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Operation Sindoor: ऑपरेशन सिंदूर में मारे गए तुर्किए के दो मिलिट्री ऑपरेटिव्स, कर रहे थे पाकिस्तान की मदद

Dainik Jagran - National - May 15, 2025 - 5:30am

आईएएनएस, नई दिल्ली। ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारत के हमलों में तुर्किए के दो मिलिट्री ऑपरेटिव्स भी मारे गए हैं। बताते हैं कि तुर्किए ने भारत के विरुद्ध संघर्ष में न सिर्फ 350 से अधिक ड्रोन देकर पाकिस्तान की मदद की, बल्कि उसके आपरेटर्स भी पाकिस्तानी सेना की सहायता कर रहे थे।

पाकिस्तान ने वाईआइएचए ड्रोन का इस्तेमाल किया

सूत्रों ने बताया, 'ऑपरेशन सिंदूर के दौरान तुर्किए के सलाहकारों ने भारत में समन्वित ड्रोन हमलों में पाकिस्तानी सैन्य अधिकारियों की मदद की।'

रक्षा सूत्रों ने कहा कि पाकिस्तान ने भारत के विरुद्ध बेरक्तार टीबी2 और वाईआइएचए ड्रोन का इस्तेमाल किया।

माना जाता है कि इन ड्रोन का उपयोग लक्ष्यों की पहचान करने और संभवत: आत्मघाती हमलों के लिए किया गया, खासकर भारत के अग्रिम मोर्चों या आपूर्ति काफिलों को निशाना बनाने के लिए। पिछले कई वर्षों में पाकिस्तान ने तुर्किए के साथ नजदीकी सैन्य रिश्ते विकसित कर लिए हैं।

तुर्किए सरकार ने पाकिस्तानी सेना को प्रशिक्षण भी प्रदान किया

रक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि हाल के वर्षों में पाकिस्तान और तुर्किए के बीच गठजोड़ चौंकाने वाली गति से मजबूत हुआ है। तुर्किए सरकार ने न सिर्फ महत्वपूर्ण सैन्य उपकरणों की आपूर्ति की है, बल्कि पाकिस्तानी सेना को प्रशिक्षण भी प्रदान किया है।

ड्रोन के मलबे की फोरेंसिक जांच की जा रही है

बताते हैं कि पाकिस्तानी सेना ने सात-आठ मई की रात में भारत की उत्तरी एवं पश्चिमी सीमाओं से लगते सैन्य ढांचे पर 300 से 400 ड्रोन से निशाना बनाने का प्रयास किया था। एक प्रेस कान्फ्रेंस में कर्नल सोफिया कुरैशी ने बताया था, 'ड्रोन के मलबे की फोरेंसिक जांच की जा रही है। शुरुआती रिपोर्ट बताती है कि ये तुर्किए के असिसगार्ड सोंगर ड्रोन हैं।'

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Waqf Act Row: वक्फ संशोधन कानून के खिलाफ याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई आज, कई राज्यों ने दी है चुनौती

Dainik Jagran - National - May 15, 2025 - 5:30am

पीटीआई, नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट गुरुवार को वक्फ (संशोधन) अधिनियम 2025 की संवैधानिक वैधता के खिलाफ याचिकाओं पर सुनवाई करेगा। मामले की सुनवाई प्रधान न्यायाधीश बीआर गवई और जस्टिस आगस्टीन जार्ज मसीह करेंगे। इससे पहले पूर्व सीजेआइ संजीव खन्ना की पीठ इस मामले की सुनवाई कर रही थी, जो 13 मई को सेवानिवृत्त हो गए।

केंद्रीय वक्फ परिषद और बोर्डों में नियुक्तियां नहीं करेगी

इससे पहले 17 अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार का आश्वासन दर्ज किया था कि वह पांच मई तक वक्फ बाय यूजर सहित वक्फ संपत्तियों को गैर अधिसूचित नहीं करेगी और केंद्रीय वक्फ परिषद और बोर्डों में नियुक्तियां नहीं करेगी।

यह आश्वासन तब दिया गया जब सुप्रीम कोर्ट को बताया गया कि कानून संसद द्वारा उचित विचार-विमर्श के बाद पारित किया गया था और सरकार का पक्ष सुने बिना इस पर रोक नहीं लगाई जानी चाहिए।

केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट के प्रस्ताव का विरोध किया

केंद्र ने वक्फ बाय यूजर सहित वक्फ संपत्तियों की अधिसूचना रद करने के खिलाफ अंतरिम आदेश पारित करने के सुप्रीम कोर्ट के प्रस्ताव का विरोध किया है।

प्रारंभिक हलफनामा दायर

25 अप्रैल को अल्पसंख्यक मामलों के केंद्रीय मंत्रालय ने वक्फ संशोधन अधिनियम 2025 का बचाव करते हुए 1,332 पृष्ठों का एक प्रारंभिक हलफनामा दायर किया और संसद द्वारा पारित संवैधानिकता की धारणा वाले कानून पर कोर्ट द्वारा किसी भी पूर्ण रोक का विरोध किया है।

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Greenko founders trim Orix stake buy plan, to raise $610 million

Business News - May 15, 2025 - 5:29am
Mumbai: Greenko Group founders, Anil Chalamalasetty and Mahesh Koll, are scaling down their planned acquisition of a stake held by Japan's Orix Corporation, opting to raise $610 million to buy 17.3% of the renewable energy firm's holding company, people familiar with the matter said.Initially, they had aimed to raise $800 million for the full 20% stake held by the Tokyo investor.The deal has been restructured to reduce leverage in the tightening credit markets scenario and is expected to be finalised later this week, the people said, requesting anonymity.The financing could be raised at a cost of around 14% and is being syndicated by Deutsche Bank and Barclays. Investors in the two-year facility could be large funds, including Clifford Capital, BlackRock and other private credit funds."Greenko promoters have sent a revised deal to Orix and it should close in the next two weeks," said a source. "The promoters decided to scale down the fundraise as the cost of borrowing has gone up from 12% to 14% between March and May due to global uncertainties." An Orix spokesperson said as stated on April 25, it has decided to cancel the planned sale of its stake in Greenko to AM Green. "At this time, we are unable to provide any further information beyond what has already been disclosed," said an Orix spokesperson.Spokespersons of Greenko did not respond while Barclays and Deutsche Bank did not respond to requests for comment. The revised plan follows the collapse of an earlier share transfer agreement announced on April 25, between Orix and AM Green Power BV, a Greenko founder-owned entity, after the deal failed to meet financing-related conditions precedent. Although the competition regulator cleared the transaction on March 11, funding agreements with lenders could not be finalised by the extended April 15 deadline, forcing Orix to terminate the agreement.In a statement dated April 25, Orix confirmed it had scrapped the deal originally announced in January, citing failure to meet key conditions.In January, Orix had announced plans to reinvest through a convertible note issued by AM Green Luxembourg, the parent of AM Green Power. That investment, too, is on hold.Greenko’s founders had initially engaged with private credit funds, including Temasekbacked Clifford Capital and BlackRock to raise $800 million for the full 20% stake. While that plan did not materialise, several of the same investors are expected to join the latest round. Japan’s Orix had invested in Greenko in 2021 but now wants to sell its stake and reinvest in a new green energy venture called AM Green (AMG), created by Greenko’s founders. AMG focuses on future energy like green hydrogen and ammonia, with big plans for clean fuel exports. This deal helps Orix shift focus to next-gen energy while Greenko’s founders buy back the stake with help from investors. This move fits Orix’s global plan to grow in clean energy and support the shift to decarbonisation
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TRF को आतंकी संगठन घोषित कराने में जुटा भारत, यूएनएससी में सबूत के साथ दी जानकारी

Dainik Jagran - National - May 15, 2025 - 2:30am

पीटीआई, नई दिल्ली। भारत ने पहलगाम हमले को अंजाम देने में कथित संलिप्तता के लिए लश्कर-ए-तैयबा के मुखौटे द रेजिस्टेंस फ्रंट (टीआरएफ) को संयुक्त राष्ट्र द्वारा सूचीबद्ध आतंकी संगठन के रूप में नामित करने के प्रयास तेज कर दिए हैं। सूत्रों के मुताबिक, एक भारतीय तकनीकी टीम न्यूयार्क में है और 1267 प्रतिबंध समिति की निगरानी टीम एवं संयुक्त राष्ट्र में अन्य भागीदार देशों के साथ बातचीत कर रही है।

टीआरएफ के बारे में यूएनएससी को दी जानकारी

भारतीय अधिकारियों ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की 1267 प्रतिबंध समिति की निगरानी टीम को पहलगाम आतंकी हमले के पीछे के समूह द रेजिस्टेंस फ्रंट (टीआरएफ) की गतिविधियों के बारे में जानकारी दी।

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) 1267 प्रतिबंध समिति, संयुक्त राष्ट्र की एक सहायक संस्था है जिसका गठन 1999 में किया गया था। यह समिति आतंकवाद, विशेष रूप से आइएसआइएल (इस्लामिक स्टेट आफ इराक एंड द लेवेंट) और अल-कायदा से जुड़े आतंकवाद के विरुद्ध प्रतिबंधों को लागू करने और निगरानी के लिए जिम्मेदार है।

टीआरएफ से जुड़ी सामग्री भी जी जाएगी

सूत्रों ने बताया कि यह टीम संयुक्त राष्ट्र आतंकवाद निरोधक कार्यालय और आतंकवाद निरोधक समिति कार्यकारी निदेशालय के साथ भी बैठक करेगी। ऐसा माना जा रहा है कि यह टीम हमले में टीआरएफ की कथित संलिप्तता पर संयुक्त राष्ट्र की संबंधित समितियों को कुछ सामग्री भी उपलब्ध कराएगी।

उल्लेखनीय है कि संयुक्त राष्ट्र द्वारा प्रतिबंधित पाकिस्तानी आतंकवादी समूह लश्कर-ए-तैयबा के मुखौटा संगठन टीआरएफ ने 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए नृशंस हमले की जिम्मेदारी ली थी। इसमें 26 नागरिक मारे गए थे, जिनमें ज्यादातर पर्यटक थे।

ऑपरेशन सिंदूर में मारे गए सैकड़ों आतंकी

हमले के बाद भारत ने आतंकवादियों और उनके समर्थकों पर कार्रवाई करने का संकल्प लिया था। सात मई को 'ऑपरेशन सिंदूर' शुरू किया गया जिसके तहत पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में नौ जगहों पर आतंकी ढांचे को निशाना बनाया गया।

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Manipur: मणिपुर के चंदेल जिले में असम राइफल्स की बड़ी कार्रवाई, 10 उग्रवादी किए ढेर; अभियान जारी

Dainik Jagran - National - May 15, 2025 - 2:30am

 पीटीआई, इंफाल। मणिपुर के चंदेल जिले में असम राइफल्स की एक इकाई के साथ बुधवार को हुई मुठभेड़ में कम से कम 10 उग्रवादी मारे गए। अधिकारियों ने इसकी जानकारी दी। उन्होंने बताया कि अभियान अभी भी जारी है।

असम राइफल्स इकाई ने कल अभियान शुरू किया था

सेना की पूर्वी कमान ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा कि भारत-म्यांमार सीमा के पास चंदेल जिले के खेंगजॉय तहसील के न्यू समतल गांव के पास सशस्त्र कैडरों की आवाजाही की विशेष खुफिया जानकारी पर कार्रवाई करते हुए, स्पीयर कोर के तहत असम राइफल्स इकाई ने 14 मई को एक अभियान शुरू किया।

संदिग्ध कैडरों द्वारा सैनिकों पर गोलीबारी की गई

अभियान के दौरान, संदिग्ध कैडरों द्वारा सैनिकों पर गोलीबारी की गई, जिस पर उन्होंने तुरंत प्रतिक्रिया दी, फिर से तैनात हुए और एक संतुलित और मापा तरीके से जवाबी कार्रवाई की। इसके बाद हुई गोलीबारी में, 10 संदिग्धों को मार गिराया गया और बड़ी मात्रा में हथियार और गोला-बारूद बरामद किया गया।

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भारत-पाक युद्ध में भारतीय रक्षा प्रणालियों को नहीं हुआ कोई नुकसान, रक्षा मंत्रालय ने किए कई बड़े दावे

Dainik Jagran - National - May 15, 2025 - 2:01am

पीटीआई, नई दिल्ली। रक्षा मंत्रालय ने बुधवार को कहा कि ऑपरेशन सिंदूर ने भारत की रक्षा शक्ति और तकनीकी कौशल में जबरदस्त वृद्धि को दर्शाया है, क्योंकि सेना ने सीमा पार किए बिना पाकिस्तान में सटीक हमले किए और आतंकी ठिकानों को नष्ट कर दिया। सभी हमले भारतीय हथियारों और प्रणालियों को कोई नुकसान पहुंचाए बिना किए गए।

दुश्मन की तकनीकों को नष्ट करने के मिले सबूत

रक्षा मंत्रालय ने कहा कि इस अभियान में भारतीय प्रणालियों द्वारा दुश्मन की तकनीकों को नष्ट करने के ठोस सबूत भी मिले हैं, जिनमें चीनी मूल की पीएल-15 मिसाइल और तुर्की के 'यीहा' नामक यूएवी के टुकड़े शामिल हैं। 'ऑपरेशन सिंदूर' सैन्य अभियानों में तकनीकी आत्मनिर्भरता हासिल करने की दिशा में एक मील का पत्थर है।

पाकिस्तान और जम्मू-कश्मीर में आतंकी शिविरों पर 7 मई को किए गए हवाई हमलों का हवाला देते हुए मंत्रालय ने कहा कि भारतीय वायुसेना ने चीन से प्राप्त पाकिस्तान की वायु रक्षा प्रणालियों को अवरुद्ध कर दिया था और मात्र 23 मिनट में ऑपरेशन पूरा कर लिया था, जो भारत की तकनीकी क्षमता में जबरदस्त वृद्धि को दर्शाता है।

भारत का स्वदेशी वायु रक्षा बेहतर हुए साबित

मंत्रालय ने कहा, "लंबी दूरी के रॉकेट, क्वाडकॉप्टर और वाणिज्यिक ड्रोन बरामद किए गए। इनकी पहचान से पता चला है कि पाकिस्तान ने विदेशों से हासिल किए गए उन्नत हथियारों का फायदा उठाने की कोशिश की, लेकिन भारत का स्वदेशी वायु रक्षा और इलेक्ट्रॉनिक युद्ध नेटवर्क बेहतर साबित हुआ।"

इसमें कहा गया है कि थलसेना, नौसेना और वायुसेना की विभिन्न प्रणालियों से युक्त भारत की वायु रक्षा प्रणालियों ने असाधारण तालमेल के साथ काम किया और एक अभेद्य दीवार का निर्माण किया, जिसने पाकिस्तान की अधिकांश जवाबी कार्रवाइयों को विफल कर दिया। रक्षा मंत्रालय ने कहा कि चाहे ड्रोन युद्ध हो या समतल वायु रक्षा या इलेक्ट्रॉनिक युद्ध, 'ऑपरेशन सिंदूर' सैन्य अभियानों में तकनीकी आत्मनिर्भरता हासिल करने की दिशा में भारत की यात्रा में एक मील का पत्थर है।

पाकिस्तानी एयरबेस पर निशाना सटिक

भारत ने महत्वपूर्ण पाकिस्तानी एयरबेस 'नूर खान और रहीमयार खान' को सटीकता से निशाना बनाया। 'आत्मघाती ड्रोन' सहित अन्य अत्याधुनिक हथियारों का इस्तेमाल विनाशकारी प्रभाव के लिए किया गया, जिनमें से प्रत्येक ने दुश्मन के रडार और मिसाइल प्रणालियों सहित महत्वपूर्ण लक्ष्यों को चुनिंदा रूप से नष्ट कर दिया।

मंत्रालय ने कहा कि दुश्मन का मुकाबला करने के लिए मानव रहित हवाई प्रणाली, इलेक्ट्रॉनिक युद्ध उपकरण और वायु रक्षा हथियारों के साथ-साथ कंधे से दागे जाने वाले हथियारों को तैनात किया गया था। बहुस्तरीय रक्षा प्रणाली ने 9-10 मई की रात को भारतीय एयरबेस और रसद प्रतिष्ठानों पर पाकिस्तानी वायु सेना के हमलों को विफल कर दिया।

भारतीय सेना ने रखा ये ख्याल

रक्षा मंत्रालय ने कहा कि इन प्रणालियों ने यह सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई कि दुश्मन के जवाबी हमलों के दौरान पूरे भारत में नागरिक और सैन्य बुनियादी ढांचे को कोई बड़ा नुकसान न पहुंचे। सभी हमले भारतीय हथियारों और प्रणालियों को कोई नुकसान पहुंचाए बिना किए गए, जो देश की प्रभावशीलता को रेखांकित करता है।

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SC: सुप्रीम कोर्ट ने पैदल यात्रियों के लिए फुटपाथ सुनिश्चित करने का दिया निर्देश, बताया संवैधानिक अधिकार

Dainik Jagran - National - May 15, 2025 - 12:16am

 पीटीआई, नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को पैदल यात्रियों के लिए उचित फुटपाथ सुनिश्चित करने के लिए दिशानिर्देश तैयार करने का निर्देश दिया है। शीर्ष न्यायालय ने इसे लोगों का संवैधानिक अधिकार बताया है।

दुर्घटना होने की आशंका

जस्टिस अभय एस ओका और जस्टिस उज्ज्वल भुइयां की पीठ ने कहा कि फुटपाथ के अभाव में पैदल यात्रियों को सड़कों पर चलने के लिए मजबूर होना पड़ता है, जिससे उनके साथ दुर्घटना होने की आशंका होती है।

उचित फुटपाथ का होना आवश्यक

पीठ ने कहा कि नागरिकों के लिए उचित फुटपाथ का होना आवश्यक है। ये ऐसे होने चाहिए कि जो दिव्यांग व्यक्तियों के लिए सुलभ हों और इन पर से अतिक्रमण हटाना अनिवार्य है।

न्यायालय का मानना है कि पैदल यात्रियों को फुटपाथ का इस्तेमाल करने का अधिकार संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत गारंटीशुदा है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि बिना अवरोध वाले फुटपाथ का अधिकार निश्चित रूप से एक आवश्यक विशेषता है।

दो महीने के भीतर रिकॉर्ड पर रखने का निर्देश दिया

पीठ ने केंद्र को पैदल यात्रियों के अधिकारों की रक्षा के लिए अपने दिशानिर्देश दो महीने के भीतर रिकॉर्ड पर रखने का निर्देश दिया। पैदल यात्रियों की सुरक्षा को बहुत जरूरी मानते हुए शीर्ष न्यायालय ने कहा कि फुटपाथों का निर्माण और रखरखाव इस तरह से किया जाना चाहिए कि दिव्यांग व्यक्तियों के लिए भी पहुंच सुनिश्चित हो सके।

पैदल मार्गों पर अतिक्रमण के मुद्दों पर जोर दिया

कोर्ट ने राष्ट्रीय सड़क सुरक्षा बोर्ड के गठन के लिए केंद्र को छह महीने का समय दिया तथा स्पष्ट किया कि इससे अधिक समय नहीं दिया जायेगा। सुप्रीम कोर्ट में दायर एक याचिका में पैदल यात्रियों की सुरक्षा पर चिंता जताई गई है। याचिका में उचित फुटपाथ की कमी और पैदल मार्गों पर अतिक्रमण के मुद्दों पर जोर दिया गया।

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स्वदेशी तकनीक के आगे पस्त हुआ पाकिस्तान, भारत के एअर डिफेंस ने चीन और तुर्किए का भी तोड़ दिया घमंड

Dainik Jagran - National - May 14, 2025 - 11:43pm

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान और गुलाम जम्मू-कश्मीर में मौजूद आतंकी ठिकानों को तबाह किया था। इसे ऑपरेशन सिंदूर नाम दिया गया। बिना बॉर्डर को पार किए भारत ने आतंकी ठिकानों को खत्म कर दिया। ऑपरेशन सिंदूर ने सैन्य अभियानों में भारत की तकनीकी आत्मनिर्भरता का परचम लहरा दिया।

पाकिस्तान ने भारत के दर्जनों शहरों पर ड्रोन और मिसाइलों से हमले की कोशिश की, लेकिन भारत के इंटीग्रेटेड काउंटर यूएएस ग्रिड और एअर डिफेंस सिस्टम ने इसे बेअसर कर दिया।

(फोटो: पीटीआई)

भारत ने जवाबी कार्रवाई में लाहौर की एअर डिफेंस सिस्टम को तबाह कर दिया। ऑपरेशन सिंदूर में पिकोरा, ओएसए-एके और एलएलएडी गन के साथ आकाश जैसी स्वदेशी प्रणालियों ने असाधारण प्रदर्शन किया।

स्वदेशी तकनीक ने दुश्मन को हराया

इस ऑपरेशन में भारत की तीनों सेनाओं ने एक साथ मिलकर दुश्मन को धूल चटाई है। लंबी दूरी के ड्रोन से लेकर लक्ष्य भेदी हथियारों तक भारत के आधुनिक और स्वदेशी तकनीक के इस्तेमाल से हमले काफी प्रभावी रहे।

चीन द्वारा पाकिस्तान को दी गई एअर डिफेंस सिस्टम को जाम कर 23 मिनट में मिशन पूरा कर लिया गया।

(फोटो: पीटीआई)

चीन में बनी पीएल 15 मिसाइलें, तुर्किए की यीहा, लंबी रेंज के रॉकेट, क्वाडकॉप्टर और कॉमर्शियल ड्रोन को एअरफोर्स ने ध्वस्त तो किया ही, उनके सबूत पेश कर आतंकियों के मददगारों को आईना भी दिखाया। अपने आकाओं से हथियार लेकर भी पाकिस्तान भारत के एअर डिफेंस को नहीं भेद पाया।

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इसरो का भी रहा योगदान
  • आर्मी और एयरफोर्स के काउंटर अनमैन्ड एरियल सिस्टम, इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर असेट और एअर डिफेंस सिस्टम से एक अनोखी डिफेंसिव लेयर बन गई। इसरो का भी काफी योगदान रहा।
  • एक कार्यक्रम में इसरो के अध्यक्ष वी नारायणन ने कहा कि देश के नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कम से कम 10 उपग्रह लगातार चौबीसों घंटे काम कर रहे हैं।
  • ऑपरेशन सिंदूर केवल सामरिक सफलता की कहानी नहीं है। यह भारत की रक्षा स्वदेशीकरण नीतियों की पुष्टि है।
  • वायु रक्षा प्रणालियों से लेकर ड्रोन तक, काउंटर-यूएएस क्षमताओं से लेकर नेट-केंद्रित युद्ध प्लेटफार्मों तक, स्वदेशी तकनीक ने तब काम किया है जब इसकी सबसे अधिक आवश्यकता थी।

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