Feed aggregator
Patna News: पति के सामने नर्तकी के साथ सामूहिक दुष्कर्म, 2 गिरफ्तार; एक की तलाश में जुटी पटना पुलिस
संवाद सहयोगी, दानापुर (पटना)। पटना के दानापुर में शाहपुर थाना क्षेत्र के दियारा स्थित शंकरपुर के निकट तीन बदमाश एक नर्तकी को उठाकर मक्के के खेत में ले गए और पति को बंधक बना उसके सामने ही सामूहिक दुष्कर्म किया।
बाद में पीड़िता ने शाहपुर थाने में प्राथमिकी कराई। पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए दो बदमाशों को गिरफ्तार कर लिया। जबकि तीसरा फरार है।
थानाध्यक्ष मनीष कुमार आनंद ने बताया कि दियारा के शंकरपुर में रास्ता बताने का झांसा देकर वैशाली की एक नर्तकी के साथ तीन बदमाशों ने पति को बंधक बनाकर उसके सामने दुष्कर्म किया।
नर्तकी के बयान पर मामला दर्ज कर घटना में शामिल शंकरपुर निवासी मनीष एवं मनोज को गिरफ्तार किया गया है। तीसरे की गिरफ्तारी को लेकर छापामारी की जा रही है।
बताया गया कि मंगलवार की रात दियारा के शंकरपुर में एक शादी समारोह में कार्यक्रम प्रस्तुत करने वैशाली से एक नर्तकी अपने पति के साथ आई थी।
कार्यक्रम समाप्त होने के बाद वापस लौट रहे थे पति-पत्नीबुधवार की भोर में कार्यक्रम समाप्त होने पर पति-पत्नी दिघवारा के लिए निकले। रास्ते में दोनों ने एक बाइक सवार से दिघवारा जाने के सही रास्ते के बारे में पूछा तो बाइक सवार ने कहा कि वह भी उधर ही जा रहा है, उन्हें पहुंचा देगा।
इसके बाद उसने कॉल करके अपने दो दोस्तों को बाइक लेकर बुलाया। तीनों ने दंपती को अलग-अलग बाइक पर बैठा लिया।
कुछ ही दूरी पर सुनसान देख तीनों ने बाइक रोक दी और दंपती को जबरन मक्के के खेत में ले गए। वहां पति को बंधक बनाकर तीनों ने नर्तकी से सामूहिक दुष्कर्म किया।
इसके बाद तीनों भाग निकले। यहां से दंपती शाहपुर थाना पहुंचे और आपबीती सुनाई। पुलिस ने छानबीन की तो मामला सही पाया और दो आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया।
यह भी पढ़ें-
The Evolving Landscape of Gene and Cell Therapies in Parkinson Disease: Pipeline Highlights - CGTLive®
- The Evolving Landscape of Gene and Cell Therapies in Parkinson Disease: Pipeline Highlights CGTLive®
- Parkinson's Disease Finally Finds a Source of Hope Bloomberg
- The Next Frontier in Parkinson Disease Care: Exploring Gene and Cell Therapies Neurology live
- Stem cell therapies for Parkinson's disease show success in early clinical trials Progress Educational Trust
- Illuminating hope for Parkinson’s The Sunday Guardian Live
Pak's Bilawal Bhutto defends his ‘blood in river’ remark after IWT suspension: ‘When there is war…’ - Hindustan Times
- Pak's Bilawal Bhutto defends his ‘blood in river’ remark after IWT suspension: ‘When there is war…’ Hindustan Times
- 'Overly generous, badly drafted': Ex-India envoy calls Indus suspension a Brahmastra, warns of 'terrible' pain for Pakistan Business Today
- The impact of suspending a water treaty The Hindu
- Pakistan Minister's 2 Am Press Conference And A "Military Action" Claim NDTV
- Jammu and Kashmir News Live: 'Chun Chun kar ...' Amit Shah's stern warning to terrorists after Pahalgam attack Moneycontrol
Aged Pakistani national who was to be deported collapses and dies at Attari border - The Tribune
- Aged Pakistani national who was to be deported collapses and dies at Attari border The Tribune
- 69-Year-Old Man Dies In Amritsar During Deportation To Pakistan NDTV
- 80-year-old man dies on bus at Attari border during deportation to Pakistan The Indian Express
- Elderly Man Dies Amid Deportation To Pakistan At Attari-Wagah Border Outlook India
India closes airspace to Pakistani airlines
India closes airspace for Pakistan-operated aircraft, airlines, military flights - Firstpost
- India closes airspace for Pakistan-operated aircraft, airlines, military flights Firstpost
- India Closes Airspace For All Pak Flights Days After Kashmir Terror Attack NDTV
- India shuts out Pak aircraft; top security panel in huddle Hindustan Times
- Now, India also bars all planes operated by Pakistan from its airspace Times of India
- India closes its airspace to airlines from Pakistan The Hindu
सुप्रीम कोर्ट से नितिन गडकरी को राहत, 2019 के चुनाव पर HC के आदेश को रखा बरकरार; जानें पूरा मामला
पीटीआई, नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी के नागपुर से 2019 के निर्वाचन को चुनौती देने वाली याचिकाओं में उनके खिलाफ लगाए गए आरोपों को खारिज करने के बॉम्बे हाई कोर्ट के फैसले को बरकरार रखा।
जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस एन कोटिश्वर सिंह की पीठ ने कांग्रेस उम्मीदवार नाना फल्गुनराव पटोले और नागपुर निर्वाचन क्षेत्र के मतदाता नफीस खान की याचिका खारिज कर दी, जिसमें हाई कोर्ट की नागपुर पीठ के 26 फरवरी, 2021 के आदेश को चुनौती दी गई थी।
हाईकोर्ट के आदेश को सुप्रीम कोर्ट ने रखा बरकरारसुप्रीम कोर्ट ने कहा कि गडकरी 2024 के आम चुनावों में फिर से जीत हासिल की है और कहा कि हाई कोर्ट द्वारा अपनाया गया तर्क सही था। पीठ ने कहा कि हमें हाई कोर्ट के आदेश में हस्तक्षेप करने का कोई कारण नहीं दिखता।
हाई कोर्ट ने कही थी ये बातहाई कोर्ट ने अपने आदेश में चुनाव याचिकाओं को खारिज करने से इनकार कर दिया, लेकिन परिवार के सदस्यों की आय और उनके स्वामित्व वाली भूमि के संबंध में उनमें की गई कुछ बातों को खारिज कर दिया था। हाई कोर्ट के आदेश के खिलाफ नफीस खान और नाना पटोले ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था।
यह भी पढ़ें: एसिड अटैक पीड़ितों और नेत्रहीन लोगों के लिए KYC प्रकिया हो आसान, सुप्रीम कोर्ट ने दिए अहम निर्देश; जानिए और क्या कहा
यह भी पढें: 'गलत फैसले मत लो', सर्वोच्च न्यायालय ने अदालतों को दिए निर्देश; जानें क्यों SC ने अपनाया कड़ा रुख
Caste Census: आसान नहीं होगी जातीय जनगणना की राह, सरनेम को लेकर क्या है सबसे बड़ी समस्या?
नीलू रंजन, नई दिल्ली। जातीय जनगणना कराने के लिए मोदी सरकार के फैसले के बावजूद इसे अमली जामा पहनाना कड़ी मशक्कत का काम होगा।
1931 की जातीय जनगणना के बाद मनमोहन सिंह सरकार ने 2011 की जनगणना के साथ ही सामाजिक आर्थिक जातीय जनगणना करायी थी, लेकिन इसके आंकड़ें में इतनी अनियमितता थी कि इसे सार्वजनिक करने की हिम्मत नहीं जुटा पाई। बाद में मोदी सरकार ने भी सुप्रीम कोर्ट में दाखिल हलफनामे में जातीय जनगणना के आंकड़ों को जारी करने में असमर्थता जताई।
कई लोगों ने अपना सरनेम अपने गांव पर रखादरअसल पूरे देश में जातियों की अलग-अलग पहचान के लिए कोई फार्मूला सटीक नहीं है। जातियों की पहचान के लिए सरनेम को सबसे बेहतर तरीका माना जाता है। मगर समस्या यह है कि कई लोगों ने अपना सरनेम अपने गांव के नाम पर रख लिया है। जैसे अकाली दल नेता सुखबीर सिंह बादल या भाजपा नेता पुरुषोत्तम रुपाला। सुखबीर सिंह जट सिख हैं और बादल उनके गांव का नाम है।
इसी तरह से पुरूषोत्तम कड़वा पटेल हैं और रूपाला उनके गांव का नाम है। इसी तरह से बिहार और उत्तर प्रदेश की भूमिहार जाति सिंह, शर्मा, मिश्र, सिन्हा समेत कई सरनेम लगाते हैं। जाहिर है सरनेम के आधार पर उनकी जाति का निर्धारण नहीं किया जा सकता है। कम से कम कंप्यूटर के जरिए तो संभव ही नहीं जाति जनगणना की इस विसंगति को दूर करने के लिए एक विकल्प के रूप में लोगों को जनगणना के दौरान खुद अपनी जाति बताने का मौका देने का तर्क दिया जा रहा है।
लेकिन ओबीसी में आना किसी व्यक्ति को कई सरकारी लाभों का हकदार बना देता है। ऐसे में हर व्यक्ति खुद को ओबीसी बताने की कोशिश करेगा। जाहिर है लोगों को खुद अपनी जाति निर्धारित करने का विकल्प देने से नई समस्याएं खड़ी हो जाएंगी।
1931 की जनगणना में देश में कुल 4,147 जातियां थी2011 जातीय सर्वे के आंकड़े जारी करने में सबसे बड़ी बाधा जातियों की संख्या में बेतहाशा बढ़ोतरी थी। दरअसल 1931 की जनगणना में देश में कुल 4,147 जातियां दर्ज की गई थी। इसी के आधार पर मंडल आयोग ने 1980 में पिछड़ी जातियों को आरक्षण का लाभ देने की रिपोर्ट दी थी, 1991 में वीपी सिंह सरकार ने इसे लागू किया था। लेकिन 2011 की जनगणना में जातियों की संख्या 46.80 लाख से अधिक पहुंच गई। सवाल यह है कि सरकार जातियों की संख्या 1931 पर ही सीमित रखेगी या फिर आम जनता को खुद जाति बताने का मौका देगी।
वैसे तो 2011 की जातीय जनगणना के आंकड़े सार्वजनिक नहीं किये गए, लेकिन केंद्र सरकार ने महाराष्ट्र से जुड़े कुछ आंकड़े सुप्रीम कोर्ट में दिये थे, जो चौंकाने वाले हैं। इसके अनुसार 2011 में महाराष्ट्र की 10.3 करोड़ की जनसंख्या में 4.28 लाख जातियां दर्ज की गईं।
इनमें से 99 फीसद जातियां ऐसी थी, जिनकी जनसंख्या 100 से भी कम थी। जबकि 2,440 जातियों की जनसंख्या 8.82 लाख थी। हैरानी की बात है कि इनमें से 1.17 करोड़ यानी लगभग 11 फीसद लोगों ने बताया कि उनकी कोई जाति नहीं है।
यह भी पढ़ें: जाति जनगणना कराएगी केंद्र सरकार, मोदी कैबिनेट का बड़ा फैसला
Attention LG Smartphone Users: Update Servers Closing Soon! - nextpit.com
- Attention LG Smartphone Users: Update Servers Closing Soon! nextpit.com
- LG Smartphone Update Servers to Be Permanently Shut Down on June 30 Gadgets 360
- LG to shut down updates for its Android phones on June 30th 91mobiles.com
- LG’s Dramatic Exit: A Countdown to the End of an Era in Smartphones The Wellness Crew -
- Got an old LG smartphone? You've got 2 months to update before LG turns off the servers Android Authority
भारत सरकार का नया एक्शन, हानिया-माहिरा खान समेत कई पाकिस्तानी कलाकारों के इंस्टाग्राम अकाउंट ब्लॉक
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव एक बार फिर सोशल मीडिया तक पहुंच गया है। बुधवार शाम को पाकिस्तान के कई मशहूर कलाकारों के इंस्टाग्राम अकाउंट्स भारत में ब्लॉक कर दिए गए। इनमें मशहूर अभिनेत्री माहिरा खान, हानिया आमिर और सिंगर अली जफर शामिल हैं। यह कार्रवाई कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के कुछ दिन बाद सामने आई है, जिसमें कई पर्यटकों की जान गई थी। भारत ने इस हमले का जिम्मेदार पाकिस्तान को ठहराया है।
यूट्यूब चैनलों पर भी कार्रवाई के बाद इंस्टाग्राम पर भी एक्शनसरकार ने हाल ही में पाकिस्तान के 16 यूट्यूब चैनलों को बंद किया था, जिन पर भड़काऊ और सांप्रदायिक सामग्री फैलाने का आरोप था। इसके बाद अब इंस्टाग्राम पर भी कार्रवाई की गई है।
हनिया आमिर को "मेरे हमसफर" और "कभी मैं कभी तुम" जैसे पाकिस्तानी ड्रामों की वजह से भारत में पहचान मिली है। उन्होंने इससे पहले पहलगाम हमले पर अफसोस जताया था। उन्होंने कहा था, "दुख कहीं भी हो, सबका होता है। मेरा दिल उन मासूम जिंदगियों के साथ है जो हालिया घटनाओं में प्रभावित हुई हैं। दर्द और गम में हम सब एक हैं। जब मासूम लोग मारे जाते हैं, तो दर्द सिर्फ उनका नहीं होता, वो हम सबका होता है। उम्मीद है हम इंसानियत को तरजीह देंगे।"
यह भी पढ़ें: Pahalgam Attack: पीएम मोदी से मिले सेनाध्यक्ष उपेंद्र द्विवेदी, विदेश मंत्री एस जयशंकर और NSA अजीत डोभाल भी रहे मौजूद
Ukrainian Economy Minister En Route To DC to Sign Critical Minerals Deal - Crude Oil Prices Today | OilPrice.com
- Ukrainian Economy Minister En Route To DC to Sign Critical Minerals Deal Crude Oil Prices Today | OilPrice.com
- US and Ukraine encounter last-minute disagreement over minerals deal, sources say CNN
- 'New form of commitment': Ukraine, US sign minerals deal after two-month delay Times of India
- Inside US-Ukraine mineral deal: Kyiv gets massive haircut, EU boost in big blow to Russia Hindustan Times
- U.S., Ukraine sign economic deal after Trump presses Kyiv to pay back U.S. for help in repelling Russia The Hindu
UNSC में भी पाक को घेरने की तैयारी में भारत, जयशंकर ने संभाला मोर्चा; इन देशों का मिला फुल सपोर्ट
पीटीआई, नई दिल्ली। एक तरफ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सैन्य बलों को पहलगाम में पर्यटकों पर हमला करने वाले आतंकियों पर कार्रवाई करने की खुली छूट दे दी है, तो दूसरी तरफ भारत ने वैश्विक समुदाय को अपनी बात समझाने की पहल भी तेज कर दी है।
इस क्रम में विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) के सात अस्थायी सदस्यों से टेलीफोन पर बात की है। ये देश हैं गुयाना, ग्रीस, स्लोवेनिया, पनामा, सोमालिया, सिएरा लियोन और अल्जीरिया। पाकिस्तान भी अभी यूएनएससी के दस अस्थायी सदस्यों में शामिल है और आशंका है कि भारत की तरफ से आतंकियों पर किसी तरह के सैन्य कार्रवाई होने की स्थिति में वह भारत के विरुद्ध प्रस्ताव ला सकता है।
जयशंकर ने की कुवैत के विदेश मंत्री से बातकूटनीतिक मोर्चेबंदी को आगे बढ़ाते हुए जयशंकर ने बुधवार को अपने कुवैती समकक्ष अब्दुल्ला अली अल-याह्या के साथ भी पहलगाम आतंकी हमले पर चर्चा की। विदेश मंत्री ने 'एक्स' पर एक पोस्ट में कहा, ''कुवैत के विदेश मंत्री अब्दुल्ला अली अल-याह्या से बात करके खुशी हुई। पहलगाम आतंकी हमले के बाद कुवैत की एकजुटता और समर्थन के लिए उनको धन्यवाद दिया।''
दुनिया के कई देशों से भारत ने किया संपर्कगौरतलब है कि भारत ने पिछले कुछ दिनों में दुनिया की विभिन्न देशों से संपर्क किया है और आतंकी हमले के ''सीमा पार'' संबंधों के बारे में उन्हें अवगत कराया है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप, फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुअल मैक्रों, इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू, मिस्त्र के राष्ट्रपति अब्देल फतह अल-सीसी, जार्डन के किंग अब्दुल्ला द्वितीय और इतालवी प्रधानमंत्री जार्जिया मेलोनी सहित कई वैश्विक नेताओं ने भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को फोन करके हमले की निंदा की थी।
कई देशों के राष्ट्राध्यक्षों ने की पीएम मोदी से बातजापान के प्रधानमंत्री शिगेरू इशिबा, संयुक्त अरब अमीरात के राष्ट्रपति मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान, ईरानी राष्ट्रपति मसूद पेजेश्कियन, श्रीलंका के राष्ट्रपति अनुरा कुमार दिसानायके, डच प्रधानमंत्री डिक स्कोफ, अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेडी वेंस, आस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री एंथनी अल्बानीज और नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने भी मोदी से बातचीत की है।
यह भी पढ़ें: आतंक पर कड़े प्रहार की तैयारी, UNSC सदस्यों को साधने में लगा भारत; जयशंकर ने 7 देशों के मंत्रियों से की बात
Bridging the Gap: Creating Vaccination Awareness and Improving Vaccination Coverage in India - Republic World
- Bridging the Gap: Creating Vaccination Awareness and Improving Vaccination Coverage in India Republic World
- World Immunisation Week: Immunising the last-mile child is key to India’s stride to inclusive growth Down To Earth
- Dose by dose: Story of India’s vaccine evolution Hindustan Times
- Interview | Community participation and digital innovation vital for universal immunisation: UNDP India chief The Hindu
- World Immunisation Week: Creating Vaccination Awareness and Improving Vaccination Coverage in India The Hans India
'I am not afraid of you': Columbia student Mohsen Mahdawi's 'loud and clear' message to Donald Trump outs - Times of India
- 'I am not afraid of you': Columbia student Mohsen Mahdawi's 'loud and clear' message to Donald Trump outs Times of India
- ‘I am not afraid of you’: Columbia student Mohsen Mahdawi's message to Trump India Today
- Who is Mohsen Mahdawi? A Columbia University student arrested by Trump administration is freed Times of India
- Columbia Student Freed by US Judge as He Fights Deportation Mint
- Judge frees Palestinian student at Columbia University after arrest during US citizenship interview Telegraph India
Caste Census: जातीय गणना पर केंद्र के फैसले के पीछे क्या है CM नीतीश का रोल? चुनाव से पहले सामने आई अंदर की बात!
राज्य ब्यूरो, पटना। केंद्र सरकार ने बिहार की कई योजनाओं और उपलब्धियों को अंगीकार किया है। उसके जातीय जनगणना कराने के निर्णय की जड़ को देखें तो इसमें भी बिहार है।
केंद्र ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की इस पुरानी मांग को न सिर्फ स्वीकार किया, बल्कि आगे बढ़ कर इसे जमीन पर भी उतारने का निर्णय किया।
क्या कह रहे लालू?राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद कह रहे हैं कि उनके कहने पर 1996-97 में संयुक्त मोर्चा की केंद्र सरकार ने जाति आधारित गणना कराने का निर्णय लिया था। बाद के वर्षों में एनडीए की सरकार ने इसे लागू नहीं किया।
यह इतिहास का अध्याय हो सकता है। लेकिन, जाति आधारित गणना के लिए चले हाल के अभियान का श्रेय नीतीश कुमार को ही जाता है। नीतीश ने राज्य में इसके लिए वातावरण बनाया। सर्वदलीय बैठक बुलाई।
सभी दलों को तर्कों के आधार पर सहमत कराया। सबकी सहमति मिलने के बाद मुख्यमंत्री के नेतृत्व में राज्य के सभी दलों का एक प्रतिनिधिमंडल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिला।
प्रधानमंत्री से मुलाकात के बाद प्रतिनिधिमंडल में शामिल नेताओं ने मीडिया को बताया कि केंद्र सरकार जाति आधारित गणना के लिए सिद्धांत रूप से तो सहमत है। लेकिन, अभी वह इसके लिए राजी नहीं है। हां, राज्य सरकार चाहे तो अपने साधनों के बल पर जाति आधारित गणना करा सकती है।
मुख्यमंत्री ने वही किया। बिहार में जाति आधारित गणना हो गई। उसके आंकड़े के आधार पर सरकारी सेवाओं में आरक्षण का दायरा 65 प्रतिशत तक बढ़ा दिया गया।
सर्वोच्च न्यायालय की रोक के कारण बढ़े हुए आरक्षण का लाभ राज्य के लोगों को नहीं मिल रहा है। लेकिन, गणना के अन्य आंकड़े पर राज्य सरकार काम कर रही है।
गणना से इस बात की हुई जानकारीगणना से पता चला कि राज्य में अत्यंत गरीब परिवारों की संख्या 94 लाख है। राज्य सरकार ने इन परिवारों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए दो लाख रुपये देने का निर्णय लिया। इसका कार्यान्वयन हो रहा है।
इस प्रकरण में एक दिलचस्प घटना भी गौर करने लायक है। नीतीश कुमार जब विरोधी दलों के गठबंधन में शामिल हुए थे।
तय हुआ कि 2024 के चुनाव में अगर विरोधी दलों के गठबंधन आइएनडीआइए को सरकार बनाने का अवसर मिलता है तो न्यूनतम साझा कार्यक्रम में देश व्यापी जाति आधारित गणना को सूची में पहले स्थान पर रखा जाए।
संसदीय कार्य मंत्री विजय कुमार चौधरी ने बुधवार को बताया कि बैठक में नीतीश कुमार के इस प्रस्ताव का कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने खुला विरोध किया था। संयोग देखिए कि राहुल गांधी ही आज सबसे आगे बढ़ कर इसका श्रेय ले रहे हैं।
यह भी पढ़ें-
हाईवे निर्माण में गुणवत्ता सुधारने के लिए सरकार का नया फॉर्मूला, असामान्य कम बोली लगाने वाले ठेकेदारों पर होगी सख्ती
मनीष तिवारी, नई दिल्ली। हाईवे निर्माण में खराब गुणवत्ता के एक प्रमुख कारण को दूर करने की कोशिश के तहत सरकार ने टेंडर के लिए असामान्य रूप से बेहद कम राशि कोट करने वाले ठेकेदारों पर अंकुश लगाने के लिए सिक्योरिटी राशि को लेकर नया फार्मूला जारी किया है।
सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय की ओर से अपनी एजेंसियों और सभी राज्यों के प्रमुख सचिवों और लोक निर्माण विभागों को जारी किए गए सर्कुलर के मुताबिक, अगर ठेकेदारों की ओर से टेंडर के लिए दी गई राशि प्रोजेक्ट राशि के बीस प्रतिशत से कम होगी तो उन्हें प्रत्येक घटते प्रतिशत के लिए 0.2 प्रतिशत की अतिरिक्त परफार्मेंस गारंटी देनी होगी।
परफार्मेंस गारंटी के अलावा भी जमा कराने होंगे पैसेउदाहरण के लिए अगर एक हजार करोड़ की प्रोजेक्ट राशि वाले किसी निर्माण के लिए कोई ठेकेदार 800 करोड़ रुपये में ही वही काम करने की बोली लगाता है तो उसे पहले की व्यवस्था के अनुरूप 24 करोड़ रुपये की परफार्मेंस गारंटी के अतिरिक्त आठ करोड़ रुपये और जमा कराने होंगे।
हाईवे की गुणवत्ता से समझौता स्वीकार्य नहींहाईवे सरीखे सभी तरह के निर्माण में टेंडर में प्रोजेक्ट राशि से काफी कम कीमत कोट कर ठेके ले लेने वाले ठेकेदार निगरानी के तमाम उपायों और मानदंडों को धता बताकर किसी तरह काम पूरा कर देते हैं और इसके चलते निर्माण की गुणवत्ता प्रभावित होती है।
इस पर अंकुश लगाने के लिए सरकार ने अगस्त 2022 में एक सर्कुलर जारी कर प्रोजेक्ट राशि से कम कीमत पर टेंडर लेने वाले ठेकेदारों के लिए परफार्मेंस गारंटी के रूप में एक धनराशि जमा कराना अनिवार्य किया था, लेकिन इसका भी कोई विशेष लाभ नहीं हुआ। अब सरकार ने ऐसी प्रवृत्ति को हतोत्साहित करने के लिए गारंटी राशि को बढ़ाने का फैसला किया है।
मंत्रालय ने सर्कुलर में क्या कहा?मंत्रालय ने सर्कुलर में कहा है कि यह फैसला असामान्य लो बिड प्राइस की बढ़ती प्रवृत्ति की समीक्षा के बाद लिया गया है। पिछले दिनों मंत्रालय के एक कार्यक्रम में भी यह मुद्दा उठा था कि किस तरह कुछ ठेकेदार एल 1 यानी सबसे कम निविदा को कांट्रैक्ट देने के नियम में बदलाव के बावजूद निर्माण में गुणवत्ता से खिलवाड़ कर रहे हैं और स्वतंत्र इंजीनियरों से निगरानी का सिस्टम भी उन्हें रोक नहीं पा रहा है।
हर कीमत पर कांट्रैक्ट लेने की होड़ में वे अधकचरी और कामचलाऊ ढंग से बनी डीपीआर पर काम कर रहे हैं। उच्च प्राथमिकता वाले प्रोजेक्टों को अगर छोड़ दिया जाए तो ज्यादातर परियोजनाओं में आरएफपी यानी रिक्वेस्ट फार प्रपोजल में दी गईं जरूरतों का भी पालन नहीं किया जाता।
यह भी पढ़ें: एसिड अटैक पीड़ितों और नेत्रहीन लोगों के लिए KYC प्रकिया हो आसान, सुप्रीम कोर्ट ने दिए अहम निर्देश; जानिए और क्या कहा
यह भी पढ़ें: Caste Census: 'पिछड़े वर्गों को सशक्त करना सरकार का लक्ष्य', जाति जनगणना के फैसले पर बोले अमित शाह
Pahalgam Attack: पीएम मोदी से मिले सेनाध्यक्ष उपेंद्र द्विवेदी, विदेश मंत्री एस जयशंकर और NSA अजीत डोभाल भी रहे मौजूद
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत सरकार पाकिस्तान के खिलाफ रणनीति बना रहा है। पीएम मोदी की अगुआई में बुधवार शाम हाई लेवल मीटिंग हुई। इस मीटिंग में सेनाध्यक्ष उपेंद्र द्विवेदी, विदेश मंत्री एस जयशंकर और NSA अजीत डोभाल भी मौजूद रहे।
पीएम मोदी ने सेना को दी खुली छूटइससे पहले मंगलवार को हुई हाई लेवल मीटिंग में पीएम मोदी ने कहा था कि आतंकवाद को करारा जवाब देना हमारा दृढ़ राष्ट्रीय संकल्प है। पीएम मोदी ने पहलगाम आतंकी हमले के परिप्रेक्ष्य में कार्रवाई किए जाने के विकल्पों पर सैन्य नेतृत्व से चर्चा करते हुए कहा कि हमारी जवाबी कार्रवाई का तरीका क्या हो, इसके टार्गेट्स कौन से हों और इसका समय क्या हो, इस प्रकार के ऑपरेशनल निर्णय लेने के लिए सैन्य बलों को खुली छूट है।
Pages
