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वैश्विक मंच पर बेनकाब होगा पाक, 'आतंकिस्तान' की हर करतूत बताने के लिए सरकार ने बनाया प्लान; शशि थरूर को मिला अहम जिम्मा

Dainik Jagran - National - May 17, 2025 - 11:31am

एएनआई, नई दिल्ली। पाकिस्तान को विश्व स्तर पर बेनकाब करने के लिए भारत सरकार ने एक कूटनीतिक योजना बनाई है, जिसके तहत भारत की ओर से बहुदलीय सांसदों का एक प्रतिनिधिमंडल कई देशों का दौरा करेगा।

पाकिस्तान होगा बेनकाब

पाकिस्तान द्वारा आतंकवाद के समर्थन को उजागर करने के लिए भारत का ये डेलिगेशन अलग-अलग देशों में जाकर अपनी बात रखेंगे और भारत के ऑपरेशन सिंदूर की जानकारी देंगे।

ऑपरेशन सिंदूर और सीमा पार आतंकवाद के खिलाफ भारत की निरंतर लड़ाई के संदर्भ में, सात सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल इस महीने के अंत में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के सदस्यों सहित प्रमुख साझेदार देशों का दौरा करने वाले हैं।

लिस्ट में कौन-कौन हैं शामिल?

इस लिस्ट में कांग्रेस, एनसीपी (शरद पवार), जेडीयू और कई दलों के सांसदों को शामिल किया है। निम्नलिखित संसद सदस्य सात प्रतनिधिमंडलों का नेतृत्व करेंगे:-

  • शशि थरूर (कांग्रेस)- अमेरिका
  • रविशंकर प्रसाद (बीजेपी)- मिडिल ईस्ट
  • संजय कुमार झा (जेडीयू)- जापान और मलेशिया
  • कनिमोझी करुणानिधी (डीएमके)- रूस और स्पेन
  • सुप्रिया सुले (एनसीपी)- साउथ अफ्रीका, इजिप्ट और केन्या
  • श्रीकांत शिंदे (शिवसेना)- यूएई और अफ्रीका
  • जय पांडा (बीजेपी)- पश्चिमी यूरोप
दुनिया को पता चलेगी भारत की 'जीरो टॉलरेंस' नीति

मंत्रालय ने बताया कि यह प्रतिनिधिमंडल भारत द्वारा आतंकवाद का मुकाबला करने के लिए भारत की राष्ट्रीय सहमति और दृढ़ संकल्प को प्रदर्शित करेंगे। मंत्रालय ने कहा, "वे आतंकवाद के खिलाफ भारत के 'जीरो टॉलरेंस' वाली नीति को दुनिया के सामने ले जाएंगे।"

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Bihar News: रामविलास को भारत रत्न, निजी क्षेत्र में आरक्षण; चुनाव से पहले लोजपा रामविलास ने की ये बड़ी मांग

Dainik Jagran - May 17, 2025 - 11:31am

राज्य ब्यूरो, पटना। बिहार में विधानसभा चुनाव से पहले सभी राजनीतिक दल अपनी तैयारियों में जुट गए हैं। इसी क्रम में लोक जनशक्ति पार्टी-रामविलास के अध्यक्ष राजू तिवारी की अध्यक्षता में शुक्रवार को कार्यकारिणी की बैठक हुई। वहीं, दूसरी ओर जदयू प्रवक्ताओं ने लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी द्वारा तेलंगाना में जातीय गणना को बेहतर मॉडल बताने पर आपत्ति जताई।

लोक जनशक्ति पार्टी-रामविलास की कार्यकारिणी बैठक में विधानसभा चुनाव में पार्टी की स्वतंत्र पहचान के साथ भागीदारी सुनिश्चित करने और निजी क्षेत्र में आरक्षण लागू कराने की मांग संबंधी प्रस्ताव पारित किया गया।

बोधगया अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के नाम पर चर्चा

साथ ही, बोधगया अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे का नामकरण भगवान बुद्ध के नाम पर करने, रामविलास पासवान को भारत रत्न देने और उनकी प्रतिमा संविधान सदन में स्थापित करने तथा बहुजन-भीम संकल्प समागम का आयोजन करने संबंधी प्रस्ताव पारित किया गया।

राहुल गांधी पर साधा निशाना

अपने संबोधन में नेताओं ने राहुल गांधी पर जमकर हमला बोला और कहा कि राहुल गांधी सिर्फ बिहार घूमने आते है। राहुल गांधी ने दरभंगा के दलित छात्रावास में जाकर सिर्फ फोटो सेशन कराया और दलितों के प्रति संवेदनशील होने का ढोंग किया।

कार्यक्रम का संचालन पार्टी के प्रधान महासचिव संजय पासवान ने किया। बैठक में सांसद अरुण भारती, मुख्य प्रवक्ता राजेश भट्ट, संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष हुलास पांडे और झारखंड के चतरा विधायक जनार्दन पासवान समेत सभी जिलाध्यक्ष मौजूद थे।

तेलंगाना के जातीय गणना के आंकड़े सार्वजनिक नहीं करने पर जदयू ने उठाए सवाल

जदयू ने शुक्रवार को यह सवाल किया कि अगर तेलंगाना सरकार की जातीय गणना पारदर्शी है तो अब तक उसके आंकड़े सार्वजनिक क्यों नहीं किए गए? कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए जदयू प्रवक्ताओं ने कहा कि उनके पास जानकारी का घोर अभाव है।

जदयू प्रदेश कार्यालय पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता राजीव रंजन प्रसाद, विधानपार्षद सह मुख्य प्रवक्ता नीरज कुमार एवं प्रदेश प्रवक्ता निहोरा प्रसाद यादव ने एक संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में इस विषय को उठाया। जदयू प्रवक्ताओं ने लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी द्वारा तेलंगाना में जातीय गणना को बेहतर मॉडल बताने के दावे पर कड़ी आपत्ति जताई।

बिहार सरकार की जातीय गणना को सराहा

यह कहा गया कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में बिहार सरकार ने जातीय गणना से पूर्व ही 215 जातियों की सूची सार्वजनिक की और प्रत्येक जाति को यूनिक कोड आवंटित किया गया, जिससे डाटा की पारदर्शिता और सटीकता सुनिश्चित हो सके।

बिहार की जातीय गणना केवल जनसंख्या तक सीमित नहीं रही, बल्कि इसमें यह भी दर्ज किया गया कि किस जाति के पास कितने लैपटाप, दोपहिया एवं चारपहिया वाहन, बैंक खाता, मोबाइल, टीवी और जमीन है। यह सर्वे सामाजिक और आर्थिक स्थिति की समग्र तस्वीर प्रस्तुत करता है।

इसके विपरीत, तेलंगाना सरकार की जातीय गणना में न तो इन पहलुओं को शामिल किया गया और न ही किसी अधिकृत जाति सूची या यूनिक कोडिंग का कोई प्रमाण सामने आया है। यह अंतर स्वयं सिद्ध करता है कि बिहार मॉडल कहीं अधिक वैज्ञानिक, व्यापक और पारदर्शी है।

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CJI ने की कपिल सिब्बल की तारीफ, जस्टिस त्रिवेदी के फेयरवेल से SCBA अध्यक्ष का क्या है कनेक्शन? जानिए पूरा मामला

Dainik Jagran - National - May 17, 2025 - 11:25am

पीटीआई, नई दिल्ली। रिटायर्ड जस्टिस बेला एम. त्रिवेदी के लिए विदाई समारोह आयोजित नहीं करने पर सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस बीआर गवई ने नाराजगी जाहिर की थी। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन (SCBA) के फैसले की निंदा की थी।

जस्टिस त्रिवेदी और जस्टिस ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की सदस्यता वाली औपचारिक बेंच की अध्यक्षता करते हुए सीजेआई ने कहा, "मुझे खुले तौर पर इसकी निंदा करनी चाहिए, क्योंकि मैं स्पष्ट रूप से बोलने में विश्वास करता हूं। एसोसिएशन को ऐसा रुख नहीं अपनाना चाहिए था।"

CJI ने की कपिल सिब्बल की तारीफ

विदाई समारोह आयोजित नहीं करने पर सीजेआई ने बार एसोसिएशन के प्रति नाराजगी जाहिर की। इस बीच उन्होंने वरिष्ठ अधिवक्ता और एससीबीए अध्यक्ष कपिल सिब्बल और उपाध्यक्ष रचना श्रीवास्तव की कार्यवाही के दौरान उपस्थिति के लिए तारीफ भी की।

सीजेआई ने कहा कि वह कपिल सिब्बल और रचना श्रीवास्तव के आभारी हैं, वे दोनों यहां मौजूद हैं। हालांकि, उन्होंने एसोसिएशन के रुख की खुले तौर पर निंदा करते हुए कहा कि ऐसे मौके पर बार एसोसिएशन को ऐसा रुख नहीं अपनाना चाहिए था।

चीफ जस्टिस ने कहा कि निकाय द्वारा पारित किए गए प्रस्ताव के बावजूद वे यहां आए इसलिए वह सिब्बल और रचना श्रीवास्तव की सराहना करते हैं। वहीं न्यायमूर्ति मसीह ने कहा कि जैसा की सीजेआई ने पहले ही व्यक्त किया है, मुझे खेद है लेकिन मुझे कहना होगा कि परंपराओं का पालन किया जाना चाहिए और उनका सम्मन किया जाना चाहिए।

सीजेआई ने जस्टिस त्रिवेदी की सराहना की

सीजेआई बीआर गवई ने जस्टिस बेला एम. त्रिवेदी की सराहना करते हुए कहा कि जिला न्यायपालिका से सर्वोच्च न्यायालय तक पहुंचने और कड़ी मेहनत और समर्पण के साथ न्याय करने के लिए जस्टिस त्रिवेदी तारीफ के काबिल हैं।

क्या है परंपरा?

बता दें, परंपरा के अनुसार रिटायर्ड जजों को एससीबीए सर्वोच्च न्यायालय से सेवानिवृत्त जजों के लिए विदाई समारोह आयोजित करता है। लेकिन जस्टिस त्रिवेदी के मामले में एक असाधारण निर्णय लिया गया, जो संभवत: बार निकाय से संबंद्ध वकीलों के खिलाफ किए गए कुछ फैसलों की वजह से हुआ।

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