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UNSC में भी पाक को घेरने की तैयारी में भारत, जयशंकर ने संभाला मोर्चा; इन देशों का मिला फुल सपोर्ट
पीटीआई, नई दिल्ली। एक तरफ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सैन्य बलों को पहलगाम में पर्यटकों पर हमला करने वाले आतंकियों पर कार्रवाई करने की खुली छूट दे दी है, तो दूसरी तरफ भारत ने वैश्विक समुदाय को अपनी बात समझाने की पहल भी तेज कर दी है।
इस क्रम में विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) के सात अस्थायी सदस्यों से टेलीफोन पर बात की है। ये देश हैं गुयाना, ग्रीस, स्लोवेनिया, पनामा, सोमालिया, सिएरा लियोन और अल्जीरिया। पाकिस्तान भी अभी यूएनएससी के दस अस्थायी सदस्यों में शामिल है और आशंका है कि भारत की तरफ से आतंकियों पर किसी तरह के सैन्य कार्रवाई होने की स्थिति में वह भारत के विरुद्ध प्रस्ताव ला सकता है।
जयशंकर ने की कुवैत के विदेश मंत्री से बातकूटनीतिक मोर्चेबंदी को आगे बढ़ाते हुए जयशंकर ने बुधवार को अपने कुवैती समकक्ष अब्दुल्ला अली अल-याह्या के साथ भी पहलगाम आतंकी हमले पर चर्चा की। विदेश मंत्री ने 'एक्स' पर एक पोस्ट में कहा, ''कुवैत के विदेश मंत्री अब्दुल्ला अली अल-याह्या से बात करके खुशी हुई। पहलगाम आतंकी हमले के बाद कुवैत की एकजुटता और समर्थन के लिए उनको धन्यवाद दिया।''
दुनिया के कई देशों से भारत ने किया संपर्कगौरतलब है कि भारत ने पिछले कुछ दिनों में दुनिया की विभिन्न देशों से संपर्क किया है और आतंकी हमले के ''सीमा पार'' संबंधों के बारे में उन्हें अवगत कराया है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप, फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुअल मैक्रों, इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू, मिस्त्र के राष्ट्रपति अब्देल फतह अल-सीसी, जार्डन के किंग अब्दुल्ला द्वितीय और इतालवी प्रधानमंत्री जार्जिया मेलोनी सहित कई वैश्विक नेताओं ने भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को फोन करके हमले की निंदा की थी।
कई देशों के राष्ट्राध्यक्षों ने की पीएम मोदी से बातजापान के प्रधानमंत्री शिगेरू इशिबा, संयुक्त अरब अमीरात के राष्ट्रपति मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान, ईरानी राष्ट्रपति मसूद पेजेश्कियन, श्रीलंका के राष्ट्रपति अनुरा कुमार दिसानायके, डच प्रधानमंत्री डिक स्कोफ, अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेडी वेंस, आस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री एंथनी अल्बानीज और नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने भी मोदी से बातचीत की है।
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Caste Census: जातीय गणना पर केंद्र के फैसले के पीछे क्या है CM नीतीश का रोल? चुनाव से पहले सामने आई अंदर की बात!
राज्य ब्यूरो, पटना। केंद्र सरकार ने बिहार की कई योजनाओं और उपलब्धियों को अंगीकार किया है। उसके जातीय जनगणना कराने के निर्णय की जड़ को देखें तो इसमें भी बिहार है।
केंद्र ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की इस पुरानी मांग को न सिर्फ स्वीकार किया, बल्कि आगे बढ़ कर इसे जमीन पर भी उतारने का निर्णय किया।
क्या कह रहे लालू?राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद कह रहे हैं कि उनके कहने पर 1996-97 में संयुक्त मोर्चा की केंद्र सरकार ने जाति आधारित गणना कराने का निर्णय लिया था। बाद के वर्षों में एनडीए की सरकार ने इसे लागू नहीं किया।
यह इतिहास का अध्याय हो सकता है। लेकिन, जाति आधारित गणना के लिए चले हाल के अभियान का श्रेय नीतीश कुमार को ही जाता है। नीतीश ने राज्य में इसके लिए वातावरण बनाया। सर्वदलीय बैठक बुलाई।
सभी दलों को तर्कों के आधार पर सहमत कराया। सबकी सहमति मिलने के बाद मुख्यमंत्री के नेतृत्व में राज्य के सभी दलों का एक प्रतिनिधिमंडल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिला।
प्रधानमंत्री से मुलाकात के बाद प्रतिनिधिमंडल में शामिल नेताओं ने मीडिया को बताया कि केंद्र सरकार जाति आधारित गणना के लिए सिद्धांत रूप से तो सहमत है। लेकिन, अभी वह इसके लिए राजी नहीं है। हां, राज्य सरकार चाहे तो अपने साधनों के बल पर जाति आधारित गणना करा सकती है।
मुख्यमंत्री ने वही किया। बिहार में जाति आधारित गणना हो गई। उसके आंकड़े के आधार पर सरकारी सेवाओं में आरक्षण का दायरा 65 प्रतिशत तक बढ़ा दिया गया।
सर्वोच्च न्यायालय की रोक के कारण बढ़े हुए आरक्षण का लाभ राज्य के लोगों को नहीं मिल रहा है। लेकिन, गणना के अन्य आंकड़े पर राज्य सरकार काम कर रही है।
गणना से इस बात की हुई जानकारीगणना से पता चला कि राज्य में अत्यंत गरीब परिवारों की संख्या 94 लाख है। राज्य सरकार ने इन परिवारों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए दो लाख रुपये देने का निर्णय लिया। इसका कार्यान्वयन हो रहा है।
इस प्रकरण में एक दिलचस्प घटना भी गौर करने लायक है। नीतीश कुमार जब विरोधी दलों के गठबंधन में शामिल हुए थे।
तय हुआ कि 2024 के चुनाव में अगर विरोधी दलों के गठबंधन आइएनडीआइए को सरकार बनाने का अवसर मिलता है तो न्यूनतम साझा कार्यक्रम में देश व्यापी जाति आधारित गणना को सूची में पहले स्थान पर रखा जाए।
संसदीय कार्य मंत्री विजय कुमार चौधरी ने बुधवार को बताया कि बैठक में नीतीश कुमार के इस प्रस्ताव का कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने खुला विरोध किया था। संयोग देखिए कि राहुल गांधी ही आज सबसे आगे बढ़ कर इसका श्रेय ले रहे हैं।
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हाईवे निर्माण में गुणवत्ता सुधारने के लिए सरकार का नया फॉर्मूला, असामान्य कम बोली लगाने वाले ठेकेदारों पर होगी सख्ती
मनीष तिवारी, नई दिल्ली। हाईवे निर्माण में खराब गुणवत्ता के एक प्रमुख कारण को दूर करने की कोशिश के तहत सरकार ने टेंडर के लिए असामान्य रूप से बेहद कम राशि कोट करने वाले ठेकेदारों पर अंकुश लगाने के लिए सिक्योरिटी राशि को लेकर नया फार्मूला जारी किया है।
सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय की ओर से अपनी एजेंसियों और सभी राज्यों के प्रमुख सचिवों और लोक निर्माण विभागों को जारी किए गए सर्कुलर के मुताबिक, अगर ठेकेदारों की ओर से टेंडर के लिए दी गई राशि प्रोजेक्ट राशि के बीस प्रतिशत से कम होगी तो उन्हें प्रत्येक घटते प्रतिशत के लिए 0.2 प्रतिशत की अतिरिक्त परफार्मेंस गारंटी देनी होगी।
परफार्मेंस गारंटी के अलावा भी जमा कराने होंगे पैसेउदाहरण के लिए अगर एक हजार करोड़ की प्रोजेक्ट राशि वाले किसी निर्माण के लिए कोई ठेकेदार 800 करोड़ रुपये में ही वही काम करने की बोली लगाता है तो उसे पहले की व्यवस्था के अनुरूप 24 करोड़ रुपये की परफार्मेंस गारंटी के अतिरिक्त आठ करोड़ रुपये और जमा कराने होंगे।
हाईवे की गुणवत्ता से समझौता स्वीकार्य नहींहाईवे सरीखे सभी तरह के निर्माण में टेंडर में प्रोजेक्ट राशि से काफी कम कीमत कोट कर ठेके ले लेने वाले ठेकेदार निगरानी के तमाम उपायों और मानदंडों को धता बताकर किसी तरह काम पूरा कर देते हैं और इसके चलते निर्माण की गुणवत्ता प्रभावित होती है।
इस पर अंकुश लगाने के लिए सरकार ने अगस्त 2022 में एक सर्कुलर जारी कर प्रोजेक्ट राशि से कम कीमत पर टेंडर लेने वाले ठेकेदारों के लिए परफार्मेंस गारंटी के रूप में एक धनराशि जमा कराना अनिवार्य किया था, लेकिन इसका भी कोई विशेष लाभ नहीं हुआ। अब सरकार ने ऐसी प्रवृत्ति को हतोत्साहित करने के लिए गारंटी राशि को बढ़ाने का फैसला किया है।
मंत्रालय ने सर्कुलर में क्या कहा?मंत्रालय ने सर्कुलर में कहा है कि यह फैसला असामान्य लो बिड प्राइस की बढ़ती प्रवृत्ति की समीक्षा के बाद लिया गया है। पिछले दिनों मंत्रालय के एक कार्यक्रम में भी यह मुद्दा उठा था कि किस तरह कुछ ठेकेदार एल 1 यानी सबसे कम निविदा को कांट्रैक्ट देने के नियम में बदलाव के बावजूद निर्माण में गुणवत्ता से खिलवाड़ कर रहे हैं और स्वतंत्र इंजीनियरों से निगरानी का सिस्टम भी उन्हें रोक नहीं पा रहा है।
हर कीमत पर कांट्रैक्ट लेने की होड़ में वे अधकचरी और कामचलाऊ ढंग से बनी डीपीआर पर काम कर रहे हैं। उच्च प्राथमिकता वाले प्रोजेक्टों को अगर छोड़ दिया जाए तो ज्यादातर परियोजनाओं में आरएफपी यानी रिक्वेस्ट फार प्रपोजल में दी गईं जरूरतों का भी पालन नहीं किया जाता।
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Pahalgam Attack: पीएम मोदी से मिले सेनाध्यक्ष उपेंद्र द्विवेदी, विदेश मंत्री एस जयशंकर और NSA अजीत डोभाल भी रहे मौजूद
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत सरकार पाकिस्तान के खिलाफ रणनीति बना रहा है। पीएम मोदी की अगुआई में बुधवार शाम हाई लेवल मीटिंग हुई। इस मीटिंग में सेनाध्यक्ष उपेंद्र द्विवेदी, विदेश मंत्री एस जयशंकर और NSA अजीत डोभाल भी मौजूद रहे।
पीएम मोदी ने सेना को दी खुली छूटइससे पहले मंगलवार को हुई हाई लेवल मीटिंग में पीएम मोदी ने कहा था कि आतंकवाद को करारा जवाब देना हमारा दृढ़ राष्ट्रीय संकल्प है। पीएम मोदी ने पहलगाम आतंकी हमले के परिप्रेक्ष्य में कार्रवाई किए जाने के विकल्पों पर सैन्य नेतृत्व से चर्चा करते हुए कहा कि हमारी जवाबी कार्रवाई का तरीका क्या हो, इसके टार्गेट्स कौन से हों और इसका समय क्या हो, इस प्रकार के ऑपरेशनल निर्णय लेने के लिए सैन्य बलों को खुली छूट है।
NEET Paper Leak: संजीव मुखिया की संपत्ति जब्त करने की तैयारी, अब मददगारों के खिलाफ भी जुटाए जा रहे हैं सबूत
राज्य ब्यूरो, पटना। नीट समेत विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं में पेपर लीक कराने के आरोपित मास्टरमाइंड संजीव मुखिया की अवैध संपत्ति जब्त की जाएगी।
पेपर लीक की जांच कर रही आर्थिक अपराध इकाई (ईओयू) जल्द ही इससे जुड़ा प्रस्ताव प्रवर्तन निदेशालय को भेजेगा।
इसके साथ ही पेपर लीक कराने में संजीव मुखिया की मददगारों की भी पहचान कर उनके विरुद्ध साक्ष्य जमा किए जाएंगे ताकि अग्रतर कार्रवाई की जा सके।
इधर, संजीव मुखिया की दो दिनों की रिमांड अवधि बुधवार को पूरी हो गई। इसके बाद संजीव मुखिया को वापस बेउर जेल भेज दिया गया। इसके पूर्व भी संजीव मुखिया से ईओयू ने 36 घंटे की पूछताछ की थी।
ईओयू सूत्रों के अुनसार, संजीव मुखिया ने पूछताछ में कई अहम जानकारियां दी हैं, जिसका सत्यापन करने का काम अब शुरू होगा। आगे जरूरत पड़ने पर संजीव मुखिया को फिर से रिमांड पर लिया जा सकता है।
पत्नी को विधायक बनाने की भी तैयारीसूत्रों के अनुसार, नालंदा के नगरनौसा का रहने वाला संजीव मुखिया अपनी पत्नी को विधायक बनाने की जुगत में लगा है। इस बार भी वह पत्नी के लिए चुनावी टिकट की जुगाड़ में लगा था, मगर इस बीच पुलिस ने उसे पकड़ लिया।
पेपर लीक से अवैध कमाई का इस्तेमाल भी वह इसमें करने वाला था। ईओयू को पूछताछ में बिहार के साथ पड़ोसी राज्यों झारखंड, बंगाल, उत्तरप्रदेश, दिल्ली आदि में भी उसके नेटवर्क की जानकारी मिली है। इसको जल्द ही इन राज्यों की पुलिस से शेयर कर मदद मांगी जाएगी।
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एसिड अटैक पीड़ितों और नेत्रहीन लोगों के लिए KYC प्रकिया हो आसान, सुप्रीम कोर्ट ने दिए अहम निर्देश; जानिए और क्या कहा
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने आज के समय में डिजिटल पहुंच को महत्वपूर्ण बताते हुए कहा है कि यह जीवन और स्वतंत्रता के अधिकार का अंतर्निहित घटक है इसके लिए सरकार को सक्रिय रूप से समावेशी डिजिटल पारिस्थितिकी तंत्र डिजाइन करना चाहिए।
शीर्ष अदालत ने विशेषकर दृष्टिबाधित और एसिड हमले के पीडितों तक इसकी पहुंच आसान बनाने के लिए विस्तृत दिशा निर्देश जारी किये हैं।यह महत्वपूर्ण फैसला न्यायमूर्ति जेबी पार्डीवाला और न्यायमूर्ति आर महादेवन की पीठ ने उस मामले में दिया जिसमें एसिड अटैक पीड़ित का चेहरा हमले के कारण खराब हो गया है और आंखों गंभीर रूप से जल गईं थी।
KYC के नियमों को लेकर दायर की गई थी याचिकाजबकि दूसरा याचिकाकर्ता पूरी तरह दृष्टिबाधित था। दोनों याचिकाओं में उनकी शारीरिक अक्षमता के चलते डिजिटल केवाइसी की प्रक्रिया में आने वाली दिक्कतों का मुद्दा उठाया गया था और कोर्ट से डिजिटल केवाइसी, ईकेवाइसी और वीडियो केवाइसी के बारे में उचित दिशानिर्देश तय करने की मांग की गई थी।
सुप्रीम कोर्ट ने फैसले में कहा कि डिजिटल पहुंच सभी तक, जिसमें दिव्यांग और हाशिए पर रहने वाले समूह भी शामिल हैं, आसान बनाने के लिए नागरिकों की विभिन्न जरूरतों को ध्यान में रखते हुए समावेशी टेक्नालोजिकल एडवांसमेंट की जरूरत है। ऐसा वातावरण तैयार हो जिसमें कोई पीछे न छूटे। शीर्ष अदालत ने जो लोग दृष्टिबाधित हैं या जिन्हें कम दिखाई देता है उन्हें डिजिटल केवाइसी में बाधाओं का सामना करना पड़ता है। इसके अलावा बायोमैट्रिक वैरीफिकेशन जैसे फेशियल रिकग्नाइजेशन में भी दृष्टिबाधित लोग बाहर रह जाते हैं।
सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी कई मायनों में खासकोर्ट ने कहा कि ये बाधाएं दिव्यांग लोगों के काम करने या समाज में शामिल होने के संबंध में महत्वपूर्ण हैं और इससे उन्हें कानून और यूएनसीआरपीडी के तहत मिले बराबरी के मौके और पूर्ण भागीदारी के अधिकार का उल्लंघन होता है। कोर्ट ने कहा है कि इस भेदभाव को दूर करने के लिए सरकार और निजी संस्थाओं को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि डिजिटल सेवाएं वेब कंटेंट एक्सेसिबिलिटी गाइडलाइन्स (डब्लूसीएजी) और एक्सेसिबिलिटी मानकों का अनुपालन करें।
कोई दिव्यांग डिजिटल सेवा से ना रहे वंचितइसके अलावा डिजिटल समावेशन के लिए कानूनी फ्रेमवर्क लागू करना चाहिए। ताकि ये सुनिश्चित हो कि कोई भी व्यक्ति दिव्यांगता के कारण जरूरी सेवाओं से वंचित न रहे। इन तकनीकी वास्तविकताओं की रोशनी में संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत जीवन के अधिकार की पुनव्र्याख्या की जानी चाहिए।
बिहार में कश्मीर समेत दूसरे राज्यों से मिले लाइसेंसी हथियारों की रिपोर्ट तलब, गृह विभाग ने जारी किया निर्देश
राज्य ब्यूरो, पटना। बिहार में कश्मीर, नगालैंड समेत उत्तर-पूर्वी एवं अन्य राज्यों के लाइसेंस पर निर्गत हथियारों का सत्यापन अनिवार्य कर दिया गया है। गृह विभाग ने सभी जिलों के डीएम को पत्र जारी कर इससे जुड़ा निर्देश दिया है। इसके लिए एक महीने की समयसीमा तय की गई है। एक माह के भीतर सभी जिलाधिकारियों से दूसरे राज्यों से जारी लाइसेंस पर निर्गत हथियारों की पूरी रिपोर्ट तलब की गई है।
विभागीय आदेश के अनुसार, दूसरे राज्यों से जारी लाइसेंस पर हथियार रखने वालों को एक माह के अंदर थाना स्तर पर सत्यापन कराना अनिवार्य होगा। सत्यापित नहीं होने वाले हथियार अवैध माने जाएंगे।
इस आधार पर लाइसेंस धारकों के खिलाफ कार्रवाई भी की जाएगी। गृह विभाग ने लाइसेंस व उसके आधार पर निर्गत हथियारों के सत्यापन को लेकर एक मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) भी निर्धारित कर रखी है।
नहीं हो रहा प्रक्रिया का पालनगृह विभाग के अनुसार, राज्य में बड़ी संख्या में नागरिक उत्तर पूर्व के नगालैंड, जम्मू कश्मीर व अन्य राज्यों से अवैध रूप से शस्त्र लाइसेंस प्राप्त कर रहे हैं। उनके द्वारा न तो प्रक्रिया का पालन किया जा रहा है और न ही अनिवार्य सत्यापन की प्रक्रिया पूरी की जा रही है।
आशंका है कि संगठित अपराध करने और आपराधिक वर्चस्व स्थापित करने में भी इन हथियारों का इस्तेमाल कर रहे हैं। ऐसे लाइसेंसधारियों का स्थायी पता या उनके आपराधिक इतिहास के संबंध में थाना से सत्यापन भी नहीं कराया जाता है।
कई बार लाइसेंस पर यूआइएन (यूनिक आइडेंटिफिकेशन नंबर) भी जाली अंकित किया जाता है। इस गठजोड़ में शस्त्र विक्रेता भी भागीदार होते हैं। शस्त्र विक्रेता न सिर्फ जाली लाइसेंस पर अत्यधिक मुनाफा लेकर आधुनिक हथियारों की बिक्री करते हैं, बल्कि एक ही लाइसेंस पर अनेकों हथियार बेच दिए जाते हैं।
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Aankhon Ki Gustaakhiyan: Shanaya Kapoor's debut with Vikrant Massey to release on this date - Hindustan Times
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Patna News: अनीसाबाद-एम्स एलिवेटेड रोड के लिए तोड़े जाएंगे 176 मकान, DM चंद्रशेखर सिंह ने दिया ऑर्डर
जागरण संवाददाता, पटना। अनीसाबाद-एम्स एलिवेटेड रोड के रास्ते में 176 संरचनाओं को हटाया जाएगा। जिलाधिकारी डॉ. चंद्रशेखर सिंह ने बुधवार को प्रोजेक्ट मॉनिटरिंग ग्रुप की बैठक में यह निर्देश दिया। उन्होंने यह भी कहा कि जेपी गंगा पथ के विस्तार के लिए दीदारगंज, फतुहा, खुसरूपुर, बख्तियारपुर एवं अथमलगोला अंचलों में एलएपी जल्द पूरा करें। जेपी गंगा पाथवे को साफ रखें।
इसके अलावा, कंगनघाट से कनेक्टिविटी देने के लिए सुकुमारपुर मौजा में जरूरी कार्य का निर्देश दिया। जिलाधिकारी ने बैठक में 30 से अधिक विकास परियोजनाओं की समीक्षा की। निर्माण एजेंसियों को एसओपी के अनुसार तेजी से कार्य पूरा करने का निर्देश दिया।
प्रोजेक्ट मॉनिटरिंग ग्रुप की बैठक करते जिलाधिकारी डॉ. चंद्रशेखर सिंह। सौ-जिला प्रशासन
बिहटा एयरपोर्ट कार्गो के लिए शिफ्ट हाेगा पुराना थाना:बिहटा एयरपोर्ट के संदर्भ में बताया गया कि अधियाचना एवं राशि प्राप्त होते ही अधिग्रहण की कार्रवाई शुरू कर दी जाएगी। बुडको ने यहां ड्रेनेज का चैंबर निर्माण पूर्ण कर लिया है। जिलाधिकारी ने कहा कि बिहटा एयरपोर्ट के दोनों तरफ विस्तार के लिए फिजिबिलिटी रिपोर्ट दें।
बियाडा की भूमि एयरपोर्ट को देने की अनुमति कैबिनेट से मिल चुकी है। एयरपोर्ट के कार्गो निर्माण के लिए पुराना थाना भवन को शिफ्ट किया जाएगा। पीएमसीएच मेट्रो स्टेशन के पास राधाकृष्ण मंदिर को शिफ्ट करने के लिए विभाग से अनुमति प्राप्त की जाएगी।
भारतमाला परियोजना के लिए बनेगा डेडिकेटेड फोर्स:जिलाधिकारी ने कहा कि भारतमाला परियोजना के लिए डेडिकेटेड फोर्स को लेकर एसएसपी को पत्र दें। वहां पुलिस पोस्ट का निर्माण कराएं। बिहटा चौक पर स्थित मंदिर को शिफ्ट करने का निर्देश एसडीओ एवं सीओ को दिया गया।
बताया गया कि दानापुर-बिहटा एलिवेटेड कारिडोर के लिए 100 संरचनाओं का यथाशीघ्र मूल्यांकन कर प्रतिवेदन देने का निर्देश जिलाधिकारी ने दिया। इस क्रम में भू अर्जन परियोजनाओं के दाखिल-खारिज में आ रही समस्याओं को दूर करने का निर्देश बाढ़ डीसीएलआर को दिया गया।
ऑफलाइन एलपीसी निर्गत करें:पाटली पथ एवं नेहरू पथ के संपर्क मार्ग के लिए भूअर्जन का प्रस्ताव शीघ्र भेजने का निर्देश बीएसआरडीसी के प्रतिनिधि को दिया गया।बख्तियारपुर आरओबी में 12 रैयतों का एलपीसी सीओ के स्तर पर लंबित है। जिलाधिकारी ने सभी हिस्सेदारों के नाम से ऑफलाइन एलपीसी कराने का निर्देश दिया।
इसी तरह तारेगना आरओबी में दो जगहों पर काम रुका है। यहां की असर्वेक्षित भूमि पर एक दर्ज लोगों का कब्जा है। जिलाधिकारी ने जमाबंदी रद कर कब्जा लेने का निर्देश दिया। इसी तरह लक्षमण झूला के पास एक व्यक्ति कार्य का विरोध कर रहा है।
एसडीओ को इसके समाधान का निर्देश दिया गया। दुल्हिन बाजार अंचल में प्रस्तावित पंचायत सरकार भवन की निजी व्यक्तियों के नाम से है, उसे रद कराने को कहा गया। बैठक में एडीएम अनिल कुमार, जिला भू अर्जन पदाधिकारी रंजन कुमार चौधरी समेत अन्य पदाधिकारी भी थे।
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Bihar News: सोन नहर से रोहतास और बक्सर के किसानों को मिलेगा फायदा, 4065 हेक्टेयर भूमि की होगी सिंचाई
डिजिटल डेस्क, पटना। धान का कटोरा कहे जाने वाले बक्सर और रोहतास के किसानों को अब खरीफ की फसल के लिए सिंचाई की समस्या का सामना नहीं करना होगा। सोन नहर प्रणाली के अंतर्गत चौसा शाखा नहर की पुनर्स्थापन और लाइनिंग का काम तेज प्रगति पर है। इस योजना के माध्यम से नोखा, करगहर, कोचस एवं दिनारा प्रखंड के अधीन सोन नहर प्रणाली के अंतर्गत चौसा शाखा नहर से निकलने वाले जल को कोचस वितरणी और इंदौर वितरणी के अंतिम छोर तक उपलब्ध कराया जाएगा।
योजना का लक्ष्य है कि आगामी खरीफ से पहले इसे पूर्ण करके किसानों को सिंचाई की सुविधा उपलब्ध कराई जाए। इस नहर की कुल लम्बाई 62.67 किमी है और इस योजना की कुल लागत 79 करोड़ 53 लाख 38 हजार रुपये है। चौसा शाखा नहर की पुनर्स्थापना और लाइनिंग का 88 प्रतिशत काम पूरा कर लिया गया है।
इस योजना के माध्यम से रोहतास जिला के नोखा, करगहर, कोचस एवं दिनारा प्रखंड के अधीन सोन नहर प्रणाली के अंतर्गत चौसा शाखा नहर से निकलने वाले जल को कोचस वितरणी एवं इंदौर वितरणी के अंतिम छोर तक उपलब्ध कराया जायेगा। इस योजना से इलाके की कुल 4065 हेक्टेयर क्षेत्रफल की जमीन को सिंचाई क्षमता को पुनर्स्थापित किया जाएगा।
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