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अंडमान सागर के ऊपर दो दिन के लिए एअर स्पेस बंद, NOTAM हुआ जारी; मिसाइल या हथियार प्रणाली की हो सकती टेस्टिंग

Dainik Jagran - National - May 23, 2025 - 9:42am

पीटीआई, नई दिल्ली। भारत ने अंडमान सागर के ऊपर एअर स्पेस बंद करने का एलान करते हुए एक NOTAM जारी किया है। ये केवल कुछ विशेष क्षेत्रों के लिए जारी हुआ है। यह नोटाम आज 23 मई से 24 मई की सुबह 7 बजे से 10 बजे तक प्रभावी रहेगा।

यह क्षेत्र लगभग 500 किलोमीटर लंबा है और सभी ऊंचाई स्तरों पर नागरिक विमानों के लिए बैन किया गया है। यहां मिसाइल या हथियार प्रणाली का टेस्ट हो सकता है।

क्या कहता है NOTAM?

भारतीय प्राधिकारियों की तरफ से हाल ही में जारी नोटिस टू एयरमेन (NOTAM) के अनुसार, किसी भी नागरिक विमान को किसी भी ऊंचाई पर एअर स्पेस का इस्तेमाल करने की अनुमति नहीं दी जाएगी।

क्या होता है नोटाम?

NOTAM का मतलब एयरमेन को नोटिस है। यह नोटिस पायलटों को जारी किया जाता है, जिनमें उन्हें संभावित खतरों के बारे में जानकारी दी जाती है ताकि ट्रेनिंग के दौरान किसी भी तरह का नुकसान नहीं हो। NOTAM दूससंचार के जरिए विमानन प्राधिकरणों के पास दाखिल किए जाते हैं। बता दें ऐसा पहली बार नहीं है कि नोटम जारी हुआ हो, इससे पहले भी कई बार NOTAM जारी किया जा चुका है।

सैन्य अभ्यासों और हथियारों के टेस्ट लिए जारी किए गए पिछले NOTAM की समीक्षा से पता चलता है कि कई नोटिसों में अस्पष्टता थी। लेकिन इस NOTAM के स्थान और कुछ डिटेल को मिसाइल या हथियार प्रणाली टेस्ट के संकेत के रूप में समझा जा सकता है।

ब्रह्मोस मिसाइल का भी हुआ था टेस्ट

पिछले साल अप्रैल में भारत ने अंडमान में हवा से मार करने वाली बैलिस्टिक मिसाइल का सफल परीक्षण किया था और मार्च 2022 में एक लॉन्च पैड से विस्तारित रेंज वाली ब्रह्मोस मिसाइल का सफल परीक्षण किया गया था।

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Bihar News: बालू माफियाओं पर एक्शन के लिए सरकार ने बनाया नया प्लान, अब नहीं कर पाएंगे कोई चालाकी

Dainik Jagran - May 23, 2025 - 9:24am

राज्य ब्यूरो, पटना। राज्य में बालू के अवैध खनन, परिवहन पर निगरानी की कड़ी में अब खनन पट्टा क्षेत्रों व उसके आस-पास सेटेलाइट की मदद से मॉनीटरिंग का निर्णय लिया गया है। सेटेलाइट की मदद से खनन पट्टा क्षेत्र की पांच सौ मीटर की परिधि में अवैध खनन गतिविधि पर विभाग को तत्काल अलर्ट मिलेगा।

प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित कर दी जानकारी

सेटेलाइट से लघु खनिजों की निगरानी की पूर्ण व्यवस्था को लागू करने के पूर्व खान एवं भू-तत्व विभाग ने पदाधिकारियों को प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित कर इसकी जानकारी दी।

खान निदेशक विनोद दूहन की अध्यक्षता में पिछले दिनों हुई इस बैठक में गांधीनगर (गुजरात) के भारतीय खान ब्यूरो से आए क्षेत्रीय खान नियंत्रक पुष्पेंद्र गौड़ ने माइनिंग सर्विलांस सिस्टम से अधिकारियों का परिचय कराया।

पुष्पेंद्र गौड़ ने बताया कि खनन निगरानी प्रणाली में भारतीय रिमोट सेंसिंग कार्यक्रम में इस्तेमाल होने वाली इसरो के कार्टोसेट सेटेलाइट से उच्च क्षमता की तस्वीरें मिलती हैं। इस प्रणाली के उपयोग से सभी खनन पट्टों का आइटी की मदद से डाट केएमएल व डाटा शेप फाइल तैयार किया जाएगा।

नागरिक भी दर्ज करा सकेंगे शिकायत

इस प्रणाली की खासियत है कि इसके एप पर सामान्य नागरिक भी अपनी शिकायत दर्ज करा सकते हैं। इस बैठक में नागपुर के भारतीय खान ब्यूरो से आये वरीय तकनीकी सहायक (सर्वे) मो कासिम ने ड्रोन डाटा मैनेजमेंट सिस्टम पोर्टल से संबंधित जानकारी दी।

अवैध खनन पर लगेगी रोक

प्रदेश में सरकार द्वारा लगातार किए जा रहे प्रयासों के बाद भी अवैध खनन पर लगाम नहीं लग पा रही है। यही नहीं बेखौफ खनन माफिया पुलिस कर्मियों पर हमला करने से भी पीछे नहीं हटते। ऐसे में सेटेलाइट की मदद से अवैध खनन को रोकने में मदद मिलेगी।

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What happens to Indian students in Harvard

Business News - May 23, 2025 - 9:24am
United States President Donald Trump's administration escalated its standoff with Harvard University on Thursday, revoking the school's ability to enrol international students. Following the crackdown, nearly 788 Indian students of 6800 would be forced to transfer to other schools or lose their legal permission to be in the United States. The Department of Homeland Security took this latest step because Harvard failed to comply fully with requests to produce records about its foreign students, Homeland Security Secretary Kristi Noem said in a letter. Noem accused Harvard of “perpetuating an unsafe campus environment that is hostile to Jewish students, promotes pro-Hamas sympathies and employs racist ‘diversity, equity and inclusion’ policies.’”In response to Trump's action, Harvard said the action is unlawful and undermines the school’s research mission.Read more: US bans Harvard from admitting foreign students: What it means for nearly the 7,000 already on campusHere's how Trump's decision will impact Indian students? Will current Indian students in Harvard be allowed to graduate?Indian students who completed their degrees this semester will be allowed to graduate. Noem's letter said the changes would take effect for the 2025-2026 school year. Harvard's Class of 2025 is expected to graduate next week.However, students who have yet to complete their degree need to transfer to another university, Noem said, or they'll lose their legal permission to remain in the United States. What will happen to admitted Indian students this fall?No, not unless the government changes its decision or a court steps in. For now, Noem said Harvard could restore its status as a host institution for foreign students if it complied with a list of demands within 72 hours. Those demands include requests for a range of records, such as disciplinary records for international students, plus any audio and video recordings of protest activity.Read more: Harvard University can still keep international students if it meets these 6 conditions in 72 hoursHow else has the Trump administration targeted Harvard?Harvard's battle with the Trump administration dates to early April. The storied institution became the first elite college to refuse to comply with the government's demands to limit pro-Palestinian protests and eliminate diversity, equity and inclusion policies. That kicked off a series of escalating actions against Harvard. Various federal agencies, including DHS and the National Institutes of Health, have cut their grant funding to Harvard, significantly impacting research projects conducted by faculty. Harvard has sued the administration, seeking to end the grant freeze.
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अंतरिक्ष की सैर के लिए हो जाएं तैयार! 2027 में स्पेस जाएगी मानव अंतरिक्ष उड़ान, ISRO चीफ ने बताया क्या है प्लान

Dainik Jagran - National - May 23, 2025 - 9:18am

आईएएनएस, कोलकाता। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने वर्ष 2025 को भारत के लिए 'गगनयान वर्ष' घोषित किया है। इसरो प्रमुख वी. नारायणन ने कहा कि अब तक 7200 अंतरिक्ष मिशन पूरे हो चुके हैं और भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी द्वारा 3 हजार अन्य परीक्षण अभी भी लंबित हैं।

'क्या है गगनयान वर्ष'

कोलकाता में एक कार्यक्रम के दौरान बोलते हुए वी. नारायणन ने कहा, "यह वर्ष हमारे लिए बहुत महत्वपूर्ण वर्ष है और इसे हमने गगनयान वर्ष घोषित किया है। मनुष्यों को अंतरिक्ष में भेजने से पहले हमने तीन मानवरहित मिशनों की योजना बनाई है और इस वर्ष पहला मानवरहित मिशन की योजना है।"

इसरो प्रमुख ने कहा, "6 जनवरी को हमने आदित्य L1 अंतरिक्ष यान द्वारा एकत्र किए गए एक साल के वैज्ञानिक डाटा को जारी किया था। आप सभी जानते हैं कि आदित्य L1 अपने आप में एक अनूठा सैटेलाइट है और भारत उन चार देशों में से एक है जिसने सूर्य के अध्ययन के लिए सैटेलाइट स्थापित किया है।"

क्या है स्पैडेक्स मिशन?

वी. नारायणन ने स्पैडेक्स मिशन के पूरा होने पर खुशी जाहिर की और कहा कि इस मिशन को पूरा करने के लिए दस किलो ईंधन का प्रबंध किया गया था। उन्होंने यह भी बताया कि 2025 में कई मिशनों की योजना बनाई गई है, जिसमें नासा-इसरो सिंथेटिक एपर्चर रडार सैटेलाइट भी शामिल है, जिसे भारत के अपने प्रक्षेपण यान द्वारा लॉन्च किया जाएगा।

इसरो की आधिकारिक वेबसाइट के अनुसार, स्पैडेक्स मिशन के तहत अंतरिक्ष में डॉकिंग को प्रदर्शित करने के लिए PSLV द्वारा लॉन्च किए गए दो छोटे स्पेसशिप का उपयोग करता है। वी. नारायणन ने कहा कि इसरो द्वारा दिसंबर 2025 तक 'व्योममित्र' नामक रोबोट के साथ पहला मानव रहित मिशन लॉन्च किया जाएगा, जिसके बाद दो और मानव रहित मिशन होंगे।

इस दिन अंतरिक्ष में इंसान भेजेगा ISRO

इसरो प्रमुख वी. नारायणन ने बताया कि इसरो ने साल 2027 की पहली तिमाही तक पहली मानव अतंरिक्ष उड़ान का लक्ष्य रखा है। उन्होंने कहा कि इस वर्ष लगभग हर महीने एक प्रक्षेपण निर्धाति है।

चंद्रयान-4 और चंद्रयान-5 के मिशन पर काम कर रहा भारत, इसरो ने जापान से मिलाया हाथ; धरती पर लाया जाएगा चंद्रमा का सैंपल

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Patna Metro: पटना मेट्रो प्रोजेक्ट में कंसल्टेंट नियुक्ति पर हाईकोर्ट सख्त, कॉरपोरेशन से जवाब तलब

Dainik Jagran - May 23, 2025 - 8:21am

विधि संवाददाता, पटना। पटना मेट्रो रेल परियोजना में परामर्शदाता (कंसल्टेंट) की नियुक्ति को लेकर उठे सवालों पर पटना हाईकोर्ट ने गंभीर रुख अपनाया है। अंतराष्ट्रीय समूह डांग मिजोंग कंसल्टेंसी की ओर से दायर रिट याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट की खंडपीठ ने पटना मेट्रो रेल कॉरपोरेशन लिमिटेड से 26 जून तक विस्तृत जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है।

कार्यकारी मुख्य न्यायाधीश आशुतोष कुमार एवं न्यायाधीश पार्थ सारथी की खंडपीठ ने यह आदेश कोर्ट के ग्रीष्मावकाश से ठीक पहले जारी किया।

क्या है मामला

याचिकाकर्ता की ओर से वरीय अधिवक्ता मृगांक मौली ने अदालत को बताया कि पटना मेट्रो रेल कॉरपोरेशन ने कंसल्टेंट की नियुक्ति के लिए राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय कंपनियों से एक्सप्रेशन ऑफ इंटरेस्ट मांगा था। याचिकाकर्ता कंपनी ने सभी प्रक्रियाओं का पालन किया, परंतु तकनीकी निविदा को खोला ही नहीं गया।

इस बीच अखबार में प्रकाशित खबर में यह उजागर हुआ कि कॉरपोरेशन ने निविदा प्रक्रिया में एक जापानी कंपनी को अनुचित रूप से वरीयता देने के लिए पारदर्शिता नहीं बरती और कुछ ऐसी शर्तें जोड़ीं, जो निविदा दस्तावेज में पूर्व से निर्धारित नहीं थीं।

याचिकाकर्ता कंपनी द्वारा की गई पड़ताल में सामने आया कि कॉरपोरेशन ने गोपनीयता का हवाला देते हुए कुछ ऐसी अहर्ताएं जोड़ीं, जो वैज्ञानिक और तकनीकी दृष्टिकोण से उचित नहीं थीं।

अधिवक्ता मौली ने कोर्ट से कहा कि मेट्रो जैसी जनहित से जुड़ी परियोजना में अगर शुरुआत से ही पारदर्शिता नहीं बरती जाएगी, तो पूरी परियोजना की गुणवत्ता संदेह के घेरे में आ जाएगी।

कोर्ट ने मेट्रो रेल कॉरपोरेशन की ओर से पेश वरीय अधिवक्ता सत्यदर्शी संजय को याचिकाकर्ता द्वारा लगाए गए आरोपों पर विधिसम्मत और तथ्यपूर्ण जवाब 26 जून से पहले दाखिल करने का आदेश दिया है।

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