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Bihar Board: बिहार बोर्ड ने 11वीं में एडमिशन के लिए दिया विशेष मौका, आवेदन के लिए 20 मई है लास्ट डेट

Dainik Jagran - May 14, 2025 - 10:00pm

जागरण संवाददाता, पटना। बिहार विद्यालय परीक्षा समिति (Bihar Board 11th Class Admission) ने राज्य के उच्च माध्यमिक विद्यालयों में (शैक्षणिक सत्र 2025-27) कक्षा 11वीं नामांकन के लिए आवेदन का विशेष मौका दिया है।

परीक्षा समिति ने कहा कि सीबीएसई, आइसीएसई एवं अन्य बोर्ड से 10वीं परीक्षा में सफल विद्यार्थी जो 11वीं में नामांकन के लिए इच्छुक हैं, वे ओएफएसएस के माध्यम से 20 मई तक आवेदन फॉर्म भर सकते हैं। आवेदन की प्रक्रिया 24 अप्रैल से जारी है। आवेदन की अंतिम तिथि आठ मई को समाप्त हो गई थी।

सीबीएसई 10वीं रिजल्ट आने के बाद समिति ने 14 से 20 मई तक आवेदन का विशेष मौका दिया है। आवेदन ऑनलाइन समिति के वेबसाइट https://ofssbihar.net पर जाकर भर सकते हैं। बोर्ड ने छात्रों को सामान्य सूत्री पत्र को ध्यान से पढ़ने के लिए कहा है।

इसमें छात्रों को ओएफएसएस के तहत आवेदन करने की प्रक्रिया, चयन की प्रक्रिया, आवेदकों को नामांकन के लिए चुने जाने पर उन्हें सूचना देने की प्रक्रिया, आरक्षण तथा अन्य चीजों के विस्तृत जानकारी मिलेगी। केवल उच्च माध्यमिक स्तर के शिक्षा प्रदान करने वाली मान्यता प्राप्त सभी सरकारी व गैर सरकारी इंटर स्तरीय शिक्षण संस्थानों में नामांकन के लिए ओएफएसएस के माध्यम से ऑनलाइन आवेदन किया जाएगा।

ऑफलाइन आवेदन स्वीकार नहीं किया जाएगा। परीक्षा समिति की ओर से कहा गया कि विद्यार्थी नामांकन प्रपत्र भरने से पहले ओएफएसएस के माध्यम से राज्य के विभिन्न इंटर स्तरीय शिक्षण संस्थानों में पिछले वर्ष (2024) में नामांकन के लिए जारी की गई मेधा सूची का कटऑफ अंक वेबसाइट https://ofssbihar.net पर देख लें, फिर तय करें कि वे नामांकन किस इंटर स्तरीय शिक्षण संस्थान में प्राथमिकता के अनुसार लेना चाहते हैं।

विद्यार्थी ओएफएसएस के माध्यम से ऑनलाइन आवेदन भरते समय न्यूनतम 10 व अधिकतम 20 विकल्प चुन सकते हैं। विकल्प चुनने के पश्चात वही सारे विकल्प अंतिम विकल्प माना जाएगा तथा नामांकन प्रक्रिया के दौरान उन्हें बदला नहीं जाएगा। आवेदन शुल्क 350 रुपये निर्धारित है। आवेदन शुल्क जमा नहीं होने पर आवेदन प्रपत्र अस्वीकृत कर दिया जाएगा।

11 वीं में इस बार 17.50 लाख सीटों पर होगा नामांकन

बिहार विद्यालय परीक्षा समिति ने इंटर में नामांकन को लेकर तैयारी शुरू कर दी है। समिति ने इंटर स्तर की शिक्षा प्रदान करने वाले राज्य के सभी सरकारी, गैर सरकारी उच्च माध्यमिक विद्यालय, इंटर महाविद्यालयों की सूची ओएफएसएस वेबसाइट पर अपलोड कर दिया है।

इस बार 10, 006 शिक्षण संस्थानों की सूची संकायवार सीटों के साथ जारी की गई। जिसमें 17.50 लाख से अधिक सीटों पर 1111 वीं में नामांकन होना है। डिग्री कालेजों में इंटर में नामांकन नहीं होगा।

इसके कारण समिति ने इस बार डिग्री कालेजों को इस सूची से हटा है। सीटों की संख्या से संबंधित सूची ओएफएसएस वेबसाइट www.ofssbihar.net पर अपलोड है।

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पटना की ऊबड़-खाबड़ सड़क बनने की डेट आ गई सामने, पथ निर्माण मंत्री ने दी मोहलत

Dainik Jagran - May 14, 2025 - 9:32pm

राज्य ब्यूरो, पटना। बिहार के पथ निर्माण मंत्री नितिन नवीन की अध्यक्षता में राजधानी पटना में बुधवार को विभिन्न परियोजनाओं के कारण क्षतिग्रस्त हुए सड़कों की ससमय मरम्मत को लेकर समीक्षा बैठक आयोजित की गई। इस बैठक में पथ निर्माण विभाग, नगर विकास एवं आवास विभाग तथा बुडको के अधिकारियों ने हिस्सा लिया।

30 मई तक हर हाल में करें ठीक

बैठक में पथ निर्माण मंत्री नितिन नवीन ने निर्देश दिया कि 30 मई तक हर हाल में पटना की क्षतिग्रस्त सड़कों की मरम्मत का काम पूरा किया जाए। साथ ही, उन्होंने विभिन्न विभागों/एजेंसियों की परियोजनाओं के अंतर्गत राजधानी पटना में क्षतिग्रस्त होने के पश्चात पथ निर्माण विभाग को हस्तांतरित सड़कों की मरम्मत की प्रगति की जानकारी भी ली।

मरम्मत करने में देरी क्षम्य नहीं

उन्होंने बैठक में संबंधित अधिकारियों से कहा कि खोदाई के बाद छोड़ी गई क्षतिग्रस्त सड़कों की मरम्मत में किसी प्रकार की देरी क्षम्य नहीं है। उन्होंने सभी एजेंसियों को निर्देश किया कि निर्माण स्थलों पर सभी खुले मैनहोल को ढकने के साथ ही सभी गड्ढों को भी अविलंब भरना सुनिश्चित करें, जिससे आम नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके। 

क्षतिग्रस्त होने जैसा कोई कार्य न करें

मंत्री नितिन नवीन ने बैठक में नगर विकास एवं आवास विभाग के सभी एजेंसियों को निर्देश दिया कि पाइपलाइन बिछाने के क्रम में क्षतिग्रस्त होने के बाद मरम्मत योग्य सभी सड़कों को 25 मई तक पथ निर्माण विभाग को हस्तांतरित करना सुनिश्चित करें, ताकि पथ निर्माण विभाग द्वारा पांच जून तक इन सड़कों के मरम्मत का काम भी पूर्ण किया जा सके। उन्होंने यह भी निर्देश दिया कि 30 मई के बाद ऐसा कोई भी नया काम प्रारंभ नहीं किया जाए, जिसमें सड़कों की खोदाई या क्षति शामिल हो।

बैठक में कई अधिकारी मंत्री के साथ रहे

बैठक में नगर विकास विभाग के सचिव अभय कुमार सिंह, पथ निर्माण विभाग के सचिव संदीप कुमार आर. पुडकलकट्टी, पथ निर्माण विभाग के सचिव बी. कार्तिकेय धनजी, बुडको के प्रबंध निदेशक अनिमेष कुमार पराशर तथा अन्य वरीय अधिकारी उपस्थित थे।

अब तक 12.78 किमी सड़कों की मरम्मत 

इस दौैरान बैठक में नई राजधानी पथ प्रमंडल, पटना में अब तक 12.78 किलोमीटर सड़क की मरम्मत की जानकारी दी गई। पटना पश्चिम पथ प्रमंडल में 2.70 किलोमीटर में से 1.75 किलोमीटर पर कार्य पूरा हो गया है, जबकि पटना सिटी पथ प्रमंडल में मरम्मत का काम जल्द शुरू किया जाएगा।

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New Tax Regime: 14,65,000 तक की Annual CTC पाने वालों को नहीं देना होगा टैक्स, ऐसे मिलेगा लाभ

Dainik Jagran - May 14, 2025 - 8:54pm

जागरण संवाददाता, पटना। आयकर विभाग ने वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए आयकर रिटर्न फॉर्म जारी कर दिए है। ऐसे में जल्द ही आईटीआर दाखिल करने की प्रक्रिया आरंभ होने का अनुमान है। इसका इंतजार लोगों में है। नौकरीपेशा लोगों के दिमाग में हमेशा टैक्स देनदारी कम करने का तिगड़म चलता रहता है।

आयकर विशेषज्ञ की मानें तो यदि आपकी वार्षिक सीटीसी 14 लाख 65 हजार रुपये है तो देनदारी कम कर सकते हैं। सीए आशीष रोहतगी एवं सीए रश्मि गुप्ता ने बताया कि यदि किसी कर्मचारी की सीटीसी 14.65 लाख रुपये है, इसमें यदि 50 प्रतिशत हिस्सा भी बेसिक सैलरी होता है तो शेष को अन्य चीजों में बांट कर डिवाइड कर सकते हैं।

इसके अनुसार. कर्मचारी भविष्य निधि के अंशदान के लिए बेसिक सैलरी का 12 प्रतिशत राशि जमा किया जाता है, यह राशि टैक्स छूट के तहत होती है। इसमें 87,900 रुपये जमा किया जा सकता है।

एनपीएस में कंपनी योगदान में 14 प्रतिशत योगदान भी टैक्स फ्री माना हाता है। यह आयकर अधिनियम के 80 सीसीडी दो के तहत मान्य होता है। इसके तहत एक लाख दो हजार पांच सौ 50 रुपये बचत की जा सकती है। साथ ही न्यू टैक्स रीजीम में स्टैंडर्ड डिडक्शन का मानक 75 हजार है। इसका भी लाभ उठा सकते हैं।

न्यू टैक्स रिजिम में 12 लाख तक कोई आयकर देनदारी नहीं

केंद्र सरकार की ओर से बजट में किए गए प्राविधान के अनुसार, 12 लाख रुपये की वार्षिक आय करने पर कोई टैक्स देनदारी नहीं बनती है। इससे अधिक आय होने पर अगले स्लैब के दर के अनुसार, आयकर भुगतान देय होता है।

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उच्च शिक्षा के लिए बिहार सरकार का बड़ा फैसला, अब एक समय में छात्रों को होगा दोहरा लाभ

Dainik Jagran - May 14, 2025 - 8:10pm

राज्य ब्यूरो, पटना। राज्य की सभी यूनिवर्सिटी ''बहुविषयक शिक्षा और अनुसंधान विश्वविद्यालय'' (मेरु) बनेंगी। इनमें छात्र-छात्राओं को ड्यूअल डिग्री (दोहरी डिग्री) मिलेगी। यानी, एक छात्र एक ही समय में या अलग-अलग समय पर दो अलग-अलग डिग्री हासिल करेंगे।

नेशनल क्रेडिट फ्रेमवर्क को बनाएगा प्रभावी

शिक्षा विभाग द्वारा जल्द ही नेशनल क्रेडिट फ्रेमवर्क को प्रभावी बनाया जाएगा। इसके लिए सभी छात्र-छात्राओं एवं संस्थाओं का एकेडमिक बैंक आफ क्रेडिट (एबीसी) पोर्टल पर निबंधन होगा तथा सभी पाठ्यक्रम की मैपिंग कर डिग्री क्रेडिट अपलोड की जाएगी।

ज्यादा अनुदान व केंद्रांश का लाभ मिलेगा

सरकार के इस फैसले से केंद्र से विश्वविद्यालयों को ज्यादा से ज्यादा अनुदान व केंद्रांश का लाभ मिलेगा। वर्तमान में प्रदेश में सिर्फ दो विश्वविद्यालय बहुविषयक शिक्षा और अनुसंधान विश्वविद्यालय (मेरु) के दायरे में हैं। इनमें पटना यूनिवर्सिटी और ललित नारायण मिथिला यूनिवर्सिटी शामिल है।

100-100 करोड़ रुपये की राशि स्वीकृत

बहुविषयक शिक्षा और अनुसंधान विश्वविद्यालय'' (मेरु) के रूप में इन दोनों विश्वविद्यालयों के लिए 100-100 करोड़ रुपये की राशि स्वीकृत है। यह राशि अब दोनों विश्वविद्यालयों में खर्च की जानी है। शिक्षा विभाग ने बिहार राज्य उच्चतर शिक्षा परिषद (रुसा) को निर्देश दिया है कि मात्र दो संस्थान ही नहीं, बल्कि सभी यूनिवर्सिटी को बहुविषयक शिक्षा और अनुसंधान विश्वविद्यालय के रूप में विकसित किया जाए।

संपदा के उपयोग को साझा किया जाना 

इसके लिए विश्वविद्यालयों के बीच एवं विश्वविद्यालय के अंदर संस्थाओं के बीच संपदा के उपयोग को साझा किया जाना है। बहुविषयक शिक्षा और अनुसंधान विश्वविद्यालय'' (मेरु) के रूप में विकसित करने हेतु आवश्यक शर्त है कि ड्यूअल डिग्री देने का प्रयास किया जाए।

30 अप्रैल को तैयार हुआ था प्रस्ताव

राज्य में सभी यूनिवर्सिटी को बहुविषयक शिक्षा और अनुसंधान विश्वविद्यालय बनाने को लेकर बीते 30 अप्रैल से एक मई तक उच्चस्तरीय बैठक हुई थी। उसके आधार पर शिक्षा विभाग ने इसका प्रस्ताव रुसा को दिया था। यह प्रस्ताव उच्च शिक्षा के उप निदेशक दीपक कुमार सिंह के हस्ताक्षतर से परिषद के उप सचिव (प्रशासन) को भेजा गया है।

इंटर्नशिप कोर्सेज समयानुकूल हों

इसके मुताबिक इंटर्नशिप कोर्सेज समयानुकूल हों, इसके लिए इंडस्ट्री के साथ बैठ कर उसे विकसित करना होगा एवं क्रेडिट ट्रांसफर की व्यवस्था करनी होगी। यह तभी संभव है, जब राज्य के सभी यूनिवर्सिटी बहुविषयक शिक्षा और अनुसंधान विश्वविद्यालय के दायरे में आ जाएंगे। मल्टीपल इंट्री एवं मल्टीपल एक्जिट की व्यवस्था करनी होगी। यह तभी संभव है, जब सभी विश्वविद्यालय पूरी तरह से नेशनल क्रेडिट फ्रेमवर्क के अंदर एकेडमिक बैंक आफ क्रेडिट (एबीसी) कम्पलायंट हो जाएंगे।

कालेज-यूनिवर्सिटी में होंगे डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर

उच्च शिक्षा निदेशालय के प्रस्ताव के मुताबिक राज्य के सभी विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों में डिजिटल इन्फ्रास्ट्रक्चर की सुविधा विकसित करने हेतु कार्य योजना तैयार की जा रही है। नेशनल क्रेडिट फ्रेमवर्क तथा एकेडमिक बैंक आफ क्रेडिट को क्रियाशील बनाने के लिए काम किया जा रहा है। इसके लिए सभी छात्र-छात्राओं का अपार आइडी होना जरूरी है। इंडियन नालेज सिस्टम के तहत पूर्व से उपलब्ध सामग्रियों का भारतीय भाषाओं में बनाने की आवश्यकता जतायी गयी है।

समर्थ के क्रियान्वयन भी जरूरी

यह भी कहा गया है कि समर्थ के क्रियान्वयन भी जरूरी है। अप्रेटिंशिप को डिग्री का हिस्सा बनाने के लिए अप्रेटिंशिप कराये जाने होंगे और इसके लिए इंडस्ट्री से संपर्क बनाना होगा। मालवीय मिशन शिक्षक प्रशिक्षण प्रोग्राम के तहत आवश्यकतानुसार शिक्षकों के प्रशिक्षण की व्यवस्था करनी होगी। नैक व एनआइआरएफ के लिए महाविद्यालयों-विश्वविद्यालयों की हैंडहोल्डिंग करनी होगी। इसके लिए आवश्यक निधि संसाधन विकसित करनी होगी।

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