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'चट्टान की तरह आपके साथ खड़े हैं', पूर्वोत्तर में बारिश और बाढ़ से तबाही; अमित शाह ने चार राज्यों के CM से की बात
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। पूर्वोत्तर के राज्यों में इस वक्त बारिश कहर बनकर टूटी है। मिजोरम, असम, मणिपुर, त्रिपुरा और अरुणाचल प्रदेश से लेकर सिक्किम तक बाढ़ और लैंड स्लाइड से हालात बदतर होते जा रहे हैं। लोगों को अपना घर छोड़कर राहत शिविरों में शरण लेने के लिए मजबूर होना पड़ा है।
हालात के मद्देनजर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने असम, अरुणाचल प्रदेश और सिक्किम के मुख्यमंत्रियों और मणिपुर के राज्यपाल से बात की है। शाह ने स्थिति से निपटने के लिए हर संभव मदद का भरोसा दिया है।
शाह ने दिया मदद का भरोसाअमित शाह ने सोशल मीडिया साइट एक्स पर लिखा, 'असम, सिक्किम और अरुणाचल से मुख्यमंत्रियों और मणिपुर के राज्यपाल से उनके राज्य में हो रही भारी बारिश के संबंध में बात की। साथ ही उन्हें किसी भी स्थिति से निपटने के लिए हर संभव मदद का आश्वासन दिया।'
Spoke with the Chief Ministers of Assam, Sikkim, and Arunachal Pradesh and Governor of Manipur in the wake of ongoing heavy rainfall in their states. Also assured them of every possible help to tackle any situation. The Modi government stands like a rock in support of the people…
— Amit Shah (@AmitShah) June 1, 2025शाह ने आगे लिखा, 'मोदी सरकार नॉर्थ ईस्ट के लोगों की मदद के लिए चट्टान की तरह खड़ी है।' बता दें कि इस वक्त पूर्वोत्तर के कई हिस्से बाढ़ की स्थिति का सामना कर रहे हैं। कई घर नष्ट हो गए हैं, सड़कें बह गई हैं और लाखों लोग प्रभावित हुए हैं।
सिक्किम में फंसे कई पर्यटक- अधिकारियों ने बताया कि असम में बारिश से सड़क मार्ग, ट्रेन और नोका सेवाएं प्रभावित हुई है। असम के 15 जिलों में स्थिति बदतर है। अरुणाचल में केवल पिछले दो दिनों में 9 लोगों की मौत हुई है। सिक्किम में 1500 से अधिक पर्यटकों के फंसने की भी खबर है।
- इसके अलावा मणिपुर में भारी बारिश की वजह से कई इलाकों में बाढ़ की स्थिति बन गई है। बाढ़ और लैंड स्लाइड के कारण 3800 से अधिक लोग प्रभावित हुए हैं। कई घर पूरी तरह बर्बाद हो गए हैं। पूर्वोत्तर की कई नदियां उफान पर हैं।
(पीटीआई इनपुट के साथ)
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Patanjali denies being under MCA lens
'किसी की डांट खुदकुशी की वजह नहीं हो सकती', SC ने हॉस्टल इंचार्ज को किया बरी; स्टूडेंट ने किया था सुसाइड
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। आत्महत्या के लिए उकसाने के आरोपी एक शख्स को सुप्रीम कोर्ट ने बरी कर दिया है। कोर्ट ने आदेश में कहा है कि किसी की डांट खुदकुशी की वजह नहीं हो सकती है। यह शख्स एक स्कूल और हॉस्टल का इंचार्ज था। उसने एक छात्र की शिकायत पर दूसरे छात्र को डांटा था। इसके बाद उस छात्र ने कमरे में फांसी लगाकर अपनी जान दे दी।
जस्टिस अहसानुद्दीन अमानुल्लाह और जस्टिस प्रशांत कुमार मिश्रा की बेंच ने कहा कि कोई आम इंसान यह कल्पना भी नहीं कर सकता कि डांट की वजह से कोई इतना बड़ा कदम उठा लेगा। कोर्ट ने मद्रास हाई कोर्ट के उस आदेश को रद कर दिया है जिसमें हॉस्टल इंचार्ज को आत्महत्या के लिए उकसाने (आईपीसी की धारा 306) के इल्जाम से बरी करने से इनकार किया गया था।
Motive को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने की टिप्पणीसुप्रीम कोर्ट ने कहा, "हमने इस मामले को पूरी तरह देखा और पाया कि यह हस्तक्षेप का सही मामला है। जैसा कि याचिकाकर्ता ने कहा, कोई सामान्य व्यक्ति यह नहीं सोच सकता कि एक छात्र की शिकायत पर की गई डांट इस तरह की त्रासदी का कारण बनेगी।"
कोर्ट ने यह भी बताया कि ऐसी डांट का मकसद सिर्फ शिकायत पर ध्यान देना और हालात को सुधारना था। कोर्ट ने आगे कहा, "हमारी राय में, इस मामले में यह साफ है कि याचिकाकर्ता पर कोई गलत इरादा (mens rea) साबित नहीं होता, न ही यह कहा जा सकता कि उसने छात्र को आत्महत्या के लिए उकसाया।"
याचिकार्ता ने दी थी ये दलीलयाचिकाकर्ता ने अपने वकील के ज़रिए कोर्ट में कहा कि उसकी डांट जायज थी। यह सिर्फ एक अभिभावक की तरह दी गई नसीहत थी, ताकि छात्र दोबारा गलती न करे और हॉस्टल में अनुशासन बनी रहे। उसने यह भी साफ किया कि उसका और मृतक छात्र का कोई निजी झगड़ा या दुश्मनी नहीं थी।
(पीटीआई इनपुट के साथ)
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'शादी का झांसा देकर रेप का सवाल ही नहीं', शादीशुदा महिला को सुप्रीम कोर्ट से झटका; जानिए पूरा मामला
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। देश की शीर्ष अदालत ने 25 वर्षीय छात्र के खिलाफ रेप के मामले को खारिज कर दिया। कोर्ट ने कहा कि जिस महिला ने आरोप लगाए हैं, उसका आरोपी के साथ एक्स्ट्रामैरिटल अफेयर था। अदालत ने कहा कि संबंधों के दौरान महिला ने अपने पति से तलाक नहीं लिया था।
इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने बॉम्बे हाईकोर्ट का वह आदेश खारिज कर दिया, जिसमें आरोपी ने अपने खिलाफ दर्ज एफआईआर रद करने की अपील की थी और हाईकोर्ट ने उसे खारिज कर दिया था। शीर्ष अदालत ने कहा कि इसमें शादी का झांसा देकर बलात्कार का मामला नहीं बनता है।
पति और बेटे के साथ रहती थी महिलादरअसल एक महिला ने आरोप लगाया कि वह अपने 4 साल के बेटे और पति के साथ जिस जगह रहती थी, वहीं आरोपी जो उस समय कॉलेज में पढ़ता था, अपने कुछ दोस्तों के साथ रहता था। इस दौरान महिला और आरोपी की जान-पहचान हो गई और दोनों में शारीरिक संबंध बने।
महिला ने आरोप लगाया कि व्यक्ति ने पहले उससे शादी का वादा किया और कई बार संबंध बनाए। लेकिन बाद में शादी से इंकार कर दिया। सतारा के पुलिस स्टेशन में जुलाई 2023 में एक व्यक्ति के खिलाफ बलात्कार, अप्राकृतिक यौन संबंध और आपराधिक धमकी का मामला दर्ज कराया था।
छात्र पर रेप का लगाया था आरोप- एफआईआर के मुताबिक, महिला ने कहा कि आरोपी ने शादी के झांसे में उसके साथ अलग-अलग लॉज में ले जाकर रेप किया, पैसे उधार लिए और उसकी कार भी इस्तेमाल की। हालांकि बाद में धर्म अलग होने का हवाला देकर शादी से इंकार कर दिया और सारे संपर्क खत्म कर दिए।
- हालांकि आरोपी की दलील थी कि महिला ने ही रिश्ता शुरू किया था और उसने धमकाया भी था। आरोप एफआईआर रद करने के लिए बॉम्बे हाईकोर्ट पहुंचा था और वहां से निराशा हाथ लगने पर सुप्रीम कोर्ट पहुंचा था। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने व्यक्ति के खिलाफ आपराधिक कार्यवाही को खारिज कर दिया।
न्यायमूर्ति बीवी नागरत्ना और सतीश चंद्र शर्मा की पीठ ने कहा कि महिला आरोपी के साथ लंबे समय तक रिलेशन में थी। इस दौरान उसका तलाक भी नहीं हुआ था। कोर्ट ने कहा कि आरोपी के साथ लॉज में जाने और संबंध बनाने का फैसला इस दावे को खारिज करता है कि उसके साथ जबरदस्ती की गई थी।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि महिला पहले से ही किसी और की पत्नी थी, इसलिए ये सवाल ही नहीं उठता कि उसके साथ शादी का झांसा देकर संबंध बनाए गए। पीठ ने कहा कि महिला ने एक्स्ट्रामैरिटरल अफेयर शुरू होने के करीब 6 महीने बाद तलाक लिया था। इसलिए व्यक्ति के खिलाफ केस नहीं बनता।
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India to raise trade issues at WTO meet
दुष्कर्म पीड़िता की मौत के बाद बिहार में सियासी घमासान शुरू, पप्पू यादव की पत्नी ने दिया बवाल मचाने वाला बयान!
राज्य ब्यूरो, पटना। मुजफ्फरपुर जिले के कुढ़नी में नौ वर्षीय दलित बच्ची के साथ दुष्कर्म के बाद आज उसकी मौत हो गई। जिसके बाद बिहार कांग्रेस ने इस घटना के लिए जदयू-भाजपा सरकार को दोषी बताया है।
घटना के खिलाफ कांग्रेस रविवार को ही प्रदर्शन भी करने वाली है। बिहार कांग्रेस नेताओं के ही साथ पार्टी के केंद्रीय स्तर के नेताओं ने भी इसका ठीकरा राज्य सरकार पर फोड़ा है।
कांग्रेस सांसद रंजीत रंजन और राष्ट्रीय प्रवक्ता शमा मोहम्मद ने रविवार को बयान जारी कर कहा कि हजार
संवेदनाओं की मौत के बाद जन्मा है भाजपा-नीतीश राज।
जेडीयू-भाजपा सरकार दलित बच्ची की संस्थागत हत्या के लिए जिम्मेदार है। जेडीयू और भाजपा सरकार की सत्ता की सरपरस्ती में बिहार, जो कि ज्ञान, त्याग और तपस्या की भूमि के रूप में जाना जाता था, उसे अपराधियों और अराजक तत्वों ने हत्या, दुष्कर्म और अपहरण के गुंडा-माफिया राज में तब्दील कर दिया है।
जगह-जगह हत्या, अपहरण, दुष्कर्म हो रहे हैं। आज हम आप लोगों के सम्मुख नम आंखों और भरे दिल से हृदयविदारक घटना का जिक्र कर रहे हैं, जिससे सबकी रूह कांप जाएगी और एक ऐसी अपराधियों की सत्ता की सरपरस्ती का जिक्र कर रहे हैं, जिसके बारे में बात करते हुए सिर शर्म से झुक जाता है।
कांग्रेस नेत्रियों ने कहा कि मुजफ्फरपुर जिले में कुढ़नी प्रखंड की नौ साल की दलित बच्ची के साथ दुष्कर्म हुआ।
हैवानियत की हद तब हो गई जब लड़की के गर्दन को चाकू से रेत दिया गया और फिर उसे ईंट-भट्ठे के गड्ढे में फेंक दिया गया। लड़की के शरीर पर 20 जगहों पर चाकू के जख्म के निशान मिले।
दोनों नेताओं ने कहा कि घटना के बाद बिहार महिला कांग्रेस की अध्यक्ष अस्पताल में जाकर बच्ची से मिलीं और उसकी नाजुक हालत को देखते हुए मुजफ्फरपुर के डीएम से मिलकर ज्ञापन देने के बाद बच्ची को इलाज के लिए हायर सेंटर रेफर करने की अपील की।
कांग्रेस पार्टी लगातार बच्ची को एयर लिफ्ट करके दिल्ली एम्स भेजने की अपील कर रही थी, लेकिन जेडीयू-भाजपा सरकार ने एक ना सुनी।
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क्या बिहार में प्रदेश नेतृत्व से खुश नहीं हैं कांग्रेस नेता? सामने आई अंदर की बात, तेज हो सकती है सियासी हलचल
सुनील राज, पटना। बिहार में करीब तीन दशक से सत्ता से बाहर बैठी कांग्रेस लगातार सत्ता वापसी के प्रयासों में जुटी है, परंतु वो सत्ता से दूर है। एक बार फिर इस वर्ष बिहार में विधानसभा चुनाव होने हैं।
इसके पूर्व कांग्रेस में सक्रियता बढ़ गई है। एक ओर जहां पार्टी संगठनात्मक विस्तार में लगी है तो दूसरी ओर मुख्यालय से जिला, प्रखंडों तक उसके कार्यक्रम भी चल रहे हैं।
लेकिन इसके बीच कार्य समिति गठन का मसला खटाई में है। जिस वजह से पार्टी के अंदर एक खेमा ऐसा भी है जो प्रदेश कांग्रेस कमेटी गठित न होने के मुद्दे पर प्रदेश नेतृत्व से संतुष्ट नहीं है।
चुनावी वर्ष में कांग्रेस के केंद्रीय नेतृत्व ने प्रदेश में बड़े बदलाव किए। पार्टी की कमान डॉ. अखिलेश सिंह से लेकर दो बार के विधायक राजेश कुमार को सौंप दी।
जिसके बाद पार्टी की पहली और दूसरी पंक्ति के नेताओं को उम्मीद थी कि चुनाव के पहले प्रदेश कार्य समिति भी गठित हो जाएगी। परंतु महीने दर महीने बीतने के बाद भी कार्य समिति गठन की सुगबुगाहट नहीं है।
हालांकि, पार्टी मीडिया विभाग के चेयरमैन राजेश राठौड़ कहते हैं कि कार्यसमिति बनाने की कवायद चल रही है। यह अध्यक्ष और प्रदेश प्रभारी का विशेषाधिकार है। केंद्रीय नेतृत्व भी लगा हुआ है। उम्मीद है कि चुनाव के पहले कार्यसमिति बन जाएगी।
भले ही पार्टी के मुख्य प्रवक्ता यह दावा करें, लेकिन हकीकत कुछ और ही है। प्रदेश कांग्रेस बीते करीब 10 वर्षों से कार्यसमिति विहीन है। अंतिम बार डॉ. अशोक चौधरी ने प्रदेश कांग्रेस की कार्य समिति गठित थी। 2013 में डॉ. चौधरी को जब अध्यक्ष बनाया गया। तब उन्होंने समिति बनाई थी जिसमें 255 सदस्य थे।
इसमें 15 उपाध्यक्ष, 25 महासचिव, 76 सचिव, 45 संगठन सचिव, 77 कार्यकारिणी के सदस्य और विशेष आमंत्रित सदस्य के अलावा एक कोषाध्यक्ष था।
2016-17 में डॉ. चौधरी के पार्टी से विदा होते ही समिति भी भंग हो गई। इनके बाद पार्टी ने कौकब कादरी को प्रभारी अध्यक्ष बनाया। कादरी का कार्यकाल छोटा रहा और वे कार्य समिति बनाए बिना विदा हो गए।
इसके बाद 2018 में डॉ. मदन मोहन झा प्रदेश अध्यक्ष बने। जिनका कार्यकाल चार वर्ष रहा। इस बीच लोकसभा और विधानसभा चुनाव हुए, परंतु डॉ. झा अपनी कार्यसमिति नहीं बना पाए।
दिसंबर 2022 में डॉ. अखिलेश सिंह प्रदेश अध्यक्ष बने। उन्होंने कमेटी गठन का प्रयास किया। लेकिन प्रभारी और अध्यक्ष की अलग-अलग सूची केंद्रीय नेतृत्व को मिली। जिसके बाद मामला खटाई में चला गया। इस बीच लोकसभा चुनाव भी हो गए।
अब पार्टी की कमान राजेश कुमार के पास हैं। प्रभारी और अध्यक्ष में तालमेल भी है। चुनाव भी सिर पर हैं और लेकिन कार्य समिति को लेकर कहीं कोई चर्चा, सुगबुगाहट नहीं। हालांकि, प्रभारी और अध्यक्ष ने आपसी सहमति से जिलों में नए अध्यक्ष जरूर नियुक्त किए परंतु प्रदेश कार्य समिति का मामला अभी तक ठंडे बस्ते में है।
पार्टी नेताओं की नाराजगी की अनदेखी कर पार्टी फिलहाल अपने कार्यक्रमों पर खुद को केंद्रित कर रही है।
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'बंगाल को उत्तर कोरिया मत बनाइए, आज कल के बच्चे...' Sharmishtha Panoli के समर्थन में क्या बोलीं कंगना?
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। इंस्टाग्राम इंफ्लुएंसर शर्मिष्ठा पनोली की गिरफ्तारी को लेकर जमकर राजनीतिक बयानबाजी चल रही है। 'ऑपरेशन सिंदूर' के मुद्दे पर एक समुदाय विशेष की धार्मिक भावनाओं को आहत करने वाली सोशल मीडिया पोस्ट के आरोप में 22 साल की इंस्टाग्राम इंफ्लुएंसर शर्मिष्ठा पनोली (Sharmistha Panoli) को गिरफ्तार कर लिया है। कोलकाता के गार्डनरीच थाने की पुलिस ने उन्हें गुरुग्राम से गिरफ्तार किया है। शर्मिष्ठा के बचाव में भाजपा सांसद कंगना रनौत लगातार टिप्पणी कर रहे हैं।
रविवार को भाजपा सांसद ने कहा,"कानून और व्यवस्था के नाम पर किसी को परेशान करना ठीक नहीं है। जब कोई माफी मांग लेता है और पोस्ट हटा देता है, लेकिन उसे जेल में डालना, उसे प्रताड़ित करना, उसका करियर खत्म करना और उसके चरित्र पर सवाल उठाना बहुत गलत है। किसी भी बेटी के साथ ऐसा नहीं होना चाहिए।
शर्मिष्ठा के सामने पूरा करियर और जीवन बचा है: कंगना रनौतउन्होंने आगे कहा,"मैं पश्चिम बंगाल सरकार से आग्रह करती हूं कि राज्य को उत्तर कोरिया बनाने की कोशिश न करें। सभी के पास लोकतांत्रिक अधिकार हैं। उन्होंने अपनी अभद्र टिप्पणी के लिए माफी मांगी है। उन्होंने सामान्य तौर पर सब कुछ कहा था और आज की पीढ़ी ऐसी भाषा का इस्तेमाल बहुत सामान्य रूप से करती है। अंग्रेजी और हिंदी दोनों में। उन्हें जल्द ही रिहा किया जाना चाहिए क्योंकि वह बहुत कम उम्र की महिला हैं। उनके सामने उनका पूरा करियर और जीवन है।"
#WATCH | Delhi: On the arrest of Sharmistha Panoli from Gurugram by Kolkata Police for allegedly hurting religious sentiments through her comments on social media, actor Kangana Ranaut says, "Harassing someone in the name of law and order is not good. When someone has apologised… pic.twitter.com/SEtPALH9lH
— ANI (@ANI) June 1, 2025इससे पहले भी कंगना ने शर्मिष्ठा का बचाव किया था। उन्होंने इंस्टा पर एक स्टोरी अपलोड करते हुए लिखा था,"मैं मानती हूं कि शर्मिष्ठा ने अपनी एक्सप्रेशन के लिए कुछ अप्रिय शब्दों का इस्तेमाल किया, लेकिन ऐसे शब्द आजकल ज्यादातर युवा इस्तेमाल करते हैं, उन्होंने अपने बयानों के लिए माफी मांगी और यही काफी होना चाहिए, उन्हें और अधिक धमकाने और परेशान करने की कोई जरूरत नहीं है, उन्हें तुरंत रिहा किया जाना चाहिए।"
पवन कल्याण ने भी शर्मिष्ठा का किया समर्थनकंगना के अलावा आंध्र प्रदेश के उपमुख्यमंत्री पवन कल्याण ने भी शर्मिष्ठा का बचाव किया। वहीं, उन्होंने ममता बनर्जी सरकार पर भी निशाना साधा। उन्होंने एक्स हैंडल पर लिखा, "ऑपरेशन सिंदूर को लेकर लॉ की छात्रा शर्मिष्ठा ने अपनी बात रखी। कुछ लोगों को उनके शब्द आपत्तिजनक लगे। उन्होंने अपनी गलती स्वीकार की और वीडियो डिलीट कर माफी मांग ली। पश्चिम बंगाल पुलिस ने शर्मिष्ठा के खिलाफ कार्रवाई करते हुए तुरंत कार्रवाई की।"
उन्होंने सवाल पूछा, "जब टीएमसी के चुने हुए नेता, सांसद सनातन धर्म का मजाक उड़ाते हैं तो लाखों लोगों को बहुत दुख होता है, उसका क्या?" पवन कल्याण ने आगे कहा, "जब हमारे धर्म को गंध धर्म कहा जाता है तो गुस्सा कहां है? उन नेताओं की माफी कहां है? तुरंत उनकी गिरफ्तारी क्यों नहीं हुई?"
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नॉर्थ-ईस्ट में बाढ़ और भूस्खलन ने मचाया कोहराम, सिक्किम में फंसे 1500 से अधिक पर्यटक; मणिपुर में 883 घर तबाह
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। भारत के पूर्वोत्तर राज्य मणिपुर में अचानक आई बाढ़ ने राज्य में कहर बरपाया है और पिछले 48 घंटों में राज्य भर में बाढ़ और भूस्खलन की वजह से 3802 लोग प्रभावित हुए हैं। इस दौरान 883 घर क्षतिग्रस्त हुए हैं।
अधिकारियों ने बताया कि राज्य की राजधानी इंफाल के कई इलाके और इंफाल पूर्वी जिले के कई हिस्से जलमग्न हो गए हैं। भारी बारिश की वजह से उफनती नदियों ने खुरई, हिगांग और चेकोन के इलाकों में तटबंध तोड़ दिए हैं।
कितने लोगों को अब तक बचाया गया?मणिपुर के राज्यपाल अजय कुमार भल्ला ने इंफाल के कई जलमग्न इलाकों का दौरा किया, जबकि सेना और असम राइफल्स के जवानों ने सबसे ज्यादा प्रभावित जिले इंफाल ईस्ट में जलमग्न इलाकों से करीब 8000 लोगों को बचाया है।
राजभवन की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि राज्यपाल ने मुख्य सचिव पीके सिंह और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के साथ इंफाल में कांगला नोंगपोक थोंग, लैरिक्येंगबाम लेइकाई और सिंगजामेई ब्रिज का दौरा किया और समग्र स्थिति का आकलन किया।
जानवरों की भी हुई मौतएक अधिकारी ने बताया कि शनिवार तक कुल 3275 इलाके या गांव भारी बारिश से प्रभावित हुए हैं। दो लोग घायल भी हुए हैं और 64 जानवरों की मौत भी हुई है। उन्होंने बताया कि राज्य में अब तक कुल 12 भूस्खलन हुए हैं।
एक अन्य अधिकारी ने बताया कि चेकोन क्षेत्र में इंफाल नदी के उफान पर आने के बाद ऑल इंडिया रेडियो इंफाल परिसर और सरकारी जवाहरलाल नेहरू आयुर्विज्ञान संस्थान सहित कई कार्यालयों और प्रतिष्ठानों के परिसर में जलभराव की खबर है।
सिक्किम में फंसे पर्यटकइसके साथ ही, उत्तरी सिक्किम में भारी बारिश के बाद हुए भूस्खलन के कारण प्रमुख सड़कें अवरुद्ध होने से शनिवार को करीब 1500 पर्यटक फंस गए। इस बीच, शनिवार को हुई भारी बारिश के कारण 8 लापता पर्यटकों की तलाशी अभियान में बाधा उत्पन्न हुई।
गुरुवार को मंगन जिले में लाचेन-लाचुंग राजमार्ग पर मु्न्सिथांग के पास एक वाहन के 1 हजार फीट से अधिक गहराई में नदी में गिरने के बाद पार्यटक लापता हो गए थे। इस घटना में एक व्यक्ति की मौत हो गई और दो अन्य लोग घायल हो गए।
इनपुट- पीटीआई
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