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इसरो का 101वां मिशन फेल, अंतरिक्ष में भेजा गया EOS-09 जासूसी सैटेलाइट कुछ मिनटों में हुआ नाकाम

Dainik Jagran - National - 15 hours 44 min ago

जेएनएन, नई दिल्ली।  भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने अपना 101वां मिशन ईओएस-09 लॉन्च होने के कुछ समय बाद नाकाम हो गया। यह मिशन शहरी नियोजन और राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा था। इसरो के मुताबिक अंतरिक्ष में इस उपग्रह को भेजने का मकसद वैज्ञानिकों को सटीक तस्वीरें हाई रिजाल्यूशन तस्वीरें मुहैया कराना था, जिससे आपदा प्रबंधन आसान होता। बता दें कि पीएसएलवी सी-61 रॉकेट का प्रक्षेपण 5.59 बजे हुआ था।

इसरो चीफ ने जारी किया बयान

अंतरिक्ष एजेंसी के अध्यक्ष वी नारायणन ने कहा कि इसरो रविवार को पीएसएलवी-सी61 रॉकेट पर पृथ्वी अवलोकन उपग्रह का प्रक्षेपण नहीं कर सका, क्योंकि इसके तीसरे चरण में कुछ तकनीकी खामी आ गई थी, जिसका अवलोकन किया जा रहा है।

इसरो प्रमुख वी. नारायणन ने कहा कि आज हमने PSLV-C61 के प्रक्षेपण का प्रयास किया। इसमें 4 चरण होते हैं। पहले 2 चरणों में अपेक्षा के अनुरूप प्रदर्शन रहा। तीसरे चरण के दौरान हमने अवलोकन देखा... मिशन पूरा नहीं हो सका। हम संपूर्ण प्रदर्शन का अध्ययन कर रहे हैं, हम जल्द से जल्द वापस आएंगे।

ऑपरेशन सिंदूर की सफलता और पाकिस्तान को उसकी औकात दिखाने के बाद भारत अपनी सरहदों की सुरक्षा और किसी भी नापाक हरकत की हिमाकत रोकने के लिए सतर्क है। इसके लिए इसरो ने रविवार को स्वदेशी ''जासूसी'' उपग्रह लॉन्च किया था।

हर मौसम में हाई रिजाल्यूशन तस्वीरें खींचना था मकसद

इस उपग्रह का मकसद सभी मौसम यहां तक कि घने बादलों और कम रोशनी में भी पृथ्वी की सतह की हाई रिजाल्यूशन तस्वीरें खींचना था। यह सेटेलाइट चौबिसों घंटे अंतरिक्ष से निगहबानी करने के लिए बनाया गया था। 

इसरो का 101वां मिशन था

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने रविवार सुबह 5:59 बजे अर्थ आब्जर्वेशन सेटेलाइट ईओएस-09 को लांच किया। यह इसरो का 101वां मिशन था। श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान (पीएसएलवी) सी-61 इस उपग्रह के साथ अंतरिक्ष के सफर पर रवाना हुआ।

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Bihar Weather Today: बिहार में फिर दिखेगा मौसम का रौद्र रूप, 5 जिलों में आंधी-तूफान के साथ भारी बारिश की चेतावनी

Dainik Jagran - 15 hours 55 min ago

जागरण संवाददाता, पटना। Bihar Weather Today: प्रदेश के मौसम में बदलाव के आसार हैं। मौसम विज्ञान केंद्र पटना के अनुसार राजधानी समेत प्रदेश के आसपास इलाकों में आंशिक रूप से बादल छाए रहने के साथ मेघ गर्जन, वज्रपात के साथ तेज हवा चलने की संभावना है। दक्षिण-मध्य, दक्षिण-पूर्व भागों के एक या दो स्थानों पर मेघ गर्जन, वज्रपात और 30-40 किमी प्रतिघंटा की रफ्तार से हवा चल सकती है।

इन 5 जिलों में भारी बारिश की चेतावनी

सुपौल, दरभंगा, किशनगंज, कटिहार और पूर्णिया जिले के एक या दो स्थानों पर भारी वर्षा की चेतावनी है। उत्तर-पूर्व भागों में आंधी-पानी को लेकर यलो अलर्ट जारी किया गया है।

बिहार की राजधानी पटना समेत अपने जिले के मौसम का हाल जानने के लिए यहां क्लिक करें।

24 घंटे के बाद अगले दो से तीन दिनों के दौरान तापमान में दो से तीन डिग्री की गिरावट का पूर्वानुमान है। मौसम विभाग ने प्रदेश के 26 जिलों मे वर्षा, आकाशीय बिजली की आशंका जताई है। 12 जिलों में ऑरेंज अलर्ट, जबकि 14 जिलों में यलो अलर्ट जारी किया गया है।

4 दिनों तक आंधी-बारिश के आसार

शनिवार को पटना व आसपास इलाकों में आंशिक रूप से बादल छाए रहे। वहीं, औरंगाबाद में दोपहर डेढ़ बजे के बाद अचानक मौसम में बदलाव आने के साथ तेज वर्षा हुई। अगले चार दिनों तक प्रदेश के कई हिस्से में आंधी-पानी और ठनका गिरने की चेतावनी जारी की गई है।

शनिवार को पटना का अधिकतम तापमान 35.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया जबकि 41.9 डिग्री सेल्सियस के साथ गया सबसे गर्म शहर रहा। शनिवार को पटना सहित जिलों के अधिकतम तापमान में गिरावट दर्ज की गई।

किशनगंज के चरघरिया में हुई 70.2 मिमी बारिश

बीते 24 घंटों के दौरान किशनगंज, पूर्णिया, अररिया,सुपौल, मधुबनी के अलग-अलग भागों में वर्षा दर्ज की गई। किशनगंज के चरघरिया में 70.2 मिमी वर्षा दर्ज की गई। जबकि पूर्णिया के बैसा में 54.2 मिमी, अररिया में 48.2 मिमी, नरपतगंज में 21 मिमी वर्षा दर्ज की गई।

प्रमुख शहरों का तापमान शहर अधिकतम (तापमान डिग्री सेल्सियस में)  न्यूनतम (तापमान डिग्री सेल्सियस में) पटना 35.5 26.3 गया 41.9 27.0 भागलपुर 32.9 24.5 मुजफ्फरपुर 32.0 24.7

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Water Pollution: गंगा में विषैले रसायनों से लुप्तप्राय डाल्फिन को खतरा, प्रदूषण के लिए कई स्त्रोत जिम्मेदार

Dainik Jagran - National - 16 hours 4 min ago

पीटीआई, नई दिल्ली। गंगा नदी में मिले विषैले रसायनों का खतरनाक स्तर लुप्तप्राय गंगेटिक डाल्फिन के स्वास्थ्य और अस्तित्व के लिए खतरा बन रहा है। एक वैज्ञानिक अध्ययन में यह जानकारी सामने आई है।

रसायनों के खतरनाक मिश्रण के संपर्क में आ रहे हैं जलीय जीव

हेलियन पत्रिका में प्रकाशित भारतीय वन्यजीव संस्थान द्वारा किए गए अध्ययन में पाया गया कि मीठे पानी के ये जलीय जीव अपने भोजन के माध्यम से रसायनों के खतरनाक मिश्रण के संपर्क में आ रहे हैं।

मछली की प्रजातियां खतरे में

शोधकर्ताओं ने गंगेटिक डाल्फिन द्वारा खाए जाने वाली मछली की प्रजातियों में 39 प्रकार के अंत:स्त्रावी-विघटनकारी रसायनों का विश्लेषण किया। अध्ययन के अनुसार, निष्कर्षों से पता चला कि डाल्फिन द्वारा शिकार की जाने वाली मछलियों में औद्योगिक प्रदूषक डाई (टू-एथिलहेक्सिल) फथलेट (डीईएचपी) और डाई एन ब्यूटाइल फथलेट (डीएनबीपी) जैसे महत्वपूर्ण जैव संचयन होते हैं।

अध्ययन में बताया गया कि इन मछलियों में डीडीटी और लिंडेन जैसे प्रतिबंधित कीटनाशकों के अवशेष भी मिले हैं, जो गंगा बेसिन में पर्यावरण नियमों को खराब तरीके से लागू किये जाने की ओर इशारा करते हैं।

डाल्फिन की आबादी में बड़ी कमी

गंगा में रहने वाली डाल्फिन की आबादी में 1957 के बाद से 50 प्रतिशत से अधिक की गिरावट आई है और भारत के राष्ट्रीय जलीय जीव के रूप में नामित होने के बावजूद उनकी संख्या लगभग एक चौथाई कम हो गई है।

दुनियाभर में नदियों में पाई जाने वाली डाल्फिन की केवल पांच प्रजातियां बची हैं और ये सभी खतरे में हैं। अध्ययन में चेतावनी दी गई कि भारत में यांग्त्जी नदी त्रासदी जैसी घटना हो सकती है, जहां अनियंत्रित मानवीय गतिविधियों के कारण एक समान प्रजाति विलुप्त हो गई थी।

प्रदूषण के लिए कई स्त्रोतों को जिम्मेदार ठहराया

अध्ययन में प्रदूषण के लिए कई स्त्रोतों को जिम्मेदार ठहराया गया है, जिसमें खेती में इस्तेमाल किये जाने वाले कीटनाशक व खरपतवार, कपड़ा क्षेत्र से औद्योगिक अपशिष्ट, वाहनों से उत्सर्जन, खराब ठोस अपशिष्ट प्रबंधन और पारिस्थितिक रूप से संवेदनशील क्षेत्रों में बढ़ता पर्यटन शामिल है।

अंत: स्त्रावी-विघटनकारी रसायनों के प्रभाव विशेष रूप से चिंताजनक हैं, क्योंकि गंगेटिक डाल्फिन के अंदर हार्मोनल प्रणालियों को प्रभावित कर सकते हैं, उनमें प्रजनन संबंधी समस्याएं पैदा कर सकते हैं और पारिस्थितिकी तंत्र में लंबे समय तक बने रह सकते हैं।

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Weather: दिल्ली से लेकर यूपी-बिहार तक आंधी-बारिश का अलर्ट, राजस्थान में चलेगी लू; मानसून को लेकर आया अपडेट

Dainik Jagran - National - 16 hours 4 min ago

 एएनआइ, नई दिल्ली। दक्षिण-पश्चिम मानसून दक्षिणी अरब सागर, मालदीव और कोमोरिन क्षेत्र, दक्षिणी बंगाल की खाड़ी, अंडमान द्वीप समूह और अंडमान सागर के शेष भागों तथा पूर्व-मध्य बंगाल की खाड़ी के कुछ भागों की ओर आगे बढ़ गया है।

धीरे-धीरे आगे बढ़ रहा मानसून

मौसम विभाग के अनुसार, अगले तीन-चार दिनों के दौरान इन क्षेत्रों में मानसून के आगे बढ़ने के लिए परिस्थितियां अनुकूल हैं। मौसम विज्ञानी डॉ नरेश कुमार ने बताया कि उत्तर-पश्चिम भारत में कुछ स्थानों पर तापमान 45 डिग्री सेल्सियस तक बढ़ गया है।

उत्तर प्रदेश और राजस्थान के कुछ इलाकों में लू चलेगी

अनुमान है कि अगले चार-पांच दिनों तक उत्तर प्रदेश और राजस्थान के कुछ इलाकों में लू चलेगी। राजस्थान, उत्तर प्रदेश और पंजाब में तापमान में बढ़ोतरी हुई है। दिल्ली में येलो अलर्ट जारी किया है। 20-22 मई तक दिल्ली में हल्की बारिश हो सकती है।

दिल्ली में गरज के साथ बारिश की संभावना

दिल्ली में शनिवार को तापमान से कुछ राहत मिली, क्योंकि दिल्ली के कुछ हिस्सों में बारिश हुई। मौसम विभाग ने पहले ही बारिश और आंधी की भविष्यवाणी की थी। मौसम विभाग ने अगले पांच दिनों में देश के कई क्षेत्रों में लगातार बारिश और गरज के साथ बारिश की संभावना जताई है।

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मुंबई के कुछ हिस्सों में प्री-मानसून बारिश हुई

मुंबई के कई हिस्सों में शनिवार की सुबह बिजली चमकने और गरज के साथ प्री-मानसून बारिश हुई, जिससे लोगों को गर्मी और उमस से काफी राहत मिली।

बृहन्मुंबई महानगरपालिका के अनुसार, दादर, माहिम, बायकुला, बांबे सेंट्रल, पवई, बांद्रा और शहर के अन्य हिस्सों सहित कई इलाकों में हल्की से मध्यम बारिश दर्ज की गई। प्री-मानसून बारिश द्वीप शहर के कुछ हिस्सों में शुरू हुई और कुछ उपनगरों तक फैल गई।

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मुंबई में छाए रहेंगे बादल

मौसम विभाग ने रविवार को हल्की से मध्यम बारिश या गरज के साथ छींटे पड़ने का पूर्वानुमान लगाया है। मुंबई में बादल छाए हुए हैं और इसके परिणामस्वरूप गर्मी और उमस में वृद्धि हुई है। हालांकि, बारिश से कुछ राहत मिली है। लोगों ने इंटरनेट मीडिया पर बारिश की तस्वीरें और वीडियो साझा किए, जबकि यातायात की आवाजाही पर कोई खास असर नहीं पड़ा।

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भारत सरकार का बड़ा फैसला, 40000 करोड़ रुपये की रक्षा खरीद को मंजूरी; खरीदे जाएंगे ड्रोन और गोला-बारूद

Dainik Jagran - National - 16 hours 4 min ago

 एएनआई, नई दिल्ली। पाकिस्तान के खिलाफ चल रहे ऑपरेशन सिंदूर के बीच रक्षा बलों को हथियार और गोला-बारूद खरीदने के लिए लगभग 40,000 करोड़ रुपये की बड़ी मदद मिलने वाली है।

निगरानी ड्रोन, अत्याधुनिक घातक ड्रोन खरीदे जाएंगे

रक्षा अधिकारियों ने बताया कि हाल ही में रक्षा अधिग्रहण परिषद ने अपनी बैठक में आपातकालीन शक्तियों के तहत अधिग्रहणों को मंजूरी दी। इस बैठक में रक्षा मंत्रालय के अधिकारियों सहित कई वरिष्ठ सैन्य अधिकारी भी शामिल हुए।

सेना आपातकालीन शक्तियों के तहत निगरानी ड्रोन, अत्याधुनिक घातक ड्रोन, लंबी दूरी के मारक हथियार, तोपखाने के लिए गोला-बारूद, विभिन्न प्रकार की वायु रक्षा प्रणाली एवं मिसाइल और राकेट जैसे उपकरण खरीदने पर ध्यान केंद्रित कर रही है।

आपातकालीन खरीद शक्तियों की यह पांचवीं किस्त

सेना ने पाकिस्तान में लक्ष्यों पर ब्रह्मोस और स्कैल्प क्रूज मिसाइलों की बौछार की थी। जिन उपकरणों के लिए सौदे हो रहे हैं, उन्हें सुरक्षा बलों को तय समय सीमा के भीतर आपातकालीन शक्तियों के तहत प्राप्त करना होगा। पिछले पांच वर्षों में रक्षा बलों को दी गई आपातकालीन खरीद शक्तियों की यह पांचवीं किस्त है।

सूत्रों ने बताया कि खरीद का काम रक्षा वित्त शाखा के वित्तीय सलाहकारों की मदद से सेना द्वारा किया जाएगा। रक्षा मंत्रालय सैन्य बलों के लिए दीर्घकालिक परियोजनाओं पर भी काम कर रहा है और वरिष्ठ अधिकारी इस संबंध में उद्योग जगत के नेतृत्व से मिल रहे हैं।

सोलर डिफेंस एवं एयरोस्पेस पर भी हुआ मंथन

इस बाबत रक्षा मंत्रालय के अधिकारी सार्वजनिक क्षेत्र की इकाइयों और सोलर डिफेंस एवं एयरोस्पेस सहित निजी उद्योग के वरिष्ठ नेतृत्व के साथ बैठकें कर चुके हैं। आपातकालीन खरीद शक्तियों ने सुरक्षा बलों को सुरक्षा चुनौतियों से निपटने के लिए आवश्यक उपकरण और गोला-बारूद खरीदने की अनुमति देकर बड़े पैमाने पर मदद की है।

लो लेवल रडार पर भी हुई बात

भारतीय सेना और भारतीय वायु सेना ने हेरान मार्क-दो ड्रोन आपातकालीन शक्तियों के तहत ही हासिल किया था, जिनका इस्तेमाल ऑपरेशन सिंदूर के दौरान लाइव ऑपरेशन पर नजर रखने के लिए किया गया था।

भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड जैसी सार्वजनिक क्षेत्र की इकाइयों को ऑपरेशन के दौरान ड्रोन का पता लगाने के लिए 10 और 'लो लेवल रडार' का आर्डर मिलने की उम्मीद है।

छह रडार के लिए ऑर्डर के अतिरिक्त होगा

अधिकारी ने कहा कि यह छह रडार के लिए ऑर्डर के अतिरिक्त होगा। ड्रोन निर्माण में लगी कई भारतीय कंपनियों को भी तीनों सेनाओं से ऑर्डर मिलने की उम्मीद है। भारत सरकार बजटीय आवंटन में सेनाओं की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए अतिरिक्त धनराशि देने पर भी विचार कर सकती है।

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पाकिस्तान को बेनकाब करने निकलेंगे सांसद, शशि थरूर जाएंगे अमेरिका, सुप्रिया सुले कतर; देखें पूरी लिस्ट

Dainik Jagran - National - 16 hours 44 min ago

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारत अब पाकिस्तान के आतंकी प्रेम को दुनियाभर में बेनकाब करने के लिए एक बड़ी डिप्लोमेसी स्ट्राइक की तैयारी में है। इसके तहत संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के सदस्य देशों सहित 32 प्रमुख साझेदार देशों में संसदीय प्रतिनिधिमंडल भेजा जाएगा।

भारतीय दल इन देशों की यात्रा करेगा

भारतीय दल 22-23 मई से इन देशों की यात्रा करेगा। यह दल इन देशों में जाकर न सिर्फ पाकिस्तान के आतंकी जुड़ाव को प्रामाणिकता के साथ रखेगा, बल्कि आतंक के खिलाफ भारत के जीरो टालरेंस को लेकर सख्त संदेश देगा। सर्वदलीय बैठक बुलाने की विपक्ष की मांग के बीच सरकार की ओर से यह सधी हुई कूटनीति भी है और राजनीति भी।

कांग्रेस ने उठाए सवाल

दरअसल, अमेरिका व पनामा जाने वाले दल की अगुआई वरिष्ठ कांग्रेस नेता शशि थरूर करेंगे। यह नाम कांग्रेस को न तो निगलते बन रहा है और न ही उगलते। वैसे कांग्रेस ने परोक्ष रूप से अपनी भड़ास निकाल दी है।

कांग्रेस ने चार सांसदों-आनंद शर्मा, गौरव गोगोई, राजा अमरिंदर सिंह वारिंग और नसीर हुसैन के नाम सुझाए थे। इनमें से सिर्फ आनंद शर्मा को जगह दी गई है।

हालांकि, इस सूची में चार वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं को भी जगह दी गई है, जिनमें सलमान खुर्शीद, मनीष तिवारी और अमर सिंह को प्रतिनिधिमंडल के सदस्य के तौर पर शामिल किया गया है। इनमें शशि थरूर, मनीष तिवारी और आनंद शर्मा कांग्रेस नेतृत्व पर सवाल उठाने वाले जी-23 नेताओं में शामिल थे।

प्रत्येक दल में करीब सात से आठ सदस्य होंगे

केंद्र सरकार के संसदीय कार्य मंत्रालय ने ऑपरेशन सिंदूर और आतंकवाद के खिलाफ भारत की लड़ाई के संदर्भ में दुनिया के अलग-अलग देशों में सात सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल भेजने का एलान किया है। प्रत्येक दल में करीब सात से आठ सदस्य होंगे। इनमें सांसद और पूर्व मंत्री के साथ राजनयिक भी रहेंगे।

10 दिनों तक दुनिया के कई देशों का भ्रमण करेगा दल

यह दल करीब 10 दिनों तक दुनिया के कई देशों का भ्रमण करेगा। साथ ही सभी वर्गों से मुलाकात कर हकीकत बताएगा। ब्रिटेन, फ्रांस और जर्मनी जैसे यूरोपीय देशों में भाजपा के वरिष्ठ नेता रविशंकर प्रसाद को प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व दिया गया है।

प्रतिनिधिमंडल में चुने गए पूर्व केंद्रीय मंत्री गुलाम नबी आजाद, एमजे अकबर, आनंद शर्मा, वी मुरलीधरण, सलमान खुर्शीद और एसएस अहलूवालिया वर्तमान समय में संसद के किसी भी सदन के सदस्य नहीं हैं।

तृणमूल कांग्रेस के सांसद दल में शामिल नहीं हो पाएंगे

तृणमूल कांग्रेस के सांसद सुदीप बंद्योपाध्याय ने कहा है कि वह स्वास्थ्य कारणों से प्रतिनिधिमंडल में शामिल नहीं हो पाएंगे।विभिन्न देशों की राजधानियों की यात्रा करने वाले प्रतिनिधिमंडलों में 51 राजनीतिक नेता, सांसद और पूर्व मंत्री शामिल हैं।

यह प्रतिनिधिमंडल 32 देशों और ब्रसेल्स में यूरोपीय संघ के मुख्यालय का दौरा करेगा। 51 राजनीतिक नेताओं में से 31 सत्तारूढ़ राजग के सदस्य हैं, जबकि शेष 20 गैर-राजग दलों से हैं। सभी सात प्रतिनिधिमंडलों में कम से कम एक मुस्लिम प्रतिनिधित्व है। प्रतिनिधिमंडल में पूर्व राजनयिकों को भी शामिल किया गया है।

सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडलों का नेतृत्व करेंगे ये सांसद

शशि थरूर (कांग्रेस): तिरुअनंतपुरम से कांग्रेस सांसद शशि थरूर आश्चर्यजनक रूप से केंद्र सरकार की पसंद हैं। यही वह नाम है, जिसने सबसे अधिक चर्चा बटोरी है।

रविशंकर प्रसाद (भाजपा): पूर्व केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद एक प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करेंगे। यह प्रतिनिधिमंडल ब्रिटेन, फ्रांस और जर्मनी जाएगा।

संजय कुमार झा (जदयू) : राज्यसभा सदस्य संजय कुमार झा का प्रतिनिधिमंडल जापान, दक्षिण कोरिया, सिंगापुर, मलेशिया और इंडोनेशिया की यात्रा करेगा।

बैजयंत ''जय'' पांडा (भाजपा) : भाजपा उपाध्यक्ष पांडा उस प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करेंगे, जिसके सदस्यों में एआइएमआइएम नेता असदुद्दीन ओवैसी शामिल होंगे।

कनीमोरी (द्रमुक) : तमिलनाडु की थूथुक्कुडी सीट से लोकसभा सदस्य कनीमोरी दक्षिण भारत से प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करने वाली एकमात्र सांसद हैं।

सुप्रिया सुले (राकांपा-एसपी) : सुले की टीम कतर, इथियोपिया, दक्षिण अफ्रीका और मिस्त्र को कवर करेगी। ये ऐतिहासिक राजनयिक महत्व वाले देश हैं, जहां बड़ी संख्या में प्रवासी भारतीय रहते हैं।

श्रीकांत शिंदे (शिवसेना-शिंदे गुट) : श्रीकांत शिंदे महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के बेटे हैं। वह प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करने वाले सबसे कम उम्र के सांसद हैं।

एक माह पूर्व ओवैसी और निशिकांत दुबे थे आमने-सामने, अब एक ही संसदीय दल में

भारत में सुप्रीम कोर्ट की भूमिका और अधिकार पर सार्वजनिक रूप से तीखी बहस के एक महीने से भी कम समय बाद एआइएमआइएम अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी और भाजपा सांसद निशिकांत दुबे अब एक ही संसदीय दल में होंगे, जिसे आतंकवाद पर पाकिस्तान को बेनकाब करने के लिए विदेश भेजा जाएगा।

ओवैसी ने कहा, यह किसी पार्टी से जुड़ी बात नहीं है। यात्रा से पहले हम एक विस्तृत बैठक करेंगे। यह एक महत्वपूर्ण कार्य है। मैं इस जिम्मेदारी को अच्छी तरह से निभाने की पूरी कोशिश करूंगा।

राष्ट्रपति और राज्यपाल द्वारा विधेयकों को मंजूरी देने के लिए सुप्रीम कोर्ट द्वारा समय सीमा तय करने की निशिकांत दुबे ने आलोचना की थी। उन्होंने कहा था कि सुप्रीम कोर्ट अपनी सीमाओं से बाहर जाकर फैसले सुना रहा है। वह संसद को दरकिनार कर रहा है।

ओवैसी ने कहा था-आप लोग ट्यूबलाइट हैं

इस पर ओवैसी ने कहा था-आप लोग ट्यूबलाइट हैं.. सुप्रीम कोर्ट को धमकी दे रहे हैं। क्या आप जानते हैं कि अनुच्छेद 142 क्या है? यह अनुच्छेद बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर ने बनाया था। वह आप लोगों से ज्यादा दूरदर्शी थे।

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Arunachal Pradesh Earthquake: अरुणाचल प्रदेश में सुबह-सुबह डोली धरती, भूकंप के झटकों से दहशत में आए लोग

Dainik Jagran - National - 17 hours 26 min ago

एएनआई, नई दिल्ली। अरुणाचल प्रदेश के दिबांग घाटी में भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं। वहीं भूकंप की जानकारी राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र ने रविवार सुबह दी।

राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र के अनुसार भूकंप करीब पांच बजकर छह मिनट पर आया। जिसकी तीव्रता रिक्टर पैमाने पर 3.8 मापी गई है। वहीं अरुणाचल प्रदेश में आए इस भूकंप से किसी प्रकार के जानमाल की सूचना नहीं है।

इस खबर को लगातार अपडेट किया जा रहा है। हम अपने सभी पाठकों को पल-पल की खबरों से अपडेट करते हैं। हम लेटेस्ट और ब्रेकिंग न्यूज को तुरंत ही आप तक पहुंचाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। प्रारंभिक रूप से प्राप्त जानकारी के माध्यम से हम इस समाचार को निरंतर अपडेट कर रहे हैं। ताजा ब्रेकिंग न्यूज़ और अपडेट्स के लिए जुड़े रहिए जागरण के साथ।

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