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भारत करने जा रहा बड़ी पहल... अंतरिक्ष में इंसानों के रहने के लिए तलाशी जाएंगी संभावनाएं, एक्सिओम-4 मिशन में होगा जैविक प्रयोग

Dainik Jagran - National - 18 hours 12 min ago

जेएनएन, नई दिल्ली। अंतरिक्ष अन्वेषण के क्षेत्र में कई इतिहास रच चुका भारत अब अंतरिक्ष में इंसानों के रहने की संभावना तलाशने के लिए कमर कस चुका है। दुनिया में पहली बार भारत अंतरिक्ष में इंसानों के रहने की संभावना का अध्ययन करने के लिए जैविक प्रयोग करने वाला है।

विज्ञान और प्रौद्योगिकी राज्यमंत्री जितेंद्र सिंह ने पोस्ट किया, दुनिया में अपनी तरह की पहली ऐतिहासिक पहल के तहत भारत अंतरिक्ष में मानव जीवन की स्थिरता का अध्ययन करने के लिए अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आईएसएस) पर जैविक प्रयोग करने जा रहा है।

एक्सिओम-4 मिशन के तहत होंगे प्रयोग

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) द्वारा जैव प्रौद्योगिकी विभाग (डीबीटी) के सहयोग से एक्सिओम-4 मिशन के तहत ये प्रयोग किए जाएंगे। इस मिशन में भारतीय अंतरिक्ष यात्री ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला शामिल होंगे। यह परियोजना इसरो, नासा और डीबीटी की संयुक्त पहल है।

इसका उद्देश्य पृथ्वी की तुलना में अंतरिक्ष में विभिन्न शैवाल प्रजातियों के विकास मापदंडों और परिवर्तनों का विश्लेषण करना है। सरल शब्दों में कहें तो देखा जाएगा कि धरती पर जिस तरह से इन प्रजातियों का विकास होता है, उसकी तुलना में अंतरिक्ष में वे किस तरह विकसित होते हैं।

सूक्ष्म शैवाल प्रजातियों की पहचान

मिशन के दौरान खाद्य माइक्रोएल्गी की तीन प्रजातियों की वृद्धि, आनुवंशिक गतिविधि पर माइक्रोग्रैविटी के प्रभाव का भी अध्ययन किया जाएगा। इससे अंतरिक्ष वातावरण में उपयोग के लिए सबसे उपयुक्त सूक्ष्म शैवाल प्रजातियों की पहचान करने में मदद मिलेगी।

दूसरे प्रयोग में यह पता लगाया जाएगा कि स्पाइरुलिना और साइनोकोकस जैसे साइनोबैक्टीरिया किस प्रकार बढ़ते हैं और यूरिया तथा नाइट्रेट आधारित पोषक माध्यमों का उपयोग करते हुए सूक्ष्मगुरुत्व में किस प्रकार प्रतिक्रिया करते हैं। इससे अंतरिक्षयात्रियों के लिए विश्वसनीय खाद्य स्त्रोत सुनिश्चित हो सकेगा। अंतरिक्ष में मांसपेशियों पर माइक्रोग्रैविटी के प्रभाव का भी अध्ययन किया जाएगा।

अब आठ जून को स्पेस स्टेशन जाएंगे शुभांशु शुक्ला
  • वायुसेना के ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला अब आठ जून को आईएसएस के सफर पर रवाना होंगे। एक्सिओम-4 मिशन के तहत ग्रुप कैप्टन शुभांशु के साथ अमेरिका, हंगरी और पोलैंड के अंतरिक्षयात्री भी होंगे। शुभांशु आईएसएस की यात्रा करने वाले पहले भारतीय होंगे।
  • राकेश शर्मा 1984 में सोवियत संघ के सोयूज अंतरिक्षयान से अंतरिक्ष में गए थे। राकेश शर्मा भारत के पहले अंतरिक्षयात्री हैं। एक्सिओम-4 मिशन को 29 मई को लांच होना था, लेकिन इस मिशन में देरी हुई है। अब यह मिशन आठ जून को फ्लोरिडा के केनेडी स्पेस सेंटर से भारतीय समयानुसार शाम 6:41 बजे लांच किया जाएगा।
  • अमेरिका स्थित वाणिज्यिक मानव अंतरिक्ष उड़ान कंपनी एक्सिओम स्पेस और नासा ने यह घोषणा की है। शुभांशु स्पेसएक्स के 'ड्रैगन' अंतरिक्षयान से उड़ान भरेंगे। वह आईएसएस में 14 दिन रहेंगे। इस दौरान वह इस दौरान वह सात प्रयोग करेंगे। इन प्रयोगों में भारत के पारंपरिक खाद्य पदार्थों जैसे कि मेथी और मूंग को अंतरिक्ष में अंकुरित करने का परीक्षण भी शामिल है।

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Supreme Court: 'देश में लोकतंत्र है, महाराजा की तरह व्यवहार न करें' सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में लगाई फटकार

Dainik Jagran - National - May 15, 2025 - 11:49pm

 पीटीआई, नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने वैवाहिक विवाद में उलझे एक दंपती को फटकार लगाते हुए बृहस्पतिवार को कहा कि वे 'महाराजा' की तरह व्यवहार न करें, क्योंकि देश में 75 साल से अधिक समय से लोकतंत्र कायम है। शीर्ष अदालत की यह टिप्पणी दंपती में शामिल एक पक्ष पर लक्षित थी, जो कथित तौर पर शाही वंश से ताल्लुक रखता है। न्यायालय ने मामले में अहंकार के टकराव को भी रेखांकित किया।

सुप्रीम कोर्ट ने मध्यस्थता का सुझाव दिया

जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस एन कोटिश्वर सिंह की पीठ ने दंपती के वकीलों से अपने मुवक्किलों से बात करने और अदालत को उनकी मंशा से अवगत कराने का निर्देश दिया। पीठ ने चेतावनी दी कि अगर मध्यस्थता के माध्यम से कोई समाधान नहीं निकला तो वह तीन दिनों के भीतर कठोर आदेश पारित करने से नहीं हिचकिचाएगी।

महिला और पुरुष के अपने अपने दावे

ग्वालियर की रहने वाली महिला ने दावा किया कि वह बेहद प्रतिष्ठित परिवार से ताल्लुक रखती है और पूर्वज छत्रपति शिवाजी महाराज की नौसेना में एडमिरल थे और उन्हें कोंकण क्षेत्र का शासक घोषित किया गया था। दूसरी ओर, उसके पति ने कहा कि वह सैन्य अधिकारियों के परिवार से आता है और मध्य प्रदेश में एक शैक्षणिक संस्थान का संचालन करता है।

रॉल्स रॉयस कार है विवाद की जड़

भारत के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू की ओर से बड़ौदा की तत्कालीन महारानी के लिए ऑर्डर की गई 1951 मॉडल की प्राचीन हस्तनिर्मित क्लासिक रोल्स रायस कार, जो अपने मॉडल की एकमात्र कार है और जिसकी मौजूदा कीमत 2.50 करोड़ रुपये से अधिक है, मामले में विवाद की जड़ है। दोनों पक्षों की ओर से पेश वकीलों ने अदालत को बताया कि विवाद मुख्यत: धन पर केंद्रित है।

जस्टिस सूर्यकांत ने कहा- ' हम जानते हैं कि मामले में केवल अहंकार के कारण समझौता नहीं हो पाया है। अगर विवाद पैसे को लेकर है तो उसे अदालत सुलझा सकती है, लेकिन इसके लिए पक्षों को आम सहमति पर पहुंचना होगा।'

पीठ ने सुनवाई अगले हफ्ते के लिए निर्धारित कर दी

पीठ ने सुनवाई अगले हफ्ते के लिए निर्धारित कर दी। दंपती के बीच मध्यस्थता के लिए नियुक्त वरिष्ठ अधिवक्ता आर बसंत ने 22 अप्रैल को पीठ को सूचित किया था कि मामले में दोनों पक्ष स्वीकृत समाधान तक नहीं पहुंच सके हैं।

उन्होंने पीठ से दोनों पक्षों के बीच आपसी सहमति वाले समाधान की संभावना तलाशने के लिए एक अंतिम प्रयास का मौका देने का अनुरोध किया था। महिला ने आरोप लगाया है कि अलग रह रहे उसके पति और ससुराल वालों ने दहेज में रोल्स रॉयस कार और मुंबई में फ्लैट की मांग को लेकर उसे परेशान किया। हालांकि, उसके पति ने आरोप से इन्कार किया है।

महिला ने पति और उसके घरवालों पर लगाए आरोप

महिला की ओर से दायर याचिका में कहा गया है कि जब प्रतिवादियों की मांगें पूरी नहीं हुईं तो उन्होंने शादी को मानने से इन्कार करना शुरू कर दिया और याचिकाकर्ता के खिलाफ झूठे एवं तुच्छ आरोप लगाने लगे तथा उसका चरित्र हनन शुरू कर दिया।

पति ने अलग रह रही पत्नी

पति ने अलग रह रही पत्नी, उसके माता-पिता और रिश्तेदारों के खिलाफ विवाह प्रमाण पत्र तैयार करने में धोखाधड़ी और जालसाजी करने का मामला दर्ज कराया जबकि महिला ने दहेज उत्पीड़न और क्रूरता का मामला दर्ज कराया। हाई कोर्ट ने महिला की ओर से दर्ज कराई गई प्राथमिकी को यह कहते हुए खारिज कर दिया कि यह बाद में की गई कार्रवाई थी।

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'वन भूमि की स्थिति की जांच के लिए SIT का किया जाए गठन' सुप्रीम कोर्ट ने दिया अहम आदेश

Dainik Jagran - National - May 15, 2025 - 11:48pm

पीटीआई, नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को सभी राज्यों को यह पता लगाने के लिए एसआईटी गठित करने का निर्देश दिया कि क्या कोई आरक्षित वन भूमि गैर-वानिकी उद्देश्यों के लिए निजी क्षेत्र को आवंटित की गई है।

प्रधान न्यायाधीश बीआर गवई, जस्टिस आगस्टीन जार्ज मसीह और जस्टिस के विनोद चंद्रन की पीठ ने राज्यों और केंद्र-शासित प्रदेशों को ऐसी भूमि का कब्जा वापस लेने और उसे वन विभाग को सौंपने का भी निर्देश दिया है।

वसूली से प्राप्त राशि का प्रयोग वनों के विकास के लिए करें

पीठ ने कहा कि यदि यह पाया जाता है कि भूमि का कब्जा वापस लेना व्यापक जनहित में नहीं होगा, तो सरकारों को उक्त भूमि की कीमत उन व्यक्तियों, संस्थाओं से वसूलनी चाहिए, जिन्हें वह भूमि आवंटित की गई है। वसूली से प्राप्त राशि का इस्तेमाल वनों के विकास के लिए करना चाहिए।

पीठ ने सभी राज्यों के मुख्य सचिवों और केंद्र-शासित प्रदेशों के प्रशासकों को विशेष टीम गठित करने का भी निर्देश दिया, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि ऐसे सभी हस्तांतरण आज से एक साल के भीतर हो जाएं। पीठ ने स्पष्ट किया कि ऐसी भूमि का इस्तेमाल केवल पौधारोपण के लिए किया जाना चाहिए। शीर्ष न्यायालय ने पुणे में आरक्षित वन भूमि से जुड़े मामले में दिए गए फैसले में यह निर्देश जारी किया।

'वन्यजीव पारिस्थितिकी तंत्र को रोकने के लिए सख्त रुखकी जरूरत'

सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को कहा कि बड़े पैमाने पर शहरीकरण के कारण वन्यजीव पारिस्थितिकी तंत्र में गिरावट को देखते हुए वनस्पतियों और जीवों के लिए खतरा पैदा हो गया है। इसके लिए दोषियों को सजा दिलाने के लिए अधिकारियों को सख्त रुख अपनाने की जरूरत है।

हालांकि, जस्टिस सुधांशु धूलिया और जस्टिस अहसानुद्दीन अमानुल्लाह की पीठ ने कहा कि किसी आरोपित के जीवन और स्वतंत्रता के अधिकारों के किसी भी तरह के उल्लंघन का तभी समर्थन किया जाना चाहिए जब अभियोजन पक्ष मानकों को पूरा करता हो।

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Interest subsidy may return for MSMEs

Business News - May 15, 2025 - 11:47pm
New Delhi: The government is considering a proposal to reintroduce interest subsidy on credit to exporters-especially the micro, small and medium enterprises (MSMEs)-under the proposed Export Promotion Mission to help bolster their competitiveness amid global tariff uncertainties, senior officials said.In December 2024, the government had stopped an interest equalisation scheme, under which eligible exporters were getting rupee export credit at subsidised rates, prompting MSME exporters to seek cheaper loans amid global headwinds. The latest proposal is aimed at making the interest aid "more targeted and focused", one of the officials said.The commerce department has informed its expenditure counterpart that competing at the global level without assistance would be extremely difficult for MSMEs, who get limited credit at much higher rates than their peers in the export market, he said.The two departments are in talks on the issue and a decision will be taken in due course, said the official quoted above.Despite the recent cuts, the repo rate remains at 6%. Most exporters are getting loans at 8-12% interest, with MSMEs particularly facing high rates. Most of the eligible exporters under the equalisation scheme were getting interest subsidy to the tune of 3%.121195185The Export Promotion Mission, announced in the FY26 budget with an outlay of ₹2,250 crore, could be an umbrella scheme that will absorb various extant export initiatives.The targeted interest support that is being planned will also complement the government's efforts to spur manufacturing under another mission proposed in the latest budget, the officials said.Export bodies have called for heightened support to beat a demand slowdown in some advanced countries and uncertainties caused by the Trump administration's tariff policies.They also seek sustained support to take advantage of opportunities that may come in India's way if New Delhi hammers out a trade deal with the US soon, on top of a recent one with the UK.Under the erstwhile interest equalisation scheme, introduced in 2015, the government had allocated ₹2,482 crore for FY25, lower than ₹3,700 crore a year earlier, primarily because it was not extended beyond December 2024.About 85% of the beneficiaries of the interest equalisation scheme were MSMEs, the officials said.India's merchandise exports remained flat at $437 billion last fiscal, as global demand remained subdued. The World Trade Organisation last month predicted goods trade volume to fall 0.2% this year, down sharply from its October 2024 projection of a 3% expansion, citing the impact of the new US tariff policies.To be sure, the US and China this week announced a deal to temporarily trim the extra tariffs imposed on each other.Presenting the budget for FY26, finance minister Nirmala Sitharaman had said: "We will set up an Export Promotion Mission, with sectoral and ministerial targets, driven jointly by the ministries of commerce, MSME and finance".
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Indus Water Treaty: सिंधु जल संधि कब तक रहेगा स्थगित? विदेश मंत्री जयशंकर ने दिया सीधा जवाब

Dainik Jagran - National - May 15, 2025 - 11:40pm

पीटीआई, नई दिल्ली। पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ कई बड़े एक्शन लिए। भारत ने सिंधु जल संधि को स्थगित कर दिया। इसके बाद भारत ने 7 मई की सुबह आतंकवादी बुनियादी ढांचे पर सटीक हमले किए। इस हमले में पाकिस्तान और पीओजेके में आतंकियों के 9 ठिकाने पूरी तरीके से ध्वस्त हो गए।

इस बीच विदेश मंत्री एस जयशंकर ने गुरुवार को कहा कि पाकिस्तान के साथ भारत के संबंध और व्यवहार पूरी तरह से द्विपक्षीय होंगे, जो कई वर्षों से राष्ट्रीय सहमति है और उस सहमति में "बिल्कुल कोई बदलाव नहीं है।

कब तक स्थगित रहेगी सिंधु जल संधि?

दरअसल, एक कार्यक्रम के अवसर पर संवाददाताओं से बातचीत करते हुए उन्होंने यह भी कहा कि सिंधु जल संधि तब तक स्थगित रहेगी जब तक पाकिस्तान सीमा पार आतंकवाद को अपना समर्थन नहीं बंद कर देता। 

विदेश मंत्री ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने पहलगाम हमले के अपराधियों को जवाबदेह ठहराने की आवश्यकता पर बल दिया था और 7 मई की सुबह हमने ऑपरेशन सिंदूर के माध्यम से उन्हें जवाबदेह ठहराया।

उन्होंने कहा कि भारत ने 7 मई की सुबह आतंकवादी बुनियादी ढांचे पर सटीक हमले किए, जिसके बाद पाकिस्तान ने 8, 9 और 10 मई को भारतीय सैन्य ठिकानों पर हमला करने का प्रयास किया। पाकिस्तानी कार्रवाई का भारतीय पक्ष द्वारा कड़ा जवाब दिया गया। 10 मई को दोनों पक्षों के सैन्य अभियान महानिदेशकों (डीजीएमओ) के बीच वार्ता के बाद सैन्य कार्रवाई रोकने पर सहमति बनने के साथ ही शत्रुता समाप्त हो गई।

केवल पीओके पर होगी बात: जयशंकर

विदेश मंत्री ने कहा कि पानी के मुद्दे उठाए गए हैं। मैं फिर से जोर देता हूं कि सुरक्षा मामलों की कैबिनेट समिति ने स्पष्ट रूप से कहा है कि सिंधु जल संधि स्थगित है और तब तक स्थगित रहेगी जब तक पाकिस्तान विश्वसनीय रूप से और अपरिवर्तनीय रूप से सीमा पार आतंकवाद को अपना समर्थन देना बंद नहीं कर देता। इसलिए, कभी-कभी, कश्मीर मुद्दे को उठाया जाता है। फिर से, कश्मीर पर चर्चा के लिए केवल एक ही बात बची है, वह है पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में अवैध रूप से कब्जाए गए भारतीय क्षेत्र को खाली करना, हम पाकिस्तान के साथ इस पर चर्चा करने के लिए तैयार हैं। मैं अपनी स्थिति को बहुत स्पष्ट रूप से बताना चाहता हूं...सरकार की स्थिति बहुत, बहुत स्पष्ट है।

'पाकिस्तान को हमने भारी नुकसान पहुंचाया'

विदेश मंत्री एस जयशंर ने कहा कि 10 मई की सुबह पाकिस्तान के कई एयरबेस पह सटीक निशाना साधा गया। विदेश मंत्री ने कहा कि सैटेलाइट से सामने आई तस्वीरें बताती हैं कि पाकिस्तान को कितना नुकसान हुआ है। पाकिस्तान को लेकर उन्होंने कहा कि लोग जो 7 मई को पीछे हटने के लिए तैयार नहीं थे, 10 मई को बातचीत करने और पीछे हटने के लिए तैयार थे। यह बहुत स्पष्ट है कि कौन गोलीबारी बंद करना चाहता था।

होंडुरास दूतावास के उद्घाटन के मौके पर जयशंकर ने कहा कि भारत के लिए यह बहुत अच्छी बात है कि यहां सीईएलएसी (लैटिन अमेरिकी और कैरेबियाई राज्यों का समुदाय) समूह के एक देश का नया दूतावास है।

उन्होंने कहा कि होंडुरास एक ऐसा देश है जहां व्यापार बढ़ रहा है, वे राजनीतिक रूप से हमारा समर्थन करते हैं। वे उन देशों में से एक थे जिन्होंने पहलगाम हमले के मामले में मजबूत एकजुटता व्यक्त की थी, इसलिए मैं इसकी बहुत सराहना करता हूं।

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Tahawwur Rana Case: तुषार मेहता, एसवी राजू... 5 वकीलों की टीम दिलाएगी तहव्वूर राणा को हर गुनाहों की सजा

Dainik Jagran - National - May 15, 2025 - 11:38pm

पीटीआई, नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने 26 नवंबर, 2008 को मुंबई में हुए आतंकवादी हमले के मामले में पाकिस्तानी मूल के कनाडाई आतंकवादी तहव्वुर हुसैन राणा के खिलाफ पैरवी के लिए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता की अध्यक्षता में वकीलों की एक टीम नियुक्त की है। गृह मंत्रालय ने कहा कि यह नियुक्ति राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण अधिनियम, 2008 और भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (बीएनएसएस), 2023 के तहत की गई है।

वकीलों की टीम में सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता के अलावा अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू, वरिष्ठ अधिवक्ता दयान कृष्णन और अधिवक्ता नरेंद्र मान शामिल हैं। यह टीम एनआइए की विशेष अदालतों, दिल्ली हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में तहव्वुर राणा मामले से संबंधित मुकदमों में पैरवी करेगी।

तहव्वुर हुसैन राणा और डेविड हेडली के खिलाफ चलाया जा रहा मुकदमा 

दिल्ली में एनआइए कोर्ट में 26/11 मुंबई आतंकवादी हमलों के संबंध में तहव्वुर हुसैन राणा और डेविड कोलमैन हेडली के खिलाफ मुकदमा चलाया जा रहा है।

एनआइए ने वर्षों के निरंतर प्रयास के बाद अमेरिका से राणा का प्रत्यर्पण सुनिश्चित किया और यहां पहुंचने पर 10 अप्रैल को उसे गिरफ्तार कर लिया। राणा पर पाकिस्तान के आतंकवादी समूह लश्कर-ए-तैयबा द्वारा 2008 में किए गए हमलों के पीछे की बड़ी साजिश में शामिल होने का आरोप है। इन हमलों में 166 लोग मारे गए थे और 238 से अधिक घायल हुए थे। उसे नौ मई को न्यायिक हिरासत में भेजा गया था और एनआईए द्वारा हिरासत में पूछताछ के बाद तिहाड़ जेल भेज दिया गया है।

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तेलंगाना में मिस व‌र्ल्ड प्रतिभागियों के पैर धुलवाने मचा बवाल, वीडियो हुआ वायरल; अब प्रदेश सरकार ने दी सफाई

Dainik Jagran - National - May 15, 2025 - 11:30pm

 पीटीआई, हैदराबाद। तेलंगाना के रामप्पा मंदिर में कुछ महिलाओं द्वारा मिस व‌र्ल्ड प्रतिभागियों के पैर धुलवाने में मदद करने का वीडियो सामने आने के बाद विवाद खड़ा हो गया है। भाजपा व बीआरएस ने इसे तेलंगाना की महिलाओं का अपमान करार दिया है।

रामप्पा मंदिर गईं थीं मिस व‌र्ल्ड प्रतियोगिता की प्रतिभागी

मिस व‌र्ल्ड प्रतियोगिता की प्रतिभागी बुधवार को परंपरागत साड़ी में रामप्पा मंदिर गईं थीं। मंदिर में प्रवेश से पहले उन सभी के पैर धुलवाए गए थे, जिसमें कुछ स्थानीय महिलाओं ने उनकी मदद की थी।

बीआरएस ने इसे एक भयावह घटना बताया

वीडियो पर बीआरएस ने इसे एक भयावह घटना बताते हुए कहा कि स्थानीय दलित, आदिवासी व आर्थिक रूप से कमजोर महिलाओं को विदेशी मिस व‌र्ल्ड प्रतिभागियों के पैर धोने व पोंछने के लिए बाध्य किया गया। इससे पूरे प्रदेश में आक्रोश है और राज्य के आत्म-सम्मान को ठेस पहुंची है।

भाजपा-बीआरएस ने मुख्यमंत्री की आलोचना की

बीआरएस के कार्यकारी अध्यक्ष केटी रामा राव ने अपने एक्स हैंडल पर वीडियो को दोबारा पोस्ट करते हुए घटना के लिए मुख्यमंत्री की आलोचना की। तेलंगाना भाजपा प्रमुख व केंद्रीय मंत्री जी किशन रेड्डी ने भी एक्स पोस्ट पर कर कहा कि मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी ने महिलाओं के आत्म सम्मान व गरिमा को रौंद दिया है।

उन्होंने पोस्ट में आगे कहा कि सोनिया गांधी, राहुल गांधी और कांग्रेस के राष्ट्रीय नेतृत्व को ईशनिंदा और हमारी नारीशक्ति की गरिमा, संस्कृति और आत्मसम्मान को समर्पित करने के लिए तेलंगाना की महिलाओं से बिना शर्त माफी मांगनी चाहिए।

प्रदेश सरकार ने कही ये बात

वहीं इन आलोचनाओं के जवाब में प्रदेश सरकार ने एक्स पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि अतिथि देवो भव: के भाव के तहत यह वह परंपरा है, जिसका हम पालन करते हैं, जिसमें अंतरराष्ट्रीय अतिथियों को सर्वोच्च सम्मान दिया जाता है।

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सीबीएसई 10वीं और 12वीं में अधिक अंक लाने का सूत्र समझें, 40,769 स्टूडेंट्स ने पाए हैं 100 नंबर

Dainik Jagran - May 15, 2025 - 11:12pm

जागरण संवाददाता, पटना। सीबीएसई के 10वीं व 12वीं का रिजल्ट आने के बाद अव्वल आने वाले छात्रों के अध्ययन के तरीके हर कोई जानना चाहता है। इस बार भी कई विषयों में छात्रों को 100 में 100 अंक हासिल हुआ है। 10वीं में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआइ) में 20,278 स्टूडेंट्स को 100 में 100 परफेक्ट अंक प्राप्त हुआ है।

पिछले साल एआइ में 6269 को मिले थे 100

पिछले साल की बात करें तो एआइ में 6,269 छात्र और छात्राओं को 100 में 100 अंक मिला था। इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी में 14,548 तो मैथ्स स्टैंडर्ड में 7,594 छात्रों को 100 में 100 अंक मिला है। बेसिक मैथ्स में 99 छात्र को 100 में 100 अंक प्राप्त हुआ हैं। साइंस में 5219, इंग्लिश कम्युनेटिव में 4598, संस्कृत में 2290 को 100 में 100 अंक मिला है। 

6700 थी 100 पाने वालों की संख्या

पिछले साल मैथ्स में 100 में 100 करने वालों की संख्या 6700 थी। 10वीं में इस बार 199944  छात्रों ने 90 प्रतिशत और इससे उपर और 45516 छात्रों  ने 95 प्रतिशत और इससे अधिक स्कोर पाया है। देशभर में 10वीं में कुल 62 विषयों में 79,084 छात्रों  ने तो 12वीं के कुल 92 विषयों में 54,140 छात्रों ने 100 में 100 अंक प्राप्त किया है।

12वीं में पेंटिंग में सबसे अधिक छात्रों को 100 अंक

वहीं, 12वीं में पेंटिंग में 20,491 छात्रों को 100 में 100 अंक मिले हैं। दूसरे नंबर पर हिंदी म्यूजिक वोकल रहा है, जिसमें 4,291 छात्रों को 100 में 100 अंक मिला है। साइकोलॉजी में 2933 छात्रों  तो गणित में 1,123 छात्रों को 100 में 100 अंक मिला है। 

गणित में 722 छात्रों को 100 मिले बीते साल

पिछले साल गणित में 722 छात्रों को 100 में 100 अंक मिला था। इस बार छात्र ने काफी विषयों में 100 में 100 अंक प्राप्त किया है। राजनीति शास्त्र में 835, एकाउंटेंसी में 1722, कंप्यूटर साइंस में 1676, फिजिक्स में 274, केमिस्ट्री में 2384, इकोनॉमिक्स में 1244, बायोलॉजी में 738, इंग्लिश कोर में 1873 व एआइ में 1201, हिस्ट्री में 750 छात्रों ने 100 में 100 अंक हासिल किया है।

कॉमर्स स्ट्रीम का हाल भी जानें

अगर कॉमर्स स्ट्रीम की बात करें, तो एकाउंटेंसी में 1712 और बिजनेस स्टडीज में 1259 छात्रों को 100 में 100 अंक मिला है। इंफॉर्मेटिक्स प्रैक्टिस में 1849, कंप्यूटर साइंस में 1655, इंग्लिश इलेक्टिव में कटऑप 99 तक गयी है।

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बिहार में सांस्कृतिक विरासत के संरक्षण के लिए योजना तैयार करने के लिए उच्चस्तरीय बैठक आयोजित

Dainik Jagran - May 15, 2025 - 11:06pm

 डिजिटल डेस्क, पटना। बिहार सरकार के विज्ञान, प्रावैधिकी एवं तकनीकी षिक्षा विभाग के तत्वावधान में आज एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई, जिसमें राज्य के समृद्ध सांस्कृतिक विरासत स्थलों के संरक्षण एवं संवर्धन के महत्वपूर्ण मामलों पर विचार-विमर्ष किया गया। डाॅ० मनीषा विनोदिनी रमेष, प्रो० वाइस-चांसलर (प्रोवोस्ट), अमृता विष्व विद्यापीठम्, केरल द्वारा की गई चर्चा अभिनव हेरिटेज हेराल्डः संस्कृतिक और विरासत के लिए भू-स्थानिक मंच प्रदान करने के ईर्द-गिर्द केन्द्रित थी।

हेरिटेज हेराल्ड पहल बिहार भर के गाँवों की अनूठी व सांस्कृतिक विरासत के प्रभावी दस्तावेजीकरण, प्रसार और प्रस्तुति के लिए भू-स्थानिक प्लेटफाॅमों और इंटरैक्टिव प्रणाली का उपयोग करते हुए एक प्रोद्योगिकी संचालित दृष्टिकोण का प्रस्ताव है। यह विरासत प्रबंधन प्रयासों की दीर्घकालिक स्थिरता सुनिष्चित करने के लिए वैज्ञानिक, समाजिक और आर्थिक आयामों को एकीकृत करती है।

बैठक में बिहार में सांस्कृतिक संरक्षण के लिए प्रतिबद्ध प्रमुख हितधारकों ने भाग लिया। बिहार के पर्यटन विभाग के निदेषक-सह-विषेष सचिव, श्री उद्यन मिश्रा, कला युवा एवं संस्कृति विभाग, बिहार के प्रतिनिधि शामिल थे, जिन्होंने विभिन्न सरकारी निकायों द्वारा दिये जाने वाले सहयोगात्मक भावना को रेखांकित किया।

हेरिटेज हेराल्ड परियोजना के प्रमुख घटकों में शामिल हैः गाँव की विरासत को प्रदर्षित करने के लिए अत्यधिक इंटरैक्टिव प्रणाली विकसित करना, और प्रभावषाली संरक्षण अनुप्रयोगों के लिए विरासत विज्ञान के क्षेत्र को आगे बढ़ाना। युवा पीढ़ी के लिए गाँव के विरासत को प्रभावी ढ़ंग से प्रस्तुत करना, स्थानीय समुदायों के सामाजिक, सांस्कृतिक और आर्थिक लाभों का सक्रिय रूप से प्रबंधन करना, और गाँव की सांस्कृतिक विरासत के व्यापक समझ को बढ़ावा देना, टिकाऊ आर्थिक विकास के लिए गाँव की सांस्कृतिक विरासत पर्यटन के विकास को उत्प्रेरित करना और स्थानीय आबादी के लिए आजिविका के अवसरों में उल्लेखनिय सुधार करना।

प्रस्तावित कार्य प्रणाली में एक व्यापक सांस्कृतिक अनुभव प्रबंधन का निर्माण, विरासत और सांस्कृतिक को प्रभावी ढ़ंग से प्रदर्षित करने के लिए एक सुलभ वेब और मोबाईल पोर्टल का विकास, व बिहार अंतर्गत चयनित गाँव में हेरिटेज हेराल्ड की रणनिति लागू करने की योजना शामिल है।

चर्चा के दौरान अपर सचिव-सह-निदेषक श्री अहमद महमूद ने बिहार की विषिष्ट सांस्कृतिक पहचान की रक्षा के लिए तकनीकी प्रणाली का उपयोग करने के महत्व पर प्रकाष डाला। उन्होंने डॉ. मनीषा और अमृता विष्वविद्यापीठम् टीम द्वारा प्रस्तुत व्यापक और दुरदर्षी दृष्टिकोण की सराहना की। श्री उदयन मिश्रा ने टीम को बिहार के संभावित सांस्कृतिक विरासत स्थलों की पहचान करने में पर्यटन विभाग के सहयोग का आष्वासन दिया।

बैठक साकारात्मक और सहयोगात्मक ढ़ंग से समपन्न हुई। बैठक के प्रस्तावों से बिहार के अमुल्य सांस्कृतिक विरासत की बेहतर समझ, संरक्षण और सतत विकास में महत्वपूर्ण योगदान मिलेगा।

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बिहार में पुराने वाहनों की स्क्रैपिंग पर मिल रही एकमुश्त छूट, वाहन मालिकों को मिल रहा भरपूर फायदा

Dainik Jagran - May 15, 2025 - 11:03pm

डिजिटल डेस्क, पटना। राज्य में वाहनों से होने वाले प्रदूषण को कम करने के लिए 15 साल से अधिक पुराने और अनुपयोगी वाहनों को स्क्रैप किया जा रहा है। इसके लिए दो स्थानों पटना में निलियम स्क्रैपिंग सेंटर और वैशाली स्थित एसके इंटरप्राइजेज में वाहन स्क्रैपिंग सेंटर है। परिवहन विभाग से मिली जानकारी के अनुसार, पुराने वाहनों की स्क्रैपिंग के लिए जनवरी 2023 से मार्च 2025 के बीच एक हजार 557 आवेदन आए है। इनमें 747 वाहन सेना, 308 वाहन सरकारी और 522 वाहन निजी है।

पुराने वाहनों की स्क्रैपिंग पर छूट

प्रदेश सरकार वाहन स्वामियों को 15 साल से पुराने वाहनों की स्क्रैपिंग कराने के लिए प्रोत्साहित कर रही है। इसके लिए कई तरह के कर में छूट दी जा रही है। इसमें वाहन मालिकों को जमा का प्रमाण पत्र(सीओडी) के आधार पर नए वाहनों के पंजीकरण कराने पर कर में रियायत, निजी वाहनों की स्क्रैपिंग पर कर में 25 प्रतिशत छूट और वाणिज्यिक वाहनों की स्क्रैपिंग पर 15 प्रतिशत छूट दी जा रही है। इसके साथ ही वाहन मालिकों को पहले से लंबित सभी तरह के बकाये में एकमुश्त छूट देने का प्रावधान है। यह छूट 31 मार्च 2026 तक प्रभावी है। विभाग ने 15 साल पुरानी सरकारी गाड़ियों की स्क्रैपिंग को जरुरी किया है।

नई गाड़ी खरीदने पर वाहन मालिकों को फायदा

परिवहन मंत्री शीला कुमारी ने कहा कि प्रदेश में बीते एक वर्ष में गाड़ियों की स्क्रैपिंग के लिए काफी काम हो रहा है। पुरानी गाड़ी स्क्रैप कराने वाले वाहन मालिकों को कोई नुकसान ना उठाना पड़े इसलिए उन्हें कई तरह की सहूलियत दी जा रही है। इसमें पुराने वाहन मालिकों को नई गाड़ी खरीदने पर कर में छूट का लाभ भी दिया जा रहा है, जिससे लोगों पर आर्थिक बोझ ना पड़े। विभाग आमजनों की सुविधा के लिए सजगता से काम कर रहा है।

स्क्रैपिंग के लिए ई-आवेदन

सरकारी गाड़ियों की स्क्रैपिंग के लिए ई-नीलामी मेटल स्क्रैप ट्रेड कॉर्पोरेशन लिमिटेड (एमएसटीसी) https://www.mstcindia.co.in/index.aspx या सरकारी ई- बाजार (जेम) https://gem.gov.in/ पोर्टल पर की जाती है। इसमें देशभर से कोई भी रजिस्ट्रेशन वेरिफिकेशन और स्क्रैपिंग फैसिलिटी (आरवीएसएफ) सेंटर भाग ले सकता है और गाड़ियों को खरीद कर स्क्रैप कर सकता है। वहीं, नीजी वाहनों की स्क्रेपिंग लिए सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय (मोर्थ) पोर्टल पर आवेदन करना होगा, जिसे आरवीएसएफ सेंटर खरीद कर स्क्रैप करेगा।

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बिहार में हर गांव तक पहुंच रही पक्की सड़क, अब तक 119000 से ज्यादा को मिली 'ऑल वेदर रोड'

Dainik Jagran - May 15, 2025 - 11:00pm

डिजिटल डेस्क, पटना। बिहार सरकार ने ग्रामीण बुनियादी ढांचे को मजबूत करने की दिशा में ऐतिहासिक कदम बढ़ाते हुए अब तक राज्य की 1,19,816 बसावटों को बारहमासी एकल संपर्कता का लक्ष्य हासिल कर लिया गया है। इन योजनाओं के तहत कुल 1,18,511 किलोमीटर लंबाई में ग्रामीण सड़कों का निर्माण कराया गया है, जिससे गांव-गांव तक संपर्कता सुलभ हुआ है।

गौरतलब है कि प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत शुरुआत में केवल 1,000 या उससे अधिक आबादी वाले गांवों को ही जोड़ने का प्राथमिकता थी, लेकिन बिहार ने इस दिशा में पहल करते हुए वर्ष 2006-07 में मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना शुरू की और 500 से 999 आबादी वाले बसावटों को भी पक्की सड़कों से जोड़ने का बीड़ा उठाया। इसके बाद उग्रवाद प्रभावित 11 जिलों में 250 या उससे अधिक और अन्य जिलों में 500 या उससे अधिक आबादी वाले गांवों को प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना में शामिल किया।

वर्ष 2013-14 में राज्य सरकार ने 'मुख्यमंत्री ग्राम संपर्क योजना' की शुरुआत की, ताकि राज्य के सभी जिलों में समान रूप से 250 या उससे अधिक की आबादी वाले वसाबटों को सड़क संपर्कता दी जा सके।

अब तक प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के अंतर्गत 57,102 बसावटों को जोड़ते हुए 53,283 किमी और मुख्यमंत्री ग्राम संपर्क योजना, ग्रामीण टोला संपर्क निश्चय योजना समेत अन्य योजनाओं के माध्यम से 63,174 बसावटों को जोड़ते हुए 64,926 किमी लंबाई की सड़कों का निर्माण हो चुका है।

वर्ष 2023 में राज्य सरकार ने ‘मुख्यमंत्री ग्रामीण संपर्क योजना (अवशेष)’ की शुरुआत की, जिसका उद्देश्य 100 या उससे अधिक आबादी वाले अब तक छूटे बसावटों को भी बारहमासी एकल संपर्कता से जोड़ना है। समीक्षा में 13,814 बसावटें (16,652 किमी) ऐसी पाई गईं जिन्हें अभी तक पक्की सड़कों से नहीं जोड़ा गया था। इनमें से 3,494 बसावटों (3,734 किमी) के लिए 4,462.49 करोड़ रुपये की लागत से पथों की स्वीकृति दी जा चुकी है। वर्ष 2025-26 तक 5,900 करोड़ रुपये की लागत से लगभग 1,800 अनजुड़े बसावटों (4,500 किमी) को संपर्कता प्रदान करने हेतु स्वीकृति प्रदान किए जाने का लक्ष्य है।

मुख्यमंत्री ग्रामीण संपर्क योजना (अवशेष) के तहत बनने वाली सभी सड़कों का निर्माण कार्य पूरा होने के उपरांत 6 वर्षों तक उसका सतत् अनुरक्षण किया जाना है, जिसके पांचवे वर्ष की प्रथम तिमाही में पुनः कालीकरण का प्रावधान है, ताकि लंबे समय तक ग्रामीण जनता को बेहतर सड़क की सुविधा प्राप्त हो।

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