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तीसरी रात भी हमले: पाकिस्तान का जम्मू, सांबा और पठानकोट में ड्रोन अटैक; जानिए अब तक क्या-क्या हुआ
India Pakistan Conflict: डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। बुधवार रात से पाकिस्तान लगातार भारतीय सीमा पर गोलीबारी कर रहा है। शुक्रवार शाम को जम्मू, सांबा, पठानकोट और जैसलमेर में पाकिस्तानी ड्रोन देखे गए। भारतीय सेना ने इन ड्रोन को हवा में ही मार गिराया। जम्मू के इलाकों में पूरी तरह से ब्लैकआउट लागू कर दिया गया और सायरन की आवाज़ें सुनी गईं। इसके साथ ही राजस्थान के जैसलमेर, बाड़मेर और श्रीगंगानगर में भी ब्लैकआउट किया गया। राजौरी, पुंछ में कई स्थानों पर नियंत्रण रेखा पार से गोलाबारी जारी है। आइए जानते हैं तीसरे दिन तक क्या-क्या हुआ…
26 स्थानों पर पाकिस्तानी ड्रोनउत्तर में बारामुल्ला से लेकर दक्षिण में भुज तक, अंतर्राष्ट्रीय सीमा और पाकिस्तान के साथ नियंत्रण रेखा पर 26 स्थानों पर पाकिस्तान के ड्रोन देखे गए हैं। इनमें नागरिक और सैन्य ठिकानों के लिए संभावित खतरा पैदा करने वाले संदिग्ध सशस्त्र ड्रोन शामिल हैं। इन स्थानों में बारामुल्ला, श्रीनगर, अवंतीपोरा, नगरोटा, जम्मू, फिरोजपुर, पठानकोट, फाजिल्का, लालगढ़ जट्टा, जैसलमेर, बाड़मेर, भुज, कुआर्बेट और लाखी नाला शामिल हैं।
एंटी ड्रोन सिस्टम से गिराए गए 3 से 4 ड्रोनफाजिल्का में शुक्रवार रात ठीक 9 बजे ब्लैकआउट होने के 4 मिनट बाद आसमान में तेज लाइट के साथ एक के बाद एक लगातार तेज आवाजें सुनाई दी। आवाज इतनी तीव्र थी कि कई गांवों में इसकी गूंज स्पष्ट रूप से महसूस की गई।
जम्मू में पूरी तरह से ब्लैकआउटजम्मू, सांबा और पठानकोट सेक्टर में पाकिस्तानी ड्रोन देखे गए। जम्मू में पूरी तरह से ब्लैकआउट लागू कर दिया गया है और सायरन की आवाजें सुनी जा सकती हैं।
सांबा में विस्फोटों की आवाजेंसांबा में विस्फोटों की आवाजें सुनी गईं, क्योंकि भारत की वायु रक्षा ने ब्लैकआउट के दौरान पाकिस्तानी ड्रोन को रोका। जम्मू संभाग के उधमपुर में भी पूरी तरह से ब्लैकआउट लागू कर दिया गया है और सायरन की आवाजें सुनी जा सकती हैं।
श्रीनगर में भी ब्लैकआउटश्रीनगर में मस्जिदों के लाउडस्पीकरों का इस्तेमाल स्थानीय लोगों को एहतियात के तौर पर अपनी लाइटें बंद करने के लिए कहने के लिए किया गया। पूरे श्रीनगर में भी ब्लैकआउट किया गया।
फिरोजपुर में घर पर गिरा ड्रोन, तीन लोग घायलफिरोजपुर में ड्रोन गिराया गया जिससे घर में आग लग गई। आग लगने से तीन लोग झुलस गए तथा एक गाड़ी में आग लग गई। झुलस गए लोगों लखविंदर सिंह, पत्नी व बेटे को निजी अस्पताल में भर्ती करवाया गया है।
जम्मू, पंजाब और राजस्थान के 20 जगहों पर ड्रोन अटैकपाकिस्तान ने जम्मू-कश्मीर, पंजाब और राजस्थान में कई जगहों पर ड्रोन अटैक किए हैं। एयर डिफेंस सिस्टम ने पाकिस्तान के ड्रोन को हवा में ही मार गिराया।
पंजाब के कई शहरों में लगातार हो रहे धमाकेअमृतसर के मोहकमपुरा इलाके में ड्रोन अटैक के माध्यम से आए विस्फोटक मालवा मिला है। जिसे लेकर एरिया में दहशत का माहौल है।
कश्मीर घाटी में पूरी तरह से ब्लैकआउट
कश्मीर घाटी में भी ड्रोन हमला हुआ है। दक्षिण कश्मीर के अवंतीपोरा में एक ड्रोन को मार गिराया गया। कश्मीर घाटी में पूरी तरह से ब्लैकआउट हो गया। सेना हाई अलर्ट पर है।
गुजरात के बनासकांठा में 24 सीमावर्ती गांवों में ब्लैकआउगुजरात के बनासकांठा के कलेक्टर मिहिर पटेल ने शुक्रवार देर रात बताया कि जिले के 24 सीमावर्ती गांवों में ब्लैकआउट कर दिया गया है। सभी नागरिकों से कहा गया है कि अफवाहों से दूर रहें और प्रशासन करे निर्देशों का पालन करें।
LoC के पास रहने वाले लोगों को बंकरों में ले जाया गयापाकिस्तानी सैनिकों की भारी गोलाबारी के बाद कश्मीर के तीन सीमावर्ती जिलों में LoC के पास रहने वाले हजारों लोगों को बंकरों या अन्य स्थानों पर ले जाया गया है।
राजस्थान के पोखरण में सुनी गई धमाके की आवाजेंराजस्थान के पोखरण में धमाके की आवाजें सुनी गई है। पूरे श्रीगंगानगर जिले में रेड अलर्ट घोषित किया गया है।
करतारपुर कॉरिडोर के पास धमाकेगुरदासपुर में करतारपुर कॉरिडोर के पास धमाके हुए हैं। तिबड़ी कैंट गुरदासपुर में भी लगातार धमाके हो रहे हैं।
पाक ने नगरोटा में 15 से अधिक मिसाइलें दागींजम्मू-कश्मीर के नगरोटा में 15 से अधिक मिसाइलें दागी गई है। बरोटा में भारतीय सेना की ओर से मिसाइलें हवा में ही नष्ट कर दिया गया है।
मैं जहां हूं, वहां हो रहे धमाके: उमर अब्दुल्लाजम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अबदुल्ला ने एक पोस्ट में कहा कि जहां मैं हूं, वहां से धमाकों की आवाज सुनी जा सकती है। तोपों की आवाजें भी सुनाई दे रही हैं।
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'जोश कैसा है..', पाकिस्तान ड्रोन-मिसाइल हमले के बीच राज्यपाल ने पूछा तो जवानों ने दिया फिल्मी जवाब; भारतीय नागरिक को लगी चोट तो..
जागरण, श्रीनगर। जोश कैसा है... हाई है साहब। यह कोई डायलॉग नहीं है.. यह उस शौर्य, वीरता और उत्साह की भावना का प्रतीक है, जो भारतीय शूरवीरों को दुश्मन को मार गिराने की तत्परता को दर्शाता है। उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने शुक्रवार को उड़ी में जवानों से बातचीत में जब पूछा कि जोश कैसा है तो इसका जवाब सुनकर उनका विश्वास और मजबूत हो गया कि देश सुरक्षित हाथों में हैं।
मनोज सिन्हा ने जवानों से कहा कि अगर कोई बार-बार हमारी शांति भंग करने की कोशिश करेगा तो उसे ऐसा सबक सिखाया जाएगा कि उसकी अगली 10 पीढ़ियां इसे याद रखेंगी।
उपराज्यपाल उड़ी सेक्टर में पाकिस्तानी सेना की गोलाबारी से प्रभावित स्थानीय लोगों के लिए प्रबंधों का जायजा लेने पहुंचे थे। उन्होंने लोगों से उनकी समस्याओं को जाना और समाधान के लिए अधिकारियों को आवश्यक निर्देश जारी किए।
राज्यपाल ने जवानों से की मुलाकातराज्यपाल सिन्हा ने सेना के जवानों व अधिकारियों से भी मुलाकात की। दुश्मन के मंसूबों को नाकाम बनाने के लिए भारतीय सेना की कार्रवाई को उन्होंने सराहा। उन्होंने उड़ी में एलओसी पर एक चौकी में जवानों व अधिकारियों से मुलाकात की।
उपराज्यपाल ने कहा-मेरा दुश्मनों को संदेश स्पष्ट है कि अगर आप किसी भारतीय नागरिक को चोट पहुंचाते हैं तो हम आपको मार गिराएंगे। पहलगाम में हमारे नागरिकों के क्रूर नरसंहार के बाद मुख्य उद्देश्य आतंकी ठिकानों को नष्ट करना था। ऑपरेशन सिंदूर ने पाकिस्तान के अंदर आतंकी कारखानों को नष्ट करके पहलगाम आतंकी हमले का बदला लिया, लेकिन दुश्मन हमारे सैन्य प्रतिष्ठान और हमारे नागरिकों को निशाना बना रहा है। हम उन्हें मुंहतोड़ जवाब दे रहे हैं।
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उमर की पाकिस्तान को नसीहत, टकराव में उसका ही नुकसानराज्य ब्यूरो, जागरण। जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने शुक्रवार को पाकिस्तान को नसीहत दी कि उसे ही तय करना है कि वह क्या चाहता है? अगर वह तनाव बढ़ाना चाहता है तो उसका ही बहुत ज्यादा नुकसान होगा। अपनी तबाही के लिए पाकिस्तान ही जिम्मेदार होगा।
उमर अब्दुल्ला ने कहा कि मौजूदा हालात हमने नहीं बनाए हैं। पहलगाम में जो कुछ हुआ उसका हमें जवाब देना था, जो हमने दे दिया।
जम्मू में बढ़ते तनाव, ड्रोन हमलों और जम्मू के सीमावर्ती जिलों में भारी गोलाबारी के बाद स्थिति का जायजा लेने के लिए मुख्यमंत्री ने जम्मू और सांबा जिलों में मिश्रीवाला, नागबनी, बिश्नाह और ठंडी खुई में स्थापित शिविरों और आवास केंद्रों का दौरा किया।
उन्होंने जीएमसी जम्मू में भर्ती घायलों का भी हाल जाना। वहीं पत्रकारों से बातचीत में उमर ने कहा कि पाकिस्तान नागरिकों को निशाना बना रहा है।
यह निंदनीय है। वर्ष 1971 की जंग के बाद पहली बार जम्मू शहर को निशाना बनाया गया। पुंछ के हालात पर चिंता जताते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि पुंछ शहर में बहुत नुकसान हुआ है। वहां गोलाबारी में जख्मी हुए कई लोगों को यहां जम्मू में उपचार के लिए लाया गया है।
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सुप्रीम कोर्ट ने भारी मन से 6 आरोपियों को किया बरी, 87 में से 71 गवाह मुकरे; आखिर क्या है वजह?
पीटीआई, नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को 'भारी मन' से छह हत्यारोपियों को बरी कर दिया, क्योंकि मामले में पीड़ित के बेटे सहित ज्यादातर गवाह मुकर गए थे। इस 'अनसुलझे अपराध' में कुल 87 गवाहों में से 71 ने अपने बयान वापस ले लिए थे।
जस्टिस सुधांशु धूलिया और जस्टिस के विनोद चंद्रन की पीठ ने कर्नाटक हाई कोर्ट के 27 सितंबर, 2023 के उस आदेश को रद कर दिया, जिसमें ट्रायल कोर्ट के फैसले को खारिज कर छह आरोपियों को दोषी ठहराया गया था।
साक्ष्यों की कमी की वजह से आरोपियों को किया गया बरीजस्टिस चंद्रन ने पीठ की ओर से 49 पेज के फैसले में कहा, ''अनसुलझे अपराध के लिए भारी मन से, लेकिन आरोपियों के खिलाफ साक्ष्यों की कमी के मुद्दे पर कोई संदेह नहीं रखते हुए, हम आरोपियों को बरी करते हैं। हाई कोर्ट के फैसले को पलटते हुए और ट्रायल कोर्ट के फैसले को बहाल करते हैं।''
अदालत ने जांच की आलोचना कीपीठ ने अदालत में गवाहों के पलटने और ''अति उत्साही'' जांच की आलोचना की। पीठ ने कहा कि यह एक क्लासिक मामला है, जहां कुल 87 गवाहों में से 71 पलट गए। अदालत ने आगे कहा, ''यहां तक कि एक लड़का, जो अपने पिता को मौत के घाट उतारते हुए देख रहा था, हमलावरों की पहचान करने में असफल रहा।''
यह मामला दो भाइयों के बीच प्रतिद्वंद्विता के कारण रामकृष्ण नामक व्यक्ति की मृत्यु हो गई थी, जो पहले एक भाई के लिए काम करता था और बाद में दूसरे भाई के साथ जुड़ गया था। पुलिस के अनुसार, 28 अप्रैल, 2011 को रामकृष्ण की उस समय हत्या कर दी गई थी, जब वह अपने बेटे के साथ टहल रहा था।
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इमरजेंसी हुई तो कैसे निपटेगा भारत? आम आदमी को नहीं होगी कोई परेशानी, ये है PM मोदी का मास्टर प्लान
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। भारत और पाकिस्तान के बीच बनी हुई तनाव (India Pakistan War News) की स्थिति को देखते हुए केंद्र सरकार ने किसी भी आपात स्थिति से निपटने (Modi government strategy) के लिए पूरी तरह कमर कस ली है। विपरीत परिस्थितियों (Civil safety measures) में भी आम जनजीवन पर उसका सीधा असर न पड़े, यही सरकार की चिंता है।
इसे लेकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गुरुवार को विभिन्न मंत्रालयों के सचिवों के साथ समीक्षा बैठक कर आवश्यक दिशा-निर्देश दिए थे। उसके बाद तैयारियों की मंत्रालयवार कमान सरकार के वरिष्ठ मंत्रियों ने संभाल ली है। शुक्रवार को अलग-अलग मंत्रालयों की सिलसिलेवार बैठकें चलती रहीं।
हर मोर्चे पर तैयारी पूरी- यूं तो सरकार हर मोर्चे पर तैयारी में जुटी है, लेकिन उन मंत्रालयों की व्यवस्थाओं और तैयारियों पर विशेष जोर है, जिनका सीधा प्रभाव आम जनजीवन पर पड़ता है।
- जन सुरक्षा को देखते हुए गृह मंत्री अमित शाह ने सीआईएसएफ, बीएसएफ और ब्यूरो आफ सिविल एविएशन सिक्योरिटी के महानिदेशकों के साथ उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक की।
- उन्होंने पाकिस्तान से सटे क्षेत्रों, हवाई अड्डों और प्रमुख प्रतिष्ठानों की सुरक्षा में विशेष सतर्कता बरतने के निर्देश दिए।
- केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने स्वास्थ्य मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ आपातकालीन स्वास्थ्य सुविधाओं की तैयारियों की समीक्षा के लिए एक उच्चस्तरीय बैठक की।
अधिकारियों ने आपातकालीन स्थिति से निपटने के लिए चिकित्सा तैयारियों की वर्तमान स्थिति पर रिपोर्ट दी। एंबुलेंस की तैनाती, उपकरण, दवाइयों आदि की आपूर्ति सहित चिकित्सा आपूर्ति की पर्याप्त उपलब्धता के बारे में बताया। स्वास्थ्य मंत्री ने निर्देश दिया कि सभी राज्य सरकारों से विशेषकर जिला स्तर पर, सीमावर्ती राज्यों के साथ जमीनी स्तर पर संपर्क प्रभावी ढंग से स्थापित किए जाएं, ताकि आवश्यकता पड़ने पर तत्काल आपातकालीन स्वास्थ्य सेवा सुनिश्चित की जा सके।
प्रभावित नहीं होंगी बैंकिंग और वित्तीय सेवाएंवहीं, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बैंकिंग सेक्टर और साइबर सुरक्षा की तैयारियों के संबंध में उच्चस्तरीय बैठक की। डिजिटल एप्लीकेशन, यूपीआई आदि पर चर्चा की और अधिकारियों को निर्देश दिया कि किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए तैयार रहें। बैंकिंग और वित्तीय सेवाएं प्रभावित न हों।
अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठकआपातकालीन स्थिति में इन्फ्रास्ट्रक्चर की सुरक्षा तथा सड़क यातायात सुनिश्चित हो, इसके लिए केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों एवं सीमावर्ती राज्यों के अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की।
सुरक्षा एजेंसियों के साथ संपर्क में रहने के निर्देशगडकरी ने सभी अधिकारियों को सतर्क रहने के साथ जरूरी प्रबंधन, राज्य सरकारों और सुरक्षा एजेंसियों के साथ संपर्क में रहने के निर्देश दिए। इसी तरह केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मंत्रालय, भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) और ग्रामीण विकास मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की।
बैठक के बाद आश्वस्त किया कि अधिकारियों से फसल बुआई, खाद्यान्न, फल-सब्जी उत्पादन तथा उपलब्धता की जानकारी ली गई है। मौजूदा परिस्थितियों में किसानों को कहीं-कोई दिक्कत नहीं आने देने के संबंध में दिशा-निर्देश दिए गए हैं। देश में गेहूं, चावल व अन्य अनाज पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है।
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India Attacks Pakistan: भारत के काउंटर अटैक से घबराया पाकिस्तान, चीन-ईरान और कतर से मांगी मदद
पीटीआई, इस्लामाबाद। पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने शुक्रवार को कहा कि सरकार क्षेत्र में तनाव कम करने के प्रयास में ईरान, यूएई, सऊदी अरब, चीन और कतर सहित अन्य देशों के साथ कूटनीतिक संपर्क बनाए हुए है। उनकी टिप्पणियां ऐसे समय आईं जब सऊदी अरब के उप-विदेश मंत्री आदिल अलजुबैर नई दिल्ली की यात्रा के बाद इस्लामाबाद पहुंचे हैं।
भारतीय ड्रोन हमले पर क्या पाक रक्षा मंत्रीनेशनल असेंबली को संबोधित करते हुए आसिफ ने यह भी दावा किया कि हाल के भारतीय ड्रोन हमले टोही उद्देश्यों के लिए थे, न कि तत्काल हमले के लिए। भारतीय ड्रोन को सुरक्षित सीमा में प्रवेश करने की अनुमति दी गई थी, ताकि संवेदनशील स्थानों से समझौता किए बिना उन्हें रोका और निष्कि्रय किया जा सके।
सूचना मंत्री अत्ता तारार ने दावा किया कि बुधवार से गुरुवार शाम तक कम से कम 29 ड्रोन रोके गए और शुक्रवार तक अतिरिक्त 48 ड्रोन मार गिराए गए।
India Pakistan News: एलओसी से इस्लामाबाद तक मिलिट्री एक्शन, नए भारत से खौफ खा रहा पाकिस्तान
विनीत त्रिपाठी, नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद रोधी बल के प्रमुख रहे लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) एसके सैनी का कहना है कि ऑपरेशन सिंदूर ने नए भारत की तस्वीर प्रस्तुत की है। नया भारत आदर्शवाद से हटकर यथार्थवादी दृष्टिकोण अपनाता है। उड़ी और पुलवामा हमलों के बाद भारतीय सेना ने पाकिस्तान समर्थित आतंकी ठिकानों पर जवाबी कार्रवाई की थी, लेकिन ये कार्रवाई पाक सीमा तक सीमित थी।
पहलगाम में निर्दोष लोगों की हत्या के जवाब में भारतीय सेना ने पहली बार एलओसी पार कर पाकिस्तान के आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया।
वाइस चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ रह चुके एसके सैनी ने कहा कि उड़ी या पुलवामा हमले के बाद सेना ने सर्जिकल और एयर स्ट्राइक के जरिए जवाबी कार्रवाई की थी, लेकिन पूर्व की कार्रवाई एलओसी के आसपास बने आतंकी ठिकानों तक सीमित थीं।
पाकिस्तान के अंदर आतंकी ठिकानों को बनाया निशानाइस बार की रणनीति में अहम बदलाव यह देखने को मिला कि भारत के इतिहास में पहली बार भारतीय सेना ने एलओसी के साथ पाकिस्तान के अंदर बने आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया। पहली बार इन आतंकी कैंपों को समर्थन देने वाले पाकिस्तान के स्टैब्लिशमेंट पर भी हमला किया गया।
हमले की टाइमिंग और योजना के सवाल पर उन्होंने कहा कि यह तय रणनीति है कि हाई-प्रोफाइल आतंकी हमला होने पर हम जवाब देते हैं। जवाबी कार्रवाई सीमा पार जाकर की जाएगी या फिर दूर से मार करने वाले हथियारों के जरिए, यह सब कुछ सेना की खुफिया जानकारी व तैयारी के आधार पर तय होता है।
पहलगाम हमले के बाद तुरंत जवाबी हमले का दबाव था, लेकिन भारतीय सेना और सरकार ने पूरी तैयारी के बाद कार्रवाई की, जो उचित था।
एक्शन में नेवी की भूमिका1971 के बाद पहली बार नेवी को कार्रवाई में शामिल करने के प्रश्न पर उन्होंने कहा कि निश्चित तौर पर जल, थल और वायु सेना संयुक्त रूप से काम करती हैं और योजना के तहत संयुक्त जवाब देती हैं। सेना की योजना और पाक द्वारा सैन्य ठिकानों को निशाना बनाने के बाद जवाबी कार्रवाई के रूप में नेवी को भी लगाया गया है। यह सब सैन्य आपरेशन का हिस्सा है।
मालूम हो कि लेफ्टिनेंट जनरल एसके सैनी सैनिक स्कूल कपूरथला और राष्ट्रीय रक्षा अकादमी के पूर्व छात्र रहे हैं और जून 1981 में जाट रेजिमेंट में कमीशन हुए थे। उन्होंने दक्षिण सेना के पुणे मुख्यालय की कमान संभाली थी।
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Air India ने 25 मई तक स्थगित की तेल अवीव की उड़ानें, चेक करें डिटेल्स
पीटीआई, नई दिल्ली। एयर इंडिया ने शुक्रवार को कहा कि उसने तेल अवीव जाने वाली और वहां से आने वाली उड़ानों को 25 मई तक निलंबित कर दिया है। चार मई को तेल अवीव हवाई अड्डे के पास मिसाइल हमले के बाद एयरलाइन ने अपनी सेवाओं को छह मई तक निलंबित कर दिया था और बाद में इसे आठ मई तक बढ़ा दिया गया था।
सप्ताह में पांच उड़ानें संचालित करती है एयर इंडियाएयर इंडिया तेल अवीव के लिए सीधी उड़ान संचालित करने वाली एकमात्र भारतीय एयरलाइन है। यह सामान्यत: दिल्ली से इजरायली शहर के लिए सप्ताह में पांच उड़ानें संचालित करती है।
उड़ानें 25 मई तक निलंबित रहेंगीएयरलाइन ने शुक्रवार को एक्स पर एक पोस्ट में कहा-हमारी तेल अवीव के लिए और वहां से वापसी की उड़ानें 25 मई तक निलंबित रहेंगी। इस अवधि तक यात्रा के लिए वैध टिकट रखने वाले ग्राहकों को पुनर्निर्धारण शुल्क पर एक बार की छूट या टिकट रद करने पर पूर्ण धनवापसी की सुविधा दी जाएगी।
PMCH दवा खरीद घोटाला मामले में ED की बड़ी कार्रवाई, 3 करोड़ की संपत्ति जब्त की
राज्य ब्यूरो, पटना। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के पटना जोनल कार्यालय ने धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के प्रविधानों के तहत विभिन्न मेडिकल उपकरण और दवा आपूर्तिकर्ताओं की 10 अचल और चल संपत्तियों को अंतिम रूप से कुर्क किया है।
इन संपत्तियों की कीमत 3.01 करोड़ रुपये के करीब है। इन आपूर्तिकर्ताओं ने पटना मेडिकल कॉलेज अस्पताल के अधिकारियों की मिली भगत से अस्पताल को अत्याधिक ऊंची दरों पर और काफी अधिक मात्रा में दवा, मशीन, उपकरण की आपूर्ति की थी।
16 साल पुराना मामलायह संपत्तियां पीएमसीएच के तत्कालीन अधीक्षक ओपी चौधरी व अन्य की हैं। करीब 16 साल पुराने इस मामले में ओमप्रकाश चौधरी सहित पीएमसीएच के कई अधिकारियों और सप्लायरों को आरोपित बनाया गया था।
जानकारी के अनुसार 2008-09 और 2009-10 की अवधि के दौरान पीएमसीएच के अधिकारियों ने विभिन्न आपूर्तिकर्ताओं के साथ मिलीभगत करके आवश्यक मात्रा से कहीं अधिक ऊंची दरों पर दवाइयां, रासायनिक अभिकर्मक, मशीनें व चिकित्सा उपकरण खरीद थे।
सरकार को करीब 12.63 करोड़ रुपये की राजस्व क्षतिजिस वजह से सरकार को करीब 12.63 करोड़ रुपये की राजस्व क्षति हुई। इस मामले में ईडी ने पटना के विशेष निगरानी न्यायालय के समक्ष आईपीसी 1860 और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 की विभिन्न धाराओं के तहत ओपी चौधरी और अन्य के खिलाफ दर्ज प्राथमिकी और आरोप पत्र को आधार बनाकर अपनी जांच प्रारंभ की थी।
जांच में पीएमसीएच के अधिकारियों की मिलीभगत से आपूर्तिकर्ताओं को लगभग 3.01 करोड़ रुपये आय की पहचान की गई, जिसे अब पीएमएलए 2002 के प्रावधानों के तहत जब्त किया गया है।
पहले इस मामले में पांच नवंबर 2020 को ओपी चौधरी, विनोद कुमार सिंह, गणेश प्रसाद सिंह, अमित कुमार ढांढानिया और बिमल डालमिया तथा उनके परिवार के सदस्यों के नाम की अपराध से हुई आय से लगभग 3.14 करोड़ रुपये की चल-अचल संपत्तियां अंतिम रूप से कुर्क की गई थी।
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भारत-पाक तनातनी के बीच बिहार में डाक्टरों की क्विक रिस्पांस टीम गठन के निर्देश, ब्लैक आउट के लिए भी तैयारी
राज्य ब्यूरो, पटना। भारत-पाक के बीच तनातनी की स्थिति को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने संवेदनशील क्षेत्रों में चिकित्सा संस्थानों की पहचान करते हुए उन्हें आपातकालीन स्थिति से निपटने के लिए सभी प्रकार की एहतियातन तैयारी रखने के निर्देश जारी किए हैं। इसके साथ ही सभी जिलों में डाक्टरों और पारा मेडिकल स्टाफ की क्विक रिस्पांस टीम गठन के निर्देश भी जारी किए गए हैं।
डेडिकेटेड बेड की व्यवस्था करने के निर्देशशुक्रवार को विकास आयुक्त सह स्वास्थ्य के अपर मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत और राज्य स्वास्थ्य समिति के कार्यपालक निदेशक सुहर्ष भगत ने संयुक्त रूप से सभी सिविल सर्जन, मेडिकल कालेज अधीक्षकों और प्राचार्यों के साथ ही मेडिकल अफसरों के साथ वीडियो कांफ्रेंस के जरिये स्वास्थ्य तैयारियों की समीक्षा की।
बैठक में मौजूद रहे सिविल सर्जनबैठक के दौरान सिविल सर्जनों के साथ ही अन्य स्वास्थ्य पदाधिकारियों को आपरेशन थियेटर, आइसीयू, हाई डिपेंडेंसी यूनिट 24 घंटे क्रियाशील रखने के निर्देश दिए गए। मेडिकल कालेज अस्पतालों में आपातकालीन वार्ड को क्रियाशील रखते हुए डेडिकेटेड बेड की व्यवस्था करने को भी कहा गया है।
आक्सीजन की निर्बाध व्यवस्था सुनिश्चित करेंप्रत्यय अमृत ने कहा कि अस्पतालों में विशेषज्ञ डाक्टर, सामान्य डाक्टर एवं स्टाफ नर्स व अन्य पारा मेडिकल स्टाफ का अलग रोस्टर तैयार रखा जाए। अस्पतालों में आक्सीजन की निर्बाध व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। पर्याप्त संख्या में आक्सीजन सिलेंडर और आक्सीजन कंसनटे्रटर चालू अवस्था में रखे जाएं।
जेनरेटर एवं बैटरी इंवर्टर की रहे व्यवस्थाअगर ब्लैक आउट की स्थिति बनती है तो विद्युत आपूर्ति बहाल रखने के लिए जेनरेटर एवं बैटरी इंवर्टर की समुचित व्यवस्था रखी जाए। क्विक मेडिकल रिस्पांस टीम का जिलास्तर पर कम्युनिकेशन प्लान तैयार किया जाए।
स्टैंडबाइ में रखी जाएं एबुलेंस बनाए नियंत्रण कक्षजिलों को यह निर्देश भी दिए गए हैं कि स्वास्थ्य संस्थानों में एंबुलेंस को टैग करें और स्टैंडबाइ में भी एंबुलेंस की व्यवस्था रखें। साथ ही गोल्डन आवर में जरूरतमंदों के लिए अलग से डेडिकेटेड एंबुलेंस की व्यवस्था सुनिश्चित रखें।
जिलों को दिए नियंत्रण कक्ष गठन के निर्देशइसके अलावा सात दिन 24 घंटे राज्य नियंत्रण कक्ष गठन के निर्देश भी जिलों को दिए गए हैं। बैठक में स्पष्ट किया गया है कि जिला स्तर पर सिविल सर्जन और प्रखंड स्तर पर प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी नोडल अफसर पद का दायित्व निर्वहन करेंगे।
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