Feed aggregator
PM Modi: BIMSTEC शिखर सम्मेलन में शामिल होने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी थाइलैंड रवाना
एएनआई, नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी बिम्सटेक शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए बैंकॉक रवाना हो गए हैं। वह थाई प्रधानमंत्री के साथ द्विपक्षीय वार्ता करेंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी थाईलैंड के प्रधानमंत्री पैटोंगटार्न शिनावात्रा के निमंत्रण पर थाईलैंड की दो दिवसीय यात्रा पर हैं।
प्रधानमंत्री की थाईलैंड की तीसरी यात्रा होगीप्रधानमंत्री मोदी 4 अप्रैल 2025 को आयोजित होने वाले 6वें बिम्सटेक शिखर सम्मेलन में भाग लेंगे। यह प्रधानमंत्री की थाईलैंड की तीसरी यात्रा होगी।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने ट्वीट किया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी थाईलैंड और श्रीलंका की यात्रा पर रवाना हुए। प्रधानमंत्री थाईलैंड की आधिकारिक यात्रा करेंगे और 6वें बिम्सटेक शिखर सम्मेलन में भाग लेंगे। इसके बाद, वे श्रीलंका की राजकीय यात्रा पर जाएंगे।
पीएम मोदी ने एक्स पर पोस्ट कर दी जानकारीप्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट किया कि अगले तीन दिनों में मैं थाईलैंड और श्रीलंका का दौरा करूंगा, जहां मैं इन देशों और बिम्सटेक देशों के साथ भारत के सहयोग को बढ़ावा देने के उद्देश्य से विभिन्न कार्यक्रमों में भाग लूंगा। आज बाद में बैंकॉक में मैं प्रधानमंत्री पैतोंगतार्न शिनावात्रा से मिलूंगा और भारत-थाईलैंड मैत्री के सभी पहलुओं पर चर्चा करूंगा। कल मैं बिम्सटेक शिखर सम्मेलन में भाग लूंगा और थाईलैंड के राजा महा वजीरालोंगकोर्न से भी मुलाकात करूंगा।"
पीएम मोदी ने श्रीलंका यात्रा के बारे में भी जानकारी दीइसके साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट किया कि मेरी श्रीलंका यात्रा 4 से 6 तारीख तक होगी। यह यात्रा राष्ट्रपति अनुरा कुमारा दिसानायके की भारत की सफल यात्रा के बाद हो रही है। हम बहुआयामी भारत-श्रीलंका मैत्री की समीक्षा करेंगे और सहयोग के नए अवसरों पर चर्चा करेंगे। मैं वहां होने वाली विभिन्न बैठकों का बेसब्री से इंतजार कर रहा हूं।
Bihar Weather Today: बिहार में फिर बदलेगा मौसम, गोपालगंज सहित 4 जिलों में बारिश का यलो अलर्ट
जागरण संवाददाता, पटना। Bihar Weather Today: पछुआ के कारण प्रदेश का मौसम शुष्क व सामान्य बना रहेगा। मौसम विज्ञान केंद्र पटना के अनुसार प्रदेश के चार जिलों के गोपालगंज, बक्सर, कैमूर, रोहतास जिले के कुछ स्थानों पर गरज-तड़क के साथ हल्की वर्षा की संभावना है। इन जगहों पर 30-40 किमी प्रतिघंटा की गति से हवा चलने को लेकर यलो अलर्ट जारी किया गया है।
पटना में छाए रहेंगे बादलपटना सहित आसपास इलाकों में आंशिक रूप से बादल छाए रहने के साथ कुछ जगहों पर बूंदाबांदी की संभावना है। 72 घंटों के दौरान अधिकतम तापमान में विशेष परिवर्तन की संभावना नहीं है। अगले 48 घंटों के दौरान प्रदेश के न्यूनतम तापमान में एक से तीन डिग्री की वृद्धि की संभावना है।
खगड़िया और गोपालगंज रहा सबसे ज्यादा गर्मबुधवार को राजधानी व आसपास इलाकों में आंशिक रूप से बादल छाए रहने के साथ मौसम सामान्य बना रहा। राजधानी के अधिकतम तापमान में बुधवार को सामान्य से 1.4 डिग्री सेल्सियस की गिरावट दर्ज की गई।
पटना का अधिकतम तापमान 34.7 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जबकि 37.5 डिग्री सेल्सियस के साथ खगड़िया व गोपालगंज में प्रदेश का सर्वाधिक अधिकतम तापमान दर्ज किया गया।
अधिकतम तापमान में इजाफाप्रदेश का अधिकतम तापमान 33.6 डिग्री सेल्सियस से 38.9 डिग्री सेल्सियस के बीच बना रहा। अनेक स्थानों के अधिकतम तापमान में सामान्य से एक से दो डिग्री सेल्सियस की वृद्धि दर्ज की गई। भोजपुर में तेज हवा का प्रभाव बना रहा। पटना व आसपास इलाकों में आंशिक रूप से बादल छाए रहने के कारण मौसम सामान्य बना रहा।
प्रमुख शहरों का तापमान शहरअधिकतम (तापमान डिग्री सेल्सियस में)
न्यूनतम (तापमान डिग्री सेल्सियस में) पटना 34.7 21.2 गया 37.0 21.0 भागलपुर 36.6 19.2 मुजफ्फरपुर 34.7 19.0 सिवान : आसमान में बादल देख किसानों में छाई मायूसी
अप्रैल महीने की शुरुआत होते की मौसम में बदलाव दिखने लगा है, दिन का अधिकतम तापमान 37 डिग्री के पार पहुंच चुका है। साथ ही आसमान में बादल घिरे देख किसानों के चेहरे पर घबराहट स्पष्ट दिखाई देने लगी है, क्योंकि गेंहू कटनी शुरू हो चुकी है।
किसानों की मानें तो अक्सर इस मौसम में देखा जाता है कि वर्षा के साथ ओलावृष्टि भी होती है। ऐसे में ओलावृष्टि होती है तो गेहूं की फसलों का काफी नुकसान हो जाएगा।
इसके साथ परवल, करेला, भिंडी, लौकी, तरबूज, खीरा, ककड़ी जैसे नकदी फसल भी काफी प्रभावित होंगे। ऐसे में हरी साग-सब्जियों का दाम आसमान छूने लगेगा। मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार तीन अप्रैल तक तापमान में गिरावट के साथ आसमान में बादल छाए रहने की अनुमान है।
ये भी पढ़ें
Bihar Weather: बिहार में अगले 3 महीने 'लू' चलेगी, बारिश को लेकर IMD का अनुमान बढ़ा रहा टेंशन
Delhi Weather: दिल्ली में आज से बदलेगा मौसम का मिजाज, अगले छह दिन में कितना चढ़ेगा पारा?
गृहमंत्री ने विपक्ष के तर्कों को किया धराशायी, बोले- 'वक्फ में अब नहीं चलेगी चोरी, सभी को मानना पड़ेगा कानून'
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। गृह मंत्री अमित शाह ने वक्फ संशोधन विधेयक के खिलाफ विपक्ष के आरोपों की धज्जियां उड़ा दी। वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन में भारी गड़बड़ी का ब्योरा देते हुए शाह ने साफ कर दिया कि अब यह चोरी नहीं चलेगी। संशोधित वक्फ कानूनों को नहीं मानने का एलान करने वालों को कड़ी चेतावनी देते हुए शाह ने कहा कि यह देश की संसद द्वारा बनाया गया भारत का कानून है। इसे सभी को मानना ही पड़ेगा।
अमित शाह बोले- पहले करते तो आज नहीं होती जरूरतशाह ने बताया कि 2013 के वक्फ कानूनों को अति कठोर बनाने का किस तरह से दुरुपयोग किया गया। यदि तुष्टीकरण के लिए कांग्रेस ने 2013 में वक्फ कानूनों को अति कठोर नहीं बनाया होता, तो आज संशोधन लाने की जरूरत ही नहीं पड़ती।
लोकसभा में वक्फ संशोधन विधेयक पर चर्चा में हिस्सा लेते हुए अमित शाह ने 2013 में लाए गए संशोधन विधेयक पर राजद प्रमुख लालू यादव समेत अन्य सदस्यों द्वारा उठाए गए मुद्दे का हवाला दिया। लालू यादव के भाषण का अंश पढ़ते हुए उन्होंने बताया कि किस तरह से संशोधन विधेयक का समर्थन करने के बावजूद उन्होंने वक्फ संपत्तियों में भारी लूट का मुद्दा उठाया था। ऐसा करने वालों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए कड़े कानून की जररूत बताई थी।
लालू यादव की इच्छा अब मोदी सरकार पूरी कर रही है- शाहशाह ने कहा कि लालू यादव की इच्छा अब मोदी सरकार पूरी कर रही है। वक्फ की एक संपत्ति पर पांच सितारा होटल बना दिया गया और उसका किराया महज 12 हजार रुपये महीना लिया जा रहा है।
शाह ने कहा कि नए संशोधनों के बाद वक्फ कानून इन संपत्तियों को बेचने वालों, उनका किराया खाने वालों को पकड़ने का काम करेगा। उन्होंने विपक्ष पर हमला करते हुए कहा कि आपने वोट बैंक के लिए संशोधन किया था और अब हम इसे खारिज कर रहे हैं।
वक्फ बोर्ड 1995 में पहली बार अस्तित्व में आएगृह मंत्री ने कहा कि वक्फ परिषद और वक्फ बोर्डों में गैर-मुस्लिमों को शामिल करने का उद्देश्य केवल संपत्तियों का प्रशासन सुनिश्चित करना है। वक्फ बोर्ड या इसके परिसरों में जिन गैर मुस्लिम सदस्यों को रखा जाएगा, उनका काम धार्मिक क्रियाकलापों से संबंधित नहीं होगा।
वक्फ परिषद और वक्फ बोर्ड 1995 में पहली बार अस्तित्व में आए और नए संशोधनों में भी उन्हें बनाए रखा गया है। सरकार ने सिर्फ उन्हें पारदर्शी और जवाबदेह बनाने का काम किया है। चैरिटी कमिश्नर के गैर मुस्लिम होने के आरोप को हास्यास्पद बताते हुए उन्होंने कहा कि यह प्रशासनिक पद है, जो सभी धर्मों के ट्रस्टों की देखरेख करता है।
अधिकार का दुरुपयोग किया गयाउन्होंने कहा कि सभी धर्मों के लिए अलग-अलग चैरिटी कमिश्नर नहीं हो सकता है। यह एक विभाजनकारी सोच है। अमित शाह ने बताया कि किस तरह से 2013 के संशोधन में वक्फ बोर्डों और वक्फ परिषद को दिए गए अत्यधिक अधिकार का दुरुपयोग किया गया है।
मंदिरों, गांवों और सरकारी संपत्तियों को वक्फ की घोषित करने के मामलेउन्होंने कर्नाटक, केरल, तमिलनाडु, हिमाचल प्रदेश, उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों में मंदिरों, गांवों और सरकारी संपत्तियों को वक्फ घोषित किए जाने का हवाला दिया और ऐसे आदेशों के खिलाफ अदालत में अपील रोकने के प्रविधान को संविधान के खिलाफ बताया।
देश में 18 लाख एकड़ जमीन वक्फ के पासउन्होंने कहा कि 1913-2013 के बीच देश में 18 लाख एकड़ जमीन वक्फ के पास थी, जो पिछले 12 वर्षों में बढ़कर 39 लाख एकड़ हो गई। विदेश पढ़ाई करने जाने वाले या दूसरे शहर में काम करने वालों की संपत्ति पीछे से वक्फ के नाम पर करने के मामले भी सामने आए हैं।
वक्फ बोर्ड के मनमाने तरीके पर रोक- अमित शाहशाह ने कहा कि वक्फ बोर्ड और वक्फ परिषद द्वारा मनमाने तरीके से किसी भी जमीन को वक्फ घोषित करने पर रोक लगा दी गई है और अब इसके लिए कलक्टर का सर्टिफिकेट लेना अनिवार्य होगा। उन्होंने साफ किया कि वक्फ एक दान है, जो सिर्फ अपनी संपत्ति का किया जा सकता है। दूसरे की संपत्ति को कोई कैसे दान कर सकता है। मध्यकालीन शासकों द्वारा किए गए वक्फ के दावे की पुष्टि के लिए पुख्ता प्रमाण उपलब्ध कराने होंगे।
यह भी पढ़ें- लोकसभा ने वक्फ विधेयक को दी मंजूरी, खूब हुई सरकार-विपक्ष के बीच गरमागरम बहस
Waqf Bill: सरकार-विपक्ष के बीच देर रात तक चली बहस के बाद लोकसभा ने वक्फ विधेयक को दी मंजूरी; आज राज्यसभा में पेश होगा
अरविंद शर्मा, जागरण, नई दिल्ली। सरकार और विपक्ष के बीच गरमागरम बहस के बाद वक्फ संशोधन विधेयक बुधवार को लोकसभा से पारित हो गया। विधेयक के समर्थन में 288 और विरोध में 232 वोट पड़े। विधेयक पारित करने के लिए सदन आधी रात के बाद भी बैठा रहा। एआइएमआइएम अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने इस कानून को मुसलमानों पर हमला बताते हुए विधेयक की प्रति फाड़ दी।
सरकार ने मुस्लिमों को आश्वस्त कियाविपक्ष द्वारा विधेयक को संविधान के मूल ढांचे के खिलाफ बताए जाने सहित सरकार ने एक-एक आपत्तियों का जवाब दिया और आशंकाएं दूर की। सरकार ने मुस्लिमों को आश्वस्त किया कि यह बिल उनकी मस्जिद एवं दरगाह छीनने और धार्मिक मामलों में हस्तक्षेप के लिए नहीं है, बल्कि संपत्तियों के नियमन और प्रबंधन के लिए लाया गया है।
नया कानून अधिसूचना निकलने के दिन से ही प्रभावी होगानया कानून अधिसूचना निकलने के दिन से ही प्रभावी होगा। वक्फ संशोधन विधेयक को असंवैधानिक कहने के लिए विपक्षी दलों की आलोचना करते हुए अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरेन रिजीजू ने कहा कि वक्फ संपत्ति से संबंधित कानून दशकों से अस्तित्व में है। अदालतों द्वारा इसे रद नहीं किया गया है और ऐसे शब्दों का इस्तेमाल हल्के में नहीं किया जाना चाहिए। कहा कि दुनिया में अल्पसंख्यकों के लिए भारत से ज्यादा सुरक्षित कोई देश नहीं है।
केसी वेणुगोपाल, असदुद्दीन ओवैसी ने संशोधन पेश कियाविधेयक पर विपक्ष की ओर से गौरव गोगोई, केसी वेणुगोपाल, असदुद्दीन ओवैसी और अरविंद सावंत ने संशोधन पेश किया, जिसे सदन ने खारिज कर दिया। वहीं, रिजीजू के संशोधन को स्वीकार कर लिया। अब इस विधेयक को राज्यसभा में पेश किया जाएगा।
विपक्षी दलों के स्वर थोड़े बदले-बदले से थेविधेयक पर चर्चा के दौरान लोकसभा में जदयू, तेदेपा एवं लोजपा (आर) समेत राजग के समस्त सहयोगी दल पूरी तरह एकजुट दिखे, जबकि पहले से कड़े प्रतिरोध का दावा करते आ रहे विपक्षी दलों के स्वर थोड़े बदले-बदले से थे। कांग्रेस एवं समाजवादी पार्टी समेत कई दलों को विधेयक से नहीं, बल्कि संशोधन के कुछ बिंदुओं पर आपत्ति थी। हालांकि दोनों खेमों ने अपने-अपने सदस्यों को सदन में मौजूद रहने के लिए व्हिप जारी किया था।
बहस पर चर्चा का समय पहले आठ घंटा निर्धारित था। इसे पहले दो घंटे और फिर डेढ़ घंटे के लिए बढ़ाया गया। लोकसभा में लगभग 12 घंटे तक चली मैराथन बहस का जवाब देते हुए रिजीजू ने कहा कि विधेयक पारित होने के बाद गरीब मुसलमान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को धन्यवाद देंगे।
विपक्षी सदस्यों ने विधेयक को मुस्लिम विरोधी बतायारिजीजू ने विपक्षी सदस्यों द्वारा विधेयक को मुस्लिम विरोधी बताए जाने को खारिज कर दिया और कहा कि गृह मंत्री अमित शाह द्वारा सभी मुद्दों पर अच्छी तरह से स्पष्टीकरण दिए जाने के बावजूद कुछ सदस्य सच को स्वीकार करने के लिए तैयार नहीं हैं। कुछ नेता कह रहे हैं कि विधेयक असंवैधानिक है। मैं उनसे पूछना चाहता हूं कि वे कैसे कह सकते हैं कि विधेयक असंवैधानिक है। अगर यह असंवैधानिक था, तो अदालत ने इसे रद क्यों नहीं किया?
असदुद्दीन ओवैसी ने विभिन्न मुद्दे उठाएरिजीजू ने कहा कि एआइएमआइएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने विभिन्न मुद्दे उठाए और आरोप लगाया कि वक्फ में मुसलमानों के बच्चों के लिए प्रविधान किया जा रहा है। हिंदुओं के लिए कोई प्रविधान क्यों नहीं किया जा रहा है? मैं उन्हें बताना चाहता हूं कि हिंदुओं के लिए पहले से ही प्रविधान है। इस पर दूसरा कानून बनाने की कोई जरूरत नहीं है। इससे पहले रिजीजू ने लोकसभा में विधेयक पेश करते हुए इसे उम्मीद (यूनीफाइड वक्फ मैनेजमेंट इंपावरमेंट, इफिशिएंसी एंड डेवलपमेंट) नाम दिया।
वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन के लिए बिल लाने को जरूरी बताते हुए रिजीजू ने कहा कि अगर ऐसा नहीं करते तो जिस इमारत (संसद भवन) में हम बैठे हैं, उस पर भी वक्फ दावा कर सकता था, क्योंकि 2014 में लोकसभा चुनाव से पहले तत्कालीन सरकार ने दिल्ली की 123 संपत्तियां वक्फ को दे दी थीं। अगर केंद्र में नरेन्द्र मोदी की सरकार नहीं बनती तो कई अन्य संपत्तियों पर वक्फ का कब्जा हो सकता था।
वोट के लिए 70 वर्षों से मुस्लिमों को गुमराह किया जा रहा है- सरकाररिजीजू ने उस भ्रम को भी स्पष्ट किया, जिसमें कहा जाता है कि रेल और सेना के बाद वक्फ के पास सबसे ज्यादा जमीन है। कहा कि रेल और सेना की जमीन देश की है, किंतु वक्फ की संपत्ति निजी है। वोट के लिए 70 वर्षों से मुस्लिमों को गुमराह किया जा रहा है।
सच्चर कमेटी की रिपोर्ट का हवाला देते हुए रिजीजू ने कहा कि 2006 में देश में 4.9 लाख वक्फ संपत्तियां थीं, जिनकी कुल आय 163 करोड़ थी। अभी 8.72 लाख संपत्तियां हैं, लेकिन आमदनी सिर्फ तीन करोड़ ही बढ़ी है। उचित इस्तेमाल से वक्फ की आमदनी बढ़ेगी, जिससे मुस्लिमों को फायदा होगा। अभी तक वक्फ बोर्ड किसी भी जमीन को अपना बता देता था। अब ऐसा नहीं होगा।
सरकार ने कांग्रेस के उपनेता गौरव गोगोई की उस आपत्ति को खारिज कर दिया, जिसमें उन्होंने आरोप लगाया था कि गैर सरकारी संस्थाओं से सुझाव नहीं लिए गए और विपक्ष के एक भी संशोधन प्रस्ताव को स्वीकार नहीं किया गया।
गोगोई ने सरकार पर लगाए आरोपगोगोई ने आरोप लगाया कि यह विधेयक संविधान के मूल ढांचे पर हमला करने, अल्पसंख्यकों को बदनाम करने, उन्हें मताधिकार से वंचित करने और समाज को विभाजित करने का प्रयास है। इस पर अमित शाह ने कहा कि संप्रग सरकार ने 2013 में सिर्फ चार घंटे की चर्चा के बाद वक्फ विधेयक को पास कर दिया था, लेकिन इस बार संयुक्त संसदीय समिति में 113 घंटे की चर्चा एवं 92 लाख से ज्यादा सुझावों पर विचार के बाद कानून बनाया जा रहा है।
वक्फ में एक भी गैर-मुस्लिम सदस्य नहीं होगा- सरकारवक्फ कानून में संशोधन के नाम पर धार्मिक हस्तक्षेप के आरोपों को खारिज करते हुए सरकार ने स्पष्ट किया कि वक्फ में एक भी गैर-मुस्लिम सदस्य नहीं होगा। सिर्फ वक्फ परिषद एवं वक्फ बोर्ड में गैर-मुस्लिम होंगे, जिनका काम धार्मिक हस्तक्षेप का नहीं होगा, बल्कि उन संपत्तियों के प्रबंधन का होगा जो दान में मिली है। वह देखेगा कि संपत्तियों का सदुपयोग हो रहा है या नहीं। वक्फ में महिलाएं और शिया-सुन्नी की भागीदारी बढ़ेगी और पिछड़ों का प्रतिनिधित्व होगा।
यह भी पढ़ें- ओवैसी ने फाड़ी वक्फ संशोधन बिल की कॉपी, बोले- यह असंवैधानिक है; देखें वीडियो
Waqf Bill: वक्फ बिल को कोर्ट में चुनौती देगा मुस्लिम पर्सनल ला बोर्ड, बोला- सड़कों पर करेंगे विरोध
पीटीआई, नई दिल्ली। ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल ला बोर्ड (एआइएमपीएलबी) ने कहा है कि वह वक्फ (संशोधन) विधेयक को अदालत में चुनौती देगा और समुदाय के अधिकारों को खतरे में डालने वाले इस काले कानून के विरुद्ध लड़ाई को सड़कों पर लेकर जाएगा।
प्रस्तावित कानून की आलोचना कीप्रेस कान्फ्रेंस में प्रस्तावित कानून की आलोचना करते हुए बोर्ड के सदस्य मोहम्मद अदीब ने दावा किया कि यह मुस्लिम समुदाय की संपत्तियों को जब्त करने का प्रयास है। उन्होंने कहा, उन्होंने इसे इस सोच से शुरू किया है कि वे हमारी संपत्ति छीन सकते हैं। क्या इसे स्वीकार किया जा सकता है? यह मत सोचिए कि हम पराजित हो गए हैं।
कानून भारत के ताने-बाने को खतरे में डालता हैउन्होंने कहा कि यह तो शुरुआत है। संयुक्त संसदीय समिति में विचार-विमर्श के दौरान बिल का विरोध किया गया। यह देश को बचाने की लड़ाई है क्योंकि प्रस्तावित कानून भारत के ताने-बाने को खतरे में डालता है।
बिल को वापस लेने तक बोर्ड चैन से नहीं बैठेगाअदीब ने सभी जागरूक नागरिकों से अनुरोध किया कि वे बिल का विरोध करें और इसका कानूनी एवं सार्वजनिक प्रदर्शन के जरिये विरोध करने की बोर्ड की प्रतिबद्धता को दोहराया। साथ ही कहा कि बिल को वापस लेने तक बोर्ड चैन से नहीं बैठेगा।
विपक्ष ने वक्फ संशोधन बिल को बताया संविधान पर हमलावक्फ संशोधन बिल के कई प्रविधानों का विरोध करते हुए विपक्षी गठबंधन आइएनडीआइए ने लोकसभा में सरकार के खिलाफ एकजुट होकर आवाज उठाई। इस विधेयक को नया नाम ''उम्मीद'' (यूनिफाइड वक्फ मैनेजमेंट इंपावरमेंट, एफिशिएंसी एंड डेवलपमेंट एक्ट) देने पर विपक्षी दलों ने इसे अल्पसंख्यक मुस्लिम समाज के धार्मिक मामलों में हस्तक्षेप करार दिया और कहा कि यह सीधे-सीधे संविधान पर आक्रमण है।
आइएनडीआइए गठबंधन की ओर से सबसे पहले हमले का मोर्चा खोलते हुए मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस के उपनेता गौरव गोगोई ने भाजपा पर आरोप लगाया कि वह संविधान को कमजोर करने, अल्पसंख्यकों को बदनाम करने और उनके अधिकारों से वंचित करने के उद्देश्य से यह बिल लेकर आई है।
भारत की धर्मनिरपेक्ष छवि को नुकसान पहुंचाएगा- अखिलेशउन्होंने कहा कि यह विधेयक समाज को विभाजित कर भाईचारा खत्म करने का प्रयास है। समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा कि भाजपा का यह वक्फ विधेयक विभाजनकारी एजेंडे का हिस्सा है, जो भारत की धर्मनिरपेक्ष छवि को नुकसान पहुंचाएगा।
यह भी पढ़ें- लोकसभा से वक्फ संशोधन विधेयक पास, समर्थन में 288 और विरोध में 232 वोट पड़े
लोकोमोटिव निर्माण में यूरोप और अमेरिका को पछाड़ शीर्ष पर पहुंचा भारत, रेलवे मंत्रालय ने संसद में जानकारी
आइएएनएस, नई दिल्ली। भारत ने रेलवे लोकोमोटिव निर्माण में एक वैश्विक लीडर के रूप में अपनी पहचान बनाई है। वित्त वर्ष 2024-25 में रिकार्ड 1,681 लोकोमोटिव का निर्माण किया गया। बुधवार को रेलवे मंत्रालय द्वारा जारी एक बयान में यह जानकारी दी गई।
लोकोमोटिव निर्माण में भारत काफी आगेइसमें कहा गया कि यह उपलब्धि यूरोप, अमेरिका, दक्षिण अमेरिका, अफ्रीका और आस्ट्रेलिया जैसे देशों के कुल लोकोमोटिव निर्माण को पार कर गई है। यह भारत की रेलवे क्षेत्र में बढ़ती वैश्विक क्षमता को दर्शाती है।
इसमें कहा गया कि पिछले वित्तीय वर्ष यानी 2023-24 में 1,472 लोकोमोटिव का निर्माण हुआ था। इस लिहाज से गत वर्ष की अपेक्षा इस बार 19 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है।
लोकोमोटिव निर्माण में निरंतर वृद्धि हो रहीरेलवे मंत्रालय के बयान में कहा गया कि लोकोमोटिव निर्माण में निरंतर वृद्धि 'मेक इन इंडिया' पहल को मजबूत करने को लिए गए रणनीतिक निर्णयों का प्रत्यक्ष परिणाम है। 2004 से 2014 के बीच भारत ने कुल 4,695 लोकोमोटिव का निर्माण किया। इसके विपरीत 2014 से 2024 के बीच लोकोमोटिव निर्माण में महत्वपूर्ण वृद्धि देखी गई।
9,168 लोकोमोटिव का प्रोडक्शन हुआइस दौरान 9,168 लोकोमोटिव का प्रोडक्शन हुआ। पूर्व के 470 के मुकाबले वार्षिक औसत लगभग 917 हो गई। लोकोमोटिव का निर्माण चित्तरंजन, बनारस, पटियाला और मधेपुरा कारखानों में हुआ है। 1681 में से 1,047 अधिकांश लोकोमोटिव मालगाड़ियों के लिए है।
यह भी पढ़ें- 'शिवाजी ने अपने पराक्रम से पराजय की परंपरा को ध्वस्त किया', मोहन भागवत ने औरंगजेब को लेकर कही ये बात
Chaiti Chhath Puja: खरना के साथ व्रतियों का 36 घंटे का निर्जला उपवास शुरू, आयुष्मान योग में सायंकालीन अर्घ्य आज
जागरण संवाददाता, पटना। लोकआस्था के महापर्व चैती छठ के चार दिवसीय अनुष्ठान के दूसरे दिन चैत्र शुक्ल पंचमी में बुधवार को खरना (लोहंडा) में दिनभर उपवास के बाद व्रतियों ने सायंकाल में भगवान भास्कर की पूजा कर निष्ठा व पवित्रता से निर्मित प्रसाद ग्रहण कर 36 घंटे का निर्जला उपवास का संकल्प लिया। खरना के दिन व्रतियों ने शहर के विभिन्न गंगा घाटों पर आस्था की डुबकी लगाई और साथ में गंगाजल घर लाए।
कई व्रतियों ने घाट पर ही पूजा अर्चना कर खरना का प्रसाद बनाकर ग्रहण किया। छठ के पारंपरिक गीतों के साथ छठ व्रतियों में उत्साह व उल्लास बना रहा। खरना के दिन व्रतियों पर सूर्यदेव की कृपा बनी रही। आंशिक रूप से बादल छाए रहने के साथ मौसम सामान्य बना रहा। यह पर्व पारिवारिक सुख समृद्धि और मनोवांछित फल की प्राप्ति के लिए व्रती पुरे विधि-विधान से करती है।
इस पर्व को करने से रोग, शोक, भय आदि से मुक्ति मिलती है। छठ व्रत करने की परंपरा ऋग्वैदिक काल से ही चली आ रही है। विष्णु पुराण के अनुसार, तिथियों के बंटवारे के समय सूर्यदेव को सप्तमी तिथि प्राप्त हुई थी, इसलिए उन्हें इस तिथि का स्वामी भी कहा जाता है।
चार दिवसीय अनुष्ठान के अंतर्गत आज गुरुवार को रोहिणी नक्षत्र व आयुष्मान योग में सायंकालीन सूर्य को अर्घ्य दिया जाएगा। शुक्रवार को चैत्र शुक्ल सप्तमी में उदीयमान सूर्य को मृगशिरा नक्षत्र, शोभन योग व रवि योग के सुयोग में अर्घ्य देकर व्रती इस महापर्व को पूर्ण करेंगी।
सायंकालीन अर्घ्य से शांति-उन्नति:शाम को भगवान भास्कर को जल से अर्घ्य देने से मानसिक शांति और जीवन में उन्नति होती है। लाल चंदन, फूल के साथ अर्घ्य से यश की प्राप्ति होती है। कलयुग के प्रत्यक्ष देवता सूर्य को जल में गुड़ मिलाकर अर्घ्य देने से पुत्र और सौभाग्य का वरदान मिलता है। सूर्योदय के समय जल में रक्त चंदन, लाल फूल, इत्र के साथ ताम्र पात्र में आरोग्य के देवता सूर्य को अर्घ्य देने से आयु, विद्या, यश और बल की प्राप्ति होती है।
स्थिर एवं महालक्ष्मी की प्राप्ति के लिए सूर्य को दूध का अर्घ्य देना चाहिए। भगवान भास्कर को अर्घ्य देने से कई जन्मों के पाप नष्ट होते हैं। देवताओं में सूर्य ऐसे देवता हैं जिनको प्रत्यक्ष देखा जा सकता है। सूर्य की शक्ति का मुख्य स्त्रोत उनकी पत्नी उषा और प्रत्युषा है।
छठ में सूर्य के साथ दोनों शक्तियों की संयुक्त आराधना होती है। पहले सायंकालीन अर्घ्य में सूर्य की अंतिम किरण प्रत्युषा और फिर उदीयमान सूर्य की पहली किरण उषा को अर्घ्य देकर नमन किया जाता है।
भगवान सूर्य की मानस बहन है षष्ठी देवीअथर्वेद के अनुसार, पंडित राकेश झा ने बताया कि षष्ठी देवी भगवान सूर्य की मानस बहन हैं । इसीलिए भगवान भास्कर के साथ उनकी बहन षष्ठी देवी (छठी मैया) की पूजा होती है। प्रकृति के षष्टम अंश से षष्ठी माता उत्पन्न हुई हैं। उन्हें बालकों की रक्षा करने वाले भगवान विष्णु द्वारा रची माया भी माना जाता है। बालक के जन्म के छठे दिन भी षष्ठी मइया की पूजा की जाती है, ताकि बच्चे के दीर्घायु और निरोग रहे।
एक अन्य आख्यान के अनुसार, कार्तिकेय की शक्ति हैं षष्ठी देवी। षष्ठी देवी को देवसेना भी कहा गया है। सूर्योपासना के महापर्व में भगवान भास्कर को पीतल के पात्र में दूध तथा तांबे के पात्र में जल से अर्घ्य देने से विशेष फल की प्राप्ति होती है। चांदी, स्टील, शीशा व प्लास्टिक के पात्र में सूर्य को अर्घ्य नहीं देना चाहिए।
- अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य : शाम 06:10 बजे तक
- प्रातः कालीन सूर्य को अर्घ्य: सुबह 05:49 बजे के बाद दिया जाएगा
ये भी पढ़ें- Yamuna Chhath 2025: चैती छठ पर इस तरह प्राप्त करें यमुना जी की कृपा, जानें अर्घ्य देने का सही समय
ये भी पढ़ें- Chaitra Navratri: अष्टमी और नवमी तिथि पर कैसे करें कन्या पूजन, यहां जानिए पूरी विधि
ऑर्गन डोनेशन पर सरकारी कर्मचारियों को 42 दिन की छुट्टी, गवर्नमेंट डॉक्टर की मंजूरी लेनी होगी
पीटीआई, नई दिल्ली। केंद्रीय कार्मिक राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह ने बुधवार को लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में कहा कि केंद्र सरकार के कर्मचारियों को अंगदान के लिए अधिकतम 42 दिन का विशेष आकस्मिक अवकाश मिलेगा।
उन्होंने कहा, 'भारत सरकार ने केंद्र सरकार के कर्मचारियों को अंगदान के लिए अधिकतम 42 दिन का विशेष आकस्मिक अवकाश प्रदान किया है।''
अस्पताल में भर्ती होने के दिन से शुरू हो जाएगी प्रक्रियाकार्मिक मंत्रालय द्वारा 2023 में जारी एक आदेश के अनुसार, जब इस प्रविधान की घोषणा की गई थी, दाता के अंग को निकालने के लिए सर्जरी के प्रकार के बावजूद, सरकारी पंजीकृत चिकित्सक/डॉक्टर की सिफारिश के अनुसार विशेष आकस्मिक अवकाश की अवधि अधिकतम 42 दिन होगी।
इसमें कहा गया था कि विशेष आकस्मिक अवकाश आम तौर पर अस्पताल में भर्ती होने के दिन से शुरू होकर एक बार में लिया जाएगा। हालांकि, आवश्यकता पड़ने पर सरकारी पंजीकृत चिकित्सक या डॉक्टर की सिफारिश पर सर्जरी से अधिकतम एक सप्ताह पहले इसका लाभ उठाया जा सकता है।
अतिरिक्त पेंशन अदालतेंजितेंद्र सिंह ने कहा कि सरकार लंबे समय से चली आ रही शिकायतों के निवारण के लिए भविष्य में अतिरिक्त पेंशन अदालतें आयोजित करना चाहती है। पेंशन अदालत का उद्देश्य केंद्रीकृत पेंशनभोगी शिकायत निवारण और निगरानी प्रणाली में प्राप्त अनसुलझे और पुरानी शिकायतों का मौके पर ही समाधान प्रदान करना है।
पेंशन अदालतों में मामले सुलझाए जा रहेपेंशन अदालतों में आने वाले अधिकांश मामलों का मौके पर ही निपटारा कर दिया जाता है। अगली पेंशन अदालत आयोजित करने से पहले अनसुलझे मामलों पर फिर से विचार किया जाता है और उनकी स्थिति पर विचार किया जाता है। 2020 से इस साल अब तक आयोजित पेंशन अदालतों के दौरान कुल 6,964 मामले उठाए गए, जिनमें से 4,944 का निपटारा किया गया।
यह भी पढ़ें- ईडी ने मुडा जमीन आवंटन मामले में क्लोजर रिपोर्ट को दी चुनौती, इस केस में सीएम सिद्दरमैया भी आरोपित
Who is Poonam Gupta, newly appointed RBI deputy governor ? - The Indian Express
- Who is Poonam Gupta, newly appointed RBI deputy governor ? The Indian Express
- Who is Poonam Gupta, ex-World Bank economist appointed as RBI deputy governor? Hindustan Times
- NCAER chief Poonam Gupta named RBI DG Times of India
- RBI appoints Poonam Gupta as deputy guv to steer monetary policy The Economic Times
- From thought to action: Poonam Gupta brings vision to RBI as deputy governor financialexpress.com
Macquarie Picks: Stock ideas with upside potential of 20% to 58.7%
MUDA Land Scam: ईडी ने मुडा जमीन आवंटन मामले में क्लोजर रिपोर्ट को दी चुनौती, इस केस में सीएम सिद्दरमैया भी आरोपित
पीटीआई, बेंगलुरु। ईडी ने कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्दरमैया और अन्य से जुड़े मुडा जमीन आवंटन मामले में लोकायुक्त पुलिस द्वारा दायर क्लोजर रिपोर्ट को चुनौती दी है। ईडी ने मंगलवार को एमपी, एमएलए स्पेशल कोर्ट के समक्ष लोकायुक्त पुलिस के खिलाफ विरोध याचिका दायर की, जिसमें कहा गया कि वह इस मामले में पीड़ित पक्ष है।
याचिका में पीएमएलए-2002 के उद्देश्यों और कारणों का हवाला दियाकेंद्रीय एजेंसी ने अपनी याचिका में पीएमएलए-2002 के उद्देश्यों और कारणों का हवाला दिया, जिसमें कहा गया है कि दुनिया भर में यह महसूस किया जा रहा है कि मनी लांड्रिंग न केवल देश की वित्तीय प्रणालियों के लिए बल्कि उनकी अखंडता और संप्रभुता के लिए भी गंभीर खतरा है।
पुलिस द्वारा दायर क्लोजर रिपोर्ट पर कही ये बातईडी ने कहा कि देश मनी लांड्रिंग अपराध के पीड़ित की परिभाषा के अंतर्गत आता है। इसने आगे कहा कि एजेंसी को एक पीड़ित व्यक्ति के रूप में माना जाना चाहिए, क्योंकि वे मनी लांड्रिंग निवारण अधिनियम के तहत अभियोजक हैं और इस प्रकार जांच एजेंसी को लोकायुक्त पुलिस द्वारा दायर क्लोजर रिपोर्ट पर कोई आदेश पारित करने से पहले विरोध करने या सुनवाई करने का अधिकार या अधिकार है।
गौरतलब है कि मैसूर शहरी विकास प्राधिकरण (मुडा) जमीन आवंटन मामले की जांच कर रही लोकायुक्त पुलिस ने उल्लेख किया था कि सुबूतों के अभाव में सीएम सिद्दरमैया और उनकी पत्नी पार्वती के खिलाफ आरोप साबित नहीं हो सके।
क्लोजर रिपोर्ट हाई कोर्ट को सौंप दी हैजांच अधिकारियों ने कहा कि उन्होंने क्लोजर रिपोर्ट हाई कोर्ट को सौंप दी है। इस मामले में सीएम सिद्दरमैया और उनकी पत्नी पार्वती के अलावा उनके साले और जमीन के मालिक देवराजू भी आरोपित हैं।
हाई कोर्ट ने दी ईडी जांच की अनुमतिकर्नाटक हाई कोर्ट ने ईडी को मुडा जमीन आवंटन मामले में पूर्व एमयूडीए आयुक्त डीबी नटेश को छोड़कर सभी आरोपितों की जांच करने की अनुमति दे दी।
मुख्य न्यायाधीश एनवी अंजारिया और जस्टिस केवी अरविंद की खंडपीठ ने फैसला सुनाया कि ईडी कानून के अनुसार अन्य आरोपित व्यक्तियों के खिलाफ जांच आगे बढ़ाने का हकदार है। इससे सीएम सिद्दरमैया की मुश्किलें बढ़ सकती हैं।
पीठ के आदेश पर रोक लगाने के लिए खंडपीठ का दरवाजा खटखटायाईडी ने एकल न्यायाधीश की पीठ के आदेश पर रोक लगाने की मांग करते हुए खंडपीठ का दरवाजा खटखटाया था। दूसरी ओर, मुडा घोटाले की जांच सीबीआइ को सौंपने की स्नेहमयी कृष्णा की याचिका खारिज कर दी गई।
यह भी पढ़ें- कर्नाटक हाई कोर्ट से ED को बड़ा झटका, CM सिद्दरमैया की पत्नी और मंत्री को जारी समन किया खारिज
Karnataka: शंकराचार्य भारती स्वामी के खिलाफ दुष्कर्म का मामला खारिज, कर्नाटक हाईकोर्ट का बड़ा फैसला
आइएएनएस, बेंगलुरु। गोकर्ण स्थित श्री रामचंद्रपुरा मठ के श्रीमद जगद्गुरु शंकराचार्य श्री श्री राघवेश्वर भारती स्वामी के खिलाफ दुष्कर्म के मामले को खारिज करते हुए कहा कि कथित घटना की शिकायत करने में नौ वर्ष की देरी को लेकर शिकायतकर्ता के पास कोई सही स्पष्टीकरण नहीं था।
मठ की एक पूर्व शिष्या ने शंकराचार्य पर लगाए आरोपमठ की एक पूर्व शिष्या ने आरोप लगाया था कि 2006 में 15 वर्ष की आयु और फिर 2012 में 21 वर्ष की आयु में हिंदू संत ने दो बार उसके साथ दुष्कर्म किया।
स्वामी ने एक ट्रायल कोर्ट द्वारा इस संबंध में की गई पूरी कार्यवाही को चुनौती देते हुए इसे रद करने की मांग संबंधी एक याचिका 2021 में हाई कोर्ट के समक्ष दायर की थी। जस्टिस एम नागप्रसन्ना की पीठ ने इस संबंध में आदेश जारी किया।
याचिकाकर्ता के खिलाफ पूरी कार्यवाही प्रभावितआदेश में कहा गया कि आरोप पत्र को लेकर बेंगलुरु के प्रथम अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपालिटन मजिस्ट्रेट के समक्ष लंबित कार्यवाही समेत सभी कार्यवाही को रद किया जाता है।
आदेश में कहा गया कि याचिकाकर्ता के खिलाफ पूरी कार्यवाही प्रभावित है। मामले में आगे के ट्रायल की अनुमति देना निस्संदेह कानूनी प्रक्रिया का दुरुपयोग होगा और न्याय की विफलता होगी। इस मामले में मजिस्ट्रेट द्वारा दिमाग का इस्तेमाल नहीं किया गया।
महिला ने स्वामी जी पर लगाए गंभीर आरोपआरोप-पत्र सीआइडी अधिकारी ने दाखिल किया है, जिसे इसका अधिकार नहीं था। शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया था कि 2006 में स्वामी जी ने अपने कमरे में भगवान का डर दिखाकर उसका यौन उत्पीड़न किया और किसी को बताए जाने पर पाप लगने की बात कही। इसके बाद स्वामी जी द्वारा मठ के ही एक सदस्य से उसकी शादी तय कर देने के बाद उसके साथ दुष्कर्म किया गया।
यह भी पढ़ें- भारत-अमेरिका व्यापार में टैरिफ वॉर की आंच नहीं, डिप्लोमैसी के जरिए हल की जा रही तल्खी
Solar PV cos close to cyclical peak returns: Bernstein
Samsung Electronics Elevates Home Entertainment With HDR10+ for Netflix Shows and Movies - Samsung Newsroom
- Samsung Electronics Elevates Home Entertainment With HDR10+ for Netflix Shows and Movies Samsung Newsroom
- Samsung adds HDR10+ support for Netflix on its 2025 TVs and monitors - GSMArena.com news GSMArena.com
- Samsung TVs, monitors support Netflix in HDR10+ 91mobiles.com
- Samsung announces arrival of HDR10+ Netflix streaming on its TVs SamMobile
- Samsung Electronics integrates HDR10+ technology in Netflix app for optimized viewing - CHOSUNBIZ Chosun Biz
Khushi Kapoor and rumored BF Vedang Raina join Janhvi Kapoor, dad Boney for Shikhar Pahariya’s birthday vacation: WATCH - Pinkvilla
- Khushi Kapoor and rumored BF Vedang Raina join Janhvi Kapoor, dad Boney for Shikhar Pahariya’s birthday vacation: WATCH Pinkvilla
- Amid Dating Rumours, Khushi Kapoor And Vedang Raina Arrive In Jamnagar Together To Celebrate Shikhar Pahariya's Birthday NDTV
- Khushi Kapoor arrives in Jamnagar with boyfriend Vedang Raina but her cute, fluffy doggies get all the love from fans Hindustan Times
- Janhvi Kapoor, Khushi Kapoor and rumored boyfriend Vedang Raina fly to Jamnagar for Shikhar Pahariya’s birthday bash, Boney Kapoor joins in. See pictures The Indian Express
- Khushi Kapoor with rumored beau Vedang Raina as they join Janhvi and Shikhar Pahariya for his birthday... Moneycontrol
Did Liverpool get away with one? Why Diogo Jota's Merseyside derby winning goal against Everton was allowed to stand despite Luis Diaz beginning move in offside position - explained - Goal.com
- Did Liverpool get away with one? Why Diogo Jota's Merseyside derby winning goal against Everton was allowed to stand despite Luis Diaz beginning move in offside position - explained Goal.com
- Premier League LIVE: Reaction as Liverpool win to move closer to the title BBC
- Liverpool show grit in Merseyside derby win, but is Van Dijk in decline? ESPN India
- Arne Slot 'Hates' Offside Rule That Gave Liverpool Win Over Everton NDTV Sports
- Premier League: Liverpool inch closer to title with Merseyside Derby win vs Everton Times of India
Pages
