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US: Visa rules make students rethink travel

Business News - 3 hours 22 min ago
On summer break from a Ph.D. program, an international student at University of California, San Diego, was planning a trip with a few friends to Hawaii. But after seeing international students across the United States stripped of their legal status, the student decided against it. Any travel, even inside the US, just didn't seem worth the risk. "I probably am going to skip that to ... have as few interactions with governments as possible," said the student, who spoke on condition of anonymity out of fear of being targeted. International students weighing travel to see family, take a vacation or conduct research are thinking twice because of the Trump administration's crackdown, which has added to a sense of vulnerability. Even before students suddenly began losing permission to study in the US, some colleges were encouraging international students and faculty to postpone travel, citing government efforts to deport students involved in pro-Palestinian activism. As the scale of the status terminations emerged in recent weeks, more schools have cautioned against non-essential travel abroad for international students. University of California, Berkeley, for one, issued an advisory last week saying upcoming international travel was risky due to "strict vetting and enforcement." At least 1,220 students at 187 colleges, universities and university systems have had their visas revoked or legal status terminated since late March, according to an Associated Press review of university statements, correspondence with school officials and court records. The number of affected students appears far higher, though. At least 4,736 international students' visa records were terminated in a government database that maintains their legal status, according to an April 10 Immigration and Customs Enforcement response to inquiries from Congress. Suddenly at risk for deportation, some students went into hiding while others left the country on their own. Many of the students said they had only minor infractions on their records or didn't know why their records were removed. After federal judges raised due process concerns in several students' cases, the US government reversed the terminations but then issued new guidance expanding the reasons international students can lose their legal status in the future. Under the new policy, valid reasons for status termination include the revocation of the visas students used to enter the US. In the past, if a student's visa was revoked, they generally could stay in the US to finish school. They simply would not be able to re-enter if they left the country. The fast-evolving situation has left colleges struggling to advise students. A Michigan college employee who helps international students navigate the visa process said they are inquiring more than ever about summer travel. The employee, who spoke on condition of anonymity because he was not authorized to speak to the media, said he often has been unable to give sufficient answers. Last year, the U.S. hosted around 1.1 million international students, a source of essential tuition revenue at many schools. Advocates say that number is likely to shrink as the crackdown hurts America's appeal. Over the past few weeks, Rishi Oza's immigration law firm in North Carolina has received calls about travel risks almost daily from people of varied immigration status, including international students. "You kind of shake your head and say, 'Is this the character of the country we want?'" Oza said. "It just seems that it's a bit out of whack that people are fearful of leaving and whether they'll be able to come back." Students in the US with a visa need to decide if their travels are critical, Oza said. When attempting re-entry after leaving the country, they should bring immigration documents, school transcripts and even court documents if they were charged with a crime and the court dismissed the case. Ultimately, lawyers can't foretell what will happen at the airport, he said. The unpredictability has put one international student at the University of Illinois in distress. The student, who requested anonymity to avoid being targeted, has laid low since one of his classmates left the country after their legal status was terminated. The student's plan to travel to his home country in Asia this summer causes feelings of panic, but he has nowhere else to stay. He bought his plane ticket and is committed to the trip. His anxiety over what could happen when he returns, however, is still there. "Right now," he said, "I'm afraid I might not be able to come back."
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'बदला पूरा होने तक नहीं लूंगा कोई...', पहलगाम हमले के विरोध में केंद्रीय मंत्री सीआर पाटिल ने लिया प्रण

Dainik Jagran - National - 5 hours 8 min ago

सूरत, आईएएनएस। पहलगाम हमले के बाद सभी नजरें भारत-पाकिस्तान बॉर्डर पर है। कई बड़े नेता केंद्र सरकार से पाकिस्तान को करारा जवाब देने की मांग कर चुके हैं। वहीं अब केंद्रीय मंत्री सीआर पाटिल ने सूरत में एक कार्यक्रम के दौरान गुलदस्ता लेने से इनकार कर दिया। उनका कहना है कि जब तक पहलगाम हमले का बदला नहीं लिया जाएगा, तब तक स्वागत में दिए गए गुलदस्ते स्वीकार नहीं करेंगे।

केंद्रीय मंत्री और जल शक्ति मंत्री सीआर पाटिल शनिवार को गुजरात के सूरत में आयोजित इंवेस्टर्स कॉन्फ्रेंस में पहुंचे थे। इस दौरान जब उन्हें स्वागत में गुलदस्ता दिया जाने लगा तो उन्होंने इसे लेने से मना कर दिया। साथ ही उन्होंने कोई स्मृति चिन्ह भी स्वीकार नहीं किया।

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सीआर पाटिल का फैसला

केंद्रीय मंत्री के इस फैसले की घोषणा कार्यक्रम के आयोजकों ने की। उन्होंने मंच से इसका एलान करते हुए कहा कि "जल शक्ति मंत्री ने तय किया है कि जब तक पहलगाम हमले का बदला पूरा नहीं होगा वो स्वागत में गुलदस्ते और कोई भी स्मृति चिन्ह नहीं लेंगे।" यह सुनकर दर्शक भी जोर-जोर से तालियां बजाने लगे।

केंद्रीय मंत्री सीआर पाटिल ने कहा-

बदला पूरा होने तक कोई स्वागत नहीं होगा।

Surat, Gujarat: Union Jal Shakti Minister C.R. Patil refused to accept any honour at the Global Summit, stating he will not accept felicitation until India avenges the Pahalgam terror attack pic.twitter.com/Ns8ZrkZQ0V

— IANS (@ians_india) May 3, 2025 पहलगाम हमले पर दी थी प्रतिक्रिया

बता दें कि पहलगाम हमले के बाद भारत सरकार ने पाकिस्तान के साथ सिंधु जल समझौता रद कर दिया था। जिस पर प्रतिक्रिया देते हुए जल शक्ति मंत्री सीआर पाटिल ने कहा था कि भारत को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि पाकिस्तान को एक भी बूंद पानी न मिले।

सिंधु जल समझौता रद करने का समर्थन

एक्स पर पोस्ट शेयर करते हुए उन्होंने कहा था कि "सिंधु जल समझौते को लेकर मोदी सरकार का यह ऐतिहासिक फैसला पूरी तरह से सही और राष्ट्रीय हित में है। हम सुनिश्चित करेंगे कि पाकिस्तान में सिंधु नदी का 1 भी बूंद पानी न जाए।

ग्लोबल इंवेस्टर कॉन्फ्रेंस में लिया हिस्सा

बता दें कि गुजरात के सूरत में 7वीं ग्लोबल इंवेस्टर कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया गया है। इस कार्यक्रम का उद्देश्य भारत के विकासशील भविष्य के लिए उद्यमिता, निवेश और नवाचार जैसे मुद्दों को बढ़ावा देना है।

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मिजोरम में बांग्लादेशी मूल के दो अमेरिकी नागरिक गिरफ्तार, बना रहे थे खतरनाक प्लान

Dainik Jagran - National - 5 hours 18 min ago

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। मिज़ोरम की राजधानी आइजोल में शनिवार को एक बड़ी कार्रवाई के तहत दो बांग्लादेशी मूल के अमेरिकी नागरिकों को गिरफ्तार कर लिया गया। उन्हें मिज़ोरम के लेंगपुई हवाई अड्डे से पकड़ा गया और फिर राज्य से डिपोर्ट कर दिया गया।

खुफिया एजेंसियों को जानकारी मिली थी कि ये लोग मिज़ोरम में प्रतिबंधित उग्रवादी संगठन KNA/F के नेताओं से मिलने की योजना बना रहे थे।

2 मई को टूरिस्ट वीजा पर आए थे आइजोल

एनडीटीवी के मुताबिक, चार अमेरिकी नागरिकों के मिज़ोरम आने की जानकारी पहले से ही एजेंसियों को थी। ये सभी लोग 2 मई को टूरिस्ट वीजा पर आइजोल पहुंचे थे। इनमें से दो की पहचान 'चेकुन' और 'सैरोन' के रूप में हुई है, जबकि बाकी दो के नाम अभी सामने नहीं आए हैं।

आइजोल पहुंचने के बाद इन चारों की योजना थी कि वे KNA/F के नेताओं से मिलें, जिसमें संगठन के संस्थापक नाथन लॉनचो बाउम का नाम प्रमुख है। बाउम फिलहाल फरार हैं और उसका ठिकाना अज्ञात है।

कौन है नाथन लॉनचो बाउम और KNA/F?

नाथन लॉनचो बाउम 'कुकी-चिन नेशनल फ्रंट' (Kuki-Chin National Front - KNA/F) और उसकी सशस्त्र शाखा 'कुकी-चिन नेशनल आर्मी' (KNA) के संस्थापक हैं। यह संगठन बांग्लादेश के चटगांव हिल ट्रैक्ट्स इलाके में सक्रिय है और अलगाववादी गतिविधियों में लिप्त रहा है। KNA/F को लेकर भारतीय एजेंसियों की सतर्कता इसलिए भी बढ़ी है क्योंकि इस संगठन की गतिविधियां भारत-बांग्लादेश सीमा क्षेत्र में भी असर डाल रही हैं।

चारों अमेरिकी नागरिकों की योजना थी कि वे आइजोल से लॉन्गतलाई ज़िले की ओर बढ़ें और भारत-बांग्लादेश सीमा के पास स्थित बाउम समुदाय के शरणार्थी शिविरों का दौरा करें।

पहले भी निभा चुके हैं अहम भूमिका

एनडीटीवी के अनुसार, कम से कम दो बांग्लादेशी मूल के अमेरिकी नागरिक पहले भी KNA/F के गठन और विस्तार में सक्रिय भूमिका निभा चुके हैं। इन लोगों पर लंबे समय से संदेह था कि वे संगठन की गतिविधियों को आर्थिक और वैचारिक समर्थन दे रहे हैं।

KNA/F संगठन ने हाल के महीनों में अपने नाम को लेकर कई बार बदलाव किए हैं ताकि लोगों को भ्रमित किया जा सके। पहले यह ‘KNA/A’ नाम से सक्रिय था और अब ‘KNA/F’ के नाम से अपनी पहचान बना रहा है।

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Patna Bomb Blast: देर रात बम धमाकों से दहला पटना का बाकरगंज, एक बच्ची घायल

Dainik Jagran - 5 hours 43 min ago

जागरण संवाददाता, पटना। राजधानी पटना के पीरबहोर थाना क्षेत्र के बाकरगंज मोहल्ले की एक गली में शनिवार की देर रात एक-एक कर दो बम तेज आवाज के साथ विस्फोट कर गए। इससे इलाके में अफरातफरी मच गई। धमाके में एक बच्ची मामूली रूप से जख्मी हो गई, जिसे उपचार के लिए पीएमसीएच में भर्ती कराया गया है।

मौके पर पहुंची पुलिस

धमाके की सूचना पर कई थानों की पुलिस मौके पर पहुंच गई। घटनास्थल से स्प्लिंटर और बम विस्फोट के अवशेष बरामद किए गए हैं। टाउन सीडीपीओ -1 दीक्षा ने बताया कि बम के छींटे लगने से बच्ची जख्मी हुई है।

वह खतरे से बाहर है। बम की घातक क्षमता कम थी। इससे अनुमान लगाया जा रहा है कि धमाका इलाके में दहशत फैलाने के इरादे से किया गया था। आरोपित की पहचान के लिए सीसीटीवी फुटेज खंगाले जा रहे हैं।ट

शनिवार रात करीब 10 बजे हुए धमाके

बताया जाता है कि रात करीब दस बजे बाकरगंज इलेक्ट्रॉनिक मार्केट एवं इसके आसपास की दुकानें बंद हो रही थीं। ग्राहकों की भीड़ लगभग न के बराबर थी। दुकानदान प्रतिष्ठान बंद कर घर लौटने की तैयारी में थे। तभी तेज धमाका हुआ, जिससे सड़क पर भगदड़ मच गई।

बाकरगंज मोहल्ले में पसरा सन्नाटा

लोग जब तक कुछ समझ पाते कि तेज आवाज के साथ एक और धमाका हुआ। इसके बाद बाकरगंज मोहल्ले में कुछ पल के लिए सन्नाटा पसर गया। लगभग 15 मिनट तक इंतजार करने के बाद जब बाहर से किसी प्रकार की आहट नहीं मिली, तब दुकारदार उस ओर भागे, जिधर से धमाके की आवाज आई थी। इस बीच लोगों ने पुलिस को सूचना भी दी।

पुलिस ने बरामद किया बम बनाने में इस्तेमाल सामान

प्रत्यक्षदर्शियों की मानें तो माहौल शांत होने के बाद पुलिस गली में घुसने की हिम्मत जुटा पाई। घटनास्थल से सुतली, तीन का डिब्बा एवं बम बनाने में प्रयुक्त सामग्री बरामद हुई है। पुलिस की सूचना पर एफएसएल की टीम ने मौके से साक्ष्य एकत्र किए हैं।

सात वर्षीय बच्ची हुई घायल

छानबीन में मालूम हुआ कि एक सात वर्षीय बच्ची घर के दरवाजे के पास पिता के इंतजार में बैठी थी। धमाके की आवाज सुन कर वह सहम गई। इस दौरान एक स्प्लिंटर उसे जा लगा, जिससे वह चीखने लगी थी। जलन के कारण वह लगातार रो रही थी। स्थानीय लोग उसकी ओर दौड़े, मगर आरोपित फरार होने में कामयाब रहा।

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Bihar Weather Today: बिहार में आंधी-तूफान और बारिश से अभी नहीं मिलेगी निजात, मौसम विभाग ने जारी किया अलर्ट

Dainik Jagran - 6 hours 15 min ago

जागरण संवाददाता, पटना। Bihar Weather Today: प्रदेश के अधिसंख्य भागों के एक या दो स्थानों पर मेघ गर्जन, वज्रपात और 40-50 किमी प्रतिघंटा की रफ्तार से तेज हवा चलने को लेकर यलो अलर्ट जारी किया गया है। पटना व आसपास इलाकों में आंशिक बादल छाए रहने के साथ गरज-तड़क की संभावना है।

4 दिनों में तापमान में बदलाव की संभावना नहीं

मौसम विभाग के अनुसार, अगले चार दिनों के दौरान अधिकतम तापमान में विशेष परिवर्तन की संभावना नहीं है। इसके बाद तीन दिनों के दौरान अधिकतम तापमान में दो से चार डिग्री की वृद्धि के आसार हैं।

नालंदा में 28 किमी प्रतिघंटा की रफ्तार से चली हवाएं

शनिवार को नालंदा के राजगीर में 28 किमी प्रतिघंटा की रफ्तार से हवा दर्ज की गई। पटना सहित अधिसंख्य जिलों के अधिकतम तापमान में वृद्धि दर्ज की गई।

पटना के अधिकतम तापमान में 2.1 डिग्री सेल्सियस की वृद्धि के साथ 36.1 डिग्री सेल्सियस व 39.0 डिग्री सेल्सियस के साथ डेहरी में सर्वाधिक अधिकतम तापमान दर्ज किया गया। पटना सहित अधिसंख्य भागों का मौसम सामान्य बना रहा। आसपास इलाकों में आंशिक रूप से बादल छाए रहे।

प्रमुख शहरों के तापमान में वृद्धि

गया के अधिकतम तापमान में 2.8 डिग्री, औरंगाबाद में 1.9 डिग्री, डेहरी में 2.2 डिग्री, बक्सर में 1.7 डिग्री, भोजपुर में 1.5 डिग्री, वैशाली में 1.9 डिग्री, दरभंगा में 1.2 डिग्री, भागलपुर में 2.1 डिग्री, बांका में 2.2 डिग्री, किशनगंज में 1.8 डिग्री, गोपालगंज में 0.2 डिग्री सेल्सियस की वृद्धि दर्ज की गई।

प्रमुख शहरों का तापमान शहर अधिकतम (तापमान डिग्री सेल्सियस में)
न्यूनतम (तापमान डिग्री सेल्सियस में) पटना 36.1 26.3 गया 38.5 23.8 भागलपुर 36.1 24.0 मुजफ्फरपुर 34.0 25.1

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मणिपुर में मैतेयी और कुकी संघर्ष के दो वर्ष पूरे, हजारों विस्थापित अब भी घर वापसी के इंतजार में

Dainik Jagran - National - 6 hours 50 min ago

पीटीआई, इंफाल। मणिपुर में हिंसा के कारण विस्थापित हुए हजारों लोग अब भी घर वापसी के इंतजार में हैं। उन्हें राहत शिविरों में रहना पड़ रहा है। दो वर्ष पहले मणिपुर में हुए जातीय संघर्ष का विनाशकारी प्रभाव वे अभी भी महसूस कर रहे हैं।

70 हजार से अधिक लोग विस्थापित

गौरतलब है कि तीन मई 2023 को मैतेयी और कुकी-जो समुदाय में जातीय हिंसा भड़कने के बाद से 260 से अधिक लोग मारे गए, 1,500 घायल हुए और 70 हजार से अधिक लोग विस्थापित हुए हैं।

शनिवार को राज्यव्यापी बंद

वहीं मणिपुर में जातीय संघर्ष के दो वर्ष पूरे होने पर शनिवार को राज्यव्यापी बंद रखा गया। बंद से पूरे राज्य में जनजीवन ठप हो गया।

मैतेयी ग्रुप कार्डिनेटिंग कमेटी आन मणिपुर इंटीग्रिटी (सीओसीओएमआइ) ने घाटी के जिलों में बंद का आह्वान किया था, जबकि जोमी स्टूडेंट्स फेडरेशन (जेडएसएफ) और कुकी स्टूडेंट्स आर्गनाइजेशन (केएसओ) ने पहाड़ी जिलों में बंद रखा।

सार्वजनिक वाहन सड़कों से नदारद रहे

पूरे राज्य में बाजार बंद रहे, सार्वजनिक वाहन सड़कों से नदारद रहे और निजी कार्यालय बंद रहे। स्कूल, कालेज और अन्य संस्थान भी बंद कर दिए गए। प्रमुख स्थानों पर सुरक्षा बलों को भी तैनात किया गया।

इंफाल में सीओसीओएमआइ ने एक सम्मेलन में प्रस्ताव पारित कर शांति और सामान्य स्थिति बहाल करने के लिए केंद्र सरकार से तत्काल और समयबद्ध रोडमैप तैयार करने की मांग की, वहीं चूड़चंदपुर में, हजारों कुकी- जो समुदाय के लोग तुइबुओंग में ' वाल आफ रीमेंमेरेंस' पर एकत्रित हुए और अलग प्रशासन की मांग की।

कांग्रेस ने की मणिपुर में चुनाव कराने की मांग

कांग्रेस ने आरोप लगाया कि राष्ट्रपति शासन लागू होने के बावजूद राज्य में हालात सामान्य नहीं हुआ है। कांग्रेस के मणिपुर प्रभारी सप्तगिरि उलाका ने शनिवार को कहा, यह सबसे गंभीर मानवीय संकटों में से एक है। उन्होंने कहा, कांग्रेस चाहती है कि सरकार नए चुनाव की घोषणा करे ताकि मणिपुर में लोकप्रिय सरकार चुनी जा सके।

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NIA ने लिए तहव्वुर राणा की आवाज और लिखावट के नमूने, अदालत में बंद कमरे में लिखवाए गए अक्षर व अंक

Dainik Jagran - National - 6 hours 50 min ago

 जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। एनआइए ने शनिवार को 26/11 मुंबई आतंकी हमले में आरोपित मुख्य साजिशकर्ता तहव्वुर राणा की लिखावट के नमूने एकत्र किए। राणा को शनिवार को कड़ी सुरक्षा के बीच पटियाला हाउस स्थित प्रथम श्रेणी न्यायिक मजिस्ट्रेट वैभव कुमार के समक्ष पेश किया गया।

एनआइए ने राणा राणा से कई अक्षर और अंक लिखवाए

अदालत में बंद कमरे में चली कार्यवाही के दौरान एनआइए ने राणा राणा से कई अक्षर और अंक लिखवाए। वहीं, राणा की आवाज के नमूने एनआइए के दफ्तर में लिए गए।

राणा की ओर से पेश कानूनी सहायक अधिवक्ता पीयूष सचदेव ने कहा कि राणा ने आवाज और लिखावट के नमूने देने के लिए हाल में दिए गए अदालती आदेश का पालन किया है।

राणा की एनआइए हिरासत को भी 12 दिनों के लिए बढ़ा दिया

विशेष एनआइए न्यायाधीश चंदर जीत सिंह ने हाल ही में एनआइए को तहव्वुर राणा की आवाज और लिखावट के नमूने प्राप्त करने की अनुमति दी थी। बीते सोमवार को इसी अदालत ने राणा की एनआइए हिरासत को भी 12 दिनों के लिए बढ़ा दिया।

इससे पहले राणा की 10 अप्रैल को गिरफ्तारी के बाद अदालत ने उसे 18 दिन की एनआइए हिरासत में भेजा था। सुनवाई के दौरान एनआइए ने अदालत को बताया था कि 18 दिन की हिरासत के दौरान राणा को 26/11 मुंबई आतंकी हमलों से संबंधित पर्याप्त मात्रा में रिकार्ड और सुबूतों के साथ सामना कराया गया।

पूछताछ पूरी करने के लिए और हिरासत की आवश्यकता

एजेंसी ने तर्क दिया था कि उससे पूछताछ पूरी करने के लिए और हिरासत की आवश्यकता है। एनआइए ने तर्क दिया था कि राणा टालमटोल कर रहा है और जांच में सहयोग नहीं कर रहा। वहीं, राणा के अधिवक्ता ने रिमांड बढ़ाने का विरोध करते तर्क दिया कि अतिरिक्त हिरासत में पूछताछ अनुचित थी।

पाकिस्तानी मूल का है राणा

पाकिस्तानी मूल के 64 वर्षीय कनाडाई नागरिक व्यवसायी राणा को मुंबई में वर्ष 2008 के आतंकवादी हमले में उसकी भूमिका के संबंध में इस माह की शुरुआत में अमेरिका से प्रत्यर्पित किया गया था। उसके प्रत्यर्पण के बाद उसे नई दिल्ली में एनआइए की हिरासत में रखा गया, जहां जांचकर्ता हमलों के अपराधियों के साथ उसके संबंधों की जांच कर रहे हैं।

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Weather: दिल्ली-यूपी में भारी बारिश, बंगाल-उत्तराखंड समेत इन राज्यों में आंधी-तूफान का अलर्ट

Dainik Jagran - National - 6 hours 50 min ago

एएनआई, नई दिल्ली। दिल्ली यूपी में मई में माह से मौसम सुहाना हो गया है। भारतीय मौसम विभाग (आइएमडी) ने कई राज्यों में ओलावृष्टि, आंधी और बिजली गिरने की चेतावनी जारी की है। विभाग ने लोगों से सावधानी बरतने की अपील की है।

इन क्षेत्रों में ओलावृष्टि की भी आशंका

प्रभावित क्षेत्रों में राजस्थान, मध्य प्रदेश, विदर्भ (महाराष्ट्र), छत्तीसगढ़, झारखंड, ओडिशा, बिहार और बंगाल शामिल हैं। मौसम विभाग ने कहा कि इन क्षेत्रों में ओलावृष्टि की भी आशंका है।

50-60 किमी प्रति घंटे की गति से चलेंगी हवाएं

आइएमडी ने एक्स पर अपनी पोस्ट में कहा कि इसके अलावा असम, मेघालय, छत्तीसगढ़, मप्र, बंगाल, झारखंड, ओडिशा, कर्नाटक और उत्तराखंड के कुछ स्थानों पर 50-60 किमी प्रति घंटे की गति से तेज हवाएं चलने की भी आशंका है।

हिमाचल के लिए आरेंज अलर्ट जारी किया

वहीं हिमाचल, बंगाल और सिक्किम में कुछ स्थानों पर तेज हवाओं के साथ बारिश के आसार बन सकते हैं। विभाग ने देश की राजधानी के लिए यलो अलर्ट और हिमाचल के लिए आरेंज अलर्ट जारी किया है।

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देश में सिर्फ 13 प्रतिशत नेशनल हाईवे की ही इलेक्ट्रानिक निगरानी, साल दर साल बढ़ रहे सड़क हादसे

Dainik Jagran - National - 6 hours 51 min ago

 जितेंद्र शर्मा, नई दिल्ली। यह तथ्य कई बार सामने आ चुका है कि दुनिया में सर्वाधिक सड़क हादसे भारत में होते हैं और कड़वा सच यह भी है सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के तमाम दावे और वादों की पोल हर वर्ष बढ़ रही सड़क दुर्घटनाओं के आंकड़े खोल रहे हैं।

एडवांस ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम से दूर हाईवे

सुधार की दिशा में सुस्त चाल और वर्तमान स्थिति का अंदाजा इससे लगाया जा सकता है कि जिस एडवांस ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम को भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआइ) ने अपनी नीति में 2016 में शामिल किया था, उस एटीएमएस से अभी तक सिर्फ 13.68 प्रतिशत नेशनल हाईवे ही लैस हो सका है।

खामियां और प्रवर्तन की ढिलाई भी बड़ा कारण

तमाम प्रयासों के बावजूद देश में होने वाले सड़क हादसे और असुविधाजनक यातायात के पीछे कई कारण हैं। निस्संदेह वाहन चालक यातायात नियमों के प्रति जागरूक नहीं हैं या कहें कि बेपरवाह हैं। इसके साथ ही रोड इन्फ्रास्ट्रक्चर में खामियां और प्रवर्तन की ढिलाई भी बड़ा कारण है।

ऐसी तमाम समस्याओं के समाधान के उद्देश्य से ही एडवांस ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम के माध्यम से नेशनल हाईवे की इलेक्ट्रानिक निगरानी को विशेषज्ञों ने आवश्यक माना। इसे देखते हुए एनएचएआइ की नीति में वर्ष 2016 में इसे शामिल करते हुए देश के सभी राष्ट्रीय राजमार्गों को एटीएमएस से लैस करने का निर्णय लिया गया।

नई तकनीक के कैमरे लगाने का भी निर्णय लिया गया

फिर 2023 में वर्तमान चुनौतियों और आवश्यकताओं को देखते हुए नीति को अद्यतन करते हुए इसमें नई तकनीक के कैमरे लगाने का भी निर्णय लिया गया। मंत्रालय दावा कर रहा है कि चरणवार तरीके से सभी नेशनल हाईवे पर इस प्रणाली को लागू करने के लिए काम किया जा रहा है। मगर, इतने वर्षों में मंत्रालय सुधार के लिए कैसी कछुआ चाल से चला है, यह खुद मंत्रालय के आंकड़े बयां करते हैं।

नेशनल हाईवे की कुल लंबाई करीब 146195 किलोमीटर

दरअसल, देश में नेशनल हाईवे की कुल लंबाई करीब 146195 किलोमीटर है। इसमें से एटीएमएस के माध्यम से इलेक्ट्रानिक निगरानी मात्र 20 हजार किलोमीटर की हो रही है।

विशेषज्ञ मानते हैं कि यदि सभी हाईवे इस तकनीक से लैस कर दिए जाएं तो यातायात को सुगम बनाने और सड़क हादसों पर कुछ अंकुश लगाने में मदद मिल सकती है। दरअसल, एटीएमएस ऐसी प्रणाली है, जो यातायात की निगरानी और नियंत्रण के लिए विभिन्न तकनीकों का उपयोग करती है।

एटीएमएस प्रणाली के सकारात्मक परिणाम आए

यह यातायात प्रवाह में सुधार, सुरक्षा में वृद्धि और भीड़भाड़ को कम करने में सहायक होती है। सरकार खुद भी दावा कर चुकी है कि बंगलुरू-मैसूर एक्सप्रेसवे पर एटीएमएस प्रणाली के सकारात्मक परिणाम आए हैं। वहां अप्रत्याशित रूप से सड़क हादसों में कमी देखी गई है।

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