बचा नहीं पाएगा। निसंदेह आतंकवाद को लेकर पाकिस्तान के खिलाफ भारत की सबसे बड़ी सैन्य कार्रवाई ऑपरेशन सिंदूर का बेलाग संदेह यही है। पहलगाम आतंकी हमले का जवाब देने के लिए ऑपरेशन सिंदूर भारतीय सेनाओं की जहां पेशेवर तथा संयमित कार्रवाई का भी नमूना है क्योंकि इसमें केवल आंतकी कैंपों को ही निशाना बनाया गया।
- पाकिस्तान के सैन्य प्रतिष्ठानों पर कोई कार्रवाई नहीं कर भारत ने दुनिया को यह भी संदेश दिया कि वह अग्रणी जवाबदेह राष्ट्र के रूप में युद्ध का पैरोकार नहीं है। इसीलिए केवल आतंकी ठिकानों पर कार्रवाई कर पाकिस्तान को आगाह किया है कि वह आतंकवाद को भारत के खिलाफ अपनी राजसत्ता का हथियार बनाने की हरकत जारी रखेगा तो क्षेत्रीय शांति बनाए रखना अकेले उसकी जिम्मेदारी नहीं होगी।
ऑपेरशन सिंदूर की बेहद चुनौतीपूर्ण मगर सटीक कार्रवाई में इस बार सेनाओं ने इसका भी खास ख्याल रखा कि पाकिस्तान को दुनिया के सामने पर्दा डालने की कोई गुंजाइश न मिले। इसीलिए ऑपरेशन का ब्यौरा साझा करने के दौरान सैन्य कार्रवाई की कुछ वीडियो तथा सेटेलाइट भी भारतीय सेनाओं ने दिखाई।
हालांकि यह अलग बात रही कि पाकिस्तानी सेना, सरकार, मीडिया तथा वहां के नागरिकों ने खुद बयानों तथा वीडियो के माध्यम से भारतीय सैन्य हमले से जान-माल को हुए नुकसान को खुलकर खुद ही साझा किया।
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Bihar Election 2025: चुनाव को लेकर एक्टिव हुए CM नीतीश, सभी NDA नेताओं को दे दिया नया टास्क
राज्य ब्यूरो, पटना। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बुधवार को भी एनडीए के घटक दलों के नेताओं के साथ बैठक कर एकजुटता का संदेश दिया।
बुधवार को हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (हम), लोजपा (रामविलास) और राष्ट्रीय लोक मोर्चा (रालोमो) के नेताओं ने मुख्यमंत्री से मुलाकात की।
इस दौरान सीएम ने जनता के बीच पिछले 20 सालों में हुए बदलावों की जानकारी देने का टास्क घटक दलों को दिया।
उन्हें बताया जाए कि वर्ष 2005 में क्या हालात थे और 2025 में क्या िस्थति है? शिक्षा, चिकित्सा, सड़क, बिजली, परिवहन समेत तमाम क्षेत्रों में किए गए कामों की जानकारी जनता को दी जाए, ताकि लोग जागरूक हो सके।
इसके लिए हाल ही में विमोचित की गई पुस्तिका बिहार का नव निर्माण : 20 साल बिहार के, बदलते बिहार में दर्ज उपलिब्धयों के बारे में लोगों को बताएं।
इसके साथ ही एनडीए के घटक दलों को आगामी चुनाव को देखते हुए क्षेत्र में एकजुटता दिखाने और समन्वय के साथ काम करने का निर्देश दिया गया।
चुनाव के दौरान किन मुद्दों को लेकर जनता के बीच जाना है, इन मुद्दों का चयन आपसी सहमति से किए जाने पर चर्चा हुई।
बैठक में ये नेता रहे शामिलबैठक में हम की ओर से राष्ट्रीय अध्यक्ष संतोष कुमार सुमन व प्रदेश अध्यक्ष डॉ. अनिल कुमार, लोजपा (रामविलास) की ओर से प्रदेश महासचिव संजय पासवान व मुख्य प्रवक्ता राजेश भट्ट जबकि रालोमो के प्रभारी प्रदेश अध्यक्ष मदन चौधरी जायसवाल शामिल हुए।
मालूम हो कि इसके पूर्व मुख्यमंत्री ने जदयू और भाजपा कोटे के मंत्रियों और नेताओं के साथ भी बैठक कर समन्वय बनाए रखने आदि पर जोर दिया था।
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राज्य ब्यूरो, पटना। प्रदेश कांग्रेस की ओर से बुधवार को सदाकत आश्रम में आयोजित एक मिलन समारोह में चंडी से दो बार के पूर्व विधायक और भाजपा नेता अनिल सिंह और जदयू के पूर्व प्रदेश महासचिव व एमएलए प्रत्याशी शंभू पटेल अपने समर्थकों के साथ कांग्रेस में शामिल हो गए।
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष राजेश राम ने इन नेताओं को कांग्रेस की सदस्यता दिलाई। राजेश राम ने इस दौरान कहा कि नए लोगों के पार्टी में आने से संगठन मजबूत होगा और सभी तबके तक पार्टी अपनी नीतियां और कार्यो को पहुंचा सकेगी।
मिलन समारोह में अनिल सिंह ने कहा कि वर्तमान सरकार पूंजीपतियों की सरकार है। इसमें अमीरों का विकास हो रहा है। मध्य वर्ग और गरीब तबके के लोग पिस रहे हैं। गरीबों को रोजगार नहीं मिल रहा है। ऐसे में इस दल में रहना कहीं से भी उचित प्रतीत नहीं हो रहा था।
क्या बोले शंभू पटेल?शंभू पटेल ने कहा कि जदयू में रहकर जनसेवा नहीं हो सकती। पार्टी अपने मूल विचारधारा से भटक चुकी है। इसलिए कांग्रेस से जुड़ समाज सेवा का निर्णय लिया है।
मिलन समारोह में ब्रजेश प्रसाद मुनन, जमाल अहमद, मोतीलाल शर्मा, जीतेन्द्र गुप्ता, राजेश राठौड़, मंजीत आनंद साहू, सौरभ सिन्हा, कुमार आशीष सहित अन्य नेतागण मौजूद रहे।
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गर्मी की छुट्टी में करें चारों धाम और सात ज्योतिर्लिंग के दर्शन, 27 मई से शुरू होगी ट्रेन सेवा
नीरज कुमार, पटना। गर्मी की छुट्टियों में अगर आप चारों धाम का करना चाहते हैं और ऐतिहासिकों स्थलों का भ्रमण करना चाहते हैं तो रेलवे आपको सुनहरा मौका प्रदान करने जा रहा है। भारतीय रेलवे की ओर से इसके लिए भारत गौरव ट्रेनों का संचालन किया जा रहा है। इसके अलावा, रेलवे की ओर से स्पेशल ट्रेनों का भी परिचालन किया जाएगा।
रेलवे की ओर से भारत गौरव ट्रेनों के माध्यम से उत्तर में बद्रीनाथ, पूर्व में जगन्नाथपुरी, दक्षिण में रामेश्वरम एवं पश्चिम में द्वारिका की यात्रा कराने का निर्णय लिया गया है। इस ट्रेन का शुभारंभ आगामी 27 मई को किया जाएगा। इस ट्रेनों की यात्रा 17 दिनों की होगी। यह ट्रेन कुल 8425 किलोमीटर लंबी यात्रा करेगी।
सात ज्योतिर्लिंगों के लिए भी गौरव ट्रेन की व्यवस्थादेश के सात ज्योतिर्लिंगों का दर्शन कराने के लिए भी रेलवे की ओर से एक दूसरी भारत गौरव ट्रेन रवाना की जाएगी।यह ट्रेन 31 मई से प्रारंभ होगी। इस ट्रेन में 700 यात्रियों को भ्रमण कराने की योजना बनाई गई है। यह ट्रेन 12 रात एवं 13 दिनों की होगी। इस ट्रेन का संचालन देखो अपना देश के तहत किया जा रहा है।
ऐतिहासिक स्थलों का भी भ्रमण कराएगा रेलवेदेश के ऐतिहासिक स्थलों को भी भ्रमण कराने के लिए रेलवे की ओर से योजना तैयार की गई है। रेलवे की ओर से भारत गौरव टूरिस्ट ट्रेन शिवाजी महाराज से जुड़े स्थलों का भी भ्रमण करायेगा। इसके लिए नौ जून को यात्रा प्रारंभ की जाएगी। यह यात्रा पांच रात एवं छह दिन की होगी।
यात्रा की शुरुआत छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस स्टेशन से करने का निर्णय लिया गया है। इस ट्रेन में 748 पर्यटकों को भ्रमण करने की व्यवस्था की गई है। इस ट्रेन में पर्यटक दादर एवं ठाणे रेलवे स्टेशन पर भी सवार हो सकते हैं। अपनी विरासत को लोगों तक पहुंचाने के लिए रेलवे की ओर से पहल की गई है।
इस ट्रेन के पर्यटक रायगढ़ किला का भ्रमण करेंगे। इसके अलावा, लाल महल, कसबा गणपति और शिवसृष्टि, शिवनेरी किला, पन्हाला किला एवं प्रतापगढ़ किला का भ्रमण करेंगे। वहीं, प्रसिद्ध ज्योतिलिंग भीमाशंकर एवं कोल्हापुर महालक्ष्मी मंदिर का भी लोग दर्शन करेंगे। छत्रपति शिवाजी महाराज को लेकर भारतीय रेलवे की ओर से पहली बार पहल की गई है।
मालूम हो कि रायगढ़ किले में ही छत्रपति शिवाजी महाराज का राज्याभिषेक हुआ था। बाद में यह किला मराठा साम्राज्य की राजधानी बनी। वहीं लाल महल का निर्माण 1630 शाहजी भोसले ने अपनी पत्नी जीजाबाई एवं पुत्र शिवाजी महाराज के लिए कराया था।
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Mock Drill: मॉकड्रिल-ब्लैकआउट को लेकर सभी 6 जिलों के DM से मांगी गई रिपोर्ट, अब ये है सरकार का प्लान
राज्य ब्यूरो, पटना। गृह मंत्रालय के निर्देश पर राज्य के छह जिलों में की गई मॉकड्रिल का अनुमंडल स्तर पर विस्तार किया जाएगा। इसके अलावा नए जिलों में भी मॉकड्रिल कराए जाने की योजना है।
इसके लिए बुधवार को हुई मॉकड्रिल और ब्लैकआउट की सेक्टरवार (क्षेत्रवार) समीक्षा की जाएगी। राज्य के नागरिक सुरक्षा महानिदेशालय ने इस बाबत सभी छह जिलों के डीएम से बिंदुवार रिपोर्ट मांगी है।
इस रिपोर्ट के आधार पर नागरिक सुरक्षा (सिविल डिफेंस) की तैयारियों को परखा जाएगा और कमियों की पहचान कर उसे दूर करने के लिए विस्तृत कार्ययोजना बनाई जाएगी।
बुधवार को होने वाले मॉकड्रिल को लेकर भी दिनभर पुलिस मुख्यालय से लेकर निदेशालय तक बैठकों का दौर चला।
गृह मंत्रालय के निर्देश के अनुपालन को लेकर अधिकारी संबंधित जिलों के अधिकारियों से मॉकड्रिल की तैयारियों की रिपोर्ट लेते रहे।
शाम को होने वाले ब्लैकआउट को लेकर भी संबंधित अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए गए। वरीय अधिकारियों के अनुसार, मॉकड्रिल और ब्लैकआउट को लेकर सभी छह जिलों के शहरी क्षेत्र को अलग-अलग सेक्टर में बांटा गया।
हर सेक्टर में जिला प्रशासन के अधिकारियों के साथ होमगार्ड, अग्निशमन, सिविल डिफेंस, एनसीसी कैडेट आदि को लगाया गया।
हर सेक्टर से इस बात की रिपोर्ट मांगी गई है कि मॉकड्रिल में कितने कर्मी शामिल हुए, मॉकड्रिल एयर स्ट्राइक, बम निरोधक जैसे किन विषयों पर किया गया।
इसमें जनता का रिस्पांस कैसा रहा, सबसे बेहतर सेक्टर और सबसे कमजोर सेक्टर कौन सा रहा, इन सारे बिंदुओं की रिपोर्ट की समीक्षा के आधार पर ही आगे की कार्ययोजना तैयार की जाएगी।
12 हजार स्वयंसेवक है सिविल डिफेंस केविभागीय अधिकारियों के अनुसार, राज्य में सिविल डिफेंस के करीब 12 हजार नए-पुराने स्वयंसेवक हैं। इन सदस्यों के माध्यम से स्कूल-कॉलेज से लेकर विभिन्न स्तरों पर नागरिकों को युद्ध जैसी स्थितियों से निबटने और बचाव का प्रशिक्षण दिया जा रहा है।
इसके अलावा मॉकड्रिल में अग्निशमन, होमगार्ड, एनसीसी आदि की भी मदद ली जा रही है। यह प्रशिक्षण आगे भी जारी रहेगा।
हाल के वर्षों में नागरिक सुरक्षा निदेशालय की ओर से प्राय: भूकंप, अगलगी, बाढ़ जैसी आपदा को लेकर मॉकड्रिल अधिक की जाती थी मगर बदले हालात को देखते हुए युद्ध की िस्थति या एयर स्ट्राइक से बचाव को लेकर भी मॉकड्रिल की जाएगी।
मॉकड्रिल के माध्यम से नागरिक सुरक्षा की तैयारियों को परखा जा रहा है। इसके लिए 12 बिंदु तय किए गए हैं, जिसकी जिलावार समीक्षा की जाएगी। इस समीक्षा रिपोर्ट के आधार पर कमजोरियों को दूर किया जाएगा और अपनी तैयारी मजबूत की जाएगी।- परेश सक्सेना, महानिदेशक सह आयुक्त, असैनिक सुरक्षा, बिहार
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पटना हाईकोर्ट का डॉक्टरों के लिए बड़ा फैसला, महिला चिकित्सकों के हक में लिया डिसीजन
विधि संवाददाता, पटना। महिला डॉक्टरों के अधिकारों को लेकर पटना हाईकोर्ट ने एक महत्वपूर्ण फैसला सुनाया है। कोर्ट ने नालंदा मेडिकल कॉलेज अस्पताल, पटना में कार्यरत डॉ. अतुलिका प्रकाश और डॉ. अल्का कुमारी की याचिका पर सुनवाई करते हुए आदेश दिया है कि उन्हें मातृत्व अवकाश की अवधि का अनुभव प्रमाणपत्र और उस अवधि का मानदेय तुरंत दिया जाए।
एमबीबीएस के बाद एमडी की पढ़ाई की थी पूरीयाचिकाकर्ताओं ने कोर्ट को बताया कि उन्होंने एमबीबीएस के बाद एमडी (जनरल मेडिसिन) की पढ़ाई पूरी की और राज्य सरकार के साथ एक अनुबंध किया कि वे डिग्री पूरी करने के बाद तीन वर्षों तक बिहार सरकार की सेवा करेंगी।
सीनियर रेसिडेंट के रूप में दे रहीं सेवाएंवे वर्तमान में एनएमसीएच में सीनियर रेसिडेंट के रूप में सेवाएं दे रही हैं। उनका कथन है कि 2022 में राज्य सरकार ने एक आदेश जारी किया, जिसमें कहा गया कि मातृत्व अवकाश की अवधि को कार्यानुभव में नहीं जोड़ा जाएगा और उस अवधि का मानदेय भी नहीं दिया जाएगा।
अवकाश की अवधि को कार्य अनुभव मेंइससे प्रभावित होकर याचिकाकर्ताओं ने हाईकोर्ट की शरण ली। याचिकाकर्ताओं के वरीय अधिवक्ता बिनोदानंद मिश्रा ने कोर्ट को बताया कि सरकार ने पहले ही 29 नवंबर 2022 को एक संशोधित आदेश जारी कर स्पष्ट किया था कि मातृत्व अवकाश की अवधि को कार्य अनुभव में गिनी जाएगी और मानदेय भी दिया जाएगा।
नहीं मिल रहा था आदेश के बाद लाभइसके बावजूद अभी तक याचिकाकर्ताओं को इसका लाभ नहीं मिला है। कोर्ट ने इस देरी को गंभीरता से लेते हुए स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव को निर्देश दिया है कि वे तत्काल एनएमसीएच के प्राचार्य को आदेश देकर अनुभव प्रमाणपत्र जारी करवाएं। साथ ही राज्य सरकार को इस आदेश का पालन सुनिश्चित करने और अगली सुनवाई (24 जून 2025) से पहले अनुपालन रिपोर्ट दाखिल करने को कहा गया है।
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