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प्रशिक्षित कमांडो फोर्स की तरह होता है मधुमक्खियों का डिफेंस सिस्टम, बॉर्डर पर घुसपैठ रोकने में हो रही मददगार

Dainik Jagran - National - May 19, 2025 - 2:00pm

मुंबई, ओमप्रकाश तिवारी। हाल ही में खबर आई थी कि छत्तीसगढ़-तेलंगाना सीमा स्थित कर्रेगुट्टा की पहाड़ियों में चल रहे नक्सल विरोधी अभियान के दौरान सीआरपीएफ के एक मादा स्वान रोलो की मधुमक्खियों के आक्रमण से मौत हो गई। मधुमक्खियों की यह आक्रामकता दर्शाती है कि उनकी रक्षा प्रणाली किसी प्रशिक्षित कमांडो फोर्स की भांति होती है। वे अपनी ओर से किसी को छेड़ती नहीं है, लेकिन छेड़े जाने पर किसी को छोड़ती भी नहीं हैं।

मधुमक्खियों के हमले में CRPF की डॉग की मौत

सीआरपीएफ के लिए काम कर रही दो वर्षीया रोलो बेल्जियम शेफर्ड नस्ल की मादा श्वान थी। नक्सल विरोधी अभियान में लगे सीआरपीएफ के जवान उसका उपयोग नक्सलियों द्वारा छुपाए गए खतरनाक विस्फोटकों को ढूंढने के लिए करते थे। रोलो कई बार घनी झाड़ियों में घुसकर छिपाए गए विस्फोटक भी खोज निकालती थी।

200 मधुमक्खियों ने मारे डंक

इसी क्रम में पिछले माह 27 अप्रैल को रोलो की किसी खोज प्रक्रिया के दौरान वहां लगा मधुमक्खियों का छत्ता हिल गया, और करीब 200 मधुमक्खियों ने उसे घेरकर डंक मारने शुरू कर दिए। अचानक हुए इस हमले से रोलो को भागने का अवसर भी नहीं मिला। घायल अवस्था में उसे अस्पताल ले जाया गया, लेकिन मधुमक्खियों के विष से रास्ते में ही उसकी मृत्यु हो गई।

क्या कहते हैं विशेषज्ञ?

मधुमक्खियों के व्यवहार का अध्ययन करनेवाले रवींद्र साठे कहते हैं कि मधुमक्खियां अकारण किसी पर हमला नहीं करती, लेकिन यदि उन्हें अपने अस्तित्व पर खतरा महसूस होता है, तो वह अपने शत्रु को छोड़ती भी नहीं हैं। साठे महाराष्ट्र राज्य खादी एवं ग्रामोद्योग बोर्ड के चेयरमैन हैं। उनके नेतृत्व में बोर्ड इन दिनों महाराष्ट्र में मधुमक्खी पालन से संबंधित कई परियोजनाओं पर काम कर रहा है।

मधुमक्खियां वैसे तो शांत भाव से अपने काम में व्यस्त रहती हैं। किसी को परेशान नहीं करती हैं, लेकिन यदि कहीं से उनपर मंडराता दिखाई देता है, तो वे अपने शत्रु पर आक्रमण भी ऐसा करती हैं कि फिर उसे संभलने का मौका नहीं देतीं। मधुमक्खियां अपने छत्ते एवं मकरंद इकट्ठा करने के मार्ग में किसी का आना भी बर्दाश्त नहीं करती हैं।

साठे के अनुसार किसी को भी एक बार काटने के बाद मधुमक्खी स्वयं भी जीवित नहीं रहती। उसका यह गुण किसी ‘फिदायीन दस्ते’ की भांति होता है। इसके बावजूद मधुमक्खियां अपने छत्ते एवं समूह की रक्षा के लिए त्याग करने से पीछे नहीं हटतीं।

फसलों से लेकर सीमाओं पर भी हो रहा इस्तेमाल

मधुमक्खियों के इस रक्षात्मक एवं आक्रामक गुण का उपयोग देश एवं विदेश में फसलों से लेकर सीमाओं की रक्षा तक में किया जाने लगा है। पूर्वी अफ्रीका में पाई जानेवाली एपिस मेलीफेरा स्कुटेल्टा नामक मधुमक्खी का उपयोग वहां हाथियों से मक्के की फसल का बचाव करने के लिए किया जाता है। वहां किसान अपने खेतों की कंटीली बाड़ों पर मधुमक्खी पालनेवाले लकड़ी के बॉक्स लटकाकर रखते हैं। जब हाथी उनके खेतों के निकट आते हैं, तो तार की बाड़ हिलने से आक्रामक स्वभाव की ये मधुमक्खियां अपने छत्तों से बाहर आकर हाथियों की सूंड के अंदरूनी हिस्से में काटना शुरू कर देती हैं। इससे परेशान होकर हाथी जैसे विशाल जीव को भी वहां भागना पड़ता है, और वे फिर उस खेत की ओर रुख नहीं करते।

घुसपैठ रोकने में काम आ रहीं मधुमक्खियां

भारत में ऐसा ही प्रयोग अब सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के जवानों द्वारा कुछ भारतीय सीमाओं पर घुसपैठ रोकने के लिए भी किया जा रहा है। पिछले वर्ष भारत-बांग्लादेश सीमा पर स्थित नादिया जिले में बीएसएफ ने सीमा पार से हो रही घुसपैठ और तस्करी रोकने के लिए सीमा पर लगे कंटीले बाड़ों पर मधुमक्खी पालन के बॉक्स लटकाने का तरीका अपनाया है। इससे एक ओर सीमा पर बसे किसानों के लिए रोजगार की संभावनाएं बढ़ती हैं, तो दूसरी ओर घुसपैठियों द्वारा तार काटे जाने की स्थिति में मधुमक्खियां उन्हें सबक सिखाने के लिए भी तैयार रहती हैं।

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ये घड़ियाली आंसू? MP के मंत्री विजय शाह की माफी पर SC की फटकार; अब SIT के हवाले केस

Dainik Jagran - National - May 19, 2025 - 1:45pm

पीटीआई, नई दिल्ली। कर्नल सोफिया पर विवादित बयान देने वाले मध्य प्रदेश सरकार में मंत्री विजय शाह की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में आज सुनवाई हुई है। सुप्रीम कोर्ट ने कर्नल सोफिया कुरैशी पर टिप्पणी को लेकर मध्य प्रदेश के मंत्री विजय शाह को फटकार लगाई और कहा कि उन्हें अभद्र टिप्पणी करने से पहले सोचना चाहिए।

मामले में जस्टिस सूर्यकांत की दो सदस्यीय पीठ सुनवाई कर रही। अदालत में विजय शाह की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता मनिंदर सिंह पेश हुए।

विवादित बोल पर क्या है 'सुप्रीम' आदेश
  • जांच के लिए 3 आईपीएस वाली एसआईटी गठित
  • डीजीपी को एसआईटी गठित करने के आदेश
  • कल सुबह 10 बजे तक एसआईटी गठित होगी
  • एसआईटी में एक महिला आईपीएस अधिकारी भी शामिल रहेंगी
  • एसआईटी का नेतृत्व आईजी रैंक के अधिकारी करेंगे
  • पहली स्टेटस रिपोर्ट 28 मई को देनी होगी
  • विजय शाह की गिरफ्तारी पर फिलहाल रोक रहेगी।

सुप्रीम कोर्ट ने आगे कहा,

हम तीन आईपीएस अधिकारियों वाली एक एसआईटी गठित कर रहे हैं और उनमें से एक आईजी या डीजीपी रैंक का होना चाहिए। ये सभी राज्य से बाहर होने चाहिए। यह एक लिटमस टेस्ट है और हम चाहते हैं कि राज्य एसआईटी रिपोर्ट हमें सौंपे। हम इस पर कड़ी नजर रख रहे हैं।

सुप्रीम कोर्ट ने मध्य प्रदेश के डीजीपी को मंगलवार सुबह 10 बजे तक आईजी रैंक के अधिकारी की अध्यक्षता में एसआईटी गठित करने का निर्देश दिया।

किस तरह की माफी मांगना चाहते हैं आप-सुप्रीम कोर्ट

विजय शाह की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता मनिंदर सिंह ने कहा, विजय शाह माफी मांग रहे हैं। इस पर जस्टिस सूर्यकांत ने कहा कि आपकी माफी कहां है?, आप किस तरह कि माफी मांगना चाहते हैं, कभी-कभी झूठी माफी मांगी जाती है और कभी घड़ियाली आंसू बहाए जातें हैं। इनमें से आपकी प्रकृति कैसी है।

'हमें आपका वीडियो दिखाना चाहिए'

जस्टिस सूर्यकांत ने विजय शाह से कहा, 'आप एक पब्लिक फिगर हैं, राजनेता हैं। आपको बोलेत समय अपने शब्दों का ख्याल रखना चाहिए। हमें यहां आपका वीडियो दिखाना चाहिए। आप वहां मंच पर खड़े थे, जहां आपने इस घटिया भाषा का इस्तेमाल किया, बहुत गंदी भाषा। लेकिन कुछ ऐसा हुआ कि आप रुक गए। ये सेना के लिए महत्वपूर्ण मुद्दा है। हमें बहुत जिम्मेदार होने की जरूरत है।'

पूरा देश आप पर शर्मिंदा है-SC

कोर्ट ने आगे कहा, ये एक ऐसा देश हैं जो कानून के शासन में विश्वास करता है। चाहे वह छोटा हो या बड़ा। न्यायाधीश किसी के खिलाफ पूर्वाग्रह नहीं रखते। इस न्यायालय के आदेशों से किसी को नुकसान नहीं होगा। 

पूरा देश आप पर शर्मिंदा है। यह आप पर निर्भर है कि आप खुद को कैसे सुधारते हैं। हमने कुछ भी निर्देश नहीं दिया है। यह कहना कि हाईकोर्ट ने आपको दोषी ठहराया है, सही नहीं है। 

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ब्लॉगर, स्टूडेंट, गार्ड और बिजनेसमैन... पाकिस्तान के लिए 'जासूसी' के मामले में अब तक 8 की गिरफ्तारी

Dainik Jagran - National - May 19, 2025 - 1:36pm

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। ऑपरेशन सिंदूर के बाद जब पूरा देश भारतीय सेना पर गर्व महसूस कर रहा था, तो देश में छिपे कुछ लोग पाकिस्तान को खुफिया जानकारी दे रहे थे। ऑपरेशन सिंदूर के बाद पुलिस ने 3 राज्यों से 8 लोगों को जासूसी के आरोप में गिरफ्तार किया। जासूसी का यह सिलसिला कई सालों से चल रहा था, वो भी सिर्फ चंद पैसों के लिए। इनमें 4 आरोपी हरियाणा, 3 पंजाब और 1 उत्तर प्रदेश से है।

इस लिस्ट में मशहूर ट्रैवल व्लॉगर ज्योति मल्होत्रा का नाम भी शामिल है, जिन्हें हरियाणा के हिसार से गिरफ्तार किया है। हिसार के एसपी शशांक कुमार का कहना है कि दुश्मन देश हमारे सोशल मीडिया इंफ्लुएंसर्स को निशाना बना रहे हैं। वहीं पैसों की लालच में इंफ्लुएंसर्स भी गलत रास्ते पर चलने के लिए मान जाते हैं।

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ज्योति मल्होत्रा

हरियाणा के हिसार में रहने वाली ज्योति मल्होत्रा 'Travel with JO' के नाम से यूट्यूब चैनल चलाती हैं। 33 वर्षीय ज्योति को पुलिस ने पिछले हफ्ते ही गिरफ्तार किया था। ज्योति पर आरोप है कि उन्होंने भारतीय सेना से जुड़ी संवेदनशील जानकारियां पाकिस्तान को दी हैं। ज्योति पाकिस्तान हाई कमीशन के संपर्क में थी और उन्होंने 2 बार पाकिस्तान की यात्रा की है। पाक एजेंसियां ज्योति को अपनी खुफिया जासूस बनाना चाहती थी।

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देवेंद्र सिंह ढिल्लों

पटियाला के खालसा कॉलेज में पढ़ने वाले देवेंद्र सिंह ढिल्लों को पुलिस ने 12 मई के दिन हरियाणा के कैथल से गिरफ्तार किया। 25 वर्षीय देवेंद्र पिस्तौल और बंदूक के साथ फेसबुक पर तस्वीरें पोस्ट करते था। पूछताछ में पता चला कि वो पिछले साल नवंबर में पाकिस्तान गए था। साथ ही उन्होंने ISI को पटियाला सैन्य अड्डे की खुफिया जानकारी भी दी थी।

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नोमान इलाही

नोमान इलाही हरियाणा में सिक्योरिटी गार्ड की नौकरी करते था। कुछ दिन पहले पुलिस ने नोमान को पानीपत से गिरफ्तार किया। रिपोर्ट्स की मानें तो 24 वर्षीय नोमान पाकिस्तान में किसी ISI हैंडलर के संपर्क में था। नोमान उत्तर प्रदेश का रहने वाला है। नोमान को भारत की खुफिया जानकारी देने के बदले में पाकिस्तान से पैसे मिलते थे।

अरमान

16 मई को पुलिस ने खुफिया जानकारी के आधार पर 23 वर्षीय अरमान को हरियाणा के नूंह से गिरफ्तार किया था। पुलिस का कहना है कि हाल के भारत-पाक तनाव के दौरान अरमान पाकिस्तान को खुफिया जानकारी भेज रहा था। पुलिस के पास इसके कई सबूत हैं।

शहजाद

उत्तर प्रदेश के रामपुर में रहने वाला शहजाद पेशे से बिजनेसमैन है। स्पेशल टास्क फोर्स (STF) ने शहजाद को मुरादाबाद से गिरफ्तार किया है। शहजाद ने राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ी संवेदनशील जानकारी ISI के हैंडलर्स को दी है। शहजाद कई बार पाकिस्तान भी जा चुका है। साथ ही वो मसालों, कपड़ों और कॉस्मेटिक की अवैध तस्करी में भी शामिल है।

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मोहम्मद मुर्तजा अली

मोहम्मद मुर्तजा अली को गुजरात पुलिस ने जालंधर से गिरफ्तार किया था। खुफिया एजेंसियों को शक था कि मोहम्मद पाकिस्तानी एजेंसी ISI के लिए जासूसी करता है। मोहम्मद ने खुद एक मोबाइल एप बनाया था, जिसके जरिए वो पाक एजेंसियों को खुफिया जानकारी भेजता था। पुलिस को मोहम्मद के पास 4 मोबाइल फोन और 3 सिम कार्ड मिले हैं।

इसके अलावा पुलिस ने गजाला और यामिन मोहम्मद को पंजाब से गिरफ्तार किया है। उन पर भी पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI के लिए जासूसी का आरोप लगा है। पुलिस इस पूरे मामले की जांच कर रही है।

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Operation Sindoor: पाकिस्तान की पोल खोलने वाले MPs के डेलिगेशन में शामिल नहीं होंगे यूसुफ पठान, TMC ने बताई वजह

Dainik Jagran - National - May 19, 2025 - 12:01pm

नई दिल्ली, जेएनएन। ऑपरेशन सिंदूर के बाद केंद्र सरकार ने  बनाया है, जो दुनिया के अलग-अलग देशों में जाकर भारत का पक्ष रखेंगे। इस दल में अलग-अलग पार्टियों के नेताओं को शामिल किया गया है। हालांकि तृणमूल कांग्रेस (TMC) ने अपने सांसद को भेजने से मना कर दिया है।

केंद्र सरकार ने कांग्रेस समेत कई विपक्षी दलों के सांसदों को इस मुहिम का हिस्सा बनाया है। वहीं, TMC सांसद यूसुफ पठान का नाम भी इस लिस्ट में शामिल था। हालांकि TMC ने यूसुफ पठान का नाम वापस ले लिया है।

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TMC ने क्यों वापस लिया नाम?

TMC के राज्यसभा सांसद डेरेक ओ ब्रायन ने इसकी घोषणा की है। साथ ही उन्होंने इसके पीछे की वजह भी साफ कर दी है। डेरेक का कहना है कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कूटनीति का काम केंद्र सरकार का है।

डेरेक ने कहा-

तृणमूल कांग्रेस पूरी तरह से राष्ट्रहित के साथ है, लेकिन अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कूटनीति करना केंद्र सरकार का काम है और यह काम केंद्र को ही करने देना चाहिए।

7 डेलिगेशन में 51 सांसद

बता दें कि ऑपरेशन सिंदूर और पाकिस्तान में आतंकवाद को बेनकाब करने के लिए केंद्र सरकार ने सात डेलिगेशन बनाए हैं, जिसमें अलग-अलग पार्टियों के 51 सांसद शामिल हैं। इस लिस्ट में बीजेपी के बैजयंत पांडा और रविशंकर प्रसाद, जेडीयू के संजय कुमार झा, शिवसेना के श्रीकांत शिंदे, कांग्रेस के शशि थरूर, डीएमके से कनिमोझी करुणानिधि और राकांपा-सपा से सुप्रिया सुले का नाम शामिल है।

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Jeevika: जीविका दीदियों का बढ़ गया काम, अब ब्लॉक में मिली बड़ी जिम्मेदारी; मिलेगी 10-12 हजार रुपये सैलरी

Dainik Jagran - May 19, 2025 - 12:00pm

राज्य ब्यूरो, पटना। सचिवालय से लेकर सरकारी अस्पतालों एवं प्रखंड कार्यालयों में कैंटीन चलाने के साथ ही अब जीविका दीदियां अंचल एवं प्रखंड कार्यालय परिसर की सफाई का दायित्व भी संभालेंगीं।

ग्रामीण विकास विभाग ने बिहार ग्रामीण जीविकोपार्जन प्रोत्साहन समिति (जीविका) से संपोषित सामुदायिक संगठनों के माध्यम से कराने की पहल की है।

सरकार 534 प्रखंड एवं अंचल कार्यालयों की सफाई मद में लगभग 34 करोड़ रुपये प्रति वर्ष खर्च करेगी। लगभग तीन हजार महिलाओं को स्थानीय स्तर पर रोजगार मिलेगा।

वहीं, सफाई कार्य करने वाली जीविका दीदियों को प्रतिमाह 10 से 12 हजार रुपये पगार देने का आकलन किया गया है।

वर्तमान में जीविका दीदियां सरकारी अस्तालों की सफाई, लांड्री एवं कैंटीन का काम संभाल रही हैं। इसके अतिरिक्त जीविका दीदियां अब प्रखंड कार्यालयों में सफाई का काम संभालेंगी।

सरकार ने इस दिशा में कदम उठाया है, ताकि प्रखंड कार्यालयों की सफाई व्यवस्था को बेहतर बनाया जा सके। यह निर्णय जीवीका दीदियों के सशक्तीकरण और उन्हें आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

जीवीका दीदियां अब प्रखंड कार्यालयों की सफाई व्यवस्था को बेहतर बनाने में अपनी भूमिका निभा सकेंगी। इस पहल से प्रखंड कार्यालयों में स्वच्छता बढ़ेगी और जीविका दीदियों को भी रोजगार मिलेगा।

इससे प्रखंड कार्यालयों में कार्य करने वाले लोगों के लिए एक स्वच्छ और स्वस्थ कार्य वातावरण भी सुनिश्चित होगा। इसे लेकर प्रशासन द्वारा सभी प्रखंड विकास पदाधिकारियों से प्रखंड सह अंचल कार्यालय भवनों की मापी कराके क्षेत्रफल का ब्योरा मांगा गया है।

गौरतलब है कि वर्तमान में प्रखंड एवं अंचल कार्यालयों की साफ सफाई निजी स्तर से कराई जाती है, जिससे कई तरह की परेशानियां सामने आती थीं। हालांकि, सफाई के मद में कुछ पैसा भी सरकार स्तर से प्रखंडों को महीने के हिसाब से दिया जाता था।

इधर, ग्रामीण विकास विभाग बिहार सरकार के सचिव लोकेश कुमार द्वारा जारी पत्र के अनुसार अब सफाई व्यवस्था की जिम्मेदारी जीविका समूह के जिम्मे लगाया जाना है।

सरकार स्तर से जारी पत्र में कहा गया है कि सभी प्रखंड सह अंचल कार्यालय भवनों में उचित साफ सफाई बिहार ग्रामीण जीविकोपार्जन प्रोत्साहन समिति द्वारा संपोषित सामुदायिक संगठनों से कराया जाना प्रस्तावित है।

संबंधित कार्यालयों में सफाई करने की दर तथा संबंधित दिशा निर्देश शीघ्र ही अंतिम रूप जारी किया जाएगा। सचिव ने जिला अंतर्गत सभी प्रखंड सह अंचल कार्यालय भवनों की साफ सफाई के लिए कुल क्षेत्रफल संबंधित सूचना प्रपत्र के माध्यम से मांगा है।

हालांकि, इस सफाई के एरिया में प्रखंड सह अंचल कार्यालयों के आवासीय भवनों के क्षेत्रफल को शामिल नहीं किया जाना है।

जीविका समूह की बढ़ेगी आमदनी

जीविका समूह के सामुदायिक संगठनों द्वारा प्रखंड सह अंचल कार्यालय के भवनों की सफाई व्यवस्था संभालने के बाद जहां जीविका समूहों की आमदनी बढ़ेगी।

वहीं दूसरी तरफ प्रखंड सह अंचल कार्यालय भवनों का रखरखाव तथा कार्यालय परिसर भी बेहतर दिखाई देगा। यही नहीं, ग्रामीण क्षेत्र से जुड़े इन सरकारी कार्यालयों पर आने जाने वालों को भी एक बेहतर और साफ सुथरा माहौल नजर आएगा।

गौरतलब है कि यह व्यवस्था पहली बार सरकार स्तर से लागू कराने की तैयारी है। इसका असर प्रखंड सह अंचल कार्यालयों में काम करने वाले कर्मियों के कार्यक्षमता पर भी अनुकूल पड़ेगा।

बीडीओ के माध्यम से जीविका दीदियों को प्रखंड एवं अंचल कार्यालयों की सफाई का काम देने का प्रविधान किया गया है। इस पहल से लगभग तीन हजार महिलाओं को स्थानीय स्तर पर रोजगार मिलेगा। सरकार इसपर प्रतिवर्ष लगभग 34 करोड़ रुपये खर्च करेगी।-लोकेश कुमार सिंह, सचिव, ग्रामीण विकास विभाग

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Patna News: फुलवारी शरीफ में 3 घंटे में दो हत्याएं, इलाके में दहशत; एक्टिव हुई पटना पुलिस

Dainik Jagran - May 19, 2025 - 11:45am

संवाद सूत्र, फुलवारी शरीफ। बिहार की राजधानी पटना से एक बड़ी खबर सामने आई है। फुलवारी शरीफ पुलिस अनुमंडल के अंतर्गत सोमवार की सुबह 3 घंटे के भीतर अलग-अलग जगह पर दो हत्या की बड़ी वारदात हुई। 

पहली हत्या सुबह 6:40 बजे बेउर थाना के बाईपास के पास संजय यादव नामक व्यक्ति की हुई। यह वारदात उस समय हुई जब वह सुबह टहलने के लिए अपने घर भीक्षक से मैरिज हॉल के पास आए थे। 

वह मैरिज हॉल के पास जैसे ही आए, मोटरसाइकिल सवार दो बदमाशों ने गोलियों की बरसात कर दी। घायल हालत में उन्हें इलाज के लिए एम्स ले जाया गया, लेकिन जान नहीं बच पाई। 

इस घटना को क्यों अंजाम दिया गया, अभी तक इसका पता नहीं चल सका है। वहीं, दूसरी वारदात फुलवारी शरीफ मुख्य मार्ग पर टमटम पड़ाव के पास हुई। 

जहां अपने भतीजे के साथ गाड़ी पर जा रहे अनवर आलम को रोककर अपराधियों ने चार गोली मारी। घायल अवस्था में एम्स ले जाया गया, जहां उनकी मौत हो गई। 

भूमि विवाद की सामने आई बात

हालांकि दोनों हत्याओं के पीछे भूमि विवाद की बात सामने आ रही है। अनवर आलम का भी कई लोगों से भूमि विवाद का मामला सामने आ रहा है। 

अनवर आलम का कई लोगों से भूमि विवाद चल रहा था। इसके पूर्व भी अनवर आलम पर भूमि विवाद को लेकर गोलीबारी करने और चाकू मारने का मामला दर्ज किया गया था। पुलिस मौके पर पहुंचकर मामले की छानबीन करने में जुटी है। 

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आंध्र प्रदेश: खेल-खेल में कार के अंदर घुसे, नहीं खुला दरवाजा; दम घुटने से चार मासूमों की मौत

Dainik Jagran - National - May 19, 2025 - 11:32am

विजयनगरम (आंध्र प्रदेश), एएनआई। आंध्र प्रदेश के विजयनगरम में दम घुटने की वजह से चार बच्चों की मौत हो गई। सभी बच्चे कार में फंस गए थे और कार अंदर से लॉक हो गई। कार के शीशे बंद थे, जिसकी वजह से बच्चे सांस नहीं ले पाए और उन्होंने कार में ही दम तोड़ दिया।

यह घटना विजयनगरम के द्वारपुड़ी गांव की है। रिपोर्ट्स के अनुसार, रविवार की सुबह बच्चे खेलने के लिए घर से निकले थे। काफी देर तक जब बच्चे घर वापस नहीं लौटे तो घर वालों ने उन्हें ढूंढना शुरू किया। आखिर में सभी की लाश एक कार में मिली।

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गलती से कार में हुए लॉक

जांच में पता चला कि कार गांव के महिला सामुदायिक केंद्र की पार्किंग में खड़ी थी। बच्चे खेलते-खेलते कार में बैठ गए और कार का दरवाजा अचानक बंद हो गया। कार के सारे शीशे भी लॉक थे। ऐसे में बच्चों को पर्याप्त आक्सीजन नहीं मिली, जिससे उनकी मौत हो गई।

चारों बच्चों की हुई पहचान

कार हादसे में मृतक बच्चों की पहचान 8 वर्शीय उदय, 8 वर्षीय चारूमति, 6 वर्षीय करिश्मा और मनस्विनी के रूप में हुई है। बच्चों की मौत से पूरे गांव में मातम का माहौल है। आंध्र प्रदेश के मंत्री कोंडापल्ली श्रीनिवासन ने भी इस घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताया है।

आंध्र प्रदेश के मंत्री कोंडापल्ली श्रीनिवासन के अनुसार,

सभी बच्चे गांव की एक शादी में शिरकत करने आए थे। घटनास्थल पर कुल 9 बच्चे खेल रहे थे। इनमें से 4 बच्चे खेलते-खेलते कार में बैठ गए और दरवाजा बंद हो गया।

मंत्री ने दी सांत्वना

कोंडापल्ली श्रीनिवासन ने पीड़ित परिवारों को हर संभव मदद करने का आश्वासन दिया है। साथ ही उन्होंने माता-पिता को बच्चों की खास देखभाल करने और हमेशा उनके आसपास रहने का मशवरा दिया है, जिससे इस तरह की घटना फिर कभी न हो सके।

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Students abroad: Insurance for visa, job loss

Business News - May 19, 2025 - 11:31am
In a significant move to support Indian students studying abroad, insurance companies in India have introduced travel policies that offer coverage for visa revocation, job loss, and unexpected emergencies. These policies aim to provide students with financial protection and peace of mind as they navigate the challenges of international education, as per a report by The Times of India. Indian insurers have launched student-specific travel insurance policies that cover risks such as visa cancellation and unemployment after study, providing a cost-effective and comprehensive safety net for students overseas.With more Indian students pursuing higher education in countries like the US, UK, Canada, and Australia, the need for robust insurance coverage has grown. Traditional international insurance policies are often expensive and do not cater to the specific needs of Indian students. Recognising this gap, Indian insurers have stepped in to offer more flexible and affordable alternatives.According to the TOI report, these new policies go beyond standard medical coverage. They now include provisions for situations such as visa rejection, revocation, and job loss after graduation. Some policies also cover accommodation costs and return travel in case a student is required to leave the host country suddenly. The introduction of such features has been driven by the rising number of students experiencing disruptions due to policy changes and global uncertainties.Radhika Saran, a 22-year-old student currently studying in Ireland, shared her experience with The Times of India, “My medical expenses were all covered, and the settlement was seamless. My policy is much cheaper than the global insurances available here. I purchased a flexible policy and selected add-ons like emergency fund access as well.”The affordability of Indian policies is another major advantage. Industry estimates suggest that Indian student travel insurance costs around one-third of what global counterparts charge. For example, a $100,000 medical insurance policy purchased abroad may cost significantly more than a similar policy available through an Indian insurer.Meet Kapadia, head of travel insurance at Policybazaar, noted the growing demand, “The US and Canada continue to dominate, but we’re also seeing students heading to countries like Germany, Ireland, and Australia. There’s a strong shift towards comprehensive Indian policies with student-friendly features.”Insurers such as Bajaj Allianz General Insurance and ICICI Lombard have reported an increase in students opting for domestic insurance with additional coverage options. Aashish Sethi from Bajaj Allianz remarked, “Many students are seeking more comprehensive packages that include job loss, psychological counselling, and emergency family visits.”Priya Deshmukh, head of health products, operations and services at ICICI Lombard, added, “Students can get add-on covers tailored to their destination. We have seen a rise in uptake especially for covers that support students facing post-study employment gaps.”However, despite the cost advantages and added features, some students still prefer university-recommended insurance from foreign providers due to easier claims processing within the host country. Nikhil Jain, founder of ForeignAdmits, explained, “For study in the US, university-mandated plans often simplify the claim process, so many students opt for them to avoid administrative hassles.”To strike a balance, education consultants recommend a hybrid model. Dilip Oak, founder of a Pune-based overseas education consultancy, told TOI, “We work with a lot of students who purchase minimal international insurance to meet university requirements and supplement it with more extensive Indian coverage. This helps them manage both compliance and cost.”As more Indian students head overseas, the insurance industry is evolving to meet their needs with customisable and economical options. These new offerings are set to become an essential part of student planning, reducing the financial risks associated with international education.(With inputs from TOI)
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