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Bihar Startup: बिहार सरकार का स्टार्टअप पर फोकस, नवाचार के लिए अब तक हो चुके 1522 रजिस्ट्रेशन

Dainik Jagran - May 19, 2025 - 9:02pm

डिजिटल डेस्क, पटना। बिहार सरकार की स्टार्टअप योजना सभी वर्ग और समुदाय के लोगों को स्वरोजगार प्रदान कर इन्हें स्वालंबी बनाने में बेहद सहायक साबित हो रही है। इसके प्रति तेजी से आकर्षण बढ़ता जा रहा है। उद्योग विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार, अब तक 1 हजार 522 स्टार्टअप पंजीकृत हो चुके हैं।

इसके तहत 62 करोड़ 50 लाख रुपये की राशि वितरित की जा चुकी है। इसमें महिला उद्यमियों के अलावा अनुसूचित जाति/जनजाति वर्ग के उद्यमियों की संख्या भी काफी है। कुछ स्टार्ट-अप को अतिरिक्त सहायता भी दी गई है। इसमें 13 लाख 30 हजार रुपये की अतिरिक्त वित्तीय सहायता भी प्रदान की जा चुकी है।

सूबे में तेजी से स्टार्टअप की संख्या बढ़ने की वजह से बिहार की कृषि प्रधान राज्य की छवि से हटकर नवाचार और उद्यमिता के नए कलेवर वाली छवि भी बनती जा रही है। ग्रामीण इलाकों में भी स्टार्ट अप की संख्या तेजी से बढ़ रही है। उद्योग विभाग की इस योजना की वजह से युवाओं में उद्यमशीलता की भावना को प्रोत्साहन मिला है।

विभाग के स्तर से स्टार्टअप बिहार के तहत एक समग्र तंत्र का निर्माण किया गया है, जो स्टार्ट-अप को उनकी शुरुआत से लेकर इसकी स्थापना और व्यवसाय के विस्तार तक सभी चरणों में सहयोग प्रदान करता है। खासकर युवाओं, महिलाओं और पारंपरिक रूप से उपेक्षित कुछ समुदायों की भागीदारी में भी इसमें बढ़ोतरी हुई है। यह राज्य के सामाजिक-आर्थिक परिदृश्य में परिवर्तन का संकेतक भी है।

बिहार स्टार्टअप नीति की शुरुआत वर्ष 2017 में हुई थी, जिसका उद्देश्य राज्य में नवाचार और स्टार्टअप गतिविधियों को बढ़ावा देना है। बदलते उद्घमी परिदृश्य और स्थानीय आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए सरकार ने इसमें बदलाव किया और बिहार स्टार्ट-अप नीति 2022 लागू की। नई नीति अधिक समावेशी, प्रभावी और तेज क्रियान्वयन करने वाली है।

इस नीति का मुख्य उद्देश्य राज्य के युवाओं की प्रतिभा का उपयोग करते हुए स्टार्टअप के लिए एक अनुकूल माहौल बनाना है। बिहार को स्टार्टअप, निवेशकों और अन्य हितधारकों की पहली पसंद बनाना है। ताकि राज्य के समग्र विकास को गति मिल सके। उद्योग विभाग इससे संबंधित विभिन्न कार्यक्रमों, पुरस्कारों और अभियानों को आयोजित करके नवाचार की संस्कृति को सशक्त बना रही है।

उद्योग मंत्री नीतीश मिश्रा का कहना है कि स्टार्ट-अप को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न स्तर पर प्रोत्साहन से लेकर सभी तरह के सहयोगात्मक कार्य किए जा रहे हैं। युवाओं के नवाचार को बढ़ावा देने से लेकर इसके तहत आने वाले सभी प्रस्तावों पर मंथन करने के बाद इसके क्रियान्वयन के लिए हर तरह से सहायता प्रदान की जाती है। इससे स्वरोजगार को बढ़ावा मिल रहा है। युवाओं को अपने सार्थक कल्पना को आकार प्रदान करने में मदद मिल रही है।

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मंत्री संजय सरावगी ने राजस्व विभाग के अफसरों के साथ की बैठक, दिए जरूरी दिशा निर्देश

Dainik Jagran - May 19, 2025 - 8:54pm

डिजिटल डेस्क, पटना। बिहार सरकार के राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग मंत्री संजय सरावगी की अध्यक्षता में सोमवार को मुंगेर संग्रहालय सभागार में राजस्व कार्यों की समीक्षा बैठक आयोजित हुई। बैठक में म्यूटेशन, परिमार्जन प्लस, लगान वसूली, अभियान बसेरा-2 सहित अन्य सेवाओं पर बिंदुवार चर्चा हुई।

इसके पहले मंत्री द्वारा 19 लाभुकों को बासगीत पर्चा का भी वितरण किया गया। वहीं बैठक के अंत में मंत्री एवं अपर मुख्य सचिव को जिलाधिकारी द्वारा स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया।

इस अवसर पर राजस्व विभाग के अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार सिंह, संयुक्त सचिव अनिल कुमार पाण्डेय, जिलाधिकारी अवनीश कुमार सिंह, अपर समाहर्त्ता मनोज कुमार, सभी भूमि सुधार उप समाहर्त्ता, अंचलाधिकारी सहित अन्य उपस्थित थे।

मंत्री द्वारा म्यूटेशन, म्यूटेशन प्लस की समीक्षा में प्राप्त आवेदनों की संख्या के निष्पादन के विरूद्ध लंबित पड़े आवेदनों की संख्या पर असंतोष व्यक्त किया गया। उन्होंने कहा कि कुछ प्रखंडों की स्थिति बहुत अच्छी नहीं है, लंबित आवेदनों की संख्या जिन भी प्रखंडों में अधिक है वे जल्द से जल्द उसका निष्पादन करें।

उन्होंने कहा कि दाखिल-खारिज और लगान वसूली की स्थिति में भी सुधार की जरूरत है। आप सभी अधिकारी प्राप्त आवेदनों की स्वयं से समीक्षा कर स्क्रूटनी करें और अधिक से अधिक प्राप्त आवेदनों की जांच कर उसका निष्पादन करें। कुछ प्रखंडों में आवेदनों के रिजेक्शन की संख्या अधिक है, जो गलत है।

इसकी जांच करें और आवेदन रिजेक्ट करने से पूर्व आवेदक से सम्पर्क करें, हल्का अथवा राजस्व कर्मचारी द्वारा संबंधित आवेदक से बात करें तथा उनके आवेदन में जो भी कमी हो उसे बता कर आवेदन को सही कराएं। इससे रिजेक्शन में भी कमी आएगी और आवेदनों का निष्पादन भी जल्द होगा।

उन्होंने कहा कि सभी पदाधिकारी अपने लॉग इन पासवर्ड को सुरक्षित रखें और स्वयं से उसका इस्तेमाल करें, ताकि उसका कोई गलत इस्तेमाल न कर सके। लंबित मामलों के निष्पादन के लिए उन्होंने सभी डीसीएलआर को अंचलाधिकारियों के साथ समन्वय स्थापित कर समीक्षा करने का निर्देश दिया। वहीं जिलाधिकारी से कहा कि आप इन सभी अधिकारियों के साथ 15 दिनों के अंदर समीक्षा करें तथा लंबित मामलों के निष्पादन का अद्यतन प्रतिवेदन हमें उपलब्ध कराएं।

उन्होंने जिलाधिकारी को निर्देश देते हुए कहा कि अंचल कार्यालयों का लगातार निरीक्षण करें तथा वहां कार्यालय के अलावे किसी भी बाहरी व्यक्ति को पाएं तो तत्काल उनके खिलाफ कार्रवाई करें। ऐसे लोग ही कार्यालय का माहौल खराब करते हैं और आम जन को परेशानियों का सामना करना पड़ता है।

अंतरिम लगान की अद्यतन स्थिति पर भी उन्होंने असंतोष व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि लगान वसूली की स्थिति में सुधार की जरूरत है। उसमें सुधार लाएं और अधिक से अधिक लगान की वसूली करें, ताकि सरकार को राजस्व की प्राप्ति हो सके।

उन्होंने जिलाधिकारी को लगान वसूली में तेजी लाने के लिए शिविर लगाकर कार्य करने का निर्देश दिया तथा 15 दिनों के अंदर इसका अद्यतन प्रतिवेदन उपलब्ध कराने का निर्देश दिया। उन्होंने सभी अंचलाधिकारियों से कहा कि अंचल में कार्यरत हल्का एवं राजस्व कर्मचारियों से रूटीन अनुसार कार्य कराएं तथा उनके कार्यों का स्वयं भी फील्ड में जाकर औचक निरीक्षण करें।

सर्वे अथवा वेरिफिकेशन कार्य के लिए उन्हें प्रत्येक दिन फील्ड में भेजें और संध्या में समीक्षा कर उनसे कार्यों की अद्यतन स्थिति की जानकारी लें। उन्होंने सभी अंचलाधिकारियों को भी अपनी कार्यप्रणाली में सुधार लाने की बात कही। उन्होंने उपस्थित सभी अधिकारियों से कम से कम समय में अधिक से अधिक प्राप्त आवेदनों के निष्पादन का निर्देश दिया।

उन्होंने कहा कि हम सभी लोकतंत्र के सेवक हैं और आम जनता की सेवा करना हमारा धर्म है। राज्य सरकार जनता के लिए अत्यंत गंभीर है तथा उनके लिए चलाए जाने वाली प्रत्येक योजनाओं का शत प्रतिशत लाभ उन तक पहंुचाने के लिए आप सभी पदाधिकारियों को कृत संकल्पित होना होगा। आप सभी कर्तव्यनिष्ठ होकर अपने कार्य का निष्पादन करें।

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पटना डीएम ने 103 मामलों में लोक प्राधिकारों पर लगाया आर्थिक दंड, राशि जमा न करने पर कटेगा वेतन

Dainik Jagran - May 19, 2025 - 8:53pm

जागरण संवाददाता, पटना। लोक शिकायत के 103 मामलों में लोक प्राधिकारों पर आर्थिक दंड लगाया गया है, 25 में अनुशासनिक कार्रवाई की अनुशंसा की गई है। जिलाधिकारी डा. चंद्रशेखर सिंह ने कहा है कि जिन-जिन अधिकारियों पर दंड लगाया गया है वे अविलंब राशि जमा कर दें अन्यथा उनके वेतन से कटौती की जाएगी।

यह भी कहा कि संबंधित पदाधिकारी जबतक दंड की राशि जमा करने का साक्ष्य नहीं देंगे, उनके वेतन निकासी पर रोक रहेगी। जिलाधिकारी सोमवार को लोक शिकायत निवारण एवं आरटीपीएस से संबंधित मामलों की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने निर्देश दिया कि मामलों का समय सीमा के अंदर निष्पादन करें।

फिलहाल जिले में एक भी आवेदन एक्सपायर्ड नहीं है। लोक शिकायत निवारण के तहत पिछले सप्ताह 339 मामलों को निष्पादित किया गया है जबकि 205 परिवाद प्राप्त हुआ था। लंबित परिवादों की कुल संख्या 2,146 है जिनका निष्पादन प्रक्रियाधीन है। वहीं अपील मामलों के क्रियान्वयन की समीक्षा में पाया कि प्रथम अपील के लिए दायर 10,655 में से 10,449 मामलों को निष्पादित कर दिया गया है। द्वितीय अपील के 3,834 मामले निष्पादित किए गए हैं।

अतिक्रमण के 47 मामलों में निर्णय नहीं 

अतिक्रमण वाद के 396 मामले लंबित हैं। इसमे सी श्रेणी के 47 मामलों में अंचल अधिकारियों से प्रतिवेदन प्राप्त होना शेष है। इसमें धनरुआ, पुनपुन और दानापुर में ज्यादा मामले लंबित हैं। बाढ़, दुल्हिनबाजार, पालीगंज, फुलवारीशरीफ, मसौढ़ी, मोकामा, पंडारक, बख्तियारपुर, पटना सदर, बेलछी, दनियावां, फतुहा, घोसवारी, खुशरूपुर, मनेर, संपतचक, अथमलगोला तथा पटना सिटी अंचलों में यह शून्य है।

बाकी अंचलों में लंबित मामलों की संख्या एकल अंक में है। जिलाधिकारी ने इन्हें विशेष रुचि लेकर निष्पादित करने को कहा। सी श्रेणी के 47 मामलों में निर्णय नहीं लिए जाने पर उन्होंने नाराजगी जताई। अंचल अधिकारियों को निर्देश दिया कि 90 दिनों से अधिक से लंबित अतिक्रमण के मामलों को प्राथमिकता के आधार पर निष्पादित करें।

सीओ एवं थानेदारों की संयुक्त बैठक हर शनिवार हो

सीओ एवं थानेदारों की संयुक्त बैठक हर शनिवार करने का निर्देश दिया। आरटीपीएस में तीन मामले एक्सपायर्ड हैं। इन्हें अविलंब निष्पादित करने को कहा गया। हिदायत दी कि आरटपीएस में जहां शिथिलता बरती जा रही है, वहां संबंधित अपीलीय प्राधिकार समीक्षा कर जरूरी कार्रवाई करेंगे।

लापरवाह अधिकारियों के विरूद्ध दंड

जिलाधिकारी ने कहा कि आरटीपीएस एवं लोक शिकायत के मामलों में जिन-जिन अंचलों/प्रखंडों में शिथिलता बरती जा रही है वहां संबंधित अपीलीय प्राधिकार अनुमंडल पदाधिकारी समीक्षा करते हुए मामलों की स्वतः सुनवाई करेंगे तथा लापरवाह अधिकारियों के विरूद्ध नियमानुसार दंड अध्यारोपित करेंगे। यही नियम लोक शिकायत निवारण के मामलों में भी लागू होगा।

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Bihar News: पटना में मिलीं 4 लावारिस लाशें किसकी? बिहार पुलिस 25 दिन से गुत्थी सुलझाने में उलझी

Dainik Jagran - May 19, 2025 - 8:25pm

आशीष शुक्ल, पटना। पटना एयरपोर्ट के नए टर्मिनल में सामूहिक दुष्कर्म के बाद हत्या कर युवती का शव पाइप में डालने के मामले की जांच पहचान के इंतजार में अटकी हुई है। दिन गुजरने के साथ ही पहचान के अभाव में जांच वहीं तक सिमट कर रह गई, जहां से शुरू हुई थी।

ऐसा नहीं है, लावारिस शव मिलने का यह कोई पहला मामला है, जिसमें शिनाख्त नहीं हो सकी। बीते 25 दिनों में शहर में लावारिस शव मिलने का यह चौथा मामला है।

इसके पूर्व पाटलिपुत्र, गांधी मैदान और कंकड़बाग थाना क्षेत्र में तीन अज्ञात शव पुलिस बरामद कर चुकी है, जिसमें पहचान नहीं होने से कार्रवाई आगे नहीं बढ़ सकी। मृतक कहां का है? किस स्थिति में मौत हुई है? ऐसे कई सवाल हैं।

जिसका अंतिम संस्कार वह जिंदा लौटी

वर्ष 2021 में चार साल पूर्व गौरीचक थाना में एक युवती का शव बरामद किया गया। युवती की मां ने बेटी के रूप में पहचान कर अंतिम संस्कार कर दिया था।

कुछ दिनों बाद जिसकी पहचान कर अंतिम संस्कार किया गया, वह लड़की फेसबुक पर लाइव आकर खुद को जिंदा होने की बात कही।

ऐसे में सवाल उठने लगा कि जिस लड़की की पहचान कर अंतिम संस्कार कर दिया गया, वह कौन थी? उसकी हत्या के पीछे कौन थे? यह अभी तक राज ही है।

केस-1

15 अप्रैल को न्यूबाईपास के इंदिरानगर स्थित नाले से युवक का शव बरामद किया गया। उसकी उम्र 24 वर्ष के आसपास बताई गई। पुलिस स्थानीय लोगों की मदद से शव की पहचान में जुटी रही, लेकिन शिनाख्त नहीं हो सकी। छानबीन में पता चला कि उसके सिर, नाक, मुंह पर जख्म के निशान थे।

केस-2

24 अप्रैल को गांधी मैदान गेट नंबर सात के पास पुलिस ने एक वृद्ध महिला का शव बरामद किया। देखने से उम्र करीब 70 बताई गई। घटनास्थल पर पुलिस की जांच में प्रथमदृष्टया ऐसा प्रतीत हुआ कि साजिश के तहत अपराधियों ने गला दबाकर हत्या कर दी गई। महिला की पहचान नहीं हो सकी।

केस-3

25 अप्रैल की शाम पाटलिपुत्र थाना क्षेत्र के एलसीटी घाट गंगा किनारे एक युवक का शव बरामद हुआ। शव क्षत-विक्षत था। शरीर के कुछ भाग जले हुए थे। उसकी उम्र करीब 40 वर्ष के आसपास होगी। मामले में केस दर्ज कर पुलिस छानबीन मे जुट गई। केस दर्ज किया। शव की शिनाख्त नहीं हो सकी।

केस-4

10 मई को पटना एयरपोर्ट के नए टर्मिनल से शाम में पुलिस ने पाइप में फंसी युवती का शव बरामद किया था। पुलिस ने पाइप काटकर शव को बाहर निकाला था। उसकी आयु लगभग 30 वर्ष बताई गई थी। उसके शरीर पर कपड़े नहीं थे। पोस्टमार्टम रिपोर्ट भी सामने आ चुकी है। राज्य के सभी थानों को तस्वीर भी भेजी गई, लेकिन अभी तक युवती की पहचान नहीं हो सकी है।

वर्ष 2021 से 2023 जुलाई तक 29 शवों की पहचान नहीं

सूचना के अधिकार के तहत भी अज्ञात शवों के बारे में जब जानकारी मांगी गई थी तब वर्ष 2021 से 2023 जुलाई तक पटना में सिर्फ चार थाना क्षेत्रों से ऐसे 29 शवों के मिलने की बात कही गई थी, जिनकी ढाई वर्षों से पहचान नहीं हो सकी थी। बिना पहचान के अंतिम संस्कार के बाद मामले की जांच वहीं तक सिमट कर रह गई।

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बिहार में टीचरों को भारी पड़ी लापरवाही, शिक्षा विभाग ने आम लोगों को दिया शिकायत का अधिकार, यहां देखें प्रॉसेस

Dainik Jagran - May 19, 2025 - 8:08pm

जागरण संवाददाता, पटना। दैनिक जागरण में 18 मई को '''' शिक्षिका घर पर, पुरुष साथी उनकी तस्वीर से बना दे रहे हाजिरी'''' से खबर छपने के बाद जिला शिक्षा कार्यालय ने मामले को गंभीरता से लिया है। जिला शिक्षा पदाधिकारी संजय कुमार ने इससे संबंधित अधिकारी को मामले की जांच करने का आदेश दिया है।

इस ई मेल पर दर्ज कराएं ंशिकायत

जिला शिक्षा पदाधिकारी संजय कुमार ने कहा कि फर्जी उपस्थिति दर्ज करने वाले बख्शे नहीं जाएंगे। यह बहुत ही गंभीर मामला है। पकड़ में आने पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। यदि शिक्षक, कर्मी या आमजन को इस तरह की शिकायत मिलती है तो वे deopatnaagainstcorruption@gmail.com पर प्रमाणिकता के साथ मेल कर सकते हैं।

सूचना को रखा जाएगा गोपनीय

उनकी सूचना को गोपनीय रखा जाएगा। जिला शिक्षा पदाधिकारी ने कहा कि ई-शिक्षा कोष पोर्टल पर शिक्षकों प्रतिदिन इन और आउट सेल्फी के साथ उपस्थिति दर्ज करना है। कुछ शिक्षकाें द्वारा यह शिकायत मिली है कि मार्क आन ड्यूटी के नाम पर स्कूल से गायब रहते हैं।

पांच सौ के लगभग ही शिक्षक मार्क ऑन ड्यूटी

जिले में इस तरह के शिक्षकों की संख्या में 15 सौ के लगभग है। इसमें पाया गया है कि पांच सौ के लगभग ही शिक्षक मार्क ऑन ड्यूटी पर हैं। बांकी एक हजार शिक्षक मार्क आन ड्यूटी गलत दिखा रहे हैं। ऐसे लोगों को सूची तैयार की जा रही है।

बहुत जल्द रैंडम जांच की जाएगी

फर्जी सेल्फी के साथ उपस्थिति दर्ज करने वाले की बहुत जल्द रैंडम जांच की जाएगी। जिला शिक्षा कार्यालय के पदाधिकारी भी इस कार्य में लगे हैं। डीईओ ने कहा कि कुछ शिक्षक है जिन्हें पढ़ने -पढ़ाने से दूर रहते हैं, स्कूल का माहौल खराब करते हैं।

पढ़ाने पर दिया जाना है विशेष जोर

समाज शिक्षित हो उनको इससे कोई मतलब नहीं है। सरकार स्कूल में शैक्षणिक माहौल बनाने के लिए कई योजनाएं चला रही हैं। हाल के दिनों में इसमें सुधार भी हुआ है, लेकिन कुछ लोग माहौल खराब करना चाहते हैं। ऐसे लोगों को जरूरत नहीं है जिनको पढ़ने-पढ़ाने में मन नहीं लगता है।

गलत तरीके से अटेंडेंस का था मामला

दरअसल, जिले में कई शिक्षकों के फर्जी तरीके से उपस्थिति दर्ज कराने का मामला प्रकाश में आया था। टीचरों के न आने पर दूसरा कोई उनके स्थान पर तस्वीर के माध्यम से हाजिरी लगा दे रहा था। इसकी पोल खुली तो शिक्षा विभाग मामले में सतर्क हो गया। 

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Bihar Teacher: हिंदी के बदले उर्दू की सक्षमता देने वाले शिक्षकों के लिए खुशखबरी, जारी हुआ नया आदेश

Dainik Jagran - May 19, 2025 - 8:08pm

राज्य ब्यूरो, पटना। राज्य में पहली से पांचवीं कक्षा की सक्षमता परीक्षा में हिंदी के बदले उर्दू की परीक्षा देने वाले शिक्षकों का योगदान होगा। वहीं, छठी से आठवीं कक्षा के शिक्षकों की सक्षमता परीक्षा में उत्तीर्ण पहली से पांचवीं कक्षा के नियोजित शिक्षकों के योगदान पर तत्काल प्रभाव से रोक हटा ली गई है।

इससे ऐसे शिक्षकों को बड़ी राहत मिली है। इससे संबंधित दो अलग-अलग आदेश प्राथमिक शिक्षा निदेशक साहिला के हस्ताक्षर से सोमवार को जिला शिक्षा पदाधिकारयों को जारी किया गया।

इसके मुताबिक, पहली से पांचवीं कक्षा के उर्दू अथवा सामान्य विषय के नियोजित शिक्षक, जो सामान्य अथवा उर्दू विषय में सक्षमता परीक्षा उत्तीर्ण हैं, का योगदान उनकी नियुक्ति के मूल विषय के पद पर तत्काल प्रभाव से होगा।

इसके साथ ही छठी से आठवीं कक्षा की सक्षमता परीक्षा उत्तीर्ण पहली से पांचवीं कक्षा के नियोजित शिक्षक पहली से पांचवीं के मूल कोटि के पद तत्काल योगदान करेंगे।

आखिर क्या है पूरा माजरा?

दरअसल, बिहार विद्यालय विशिष्ट शिक्षक नियमावली के अधीन सक्षमता परीक्षा में पहली से पांचवीं कक्षा के शिक्षकों को भाषा के तहत अंग्रेजी, हिंदी, उर्दू अथवा बांग्ला में से किसी एक भाषा की परीक्षा में शामिल होने का विकल्प दिया गया था।

आवेदन भरने के लिए सामान्य शिक्षक को हिंदी, उर्दू शिक्षक को उर्दू एवं बांग्ला शिक्षक को बांग्ला का चयन करना था, लेकिन सामान्य शिक्षक जो उर्दू के भी जानकार थे, द्वारा हिंदी के बदले उर्दू विषय का चयन कर लिया गया था। इससे उनके योगदान को तत्काल स्थगित करने का निर्णय लिया गया था।

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