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Bihar Weather: बिहार में अगले 4 दिन लीजिए मौसम का मजा, इन इलाकों में तेज आंधी के साथ बारिश का अलर्ट

Dainik Jagran - 14 hours 54 min ago

जागरण संवाददाता, पटना। Bihar Weather News: प्रदेश के मौसम का मिजाज धीरे-धीरे बदलने वाला है। गर्म पछुआ के कारण दिन और रात गर्म होने के साथ शुष्क बना हुआ है। मौसम में सुधार की संभावना है। मौसम विज्ञान केंद्र पटना के अनुसार, 14 से 18 मई के दौरान प्रदेश के अधिसंख्य भागों के एक या दो स्थानों पर मेघ गर्जन, वज्रपात, तेज हवा चलने के साथ वर्षा के आसार हैं।

मौसम में आने वाले बदलाव के कारण लोगों को भीषण गर्मी व लू (हीट वेव) से राहत की संभावना है। आज शाम तक दक्षिण बंगाल की खाड़ी और अंडमान निकोबार द्वीप समूह के कुछ भागों में दक्षिण-पश्चिम मानसून को आगे बढ़ने की संभावना है।

प्रदेश के भागों से दक्षिण झारखंड तक द्रोणिका का प्रभाव बना हुआ है। अगले 24 घंटों के दौरान राजधानी समेत आसपास इलाकों में आंशिक रूप से बादल छाए रहने के साथ नमी के प्रभाव बना रहेगा।

बिहार के इन इलाकों में येलो अलर्ट जारी

दक्षिणी भागों के अलावा उत्तर-मध्य, उत्तर-पश्चिम भागों में गर्म एवं आर्द्र दिन रहने को लेकर यलो अलर्ट जारी किया गया है। किशनगंज, अररिया एवं सुपौल जिले के एक या दो स्थानों पर मेघ गर्जन, वज्रपात व 30-40 किमी प्रतिघंटा की रफ्तार से तेज हवा चलने को लेकर चेतावनी जारी की गई है।

बीते 24 घंटों के दौरान पटना समेत कई जिलों के अधिकतम तापमान में गिरावट दर्ज की गई। पटना के अधिकतम तापमान में तीन डिग्री गिरावट के साथ 39.0 डिग्री सेल्सियस जबकि 41.0 डिग्री सेल्सियस के साथ मोतिहारी में सर्वाधिक अधिकतम तापमान दर्ज किया गया।

पटना सहित 26 जिलों के अधिकतम तापमान में गिरावट दर्ज की गई। प्रदेश के अररिया, पूर्णिया, मधेपुरा, सुपौल, गया, किशनगंज, जमुई जिले में छिटपुट वर्षा दर्ज की गई। अररिया में सर्वाधिक वर्षा 11.4 मिमी वर्षा दर्ज की गई। प्री मानसून सीजन के दौरान प्रदेश में सामान्य से 65 फीसद अधिक वर्षा अब तक दर्ज की गई है।

बिहार की राजधानी पटना समेत अन्य शहरों के मौसम का हाल जानने के लिए यहां क्लिक करें।

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क्या सीजफायर के लिए ट्रंप ने दी थी ट्रेड ना करने की धमकी? US राष्ट्रपति के बयान को भारत ने किया खारिज

Dainik Jagran - National - 19 hours 50 min ago

एएनआई, नई दिल्ली। भारत और पाकिस्तान के बीच सीजफायर का एलान हो गया है। शनिवार को दोनों देशों के बीच सीजफायर पर बात बनी। इस बीच अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बड़ा दावा किया है।

अमेरिकी राष्ट्रपति ने एक दावा में कहा कि उन्होंने भारत और पाकिस्तान से कहा था कि दोनों को इस संघर्ष को रोकना हो अन्यथा अमेरिका दोनों के साथ व्यापार नहीं करेगा। इस बीच भारत ने ट्रंप के इस दावे को खारिज किया है।

भारत ने किया ट्रंप के दावे खारिज

समाचार एजेंसी ने सूत्रों के हवाले से बताया कि भारत ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के इस दावे का तुरंत खंडन किया है कि भारत और पाकिस्तान के बीच शत्रुता समाप्त होने में व्यापार एक कारक था।

दरअसल, सोमवार को पुष्टि की कि ऑपरेशन सिंदूर शुरू होने के बाद, अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेडी वेंस ने 9 मई को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बात की। अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने 8 और 10 मई को विदेश मंत्री एस जयशंकर से और 10 मई को राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल से बात की, और व्यापार पर कोई चर्चा नहीं हुई। जानकारी दें कि ट्रंप के इस दावे से कि शत्रुता समाप्त होने के बाद वे दोनों देशों के साथ व्यापार में "काफी" वृद्धि करेंगे, बहस छिड़ गई है।

अमेरिकी राष्ट्रपति ने किया था ये दावा

एएनआई के अनुसार, इससे पहले, स्वास्थ्य एवं मानव सेवा सचिव के साथ एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए, ट्रंप ने दावा किया कि उनके प्रशासन ने भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के बाद, दोनों परमाणु-सशस्त्र पड़ोसियों के बीच शत्रुता को तत्काल समाप्त करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।

उन्होंने कहा, "शनिवार को, मेरे प्रशासन ने भारत और पाकिस्तान के बीच शत्रुता को तत्काल समाप्त करने में मदद की, मुझे लगता है कि यह स्थायी शत्रुता होगी - दोनों देशों के पास बहुत सारे परमाणु हथियार हैं।"

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पीएम मोदी का संदेश: आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक लड़ाई का नेतृत्व भारत करेगा, आतंकियों को धरती के किसी भी कोने तक खदेड़ेंगे

Dainik Jagran - National - 20 hours 20 min ago

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। पहलगाम हमले के बाद यह दूसरा मौका है जब पीएम नरेन्द्र मोदी ने वैश्विक समुदाय को यह संदेश दिया है कि आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक लड़ाई में भारत नेतृत्व करेगा। एक तरह से देखा जाए तो वैश्विक व्यवस्था में हो रहे बदलाव के मद्देनजर सिर्फ भारत ही है जो अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आतंकवाद के खिलाफ लगातार आवाज उठा रहा है और यह आवाज पाकिस्तान समर्थित व पोषित आतंकवाद के खिलाफ है।

24 अप्रैल, 2025 को पीएम मोदी ने मधुबनी (बिहार) में एक कार्यक्रम में अंग्रेजी में अपने भाषण में कहा था कि, “आज बिहार की धरती से मैं पूरी दुनिया से कहता हूं, भारत हर आतंकी और उनके आकाओं की पहचान करेगा, उन्हें खोजेगा और उन्हें सजा देगा। हम उन्हें धरती के किसी भी कोने तक खदेड़ेंगे।''

'पाकिस्तान से बात होगी तो आतंकवाद पर होगी'

जबकि 12 मई को राष्ट्र के नाम संबोधन में उन्होंने ऑपरेशन सिंदूर में पाकिस्तान के धवस्त आतंकी ठिकानों का श्रेय भारत की सेनाओं को दिया और यह भी ऐलान किया कि, “विश्व समुदाय को मैं यह कहना चाहूंगा कि पाकिस्तान से बात होगी तो आतंकवाद पर ही होगी।''

पीएम मोदी ने ऑपरेशन सिंदूर के संदर्भ में दुनिया को याद दिलाया कि, “बहावलपुर और मुरीदके जैसे आतंकी ठिकानो, एक प्रकार से ग्लोबल आतंकवाद की विश्वविद्यालय रही हैं। अमेरिका में नौ सितंबर, लंदन के मेट्रो में हुए विस्फोट या भारत में दशकों से हो रहे बड़े आतंकी हमलों के तार कहीं न कहीं इन्हीं आतंकी ठिकानों से जुड़ते रहे हैं।''

भारत लगातार पाकिस्तान समर्थित आतंकवाद से जूझ रहा

जानकार मानते हैं कि अभी वैश्विक आतंकवाद सिर्फ भारत के लिए प्राथमिकता है। अमेरिका वैश्विक कारोबार में अपना दबदबा बनाने की कोशिश में है। पश्चिमी देश रूस से निबटने का रास्ता खोजने में व्यस्त हैं। चीन अपनी विकास की गति को बना कर रखते हुए वैश्विक दबदबा बढ़ाने में जुटा है। ऐसे में अन्य प्रमुख शक्तियों के लिए वैश्विक आतंकवाद कोई बड़ा मुद्दा नहीं है। जबकि भारत लगातार पाकिस्तान समर्थित आतंकवाद से जूझ रहा है। भारत सरकार में यह सोच है कि विकसित भारत की उसकी राह में पाक समर्थित आतंकवाद एक बड़ी अड़चन बनने की क्षमता रखता है। यह सोच और इसको लेकर भारत की स्पष्ट नीति भी पीएम मोदी के राष्ट्रीय संबोधन में दिखता है।

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भारत और अमेरिका मिलकर बनाएंगे भू-इमेजिंग सैटेलाइट, ISRO-नासा के गठजोड़ से हासिल होगी ये उपलब्धियां

Dainik Jagran - National - 20 hours 20 min ago

पीटीआई, इंफाल। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के अध्यक्ष वी. नारायणन ने कहा है कि भारत और अमेरिका जल्द ही संयुक्त रूप से एक उन्नत अर्थ-इमेजिंग सैटेलाइट (भू-इमेजिंग उपग्रह) बनाएंगे। इस उपग्रह को भारत से ही अंतरिक्ष में प्रक्षेपित किया जाएगा।

उन्होंने यह भी कहा कि जलवायु परिवर्तन और वायु प्रदूषण का अध्ययन करने तथा मौसम की निगरानी के उद्देश्य से इसरो जी-20 देशों के लिए भी एक उपग्रह विकसित कर रहा है। भू-इमेजिंग उपग्रह पृथ्वी की कक्षा में चक्कर लगाने वाला एक 'अंतरिक्ष यान' है जिसे पृथ्वी की सतह और वायुमंडल के बारे में चित्र और डाटा कैप्चर करने के लिए डिजाइन किया जाता है।

'देश ने जो प्रगति की है वह अभूतपूर्व'

ये उपग्रह जानकारी एकत्र करने के लिए रडार सहित विभिन्न सेंसरों का उपयोग करते हैं। एकत्र किए गए डाटा का उपयोग मौसम की भविष्यवाणी, पर्यावरण निगरानी और मानचित्रण जैसे कई अनुप्रयोगों के लिए किया जाता है।

बहरहाल, आजादी के बाद से विभिन्न प्रकार और क्षमताओं के उपग्रहों के निर्माण का उल्लेख करते हुए इसरो प्रमुख ने कहा कि 1947 में स्वाधीन होने के बाद से देश ने जो प्रगति की है वह ''अभूतपूर्व और उत्कृष्ट'' है।

आज हमारे लिए यह गर्व एवं श्रेय की बात है कि हमने प्रक्षेपण यान की एक पीढ़ी विकसित कर ली है। हमारा पहला उपग्रह 1975 में विकसित किया गया था। तब से लेकर आज तक हमने विभिन्न प्रकार और क्षमताओं के 131 उपग्रहों का निर्माण किया है।

वी. नारायण, अध्यक्ष, भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO)

भारत ने 34 देशों के 433 उपग्रहों को कक्षा में स्थापित किया

इंफाल में केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय के पांचवें दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि भारत ने 34 देशों के 433 उपग्रहों को कक्षा में स्थापित किया है और देश के नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए 10 उपग्रह लगातार काम कर रहे हैं। भारत एक जीवंत अंतरिक्ष शक्ति बन रहा है और 2040 तक इसका पहला अंतरिक्ष स्टेशन होगा।

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यमुना नदी पर तटबंध निर्माण की होगी गहन जांच, सुप्रीम कोर्ट का CEC को सख्त निर्देश

Dainik Jagran - National - 20 hours 20 min ago

पीटीआई, नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने केंद्रीय अधिकार प्राप्त समिति (CEC) से उस याचिका में उठाए गए मुद्दों की जांच करने को कहा है जिसमें आरोप लगाया गया है कि खनन गतिविधि को सुविधाजनक बनाने के लिए हरियाणा के यमुनानगर में कलेसर वन्यजीव अभयारण्य के पास यमुना नदी पर तटबंध का निर्माण किया गया था।

मई 2002 में सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के अनुसार, सीईसी का गठन किया गया था, ताकि न्यायालय के निर्देशों के क्रियान्वयन की निगरानी की जा सके। ये निर्देश अतिक्रमण हटाने, कार्ययोजनाओं के क्रियान्वयन, वृक्षारोपण और अन्य संरक्षण मुद्दों के संबंध में दिए गए थे।

यमुना पर तटबंध बनाने का मामला

यमुना पर तटबंध बनाने का यह मामला न्यायमूर्ति बीआर गवई और न्यायमूर्ति ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की पीठ के समक्ष सुनवाई के लिए आया था।

आवेदक की ओर से पेश हुए अधिवक्ता गौरव कुमार बंसल ने पीठ को बताया कि वन्यजीव अभयारण्य के पास नदी पर तटबंध बनाया गया था, जिसके परिणामस्वरूप नदी का प्रवाह हरियाणा से उत्तर प्रदेश की ओर मुड़ गया।

उन्होंने दावा किया कि यह अनियमित खनन गतिविधि को सुविधाजनक बनाने के लिए किया गया था। पीठ ने 29 अप्रैल को पारित अपने आदेश में कहा, "इसलिए, हम पाते हैं कि यह उचित होगा कि केंद्रीय अधिकार प्राप्त समिति (सीईसी) मुद्दों की जांच करे और अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करे।"

सर्वोच्च न्यायालय ने आवेदक के वकील से कहा कि वे हरियाणा और उत्तर प्रदेश राज्यों के वकीलों को भी आवेदन की एक प्रति दें ताकि वे याचिका में की गई दलीलों पर अपनी टिप्पणी दे सकें। पीठ अब मामले की अगली सुनवाई मई के आखिरी सप्ताह में करेगी।

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