Dainik Jagran
Patna Zoo: दही-भात के साथ डाभ पीने लगा चिम्पैंजी, गर्मी आते ही बदला वन्य प्राणियों का मैन्यू; देखें लिस्ट
मृत्युंजय मानी, पटना। गर्मी आते ही संजय गांधी जैविक उद्यान प्रशासन ने वन्य प्राणियों के मैन्यू में बदलाव कर दिया है। गर्मी बढ़ते ही बाघ का भोजन घट गया है।
11 किलो से बिफ भोजन घटकर नौ किलो पर आ गया है। चिम्पैंजी दही-भात के साथ डाभ पीने लगा है। इसके साथ तरबूजा सहित कई प्रकार के मौसमी फल दिए जा रहे हैं।
हाथी काे ईख के स्थान पर केला का थम मिलने लगा। भालू खीर खा रहा है। उद्यान प्रशासन सभी वन्य प्राणियों को गुलकोज, मल्टी विटामिन तथा लू से बचाव के लिए दवा देने की प्रक्रिया की शुरूआत कर दी है। शाकाहारी जानवरों को हरा घास की व्यवस्था की गई है।
वन्य प्राणियों के लिए की गई कुलर की व्यवस्थावन्य प्राणियों के नाइट हाउस में कुलर की हवा खिलाकर गर्मी से राहत दिलाई जा रही है। उनके बाड़े में पानी का छिड़काव किया जा रहा है।
बाघ बाड़े के झरना में भी स्नान करते दिख जा रहा है। हाथी पानी में रहना पसंद करने लगी है। उसके लिए बाड़े के अंदर पानी की व्यवस्था की गई है। गैंडा भी ज्यादा समय में पानी में बीता रहा है।
शाकाहारी जानवरों को मौसमी फल दिया जा रहा है। घाड़ियाल अंडे देने के बाद काफी सक्रिय हो गए हैं। हिप्पोपोटामस पानी में उछल-कूद करते नजर आ रहा है।
उद्यान प्रशासन का जानवरों के केज के बाहरी भाग में पानी छिड़काव शुरू करा दिया है। सड़केें गीली रह रही है। सभी पशुपालकों को निर्देश दिया गया है कि अपने-अपने केज के सामने पानी का नियमित रूप से छिड़काव कराएं।
वाहन से भी पानी का छिड़काव किया जा रहा है। इससे दर्शकों को भी काफी राहत मिल रही है। पक्षियों को पीने के लिए दिए जाने वाले पानी का दो बार बदलाव की प्रक्रिया शुरू हो गई है।
उद्यान निदेशक हेमंत पाटिल ने बताया कि केंद्रीय चिड़ियाघर प्राधिकरण्एा के गाइड लाइन के अनुसार वन्य प्राणियों के कैलेंडर बना है।
उसके हिसाब से मैन्यू में बदलाव किया गया है। वन्य प्राणियों के स्वास्थ पर भी विशेष रूप से नजर रखी जा रही है।
यह भी पढ़ें-
Patna Zoo Ticket Price: पटना चिड़ियाघर की सैर हुई महंगी, सभी टिकट का बढ़ा दाम, जानें नई एंट्री फीस
Bihar News: बढ़ गया सभी जिलों के अफसरों का काम, हर रोज सुबह 6:30 बजे पहुंचना होगा स्कूल; आ गया नया आदेश
राज्य ब्यूरो, पटना। राज्य के सरकारी विद्यालयों में शिक्षण कार्य समेत तमाम गतिविधियों की निगरानी सख्त होने जा रही है।
शिक्षा विभाग के निर्देशानुसार हर दिन सुबह साढ़े छह बजे से अफसर विद्यालयों के निरीक्षण करने जाएंगे। ये निरीक्षी अधिकारी हर दिन की रिपोर्ट अपर मुख्य सचिव को देंगे।
निरीक्षण में शिक्षकों एवं बच्चों की उपस्थिति, पहली कक्षा में नामांकन, विद्यालय परिसर की साफ-सफाई और मध्याह्न भोजन पर खास नजर होगी।
निरीक्षण अभियान में प्रत्येक प्रखंड और जिला स्तर के अधिकारी जाएंगे। इनमें जिला शिक्षा पदाधिकारी, जिला कार्यक्रम पदाधिकारी, कार्यक्रम पदाधिकारी, प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी तथा बिहार शिक्षा परियोजना परिषद के अपर जिला कार्यक्रम समन्वयक एवं सहायक कार्यक्रम पदाधिकारी होंगे।
ई-शिक्षाकोष पोर्टल पर अपलोड करेंगे निरीक्षण रिपोर्टये सभी अधिकारी सुबह साढ़े छह बजे से पूर्वाह्न 11 बजे दिन तक विद्यालयों का निरीक्षण करेंगे। निरीक्षण रिपोर्ट तय फार्मेट में ई-शिक्षाकोष पोर्टल पर अपलोड करेंगे।
निरीक्षण करने वाले अधिकारी 11 बजे के बाद अपने-अपने कार्यालय के कार्यों का निष्पादन करेंगे। कमांड एंड कंट्रोल सेंटर के प्रभारी पदाधिकारी प्रतिदिन अपराह्न में निरीक्षण करने वाली पदाधिकारी से विद्यालय निरीक्षण की अद्यतन सूचना दूरभाष से प्राप्त कर शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव को अवगत कराएंगे।
जिले के 282 शिक्षकों ने मार्च में नहीं बनाई ई-शिक्षा कोष पर हाजिरीबक्सर जिले के 282 शिक्षकों ने मार्च के महीने में ई शिक्षा कोष पर एक भी दिन आनलाइन उपस्थिति दर्ज नहीं की है। इस लापरवाही को गंभीरता से लेते हुए शिक्षा विभाग ने इन शिक्षकों से स्पष्टीकरण मांगा है।
जिला शिक्षा पदाधिकारी (डीईओ) अमरेंद्र पांडेय ने इन शिक्षकों को विभागीय आदेशों की अवहेलना करने के लिए कारण बताओ नोटिस जारी किया है।
डीईओ ने कहा है कि शिक्षकों को 24 घंटे के भीतर अपने कार्यों का संतोषजनक जवाब देना होगा, अन्यथा उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
शिक्षा विभाग के अनुसार, ई शिक्षा कोष पोर्टल शिक्षकों की उपस्थिति को ट्रैक करने और उनकी जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए शुरू की गई थी।
इस पोर्टल के माध्यम से, शिक्षकों को प्रतिदिन अपनी उपस्थिति दर्ज करनी होती है, लेकिन जिले के 282 शिक्षकों ने मार्च के महीने में इस नियम का पालन नहीं किया।
इससे विभाग को यह कार्रवाई करने के लिए मजबूर होना पड़ा। शिक्षा विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि ऑनलाइन उपस्थिति प्रणाली शिक्षकों की पारदर्शिता और समयबद्धता को बढ़ावा देने के लिए बनाई गई है।
यह प्रणाली शिक्षकों को समय पर स्कूल आने और जाने के लिए प्रोत्साहित करती है, जिससे छात्रों की शिक्षा पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है।
इस घटना ने जिले में शिक्षा प्रणाली की निगरानी और जवाबदेही के महत्व को उजागर किया है। डीईओ ने इसे विभागीय निर्देश की अवहेलना और स्वेच्छाचारिता का परिचायक बताया है।
उन्होंने शिक्षकों को कठोर कार्रवाई करने की चेतावनी दी है। डीईओ ने कहा है कि भविष्य में भी इस तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी और नियमों का उल्लंघन करने वाले शिक्षकों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
यह भी पढ़ें-
Bihar Gramin Bank: ग्रामीण बैंक को लेकर सामने आई एक और जानकारी, वित्त विभाग ने जारी किया नया नोटिफिकेशन
राज्य ब्यूरो, पटना। ग्रामीण बैंकों के विलय का एक बड़ा उद्देश्य आइपीओ लाना है। राशि जुटाने के लिए इन बैंकों में केंद्र सरकार के शेयर की खुले बाजार में बोली लगाई जाएगी।
इस तरह आइपीओ से प्राप्त होने वाली राशि से नव-गठित ग्रामीण बैंक का कायाकल्प होगा। बिहार के दोनों ग्रामीण बैंकों (उत्तर बिहार ग्रामीण बैंक और दक्षिण बिहार ग्रामीण बैंक) का विलय एक मई से प्रभावी हो जाना है।
उसके बाद बिहार ग्रामीण बैंक अस्तित्व में आएगा। उसके समक्ष सबसे बड़ी चुनौती संरचनात्मक रूप से सुदृढ़ होने के साथ पेशेवर प्रतिस्पर्द्धा में आगे निकलने की होगी।
इसके लिए कार्ययोजना बनाने के बाद ग्रामीण बैंक का आइपीओ आएगा, ताकि कार्ययोजना पर आगे बढ़ने के लिए पूंजी जुटाई जा सके। नवगठित सभी ग्रामीण बैंकों के पास 2,000 करोड़ रुपये की अधिकृत पूंजी होगी।
वित्त विभाग ने अपनी अधिसूचना में इसे स्पष्ट कर दिया है। पूंजी जुटाने के इस लक्ष्य में आइपीओ महत्वपूर्ण होगा। उल्लेखनीय है कि इससे पहले भी ग्रामीण बैंक का आइपीओ लाने का प्रयास हुआ था, लेकिन परिचालन पूंजी कम होने के कारण वह पहले सिरे नहीं चढ़ी।
अब दोनों ग्रामीण बैंकों का विलय हो रहा तो स्वाभाविक तौर पर एक इकाई के रूप में नेटवर्क बड़ा हो जाएगा और पूंजी भी बड़ी हो जाएगी।
सुधार के लिए समय समय पर किया जाता रहा है यह कामउल्लेखनीय है कि ग्रामीण बैंकों की सेहत में सुधार के लिए शेयर धारकों द्वारा समय-समय पर पूंजी दी जाती रही है।
हालांकि, 2015 में केंद्र सरकार ने आगे पूंजी देने के बजाय ग्रामीण बैंकों को बाजार से पूंजी जुटाने का निर्देश दिया।
इसके लिए ग्रामीण बैंक कानून-1976 में संशोधन कर केंद्र ने अपने 50 प्रतिशत में से 34 प्रतिशत शेयर आइपीओ के माध्यम से बेचने का प्रविधान किया।
हालांकि, छोटा आधार होने के कारण कोई भी ग्रामीण बैंक आइपीओ जारी नहीं कर सका। उल्लेखनीय है कि ग्रामीण बैंकों में केंद्र सरकार 50 प्रतिशत, प्रायोजक बैंक 35 प्रतिशत और संबंधित राज्य सरकार 15 प्रतिशत अंशधारक होती है।
यह भी पढ़ें-
'जदयू को शंकराचार्य, मठाधीश और मौलाना की जरूरत नहीं', CM नीतीश के करीबी नेता का बड़ा बयान
राज्य ब्यूरो, पटना। वक्फ से जुड़े नए कानूनी प्रविधानों को लेकर उठे विवाद के बीच जदयू के वरिष्ठ नेता एवं ग्रामीण कार्य मंत्री डॉ. अशोक चौधरी ने कहा है कि हमारी पार्टी को शंकराचार्य, मठाधीश या मौलाना के समर्थन की जरूरत नहीं है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और जदयू को जनता के समर्थन की जरूरत है। जनता के समर्थन से ही सरकार बनती है।
उन्होंने धर्म के नाम पर वोट की राजनीति का विरोध किया। कहा कि वक्फ के नाम पर अभी भ्रम फैलाया जा रहा है। धीरे-धीरे सब ठीक हो जाएगा।
'नीतीश ने सबके विकास के लिए काम किया'बुधवार को यहां मीडिया से बातचीत में डॉ. चौधरी ने कहा कि नीतीश कुमार ने सबके विकास के लिए काम किया है। इनमें मुस्लिम भी शामिल हैं। नीतीश सरकार ने मुस्लिम अभ्यर्थियों के लिए सरकारी खर्च पर कोचिंग का इंतजाम किया। इसके कारण राज्य के मुस्लिम छात्र-छात्राओं को बिहार लोकसेवा आयोग और संघ लोकसेवा आयोग की परीक्षाओं में सफलता मिल रही है। वे अधिकारी बन रहे हैं।
उन्होंने कहा कि यह नीतीश कुमार की देन है कि राज्य में शांति है। दंगे-फसाद बंद हो गए। कब्रिस्तानों की घेराबंदी करा दी गई है। मदरसा शिक्षकों को वेतनमान दिया जा रहा है। मदरसों का आधुनिकीकरण किया गया है। ऊर्दू शिक्षकों की बहाली हो रही है।
चौधरी ने आगे कहा कि राज्य के मुसलमानों को पता है कि नीतीश ने उनकी आनेवाली पीढ़ियों के हक में काम किया है। लोग इसी आधार पर नीतीश कुमार को वोट देते हैं। जाति और धर्म के नाम पर जदयू ने कभी राजनीति नहीं की।
मंत्री ने कहा कि भाजपा के सरकार में शामिल रहने के बावजूद मुसलमानों के लिए चलने वाली राज्य सरकार की कोई योजना कभी बाधित नहीं हुई। यह भी नीतीश कुमार की उपलब्धि है।
जदयू के आंबेडकर जयंती समारोह में होगी हर गांव की भागीदारी: कुशवाहादूसरी ओर, जदयू की ओर से बाबा साहब भीमराव आंबेडकर की जयंती (13 अप्रैल) पर भव्य समारोह का आयोजन किया जाएगा। बुधवार को हुई जदयू अनुसूचित जाति प्रकोष्ठ की बैठक में कहा गया कि आयोजन में हर गांव की भागीदारी होगा। प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष राजेश त्यागी ने इसकी अध्यक्षता की।
जदयू के प्रदेश अध्यक्ष उमेश सिंह कुशवाहा ने कहा कि बाबासाहेब के सपनों मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पूरा कर रहे हैं। यह हम सब की सामूहिक जिम्मेदारी है कि 13 अप्रैल को अधिक से अधिक संख्या में एकजुट होकर नीतीश कुमार के नेतृत्व को और सशक्त बनाने का संकल्प लें। इसमें प्रदेश के हर एक गांव से जनभागीदारी सुनिश्चित कराएं।
उन्होंने कहा कि कल्याणकारी योजनाओं की श्रृंखला प्रारंभ कर नीतीश कुमार ने समाज के शोषित, वंचित और कमजोर वर्गों को विकास की मुख्यधारा से जोड़ा है। ग्रामीण कार्य मंत्री डॉ. अशोक चौधरी ने कहा कि नीतीश कुमार ने दलित एवं महादलित वर्गों के आर्थिक, सामाजिक और राजनीतिक सशक्तिकरण के लिए अनेक प्रभावशाली कार्य किए हैं।
ये भी पढ़ें- Shivdeep Lande: पूर्व आईपीएस शिवदीप लांडे की सियासी पारी शुरू, बनाई 'हिंद सेना' पार्टी
ये भी पढ़ें- Bihar Politics: 'अगर हम अलग-अलग चुनाव लड़े तो...', राहुल गांधी के बयान से बिहार में आएगा सियासी भूचाल
CM नीतीश कुमार कल पटना को देंगे जेपी गंगा पथ की सौगात, दीघा से दीदारगंज तक का सफर होगा आसान
डिजिटल डेस्क, पटना। राजधानी में गंगा नदी के किनारे बने जेपी गंगा पथ परियोजना का विस्तार दीदारगंज तक होने जा रहा है। अभी दिघा से लेकर कंगन घाट तक यह पथ तैयार है। अब इसका विस्तार दीदारगंज तक होने जा रहा है, जिसका लोकार्पण मुख्यमंत्री नीतीश कुमार गुरुवार (10 अप्रैल) को करेंगे।
करीब 3831 करोड़ रुपये की लागत से बनी इस परियोजना का निर्माण बिहार राज्य पथ निर्माण निगम ने कराया है। पटना शहर के दो महत्वपूर्ण छोरों को जोड़ने वाली इस अतिमहत्वपूर्ण सड़क की लंबाई 20.5 किलोमीटर है।
प्रगति यात्रा के दौरान डॉउन रैंप को मिली थी स्वीकृतिफरवरी 2025 की 'प्रगति यात्रा' के दौरान मंदिरी नाला से जेपी गंगा पथ की सीधी संपर्कता के अलावा गायघाट में नदी की ओर डाउन रैंप निर्माण की स्वीकृति भी दी गई थी। इस सड़क की सबसे बड़ी खासियत इसकी बहुआयामी संपर्कता है। यह पटना के सबसे जाम वाले इलाकों के लिए सबसे बेहतरीन विकल्प है।
पटना के दो विपरित छोर दिघा से दीदारगंज तक की दूरी को पूरी करने में बेहद कम समय लगेगा। यह अटल पथ, एलसीटी घाट, गांधी मैदान, पीएमसीएच, पटना विश्वविद्यालय, एनआईटी, गायघाट, कंगन घाट, कृष्णा घाट और पटना घाट जैसे सभी महत्वपूर्ण स्थानों को एक सीध में जोड़ती है। इससे पटना के पूर्वी और पश्चिमी हिस्सों के बीच यातायात काफी सुगम हो गया है।
जेपी के नाम पर हुआ इसका नामाकरणलोकनायक जयप्रकाश नारायण की जयंती 11 अक्टूबर 2013 पर इस परियोजना की नींव रखी गई थी। उसी दिन से इसे जेपी गंगा पथ नाम दिया गया। पिछले कुछ वर्षों में इसका निर्माण चरणबद्ध रूप में हुआ है। पहले चरण में दीघा से गांधी मैदान तक 7.5 किमी सड़क 24 जून 2022 को जनता को समर्पित की गई।
इसके बाद दूसरे चरण में 14 अगस्त 2023 पीएमसीएच से गायघाट तक 5.0 किमी, तीसरे चरण 10 जुलाई 2024 को गायघाट से कंगन घाट तक 3.0 किमी और चौथे चरण में कृष्णा घाट संपर्क पथ का उद्घाटन 3 अक्टूबर 2024 को किया गया।
उत्तर और दक्षिण बिहार के बीच बनेगा मजबूत संपर्कयह सड़क जे.पी. सेतु और महात्मा गांधी सेतु से जुड़ती है, जिससे उत्तर और दक्षिण बिहार के बीच सफर और भी आसान हो गया है। दीदारगंज तक पूर्ण होने के बाद यह सड़क कच्चीदरगाह-बिदुपुर छह लेन पुल से भी जुड़ जाएगी। यह अत्याधुनिक सड़क मार्ग आज पटना की जीवन रेखा तो बन ही गई है।
साथ ही उत्तर बिहार को पटना के साथ जोड़ने और अन्य दक्षिण बिहार की तरफ जाने वाले कई प्रमुख रास्तों से भी बेहतरीन संपर्कता प्रदान करने वाली अति महत्वपूर्ण सड़क बनती जा रही है।
बिहटा से मोकामा तक होगा विस्तारपरियोजना के विस्तार की भी मंजूरी मिल गई है। पश्चिम में कोईलवर पुल तक और पूर्व में दीदारगंज से फतुहा, बख्तियारपुर होते हुए मोकामा तक पुराने एनएच के चौड़ीकरण की योजना पर भी जल्द कार्य शुरू होगा। इतना ही नहीं दीघा से गांधी मैदान के बीच गंगा किनारे समग्र उद्यान भी विकसित किया जाएगा।
पटना रिंग रोड से भी जुड़ेगा गंगा पथवर्तमान में यह पथ गंगा नदी पर कुल पांच पुलों से जुड़ रहा है, जिनमें से तीन पुल निर्माणाधीन हैं। यह पटना रिंग रोड से होकर गुजरता है। कोईलवर तक विस्तार होने पर यह एनएच-922, एनएच-319 और पूर्वांचल एक्सप्रेसवे से भी संपर्क बनाएगा।
प्रमुख विशेषताएं:- अटल पथ, एलसीटी घाट, गांधी मैदान, पीएमसीएच, पटना विश्वविद्यालय, एनआईटी, कृष्णा घाट, गाय घाट, कंगन घाट एवं पटना घाट के बीच सुगम संपर्कता
- दीघा से कंगन घाट तक मार्ग का पूर्ण हो जाने से पटना की ट्रैफिक समस्या में बड़ी राहत
- पर्यटन, शिक्षा, चिकित्सा, धार्मिक एवं सामाजिक स्थलों तक आवागमन में समय और दूरी की कमी हुई
- पटना रिंग रोड से सीधा जुड़ाव, जिससे यह मार्ग और अधिक प्रभावी हो गया है
- उत्तर बिहार खासकर छपरा, गोपालगंज, सीवान समेत अन्य जिलों से इलाज के लिए पीएमसीएच तक आने वाले लोगों को समय की काफी बचत होगी
- पटना के लोगों को शाम में गंगा किनारे बेहद सुंदर पर्यटकीय नजारा देखने को मिलता है। शाम को यहां का नजारा बेहद खास होता है
- इस इलाके को स्मार्ट पटना योजना के तहत शहर के प्रमुख मनोरम स्थल एवं उद्यान के तौर पर विकसित करने की योजना है, जिसे जल्द मूर्तरूप दिया जाएगा
- जेपी गंगा पथ का विस्तार बिहटा में कोईलवर पुल तक
- अब पटना से आरा-बक्सर (NH-922), आरा-मोहनिया (NH-319) एवं पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे तक सीधा जुड़ाव संभव
- गंगा नदी पर 5 पुलों से संपर्क, जिनमें से 3 पुलों का निर्माण शीघ्र पूर्ण होने वाला है
ये भी पढ़ें- Muzaffarpur News: चंदवारा पुल के चालू होने की 12वीं डेडलाइन भी फेल, अभी लगेंगे और 4 महीने
ये भी पढ़ें- Bihar News: इस जिले में बनेगा 5.5 KM लंबा नया बाइपास, 2 जगह रेलवे ओवरब्रिज बनाने का भी प्लान
NEET Paper Leak: मुख्य आरोपी सिकंदर यादवेन्दु को बड़ी राहत, पटना हाई कोर्ट ने शर्त के साथ दी जमनात
विधि संवाददाता, पटना। नीट पेपर लीक मामले में कथित रूप से मुख्य आरोपी बनाए गए सिकंदर यादवेन्दु को पटना हाई कोर्ट से बड़ी राहत मिली है।
न्यायाधीश चंद्र प्रकाश की एकलपीठ ने सिकंदर की याचिका पर सुनवाई करते हुए उसे नियमित जमानत प्रदान कर दी है।
मामले में शास्त्रीनगर थाना कांड संख्या 358/2024 के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई थी, जिसकी जांच बाद में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई ) को सौंप दी गई थी।
सीबीआई ने 23 जून 2024 को इस मामले को अपने रिकॉर्ड में लिया। याचिकाकर्ता के अधिवक्ता अपूर्व हर्ष ने न्यायालय में दलील दी कि यादवेन्दु का इस कथित षड्यंत्र से कोई सीधा संबंध नहीं है।
उन्होंने सिर्फ अपने कुछ परिजनों को परीक्षा से पहले होटल में ठहराने में मदद की थी। जांच में उनके खिलाफ पेपर लीक या सॉल्वर गिरोह से प्रत्यक्ष संबंध का कोई प्रमाण नहीं मिला है।
अदालत ने दिया यह निर्देशमीडिया में मामले को लेकर हुए व्यापक और सनसनीखेज कवरेज ने यादवेन्दु को षड्यंत्र का मास्टरमाइंड करार दिया, जिससे उनकी सामाजिक छवि को भारी क्षति पहुंची।
अदालत ने उन्हें निर्देश दिया है कि वे जांच एजेंसियों के साथ पूरी तरह सहयोग करें और आगामी कार्यवाही में उपस्थित रहें।
यह भी पढ़ें-
सीबीआई ने नीट पेपर लीक केस में फाइल की 5500 पन्नों की तीसरी चार्जशीट, 21 आरोपियों के नाम शामिल
Patna News: पटना में सरकारी स्कूलों के बच्चों को मिली छूट, DEO ने लिया फैसला
जागरण संवाददाता, पटना। Patna News: गर्मी को देखते हुए सरकारी स्कूल मार्निंग शिफ्ट में चल रहा है। सुबह साढ़े छह बजे से संचालित किए जाने की वजह से जिले के विभिन्न स्कूलों में बच्चों की उपस्थिति 60 प्रतिशत से कम हो गई है।
स्कूल की टाइमिंग में बदलाव किए जाने की वजह से उच्च विद्यालयों में बच्चों की संख्या में करीब 40 प्रतिशत की कमी आई है। बच्चों की उपस्थिति सुबह कम होने पर जिला शिक्षा पदाधिकारी संजय कुमार ने स्कूल में प्रवेश करने में आधे घंटे की छूट दी है।
उन्होंने कहा कि सुबह चेतना सत्र के बाद सात बजे तक स्कूल आने वाले विद्यार्थियों की उपस्थिति दर्ज की जाएगी। इसके साथ ही उन्होंने अभिभावकों से भी बच्चों को समय पर स्कूल भेजने के लिए आग्रह किया है
चिह्नित किए गए स्कूलों में दो शिफ्ट में चलेंगी कक्षाएंजिले में दो शिफ्टों में चलने वाले स्कूलों के समय में कोई बदलाव नहीं होगा। जिला शिक्षा कार्यालय को शिकायत मिली है कि जिले के चिह्नित किए एक सौ स्कूलों में कुछ प्रधानाध्यापक अपनी मर्जी से एक शिफ्ट केवल मार्निंग में ही कक्षा संचालित कर रहे हैं।
जिला शिक्षा पदाधिकारी संजय कुमार ने कहा कि जो स्कूल दो शिफ्टों में संचालित हो रहे हैं वे पूर्व की तरह चलते रहेंगे। पहली शिफ्ट की छुट्टी के समय बच्चों को गर्मी झेलनी पड़ती है, जबकि दूसरे शिफ्ट के बच्चे स्कूल आते समय थोड़ी परेशानी होगी।
ये भी पढ़ें
Patna News: पटना ट्रैफिक पुलिस की मनमानी पर हाईकोर्ट सख्त, अधिकारियों को किया तलब
जागरण संवाददाता, पटना। Patna News: पटना हाई कोर्ट ने ट्रैफिक पुलिस की कथित मनमानी और अवैध वसूली के मामलों में आदेश की अवहेलना पर कड़ा रुख अपनाया है। न्यायाधीश ए. अभिषेक रेड्डी की एकलपीठ ने सुनवाई के दौरान ट्रैफिक एसपी और जिला परिवहन पदाधिकारी को अगली सुनवाई में व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होने का आदेश दिया है।
हाईकोर्ट ने शशिभूषण कुमार द्वारा दायर रिट याचिका पर सुनवाई के दौरान उक्त आदेश दिया। याचिकाकर्ता ने आरोप लगाया है कि ट्रैफिक पुलिस की मनमानी के चलते उनकी गाड़ी का प्रदूषण प्रमाणपत्र जारी नहीं किया जा रहा है। उन्होंने यह भी बताया कि पुलिस द्वारा उनके साथ अभद्रता करते हुए झूठे आरोप में ₹2500 रुपये का चालान काटा गया।
पिछली सुनवाई में कोर्ट ने संबंधित अधिकारियों को प्रदूषण प्रमाण-पत्र जारी करने और जवाबी हलफनामा दायर करने का निर्देश दिया था। हालांकि, न तो हलफनामा दाखिल किया गया, न ही प्रमाण-पत्र प्रदान किया गया। सुनवाई के दौरान अन्य अधिवक्ताओं ने भी ट्रैफिक पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठाए और मनमानी व अवैध वसूली की शिकायत की। इस मामले की अगली सुनवाई 17 अप्रैल, 2025 को निर्धारित की गई है।
ये भी पढ़ें
बिहार में ग्राम कचहरी को बड़ा झटका, इन 3 मामलों के निपटारे पर हाईकोर्ट ने लगाई रोक; बताया-अधिकार क्षेत्र से बाहर
जागरण संवाददाता, पटना। Bihar News: पटना हाई कोर्ट ने ग्राम कचहरी, रामपट्टी (मधुबनी) द्वारा 8 मार्च 2022 और 16 मार्च 2024 को पारित दोनों आदेशों को अवैध व बिना अधिकार क्षेत्र के करार देते हुए रद कर दिया।
न्यायाधीश राजेश कुमार वर्मा की एकलपीठ ने याचिकाकर्ता निरंजन मिश्रा की याचिका पर फैसला सुनाते हुए कहा कि ग्राम कचहरी ने “अधिकार, शीर्षक व स्वामित्व” से जुड़े प्रश्नों का निपटारा करने का प्रयास किया, जो बिहार पंचायत राज अधिनियम, 2006 की धारा 111 के तहत स्पष्ट रूप से निषिद्ध है।
वरीय अधिवक्ता बिनोदानंद मिश्रा ने कोर्ट को बताया कि ग्राम कचहरी ने याचिकाकर्ता की जमीन पर प्रतिवादी श्रीमंत मिश्रा को अवैध कब्जा बनाए रखने और 8,500 रुपये मुआवजा वसूलने का आदेश दिया था।
20 सितंबर 2021 को श्रीमंत मिश्रा ने ग्राम कचहरी में आवेदन कर आरोप लगाया कि निरंजन मिश्रा ने 1971 के पारिवारिक बंटवारे के बावजूद उनकी 1.5 धुर जमीन पर मकान बना लिया और 2.25 धुर भूमि का मौखिक लेन‑देन किया।
कचहरी ने बिना याचिकाकर्ता की दलील सुने पारित किया आदेशकचहरी ने बिना याचिकाकर्ता की दलील सुने आदेश पारित कर दिया। अदालत ने तर्क स्वीकार किया कि धारा 110 के अंतर्गत ग्राम कचहरी की सिविल अदालत के समकक्ष केवल सीमित प्रकार के वित्तीय एवं छोटे दावे (₹10,000 तक) और विभाजन के साधारण मामले ही सुन सकती है; “स्वामित्व व शीर्षक” से जुड़े मामले इसके अधिकार क्षेत्र से बाहर हैं।
न्यायालय ने अपने आदेश में कहा कि “जब कानून ने किसी प्राधिकरण को अधिकार नहीं दिया, तब वह निर्णय कैसे ले सकता है?” कोर्ट ने ग्राम कचहरी के आदेश को “अवैध एवं असंवैधानिक” ठहराते हुए रद कर दिया।
ये भी पढ़ें
Bihar Jobs: बिहार में भारी संख्या में सरकारी नौकरियों का एलान, 27370 पदों पर होंगी नियुक्तियां
Bihar Weather Today: बिहार के 4 जिलों के लिए चेतावनी, तेज आंधी- बारिश और ओले का होगा ट्रिपल अटैक
जागरण संवाददाता, पटना। Bihar Weather: दक्षिण पश्चिम और उससे सटे दक्षिण पूर्व बंगाल की खाड़ी के ऊपर एक निम्न दबाव का क्षेत्र उत्तर पश्चिम की ओर बढ़ गया है। उत्तर पूर्व झारखंड और इसके आसपास इलाकों के ऊपर हवा का चक्रवाती परिसंचरण व पूर्वी बिहार से उत्तरी तेलंगाना तक द्रोणिका के रूप में स्थित है।
इन सभी मौसमी प्रभावों के कारण प्रदेश के मौसम में बदलाव आया है। अगले 24 घंटों के दौरान पटना व आसपास इलाकों में आंशिक रूप से बादल छाए रहने के साथ गरज-तड़क की संभावना है।
4 जिलों में मूसलाधार बारिश और ओले गिरने का अलर्टप्रदेश के चार जिलों के किशनगंज, अररिया, पूर्णिया एवं सुपौल जिले के एक या दो स्थानों पर गरज-तड़क के साथ ओला गिरने व झोंके के साथ हवा चलने को लेकर यलो अलर्ट जारी किया गया है। प्रदेश के उत्तर-मध्य, उत्तर-पूर्व और दक्षिण-पूर्व भागों के एक या दो स्थानों पर तेज हवा के साथ बिजली चमकने की संभावना है।
अगले चार दिनों तक मौसम का यही हाल रहने के आसार है। मंगलवार को पटना सहित आसपास इलाकों में आंशिक रूप से बादल छाए रहने के साथ नमी में वृद्धि होने के कारण लोग उमस से परेशान रहे।
इन जगहों पर तापमान में बढ़ोतरी देखी गईमंगलवार को पटना सहित डेहरी, वाल्मीकि नगर, मोतिहारी को छोड़ कर शेष जिलों के अधिकतम तापमान में वृद्धि दर्ज की गई। पटना का अधिकतम तापमान 36.0 डिग्री जबकि 39.8 डिग्री के साथ औरंगाबाद में प्रदेश का सर्वाधिक अधिकतम तापमान दर्ज किया गया।
पटना
पूर्वानुमान अधिकतम न्यूनतम 9 अप्रैल 36 डिग्री सेल्सियस 26 डिग्री सेल्सियस 10 अप्रैल 37 डिग्री सेल्सियस 24 डिग्री सेल्सियसमुजफ्फरपुर
पूर्वानुमान अधिकतम न्यूनतम 9 अप्रैल 35 डिग्री सेल्सियस 24 डिग्री सेल्सियस 10 अप्रैल 35 डिग्री सेल्सियस 22 डिग्री सेल्सियसभागलपुर
पूर्वानुमान अधिकतम न्यूनतम 9 अप्रैल 36 डिग्री सेल्सियस 24 डिग्री सेल्सियस 10 अप्रैल 35 डिग्री सेल्सियस 25 डिग्री सेल्सियसये भी पढ़ें
Bihar Rain: बिहार में आसमानी आफत ने मचाया कोहराम; 2 जिलों में बिजली गिरने से 7 लोगों की मौत
Bihar Bhumi: भूमि सर्वे के बीच जमीन मालिकों को लेकर एक और बड़ा फैसला, नीतीश कैबिनेट ने लगा दी मुहर
राज्य ब्यूरो, पटना। भूमि विवादों से जुड़े मामलों की सुनवाई अब वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिये होगी। यह काम सहजता से हो इसके लिए सभी 927 राजस्व न्यायालयों का आधुनिकीकरण होगा। साथ ही यहां वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग की सेवा के लिए कंप्यूटर समेत अन्य आधुनिक उपकरण लगाए जाएंगे।
मंगलवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में इस परियोजना के लिए 38.12 करोड़ रुपये स्वीकृत किए गए। बैठक में कुल 27 प्रस्तावों पर मुहर लगाई गई।
मंत्रिमंडल की बैठक के बाद कैबिनेट के अपर मुख्य सचिव डॉ. एस सिद्धार्थ ने बताया कि इस पूरी कवायद का मकसद अदालती कार्यवाही की दक्षता और पहुंच बढ़ाना है। जिससे शिकायतकर्ता और विभाग दोनों को लाभ मिले। बढ़ी हुई पहुंच के कारण शिकायतकर्ता और गवाह दूर से सुनवाई में भाग ले सकेंगे। जिससे यात्रा व्यय और समय दोनों की बचत होगी। इसके साथ ही सुनवाई की डिजिटल रिकार्डिंग आसानी से प्राप्त की जा सकेगी।
बक्सर जलापूर्ति योजना के लिए 156.32 करोड़ स्वीकृतमंत्रिमंडल ने विभिन्न जिलों में स्थापित अनुदानित 626 माध्यमिक विद्यालयों को प्रविधानित संबद्धता मानकों को पूरा करने के लिए एक वर्ष का अवधि विस्तार दिया है। यह विस्तार 31 मार्च 2026 तक के लिए होगा। अमृत 2.0 के तहत बक्सर जलापूर्ति योजना के लिए 156.32 करोड़ रुपये स्वीकृत किए गए हैं।
अमृत 2.0 के तहत मोतिहारी सिवरेज नेटवर्क परियोजना के लिए कुल 399.87 करोड़ रुपये स्वीकृत किए गए हैं। नवादा के पकरीबरावां में बिजली ग्रिड उप केंद्र के निर्माण के लिए 6.27 एकड़ भूमि 5.64 करोड़ लाख के भुगतान पर बिहार स्टेट पावर ट्रांसमिशन कंपनी को हस्तांतरित करने का प्रस्ताव भी स्वीकृत किया गया है।
गुरुगोविंद सिहं सदर अस्पताल, पटना के परिसर के दक्षिणी पूर्वी हिस्से की 11.9 डिसिमील जमीन का उपयोग आम रास्ते के रूप में करने का प्रस्ताव भी मंत्रिमंडल ने स्वीकृत किया है। बिहार स्टेट माइनिंग कॉरपोरेशन लिमिटेड को लघु, मध्यम एवं अन्य उद्योगों को उचित मूल्य पर कोयला की आपूर्ति के लिए पांच वर्ष के लिए राज्य एजेंसी नामित करने की स्वीकृति।
बिहार आकस्मिकता निधि जो 350 करोड़ है उसे वित्तीय वर्ष 2025-26 में 30 मार्च 2026 तक के लिए अस्थायी रूप से बढ़ाकर 10 हजार करोड़ करने का प्रस्ताव मंत्रिमंडल द्वारा स्वीकृत किया गया। मंत्रिमंडल ने शिक्षा विभाग के तहत परामर्शी के दो पदों का सृजन करते हुए दोनों पदों पर बैद्यनाथ यादव व पंकज कुमार को संविदा के आधार पर परामर्शी नियुक्त का प्रस्ताव स्वीकृत।
वित्त विभाग द्वारा गठित सप्तम वित्त आयोग के गठन की घटनोत्तर स्वीकृति। आयोग के अध्यक्ष अशोक कुमार चौधरी को बनाया गया है जबकि अनिल कुमार व कुमुदनी सिन्हा को सदस्य बनाया गया है. आयोग के अध्यक्ष को मंत्री का दर्जा और सदस्य को राज्य मंत्री का दर्जा देने की कैबिनेट ने स्वीकृति दी है।
बिहार कैबिनेट के अन्य निर्णय-- तबरेज अख्तर प्राध्यापक राजकीय तिब्बी कालेज को अनिवार्य सेवा निवृत्ति देने का निर्णय।
- अनुमंडल अस्पताल बखरी बेगूसराय के डाक्टर रमण राज रमण को लगातार अनुपस्थित रहने के बाद सेवा से बर्खास्त करने का प्रस्ताव मंजूर।
- बिहार दंत शिक्षा सेवा टयूटर सहित संवर्ग नियमावली 2025 स्वीकृत।
- बिहार औषधि नियंत्रण प्रयोगशाला तकनीकी कर्मी संवर्ग संशोधन नियमावली 2925 के गठन की स्वीकृति।
- मजफ्फरपुर जिला के कुढ़नी में 5.07 एकड़ जमीन पर 100 बेड के कर्मचारी राज्य बीमा निगम अस्पताल के निर्माण की स्वीकृति।
- 2024-25 में राज्य के नगर निकायों के बकाए बिजली बिल के भुगतान के लिए कुल 301 करोड़ की राशि सहायक अनुदान के रूप में खर्च करने की घटनोत्तर स्वीकृति।
- बिहार औद्योगिक निवेश प्रोत्साहन नीति 2026 को नई नीति 2025 अधिसूचित होने तक के लिए विस्तार का प्रस्ताव स्वीकृत।
ये भी पढ़ें- Bihar Cabinet: बिहार में मंत्रियों की बल्ले-बल्ले, सैलरी-भत्ते बढ़े; सरकारी कर्मचारियों के लिए भी बड़ा फैसला
ये भी पढ़ें- Bihar Jobs: बिहार में भारी संख्या में सरकारी नौकरियों का एलान, 27370 पदों पर होंगी नियुक्तियां
Bihar Gramin Bank: एक-दूसरे मेंं समा जाएंगे दोनोंं ग्रामीण बैंक, तय हुआ नया नाम; 1 मई से बदल जाएगा सबकुछ
राज्य ब्यूरो, पटना। बिहार के दोनों ग्रामीण बैंकों (उत्तर बिहार ग्रामीण बैंक और दक्षिण बिहार ग्रामीण बैंक) के विलय की अधिसूचना जारी हो गई है।
पहली मई से ये दोनों बैंक मिलकर एक हो जाएंगे और नाम बिहार ग्रामीण बैंक होगा। पूरे राज्य मेंं इसकी 2105 शाखाएं होंगी और यह बिहार का सबसे बड़ा बैंक बन जाएगा। पंजाब नेशनल बैंक इसका प्रायोजक बैंक होगा और प्रधान कार्यालय पटना में रहेगा।
वित्त मंत्रालय ने बिहार सहित 10 राज्यों और एक केंद्रशासित प्रदेश में ग्रामीण बैंकों के लिए "एक राज्य-एक ग्रामीण बैंक" से संबंधित राजपत्र जारी किया है।
अधिसूचना में उन सभी 15 क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों के बारे में विस्तृत जानकारी दी गई है, जिनका विलय किया जाना है। सभी बैंकों का विलय एक मई से प्रभावी होगा।
अधिसूचना के अनुसार, नवगठित सभी ग्रामीण बैंकों के पास 2,000 करोड़ रुपये की अधिकृत पूंजी होगी। नाबार्ड, राज्य सरकारों, जम्मू-कश्मीर की सरकार और प्रायोजक बैंकों के परामर्श से पूरे देश में "एक राज्य-एक ग्रामीण बैंक" के संकल्प को अंतिम रूप दिया गया है।
2105 शाखाओं से होगी बिहार ग्रामीण बैंक की शुरुआतक्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों के प्रदर्शन और दक्षता में सुधार के उद्देश्य से विलय की प्रक्रिया शुरू हुई थी। यह बहु-प्रतीक्षित योजना थी, जो कुल चार चरणों में संपन्न हुई है। विलय का यह चौथा चरण है।
इससे पहले तीन बार क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों का विलय हो चुका है। बैंकिंग के जानकार डीएन त्रिवेदी ने बताया कि 2005 तक देश भर में 196 तथा बिहार में 22 ग्रामीण बैंक कार्यरत थे।
पिछले तीन विलय के बाद पूरे देश मेंं ग्रामीण बैंकों की संख्या घटकर 43 रह गई थी। उनमें से दो बिहार के हैं। चौथे विलय के बाद अब बिहार में एक तथा देश भर में 28 ग्रामीण बैंक रह जाएंगे।
अभी 18 जिलों में कार्यरत उत्तर बिहार ग्रामीण बैंक की 1027 शाखाएं हैं। दक्षिण बिहार ग्रामीण बैंक का विस्तार 20 जिलों में है और उसकी कुल 1078 शाखाएं हैं।
संयुक्त रूप से शाखाओंं की संख्या बिहार ग्रामीण बैंक के अधीन 2105 होगी। अभी तक उत्तर बिहार ग्रामीण बैंक का प्रायोजक सेंट्रल बैंक था और दक्षिण बिहार ग्रामीण बैंक का पंजाब नेशनल बैंक।
अधिसूचना के अनुसार, बिहार, उत्तर प्रदेश, बंगाल, ओडिशा, आंध्र प्रदेश, गुजरात, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, राजस्थान और जम्मू-कश्मीर के क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों का एक इकाई में विलय होना है।
बिहार सहित आठ राज्यों के दो-दो ग्रामीण बैंकों को एक में मिलाया जाएगा। शेष राज्य गुजरात, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, ओडिशा, राजस्थान और जम्मू-कश्मीर हैं। उत्तर प्रदेश, बंगाल और आंध्र प्रदेश के तीन-तीन ग्रामीण बैंकों का एकल इकाई में विलय होगा।
"ग्रामीण बैंक और उनके प्रायोजक व्यावसायिक बैंक के खर्च समान हैं। हालांकि, ग्रामीण बैंक का व्यापार प्रायोजक बैंक के एक तिहाई से भी कम है, जिससे वायबलिटी संदिग्ध है।
ग्रामीण बैंक का उनके प्रायोजक बैंक में विलय ही मजबूत ग्रामीण अर्थव्यवस्था का एकमात्र निदान है।" - डीएन त्रिवेदी, राष्ट्रीय संयोजक, यूनाइटेड फोरम आफ ग्रामीण बैंक यूनियन्स
उत्तर प्रदेशबैंक आफ बड़ौदा, बैंक आफ इंडिया और पंजाब नेशनल बैंक द्वारा प्रायोजित क्रमश: बड़ौदा यूपी बैंक, आर्यावर्त बैंक और प्रथमा यूपी ग्रामीण बैंक को विलय कर उत्तर प्रदेश ग्रामीण बैंक बनाया जाएगा। प्रधान कार्यालय लखनऊ में होगा। बैंक आफ बड़ौदा इसका प्रायोजक बैंक होगा।
बंगालपंजाब नेशनल बैंक, यूको बैंक और सेंट्रल बैंक आफ इंडिया द्वारा प्रायोजित क्रमश: बंगीय ग्रामीण विकास बैंक, पश्चिम बंग ग्रामीण बैंक और उत्तर बंग क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक को बांग्ला ग्रामीण बैंक मेंं समाहित कर दिया जाएगा।पंजाब नेशनल बैंक इसका प्रायोजक होगा और मुख्यालय कोलकाता में होगा।
यह भी पढ़ें-
Bank Strike: 24 और 25 मार्च को खुले रहेंगे बैंक, कर्मचारियों ने हड़ताल को लेकर किया ये फैसला
आधी रात बाद हाफ पैंट में पुलिस स्टेशन पहुंचे लालू के बेटे तेज प्रताप, SHO से कहा- सहयोग कीजिए
जागरण संवाददाता, पटना। राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव (Lalu Yadav) के बड़े बेटे सह पूर्व मंत्री तेज प्रताप यादव (Tej Pratap Yadav) सोमवार को आधी रात बाद लौ-लश्कर के साथ हाफ पैंट में ही कदमकुआं थाना पहुंच गए। समर्थकों के साथ नालंदा की जनप्रतिनिधि का पीड़ित परिवार भी था, जो मुखिया पति की तलाश में आए थे।
ओडी अफसर की सूचना पर थानेदार अजय कुमार थाने पहुंचे। तेज प्रताप ने उनसे कहा- सहयोग कर दीजिए। इसके बाद पुलिस संभावित ठिकाने पर दबिश देने के लिए निकल गई और तेज प्रताप भी काफिले के साथ रवाना हो गए।
क्या है पूरा मामला?दरअसल, तेज प्रताप यादव समर्थकों के साथ रात में घूम रहे थे। दिनकर गोलंबर के पास उन्होंने कुछ लोगों को खड़ा देखा, जो व्याकुल होकर इधर-उधर नजर घुमा रहे थे। तेज प्रताप ने उनमें से एक व्यक्ति को पहचान लिया और पूरा मामला जाना।
पता चला कि नालंदा जिले के चिकसौरा से आए हैं। वहां की मुखिया बेबी देवी के पति बिंदु यादव चार अप्रैल से संदिग्ध परिस्थितियों में लापता हैं। चिकसौरा थाने में अपहरण की प्राथमिकी कराई गई है। जिन पर बिंदु यादव के अपहरण का संदेह है, वे इसी इलाके में घूमते दिखाई दिए थे।
पीड़िता परिवार ने तेज प्रताप से किया आग्रहपीड़ित परिवार ने तेज प्रताप से कहा कि यदि स्थानीय पुलिस का सहयोग मिल जाता तो लापता को खोजने में आसानी होती। इस पर तेज प्रताप ने पीड़ित परिवार को साथ चलने के लिए कहा और स्वयं भी थाना पहुंच गए।
ओडी अफसर से उन्होंने थानेदार के बारे में पूछा। वे इलाके में गश्त लगा रहे थे। सूचना मिलने के बाद थानेदार भी आए और पूर्व मंत्री से मुलाकात की।
थानेदार ने बताया कि लापता के स्वजन ने जो जगह बताई थी, पुलिस वहां पहुंची, लेकिन कोई सुराग हाथ नहीं लगा।
ये भी पढ़ें- Tej Pratap Yadav: मुश्किल में फंसे तेजप्रताप यादव! स्कूटी का कटा चालान, ठुमका लगाने वाले पुलिसकर्मी पर भी हुआ एक्शन
ये भी पढ़ें- 'ओ सिपाही ठुमका लगाओ नहीं तो सस्पेंड कर दिए जाओगे', होली पर तेजप्रताप यादव ने पुलिसकर्मी को वर्दी में कराया डांस
Bihar News: अचानक 51 उप मुख्य पार्षदों ने दिया इस्तीफा, नीतीश सरकार को इस बात पर दे दी साफ चेतावनी
राज्य ब्यूरो, पटना। राज्य के 261 नगर निकायों में से 51 उप मुख्य पार्षदों ने मंगलवार को नगर विकास एवं आवास मंत्री जिवेश कुमार से मुलाकात के बाद सामूहिक रूप से अपने पद से इस्तीफा दे दिया।
इन जनप्रतिनिधियों का कहना है कि राज्य सरकार ने उप मुख्य पार्षदों को कोई अधिकार नहीं दिया है। इसके कारण वह खुद को जनता के प्रति जवाबदेह नहीं मान पा रहे हैं।
संघ के अध्यक्ष पिंटू रजक, कार्यकारी अध्यक्ष अजय प्रमोद यादव और प्रधान महासचिव राजीव प्रसाद सिंह सहित अन्य सदस्यों ने कहा कि ढाई वर्ष पहले सरकार ने नगर निकायों का सीधा चुनाव कराया था।
इसमें जनता ने मुख्य पार्षद और उप मुख्य पार्षद को प्रत्यक्ष रूप से चुना। चुनाव के बाद मुख्य पार्षदों को तो अधिकार दे दिए गए, पर उप मुख्य पार्षदों को अब तक कोई अधिकार नहीं सौंपे गए हैं।
मुख्य पार्षदों ने दे दी साफ चेतावनीउपमुख पार्षद संघ ने साफ चेतावनी दी है कि यदि जल्द ही ठोस कार्रवाई नहीं हुई, तो बाकी उप मुख्य पार्षद भी इस्तीफा देंगे और आगामी विधानसभा चुनाव में पूरे बिहार में एनडीए समर्थित प्रत्याशियों का विरोध किया जाएगा।
इस मौके पर मनेर के शंकर यादव, मोकामा के कन्हैया सिंह, देव औरंगाबाद के गोलू गुप्ता, पुपरी के जयप्रकाश, अरवल की जमीला खातून,अस्थावा के अजीत कुमार पासवान, चंडी के प्रवीण कुमार सुमन, परवलपुर के अक्षय कुमार, बिहटा के रिंकू कुमार आदि शामिल थे।
यह भी पढ़ें-
बिहार में फ्लैट खरीदारों को लगा बड़ा झटका, अपार्टमेंट की जमीन के दाखिल-खारिज पर रोक
Bihar Politics: 'मुसहर जाति से आने वाले को अध्यक्ष बनाएंगे तेजस्वी', मांझी ने लालू के लाल पर कसा तंज
राज्य ब्यूरो, पटना। हम के संरक्षक एवं केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी ने राजद की ओर से आयोजित मुसहर-भुईयां सम्मेलन पर तंज कसते हुए कहा कि इसके जरिए तेजस्वी यादव दलिताें को फांसने के लिए चारा डाल रहे हैं।
मांझी ने एक्स पर चुटकी लेते हुए लिखा- सुना है मुसहर सम्मेलन के बाद तेजस्वी यादव राजद का राष्ट्रीय अध्यक्ष किसी मुसहर जाति से आने वाले नेता को बना देंगे। साथ ही वह यह घोषणा करेंगे कि जिन राजद कार्यकर्ताओं या गुंडों ने मुसहर भुईयां के पर्चे वाली जमीन पर कब्जा किया है, वह उस जमीन को छोड़ देंगे।
उन्होंने आगे लिखा- आज राजद नेता यह भी प्रण लेंगे कि भविष्य में उनका कोई भी कार्यकर्ता दलित अल्पसंख्यकों पर अत्याचार नहीं करेगा।
मांझी ने कहा कि तेजस्वी यादव चाहते हैं कि किसी भी तरह मुसहर और भुईयां जाति के लोग उनके झांसे में आ जाएं और वे उनका वोट चुनाव में हासिल कर लें, लेकिन तेजस्वी शायद भूल गए हैं कि बिहार में अब जंगलराज का पुराना दौर नहीं है, जब दलितों को डरा धमका कर उनका वोट छीन लिया जाता था।
'मुसहर और भुईयां समाज ने चखा विकास का स्वाद'उन्होंने कहा, आज बिहार के मुसहर और भुईयां समाज ने विकास का स्वाद चख लिया है। नीतीश कुमार के नेतृत्व में बिहार के अंदर एनडीए की सरकार ने दलितों के लिए जो काम किया है वो भुलाया नहीं जा सकता।
आपराधिक घटनाओं की सूची जारी कर तेजस्वी ने विधि-व्यवस्था को बताया ध्वस्तदूसरी ओर, इधर के दिनों में हुई आपराधिक घटनाओं की सूची जारी करते हुए मंगलवार को तेजस्वी यादव ने आरोप लगाया है कि बिहार में विधि-व्यवस्था ध्वस्त हो चुकी है। इसके लिए उन्होंने राज्य सरकार को जिम्मेदार ठहराया है।
सीतामढ़ी में युवक की हत्या से उन्होंने अपनी सूची की शुरुआत की है और पटना के रानीपुर तालाब में पुलिस टीम पर हमला से समापन। इस सूची में 117 घटनाओं का उल्लेख है।
ज्ञातव्य है कि तेजस्वी प्राय: प्रत्येक माह ऐसी सूची जारी कर रहे हैं। प्रदेश प्रवक्ता अरुण यादव ने आरोप लगाया कि बिहार में विधि-व्यवस्था बेपटरी है और अपराध बढ़ रहा है। हत्या, दुष्कर्म, लूटपाट, चोरी आदि की घटनाओं से आम आदमी त्रस्त है। उन्होंने राज्यपाल से इस संदर्भ मेंं हस्तक्षेप का आग्रह किया है।
मूल्य-वृद्धि वापस हो:राजद के प्रदेश महासचिव भाई अरुण का कहना है कि जनता महंगाई से पहले से ही त्रस्त थी, रसोई-गैस के मूल्य में हुई वृद्धि ने घर-गृहस्थी का खर्च और बढ़ा दिया है। बयान जारी कर उन्होंने केंद्र सरकार के इस निर्णय को जन-विरोधी व गरीब-विरोधी बताया। साथ ही मूल्य-वृद्धि वापस लेने की मांग की।
ये भी पढ़ें- Shivdeep Lande: पूर्व आईपीएस शिवदीप लांडे की सियासी पारी शुरू, बनाई 'हिंद सेना' पार्टी
ये भी पढ़ें- Bihar Politics: 'अगर हम अलग-अलग चुनाव लड़े तो...', राहुल गांधी के बयान से बिहार में आएगा सियासी भूचाल
स्वास्थ्य के लिए चुनौती, हर 140 लोगों में एक हेपेटाइटिस बी की चपेट में; जानिए बचाव के उपाय
जागरण संवाददाता, पटना। लिवर को प्रभावित करने वाला हेपेटाइटिस बी जैसे खतरनाक वायरल संक्रमण का शिकंजा प्रदेश में कसता जा रहा है। स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के अनुसार, अनुमान है कि प्रति 140 लोगों में से एक बच्चा या व्यस्क हेपेटाइटिस बी तो 225 में से एक हेपेटाइटिस की चपेट में है। स्वास्थ्य विभाग ने वर्ष 2024-25 में जिन 9 लाख 72 हजार 521 लोगों की स्क्रीनिंग की गई थी उनमें से 6 हजार 895 पॉजिटिव मिले थे।
इसी दौरान 3 लाख 51 हजार 89 लोगों की हेपेटाइटिस सी की स्क्रीनिंग की गई और 1 हजार 561 संक्रमित मिले। लिवर रोग विशेषज्ञ पद्मश्री अलंकृत डॉ. विजय प्रकाश के अनुसार हेपेटाइटिस बी संक्रमण लंबे समय में तक बिना इलाज के रहने पर सिरोसिस या लिवर कैंसर का कारण बन सकता है। हेपेटाइटिस ए, बी, सी, डी व ई में से हेपेटाइटिस बी को सबसे खतरनाक माना जाता है।
इसका पता चलने पर भी क्रोनिक संक्रमण में जीवनभर एंटीवायरल दवाएं खानी पड़ती है। हेपेटाइटिस बी का संक्रमण सबसे ज्यादा मां से बच्चे को होता है। यही नहीं, हेपेटाइटिस बी खून चढ़ाने, इस्तेमाल सूई के प्रयोग, असुरक्षित यौन संबंध, टैटू बनवाने, नाक-कान छिदवाने, हेपेटाइटिस पीड़ित से उसके पार्टनर या घर में साथ रहने वालों को हो सकता है।
आइजीआइएमएस बना मॉडल उपचार केंद्र, सभी जिलों में उपचार व्यवस्था:सभी प्रकार के हेपेटाइटिस की निशुल्क जांच, निदान एवं उपचार के लिए इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान आइजीआइएमएस में आदर्श उपचार केंद्र स्थापित किया गया है। इसके अलावा आरएमआरआइ में राज्यस्तरीय प्रयोगशाला है।
वहीं, 35 जिलों एवं सभी मेडिकल कॉलेजों में एक-एक उपचार केंद्र एवं एक-एक जांच केंद्र स्थापित किया गया है। दरभंगा के बेनीपुर अनुमंडलीय अस्पताल में भी हेपेटाइटिस की जांच-दवा की मुफ्त सुविधा है।
जन्म के समय हेपेटाइटिस बी का टीका से पूरी सुरक्षा:हेपेटाइटिस ए, सी, डी व ई उपचार से पूरी तरह ठीक हो जाते हैं। ऐसे में सरकार सबसे खतरनाक व जानलेवा हेपेटाइटिस बीच से सुरक्षा देने के लिए मुफ्त टीकाकरण करा रही है। इससे सुरक्षा जन्म के समय हेपेटाइटिस वैक्सीन देकर की जा सकती है।
थकावट, गहरे रंग की यूरिन, पीला मल, पेट में दर्द रहना, भूख खत्म होना, वजन में अप्रत्याशित कमी, त्वचा एवं आंखों में पीलापन इसके लक्षण है। गंभीर स्थिति में खून की उल्टी होती है। हेपेटाइटिस ए व ई दूषित जल व दूषित भोजन से हाेता है। हेपेटाइटिस बी, सी व डी संक्रमित रक्त एवं शरीर में मौजूद संक्रमित द्रवों से फैलते हैं।
हेपेटाइटिस से बचाव के उपाय:हेपेटाइटिस से बचाव के लिए कुछ ज़रूरी सावधानियाँ और उपाय अपनाए जा सकते हैं। हेपेटाइटिस मुख्यतः पाँच प्रकार का होता है: A, B, C, D और E। इनमें से A और E आमतौर पर संक्रमित पानी और भोजन से फैलते हैं, जबकि B, C और D खून और शारीरिक तरल पदार्थों से फैलते हैं।
हेपेटाइटिस से बचाव के उपाय:- हमेशा उबला या फिल्टर शुद्ध पानी पिएं, बाहर का खुला खाना खाने से बचें।
- हेपेटाइटिस ए व बी के लिए सुरक्षित एवं प्रभावी वैक्सीन उपलब्ध हैं। खासकर यदि जोखिम वाले क्षेत्रों में रहते या यात्रा करते हैं।
- संक्रमित सूइयों या ब्लड से बचाव के लिए इंजेक्शन, टैटू या पियर्सिंग के लिए हमेशा नए-साफ-सुथरे उपकरणों का उपयोग करें।
- केवल जांचे-परखे एवं लाइसेंस प्राप्त ब्लड बैंक से ही रक्त चढ़वाएं।
- सुरक्षित यौन संबंध के लिए कंडोम का प्रयोग करें।
- हेपेटाइटिस संक्रमित के संपर्क में हों तो उनके टूथब्रश, रेजर साझा न करें, खून या शरीर के तरल पदार्थ के संपर्क में नहीं आएं।
- गर्भावस्था के दौरान महिलाओं की हेपेटाइटिस बी की जांच एवं संक्रमण की पुष्टि होने पर तत्काल उपचार कराएं, एवं स्वच्छ एवं ताजा भोजन करें।
ये भी पढ़ें- नींद में क्यों लगता है जैसे गिर रहे हों आप? यहां जानें सोते समय झटका लगने की वजह
ये भी पढ़ें- किलोभर नींबू-शहद खत्म करके भी टस से मस नहीं हुआ Belly Fat? तो जानें Weight Loss में कहां रह गई कमी
Bihar E-PACS: सितंबर तक 4000 समितियां बनेंगी ई-पैक्स, डिजिटल लेन-देन को मिलेगा बढ़ावा
राज्य ब्यूरो, पटना। चालू वित्तीय वर्ष में चार हजार समितियों को ई-पैक्स के रूप में विकसित किया जाएगा। इसका उद्देश्य पैक्सों में डिजिटल लेन-देन को बढ़ावा देना है और गांवों में लोगों को डिजिटल सर्विस की सुविधाएं उपलब्ध कराना है।
सहकारिता विभाग ने सितंबर तक चिह्नित समितियों को ई-पैक्स के रूप में विकसित करने का कार्य पूरा करने का निर्देश दिया है। इसके बाद पैक्सों में कोई भी काम मैनुअल नहीं होगा। यहां प्रतिदिन के काम की ऑनलाइन एंट्री होगी। वैसे अब तक 500 समितियों को ई पैक्स के रूप में विकसित किया जा चुका है।
मैनुअल नहीं होगा ई-पैक्सों का कामसहकारिता मंत्री डॉ. प्रेम कुमार ने राज्य के पैक्सों में डिजिटल लेनदेन को बढ़ावा देने का काम तेज करने का निर्देश दिया है। इसके लिए जिन पैक्सों को डिजिटल प्लेटफॉर्म से जोड़ दिया गया है, उन ई-पैक्सों में निकट भविष्य में कोई भी काम मैनुअल नहीं होगा।
सहकारिता मंत्री के मुताबिक, ई-पैक्सों सभी तरह के वित्तीय लेनदेन डिजिटल रूप में हो रहे हैं जिसे और बढ़ावा दिया जा रहा है। इससे पैक्स सदस्यों को बेहतर सेवाएं देने में मदद मिलेंगी। बैंक खातों का उचित मिलान होगा। किसानों और समिति सदस्यों को जिला केंद्रीय सहकारी बैंकों से ऋण सुविधा पाने में आसानी होगी।
समितियों की वित्तीय लेनदेन में किसी प्रकार की लापरवाही बरते जाने और मनमानी करने पर भी रोक लगेगी। इससे सही निगरानी करने में मदद मिलेगी। पैक्सों में जनऔषधि केंद्र, प्रधानमंत्री किसान समृद्धि केंद्र, कामन सर्विस सेंटर, अनाज भंडारण आदि की सुविधा शुरू करने में मदद मिलेगी।
बिहार में निफ्टेम शुरू करने को ले खाद्य प्रसंस्करण मंत्रालय ने आकलन शुरू कियादूसरी ओर, बिहार में नेशनल इंस्टीच्यूट ऑफ फूड टेक्नोलॉजी एंटरप्रेन्योरशिप एंड मैनेजमेंट (निफ्टेम) की स्थापना को ले खाद्य प्रसंस्करण मंत्रालय ने अपना आकलन आरंभ किया है। मंत्रालय के सचिव सहित अन्य अधिकारी बिहार के दौरे पर हैं। उद्योग विभाग के साथ हाजीपुर सहित उत्तर बिहार के कई जगहों पर मंत्रालय ने निफ्टेम की संभावना को देखा है।
इस वर्ष के केंद्रीय बजट में बिहार में निफ्टेम की स्थापना पर सहमति बनी थी। वर्तमान में देश में केवल दो जगहों पर निफ्टेम है। एक हरियाणा के कुंडली में तथा दूसरा तमिलनाडु के तंजावूर में है। बिहार में निफ्टेम की स्थापना के संबंध में कहा गया कि इसके माध्यम से बिहार में खाद्य प्रसंस्करण के क्षेत्र की गतिविधियां बढ़ेगी। देश के पूर्वी क्षेत्र को भी इसका लाभ मिलेगा।
बिहार में फल और सब्जी की उपलब्धता यहां बड़े स्तर पर है पर खाद्य प्रसंस्करण के क्षेत्र में यहां इकाईयों की कमी है। निफ्टेम के माध्यम से बीटेक, एमटेक, की पढ़ाई 2012-13 से हो रही। इस संस्थान में खाद्य उत्पादों की जांच के लिए इनक्यूबेशन सेंटर भी होते हैं।
उद्योग मंत्री नीतीश मिश्रा ने कहा कि निफ्टेम के बिहार में शुरू होने का काफी फायदा मिलेगा। हाल के दिनों में बिहार में खाद्य प्रसंस्करण उद्योग से जुड़ूे नए निवेशकों ने बिहार में अपनी इकाई स्थापित करने को रुचि दिखायी है। मखाना को लेकर भी नया माहौल बना है।
ये भी पढ़ें- Bihar News: नहीं काम आया राजनीतिक रसूख, हाई कोर्ट ने JDU नेता की FIR को कर दिया निरस्त; ये है पूरा मामला
ये भी पढ़ें- Ara Ballia Rail Route: जिसका था इंतजार, आ गई वो घड़ी; आरा-बलिया रेल लाइन को लेकर सरकार ने दी खुशखबरी!
Bihar News: नहीं काम आया राजनीतिक रसूख, हाई कोर्ट ने JDU नेता की FIR को कर दिया निरस्त; ये है पूरा मामला
विधि संवाददाता, पटना। पटना हाई कोर्ट ने एक अहम निर्णय में मसूम खान के विरुद्ध दर्ज आपराधिक मुकदमे को दुर्भावना से प्रेरित करार देते हुए उनके खिलाफ दर्ज प्राथमिकी को निरस्त कर दिया।
न्यायाधीश चंद्रशेखर झा की एकलपीठ ने आदेश पारित करते हुए कहा कि प्रथम दृष्टया आरोपी के विरुद्ध कोई ठोस साक्ष्य नहीं है और निचली अदालत ने यंत्रवत तरीके से डिस्चार्ज याचिका को खारिज किया।
क्या था मामला?पूर्व नगर पार्षद एवं जनता दल यूनाइटेड की जिला अध्यक्ष डॉ. कुमकुम सिन्हा ने 6 मार्च 2021 को मोतिहारी के बनजरिया थाना में प्राथमिकी दर्ज करा कर आरोप लगाया था कि 5 मार्च की शाम 7:45 बजे जब वे अपने क्लिनिक से घर लौट रही थीं, तो दो बिना नंबर प्लेट की बाइक पर सवार चार अज्ञात लोगों ने उनकी गाड़ी को रोककर 50 लाख की रंगदारी की मांग की।
उन्होंने दावा किया कि यह मांग “मसूम भाई” के फरमान पर की गई थी और भुगतान न करने पर उनके क्लिनिक में बम विस्फोट और बच्चों के अपहरण की धमकी दी गई।
याचिकाकर्ता की ओर से वरीय अधिवक्ता अमित श्रीवास्तव ने मसूम खान की ओर से तर्क दिया कि एफआईआर केवल संदेह के आधार पर दर्ज की गई थी।
उन्होंने कहा कि याचिकाकर्ता उस घटना स्थल पर उपस्थित नहीं थे और उनके खिलाफ लगाए गए डिजिटल माध्यम से उत्पीड़न के आरोप 2017 और 2020 की पुरानी घटनाओं पर आधारित हैं, जिनके प्रमाण भी संदेहास्पद हैं और भारतीय साक्ष्य अधिनियम की धारा 65बी के तहत प्रमाणिक नहीं हैं।
क्या बोले दूसरे पक्ष के वकील?वहीं, दूसरी ओर, विपक्षी पक्ष की ओर से अधिवक्ता अंसुल ने कहा कि मजिस्ट्रेट ने सभी पहलुओं पर विचार करते हुए ट्रायल योग्य मामला मानते हुए डिस्चार्ज याचिका खारिज की।
अदालत ने अपने आदेश में कहा कि एफआईआर राजनीतिक प्रतिशोध से प्रेरित प्रतीत होती है और दर्ज घटना में याचिकाकर्ता की भूमिका केवल “शंका” पर आधारित है, जिसका कोई ठोस प्रमाण नहीं है।
मजिस्ट्रेट ने बिना उचित परीक्षण के डिस्चार्ज याचिका खारिज की, जो कि प्रक्रियात्मक न्याय के विरुद्ध है। न्यायालय ने यह भी स्पष्ट किया कि केवल प्राथमिकी और पुलिस रिपोर्ट के आधार पर किसी निर्दोष व्यक्ति को ट्रायल में घसीटना न्यायसंगत नहीं है।
यह भी पढ़ें-
बिहार में मंत्रियों की बल्ले-बल्ले, सैलरी-भत्ते बढ़े; सरकारी कर्मचारियों के लिए भी बड़ा फैसला
Bihar: सीएचओ परीक्षा धांधली में मास्टरमाइंड रविभूषण समेत दो गिरफ्तार, EOU ने पटना में की छापेमारी
राज्य ब्यूरो, पटना। बिहार पुलिस की आर्थिक अपराध इकाई (ईओयू) ने बड़ी कार्रवाई करते हुए स्वास्थ्य विभाग के सामुदायिक स्वास्थ्य पदाधिकारी (सीएचओ) परीक्षा फर्जीवाड़ा मामले के मास्टरमाइंड रविभूषण समेत दो आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया है।
इस मामले में सोमवार की देर रात तक पटना समेत आसपास के जिलों में छापेमारी जारी रही। ईओयू ने छापेमारी की पुष्टि की है, मगर गिरफ्तार किए गए लोगों की पहचान उजागर नहीं की है।
4500 पदों पर होनी थी नियुक्तिईओयू सूत्रों के अनुसार, मंगलवार को छापेमारी पूरी होने के बाद कार्रवाई की आधिकारिक जानकारी दी जाएगी। मालूम हो कि बिहार राज्य स्वास्थ्य समिति ने 4500 पदों पर सामुदायिक स्वास्थ्य पदाधिकारी की नियुक्ति को लेकर एक-दो दिसंबर 2024 को परीक्षा आयोजित की गई थी।
पटना में 12 ऑनलाइन केंद्रों पर हुई परीक्षायह परीक्षा पटना में 12 ऑनलाइन केंद्रों पर ली गई। परीक्षा के दौरान बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार उजागर होने के बाद स्वास्थ्य समिति ने परीक्षा रद कर दी थी।
ईओयू की जांच में पता चला कि सॉल्वर गैंग ने सभी ऑनलाइन परीक्षा केंद्रों के केंद्राधीक्षक, परीक्षा ले रही निजी एजेंसी और तकनीकी लोगों के साथ साठगांठ कर मैनेज कर रखा था। जांच के दौरान इस मामले में नालंदा के रविभूषण गिरोह की भूमिका सामने आयी थी।
इस मामले में नौ अभ्यर्थी सहित 36 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। सीएचओ परीक्षा धांधली से जुड़े आरोपितों की तलाश में ईओयू की अलग-अलग टीमों को लगाया गया है।
1. स्वास्थ्य विभाग की परीक्षा में फर्जीवाड़ा
बिहार पुलिस की आर्थिक अपराध इकाई (ईओयू) ने सामुदायिक स्वास्थ्य पदाधिकारी (सीएचओ) परीक्षा में फर्जीवाड़ा करने वाले मास्टरमाइंड रविभूषण और अन्य आरोपितों को गिरफ्तार किया।
2. ऑनलाइन परीक्षा केंद्रों में भ्रष्टाचार
सॉल्वर गैंग ने ऑनलाइन परीक्षा केंद्रों के केंद्राधीक्षकों, निजी एजेंसियों और तकनीकी कर्मचारियों के साथ मिलकर बड़े पैमाने पर धोखाधड़ी की।
3. आरोपितों की तलाश जारी
अब तक 36 आरोपितों की गिरफ्तारी हो चुकी है, और ईओयू की टीमों द्वारा छापेमारी की कार्रवाई जारी है।
ये भी पढ़ें- Bihar News: बिहार के इंजीनियरिंग कॉलेजों के रिजल्ट में भारी गड़बड़ी से नाराज छात्रों का हंगामा, प्रमोट करने की मांग
ये भी पढ़ें- Bihar Politics: बिहार बीजेपी चीफ दिलीप जायसवाल के बॉडीगार्ड ने किया सुसाइड, खुद को मारी गोली
Patna News: हाथीदह में नहाने गए 5 युवकों में 3 की मौत, मातम में बदला शादी समारोह; शव बरामद
संवाद सहयोगी,बाढ़ (पटना)। Patna News: मोकामा प्रखंड के हाथीदह थाना क्षेत्र अंतर्गत दरियापुर में गंगा स्नान के दौरान तीन युवकों की डूबकर मृत्यु हो गई।जानकारी के अनुसार दरियापुर गंगा घाट पर गंगा नदी में स्नान कर रहे 5 युवक डूब गए।मौके पर मौजूद ग्रामीणों ने तत्काल छलांग लगाकर डूबने से दो युवकों को बचा लिया जबकि तीन युवक गहरे पानी में समा गए।
मौके पर मौजूद ग्रामीणों ने तत्काल तीनों युवकों को पानी से निकाला और अस्पताल ले गए।लेकिन चिकित्सकों ने तीनों को मृत घोषित कर दिया।मृतक की पहचान दरियापुर निवासी मो. मेराज,मो. इब्राहिम व मो. अमीर के रूप में हुई है।सोमवार को मृतक मोहम्मद इब्राहिम के फुफेरे भाई की शादी थी।बेगुसराय बारात जानी थी और तैयारी चल रही थी।
मृतक मोहम्मद इब्राहिम, मोहम्मद आमिर और मोहम्मद मेराज पड़ोसी हैं और बचपन के साथी हैं।सभी बारात जाने की तैयारी कर रहे थे।शादी की बज रही शहनाई अचानक मातम में बदल गयी।ग्रामीणों के अनुसार यह हादसा नदी में बालू की अवैध कटाई के कारण हुआ है।
गांव में हाहाकार मच गयाहादसे के बाद दरियापुर गांव मातम में तब्दील हो गया, गांव में हाहाकार मच गया। इसके पहले भी अवैध कटाई ने पिछले एक सालो में तीन दर्जन से अधिक लोगों की डूबने से मौत मोकामा में हो चुकी है।लोगों ने हरेक हादसे के बाद अधिकारियो से एसडीआरएफ की तैनाती मोकामा में किये जाने की मांग की लेकिन आजतक नहीं हो पाया है।जिससे बेगूसराय रेस्क्यू टीम बुलाया जाता है, जिसे आने में काफ़ी वक्त लगता है, तबतक हादसे के शिकार लोगों की मौत हो जाती है।
हाथिदह थाना अध्यक्ष का आया बयानहाथिदह थाना अध्यक्ष दिनेश ठाकुर ने बताया कि सूचना मिली थी कि तीन बच्चे डूब गए हैं। जिसके बाद पुलिस को तुरंत मौके पर पहुंची और तीनों बच्चों का शव निकालकर पोस्टमार्टम के लिए अनुमंडल अस्पताल भेज दिया है। जहां पोस्टमार्टम की प्रक्रिया के बाद शव को परिजनों को सुपुर्द कर दिया गया है।
स्थानीय लोगों ने बताया कि घटना 12:00 बजे दिन की है।12:00 दिन को सभी स्नान करने के लिए गए थे।जिसमें तीन बच्चे की डूबने से मौत हो गई है। वहीं उन्होंने बताया कि स्थानीय गोताखोर और स्थानीय लोगों की मदद से करीब एक घंटे बाद तीनों का शव बाहर निकल गया है। वहीं परिजनों का रो-रो कर बुरा हाल है शादी समारोह मातम में तब्दील हो गई है।
ये भी पढ़ें
Dhanbad News: राजधानी एक्सप्रेस के अपर बर्थ से आ रही थी गंदी आवाज, जब महिलाओं ने देखा तो उड़े होश