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Bihar Weather Today: बिहार में 43 डिग्री के टॉर्चर से राहत मिलने के आसार, IMD ने बारिश को लेकर दी गुड न्यूज

Dainik Jagran - May 16, 2025 - 7:28am

जागरण संवाददाता, पटना। Bihar Weather Today: राजधानी समेत प्रदेश के दक्षिणी भागों में अभी गर्मी से राहत के आसार नहीं हैं। दिन के साथ रात भी गर्म रहेगी। नमी में वृद्धि होने से उमस भरी गर्मी से लोग परेशान रहेंगे।

मौसम विज्ञान केंद्र पटना के अनुसार, अगले 24 घंटों के दौरान पटना सहित 24 जिले गर्म व आर्द्र दिन रहेगा। बांका व शेखपुरा में लू (हीट वेव) को लेकर यलो अलर्ट जारी किया गया है।

इन जिलों में बारिश के आसार

प्रदेश के पूर्वी व पश्चिम चंपारण, सीतामढ़ी, अररिया और किशनगंज जिले में मेघ गर्जन, वज्रपात व हल्की वर्षा की संभावना है।

इन जगहों पर 30-40 किमी प्रतिघंटा की रफ्तार से तेज हवा चलने की संभावना है। 72 घंटों के बाद दो से तीन दिनों के दौरान अधिकतम तापमान में दो से तीन डिग्री की गिरावट का पूर्वानुमान है।

17 मई से मिल सकती है गर्मी से राहत

17 मई से मौसम में सुधार की संभावना है। 17-20 मई के दौरान प्रदेश में मेघ गर्जन, वज्रपात व कुछ स्थानों पर वर्षा होने से लोगों को प्रचंड गर्मी से राहत मिलने के आसार है।

पटना सहित 18 जिलों के तापमान में आंशिक गिरावट

गुरुवार को पटना सहित 18 जिलों के अधिकतम तापमान में आंशिक गिरावट दर्ज की गई। पटना के अधिकतम तापमान में 0.4 डिग्री की गिरावट के साथ 40.5 डिग्री सेल्सियस एवं 43.6 डिग्री सेल्सियस के साथ डेहरी में प्रदेश का सर्वाधिक अधिकतम तापमान दर्ज किया गया। 41.6 डिग्री सेल्सियस के साथ शेखपुरा में लू (हीट वेव) का प्रभाव बना रहा।

इन जिलों में हुई बारिश

बीते 24 घंटों के दौरान प्रदेश के किशनगंज, पश्चिम चंपारण, अररिया एवं सिवान जिले छिटपुट वर्षा दर्ज की गई। किशनगंज जिले के ठाकुरगंज में 17.4 मिमी, पश्चिम चंपारण के वाल्मीकि नगर में 0.6 मिमी, अररिया में 0.5 मिमी एवं सिवान के बड़हरिया में 0.4 मिमी वर्षा दर्ज की गई। जबकि, शेष जिलों में गर्म दिन व रात्रि का असर बना रहा।

शहरों का तापमान व आर्द्रता  शहर
अधिकतम तापमान (डिग्री सेल्सियस में)
नमी डेहरी 43.6 20 गया 43.1 21 बक्सर 42 18 औरंगाबाद 42 16 शेखपुरा 41.6 25 अरवल 41.1 15 बिक्रमगंज 41.1 13 गोपालगंज 40.9 52 पटना 40.5 35 छपरा 40.4 31 जीरादेई 40.4 17 वाल्मीकि नगर 40 42 बांका 40 55

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Categories: Bihar News

NHRC ने मैला ढोने की प्रथा समाप्त करने के लिए राज्यों के लिखा पत्र, आठ हफ्ते में रिपोर्ट देने को कहा

Dainik Jagran - National - May 16, 2025 - 5:30am

पीटीआई, नई दिल्ली। राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग (एनएचआरसी) ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को पत्र लिखकर उनसे सुप्रीम कोर्ट द्वारा 2023 के फैसले में जारी निर्देशों का तत्काल पालन सुनिश्चित करने को कहा है। इन निर्देशों का उद्देश्य हाथ से मैला ढोने की प्रथा और खतरनाक सीवर सफाई को खत्म करना है।

मानवाधिकार आयोग ने अधिकारियों को दिया आदेश

मानवाधिकार आयोग ने गुरुवार को कहा कि उसने अधिकारियों को कई उपायों की सिफारिश की है, जिसमें निवारण सुनिश्चित करने के लिए मजबूत निगरानी प्रणाली की स्थापना भी शामिल है।

अधिकारियों ने बताया कि एनएचआरसी ने अधिकारियों से आठ सप्ताह के भीतर कार्रवाई रिपोर्ट प्रस्तुत करने को भी कहा है।

एनएचआरसी ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से सुप्रीम कोर्ट के आदेश की बात कही

खतरनाक कचरे की हाथ से सफाई की प्रथा को देखते हुए एनएचआरसी ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के सभी मुख्य सचिवों और प्रशासकों को लिखे एक पत्र में कहा है कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा अपने ऐतिहासिक 2023 के फैसले (डॉ बलराम सिंह बनाम भारत संघ) में जारी किए गए 14 निर्देशों का तत्काल कार्यान्वयन सुनिश्चित करने के लिए कहा है, जिसका उद्देश्य हाथ से मैला ढोने की प्रथा (मैनुअल स्कैवेंजिंग) और खतरनाक सीवर सफाई की अमानवीय और जाति-आधारित प्रथा को खत्म करना है।

हाथ से मैला ढोने की प्रथा मानव अधिकारों का गंभीर उल्लंघन- एनएचआरसी

आयोग ने कहा है कि यह प्रथा मानव अधिकारों का गंभीर उल्लंघन है, विशेष रूप से कानून के समक्ष सम्मान और समानता के साथ जीने के अधिकार का।

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इस्कॉन के संपत्ति विवाद मामले में आज फैसला सुनाएगा सुप्रीम कोर्ट, लंबे समय से चल रहा है केस

Dainik Jagran - National - May 16, 2025 - 5:30am

पीटीआई, नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट शुक्रवार को इस्कॉन बेंगलुरु की एक याचिका पर फैसला सुनाने की संभावना है, जिसमें कर्नाटक हाई कोर्ट के उस आदेश को चुनौती दी गई है, जिसने लंबे समय से चल रहे कानूनी विवाद में इस्कॉन मुंबई के पक्ष में निर्णय दिया था। यह विवाद बेंगलुरु के प्रसिद्ध हरे कृष्ण मंदिर और शैक्षणिक परिसर के नियंत्रण को लेकर है।

साढ़े दस बजे आएगा फैसला

जस्टिस एएस. ओका और जस्टिस आगस्टिन जार्ज मसीह की पीठ ने पिछले साल 24 जुलाई को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। सुप्रीम कोर्ट की वेबसाइट के अनुसार, जस्टिस ओका शुक्रवार को सुबह 10:30 बजे फैसला सुनाएंगे। इस्कॉन बेंगलुरु ने दो जून, 2011 को सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी, जिसमें उसने 23 मई, 2011 के हाई कोर्ट के फैसले को चुनौती दी थी।

वन भूमि की स्थिति की जांच के लिए एसआइटी गठित करें : सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को सभी राज्यों को यह पता लगाने के लिए एसआइटी गठित करने का निर्देश दिया कि क्या कोई आरक्षित वन भूमि गैर-वानिकी उद्देश्यों के लिए निजी क्षेत्र को आवंटित की गई है।

भूमि वन विभाग को सौंपने का निर्देश

प्रधान न्यायाधीश बीआर गवई, जस्टिस आगस्टीन जार्ज मसीह और जस्टिस के विनोद चंद्रन की पीठ ने राज्यों और केंद्र-शासित प्रदेशों को ऐसी भूमि का कब्जा वापस लेने और उसे वन विभाग को सौंपने का भी निर्देश दिया है।

भूमि का कब्जा वापस लेना व्यापक जनहित में नहीं होगा

पीठ ने कहा कि यदि यह पाया जाता है कि भूमि का कब्जा वापस लेना व्यापक जनहित में नहीं होगा, तो सरकारों को उक्त भूमि की कीमत उन व्यक्तियों, संस्थाओं से वसूलनी चाहिए, जिन्हें वह भूमि आवंटित की गई है। वसूली से प्राप्त राशि का इस्तेमाल वनों के विकास के लिए करना चाहिए।

पीठ ने सभी राज्यों के मुख्य सचिवों और केंद्र-शासित प्रदेशों के प्रशासकों को विशेष टीम गठित करने का भी निर्देश दिया, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि ऐसे सभी हस्तांतरण आज से एक साल के भीतर हो जाएं।

पौधारोपण के लिए किया जाना चाहिए भूमि का इस्तेमाल

पीठ ने स्पष्ट किया कि ऐसी भूमि का इस्तेमाल केवल पौधारोपण के लिए किया जाना चाहिए। शीर्ष न्यायालय ने पुणे में आरक्षित वन भूमि से जुड़े मामले में दिए गए फैसले में यह निर्देश जारी किया।

'वन्यजीव पारिस्थितिकी तंत्र को रोकने के लिए सख्त रुख की जरूरत'

सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को कहा कि बड़े पैमाने पर शहरीकरण के कारण वन्यजीव पारिस्थितिकी तंत्र में गिरावट को देखते हुए वनस्पतियों और जीवों के लिए खतरा पैदा हो गया है। इसके लिए दोषियों को सजा दिलाने के लिए अधिकारियों को सख्त रुख अपनाने की जरूरत है।

हालांकि, जस्टिस सुधांशु धूलिया और जस्टिस अहसानुद्दीन अमानुल्लाह की पीठ ने कहा कि किसी आरोपित के जीवन और स्वतंत्रता के अधिकारों के किसी भी तरह के उल्लंघन का तभी समर्थन किया जाना चाहिए जब अभियोजन पक्ष मानकों को पूरा करता हो।

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भारत में जोर पकड़ रहा तुर्किये और अजरबैजान का बहिष्कार, 30 फीसदी भारतीय पर्यटकों ने रद की बुकिंग

Dainik Jagran - National - May 16, 2025 - 5:30am

जेएनएन, नई दिल्ली। ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तान का समर्थन करने के कारण तुर्किये और अजरबैजान के बहिष्कार का अभियान लगातार जोर पकड़ रहा है। यह न केवल पर्यटन बल्कि उड़ान और व्यापार के क्षेत्रों में भी प्रभाव डाल रहा है।

धड़ाधड़ तुर्किए की बुकिंग हो रहीं रद

वर्तमान में भारतीय पर्यटक इन दोनों देशों के लिए नई बुकिंग कराना तो दूर पहले से की गई बुकिंग को भी रद करा रहे हैं। टूरिस्ट कंपनियां भी नई बुकिंग नहीं ले रही हैं।

सुरक्षित विकल्पों को प्राथमिकता दे रहे लोग

ईजमाईट्रिप के अनुसार, तुर्किये की 22 प्रतिशत और अजरबैजान की 30 प्रतिशत बुकिंगग रद हो चुकी हैं। भारतीय पर्यटक अब जार्जिया, सर्बिया, ग्रीस, थाईलैंड और वियतनाम जैसे सुरक्षित विकल्पों को प्राथमिकता दे रहे हैं।

ईजमाईट्रिप के सीईओ और सह-संस्थापक रिकान्त पिट्टी ने कहा कि युद्ध विराम के बाद की अनिश्चितताओं के कारण प्रभावित क्षेत्रों के लिए बुकिंग रोक दी गई है। साथ ही प्रभावित क्षेत्रों की गैर-आवश्यक यात्रा से बचने की सलाह दी गई है।

भारतीय पर्यटक नुकसान उठाकर भी तुर्किये एयरलाइंस से दूरी बना रहे

भारतीय पर्यटक नुकसान उठाकर भी तुर्किये एयरलाइंस से दूरी बना रहे हैं। द इंडिजिनस फेडरेशन आफ टूरिज्म इंटेग्रिटी (टीफ्टी) के अध्यक्ष शैलेंद्र श्रीवास्तव ने बताया कि लंबी दूरी के मामले में हवाई किराए में बड़ा अंतर है।

लुधियाना से हर वर्ष लगभग 5000 लोग तुर्किये की यात्रा के लिए बुकिंग करते थे

तुर्किये एयरलाइंस से फिनलैंड का हवाई किराया 70,500 रुपये है, जबकि अन्य एयरलाइंस से यह एक लाख 3,500 रुपये है, फिर भी लोग दूसरी एयरलाइंस से बुकिंग करा रहे हैं। लुधियाना से हर वर्ष लगभग 5000 लोग तुर्किये की यात्रा के लिए बुकिंग करते थे, लेकिन अब सभी ने अपने टूर रद कर दिए हैं।

जालंधर और अमृतसर में भी यही स्थिति है। ट्रैवल एजेंटों के अनुसार, तुर्किये और अजरबैजान के लिए कोई नई बुकिंग नहीं की जा रही है। भारत में पर्यटन स्थलों की अपीलकई लोग अब तुर्किये और अजरबैजान की यात्रा को रद कर देश में ही घूमने की योजना बना रहे हैं।

35 सदस्यों के साथ तुर्किये की बुकिंग रद

दक्षिणी दिल्ली निवासी रजिंदर सिंह एक ला फर्म के सह-संस्थापक हैं। उन्होंने अपनी टीम के 35 सदस्यों के साथ तुर्किये की बुकिंग रद कर दी है और अब देश में यात्रा की योजना बना रहे हैं। नए घटनाक्रम ने उन्हें सोचने पर मजबूर किया है कि विदेश जाने की बजाय अपने देश के पर्यटन स्थलों को क्यों न बढ़ावा दें।

व्यापारिक बहिष्कार पर आज निर्णय लेगा कैट

फेडरेशन ऑफ आल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने तुर्किये और अजरबैजान के साथ व्यापार बंद करने पर निर्णय लेने के लिए शुक्रवार को दिल्ली में बैठक बुलाई है।

कैट के महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल ने कहा कि जो भी देश भारत के खिलाफ है, उसके साथ व्यापार करने का कोई सवाल नहीं है। उन्होंने बताया कि भारत से तुर्किये को कई प्रमुख वस्तुएं निर्यात होती हैं, जबकि तुर्किये से भारत को कच्चा पेट्रोलियम, मशीनरी, और अन्य वस्तुएं आयात होती हैं।

मुस्लिम संगठनों ने भी बहिष्कार का किया समर्थन

मुस्लिम संगठनों ने भी बहिष्कार का फैसला किया है। मुस्लिम राष्ट्रीय मंच (एमआरएम) और आल इंडिया इमाम आर्गेनाइजेशन (एआइआइओ) ने कहा है कि तुर्किये और अजरबैजान ने पाकिस्तान का समर्थन किया है, इसलिए सभी देशवासियों को एकजुट होकर इसका विरोध करना चाहिए।

पंजाब के व्यापारी नहीं करेंगे एक्सपोर्ट

पंजाब के व्यापारियों ने भी तुर्किये को हर वर्ष 500 करोड़ रुपये का एक्सपोर्ट न करने का निर्णय लिया है। उनका कहना है कि देश की एकता उनके लिए सर्वोपरि है, और वे इस घाटे को सहन करने के लिए तैयार हैं।

पंजाब से तुर्किये को 173 उत्पादों का निर्यात किया जाता है, जिसमें एंटीबायोटिक दवाएं, ट्रैक्टर, टायर ट्यूब, प्लास्टिक, स्टील उत्पाद, यार्न और ऑटो पा‌र्ट्स शामिल हैं।

फेडरेशन ऑफ इंडियन एक्सपोर्ट आर्गनाइजेशन (फियो) के राष्ट्रीय अध्यक्ष एससी रल्हन ने कहा कि तुर्किये की कायराना हरकतों के खिलाफ देशभर में गुस्सा है। इसे देखते हुए तुर्किये के साथ कोई व्यापार नहीं किया जाएगा।

तुर्किये के साथ व्यापार

निर्यात : खनिज ईंधन और तेल, विद्युत मशीनरी और उपकरण, वाहन और उनके कलपुर्जे, कार्बनिक रसायन, फार्मास्यूटिकल उत्पाद, टैनिंग और रंगाई की वस्तुएं, प्लास्टिक, रबड़, कपास, मानव निर्मित फाइबर, लोहा और इस्पात, मशीनरी, पत्थर, प्लास्टर, तिलहन, कीमती पत्थर, ताजे सेब आदि।

आयात : विभिन्न प्रकार के मार्बल (ब्लाक और स्लैब), ताजा सेब, सोना, सब्जियां, चूना और सीमेंट, खनिज तेल, रसायन, प्राकृतिक या संवर्धित मोती, लोहा और इस्पात, फ्लैट स्टील उत्पाद, प्लास्टिक, टेक्सटाइल, मशीनरी।

अजरबैजान के साथ व्यापार

निर्यात: तंबाकू और उसके उत्पाद, चाय, काफी, अनाज, रसायन, प्लास्टिक, रबड़, कागज और पेपर बोर्ड, सिरेमिक उत्पाद।

आयात : कच्चा तेल, पशु चारा, जैविक रसायन, आवश्यक तेल और परफ्यूमरी, कच्ची खालें और चमड़ा

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'भारत ने दिखाया कि अहिंसक युद्ध कैसे लड़ा जाता है', भाजपा महासचिव राधा मोहन ने कही बड़ी बात

Dainik Jagran - National - May 16, 2025 - 3:14am

 पीटीआई, बेंगलुरु। भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव राधा मोहन दास अग्रवाल ने कहा कि भारत ने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान महात्मा गांधी के अहिंसा के सिद्धांत का प्रदर्शन किया।

पाकिस्तान में किसी निर्दोष की जान नहीं गई

उन्होंने कहा कि दुनिया ने देखा कि पहलगाम में की गई हत्याओं का बदला लेने के लिए ऑपरेशन सिंदूर शुरू किया गया। यह निर्धारित लक्ष्य को लेकर ही चला। पाकिस्तान में किसी निर्दोष की जान नहीं गई।

उन्होंने कहा कि हमने दुनिया को दिखाया कि युद्ध के दौरान महात्मा गांधी के अहिंसा के सिद्धांत को कैसे लागू किया जाए। यह सबसे अहिंसक युद्ध था। हमने सिर्फ उन लोगों को निशाना बनाया, जिन्हें हम ढेर करना चाहते थे। दावा किया है कि एक भी निर्दोष व्यक्ति की जान नहीं गई।

नरेन्द्र मोदी ने दुनिया को युद्ध की नई बारीकियां सिखाई- भाजपा सांसद

भाजपा सांसद ने दावा किया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने दुनिया को युद्ध की नई बारीकियां सिखाई हैं। जब उनसे अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के इस बयान के बारे में पूछा गया कि उन्होंने शांति स्थापित की है, तो अग्रवाल ने कहा कि केवल ट्रंप ही जानते हैं कि उन्होंने क्या किया है।

कहा कि 'जब कोई ट्रेन रेलवे स्टेशन पर रुकती है, तो कुछ बच्चे उतरते हैं और उसे धक्का देते हैं। जब ट्रेन फिर से चलती है, तो बच्चे चिल्लाते हैं कि उन्होंने ट्रेन को धक्का देकर चलाया। ट्रंप का व्यवहार प्लेटफार्म पर मौजूद बच्चों की तरह ही बचकाना है। भाजपा ट्रंप के हस्तक्षेप को खारिज करती है।

ट्रंप भारत के लिए नहीं, बल्कि अमेरिका के लिए समस्या

अग्रवाल ने कहा कि ट्रंप भारत के लिए नहीं, बल्कि अमेरिका के लिए समस्या हैं। अग्रवाल ने याद दिलाया कि मोदी ने राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में कहा था कि पाकिस्तान के सैन्य संचालन महानिदेशक ने अपने भारतीय समकक्ष से बात की थी।

दावा किया कि जब भारतीय डीजीएमओ ने कोई जवाब नहीं दिया तो पाकिस्तानी डीजीएमओ ने उन्हें दोबारा फोन किया और युद्ध रोकने के लिए उनसे विनती की तथा कहा कि अब बहुत हो गया।

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