Dainik Jagran
Prashant Kishor: 'मेरे साथ दूसरी बार धोखा हुआ; 10 दिनों के अंदर...', भरी सभा में ये क्या बोल गए पीके
राज्य ब्यूरो, पटना। बिहार बदलाव रैली में शुक्रवार को प्रतीक्षारत जन-समूह के बीच तीन-चार घंटे देरी से पहुंचे प्रशांत किशोर (पीके) ने पहले क्षमायाचना की और उसके बाद सरकार पर बिफर पड़े। उस समय शाम के छह बज रहे थे और पटना के गांधी मैदान में अच्छी-खासी भीड़ जुट चुकी थी, लेकिन पीके संतुष्ट नहीं थे।
उन्होंने दावा किया कि रैली में जन सुराज पार्टी (जसुपा) के पांच लाख समर्थक आ रहे थे। दो लाख से अधिक लोगों को सरकार ने जहां-तहां रोक दिया। इस गर्मी में वे लोग भूखे-प्यासे परेशान रहे। मैं चार घंटे तक प्रशासन से याचना करता रहा, लेकिन लोगों को नहीं आने दिया गया।
पीके ने आगे कहा, सरकार समर्थकों को मेरे पास आने से रोक सकती है, लेकिन उनके घर-द्वार तक जाने से मुझे नहीं। अब दस दिनों के भीतर मैं बिहार बदलाव यात्रा पर निकलूंगा। एक-एक व्यक्ति से मिलूंगा। इस सरकार को उखाड़ फेंकना है। इस संकल्प के साथ उन्होंने जय बिहार का उद्धोष किया तो प्रत्युत्तर में मैदान गूंज उठा।
गांधी मैदान में सायं-काल में रैली का संभवत: यह पहला अवसर रहा। मंच के साथ 800 फीट लंबा रैंप भी बना था। पीके को उस पर चलते हुए भाषण देना था। बिहार में होने वाली किसी रैली में यह भी पहला प्रयोग रहा, लेकिन पीके जो बोले, वह मंच से ही। पीड़ा और क्षोभ का मिश्रित भाव उनके चेहरे पर साफ झलक रहा था।
उन्होंने कहा कि रैली में पुलिस-प्रशासन ने पूरा अड़ंगा लगाया, जबकि मुख्य सचिव-डीजीपी और डीएम-एसपी सबको समय से पहले सूचित कर दिया गया था। सरकार ने मेरे साथ दूसरी बार धोखा किया है। युवाओं और छात्रों के मुद्दे पर मैं इसी गांधी मैदान में अनशन पर था। तब देर रात नीतीश कुमार के अफसर मुझे उठा ले गए और जेल में डाल दिया।
'मैं नहीं होता तो 2015 में ही...'उन्होंने कहा कि न्यायालय के हस्तक्षेप से मैं बाहर आया। मैं नहीं होता तो 2015 में ही नीतीश राजनीतिक संन्यास ले चुके होते। अब बहुत हुआ। एक कहावत है कि जो शादी कराता है, वही श्राद्ध भी कराता है। नीतीश का राजनीतिक श्राद्ध जसुपा ही कराएगी।
अपने छह मिनट के उद्बोधन में पीके ने कहा कि वे लंबा नहीं बोलेंगे। अगले पांच घंटे तक जन-समूह के बीच रहेंगे और बातचीत करेंगे। खाने-पीने और घर तक लौटने की सारी व्यवस्था है। नीतीश के अफसरों के इस जंगल-राज को उखाड़ फेंकने का संकल्प कीजिए। अफसरशाही का खात्मा होकर रहेगा।
समर्थकों से संवाद करते हुए उन्होंने कहा कि नीतीश को उखाड़ फेंकना है। मोदी के बहकावे में नहीं आना और लालू का जंगल-राज तो चाहिए नहीं! अब जनता का राज चाहिए, इसके लिए बदलाव जरूरी है। कतरल-ध्वनि से जन-समूह ने उन्हें आश्वस्त किया।
ये भी पढ़ें- Tejashwi Yadav: 'युवाओं को नौकरी देंगे... तभी न होगी शादी', गोपालगंज में बोले तेजस्वी यादव
ये भी पढ़ें- Bihar: राहुल ने 'राजेश राम' पर जताया भरोसा, BJP की भी 20% वोट पर नजर; लालू-नीतीश क्या कर रहे?
Bihar News: सभी जिलों में जाएगा 'बिहार जागरण गौरव यात्रा' रथ, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने दिखाई झंडी
जागरण संवाददाता, पटना। 'दैनिक जागरण' के बिहार में प्रकाशन के 25 वर्ष पूरे होने पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने झंडी दिखाकर शुक्रवार को 'बिहार जागरण गौरव यात्रा' रथ को रवाना किया। मुख्यमंत्री आवास एक अणे मार्ग में आयोजित कार्यक्रम में नीतीश कुमार ने जलती मशाल दैनिक जागरण के राज्य संपादक आलोक मिश्रा, पटना, मुजफ्फरपुर व भागलपुर यूनिट के संपादकीय प्रभारी क्रमश: अश्विनी कुमार सिंह, बृजेश दुबे व संदीप कुमार को सौंपी।
रथ सभी 38 जिलों में जाएगा। दैनिक जागरण के निदेशक सुनील गुप्ता ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का स्वागत अंगवस्त्र और स्मृति चिह्न देकर किया। मुख्यमंत्री ने स्मृति चिह्न के तौर पर दी गई बोधिवृक्ष के पत्ते की स्वर्णिम प्रतिकृति की प्रशंसा की। निदेशक ने मुख्यमंत्री को दैनिक जागरण के विभिन्न कार्यक्रमों से जुड़ी यादों का कोलाज भी भेंट किया।
इसमें दहेज, नशा, बाल विवाह आदि कुरीतियों पर दैनिक जागरण के अभियान से जुड़ी तस्वीरों को देखकर मुख्यमंत्री ने कहा कि लोगों को जागरूक करने में जागरण का अहम योगदान रहा है। खबर के साथ जागरण लोगों को जागरूक भी करता है। निदेशक ने जल संसाधन सह संसदीय कार्य मंत्री विजय कुमार चौधरी को भी स्मृति चिह्न देकर स्वागत किया।
मुख्यमंत्री ने इस दौरान प्रकाशन की रजत जयंती पर प्रकाशित थांगका पेंटिंग को समर्पित काफी टेबल बुक 'सेक्रेड स्प्लेंडर', माता जानकी और प्रभु श्रीराम को समर्पित विशेष संकलन 'बिहार की जानकी, पाहुन प्रभु राम', राज्य के सभी जिलों के आयाम, धर्म के निशान व विकासगाथा पर आधारित स्मारिका 'बिहार यात्रा' तथा तिरहुत की संस्कृति के विविध रंगों का संग्रह 'तिरहुत-संस्कृति और प्रकृति के रंग' का विमोचन किया।
दैनिक जागरण बिहार, झारखंड व बंगाल के मुख्य महाप्रबंधक आनंद त्रिपाठी और स्थानीय संपादक आलोक मिश्रा ने मुख्यमंत्री को सभी विशेष संग्रहों के तथ्यों से अवगत कराया। बिहार जागरण गौरव यात्रा रथ सभी जिलों में जाकर राज्य के विकास में जागरण के योगदान का स्मरण कराएगा।
मौके पर मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव दीपक कुमार व डा. एस सिद्धार्थ, मुख्यमंत्री के सचिव अनुपम कुमार, मुख्यमंत्री के विशेष कार्य पदाधिकारी गोपाल सिंह, गृह विभाग के सचिव प्रणव कुमार, दैनिक जागरण परिवार के अनिल शंकर मित्तल, समीर गुप्ता, बंसत राठौर, प्रशांत कश्यप, विनोद श्रीवास्तव, मनोज गुप्ता, सरबनी भाटिया आदि मौजूद थीं।
ये भी पढ़ें- Bihar News: छोटे शहरों में होटल खोलने पर ग्रांट देगी नीतीश सरकार, बिहार में पर्यटन को मिलेगा बढ़ावा
ये भी पढ़ें- Rajgir Station: अब नए लुक में दिखेगा राजगीर स्टेशन, मिलेगी वर्ल्ड क्लास फैसिलिटी; 50 करोड़ होंगे खर्च
Bihar News: छोटे शहरों में होटल खोलने पर ग्रांट देगी नीतीश सरकार, बिहार में पर्यटन को मिलेगा बढ़ावा
राज्य ब्यूरो, पटना। राज्य के छोटे शहरों में भी होटल खोलने के लिए अब राज्य सरकार अनुदान देगी। इसके लिए पर्यटन नीति 2023 में संशोधन किया गया है। पुरानी पर्यटन नीति में न्यूनतम दस करोड़ की लागत से चार सितारा (फोर स्टार) या उससे ऊपर की श्रेणी के होटल बनाने के लिए ही 25 प्रतिशत तक पूंजीगत अनुदान की व्यवस्था थी।
पर्यटन विभाग ने सुझावों के बाद संशोधित नीति में अब न्यूनतम पांच करोड़ की लागत से दो सितारा होटल बनाने पर भी पूंजीगत अनुदान की व्यवस्था की है। सूचना भवन के संवाद कक्ष में शुक्रवार को आयोजित प्रेस वार्ता में पर्यटन मंत्री राजू कुमार सिंह और पर्यटन सचिव लोकेश कुमार सिंह ने यह जानकारी दी।
सचिव ने बताया कि प्रमुख पर्यटन केंद्रों जैसे पटना, गया-बोधगया, राजगीर-नालंदा, मुजफ्फरपुर, भागलपुर को छोड़कर जिला मुख्यालयों में चार स्टार होटल की सीमा तथा निवेश की राशि को कम कर दिया गया है, ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग निवेश कर सकें। जिला मुख्यालयों में थ्री स्टार और 7.5 करोड़ रुपये के निवेश तो अनुमंडल में टू स्टार और पांच करोड़ की निवेश सीमा तय की गयी है।
इसके अलावा, स्वीकृत परियोजना लागत के 100 प्रतिशत की अधिकतम सीमा के अंतर्गत एसजीएसटी के 80 प्रतिशत की प्रतिपूर्ति अब पांच की जगह सात वर्षों तक की जाएगी। इसके अलावा नई पर्यटन परियोजनाओं को पांच वर्षों की अवधि के लिए ईएसआई और ईपीएफ योजना में नियोक्ता अंशदान के लिए व्यय का 100% अथवा 3,000 रुपये प्रति कर्मी, जो भी कम हो, की प्रतिपूर्ति होगी।
यह प्रतिपूर्ति बिहार के निवासियों के संबंध में ही अनुमान्य होगा। वहीं दिव्यांगों को रोजगार प्रदान करने वाली पात्र पर्यटन परियोजनाओं को प्रति कर्मी 1,500 रुपये प्रति माह के पारिश्रमिक की प्रतिपूर्ति की जाएगी।
पटना में तीन नए पांच सितारा होटल के निविदा प्रकाशित:मंत्री ने बताया कि राज्य में वर्ष 2024-25 में 1328.00 करोड़ रुपये की नई पर्यटन परियोजनाओं को स्वीकृति दी गई है। पटना में होटल पाटलिपुत्र अशोक, बांकीपुर बस स्टैंड तथा सुल्तान पैलेस परिसर की भूमि पर बनने वाले तीन नए पांच सितारा होटलों के लिए निविदा प्रकाशित की जा चुकी है, इससे राज्य में लगभग 1000 करोड़ रुपये का निवेश आने की संभावना है। इसका निर्माण पीपीपी मोड पर होगा।
पर्यटकों की सुविधा के लिए सीतामढ़ी, रोहतास एवं बक्सर जिलों में बजट होटलों के निर्माण के लिए 84.27 करोड़ रुपये तो मुंगेर जिले के असरगंज में तीर्थयात्री शेड तथा कैफेटेरिया के निर्माण के लिए 14.88 करोड़ रुपये दिए गए हैं।
पुनौराधाम में होगा मां जानकाी जन्मभूमि मंदिर का निर्माणमंत्री ने बताया कि राज्य सरकार रामायण सर्किट, बौद्ध सर्किट, सूफी सर्किट, इको सर्किट में विकास के काफी कार्य कर रही है। राम मंदिर की तर्ज पर पुनौराधाम में मां जानकी जन्मभूमि मंदिर का निर्माण किया जाना है। इसके लिए 120 करोड़ रुपये की लागत से 50 एकड़ जमीन अधिगृहित करने का कार्य चल रहा है।
वाल्मिकी नगर में लवकुश आश्रम, बक्सर में रामरेखा घाट, अहिल्या स्थान और फुलहर स्थान में भी विकास योजनाओं को स्वीकृति दी गयी है। राजगीर के ब्रह्मकुंड का विकास भी सरकार कर रही है। प्रेस वार्ता में प्रबंध निदेशक नंदकिशोर, उप सचिव इंदु कुमारी एवं महाप्रबंधक चंदन चौहान सहित अन्य पदाधिकारीगण उपस्थित थे।
ये भी पढ़ें- Rajgir Station: अब नए लुक में दिखेगा राजगीर स्टेशन, मिलेगी वर्ल्ड क्लास फैसिलिटी; 50 करोड़ होंगे खर्च
ये भी पढ़ें- Sitamarhi News: जाम से मिलेगी मुक्ति, रिंग बांध पर बनेगी 20 फीट चौड़ी सड़क; मिली प्रशासनिक मंजूरी
Rajgir Station: अब नए लुक में दिखेगा राजगीर स्टेशन, मिलेगी वर्ल्ड क्लास फैसिलिटी; 50 करोड़ होंगे खर्च
जागरण संवाददाता, पटना। पूर्व मध्य रेल के 93 से अधिक स्टेशनों को अमृत भारत योजना से विश्व स्तरीय रूप दिया जाएगा। अकेले दानापुर मंडल के 25 से अधिक स्टेशनों को इस योजना के तहत विकसित किया जा रहा है। इसी क्रम में राजगीर स्टेशन को भी इस योजना के तहत विकसित किया जा रहा है। राजगीर स्टेशन को भी विकसित करने का कार्य तेजी से जारी है।
राजगीर स्टेशन (Rajgir Railway Station) को विकसित करने के लिए 40 से 50 करोड़ की राशि खर्च की जा रही है। सबकुछ ठीक रहा तो इस साल के दिसंबर माह तक इस स्टेशन के विकास का कार्य पूरा कर लिया जाएगा। राजगीर स्टेशन के बाहरी व भीतरी दीवारों पर राजगीर व बौद्ध से जुड़े जरासंध समेत अन्य महापुरुषों की तस्वीरें उकेरी जाएंगी।
स्टेशन पर बनेंगे एक्स्ट्रा प्लेटफॉर्म और एस्केलेटरइस स्टेशन पर अतिरिक्त प्लेटफॉर्म के साथ-साथ एस्केलेटर व लिफ्ट लगाए जाएंगे। पर्यटन दृष्टिकोण से महत्चपूर्ण इस स्टेशन पर विश्व स्तरीय स्टेशनों पर मिलने वाली तमाम यात्री सुविधाओं को मुहैया कराया जाएगा। यहां वीवीआईपी लाउंज के साथ-साथ खान-पान के उत्कृष्ट स्टाल व रेस्टोरेंट की व्यवस्था की जाएगी।
सांसद कौशलेंद्र कुमार की पहल से आगे बढ़ी बातइस संबंध में दानापुर मंडल के अपर मंडल रेल प्रबंधक आधार राज ने बताया कि नालंदा के सांसद कौशलेंद्र कुमार की पहल पर रेल मंत्रालय की ओर से राजगीर व बिहार शरीफ स्टेशन को अमृत भारत योजना में शामिल किया गया। दोनों स्टेशनों को इस ससाल के अंत तक विकसित कर लिया जाएगा।
राजगीर में बनेगी एक और वॉशिंग पिटराजगीर स्टेशन पर एक और वॉशिंग पिट बनाने की घोषणा की गई है। चार करोड़ की लागत से बनने वाली इस वॉशिंग पिट के निर्माण की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। इसके बन जाने से दो-तीन नए ट्रेनों के परिचालन का रास्ता साफ हो जाएगा।
नई ट्रेनों सेवासांसद की पहल पर आज से राजगीर से ऋषिकेश (Rajgir Rishikesh Train) वाया पटना जंक्शन के लिए नई ट्रेन सेवा शुरू की गई है। सांसद कौशलेंद्र ने राजगीर स्टेशन पर इस ट्रेन को हरी झंडी दिखा रवाना किया। सोमवार से राजगीर से माता वैष्णोदेवी (Rajgir Katra Train) वाया पटना जंक्शन के लिए नई ट्रेन सेवा शुरू की जाएगी।
ये भी पढ़ें- डबल होगी नरकटियागंज-गोरखपुर रेलवे लाइन, 23 दिनों तक पैसेंजर ट्रेन कैंसिल; पोरबंदर एक्सप्रेस का रूट चेंज
ये भी पढ़ें- Dhanbad News: धनबाद-चंडीगढ़ की दोनों ट्रेनों में बुकिंग शुरू, गरीब रथ में चुकाना होगा कम किराया
Bihar Bhumi: भूमि सर्वे के बीच लैंड म्यूटेशन को लेकर आई नई जानकारी, मंत्री ने दिए ये निर्देश
राज्य ब्यूरो, पटना। राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के मंत्री संजय सरावगी ने कहा कि लोकतांत्रिक व्यवस्था में जनता की सेवा ही पदाधिकारियों का मूल कर्तव्य है। वे शुक्रवार को भू अभिलेख एवं परिमाप निदेशालय में जिलों के अपर समाहर्त्ताओं के दो दिवसीय प्रशिक्षण शिविर के उद्धाटन सत्र को संबोधित कर रहे थे।
शिविर में विभाग के सचिव जय सिंह, विशेष सचिव अरुण सिंह एवं भू अभिलेख एवं परिमाप निदेशालय के निदेशक कमलेश कुमार सिंह भी उपस्थित थे।
सरावगी ने सभी अपर समाहर्त्ताओं से कहा कि जनता की सुविधा के लिए ही विभाग की सभी सेवाओं को ऑनलाइन किया गया है, लेकिन अभी उन्हें इसका पूरा लाभ नहीं मिल पा रहा है।
दाखिल-खारिज को लेकर मंत्री सख्तउन्होंने कहा कि आप से अपेक्षा है कि जिलों की कार्यप्रणाली में सुधार लाएं। अभी सर्वाधिक शिकायत दाखिल-खारिज एवं परिमार्जन प्लस के मामलों में है। अकारण दाखिल-खारिज (Bihar Land Mutation) के मामले लंबित रखे जा रहे हैं।
बिना उचित कारण के मामले रिजेक्ट किए जा रहे हैं। कई जिलों में पेंडिंग केस बहुत अधिक हैं। परिमार्जन प्लस के मामलों में 30 दिन तक कोई कार्रवाई नहीं होती और उसके पश्चात एकाएक रिजेक्ट कर दिया जाता है।
'फुलप्रूफ होनी चाहिए निगरानी की व्यवस्था'मंत्री ने कहा कि भूमिहीनों को जमीन देने की योजना में भी तेजी लाने की जरूरत है। सभी गरीबों को उनका हक देना सरकार की पहली जिम्मेदारी है। यह विभाग आम जनता के सरोकार का सबसे बड़ा विभाग है। निरीक्षण की फुलप्रूफ व्यवस्था होनी चाहिए, ताकि फील्ड के अधिकारियों में भय का माहौल बने और परेशान जनता की भीड़ में कमी आए।
सचिव जय सिंह ने कहा कि राजस्व कार्यों का पर्यवेक्षण और न्यायालय का काम आपकी महती जिम्मेवारी है। आपकी कार्यप्रणाली में गुणोत्तर सुधार के लिए इस दो दिवसीय प्रशिक्षण की व्यवस्था की गई है। उन्होंने जिले में उनकी व्यस्तता की बात करते हुए राजस्व मामलों में अधिक समय देने का आग्रह किया।
ये भी पढ़ें- Bihar Land Survey: जमीन मालिकों के लिए खुशखबरी, नीतीश सरकार ने बढ़ा दिया भूमि सर्वे का समय
ये भी पढ़ें- Bihar Bhumi: बिहार में फ्लैट खरीदारों को लगा बड़ा झटका, अपार्टमेंट की जमीन के दाखिल-खारिज पर रोक
Bihar News: चुनाव से पहले नीतीश सरकार ने लिया अहम फैसला, गांव के लोग हो जाएंगे खुश
राज्य ब्यूरो, पटना। गांवों को शहरों से जोड़ने एवं ग्रामीण बुनियादी ढांचे को सुदृढ़ करने के लिए सरकार ने बड़ी पहल की है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) की महत्वाकांक्षी योजना ‘मुख्यमंत्री ग्रामीण सेतु योजना’ के तहत वित्तीय वर्ष 2025-26 में 700 नए पुलों के निर्माण की तैयारी की गई है।
इस योजना पर करीब 3000 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे, जिससे राज्य के हजारों गांवों को स्थायी और सुरक्षित सड़क संपर्क मिल सकेगा। ग्रामीण क्षेत्रों में निर्बाध संपर्क व्यवस्था तैयार करना, जहां आज भी बरसात, बाढ़ या पुराने जर्जर पुलों के कारण आवाजाही बाधित हो जाती है।
पुराने पुल होंगे नएयोजना के तहत न सिर्फ पुराने और जर्जर पुलों की जगह नए एवं मजबूत पुल बनाए जाएंगे। बल्कि उन इलाकों में भी काम होगा, जहां आज तक मिसिंग ब्रिज की वजह से रास्ता अधूरा है। साथ ही बाढ़ या अन्य प्राकृतिक आपदाओं से क्षतिग्रस्त पुलों को फिर से खड़ा किया जाएगा।
जो पुल पहले से बने हैं, लेकिन उनके पास पहुंच पथ (एप्रोच रोड) नहीं हैं, वहां भी निर्माण कराया जाएगा। ताकि लोगों को आवागमन में कोई परेशानी न हो और बेकार पड़े इन पुलों की उपयोगिता साबित हो सके।
जनता की मांगों को मिली प्राथमिकतायह योजना खास इसलिए भी है क्योंकि इसमें आम जनता की आवाज को प्राथमिकता दी गई है। ‘जनता के दरबार में मुख्यमंत्री’ कार्यक्रम में आए प्रस्ताव और मुख्यमंत्री द्वारा की गई सार्वजनिक घोषणाएं, दोनों को इस योजना में सम्मिलित किया गया है। यानी यह योजना सिर्फ विभागीय पहल नहीं, जनभागीदारी से बनी योजना है।
बदलेंगे गांवों के हालातसरकार का कहना है कि यह योजना सिर्फ पुलों का निर्माण नहीं, बल्कि गांवों के सामाजिक और आर्थिक विकास की आधारशिला है। किसानों को अपने उत्पाद मंडी तक पहुंचाने में आसानी होगी, बच्चों को स्कूल जाना सुरक्षित और सहज होगा और आपात स्थिति में इलाज के लिए लोगों को रास्ता मिलेगा।
ये भी पढ़ें- पटना में बिछेगा सड़कों का जाल, कई जिलों से मिलेगी डायरेक्ट कनेक्टिविटी; प्रोजेक्ट्स की लिस्ट देखें
ये भी पढ़ें- Bihar News: बिहार के लोगों की बल्ले-बल्ले, इस साल पूरे होंगे 5 मेगा पुल प्रोजेक्ट; लोगों को मिलेगी जाम से राहत
पटना में बिछेगा सड़कों का जाल, कई जिलों से मिलेगी डायरेक्ट कनेक्टिविटी; प्रोजेक्ट्स की लिस्ट देखें
जितेंद्र कुमार, पटना। पटना अब आधुनिक सेवाओं से लैस शहर और आसपास के क्षेत्रों में सुगम आवागमन की नई सेवाओं की ओर तेजी से छलांग लगा रहा है। राजधानी से आसपास के इलाके को जोड़ने वाली नई सड़क परियोजनाओं का शिलान्यास, लोकार्पण और निविदा की प्रक्रिया शुरू हो गई है।
जल संसाधन विभाग का सोन सुरक्षा तटबंध को नई सड़क के रूप में विकसित करने की योजना है। कोईलवर की ओर से मनेर तक 71 करोड़ 30 लाख 21 हजार 973 रुपये की लागत से 11 किलोमीटर डबल लेन सड़क योजना से बिहटा-मनेर पुराना एनएच 30 का नया विकल्प मिल सजकेगा।
जल संसाधन विभाग की ओर से सोन नद के बाढ़ से बचाव के लिए 70 के दशक में बिक्रम के सैदाबाद से मनेर होते दानापुर के शाहपुर तक कच्चा तटबंध का निर्माण कराया था। इस बांध की औसत चौड़ाई 5.5 मीटर और सतह से औसत तीन मीटर ऊंचा है।
बक्सर-पटना फोरलेन से परेव के निकट से सोन सुरक्षा बांध अमनाबाद, कटेसर, होमगार्ड प्रशिक्षण केंद्र आनंदपुर होते मनेर शिवाला मोड़ को जोड़ती है।
जल संसाधन विभाग की योजना है कि परेव के निकट पटना-बक्सर फोरलेन से मनेर तक 11 किलोमीटर सोन सुरक्षा बांध को डबल लेन सड़क निर्माण से मनेर, बिहटा, बिक्रम, पालीगंज और अरवल के साथ कोईलवर की ओर से छोटे वाहनों को वैकल्पिक मार्ग की सुविधा मिलेगी।
इससे बिहटा में जाम से लोगों को राहत मिल सकेगी। प्रगति यात्रा के दौरान इस परियोजना को मुख्यमंत्री से शिलान्यास कराए जाने की तैयारी है।
दीघा टू मनेर वाया दानापुर कैंट एलिवेटेड रोडदानापुर-दीघा अशोक राजपथ पर जाम से निजात के लिए जेपी गंगा पथ का एलिवेटेड विस्तार दानापुर कैंप के आगे शाहपुर तक करने का प्रस्ताव है। शाहपुर से मनेर तक सोन सुरक्षा बांध का चौड़ीकरण उच्च पथ के रूप में विकसित किया जा सकेगा।
मनेर से परेव तक जल संसाधन विभाग की 11 किलोमीटर डबल लेन से जोड़ दिया जाएगा। प्रगति यात्रा के दौरान इस सड़क परियोजना की घोषणा की संभावना है।
इस नई सड़क परियोजना से दानापुर-मनेर बिहटा पुराना एनएच 30 का नया विकल्प बन सकेगा। मनेर से दीघा तक जल संसाधन विभाग का 15.79 किलोमीटर सुरक्षा तटबंध बना हुआ है। इसकी उपयोगिता समाप्त हो गई है। 5.5 मीटर चौड़ा और तीन मीटर ऊंचे तटबंध को चौड़ीकरण का फोरलेन सड़क का निर्माण मनेर तक कराया जा सकता है।
खगौल-दीघा व गोला रोड होगा चार लेन, नौबतपुर नहर पुरानी सड़क दो लेन की- प्रस्तावित फोरलेन - दीघा-खगौल नहर रोड
- लंबाई - 8.06 किलोमीटर
- वर्तमान सड़क की चौड़ाई - 10.00 मीटर
- प्रस्तावित फोर लेन - 14.00 मीटर
- लंबाई - 4.02 किलोमीटर
- वर्तमान सड़क की चौड़ाई - 7.00 मीटर
- प्रस्तावित चौड़ाई - 12.50 मीटर
- सड़क की लंबाई - 9.80 किलोमीटर
- वर्तमान चौड़ाई - 5.00 मीटर
- प्रस्तावित चौड़ाई - 10.00 मीटर
पटना के हर क्षेत्र को इस बार नई सड़क परियोजनाओं की बड़ी उम्मीदें पूरी हो सकेगी। पटना सिटी, दानापुर और एम्स से लेकर नौबतपुर को नई चौड़ी सड़क की योजना मिल सकेगी। सुगम आवागमन की सुविधा के साथ नई सड़क परियोजनाओं से व्यापार, रोजगार, कृषि व डेरी को बाजार के साथ नगरीय सेवाएं बढ़ सकेगी।
महाजाम से तंग गोला रोड, दीघा-खगौल नहर रोड, एम्स-नौबतपुर नहर रोड और पटना सिटी में भद्र घाट से जेपी गंगा सेतु के समानांतर वर्तमान सड़क का चौड़ीकरण की सौगात पटना के पूरब-पश्चिम और दक्षिण की दूरी कम समय में तय कर सकेंगे।
पटना के चौहद्दी में नगरीय विकास की रफ्तार और शहरी आबादी का घनत्व की तुलना में सड़क और परिवहन सेवाओं की समानुपातिक जरूरत को पूरा कर सकेगा। प्रगति यात्रा में सामुदायिक लाभ और सामाजिक प्रभाव के बीच संतुलन बनाने वाली योजनाएं प्राथमिकता हो सकती है।
आम तौर पर सड़क और सामुदायिक विकास की परियोजनाओं में भू-अर्जन और सामाजिक प्रभाव का अध्ययन में समय अधिक लगता है। इस बार जिन सड़क परियोजनाओं को प्रगति यात्रा में शामिल होना उसके लिए रैयती जमीन की जरूरत नहीं होगी। खगौल-दीघा नहर पथ चौड़ीकरण के लिए जल संसाधन विभाग की जमीन उपलब्ध है।
इसी तरह एम्स से नौबतपुर सरमेरा रोड तक सोन नहर की सरकारी भूमि उपलब्ध है। नेहरू मार्ग से गोला रोड का चौड़ीकरण जाम से निजात दिलाएगा और इसके लिए पथ निर्माण विभाग की जमीन है। हालांकि जगह-जगह पर कुछ जमीन कम पड़ने से चौड़ाई में एकरूपता के लिए पुराने नाले तो तोड़कर निर्माण करना होगा।
सगुना-रूपसपुर नाला व गोला रोड चौड़ीकरण कार्यदानाप़ुर में 12 मीटर चौड़ी होगी नेहरू मार्ग, नाला पाटकर बनेगी सड़क- सगुना मोड़ से रूपसपुर नहर तक औसत 10 मीटर पर 59 संपर्क पथों से वाहनों का भारी दबाव
- 22 मीटर चौड़े छह लेन का प्रधान मुख्य सड़क, पांच मीटर के दोनों और सर्विस लेन अतिक्रमण से तंग
- दोनो ओर ढाई फीट गहरा 8 मीटर से अधिक चौड़ा नाला पाटने से 6-6 मीटर चौड़ी हो सकती सर्विस लेन
- सर्विस लेन के दोनों ओर दो-दो मीटर का पेवर्स ब्लाक का फ्लैंक पर अवैध कब्जा, बिजली खंभे व साइनेज गतिरोधक
दानापुर में नेहरू मार्ग (बेली रोड) पटना शहरी क्षेत्र में अब तक का सबसे चौड़ी सड़क रहते हुए आम लोगों के लिए सबसे महंगी सफर साबित हो रही है। सगुना मोड़ से मोड़ से रूपसपुर नहर तक 22 मीटर की छह लेन प्रधान सड़क और 5-5 मीटर की सर्विस लेन होते भी कीमती समय और वाहनों का ईंधन जाम में बर्बाद होता है। अब जाम से निजात के लिए सड़क के दोनों ओर औसत आठ मीटर चौड़ा और ढाई मीटर गहरा नाला को पाटकर 6-6 मीटर सर्विस लेन की चौड़ाई बढ़ाई जाएगी।
सगुना मोड़ से रूपसपुर नहर आरओबी तक औसत 10 मीटर पर 49 छोटे-बड़े मोहल्ले का संपर्क पथ सर्विस लेन से सीधे जुड़ते हैं। सर्विस लेन से 27 जगहों पर प्रधान सड़क से वाहनों का संपर्क पथ है। 22 मीटर में छह लेन प्रधान मुख्य सड़क के दोनों ओर 5-5 मीटर का सर्विस लेन और उकसे किनारे दो-दो मीटर का पेवर्स ब्लाक का फ्लैंक है लेकिन अतिक्रमण के कारण वजूद समाप्त हो गया है। प्रधान सड़क के किनारे औसत डेढ़ मीटर का फुटपाथ है जिस पर दुकादारी है।
नया लुक और चौड़ी सड़क की योजनाजाम से छुटकारा के लिए प्रधान सड़क और सर्विस लेन के बीच में दोनों ओर औसत आठ मीटर चौड़ा और ढाई मीटर गहरा नाला को पाटने की योजना बनी है। नाले को पाटकर वर्तमान सर्विस लेन की चौड़ाई पांच मीटर से बढ़ाकर 11 मीटर किया जा सकेगा। इसके लिए सिर्फ पथ निर्माण विभाग की जमीन पर अतिक्रमण हटाने की जरूरत होगी।
पटना को मिली करोड़ों की योजनाएं- जेपी गंगा पथ को पश्चिम की ओर कोइलवर के वीर कुंवर सिंह सेतु तक व पूरब मोकामा के राजेंद्र सेतु तक पुराने राष्ट्रीय उच्च पथ 31 का चौड़ीकरण किया जाएगा।
- जेपी गंगा पथ के दक्षिण दीघा से सभ्यता द्वार के बीच वाले स्थान में पार्क एवं नागरिक सुविधाओं का होगा समेकित विकास।
- सभ्यता द्वार को पूरब की ओर से पक्के गंगा घाट तथा पश्चिम की ओर एकता भवन से जोड़ा जाएगा। पटना हाट एवं पार्किंग का निर्माण होगा।
- नेहरू पथ के दोनों तरफ रूपसपुर नहर से सगुना मोड़ तक भूमिगत नाले के साथ पथ का निर्माण एवं चौड़ीकरण किया जाएगा।
- खगौल नेहरू पथ-अशोक राजपथ तक रूपसपुर नहर पथ का चौड़ीकरण एवं निर्माण।
- दानापुर में नेहरू पथ से गोला रोड का चौड़ीकरण किया जाएगा।
- पटेल गोलंबर से अटल पथ तक सरपेंटाइन नाले पर भूमिगत नाले एवं फोरलेन सड़क का निर्माण होगा।
- राजीव नगर व आनंदपुरी नाले का पक्कीकरण एवं इसके ऊपर सड़क का निर्माण होगा।
- गायघाट-कंगन घाट-दीदारगंज तक पुराने गंगा पथ का चौड़ीकरण किया जाएगा।
- गायघाट में जेपी गंगा पथ से डाउन रैंप का निर्माण होगा।
- पटना सिटी के मंगल तालाब का जीर्णोद्धार एवं पर्यटकीय सुविधाओं का विकास किया जाएगा।
- कंगनघाट पर पटना साहिब गुरुद्वारा के निकट मल्टीलेवल पार्किंग का निर्माण कराया जाएगा।
- नेहरू पथ को दोनो तरफ पाटलि पथ से जोड़ा जाएगा।
- मंदिरी नाला पर निर्माणाधीन फोरलेन सड़क को जेपी गंगा पथ से जोड़ा जाएगा।
- एम्स गोलंबर-जानीपुर-पइनापुर-नेवा पथ का चौड़ीकरण कराया जाएगा साथ ही नौबतपुर लख के पास नए पुल का निर्माण होगा।
- परसा-संपतचक सड़क का होगा चौड़ीकरण।
- दीदारगंज से गौरीचक होते हुए पुनपुन तक तटबंध पथ के चौड़ीकरण का अनुरोध भारत सरकार से किया जाएगा।
- पुनपुन प्रखंड के रसूलपुर में मोरहर नदी पर पुल का होगा निर्माण।
- पुनपुन स्टेशन से अकौना होते हुए पटना रिंग रोड (बिहटा-सरमेरा पथ) को जोड़ने वाले मिसिंग लिंक पथ का निर्माण होगा।
- सादिकपुर-पभेड़ा-मसौढ़ी पथ के सोहगी मोड़ को पटना-गया रोड के कंडाप को टू लेन सड़क से जोड़ा जाएगा।
- बख्तियारपुर में हिदायतपुर एवं मंझौली के बीच धोबा नदी पर होगा पुल निर्माण।
- बाढ़ के उमा नाथ मंदिर परिसर का सुंदरीकरण व नागरिक सुविधाओं का होगा विकास ।
- उमानाथ मंदिर परिसर के समीप श्मशान घाट का विकास और विद्युत शवदाह गृह का निर्माण होगा।
- पालीगंज के उलार सूर्यमंदिर में पर्यटक सुविधाएं बढ़ेंगी।
- पालीगंज में पुनपुन नदी पर समदा गांव एवं गुलरिया बिगहा के बीच पुल का निर्माण होगा।
- दानापुर कैंट-मनेर-बिहटा पथ का फोरलेन चौड़ीकरण किया जाएगा।
- 13 प्रखंडों नौबतपुर, पालीगंज, बाढ़, बिहटा, मसौढ़ी, मोकामा, विक्रम, धनरूआ, पंडारक, फतुहा, घोसवरी, पुनपुन एवं मनेर में नए प्रखंड-सह-अंचल कार्यालय भवन का निर्माण होगा।
प्रगति यात्रा के अंतिम दिन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पटना जिला में 1404.84 करोड़ की योजनाओं का उद्घाटन एवं शिलान्यास बीते 21 फरवरी को किया। कैबिनेट की मंजूरी के बाद कार्य आरंभ के लिए टेंडर भी प्रकाशित कर दिया गया।
उमानाथ मंदिर और आसपास का दृश्य मनोरम:बाढ़ के बाबा उमानाथ मंदिर परिसर में धर्मशाला, विवाह मंडप, गंगा तट पर सिढ़ीघाट, रिवर फ्रंट डेवलपमेंट तथा सती घाट पर विद्युत शवदाह गृह निर्माण के लिए उन्होंने स्थल निरीक्षण किया। कहा कि उमानाथ मंदिर परिसर एवं आसपास का दृश्य काफी मनोरम है।
यहां नागरिक सुविधाओं का विस्तार हो जाने से लोगों को काफी सहूलियत होगी। इस काम को यथाशीघ्र शुरू कराएं। मुख्यमंत्री ने मंदिर में पूजा अर्चना भी की और राज्य की सुख-शांति एवं समृद्धि की कामना की। दनियावां प्रखंड के तोप गांव में तालाब, सीढ़ीघाट, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, उच्च माध्यमिक विद्यालय में खेल मैदान का उद्घाटन किया।
ये भी पढ़ें- Bihar News: बिहार के लोगों की बल्ले-बल्ले, इस साल पूरे होंगे 5 मेगा पुल प्रोजेक्ट; लोगों को मिलेगी जाम से राहत
ये भी पढ़ें- Bihar News: बिहार के शहरी गरीबों को भी मिलेगा पक्का मकान, पहले चरण में खर्च होंगे 4148 करोड़ रुपये
जब बापू को देख कांप उठी थी अंग्रेजी हुकूमत, 108 साल पहले 10 अप्रैल को पड़ी थी चंपारण सत्याग्रह की नींव
डिजिटल डेस्क, पटना। 10 अप्रैल, 1917 को चंपारण सत्याग्रह की शुरुआत हुई, जो भारतीय स्वतंत्रता संग्राम का एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हुआ। इस आंदोलन ने महात्मा गांधी को देश के सामने लाया और उन्हें 'महात्मा' और 'राष्ट्रपिता' की उपाधि दिलाई। चंपारण सत्याग्रह को आज 108 साल पूरे हो चुके हैं।
आइए, जानते हैं कि चंपारण सत्याग्रह किस तरह आजादी की लड़ाई में नींव का पत्थर साबित हुआ...
चंपारण की स्थितिपहले विश्व युद्ध के दौरान, चंपारण के किसान नील की खेती के कारण परेशान थे। अंग्रेजी हुकूमत ने 'तीन कठिया' कानून लागू किया था, जिसके तहत किसानों को अपनी जमीन के तीन कट्ठा हिस्से में नील की खेती करनी पड़ती थी। इससे किसानों की जमीन बंजर हो गई और उन्हें अपनी आजीविका के लिए संघर्ष करना पड़ा।
गांधी का आगमनकिसानों की परेशानी को दूर करने के लिए राजकुमार शुक्ल ने महात्मा गांधी से संपर्क किया। गांधी ने चंपारण का दौरा किया और किसानों की समस्याओं को समझा। उन्होंने देखा कि किसानों को नील की खेती के लिए मजबूर किया जा रहा है और उन्हें उनके अधिकारों से वंचित किया जा रहा है।
सत्याग्रह की शुरुआतगांधी ने चंपारण में सत्याग्रह की शुरुआत की और किसानों के अधिकारों के लिए लड़ाई लड़ी। उन्होंने अंग्रेजी हुकूमत के खिलाफ आवाज उठाई और किसानों के समर्थन में खड़े हुए। गांधी के नेतृत्व में, किसानों ने नील की खेती के खिलाफ विरोध किया और अपने अधिकारों के लिए लड़ाई लड़ी।
चंपारण सत्याग्रह की जीतचंपारण सत्याग्रह की पहली जीत तब हुई जब अंग्रेजी हुकूमत ने गांधी के आगे झुकते हुए मुकदमा वापस ले लिया और जांच में सहयोग करने का आदेश दिया। इसके बाद, प्रांतीय सरकार ने भी किसानों पर अत्याचार के खिलाफ जांच के लिए एक समिति बना दी। गांधी जी को समिति में जगह मिली और उन्होंने किसानों के अधिकारों के लिए लड़ाई लड़ी।
चंपारण सत्याग्रह का महत्वचंपारण सत्याग्रह ने भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में एक नए युग की शुरुआत की। इस आंदोलन ने महात्मा गांधी को देश के सामने लाया और उन्हें 'महात्मा' और 'राष्ट्रपिता' की उपाधि दिलाई।
चंपारण सत्याग्रह ने दिखाया कि अहिंसक तरीके से भी अंग्रेजी हुकूमत के खिलाफ लड़ाई लड़ी जा सकती है और किसानों के अधिकारों की रक्षा की जा सकती है।
ये भी पढ़ें- जब नील की खेती कर बदन जलाती औरतों-बच्चों को मिली जुल्मी कानून से मुक्ति
Bihar Politics: पटना में सियासी बवाल, हिरासत में कन्हैया कुमार, पुलिस को करना पड़ा लाठी चार्ज
एएनआई, पटना। बिहार की राजधानी पटना में शुक्रवार को कांग्रेस पार्टी के सीएम आवास घेराव के दौरान सियासी हंगामा हो गया। पुलिस ने कांग्रेस नेता कन्हैया कुमार समेत कई बड़े नेताओं को हिरासत में लिया।
वहीं, इससे पहले पार्टी कार्यकर्ताओं पर जमकर लाठियां भांजीं और वाटर कैनन का भी इस्तेमाल किया गया। बता दें कि बिहार में पलायन और बेरोजगारी के खिलाफ एनएसयूआई की ओर से पदयात्रा निकाली जा रही है।
सीएम को सौंपना चाहते थे ज्ञापनशुक्रवार को राजधानी पटना में इसी पदयात्रा के दौरान NSUI के राष्ट्रीय प्रभारी कन्हैया कुमार सहित कई कांग्रेस कार्यकर्ताओं को पुलिस ने हिरासत में ले लिया गया है।
इस दौरान कार्यकर्ताओं ने जमकर बवाल काटा। कन्हैया कुमार की पलायन रोको नौकरी दो यात्रा का आज अंतिम दिन था। इसके तहत सीएम हाउस का घेराव और नीतीश कुमार से मिलकर उन्हें ज्ञापन सौंपा जाना था।
जानकारी के अनुसार, बवाल के बाद युवा कांग्रेस कर राष्ट्रीय अध्यक्ष उदय भानू चिब व युवा कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष शिव प्रकाश गरीब दास भी हिरासत में लिए गए हैं। सभी को पटना के कोतवाली थाने ले जाया जा रहा है।
#WATCH पटना, बिहार: कांग्रेस कार्यकर्ताओं द्वारा बिहार में पलायन और बेरोजगारी के खिलाफ पदयात्रा के दौरान NSUI के राष्ट्रीय प्रभारी कन्हैया कुमार सहित कई कांग्रेस कार्यकर्ताओं को पुलिस ने हिरासत में लिया। https://t.co/bDluDBfyEP pic.twitter.com/Yc2GYdQs6i
— ANI_HindiNews (@AHindinews) April 11, 2025इस खबर को लगातार अपडेट किया जा रहा है। हम अपने सभी पाठकों को पल-पल की खबरों से अपडेट करते हैं। हम लेटेस्ट और ब्रेकिंग न्यूज को तुरंत आप तक पहुंचाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। प्रारंभिक रूप से प्राप्त जानकारी के माध्यम से हम इस समाचार को निरंतर अपडेट कर रहे हैं। ताजा ब्रेकिंग न्यूज और अपडेट्स के लिए जुड़े रहिए जागरण के साथ।
Bihar News: बिहार के शहरी गरीबों को भी मिलेगा पक्का मकान, पहले चरण में खर्च होंगे 4148 करोड़ रुपये
राज्य ब्यूरो, पटना। राज्य के शहरी निकायों में प्रधानमंत्री आवास योजना के लिए अब तक चार लाख 33 हजार 508 आवेदन प्राप्त हुए हैं। इनमें से दो लाख दो हजार 379 लाभुकों का भौतिक और ऑनलाइन सत्यापन किया जा चुका है।
फरवरी महीने में पहले चरण के निर्माण को मिली स्वीकृतिवित्तीय वर्ष 2024-25 में पहले चरण के लिए एक लाख 124 लाभुकों के घरों के निर्माण के लिए केंद्र सरकार ने 20 फरवरी को ही स्वीकृति दे दी है। इसके निर्माण की प्रक्रिया शुरू हो गई है। बिहार में प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) को 31 दिसंबर, 2025 तक का विस्तार दिया गया है।
एक लाख 56 हजार से ज्यादा आवासों का निर्माण कार्य पूरानगर विकास एवं आवास विभाग के अनुसार, इस योजना के पहले चरण के अंतर्गत प्रदेश में अब तक कुल दो लाख 64 हजार 604 आवास स्वीकृत किए जा चुके हैं, जिनमें से एक लाख 56 हजार 550 आवासों का निर्माण कार्य पूरा हो चुका है।
शेष आवासों का निर्माण कार्य जारी है। इस योजना के लिए कुल चार हजार 148 करोड़ 16 लाख रुपये की राशि स्वीकृत की गई है, जिसमें तीन हजार 111 करोड़ रुपये केंद्र सरकार और एक हजार 37 करोड़ रुपये राज्य सरकार वहन कर रही है।
पीएम आवास योजना (शहरी) 2.0 के तहत खर्च होंगे 2300 करोड़ रुपयेपीएम आवास योजना (शहरी) 2.0 की शुरुआत एक सितंबर, 2024 से अगले पांच वर्षों के लिए की गई है। इस योजना के लिए वित्तीय वर्ष 2025-26 में 2300 करोड़ पांच हजार 509 लाख 96 हजार रुपये का प्रावधान किया गया है।
नए आवास निर्माण के लिए लाभार्थियों को, जिनके पास निजी 30 वर्गमीटर भूमि है, उन्हें दो लाख रुपये की वित्तीय सहायता प्रदान की जा रही है। इसमें डेढ़ लाख रुपये केंद्र तथा 50 हजार रुपये राज्य सरकार का अनुदान शामिल है।
ये भी पढ़ें
PM Awas Yojana: पीएम आवास योजना के सर्वे की लास्ट डेट बदली, अब जल्द पूरा होगा अपने घर का सपना
Hanuman Jayanti 2025: 12 या 13 अप्रैल कब है हनुमान जयंती? नोट कर लीजिए सही डेट और पूजा विधि
जागरण संवाददाता, पटना। Hanuman Jayanti 2025: पवित्र चैत्र मास की पूर्णिमा 12 अप्रैल को शनिवार को हस्त नक्षत्र व जयद योग में मनेगी। इसी दिन दक्षिणी संप्रदाय के श्रद्धालु हनुमान जयंती दक्षिणात्य का पर्व मनाएंगे। इस दिन सनातन धर्मावलंबी गंगा स्नान कर व्रत उपवास, पूजा पाठ, दान-पुण्य आदि धर्मकृत्य कार्य करेंगे।
सत्यनारायण भगवान की होगी पूजाकई घरों में इस दिन भगवान सत्यनारायण की पूजा होगी। इस दिन व्रत की पूर्णिमा एवं स्नान दान की पूर्णिमा के साथ शनिवार दिन होने से श्री हरि विष्णु के साथ हनुमान जी की भी विधिवत पूजा होगी।
ज्योतिष आचार्य पंडित राकेश झा ने बताया कि चैत्र पूर्णिमा हिंदू नववर्ष की प्रथम पूर्णिमा होती है। चैत्र पूर्णिमा को मधु पूर्णम के नाम से भी जाना गया है।
नदियों में स्नान का महत्वधार्मिक मान्यता है कि इस दिन पवित्र नदी, तीर्थ में स्नान तथा दान-पुण्य करने से समस्त दुखों से छुटकारा मिलता है। इस दिन भगवान जनार्दन की पूजा से श्रद्धालुओं को सुख, धन और वैभव की प्राप्ति होती है।
हनुमानजी के जन्मोत्सव पर श्रद्धालुओं ने उनके जैसा बल, बुद्धि, ज्ञान, कौशल का समावेश अपने व्यक्तित्व में समाहित करने के लिए प्रार्थना करेंगे।
घरों में होगा हनुमान चालीसा पाठ व कथा-पूजाचैत्र पूर्णिमा एवं हनुमान जयंती होने से 12 अप्रैल शनिवार को श्रद्धालु अपने घर एवं मंदिरों में हनुमान चालीसा, बजरंग बाण, सुंदरकांड आदि का पाठ करेंगे। भगवान विष्णु के उपासक सत्यनारायण की कथा-पूजा करेंगे। पूजा की शुरुआत प्रत्यक्षदेव भगवान भास्कर को जलार्पण से करेंगे।
मान्यता है कि सूर्य के तेज में समस्त कष्टों को दूर करने की क्षमता विद्यमान है। हिंदू धर्मावलंबी हनुमान जी को तेल-सिंदूर का लेप, ध्वज दान, रोट प्रसाद का भोग अर्पण कर अपनी पूजा करेंगे।
चैत्र पूर्णिमा स्नान-दान व पूजा मुहूर्त- पूर्णिमा तिथि: पूरे दिन
- शुभ योग मुहूर्त: प्रातः 07:06 से 08:41 बजे तक
- अभिजीत मुहूर्त: दोपहर 11:25 बजे से 12:16 बजे तक
- चर-लाभ-अमृत मुहूर्त: दोपहर 11:50 बजे से शाम 04:35 बजे तक
ये भी पढ़ें
Chaitra Purnima 2025: चैत्र पूर्णिमा पर जरूर करें भगवान सत्यनारायण की पूजा, हर मनोकामना होगी पूरी
Hanuman Janmotsav 2025: हनुमान जन्मोत्सव पर जरूर करें ये काम, बरसेगी बजरंगबली की कृपा
Bihar Teacher News: सरकारी स्कूलों के शिक्षकों की सैलरी को लेकर बड़ा अपडेट, इस दिन खाते में आ सकता है बकाया वेतन
राज्य ब्यूरो, पटना। राज्य के सरकारी विद्यालयों के सभी कोटि के शिक्षकों को वेतन के साथ बकाया वेतन का भी भुगतान किया जाएगा। इसके लिए शिक्षा विभाग ने जिला शिक्षा पदाधिकारियों को हफ्ते भर का समय दिया है। इस अवधि में सभी शिक्षकों को वेतन भुगतान कर दिया जाएगा।
एक हफ्ते में वेतन देने का निर्देशइस संबंध में शिक्षा विभाग द्वारा गुरुवार को सभी जिला शिक्षा पदाधिकारियों को निर्देश दिया गया। विभाग के उप सचिव अमित कुमार पुष्पक के हस्ताक्षर से जिला शिक्षा पदाधिकारियों को दिए गए निर्देश में कहा गया है कि वित्तीय वर्ष 2024-25 अंतर्गत जिलों में कार्यरत सभी प्रकार के शिक्षकों के मार्च सहित बकाया वेतन का भुगतान नियमानुसार एक सप्ताह में करना सुनिश्चित करें। इसकी प्रतिलिपि शिक्षा विभाग को सूचनार्थ प्रेषित करें।
विभाग के आदेश से मार्च के वेतन के साथ बकाया वेतन का इंतजार कर रहे शिक्षकों में भुगतान की उम्मीद बढ़ गई है। शिक्षकों को खास तौर पर इस बात को लेकर राहत की सांस मिली है कि उन्हें बकाया वेतन का भी भुगतान होगा।
नियोजित शिक्षकों को मिलेगी राहतसक्षमता परीक्षा पास कर 'नियोजित' से 'विशिष्ट' बनने वाले तकरीबन 32 हजार शिक्षकों को तीन माह से वेतन का इंतजार कर रहे हैं। इनमें ऐसे विशिष्ट शिक्षक तो हैं ही, जिनके प्रान नंबर जेनेरेट नहीं हुए हैं, ऐसे विशिष्ट शिक्षक भी हैं, जिनके प्रान नंबर जेनेरेट हो चुके हैं।
तीन माह से वेतन नहीं मिलने से सर्वाधिक परेशानी उन शिक्षकों को है, जो बैंक को कर्ज की किस्त नहीं भर पाए हैं।
पीरो : नियोजित व विशिष्ट शिक्षकों को मिले पुराने पेंशन योजना लाभबिहार राज्य प्रारंभिक शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष प्रदीप कुमार पप्पू ने नियोजित व विशिष्ट शिक्षकों को को पुरानी पेंशन योजना सहित नियमित शिक्षकों की भांति अन्य लाभ देने की वकालत की है। उन्होंने कहा कि ये हमारी पुरानी व जायज मांग है, जिसे हम लेकर रहेंगे।
इस दौरान बिहार राज्य प्रारंभिक शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष पंकज कुमार सिंह मंटू के नेतृत्व में सैकड़ों शिक्षकों ने प्रदेश अध्यक्ष का गर्मजोशी से स्वागत किया। शिक्षकों को संबोधित करते हुए प्रदेश अध्यक्ष प्रदीप कुमार पप्पू ने कहा कि सरकार सोची समझी रणनीति के तहत शिक्षकों को अध्यापक और विशिष्ट शिक्षक जैसे नामकरण कर आपस में बांट दिया है।
नियोजित शिक्षकों को हर सुविधा मिले,इसकी लड़ाई अंतिम दम तक बिहार राज्य प्रारंभिक शिक्षक संघ लड़ाई लडेगा। इस अवसर पर टेट स्टेट उत्तीर्ण नियोजित शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष अजय कुमार सिंह, जिला उपाध्यक्ष परमेश्वर पासवान, संजय कुमार सिंह, जिला सचिव सह मीडिया प्रभारी मोहम्मद शौकत अली, जिला सचिव उपेन्द्र कुमार सिंह आदि थे।
ये भी पढ़ें
Bihar Teacher News: वैशाली जिले में 4824 शिक्षक पहुंचे लेट, 106 ने लिया मार्क ऑन ड्यूटी का सहारा
Bihar Jobs: बिहार में भारी संख्या में सरकारी नौकरियों का एलान, 27370 पदों पर होंगी नियुक्तियां
खराब मौसम से पटना एयरपोर्ट पर विमानों की लैंडिंग प्रभावित, दो फ्लाइट डायवर्ट
जागरण संवाददाता, पटना। गुरुवार को बिहार के मौसम में अचानक बदलाव देखने को मिला। बिजली कड़कने के साथ तेज बारिश हुई, जिसकी वजह से गुरुवार की दोपहर पटना एयरपोर्ट पर विमानों की लैंडिंग प्रभावित हुई। कई विमानों को पटना एयरपोर्ट पर नहीं उतारा जा सका।
हवा में चक्कर लगाती रही फ्लाइटहवा में करीब एक घंटे तक चक्कर लगाने के बाद एयर इंडिया की दिल्ली-पटना फ्लाइट (एआइ-407) को वाराणसी और इंडिगो की कोलकाता-पटना फ्लाइट (6ई-6917) को काजी नजरूल इस्लाम एयरपोर्ट, दुर्गापुर डायवर्ट कर दिया गया। इसके अलावा आधा दर्जन विमानों का परिचालन प्रभावित रहा।
देरी से पहुंची फ्लाइटसूत्रों के मुताबिक, दोपहर ढाई बजे के बाद आकाशीय बिजली के कारण पटना एयरपोर्ट पर विमानों को उतारा नहीं जा रहा था। तीन बजे आने वाली मुंबई की इंडिगो फ्लाइट एक घंटा 24 मिनट बाद पटना पहुंची।
इस बीच 3:10 बजे आने वाली एयर इंडिया की दिल्ली फ्लाइट ने काफी देर तक हवा में चक्कर लगाए, लेकिन एटीसी से लैडिंग की अनुमित नहीं दी गई।
सात चक्कर लगाने के बाद डायवर्ट हुआ विमानइसके बाद विमान को वाराणसी डायवर्ट कर दिया गया। इसके ठीक 10 मिनट बाद कोलकाता की इंडिगो फ्लाइट भी पहुंच गई थी। सात चक्कर लगाने के बाद उसे दुर्गापुर डायवर्ट किया गया। अगली फ्लाइट 40 मिनट बाद दिल्ली से आने वाली थी।
देरी से लैंड हुए विमानमौसम खराब रहने के कारण 27 मिनट की देरी से लैंड हुई। इनके अलावा रांची-पटना (6ई-925) एक घंटा 26 मिनट, दिल्ली-पटना (6ई-5641) एक घंटा आठ मिनट, हैदराबाद-पटना (6ई-6223) 57 मिनट और कोलकाता-पटना (6ई-895) 28 मिनट की देर से लैंड हुई।
ये भी पढ़ें
Bihar Rain Alert: बिहार में मौसम का रौद्र रूप, इन 10 जिलों में भारी बारिश के आसार; IMD ने जारी किया अलर्ट
जागरण संवाददाता, पटना। प्रदेश में बुधवार से ही मौसम ने अचानक करवट ली है। अप्रैल में गर्मी से हो रही परेशानी पर मेघ की फुहार से लोगों को को राहत मिली। गुरुवार को पटना सहित, मुजफ्फरपुर, बेतिया, पूर्णिया, वैशाली समेत विभिन्न जिलों में कई स्थानों पर तेज हवा के साथ वर्षा हुई। कुछ स्थानों पर झमाझम तो कुछ जगहों पर हल्की वर्षा हुई।
किसानों को नुकसानमौसम में बदलाव के कारण जहां लोगों को गर्मी से राहत मिली है तो खेती किसानी को नुकसान है। रबी की तैयार फसल बर्बाद होने का खतरा है। हालांकि, किसानों के लिए इस समय की वर्षा नुकसान देने वाली है। तेज हवा के कारण आम और लीची की फसल को भी नुकसान होगा।
10 जिलों में बारिश के आसारइसी बीच मौसम विज्ञान केंद्र पटना ने अगले 24 घंटों के दौरान प्रदेश के 10 जिलों के किशनगंज, अररिया, सुपौल, मधुबनी, सीतामढ़ी, शिवहर, पूर्णिया, कटिहार, पूर्वी चंपारण एवं पश्चिम चंपारण जिलों में मेघ गर्जन, वज्रपात व 40-50 किमी प्रतिघंटा की गति से हवा चलने की संभावना है। इसके कारण इन जिलों में औरेंज अलर्ट जारी किया गया।
पटना सहित प्रदेश के अन्य जिलों में 30-40 किमी प्रतिघंटा की रफ्तार से हवा चलने के साथ मेघ गर्जन, वज्रपात व हल्की वर्षा को लेकर यलो अलर्ट जारी किया गया। इसी प्रकार का मौसम 14 अप्रैल तक बने रहने की संभावना है।
गुरुवार को राजधानी का अधिकतम तापमान 32.2 डिग्री सेल्सियस जबकि 35.8 डिग्री सेल्सियस के साथ गया में सर्वाधिक अधिकतम तापमान दर्ज किया गया। गुरुवार को पटना सहित सभी जिलों के अधिकतम तापमान में गिरावट दर्ज की गई। मौसम विज्ञान केंद्र के अनुसार पश्चिम मध्य बंगाल की खाड़ी के ऊपर निम्न दबाव का क्षेत्र बना हुआ है।
आज के मौसम का हाल शहरअधिकतम तापमान (डिग्री सेल्सियस में)
न्यूनतम तापमान (डिग्री सेल्सियस में) पटना 34 25 भागलपुर 33 25 मुजफ्फरपुर तेज वर्षा से रबी फसलों को नुकसान की आशंका
भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान का पूर्वी अनुसंधान संस्थान, पटना के निदेशक डॉ. अनुप दास ने कहा कि गुरुवार को तेज हवा के साथ काफी वर्षा हुई है। इससे रबी के फसलों को काफी नुकसान हुआ है। विशेषकर गेहूं के फसलों को ज्यादा नुकसान हुआ है।
गेहूं की जो फसल काटकर रखी हुई थी उसे ज्यादा नुकसान पहुंचा है। कुछ पौधे तेज हवा के कारण गिरे भी है। पहली वर्षा इतनी तेज हुई है कि खेत में हार्वेस्टर मशीन ले जाना भी अब मुश्किल होगा। शुक्रवार को यदि वर्षा नहीं होती है तो किसानों को थोड़ी राहत मिलेगी।
रबी की ज्यादातर फसलें कट गई हैं। मूंग को भी बहुत ज्यादा नुकसान पहुंचा है। जो फसल लगी है उसमें पानी जमने से सड़ने का डर है। आकलन के बाद ही पता चल पाएगा कितना नुकसान हुआ है।
आंधी और वर्षा से एक दर्जन से अधिक फीडर पांच घंटे रहे बंदतेज हवा के साथ वर्षा से राजधानी की बिजली आपूर्ति व्यवस्था चरमरा गई। एक दर्जन से अधिक 11 केवी के फीडर चार से पांच घंटे तक बंद रहे। दानापुर-खगौल, पटना सिटी सबसे अधिक प्रभावित रहा। राजीव नगर, इंद्रपुरी, केसरी नगर में भी चार घंटे से अधिक देर तक बिजली आपूर्ति बंद रही।
तेज हवा में कई स्थानों पर पेड़ गिर गए। अधिकांश स्थानों पर बैनर-पोस्टर 11 केवी फीडर को शार्ट करा दिया। रात नौ बजे के बाद अधिकांश क्षेत्रों में बिजली आपूर्ति सामान्य हो पाई। बहादुरपुर हाउसिंग कालोनी में रात 8.30 बजे के बाद आपूर्ति चहाल हुई। पश्चिम बोरिंग कैनाल रोड, आनंदपुरी के निवासी देर शाम तक बिजली आने का इंतजार करते रहे।
मौर्यलोक पीजी टू फीडर, बैरिया, खगौल, दानापुर, मीनाबाजार, झांईंचक, नवरतनपुर, अर्पणा बैंक, आरपीएस मोड़, एसके नगर, कंकड़बाग, हुमाननगर सहित कई मोहल्लों में घंटों बिजली आपूर्ति बंद रही।
वर्षा शुरू होते ही शहर के अधिकांश क्षेत्रों में बिजली आपूर्ति बंद हो गई। 11 केवी और 11 केवी के फीडर बंद हो गया। 33 केवी के अधिकांश फीडर भूमिगत रहने के कारण बाधित नहीं हुआ।
11 केवी के 50 से अधिक फीडर एक घंटे से अधिक देर तक बंद रहे। वर्षा बंद होते ही अभियंताओं की टीम क्षेत्र में निकल गई। बिजली आपूर्ति बहाल करने की प्रक्रिया शुरू हो गई। पटना विद्युत आपूर्ति प्रतिष्ठान के महाप्रबंधक श्रीराम सिंह ने बताया कि आंधी के साथ वर्षा होने के कारण बैनर-पोस्टर उड़कर बिजली के तार पर आ गया। इस कारण फाल्ट आ गया।
फ्यूजकाल सेंटर में दो हजार से अधिक दर्ज हुई शिकायतेंफ्यूजकाल सेंटर में गुरुवार को दो हजार से अधिक बिजली कटने की शिकायतें दर्ज हुई। फ्यूजकाल सेंटर में तैनात कामगार देर रात तक बिजली आपूर्ति बहाल करते रहे। देर शाम तक फ्यूजकाल सेंटरों में फोन की घटिया पनपनाती रही। अभियंता फ्यूजकाल में दर्ज शिकायती की निगरानी करते रहे।
भभुआ: तेज बारिश के बाद लोगों को गर्मी से मिली राहतजिले में गुरुवार की दोपहर में अचानक आई तेज आंधी व हल्की बारिश से मौसम सुहाना हो गया। इसके चलते लोगों को गर्मी से काफी राहत मिली। बिजली आपूर्ति बाधित रहने के बाद भी लोगों को गर्मी का एहसास नहीं हुआ। देर शाम तक तापमान में कुछ गिरावट रही।
बता दें कि गुरुवार की दोपहर में आई आंधी के चलते बिजली आपूर्ति बाधित हो गई। लगभग 30 मिनट तक तेज आंधी रहने के चलते बिजली आपूर्ति बाधित रही है। आंधी के कुछ कम होने पर बिजली आपूर्ति शुरू की गई, लेकिन हवा तेज रहने के कारण बार-बार बिजली आपूर्ति बंद कर दी गई।
नवादा: अगले 24 घंटे मौसम पर रखनी होगी नजरनवादा में गुरुवार को दोपहर बाद जबरदस्त आंधी-पानी का असर रहा। देखते-देखते दिन में अंधेरा छा गया और तेज आंधी के बाद पानी बरसने लगा। लोगों ने घर-दुकान में शरण ली। आंधी की प्रबलता से लोगों में भय बना रहा। करीब आधे से पौन घंटे की बारिश में पूरा नगर अस्त-व्यस्त हो गया।
जब पानी बरसना बंद हुआ तो स्थिति दयनीय नजर आई, नगर में कई जगह जलजमाव हो गया। अचानक से बदले मौसम में न्यूनतम और अधिकतम तापमान में आठ से नौ डिग्री सेल्सियस की गिरावट दर्ज की गई। दिन की शुरुआत में न्यूनतम तापमान 22 डिग्री सेल्सियस के आसपास रहा तो अधिकतम तापमान 30 डिग्री सेल्सियस तक आ पहुंचा है।
24 घंटे में बारिश होने की संभावनामौसम विज्ञान केन्द्र, पटना ने अगले 24 घंटें में 40-50 किमी प्रतिघंटे की रफ्तार से झोंके चलने और मेघगर्जन के साथ बारिश होनी की संभावना व्यक्त की है। ऐसे में नागरिकों को विशेष चौकसी बरतने होगी।
गुरुवार को आए आंधी-पानी से फसलों को भारी क्षति पहुंची है। कटे हुए गेंहू खेतों और खलिहानों में पड़े थे। किसानों की आमदनी पर मौसम का मार पड़ा है। लोग स्तब्ध है।
ये भी पढ़ें
Jharkhand Weather Today: झारखंड में मौसम का खुश करने वाला अपडेट, अगले 6 दिन तक गर्मी से मिलेगी राहत
Bihar News: राजधानी में कचरे से बनेगी बिजली-बायोगैस, 514 करोड़ होंगे खर्च; ये है सरकार का प्लान
राज्य ब्यूरो, पटना। राजधानी (पटना) के रामचक बैरिया में राज्य का पहला ठोस कचरा प्रबंधन क्लस्टर बनाया जाएगा। यहां पटना नगर निगम समेत आसपास के 11 शहरी निकायों के ठोस कचरे से बिजली, बायोगैस, खाद आदि बनाई जाएगी। इसके बाद भी जो अवशेष बच जाएगा, उसका इस्तेमाल लैंडफिल में किया जाएगा।
राज्य सरकार के प्रस्ताव पर केंद्र सरकार ने सैद्धांतिक सहमति दे दी है। इस पूरी परियोजना पर 514 करोड़ 59 लाख की राशि खर्च की जाएगी। नगर विकास एवं आवास मंत्री जिवेश कुमार ने गुरुवार को विकास भवन में आयोजित प्रेस वार्ता में इसकी जानकारी दी।
मंत्री ने बताया कि पटना के रामचक बैरिया स्थित भूमि पर 1600 टन कचरा प्रतिदिन के हिसाब से कचरे के प्रसंस्करण एवं निस्तारण के लिए प्लांट आदि की व्यवस्था की जाएगी। लोक निजी भागीदारी (पीपीपी) मोड पर इस परियोजना का क्रियान्वयन किया जाएगा। अगले ढाई साल में इस परियोजना को पूरा करने का लक्ष्य है।
वर्तमान में नगर निकायों में ठोस अपशिष्ट के प्रसंस्करण का प्रतिशत काफी कम है। इसे बढ़ाने के लिए राज्य सरकार ने पटना एवं उसके आस-पास के 11 शहरी निकायों दानापुर, फतुहा, खगौल, फुलवारीशरीफ, सम्पतचक, मनेर, मसौढ़ी, बिहटा, बख्तियारपुर, नौबतपुर और पुनपुन के लिए एक विशेष प्रस्ताव भारत सरकार को भेजा था, जिस पर सैद्धांतिक सहमति प्रदान की गई है।
इसके लिए केंद्र सरकार भी अनुदान देगी। देश में पहली बार केंद्र सरकार ने किसी राज्य को सामाजिक अवसंरचना परियोजना के अंतर्गत ठोस अपशिष्ट प्रबंधन के लिए वायबिलिटी गैप फंडिंग योजना के जरिए अनुदान देने का निर्णय लिया गया है।
मंत्री ने बताया कि पटना में इस परियोजना को मॉडल के रूप में लागू किया जा रहा है। जल्द ही दूसरे शहरों में भी क्लस्टर बनाकर इसे लागू किया जाएगा।
कचरा निस्तारण की यह होगी व्यवस्था:- ठोस कचरे से 15 मेगावाट बिजली प्लांट की होगी स्थापना
- 100 टन प्रतिदिन कचरे के बायो-मिथेनेशन संयंत्र की स्थापना।
- 250 टन प्रतिदिन के एमआरएफ सह आरडीएफ संयत्र लगेगा।
- 50 टन प्रतिदिन के एमआरएफ संयंत्र की स्थापना।
- 700 टनप्रतिदिन के कंपोस्ट प्लांट संयंत्र की स्थापना।
- 325 टन प्रतिदिन के लैंडफिल सुविधाओं का विकास और संचालन।
पटना नगर निगम, दानापुर, फतुहा, खगौल, फुलवारीशरीफ, सम्पतचक, मनेर, मसौढ़ी, बिहटा, बख्तियारपुर, नौबतपुर और पुनपुन।
परियोजना से यह होगा लाभ:वैज्ञानिक तरीके से ठोस अपशिष्ट के प्रबंधन से स्वच्छता में सुधार आएगा। प्रदूषण को कम किया जा सकेगा। वायु प्रदूषण को कम करने में सहायता मिलेगी। बायोगैस का उत्पादन होगा। नवीनीकरणीय ऊर्जा के रूप में होगा इस्तेमाल।
ये भी पढ़ें- Bihar News: बिजली विभाग के एक्शन से CM नीतीश की एक फेमस योजना पर भी पड़ गया बड़ा असर, गांव में मचा हाहाकार
ये भी पढ़ें- Bihar Bijli Bill: सरकारी विभागों पर कब होगी कार्रवाई? बेगूसराय में 1 करोड़ से अधिक का बिजली बिल है बकाया
डिप्टी सीएम विजय कुमार सिन्हा ने पौधा संरक्षण योजना की समीक्षा, प्रतिबंधित कीटनाशकों के रोकथाम के लिए दिए निर्देश
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। बिहार के उपमुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा द्वारा कृषि भवन, पटना स्थित अपने कार्यालय कक्ष में पौधा संरक्षण से संबंधित योजनाओं की समीक्षा की गई। उप मुख्यमंत्री ने किसानों के हित में कई महत्त्वपूर्ण निर्देश दिए, ताकि किसानों को कीट-व्याधि से होने वाले नुकसान से सुरक्षा प्रदान की जा सके एवं राज्य में कृषि उत्पादकता को बढ़ाया जा सके।
उप मुख्यमंत्री-सह-कृषि मंत्री ने बताया कि राज्य के किसानों को कीट-व्याधि के संभावित प्रकोप से ससमय सचेत करने हेतु पूर्वानुमाण आधारित सूचनाओं का व्यापक प्रचार-प्रसार सुनिश्चित किया जाये। इसके लिए समय-समय पर दैनिक समाचार पत्रों, रेडियो जिंगल, सोशल मीडिया का सहारा लिया जाये, ताकि सूचनाएं समय पर किसानों तक पहुँच सके और वे आवश्यक उपाय कर सकें।
उन्होंने कहा कि पौधा संरक्षण योजनाओं से संबंधित जानकारी के प्रसार हेतु पंचायत, प्रखण्ड एवं जिला स्तर पर सभी सरकारी कार्यालयों में होर्डिंग एवं बैनर लगाना सुनिश्चित करेंगे। इन प्रचार-प्रसार से किसानों को कीट नाशकों के सही उपयोग, सुरक्षा उपायों एवं सरकारी सहायता योजनाओं की जानकारी मिल पायेगी।
उन्होंने इस बात पर विशेष बल दिया कि अधिकतर किसान कीट-व्याधि की समस्या के समाधन हेतु सर्वप्रथम कीटनाशी विक्रेताओं से सम्पर्क करते हैं। अतः विक्रेताओं का कीटनाशकों के वैज्ञानिक उपयोग, संभावित दुष्प्रभाव एवं विभिन्न कीटों की पहचान संबधी प्रशिक्षण अनिवार्य रूप से दिया जाए। साथ ही, कीटनाशी रसायनों के योजनाओं का बैनर प्रतिष्ठान पर प्रदर्शित किया जाये।
उप मुख्यमंत्री ने किसानों को गुणवत्तापूर्ण कीटनाशक उपलब्ध कराने हेतु जिला स्तर पर नियुक्त कीटनाशी निरीक्षकों को अपने क्षेत्र के प्रतिष्ठानों का नियमित निरीक्षण करने, संदेहास्पद कीटनाशकों के नमूने संग्रहित कर उनका विश्लेषण प्रयोगशाला में करने का निदेश दिया।
किसानों के बीच कीटनाशी के प्रयोग के दुष्प्रभाव के बारे में प्रशिक्षित करना सुनिश्चित करें। इससे किसानों के स्वास्थ्य एवं पर्यावरण की रक्षा की जा सकेगी।
विजय सिन्हा ने जिला में पदस्थापित पदाधिकारियों को निर्देश दिया गया कि राज्य में प्रतिबंधित कीटनाशकों के बिक्री पर रोक-थाम के लिए समय-समय पर छापामारी कर कीटनाशी अधिनियम के अधीन कार्रवाई करना सुनिश्चित करें।
इसे भी पढ़ें: बिहार के किसानों को शीघ्र बाजार समिति प्रांगणों की सुविधा, डिप्टी सीएम विजय कुमार सिन्हा ने की समीक्षा बैठक
बिहार के किसानों को शीघ्र बाजार समिति प्रांगणों की सुविधा, डिप्टी सीएम विजय कुमार सिन्हा ने की समीक्षा बैठक
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। बिहार के उपमुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा द्वारा जिलावार बाजार समिति प्रांगणों के निर्माण कार्य की प्रगति की समीक्षा की गई। इस समीक्षात्मक बैठक में सचिव कृषि संजय कुमार अग्रवाल सहित कई पदाधिकारियों ने भाग लिया।
बिहार राज्य पुल निर्माण निगम के प्रतिनिधि द्वारा बताया गया कि चंदौती (गया) तथा वैशाली में कार्य पूर्ण हो गया है। पूर्वी और पश्चिम चंपारण के बाजार समिति का कार्य 15 मई तक पूर्ण कर लिया जाएगा।
मंत्री ने कहा कि पीएम मोदी द्वारा ‘एक राष्ट्र, एक बाजार’ की व्यवस्था की घोषणा की गई है, जिसका सबसे ज्यादा लाभ बिहार को मिलेगा। बिहार के किसानों को उनके फसल उत्पादों के लिए अधिकतम मूल्य मिल पायेगा। इस प्रकार किसानों की आय में अपेक्षित वृद्धि हो पायेगी एवं किसान समृद्ध होगा।
उन्होंने कहा कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा 75वें स्वतंत्रता दिवस समारोह (15 अगस्त, 2021) के अवसर पर गांधी मैदान में आयोजित राजकीय समारोह में घोषणा की गयी कि राज्य के किसानों को कृषि उत्पाद हेतु बाजार की सुविधा उपलब्ध करने के उद्देश्य से सभी कृषि उत्पादन बाजार समितियों का जीर्णोद्धार एवं चरणबद्ध तरीके से विकास कराया जाए।
समिती प्रांगणों में की जाएगी स्टोरेज की सुविधामंत्री ने कहा कि बाजार समिति प्रांगणों में अनाज, फल-सब्जी एवं मछली का अलग-अलग बाजार की व्यवस्था, स्टोरेज की सुविधा आदि कार्य किया जा रहा है।
राज्य के किसानों को उनके फसल उत्पादों, मछली आदि के लिए उचित मूल्य एवं बेहतर बाजार की व्यवस्था सुनिश्चित कराने के उद्देश्य से राज्य के सभी बाजार समिति के प्रांगणों के सुदृढ़ीकरण के लिए प्रांगणों में चहारदीवारी, सड़क, नाला आदि निर्माण के साथ-साथ सफाई, सुरक्षा, बिजली, पानी, महिलाओं एवं पुरूषों के लिए अलग-अलग शौचालय आदि की व्यवस्था के साथ ही गोदाम तथा कोल्डस्टोरेज के लिए विस्तृत परियोजना प्रतिवेदन में निधि की व्यवस्था की गई है।
उन्होंने निर्देश दिया कि बिहार राज्य पुल निर्माण निगम द्वारा जहां- जहां कार्य पूर्ण किया जा रहा है, वहां पर टीम गठित कर कार्यों की प्रगति तथा गुणवत्ता की जांच करा ली जाए। साथ ही, बाजार समिति प्रांगणों में दुकानों के आवंटन की प्रक्रिया में पारदर्शिता बरती जाए।
इसे भी पढ़ें: Bihar: पटना हाई कोर्ट का अहम फैसला, अब सिर्फ D Pharma डिग्री वाले ही बन सकेंगे सरकारी फार्मासिस्ट
Bihar Weather News: बिहार में आंधी-बारिश और बिजली गिरने से तबाही, अब तक 31 लोगों की मौत
जागरण टीम, पटना। नालंदा, सिवान, भोजपुर, गोपालगंज, बेगूसराय, सारण, गया, जहानाबाद व अरवल में वज्रपात व तेज आंधी-पानी के कारण जगह-जगह पेड़, दीवार, पुलिया और कर्कट गिरने से जानमाल का भारी नुकसान हुआ है।
इन जिलों में कुल 31 लोगों की जान गई है। जिनमें सर्वाधिक नालंदा में अलग-अलग 13 लोगों को जान गंवानी पड़ी है। इनमें एक भी मौत वज्रपात से नहीं हुई है।
नालंदा जिले के मानपुर थाना के नगवां गांव में देवी स्थान की दीवार पर पीपल का विशाल वृक्ष भरभराकर गिर पड़ा, जिससे वृक्ष व दीवार के मलबे से दबकर एक ही जगह छह लोगों की मौत हो गई। जिले के इस्लामपुर में बालमत बिगहा गांव के पास पुलिया धंसने से दादी, उनके दो वर्ष का पोता और नौ माह की पोती की मलबे से दबकर मौत हो गई।
जिले के पावापुरी सहायक थाना के दुर्गापुर खंधा में ताड़ के पेड़ से दबकर एक दस वर्षीय बालक की मौत हो गई। जिले के सिलाव के माधोपुर में ताड़ से दबकर दो की मौत हो गई। वहीं राजगीर के सारिलचक में पेड़ से दबकर एक की मौत गई।
भोजपुर में मां-बेटा समेत पांच लोगों की मौत हुई है। इनमें वज्रपात से एक एवं दीवार व पेड़ से दबकर चार की मौत हुई है। भोजपुर के बड़हरा में बिहार को उत्तर प्रदेश को जोड़ने वाला महुली घाट-सिताबदियारा पीपा पुल तेज आंधी पानी के कारण टूट गया है।
सिवान में वज्रपात से चार लोगों की मौत हो गई है। सारण के पानापुर में वज्रपात से दो की मौत हो गई है। गोपालगंज में झोपड़ी पर पेड़ गिरने से एक महिला की मौत हो गई है। जहानाबाद में वज्रपात से दो की मौत हुई है।
अरवल-पटना सीमा पर पटना के बेदौली गांव में दीवार व पेड़ से दबकर दो की मौत की सूचना है। बेगूसराय के चेरिया बरियारपुर में वज्रपात से किशोरी की मौत हो गई।
गया जिले के टनकुप्पा प्रखंड अंतर्गत भेटौरा पंचायत के मायापुर गांव में दीवार गिरने से आठ वर्षीय बालक की मौत हो गई।
आंधी और वर्षा से फसलों को काफी नुकसान पहुंचा है। कई जगह पेड़ धराशाई हो गए। कच्चे व खपरैल घरों को भारी नुकसान हुआ है। कई स्थानों पर बिजली आपूर्ति बाधित है।
जिन किसानों की गेहूं की फसल अभी नहीं कटी है. उन्हें थोड़ी राहत हैं, लेकिन जिनकी फसल कटकर खेत में पड़ी हैं, उनको अधिक नुकसान हुआ है।
सीएम नीतीश कुमार ने जताया शोकभीषण आंधी-पानी और वज्रपात से प्रदेश में 31 लोगों की मौत पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने गहरी शोक संवेदना व्यक्त की है। मुख्यमंत्री ने कहा कि आपदा की इस घड़ी में वह प्रभावित परिवारों के साथ हैं। मुख्यमंत्री ने सभी मतृकों के परिजनों तुरंत चार-चार लाख रुपए का अनुग्रह अनुदान देने का निर्देश दिया है।
उन्होंने लोगों से यह अपील किया है कि सभी लोग खराब मौसम में पूरी तरह सतर्क रहें। खराब मौसम होने पर आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा समय-समय पर जारी किए गए सुझावों का अनुपालन करें। खराब मौसम में घराें में रहें और सुरक्षित रहें।
ये भी पढ़ें- नालंदा में आंधी-बारिश का कहर, दीवार और पेड़ गिरने से 8 की मौत; कई इलाकों में मची तबाही
ये भी पढ़ें- Bihar Rain Alert: बिहार-यूपी में बिगड़ा मौसम, तेज आंधी के बाद इस जिले में दोपहर में ही छाया अंधेरा
Bihar: राहुल ने 'राजेश राम' पर जताया भरोसा, BJP की भी 20% वोट पर नजर; लालू-नीतीश क्या कर रहे?
राज्य ब्यूरो, पटना। बिहार विधानसभा चुनाव (Bihar Election 2025) को लेकर राजनीतिक पार्टियाें ने वोट बैंक को सहेजने के लिए सक्रियता बढ़ा दी है। सत्ता पक्ष एवं विपक्ष वोटरों को साधने के लिए अभी से कोई कोर-कसर नहीं छोड़ना चाहते हैं। कांग्रेस ने इसके संकेत बिहार प्रदेश अध्यक्ष पद पर अनुसूचित समाज के राजेश राम को आगे दे दिया है।
इसके बाद लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी अपनी बिहार यात्रा में पार्टी की ओर से आयोजित कार्यक्रम में सार्वजनिक रूप से अनुसूचित समाज के प्रति अपनी प्रतिबद्धता भी स्पष्ट कर चुके हैं।
राहुल ने दिया दूरगामी संदेशयही नहीं, राहुल गांधी ने पार्टी की ओर से पूर्व में हुई गलतियों के लिए अनुसूचित समाज दिग्गज नेता एवं कांग्रेस सरकार में पूर्व मंत्री रहे जगलाल चौधरी की जयंती समारोह में अपना पक्ष स्पष्ट कर दूरगामी संदेश भी दिया था।
इससे साफ है कि अपनी पुश्तैनी जमीन, विशेषकर अनुसूचित वोट बैंक पर ध्यान केंद्रित करते हुए आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस की तैयारी दमदार तरीके से मैदान में उतरने की है।
बीजेपी ने भी बनाया प्लानकांग्रेस की बिसात को भांपते हुए अब भाजपा ने मंडल एवं जिले से लेकर प्रदेश स्तर पर आंबेडकर जयंती को माध्यम बनाकर बड़े आयोजन की तैयारी में ताकत झोक दी है। एक मुश्त लगभग 20 प्रतिशत वोट बैंक को रिझाने के लिए गुरुवार को पार्टी की ओर से राष्ट्रीय महामंत्री तरुण चुग के नेतृत्व में प्रदेश स्तरीय कार्यशाला का आयोजन किया।
भाजपा प्रदेश मुख्यालय में आयोजित कार्यशाला में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सरकार द्वारा अनुसूचित समाज के लिए पिछले दस वर्षों में किए गए कार्यों को डॉ. भीम राव आंबेडकर जयंती के उपलक्ष्य में घर-घर पहुंचाने का लक्ष्य पार्टी ने निर्घारित किया है।
साथ ही डॉ. भीम राव आंबेडकर के विरुद्ध कांग्रेस द्वारा किए गए षड्यंत्र एवं उपेक्षा का पाठ भी भाजपा के शीर्ष नेताओं ने कार्यकर्ताओं को पढ़ाया। अब पखवारे भर भाजपा के अनुसूचितजाति मोर्चा से जुड़े कार्यकर्ता विभिन्न आयोजन के माध्यम से पार्टी की रणनीति को गांव-गांव तक पहुंचाने का प्रयास करेंगे।
राजद एवं जदयू की तैयारियां जोरदारआंबेडकर जयंती को लेकर राजद एवं जदयू की ओर से भी जोरदार तैयारी है। दोनों पार्टियों ने भी अपनी-अपनी ताकत दिखाने के लिए अलग-अलग आयोजन की घोषणा की है। भाजपा एवं कांग्रेस से एक कदम आगे बढ़कर
राजद ने पंचायत स्तर पर कार्यक्रम कर अनुसूचित समाज को साधने तैयारी तेज कर दी है। वहीं, जदयू की ओर से भी राज्यस्तरीय कार्यक्रम को लेकर प्रचार-प्रसार जोरदार तरीके से जारी है।
इसके अतिरिक्त बिहार में राजग एवं महागठबंधन के अन्य साझेदार भी आंबेडकर जयंती पर अलग-अलग आयोजन की तैयारी में जुटे हैं।
ये भी पढ़ें- Tejashwi Yadav: 'युवाओं को नौकरी देंगे... तभी न होगी शादी', गोपालगंज में बोले तेजस्वी यादव
ये भी पढ़ें- 'जदयू को शंकराचार्य, मठाधीश और मौलाना की जरूरत नहीं', CM नीतीश के करीबी नेता का बड़ा बयान
BPSC Jobs 2025: युवाओं के लिए खुशखबरी, बीपीएससी ने निकाली एक और भर्ती; ग्रेजुएट करें अप्लाई
जागरण संवाददाता, पटना। बिहार कर्मचारी चयन आयोग (BPSC Bharti 2025) अवर सांख्यिकी पदाधिकारी व प्रखंड सांख्यिकी पदाधिकारी के पदों पर नियुक्ति के लिए 19 अप्रैल तक ऑनलाइन आवेदन स्वीकार करेगा। आवेदन के लिए वेबसाइट www.bssc.bihar.gov.in पर लिंक अपलोड है।
अर्थशास्त्र, गणित, सांख्यिकी में किसी एक विषय से स्नातक या पास कोर्स के रूप में उक्त विषयों से स्नातक की डिगी या सबसिडियरी के साथ स्नातक की डिग्री प्राप्त अभ्यर्थी भी आवेदन कर सकते हैं। इसके माध्यम से 682 पदों पर नियुक्ति होनी है। 231 पद महिला अभ्यर्थियों के लिए आरक्षित है।
सामान्य वर्ग के अभ्यर्थियों के लिए अधिकतम आयु 37 वर्ष, महिला, बीसी व ईबीसी के लिए 40 तथा अनुसूचित जाति व जनजाति के अभ्यर्थियों के लिए 42 वर्ष निर्धारित है।
सभी श्रेणी के दिव्यांग अभ्यर्थियों को कोटिवार अधिकतम आयु सीमा के अतिरिक्त 10 वर्ष की छूट दी जाएगी। लिखित परीक्षा के लिए 75 तथा संविदा के आधार पर अनुभव के लिए अधिकतम 25 अंक निर्धारित है। सिलेबस सहित विस्तृत जानकारी वेबसाइट पर अपलोड है।
इंजीनियरिंग, नर्सिंग, फार्मेसी, कृषि, पारा मेडिकल कोर्स की प्रवेश परीक्षा के लिए आवेदन शुरूबिहार संयुक्त प्रवेश प्रतियोगिता परीक्षा पर्षद (बीसीईसीईबी) राज्य के सरकारी व निजी शिक्षण संस्थानों में नर्सिंग, फार्मेसी, पारा मेडिकल, इंजीनियरिंग आदि कोर्स में नामांकन के लिए प्रवेश परीक्षा का आयोजन सात व आठ जून को करेगा। इसमें शामिल होने के लिए ऑनलाइन आवेदन स्वीकार किए जा रहे हैं।
छह मई तक ऑनलाइन आवेदन स्वीकार किए जाएंगे। शुल्क के लिए लिंक सात मई तक उपलब्ध होगा। आवेदन में त्रुटि होने पर आठ व नौ मई को लिंक संशोधन के लिए लिंक उपलब्ध कराया जाएगा।
बीसीईसीई-2025 के तहत स्नातक स्तरीय कृषि, फार्मेसी, फिजियोथेरेपी, बैचलर आफ मेडिकल लेबोरेट्री टेक्नोलाजी, बैचलर आफ आपरेशन टेक्नोलाजी, बैचलर आफ रेडियो इमेजिंग टेक्नोलॉजी, बैचलर ऑफ ऑप्टोमेट्री, बीएससी नर्सिंग, उद्यान विज्ञान, मत्स्य विज्ञान, डेयरी आदि कोर्स में इसकी रैंक के आधार पर नामांकन होगा।
वेबसाइट bceceboard.bihar.gov.in पर विस्तृत जानकारी अपलोड है।
ये भी पढ़ें- BPSC Jobs: बीपीएससी से एक साल में 1.11 लाख को मिली सरकारी नौकरी, 2025 का कैलेंडर भी हुआ जारी
ये भी पढ़ें- BPSC 70th Exam: बीपीएससी 70वीं मुख्य परीक्षा का शेड्यूल जारी, 12 अप्रैल को रिलीज होगा एडमिट कार्ड