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BJP ने की असली 'सौदेबाजी', नीतीश-चिराग की सीटें कर दी 'माइनस'; मांझी-कुशवाहा को सिर्फ एक-एक पर समेटा
राज्य ब्यूरो, पटना। Bihar NDA Seat Sharing तमाम आशंकाओं को दरकिनार करते हुए भाजपा हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (हम) और राष्ट्रीय लोकतांत्रिक मोर्चा (रालोमो) को राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के बैनर तले एकजुट रखने में सफल रही है। पसंद पूरी कर उसने दोनों को संतुष्ट भी किया और एक-एक से अधिक सीट नहीं देकर अपने लिए भविष्य की संभावनाओं को भी बरकरार रखा।
केंद्रीय मंत्री पशुपति कुमार पारस की तुलना में लोजपा (रामविलास) के अध्यक्ष चिराग पासवान उसे अधिक अनुकूल और जीत की गारंटी वाले लगे। ऐसे में राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी के अध्यक्ष पारस की असंतुष्टि की नोटिस तक नहीं ली गई। गया में हम से जीतन राम मांझी और काराकाट में रालोमो से उपेंद्र कुशवाहा अपनी-अपनी पार्टी से एकमात्र प्रत्याशी होंगे। ऐसे में विजय के बाद भी गठबंधन पर दबाव की स्थिति नहीं के बराबर होगी।
2014 में कुशवाहा राष्ट्रीय लोक समता पार्टी के अध्यक्ष थे। तब राजग के बैनर तले तीन सीटों पर लड़कर उनकी पार्टी की शत प्रतिशत स्ट्राइक रेट रही थी। केंद्र में मंत्री भी बने, लेकिन बाद में उनका मन बदल गया। 2019 में महागठबंधन में पांच सीटें पाए। उनमें से काराकाट और उजियारपुर पर स्वयं अखाड़े में उतर गए और दोनों पर बुरी तरह पटखनी खाए।
तीन सीट मांग रहे थे मांझी, लेकिन हाथ लगी सिर्फ एकमांझी की पार्टी भी तीन सीटों पर ताल ठोके हुए थी। स्वयं मांझी गया के मैदान में थे। एक भी बाजी हाथ नहीं लगी। मांझी भी बहुत दाएं-बाएं किए थे। ऐसे में भाजपा पहले से सचेत थी। बिहार विजय की प्रतिबद्धता में उसने आगे किसी भी तरह की आशंका को निर्मूल करते हुए सीटों का बंटवारा किया है। जदयू को भी उसकी पसंद की सीटें मिली हैं, लेकिन पिछली बार से एक कम।
पिछली बार उसे भाजपा ने अपने बराबर 17 सीटें दी थीं। इस बार 16 दी है। यह बात दीगर कि जदयू पिछली बार 16 सीटों पर ही विजयी रहा था। उनमें से जीती गई उसकी सीटें दो सीटें (गया, काराकाट) दूसरे सहयोगियों के हवाले कर दिया है। बदले में अपने हिस्से की शिवहर देकर जख्मों पर मरहम भी लगा दिया।
चिराग को भी पिछली बार से एक सीट कम मिलीचिराग को भी पिछली बार से एक कम पांच सीटें देकर उसने सिद्ध कर दिया कि विरोधियों से लेकर गठबंधन सहयोगियों तक अब वह बैकफुट पर नहीं खेलने वाली। सीटों का बंटवारा सामाजिक समीकरण और दलगत मजबूती के आधार पर हुआ है। भाजपा ने अपने हिस्से में उन्हीं परंपरागत सीटों को रखे हुए है, जिन पर वह पिछले दो-तीन चुनाव से विजयी रही है। ये संसदीय क्षेत्र कभी कांग्रेस और समाजवादियों का गढ़ हुआ करते थे। एक-एक कर भाजपा के खाते में आ गए। पिछले दो चुनावों में तो जीत का अंतर भी बहुत अधिक रहा है और पार्टी वर्षपर्यंत उन क्षेत्रों में सक्रिय भी रही है।
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Holi 2024: होली के रंग में रंगने लगी राजधानी, बाजारों में उड़ रहे गुलाल
जागरण संवाददाता, पटना। Patna Holi News: राजधानी के बाजारों में अब होली का रंग चढ़ने लगा है। लोगों ने होली की खरीदारी भी शुरू कर दी है। बाजारों में रंग-बिरंगे अबीर व गुलाल की धूम है।
कई परिवारों ने होली के अवसर पर वस्त्रों की खरीदारी भी शुरू कर दी है। राजधानी के बाजारों में एक से बढ़कर एक वस्त्र उतारे गए हैं। होली के दौरान उपयोग की जाने वाली अन्य सामग्री से भी बाजार भरे-पड़े हैं।
कपड़ों की हो रही खरीदारीहोली के अवसर पर लोग कुर्ता-पायजामा की खरीदारी खूब कर रहे है। बच्चे से लेकर बुजुर्ग तक के लिए नये-नये वस्त्र खरीद रहे हैं। राजधानी के मौर्यालोक परिसर, नेहरू पथ, कंकड़बाग, खादी माल सहित कई जगहों पर वस्त्रों की खरीदारी की जा रही है।
राजधानी के खादी माल के प्रबंध रमेश कुमार का कहना है कि मधुबनी के कलाकारों द्वारा तैयार कुर्ता-पायजामा की काफी मांग है। वहां के कलाकारों ने सफेद कुर्ता-पायजामा के साथ-साथ रंगीन कपड़े भी काफी खरीद रहे है। यहां पर 500 से लेकर 1500 रुपये तक के कुर्ता पायजामा मुहैया कराया जा रहा है।
साड़ियां का भी है मांगइसके अलावा के सूती बंडी का भी बाजार काफी बढ़ गया है। वहीं महिलाओं के लिए मधुबनी चित्रकला पर आधारित साड़ियों की भी काफी मांग हाे रही है। यहां पर 500 से लेकर 5000 तक की साड़ी बिक रही है।
मौर्यालोक स्थित केंद्रीय खादी-ग्रामोद्योग आयोग के राज्य निदेशक डॉ. हनीफ मेवाती का कहना है कि होली के मद्देनजर देश के कोने-कोने से वस्त्र मंगाए गए हैं, जिन्हें लोग बेहद पसंद कर रहे हैं। यहां पर उत्तर प्रदेश, हिमाचल प्रदेश के कलाकारों के वस्त्रों की बिक्री की जा रही है।
मंदिरों के फूलों से बने गुलाल की धूमराजधानी के मंदिरों में चढ़ाये गए फूलों से बनाये गए गुलाल की धूम है। इस वर्ष डिसेबिलीटी फाउंडेशन एवं तुलिना हर्बल के अरूण प्रकाश का कहना है कि राजधानी के प्रमुख मंदिरों से फूल संग्रह कर गुलाल बनाया जा रहा है।
जिसकी बिक्री राजधानी के खादी माल सहित कई निजी दुकानों पर की जा रही है। गुलाब के फूलों के अलावा हल्दी से भी गुलाल बनाये जा रहे हैं। पेड़ों की पत्तियों से बने हरे रंग भी काफी भा रहे हैं।
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राज्य ब्यूरो, पटना। लोकसभा चुनाव की घोषणा के साथ ही राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन ने सहयोगी दलों के साथ सीट बंटवारा कर लिया है, लेकिन दूसरी ओर राजद-कांग्रेस और वाम दलों के महागठबंधन में सीट बंटवारे को लेकर अनिर्णय की स्थिति बनी हुई है।
सोमवार को दिल्ली में प्रस्तावित बैठक टल गई। गठबंधन नेताओं का दावा है कि भारत जोड़ो यात्रा के समापन के बाद रविवार को मुंबई से दिल्ली वापसी में नेताओं को हुए विलंब हो देखते हुए आज की बैठक टालनी पड़ी।
दिल्ली में होने वाली बैठक में कांग्रेस नेताओं के साथ ही राजद, वामदल व अन्य सहयोगियों को शामिल होना था, लेकिन सोमवार की शाम प्रस्तावित बैठक के पहले ही राजद के वरिष्ठ नेता और बिहार के नेता प्रतिपक्ष दिल्ली से पटना लौट आए।
कब होगी अगली बैठक?पार्टी के आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि राजद की ओर से बैठक में राज्यसभा सदस्य मनोज झा और संजय यादव को अधिकृत कर शामिल होने के निर्देश दिए गए थे। बैठक की अगली तिथि जल्द ही घोषित होगी।
महागठबंधन को पारस-कुशवाहा के फैसले का इंतजारइधर, राजद के आधिकारिक सूत्रों ने बताया सीट बंटवारे पर अंतिम निर्णय के पूर्व राजद प्रमुख लालू प्रसाद और नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी के नेता पशुपति पारस और राष्ट्रीय लोक मोर्चा प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा के निर्णय की प्रतीक्षा करेगा।
पारस ने एलान भी कर दिया है कि वे राजग का साथ छोड़ेंगे। इन नेताओं के निर्णय की प्रतीक्षा के बीच यह कहा जा रहा है कि एक दो दिन के अंदर महागठबंधन में सीट बंटवारे को अंतिम रूप दे दिया जाएगा।
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राज्य ब्यूरो, पटना। राष्ट्रीय जनता छोड़ जदयू में शामिल होने के साथ ही राजद ने लवली आनंद पर जमकर भड़ास निकाली।
पार्टी ने कहा, लालू प्रसाद और नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने लवली आनंद को हमेशा सम्मान दिया। आगे बढ़ने का मौका दिया। उनके पुत्र चेतन आनंद को टिकट देकर विधायक तक बनाया, लेकिन पहले उनके पुत्र और इसके बाद लवली ने पार्टी के साथ दगा किया।
'लवली आनंद को सच्चाई बतानी चाहिए...'राजद प्रवक्ता एजाज अहमद ने सोमवार को बयान जारी कर कहा कि लवली आनंद को सच्चाई बतानी चाहिए कि जिस राजद को वह किराये का घर कह रही हैं उसी राजद ने उनकी राजनीति को जीवित रखा। अगर वे राजद को किराये का घर कह रही हैं तो यह उनकी समझ है।
'राजद सभी को साथ लेकर चलता है'उन्होंने यह भी कहा कि राजद सभी वर्गों सभी समूह सभी जातियों और सभी वर्गों को एक साथ लेकर चलने पर विश्वास करता है। बिहार में परिवर्तन के वाहक तेजस्वी प्रसाद यादव हैं और उनके नेतृत्व में जो परिवर्तनकारी कदम का आगाज हुआ है, वह राष्ट्रीय स्तर तक नरेन्द्र मोदी और एनडीए को सत्ता से बाहर करके जन समर्थन से साबित कर देगा।
राजद छोड़ने पर क्या बोलीं लवली आनंद?लवली आनंद ने कहा कि नीतीश कुमार के कार्यों से प्रभावित होकर वह जदयू में आयीं हैं। उनके समाज के लोगों का कहना है कि जदयू के अलावा किसी दूसरी जगह पर उनके समाज के लोगों का सम्मान नहीं है। राजद के राज्यसभा सदस्य का नाम लिए बगैर उन्होंने कहा कि ठाकुर का कुआं कविता के बहाने उनके समाज के लोगों के मान-सम्मान पर कुठाराघात किया गया।
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Lok Sabha Election 2024 : Jitan Ram Manjhi खुद गया सीट से लड़ेंगे लोकसभा चुनाव, इस दिन कर सकते हैं नामांकन
राज्य ब्यूरो, पटना। Jitan Ram Manjhi : आखिरकार हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (हम) को गया की लोकसभा सीट मिल ही गई। राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) ने इसकी घोषणा कर दी है।
हम की ओर से पार्टी के संस्थापक एवं पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी खुद गया से किस्मत आजमाएंगे। गया सीट पर पहले चरण में 19 अप्रैल को मतदान है। मांझी होली के बाद 28 मार्च को नामांकन दाखिल कर सकते हैं।
हम के राष्ट्रीय अध्यक्ष डा. संतोष कुमार सुमन ने कहा कि राजग में सबकुछ आपसी सहमति से हुआ है। सभी संतुष्ट हैं। राजग गठबंधन के पास 39 सीटें हैं, इस बार हम सभी 40 सीटों पर जीतेंगे।
गया सीट मिलने से पार्टी के नेताओं-कार्यकर्ताओं में उत्साह है। पार्टी न सिर्फ गया बल्कि एनडीए की सभी सीटों पर जीत दिलाने में अपना योगदान देगी।
Lok Sabha Election 2024 : लोकसभा चुनाव की कवरेज पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।
पिछले चुनाव में जीतन राम मांझी को मिली थी हारबता दें कि साल 2019 के लोकसभा चुनाव में जीतन राम मांझी को हार झेलनी पड़ी थी। गया सीट पर जदयू के विजय कुमार को जीत हासिल हुई थी।
विजय कुमार को 467007 वोट मिले थे। वहीं, जीतन राम मांझी को 314581 वोट मिले थे। विजय कुमार ने जीतन राम मांझी को 152426 वोट के अंतर से हराया था।
बिहार की लोकसभा सीट के बारे में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।
बहरहाल, इस बार नीतीश कुमार की जदयू और जीतन राम मांझी की हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा एनडीए का हिस्सा हैं।
वहीं, एनडीए की ओर से आज यानी सोमवार को जारी की गई सीटों के बंटवारे की सूची में मांझी की पार्टी को गया सीट दी गई है।
ऐसे में जीतन राम मांझी का यहां खुद किस्मत आजमाने का एलान करना उनकी पार्टी के लिए काफी मायने रखता है।
Gaya Lok Sabha Seat : गया लोकसभा सीट के बारे में जानने के लिए यहां क्लिक करें।
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राज्य ब्यूरो, पटना। Pashupati Paras Bihar NDA राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) में सीट शेयरिंग से बेदखल हुए केंद्रीय मंत्री पशुपति कुमार पारस जल्द ही मोदी कैबिनेट से इस्तीफा देंगे। सोमवार को दिल्ली में राजग द्वारा बिहार की सभी 40 लोकसभा सीटों के बंटवारे की घोषणा के बाद पारस ने अपने सरकारी आवास पर पार्टी के नेताओं के साथ बैठक की।
इसमें राजग से नाता तोड़ कर महागठबंधन में शामिल होने का फैसला लिया गया। बैठक में शामिल एक राष्ट्रीय उपाध्यक्ष ने नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया कि पशुपति पारस ने सर्वसम्मति से फैसला लिया है कि जब राजग ने हमारी पार्टी का सम्मान नहीं किया है तो पार्टी लोकसभा चुनाव लड़ने के लिए पूरी तरह से स्वतंत्र है।
उन्होंने कहा कि 2019 लोकसभा चुनाव में पार्टी जिन-जिन सीटों पर चुनाव जीती थी उन सीटों पर इस चुनाव में भी पार्टी अपना उम्मीदवार देगी।
महागठबंधन में शामिल होने की घोषणा जल्ददिल्ली में पारस के आवास पर देर शाम तक चली राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी (रालोजपा) की बैठक में महागठबंधन में शामिल होने के विकल्प पर चर्चा हुई। इसमें पूर्व सांसद सूरजभान सिंह, सांसद चंदन सिंह और सांसद प्रिंस राज समेत अन्य नेता मौजूद थे।
पारस ने पहले ही साफ कर दिया था कि हम राजग में सीट शेयरिंग की घोषणा तक इंतजार करेंगे। अब हमारे लिए एकमात्र विकल्प बचा है। पार्टी के लिए अस्तित्व का सवाल है। राजग में मेरे साथ न्याय नहीं हुआ। पार्टी सूत्रों ने बताया कि महागठबंधन में हाजीपुर, समस्तीपुर, खगड़िया, वैशाली और नवादा लोकसभा सीट मिलेगी। पारस खुद हाजीपुर से चुनाव लड़ेंगे।
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Bihar Police Bharti: विशेष शाखा के लिए अलग से बहाल होंगे सिपाही और दारोगा, बना अलग कैडर
राज्य ब्यूरो, पटना। बिहार पुलिस में विशेष शाखा (स्पेशल ब्रांच) का अब अपना अलग कैडर होगा। इस कैडर की अलग से बहाली होगी जिसमें सिपाही से लेकर दारोगा तक के पदाधिकारियों की नियुक्ति की जाएगी। अभी तक बिहार पुलिस से ही पुलिसकर्मियों व पदाधिकारियों को चयनित कर विशेष शाखा में भेजा जाता था मगर अब इनकी नियुक्ति ही विशेष रूप से विशेष शाखा के लिए होगी।
गृह विभाग ने इससे संबंधित बिहार पुलिस विशेष शाखा सिपाही और बिहार पुलिस विशेष शाखा अवर निरीक्षक (सामान्य बंद संवर्ग) नियमावली 2024 को मंजूरी दे दी है। इसकी अधिसूचना भी जारी कर दी गई है।
विभागीय जानकारी के अनुसार, विशेष शाखा में सिपाही से डीएसपी तक के पदाधिकारी अलग कैडर के होंगे। विशेष शाखा में सिपाही के 100 प्रतिशत पद जबकि दारोगा के 90 प्रतिशत पद सीधी बहाली से भरे जाएंगे। दारोगा के शेष 10 प्रतिशत पद प्रोन्नति से भरे जाएंगे। सिपाही में बहाल होने वाले कर्मियों को पहली प्रोन्नति हवलदार और दूसरी प्रोन्नति एएसआइ के तौर पर होगी।
वहीं, दारोगा में बहाल कर्मियों को प्रोन्नति के तहत पहले इंस्पेक्टर, दूसरे में डीएसपी और तीसरे में सीनियर डीएसपी तक का रैंक मिलेगा। विशेष शाखा के एडीजी हर साल रिक्त पदों की संख्या की आरक्षण कोटिवार गणना कराते हुए डीजीपी से अनुमोदन प्राप्त कर नियुक्ति की प्रक्रिया हेतु कार्यवाही करेंगे। नियमावली के अनुसार, शुरुआत के वर्षों में प्रोन्नति के 10 प्रतिशत पदों की रिक्तियों को भरने में समय लगेगा। इसको देखते हुए छह वर्षों तक यह पद बिहार पुलिस के सामान्य पुलिसकर्मियों से भरे जाएंगे।
गुप्तचर एजेंसियों से समन्वय तक कराई जाएगी इंटर्नशिपनियमावली के मुताबिक विशेष शाखा के सिपाही बहाली के लिए केंद्रीय चयन पर्षद (सिपाही भर्ती) और दारोगा बहाली के लिए बिहार पुलिस अवर सेवा आयोग नियुक्ति एजेंसी होगी। इनके लिए अलग से प्रतियोगिता परीक्षा कराई जाएगी। कापियों की जांच भी विशेषज्ञ परीक्षक ही करेंगे। सिपाही के लिए न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता इंटर होगी जबकि दारोगा के लिए शैक्षणिक योग्यता स्नातक तय की गई है।
अतिगोपनीय कार्य होने की वजह से इनके कर्मी संघ या एसोसिएशन नहीं बना सकेंगे। विशेष शाखा दारोगा में नियुक्त कर्मियों को 270 कार्यदिवस का बुनियादी प्रशिक्षण दिया जाएगा। इसमें 60 दिन का प्रशिक्षण पुलिस संगठन के विभिन्न आयामों के ज्ञान व शारीरिक क्षमता से संबंधित और 150 दिन का प्रशिक्षण आसूचना से संबंधित होगा। शेष 60 दिन में गुप्तचर एजेंसियों से समन्वय स्थापित कर इंटर्नशिप कराई जाएगी। प्रशिक्षण के लिए पाठ्यक्रम का निर्धारण भी विभिन्न गुप्तचर एजेंसियों व इकाइयों से समन्वय स्थापित कर तैयार किया जाएगा।
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राज्य ब्यूरो, पटना। राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) ने सोमवार को दिल्ली में सीटों का बंटवारा कर लिया। भाजपा खुद 17 सीटों पर चुनाव लड़ेगी। सहयोगी जदयू को 16 सीटें दी है। चाचा-भतीजा के बीच सीटों को लेकर चल रही जुबानी जंग में भतीजे की जीत हुई और चाचा पैदल हो गए। चिराग पासवान की पार्टी लोजपा (रामविलास) को पांच सीटें दी है। जबकि राष्ट्रीय लोक मोर्चा यानी उपेंद्र कुशवाहा को एक और मांझी की हम को एक सीट मिली है।
अब तक केंद्र की मोदी सरकार में सहयोगी रही पशुपति पारस की राष्ट्रीय लोक जन शक्ति पार्टी को बड़ा झटका देते हुए उसे पैदल कर दिया है। रालोजपा को बंटवारे में एक भी सीट नहीं मिली। कल तक पशुपति पारस वैशाली सीट को अपने परिवार की पारंपरिक सीट बता रहे थे, लेकिन पशुपति को किनारे करते हुए भाजपा ने वैशाली के साथ ही समस्तीपुर, खगड़िया और जमुई सीट चिराग को सौंप दी है।
एनडीए से नाराज हैं कुशवाहा?चर्चा है कि सक्रिय राजनीति में बने रहने के लिए पशुपति पारस नए विकल्प तलाशेंगे। दूसरी ओर एनडीए के सहयोगी रहे उपेंद्र कुशवाहा भी इस निर्णय से संतुष्ट नहीं। कुशवाहा सात सीटों पर चुनाव की तैयारी कर रहे थे। इस संबंध में कुशवाहा से बात करने के प्रयास भी किए गए परंतु वे फोन पर नहीं आए। यहां तक की उनकी पार्टी के प्रवक्ताओं तक के फोन ऑफ मिले। राजनीति में उनके अगले कदम के कयास लगने शुरू हो गए हैं।
मुकेश सहनी के दावे खालीइन दो दलों से अलग विकासशील इंसान पार्टी को लेकर चर्चा थी कि यह एनडीए की सहयोगी होगी। चर्चा थी वीआइपी को चुनाव में भाजपा दो सीटें दे सकती है, लेकिन भाजपा ने वीआइपी प्रमुख मुकेश सहनी से न तो संपर्क ही किया न ही उन्हें तवज्जो दी।
पार्टी प्रवक्ता देव ज्योति कहते हैं, हमारी स्पष्ट मांग है जो निषाद आरक्षण की बात करेगा हमारा गठबंधन उसके साथ होगा। भाजपा के निर्णय से प्रतीत होता है वह निषाद आरक्षण के पक्ष में नहीं। बहरहाल सीट बंटवारे में भाजपा के फैसले ने कई सहयोगियों को नाराज किया है। नाराज दल और इसके नेता अब नए विकल्प की तलाश में हैं। देखना है कि महागठबंधन में इनकी बात बनती है या फिर नहीं।
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राज्य ब्यूरो, पटना। राज्य के सरकारी विद्यालयों में कार्यरत अध्यापकों के लिए बिहार राज्य विद्यालय अध्यापक (नियुक्ति, स्थानांतरण, अनुशासनिक कार्रवाई एवं सेवाशर्त) संशोधन नियमावली-2024 प्रभावी हो गयी है। इसमें किए गए प्रविधान के अनुसार शिक्षकों को प्रोन्नति के लिए आठ वर्षों की सेवा-अवधि अनिवार्य होगी।
शिक्षकों को यह प्रोन्नति उपलब्ध रिक्तियों एवं स्वस्थानिक उत्क्रमण के आधार पर होगी। अधिकार के रूप में प्रोन्नति का दावा नहीं किया जा सकेगा। शिक्षकों के लिए निलंबन से लेकर बर्खास्तगी तक के प्रविधान किए गए हैं। जो मामले आनुशासनिक कार्रवाई के दायरे में होंगे।
शिक्षा विभाग की ओर से बिहार राज्य विद्यालय अध्यापक (नियुक्ति, स्थानांतरण, अनुशासनिक कार्रवाई एवं सेवाशर्त) संशोधन नियमावली जारी की गयी है।
इसके मुताबिक पहली से पांचवीं कक्षा तक के विद्यालय अध्यापकों की प्रोन्नति छठी से आठवीं कक्षा तक के विद्यालय अध्यापक के पद पर, छठी से आठवीं कक्षा तक के विद्यालय अध्यापकों की प्रोन्नति वरीय विद्यालय अध्यापक के पद पर, नौवीं से दसवीं तक के विद्यालय अध्यापकों की प्रोन्नति ग्यारहवीं से बारहवीं के विद्यालय अध्यापक के पद पर एवं ग्यारहवीं से बारहवीं कक्षा तक के विद्यालय अध्यापकों की प्रोन्नति वरीय अध्यापक के पद पर होगी।
नियमावली के प्रविधान के मुताबिक सभी प्रोन्नति उपलब्ध रिक्तियों के अधीन होगी एवं विभागीय नीतियों को ध्यान में रखते हुए की जाएगी। इसके अलावा सभी प्रोन्नति विभाग की निर्धारित नीति के अनुसार की जाएगी और अपेक्षित योग्यता सहित पात्रता के अधीन होगी। अध्यापक अवचार या कदाचार के मामले में अनुशासनिक कार्रवाई के अधीन होंगे, जो नियुक्ति प्राधिकार द्वारा निश्चित किये जाएंगे।
खास तौर पर जो मामले अनुशासनिक कार्रवाई के दायरे में होंगे, उसमें कार्य से अनधिकृत गैरहाजिरी, जानबूझकर अवज्ञा, अनुशासनहीनता, विद्यालय के शैक्षिक वातावरण में योगदान नहीं देना, वित्तीय अनियमितता के मामले, सार्वजनिक जीवन में ईमानदारी का अभाव, किसी भी आपराधिक मामले में शामिल होना, बिहार सरकारी सेवक आचार नियमावली,1976 के प्रविधानों का उल्लंघन तथा अन्य कोई मामले शामिल होंगे। प्रावधान के तहत कोई भी विद्यालय अध्यापक जो 48 घंटे से अधिक समय से न्यायिक, पुलिस या सिविल अभिरक्षा में रहा है, उसे निलंबित समझा जाएगा और अनुशासनिक प्राधिकार ऐसा आदेश जारी करेगा।
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लालू यादव को बड़ा झटका! RJD छोड़ इस पार्टी में शामिल हुईं लवली आनंद, शिवहर से चुनाव लड़ने की चर्चा
राज्य ब्यूरो, पटना। पूर्व सांसद व आनंद मोहन की पत्नी लवली आनंद ने सोमवार को राजद को 'नमस्ते' कह जदयू की सदस्यता हासिल कर ली। जदयू प्रदेश कार्यालय में पार्टी के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह ने लवली आनंद को जदयू की सदस्यता ग्रहण करायी।
ऐसी चर्चा है कि वह जदयू की टिकट पर लोकसभा चुनाव में वह शिवहर से एनडीए की उम्मीदवार होंगी। सीट शेयरिंग के तहत यह सीट अब जदयू के पास आ गयी है। वर्तमान में वहां से भाजपा की रमा देवी सांसद हैं।
जदयू प्रदेश अध्यक्ष उमेश सिंह कुशवाहा, वरिष्ठ जदयू नेता व मंत्री बिजेंद्र प्रसाद यादव, विजय चौधरी, अशोक चौधरी, लेशी सि्ंह व विधान पार्षद संजय कुमार सिंह उर्फ गांधी जी भी इस मिलन समारोह में मौजूद थे।
#WATCH | Patna, Bihar: Lovely Mohan, wife of gangster turned politician Anand Mohan, joins JDU pic.twitter.com/Azu8GYIqGF
— ANI (@ANI) March 18, 2024 'नीतीश कुमार के कार्यों से प्रभावित होकर...'लवली आनंद ने कहा कि नीतीश कुमार के कार्यों से प्रभावित होकर वह जदयू में आयीं हैं। उनके समाज के लोगों का कहना है कि जदयू के अलावा किसी दूसरी जगह पर उनके समाज के लोगों का सम्मान नहीं है। राजद के राज्यसभा सदस्य का नाम लिए बगैर उन्होंने कहा कि ठाकुर का कुंआं कहकर उनके समाज के लोगों के मान-सम्मान पर कुठाराघात किया गया।
मालूम हो कि हाल ही विधानसभा में फ्लोर टेस्ट के मौके पर लवली आनंद के विधायक पुत्र चेतन आनंद ने राजद को छोड़ एनडीए के पक्ष में वोट किया था। लवली आनंद ने यह कहा कि जदयू का नेतृत्व उन्हें जो भी जिम्मेदारी देगा उसे वह पूरी जिम्मेदारी के साथ निभाएंगी।
जदयू के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह से जब यह पूछा गया कि लवली आनंद कौन से सीट से चुनाव लड़ेंगी तो उन्होंने कहा कि यह मुख्यमंत्री ही बता पाएंगे। यह तय करना उनका काम है।
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'कुर्बानियां हर किसी को देनी पड़ती हैं...', Chirag Paswan ने क्यों कही ये बात, बिहार में सीट बंटवारे पर दी पहली प्रतिक्रिया
एएनआई, नई दिल्ली/पटना। बिहार में सीट-बंटवारे की घोषणा पर लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के अध्यक्ष चिराग पासवान ने अपनी पहली प्रतिक्रिया दे दी है। उन्होंने अपनी पार्टी को मिली सीटों को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अन्य भाजपा नेताओं का आभार जताया है।
मीडिया के सवालों का जवाब देते हुए सोमवार को चिराग पासवान ने कहा कि इस गठबंधन में मौजूद हमारे तमाम साथियों का मैं आभार प्रकट करता हूं, उन्होंने इस गठबंधन को मजबूती देने के लिए इतनी सहजता से सीटों का बंटवारा किया।
जब कोई बड़ा गठबंधन बनता है तो हर दल को छोटे-मोटे समझौते करने पड़ते हैं, थोड़ी बहुत कुर्बानियां हर किसी को देनी पड़ती हैं... मुझे भी अपनी 1 सीट कम करनी पड़ी, ये हमने सहजता से किया। जदयू ने भी अपनी 1 सीट कम की। मांझी जी ने और हर किसी ने किया। भाजपा ने तो 2019 से ही कुर्बानी दी है।
हाजीपुर सीट से चुनाव लड़ूंगा : चिराग पासवानबिहार में सीट-बंटवारे की घोषणा पर लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के अध्यक्ष चिराग पासवान ने यह भी कहा कि पार्टी के द्वारा जो मुझे जानकारी मिल रही है, तो कहीं ना कहीं मैं हाजीपुर से चुनाव लड़ूंगा।
बता दें कि बीते काफी दिनों से हाजीपुर सीट को लेकर चिराग अपना दावा जताते रहे हैं। इसे लेकर उन्होंने बीते दिनों दिल्ली में भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात भी की थी।
इस मुलाकात के बाद चिराग ने मीडिया से बात करते हुए कहा था कि भाजपा ने उनकी मांगों को लेकर सहमति जताई है।
पशुपति पारस को नहीं मिली कोई सीट, अटकलें तेजइधर, चिराग के चाचा पशुपति पारस को एनडीए की ओर से एक भी सीट नहीं मिलने को लेकर सियासी अटकलों का बाजार गर्म हो गया है।
इस संबंध में सामने आ रही ताजा जानकारी के मुताबिक पारस केंद्रीय कैबिनेट से इस्तीफ देंगे। इसके साथ ही चर्चा है कि उन्हें इंडी गठबंधन की ओर से ऑफर मिला है।
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Bihar Politics: पारस पर पर्दा डाल क्या कर रही BJP? एक भी सीट ना देने पर आ गया सम्राट चौधरी का रिएक्शन
डिजिटल डेस्क, पटना। BJP On Pashupati Paras बिहार में एनडीए की सीट शेयरिंग हो गई है। बीजेपी 17, जेडीयू 16, चिराग पासवान की पार्टी 5, उपेंद्र कुशवाहा और मांझी की पार्टी 1-1 सीट पर चुनाव लड़ेगी। सीटों की सूची भी जारी कर दी गई है। हालांकि, सीटों की लिस्ट जारी होते ही सियासी पारा भी हाई हो गया है।
दरअसल, एनडीए ने अपने सहयोगी दल राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी (पशुपति पारस गुट) को एक भी सीट नहीं दी है। 3 दिन पहले तक चर्चा थी कि उनकी पार्टी को एक लोकसभा सीट मिल सकती है। हालांकि, एनडीए ने उनका पत्ता पूरी तरह से साफ कर दिया।
#WATCH | Bihar deputy CM Samrat Choudhary says, "Everyone will contest the elections unitedly. We have finalised the seats and now the list of candidates will also be declared soon..."
On RLJP President Pashupati Kumar Paras, he says, "Talks are going on." pic.twitter.com/vDNH6vlpQF
— ANI (@ANI) March 18, 2024 पशुपति पारस को क्यों नहीं दी सीट?अब जब आज सीटों का बंटवारा हो गया तो यह सवाल बीजेपी के दिग्गज नेता सम्राट चौधरी से पूछा गया। सम्राट चौधरी ने इस सवाल पर कोई स्पष्ट जवाब ना देते हुए कहा, "बातचीत चल रही है"। उनके इस बयान से साफ है कि एनडीए पशुपति पारस के संपर्क में है।
हालांकि, इस बात से भी इनकार नहीं किया जा सकता कि एनडीए ने पशुपति पारस से ज्यादा तरजीह उनके भतीजे चिराग पासवान को दी है। इस बीच चर्चाएं ये भी हैं कि पशुपति पारस राजद के भी संपर्क में हैं।
उम्मीदवारों का एलान कब होगा?सम्राट चौधरी ने सीटों के बंटवारे पर भी प्रतिक्रिया दी। सम्राट चौधरी ने कहा कि सभी लोग मिलकर चुनाव लड़ेंगे। एनडीए पूरी तरह पांच पार्टियों के गठबंधन के साथ बिहार के चुनाव में जाएगा। हमने सीटें फाइनल कर दी हैं और जल्द ही उम्मीदवारों का एलान कर दिया जाएगा। अगले 2-3 दिनों में इसकी लिस्ट भी आ जाएगी।
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'पहले खुद बड़े हो जाएं...', राहुल गांधी पर बिहार के उप मुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने क्यों किया ऐसा तंज?
एएनआई, पटना। बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने सोमवार को कांग्रेस नेता राहुल गांधी के शक्ति वाले बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए करारा तंज कसा है। उन्होंने राहुल गांधी को नसीहत भी दी है।
बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बाद सम्राट ने भी राहुल को उनके बयान को लेकर घेरा है। सम्राट ने इसके साथ ही बिहार में लोकसभा चुनाव के लिए सीटों का एलान करने के बाद प्रतिक्रिया भी दी।
आजादी की चौथी पीढ़ी : सम्राटसम्राट चौधरी ने सोमवार को मीडिया से बात करते हुए कहा कि राहुल गांधी पहले खुद बड़े हो जाएं। आजादी की चौथी पीढ़ी वही हैं। 4 पीढ़ियों से इस देश को गुलाम बनाने और लूटने का प्रयास कर रहे हैं।
उनके दादा, परदादा, दादी या पिता जी हों जिसकी 4 पीढ़ियों ने देश पर राज किया हो उसे कोई नैतिक अधिकार नहीं है किसी से ये पूछने का।
प्रचार और नामांकन के सवाल का भी दिया जवाबदरअसल, मीडिया ने सम्राट से राहुल गांधी के शक्ति वाले बयान पर सफाई देने को लेकर सवाल किया था। इसी क्रम में सम्राट चौधरी ने राहुल गांधी पर तंज कसा।
वहीं, लोकसभा चुनाव की सीटों का एलान करने के बाद उन्होंने प्रचार अभियान और नामांकन भरने के सवाल का भी जवाब दिया।
उन्होंने कहा कि एक-दो दिन में यह भी शुरू हो जाएगा। बता दें कि राजग ने बिहार में लोकसभा चुनाव के लिए सीटों का एलान कर दिया है।
इसके अनुसार, भाजपा बिहार में 17 सीटों पर, जदयू 16 सीटों पर, लोजपा (आर) 5 सीटों पर, आरएलएम 1 सीट पर और हम पार्टी 1 सीट पर चुनाव लड़ेगी।
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NDA से पत्ता साफ, अब क्या करेंगे पशुपति पारस? 3 दिन पहले ही बता दिया था पूरा प्लान
डिजिटल डेस्क, पटना। Chirag Paswan And Pashupati Paras बिहार एनडीए की सीट शेयरिंग फाइनल हो गई है। सीटों की लिस्ट आते ही एक तरफ एनडीए के कार्यकर्ताओं में उत्साह है, तो दूसरी तरफ पशुपति पारस गुट को बड़ा झटका लगा है। एनडीए ने अपने सहयोगी राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी (पशुपति पारस गुट) को एक भी सीट नहीं दी है। वहीं, एनडीए ने पशुपति पारस के भतीजे चिराग पासवान को बिहार में तवज्जो दी है।
एनडीए ने चिराग पासवान की लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) को 5 सीटें दी है। उनकी पार्टी वैशाली, हाजीपुर, समस्तीपुर, खगड़िया और जमुई से चुनाव लड़ेगी। एनडीए की सीटों की सूची आते ही सियासी गलियारों में पशुपति पारस के अगले कदम को लेकर चर्चा तेज हो गई है।
क्या है अब पशुपति पारस का प्लान B?दरअसल, बीते दिनों जब एनडीए की सीटों की चर्चा मीडिया में हो रही थी, उसी समय पशुपति पारस ने कह दिया था कि उनकी पार्टी को तरजीह नहीं दी जा रही है। मीडिया में आकर उन्होंने खुलकर अपने दिल की बात रखी। पशुपति पारस ने कहा था कि वो एनडीए की लिस्ट का इंतजार कर रहे हैं और उसके बाद सबकुछ तय करेंगे।
हाजीपुर सीट से लड़ेंगे चुनाव, तीनों सांसद में उतरेंगे मैदान मेंहालांकि, पशुपति पारस ने कहा था कि वह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी एवं गृह मंत्री अमित शाह का बहुत सम्मान करते हैं। उनकी पार्टी राजग का छोटा हिस्सा है। इसलिए भाजपा से आग्रह है कि मेरी दावेदारी पर विचार किया जाए। उन्होंने यह भी कहा कि उनकी पार्टी के तीनों सांसद चुनाव के लिए तैयारी कर रहे हैं और वो खुद भी हाजीपुर सीट से चुनाव लड़ेंगे।
राजद के संपर्क में पशुपति पारस?पशुपति पारस एनडीए को साफ संदेश देते हुए कहा था कि अगर भाजपा ने सीटों को लेकर पुनर्विचार नहीं किया तो उनका विकल्प खुला है। बहरहाल, पारस ने यह नहीं बताया कि विकल्प के रूप में उनके सामने क्या-क्या है। किंतु माना जा रहा है कि वह राजद के संपर्क में हैं।
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Bihta Airport News: बिहटा में बनेगा पटना एयरपोर्ट से बड़ा टर्मिनल, प्रोजेक्ट पर खर्च होंगे 1453 करोड़ रुपये
जागरण संवाददाता, पटना। बिहटा में पटना एयरपोर्ट से बड़ा टर्मिनल बनने में आ रहीं अड़चनें लगभग दूर हो गई हैं। बिहटा एयरपोर्ट को पिछले वर्ष जुलाई में वित्तीय स्वीकृति मिल गई थी। अब प्रशासनिक स्वीकृति मिलने के साथ निविदा की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।
उम्मीद थी कि फरवरी अंत तक निर्माण कार्य शुरू हो जाएगा, लेकिन अभी दो महीने और लगने के संभावना है। बिहटा एयरपोर्ट पर सिविल इंक्लवे निर्माण के लिए राज्य सरकार ने पहले चरण में 126 एकड़ जमीन दी थी, जिसमें 108 एकड़ भूमि पर टर्मिनल भवन और 18 एकड़ में स्टेट हैंगर का निर्माण होना है।
पूरी हुई अधिग्रहण की प्रक्रियाइसके अतिरिक्त आठ एकड़ भूमि की मांग की गई थी, जिसके अधिग्रहण की प्रक्रिया पूरी हो गई। अधिसूचना जारी कर शेष जमीन एयरपोर्ट आथोरिटी को सौंप दी जाएगी। सात करोड़ रुपये की लागत से आठ फीट ऊंची और चार किमी लंबी चारदीवारी बनाई गई है।
प्रोजेक्ट पर खर्च होंगे 1453 करोड़ रुपयेइस परियोजना पर कुल 1,453 करोड़ रुपये खर्च होंगे। इसका पहला बजट आठ सौ करोड़ रुपये था, लेकिन निर्माण शुरू होने में पांच वर्षों के विलंब की वजह से राशि बढ़ गई। इसके निर्माण में न्यूनतम तीन वर्षों का समय लगेगा। दानापुर-बिहटा एलिवेटेड रोड से बिहटा एयरपोर्ट पहुंचना आसान होगा।
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बिहार NDA में सीट शेयरिंग फाइनल: BJP को 17 और चिराग को 5, नीतीश की JDU को क्या मिला?
डिजिटल डेस्क, पटना। Lok Sabha Election 2024 बिहार एनडीए में सीट शेयरिंग फाइनल हो गई है। बीजेपी 17 लोकसभा सीटों पर चुनाव लड़ेगी। नीतीश कुमार की जनता दल यूनाइटेड को 16 सीट मिली हैं। वहीं, चिराग पासवान की लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) को पांच सीटें मिली है। इसी के साथ उपेंद्र कुशवाहा और मांझी की पार्टी को 1-1 सीट मिली है।
इससे पहले, चर्चा थी कि पशुपति पारस (Pashupati Paras) को भी एक सीट मिल सकती है। हालांकि, अब साफ है कि एनडीए ने पशुपति पारस का पत्ता साफ कर दिया है।
#WATCH | NDA seat sharing in Bihar: "5 seats have been given to Lok Janshakti Party (Ram Vilas). We will win all 40 Lok Sabha seats of Bihar," says Raju Tiwari, Bihar State President, Lok Janshakti Party (Ram Vilas) pic.twitter.com/WC76rXUKYs
— ANI (@ANI) March 18, 2024बिहार लोकसभा चुनाव 2024बिहार में पूरे देश की तरह कुल सात चरणों में मतदान कराया जाएगा। पहले चरण में 4 सीटों पर, दूसरे चरण में 5 सीटों पर, तीसरे चरण में 5 सीटों पर, चौथे चरण में 5 सीटों पर, पांचवें चरण में 5 सीटों पर, छठवें चरण में 8 सीटों पर और सातवें चरण में 8 सीटों पर मतदान होगा।
भाजपा किन सीटों पर चुनाव लड़ेगी?
- पश्चिमी चंपारण, पूर्वी चंपाराण, मधुबनी, अररिया, मुजफ्फरपुर, महाराजगंज, सारण, उजियारपुर, बेगूसराय।
चिराग पासवान की पार्टी किन सीटों पर चुनाव लड़ेगी?
- वैशाली, हाजीपुर, समस्तीपुर, खगड़िया, जमुई।
मांझी किस सीट पर चुनाव लड़ेंगे?
- मांझी गया सीट से चुनाव लड़ेंगे।
उपेंद्र कुशवाहा किस सीट से चुनाव लड़ेंगे?
- कुशवाहा काराकाट सीट से चुनाव लड़ेंगे।
JDU किन सीटों पर चुनाव लड़ेगी?
- वाल्मिकी नगर, सुपौल, झंझारपुर, किशनगंज, सीतामढ़ी, भागलपुर, बांका, मुंगेर, नालंदा, जहानाबाद, शिवहर।
पशुपति पारस को एनडीए ने एक भी सीट नहीं दी है। ऐसे में अब सियासी गलियारों में पशुपति पारस के अगले कदम को लेकर खूब चर्चा हो रही है। बीते दिनों पशुपति पारस ने साफ कह दिया था कि अगर उन्हें सम्मानजनक सीटें नहीं मिली तो उनके दरवाजे खुले हैं। उन्होंने ये भी कह दिया था कि उनके सभी सांसद चुनाव लड़ेंगे और वो खुद हाजीपुर सीट से चुनावी मैदान में उतरेंगे। ऐसे में साफ है कि अब चाचा-भतीजा हाजीपुर में आमने-सामने आ सकते हैं।
नोट- खबर को अपडेट किया जा रहा है।Nitish Kumar: नीतीश कुमार आज जाएंगे दिल्ली, कल हो जाएगा सीटों का एलान; 16+17+7 के फॉर्मूले पर लगेगी मुहर!
राज्य ब्यूरो, पटना। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार आज किसी भी वक्त दिल्ली के लिए रवाना हो सकते हैं। ऐसी जानकारी है कि मंगलवार को दिल्ली से ही बिहार के लिए एनडीए की सीट शेयरिंग के तहत तय मामलों का संयुक्त रूप से ऐलान होगा।
मुख्यमंत्री की दिल्ली यात्रा के संबंध में मिली जानकारी के अनुसार वह सोमवार शाम को दिल्ली के लिए रवाना होंगे। एनडीए में सीटों को लेकर पूर्व से सहमति की वजह से दिल्ली में ही संयुक्त रूप से यह घोषणा हो जाएगी कि बिहार में एनडीए का कौन सा दल किस सीट पर चुनाव लड़ेगा।
इस तरह होगी एनडीए की सीट शेयरिंग!जदयू 16 सीटों और भाजपा 17 सीटों पर चुनाव मैदान में उतरेगी। चिराग पासवान की लोजपा (रामविलास) को चार सीटें देने पर पूर्व से सहमति है। वहीं तीन सीटों का विभाजन हम, रालोसपा और उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी के बीच होगा। हम को एक, उपेंद्र कुशवाहा को एक और पशुपति पारस को भी एक सीट मिल सकती हैं।
नीतीश के नेतृत्व में फिर बिहार में एनडीए के परचम को लहराने का दावाजदयू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राजीव रंजन ने रविवार को यह दावा किया कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में बिहार में पुन: एनडीए का परचम लहराएगा। एनडीए को बिहार की 40 में 40 सीटें जीतने से कोई रोक नहीं सकता।
जदयू के राष्ट्रीय प्रवक्ता ने कहा कि लोकसभा का चुनाव इस बार लोकतंत्र बनाम परिवारवाद के बीच हो रहा। जनता को पता है कि डबल इंजन की सरकार का बिहार को फायदा है। समाज के हर जाति व हर वर्ग को डबल इंजन की सरकार का फायदा मिल रहा।
राजीव रंजन ने कहा कि विपक्षी गठबंधन का एकमात्र उद्देश्य सिर्फ परिवार की जमींदारी बचाने का प्रयास भर है। जनता को यह पता है कि मौका मिलते ही विपक्ष के लोग जबरदस्त लूट मचाएंगे।
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बिहार-झारखंड के गृह सचिव हटाए गए, लोकसभा चुनाव से पहले EC का बड़ा एक्शन
पीटीआई, पटना। लोकसभा चुनाव से पहले केंद्रीय चुनाव आयोग ने बड़ा फैसला लिया है। चुनाव आयोग ने बिहार सहित छह राज्यों के गृह सचिव को हटाने के आदेश जारी किए हैं।
बिहार के अलावा झारखंड, उत्तर प्रदेश, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड के गृह सचिव को हटाने का आदेश जारी किया गया है।
बिहार सरकार में गृह विभाग के एडिशनल चीफ सेक्रेटरी आईएएस एस सिद्धार्थ हैं। आईएएस प्रणव कुमार सेक्रेटरी हैं। आईपीएस के. सुहिता अनुपम स्पेशल सेक्रेटरी हैं। वहीं, आईएएस अनिमेष पांडे एडिशनल सेक्रेटरी हैं।
बिहार में 7 चरण और झारखंड में 4 चरण में होंगे चुनावबिहार में 40 लोकसभा सीट के लिए सभी सात चरणों और झारखंड में 14 लोकसभा सीटों के लिए चौथे चरण से सातवें चरण तक चुनाव होंगे।
बिहार में 19 अप्रैल, 26 अप्रैल, सात मई, 13 मई, 20 मई, 25 मई और 1 जून वोटिंग होगी तो वहीं, झारखंड में 13 मई, 20 मई, 25 मई और 1 जून को मतदान होगा। चार जून को परिणाम जारी किया जाएगा।
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Bihar Lok Sabha Election 2024 : बिहार में लोकसभा चुनाव के लिए किस चरण में कितनी और कौन सी सीट पर होगा मतदान?
डिजिटल डेस्क, पटना। Bihar Lok Sabha Elections 2024 : लोकसभा चुनाव 2024 के लिए रणभेरी बज गई है। इसके साथ ही बिहार में भी सियासी हलचल तेज हो गई है। बहरहाल, लोकसभा चुनाव से पहले यह जानना जरूरी है कि बिहार में किस चरण में किस सीट पर और किस तारीख को चुनाव होगा? आइए इस पर एक नजर डालें
बिहार में किस चरण में कितनी सीट पर मतदान होगा?बिहार में पूरे देश की तरह कुल सात चरणों में मतदान कराया जाएगा। पहले चरण में 4 सीटों पर, दूसरे चरण में 5 सीटों पर, तीसरे चरण में 5 सीटों पर, चौथे चरण में 5 सीटों पर, पांचवें चरण में 5 सीटों पर, छठवें चरण में 8 सीटों पर और सातवें चरण में 8 सीटों पर मतदान होगा।
बिहार में किस चरण में किस सीट पर होगी वोटिंग?बिहार में किस चरण में किस सीट पर और किस तारीख को वोटिंग होगी, आम मतदाताओं के लिए यह भी एक बड़े सवाल की तरह है। आइए जानते हैं चुनाव आयोग की ओर से दी गई इससे जुड़ी पूरी जानकारी।
बिहार की 40 सीटों पर मतदान की तारीखें क्या हैं? चरण सीट (Constituency) मतदान की तारीख (Voting Date) पहला चरण औरंगाबाद (Aurangabad Lok Sabha Seat) 19 अप्रैल 2024 पहला चरण गया (Gaya Lok Sabha Seat) 19 अप्रैल 2024 पहला चरण जमुई (Jamui Lok Sabha Seat) 19 अप्रैल 2024 पहला चरण नवादा (Nawada Lok Sabha Seat) 19 अप्रैल 2024 दूसरा चरण बांका (Banka Lok Sabha Seat) 26 अप्रैल 2024 दूसरा चरण भागलपुर (Bhagalpur Lok Sabha Seat) 26 अप्रैल 2024 दूसरा चरण कटिहार (Katihar Lok Sabha Seat) 26 अप्रैल 2024 दूसरा चरण किशनगंज (Kishanganj Lok Sabha Seat) 26 अप्रैल 2024 दूसरा चरण पूर्णिया (Purnia Lok Sabha Seat) 26 अप्रैल 2024 तीसरा चरण अररिया (Araria Lok Sabha Seat) 7 मई 2024 तीसरा चरण झंझारपुर (Jhanjharpur Lok Sabha Seat) 7 मई 2024 तीसरा चरण खगड़िया (Khagaria Lok Sabha Seat) 7 मई 2024 तीसरा चरण मधेपुरा (Madhepura Lok Sabha Seat) 7 मई 2024 तीसरा चरण सुपौल (Supaul Lok Sabha Seat) 7 मई 2024 चौथा चरण बेगूसराय (Begusarai Lok Sabha Seat) 13 मई 2024 चौथा चरण दरभंगा (Darbhanga Lok Sabha Seat) 13 मई 2024 चौथा चरण मुंगेर(Munger Lok Sabha Seat) 13 मई 2024 चौथा चरण समस्तीपुर (Samastipur Lok Sabha Seat) 13 मई 2024 चौथा चरण उजियारपुर (Ujiarpur Lok Sabha Seat) 13 मई 2024 पांचवां चरण हाजीपुर (Hajipur Lok Sabha Seat) 20 मई 2024 पांचवां चरण मधुबनी (Madhubani Lok Sabha Seat) 20 मई 2024 पांचवां चरण मुजफ्फरपुर (Muzaffarpur Lok Sabha Seat) 20 मई 2024 पांचवां चरण सारण (Saran Lok Sabha Seat) 20 मई 2024 पांचवां चरण सीतामढ़ी (Sitamarhi Lok Sabha Seat) 20 मई 2024 छठवां चरण गोपालगंज (Gopalganj Lok Sabha Seat) 25 मई 2024 छठवां चरण महाराजगंज (Maharajganj Lok Sabha Seat) 25 मई 2024 छठवां चरण पश्चिम चंपारण (West Champaran Lok Sabha Seat) 25 मई 2024 छठवां चरण पूर्वी चंपारण (East Champaran Lok Sabha Seat) 25 मई 2024 छठवां चरण शिवहर (Sheohar Lok Sabha Seat) 25 मई 2024 छठवां चरण सिवान (Siwan Lok Sabha Seat) 25 मई 2024 छठवां चरण वैशाली (Vaishali Lok Sabha Seat) 25 मई 2024 छठवां चरण बाल्मीकि नगर (Balmiki Nagar Lok Sabha Seat) 25 मई 2024 सातवां चरण सासाराम (Sasaram Lok Sabha Seat) 1 जून 2024 सातवां चरण बक्सर (Buxar Lok Sabha Seat) 1 जून 2024 सातवां चरण जहानाबाद (Jehanabad Lok Sabha Seat) 1 जून 2024 सातवां चरण काराकाट (Karakat Lok Sabha Seat) 1 जून 2024 सातवां चरण पाटलिपुत्र (Pataliputra Lok Sabha Seat) 1 जून 2024 सातवां चरण पटना साहिब (Patna Sahib Lok Sabha Seat) 1 जून 2024 सातवां चरण नालंदा (Nalanda Lok Sabha Seat) 1 जून 2024 सातवां चरण आरा (Ara Lok Sabha Seat) 1 जून 2024यह भी पढ़ें
भारत-नेपाल सीमा पर क्यों पहुंचे DG, IG और DIG? लोकसभा चुनाव से पहले क्या है चौकसी की तैयारी
नीतीश सरकार का बड़ा फैसला, अब अवर योजना पदाधिकारी को मिलेगा अधिक वेतन-भत्ता; अधिसूचना जारी
राज्य ब्यूरो, पटना। अवर योजना पदाधिकारी को अब वेतनमान स्तर-08 के तहत आर्थिक लाभ प्राप्त होगा। अभी तक उन्हें इससे एक कम वेतनमान के तहत वेतन-भत्ता मिल रहा था। वेतनमान स्तर-07 उनसे कनीय पदधारक के लिए भी अधिसूचित था। उस विसंगति को दूर कर दिया गया है।
वित्त विभाग के सचिव (संसाधन) द्वारा जारी अधिसूचना तत्काल प्रभावी हो गई है। बिहार अवर योजना संवर्ग नियमावली-2009 के तहत योजना सहायक व अवर योजना पदाधिकारी के पद सोपान हैं।
इन दोनों पदों का पूर्व पदनाम क्रमश: वरीय सांख्यिकी सहायक व सहायक सांख्यिकी पदाधिकारी हुआ करता था। अवर योजना पदाधिकारी का पद प्रथम प्रोन्नति का पद है।
योजना सहायक का वेतनमान स्तर-7राज्य वेतन आयोग की अनुशंसा पर मई, 2017 से योजना सहायक का वेतनमान स्तर-07 कर दिया गया, जबकि अवर योजना पदाधिकारी के लिए भी यही वेतनमान रह गया।
योजना सहायक प्रोन्नति के बाद अवर योजना पदाधिकारी बनते हैं। ऐसे में दोनों पद-सोपान एक ही वेतनमान के नहीं हो सकते। अंतत: अवर योजना पदाधिकारी के लिए वेतनमान स्तर-08 की स्वीकृति दी गई है।
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