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India resumes visa services for Afghans

Business News - May 26, 2025 - 11:42pm
Amid warming up of ties with Taliban, India has relaunched visa services for Afghan nationals. Visas will be issued primarily for people with ailments on a case-to-case basis. A notification on the government's official visa portal, indianvisaonline.gov.in, launched the 'New AFGHAN Visa' module for six categories of visa. However, highly-placed sources told ET that preference would be given to health visas on a case-to-case basis.The newly updated portal lists categories including student, business, medical, medical attendant, entry and UN diplomat visas. Applicants are required to upload a recent front-facing photograph along with the passport and national ID card that must contain personal details such as name, date of birth, nationality and expiry date.The move follows growing diplomatic engagement between India and the Taliban regime. Last month, external affairs minister S Jaishankar spoke on phone with Taliban foreign minister Amir Khan Muttaqi, thanking him for condemning a "terrorist attack" in Kashmir. Taliban is keen to utilise both the INSTC as well as Chabahar Port for global trade and thereby reduce dependence on Pakistani ports. India-Afghanistan-Iran had earlier agreed to a trilateral pact for the Chabahar Port.New Delhi: Amid warming up of ties with Taliban, India has relaunched visa services for Afghan nationals. Visas will be issued primarily for people with ailments on a case-to-case basis. A notification on the government's official visa portal, indianvisaonline.gov.in, launched the 'New AFGHAN Visa' module for six categories of visa. However, highly-placed sources told ET that preference would be given to health visas on a case-to-case basis.The newly updated portal lists categories including student, business, medical, medical attendant, entry and UN diplomat visas. Applicants are required to upload a recent front-facing photograph along with the passport and national ID card that must contain personal details such as name, date of birth, nationality and expiry date.The move follows growing diplomatic engagement between India and the Taliban regime. Last month, external affairs minister S Jaishankar spoke on phone with Taliban foreign minister Amir Khan Muttaqi, thanking him for condemning a "terrorist attack" in Kashmir. Taliban is keen to utilise both the INSTC as well as Chabahar Port for global trade and thereby reduce dependence on Pakistani ports. India-Afghanistan-Iran had earlier agreed to a trilateral pact for the Chabahar Port.
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Bihar News: 15 जून तक होगी गेहूं की खरीदारी, 48 घंटे में होगा भुगतान

Dainik Jagran - May 26, 2025 - 10:54pm

जेएनएन, पटना। पैक्स या प्रखंड स्तर पर व्यापार मंडलों के माध्यम से बिहार सरकार न्यूनतम समर्थन मूल्य पर गेहूं की खरीद कर रही है। गेहूं बेचने वाले किसानों को 48 घंटों के भीतर भुगतान भी दिया जा रहा है। राज्य सरकार के इस कदम से किसानों को अपनी फसल के लिए एक सुनिश्चित मूल्य मिल रहा है।

इसके लिए खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग ने रबी विपणन मौसम 2025-26 के लिए गेहूं खरीद की घोषणा जारी की है। जिसमें किसानों को गेहूं का न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) 2,425 रुपये प्रति क्विंटल निर्धारित किया गया है। यह खरीद प्रक्रिया 1 अप्रैल 2025 से शुरू हो चुकी है और 15 जून 2025 तक चलेगी।

किसान अपने गेहूं को पंचायत स्तर पर प्राथमिक कृषि सहकारी समितियों (PACS) या प्रखंड स्तर पर व्यापार मंडलों में बेच सकते हैं। इसके अलावे, भारतीय खाद्य निगम (FCI) द्वारा भी कुछ खरीद केंद्र स्थापित किए गए हैं।

गेहूं बिक्री के लिए किसानों को पहले कृषि विभाग के पोर्टल पर पंजीकरण करना होगा। इसके बाद सहकारिता विभाग के पोर्टल पर आवेदन जमा कर वे अधिप्राप्ति प्रक्रिया में शामिल हो सकते हैं। ऑनलाइन होने वाली इस प्रक्रिया के कारण गेहूं की खरीदारी में पारदर्शिता आई है और बिचौलियों की भूमिका खत्म हो गई है।

गेहूं की खरीदारी के माध्यम से राज्य सरकार किसानों को उनकी फसल का उचित मूल्य प्रदान कर रही है, ताकि उनकी आर्थिक स्थिति बेहतर हो और वे बिचौलियों को कम कीमत पर अपना गेहूं बेचने पर मजबूर न हो। सरकारी गेहूं खरीद की दूसरी सबसे बड़ी विशेषता यह भी है कि बेचे गए गेहूं के बदले किसानों को रूपये का भुगतान भी 48 घंटे के अंदर मिल जा रहा है।

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नहरों के पानी को अंतिम छोर तक पहुंचाना अभियंताओं की जिम्मेदारी: विजय कुमार चौधरी

Dainik Jagran - May 26, 2025 - 10:49pm

जेएनएन, पटना। जल संसाधन विभाग के माननीय मंत्री विजय कुमार चौधरी की अध्यक्षता में आज विभागीय सभा कक्ष, पटना में सिंचाई प्रक्षेत्र से संबंधित राज्यस्तरीय समीक्षा बैठक का आयोजन किया गया। बैठक का शुभारंभ माननीय मंत्री श्री विजय कुमार चौधरी एवं विभाग के प्रधान सचिव द्वारा दीप प्रज्जवलन कर किया गया। तत्पश्चात स्वागत भाषण वाल्मी शासी पर्षद के परामर्शी अध्यक्ष ईश्वर चंद्र ठाकुर द्वारा प्रस्तुत किया गया।

बैठक के दौरान विभाग के विभिन्न प्रक्षेत्रों से जुड़ी योजनाओं एवं कार्यक्रमों की प्रगति की गहन एवं बिंदुवार समीक्षा की गई। सिंचाई प्रक्षेत्र की समीक्षा के अंतर्गत भौतिक एवं वित्तीय प्रगति, नहरों के अंतिम छोर तक जल आपूर्ति की स्थिति, भू-अर्जन से संबंधित लंबित विषयों तथा प्रगति यात्राओं की अद्यतन स्थिति पर विस्तारपूर्वक चर्चा की गई।

मंत्री श्री विजय कुमार चौधरी ने बैठक के दौरान कहा कि आमने-सामने की बैठक से संवाद बेहतर होता है, इससे ज़मीनी समस्याओं को समझने में मदद मिलेगी। ऐसी बैठकें कार्यों की प्रगति में तेजी लाएंगी। इसके साथ ही कहा कि जल संसाधन विभाग का मूल दायित्व राज्य के किसानों को सुलभ एवं प्रभावी सिंचाई सुविधा उपलब्ध कराना है, जो प्रदेश की कृषि अर्थव्यवस्था की रीढ़ है।

उन्होंने सख्ती से सभी मुख्य अभियंताओं को निर्देशित किया कि वे कार्यों के प्रति संवेदनशील एवं जिम्मेदार रहें और सुनिश्चित करें कि नहरों में पानी का प्रवाह हर गांव और खेत तक निर्बाध रूप से पहुंचे। उन्होंने स्पष्ट कहा कि आगामी सिंचाई मौसम से पूर्व सभी स्थल निरीक्षण कार्य गंभीरता से कर लिए जाएं, और कोई भी खामी सामने आने पर व्यक्तिगत जिम्मेदारी तय की जाएगी।

मंत्री जी ने सख्ती से मुख्य अभियंताओं को यह भी निर्देशित किया कि कार्यों में कोताही बरतने वाले संवेदकों पर कार्रवाई करें। साथ ही, जिन संवेदकों द्वारा कार्यों में अनियमितता, लापरवाही या गुणवत्ता से समझौता किया गया है, उनके विरुद्ध आवश्यक अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाए। राज्य सरकार की प्राथमिकता है कि हर किसान को समय पर सिंचाई सुविधा मिले और इसके लिए विभागीय जवाबदेही भी उतनी ही सुनिश्चित हो।

प्रधान सचिव संतोष कुमार मल्ल ने बैठक को संबोधित करते हुए विभाग के सभी अधिकारियों से अपेक्षा की कि वे अपने-अपने क्षेत्रों में उच्चतम स्तर की सिंचाई सुविधा सुनिश्चित करें। उन्होंने जानकारी दी कि राज्य में 37 लाख हेक्टेयर सिंचाई क्षमता सृजित की जा चुकी है, जिसे शत-प्रतिशत क्रियान्वित करना विभाग का प्राथमिक उद्देश्य है।

इसके साथ ही उन्होंने यह भी निर्देशित किया कि सभी कार्ययोजनाएं निर्धारित समयसीमा में पूर्ण की जाएं। उन्होंने स्पष्ट चेतावनी दी कि यदि किसी क्षेत्र में नहर के बांध टूटने तथा क्षेत्र में जलप्लावन होने की स्थिति उत्पन्न होती है, तो संबंधित कार्यपालक अभियंता, सहायक अभियंता, कनीय अभियंता के अलावा मुख्य अभियंता के विरुद्ध भी जिम्मेदारी निर्धारित कर अनुशासनिक एवं विभागीय कार्रवाई की जाएगी। साथ ही, सभी अधिकारियों को अगले एक सप्ताह के लिए अपने क्षेत्रों के लिए नहरवार स्थल निरीक्षण का विस्तृत रूटमैप तैयार करने एवं समर्पित करने के निर्देश दिए गए।

बैठक के विभिन्न सत्रों में सिवान, मोतिहारी, दरभंगा, सहरसा, भागलपुर, बिहारशरीफ, गया, औरंगाबाद एवं डिहरी प्रक्षेत्रों में संचालित योजनाओं की प्रगति की विस्तार से समीक्षा की गई। बैठक के समापन पर धन्यवाद ज्ञापन तकनीकी परमार्शी श्री रविंद्र कुमार शंकर द्वारा किया गया।

इस अवसर पर विभाग के अपर सचिव श्री नवीन, अपर सचिव श्री पवन कुमार सिन्हा, अभियंता प्रमुख (मुख्यालय) श्री शरद कुमार, अभियंता प्रमुख (सिंचाई सृजन) श्री अवधेश कुमार, मुख्य अभियंता (योजना एवं मॉनिटरिंग) श्री ब्रजेश मोहन, संबंधित प्रक्षेत्रों के मुख्य अभियंता तथा तकनीकी परामर्शी सहित अन्य वरिष्ठ पदाधिकारी उपस्थित थे। सभी अधिकारियों ने अपने क्षेत्रों की अद्यतन प्रगति की जानकारी मंत्री जी को प्रदान की और योजनाओं के प्रभावी कार्यान्वयन हेतु अपने विचार साझा किए।

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सफलता की कहानी : कोरोना ने छीना रोजगार, नीतीश सरकार की मुख्यमंत्री उद्यमी योजना ने दिखाई नई राह

Dainik Jagran - May 26, 2025 - 10:06pm

डिजिटल डेस्क, पटना। एक कहावत तो आपने सुनी होगी “अगर इरादे बुलंद हों, तो हालात कभी रास्ता नहीं रोकते।” जी हां, कुछ ऐसा ही पटना जिले के पैजना गांव के रहने वाले अंकित राज ने साबित कर दिखाया है। जिसमें मददगार बनी बिहार सरकार की मुख्यमंत्री उद्यमी योजना। जिसका लाभ उठाकर अंकित ने अपनी एक नई राह बनाई और दूसरों के लिए भी उम्मीद की किरण बन गए।

कोरोना के दौरान दिल्ली वापसी बाद संघर्ष की शुरुआत

कोरोना महामारी के दौरान जब देशभर में लॉकडाउन लगा। लाखों लोगों की तरह अंकित राज की भी रोज़ी-रोटी छिन गई। राम लखन सिंह यादव कॉलेज, बख्तियारपुर से जीवविज्ञान में स्नातक करने वाले अंकित दिल्ली में छोटे-मोटे काम कर अपना परिवार चला रहे थे। महामारी के दौरान उन्हें दिल्ली छोड़कर गांव लौटना पड़ा। उनके पास न नौकरी थी, न साधन। बस जीवन चलाने की चुनौती थी।

मुख्यमंत्री उद्यमी योजना: बदली किस्मत

गांव लौटने पर अंकित को जानकारी हुई कि बिहार की नीतीश सरकार युवाओं के लिए मुख्यमंत्री उद्यमी योजना चला रही है। इसके तहत 10 लाख रुपये तक का ऋण दिया जाता है। वह भी बिना किसी गारंटी के। इसी योजना ने उनके जीवन को नई दिशा दी। तीन किश्तों में प्राप्त इस राशि से अंकित ने कॉपी निर्माण इकाई शुरू की। अंकित आज न केवल स्थानीय जरूरतों को पूरा कर रहें हैं, बल्कि दूसरे युवाओं को भी रोजगार दे रहे हैं।

कॉपी निर्माण: गांव से उठी नई क्रांति

अंकित की यूनिट में आधुनिक मशीनें चल रही हैं, जिनसे हर दिन हजारों कॉपियां तैयार होती हैं। ये कॉपियां गांव के दुकानदारों से लेकर स्कूलों तक पहुंच रहीं है। बाढ़ जैसे पिछड़े इलाकों में, जहां अब तक महंगी कॉपियों के लिए दूसरे जिलों पर निर्भरता रहती थी। अब अंकित स्थानीय स्तर पर ही गुणवत्तापूर्ण और सस्ती कॉपियां मिल रही हैं। अंकित कहते हैं “हम सिर्फ कॉपी नहीं बनाते, हम शिक्षा को भी सुलभ बनाते हैं,”।

रोजगार भी, आत्मनिर्भरता भी

अंकित ने बताया कि उन्‍होंने कॉपी बनाने के काम में अपने साथ कई स्‍थानीय युवाओं को जोड़ा है। उनकी इस कॉपी बनाने के उद्यम से न केवल करीब 50 लोगों को सीधे तौर पर परिवार चल रहा है। बल्कि 5000 से अधिक लोगों को परोक्ष रूप से काम मिल रहा है। उनके इस साहसिक प्रयास से स्वरोजगार से आत्मनिर्भरता का रास्‍ता तैयार हुआ है।

चुनौतियां भी आईं, लेकिन हिम्मत नहीं हारी

अंकित बताते हैं कि व्यवसाय के शुरुआती दिनों में बाजार की प्रतिस्पर्धा, बारिश में कागज का खराब होना, समय पर पेमेंट न मिलना और कच्चे माल की कमी जैसी समस्याएं थी। लेकिन अंकित ने हार नहीं मानी। उन्होंने इन चुनौतियों को अवसर में बदला। आज वही चुनौती उनकी पहचान बन गई है।

सरकार का दूरदर्शी विजन बना युवाओं की ताकत

अंकित बताते हैं कि कभी बिहार को बीमारू राज्‍य के रूप में जाना जाता था। लेकिन मुख्‍यमंत्री उद्यमी योजना के जरिए बिहार के युवा आत्‍मनिर्भर हो रहे हैं। जिसका असर अब दिखने भी लगा। बिहार आत्मनिर्भर राज्य बनाने की दिशा में अग्रसर है।

अंकित का मानना है कि मुख्यमंत्री उद्यमी योजना युवाओं और बेरोजगारों के लिए मील का पत्‍थर साबित होगी। जो युवा उद्यम करना चाहता है, बिहार सरकार उसे प्रोत्‍साहित कर रही है। अंकित बताते हैं, आज हजारों युवाओं ने इस योजना के तहत लोन लेकर खुद का व्यवसाय शुरू किया है। कोई डिजिटल प्रिंटिंग कर रहा है, कोई फर्नीचर बना रहा है, कोई आईटी सर्विस दे रहा है।

सरकारी नौकरी ही सब कुछ नहीं

बातचीत के दरौन अंकि‍त कहते हैं कि "युवाओं को सिर्फ सरकारी नौकरी की राह नहीं देखनी चाहिए। सरकार जो मौके दे रही है, उनका सही उपयोग करके हम खुद न केवल आत्मनिर्भर बन सकते हैं, बल्कि दूसरों को भी रोजगार दे सकते हैं," उनका कहना है कि सरकारी नौकरी ही सबकुछ नहीं है।

आगे की योजना: और बड़ी उड़ान

अंकित चाहते हैं कि वे अपनी यूनिट को और विस्तार दें, नई मशीनें लगाएं, और गांव-गांव तक अपनी सस्ती कॉपियों की पहुंच सुनिश्चित करें। वो कहते हैं कि हर गांव में स्वरोजगार इकाई हो, और हर हाथ के पास अपना काम हो।

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बिहार सरकार ने आम लोगों को दिया बड़ा अधिकार, अब जनता के सुझाव पर होगा सड़क का निर्माण

Dainik Jagran - May 26, 2025 - 10:03pm

राज्य ब्यूरो, पटना। राज्य में अब आम लोगों के सुझाव पर सड़क निर्माण होगा, जिसमें लोगों की पसंद का भी ध्यान रखा जाएगा। पथ निर्माण विभाग की ओर से इसकी तैयारी शुरू कर दी गई है। इसके लिए जो कार्य योजना बनायी जा रही है, उसमें सड़क निर्माण और लोगों का सफर सुरक्षित बनाने पर ज्यादा फोकस किया जा रहा है और उस पर लोगों से सुझाव भी मांगे जाएंगे। इसके लिए पथ निर्माण विभाग की ओर से टाल  फ्री नंबर जारी किया जाएगा।

विभाग के अधीन 3638 किलोमीटर राजकीय उच्च पथ

पथ निर्माण विभाग के अधिकारी ने बताया कि विभाग के अधीन 3638 किलोमीटर राजकीय उच्च पथ है। जबकि वृहद जिला पथ (एमडीआर) की लंबाई 16 हजार 296 किलोमीटर है। राज्य में कई ऐसी सड़कें हैं जिसका निर्माण तो हो गया पर वह आम लोगो के लिए लाभकारी साबित नहीं हो पा रहा है।

कुछ सड़क की गुणवत्ता अच्छी नहीं, कुछ की चौड़ाई कम

कुछ सड़क की गुणवत्ता अच्छी नहीं है तो कुछ सड़क की चौड़ाई कम है। इसके कारण लोगों को जाम की समस्या से जूझना पड़ रहा है। कहीं सड़क व पुल-पुलिया पर पानी लग जा रहा है तो किसी सड़क पर गाड़ियां सरपट नहीं भाग रही हैं। इसे देखते हुए ही सड़कों के निर्माण में लोगों से सुझाव लेने का निर्णय लिया गया है।

विभाग के अधीन सड़कों पर लगाया जाएगा एक बोर्ड 

इसके लिए विभाग के अधीन जो भी सड़कें हैं, उस पर एक बोर्ड लगाया जाएगा। सड़क के शुरुआत वाले स्थान और समाप्त होने वाले स्थान पर बोर्ड लगाया जाएगा। इसमें सड़कों के निर्माण, मरम्मत अवधि से लेकर कार्य एजेंसी का नाम लिखा होगा।

विभाग की ओर से एक मोबाइल नंबर भी लिखा रहेगा

इसके अलावा विभाग की ओर से एक मोबाइल नंबर भी लिखा रहेगा। इस नंबर पर आम लोग व्हाट्सअप के माध्यम से सड़कों के बारे में लोग अपनी राय रख सकेंगे।

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कोरोना के नए लक्षण ने चौंकाया, सर्दी-खांसी न बुखार; तेज सिर-बदन दर्द में रिपोर्ट पॉजिटिव

Dainik Jagran - May 26, 2025 - 9:45pm

जागरण संवाददाता, पटना। कोरोना के ओमिक्रोन परिवार के नए जेएन1 स्ट्रेन के सब वैरिएंट्स एलएफ-7 व एनबी1.8 के लक्षण भले ही हल्के हैं, लेकिन यह रोगियों के साथ डाक्टरों को भी भ्रमित कर रहे हैं। महाराष्ट्र समेत कई राज्यों में इस बार कई ऐसे संक्रमित मिले हैं, जिन्हें गले में खराश, सर्दी-खांसी, बुखार नहीं है।

थकावट-कमजोरी को न करें नजरअंदाज

वे तेज सिरदर्द, बदन दर्द, थकावट-कमजोरी लेकर डाक्टर के पास जा रहे हैं लेकिन आक्सीजन स्तर में कमी देख जब डाक्टर जांच करा रहे हैं तो कोरोना पाजिटिव रिपोर्ट आ रही है। ये बातें आइजीआइएमएस के चिकित्साधीक्षक डा. मनीष मंडल ने सोमवार को कहीं।

उन्होंने बताया कि राजधानी में एक डाक्टर समेत दो युवकों के पाजिटिव आने के बाद जब महाराष्ट्र, दिल्ली के डाक्टरों से बात की गई तो उन्होंने यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि बीपी के रोगियों को इस बार के कोरोना से खास सतर्क रहने की जरूरत है क्योंकि सिरदर्द से बीपी अचानक तेजी से बढ़ता है और ब्रेन स्ट्रोक का खतरा बढ़ जाता है।

लक्षणों में बदलाव से आमजन रहते असावधान 

डा. मनीष मंडल ने बताया कि आजकल मौसम में तेजी से बदलाव हो रहा है। ऐसे में तेज सिर-बदन दर्द, कमजोरी, थकावट, अंदर से अच्छा महसूस नहीं होने को लोग ठंडा-गर्म, लू या शादी-विवाह में अधिक कार्य को इसका कारण मान लेते हैं। ऐसे में जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होती है या बीपी होता है, उनमें घातक लक्षण उभर सकते हैं।

ऐसे में आमजन को कोरोना से सतर्क रहने की जरूरत है। प्रदेश में अभी कौन सा स्ट्रेन है, इसकी जांच नहीं हो रही है। जल्द ही कोरोना संक्रमितों के नमूने की जेनेटिक सिक्वेंसिंग कर इसकी जानकारी जुटाई जाएगी।

संक्रमण से बचाएंगे छोटे-छोटे उपाय 

- भीड़भाड़ वाली जगहों पर मास्क या रूमाल बांध कर रहें।

- शारीरिक दूरी नियम का पालन करें, खासकर बीमार लोगों से दूसरे क्रोनिक रोगी।

- किसी अंजान सतह को छूने के बाद हाथों को साबुन से जरूर धोएं।

- बुखार, खांसी, गले में खराश, सिरदर्द, थकान-मांसपेशियों में दर्द, भूख में कमी, दस्त, पाचन राेगियों से दूरी बनाए रखें।

- गंध-स्वाद जाना, नाक बंद, उल्टी, आंखों में जलन, गले में चुभन, नींद की समस्या हो तब भी आइसोलेशन में रहे व डाक्टर से परामर्श लेकर जांच कराएं।

- मधुमेह, थायराइड, हृदय के रोगी, गर्भवती महिलाएं या वैक्सीन की दोनों डोज नहीं लेने वाले भी एहतियात बरतें।

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दानापुर से बेंगलुरु के लिए चलेगी स्पेशल ट्रेन, कटिहार-मुंबई सेंट्रल पर भी आया बड़ा अपडेट

Dainik Jagran - May 26, 2025 - 9:42pm

जागरण टीम, पटना/खगड़िया। गर्मी की छुट्टी के दौरान भारतीय रेलवे ने यात्रियों की सुविधा के लिए स्पेशल ट्रेन चलाने का निर्णय लिया है। एक जून से दानापुर से एसएमभीबी, बेंगलुरु तक के लिए स्पेशल ट्रेन चलाई जाएगी। इसकी मांग लंबे समय से की जा रही थी।

यह ट्रेन 29 जून तक चलाने का निर्णय लिया गया है। यह ट्रेन कुल नौ फेरा लगाएगी। इस ट्रेन का परिचालन रविवार एवं सोमवार का दानापुर से रवाना होगी। राज्य के काफी संख्या में यात्री बेंगलुरु एवं दक्षिण भारत के अन्य शहरों में भ्रमण करने जाते हैं।

वहीं, दो जून से पटना से चर्लपल्ली के लिए भी स्पेशल ट्रेन चलाने का निर्णय लिया गया है। यह ट्रेन 30 जुलाई तक चलाई जाएगी। ट्रेन का परिचालन सोमवार एवं बुधवार को होगा। यह ट्रेन 18 फेरे लगाएगी। इन ट्रेनों के परिचालन से राज्य के यात्रियों को बड़ी राहत मिलेगी।

अब 27 सितंबर तक चलेगी कटिहार-मुंबई सेंट्रल स्पेशल ट्रेन

यात्रियों की भीड़ व सुविधा को लेकर विभागीय स्तर पर नई स्पेशल ट्रेन चलाए जाने के साथ स्पेशल ट्रेनों के परिचालन अवधी में विस्तार भी किया जा रहा है। अब कटिहार- मुंबई सेंट्रल स्पेशल ट्रेन का परिचालन 27 सितंबर तक होगा। विभाग ने इसके अवधी को जून से बढ़ाकर 27 सितंबर तक कर दी है।

09189 मुंबई सेंट्रल कटिहार 27 सितंबर तक और 09190 कटिहार मुंबई सेंट्रल 30 सितंबर 2025 तक चलेगी। यह ट्रेन मुंबई, वापी, सूरत, उज्जैन, बड़ौदा आदि जगहों के लिए उपयोगी है। ट्रेन में भीड़ को देखते हुए इसके परिचालन अवधी में विस्तार किया गया है।

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