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जगन मोहन रेड्डी के पूर्व सचिव शराब घोटाले में गिरफ्तार, आज मजिस्ट्रेट के सामने पेश किए जाने की संभावना
आइएएनएस, विजयवाड़ा। आंध्र प्रदेश में 3,200 करोड़ रुपये के कथित शराब घोटाले की जांच कर रही विशेष जांच टीम (एसआइटी) ने शुक्रवार को पूर्व मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी के पूर्व सचिव के. धनंजय रेड्डी और पूर्व ऑफिसर ऑन स्पेशल ड्यूटी (ओएसडी) कृष्ण मोहन रेड्डी को गिरफ्तार किया।
एसआइटी अधिकारियों ने पूछताछ के बाद किया गिरफ्तारएसआइटी अधिकारियों ने लगातार तीसरे दिन पूछताछ के बाद उन्हें गिरफ्तार किया। दोनों को शनिवार को मजिस्ट्रेट के सामने पेश किए जाने की संभावना है।
बालाजी गोविंदप्पा को मैसुरु में गिरफ्तार किया थाएसआइटी ने उन्हें उस समय गिरफ्तार किया जब सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें अग्रिम जमानत देने से इन्कार कर दिया। इससे पहले एसआइटी ने इस मामले में भारती सीमेंट प्राइवेट लिमिटेड के कार्यकारी निदेशक बालाजी गोविंदप्पा को मंगलवार को मैसुरु में गिरफ्तार किया था।
जलवायु परिवर्तन पर भारत ने वैश्विक मंच से विकसित देशों को फिर घेरा, प्रजातियों के संरक्षण को लेकर भी कही बड़ी बात
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। जलवायु परिवर्तन से निपटने के अपने लक्ष्यों को हासिल करने में तेजी से जुटे भारत ने विकसित देशों को पेरिस समझौते के तहत किए गए अपने वादों को पूरा न करने को लेकर एक बार फिर घेरा है।
विकासशील देशों को जलवायु परिवर्तन का बोझ सहना पड़ रहा हैकेंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने कहा कि भारत सहित पूरे दक्षिण एशिया में दुनिया की कुल आबादी का लगभग 25 प्रतिशत लोग रहते है जबकि कार्बन उत्सर्जन में हिस्सेदारी सिर्फ चार प्रतिशत है। बावजूद इसके विकासशील देशों को जलवायु परिवर्तन का बोझ असमान रूप से झेलना पड़ रहा है।
केंद्रीय मंत्री यादव शुक्रवार को हिमालय व अन्य पर्वतीय क्षेत्रों के इकोसिस्टम को संरक्षित करने के लिए नेपाल के काठमांडू में आयोजित पहले सागरमाथा संवाद को संबोधित कर रहे थे।
पेरिस समझौते पर कही ये बातउन्होंने कहा कि पेरिस समझौते के तहत विकसित देशों को जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों से निपटने के लिए विकासशील देशों को वित्तीय मदद देनी थी। इस समझौते के तहत शुरूआत में प्रतिवर्ष 100 बिलियन डॉलर देना था, बाद में इस राशि को 2035 तक बढ़ाकर 300 बिलियन डॉलर तक करना था।
इसके साथ ही तकनीकी और क्षमता निर्माण भी उन्हें मदद देनी थी। कांफ्रेंस आफ पार्टीज (कॉप) 29 में भी भारत ने इस मुद्दे को प्रमुखता से उठाया था। हालांकि अमेरिका जैसे विकसित देशों की ओर से पेरिस समझौते से पीछे हटने से इस पहल को बड़ा झटका लगा है। इस संवाद में भारत के साथ नेपाल और चीन ने भी प्रमुखता से हिस्सा लिया था।
हिमालयी प्रजातियों के संरक्षण के लिए करना होगा कामसंवाद में भारत ने हिमालय क्षेत्र के संरक्षण के लिए जैव विविधता पर जोर दिया। साथ सही हिमालयी देशों से इंटरनेशनल बिग कैट एलायंस से जुड़ने और सहयोग बढ़ाने की मांग की, ताकि हिम तेंदुआ, बाघ और तेंदुए जैसी प्रजातियों के संरक्षण के लिए मिल कर काम किया जा सके।
वैश्विक कार्रवाई को लेकर रूपरेखा तैयारसंवाद में यादव ने पर्वतीय क्षेत्रों की साझा चुनौतियों से निपटने के लिए वैश्विक कार्रवाई हेतु एक पांच सूत्रीय रूपरेखा भी प्रस्तुत की। जिसमें उन्नत वैज्ञानिक सहयोग, जलवायु अनुकूलन उपायों का निर्माण, पर्वतीय समुदायों को सशक्त बनाना, ग्रीन फाइसेंस मुहैया कराने व पर्वतीय परिप्रेक्ष्य का मान्यता देना शामिल है।
ब्रह्मोस मिसाइल को पाकिस्तान तो क्या चीन का डिफेंस सिस्टम भी नहीं रोक सकता: अमेरिकी रक्षा विशेषज्ञ
जेएनएन, नई दिल्ली। ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारत ने अपनी क्षमता प्रदर्शित की है कि वह पाकिस्तान में कहीं पर भी और कभी भी हमला कर सकता है। साथ ही भारत की बचाव की क्षमता भी ऐसी है कि वह पाकिस्तान के किसी भी हमले को रोक सकता है। इस दौरान एक प्रमुख बात और गौर करने वाली रही कि भारत की ब्रह्मोस मिसाइल को रोकने वाला डिफेंस सिस्टम पाकिस्तान और चीन के पास नहीं है।
भारत की सैन्य क्षमताओं के बारे में यह सटीक विश्लेषण अमेरिका के रक्षा मामलों के विशेषज्ञ कर्नल (रिटायर्ड) जॉन स्पेंसर का है। अर्बन वॉरफेयर एक्सपर्ट स्पेंसर ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर की चार दिनों की सैन्य गतिविधियों में भारतीय सेनाओं ने हमले और सुरक्षा के क्षेत्रों में श्रेष्ठता साबित की।
ब्रह्मोस मिसाइल ने पाक वायुसेना अड्डों को किया तबाहएक मीडिया हाउस से इंटरव्यू में स्पेंसर ने कहा कि ब्रह्मोस मिसाइलों ने 10 मई को पाकिस्तान के 11 वायुसेना अड्डों-ठिकानों पर हमला कर वहां तबाही मचाई। पाकिस्तान, चीन निर्मित एयर डिफेंस सिस्टम का इस्तेमाल करता है और वे सिस्टम भारत की ब्रह्मोस मिसाइलों को रोक नहीं पाए। चूंकि यही डिफेंस सिस्टम चीन की सेना भी इस्तेमाल करती है इसलिए भारत की ब्रह्मोस मिसाइलों को रोकने की क्षमता पाकिस्तान और चीन के पास नहीं है।
भारतीय वायुसेना ने साबित की श्रेष्ठतापता चला है कि ब्रह्मोस मिसाइल ने इस एअर डिफेंस सिस्टम को भी निशाना बनाया था। स्पेंसर ने कहा कि सात मई को पाकिस्तान के नौ ठिकानों पर हमले के दौरान भी भारतीय वायुसेना ने श्रेष्ठता साबित की। उसकी मिसाइलों को पाकिस्तानी डिफेंस रोक नहीं पाया और उन्होंने सटीक निशाना लगाकर अपने लक्ष्यों को बर्बाद किया। इस दौरान पाकिस्तानी एअर डिफेंस सिस्टम के सिग्नलों को जाम किए जाने की जानकारी भी सामने आई है।
आतंकी ठिकानों पर भारतीय सेना ने किया हमलाअमेरिकी सेना के पूर्व अधिकारी ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर के जरिये भारत ने आतंकवाद के खिलाफ अपने अभियान के लक्ष्यों को निर्धारित किया और उन्हें प्राप्त किया। भारत ने साफ कर दिया था कि उसका अभियान पाकिस्तानी सेना के खिलाफ नहीं है। लेकिन जब पाकिस्तानी सेना ने प्रतिरोध किया और भारत पर हमले किए, तब भारत ने उसे भी जवाब देकर अपनी उन्नत क्षमता दिखाई और पाकिस्तान की सैन्य खामियों को उजागर किया।
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माकपा नेता जी सुधाकरन के खिलाफ मामला दर्ज, डाक मतपत्र खोलने का लगा आरोप; चुनाव आयोग ने शुरू की जांच
पीटीआई, अलपुझा। माकपा के वरिष्ठ नेता जी सुधाकरन के खिलाफ शुक्रवार को जनप्रतिनिधित्व कानून और भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है। सुधाकरन ने हाल ही में दावा किया था कि 1989 के अलपुझा लोकसभा चुनाव के दौरान डाक मतपत्र खोले गए थे।
प्रसारित एक कथित वीडियो में यह टिप्पणी की गई है। वीडियो के सामने आने के बाद चुनाव आयोग ने जांच शुरू की और वरिष्ठ नेता का बयान गुरुवार को चुनाव आयोग के अधिकारियों ने दर्ज किया।
सुधाकरन ने खारिज किया आरोपइसके बाद, सुधाकरन ने गुरुवार को एक अन्य कार्यक्रम में दावा किया कि उन्होंने जो पहले कहा था, वह पूरी तरह सच नहीं था और उन्होंने अपनी ओर से इसमें कुछ और जोड़ा था। ऐसा कभी नहीं हुआ। कोई मतपेटी नहीं खोली गई और न ही कभी मतपत्रों से छेड़छाड़ की गई।
कहा कि मैंने कभी इस तरह के किसी कार्य में हिस्सा नहीं लिया और कोई फर्जी मतदान नहीं किया। फर्जी मतदान के लिए किसी को पैसे नहीं दिए। उस दिन मैंने जो कुछ कहा था, उसका उद्देश्य केवल ऐसी गतिविधियां करने वालों के लिए चेतावनी देना था और यह बताना था कि हम जानते हैं कि वे क्या कर रहे हैं।
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तुर्किये और अजरबैजान के साथ व्यापार का होगा बहिष्कार, व्यापारी प्रतिनिधियों ने दिल्ली बैठक में लिया संकल्प
जेएनएन, नई दिल्ली। ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तान के साथ खड़ा होने वाले तुर्किये और अजरबैजान का विरोध लगातार बढ़ रहा है। देशभर के 125 से अधिक प्रमुख व्यापारी नेताओं ने इन दोनों देशों के साथ व्यापार का पूरी तरह बहिष्कार करने का निर्णय लिया है। इस बहिष्कार में यात्रा और पर्यटन क्षेत्र भी शामिल होगा। व्यापारी नेताओं ने भारतीय फिल्म उद्योग से भी अपील की कि तुर्किये और अजरबैजान में शूटिंग न करें।
व्यापारी प्रतिनिधियों की बैठक तय हुए मुद्देशुक्रवार को नई दिल्ली में आयोजित व्यापारी प्रतिनिधियों की बैठक में तय किया गया कि दोनों देशों के साथ व्यावसायिक संबंधों की नीति पर पुनर्विचार के लिए केंद्र सरकार से भी अनुरोध किया जाएगा।
व्यापारिक समुदाय ने स्पष्ट किया है कि फिल्म उद्योग से अपील की गई है कि वे इन दोनों देशों में शूटिंग न करें। यदि ऐसा नहीं किया गया, तो व्यापार जगत और आम जनता ऐसी फिल्मों का बहिष्कार करेगी। सम्मेलन में निर्णय लिया गया कि कोई भी कॉर्पोरेट हाउस तुर्किये और अजरबैजान में अपने उत्पादों के प्रमोशन के लिए शूटिंग नहीं करेगा।
जिलास्तर पर तिरंगा यात्रा निकाली जाएगीआतंकियों और पाकिस्तान के खिलाफ सेना के शौर्य को सम्मानित करने के लिए जिलास्तर पर तिरंगा यात्रा निकालने और राष्ट्रीय रक्षा फंड में योगदान देने का निर्णय लिया गया है।
सम्मेलन में दिल्ली, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, महाराष्ट्र समेत 24 राज्यों से आए व्यापारी प्रतिनिधियों ने भाग लिया। ये प्रतिनिधि विभिन्न ट्रेड जैसे परिधान, किराना, ऑटोमोबाइल, मार्बल, आइटी, जूते-चप्पल, सूखे मेवे और ज्वेलरी का प्रतिनिधित्व करते हैं।
भारत की संप्रभुता और राष्ट्रीय हितों पर आघात किया गयासर्वसम्मति से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ एकजुटता जताते हुए उन ताकतों का सख्ती से विरोध करने का संकल्प लिया गया, जो भारत के खिलाफ खड़ी हैं। कैट (कान्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स) के राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल ने कहा कि यह अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है कि तुर्की और अजरबैजान ने भारत की सद्भावना का लाभ उठाया, लेकिन आज आतंकवाद को समर्थन दे रहे हैं। उनका यह रुख भारत की संप्रभुता और राष्ट्रीय हितों पर आघात है।
स्मृति ईरानी ने व्यापारियों की राष्ट्रसेवा भावना कीबताया कि जल्द ही सेना का अभिनंदन करने के लिए तिरंगा यात्रा निकाली जाएगी और राष्ट्रीय रक्षा फंड में भी आर्थिक सहयोग किया जाएगा। इस अवसर पर पूर्व केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने व्यापारियों की राष्ट्रसेवा भावना की सराहना की और कैट से राष्ट्रीय रक्षा कोष में स्वेच्छा से योगदान देने का आग्रह किया।
उन्होंने स्वयं पूर्व सांसद के नाते मिलने वाले पेंशन को कोष में समर्पित करने की घोषणा की। सम्मेलन को स्वदेशी जागरण मंच के सह संगठक सतीश कुमार व सह संयोजक अश्विनी महाजन ने भी संबोधित किया। व्यापारी प्रतिनिधियों ने ई-कामर्स व क्विक कामर्स से खुदरा व्यापार को चुनौतियां तथा उससे निपटने के उपायों पर भी चर्चा की।
तुर्किये के सेब पर प्रतिबंध की उठी मांगशिमला संवाददाता के अनुसार, हिमालयन एपल ग्रोअर्स सोसायटी के बैनर तले सेब उत्पादकों ने केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल से तुर्किये के सेब पर प्रतिबंध लगाने की मांग की है। उनका कहना है कि तुर्किये के सस्ते सेब के कारण देश के बागबानों को घाटा हो रहा है। तुर्किये से हर वर्ष एक लाख टन से अधिक सेब आयात होता है, जिससे स्थानीय बागबानों को नुकसान हो रहा है।
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