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डिजिटल धोखाधड़ी करने वालों की अब खैर नहीं, साइबर अपराध के मामले में दर्ज होगी e-Zero FIR
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। साइबर धोखाधड़ी के शिकार लोगों को एफआइआर दर्ज कराने के लिए अब पुलिस के चक्कर नहीं काटने होंगे। भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र (आइ4सी) के राष्ट्रीय साइबर अपराध पोर्टल (एनसीआरपी) और हेल्पलाइन नंबर 1930 पर की गई शिकायत अपने आप ई-जीरो एफआइआर में तबदील हो जाएगी।
गृह व सहकारिता मंत्री अमित शाह ने साइबर अपराधियों के खिलाफ नकेल कसने के लिए ई-जीरो एफआइआर की सुविधा का शुभारंभ किया। फिलहाल इसे दिल्ली में पायलट प्रोजेक्ट के रूप में शुरू किया गया है और 10 लाख रुपये से अधिक के साइबर धोखाधड़ी के मामलों में किया जाएगा।
शिकायतें स्वचालित रूप से जीरो एफआइआर में दर्ज हो जाएंगीअमित शाह ने कहा कि एनसीआरपी पोर्टल या हेल्पलाइन नंबर पर की गई शिकायतें स्वचालित रूप से दिल्ली की ई-क्राइम पुलिस स्टेशन में जीरो एफआइआर के रूप में दर्ज हो जाएंगी।
उनके अनुसार इससे शिकायतकर्ताओं के गंवाए हुए धन की आसानी से वसूली हो सकेगी और साथ ही साइबर अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई को भी सुगम बनाएगी।
उन्होंने कहा कि इस सिस्टम से जांच में तेजी आएगी और दिल्ली के बाद जल्द ही इसे पूरे देश में लागू किया जाएगा। दरअसल हाल ही आइ4सी के क्रियाकलापों की समीक्षा बैठक के दौरान अमित शाह ने साइबर अपराध के पीड़ितों की सहायता के लिए इसके लिए जरूरी तकनीकी प्रविधान करने का निर्देश दिया था।
इसके बाद आइ4सी के एनसीपीआर सिस्टम, दिल्ली पुलिस के ई-एफआइआर सिस्टम और राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) के अपराध और अपराधी ट्रैकिंग नेटवर्क और सिस्टम (सीसीटीएनएस) को एकीकृत किया गया, जिससे साइबर अपराधों में ई-जीरो एफआइआर की सुविधा संभव हो सकी।
जीरो एफआइआर कैसे नियमित एफआइआर में हो सकती है तब्दीलदिल्ली की ई-क्राइम पुलिस स्टेशन पर जीरो एफआइआर दर्ज होने के बाद आगे की कार्रवाई के लिए इसे तत्काल संबंधित क्षेत्रीय साइबर अपराध पुलिस स्टेशन को भेज दिया जाएगा। इसके बाद शिकायतकर्ता तीन के भीतर साइबर अपराध पुलिस स्टेशन में जाकर जीरो एफआइआर को नियमित एफआइआर में तब्दील करा सकता है।
ध्यान देने की बात है कि देश में बढ़ते साइबर अपराधों से निपटने से लिए गृह मंत्रालय के मातहत आइ4सी का गठन किया गया है, जो एनसीआरपी पोर्टल और हेल्पलाइन नंबर का संचालन करता है। इसके साथ ही आइ4सी में साइबर अपराधियों के नए केंद्र, नए उभरते तरीकों का विश्लेषण भी किया जाता है। जिसके आधार पर विभिन्न राज्यों की पुलिस साइबर अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई सुनिश्चित होती है।
China's economy slows in April
कुत्तों के आक्रामक तेवर से दहशत में पटना वाले, कई को काटा; घर के बाहर बैठे बच्चों की नोंच ली मांस
जागरण संवाददाता, पटना। राजधानी पटना के पाटलिपुत्र क्षेत्र के कुर्जी बालूपर मोहल्ले में सोमवार दोपहर आवारा कुत्तों का आतंक देखने को मिला। एक कुत्ते ने राह चलते एक युवक को काटने के बाद घर के दरवाजे पर बैठे तीन बच्चों को बुरी तरह नोंच डाला। हर बच्चे के शरीर को आधे दर्जन से अधिक जगह पर कुत्ते ने काटा।
लोग जुटे तो भाग गया कुत्तायही नहीं बच्चे को बचाने पहुंची महिला को भी कुत्ते ने कई जगह काट लिया। इस बीच स्थानीय लोगों के जुटने पर वह भागा। पांचों लोगों को पहले न्यू गार्डिनर रोड अस्पताल ले जाया गया। जहां ड्रेसिंग व एंटी रैबीज वैक्सीन देने के बाद गंभीर रूप से घायल तीनों बच्चों को पीएमसीएच रेफर किया गया।
एनएनसीएच में चल रहा इलाजहालांकि, पीएमसीएच ने बच्चों की हालत देखकर एनएनसीएच स्थित संक्रामक रोड अस्पताल भेजा, जहां उनका इलाज किया जा रहा है। न्यू गार्डिनर रोड के निदेशक डा. मनोज कुमार सिन्हा ने बताया कि पांच वर्षीय रचना कुमारी, दो वर्षीय अंकुश कुमार व छह वर्षीय वैष्णवी कुमारी की हालत गंभीर देखकर रेफर किया गया। बताते चलें कि न्यू गार्डिनर में प्रतिदिन औसतन 40 से 50 नए समेत 70 से 80 लोग एंटी रैबीज वैक्सीन लेने पहुंच रहे हैं।
घर के बाहर बैठे बच्चों को बनाया शिकारकुर्जी बालूपर के शक्तिनगर रोड नंबर सात में दोपहर करीब 12 बजे तीन बच्चे घर के बाहर बैठे खेल रहे थे। इसी बीच उधर से गुजर रहे 25 वर्षीय सन्नी कुमार पर कुत्ते ने हमला बोला और काट खाया। सन्नी के भागने के बाद कुत्ते ने घर के बाहर बैठे राकेश प्रसाद की पांच वर्षीय पुत्री रचना कुमारी, दो वर्षीय पुत्र अंकुश कुमार व पड़ोसी विकास कुमार की छह वर्षीय पुत्री वैष्णवी कुमारी पर हमला बोलकर बुरी तरह से नोंच खाया।
चीख सुन आई महिला को नहीं बख्शाबच्चों की चीख सुन बचाने आई 41 वर्षीय महिला अमृता कुमारी को भी उसने नहीं बख्शा। उसके चिल्लाने पर आसपास के लोग बाहर आए और कुत्ते को भगाया। कुत्ते के भागने के बाद भी इस सड़क के लोग दहशत में हैं और बच्चों को अकेले बाहर नहीं जाने दे रहे। बड़े लोग भी हाथ में डंडा लेकर चल रहे हैं। न्यू गार्डिनर में सभी को ले जाकर इलाज कराया गया। डा. मनोज कुमार सिन्हा ने बताया कि रचना, अंकुश व वैष्णवी के शरीर में आधा दर्जन से अधिक जगहों पर कुत्ते ने नोच खाया है।
गर्मी उस पर पानी-खाना न मिलने से हुए आक्रामकडा. मनोज कुमार सिन्हा ने बताया कि आज तो गर्मी अधिक नहीं थी लेकिन सामान्यत: कुत्तों का शरीर जल्दी गर्म हो जाता है। अधिक तापमान, उमस उन्हें चिड़चिड़ा बना देती है। इससे उनका व्यवहार आक्रामक हो सकता है। इसके अलावा गर्मी में सड़क पर रहने वाले कुत्तों को पानी-खाना ढूंढना मुश्किल हो जाता है। भूखा-प्यासा होने के कारण भी वे आक्रामक हो सकते हैं।
गर्मी के कारण बढ़ी समस्या
गर्मी में कुत्ते ठंडी-छायादार जगह तलाशते हैं, वहां किसी के जाने पर वे हमला कर सकते हैं। इसके अलावा गर्मी में संक्रमण का खतरा होता है, यदि कुत्ता पहले से रैबीज संक्रमित है तो वह ज्यादा आक्रामक होता है। कुछ कुत्तों का प्रजनन काल होता है, ऐसे में वे मादा की रक्षा में ज्यादा आक्रामक हो सकते हैं।
क्या ऑपरेशन सिंदूर के बाद पाकिस्तान ने दी थी न्यूक्लियर अटैक की धमकी? विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने दिया जवाब
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने सोमवार को विदेश मामलों की संसदीय स्थायी समिति के समक्ष ऑपरेशन सिंदूर और भारत-पाकिस्तान के बीच हाल के तनाव पर जानकारी दी।
विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने संसदीय समिति को बताया है कि भारत ने पहलगाम आतंकी हमले का करारा जवाब दिया है। आतंकियों के ठिकानों को नेस्तनाबूद कर दिया गया। विक्रम सचिव ने यह भी बताया कि पाकिस्तान को हमले की जानकारी दी गई थी।
संसदीय समिति का नेतृत्व कांग्रेस सांसद शशि थरूर कर रहे हैं। यह समिति भारतीय सेना के ऑपरेशन सिंदूर के बाद कूटनीतिक, सैन्य और क्षेत्रीय प्रभावों पर ध्यान केंद्रित करेगी। यह बैठक पहलगाम आतंकवादी हमले के कारण सीमा पार बढ़े तनाव के मद्देनजर हो रही है, जिसमें कई लोगों की जान चली गई थी।
पाक ने नहीं दी थी न्यूक्लियर हमले की धमकी: विक्रम मिसरीबैठक के दौरान संसदीय समिति ने कुछ सदस्यों से विक्रम मिसरी से पूछा कि क्या पाकिस्तान की तरफ से किसी तरह के न्यूक्लियर हमले की कोई धमकी दी गई थी? इस पर विदेश सचिव ने कहा कि पाकिस्तान की तरफ से किसी तरह के न्यूक्लियर हमले की धमकी नहीं दी गई थी।
पहलगाम हमले के बाद आतंकियों के ठिकाने हुए तबाह22 अप्रैल को जम्मू कश्मीर के पहलगाम में पाकिस्तान पोषित आतंकियों ने 26 निर्दोष नागरिकों की जान ले ली। इसके बाद भारत ने ऑपरेशन सिंदूर के तहत कार्रवाई करते हुए पाकिस्तान और गुलाम कश्मीर में 100 से ज्यादा आतंकियों को ढेर किया। इस कार्रवाई के बाद दोनों देशों के बीच चार दिनों तक सैन्य तनाव की स्थिति पैदा हो गई।
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विदेशी छात्रों को लुभाने की मुहिम में विश्वविद्यालय के सुस्त रवैए से यूजीसी खफा, जारी किए नए निर्देश
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। उच्च शिक्षण संस्थानों को विश्वस्तरीय बनाने और विदेशी छात्रों को लुभाने की मुहिम में जुटे विश्वविद्यालय अनुदान आयोग( यूजीसी) ने विश्वविद्यालयों के सुस्त रवैए को लेकर उन्हें एक बार फिर कसा है। साथ ही पूछा है कि विदेशी छात्रों के लिए अतिरिक्त सीटें सृजित करने के उसके निर्देशों का पालन कितना किया गया और कितनी सीटें बढ़ाई गई है।
यूजीसी ने विश्वविद्यालयों सहित सभी उच्च शिक्षण संस्थानों से तत्काल इसका ब्यौरा मुहैया कराने को कहा है। वैसे भी किसी भी उच्च शिक्षण संस्थानों के लिए विश्वस्तरीय रैंकिंग में जगह बनाने के लिए जरूरी है कि वह अपने यहां विदेशी छात्रों को भी दाखिला दे।यूजीसी ने इसके तहत सभी विश्वविद्यालयों और उच्च शिक्षण संस्थानों के लिए सितंबर -2022 में एक दिशा-निर्देश जारी किया था और कहा था कि वह जल्द ही अपने संस्थानों में विदेशी छात्रों के लिए सृजित सीटों के अतिरिक्त 25 प्रतिशत और सीटें सृजित करें।
यूजीसी ने इन शिक्षण संस्थानों के लिए दिए ये निर्देशइस काम को आयोग ने क्रमबद्ध तरीके से करने के निर्देश दिए थे। यानी पहले वर्ष कम से कम दस प्रतिशत और दूसरे वर्ष भी दस प्रतिशत या उससे अधिक सीटें सृजित करने का सुझाव दिया था। सूत्रों के मुताबिक अब तक करीब सौ विश्वविद्यालयों ने ही इस पर अमल शुरू किया है। इनमें दिल्ली विश्वविद्यालय, जेएनयू, बीएचयू जैसे शीर्ष के केंद्रीय विश्वविद्यालय, तकनीकी संस्थान व निजी विश्वविद्यालय शामिल है। यह स्थिति तब है जब देश में अकेले 1100 से अधिक विश्वविद्यालय है और कालेजों की संख्या भी 45 हजार से अधिक है। इसके साथ ही यूजीसी ने सभी विश्वविद्यालयों व उच्च शिक्षण संस्थानों से अपने यहां अंतरराष्ट्रीय केंद्र, वीजा हेल्प डेस्क व फीस आदि की पारदर्शी व्यवस्था करने के निर्देश दिए है।
करीब पचास हजार विदेशी छात्र भारत में कर रहे हैं अभी पढ़ाईउच्च शिक्षण संस्थानों से दाखिले से लेकर वीजा, फीस आदि की व्यवस्था में पारदर्शिता रखने की सलाह के साथ ही यूजीसी सारी जानकारी अपने वेबसाइट पर पारदर्शिता करने को कहा है। मौजूदा समय में वैसे तो दुनिया के करीब 163 देशों के छात्र देश के अलग-अलग उच्च शिक्षण संस्थानों में पढ़ाई कर रहे है, लेकिन इनकी संख्या सिर्फ पचास हजार ही है। इनमें करीब 28 फीसद छात्र अकेले नेपाल के है। इसके अतिरिक्त अफगानिस्तान के करीब आठ फीसद, बांग्लादेश के करीब छह फीसद, भूटान के करीब चार फीसद और अमेरिका के करीब पांच फीसद होते है।
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Vishal and Sai Dhanshika announce their official marriage date at 'Yogi Da' audio launch - Times of India
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Bihar School News: छठी से बारहवीं कक्षा के स्कूलों में सप्ताह में एक दिन स्वास्थ्य की घंटी, आदेश जारी
राज्य ब्यूरो, पटना। प्रदेश के छठी से बारहवीं कचा तक की पढ़ाई वाले सभी सरकारी विद्यालयों में सप्ताह में एक दिन स्वास्थ्य की घंटी बजेगी। यह घंटी विद्यालय स्वास्थ्य एवं आरोग्य कार्यक्रम के तहत बजेगी। इस घंटी में बच्चे स्वस्थ रहने का पाठ पढ़ेंगे।
इससे संबंधित दिशा-निर्देश शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ. एस. सिद्धार्थ की ओर से सोमवार को सभी जिला शिक्षा पदाधिकारियों एवं जिला कार्यक्रम पदाधिकाधिकारियों को जारी किया गया।
निर्देश के मुताबिक, स्वास्थ्य एवं आरोग्य दूत अपने-अपने स्कूल में विद्यालय स्वास्थ्य एवं आरोग्य कार्यक्रम सत्रों का कक्षा में प्रभावी संचालन करेंगे। विद्यालय की समय-सारणी में हर सप्ताह एक घंटी विद्यालय स्वास्थ्य एवं आरोग्य कार्यक्रम के लिए निर्धारित होगी। यह घंटी मंगलवार या बुधवार को बजेगी।
शिक्षा विभाग ने दिए ये आदेशनिर्देश में कहा गया कि विद्यालय स्वास्थ्य एवं आरोग्य कार्यक्रम राज्य के सभी जिलों में के संबंधित विद्यालयों में लागू हो गया है। इसके लिए हर जिले में जिला कार्यक्रम पदाधिकारी नोडल पदाधिकारी हैं। प्रत्येक स्कूल में दो शिक्षकों को स्वास्थ्य एवं आरोग्य दूत के रूप में प्रशिक्षित किया गया है। इस कार्यक्रम के तहत छात्र-छात्राओं के जीवन कौशल, शारीरिक, मानसिक और संपूर्ण स्वास्थ्य को बढ़ावा देना तथा उनके समग्र विकास को सुनिश्चित करना है।
स्वास्थ्य एवं आरोग्य दूत अपने स्कूल का मासिक प्रतिवेदन सीएएचपी मोबाइल एप्लीकेशन के माध्यम से जमा करेंगे। प्रधानाध्यापकों द्वारा भी विभिन्न कार्यक्रम से संबंधित रिपोर्टिंग मोबाइल एप के माध्यम से करेंगे।
प्रत्येक स्कूल में त्रैमासिक किशोर स्वास्थ्य एवं आरोग्य दिवस का आयोजन होगा। इसकी मासिक समीक्षा प्रखंड स्तर पर प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी द्वारा एवं जिला स्तर पर जिला कार्यक्रम पदाधिकारी द्वारा की जाएगी।
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पटना में मल्टी मोडल की शुरुआत के बाद ऑटो व्यवस्थित करना चुनौती, जंक्शन के पास बढ़ी परेशानी
जागरण संवाददाता, पटना। मल्टी मोडल का विधिवत उद्घाटन हो चुका है, यहां की यातायात व्यवस्था को दुरुस्त करना प्रशासन के लिए बड़ी चुनौती साबित हो रहा है। पटना जंक्शन पर छह स्थानों से ऑटो का परिचालन हो रहा है। मल्टीमोडल हब और मल्टी लेबल पार्किंग नये स्थल हैं।
टाटा पार्क का गेट आनंद लोक होटल की तरफ कर दिया गया। जीपीओ गोलंबर के पास पुल के नीचे स्टैंड है। इसके साथ जंक्शन पर पाल होटल के पास दो आटो स्टैंड बन गए हैं। छह आटो पार्किंग पर अब तक प्रशासन की मुहर लग गई है।
जंक्शन गोलंबर को छोटा किया गयाजंक्शन गोलंबर को छोटा किया गया है, लेकिन अभी तक यह व्यवस्थित नहीं हो पाया है। अभी यहां अतिक्रमण के चलते हालात को सामान्य करने में काफी परेशानी हो रही है। मल्टी लेबल पार्किंग से आटोस्टैंड जाने के लिए बने रास्ते के किनारे फुटपाथी का कब्जा है। गौरियाटोली में यूटर्न के पास सड़कें पर दुकानें सजी हैं। मल्टी मोडल हब से जीपीओ जाने वाले वाहनों का परिचालन अतिक्रमण के कारण प्रभावित हो रहा है।
आटो के लिए भटकते नजर आए यात्रीजंक्शन पर बदलाव के कारण रेल यात्री भटक जा रहे हैं। उन्हें पता नहीं चल रहा है कि कहां से आटो मिलेगा। पाल होटल के पास से हनुमाननगर, कंकड़बाग, नाला रोड सहित कई स्थानों के आटो खुल रहे हैं। मल्टी लेबल पार्किंग से गांधी मैदान, नेहरूपथ, बोरिंग रोड, बोरिंग कैनाल रोड आदि स्थानों के लिए आटो जा रहे हैं। मल्टी मोडल हब मिक्स है।
यहां से नेहरुपथ, बोरिंग रोड, दानापुर सहित कई स्थानों के आटो खुल रहे हैं। जीपीओ गोलंबर के नीचे से फुलवारीशरीफ, खगौल के लिए आटो खुल रहे हैं। रेल यात्रियों को जानकारी देने की कोई व्यवस्था नहीं की गई है।
बुद्धस्मृति पार्क के सामने बन गया आटो स्टैंडबुद्ध स्मृति पार्क के सामने दिन के 11.00 बजे गांधी मैदान जाने वाले आटो का जमावड़ा लगा था। प्रशासन की सख्ती के बाद यहां से आटो वाले हटे। ई-रिक्शा वाले बुद्ध स्मृति पार्क के दूसरे छोर पर आटो लगाकर गांधी मैदान के यात्रियों के लिए लेने के लिए सड़क पर जमे रहे। इस कारण डाकबंगला से पटना जंक्शन जाने वाले यात्री परेशान रहे। पुलिस वाले को देखते ही ई-रिक्शा वाले आगे बढ़ जा रहा था।
मल्टीलेबल पार्किंग में लग गई लाइट, बनेगा यूरिनलनगर आयुक्त अनिमेष कुमार पराशर ने मल्टी लेबल पार्किंग का निरीक्षण किया। 12 घंटे के अंदर रोशनी की पर्याप्त व्यवस्था करने का निर्देश दिया। यूरिनल बनाने का निर्देश दिया।
सब-वे के अंतिम छोर पर मल्टी मोडल हब में प्रवेश के पहले एक रास्ता खोलने का निर्देश दिया। इस रास्ते के बन जाने के बाद मल्टी लेबल पार्किंग से यात्री सीधे यहां आ सकते हैं। मल्टी मोडल हब में बुद्ध मार्ग की तरफ जल्द से जल्द गेट खोलने का निर्देश दिया।
निजी बस मल्टीमोडल हब में करने लगी प्रवेशयातायात पुलिस ने सोमवार को जीपीओ गोलंबर पर यूटर्न लेने पर रोक लगा दी। बुद्ध मार्ग में लगने वाली निजी बस अब मल्टीमोडल हब में प्रवेश कर अगले गेट से बाहर निकलने लगीं। निजी बस वाले भी मल्टीमोडल हब में सवारी ले रहे हैं। जीपीओ गोलंबर के पास जाम से राहत मिली है।
आटो चालकों ने किया प्रदर्शन, कल देंगे धरनाआटो चालकों ने जीपीओ आटो पार्किंग में प्रदर्शन किया। प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की। आरोप लगाया कि यातायात एसपी ने यहां आटो स्टैंड संचालन का निर्देश दिया है तो यातायात डीएसपी हटाना चाहते हैं।
आटो यूनियन के नेता राजकुमार झा, मुर्तजा अली, अजय पटेल, नवीन मिश्रा, तनवीर अहमद आदि ने बताया कि आटो चालकों की मांगों पर प्रशासन ध्यान दे। मांगों को लेकर मंगलवार को आटोचालकों द्वारा एक दिवसीय धरना दिया जाएगा।
सुबह पांच बजे से आठ बजे तक चल रही बसेंमल्टी मोडल हब से सुबह पांच बजे से शाम आठ बजे के बीच बिहार राज्य पथ परिवहन निगम की बसें चल रही हैं। आठ बजे के बाद विलंब वाली बसें पहुंच रही हैं। जबकि निजी बसें रात्रि दस बजे तक चल रही हैं। सब-वे सुबह छह बजे से रात्रि 11 बजे बजे खुला रखा जा रहा है।
मल्टी मोडल हब 11केवी से हो गया ऊर्जाविंतमल्टी मोडल हब सोमवार को 11केवी लाइन से ऊर्जांवित हो गया। पहले यह एलटी लाइन से जुड़ा था। सब-वे में निर्बाध बिजली आपूर्ति के लिए 500केवीए का ट्रांसफार्मर लगाया गया है। 350 केवीए लोड लिया गया है। पेसू के डाकबंगला आपूर्ति प्रमंडल बिजली आपूर्ति बहाल कर दिया है।
Bihar Startup: बिहार सरकार का स्टार्टअप पर फोकस, नवाचार के लिए अब तक हो चुके 1522 रजिस्ट्रेशन
डिजिटल डेस्क, पटना। बिहार सरकार की स्टार्टअप योजना सभी वर्ग और समुदाय के लोगों को स्वरोजगार प्रदान कर इन्हें स्वालंबी बनाने में बेहद सहायक साबित हो रही है। इसके प्रति तेजी से आकर्षण बढ़ता जा रहा है। उद्योग विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार, अब तक 1 हजार 522 स्टार्टअप पंजीकृत हो चुके हैं।
इसके तहत 62 करोड़ 50 लाख रुपये की राशि वितरित की जा चुकी है। इसमें महिला उद्यमियों के अलावा अनुसूचित जाति/जनजाति वर्ग के उद्यमियों की संख्या भी काफी है। कुछ स्टार्ट-अप को अतिरिक्त सहायता भी दी गई है। इसमें 13 लाख 30 हजार रुपये की अतिरिक्त वित्तीय सहायता भी प्रदान की जा चुकी है।
सूबे में तेजी से स्टार्टअप की संख्या बढ़ने की वजह से बिहार की कृषि प्रधान राज्य की छवि से हटकर नवाचार और उद्यमिता के नए कलेवर वाली छवि भी बनती जा रही है। ग्रामीण इलाकों में भी स्टार्ट अप की संख्या तेजी से बढ़ रही है। उद्योग विभाग की इस योजना की वजह से युवाओं में उद्यमशीलता की भावना को प्रोत्साहन मिला है।
विभाग के स्तर से स्टार्टअप बिहार के तहत एक समग्र तंत्र का निर्माण किया गया है, जो स्टार्ट-अप को उनकी शुरुआत से लेकर इसकी स्थापना और व्यवसाय के विस्तार तक सभी चरणों में सहयोग प्रदान करता है। खासकर युवाओं, महिलाओं और पारंपरिक रूप से उपेक्षित कुछ समुदायों की भागीदारी में भी इसमें बढ़ोतरी हुई है। यह राज्य के सामाजिक-आर्थिक परिदृश्य में परिवर्तन का संकेतक भी है।
बिहार स्टार्टअप नीति की शुरुआत वर्ष 2017 में हुई थी, जिसका उद्देश्य राज्य में नवाचार और स्टार्टअप गतिविधियों को बढ़ावा देना है। बदलते उद्घमी परिदृश्य और स्थानीय आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए सरकार ने इसमें बदलाव किया और बिहार स्टार्ट-अप नीति 2022 लागू की। नई नीति अधिक समावेशी, प्रभावी और तेज क्रियान्वयन करने वाली है।
इस नीति का मुख्य उद्देश्य राज्य के युवाओं की प्रतिभा का उपयोग करते हुए स्टार्टअप के लिए एक अनुकूल माहौल बनाना है। बिहार को स्टार्टअप, निवेशकों और अन्य हितधारकों की पहली पसंद बनाना है। ताकि राज्य के समग्र विकास को गति मिल सके। उद्योग विभाग इससे संबंधित विभिन्न कार्यक्रमों, पुरस्कारों और अभियानों को आयोजित करके नवाचार की संस्कृति को सशक्त बना रही है।
उद्योग मंत्री नीतीश मिश्रा का कहना है कि स्टार्ट-अप को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न स्तर पर प्रोत्साहन से लेकर सभी तरह के सहयोगात्मक कार्य किए जा रहे हैं। युवाओं के नवाचार को बढ़ावा देने से लेकर इसके तहत आने वाले सभी प्रस्तावों पर मंथन करने के बाद इसके क्रियान्वयन के लिए हर तरह से सहायता प्रदान की जाती है। इससे स्वरोजगार को बढ़ावा मिल रहा है। युवाओं को अपने सार्थक कल्पना को आकार प्रदान करने में मदद मिल रही है।
मंत्री संजय सरावगी ने राजस्व विभाग के अफसरों के साथ की बैठक, दिए जरूरी दिशा निर्देश
डिजिटल डेस्क, पटना। बिहार सरकार के राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग मंत्री संजय सरावगी की अध्यक्षता में सोमवार को मुंगेर संग्रहालय सभागार में राजस्व कार्यों की समीक्षा बैठक आयोजित हुई। बैठक में म्यूटेशन, परिमार्जन प्लस, लगान वसूली, अभियान बसेरा-2 सहित अन्य सेवाओं पर बिंदुवार चर्चा हुई।
इसके पहले मंत्री द्वारा 19 लाभुकों को बासगीत पर्चा का भी वितरण किया गया। वहीं बैठक के अंत में मंत्री एवं अपर मुख्य सचिव को जिलाधिकारी द्वारा स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया।
इस अवसर पर राजस्व विभाग के अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार सिंह, संयुक्त सचिव अनिल कुमार पाण्डेय, जिलाधिकारी अवनीश कुमार सिंह, अपर समाहर्त्ता मनोज कुमार, सभी भूमि सुधार उप समाहर्त्ता, अंचलाधिकारी सहित अन्य उपस्थित थे।
मंत्री द्वारा म्यूटेशन, म्यूटेशन प्लस की समीक्षा में प्राप्त आवेदनों की संख्या के निष्पादन के विरूद्ध लंबित पड़े आवेदनों की संख्या पर असंतोष व्यक्त किया गया। उन्होंने कहा कि कुछ प्रखंडों की स्थिति बहुत अच्छी नहीं है, लंबित आवेदनों की संख्या जिन भी प्रखंडों में अधिक है वे जल्द से जल्द उसका निष्पादन करें।
उन्होंने कहा कि दाखिल-खारिज और लगान वसूली की स्थिति में भी सुधार की जरूरत है। आप सभी अधिकारी प्राप्त आवेदनों की स्वयं से समीक्षा कर स्क्रूटनी करें और अधिक से अधिक प्राप्त आवेदनों की जांच कर उसका निष्पादन करें। कुछ प्रखंडों में आवेदनों के रिजेक्शन की संख्या अधिक है, जो गलत है।
इसकी जांच करें और आवेदन रिजेक्ट करने से पूर्व आवेदक से सम्पर्क करें, हल्का अथवा राजस्व कर्मचारी द्वारा संबंधित आवेदक से बात करें तथा उनके आवेदन में जो भी कमी हो उसे बता कर आवेदन को सही कराएं। इससे रिजेक्शन में भी कमी आएगी और आवेदनों का निष्पादन भी जल्द होगा।
उन्होंने कहा कि सभी पदाधिकारी अपने लॉग इन पासवर्ड को सुरक्षित रखें और स्वयं से उसका इस्तेमाल करें, ताकि उसका कोई गलत इस्तेमाल न कर सके। लंबित मामलों के निष्पादन के लिए उन्होंने सभी डीसीएलआर को अंचलाधिकारियों के साथ समन्वय स्थापित कर समीक्षा करने का निर्देश दिया। वहीं जिलाधिकारी से कहा कि आप इन सभी अधिकारियों के साथ 15 दिनों के अंदर समीक्षा करें तथा लंबित मामलों के निष्पादन का अद्यतन प्रतिवेदन हमें उपलब्ध कराएं।
उन्होंने जिलाधिकारी को निर्देश देते हुए कहा कि अंचल कार्यालयों का लगातार निरीक्षण करें तथा वहां कार्यालय के अलावे किसी भी बाहरी व्यक्ति को पाएं तो तत्काल उनके खिलाफ कार्रवाई करें। ऐसे लोग ही कार्यालय का माहौल खराब करते हैं और आम जन को परेशानियों का सामना करना पड़ता है।
अंतरिम लगान की अद्यतन स्थिति पर भी उन्होंने असंतोष व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि लगान वसूली की स्थिति में सुधार की जरूरत है। उसमें सुधार लाएं और अधिक से अधिक लगान की वसूली करें, ताकि सरकार को राजस्व की प्राप्ति हो सके।
उन्होंने जिलाधिकारी को लगान वसूली में तेजी लाने के लिए शिविर लगाकर कार्य करने का निर्देश दिया तथा 15 दिनों के अंदर इसका अद्यतन प्रतिवेदन उपलब्ध कराने का निर्देश दिया। उन्होंने सभी अंचलाधिकारियों से कहा कि अंचल में कार्यरत हल्का एवं राजस्व कर्मचारियों से रूटीन अनुसार कार्य कराएं तथा उनके कार्यों का स्वयं भी फील्ड में जाकर औचक निरीक्षण करें।
सर्वे अथवा वेरिफिकेशन कार्य के लिए उन्हें प्रत्येक दिन फील्ड में भेजें और संध्या में समीक्षा कर उनसे कार्यों की अद्यतन स्थिति की जानकारी लें। उन्होंने सभी अंचलाधिकारियों को भी अपनी कार्यप्रणाली में सुधार लाने की बात कही। उन्होंने उपस्थित सभी अधिकारियों से कम से कम समय में अधिक से अधिक प्राप्त आवेदनों के निष्पादन का निर्देश दिया।
उन्होंने कहा कि हम सभी लोकतंत्र के सेवक हैं और आम जनता की सेवा करना हमारा धर्म है। राज्य सरकार जनता के लिए अत्यंत गंभीर है तथा उनके लिए चलाए जाने वाली प्रत्येक योजनाओं का शत प्रतिशत लाभ उन तक पहंुचाने के लिए आप सभी पदाधिकारियों को कृत संकल्पित होना होगा। आप सभी कर्तव्यनिष्ठ होकर अपने कार्य का निष्पादन करें।
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