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जो कहा, वो किया! मोदी, शाह और राजनाथ की रणनीति से घुटने पर आया पाकिस्तान, सेना के पराक्रम ने मनवाया लोहा

Dainik Jagran - National - May 7, 2025 - 10:57pm

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। पहलगाम आतंकी हमले के बाद शोक और पीड़ा से गुजर रहे देशवासियों को ऑपरेशन सिंदूर से जो संतोष मिला है, वही प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के शब्दों में भी महसूस हुआ। आतंकी ठिकानों पर हुई अकल्पनीय जवाबी कार्रवाई के बाद पीएम मोदी ने कैबिनेट की बैठक में ऑपरेशन की जानकारी मंत्री परिषद के साथ साझा करते हुए अपनी भावनाएं व्यक्त कीं।

सेना के शौर्य पर गर्व जताते हुए उन्होंने कहा, 'सारा देश हमारी ओर देख रहा था, भारत की ओर से यह हमला होना ही था।' मंगलवार की देर रात हुई इस कार्रवाई के बाद बुधवार सुबह पीएम ने कैबिनेट की बैठक में मंत्री परिषद के सदस्यों को बताया कि ऑपरेशन बिल्कुल योजना के अनुसार ही किया गया और इसमें किसी भी तरह की कोई गलती नहीं हुई।

गृह मंत्री ने बताया मजबूत संदेश

वहीं केंद्रीय गृह व सहकारिता मंत्री अमित शाह ने ऑपरेशन सिंदूर को भारत की सीमा, सेना और नागरिकों की ओर आंख उठाने वालों को भारत का करारा जवाब बताया है। पाकिस्तान और नेपाल सीमा से सटे राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से बैठक में शाह ने सोशल मीडिया अवांछनीय तत्वों द्वारा देश विरोधी दुष्प्रचार पर कड़ी नजर रखने और उनके खिलाफ त्वरित कार्रवाई सुनिश्चित करने को कहा।

अमित शाह ने कहा कि पहलगाम आतंकी हमले का ऑपरेशन सिंदूर के माध्यम से दिया गया जवाब पूरी दुनिया के लिए मजबूत संदेश है। इसके साथ ही यह पूरी दुनिया के लिए मोदी सरकार की आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस नीति का परिचायक भी है।

रक्षा मंत्री ने रामचरितमानस की चौपाई सुनाई
  • भारतीय सेना के जवानों के सम्मान में भारत माता की जय का उद्घोष करते हुए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन में भारतीय सेना ने हम सभी का मस्तक ऊंचा कर दिया। ऑपरेशन सिंदूर के तहत आतंकी ठिकानों पर की गई कार्रवाई पर भारत की सोच को स्पष्ट करते हुए रक्षा मंत्री ने रामचरितमानस की चौपाई का सहारा लिया।
  • कहा- हमने हनुमान जी के उस आदर्श का पालन किया, जो उन्होंने अशोक वाटिका उजाड़ते समय किया- जिन्ह मोहि मारा, ते मैं मारे। हमने केवल उन्हीं को मारा, जिन्होंने हमारे मासूमों को मारा। राजनाथ सिंह ने कहा कि कल रात भारतीय सेना ने अद्भुत शौर्य और पराक्रम का परिचय देते हुए एक नया इतिहास रच दिया है। भारतीय सेना ने सटीकता, सतर्कता और संदेवनशीलता के साथ कार्रवाई की है।

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Khelo India Youth Games: गतका में बिहार के खिलाड़ियों ने कर दिया कमाल, जीते रिकॉर्ड नौ पदक

Dainik Jagran - May 7, 2025 - 10:45pm

जागरण संवाददाता, पटना। खेलो इंडिया यूथ गेम्स के चौथे दिन बोधगया के इंडियन इंस्टीट्यूट आफ मैनेजमेंट के ओपन ग्राउंड में खेली गई गतका स्पर्धा में बिहार के खिलाड़ियों ने नौ पदक जीते। गतका में प्रदेश की अंशु ने रजत, आकाश कुमार शर्मा, सक्षम सुजीत पांडेय, सुशांत कुमार और आनंद सगूड कांस्य, जबकि बालिका वर्ग में कोमल जैन, अदिती राज, अंशिका, अनन्या ने कांस्य पदक जीता। इनके कोच जसबीर सिंह, बलराज सिंह और सुरज कुमार शर्मा है। यह गतका में बिहार का खेलो इंडिया के किसी भी संस्करण में सबसे बेहतर प्रदर्शन है।

दर्शकों ने बढ़ाया खिलाड़ियों का उत्साह 

बुधवार का दिन गतका के लिए ऐतिहासिक रहा। इस पारंपरिक खेल के सभी छह स्वर्ण पदक दांव पर थे। दिन की शुरुआत शांत माहौल में हुई, लेकिन आधे घंटे के भीतर जब बड़ी संख्या में स्कूली बच्चे दर्शक बनकर पहुंचे, तो माहौल जोश से भर गया। हर मुकाबला उत्साहपूर्ण दर्शकों के सामने जोश के साथ लड़ा गया।

टीम और सिंगल में जीता पदक

प्रतियोगिता के बाद यह साफ था कि गतका जो एक पारंपरिक युद्धकला है को अब नया जोश और नया जीवन मिल रहा है। टीम फर्री सोटी बालिका और बालक वर्ग में बिहार ने कांस्य जीता। सिंगल सोटी बालिका वर्ग में अंशु ने रजत पदक दिलाया। फर्री सोटी व्यक्तिगत बालक और बालिका वर्ग में आकाश कुमार शर्मा और कोमल जैन ने कांस्य पदक हासिल किए। यह प्रदर्शन बिहार को खेल के क्षेत्र में आगे ले जाने में बड़ी भूमिका निभाएगा।

बुधवार को गतका में पदक विजेता:

टीम फर्री सोटी (बालिका):

स्वर्ण: झारखंड

रजत: महाराष्ट्र

कांस्य: बिहार और मध्य प्रदेश

टीम फर्री सोटी (बालक):

स्वर्ण: चंडीगढ़

रजत: पंजाब

कांस्य: झारखंड और बिहार

सिंगल सोटी व्यक्तिगत (बालक):

स्वर्ण: गुरसेवक सिंह (पंजाब)

रजत: अशदीप सिंह (पंजाब)

कांस्य: गगनदीप सिंह (दिल्ली), मंदीप सिंह (हरियाणा)

सिंगल सोटी व्यक्तिगत (बालिका):

स्वर्ण: तमन्ना (पंजाब)

रजत: अंशु (बिहार)

कांस्य: अर्शप्रीत कौर सग्गू (मध्य प्रदेश), अवनीत कौर (पंजाब)

फर्री सोटी व्यक्तिगत (बालक):

स्वर्ण: भूपिंदरजीत सिंह (चंडीगढ़)

रजत: जगदीप सिंह (पंजाब)

कांस्य: अमितोज सिंह डासन (छत्तीसगढ़), आकाश कुमार शर्मा (बिहार)

फर्री सोटी व्यक्तिगत (बालिका):

स्वर्ण: जस्मीत कौर (दिल्ली)

रजत: जशनदीप कौर (चंडीगढ़)

कांस्य: कोमल जैन (बिहार), सोनू कौर (पंजाब) 

मिले सुविधा तो और ज्यादा पदक जीतेंगे

गतका एसोसिएशन आफ बिहार के जनरल सेक्रेट्री भोला कुमार थापा ने कहा कि बिहार गतका के खिलाड़ियों ने खेलो इंडिया में पहली बार नौ पदक जीता है। यह पूरे बिहार के लिए गर्व की बात है। गतका के खिलाड़ियों को अगर मैदान की सुविधा मिल जाए तो हमारी टीम और ज्यादा पदक जीत सकती है। पंजाब के दो कोच खिलाड़ियों को प्रशिक्षण दे रही हैं।

कोच किए जाएं नियमित

गतका के जो कोच वर्तमान में बिहार की टीम को प्रशिक्षण दे रही हैं इन्हें नियमित किया जाना चाहिए। गतका के खिलाड़ियों को किट और जितने भी जिले में खेल भवन है उसके उपयोग की अनुमति दी जाए ताकि और ज्यादा से ज्यादा पदक हासिल कर सके। मेडल लाओ नौकरी पाओ के तहत गतका खेल में भी बेहतर करने वाले खिलाड़ियों को सरकारी नौकरी दी जाए। गतका एसोसिएशन आफ बिहार के अध्यक्ष जगजीवन सिंह ने खिलाड़ियों को बधाई दी। 

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Operation Sindoor के बाद कैसे बेहतर हो सकते हैं भारत-पाकिस्तान के रिश्ते? पूर्व राजदूत अजय बिसारिया ने दिया जवाब

Dainik Jagran - National - May 7, 2025 - 10:16pm

जयप्रकाश रंजन, नई दिल्ली। दिसंबर, 2015 में पठानकोट हमले के बाद से ही भारत और पाकिस्तान के रिश्ते लगातार बद से बदतर होते गये हैं लेकिन आपरेशन सिंदूर के बाद इन दोनों पड़ोसियों के रिश्ते अब लंबे समय तक रसातल में ही रहने की उम्मीद है। वर्ष 2019 में कश्मीर से अनुच्छेद 370 समाप्त करने के भारत के फैसले के बाद से दोनों देशों के बीच सामान्य कूटनीतिक व आर्थिक संबंध खराब हो चुके थे।

पहलगाम हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान के साथ सारे कारोबारी संबंधों को तोड़ कर और उच्चायोग में कर्मचारियों की संख्या घटा कर द्विपक्षीय संबंधों के दायरे को पहले ही सीमित कर दिया है। जानकारों का कहना है कि अब दोनों देशों के मौजूदा रिश्तों को सामान्य बनाने की तरफ लाने की शुरुआत के लिए भी कड़ी मशक्कत करनी होगी।

अगले कई महीनों तक दोनों देशों के बीच संबंध रह सकते हैं खराब

पाकिस्तान में भारत के पूर्व राजदूत अजय बिसारिया का कहना है कि, “दोनों देशों के पहले से ही खराब संबंध अगले कई महीनों तक और ज्यादा खराब रहने की उम्मीद है। लेकिन कूटनीति में वार्ता की संभावना हमेशा रहती है। पूर्व में हमने भारत व पाकिस्तान के बीच ऐसा होता देखा है।

पुलवामा हमले के बाद ही दोनों देशों के बीच संबंधों को सामान्य बनाने की दिशा में काम हुआ है। इस बार क्या होता है, यह बहुत कुछ इस बात पर निर्भर करेगा कि ऑपरेशन सिंदूर पर पाकिस्तान की तरफ से क्या प्रतिक्रिया होती है। अगर पाकिस्तान इसके जवाब में आज रात या बाद में सैन्य कार्रवाई करता है तो निश्चित तौर पर भारत भी उसके बाद जवाबी कार्रवाई करेगा।'' देश के प्रमुख रणनीतिक विश्लेषक ब्रह्मा चेलानी ने भी ऐसी ही संभावना जताई है।

पठानकोट हमले के बाद काफी बदल गए भारत-पाकिस्तान का रिश्ता

विदेश मंत्रालय के सूत्र बताते हैं कि, “दिसंबर, 2015 में हुए पठानकोट हमले के बाद भारत व पाकिस्तान के बीच रिश्तों में आमूल चूल बदलाव हुआ है। उसके पहले के दो वर्ष तक भारत ने पाकिस्तान के साथ संबंधों को नई दिशा देने की कोशिश की।

मई, 2014 में पीएम नरेन्द्र मोदी के शपथ ग्रहण समारोह में पाक पीएम नवाज शरीफ को आमंत्रित करना और 25 दिसंबर, 2015 को पीएम मोदी का अचानक लाहौर (शरीफ के घर शादी समारोह में) हिस्सा लेने के लिए जाना, भारत सरकार की नीति का हिस्सा था। लेकिन पठानकोट हमले के बाद भारत ने सीमा पार आतंकवाद के खिलाफ जीरो टोलेरेंस की नीति अख्तियार की। इस पर भारत की नीति दिनों दिन सख्त ही होती गई है। ऑपरेशन सिंदूर इसी नीति का हिस्सा है।''

इसके बावजूद भारत व पाकिस्तान के रिश्तों के इतिहास को देखा जाए तो हमेशा लंबे तनाव के बाद वार्ता की शुरुआत हुई है। वर्ष 1965 के युद्ध के बाद ताशकंद में हुआ समझौता या वर्ष 1971 की लड़ाई के बाद शिमला समझौता और वर्ष 1999 के कारगिल युद्ध के दो वर्ष बाद वर्ष 2001 में आगरा सम्मेलन, ये इस बात का उदाहरण हैं।

यहां तक कि वर्ष 2008 के मुंबई हमले के बाद भी वर्ष 2011 में क्रिकेट डिप्लोमेसी के जरिए दोनों देशों के बीच रिश्तों पर पटरी पर लाने की कोशिश हुई। लेकिन पठानकोट हमले के बाद दोनों देशों के बीच आधिकारिक तौर पर कोई बातचीत नहीं हुई है। विगत दस वर्षों में दोनों देशों के शीर्ष नेताओं या विदेश मंत्रियों या अन्य मंत्रियों के बीच कोई द्विपक्षीय मुलाकात नहीं हुई है। यह स्थिति लंबे अरसे तक बनी रह सकती है।

पहले दोनों देश के बीच तनाव के बावजूद कारोबार या खेल संबंधों पर कोई असर नहीं होता था लेकिन अब द्विपक्षीय कारोबार पूरी तरह से बंद हो चुका है। खेल संबंध भी सीमित होते जा रहे हैं। दोनों देशों ने एक दूसरे के आम नागरिकों को बाहर निकाल दिया है। इससे आम जनता के बीच संपर्क भी सीमित हो गया है। इसका असर द्विपभीय संबंधों पर भी दिखाई देगा।

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Operation Sindoor: 'जवाबी हमले की सोचना भी मत...', पाकिस्तान से निपटने के लिए भारत पूरी तरह तैयार; आतंकियों की अब खैर नहीं

Dainik Jagran - National - May 7, 2025 - 10:13pm

संजय मिश्र, नई दिल्ली। पहलगाम आतंकी हमले की जवाबी कार्रवाई में भारत ने ऑपरेशन सिंदूर को अंजाम दिया है। इसके तहत पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में करीब 100 किलोमीटर अंदर और गुलाम जम्मू-कश्मीर में मिसाइलों से हमला करते हुए नौ आतंकी ठिकानों को पूरी तरह ध्वस्त कर दिया गया।

भारतीय सेना और वायुसेना ने इस जबरदस्त एवं सटीक संयुक्त ऑपरेशन में लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद के मुख्यालयों पर धावा बोला उन्हें ध्वस्त कर दिया, जिन्हें पाकिस्तान के सबसे बड़े आतंकी सरगना हाफिज सईद और मसूद अजहर का अभेद्य किला माना जाता था।

हैमर स्मार्ट हथियार प्रणाली का हुआ यूज
  • सरकार ने इस ऑपरेशन के दौरान मरने वाले आतंकियों की संख्या नहीं बताई है, लेकिन मीडिया रिपोर्टों में उनकी संख्या 70 बताई गई है। मरने वालों में लश्कर के सरगना मसूद अजहर के परिवार के 10 सदस्य भी शामिल हैं।
  • ऑपरेशन सिंदूर के तहत मंगलवार-बुधवार रात 1.05 बजे से 1.30 के बीच भारतीय सेनाओं ने 25 मिनट के भीतर लक्ष्य को सटीक भेदने वालीं 24 अति आधुनिक विशिष्ट तकनीक वाले मिसाइलें पाकिस्तान और गुलाम जम्मू-कश्मीर में दागते हुए अपने लक्ष्य को पूरा किया।
  • इस सैन्य ऑपरेशन में इस्तेमाल किए गए हथियारों तथा मिसाइलों का ब्योरा आधिकारिक तौर पर साझा नहीं किया गया है, मगर बताया जाता है कि स्कैल्प डीप-स्ट्राइक क्रूज मिसाइलें, हैमर स्मार्ट हथियार प्रणाली, निर्देशित बम किट और एक्सकैलिबर गोला-बारूद दागने वाले एम-777 हावित्जर जैसे हथियार इसमें शामिल थे।

पाकिस्तान ने ही कर दी हमले की पुष्टि

अचानक एवं हतप्रभ करने वाली भारत की जवाबी सैन्य कार्रवाई में दर्जनों आतंकियों और उनके करीबियों के मारे जाने की पुष्टि खुद पाकिस्तान ने की है। भारत की यह सैन्य कार्रवाई उरी हमले के बाद सर्जिकल स्ट्राइक तथा पुलवामा हमले के बाद बालाकोट एयर स्ट्राइक की तुलना में सामरिक रूप से कहीं ज्यादा इसलिए बड़ी है क्योंकि इससे पाकिस्तान को साफ संदेश दिया गया है कि आतंकवाद का उसका घिनौना खेल अब भारत किसी रूप में बर्दाश्त नहीं करेगा।

दो महिला सैन्य अफसरों ने दिया ब्योरा
  • पाकिस्तान के विरुद्ध सैन्य कार्रवाई को अंजाम देने के बाद बुधवार सुबह 10.30 बजे भारतीय सेना की दो महिला अफसरों थलसेना की कर्नल सोफिया कुरैशी तथा वायुसेना की विंग कमांडर व्योमिका सिंह ने विदेश सचिव विक्रम मिसरी के साथ प्रेस कान्फ्रेंस में ऑपरेशन सिंदूर का पूरा ब्योरा साझा किया।

  • कर्नल सोफिया कुरैशी ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर में रात 1.05 बजे से 1.30 बजे के बीच लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मुहम्मद के मुख्यालयों समेत भारत में आंतक फैलाने में शामिल अन्य ठिकानों को निशाना बनाया गया।
  • विंग कमांडर व्योमिका सिंह ने कहा कि इस ऑपरेशन के लिए सटीक क्षमता और विशिष्ट प्रौद्योगिकी के युद्धक हथियारों का सावधानीपूर्वक चयन किया गया ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि कार्रवाई पूरी तरह निर्धारित लक्ष्य पर ही हो।
  • सभी नौ लक्ष्यों में विशिष्ट इमारत या इमारतों का समूह शामिल था और इन्हें पूरी तरह भेदकर ध्वस्त या निष्प्रभावी कर दिया गया। इस दौरान किसी भी सैन्य या असैन्य प्रतिष्ठान को निशाना नहीं बनाया गया और भारत ने अपनी प्रतिक्रिया में काफी संयम दिखाया है।
  • बौखलाए पाकिस्तान की भारत को दी गई युद्ध की धमकी का किसी तरह उल्लेख किए बिना विंग कमांडर सिंह ने कहा कि अगर वर्तमान स्थिति को बढ़ाने की कोई कोशिश हुई तो भारतीय सेनाएं ऐसे किसी दुस्साहस का जवाब देने के लिए पूरी तरह तैयार हैं।

विश्वसनीय खुफिया सूचनाओं पर दिया अंजाम

पाकिस्तान तथा गुलाम जम्मू-कश्मीर में नौ आतंकी ठिकानों पर हमले का ब्योरा देते हुए कर्नल सोफिया कुरैशी ने कुछ वीडियो तथा सेटेलाइट तस्वीरें साझा कीं और कहा कि ऑपरेशन सिंदूर के लिए लक्ष्य विश्वसनीय खुफिया सूचनाओं और आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने में इन ठिकानों की भूमिका को देखते हुए निर्धारित किए गए थे। नागरिक बुनियादी ढांचे और किसी भी नागरिक की जान को नुकसान से बचने के लिए इन ठिकानों का चयन काफी मेहनत से किया गया।

चार लक्ष्य पाकिस्तान व पांच गुलाम जम्मू-कश्मीर के

पाकिस्तान के भीतर जिन चार आतंकी ठिकानों को भारत के मिसाइल हमले ने ध्वस्त किया उनमें सियालकोट का सरजल कैंप अंतरराष्ट्रीय सीमा से छह किलोमीटर दूर तो सियालकोट का ही मेहमूना जोया कैंप 11 किलोमीटर दूर है। 

जबकि मुरीदके का मरकज तैयबा 25 किलोमीटर दूर है और यह हाफिज सईद के आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा का मुख्यालय था और यहीं मुंबई आतंकी हमले के दोषी अजमल कसाब व डेविड कोलमैन हेडली को ट्रेनिंग दी गई थी। 

जबकि अंतर्राष्ट्रीय सीमा से 100 किमी दूर पाकिस्तान के भीतर बहावलपुर का मरकज सुभान आतंकी संगठन जैश-ए-मुहम्मद का मुख्यालय था, जहां इसका सरगना मसूद अजहर अक्सर वहां आता-जाता रहा है।

गुलाम जम्मू-कश्मीर के जिन पांच आतंकी ठिकानों को ध्वस्त किया गया उनमें मुजफ्फराबाद का सवाई नाला कैंप नियंत्रण रेखा से 30 किलोमीटर दूर है और यहीं पहलगाम व जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा बलों पर हाल में हुए हमलों से जुड़े लश्कर-ए-तैयबा का प्रशिक्षण शिविर है।

मुजफ्फराबाद के ही सइदना बिलाल कैंप को भी ध्वस्त किया गया है, जहां आतंकियों को जंगल वारफेयर जैसी ट्रेनिंग दी जाती थी।

गुलाम जम्मू-कश्मीर में ऑपरेशन सिंदूर का तीसरा लक्ष्य कोटली का गुलपुर कैंप रहा जो नियंत्रण रेखा से 30 किलोमीटर दूर है और पुंछ-राजौरी में नौ जून 2024 को तीर्थ यात्रियों पर हमले के आंतकियों को यहीं प्रशिक्षित किया गया था। कर्नल कुरैशी ने कहा कि मुंबई के 26/11 हमले का मास्टरमाइंड जकीउर रहमान लखवी अक्सर गुलपुर कैंप में आकर आतंकियों का ब्रेनवाश करता रहा है।

आतंकी संगठनों को पंगु बनाना था लक्ष्य

पाकिस्तान के विरुद्ध भारत की सैन्य कार्रवाई को बिल्कुल सही ठहराते हुए कर्नल कुरैशी ने कहा कि तीन दशक से पाकिस्तान ने अपने यहां आतंकी बुनियादी ढांचे का जटिल नेटवर्क निर्मित किया है जिसमें भर्ती केंद्र, वैचारिक प्रशिक्षण केंद्र, प्रशिक्षण शिविर और ऑपरेशनल लांच पैड शामिल हैं। पाकिस्तान और गुलाम जम्मू-कश्मीर में फैला हुआ यह आतंकी ढांचा भारत में हमलों को लगातार अंजाम देता रहा है और इनके नोड्स को निशाना बनाने का मकसद आंतकी संगठनों की क्षमता को पंगु बनाना है।

लश्कर के हैंडल से खुलती है पोल

विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने कहा कि पहलगाम आतंकी हमले की जांच से पाकिस्तान में और वहां से भेजे गए आतंकियों के कम्युनिकेशन नोट्स सामने आए हैं। लश्कर-ए-तैयबा के ज्ञात इंटरनेट मीडिया हैंडल द्वारा उनकी पुन:पोस्टिंग खुद ही सब कुछ बयां करते हैं। पहलगाम हमले की विशेषताएं भारत में सीमापार से आतंक फैलाने के पाकिस्तान के लंबे ट्रैक रिकार्ड से भी मेल खाती हैं और पाकिस्तान दुनियाभर के आतंकियों के लिए एक पनाहगाह के रूप में कुख्यात है।

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Bihar News: बिहार के लापरवाह अफसरों को मिली कार्रवाई की चेतावनी, सचिव ने किया जवाब तलब

Dainik Jagran - May 7, 2025 - 9:43pm

राज्य ब्यूरो, पटना। उत्तर बिहार में पंचायतीराज विभाग की ओर से संचालित विभिन्न योजनाओं की बुधवार को समीक्षा हुई। इसमें 15वीं वित्त आयोग एवं छठे राज्य वित्त आयोग के तहत क्रियान्वित जनकल्याणकारी योजनाओं की तकनीकी एवं प्रशासनिक स्वीकृति को लेकर तेजी से खर्च करने की ओर विभाग के सचिव मनोज कुमार ने अधिकारियों का ध्यान आकृष्ट किया।

अफसरों से स्पष्टीकरण मांगने के निर्देश

इस क्रम में सचिव ने पांच जिलों की प्रगति जहां निरंतर कम है, वहां के अफसरों से स्पष्टीकरण मांगने के निर्देश दिए। साथ ही कार्रवाई की चेतावनी भी दी। पंचायत सरकार भवन निर्माण कार्य की समीक्षा के दौरान कहा गया कि जिन ग्राम पंचायतों में पंचायत सरकार भवन के निर्माण हेतु जमीन उपलब्ध नहीं हैं, वहां दान में जमीन प्राप्त करने की विशेष पहल की जाए।

मीटिंग हाल का नाम पूर्वजों के नाम पर

साथ ही पंचायत सरकार भवन के निर्माण हेतु जमीन दान देने वाले व्यक्तियों को सम्मानित करने एवं मीटिंग हाल का नाम पूर्वजों के नाम पर रखा जाए। मुख्यमंत्री ग्रामीण सोलर स्ट्रीट लाइट योजना के तहत राज्य की ग्राम पंचायतों में सोलर स्ट्रीट लाइट्स का तेजी से अधिष्ठापन किया जा रहा है। उत्तर बिहार के इन 21 जिलों की ग्राम पंचायतों में अब तक 3,92,054 सोलर स्ट्रीट लाइट्स अधिष्ठापित की गई है।

केंद्रीकृत अनुश्रवण प्रणाली महत्वपूर्ण

अधिष्ठापित सोलर स्ट्रीट लाइट्स के अनुश्रवण एवं रख-रखाव के लिए विभाग द्वारा ब्रेडा के माध्यम से विकसित केंद्रीकृत अनुश्रवण प्रणाली महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। ग्राम पंचायतों में लगाई गई सोलर स्ट्रीट लाइट्स केंद्रीकृत अनुश्रवण प्रणाली से जुड़ी रहें तथा 72 घंटे तक खराब सोलर लाइट ठीक नहीं किए जाने की स्थिति में संबंधित एजेंसी पर कार्रवाई सुनिश्चित करने का निर्देश दिया।

पंचायत ई-ग्राम कचहरी की भी समीक्षा

लंबित उपयोगिता प्रमाण पत्र, अंकेक्षण, लंबित न्यायिक वाद, ग्राम पंचायतों में संचालित आरटीपीएस केंद्र तथा पंचायत ई-ग्राम कचहरी की भी समीक्षा की गई। ग्राम पंचायतों में संचालित आरटीपीएस केंद्र क्रियाशील रहें, इस हेतु जिलों के उप-विकास आयुक्त को समीक्षा सुनिश्चित करने को कहा गया। बैठक में निदेशक आनंद शर्मा एवं विभाग की विशेष सचिव प्रीति तोंगरिया के अतिरिक्त अन्य पदाधिकारी एवं कर्मी भी उपस्थित थे। 

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ऑपरेशन सिंदूर के बाद एयरपोर्ट बंद, कैंसिल कर दी गई फ्लाइट; यात्रियों के लिए एयरलाइंस ने दी ये जानकारी

Dainik Jagran - National - May 7, 2025 - 9:14pm

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। पाकिस्तान के आतंकी ठिकानों पर हमले के लिए चलाए गए ऑपरेशन सिंदूर का असर देश के कम से कम 18 एयरपोर्ट पर देखने को मिला। बुधवार को देश के उत्तरी व पश्चिमी हिस्से के डेढ़ दर्जन एयरपोर्ट बंद रहे और इन वजहों से 200 से अधिक फ्लाइट रद हो गई।

एयर इंडिया, इंडिगो, स्पाइस जेट, एयर इंडिया एक्सप्रेस, आकासा एयर के साथ कई विदेशी एयरलाइंस की फ्लाइट रद रही। अकेले इंडिगो की 165 फ्लाइट रद बताई गई।

कई एयरस्पेस रहे बंद

पाकिस्तान के आतंकी ठिकानों पर हवाई हमलों के मद्देनजर कुछ एयरस्पेस के इस्तेमाल पर पाबंदी से श्रीनगर, लेह, जम्मू, अमृतसर, पठानकोट, चंडीगढ़, जोधपुर, जैसलमेर, शिमला, धर्मशाला व जामनगर जैसे एयरपोर्ट बंद रहे।

इंडिगो के मुताबिक एयरस्पेस पाबंदी की वजह से श्रीनगर, जम्मू, अमृतसर, चंडीगढ़, धर्मशाला, बीकानेर, जोधपुर जैसे एयरपोर्ट से विमान का आना और जाना दोनों ही बंद रहा। इंडिगो के मुताबिक फ्लाइट रद होने से प्रभावित यात्री अपनी यात्रा आगे बढ़ा सकते हैं या फिर वे टिकट को रद कर सकते हैं।

टिकट रद करने पर उन्हें पूरा रिफंड दिया जाएगा। एयर इंडिया ने भी जम्मू, श्रीनगर, लेह, जोधपुर, अमृतसर, भुज, जामनगर, चंडीगढ़ और राजकोट जैसे एयरपोर्ट से फ्लाइट निलंबित रही।

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CUET PG Result 2025: सीयूईटी पीजी का रिजल्ट जारी, जल्द आएगी कटऑफ लिस्ट; यहां देखें स्कोरकार्ड

Dainik Jagran - May 7, 2025 - 9:10pm

जागरण संवाददाता, पटना। नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) ने सीयूईटी पीजी 2025 का रिजल्ट जारी कर दिया है। अभ्यर्थी एनटीए के अधिकारिक वेबसाइट exams.nta.ac.in/CUET-PG पर जाकर अपना स्कोरकार्ड वेबसाइट पर जाकर डाउनलोड कर सकते हैं।

इस साल 6,54,019 छात्रों ने परीक्षा के लिए रजिस्ट्रेशन कराया। इनमें से 5,23,032 उम्मीदवार परीक्षा में शामिल हुए। यह परीक्षा 13 मार्च से एक अप्रैल के बीच कंप्यूटर आधारित मोड में आयोजित की गयी थी। परीक्षा में 157 विषयों को शामिल किया गया था और उम्मीदवारों को चार विषय चुनने की अनुमति दी गयी थी।

जल्द जारी होगी कटऑफ लिस्ट

इस परीक्षा के माध्यम से 191 विश्वविद्यालयों में प्रवेश मिलेगा। इनमें केंद्रीय, राज्य, निजी और अन्य विश्वविद्यालय शामिल हैं। विभिन्न विश्वविद्यालय अपनी कटऑफ सूची और काउंसलिंग कार्यक्रम भी जल्द जारी करेंगे। छात्रों को संबंधित विश्वविद्यालय की वेबसाइट पर नजर बनाएं रखने की सलाह दी गई है।

इन कोर्स में मिलेगा एडमिशन

एनटीए के अनुसार, इस परीक्षा के जरिए छात्र एमए, एमएससी, एमकॉम सहित विभिन्न पीजी पाठ्यक्रमों में प्रवेश ले सकेंगे। सीयूईटी पीजी 2025 परीक्षा का आयोजन देशभर में निर्धारित परीक्षा केंद्रों पर 13, 15, 16, 18, 19, 21 से 30 मार्च तथा एक अप्रैल को आयोजित की गई थी। परीक्षा कंप्यूटर बेस्ड टेस्ट माध्यम में संपन्न हुई थी।

प्रोविजनल आंसर की जारी की गई थी जिस पर 24 अप्रैल तक आपत्तियां मांगी गई थी। आपत्तियों के निराकरण के बाद रिजल्ट जारी कर दिया गया है। परीक्षा से जुड़ी समस्या या जानकारी के लिए अभ्यर्थी हेल्पलाइन नंबर 011- 40759000/ 011- 69227700 पर संपर्क कर सकते हैं।

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