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खाद्य उत्पादों पर ना लगाएं 100 प्रतिशत का लेबल, FSSAI ने दिखाई सख्ती; कहा - 'ये नियमों के खिलाफ'

Dainik Jagran - National - May 31, 2025 - 2:00am

पीटीआई, नई दिल्ली। भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआई) ने खाद्य उत्पादों के लेबल पर 100 प्रतिशत शब्द के इस्तेमाल को लेकर सख्त परामर्श जारी करते हुए कहा है कि इससे उपभोक्ताओं के गुमराह होने की आशंका होती है।

खाद्य नियामक ने कहा कि उसने सभी खाद्य व्यवसाय संचालकों को खाद्य लेबल, पैकेजिंग और प्रचार सामग्री पर 100 प्रतिशत शब्द के इस्तेमाल से परहेज करने को कहा है। इसकी वजह यह है कि यह शब्द अस्पष्ट है और इससे मौजूदा नियामकीय प्रविधानों के तहत गलत व्याख्या की आशंका है।

उत्पादों पर 100 प्रतिशत लिखना भ्रामक

एफएसएसएआई ने गुरुवार को जारी परामर्श में खाद्य उत्पादों के लेबल और प्रचार मंचों पर 100 प्रतिशत शब्द के इस्तेमाल में धड़ल्ले से हो रही बढ़ोतरी को उजागर किया। प्राधिकरण ने इस बात पर जोर दिया कि ऐसी शब्दावली न केवल मौजूदा नियमों के तहत अपरिभाषित है, बल्कि भ्रामक भी है। यह उपभोक्ताओं के बीच गलत धारणा पैदा कर सकती है।

एफएसएसएआई ने दिया नियमों का हवाला

खाद्य सुरक्षा एवं मानक (विज्ञापन एवं दावे) नियम, 2018 के मुताबिक, 100 प्रतिशत शब्द को एफएसएस अधिनियम, 2006 या उसके अंतर्गत बनाए गए नियमों के तहत किसी भी तरीके से परिभाषित नहीं किया गया है। इसके अलावा, उप-नियम 10(7) में किसी भी ऐसे विज्ञापन या दावे को सख्ती से प्रतिबंधित किया गया है जो अन्य निर्माताओं को कमतर आंकता है या भ्रामक तरीके से उपभोक्ता की धारणा को प्रभावित करता है।

उप-नियम 4(1) के तहत यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि दावे सत्य, स्पष्ट, सार्थक, भ्रामक न हों और उपभोक्ताओं को दी गई जानकारी को समझने में मदद करें। इन चिंताओं को देखते हुए खाद्य व्यवसाय से जुड़ी सभी कंपनियों को खाद्य उत्पाद लेबल, पैकेजिंग और किसी भी तरह की प्रचार सामग्री पर 100 प्रतिशत शब्द का उपयोग नहीं करने की सलाह दी गई है।

एफएसएसएआई ने कहा कि वह उपभोक्ता हितों की रक्षा और सूचना-आधारित विकल्पों को बढ़ावा देने के लिए खाद्य लेबलिंग में पारदर्शिता और निष्पक्षता सुनिश्चित करने को प्रतिबद्ध है।

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Supreme Court: 'जनहित में होना चाहिए औद्योगिक जमीन का आवंटन', सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में फैसला बरकरार रखा

Dainik Jagran - National - May 31, 2025 - 12:30am

 पीटीआई, नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को कहा कि औद्योगिक जमीन के आवंटन का प्रबंधन पूरी तत्परता, निष्पक्षता और जनहित के अनुरूप होना चाहिए।

सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में फैसला बरकरार रखा

कोर्ट ने इसके साथ ही उत्तर प्रदेश में कमला नेहरू मेमोरियल ट्रस्ट (केएनएमटी) को दी गई 125 एकड़ भूमि को रद करने के उत्तर प्रदेश राज्य औद्योगिक विकास निगम (यूपीएसआइडीसी) के फैसले को बरकरार रखा।

जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस एन कोटिश्वर की पीठ ने 1975 में स्थापित धर्मार्थ संस्था केएनएमटी की अपील को खारिज कर दिया। इस ट्रस्ट ने 2017 के इलाहाबाद हाई कोर्ट के आदेश के खिलाफ अपील की थी। हाई कोर्ट ने सुलतानपुर जिले के जगदीशपुर के उतेलवा औद्योगिक क्षेत्र में स्थित भूमि के आवंटन को रद कर दिया था।

पक्षों की ओर से उठाए गए विवादों की विस्तृत जांच

उच्चतम न्यायालय ने यूपीएसआइडीसी द्वारा 2003 में फूलों की खेती के उद्देश्य से ट्रस्ट को भूमि का बड़ा हिस्सा आवंटित करने की जल्दीबाजी और मुकदमा शुरू होने के बाद जगदीशपुर पेपर मिल्स लिमिटेड को वैकल्पिक आवंटन पर विचार करने में निगम द्वारा दिखाई गई तत्परता की भी आलोचना की।

पीठ ने कहा, 'पक्षों की ओर से उठाए गए विवादों की विस्तृत जांच, तथ्यात्मक और कानूनी मैट्रिक्स का समग्र विश्लेषण और परिणामी निष्कर्षों के मद्देनजर हम यूपीएसआइडीसी द्वारा आवंटन रद किए जाने को बरकरार रखते हैं।'

इसके साथ ही यह भी कहा कि यूपीएसआइडीसी द्वारा जगदीशपुर पेपर मिल्स लिमिटेड के पक्ष में किया गया वास्तविक आवंटन या किसी भी प्रस्ताव को गैरकानूनी और सार्वजनिक नीति के विपरीत घोषित किया जाता है। परिणामस्वरूप इसे रद किया जाता है।

बैंकों द्वारा ब्याज के साथ वापस करने का निर्देश

पीठ ने कहा कि अगर किसी संभावित आवंटी से कोई बयाना राशि या भुगतान मिला है तो उसे राष्ट्रीयकृत बैंकों द्वारा ब्याज के साथ वापस करने का निर्देश दिया जाता है।

पीठ ने कहा, 'यह आवश्यक है कि भविष्य के आवंटनों में पारदर्शिता और जवाबदेही के सिद्धांतों का पालन किया जाए ताकि विवादों को रोका जा सके और यह सुनिश्चित किया जा सके कि सार्वजनिक संसाधन वास्तव में औद्योगिक विकास और आर्थिक वृद्धि को बढ़ावा दें।'

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आयुर्वेद के नाम पर कंपनियां अब नहीं बना पाएंगी बेवकूफ, भ्रामक विज्ञापनों से निपटने के लिए पोर्टल लॉन्च

Dainik Jagran - National - May 31, 2025 - 12:30am

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। आयुर्वेदिक दवाओं के भ्रामक विज्ञापन के खिलाफ कार्रवाई सुनिश्चित करने के लिए आयुष मंत्रालय ने नया पोर्टल लॉन्च किया है।

इस पोर्टल पर कोई भी व्यक्ति भ्रामक विज्ञापन के खिलाफ शिकायत कर सकेगा और उस पर होने वाली कार्रवाई को मॉनिटर भी कर सकेगा। पोर्टल के साथ सभी नियामक एजेंसियों को भी जोड़ा गया है, ताकि सभी एजेंसियां समन्वित तरीके से कार्रवाई कर सकें।

आयुष मंत्री प्रताप राव जाधव ने लॉन्च किया पोर्टल

''आयुष सुरक्षा पोर्टल'' को लॉन्च करते हुए आयुष मंत्री प्रताप राव जाधव ने कहा कि इससे आयुष क्षेत्र में जवाबदेही के साथ-साथ पारदर्शिता भी बढ़ेगी।

पोर्टल में जनता की शिकायतों के लिए विशेष प्रबंध किया गया है

आयुष सचिव वैद्य राजेश कोटेचा के अनुसार पोर्टल में फार्मा के विजलेंस और नियामक एजेंसियों को एक साथ लाया जाना सबसे अहम है। इससे किसी भ्रामक विज्ञापन की जानकारी भी मिलेगी और उसके खिलाफ कार्रवाई भी सुनिश्चित होगी।

पोर्टल में जनता की शिकायतों के लिए विशेष प्रबंध किया गया है, ताकि भ्रामक विज्ञापनों के बारे में अधिक-अधिक जानकारी भी मिले और कार्रवाई भी हो।

उन्होंने कहा कि यह पोर्टल आयुर्वेदिक दवाओं के भ्रामक विज्ञापनों से जुड़े मामलों में एक राष्ट्रीय डैश बोर्ड का काम करेगा, जिसमें सभी शिकायतों और उनके खिलाफ कार्रवाई का डाटा एक जगह उपलब्ध होगा।

औषधीय दुष्प्रभावों पर होगी कड़ी निगरानी

ध्यान देने की बात है कि जुलाई 2024 में सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में आयुर्वेदिक दवाओं के भ्रामक विज्ञापनों और उसके औषधीय दुष्प्रभावों पर कड़ी निगरानी के लिए एक केंद्रीकृत डैशबोर्ड की जरूरत पर बल दिया था। आयुष मंत्रालय का नया पोर्टल उसी आदेश के तहत तैयार किया गया है।

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अमेरिका में इस्तेमाल हो रहे मेड इन इंडिया iPhone, भारत ने चीन को भी पछाड़ा; एपल को तगड़ा मुनाफा

Dainik Jagran - National - May 31, 2025 - 12:18am

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। भारत ने आईफोन शिपमेंट के मामले में चीन को काफी पीछे छोड़ दिया है। एक हालिया रिपोर्ट में इस बात की पुष्टि हुई है। इतना ही नहीं, चीन से अमेरिका को हो रहे आईफोन शिपमेंट में भी भारी गिरावट दर्ज की गई है।

मार्केट रिसर्च फर्म ओमडिया की एक रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिका को निर्यात होने वाले आईफोन में भारत सबसे बड़ा हिस्सेदार बनकर उभरा है। अप्रैल में भारत में बने करीब 3 मिलियन आईफोन अमेरिका भेजे गए हैं। जबकि इस दौरान चीन से केवल 9 लाख यूनिट भेजी हुई।

भारत में असेंबल हो रहे आईफोन

रिपोर्ट बताती है कि भारत के मुकाबले चीन के शिपमेंट में 76 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई है। दरअसल एपल लंबे वक्त से चीन की जगह भारत में आईफोन निर्माण की योजना बना रहा था। भारत में बनने वाले आईफोन को फॉक्सकॉन की तमिलनाडु स्थित फैक्ट्री में असेंबल किया जाता है।

फॉक्सकॉन के अलावा टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स भारत में आईफोन का दूसरा सबसे बड़ा निर्माता है। दोनों कंपनियों का जोर आईफोन का उत्पादन बढ़ाने पर है। एक रिपोर्ट के मुताबिक, एपल हर साल करीब 220 मिलियन से ज्यादा आईफोन बेच देता है। सबसे ज्यादा आईफोन अमेरिका, चीन और यूरोप में बिकते हैं।

अमेरिका में फैक्ट्री चाहते हैं ट्रंप
  • अभी कुछ दिन पहले अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एपल के सीईओ टिम कुक से कहा था कि वह भारत में आईफोन का निर्माण बंद करे और अमेरिका में फैक्ट्रियां लगाए। हालांकि एपल ने ट्रंप की उम्मीदों पर पानी फेरते हुए भारत में उत्पादन करना जारी रखा है।
  • ट्रंप ने अमेरिका में नहीं बनने वाले आईफोन पर 25 फीसदी टैरिफ लगाने की चेतावनी दी है। टिम कुक ने कहा था कि जून तिमाही में अमेरिका में बिकने वाले अधिकांश आईफोन भारत में बने होंगे।

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'लगातार चौथे साल सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था बना भारत', वित्त मंत्री बोलीं- सेवा और कृषि क्षेत्र का खास योगदान

Dainik Jagran - National - May 31, 2025 - 12:01am

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। भारत लगातार चौथे साल सबसे तेजी से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था के रूप में उभरा है। इस बीच केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि कि भारत लगातार चौथे साल सबसे तेजी से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था के रूप में अपनी जीडीपी वृद्धि की गति को बनाए रख रहा है।

वित्त मंत्री ने कहा कि जनवरी-मार्च की अवधि के दौरान भारत की विनिर्माण गतिविधि अच्छी रही है। वहीं, तिमाही के दौरान 7.4 प्रतिशत और पूरे वित्त वर्ष 2024-25 के लिए 6.5 प्रतिशत की जीडीपी वृद्धि दर्ज करने में मदद की है।

'भारत ने विकास को बनाए रखा'

केंद्रीय वित्त मंत्री ने कहा कि भारत विकास को बनाए रखा है। उन्होंने कहा कि यह लगातार चौथा साल है जब भारत तेजी से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था है। उन्होंने इसका श्रेय छोटे, मध्यम और बड़े उद्योगों के काम को दिया है। सीतारमण ने कहा कि उद्योग जो आ रहे हैं और सुनिश्चित कर रहे हैं कि हमारी विनिर्माण क्षमता, हमारी सेवा क्षमता सभी बरकरार हैं। कृषि ने भी कोविड के दौरान और उसके बाद भी हमें बनाए रखा है।

दरअसल, लखनऊ में आयोजित एक कार्यक्रम में शिरकत करते हुए निर्मला सीतारण ने कहा कि जनवरी-मार्च तिमाही के दौरान ऐसी राय थी कि उद्योग पर्याप्त निवेश नहीं कर रहा है, क्षमता में वृद्धि नहीं हो रही है और इसका अर्थव्यवस्था पर प्रभाव भी सवालिया निशान है।

'हर बाधाओं पर बात करने के लिए सरकार तैयार'

निर्मला सीतारमण ने कहा कि सरकार हर साल विनियामक कठिनाइयों को दूर करने और नरम-स्पर्श विनियमन लाने के लिए काम कर रही है, जिससे लोग बिना किसी संदेह के व्यापार कर सकेंगे। उन्होंने कहा कि वह विनियामक बाधाओं को कम करने में व्यापार में आने वाली बाधाओं को दूर करने के लिए सुझाव प्राप्त करने के लिए तैयार हैं।

वित्त मंत्री कहा कहना है कि हम भारत के इतिहास के उस दौर में हैं, जहां हमें अपने देश की क्षमताओं पर भरोसा रखने और यह विश्वास रखने की जरूरत है कि हम निश्चित रूप से उस लक्ष्य को प्राप्त कर सकते हैं। हम कब तक यह कहते रहेंगे कि हम विकासशील देश हैं। (इनपुट एजेंसी के साथ)

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पटना सिटी कोर्ट के संघ भवन में तीन बदमाशों के छिपे होने की खबर से हड़कंप, पहुंची कई थानों की पुलिस

Dainik Jagran - May 30, 2025 - 10:43pm

जागरण संवाददाता, पटना। पटना सिटी व्यवहार न्यायालय परिसर स्थित अधिवक्ता संघ के नये भवन में शुक्रवार को तीन बदमाशों के छिपे होने की जानकारी मिलने पर संघ के अधिवक्ताओं के बीच अफरातफरी मच गई। घटना की जानकारी मिलने पर संघ के अध्यक्ष ने यह जानकारी अधिवक्ताओं को दी। आलमगंज व खुसरूपुर थाना सहित अन्य पुलिसकर्मी तथाकथित बदमाशों को पकड़ने या उसके बाहर निकालने का इंतजार रात में न्यायालय परिसर में करते रहे। 

खुसरूपुर से जुड़े एक भूमि विवाद से संबंधित यह मामला

सूत्रों का कहना है कि खुसरूपुर से जुड़े एक भूमि विवाद से संबंधित यह मामला है। दो दिन पहले खुसरूपुर में यह मामला तूल पकड़ने पर लोगों ने सड़क पर उतरकर हंगामा किया था। एक अधिवक्ता ने अदालत में आत्मसमर्पण कराने के लिए इन तीनों आरोपितों को कोर्ट बुलाया था।

किसी कारणवश इनका आत्मसमर्पण नहीं कराया जा सका

शुक्रवार को किसी कारणवश इनका आत्मसमर्पण नहीं कराया जा सका। आरोपित अधिवक्ता के कमरे में ही रह गए। न्यायालय का कार्य समाप्त होने पर प्रतिदिन की तरह संघ के अधिकारियों ने संघ भवन के गेट में ताला लगा दिया। इस बीच आरोपित खिड़की से झांक रहे थे तो किसी ने उन्हें देख लिया और पुलिस को जानकारी दी।

कोर्ट में तीन लोगों के होने की जानकारी पुलिस को मिली

पुलिस ने घटना की जानकारी संघ के अध्यक्ष को दी।‌ इस संबंध में अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष संजय कुमार सिन्हा ने बताया कि संबंधित अधिवक्ता को बुलाया जाएगा और पुलिस विधि सम्मत कार्रवाई की जाएगी। इस मामले में एएसपी अतुलेश झा ने बताया कि कोर्ट में तीन लोगों के होने की जानकारी पुलिस को मिली है। पुलिस टीम मौके पर पहुंची है। मामला भूमि विवाद से जुड़ा है। इस मामले के तीन आरोपितों के बाहर आने की प्रतीक्षा की जा रही है।

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