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'हर कोई चाहता है उसका नाम अखबारों में छपे', वक्फ कानून पर SC का कड़ा रुख; नई याचिकाएं की खारिज

Dainik Jagran - National - May 16, 2025 - 3:12pm

पीटीआई, नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने शुक्रवार को वक्फ (संशोधन) अधिनियम (Waqf Amendment Act), 2025 की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली कुछ नई याचिकाओं पर विचार करने से इनकार कर दिया और कहा कि हर कोई चाहता है कि उसका नाम अखबारों में छपे।

मुख्य न्यायाधीश बीआर गवई और न्यायमूर्ति ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की पीठ ने कहा कि वह 20 मई को आने वाले लंबित मामले पर फैसला करेगी। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट मामले में अंतरिम राहत के मुद्दे पर सुनवाई करेगा।

सॉलिसिटर जनरल ने जताई आपत्ति

दरअसल, शुक्रवार को एक और नई याचिका सुनवाई के लिए कोर्ट में आई, जिसके बाद केंद्र की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने इस पर आपत्ति जताई और कहा कि अधिनियम को चुनौती देने वाली याचिकाओं का 'अंतहीन' दायर होना संभव नहीं है।

हालांकि, याचिकाकर्ता की ओर से पेश वकील ने कहा कि उन्होंने 8 अप्रैल को याचिका दायर की थी और 15 अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट रजिस्ट्री द्वारा बताई गई खामियों को दूर कर दिया गया था, लेकिन उनकी याचिका को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध नहीं किया गया। आईए जानते हैं कोर्ट में अभी तक क्या-क्या हुआ...

कोर्ट ने नई याचिकाएं की खारिज
  • सीजेआई ने कहा, "हर कोई चाहता है कि उसका नाम अखबारों में आए।" जब वकील ने पीठ से आग्रह किया कि उनकी याचिका को लंबित याचिकाओं के साथ जोड़ा जाना चाहिए तो पीठ ने कहा, "हम इस मामले पर फैसला करेंगे।" इसके बाद पीठ ने इसे खारिज कर दिया।
  • जब इसी तरह की एक और याचिका सुनवाई के लिए आई तो पीठ ने कहा, "खारिज"। जब याचिकाकर्ता के वकील ने आग्रह किया कि उन्हें लंबित याचिकाओं में हस्तक्षेप करने की अनुमति दी जाए तो सीजेआई ने कहा, "हमारे पास पहले से ही बहुत सारे हस्तक्षेपकर्ता हैं।"
  • 17 अप्रैल को सर्वोच्च न्यायालय ने अपने समक्ष कुल याचिकाओं में से केवल पांच पर सुनवाई करने का निर्णय लिया।
  • अधिनियम को चुनौती देने वाली याचिकाएं 15 मई को मुख्य न्यायाधीश और न्यायमूर्ति मसीह की पीठ के समक्ष सुनवाई के लिए आईं।

याचिकाकर्ता द्वारा उठाए गए मुद्दे
  • पीठ ने कहा कि वह 20 मई को तीन मुद्दों पर अंतरिम निर्देश पारित करने के लिए दलीलें सुनेगी, जिसमें अदालतों द्वारा वक्फ, उपयोगकर्ता द्वारा वक्फ या विलेख द्वारा वक्फ घोषित संपत्तियों को गैर-अधिसूचित करने की शक्ति शामिल है।
  • याचिकाकर्ताओं द्वारा उठाया गया दूसरा मुद्दा राज्य वक्फ बोर्डों और केंद्रीय वक्फ परिषद की संरचना से संबंधित है, जहां उनका तर्क है कि पदेन सदस्यों को छोड़कर केवल मुसलमानों को ही काम करना चाहिए।
  • तीसरा मुद्दा एक प्रावधान से संबंधित है, जिसमें कहा गया है कि जब कलेक्टर यह पता लगाने के लिए जांच करता है कि संपत्ति सरकारी भूमि है या नहीं, तो वक्फ संपत्ति को वक्फ नहीं माना जाएगा।
  • 17 अप्रैल को केंद्र ने शीर्ष अदालत को आश्वासन दिया कि वह 5 मई तक उपयोगकर्ता द्वारा वक्फ सहित वक्फ संपत्तियों को न तो गैर-अधिसूचित करेगा न ही केंद्रीय वक्फ परिषद और बोर्डों में कोई नियुक्ति करेगा।
  • तुषार मेहता ने 15 मई को सर्वोच्च न्यायालय को बताया कि किसी भी मामले में केंद्र की ओर से यह आश्वासन दिया गया है कि उपयोगकर्ता द्वारा वक्फ द्वारा स्थापित संपत्तियों सहित किसी भी वक्फ संपत्ति को गैर-अधिसूचित नहीं किया जाएगा।
  • केंद्र ने केंद्रीय वक्फ परिषदों और बोर्डों में गैर-मुस्लिमों को शामिल करने की अनुमति देने वाले प्रावधान पर रोक लगाने के अलावा उपयोगकर्ता द्वारा वक्फ सहित वक्फ संपत्तियों की अधिसूचना रद करने के खिलाफ अंतरिम आदेश पारित करने के शीर्ष अदालत के प्रस्ताव का विरोध किया था।

बता दें, 25 अप्रैल को केंद्रीय अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय ने संशोधित वक्फ अधिनियम 2025 का बचाव करते हुए 1332 पन्नों का एक प्रारंभिक हलफनामा दायर किया और संसद द्वारा पारित संवैधानिकता के अनुमान वाले कानून पर अदालत द्वारा किसी भी सर्वव्यापी रोक का विरोध किया।

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'नाश्ता-पानी करने के बराबर टाइम लगा', PAK में 23 मिनट की एयर स्ट्राइक पर बोले राजनाथ, IMF पर भी दागे सवाल

Dainik Jagran - National - May 16, 2025 - 2:13pm

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ऑपरेशन सिंदूर के बाद गुजरात (Rajnath Singh Gujarat Visit) के भुज एअरबेस पहुंच चुके हैं। उन्होंने वहां जाकर जवानों से मुलाकात की। भुज एअरबेस से राजनाथ सिंह ने देश को संबोधित भी किया। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इस दौरान भारतीय सेना की सराहना भी की।

राजनाथ सिंह ने कहा, इस ऑपरेशन ने दुनिया को भारत की सैन्य ताकत का परिचय दिया और सीमा पार से पनप रहे आतंकवाद को रिकॉर्ड समय में कुचल दिया।

'जितनी देर में नाश्ता करते'

राजनाथ सिंह ने आगे अपने संबोधन में कहा, 'जितनी देर में नाश्ता पानी होता है, उतनी देर में आपने दुश्मनों को निपटा दिया।' रक्षा मंत्री ने महज 23 मिनट में अपना मिशन पूरा करने के लिए वायु योद्धाओं की सराहना की।

'ऑपरेशन सिंदूर ने पूरी दुनिया को चौंका दिया' 

राजनाथ सिंह ने कहा कि भारतीय वायुसेना को पाकिस्तान में पल रहे आतंकी ढांचे को ध्वस्त करने में सिर्फ 23 मिनट लगे। उन्होंने यह भी कहा कि इस ऑपरेशन ने पूरी दुनिया का ध्यान खींचा है। उन्होंने कहा, 'हमारे वायु योद्धाओं ने जो किया, उसने पूरी दुनिया को चौंका दिया है।'

#WATCH | Defence Minister Rajnath Singh with air warriors at Gujarat's Bhuj Air Base; Indian Air Force chief Air Chief Marshal Amar Preet Singh also present pic.twitter.com/J7lLhv85JI

— ANI (@ANI) May 16, 2025 पाकिस्तान की मदद पर सोचे IMF

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि IMF ने कर्ज में डूबे पाकिस्तान को 1 अरब डॉलर की सहायता राशि दी है, जिसका एक बड़ा हिस्सा आतंकी गतिविधियों को दोबारा शुरू करने में खर्च हो सकता है। ऐसे में IMF को पाकिस्तान को दी मदद को लेकर दोबारा विचार करना चाहिए।

#WATCH | Gujarat: Defence Minister Rajnath Singh says, "...Even Pakistan has accepted the power of BrahMos missile. There is an old saying in our country, "Din mein taare dekhna." Made in India BrahMos missile showed 'raat ke andhere mein din ka ujala' to Pakistan..."… pic.twitter.com/7iCwQ9X9fS

— ANI (@ANI) May 16, 2025

पाकिस्तान को जो मदद दी गई है, उसका ज्यादातर हिस्सा आतंकवादी गतिविधियों के ढांचे को बढ़ाने के लिए किया गया है। 

यह भी पढ़ें: Rajnath Singh:' अभी तो ट्रेलर दिखाया, जरूरत पड़ने पर पूरी फिल्म दिखाएंगे...', भुज एअरबेस से राजनाथ सिंह की पाक को कड़ी चेतावनी

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