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Bihar: एफिलिएट कॉलेजों में प्रिंसिपल नियुक्ति पर गवर्नर का ब्रेक, 116 अभ्यर्थियों को लगा बड़ा झटका

Dainik Jagran - April 29, 2025 - 6:54pm

राज्य ब्यूरो, पटना। राज्यपाल एवं कुलाधिपति के आदेश के आलोक में राज्य के विश्वविद्यालयों के अधीनस्थ अंगीभूत महाविद्यालयों में प्रधानाचार्य के रिक्त पदों पर नियुक्ति पर रोक लगा दी है। यह रोक प्रधानाचार्य के रिक्त पदों पर नियुक्ति के संबंध में दिशा-निर्देश निर्गत होने तक के लिए लगाई गई है।

इससे संबंधित आदेश राजभवन (कुलाधिपति) सचिवालय की ओर से सभी विश्वविद्यालयों के कुलपतियों को जारी किया गया है। राज्यपाल एवं कुलाधिपति के प्रधान सचिव राबर्ट एल. चोंग्थू के हस्ताक्षर से निर्देश पत्र निर्गत किया गया है।

क्या है माजरा?

बता दें कि विभिन्न विश्वविद्यालयों के अंगीभूत महाविद्यालयों में प्रधानाचार्य पद पर नियुक्ति के लिए 116 अभ्यर्थियों का चयन बिहार राज्य विश्वविद्यालय सेवा आयोग द्वारा साक्षात्कार के आधार पर किया गया है।

प्रधानाचार्य पद पर नियुक्ति के लिए चयनित 116 अभ्यर्थियों की नियुक्ति की अनुशंसा बिहार राज्य विश्वविद्यालय सेवा आयोग द्वारा शिक्षा विभाग से की जा चुकी है। राजभवन के इस आदेश से संबंधित अभ्यर्थियों की नियुक्ति प्रक्रिया रुक गई है।

कुलपतियों को दिए गए निर्देश में कहा गया है कि बिहार के विश्वविद्यालयों में प्रधानाचार्य की नियुक्ति के संबंध में राज्यपाल सचिवालय द्वारा तीन मई 2024 को निर्गत है, उसके अनुसार कुलाधिपति प्रतिनिधि के परामर्श के उपरांत ही प्रधानाचार्य के रिक्त पदों पर नियुक्ति किया जाना है, जिसके संबंध में दिशा-निर्देश निर्गत किया जाएगा।

राजभवन ने कुलपतियों को निर्देश दिया है कि विभिन्न विश्वविद्यालयों में प्रधानाचार्य के रिक्त पदों पर नियुक्ति के संबंध में दिशा-निर्देश निर्गत होने के पूर्व कोई नियुक्ति नहीं की जाए।

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Bihar Bhumi: अब भूमि अधिग्रहण के बारे में यहां मिलेगी पूरी जानकारी, नीतीश सरकार ने लॉन्च किया नया पोर्टल

Dainik Jagran - April 29, 2025 - 5:46pm

राज्य ब्यूरो, पटना। राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री संजय सरावगी एवं अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार सिंह ने सोमवार को भूमि अधिग्रहण की जानकारी देने के लिए एमआईएस (मैनेजमेंट इंफार्मेशन सेंटर) पोर्टल लॉन्च किया।

उन्होंने कहा कि राज्य में लोकहित की केंद्रीय एवं राजकीय परियोजनाओं के लिए बड़े स्तर पर भूमि अधिग्रहण किया जा रहा है।

इस प्रक्रिया को पारदर्शी एवं सुलभ बनाने के लिए भू-अर्जन निदेशालय की ओर से इस पोर्टल का विकास किया गया है।

इसके माध्यम से किसी परियोजना विशेष की समीक्षा तत्काल रूप से की जा सकेगी। भू-अर्जन की कार्रवाई में परिलक्षित त्रुटियों एवं समस्याओं का निराकरण किया जा सकेगा।

इससे परियोजनाओं को समय पर पूरा करने में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि अभी राज्य में पटना मेट्रो, विभिन्न हवाई अड्डों, विभिन्न एक्सप्रेस वे समेत रेलवे की कई परियोजनाओं के लिए भूमि अधिग्रहण की कार्रवाई चल रही है।

इस पोर्टल के लॉन्च होने से हर स्तर पर की जा रही कार्रवाई की जानकारी कंप्यूटर-लैपटॉप पर ही मिल जाएगी। अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार सिंह ने कहा कि भू अर्जन की कई सारी परियोजनाएं चल रही हैं।

पिछले कुछ वर्षों में कई बड़ी-बड़ी परियोजनाओं की शुरुआत हुई है। अभी हमलोग नियमित रूप से बैठक कर इसकी मॉनीटरिंग करते रहे हैं।

एमआईएस पोर्टल से अब परियोजनाओं की विवेचना काफी आसान होगी। परियोजनाएं भी समय पर पूरी होंगी।

महत्वपूर्ण परियोजनाएं

पटना मेट्रो (85 एकड़ लगभग), पटना मल्टी मॉडल लॉजिस्टिक पार्क (105 एकड़ लगभग), विक्रमशिला विश्वविद्यालय (205 एकड़ लगभग), एनएच, एनएचएआई, रेलवे, सशस्त्र सीमा बल, गया, दरभंगा एवं पूर्णिया में हवाई अड्डा,जल संसाधन विभाग की तटबंध,गाईड बांध निर्माण एवं एम्स, दरभंगा।

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Bihar News: नप गए खगड़िया सदर के अंचलाधिकारी, DM की अनुशंसा पर हुई कार्रवाई; ये है पूरा मामला

Dainik Jagran - April 29, 2025 - 5:33pm

राज्य ब्यूरो, पटना। राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने खगड़िया सदर के अंचलाधिकारी ब्रजेश कुमार पाटिल को निलंबित कर दिया है। निलंबन की अनुशंसा खगड़िया के जिलाधकारी ने विभागीय अनुशासनिक प्राधिकार से की थी।

विभाग के संयुक्त सचिव अनिल कुमार पांडेय के हस्ताक्षर से जारी पत्र के अनुसार पाटिल पर काम में घोर लापरवाही बरतने एवं राजस्व प्रशासन का कार्य नहीं संभाल पाने का आरोप है।

पत्र के अनुसार पाटिल के विरूद्ध बिहार भूमि दाखिल-खारिज अधिनियम के प्रविधानों का उल्लंघन करने एवं वासभूमि विहीन परिवारों को भूमि उपलब्ध कराने में शिथिलता बरतने के अलावा कई अन्य आरोप लगाए गए हैं।

एक आरोप हाई कोर्ट के आदेश की अवहेलना का भी

एक आरोप हाई कोर्ट के आदेश की अवहेलना का भी है। जिलाधिकारी की रिपोर्ट के अनुसार पाटिल ने विभाग की किसी सेवा के कार्यान्वयन में कभी रूचि नहीं दिखाई। ऑनलाइन सेवाओं पर भी ध्यान नहीं दिया।

खगड़िया के जिलाधिकारी की रिपोर्ट में कहा गया है कि खगड़िया सदर अंचल में राजस्व के कागजातों की घोर कमी है।

अंचलाधिकारी की कार्यशैली एवं कार्यभावना राजस्व प्रशासन के अनुकूल नहीं है। इस आलोक में खगड़िया अंचल के रैयतों एवं राजस्व हितों को देखते हुए उन्हें निलंबित करने की अनुशंसा की गयी है। निलंबन अवधि में इनका मुख्यालय आयुक्त कार्यालय, मुंगेर रहेगा।

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पहलगाम हमले के बाद पाक की नापाक हरकत, अब छेड़ा हाइब्रिड वारफेयर; भारत ने नाकाम किए 4 अटैक

Dainik Jagran - National - April 29, 2025 - 5:30pm

एएनआई, नई दिल्ली। पहलगाम हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के रिश्तों में तनाव है। इस बीच पिछले कुछ दिनों से पाकिस्तान एलओसी पर बार बार फायरिंग कर भारत को उकसाने की कोशिश कर रहा है। हालांकि, भारतीय सेना पाकिस्तान को मुंहतोड़ जवाब दे रही है।

अब खबर है कि पाकिस्तान स्थित साइबर आतंकवादी एक बार फिर भारतीय साइबर संप्रभुता का उल्लंघन करने की कोशिश की है। हालांकि, भारतीय सेना की मजबूत साइबर सुरक्षा प्रणाली ने पाकिस्तान के मंसूबों पर पानी फेर दिया।

कई वेबसाइट हैक करने की कोशिश

जानकारी के मुताबिक, पाकिस्तान में स्थित साइबर ग्रुप 'IOK' (Internet Of Khalifa) ने भारतीय सेना से जुड़ी कुछ वेबसाइट्स को निशाना बनाने की कोशिश की थी। जैसे ही इस बात की भनक भारत को लगी, इस घुसपैठ के बारे में पता लगाया गया, जिसकी लोकेशन पाकिस्तान में मिली।

बता दें कि पाकिस्तान की ओर से आर्मी स्कूल श्रीनगर और रानीखेत की वेबसाइट्स, आर्मी वेलफेयर हाउसिंग ऑर्गेनइजेशन का डाटाबेस और भारतीय वायुसेना के प्लेसमेंट पोर्टल पर साइबर हमला करने की कोशिश की गई थी। माना जा रहा है कि हैकर्स का उद्देश्य था कि इन वेबसाइट्स को डिफेस किया जाए और सेवाओं को बाधित करने के साथ जानकारी चुराई जाए।

पाकिस्तान की मंशा उजागर

ध्यान देने वाली बात है कि ये निराशाजनक प्रयास दुश्मन की मंशा और उसकी सीमाओं को उजागर करते हैं। बता दें कि भारतीय सेना अपने डिजिटल स्पेस की रक्षा करने, अपनी साइबर स्थिति को लगातार बेहतर बनाने और सैनिकों और उनके परिवारों के कल्याण की रक्षा करने में दृढ़ है।

एलओसी पर गोलीबारी कर रहा पाकिस्तान

जानकारी दें कि भारतीय सेना ने 28-29 अप्रैल की रात को नियंत्रण रेखा (एलओसी) के पार कुपवाड़ा और बारामूला जिलों के साथ-साथ जम्मू और कश्मीर के अखनूर सेक्टर में पाकिस्तानी सेना की गोलीबारी का मुंहतोड़ जवाब दिया।

इस संबंध में भारतीय सेना ने बताया कि भारतीय सैनिकों ने पाकिस्तानी सेना द्वारा बिना उकसावे के छोटे हथियारों से की गई गोलीबारी का तेजी से और प्रभावी ढंग से जवाब दिया। 25-26 की रात को पाकिस्तानी सेना द्वारा बिना उकसावे के छोटे हथियारों से की गई गोलीबारी के बाद से भारत के बीच प्रभावी संबंधों का यह लगातार पांचवां दिन है।

बता दें कि 22 अप्रैल को फलगाम आतंकवादी हमले में 26 लोगों की मौत के बाद सुरक्षा बलों द्वारा कश्मीर घाटी में आतंकवाद विरोधी अभियान तेज करने के बावजूद नियंत्रण रेखा पर तनाव बरकरार है।

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पीएम के ट्रिपल टी फार्मूले से कैसे बदलेगा भारत का भविष्य? 'युग्म' सम्मेलन में मोदी ने खुद बताया

Dainik Jagran - National - April 29, 2025 - 5:12pm

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि किसी भी देश का भविष्य उसकी युवा पीढ़ी पर ही निर्भर होता है। इसलिए जरूरी है कि हम उनके भविष्य के लिए और देश के उज्जवल भविष्य के लिए उन्हें तैयार करें।

इनमें सबसे बड़ी भूमिका देश की शिक्षा व्यवस्था की होती है, इसीलिए देश की शिक्षा व्यवस्था को हम 21वीं सदी की जरूरत के मुताबिक आधुनिक बना रहे है।

युवाओं को इनोवेशन से जोड़ा जा रहा 

युवाओं को बचपन से तकनीक व इनोवेशन से जोड़ा जा रहा है। प्रतिभा (टैलेंट), तेवर (टेंपरामेंट) व तकनीक (टेक्नालॉजी) का यह जुड़ाव भारत के भविष्य को बदलेगा। पीएम मोदी ने मंगलवार को भारत मंडपम में आयोजित पहले नवाचार ( इनोवेशन ) सम्मेलन ‘युग्म’ को संबोधित करते हुए यह बातें कहीं।

बायो साइंस के क्षेत्र में 14 सौ करोड़ के करार 

सम्मेलन में शिक्षा, उद्योग और इनोवेशन से जुड़े लोग शामिल थे। इस मौके पर वाधवानी फाउंडेशन ने पीएम मोदी की मौजदूगी में आइआइटी बांबे, आइआइटी कानपुर और नेशनल रिसर्च फाउंडेशन ( एनआरएफ) के साथ मिलकर एआई, इंटेलीजेंस सिस्टम व बायो साइंस के क्षेत्र में 14 सौ करोड़ के करार किए है।

पीएम मोदी ने इस मौके पर नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के बाद शिक्षा के क्षेत्र में आए बदलावों की जिक्र किया व कहा कि बच्चों में अब स्कूली स्तर पर ही शोध और इनोवेशन के बीज रोपे जा रहे है। अटल टिंकरिंग लैब ( एटीएल) के जरिए वे अपने सपनों को नई उड़ान दे रहे है।

पेटेंट के क्षेत्र में रफ्तार बढ़ी 

पीएम मोदी ने कहा कि भारत ने जिन लक्ष्यों को तय किया है उसे निरंतर गति देने के लिए देश के रिसर्च इकोसिस्टम को मजबूती देना आवश्यक है। पिछले एक दशक में इस दिशा में काफी तेजी से काम हुआ है। 2013-14 में शोध और इनोवेशन पर जहां खर्च सिर्फ 60 हजार करोड़ था, हमने इसे दोगुना से ज्यादा बढ़ाकर सवा लाख करोड़ से ऊपर कर दिया है।

पेटेंट के क्षेत्र में रफ्तार बढ़ी है, वर्ष 2014 में जहां 40 हजार पेटेंट फाइल हुई थे, वहीं अब ये संख्या 80 हजार से अधिक हो गई है।

हमारे पास समय कम है व लक्ष्य बड़ेः मोदी

मोदी ने कहा कि विकसित भारत के लिए हमारे पास समय कम है व लक्ष्य बड़े है। ऐसे में जरूरी है कि प्रोटोटाइप से प्रोडक्ट तक की यात्रा कम समय में पूरी हो। जब हम इस दूरी को कम देंगे तो शोध का लाभ लोगों तक तेजी से पहुंचने लगता है। 

शोध के इकोसिस्टम को मजबूती देने के लिए जरूरी है कि शैक्षिक संस्थान, निवेशक, उद्योग जगत के लोग शोधार्थियों की मदद करें। उन्हें गाइड करें। सम्मेलन को शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री जितेद्र सिंह व वाधवानी फाउंडेशन के रोमेश वाधवानी ने भी संबोधित किया।

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