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चुनाव में इन मुद्दों से कैसे पार पाएंगे Tejashwi Yadav? मैदान में NDA से दो-दो हाथ के लिए RJD का प्लान सेट
सुनील राज, पटना। Lok Sabha Election लोकसभा चुनाव की रणभेरी बज चुकी है। बंगाल के बाद बिहार ही हिंदी बेल्ट का ऐसा प्रदेश है, जहां राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) को सबसे अधिक चुनौती मिलेगी।
चुनाव मैदान में एक ओर राजग (NDA Bihar) के बड़े-बड़े नेता प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (PM Modi), गृहमंत्री अमित शाह (Amit Shah), जेपी नड्डा, नीतीश और सम्राट चौधरी जैसे चेहरे होंगे तो दूसरी ओर इनके मुकाबले ताल ठोकने के लिए मैदान में बिहार में घोर विरोधी राजद (RJD) और उसके युवा नेता तेजस्वी यादव होंगे।
तेजस्वी (Tejashwi Yadav) के समर्थन में यदा-कदा राहुल गांधी (Rahul Gandhi), मल्लिकार्जुन खरगे भी दिखेंगे। रही लालू प्रसाद यादव की बात तो राजद सुप्रीमो (Lalu Yadav) काफी बुजुर्ग होने के साथ बीमार भी रहने लगे हैं। लिहाजा चुनाव में उनकी उपस्थिति कितनी होगी, यह कहना अभी मुश्किल है। ऐसे में राजद की चुनावी नैया को आगे बढ़ाने का दायित्व तेजस्वी पर अधिक होगा।
विकास के एजेंडे को लेकर आगे बढ़ रहे तेजस्वी यादवयही वजह है कि राजद या यूं कहें कि तेजस्वी यादव ने चुनाव शुरू होने के काफी पहले ही रणनीति बनाकर उसपर अमल शुरू कर दिया था। इस तैयारी ने उस वक्त और जोर पकड़ लिया, जब बिहार में महागठबंधन टूट गया और जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) राजग के साथ हो गए।
अपनी सोची-समझी चाल के तहत नेता प्रतिपक्ष चुनाव को विकास के एजेंडे पर लेकर आगे बढ़ चले। वहीं, विकास के मुद्दे पर बढ़ते चुनाव के बीच लालू प्रसाद के एक बयान ने भाजपा को बैठे-बिठाए तुरुप का पत्ता दे दिया।
तेजस्वी यादव ने नहीं साधी चुप्पीगांधी मैदान में आयोजित जनविश्वास महारैली के मंच से लालू प्रसाद ने मोदी के परिवार को लेकर टिप्पणी क्या की, पूरा भाजपा कुनबा मोदी का परिवार होने का मुद्दा लेकर बिहार में राजनीति में बह रही विकास की धारा को परिवारवाद और वंशवाद की ओर मुड़ने में जुट गया।
इसके बावजूद बिना विचलित हुए तेजस्वी 17 महीने बनाम 17 साल के काम और विकास के झंडे को लेकर आगे बढ़ते रहे। तेजस्वी यादव ने वंशवाद, परिवारवाद के मुद्दे पर भी चुप्पी नहीं साधी। पार्टी नेताओं को इस वंशवाद, परिवारवाद पर विरोधियों को जवाब देने का काम सौंप दिया।
अपने नेता का फरमान मिलते ही राजद नेताओं ने पोस्टर लगाकर भाजपा में परिवार और वंश के नाम पर राजनीति करने वालों के नाम गिनाने शुरू कर दिए। एनडीए पर राजद का दो तरफा हमला जारी रहा।
रोजगार और आरक्षण के मुद्दे पर मेन फोकसतेजस्वी यादव राज्य में 17 महीने की 'महागठबंधन' सरकार को नीतीश कुमार के 17 साल की सरकार पर भारी साबित करने में चूकते नजर नहीं आए।
रोजगार, आरक्षण के दायरे को बढ़ाकर 75 प्रतिशत करना, जाति आधारित गणना, गरीब तबके के लिए की गई घोषणाओं को वे राजद के सहयोग से बनी महागठबंधन सरकार का काम बताकर श्रेय लेने की अपनी रणनीति को आगे बढ़ा रहे हैं।
अब स्टार प्रचारक मैदान में उतरेंगेजानकार भी मानते हैं कि बिहार में जब सात चरणों में होने वाले चुनाव के लिए प्रचार का दौर शुरू होगा सत्ता पक्ष के स्टार प्रचारक मैदान में उतरेंगे तो निश्चित तौर पर उनके तरकश से पुराने तीर ही निकलेंगे।
वो जंगल राज, भ्रष्टाचार, जमीन के बदले नौकरी, रेलवे टेंडर घोटाला और परिवारवाद, वंशवाद को मुद्दा बनाएंगे, मगर बात यहीं खत्म नहीं होगी। इन प्रचारकों को कहीं न कहीं से घूमकर तेजस्वी की सजाई गई विकास और 17 महीने बनाम 17 साल की पिच पर भी आना होगा।
तेजस्वी चाहते भी यही हैं। विश्लेषक भी मानते हैं कि 2020 के विधानसभा चुनाव में राजद को सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभारकर तेजस्वी यादव लिटमस टेस्ट पास कर चुके हैं। दूसरे नंबर पर तब भाजपा रही थी और तीसरे नंबर पर नीतीश कुमार की जनता दल (यू)।
17 महीने बनाम 17 साल का एजेंडा2020 के विधानसभा चुनाव के बाद लोकसभा चुनाव निश्चित तौर पर अलग हैं। एक ओर राम लहर, परिवारवाद, वंशवाद की गूंज होगी तो दूसरी ओर 17 महीने बनाम 17 साल का एजेंडा।
देखना यह होगा कि अपने मुद्दे के बीच एनडीए राजद की पिच पर आकर खेलता है या फिर तेजस्वी यादव राम लहर, परिवारवाद, वंशवाद की चपेट में आते हैं।
यदि राजद और तेजस्वी यादव विरोधियों को अपनी पिच पर लाने में सफल होते हैं तो भले ही राजद को आकलित सीटें न मिलें, लेकिन जो सवाल लोगों के जेहन में काफी समय से है कि राजद में लालू प्रसाद यादव के बाद कौन, इसका जवाब बनकर तेजस्वी सामने जरूर आएंगे।
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जागरण संवाददाता, पटना। बैंकिंग सेक्टर के माध्यम से राष्ट्र सेवा ईमानदारी करें। बैंक में किसी प्रकार की बाहरी तनाव झेलने की जरूरत नहीं है। किसी तरह की दवाब हो तो आप बताएं एसोसिएशन आपकी लड़ाई लड़ेगी। सरकार की ओर से वेतन समझौता सम्मानजनक हुआ है, जल्द ही बैंकों में पांच दिवसीय सप्ताह भी लागू होगी।
यह बातें ऑल इंडिया बैंक ऑफिसर्स कंफेडेरेशन के महासचिव रूपम राय ने कहीं। वह विद्यापति भवन में एसबीआइ ऑफिसर्स एसोसिएशन की ओर से आयोजित युवा वसंत उत्सव को संबोधित कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि बैंकों का निजीकरण किसी भी स्थिति में राष्ट्र व समाज के लिए सही नहीं है। निजीकरण की बात आएगी तो ऑल इंडिया बैंक ऑफिसर्स कंफडेरेशन इसके खिलाफ लड़ाई लड़ेगी।
एसबीआइ पटना मंडल के सीजीएम शिव ओम दीक्षित ने कहा कि आप ओनरशीप की कमी है, यदि सेवा के दौरान आप ओनरशिप लेते हैं तो कहीं कोई चूक नहीं होगी। हम शाखाओं में ग्राहक सेवा को प्राथमिकता देंगे, बैंक अपने आप विकसित हो जाएगा।
ऑल इंडिया एसबीआइ ऑफिसर्स फेडेरेशन के महासचिव दीपक कुमार शर्मा ने कहा कि हम नियम व कानून के साथ कार्य करेंगे तो कोई परेशान नहीं कर सकता है। कार्यक्रम में एसबीआइ अधिकारी संघ के महासचिव अमरेश विक्रमादित्य, अध्यक्ष कमलाकर सिंह ने बताया कि 17 प्रतिशत की वेतन वृद्धि बैंक अधिकारी के वेतन में हुई है।
मौके पर केंद्रीय समिति के उपाध्यक्ष अरिजित बोस, अनिल कुमार यादव, शिवधार लाल, निकेश नंदन, लक्ष्मी नारायण पासवान, रजनीश श्रीवास्तव, रतनदीप कुमार भी थे।
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राज्य ब्यूरो, पटना। Bihar Political News In Hindi नेतृत्व के पास चुनिंदा सांसदों के बारे में पक्की सूचना है कि मैदान में इनकी जीत मुश्किल है। फिर भी नाराजगी के डर से ऐसे सांसदों को बेटिकट करने का निर्णय नहीं हो रहा है। बड़े रूप में यह संकट राजग नेतृत्व (NDA) के समक्ष है।
राजग में भी भाजपा और जदयू (JDU) नेतृत्व इस संकट से अधिक जूझ रहा है। इसके दो अन्य घटक-लोजपा रा और रालोजपा का संकट अलग है। इसका नेतृत्व अभी आपस में ही दो-दो हाथ करने पर तुला हुआ है।
भाजपा और जदयू ने अपने सांसदों की जीतने की संभावना का सर्वे कराया है। इसके परिणाम की अनुशंसा यह है कि दोनों दलों के कम से कम दस सांसद बेटिकट किए जाएं।
भाजपा और जदयू के सांसदों की कुल संख्या 33दलों के सर्वे तीन आधार पर किए गए हैं। एक-पक्की जीत। दो-बार्डर लाइन। तीन-पक्की हार। पहली श्रेणी के सांसदों के टिकट पर कोई संकट नहीं है। भाजपा और जदयू के सांसदों की कुल संख्या 33 है। इनमें से 12 पहली श्रेणी के हैं। 11 बार्डर लाइन वाले हैं।
यानी पहले की तुलना में कुछ अधिक मेहनत करनी होगी, तब जीत भी हो सकती है। तीसरी श्रेणी के 10 सांसद हैं, जिन्हें मैदान में फिर से भेजना खतरे को आमंत्रण देना है। लेकिन, जाति और क्षेत्र के समीकरण के अलावा दलों के शीर्ष नेतृत्व के प्रति अगाध समर्पण ऐसे सांसदों को टिकट देने से मना करने की सर्वे की अनुशंसा को लागू करने से रोक रहा है।
कारकाट में आएगी ये समस्याये सांसद सवर्ण हैं और अति पिछड़े भी। भाजपा और जदयू-दोनों इन सांसदों को साफ-साफ मना नहीं कर पा रहे हैं। अपवाद में सीतामढ़ी है। पिछली बार जदयू के टिकट पर सुनील कुमार पिंटू जीते थे। चुनाव की घोषणा से बहुत पहले जदयू ने विधान परिषद के सभापति देवेश चंद्र ठाकुर को वहां से उम्मीदवार घोषित कर दिया।
पिंटू भाजपा के हैं और अगस्त 2022 में जब जदयू ने राजग से नाता तोड़ लिया था, वह भी व्यवहारिक रूप से जदयू से अलग हो गए थे। काराकाट ऐसी दूसरी सीट हो सकती है, जिसके जदयू सांसद को तालमेल के कारण बेटिकट होना पड़ सकता है। राष्ट्रीय लोक मोर्चा के उपेंद्र कुशवाहा यहां से चुनाव लड़ेंगे।
ललन सिंह ने चुनाव लड़ने के लिए छोड़ा पदबिहार में भले ही राजग लोकसभा की सभी 40 सीटों पर जीत का दावा कर रहा हो, मगर उसके घटक चुनाव को पूरी गंभीरता से ले रहे हैं। गंभीरता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि जदयू के मुंगेर के सांसद राजीव रंजन सिंह ऊर्फ ललन सिंह ने चुनाव लड़ने के लिए राष्ट्रीय अध्यक्ष का पद छोड़ दिया।
किशनगंज, लोकसभा की वह सीट है, जिसपर 2019 के लोकसभा चुनाव में राजग की हार हुई थी। इस समय किशनगंज भाजपा और जदयू के बीच फुटबाल बना हुआ है।
जदयू को 17 के बदले जिन 16 सीटों पर लड़ने के लिए कहा जा रहा है, उनमें किशनगंज भी है। लेकिन, जदयू नेतृत्व का आग्रह है कि किशनगंज को भाजपा अपने खाते में ही रखे।
भाजपा की कठिनाई यह है कि बार-बार हार के कारण किशनगंज के लिए उसके पास कोई साहसी उम्मीदवार नहीं बचा है। यही स्थिति जदयू की भी है।
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राज्य ब्यूरो, पटना। Bihar Political News In Hindi बिहार में महागठबंधन में नवादा और पूर्वी चंपारण पर राजद (RJD) के आगे कांग्रेस की इच्छा नहीं चलने वाली। पश्चिमी चंपारण के लिए संभावना बन रही है। ऐसे में वाल्मीकिनगर से मोह त्याग करना होगा। पटना साहिब कांग्रेस को बहुत पसंद नहीं।
समस्तीपुर में पिछले चुनाव तक वह मुकाबले में रही है। इस बार उसके छीन जाने की प्रबल आशंका है। फायर ब्रांड कन्हैया कुमार के लिए बेगूसराय की अपेक्षा है, लेकिन वाम दलों की दावेदारी आड़े आ रही। कटिहार में भी ऐसी अड़चन है।
हालांकि, कांग्रेस वहां अपनी दावेदारी नहीं छोड़ रही। तारिक अनवर के एक बार फिर वहां से दांव आजमाने की संभावना है। प्रियंका गांधी से निकटता के आधार पर पार्टी के राष्ट्रीय सचिव तौकीर आलम भी हाथ-पैर मार रहे। सांसद मो जावेद की किशनगंज सीट पक्की है। सुपौल और पूर्णिया में से कोई एक सीट मिल सकती है।
मजबूत विकल्प पर विचार चल रहाराजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव (Pappu Yadav) पसीना बहा रहे। मुजफ्फरपुर में विधायक विजेंद्र चौधरी तो लगातार क्षेत्र में बने हुए हैं। मधुबनी के लिए पूर्व मंत्री कृपानाथ पाठक की चर्चा है। सासाराम से मीरा कुमार का नाम अभी दरकिनार नहीं हुआ है, लेकिन उनके मजबूत विकल्प पर विचार चल रहा।
औरंगाबाद के लिए भी अंतिम निर्णय नहीं हुआ। पूर्व राज्यपाल निखिल कुमार की उस सीट पर कई दावेदार हैं। राजद की इच्छा है कि वहां कुशवाहा बिरादरी का प्रत्याशी हो। पिछली बार महागठबंधन में हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा से उपेंद्र प्रसाद ने अच्छी टक्कर दी थी।
अफवाहों की मानें तो आठ-नौ सीटें कांग्रेस को और तीन से चार सीटें भकपा-माले को मिल सकती हैं। वहीं, बाकी सीटों पर राजद खुद चुनाव लड़ने की तैयारी में है। वह इनपर रिस्क लेने के मूड में नहीं है।
सीटों पर बन सकती है कांग्रेस की बात- किशनगंज
- कटिहार
- सासाराम
- औरंगाबाद
- मुजफ्फरपुर
- मधुबनी
- बेतिया
- सुपौल या पूर्णिया
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'अटल बिहारी वाजपेयी कितना...', चुनाव से पहले शत्रुघन सिन्हा का BJP पर हमला; नए बयान से मचेगा सियासी घमासान
एएनआई, पटना। Lok Sabha Election तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) सांसद और आसनसोल लोकसभा सीट से उम्मीदवार शत्रुघन सिन्हा (Shatrughan Sinha) ने भाजपा पर तीखा हमला बोला है। उन्होंने बीजेपी (BJP) के नारे 'अब की बार 400 पार' की निंदा की है। उन्होंने कहा कि यह नारा विश्वास के बजाय डर से उपजा है।
सिन्हा ने यह तक कह दिया कि भाजपा की लोकप्रियता अब गिरती जा रही है। वहीं, हाल के चुनावी बॉन्ड मामले में भाजपा की भूमिका पर प्रकाश डालते हुए, सिन्हा ने कहा कि पार्टी ने कंपनियों से पैसे निकालने के लिए केंद्रीय एजेंसियों का दुरुपयोग किया है।
उन्होंने कहा कि चुनावी बॉन्ड मामले नामक एक बड़े घोटाले के कारण भाजपा संकट में है। उन पर कंपनियों से पैसा पाने के लिए सरकारी एजेंसियों का इस्तेमाल करने और भ्रष्ट न होने के अपने वादे के खिलाफ जाकर बेईमान कंपनियों को ठेके देने का आरोप है।
लोगों को वापस जीतने की कोशिशउन्होंने कहा कि इन सबके चलते बीजेपी की लोकप्रियता में काफी गिरावट आई है। अब, वे 'अब की बार 400 पार' के नारे के साथ लोगों को वापस जीतने की कोशिश कर रहे हैं क्योंकि वे हताश हैं।
इसके अलावा, 2004 के चुनावों का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि उस समय भाजपा को कांग्रेस सरकार ने बाहर कर दिया गया था। हमें लगता है कि इस बार 2004 दोहराया जा सकता है।
सिन्हा ने कहा कि 20 साल बाद फिर बदलाव होगा। वह भी उस सरकार में थे। उस समय प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी कितना अच्छा काम कर रहे थे, इसके बावजूद 2004 में मनमोहन सिंह प्रधानमंत्री बने।
नागरिकता संशोधन अधिनियम लागू करने की अनुमतिसिन्हा ने टिप्पणी की कि आगामी चुनावों से पहले नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) को लागू किया गया। उन्होंने कहा कि ममता बनर्जी इसे पश्चिम बंगाल में लागू नहीं होने देंगी।
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने पहले कहा था कि केंद्र को राज्य में राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर और नागरिकता संशोधन अधिनियम लागू करने की अनुमति नहीं दी जाएगी।
ममता बनर्जी का बयानउन्होंने कहा था, 'यह केवल चुनाव से पहले है। मैं इसे पहले ही 3-4 बार कह चुकी हूं। हमारा रुख बहुत स्पष्ट है। यह केवल लोगों को दिखाने और उन्हें परेशान करने के लिए है।'
उन्होंने कहा कि उनके (बीजेपी) दिमाग के पीछे एनआरसी है। ममता बनर्जी ने कहा कि हम दोनों (एनआरसी और सीएए) नहीं होने देंगे।
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जागरण संवाददाता, पटना। पाटलिपुत्र थानांतर्गत उत्तरी कृष्णापुरी के तुलसी पथ स्थित आशियाना ब्वायज हास्टल में गेट खोलने के बाद विवाद में शनिवार की रात छात्रों के दो गुटों में फायरिंग हुई, जिसमें एक युवक को सीने में दाएं तरफ गोली लग गई।
इसके बाद आरोपित फरार हो गए। सूचना पर पहुंची डायल 112 की पुलिस टीम ने जख्मी युवक को इलाज के लिए निजी अस्पताल में भर्ती कराया। मौके से दो खोखे बरामद हुए। घायल की पहचान समस्तीपुर जिले के हसनपुर थानांतर्गत मुरोध गांव निवासी आयुष सुमन (19) के रूप में हुई है।
इस मामले में पुलिस ने रविवार की सुबह तक 16 युवकों को कट्टा, पिस्टल, आठ कारतूस और मैग्जीन के साथ पाटलिपुत्र एवं एसकेपुरी थाना क्षेत्रों से गिरफ्तार किया। डीएसपी (विधि-व्यवस्था) कृष्ण मुरारी प्रसाद ने बताया कि एक आरोपित के पिता पुलिस पदाधिकारी बताए जा रहे हैं, जिसका सत्यापन कराया जा रहा है।
जख्मी एवं गिरफ्तार युवक विभिन्न जिलों के निवासी हैं। वे विभिन्न लाज एवं हास्टल में रहकर पढ़ाई करते हैं। पुलिस उनके आपराधिक इतिहास का भी पता लगा रही है।
अनीश और आयुष के बीच हुआ था विवादबताया जाता है कि गिरफ्तार अनीश और जख्मी आयुष दोनों आशियाना ब्वायज हास्टल में रहते हैं। रात करीब 11 बजे अनीश ने पानी लाने के लिए बाहर जाने की बात कहकर गार्ड को दरवाजा खोलने को कहा, मगर वह तैयार नहीं था। इस बीच आयुष वहां पहुंचा और उसने कहा कि उसे भी पानी लाने के लिए बाहर जाना है।
इस बार गार्ड ने दरवाजा खोल दिया। इसे अनीश प्रतिष्ठा का विषय बनाकर गार्ड से उलझ गया। तब आयुष गार्ड के समर्थन में खड़ा हो गया। बात बढ़ी तो अनीश एवं आयुष ने काल कर अपने-अपने दोस्तों को बुला लिया। इस बीच अनीश के दोस्तों ने हवाई फायरिंग शुरू कर दी। तनातनी के दौरान एक गोली आयुष को लग गई।
डीएसपी के अनुसार, मौके से पिस्टल की गोलियों के खोखे मिले थे। बरामद कट्टा और पिस्टल दोनों को बैलिस्टिक जांच के लिए एफएसएल भेजा जाएगा।
गिरफ्तार प्रिंस के फ्लैट से मिले हथियाररात में ही पुलिस ने आयुष का बयान लिया। उसके आधार पर विवेकानंद मार्ग स्थित दो हास्टलों से अनीश समेत 11 आरोपितों को गिरफ्तार किया गया। अनीश की निशानदेही पर एसकेपुरी थानांतर्गत राजेंद्र पथ के जानकी मणि अपार्टमेंट के फ्लैट नंबर 104 में छापेमारी की।
इसे प्रिंस कुमार (19) ने किराये पर ले रखा है। वह मूलरूप से जहानाबाद जिले के कलपा थानांतर्गत केशवा गांव निवासी दीपेंद्र कुमार उर्फ टीपू का पुत्र है।
फ्लैट की तलाशी के दौरान वहां से हथियार और कारतूस मिले। इसके बाद पुलिस ने प्रिंस के साथ फ्लैट में रहे कुणाल कुमार सिंह (मोहद्दीनगर, समस्तीपुर), केशव कांत उर्फ ऋषभ (बोचहा, मुजफ्फरपुर), रौनक कुमार (गुआपाकड़, कलपा, जहानाबाद) और हर्ष कुमार (उत्तरी दौलतपुर, जहानाबाद) को गिरफ्तार किया।
एक चारपहिया वाहन भी जब्त किया गया, जिस पर एक राजनीतिक दल का झंडा लगा था। इसके अलावा पाटलिपुत्र थाना क्षेत्र से गिरफ्तार युवकों में अनीश कुमार सिंह, समस्तीपुर निवासी प्रिंस, आयुष कुमार, रवि शंकर, अनमोल, प्रणय, विशाल, निखिल, अंश और राजकुमार शामिल हैं।
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Bihar Politics: चुनावी घोषणा के बाद पशुपति पारस को बड़ा झटका, कई नेताओं ने मारी 'पलटी'; इस पार्टी का थामा हाथ
राज्य ब्यूरो, पटना। Bihar Political News In Hindi राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी (पारस गुट) के प्रदेश महासचिव शक्ति पासवान ने अपने दर्जनों समर्थकों के साथ पार्टी से इस्तीफा देकर हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (से.) का दामन थाम लिया। हम अध्यक्ष और मंत्री संतोष कुमार सुमन ने इन लोगों को सदस्यता दिलाई।
इस अवसर पर शक्ति पासवान ने कहा कि हम (से.) गरीबों की पार्टी है। यह पार्टी गरीबों के लिए ही काम करती है। उसके नीति और सिद्धांत से प्रभावित होकर वे इसमें शामिल हुए हैं। संतोष कुमार सुमन ने कहा की इनके पार्टी में आने से निश्चित तौर पर पार्टी मजबूत होगी।
शक्ति के साथ सदस्यता लेने वालों में प्रियरंजन कुमार सिन्हा, रीना देवी,राकेश सिंह वे अन्य शामिल रहे। इस अवसर पर पार्टी के श्याम सुन्दर शरण, राजन सिद्दिकी,कमाल परवेज व अन्य नेता उपस्थित थे।
सीट शेयरिंग के फार्मूले को फाइनल टचबिहार में एनडीए (BIhar NDA) की सीट शेयरिंग (Seat Sharing In NDA) के फार्मूले को फाइनल टच दिया जा रहा है। ऐसी संभावना है कि मंगलवार को उन प्रत्याशियों की घोषणा हो जाएगी, जो एनडीए के टिकट पर मैदान में होंगे।
जदयू ने अपने होमवर्क को पूरा कर लिया है। मुख्यमंत्री के स्तर पर प्रत्याशियों के नाम पर विमर्श इस बात को लेकर सहमति है कि जदयू लोकसभा की 16 सीटों पर अपने प्रत्याशी देगा।
लोजपा (रामविलास) के सांसद चिराग पासवान (Chirag Paswan) की चर्चा हाजीपुर लोकसभा से चुनाव लड़ने की है। ऐसे में अगर वह जमुई (सुरक्षित) सीट छोड़ते हैं तो उसपर जदयू की दावेदारी हो सकती है। वहीं, ऐसा माना जा रहा है कि सीट शेयरिंग को लेकर पशुपति पारस (Pashupati Kumar Paras) की बात नहीं बन रही है।
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Lok Sabha Elections: लोकसभा चुनाव 2024 के लिए निषेद्याज्ञा लागू, आदर्श आचार संहिता को लेकर पटना DM ने बड़ा आदेश
जागरण संवाददाता, पटना। Lok Sabha Elections 2024 लोकसभा चुनाव की घोषणा होने के साथ आदर्श आचार संहिता प्रभावी हो गई है। इस क्रम में शांति व्यवस्था बनाए रखने, आदर्श आचार संहिता के अनुपालन को लेकर जिलाधिकारी शीर्षत कपिल अशोक ने दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 144 के तहत निषेधाज्ञा का आदेश दिया है।
यह चुनाव प्रक्रिया समाप्त होने तक अथवा अधिकतम 60 दिनों तक, जो भी पहले हो प्रभावी रहेगा। अपने आदेश में उन्होंने कई दिशानिर्देश जारी किया है। डीएम ने कहा कि चुनाव प्रचार के लिए जनसभा एवं जुलूस के आयोजन की तैयारी होने लगी है।
सभा या जुलूस में राजनैतिक प्रतिद्वंद्विता के कारण शस्त्र एवं शक्ति प्रदर्शन कर मतदाताओं को डराने-धमकाने और विधि व्यवस्था भंग होने की संभावना रहती है। इसको देखते हुए निषेधाज्ञा लागू की गई है।
राजनीतिक प्रयोजन से संबंधित कोई भी सभा, जुलूस, धरना-प्रदर्शन और ध्वनि विस्तारक यंत्रों का उपयोग बिना सक्षम पदाधिकारी की अनुमति के नहीं होगा। लाउडस्पीकर का प्रयोग 10 बजे रात से सुबह छह बजे तक प्रतिबंधित रहेगा।
किसी प्रकार का आपत्तिजनक, गैरकानूनी संदेश, वाट्सएप, एसएमएस या अन्य इलेक्ट्रानिक माध्यम से आदान-प्रदान करने पर भी रोक लगा दी गई है।
हथियार का सार्वजनिक उपयोग नहीं किया जाएगाधार्मिक स्थल का प्रयोग राजनैतिक प्रचार आदि के लिए नहीं होगा। हथियार, तीर-धनुष, भाला-गड़ांसा अथवा किसी अन्य घातक हथियार का सार्वजनिक उपयोग नहीं किया जाएगा।
जिला निर्वाचन पदाधिकारी सह जिलाधिकारी शीर्षत कपिल अशोक ने स्वतंत्र, निष्पक्ष, भयमुक्त, पारदर्शी एवं सहभागितापूर्ण वातावरण में लोकसभा आम चुनाव संपन्न कराने की बात पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि इसके लिए 20 कोषांग लगातार क्रियाशील है।
वे रविवार को समाहरणालय में लोकसभा आम चुनाव की तैयारियों की समीक्षा कर रहे थे। पदाधिकारियों से कहा कि सभी पदाधिकारी भारत निर्वाचन आयोग के निर्देशों के अनुरूप आदर्श आचार संहिता का सख्ती से अनुपालन कराएंगे।
ईवीएम भंडारण सीलिंग, मतदान अत्यंत महत्वपूर्णडीएम ने कहा कि ईवीएम भंडारण, सुरक्षा, सीलिंग, मतदान-मतगणना में ईवीएम का प्रबंधन आदि अत्यंत महत्वपूर्ण है। इसमें किसी भी प्रकार की कोताही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। प्रलोभन-मुक्त मतदान के लिए सघन अभियान चलाने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि प्रवर्तन एजेंसियों के साथ समीक्षा बैठक की गई है।
अवैध गतिविधियों पर अंकुश लगाने और बेहतर परिणाम के लिए एक समन्वित दृष्टिकोण के साथ चलें। चुनावों में प्रलोभन की भूमिका खत्म करने और लेवल प्लेइंग फील्ड (एक समान अवसर) के लिए सभी एजेंसियां समन्वित तरीके से काम कर रही हैं।
शिकायतों पर एक सौ मिनट के भीतर होगी कार्रवाईचुनाव के दौरान 132 एसएसटी एवं 71 एफएस लगातार क्रियाशील रहेगी। इनके साथ सेक्टर दंडाधिकारी, उत्पाद विभाग की टीम, वीडियो व्यूइंग टीम भी क्रियाशील रहेगी। बिना किसी भय या प्रलोभन के चुनाव में भाग लें।
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राज्य ब्यूरो, पटना। Bihar Political News In Hindi महागठबंधन में सीट बंटवारे (I.N.D.I.A Seat Sharing) पर जिसे पेच बताया जा रहा, वह वस्तुत: मोल-तोल में कमजोर पड़ रहे राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के दो सहयोगियों के रुख की प्रतीक्षा है। पशुपति कुमार पारस (Pashupati Kumar Paras) और उपेन्द्र कुशवाहा (Upendra Kushwaha) को राजग में अपेक्षा के अनुरूप हिस्सेदारी नहीं मिल रही।
ऐसे में राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद (Lalu Yadav) उन दोनों को महागठबंधन का हमराही बनाने की आस लगाए हुए हैं। राजद के लिए अधिक सीटों की अपेक्षा का एक यह भी कारण है। हालांकि, सोमवार को महागठबंधन में बड़े घटक दलों का हिस्सा लगभग तय हो जाना है।
कांग्रेस (Congress) अपनी आठ सीटें पक्की मान कर चल रही, जबकि वाम दलों को तीन-चार से संतुष्ट रखने का प्रयास है। बाकी बची सीटें राजद के खाते में होंगी। नव-आगंतुकों को भी उसी में से हिस्सा मिलना है। सोमवार को दिल्ली में बिहार कांग्रेस के अध्यक्ष डॉ. अखिलेश प्रसाद सिंह के आवास पर पार्टी नेताओं के बीच विचार-विमर्श होगा।
चिराग पासवान को भी राजग में सम्मानजनक हिस्सेदारीउसके बाद राजद के प्रतिनिधियों (मनोज झा और संजय यादव) से बात होगी। वह बात लगभग आखिरी सहमति तक पहुंचने वाली होगी। इसके बावजूद महागठबंधन के दरवाजे इसलिए खुले रखे जाएंगे, क्योंकि राजग में भी अभी सीटों का बंटवारा नहीं हुआ है और असंतोष की आशंका बनी हुई है।
भाजपा और जदयू के साथ चिराग पासवान को भी राजग में सम्मानजनक हिस्सेदारी मिल जाने के बाद पारस और कुशवाहा अपने लिए गुणा-गणित लगाकर परिणाम संतोषजनक नहीं पा रहे। महागठबंधन में कुशवाहा को पिछली बार पांच सीटें मिली थीं।
अंदरखाने राजद (RJD) की ओर से पुराने साथ-सहयोग का स्मरण कराया जा रहा। बात बन गई तो ठीक, अन्यथा राजद 25 से 28 सीटों पर मैदान में होगा। आठ-नौ सीटें कांग्रेस को मिल जाएंगी और उसके बाद वामदलों के लिए भी पूरा हिस्सा रहेगा।
आरा, सिवान और काराकाट पर भाकपा (माले) की नजर लगी हुई है। भाकपा बेगूसराय की इच्छा रखे है और माकपा मधुबनी की।
कांग्रेस की दावेदारीनवादा और पूर्वी चंपारण पर राजद के आगे कांग्रेस की इच्छा नहीं चलने वाली। पश्चिमी चंपारण के लिए संभावना बन रही है। ऐसे में वाल्मीकिनगर से मोह त्याग करना होगा। पटना साहिब कांग्रेस को बहुत पसंद नहीं। समस्तीपुर में पिछले चुनाव तक वह मुकाबले में रही है। इस बार उसके छीन जाने की प्रबल आशंका है।
फायर ब्रांड कन्हैया कुमार के लिए बेगूसराय की अपेक्षा है, लेकिन वाम दलों की दावेदारी आड़े आ रही। कटिहार में भी ऐसी अड़चन है। हालांकि, कांग्रेस वहां अपनी दावेदारी नहीं छोड़ रही। तारिक अनवर के एक बार फिर वहां से दांव आजमाने की संभावना है।
सांसद मो जावेद की किशनगंज सीट पक्कीप्रियंका गांधी से निकटता के आधार पर पार्टी के राष्ट्रीय सचिव तौकीर आलम भी हाथ-पैर मार रहे। सांसद मो जावेद की किशनगंज सीट पक्की है। सुपौल और पूर्णिया में से कोई एक सीट मिल सकती है। राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव पसीना बहा रहे। मुजफ्फरपुर में विधायक विजेंद्र चौधरी तो लगातार क्षेत्र में बने हुए हैं।
मधुबनी के लिए पूर्व मंत्री कृपानाथ पाठक की चर्चा है। सासाराम से मीरा कुमार का नाम अभी दरकिनार नहीं हुआ है, लेकिन उनके मजबूत विकल्प पर विचार चल रहा। औरंगाबाद के लिए भी अंतिम निर्णय नहीं हुआ।
पूर्व राज्यपाल निखिल कुमार की उस सीट पर कई दावेदार हैं। राजद की इच्छा है कि वहां कुशवाहा बिरादरी का प्रत्याशी हो। पिछली बार महागठबंधन में हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा से उपेंद्र प्रसाद ने अच्छी टक्कर दी थी।
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Bihar Weather Today: पटना और अन्य जिलों में बिगड़ने वाला है मौसम, बारिश का अनुमान; होली में ऐसा रहेगा हाल
जागरण टीम, पटना। Bihar Weather Today होली से पहले मौसम का मिजाज बिगड़ने वाला है। राजधानी समेत प्रदेश का मौसम शुष्क बना रहेगा। 19 मार्च से 21 मार्च तक पटना समेत अन्य जिलों में मेघ गर्जन के साथ हल्की वर्षा के आसार हैं।
भागलपुर में सोमवार को मौसम पूर्वानुमान के अनुसार,आसमान साफ रहेगा। हल्के बादल का प्रभाव भी रहेगा। पश्चिमी उत्तरी हवा छह किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से चलेगी। आम के फूल और फल लगने की प्रक्रिया काफी हद तक मौसम की स्थिति पर निर्भर करती है।
आम के फूलों के लिए आदर्श मौसम की स्थिति उच्च आर्द्रता और 30-37 डिग्री सेल्सियस के बीच का तापमान है। कृषि विज्ञान केंद्र राघोपुर के वरीय विज्ञानी सह प्रधान डा. मिथिलेश कुमार राय बताते हैं कि फिलहाल मौसम आम की फसल के लिए अनुकूल है।
सूर्य का प्रकाश बाग की जमीन तक पहुंचेआम की अच्छी उपज के लिए आम के बाग में मधुमक्खी का बक्सा रखना अच्छा होता है। साथ ही बागों का प्रबंधन भी महत्वपूर्ण होता है। बताया कि जिन आम के बागों का प्रबंधन ठीक से नहीं होता है वहां पर हापर या भुनगा कीट बहुत संख्या में हो जाते है अतः आवश्यक है कि सूर्य का प्रकाश बाग की जमीन तक पहुंचे।
जहां पर बाग घना होता है वहां भी इन कीटों की संख्या ज्यादा होती है। मंजर इस कीट के लिए बहुत ही अच्छे खाद्य पदार्थ होते हैं जिनकी वजह से कीटों की संख्या में काफी वृद्धि हो जाती है।
इन कीटों की उपस्थिति की पहचान यह है कि जब हम बाग के पास जाते है तो झुंड के झुंड कीड़े पास आते हैं। यदि इन कीटों को प्रबंधित नहीं किया जाय तो ये मंजर से रस चूस लेते है जिससे मंजर झड़ जाते हैं।
पूर्वानुमान अधिकतम न्यूनतमपटना- 33.0 18.0
मुजफ्फरपुर- 32.0 18.0
भागलपुर- 32.0 17.0
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Patna News: लोकसभा चुनाव में चार हजार वाहनों की पड़ेगी जरूरत, चालकों को प्रतिदिन मिलेंगे 300 रुपये
जागरण संवाददाता, पटना। जिले में लोकसभा चुनाव कराने के लिए चार हजार वाहनों की जरूरत पड़ेगी। वाहन कोषांग के नोडल पदाधिकारी सह जिला परिवहन पदाधिकारी श्रीप्रकाश ने वाहनों के आकलन रिपोर्ट जिला निर्वाचन पदाधिकारी सह जिलाधिकारी को सौंप दी है।
रिपोर्ट में कहा गया कि पटना साहिब और पाटलिपुत्र लोक सभा और मुंगेर लोकसभा के दो विधानसभा बाढ़ और मोकामा में चुनाव कराने में चार हजार वाहनों की जरूरत पड़ेगी।
वाहन कोषांग के नोडल पदाधिकारी श्रीप्रकाश ने बताया कि चुनाव एक जून को है। वर्तमान में जरूरत के अनुसार वाहनों की धर-पकड़ की जाएगी। गांधी मैदान में जब्त वाहनों को रखा जाएगा।
वाहन के रेट में 30 प्रतिशत वृद्धि कर दी गई है। चालकों को अग्रिम भुगतान की व्यवस्था की गई है। गांधी मैदान में ठहरने की उचित व्यवस्था रहेगी। ठहराव स्थल पर मनोरंजन के लिए टेलीविजन की व्यवस्था रहेगी। पानी की व्यवस्था कराई जाएगी।
चालकों को प्रतिदिन 300 रुपये भुगतान होगा। वाहन के साथ आने पर पहले दिन पांच दिन की खुराकी के तौर पर 1500 रुपये दिया जाएगा। वाहन कोषांग में 15 कर्मियों को रखा गया है। संख्या में और वृद्धि की मांग की गई है।
चुनाव कार्य के लिए वाहन अधिग्रहण के लिए जाएगा नोटिसवाहन कोषांग के नोडल पदाधिकारी ने बताया कि चुनाव कार्य के लिए वाहन अधिग्रहण के लिए नोटिस भेजा जाएगा। नोटिस जाने के बाद वाहन जमा करना पड़ेगा। प्रशासन सख्त कदम उठाएगा। वाहन नहीं जमा करने पर सख्त कार्रवाई होगी।
जिलाधिकारी ने स्पष्ट निर्देश दिया है कि चुनाव कार्य के लिए वाहन मालिकों को नोटिस भेजें। सभी स्कूली बसों को अपना बस देना पड़ेगा। वाहनों को अंतिम समय में जब्त किया जाएगा।
जिला परिवहन पदाधिकारी ने बताया कि वाहनों जब्त करने के बाद उसका निर्धारित शुल्क देना पड़ेगा। इस कारण बेवजह पहले वाहनों को जब्त नहीं किया जाएगा।
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Patna Crime: 'आपका बेटा दुष्कर्म के आरोप में पकड़ाया है...', महिला को रोने की सुनाई आवाज; जेल भेजने की धमकी देकर ठगे 50 हजार
जागरण संवाददाता, पटना। नेहरू नगर निवासी पीड़िता के मोबाइल पर 14 मार्च की दोपहर 12 बजे अनजान अंजान नंबर से फोन आया। कहा कि वह थाने से पुलिसकर्मी मुकेश कुमार बोल रहा है।
आपके बेटे को दुष्कर्म के मामले में गिरफ्तार किया गया है। वह अपने दो दोस्तों के साथ बाइक पर जा रहा था। दोनों दुष्कर्म के आरोपित हैं। नकली पुलिसकर्मी पीड़िता को डराने और धमकाने लगा कि उसके बेटे की पिटाई की जाएगी। फोन पर रोने की आवाज सुनाई गई।
पीछे से रोते हुए आवाज आ रही थी कि मम्मी मैंने कुछ नहीं किया है, मैं गलत नहीं कर सकता। आदि ये बातें बोलकर रोने लगा। आदि नाम और रोने की आवाज सुनकर वह डर गई। उन्हें कुछ समझ नहीं आ रहा था।
इसके बाद दूसरे नंबर से फोन आया। उसने कहा कि बेटे को छुड़ाना है तो अभी 50 हजार रुपये ट्रांसफर करो। नहीं तो बेटे को जेल होगी और बदनामी भी होगी। इससे वह डर गई और बहन को बोलकर रुपये ठगों के खाते में ट्रांसफर कर दिया। रुपये भेजने के बाद ठगों ने पीड़िता का नंबर ब्लॉक कर दिया।
ऐसे फर्जी काल से रहें सावधान, बरतें सावधानी-किसी भी व्यक्ति को कोई थाना का पुलिस पदाधिकारी बनकर गिरफ्तारी का भय दिखा छुड़ाने हेतु पैसे की मांग करे तो ध्यान मत दें।
-सर्वप्रथम गिरफ्तार होने वाले व्यक्ति से अविलंब फोन कर सही जानकारी प्राप्त करें। फोन नहीं लगने पर नजदीकी थाने से संपर्क करें।
-इस संबंध में अपने सगे संबंधियों, मित्रों, पड़ोस के लोगों को भी सावधान करें कि ऐसे फर्जी काल पर ठगी का शिकार बनाया जा रहा है।
-इस तरह की घटना में तो तुरंत नजदीकी थाने में सूचना दें। साइबर ठगी संबंधित सूचना एसीआरपी के हेल्पलाइन नंबर 1930 पर भी दें।
-आर्थिक अपराध इकाई पटना स्थित सोशल मीडिया पेट्रोलिंग एवं मानिटरिंग यूनिट के वॉट्सऐप नंबर 8544428404 और ई-मेल पर दें।
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BPSC TRE Paper Leak: गिरोह ने बदल दिया था पेपर लीक का मॉड्यूल, फिर भी कसा शिकंजा; इतने में हुई थी डील
संवाददाता, पटना। बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) के द्वारा शुक्रवार को ली गई शिक्षक भर्ती परीक्षा में सेट अभ्यर्थियों से मोटी रकम लेकर उन्हें सफलता दिलाने का ठेका लेने वाले साल्वर गिरोह के कई और सदस्यों की पहचान की जा रही है।
हजारीबाग से परीक्षा के पूर्व 266 अभ्यर्थियों और गिरोह के चार सदस्यों की गिरफ्तारी के बाद मिले साक्ष्य की तकनीकी अनुसंधान जारी है। जांच टीम की छानबीन में ये बातें भी सामने आ रही हैं कि इस बार संगठित गिरोह ने पेपर लीक का माड्यूल बदल दिया था।
दस-दस लाख में किया गया था सौदापरीक्षा के पूर्व गिरोह के सदस्य या सेट अभ्यर्थियों की गलती से उत्तर लीक न हो जाए, इस वजह से उन्हें हायर कर उन्हें प्रश्नों के उत्तर की तैयारी करवाई जा रही थी। संगठित गिरोह और सेट अभ्यर्थियों के बीच दस-दस लाख में सौदा किया गया था।
हजारीबाग में छापेमारी के दौरान छह सौ एडमिट कार्ड बरामद होने की बात सामने आई थी। ऐसे में साल्वर गिरोह और सेट अभ्यर्थियों के बीच डील का अंदाजा लगाया जा सकता है।
सूत्रों की मानें तो इस वजह से गिरोह के सदस्य या फिर सेट अभ्यर्थियों की गलती से कहीं परीक्षा के पूर्व ही उत्तर इंटरनेट मीडिया पर लीक न हो जाए, इसके लिए सेट अभ्यर्थियों को बस और अन्य साधनों से होटल में ठहराया गया था।
सेट अभ्यर्थियों के डॉक्यूमेंट और मोबाइल रखवा लिए थेउनसे मूल प्रमाण पत्र, ब्लैंक चेक सहित अन्य कागजात और मोबाइल तक रखवा लिया गया था। इतना ही नहीं, बिहार के बाहर सेटिंग करने के लिए गिरोह में झारखंड के भी कुछ साल्वर शामिल किए गए थे। किसी को संदेह न हो इस वजह से गिरोह सेट अभ्यर्थियों को सभी को बिहार से बाहर सीमावर्ती जिले के आसपास रखकर उन्हें उत्तर रटवाने का काम भी कर रहा था।
इस मामले में अभ्यर्थियों के अलावा हाजीपुर और हजारीबाग के चार साल्वरों को दबोचा जा चुका है। ऐसा माना जा रहा है कि गिरोह के कई और सदस्य है, जो अलग अलग हिस्सों में सेट अभ्यर्थियों ले गए थे।
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Bihar Politics: लोकसभा चुनाव के लिए एक्शन मोड में आई भाजपा, उम्मीदवारों से पहले चुनाव प्रबंधन समिति का किया एलान
राज्य ब्यूरो, पटना। भाजपा चुनाव प्रबंधन विभाग के प्रदेश संयोजक राधिका रमण ने रविवार को विभाग के पदाधिकारियों की सूची घोषित कर दी। जारी सूची के अनुसार, कुमार सचिन, प्रियंका राजलक्ष्मी, अवधेश सिंह, रविन्द्र शर्मा व संजीव कृष्ण बरियार को विभाग का प्रदेश सह संयोजक मनोनीत किया गया है।
प्रकाश शर्मा को मुख्यालय प्रभारी, अनिल यादव को मुख्यालय सह- प्रभारी, मुकेश कुमार को मीडिया प्रभारी व आलोक कुमार को सोशल मीडिया प्रभारी बनाया गया है। राम अनुराग सिंह, राम तुजभ सिंह, संजय कुमार वर्मा, लोकेश, अनुप कुमार पांडेय, जितेंद्र कुमार राय व शिव सागर शर्मा को क्षेत्रीय प्रभारी बनाया गया है।
कांग्रेस की न्याय यात्रा को जनता ने नकारा : मंगल पांडेयस्वास्थ्य एवं कृषि मंत्री मंगल पांडेय ने पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की न्याय यात्रा के समापन पर महाराष्ट्र में हुई महारैली पर कटाक्ष किया है। उन्होंने कहा है कि कांग्रेस सांसद देशभर में नफरत एवं झूठ का बाजार चलाते हैं। केंद्र की समावेशी विकास वाली सरकार पर आरोप लगाने से पहले उन्हें अपने कारनामों की फाइल खोलनी चाहिए।
मंगल पांडेय ने कहा कि राहुल शायद भूल गए कि हाल ही में उजागर हुए देश के सबसे बड़े बैंक घोटाले एबीजी शिपयार्ड स्कैम को लेकर सीबीआइ ने दावा किया था कि ये 2005 से 2012 के बीच हुआ। ये देश का सबसे बड़ा बैंक घोटाला है। इस घोटाले में कांग्रेस नीत पूर्ववर्ती यूपीए सरकार घेरे में आ चुकी है।
मंगल पांडेय ने आगे कहा कि सीबीआइ का कहना है कि कंपनी को अधिकांश बैंक लोन का भुगतान इसी अवधि के दौरान हुआ है। यूपीए काल में देश कमजोर पांच अर्थव्यवस्थाओं में थी। अब देश मोदी के नेतृत्व में शीर्ष पांच अर्थव्यवस्थाओं में सम्मिलित है।
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Bihar Politics: बिहार के सभी 40 लोकसभा क्षेत्रों में होगा मेडिकल कॉलेज, चुनाव से पहले सम्राट चौधरी का बड़ा एलान
राज्य ब्यूरो, पटना। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष एवं उप मुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने कहा है कि बिहार में स्वास्थ्य के क्षेत्र में सुधार की आवश्यकता है। सरकार इस क्षेत्र के सभी स्तर पर काम कर रही है। प्रदेश में अब तक 2.20 करोड़ लोगों को आयुष्मान कार्ड उपलब्ध करा दिया गया है। आने वाले दिनों में नौ करोड़ से अधिक लोगों को यह कार्ड उपलब्ध कराया जाएगा।
चौधरी रविवार को भाजपा प्रदेश मुख्यालय में 'विकसित भारत संकल्प पत्र' के लिए सुझाव आमंत्रित करने के उद्देश्य से चिकित्सा प्रकोष्ठ द्वारा आयोजित प्रदेश स्तरीय सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि 2014 से 2019 तक लिए गए संकल्पों में से 99 प्रतिशत पूरे किए गए तो मोदी की गारंटी के तहत 2019 से 2024 के बीच 2019 में लिए गए संकल्पों में से 96 प्रतिशत संकल्प पूरे किए गए।
अब सभी 40 लोकसभा क्षेत्रों में मेडिकल कॉलेज बनाया जाएगा। अभी तक 16 -17 बनाने में हम सफल हुए हैं। बैठक को संबोधित करते हुए प्रकोष्ठ संयोजक डॉ. मृणाल झा ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के 400 पार के संकल्प को पूरा करने में चिकित्सा प्रकोष्ठ तन्मयता से जुटा है। इस मौके पर प्रसिद्ध चिकित्सक एवं पूर्व भाजपा अध्यक्ष डा. सीपी ठाकुर को प्रकोष्ठ के द्वारा सम्मानित किया गया।
सम्मेलन में संगठन महामंत्री भीखू भाई दलसानिया, मंत्री प्रेम कुमार, रेणु देवी, विभिन्न जिला के संयोजक के अलावा बड़ी संख्या में चिकित्सक और स्वास्थ्य क्षेत्र से जुड़े लोग उपस्थित थे।
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Bihar Politics: सीट शेयरिंग पर लालू और खरगे के बीच फाइनल डील कल, कांग्रेस की मांग 10 की पर मिलेंगी सिर्फ इतनी
राज्य ब्यूरो, पटना। पहले चरण में बिहार में नक्सल प्रभावित जिन चार संसदीय क्षेत्रों में चुनाव होना है, उनमें से दो (सासाराम और औरंगाबाद) पर कांग्रेस की दावेदारी है। बिहार के दो दिग्गज राजनीतिक परिवारों की प्रतिष्ठा से जुड़ी वे उसकी परंपरागत सीटें हैं। बहुत संभव है कि महागठबंधन में वे दोनों सीटें उसे मिल जाएं। उनके साथ बिहार कांग्रेस की अपेक्षा कुल दस सीटों की है।
राजद और वाम दलों के दबाव में इतनी गुंजाइश शायद नहीं बने, लेकिन आठ सीटों पर वह अपनी दावेदारी को लगभग पक्की मान रही। बहुत संभव है कि सोमवार को दिल्ली में होने वाली बैठक में उन सीटों के लिए सहमति बन जाए। सामाजिक समीकरण और जिताऊं उनमें से कुछ संसदीय क्षेत्रों में तो दावेदार जनसंपर्क भी शुरू कर चुके हैं।
बिहार कांग्रेस के अध्यक्ष डॉ. अखिलेश प्रसाद सिंह दिल्ली स्थित आवास पर बैठक होनी है। प्रदेश प्रभारी मोहन प्रकाश और स्क्रीनिंग कमेटी के अध्यक्ष राणा केपी सिंह के साथ विचार-विमर्श के बाद राजद के प्रतिनिधियों से बात होगी। यह बात लगभग आखिरी सहमति तक पहुंचने वाली होगी।
खरगे लगाएंगे मुहर आखिरी मुहरउल्लेखनीय है कि शनिवार को पटना में 54 सदस्यीय प्रदेश चुनाव समिति के साथ राणा की बैठक हुई थी। सीटों पर समझौते और प्रत्याशियों की घोषणा के लिए पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे अधिकृत किए गए थे। सोमवार को बैठक में जो तय होगा, खरगे लगभग उसी पर अपनी मुहर लगाएंगे।
नवादा पूर्वी चंपारण समेत इन सीटों पर कौन?नवादा और पूर्वी चंपारण पर राजद के आगे कांग्रेस की इच्छा नहीं चलने वाली। पश्चिमी चंपारण के लिए संभावना बन रही है। ऐसे में वाल्मीकिनगर से मोह त्याग करना होगा। पटना साहिब कांग्रेस को बहुत पसंद नहीं है। समस्तीपुर में पिछले चुनाव तक वह मुकाबले में रही है। इस बार उसके छीन जाने की प्रबल आशंका है।
फायर ब्रांड कन्हैया कुमार का क्या होगा?फायर ब्रांड कन्हैया कुमार के लिए बेगूसराय की अपेक्षा है, लेकिन वाम दलों की दावेदारी आड़े आ रही। कटिहार में भी ऐसी अड़चन है। हालांकि, कांग्रेस वहां अपनी दावेदारी नहीं छोड़ रही। तारिक अनवर के एक बार फिर वहां से दांव आजमाने की संभावना है। प्रियंका गांधी से निकटता के आधार पर पार्टी के राष्ट्रीय सचिव तौकीर आलम भी हाथ-पैर मार रहे। सांसद मो जावेद की किशनगंज सीट पक्की है।
सुपौल और पूर्णिया में से एक ही आएगी कांग्रेस के हाथसुपौल और पूर्णिया में से कोई एक सीट मिल सकती है। राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव पसीना बहा रहे। मुजफ्फरपुर में विधायक विजेंद्र चौधरी तो लगातार क्षेत्र में बने हुए हैं। मधुबनी के लिए पूर्व मंत्री कृपानाथ पाठक की चर्चा है।
सासाराम और औरंगाबाद का क्या?सासाराम से मीरा कुमार का नाम अभी दरकिनार नहीं हुआ है, लेकिन उनके मजबूत विकल्प पर विचार चल रहा। औरंगाबाद के लिए भी अंतिम निर्णय नहीं हुआ। पूर्व राज्यपाल निखिल कुमार की उस सीट पर कई दावेदार हैं। राजद की इच्छा है कि वहां कुशवाहा बिरादरी का प्रत्याशी हो। पिछली बार महागठबंधन में हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा से उपेंद्र प्रसाद ने अच्छी टक्कर दी थी।
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Bihar Politics: लालू यादव की बेटियों का टिकट कंफर्म! रोहिणी छपरा तो मीसा भारती इस सीट से लड़ सकती हैं चुनाव
राज्य ब्यूरो, पटना। अपने बीमार पिता लालू प्रसाद को किडनी दान देकर रातोंरात सुर्खियां में आई लालू प्रसाद की छोटी बेटी रोहिणी आचार्य छपरा लोकसभा क्षेत्र से अपनी किस्मत आजमा सकती हैं। वहीं, लालू प्रसाद की बड़ी बेटी डॉ. मीसा भारती पाटलिपुत्र संसदीय क्षेत्र से चुनाव मैदान में उतर सकती हैं। पाटलिपुत्र सीट के लिए मीसा का यह तीसरा प्रयास होगा।
राष्ट्रीय जनता दल और इसके अन्य सहयोगी दलों के बीच सीटों को लेकर बातचीत के कई दौर हो चुके हैं, लेकिन महागठबंधन अब तक किसी नतीजे पर नहीं पहुंचा है। सोमवार को महागठबंधन में सीट विभाजन को लेकर एक बार फिर दिल्ली में बैठक संभावित है। इस बैठक में राजद की ओर से राज्यसभा सदस्य मनोज झा और संजय यादव भाग लेंगे।
इस बैठक के पूर्व राजनीतिक हलके में यह खबर जोर पकड़ रही है कि लालू प्रसाद ने दो लोकसभा सीटों के लिए अपने उम्मीदवारों के नाम तय कर दिए हैं। बस इनके नाम का आधिकारिक एलान होना बाकी है।
लालू और तेजस्वी दोनों की सहमतिसूत्रों के मुताबिक, लालू प्रसाद और नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने आपसी सहमति से निर्णय लिया है कि लालू परिवार की पुत्री रोहिणी आचार्या को छपरा लोकसभा सीट से चुनाव मैदान में उतारा जाएगा। जबकि लालू प्रसाद की बड़ी पुत्री डॉ. मीसा भारती तीसरी बार पाटलिपुत्र लोकसभा क्षेत्र से वर्तमान सांसद रामकृपाल यादव को टक्कर देंगी।
2017 में पहली बार चर्चा में आईं थी रोहिणी आचार्यरोहिणी आचार्य का कुछ दिनों पूर्व तक राजनीति से कोई खास वास्ता नहीं था। हालांकि 2017 में पहली बार यह बात चर्चा में आई थी कि रोहिणी को राजद अपने कोटे से राज्यसभा भेजना चाहता है। हालांकि ऐसा कुछ हुआ नहीं।
रोहिणी क नाम चर्चा में तब आया जब उन्होंने अपने पिता लालू प्रसाद को अपनी एक किडनी दान दी। इसके बाद उनकी राजनीतिक सक्रियता भी बढ़ती दिखाई दी।
सोशल मीडिया पर काफी एक्टिव हैं रोहिणीरोहिणी आए दिन अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर लालू और तेजस्वी के समर्थन में पोस्ट करती दिखती हैं। अब चर्चा है कि वे छपरा लोकसभा क्षेत्र से राजद के सिंबल पर चुनाव मैदान में उतर सकती हैं।
दो बार पहले भी किस्मत आजमा चुकी हैं मीसा भारतीलालू प्रसाद की बड़ी पुत्री डॉ. मीसा भारती तीसरी बार पाटलिपुत्र लोकसभा संसदीय क्षेत्र से किस्मत आजमा सकती हैं। पाटलिपुत्र से मीसा दो बार चुनाव लड़ चुकी है, लेकिन उन्होंने यहां से अब तक जीत का स्वाद नहीं चखा है।
सूत्रों की माने तो लालू प्रसाद ने इन दो सीटों के लिए मन बना लिया है और सीट बंटवारे के बाद वे स्वयं रोहिणी और मीसा को प्रत्याशी बनाए जाने की घोषणा कर सकते हैं।
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Bihar Politics: अगिआंव उप चुनाव में किसकी होगी जीत? यादव और राजपूत बड़े फैक्टर, पर चिराग बिगाड़ देंगे हर खेला!
राज्य ब्यूरो, पटना।Agiaon Assembly by-election लोकसभा के साथ ही भोजपुर जिला में अगिआंव विधानसभा क्षेत्र में उप चुनाव की घोषणा कर चुनाव आयोग ने विपक्ष के साथ सत्ता पक्ष की भी चुनौती बढ़ा दी है। महागठबंधन में वामदल की इस सीट पर सत्ता पक्ष की नजर टिक गई है। परिसीमन के बाद से इस सीट पर भाजपा, जदयू एवं वामदल (सीपीआइ) का कब्जा रहा है।
सुरक्षित सीट पर जदयू के प्रभुनाथ प्रसाद को मनोज मंजिल ने 2020 के चुनाव में पटखनी दे दी थी। इससे पहले जदयू के प्रभुनाथ प्रसाद ने भाजपा के शिवेश राम को हराया था। अगिआंव विधानसभा सीट 2008 में परिसीमन के बाद बनी थी। 2010 में पहली बार हुए चुनाव में भाजपा के शिवेश राम जीते थे।
अब तक हुए तीन चुनावों में अलग-अलग पार्टी के उम्मीदवार यहां से जीतते रहे हैं। लेकिन 2020 के चुनाव में लोजपा प्रमुख चिराग पासवान के प्रत्याशी ने जदयू के सुदामा की नींव हिला दी थी। त्रिकोणीय चुनाव होने के कारण मनोज मंजिल ने बाजी मार ली थी। दिलचस्प यह है इस सुरक्षित विधानसभा क्षेत्र में यादव और राजपूत मतदाताओं का दबदबा है।
मनोज मंजिल को आजीवन कारावासबता दें कि 2020 के विधानसभा चुनाव में अगिआंव सीट से सीपीआइ माले के मनोज मंजिल चुनकर विधानसभा पहुंचे थे। लेकिन फरवरी 2024 में अदालत ने मनोज मंजिल को हत्या के एक मामले में आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी।
एमपी/एमएलए कोर्ट द्वारा मनोज मंजिल को आजीवन कारावास की सजा सुनाए जाने के बाद विधानसभा सदस्यता रद हो गई। अब इस सीट के राजग में वर्तमान गठबंधन के तहत जदयू के खाते में जाने की प्रबल संभवना दिख रही है। उधर, महागठंधन में भी यह संभवना प्रबल है कि इस सीट पर एक फिर सीपीआइ ही प्रत्याशी उतारेगी।
पहली जून को होगा मतदानअगिआंव विधानसभा सीट पर उपचुनाव के लिए पहली जून को मतदान की तारीख आयोग ने घोषित की है। परिणाम जून को आएगा। इस पर नामांकन सात मई से शुरू जाएगी। वहीं, नाम वापसी की अंतिम तिथि 14 मई है। जबकि नामांकन पत्रों की जांच 15 मई को होगी। नाम वापसी की अंतिम तिथि 17 मई है। सभी प्रक्रिया चार जून तक पूरी कर ली जाएगी।
नौ साल पहले हुई थी किसान की निर्मम हत्याअगस्त 2015 में बड़गांव में माले नेता सतीश यादव की हत्या के चंद दिन बाद जेपी सिंह की हत्या कर दी गई थी। इस मामले में जेपी सिंह के बेटे ने 23 लोगों के खिलाफ नामजद एफआइआर दर्ज कराई थी। लंबे समय तक चले ट्रायल के बाद कोर्ट ने सभी 23 आरोपितों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी।
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'बिहार में आएंगे चौंकाने वाले परिणाम', इधर चुनावी महासमर का बजा बिगुल, उधर तेजस्वी ने कर दी बड़ी भविष्यवाणी
राज्य ब्यूरो, पटना। बिहार के पूर्व उप मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने कहा है कि बिहार ने हमेशा देश को दिशा दिखाई है। उन्होंने दावा किया कि इस बार लोकसभा चुनाव के परिणाम चौंकाने वाले होंगे। हम पूरी तरह से आशान्वित हैं और चुनाव के लिए पूरी तरह तैयार भी।
रविवार को मुंबई रवाना होने के पूर्व तेजस्वी यादव ने राज्य की नीतीश सरकार पर जमकर हमला बोला और पेपर लीक प्रकरण पर भी सवाल उठाते हुए कहा इसे कहते हैं असल माफिया राज।
तेजस्वी यादव ने कहा कि नीतीश कुमार भले ही महागठबंधन छोड़ राजग में चले गए हो, लेकिन बिहार की जनता वहीं खड़ी है। यहां के लोगों के अंदर करंट है।
17 वर्ष बनाम 17 महीने के अपने एजेंडे को दोहराते हुए उन्होंने कहा कि बिहार की नीतीश सरकार ने अपने कार्यकाल के 17 वर्ष में और केंद्र की मोदी सरकार ने 10 वर्ष में बिहार के लिए क्या किया? क्या बिहार के लोगों को विशेष राज्य का दर्जा मिला। यह हमारी पुरानी मांग रही है।
तेजस्वी ने पूछा- इनके सांसदों ने कौन सा कार्य किया?नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि पिछले 17 महीने में केंद्र सरकार ने जितनी सरकारी नौकरियां दी, उससे ज्यादा नौकरी हमने बिहार में दी। केंद्र सरकार ने न तो किसानों की समस्या पर ध्यान दिया न ही रोजगार पर। बिहार में राजग को 40 से 39 सीटें मिलीं। परंतु पांच वर्ष में इनके सांसदों ने क्षेत्र में कौन से कार्य किए। कितना विकास किया।
मोदी सरकार को जवाब देना होगा: तेजस्वीतेजस्वी यादव ने कहा कि हम लोगों ने इन्वेस्टर्स मीट में 50 हजार करोड़ का निवेश कराया। लालू प्रसाद ने बिहार में स्पेशल स्टेशन, हाल्ट बनवाएं, कई ट्रेनों की सौगात दी। मोदी सरकार को जनता को जवाब देना पड़ेगा।
नीतीश कुमार पर कसा तंजनीतीश कुमार पर तंज करते हुए तेजस्वी ने कहा नीतीश कुमार राजग में जाने के बाद कुछ बोल नहीं पा रहे हैं। हम उनकी मजबूरियों से परिचित हैं। उन्होंने पेपर लीक प्रकरण को लेकर हमलावर अंदाज में कहा इसे कहते हैं असल माफिया राज।
सवालिया अंदाज में कहा हमारी सरकार में 17 महीने में कोई पेपर लीक हुआ। लेकिन भाजपा का जहां-जहां राज है वहां ऐसा ही हो रहा है। उत्तर प्रदेश में क्या हुआ छिपा है क्या? आज एडमिट कार्ड के पीछे उत्तर लिखकर दे रहे हैं।
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राज्य ब्यूरो, पटना। चुनाव का बिगुल बजते ही राजनीतिक दल अपने प्रत्याशियों को तय करने के मामले को अंतिम रूप देने में लगे हैं। बिहार में एनडीए की सीट शेयरिंग के फॉर्मूले को फाइनल टच दिया जा रहा है। ऐसी संभावना है कि मंगलवार को उन प्रत्याशियों की घोषणा हो जाएगी, जो एनडीए की टिकट पर मैदान में होंगे। जदयू ने अपने होमवर्क को पूरा कर लिया है।
मुख्यमंत्री के स्तर पर प्रत्याशियों के नाम पर विमर्शइस बात को लेकर सहमति है कि जदयू लोकसभा की 16 सीटों पर अपने प्रत्याशी देगा। मुख्यमंत्री के स्तर पर रविवार को मुख्यमंत्री आवास में उन सीटों को लेकर पार्टी के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह व राज्यसभा सदस्य संजय झा के साथ विमर्श भी हुआ। वैसे यह बैठक के स्वरूप में नहीं था।
जदयू ने पहले ही अपनी सीटिंग सीटों को लेकर आंतरिक व संगठन के स्तर पर सर्वे कराया हुआ है। यह भी देखा जा रहा कि सांसद के रूप में सक्रियता किस तरह की रही। पार्टी की स्थानीय इकाई के फीडबैक को भी केंद्र में रखा गया है।
कुछ सीटों पर अदला-बदली भी संभवजदयू नेतृत्व अपने प्रत्याशियों को बड़े स्तर पर बदलने के मूड में नहीं है। पर इसके साथ यह भी देखा जा रहा कि उसकी कौन सी ऐसी सीटिंग सीट हैं जहां पर भाजपा का विशेष रूप से दबदबा है।
ऐसे में भाजपा के साथ कुछ सीटों की अदला-बदली भी संभव है। इस पर भी जदयू ने वर्कआउट किया हुआ है। इनमें उपेंद्र कुशवाहा व जीतन राम मांझी की मांग को भी एनडीए के स्तर पर देखा जा रहा।
किसके खाते में जाएगी गया (सुरक्षित) सीट?पहले चरण में जिन चार क्रमश: औरंगाबाद, गया, नवादा और जमुई लोकसभा क्षेत्र में चुनाव होना है उनमें अभी केवल गया (सुरक्षित) सीट पर ही जदयू के सांसद हैं।
यह चर्चा है कि गया सीट से जीतन राम मांझी भी चुनाव लड़ना चाहते हैं, पर जदयू इस सीट को लेकर कोई समझौता के मूड में नहीं हैं।
लोजपा (रामविलास) के सांसद चिराग पासवान की चर्चा हाजीपुर लोकसभा से चुनाव लड़ने की है। ऐसे में अगर वह जमुई (सुरक्षित) सीट छोड़ते हैं तो उस पर जदयू की दावेदारी हो सकती है।
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