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कर्नाटक में 18 भाजपा विधायकों का निलंबन वापस, सीएम सिद्धारमैया की अध्यक्षता में हुआ फैसला

Dainik Jagran - National - May 25, 2025 - 11:55pm

आईएएनएस, बेंगलुरु। कर्नाटक में कांग्रेस के नेतृत्व वाली राज्य सरकार ने 18 भाजपा विधायकों का निलंबन वापस ले लिया है। यह निर्णय मुख्यमंत्री सिद्दरमैया और अध्यक्ष यू.टी. खादर की अध्यक्षता में हुई एक उच्चस्तरीय बैठक के बाद लिया गया।

इस बैठक में उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार, कानून और संसदीय मामलों के मंत्री एच.के. पाटिल और विधानसभा में विपक्ष के नेता आर. अशोक भी उपस्थित थे।

निलंबन आदेश वापस लेने पर बनी सहमति

बैठक में निलंबन आदेश को वापस लेने पर सहमति बनने के बाद यह निर्णय इस आधार पर लिया गया कि निलंबन के दो महीने बीत चुके थे। निलंबित विधायकों ने अपने आचरण पर खेद व्यक्त किया था और उन्होंने भविष्य में विधानसभा सत्रों में बेहतर आचरण सुनिश्चित करने का आश्वासन दिया था।

अशोक ने कहा, ''मंत्री एच.के. पाटिल से इस मामले पर दो बार बात की थी। उन्हें स्पष्ट किया कि यदि केवल सत्तारूढ़ पार्टी के सदस्य उपस्थित हैं तो विधानसभा अपने उद्देश्य को पूरा नहीं कर सकती। विपक्ष महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।"

स्पष्ट रूप से कहा कि निलंबन वापस लिए बिना विपक्ष किसी भी विधायी गतिविधि में भाग नहीं लेगा। उन्होंने बताया कि ऐसे घटनाक्रम विधानसभा में कई बार हो चुके हैं। एक घंटे की चर्चा के बाद मुख्यमंत्री सिद्दरमैया ने कहा कि निलंबन वापस लिया जा सकता है क्योंकि सदस्यों ने अपने आचरण पर खेद व्यक्त किया है।

आर अशोक, नेता विपक्ष

लिहाजा, पूर्व उपमुख्यमंत्री सी.एन. अश्वथ नारायण, डोड्डनागौड़ा एच. पाटिल, एस.आर. विश्वनाथ, बायरथी बसवराज, एम.आर. पाटिल, चन्नाबासप्पा, बी. सुरेश गौड़ा, उमानाथ कोटायन, शरण सालगर, शैलेन्द्र बेल्डल, सी.के. रामामूर्ति, यशपाल एस. सुवर्ण, हरिश बीपी, भारत शेट्टी, एन.मुनिरत्न, बसवराज मत्तिमुद, धीरज मुनिराज और चंद्रु लमानी का निलंबन हटा लिया गया।

उल्लेखनीय है कि 18 भाजपा विधायकों का निलंबन 21 मार्च को छह महीने के लिए किया गया था। आरोप था कि उन्होंने अध्यक्ष की कुर्सी के प्रति अनादर दिखाया।

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तेज प्रताप को RJD से निकालना सियासी स्टंट?, लालू परिवार में ‘ड्रामा और एक्शन’ पर राजनीति तेज

Dainik Jagran - May 25, 2025 - 10:24pm

राज्य ब्यूरो, पटना। परिवार में लालू प्रसाद के स्वास्थ्य को लेकर बनी चिंताजनक स्थिति के बीच ही तेजप्रताप ने नया बखेड़ा खड़ा कर दिया।

इस प्रकरण पर कुछ स्वजन तो चुप्पी साध लिए हैं, लेकिन तेजस्वी यादव के साथ रोहिणी आचार्य ने भी तेजप्रताप के कृत्य की निंदा ही की है। अलबत्ता विरोधी दलों के नेता राजद से तेजप्रताप के निष्कासन को राजनीतिक स्टंट बता रहे।

उनका कहना है कि लालू परिवार ने पहले भी गलत उदाहरण बनाए हैं और अब भी वही सब कुछ हो रहा। तेजप्रताप का निष्कासन तत्कालिक है और यह सब चुनावी लाभ के उद्देश्य से हो रहा।

पूछने वाले तो यहां तक पूछ रहे कि ऐश्वर्या के साथ लालू परिवार ने जो व्यवहार किया, उस समय लालू क्यों चुप रहे? बेटी की शादी में शोरूम से कारें उठा ली गई थीं, तब लालू ने हस्तक्षेप क्यों नहीं किया?

वस्तुत: तेजप्रताप के विरुद्ध हुई कार्रवाई मात्र दिखावटी है। वे तो पहले से ही राजद में कमजोर थे। अब तेजस्वी के दबाव में उन्हें और भी किनारे लगा दिया गया है। यह सब योजनाबद्ध तरीके से हुआ है।

दरअसल, तेजप्रताप की उद्दंडता जब-तब सार्वजनिक होती रही है। पूर्व केंद्रीय मंत्री रघुवंश प्रसाद सिंह और राजद के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह को भी अपमानित करने से वे बाज नहीं आए।

पार्टी के एक जिलाध्यक्ष को उन्होंने थप्पड़ मारकर बैठक से बाहर कर दिया था। मीडिया के लोगों को भी अपमानित किया था। ऐश्वर्या भी ऐसे ही अपमानों का आरोप लगाते हुए राबड़ी आवास से बाहर हुई थीं।

भाजपा ओबीसी मोर्चा के राष्ट्रीय महामंत्री निखिल आनंद एक्स पर लिखते हैं कि लालूजी ने तेज प्रताप को पार्टी और घर से बाहर करके इतिश्री कर लिया यानी अपना पिंड छुड़ा लिया। अब यह सब इस अंदाज में किया-धरा लगता है कि सांप भी मर जाए और लाठी भी ना टूटे।

इसे यूं समझें कि सबसे पहले लालूजी के परिवार और पार्टी में नेतृत्व-राजनीति के स्तर पर निरंतर का द्वंद व आसन्न संकट निपट गया।

दूसरा, तेजप्रताप भी अपनी मनमर्जी शादी करके अपनी जिंदगी में खुश हो गया है और पार्टी एवं परिवार के प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष सहयोग से उनकी राजनीतिक दुकान भी चलती रहेगी।

तीसरा, ऐश्वर्या राय प्रकरण में हुई लालू परिवार की बदनामी का ठीकरा भी अब तेजप्रताप के माथे शिफ्ट कर दिया गया है। अब एक एक्शन में सब सेटेल और लालूजी सपरिवार कुर्ता झाड़कर एकदम टाइट।

रोहिणी आचार्य ने पिता का दिया साथ

तेज प्रताप की बहन रोहिणी आचार्य ने एक्स पर पोस्ट कर कहा कि जो परिवेश, परंपरा, परिवार और परवरिश की मर्यादा का ख्याल रखते हैं, उन पर कभी सवाल नहीं उठते हैं। जो अपना विवेक त्याग कर मर्यादित आचरण व परिवार की प्रतिष्ठा की सीमा को बारंबार लांघने की गलती, धृष्टता करते हैं, वो खुद को आलोचना का पात्र खुद ही बनाते हैं।

हमारे लिए पापा देवतुल्य हैं, परिवार हमारा मंदिर एवं गौरव और पापा के अथक प्रयासों-संघर्षों से खड़ी की गई पार्टी व सामाजिक न्याय की अवधारणा हमारी पूजा, इन तीनों की प्रतिष्ठा पर किसी की वजह से कोई आंच आए, ये हमें कदापि स्वीकार्य नहीं।

केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी ने कसा तंज

जीतन राम मांझी ने एक्स पर पोस्ट कर लिखा कि मर्यादा और संस्कार की बात करने वाले लालूजी जब राबड़ी देवी ने ऐश्वर्या को बेरहमी से मारकर घर से निकाल दिया था तो उस वक्त आपके संस्कार क्यों नहीं जागें?

ऐश्वर्या को मारकर घर से बाहर निकालने वालों को आप परिवार से अलग कर देते। पार्टी से निष्कासित करने का आदेश जारी कर देते तब न आपकी मर्यादा और संस्कार की बात मानी जाती।

'लालू यादव कर रहे नाटक'

भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता प्रेम रंजन पटेल ने कहा कि लालू प्रसाद राजनीतिक लाभ के लिए कार्रवाई का नाटक कर रहे। राजद का यह चुनावी हथकंडा है। सब कुछ लालू-राबड़ी के कारण ही हो रहा है।

अगर बचपन में समुचित संस्कार दिए होते तो संभवत: आज ऐसी स्थिति नहीं आती। लालू परिवार ने हमेशा तेजप्रताप यादव की गलतियों को ढकने का प्रयास किया। परिणाम आज समाज के सामने हैं। 

'तेजस्वी बता रहे बड़े भाई'

जदयू के प्रदेश प्रवक्ता नीरज कुमार ने कहा कि लालू प्रसाद नैतिक मूल्यों और परिवारिक संस्कार की बात कर रहे हैं तो मैं उनसे पूछता हूं कि जब ऐश्वर्या राय के साथ दुर्व्यवहार हो रहा था, तब आपका और आपके परिवार का संस्कार कहां गया था? क्या यही बेटियों का सम्मान है लालू परिवार में?

कहीं ऐश्वर्य राय द्वारा मुआवजे या वैवाहिक अधिकारों की मांग से बचने की चाल तो नहीं है? बिना तलाक दूसरी शादी तो कानूनन अमान्य है तो अनुष्का का क्या होगा? लालू कहते हैं कि तेजप्रताप अब परिवार का हिस्सा नहीं तो फिर तेजस्वी यादव बड़े भाई कैसे बता रहे हैं? यह कौन-सी नूराकुश्ती है?

'जनता को भ्रम में डालने का खेल'

जदयू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राजीव रंजन प्रसाद ने कहा कि लालू प्रसाद द्वारा तेजप्रताप को पार्टी और परिवार से अलग करना केवल जनता को भ्रम में डालने का राजनीतिक खेल है। इसके पीछे ऐश्वर्य राय द्वारा तलाक केस में 36 करोड़ रुपये के मुआवजे की मांग है।

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बदमाशों ने बैंककर्मी को 7 घंटे बनाया बंधक, पिस्तौल के बट से पीटा; खाते से हजारों रूपये किए ट्रांसफर

Dainik Jagran - May 25, 2025 - 9:48pm

संवाद सहयोगी, बाढ़। बाढ़ पंडारक थाना क्षेत्र के फोर लेन सड़क के पास सुनसान जगह पर कुछ लोगों ने एक बैंक कर्मी को सात घंटे तक बंधक बनाये रखा।

इस दौरान बदमाशों ने पिस्तौल के कुन्दे से भी उसकी पिटाई कर दी। वहीं, बदमाशों ने 25 हजार नगद समेत मोबाइल और एटीएम से हजारों रुपये भी निकाल लिए।

पीड़ित किसी तरह से बदमाशों के चुंगल से निकल कर पंडारक स्टेशन पहुंचा और फिर यहां से पटना चला गया । इस बाबत पीड़ित वैशाली जिले के रंजन कुमार सिन्हा द्वारा केस दर्ज कराया गया है।

सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक पीड़ित उज्जीवन बैंक में फिलहाल कार्यरत है। उसके साथ काम करने वाले एक व्यक्ति ने सेंट्रल बैंक बख्तियारपुर मे दूसरे व्यक्ति से मोबाइल के द्वारा संपर्क करवाया। इसके बाद पीड़ित को बख्तियारपुर बुलाया गया।

पीड़ित पसेंजर ट्रेन से बख्तियारपुर पहुंच बदमाश से बात की तब उसे पंडारक बुलाया गया। इसके बाद पीड़ित पंडारक स्टेशन पर उतरा, जहां बदमाश ने अपने एक साथी को स्टेशन भेज बाइक से लाने को कहा।

बाइक पर पीड़ित बैठ गया तब उसे फोर लेन सड़क की तरफ ले जाया गया। इस दौरान पीड़ित ने जब बाइक सवार से पूछा की इधर कहां ले जा रहे हो तब उसने कहा की पास में ही ले जा रहा है।

कुछ दूर आगे बढ़ने के बाद उसे बंधक बना लिया। वहीं, पीड़ित का मोबाइल, एटीएम और ड्राइविंग लाइसेंस तथा क्रेडिट कार्ड छीन लिया। पर्स मे रखे 25 हजार नगद ले लिया। वहीं, एटीएम का पासवर्ड देने का जब उसने विरोध किया, तब बदमाशों ने उसके साथ पिस्तौल के कुन्दे से मारपीट की।

हालांकि, अपने आप को बचाने के लिए पीड़ित ने पासवर्ड दे दिया तब उसके एटीएम से 40 हजार रुपए यूपीआई के माध्यम से 25 हजार और क्रेडिट कार्ड से भी पैसे निकाल लिए।

इस दौरान जब सभी बदमाश आपस में पैसे के बंटवारे को लेकर भिड़े, तब मौका पाकर पीड़ित बदमाशों के चुंगल से भाग कर पंडारक स्टेशन पहुंचा। जहां से ट्रेन पकड़ कर पटना चला गया । पुलिस केस दर्ज कर जांच में जुट गयी है।

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'जब ऐश्वर्या राय से दुर्व्यवहार हुआ तब लालू परिवार का संस्कार कहां था?', JDU नेता ने RJD सुप्रीमो से पूछा सवाल

Dainik Jagran - May 25, 2025 - 9:06pm

राज्य ब्यूरो, पटना। जदयू के मुख्य प्रवक्ता एवं विधान पार्षद नीरज कुमार ने राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव द्वारा बड़े पुत्र तेज प्रताप यादव को पार्टी और परिवार से निष्कासन पर पूछा है कि तेज प्रताप को परिवार और पार्टी से अलग करने के पीछे राजनीतिक दांव-पेंच क्या है?

उन्होंने कहा कि लालू प्रसाद नैतिक मूल्यों और परिवारिक संस्कार की बात कर रहे हैं तो मैं उनसे पूछता हूं कि जब पूर्व मुख्यमंत्री दरोगा प्रसाद राय की पोती ऐश्वर्याा राय के साथ दुर्व्यवहार हो रहा था तब आपका और आपके परिवार का संस्कार कहां गया था? क्या यही बेटियों का सम्मान है लालू परिवार में?

विधान पार्षद नीरज कुमार ने लालू प्रसाद से पूछा है कि कहीं ऐश्वर्या राय द्वारा मुआवजे या वैवाहिक अधिकारों की मांग से बचने की चाल तो नहीं है? बिना तलाक दूसरी शादी तो कानूनन अमान्य है तो अनुष्का का क्या होगा?

लालू प्रसाद कहते हैं कि तेज प्रताप अब परिवार का हिस्सा नहीं तो फिर तेजस्वी यादव बड़े भाई कैसे बता रहे हैं? यह कौन-सी नूरा कुश्ती है?

वहीं, दूसरी ओर जदयू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राजीव रंजन प्रसाद ने कहा कि लालू प्रसाद यादव द्वारा तेजप्रताप को पार्टी और परिवार से अलग करना केवल जनता को भ्रम में डालने का राजनीतिक खेल है। इसके पीछे ऐश्वर्या राय द्वारा तलाक केस में 36 करोड़ रुपये के मुआवजे की मांग है।

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