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ऑपरेशन सिंदूर में मिले 5 सबक को भूलेगा नहीं पाकिस्तान, भारत को भी इन लक्ष्यों की तरफ बढ़ाने होंगे कदम

Dainik Jagran - National - May 19, 2025 - 3:17pm

नई दिल्ली, जेएनएन। आपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तान में आतंकी ठिकानों पर भारत का हमला आतंकवाद के खिलाफ एक्शन था। पाकिस्तान ने भारत के सैन्य ठिकानों और आम नागरिकों को निशाना बनाकर इसे दो देशों के बीच संघर्ष में बदलने का प्रयास किया। इसके बाद पाकिस्तान के रणनीतिक ठिकानों पर भारत का घातक हमला निर्णायक साबित हुआ और पाकिस्तान ने शांति की अपील की।

भारत ने सैन्य कार्रवाई के जरिये पाकिस्तान की 20 प्रतिशत सैन्य क्षमता को तबाह करके न सिर्फ कड़ा सबक सिखाया, बल्कि संघर्ष को एक तय सीमा पर सीमित करके बेहतर समझ भी दिखाईं। चूंकि भारत को अपनी विशाल आबादी की बेहतर जीवन की आकांक्षा को पूरा करा करना है । 2047 तक विकसित भारत का लक्ष्य भी हासिल करना है।

ऐसे में संघर्ष का लंबा खिंचना न सिर्फ आर्थिक रूप से खर्चीला होता, बल्कि इससे आतंकवाद का मसला नेपथ्य में चला जाता। दुनिया भारत-पाकिस्तान युद्ध की बात कर रही होती। भारत ने पाकिस्तान को साफ संदेश दिया है कि उसे आतंकी हमलों की कीमत इस हद तक चुकानी होगी, जो उसके लिए वहनीय नहीं होगी। संदेश दुनिया के लिए भी है कि अब भारत आतंकी हमलों पर साक्ष्यों के साथ समझाने का प्रयास नहीं करेगा। पीएम नरेन्द्र मोदी ने साफ कर दिया है कि आतंकवाद से निपटने के मामले में यह नीति अव न्यू नॉर्मल है। इस संघर्ष में पाकिस्तान को सबक और भारत की बेहतर समझ़ के पहलू की पड़ताल ही आज का अहम मुद्दा है।

स्वदेशी हथियारों ने साबित की क्षमता

स्वदेशी हथियारों और एयर डिफेंस सिस्टम ने अपनी क्षमता साबित की है। भारत ने दुनिया को दिखाया है कि वह स्वदेशी तकनीक से नेटवर्क सेंट्रिक वारफेयर को अंजाम दे सकता और जीत सकता है। स्वदेशी एयर डिफेंस सिस्टम आकाश हो या आकाशतीर इसके उदाहरण हैं।

निर्यात बाजार में बढ़ानी होगी हिस्सेदारी

वर्तमान वैश्विक अर्थव्यवस्था में 32 ट्रिलियन डॉलर का निर्यात बाजार है। ये अपने आप में बहुत बड़ा बाजार है। अगर हम चाहे तो इसमें अपनी हिस्सेदारी शेयर बढ़ा सकते हैं। वस्तुओं के निर्यात में अभी हमारी हिस्सेदारी दो प्रतिशत से कम है। इसे 4 प्रतिशत किया जा सकता है। सेवाओं के निर्यात में भारत की हिस्सेदारी 4 प्रतिशत है। इसमें भी ग्रोथ की अच्छी संभावना है।

हासिल की रणनीतिक बढ़त

भारत ने पाकिस्तान के एयर डिफेंस सिस्टम को नकारा बना कर मनचाही जगहों पर सफलता के साथ हमले किए और प्रमुख रणनीतिक ठिकानों और संपत्तियों को तबाह कर दिया। संदेश साफ है कि हमारे पास पाकिस्तान को तबाह करने की सैन्य क्षमता और आधुनिक तकनीक है। अगर जरूरत पड़ेगी तो भारत इस क्षमता का इस्तेमाल करेगा।

पाकिस्तान को संदेश

पाकिस्तान को संदेश है कि भारत के खिलाफ आतंकवाद प्रायोजित करने की कीमत उसके लिए बहुत महंगी पड़ेगी। अगर आतंकी ठिकानों पर हमलों के बीच में उसकी सेना आएगी, तो भारत सेना और सैनिक ठिकानों को भी तबाह करेगा। भले ही इसका नतीजा पूर्ण युद्ध ही क्यों न हो। इस बार के संघर्ष में पाकिस्तान को जिस तरह स्तर पर नुकसान हुआ है, उसे देखते हुए पाकिस्तान को भविष्य में भारत में आतंकी हमले कराने से पहले 10 बार सोचना पड़ेगा।

विश्व के लिए संदेश

ऑपरेशन सिंदूर के तहत भारत ने विश्व को भी संदेश दिया है कि पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। भारत सैन्य कार्रवाई के जरिये इसका जवाब देगा। भारत पाकिस्तान के न्यूक्लियर ब्लैकमेल के आगे नहीं झुकेगा। भारत आतंकी हमलों के बाद विश्व को सबूतों के साथ संतुष्ट करने का प्रयास नहीं करेगा, सुरक्षा खतरों पर फैसले खुद करेगा और अपनी सुविधा के अनुसार कदम उठाएगा।

पाकिस्तान के किसी कोने में सुरक्षित नहीं आतंकी

पाकिस्तान के पंजाब सहित नौ आतंकी ठिकानों को तबाह करके भारत ने आतंकियों को संदेश दिया है कि वह पाकिस्तान के किसी भी कोने में सुरक्षित नहीं हैं। भारत उनको कहीं भी निशाना बना सकता है और भविष्य में भी आतंकी हमले के लिए जिम्मेदार लोगों पर हमला होगा।

विकसित भारत का लक्ष्य

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 15 अगस्त 2022 को स्वतंत्रता दिवस पर देश को 2047 तक विकासशील से विकसित बनाने का लक्ष्य सामने रखा था। विकसित राष्ट्र बनने के सपने को साकार करने के लिए भारत बुलंद इरादों के साथ जुटा हुआ है। देश को आत्मनिर्भर बनाने, विकास की रफ्तार तेज करने के लिए उठाए गए कदमों के नतीजे दिखने लगे हैं। दुनिया में कई क्षेत्रों में भारत की धमक बढ़ी है। आइये जानते हैं कि विकसित भारत का लक्ष्य हासिल करने के लिए हमें कहां पहुंचना होगा।

बढ़ानी होगी प्रति व्यक्ति आय

विकसित देश बनने के लिए हमारी प्रति व्यक्ति आय करीब 12,800 या 12,900 डॉलर के आसपास होनी चाहिए। अगर हम 2022-2023 की प्रति व्यक्ति आय का आंकड़ा लेकर चलते हैं, तो ये करीब 2500 डॉलर था। इसे करीब 13 हजार और उससे ज्यादा तक पहुंचाने के लिए हमें करीब 7.6 प्रतिशत जीडीपी ग्रोथ रेट की जरूरत है।

2047 तक कितनी हो जाएगी आबादी

वर्ल्डोमीटर के अनुमान के मुताबिक, 2025 के आखिर तक भारत की आबादी 1.45 अरब-1.46 अरब हो जाएगी। वहीं, 2047 तक भारत की आबादी बढ़कर 1.61 अरब से 1.7 अरब तक होने का अनुमान जताया गया है।

कौन से देश हैं विकसित

किसी देश को विकसित तब माना जाता है, जब उस देश के लोगों की आय ज्यादा हो। इंडस्ट्री विकसित हो चुकी हो। वहां मजबूत इंफ्रास्ट्रक्चर हो। जीवन की गुणवत्ता उच्च स्तर की हो। अमेरिका, कनाडा, ब्रिटेन, फ्रांस, आस्ट्रेलिया, जापान, कतर ऐसे ही देश हैं। 2020 में संयुक्त राष्ट्र ने 36 देशोंको विकसित देश माना था। चीन दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था वाला देश है और एक अपर-मिडिल इनकम कंट्री है, लेकिन अभी भी इसके विकसित होने की राह में चुनौतियां हैं। इसलिए संयुक्त राष्ट्र ने चीन को फिलहाल विकासशील देशों की सूची में ही रखा है।

विकासशील देशों की श्रेणी में हैं ये देश

ऐसे देशों को विकासशील की श्रेणी में रखा जाता है, जहां इंडस्ट्री और इंफ्रास्ट्रक्चर का विकास हो रहा हो। सामाजिक और आर्थिक सुधार हो रहे हों। हालांकि, इन देशों में लोगों का जीवन स्तर बेहद औसत होता है। आधुनिक टेक्नोलाजी की कमी होती है। इन देशों की प्रति व्यक्ति आय भी कम होती है, लेकिन ये देश तरक्की के रास्ते पर धीरे-धीरे ही सही, लेकिन आगे बढ़ रहे होते हैं। संयुक्त राष्ट्र के मुताबिक, 2020 तक दुनिया के 126 देश विकासशील देशों की सूची में शामिल थे। भारत इसी कैटेगरी में है। अभी भारत को विकास का लंबा सफर तय करना है।

तलाशने होंगे रोजगार के नए मौके

एडवांस टेक्नोलाजी में बड़े पैमाने पर रोजगार के अवसर पैदा करना एक चुनौती है। इसके लिए शिक्षा, स्वास्थ्य और कृषि के क्षेत्र में सुधार करने होंगे।

(जागरण रिसर्च)

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बेंगलुरु में बारिश से हाहाकार, सड़कें बनीं तालाब, जायजा लेने बुलडोजर से पहुंचे विधायक

Dainik Jagran - National - May 19, 2025 - 3:09pm

बेंगलुरु, डिजिटल डेस्क। महाराष्ट्र और कर्नाटक में इन दिनों मूसलाधार बारिश हो रही है। बेमौसम की इस बरसात से बेंगलुरु की सड़के पूरी तरह से सराबोर हो गईं हैं। बेंगलुरु (Bengaluru Rain Alert) में भारी जलभराव के कारण बाढ़ के हालात बन गए हैं। पिछले 48 घंटों से बेंगलुरु में लगातार तेज बारिश देखने को मिल रही है।

भारी बारिश से बेंगलुरु के निचले क्षेत्रों में काफी पानी भर गया है। बारिश, आंधी और तूफान के बीच कई पेड़ सड़कों पर गिर पड़े हैं, जिससे लंबा जाम लग गया है। लोग घंटों तक जाम में खड़े रहने को मजबूर हैं।

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बेंगलुरु में जल निकाली ठप

बेंगलुरु में जलभराव की कई तस्वीरें और वीडियो सामने आ रहे हैं। इनमें बेंगलुरु के ड्रेनेज सिस्टम का खस्ताहाल देखा जा सकता है। बेंगलुरु में जल निकासी व्यस्था पूरी तरह से ध्वस्त हो गई है, जिसके कारण गली-मोहल्लों में जमा पानी लोगों के घरों में घुस रहा है।

15 जिलों में भरा लबालब पानी

बारिश से कर्नाटक के प्रभावित शहरों की बात करें तो इस लिस्ट में बेंगलुरु शहरी, बेंगलुरु ग्रामीण, कोलार, चिक्कबल्लापुरा, तुमकुरु, मांड्या, मैसूर, हसन, कोडागु, बेलगावी, बीदर, रायचूर, यादगीर, दावणगेरे और चित्रदुर्ग का नाम शामिल है। बेंगलुरु प्रशासन ने लोगों को सुरक्षित जगहों पर ले जाना शुरू कर दिया है।

#WATCH | Karnataka: Cars partially submerged amid heavily waterlogged roads due to incessant rains in Bengaluru.

(Visuals from Sai Layout area) pic.twitter.com/EusH71jmvZ

— ANI (@ANI) May 19, 2025 बुलडोजर से जायजा लेने पहुंचे विधायक

बेंगलुरु में भारी बारिश और जलभराव के कारण जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। आलम यह है कि इलाके जायजा लेने पहुंचे विधायक बी बसवराज को भी जेसीबी से आना पड़ा। बसवराज ने बुलडोजर पर सवार होकर पूरे क्षेत्र का दौरा किया है। वहीं, जिन इलाकों में पानी ज्यादा भरा है, वहां जेसीबी का इस्तेमाल किया जा रहा है।

#WATCH | Bengaluru, Karnataka: Several parts of the city witness severe waterlogging after heavy rains.

(Visuals from Shantinagar Bus Stand area) pic.twitter.com/Pzx9gZckiN

— ANI (@ANI) May 19, 2025 मौसम विभाग ने जारी किया अलर्ट

भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने कर्नाटक के तटीय इलाकों में भारी बारिश का येलो अलर्ट जारी किया है। वहीं, उत्तरी और दक्षिणी कर्नाटक के कई हिस्सों में बारिश का ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है। बेंगलुरु के मौसम विभाग ने उड्डपी, बेलगावी, धारवाड़, गडग, हावेरी और शिवमोगा समेत कई जिलों में अगले दो दिन के लिए भारी बारिश की चेतावनी जारी की है।

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Sebi threatens 2 offshore funds holding Adani shares with penalties: Reports

Business News - May 19, 2025 - 3:07pm
India's markets regulator has threatened two Mauritus-based funds with investments in the Adani Group that they could face penalties and cancellation of licences for not sharing shareholding details despite repeated requests over two years, according to a document reviewed by Reuters. The Adani Group and its 13 offshore investors have been facing an investigation by the Securities and Exchange Board of India (SEBI) since Hindenburg Research in 2023 alleged improper use of tax havens by the group, triggering a stock sell-off. The group has repeatedly denied wrongdoing, and its shares have since recovered. Indian regulations require that at least 25% of the shares of listed companies be held by public shareholders, but Hindenburg alleged the Adani Group breached those rules since some offshore funds with Adani company holdings were related to the conglomerate. The two Mauritius-based Elara funds - Elara India Opportunities Fund and Vespera Fund - had been asked since 2023 to provide "granular disclosures" of all their shareholders since they had "concentrated positions" in the Adani Group, according to a SEBI document dated March 28, which was reviewed by Reuters. "To date, this has not been provided by these FPIs (foreign portfolio investors) to SEBI ... They have also not provided any reasons," the document said, adding that such delays had "impeded the investigation into the Adani Group's compliance with minimum public shareholding norms." India's Elara Capital and SEBI did not respond to Reuters queries. The Adani Group also did not respond. The SEBI document noted that Elara funds did not make disclosures about their acquisitions of certain Adani stocks exceeding 5% - as was required by Indian regulations. It did not specify the exact shareholding in question. Even though the funds are Mauritius based, they are registered with SEBI as FPIs, bringing them under compliance norms and scrutiny of the Indian regulator. The two funds have applied to SEBI to settle the matter without admitting guilt and by paying a monetary fine, said two sources with direct knowledge of the matter, who declined to be named as the investigation is confidential. It was not clear what penalties could they face eventually. In November, U.S. authorities indicted group chairman Gautam Adani and some other executives, alleging they paid bribes to secure Indian power supply contracts and misled U.S. investors during fund raising. Adani denies wrongdoing, and says the allegations are baseless. At least two other offshore investors in Adani stocks - Mauritius-based Lotus Investment and LTS Investment - also did not supply information on Adani holdings when asked by SEBI, the two sources added. P.R. Ramesh, a lawyer who represent Lotus and LTS in India, did not respond to repeated requests for comment.
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प्रशिक्षित कमांडो फोर्स की तरह होता है मधुमक्खियों का डिफेंस सिस्टम, बॉर्डर पर घुसपैठ रोकने में हो रही मददगार

Dainik Jagran - National - May 19, 2025 - 2:00pm

मुंबई, ओमप्रकाश तिवारी। हाल ही में खबर आई थी कि छत्तीसगढ़-तेलंगाना सीमा स्थित कर्रेगुट्टा की पहाड़ियों में चल रहे नक्सल विरोधी अभियान के दौरान सीआरपीएफ के एक मादा स्वान रोलो की मधुमक्खियों के आक्रमण से मौत हो गई। मधुमक्खियों की यह आक्रामकता दर्शाती है कि उनकी रक्षा प्रणाली किसी प्रशिक्षित कमांडो फोर्स की भांति होती है। वे अपनी ओर से किसी को छेड़ती नहीं है, लेकिन छेड़े जाने पर किसी को छोड़ती भी नहीं हैं।

मधुमक्खियों के हमले में CRPF की डॉग की मौत

सीआरपीएफ के लिए काम कर रही दो वर्षीया रोलो बेल्जियम शेफर्ड नस्ल की मादा श्वान थी। नक्सल विरोधी अभियान में लगे सीआरपीएफ के जवान उसका उपयोग नक्सलियों द्वारा छुपाए गए खतरनाक विस्फोटकों को ढूंढने के लिए करते थे। रोलो कई बार घनी झाड़ियों में घुसकर छिपाए गए विस्फोटक भी खोज निकालती थी।

200 मधुमक्खियों ने मारे डंक

इसी क्रम में पिछले माह 27 अप्रैल को रोलो की किसी खोज प्रक्रिया के दौरान वहां लगा मधुमक्खियों का छत्ता हिल गया, और करीब 200 मधुमक्खियों ने उसे घेरकर डंक मारने शुरू कर दिए। अचानक हुए इस हमले से रोलो को भागने का अवसर भी नहीं मिला। घायल अवस्था में उसे अस्पताल ले जाया गया, लेकिन मधुमक्खियों के विष से रास्ते में ही उसकी मृत्यु हो गई।

क्या कहते हैं विशेषज्ञ?

मधुमक्खियों के व्यवहार का अध्ययन करनेवाले रवींद्र साठे कहते हैं कि मधुमक्खियां अकारण किसी पर हमला नहीं करती, लेकिन यदि उन्हें अपने अस्तित्व पर खतरा महसूस होता है, तो वह अपने शत्रु को छोड़ती भी नहीं हैं। साठे महाराष्ट्र राज्य खादी एवं ग्रामोद्योग बोर्ड के चेयरमैन हैं। उनके नेतृत्व में बोर्ड इन दिनों महाराष्ट्र में मधुमक्खी पालन से संबंधित कई परियोजनाओं पर काम कर रहा है।

मधुमक्खियां वैसे तो शांत भाव से अपने काम में व्यस्त रहती हैं। किसी को परेशान नहीं करती हैं, लेकिन यदि कहीं से उनपर मंडराता दिखाई देता है, तो वे अपने शत्रु पर आक्रमण भी ऐसा करती हैं कि फिर उसे संभलने का मौका नहीं देतीं। मधुमक्खियां अपने छत्ते एवं मकरंद इकट्ठा करने के मार्ग में किसी का आना भी बर्दाश्त नहीं करती हैं।

साठे के अनुसार किसी को भी एक बार काटने के बाद मधुमक्खी स्वयं भी जीवित नहीं रहती। उसका यह गुण किसी ‘फिदायीन दस्ते’ की भांति होता है। इसके बावजूद मधुमक्खियां अपने छत्ते एवं समूह की रक्षा के लिए त्याग करने से पीछे नहीं हटतीं।

फसलों से लेकर सीमाओं पर भी हो रहा इस्तेमाल

मधुमक्खियों के इस रक्षात्मक एवं आक्रामक गुण का उपयोग देश एवं विदेश में फसलों से लेकर सीमाओं की रक्षा तक में किया जाने लगा है। पूर्वी अफ्रीका में पाई जानेवाली एपिस मेलीफेरा स्कुटेल्टा नामक मधुमक्खी का उपयोग वहां हाथियों से मक्के की फसल का बचाव करने के लिए किया जाता है। वहां किसान अपने खेतों की कंटीली बाड़ों पर मधुमक्खी पालनेवाले लकड़ी के बॉक्स लटकाकर रखते हैं। जब हाथी उनके खेतों के निकट आते हैं, तो तार की बाड़ हिलने से आक्रामक स्वभाव की ये मधुमक्खियां अपने छत्तों से बाहर आकर हाथियों की सूंड के अंदरूनी हिस्से में काटना शुरू कर देती हैं। इससे परेशान होकर हाथी जैसे विशाल जीव को भी वहां भागना पड़ता है, और वे फिर उस खेत की ओर रुख नहीं करते।

घुसपैठ रोकने में काम आ रहीं मधुमक्खियां

भारत में ऐसा ही प्रयोग अब सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के जवानों द्वारा कुछ भारतीय सीमाओं पर घुसपैठ रोकने के लिए भी किया जा रहा है। पिछले वर्ष भारत-बांग्लादेश सीमा पर स्थित नादिया जिले में बीएसएफ ने सीमा पार से हो रही घुसपैठ और तस्करी रोकने के लिए सीमा पर लगे कंटीले बाड़ों पर मधुमक्खी पालन के बॉक्स लटकाने का तरीका अपनाया है। इससे एक ओर सीमा पर बसे किसानों के लिए रोजगार की संभावनाएं बढ़ती हैं, तो दूसरी ओर घुसपैठियों द्वारा तार काटे जाने की स्थिति में मधुमक्खियां उन्हें सबक सिखाने के लिए भी तैयार रहती हैं।

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ये घड़ियाली आंसू? MP के मंत्री विजय शाह की माफी पर SC की फटकार; अब SIT के हवाले केस

Dainik Jagran - National - May 19, 2025 - 1:45pm

पीटीआई, नई दिल्ली। कर्नल सोफिया पर विवादित बयान देने वाले मध्य प्रदेश सरकार में मंत्री विजय शाह की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में आज सुनवाई हुई है। सुप्रीम कोर्ट ने कर्नल सोफिया कुरैशी पर टिप्पणी को लेकर मध्य प्रदेश के मंत्री विजय शाह को फटकार लगाई और कहा कि उन्हें अभद्र टिप्पणी करने से पहले सोचना चाहिए।

मामले में जस्टिस सूर्यकांत की दो सदस्यीय पीठ सुनवाई कर रही। अदालत में विजय शाह की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता मनिंदर सिंह पेश हुए।

विवादित बोल पर क्या है 'सुप्रीम' आदेश
  • जांच के लिए 3 आईपीएस वाली एसआईटी गठित
  • डीजीपी को एसआईटी गठित करने के आदेश
  • कल सुबह 10 बजे तक एसआईटी गठित होगी
  • एसआईटी में एक महिला आईपीएस अधिकारी भी शामिल रहेंगी
  • एसआईटी का नेतृत्व आईजी रैंक के अधिकारी करेंगे
  • पहली स्टेटस रिपोर्ट 28 मई को देनी होगी
  • विजय शाह की गिरफ्तारी पर फिलहाल रोक रहेगी।

सुप्रीम कोर्ट ने आगे कहा,

हम तीन आईपीएस अधिकारियों वाली एक एसआईटी गठित कर रहे हैं और उनमें से एक आईजी या डीजीपी रैंक का होना चाहिए। ये सभी राज्य से बाहर होने चाहिए। यह एक लिटमस टेस्ट है और हम चाहते हैं कि राज्य एसआईटी रिपोर्ट हमें सौंपे। हम इस पर कड़ी नजर रख रहे हैं।

सुप्रीम कोर्ट ने मध्य प्रदेश के डीजीपी को मंगलवार सुबह 10 बजे तक आईजी रैंक के अधिकारी की अध्यक्षता में एसआईटी गठित करने का निर्देश दिया।

किस तरह की माफी मांगना चाहते हैं आप-सुप्रीम कोर्ट

विजय शाह की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता मनिंदर सिंह ने कहा, विजय शाह माफी मांग रहे हैं। इस पर जस्टिस सूर्यकांत ने कहा कि आपकी माफी कहां है?, आप किस तरह कि माफी मांगना चाहते हैं, कभी-कभी झूठी माफी मांगी जाती है और कभी घड़ियाली आंसू बहाए जातें हैं। इनमें से आपकी प्रकृति कैसी है।

'हमें आपका वीडियो दिखाना चाहिए'

जस्टिस सूर्यकांत ने विजय शाह से कहा, 'आप एक पब्लिक फिगर हैं, राजनेता हैं। आपको बोलेत समय अपने शब्दों का ख्याल रखना चाहिए। हमें यहां आपका वीडियो दिखाना चाहिए। आप वहां मंच पर खड़े थे, जहां आपने इस घटिया भाषा का इस्तेमाल किया, बहुत गंदी भाषा। लेकिन कुछ ऐसा हुआ कि आप रुक गए। ये सेना के लिए महत्वपूर्ण मुद्दा है। हमें बहुत जिम्मेदार होने की जरूरत है।'

पूरा देश आप पर शर्मिंदा है-SC

कोर्ट ने आगे कहा, ये एक ऐसा देश हैं जो कानून के शासन में विश्वास करता है। चाहे वह छोटा हो या बड़ा। न्यायाधीश किसी के खिलाफ पूर्वाग्रह नहीं रखते। इस न्यायालय के आदेशों से किसी को नुकसान नहीं होगा। 

पूरा देश आप पर शर्मिंदा है। यह आप पर निर्भर है कि आप खुद को कैसे सुधारते हैं। हमने कुछ भी निर्देश नहीं दिया है। यह कहना कि हाईकोर्ट ने आपको दोषी ठहराया है, सही नहीं है। 

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ब्लॉगर, स्टूडेंट, गार्ड और बिजनेसमैन... पाकिस्तान के लिए 'जासूसी' के मामले में अब तक 8 की गिरफ्तारी

Dainik Jagran - National - May 19, 2025 - 1:36pm

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। ऑपरेशन सिंदूर के बाद जब पूरा देश भारतीय सेना पर गर्व महसूस कर रहा था, तो देश में छिपे कुछ लोग पाकिस्तान को खुफिया जानकारी दे रहे थे। ऑपरेशन सिंदूर के बाद पुलिस ने 3 राज्यों से 8 लोगों को जासूसी के आरोप में गिरफ्तार किया। जासूसी का यह सिलसिला कई सालों से चल रहा था, वो भी सिर्फ चंद पैसों के लिए। इनमें 4 आरोपी हरियाणा, 3 पंजाब और 1 उत्तर प्रदेश से है।

इस लिस्ट में मशहूर ट्रैवल व्लॉगर ज्योति मल्होत्रा का नाम भी शामिल है, जिन्हें हरियाणा के हिसार से गिरफ्तार किया है। हिसार के एसपी शशांक कुमार का कहना है कि दुश्मन देश हमारे सोशल मीडिया इंफ्लुएंसर्स को निशाना बना रहे हैं। वहीं पैसों की लालच में इंफ्लुएंसर्स भी गलत रास्ते पर चलने के लिए मान जाते हैं।

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ज्योति मल्होत्रा

हरियाणा के हिसार में रहने वाली ज्योति मल्होत्रा 'Travel with JO' के नाम से यूट्यूब चैनल चलाती हैं। 33 वर्षीय ज्योति को पुलिस ने पिछले हफ्ते ही गिरफ्तार किया था। ज्योति पर आरोप है कि उन्होंने भारतीय सेना से जुड़ी संवेदनशील जानकारियां पाकिस्तान को दी हैं। ज्योति पाकिस्तान हाई कमीशन के संपर्क में थी और उन्होंने 2 बार पाकिस्तान की यात्रा की है। पाक एजेंसियां ज्योति को अपनी खुफिया जासूस बनाना चाहती थी।

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देवेंद्र सिंह ढिल्लों

पटियाला के खालसा कॉलेज में पढ़ने वाले देवेंद्र सिंह ढिल्लों को पुलिस ने 12 मई के दिन हरियाणा के कैथल से गिरफ्तार किया। 25 वर्षीय देवेंद्र पिस्तौल और बंदूक के साथ फेसबुक पर तस्वीरें पोस्ट करते था। पूछताछ में पता चला कि वो पिछले साल नवंबर में पाकिस्तान गए था। साथ ही उन्होंने ISI को पटियाला सैन्य अड्डे की खुफिया जानकारी भी दी थी।

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नोमान इलाही

नोमान इलाही हरियाणा में सिक्योरिटी गार्ड की नौकरी करते था। कुछ दिन पहले पुलिस ने नोमान को पानीपत से गिरफ्तार किया। रिपोर्ट्स की मानें तो 24 वर्षीय नोमान पाकिस्तान में किसी ISI हैंडलर के संपर्क में था। नोमान उत्तर प्रदेश का रहने वाला है। नोमान को भारत की खुफिया जानकारी देने के बदले में पाकिस्तान से पैसे मिलते थे।

अरमान

16 मई को पुलिस ने खुफिया जानकारी के आधार पर 23 वर्षीय अरमान को हरियाणा के नूंह से गिरफ्तार किया था। पुलिस का कहना है कि हाल के भारत-पाक तनाव के दौरान अरमान पाकिस्तान को खुफिया जानकारी भेज रहा था। पुलिस के पास इसके कई सबूत हैं।

शहजाद

उत्तर प्रदेश के रामपुर में रहने वाला शहजाद पेशे से बिजनेसमैन है। स्पेशल टास्क फोर्स (STF) ने शहजाद को मुरादाबाद से गिरफ्तार किया है। शहजाद ने राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ी संवेदनशील जानकारी ISI के हैंडलर्स को दी है। शहजाद कई बार पाकिस्तान भी जा चुका है। साथ ही वो मसालों, कपड़ों और कॉस्मेटिक की अवैध तस्करी में भी शामिल है।

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मोहम्मद मुर्तजा अली

मोहम्मद मुर्तजा अली को गुजरात पुलिस ने जालंधर से गिरफ्तार किया था। खुफिया एजेंसियों को शक था कि मोहम्मद पाकिस्तानी एजेंसी ISI के लिए जासूसी करता है। मोहम्मद ने खुद एक मोबाइल एप बनाया था, जिसके जरिए वो पाक एजेंसियों को खुफिया जानकारी भेजता था। पुलिस को मोहम्मद के पास 4 मोबाइल फोन और 3 सिम कार्ड मिले हैं।

इसके अलावा पुलिस ने गजाला और यामिन मोहम्मद को पंजाब से गिरफ्तार किया है। उन पर भी पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI के लिए जासूसी का आरोप लगा है। पुलिस इस पूरे मामले की जांच कर रही है।

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