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बिहार में पुराने वाहनों की स्क्रैपिंग पर मिल रही एकमुश्त छूट, वाहन मालिकों को मिल रहा भरपूर फायदा

Dainik Jagran - May 15, 2025 - 11:03pm

डिजिटल डेस्क, पटना। राज्य में वाहनों से होने वाले प्रदूषण को कम करने के लिए 15 साल से अधिक पुराने और अनुपयोगी वाहनों को स्क्रैप किया जा रहा है। इसके लिए दो स्थानों पटना में निलियम स्क्रैपिंग सेंटर और वैशाली स्थित एसके इंटरप्राइजेज में वाहन स्क्रैपिंग सेंटर है। परिवहन विभाग से मिली जानकारी के अनुसार, पुराने वाहनों की स्क्रैपिंग के लिए जनवरी 2023 से मार्च 2025 के बीच एक हजार 557 आवेदन आए है। इनमें 747 वाहन सेना, 308 वाहन सरकारी और 522 वाहन निजी है।

पुराने वाहनों की स्क्रैपिंग पर छूट

प्रदेश सरकार वाहन स्वामियों को 15 साल से पुराने वाहनों की स्क्रैपिंग कराने के लिए प्रोत्साहित कर रही है। इसके लिए कई तरह के कर में छूट दी जा रही है। इसमें वाहन मालिकों को जमा का प्रमाण पत्र(सीओडी) के आधार पर नए वाहनों के पंजीकरण कराने पर कर में रियायत, निजी वाहनों की स्क्रैपिंग पर कर में 25 प्रतिशत छूट और वाणिज्यिक वाहनों की स्क्रैपिंग पर 15 प्रतिशत छूट दी जा रही है। इसके साथ ही वाहन मालिकों को पहले से लंबित सभी तरह के बकाये में एकमुश्त छूट देने का प्रावधान है। यह छूट 31 मार्च 2026 तक प्रभावी है। विभाग ने 15 साल पुरानी सरकारी गाड़ियों की स्क्रैपिंग को जरुरी किया है।

नई गाड़ी खरीदने पर वाहन मालिकों को फायदा

परिवहन मंत्री शीला कुमारी ने कहा कि प्रदेश में बीते एक वर्ष में गाड़ियों की स्क्रैपिंग के लिए काफी काम हो रहा है। पुरानी गाड़ी स्क्रैप कराने वाले वाहन मालिकों को कोई नुकसान ना उठाना पड़े इसलिए उन्हें कई तरह की सहूलियत दी जा रही है। इसमें पुराने वाहन मालिकों को नई गाड़ी खरीदने पर कर में छूट का लाभ भी दिया जा रहा है, जिससे लोगों पर आर्थिक बोझ ना पड़े। विभाग आमजनों की सुविधा के लिए सजगता से काम कर रहा है।

स्क्रैपिंग के लिए ई-आवेदन

सरकारी गाड़ियों की स्क्रैपिंग के लिए ई-नीलामी मेटल स्क्रैप ट्रेड कॉर्पोरेशन लिमिटेड (एमएसटीसी) https://www.mstcindia.co.in/index.aspx या सरकारी ई- बाजार (जेम) https://gem.gov.in/ पोर्टल पर की जाती है। इसमें देशभर से कोई भी रजिस्ट्रेशन वेरिफिकेशन और स्क्रैपिंग फैसिलिटी (आरवीएसएफ) सेंटर भाग ले सकता है और गाड़ियों को खरीद कर स्क्रैप कर सकता है। वहीं, नीजी वाहनों की स्क्रेपिंग लिए सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय (मोर्थ) पोर्टल पर आवेदन करना होगा, जिसे आरवीएसएफ सेंटर खरीद कर स्क्रैप करेगा।

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बिहार में हर गांव तक पहुंच रही पक्की सड़क, अब तक 119000 से ज्यादा को मिली 'ऑल वेदर रोड'

Dainik Jagran - May 15, 2025 - 11:00pm

डिजिटल डेस्क, पटना। बिहार सरकार ने ग्रामीण बुनियादी ढांचे को मजबूत करने की दिशा में ऐतिहासिक कदम बढ़ाते हुए अब तक राज्य की 1,19,816 बसावटों को बारहमासी एकल संपर्कता का लक्ष्य हासिल कर लिया गया है। इन योजनाओं के तहत कुल 1,18,511 किलोमीटर लंबाई में ग्रामीण सड़कों का निर्माण कराया गया है, जिससे गांव-गांव तक संपर्कता सुलभ हुआ है।

गौरतलब है कि प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत शुरुआत में केवल 1,000 या उससे अधिक आबादी वाले गांवों को ही जोड़ने का प्राथमिकता थी, लेकिन बिहार ने इस दिशा में पहल करते हुए वर्ष 2006-07 में मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना शुरू की और 500 से 999 आबादी वाले बसावटों को भी पक्की सड़कों से जोड़ने का बीड़ा उठाया। इसके बाद उग्रवाद प्रभावित 11 जिलों में 250 या उससे अधिक और अन्य जिलों में 500 या उससे अधिक आबादी वाले गांवों को प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना में शामिल किया।

वर्ष 2013-14 में राज्य सरकार ने 'मुख्यमंत्री ग्राम संपर्क योजना' की शुरुआत की, ताकि राज्य के सभी जिलों में समान रूप से 250 या उससे अधिक की आबादी वाले वसाबटों को सड़क संपर्कता दी जा सके।

अब तक प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के अंतर्गत 57,102 बसावटों को जोड़ते हुए 53,283 किमी और मुख्यमंत्री ग्राम संपर्क योजना, ग्रामीण टोला संपर्क निश्चय योजना समेत अन्य योजनाओं के माध्यम से 63,174 बसावटों को जोड़ते हुए 64,926 किमी लंबाई की सड़कों का निर्माण हो चुका है।

वर्ष 2023 में राज्य सरकार ने ‘मुख्यमंत्री ग्रामीण संपर्क योजना (अवशेष)’ की शुरुआत की, जिसका उद्देश्य 100 या उससे अधिक आबादी वाले अब तक छूटे बसावटों को भी बारहमासी एकल संपर्कता से जोड़ना है। समीक्षा में 13,814 बसावटें (16,652 किमी) ऐसी पाई गईं जिन्हें अभी तक पक्की सड़कों से नहीं जोड़ा गया था। इनमें से 3,494 बसावटों (3,734 किमी) के लिए 4,462.49 करोड़ रुपये की लागत से पथों की स्वीकृति दी जा चुकी है। वर्ष 2025-26 तक 5,900 करोड़ रुपये की लागत से लगभग 1,800 अनजुड़े बसावटों (4,500 किमी) को संपर्कता प्रदान करने हेतु स्वीकृति प्रदान किए जाने का लक्ष्य है।

मुख्यमंत्री ग्रामीण संपर्क योजना (अवशेष) के तहत बनने वाली सभी सड़कों का निर्माण कार्य पूरा होने के उपरांत 6 वर्षों तक उसका सतत् अनुरक्षण किया जाना है, जिसके पांचवे वर्ष की प्रथम तिमाही में पुनः कालीकरण का प्रावधान है, ताकि लंबे समय तक ग्रामीण जनता को बेहतर सड़क की सुविधा प्राप्त हो।

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Bihar News: शिक्षकों के वेतन में देरी पर सख्त हुआ विभाग, जिला शिक्षा पदाधिकारियों को जारी किए अहम निर्देश

Dainik Jagran - May 15, 2025 - 10:57pm

डिजिटल डेस्क, पटना। शिक्षा विभाग ने सभी जिला शिक्षा पदाधिकारियों को शिक्षकों के वेतन के संबंध में अहम निर्देश जारी किया है। शिक्षा विभाग ने स्पष्ट किया है कि सभी कोटि के शिक्षकों का समय पर वेतन भुगतान कराना प्राथमिकता है और उनके वेतन भुगतान के बाद ही जिला स्तरीय पदाधिकारियों और अन्य कार्यालय कर्मियों (चतुर्थवर्गीय कर्मियों को छोड़कर) को वेतन दिया जाए।

शिक्षा विभाग ने जतायी चिंता

इस पत्र के माध्यम से शिक्षा विभाग ने चिंता जतायी है कि कई जिलों में आवंटन उपलब्ध होने के बावजूद शिक्षकों को वक्त पर वेतन नहीं मिल रहा है, जिससे शिक्षकों के परिवार पर गंभीर और प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है लिहाजा ऐसी परिस्थिति में शिक्षक सीधे मुख्यालय से संपर्क स्थापित कर रहे हैं। सभी कोटि के शिक्षकों का ससमय वेतन भुगतान करना विभाग की प्राथमिकता है और इसकी जवाबदेही पूर्ण रूप से जिला शिक्षा पदाधिकारी की है।

विशेष सचिव-सह-निदेशक (प्रशासन) सुबोध कुमार चौधरी की तरफ से हस्ताक्षरित इस पत्र में कहा गया है कि अगर किसी शिक्षक का वेतन तकनीकी कारणों जैसे पीआरएएन, एचआरएमएस या आधार के कारण अटका हो तो जिला शिक्षा पदाधिकारी मुख्यालय के संबंधित पदाधिकारी से संपर्क कर वेतन भुगतान कराने के लिए जिम्मेवार हैं। किसी भी शिक्षक को मुख्यालय स्तर पर वेतन से संबंधित समस्या के लिए मुख्यालय के पदाधिकारी से संपर्क करने अथवा मुख्यालय आने की जरूरत नहीं है।

निर्देश में यह भी कहा गया है कि अगर किसी जिले में आवंटन नहीं है तो इसकी सूचना तत्काल मुख्यालय को दी जाए और दूरभाष से संपर्क कर आवश्यक बजट उपलब्ध कराया जाए। यह आदेश शिक्षकों को प्राथमिकता और सम्मान देने की दिशा में एक सशक्त कदम माना जा रहा है।

अपर मुख्य सचिव ने भी दिया था निर्देश

शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ. एस. सिद्धार्थ ने "शिक्षा की बात - हर शनिवार" कार्यक्रम के 13वें एपिसोड में स्पष्ट तौर पर निर्देश दिया था कि जब तक शिक्षकों को वेतन नहीं मिलेगा, तब तक शिक्षा विभाग के कार्यालयों में कार्यरत अधिकारियों और कर्मचारियों (ग्रुप डी को छोड़कर) को वेतन नहीं दिया जाएगा। उन्होंने चेतावनी भी दी थी कि यदि शिक्षकों को तंग करने या वेतन रोकने की शिकायत आयी तो सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी।

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बिहार में युवाओं के स्वरोजगार का आधार बनी मुख्यमंत्री उद्यमी योजना, अब तक कुल 3035 करोड़ का हुआ वितरण

Dainik Jagran - May 15, 2025 - 10:54pm

डिजिटल डेस्क, पटना। राज्य के युवाओं को स्वरोजगार मुहैया कराकर स्वालंबी बनाने में मुख्यमंत्री उद्यमी योजना विशेष भूमिका निभा रही है। राज्य के शिक्षित बेरोजगार युवाओं के लिए यह आत्मनिर्भरता की राह खोल रहा है। 2018 से शुरू हुई इस योजना का उद्देश्य शिक्षित युवाओं को स्वरोजगार एवं उद्यमिता के प्रति प्रोत्साहित करना है। इसकी मदद से युवा अपने लिए रोजगार सृजित करने के साथ ही दूसरों को भी रोजगार देने में सक्षम बन रहे हैं।

यह योजना समाज के विभिन्न वर्गों को ध्यान में रखकर तैयार की गई है और अब यह बिहार की आर्थिक विकास रणनीति का एक महत्वपूर्ण आधार स्तंभ बन गई है। इसके तहत सरकार का मुख्य उद्देश्य सूक्ष्म एवं लघु उद्योगों को बढ़ावा देना है। साथ ही, यह योजना उन समस्याओं का समाधान करती है जो युवाओं को बैंक ऋण लेने में बाधक बनती हैं, जैसे कि बंधक सुरक्षा और मार्जिन मनी की कमी। और शिक्षित बेरोजगार युवाओं में उद्यमिता एवं स्वरोजगार को प्रोत्साहित करना है। इस योजना के तहत अबतक 43049 लाभुक लाभान्वित हुए हैं। और कुल 3035.54 करोड़ रुपये राशि का वितरण हो चुका है।

योजना के तहत वित्तीय सहयोग की पूरी संरचना

मुख्यमंत्री उद्यमी योजना के तहत योग्य लाभार्थियों को अधिकतम 10 लाख रुपये तक की वित्तीय सहायता दी जाती है। इसमें अधिकतम 5 लाख रुपये तक का ब्याज मुक्त ऋण शामिल है। जबकि शेष 5 लाख रुपये अनुदान के रूप में तीन किश्तों में प्रदान की जाती है। अगर लाभार्थी मुख्यमंत्री युवा उद्यमी योजना के अंतर्गत आता है, तो उसे 1 प्रतिशत की न्यूनतम ब्याज दर पर ऋण दिया जाता है, जिसकी वसूली 84 सामान्य किस्तों में बिहार स्टार्टअप फंड ट्रस्ट के माध्यम से की जाती है।

योजना का लाभ लेने के लिए ये योग्यताएं जरूरी

इस योजना का लाभ लेने के लिए कुछ जरूरी योग्यताएं निर्धारित की गई हैं। आवेदक बिहार का स्थायी निवासी होना चाहिए। वह 12वीं, आईटीआई, पॉलिटेक्निक डिप्लोमा या इसके समकक्ष कोई शिक्षा हासिल कर रखी हो। लाभार्थी की आयु 18 से 50 वर्ष के बीच होनी चाहिए।

राज्य के उद्योग मंत्री नीतीश मिश्रा ने कहा कि उद्यमिता के क्षेत्र में बिहार की एक नई पहचान बनती जा रही है। सूबे के ग्रामीण अंचलों में बड़ी संख्या में बेरोजगारी है। यह योजना रोजगार सृजन करने के साथ-साथ ग्रामीण अर्थव्यवस्था को भी पूरी तरह से मजबूत करने में खासतौर से योगदान दे रही है।

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Khelo India Youth Games: दो महीने में बिहार ने पदकों की संख्या 12 से की 36, जहां नहीं थी उम्मीद; वहीं मिली जीत

Dainik Jagran - May 15, 2025 - 10:40pm

अक्षय पांडेय, पटना। पटना में गुरुवार को संपन्न खेलो इंडिया यूथ गेम्स के सातवें संस्करण में कीर्तिमान बनाते हुए मेजबान बिहार ने 36 पदकों का आंकड़ा छू लिया। इसके पहले कभी राज्य के पदकों की संख्या दहाई अंक नहीं पार कर पाई थी। वर्ष 2020 में प्रदेश के खिलाड़ियों ने नौ पदक जीते थे। इस बार सरकार की योजना के अनुसार 12 खेलों में बेहतर प्रदर्शन कर होनहारों ने अपने गले को स्वर्ण, रजत एवं कांस्य की माला से सुशोभित किया। प्रचलित खेलों में बिहार पिछड़ा। जहां उम्मीद नहीं थी, वहां जीत मिली।

12 दिनों में 28 खेलों में लिया भाग

चार से 15 मई तक बिहार के खिलाड़ियों ने 28 खेलों में प्रतिभाग किया। 12 दिनों में रग्बी, एथलेटिक्स, थंग-टा, सेपकटाकरा, साइकिलिंग, गतका, जूडो, शूटिंग, योगासन, तलवारबाजी, भारोत्तोलन और बाक्सिंग में पदक जीते। इसमें रग्बी, एथलेटिक, थंग-टा से दो-दो और सेपकटाकरा से राज्य की झोली में एक सोना आया। पदकों की संख्या की बात करें तो, सेपकटाकरा में सबसे अधिक सात, एथलेटिक्स में छह और थंग-टा एवं गतका से पांच-पांच आए।

कुछ खेलों में एक भी मुकाबला नहीं जीता

इस बीच प्रचलित खेलों में राज्य के खिलाड़ी चूक गए। राष्ट्रीय खेल हाकी के साथ फुटबाल, कबड्डी, खो-खो, कुश्ती, टेनिस, स्वीमिंग, बास्केटबाल, वालीबाल, टेबल टेनिस में बिहार को एक भी पदक नहीं मिले। कुछ खेल ऐसे रहे, जिसमें बिना एक भी मुकाबले जीते राज्य बाहर हो गया। इसके पहले उत्तराखंड में संपन्न 38वें राष्ट्रीय खेल में लानबाल और मार्डन पेंटाथलान जैसे गुमनाम खेलों में बिहार ने कमाल करते हुए पदक जीते थे।

उत्तराखंड में जीते थे 12 पदक

खेलो इंडिया यूथ गेम्म के पहले थोड़ी तैयारी बिहार ने उत्तराखंड में आयोजित 38वें राष्ट्रीय खेल में कर ली थी। इसी वर्ष जनवरी-फरवरी में संपन्न प्रतियोगिता में राज्य ने कीर्तिमान बनाते हुए राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिता में पहली बार 12 पदक जीते थे। सबसे बड़ी बात यह थी कि ऐसे खेलों में राज्य ने पदक जीते, जो पहले गुमनाम रहे।

लानबाल और मार्डन पेंटाथलान में मारी थी बाजी

लानबाल से स्वर्ण समेत तीन तो मार्डन पेंटाथलान से दो पदक राज्य के पास आए। योगा, तलवारबाजी, वुशू और रग्बी से भी प्रदेश के खिलाड़ियों ने बाजी मारी। उत्तराखंड में जीते 12 पदक को यूथ गेम्स में बिहार के खिलाड़ियों ने तीन गुना करते हुए 36 तक पहुंचा दिया। सबसे बड़ी यह रही कि जिन खेलों से उत्तराखंड में पदक आए, यूथ गेम्स में भी बिहार ने उन्हीं स्पर्धाओं में बाजी मारी।

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Policybazaar Q4 Results: PB Fintech's profit skyrockets 185% YoY to Rs 171 crore, revenue jumps 38%

Business News - May 15, 2025 - 10:11pm
Insurance aggregator PB Fintech on Thursday reported a consolidated net profit growth of 185% in Q4FY25 at Rs 171 crore versus Rs 60 crore reported in the year ago period. The company's revenue from operations in the March-ended quarter stood at Rs 1,508 crore, which was up 38% over Rs 1,090 crore in the corresponding quarter of the last financial year.In this, the core online business of Policybazaar contributed Rs 877 crore in the March 31, 2025 ended quarter versus Rs 669 crore in Q4FY24. This translates into a 31% YoY rise. The company said that revenue growth was accompanied with margin improvement across the board. The consolidated PAT for PB Fintech grew 448% from Rs 64 Cr in FY24 to Rs 353 crore (from 2% to 7% margin) in FY25 while company's closing cash balance stood at Rs 5,406 crore at the end of the quarter.The company reported a 37% YoY rise in its premium at Rs 7,030 crore versus Rs 5,127 crore in the year ago period led by growth in new health.Company's core insurance revenue was up 46% YoY while its core credit revenue was down 21% YoY.Its renewal / trail revenue stood at an ARR of Rs 817 crore, up from Rs 577 crore last year in the same quarter, which was a 42% growth. The company said that it is a key driver of long-term profit growth."Steady growth continues for Core New Insurance Premium (net of Savings business) at 38% YoY for the quarter. This has ranged around +-5% of 40% for the last 8 quarters. While the health business continues to grow strongly, we have seen a slowdown in our savings business amidst broader market conditions. We continue to improve our customer onboarding & claims support services and Insurance CSAT is consistent at 90%+," a company statement said.The credit revenue for the quarter stood at Rs 115 crore while disbursal was reported at Rs 2,368 crore for the core online business."We continue to strengthen our leadership in New Initiatives with revenue growth of 50% YoY with adjusted EBITDA margin moving from -10% to -6%, with 4% contribution," the filing said.For FY25, the total insurance premium stood at Rs 23,486 crore, which is a growth of 48% YoY while lending disbursal was reported at Rs 20,465 crore, a growth of 38% YoY.Its core online Insurance New Premium grew 45% YoY and Health & Life Insurance New Premium grew 48% YoY.
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कांग्रेस नेता राहुल गांधी बोले- 30-32 मेडल पहले से थे, पटना में एक और मिला; मेरा काम हो गया

Dainik Jagran - May 15, 2025 - 10:01pm

राज्य ब्यूरो, पटना। लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी गुरुवार को अपनी एक दिन की यात्रा पर बिहार में थे। इस यात्रा में उन्होंने जहां दरभंगा में शिक्षा न्याय संवाद को संबोधित किया, वहीं पटना के सिटी सेंटर मॉल के आइनाक्स हाल में सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधियों के साथ फुले फिल्म देखी।

मुझे नहीं रोका, तो मैं चला गया

पटना से दिल्ली प्रस्थान करने के पूर्व पटना एयरपोर्ट पर राहुल गांधी ने मीडिया से बात की। उन्होंने कहा कि पिछड़ा, अति पिछड़ा, दलित छात्रों से संवाद के लिए मैं यहां आया था। मुझे रोकने की कोशिश की गई, लेकिन मेरा काम हो गया। कानून के उल्लंघन मामले में दो प्राथमिकी होने पर उन्होंने कहा मुझे छात्रावास में जाने से किसी ने रोका नहीं तो मैं चला गया। अब प्राथमिकी हुई है, तो होने दीजिए। मुझ पर 30-32 एफआइआर हैं, ये सब मेरे लिए मेडल हैं।

2.20 बजे पटना के सिटी सेंटर मॉल पहुंचे

राहुल गांधी करीब 2.20 बजे सिटी सेंटर पहुंचे। उनके साथ प्रदेश के नेताओं के अलावा विभिन्न सामाजिक संगठन के प्रतिनिधि भी थे। सिटी सेंटर के आइनाक्स हाल पहुंचते ही राहुल गांधी ने कहा, पहले बातें करते हैं इसके बाद फिल्म देखी जाएगी।

पद्मश्री सुधा वर्गीज से की बातचीत

राहुल ने यहां मौजूद समाजसेवी पद्मश्री सुधा वर्गीज से दलित और मुहसर समाज की स्थिति के बारे में जानना चाहा। सुधा ने उन्हें बताया कि अनुसूचित जाति के लोगों-मुसहरों की स्थिति में आज भी कोई परिवर्तन नहीं आया है। बस चीजें बदल गई हैं। पटना के प्रख्यात चिकित्सक डा. एए हई से राहुल गांधी ने निजी क्षेत्र में आरक्षण के बाबत बातचीत की। 

मंगलामुखी डिंपल जैसमीन से पूछा प्रश्न

बातों का सिलसिला आगे बढ़ाते हुए यहां मौजूद मंगलामुखी डिंपल जैसमीन से कहा कि आप कोई एक सवाल बताएं जिसे संसद में उठाया जा सके। जवाब में डिंपल ने कहा कि परिवार को जब पता चलता है कि घर में मंगलामुखी का जन्म हुआ है, तो उसे संपत्ति से बेदखल कर दिया जाता है। हमारी बड़ी समस्या आवास की है। राहुल गांधी ने डिंपल जैसमीन को आश्वस्त किया कि वे इस मांग को संसद में जरूर रखेंगे। 

निजी क्षेत्र में आरक्षण की वकालत

राहुल गांधी ने बाद में यहां उपस्थित लोगों के बीच निजी क्षेत्र में आरक्षण की आवश्यकता पर बल देते हुए कहा कि जब तक निजी क्षेत्र में आरक्षण नहीं होगा, तब तक समानता की बात अधूरी रहेगी। फिल्म देखने के बाद राहुल गांधी ने कहा कि फुले फिल्म भारतीय समाज के उन पहलुओं को उजागर करती है जिन्हें नजरअंदाज किया जाता है। फिल्म सबको देखनी चाहिए।

कई पड़े नेता रहे उपस्थित

राहुल गांधी के साथ फिल्म देखने वाले प्रमुख लोगों को प्रदेश प्रभारी कृष्णा अल्लावारू, अध्यक्ष राजेश राम, विधानमंडल दल के नेता डा. शकील अहमद खान, एनएसयूआइ प्रभारी कन्हैया कुमार, पूर्व विधान पार्षद प्रेम चंद मिश्रा, प्रवक्ता आनंद माधव, राष्ट्रीय मीडिया कार्डिनेटर संजीव सिंह, प्रदेश मीडिया प्रभारी राजेश राठौड़, सत्येंद्र बहादुर, कुमार आशीष व जिला कांग्रेस अध्यक्ष संजीव समेत दूसरे कई नेता उपस्थित रहे। 

आमंत्रण के बाद भी हाल में प्रवेश नहीं

कांग्रेस की ओर से फिल्म देखने के लिए करीब चार सौ आमंत्रण पत्र जारी किए गए थे। राहुल गांधी के आगमन के पूर्व जिन लोगों ने हाल में प्रवेश लिया, उन्हें तो कोई परेशानी नहीं हुई। लेकिन, राहुल गांधी के हाल में प्रवेश के बाद सुरक्षा कारणों से शेष लोगों का प्रवेश प्रतिबंधित कर दिया गया। जिसके बाद नाराज लोगों ने कांग्रेस विरोधी नारे बुलंद किए। हंगामा कुछ देर चला इसके बाद आमंत्रण के बाद भी प्रवेश न मिलने वाले लोग लौट गए। 

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Bihar: नीतीश सरकार ने दी खुशखबरी, टोपोलैंड और असर्वेक्षित भूमि पर खेती करने वाले किसानों को मिलेगा अनुदान

Dainik Jagran - May 15, 2025 - 9:08pm

राज्य ब्यूरो, पटना। सरकार अब पुश्तैनी टोपोलैंड या असर्वेक्षित भूमि पर वर्षों से खेती कर रहे किसानों को बड़ी राहत देने जा रही है। ऐसे किसान अब भूमि संबंधित दस्तावेज के अभाव में सरकारी अनुदानों एवं योजनाओं से वंचित होंगे। सामान्य टोपोलैंड, असर्वेक्षित टोपोलैंड एवं दियारा क्षेत्र (नदी के किराने की खेत) किसानों को वर्तमान में कई योजनाओं का लाभ नहीं मिलता है।

किसानों की कठिनाईयों को ध्यान में रखते गुरुवार को उप मुख्यमंत्री एवं कृषि मंत्री विजय सिन्हा की अध्यक्षता में अंतर विभागीय बैठक हुई। इस दौरान राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री संजय सरावगी और पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री डा. सुनील कुमार के अतिरिक्त कई विभागों के शीर्ष अधिकारी उपस्थित थे।

अपनाई जाएगी टेंपररी सेटलमेंट की प्रक्रिया

किसानों के हित बैठक में यह निर्णय लिया गया कि ऐसी परिस्थितियों में टेंपररी सेटलमेंट की प्रक्रिया अपनाई जाएगी, ताकि किसानों को अस्थायी रूप से भूमि का उपयोग करने का अधिकार प्राप्त हो सके। इसके लिए उच्च स्तरीय नीति बनाई जाएगी। यह पहल राज्य के बटाईदार एवं भूमिहीन किसानों को सशक्त करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम सिद्ध होगी।

विजय सिन्हा ने बैठक में घोड़परास (नीलगाय) से फसलों को हो रहे नुकसान पर गंभीर चिंता व्यक्त की। निर्णय लिया गया कि जिन जिलों में घोड़परास की संख्या अधिक है, वहां के किसान आवेदन के माध्यम से इस बात से अवगत कराएंगे।

जिला पंचायती राज पदाधिकारी, वन प्रमंडल पदाधिकारी एवं संबंधित पंचायत के मुखिया घोड़परास के नियंत्रण का निर्णय लेंगे। इस जानकारी के आधार पर प्रभावित क्षेत्रों में शूटरों की संख्या बढ़ाई जाएगी, ताकि घोड़परास की बढ़ती आबादी को नियंत्रित किया जा सके।

यह पहल किसानों की आजीविका की रक्षा एवं फसल क्षति को रोकने के उद्देश्य से की जा रही है। सरकार का लक्ष्य है कि समय रहते समुचित कार्रवाई कर किसानों को राहत प्रदान की जाए और कृषि उत्पादन पर प्रतिकूल प्रभाव न पड़े। सभी संबंधित अधिकारियों को निर्देशित किया गया है कि वे शीघ्र आवश्यक कदम उठाएं।

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UPSC Annual Calendar: यूपीएससी ने जारी किया वार्षिक कैलेंडर; यहां देखें 18 एक्जाम का शेड्यूल

Dainik Jagran - May 15, 2025 - 8:44pm

जागरण संवाददाता, पटना। संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) ने गुरुवार को 2026 का वार्षिक परीक्षा कैलेंडर जारी कर दिया है। 18 परीक्षाओं की जानकारी दी गई है। 18 तिथियों को विभिन्न परीक्षाओं को रिजर्व रखा गया है। सिविल सेवा और भारतीय वन सेवा प्रारंभिक परीक्षा का आयोजन 24 मई को होगा। इसके लिए अधिसूचना 14 जनवरी को जारी कर दी जाएगी।

अधिसूचना के साथ प्रारंभ होगी आवेदन की प्रक्रिया 

अधिसूचना के साथ ही आवेदन की प्रक्रिया प्रारंभ हो जाएगी। तीन फरवरी, 2026 तक आवेदन के लिए वेबसाइट पर लिंक उपलब्ध होगा। सिविल सेवा (मुख्य) परीक्षा 21 अगस्त, 2026 से प्रारंभ होगी। एनडीए, एनए व सीडीएस परीक्षा (I) 2026 के लिए आवेदन की प्रक्रिया 10 दिसंबर से प्रारंभ हो जाएगी।

30 दिसंबर को खुलेगा लिंक

इसके लिए लिंक 30 दिसंबर तक उपलब्ध होगा और परीक्षा 12 अप्रैल को होगी। यूपीएससी ने स्पष्ट किया है कि जरूरत के अनुसार कैलेंडर में संशोधन संभावित है। विभिन्न परीक्षाओं में शामिल होने वाले अभ्यर्थी आयोग की वेबसाइट https://upsc.gov.in/examinations/exam-calendar के संपर्क में रहें।

संयुक्त भू-वैज्ञानिक प्रारंभिक परीक्षा आठ फरवरी को

संयुक्त भू-वैज्ञानिक प्रारंभिक परीक्षा आठ फरवरी को होगी। इसके लिए नोटिफिकेशन तीन सितंबर को जारी किया जाएगा। 23 सितंबर तक आवेदन लिए जाएंगे। इंजीनियरिंग सेवा प्रारंभिक परीक्षा भी आठ फरवरी को ही होगी। इसकी अधिसूचना 17 सितंबर को जारी की जाएगी। वेबसाइट पर आवेदन के लिए लिंक सात अक्टूबर तक उपलब्ध होगा।

                          कब होगी कौन सी परीक्षा

परीक्षा का नाम: अधिसूचना की तिथि: आवेदन की अंतिम तिथि : परीक्षा प्रारंभ होने की तिथि

संयुक्त भू-वैज्ञानिक प्रारंभिक परीक्षा 2026 : तीन सितंबर : 23 सितंबर: आठ फरवरी 2026

इंजीनियरिंग सेवा प्रारंभिक परीक्षा 2026: 17 सितंबर: सात अक्तूबर: आठ फरवरी 2026

सीबीआइ डीएसपी एलडीसीई: 24 दिसंबर: 13 जनवरी: 28 फरवरी 2026

सीआइएसएफ एसी एलडीसीई-2026: तीन दिसंबर: 23 दिसंबर: आठ मार्च 2026

एनडीए और एनए परीक्षा (I) 2026: 10 दिसंबर: 30 दिसंबर: 12 अप्रैल 2026

सीडीएस परीक्षा (I) 2026 : 10 दिसंबर: 30 दिसंबर: 12 अप्रैल 2026

सिविल सेवा प्रारंभिक परीक्षा 2026: 14 जनवरी: तीन फरवरी: 24 मई 2026

भारतीय वन सेवा प्रारंभिक परीक्षा 2026: 14 जनवरी: तीन फरवरी: 24 मई 2026

आइईएस/आइएसएस परीक्षा 2026: 11 फरवरी: तीन मार्च: 19 जून 2026

केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (एसीएस) परीक्षा 2026: 18 फरवरी: 10 मार्च: 19 जुलाई 2026

संयुक्त चिकित्सा सेवा परीक्षा 2026: 11 मार्च: 31 मार्च: दो अगस्त 2026

एनडीए और एनए परीक्षा (द्वितीय) 2026: 20 मई: नौ जून: 13 सितंबर 2026

सीडीएस परीक्षा (II) 2026: 20 मई: नौ जून: 13 सितंबर 2026

एसओ, स्टेनो (जीडी-बी,जीडी-I) एलडीसीई: 16 सितंबर: छह अक्तूबर: 12 दिसंबर 2026

मुख्य परीक्षा की तिथि :

संयुक्त भू-वैज्ञानिक मुख्य परीक्षा 2026: 20 जून 2026

इंजीनियरिंग सेवा प्रधान परीक्षा 2026: 21 जून 2026

सिविल सेवा मुख्य परीक्षा 2026: 21 अगस्त 2026

भारतीय वन सेवा (प्रधान) परीक्षा 2026: 22 नवंबर

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Singtel likely to sell stake worth Rs 8,500 crore in Bharti Airtel via block deal: Report

Business News - May 15, 2025 - 8:14pm
Singapore Telecommunications Limited (Singtel) is likely to sell nearly 5 crore shares in Indian telecom major Bharti Airtel via block deals with the deal size estimated at Rs 8,500 crore ($1 billion).The floor price is likely set at Rs 1,800 per share which is a 3.6% discount from the current market price, CNBC-TV18 reported, citing sources. Singtel currently owns 9.49% stake representing over 57.82 crore shares in Bharti Airtel via its arm Pastel Ltd.Bharti Airtel shares today ended at Rs 1,863 on the NSE, gaining by Rs 28.90 or 1.5%. Bharti Telecom Limited is the largest promoter entity with a stake of 40.47%. Indian Continent Investment Limited is another promoter group which holds 2.47% in the company.Bharti Airtel posted a strong set of numbers in Q4FY25, delivering a growth of 432% YoY in its net profit at Rs 11,022 crore in the fourth quarter. The company, however, said profit adjusted for exceptional items rose 77% YoY to Rs 5,223 crore.Bharti Airtel posted strong growth of 432% YoY in its net profit at Rs 11,022 crore in the fourth quarter. The company, however, said profit adjusted for exceptional items rose 77% YoY to Rs 5,223 crore.During the quarter, India revenues rose 29% YoY to Rs 36,735 crore, while mobile revenues increased 21% YoY led by tariff repair and premiumization of the portfolio.ARPU for the quarter stood at Rs 245 as compared to Rs 209 in Q4FY24.(Disclaimer: Recommendations, suggestions, views and opinions given by the experts are their own. These do not represent the views of Economic Times)
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